Erotica चुदकड ब्यानजी by स्नेहील

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लेकिन अभी कहां ब्यानजी को छोड़ते। अभी तो दूसरा पार्ट बाकी था। अभी तो ब्यान की पूरी रात रगड़ाई होनी थी।
अब रश्मि भाभी ब्यानजी की रसभरी में उंगली डाल कर उनकी मलाई उन्ही को चटा रही थी और मेरी ब्यान झटपटा रही थी। अब मेरी ननद बोली भोजाई अब ब्यानजी से आपणी रसभरी भी चटवानी है। मेरी ननद ने मुझे इशारा किया और मैं लेट गयी ।अब मेरी ननद ने ब्यान को पकड़ा और उनका मुंह मेरे पेटिकोट में डाल दिया और अब उनका मुंह मेरी रसभरी पर था। पीछे से मेरी ननद बोली ब्यान जी आछि तरह से चाटजो ओर कोई काटा काटी की तो ,एक बड़ा सा डंडा दिखाती हुई बोली नही तो यो थाकि गांड में दाल देवेला।अब ब्यान से मेरी रसभरी चटवाई जा रही थी।अब ब्यान की जीभ मेरी रसभरी की पंखुड़ियों पर चल रही थी ।ब्यान थी तो पूरी चटोकड। बढ़िया से मेरी रसभरी को चाट रही थी। अब तो धीरे धीरे अपनी जीभ मेरे अंदर घुसा रही थी।थोड़ी देर में ही मैं मदहोश होने लगी थी। अब मेरी आँखें बंद हो रही थी । औऱ बड़ी मुश्किल से अपनी सिस्कारियो पर कंट्रोल किया मैंने । अब मुझ पर मेरी ब्यान हावी हो रही थी। मेरी ननद को भी पता चल गया था कि ब्यान हावी हो रही हैं। अभी हमे हावी होना था ब्यान पर ।इसलिये मेरी ननद ने ब्यान को मेरे पेटिकोट में से निकाला ओर बोली आओ ब्यानजीथाने देसी घी की चक्की खिलाऊँ ओर खुद घोड़ी बन गयीं ओर मुझे ईशारा किया ।अब मैने अपनी ब्यान को मेरी ननद के पेटिकोट
में घुसेड़ा ओर उनका मुंह मेरी ननद की गांड पर लगा दिया। और अब ब्यानजी से गांड चटवाने की बारी थी। फिर वही डायलॉग की ब्यानजी सही नी चाटी तो गांड में डंडा दाल देवा। मजबूरी में मेरी ब्यान मेरी ननद की गांड चाट रही थी। ननद बोल रही थी हाँ ब्यानजी पूरी जीभ घुसेडो छेद मे। फिर मुझे बोली भोजाई थारी ब्यान सही नी चाट रिये। ओर मैने ब्यानजी की गांड पर एक चपेट लगाई और बोली ब्यानजी ढंग से चाटो। अब बीच बीच मे मैं ब्यानजी कि गांड पर चपेट मार के उनकी गांड की कुटाई कर देती। काफी देर अपनी चटवाने के बाद मेरी ननद बोली लो भौजाई अब थारो नंबर ।अब मेरी ब्यानजी मेरी गांड चाट रही थी।ओर मेरी ननद पीछे से ब्यानजी की गांड में उंगली कर रही थी और उनकी गांड पे चपेट भी लगती जा रही थी।ब्यानजी कि जीभ सीधे मेरे गांड के छेद पे थी। काफी देर गांड चटवाने के बाद । बाकी सब ने भी ब्यानजी से बारी बारी से अपनी गांड चटवाई । अब ब्यानजी थक के निढाल थी इतनी देर की चुसाई से उनकी जीभ ओर मुंह भी दर्द करने लगे थे।
 
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पर अभी तो गांड चटाई की रस्म हुई थी अभी तो ओर बहुत कुछ बाकी था। अब ब्यानजी के पीछे वाले छेद को भरने की बारी थी।पहले तो खुब तेल लगाया ब्यानजी के छेद पे।अब मेरी ननद ने एक लंबी मोटी मोमबत्ती ली और उसपे एक्सट्रा डॉटेड वाला कॉन्डोम चढ़ाया ओर ब्यान को दिखाया कि अब ये तुम्हारे पीछे जाने वाला है ब्यानजी घबरा गई औऱ बोली मानो ब्यानजी पीछे नी फाट जाइ। मेरी ननद बोली कितना मोटा मोटा खायेदा ह ओर इतना सा में फट जाई।औऱ मेरी ब्यान को घोड़ी बना दिया औऱ कॉन्डोम वाली मोमबत्ती अब ब्यानजी की गांड में जाने लगी। अरे ब्रारे उम्म्ह… अहह… हय… याह… मां मररर … गयययी … रे … आंह बाहरररर निकालो इने!
लेकिन ब्यानजी की कौन सुनता ओर पीछे से मोमबत्ती की धकमपेल शुरू हो गयी। आगे से मैं भी ब्यानजी की रसभरी में खीरा घुसाने लगी ।अब ब्यानजी के दोनों छेद भरे हुए थे और उनका बुरा हाल था ब्यानजी कि सिसकारियां बंद नही हो रही थी और वो गालिया भी दे रही थी। अब धीरे धीरे वो भी चुदासि होने लगी। आह ब्यानजी अहह… हय… याह। अब ब्यानजी के दोनो छेड़ो में घुसाने की स्पीड बढ़ चुकी थी। साथ मे ब्यानजी की गांड पर चपेट भी पड़ जाते थे। अब काफी झटको बाद ब्यानजी झाड़ गयी।और उनकी रसभरी ने काफी रस टपका दिया। लेकिन अभी कहा सोना था अब ब्यानजी के मेहंदी लगानी थी। ब्यानजी के जांघो तक मेहंदी से पैर भर दिए।
 
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अब मेरी ननद ने बोला की ब्यानजी की सारी मैन चीजो को अंडरलाइन करते है।अब उनके बोबो के घेरो पे डार्क मेहंदी से मोटी अंडरलाइन की ओर उनके नीचे रसभरी को भी अंडरलाइन की अब उन्हें पीछे घुमाके ज्यादा डार्क वाली मेहंदी होती हैं ना उससे उनकी गांड के हल्का ऊपर लिखा “कृप्या यहा डालें”
औऱ उनकी गांड की एक फांक पर लिखा “मात्र”ओर दूसरी पर लिखा”सौ रुपये” मतलब पूरा लिखा “कृप्या यहाँ डाले मात्र सौ रूपये में”।ब्यानजी मुझे बोली थांकी रेट होएली सौ रुपया। मैंने बोला थे तो दस रुपया में करवा लेओ। फिर भी 100 रुपया लिखिए हा। रात भर यू ही मस्ती मज़ाक करते रहे। ब्यानजी के उँगली करते करते पता नही कितनी बार झड़ा दिया उन्हें। चैन से सोने भी नही दिया उन्हें।सुबह उठकर सबको खाना खिलाकर उन्हें विदाई देनी थी। सुबह ब्यानजी उठे बोले कपड़ा तो दे दो बाथरूम में जाउ।हमने कपड़े तो उनके फाड़ दिए थे फिर ऐसे ही पलंग के चददर लपेट कर बाथरूम गए। अब तो उन्हें भेजना था इसलिए जब वो नहा के आये तब उन्हें नए कपड़े दिए।उनके सामने ही ब्याहीजी ओर पावणा के खाने में कल की उनकी रसभरी में गयी हुई खीरा काट के भेजी। सब बोली ब्याहीजी तो पेली ही चख लिया होइ अब पावणा भी चख लेइ बेकी माँ की रसमलाई औऱ फिर सब हँसने लगी।अब ब्यानजी को भी खाना खिलाया गया।ओर बीच बीच मे सब मस्ती भी कर रहे थे।पूछ रहे थे ब्यानजी काल की चुदाई केन की री थाकि ओर चुदनो हुवे तो अटे ही रह जाओ।अब विदाई का टाइम था। हमारे विदाई के टाइम ब्यान ब्याही को रंगके भेजते है रंग का शगुन करते है। इसलिए मेरी ननद बोली अब तो ब्यानजी की रंगाई बाकी है।पहले तो एक रेड कलर की बाल्टी भर के दूर से ही ब्याहीजी के ऊपर डाल के आये। ब्याहीजी भी शगुन मानकर कुछ नही बोले अभी होली होती तो वापस आकर रगड़ देते पर अभी चुप थे। अब ब्यान की साथ मे आयी रिश्तेदार औरतो की बारी थी। कल भी बस ब्यान की रगड़ाई के कारण वो सुकी बच गयी थी पर अभी तो उनके कहा कहा रंग लगाया किसी के ब्लाऊज में तो कीसी के पेटिकोट के अंदर तक एक को तो रंग से मंजन भी करा दिया । अब बस ब्यानजी की बारी थी सब ब्यान को घेर कर खड़ी होगयी ओर बीच मे ब्यान अकेली थी । ओर सब की यहि डिमांड़ थी कि ब्यान ने नागी कर रंगा। मेरी ब्यान बोली ब्यानजी केवल शगुन करलो ज्यादा रगड़ाई मत करो। पर पब्लिक डिमांड थी तो ब्यान को नंगी तो करना ही था। इतने हाथ थे कि 2 मिनट भी नही लगे ब्यान को नंगी करने में किसी ने घाघरा किसी ने ब्लाउज ओर हो गयी ब्यान नंगी। अब किसी ने उनके बोबो पर कलर लगाया तो किसी ने उनकी रसभरी पर। शरीर का कोई कोना नही छोड़ा और रगड़ रगड़ कर ब्यान को कलर लगाया बस गांड पर जो रात को लिखा था वहा नही लगाया बाकी कोई जगह नही छोड़ी फिर थोड़ा कलर लेके मेने मेरी ब्यान के मुँह में डालके मंजन कराया। अब रंग रगड़ाई के बाद अब ब्यान को वापस कपड़े पहनाने थे मेरी ननद ने ब्यानजी को घाघरा पहनाया ओर जानबूझकर उसकी गांठ हल्की बांधी ताकि थोड़ी दूर में ही घाघरा खुल जाए ओर ब्यान सब के सामने नंगी हो जाये।अब ब्यान जाने लगी पर उनके साथ आई रिश्तेदार समझ गयी और उनकी घाघरे की गांठ को सही बांध दिया। अब इतनी रगड़ाई करवाकर ब्यान ने विदाई ली।
 
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सगाई के बाद अब शादी में भी बहुत कम दिन बचे थे और शादी की तैयारियों में लगना पड़ा। हमारे यहाँ शादी पे पहला इन्विटेशन ब्याहीजी ब्यानजी को देते है। तो हम दोनों ब्याहीजी को इनविटेशन देने गए ।मेरी तो फट रही थी जाने में, की मैंने ब्यानजी की इतनी रगड़ाई करी है अकेले में पता नही वो क्या करेंगी।हम पहुंचे मैं ओर मेरी ब्यान दूसरे रूम में थे। आज तो गले लग के राम राम किया पर गांड में उँगली नही की बस सहला कर ही रह गयी वो।ब्यानजी बोल रही थी।आछि रगड़ाई करी ब्यानजी म्हारी दो ब्यान औऱ है म्हारी, जीकी तो खूब ली हु मैं पर थे तो म्हारी ही ले ली । कोई कोणि ब्याना में तो चलती रेवे इसान की।बस ऐसे ही बाते हुई और थोड़ी देर बाद हम निकल गए। मेरी ब्यान ने कुछ नही किया था मेरे साथ। ये तो तूफान के पहले की शांति थी ।ब्यान चुप तो बैठने वाली थी नही वो आज नही तो कल मेरी बजा ने वाली थी।हमारे यहा लड़की की शादी के बाद लड़की की माँ उसे लेने जाती है और कम से कम एक रात तो उसे रोकते है। मुझे भी लग रहा था कि ब्यान उस दिन का इंतजार कर रही है । अब जो भी होगा देखा जाएगा।शादी के फंक्शन शुरू हो गए थे रोज रात को गीत होते थे फिर नाच गाना चलता था खूब मस्ती होती थी।मै ओर मेरी ननद रोज किसी न किसी का घाघरा फाड़ के उसके मजे लेते थे। कभी पड़ोस वाली कभी किसी रिश्तेदार की, एक बार रश्मि भाभी हत्थे चढ़ गई जब हम रात को नाच गाके फ्री हुए रश्मि भाभी जाने लगी। मेरी ननंद ने उसे रोक लिया बोली एक दिन भाईसाहब को केलो नही खाओं तो भी चाली, फिर हम उसे ऊपर छत पर ले गए जहाँ सब साथ मे सोते थे। अब तो पहले उसका घाघरा फ़ाडा फिर पूरी रात उसे नंगी करके उसकी बज्जी लेते रहे। एक बार तो सब ने मिलकर मेरा नम्बर ले लिया जिनकी लीडर मेरी ननंद थी। बोली बेटी की शादी में माँ नंगी नी होइ तो शादी किसान होइ पेहली महाके सामने फिर खुद का ब्याही के सामने । पूरी रात मुझे नंगी करके मस्ती करती रही और सुबह, रात की बाते याद दिलाक़े सब के सामने छेड़ने लगी। शादी की तैयारियों में मैंने भी इतने दिनों से केला नही खाया था। और इनको तो काम से ही फुर्सत नही और घर भी मेहमानों से भरा था कोई चांस नही ओर तो और मेरे नंदोईजी भी अभी तक नही आये थे वो काम की वजह से बाद में आने वाले थे। नही तो उनके नीचे ही आ जाती।कल रात की मस्ती ने मेरी चुदास बढ़ा दी । कल बस उंगलियों से ही छेड़खानी हुई थी। पर मेरा मन तो उसे लेने का हो रहा था जो मेरी ननंद लायी थी, डिलडो। मैंने मेरी ननंद को बताया मेरी ननंद बोली वा भोजाई काल ही तो थारी गीली करी। मैं बोली थे ही उकसाया अब थे ही इलाज करो। अब हम स्टोर रूम में आ गए जहाँ शादी के समान थे। मेरी ननंद उसका हथियार भी लिया। रूम में एक सोफ़ा था हमारी रासलीला वही होनी थी।मैंने बोला ननद बाईजी कोई आ नई जावे। उसने रूम बन्द किया और बोली कोई नी आवे भौजाई तू चुद बा का मजा ले। में सोफे पे लेट गयी मेरी ननंद ने डिलडो सेट किया ओर मेरे ऊपर आ गई मैं बोली बाईजी इसान लग रिये यो थांको ही ह। ओर हम दोनों हँसने लगी। मेरी रसभरी में तो चीटियां काट रही थी। मेरी ननंद ने मेरी चड्डी निकाली और घाघरा ऊपर कर के अपनामुँह मेरे घाघरे में दिया। मेरी ननंद की जीभ मेरीरसभरी पे थी। आआह्ह ह्ह् आआह्ह्ह बाई जी... अह्ह्ह्ह्ह…! कई कर रिया हो। म्हारी तो पेली ही गीली ह अब तो बस यो डाल दो म्हारे। सही में में बहुत चूदासी हो गयी थी।मुझे तो बस वो चाहिए था। पर मेरी ननंद तड़फ़ा रही थी ।अब वो ऊपर आयी और अपना डिल्डो मेरी चूत में डालने लगी।हाँ ... बाईजी. ...डाल दो... इने।मेरी ननंद बोली ठीक ह भाभी थांकी बढ़िया से चुदाई करू। पर गालियां में बात करनी पड़ी लण्ड चुत सब बोलणो पड़ी।हाँ बाई जी सब बोलू थे घुसेडो अब मत तरसाओ थाकि भौजाई ने। ओर धीमे धीमे डिल्डो अंदर जाने लगा डिल्डो था भी लम्बा मोटा नंदोईजी के लण्ड जैसा।औऱ दो चार झटको में डिल्डो पूरा अंदर था। अब मेरी ननंद झटके मार कर मेरी चुदाई कर रही थी।हाँ बाईजी इसान ही करो आआह्ह ह्ह् आआह्ह्ह।कई करू भौजाई पुरो बोल नई तो रुक जाऊ। नही बाईजी मत रुको इसान ही चोदो थांकी भौजाई ने हाँ इसान हि लण्ड डालो थांको।ह..... हाँ … उफ़्फ़ … स्ससह हह हहह … आह चोदो … चोदो … चोददो … चोद ननंदबाईजी जोर जोर से … मार लो म्हारी चूत मैं इतनी चूदासी हो गयी कि कुछ भी अंट शंट बके जा रही थी। और मेरी ननंद धक्के पे धक्के दिए जा रही थी। ल म्हारी भौजाई ल और ल और इसान ही चोदिया नी थारा नंदोई तने इसान ही लण्ड डालिया नी थारे। हाँ बाईजी .....अह्ह्ह्ह्ह…! करो आःह्ह्ह आउच… इसान ही चोदिया मने।इसान ही चुदाई करी थांकी भौजाई की। और चुदाजो नी बाईजी नंदोईजी से। हाँ भौजाई ओर लण्ड घूसेडवाउ थांके। इतनी देर की धकमपेल ओर गंदी गंदी बातो से में झड़ने वाली थी।उफ़्फ़ … स्ससह हह हहह बाईजी हाँ औऱ लण्ड डालो आज तो थांकी भौजाई की फाड् दो।हाँ भौजाई आज चोद चोद कर फाड़ देऊ थारीआज तो भौजाई को बोसडो बना देऊ।आःह्ह्ह आअह्ह हह्हह उफ्फ ओह्ह ह्हह्ह…हाँ बनादो म्हारो बोसडो ओर मेरी ननंद को जोर सेभीचते हुए मेरीरसभरी ने सारा रस निकाल दिया।आआईईई अ...रे...बाईजी चोद दी मनै तो. . .में तो फ्री हो गयी अब मेरी ननंद को फ्री करना था वो भी फुल गर्म हो चुकी थी। मैंने उसके वहा से डिल्डो हटाया औऱ अब मैं उसके घाघरे में घुसी ओर एक दो मिनट की मेरी जीभ की मेहनत ने मेरी ननंद का भी पानी निकाल दिया।हर शाम को हल्दी के टाइम भी मस्ती होती थी दुल्हन को कम और एक दूसरे के घाघरे ओर ब्लाउज में ज्यादा हल्दी लगती थी।अब शादी का दिन भी आ गया धूमधाम से बिटिया की विदाई करी।
अब तीन दिन हो चुके थे अब बिटिया को लाने के लिए मुझे जाना था। डर लग रहा था ब्यानजी से पर जाना तो था ही। मैँ वहा पहुची औऱ वेसे ही ब्यान ओर बाकी सब ने मेरा स्वागत किया गले लग के किसी ने गांड में उंगली करी तो किसी ने बोबे दबाये किसी ने गांड दबाई। स्वागत से ही लग गया कि आज क्या होगा मेरा। सब छेड़ रही थी।एक बोल रही थी ब्यान खूब मराती दिखे इका तो सब फुलेडा लाग रिये।केवल ब्याहीजी के केला सु मन नहि भरतों दिखे क्यों ब्यानजी कितना डुबकी लगा राखिया है थांका कुंवा में। फिर एक बोली क्यों ब्यानजी गिनती भी है या बिना गिनती के केला खायेडा है। और फिर सब हँसने लगी मेरी तो चुप रहने में ही भलाई थी नही तोएक जवाब के दस उत्तर मिलते फिर भी मैने हिम्मत करके बोला यो तो बस थांका ब्याही के ही केला को कमाल है जिके बाद दूसरा केला की जरूरत ही नी पड़े थे भी चख कर देखजो म्हारा ब्याही का केला ने भी भूल जाओ। ऐसे ही मस्ती मजाक चल रही थी फिर ब्यान बोली आओ ब्यानजी केला से पेली थाने खानों ख़िलावा।खाना हुआ। खाने में भी सब जम के ठूसा मेरे मुंह मे जैसे दो दिन का एक्स्ट्रा में खिला दिया हो मुझे। सब बोल रही थी खालो मेहनत भी तो करनी है अभी।खाने के बाद अब ब्यानजी बोली, ब्यानजी देखो थे तो म्हारे कई कई घुसेडिया कई कई चटाया पूरी रगड़ कर रख दी मंनै पर मैं तो कुछ ज्यादा नी करा ब्यानजी खीरा मोमबत्ती कई नी घुसेड़ा थांके बस थाकि सुहागरात मना रिया म्हारा मर्द मतलब थांका ब्याहीजी के साथ।में तो बस थांके, थांका ही ब्याही को डंडो घुसेड़ा। मैं बोली नही ब्यानजी नहीं, थे कई भी डाल दो लेकिन ब्याहीजी के साथ मत करवाओ पर अब ब्यान कहा मानने वाली थी वो बोली क्यू ब्याही को लेबा में शर्म आ रिये कई। फिक्र मत करो थांके ब्याहीजी को केलो खूब लम्बो चौडो है थांकी खूब चौड़ी कर देइ।चोद चोद बोस्यो बना देइ थांकी रसभरी को।खूब बढ़िया से सुहागरात मनाई।वो सब को बोली कि ब्यानजी ने सुहागरात के लिए तैयार करो और सब मुझ पर टूट पड़ी। अब सब मेरे कपड़े खोलने में लग गयी। रगड़म रगड़ाई शुरू हो गयी मेरी । उनके हाथ अब कहाँ कहाँ पहुच रहे थे मेरे, किसी का हाथ मेरी रसभरी पे था तो किसी का मेरे बोबो पर धीरे धीरे हाथ अंदर बढ़ने लगे पैंटी में ब्रा में । मेरी ब्यान का हाथ मेरी रसभरी के ऊपर था उसकी उंगलियां मेरीरसभरी की फांको को खोल रही थी तो उसका अंगूठा मेरी क्लिट को रगड़ रहा था मैं झटपटा रही थी। पर मै अकेली, ओर वो सब थी फिर किसी ने पूरी उंगली मेरे गांड के छेद में घुसेड़ दी ।आह..ह! नईं … नहीं … ब्यानजी! प्लीज़ नहीं … न … न करो … नई … ईं … ईं … ईं … ईं … ! मेरे पीछे तो दर्द के मारे बुरा हाल था।अब मेरी ब्यान ने भी अपनी दो उँगली मेरी रसभरी में दाल दी। और आगे पीछे करने लगी और मेरी रसभरी भी पनिया गयी में भी चूदासी होने लगी मन कर रहा था कि खुद आगे हो के बोलू ब्यानजी अब मत तड़फाओ ओर चलवा दो ब्याहीजी की जेसीबी ओर करवाडो म्हारी खुदाई ।अब धीरे धीरे मेरे कपड़े खुलने लगे मेरी साड़ी फिर पेटिकोट ब्लाउज अब मैं केवल ब्रा पेन्टी में थी पर वो सब वो भी कहा छोड़ने वाली थी अब ब्रा लास्ट में पैंटी अब मैं बिल्कुल नंगी थी ।मेरी क्लीन शेव रसभरी देखकर ब्यान बोली ब्यानजी तो पूरी तैयार होकर आयी ह चुदबा के लिए ओर सब हँसने लगी।अब ब्यान तेल लेके आयी और अब नंगी करके मेरी तेल मालिश होने लगी। इतना सारा तेल, मालिश तो बहाना थी कोई बोबे दबा रही थी तो कोई मेरी रसभरी मसल रही थी।थोड़ी देर बाद ब्यान बोली ब्यानजी तैयार है चुदबा के लिए और मुझे ऐसे ही केवल एक ओढ़नी में दूसरे रूम में ले गए जो पूरा सजा हुआ था जैसे सुहागरात के टाइम होता है पूरा बिस्तर पे भी पूरे फूल बिखरे थे।मुझे पलंग पे बैठाया ओर मेरी ब्यान बोली ब्यानजी पूरी रात है और थे और थांका ब्याहीजी, मन भर चुदाजो फिर हँसती हुई चली गयी और मेरी हालत ऐसी थी मुंह से आवाज भी नही निकल रही थी।
 
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ब्याहीजी के साथ सुहागरात

20201118-233935

ब्याहीजी के साथ सुहागरात


अब रूम में मैं अकेली थी बिल्कुल नंगी बस एक ओढ़नी ओढा रखी थी मुझे। एक अजीब सी घबराहट बैचैनी हो रही थी अब तो ब्याहीजी का भी अंदर जाने वाला था। इसके पहले बस अपने पति और नंदोईजी का ही लिया था। ब्याहीजी तो लगते ही लम्बे चौडे है उनका हथियार ज्यादा बड़ा निकला तो मेरी तो हालत खराब होने वाली थी। ब्यान भी तो बोल रही थी कि खूब लंबा चौड़ा है।।मैने तो बस ब्यान के खीरा मोमबत्ती घुसेड़ी थी पर अब ब्यान अपने पति का मोटा मूसल मेरे अन्दर डलवा के अपना बदला पूरा कर रही थी। अब ब्याहीजी भी अंदर आ गए।पर बाहर से ही उन्हें निर्देश मिल रहे थे कि लाइट ऑफ मत करना औऱ ब्यानजी की रगड़ रगड़ कर लेना,ब्यान को पूरी रात जगाना, ब्यान की चीखें बाहर तक आनी चाहिए। ब्याहीजी ने दरवाजा बंद कर लिया लाइट ऑन थी और मै पूरी नंगी एक ओढ़नी में जिसमे सब कुछ ऐसे ही दिख रहा था।मुझे ऐसी हालत में देख के उनका पोपट भी अपनी उड़ान भरने को तैयार था।ब्याहीजी पास आये मुझे ऐसे देख कर वो भी बेसबरे दिखे उन्होंने पीछे से कमर से पकड़ कर अपनी बाँहो में लिया। मै झटपटाई पर उन्होंने कस के पकड़ लिया। उनकी मजबूत बाँहो में मैं हिल दुल भी नही पा रही थी। मेने बोला ब्याहीजी लाइट।वो बोले जलने दो ब्यान जी फिर थांने किसान देखूं म्हारी लाडकडी ब्यान ने, मैं बुरी तरह शर्मा गयी मुझे असहज देख वो समझ गए और लाइट बंद कर दी।पर एक बड़ी मोमबत्ती जलादि जिसकी रोशनी में हम एक दूसरे को देख पा रहे थे।फिर वापस वेसे ही पकड़ लिया।और बोले राम राम ब्यानजी। मैने भी धीमे से बोला राम राम।वो बोले ब्यानजी आज काई है। मैं कुछ बोल नही पायी फिर वो ही बोलें ब्यानजी आज कुण की सुहागरात ह। मेरे से शर्म के मारे कुछ बोला ही नही जा रहा था। फिर वो बोले कोई बात नही आपा ही मना लेवा। ओर हल्के से मेरी ओढ़नी हटा दी । और मुझे अपनी बाहों में ले लिया अब तो मै पूरी नंगी अपने ब्याही की बाँहो में थी।उन्होंने मजबूती से अपनी बाँहो में जकड़ा था मुझे। उनके सीने के घने बाल मेरे कोमल बोबो पे घिस रहे थे।वे बोले म्हारी जानु ब्यान जबसे तने देखी तबसे ही म्हारो हथियार थाने देखकर सलामी देबा लग जावे। आज इतना दिन बाद मने म्हारी ब्यान मिली ह खूब लाड़ लड़ाऊँ इके।अब उन्होने मुझे लेटाया और खुद के कपड़े खोलने लगे और पूरे नंगे हो गये ।जब उन्होनें अपना अंडरवियर उतारा तब मोमबत्ती की रोशनी में उनका विशालकाय लौड़ा मेरे आंखों के सामने चमक रहा था।मेरी तो देख ते ही फट गई ये तो मेरे पति और मेरे नंदोईजी के बड़े लण्डो से भी बड़ा और मोटा था इसलिए मेरी ब्यान की मार मार कर इतनी ढीली कर रखी ह।अब ब्याहीजी मेरे ऊपर आ गए।अपने दोनों हाथों की उंगलियां मेरे दोनो हाथो की उंगलियों से गुथमगुथा थी।अब उन्होंने अपने होंठो को मेरे होंठो पे रख दिया। ओर बड़े प्यार से चूमने लगे । मेरे होंठो का सारा रस आज ब्याहीजी पी रहे थे। कभी मेरे ऊपर वाले होंठ कभी मेरे नीचे वाले होंठ को अपने दोनों होंठो के बीच मे रख के ऐसे चूसते जैसे कुछ भी नही छोड़ने वाले आज।उनका ध्यान मेरे होंठों पे था लेकिन मेरा सारा ध्यान तो नीचे था क्योंकि उनका लंबा मोटा मूसल मेरी रसभरी को रगड़ रहा था। सही में कितना बड़ा लग रहा था।।उनका मूसल मेरी रसभरी पर बुरी तरह से गड़ रहा था।उफ़्फ़ … फ़..फ़ … !! आह … !! सस्स … सीईईईई … ! ब्य ... ब्याही ...जी... आह..ह..ह … ह! अब उनका एक हाथ मेरे बूब्स पर था ।जिन्हें अब उनका हाथ सहला के हल्का सा दबा रहा था और मेरे निप्पल को भी अपनी उंगलियों से दबा रहा था।अब मैं भी काफी गरम हो चुकी थी। ब्याहीजी कर भी तो ऐसे ही रहे थे एक साथ वो कई हमले कर रहे थे ऊपर नीचे सब तरफ।तभी उनके होंठ मेरे बूब्स पर आ गए और चूसने लग गए। उनकी जीभ निप्पल पे लगते ही मैँ सिसकी ।आह अह .. ब्याही ...जी... आह..ह..ह … ह! ।पर वो तो अपने काम मे मगन थे।अब वो जैसे आम को दबा कर उसका जूस निकाल कर पीते है वैसे ही मेरेबोबो को चूस कर उनका दुध पी रहे थे । वो अपने एक हाथ से दबाकर मेरा एक बोबा चूस रहे थे तो उनका दूसरा हाथ मेरे दूसरे बोबे को दबा रहा था। उनके दाँतो के बीच जब मेरा निप्पल आता तो मैं दर्द से दोहरी हो जाती ।बस … बस … ना करो … नईं..ईं … ईं … आ … ह … ! आ … आ … आ … ह … आह … !!एक बोबे का पूरा रस निचोड़ कर अब वो दूसरे बोबे पर आ गए। उनकी जीभ मेरे बोबो पर चल रही थी पर असर मेरी रसभरी पर हो रहा था। अब उनका एक हाथ मेरी रसभरी पर था में उनका हाथ हटाने का असफल प्रयास करती रही पर उन्होंने अपने पूरे हाथ से रसभरी को ढंक दिया जैसे गर्म भट्टी पर अपना हाथ सेंक रहे हैं। और अब उनका हाथ उसे धीरे धीरे सहला रहा था। मेरी उतेजना काफी बढ़ गयी पहले तो उनका मूसलचंद, अब उनका हाथ मेरी रसभरी पर। मेरी रसभरी तो पानी पानी हुई जा रही थी। अब मेरे ब्याही ने मेरा एक हाथ पकड़ा और नीचे अपने मूसल पर रख दिया मैंने हाथ हटाना चाहा पर उन्होंने मजबूती से अपना मुसलचंद पकड़ा दिया। गर्मागरम लौड़ा मेरे हाथों में था। इतना कडक हो रहा था पूछो मत । मेरी पूरी मुट्टी में बड़ी मुश्किल से समा रहा था। मेने ब्याहीजी के लौड़े को मुट्टी में भिचना चालू किया , मैं जितना भीचती उतना ही ओर फूल जाता। मैं अब उसे जोर से भीच कर ऊपर नीचे कर रही थी। में इतनी गर्म हो गयी थी उनका मूसल पकड़ के की ऐसा लग रहा था उनका मूसल पकड़ के ही मैं झड़ जाऊंगी।अब वो लेट गये उन्होंने मुझे ऊपर कर दिया और खुद मेरे नीचे आ गए।मैं अब भी उनके लौड़े को मसल रही थी और उनके दोनों हाथ मेरी गांड की दोनो फांको पर थे। वे भी बड़ी बेरहमी से उन्हें मसल रहे थे। उनकी एक उँगली मेरी गांड के छेद के पास थी और धीरे धीरे अंदर जा रही थी। ब्याही ...जी... आह..ह..ह … ह! अटे.... न ना .... करो ..।पर उंगली मेरी गांड के अंदर चली गयी। आःह्ह्ह आउच… ब्याहीजी अब न उनके लौड़े से रहा जा रहा था ना मेरीरसभरी से।। उन्होंने वापस मुझे लेटाया ओर खुद मेरे ऊपर आ गए।अब वो भी मेरी चढाई करने वाले थे। वे अपने मूसल को मेरी चूत की पंखुड़ियों के बीच रगड़ रहे थे। मन कर रहा था बोल दु ब्याहीजी तड़फाओ मत ओर पेल दो थांकी ब्यान की चूत में।अब उन्होने अपने मूसल को सेट किया और उनका मोटा सुपाड़ा मेरी रसभरी के अंदर था। उन्होंने मेरे होंठो पर चुम्मो की झड़ी लगा दी मैं भी उन्हें चूमे जा रही थी। आज वो ही थे मेरी चुत के राजा। वो ही फाड़ने वाले थे मेरी चूत को । अब धीरे धीरे वो अपना खूँटा मेरे अंदर करने लगे । मेरी गीली रसभरी उनके लौड़े के स्वागत के लिए खुल गयी और एक ही झटके में उनका नागराज मेरी चुत की दीवारों से रगड़ता हुआ मेरी चुत में समा गया। अब उनका आधे से ज्यादा लौड़ा मेरे अंदर था।अब एक ओर जोरदार झटके से उन्होने अपना खूँटा मेरे जड़ तक रोप दिया। आआईईई अ...रे...बाई...रे..आआह्ह ह्ह् बचा लो आआह्ह्ह आराम से... अह्ह्ह्ह्ह…! आःह्ह्ह आउच… ब्याहीजी आराम से… दर्द हो.......रियो.. है… आःह्ह्ह आअह्ह हह्हह उफ्फ ओह्ह ह्हह्ह… ओर उनका लंबा मोटा मुसलचंद मेरी रसभरी में गरमागरम एहसास करा रहा था मेरी चुदी चुदाई चुत में भी दर्द का एहसास करा दिया था ब्याहीजी के लौड़े ने।।ब्याहीजी मुझे चुम के बोले म्हारी लाडकडी ब्यान जब से देखियो तब से ही अपना नागराज ने थांके बिल में घुसाबा को सपनो हो आज घुसा ही दियो। मैं भी उन्हें चुम के बोली हा म्हारा ब्याहीजी करलो थानकों सपनो पुरो करलो ।अब वो अपने मूसल को अंदर बाहर करके मेरी चुदाई करने लगे ।उनकी रेलगाड़ी मेरी पटरियों पर सरपट सरपट दौड़ने लगी।जैसे एक गर्म लोहे की रॉड मेरी चुत में अंदर बाहर अंदर बाहर होने लगी।पहले तो उनकी स्पीड नॉर्मल थी फिर उनकी स्पीड बढ़ने लगी। अब तो उनके तेज झटको से मेरी रसभरी में भी हल्का हल्का दर्द होने लगा।पर वो तो दनादन दनादन लंड पेले जा रहे थे। आःह्ह्ह आउच… ब्याहीजी आराम से… आआह्ह ह्ह् आआह्ह्ह आराम से... अह्ह्ह्ह्ह…! आःह्ह्ह आउच…ब्याहिजी आराम से करो थाकि वाली की जीसान फ़ाटेडी थोड़ी है।फिर एक जोर का झटका लगाया ब्याहीजी ने ओर बोले कोई बात नही ब्यानजी थाकि भी फाड् देवा।मेरी रसभरी भी लंड के झटकों से अब गीली हो रही थी।ओर पूरे रूम में फच फच फच की आवाजें औऱ मेरी सिसकारियां ओर पलंग के चर्र चर्र की आवाजें आ रही थी। और बाहर से ब्यानों के हंसी टट्टे की आवाज सुनाई दे रही थी । मेरी ब्यान जो चाहती थी वो ही हो रहा था उनका मर्द मेरी चीखे निकाल कर जोर जोर से मेरी चुदाई कर रहा था।
ब्याहीजी एक हाथ से मेरा बोबे दबाकर लंड पेल रहे थे औऱ मुझे चुम रहे थे। मैं भी उनकी पीठ में नाखून गड़ो रही थी उनके बालो में हाथ फेर रही थी और अपनी हो रही चुदाई के मजे ले रही थी। अब मेरी रसभरी जो पहले भी धीमे धीमे अपना रस छोड़ रही थी अब वापस अपना फवारा छोड़ने को तैयार थी । आख़िर में मेरी रसभरी ने ब्याहीजी के लंड के आगे घुटने टेक दिये।और ब्याहीजी को जोर से हग करके मेने सारा रस निकाल दिया।. . . आआईईई आआह्ह ह्ह् म्हारा ब्यहिजी आआह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह…! कांई कर दिया आःह्ह्ह आःह्ह्ह अब तो मानो आअह्ह हह्हह उफ्फ ओह्ह ह्हह्ह। ब्याहीजी अभी भी पेले जा रहे थे।फ़चक … फ़च … फ़चक … फ़च.. फ़चक … । मेरी गीली चुत में ब्याहीजी का लौड़ा गचागच गचागच अंदर हो रहा था। बीच बीच मे ब्याहीजी एक जोर का झटका लगाते ओर उनका मूसल मेरी रसभरी की गहराइयों को चीरता औऱ मैं चीख उठती आआईईई अ...रे...ब्याही . . . रे. ...रे..आआह्ह ह्ह् आआह्ह्ह आराम से... अह्ह्ह्ह्ह…! करो आःह्ह्ह आउच… ब्याहीजी आराम से… करो। ओर लगभग 20 मीनट की जोरदार चुदाई हो चुकी थी।अब ब्याहीजी ओर ज्यादा जोर से चोद रहे थे पूरा रूम चुदाई की मादक आवाजो से गूंज रहा था। टप्प … टप्प … टप्पा … टप्प टप्प … टप्प … टप्पा … टप्प! टप्प … टप्प … टप्पा … टप्प! उनके हरेक झटको के साथ ये आवाजे ओर बढ़ रही थी।ब्याहीजी का लंड दर्द और मजा दोनो दे रहा था।मैं भी मस्ती में बड़बड़ाने लगी ब्याहीजी ह..... हाँ … उफ़्फ़ … स्ससह हह हहह … आह हाँ इसान …औऱ … हाँ … जोर से … मार लो मैदान कर लो किलों फतेह ।अब मैँ भी अपनी गांड उठाकर अपने ब्याही के हर झटके का जवाब दे रही थी आअहह…….हाइईईईईई….मैय्ाआ…. उफफफ्फ़…ये कर डॅलायया…. अब ... ऐसी.. हीईिइ…अब ब्याहीजी का हरेक झटका सीधे मेरी बच्चेदानी पे चोट कर रहा था। मैं दर्द से पागल हुई जा रही थी।आईईईई….माआ.. आहह….हाईए….ब्याहीजी. धीरी…प्लीज़….बस करो..उईई…माआ….में तो गाइिईईईईईईई…रीई….ब्याहीजी ने 5,6 जोरदार झटके लगाए ओर अपना गरमागरम माल मेरी रसभरी में छोड़ दिया। ऊहह… म्म्माआ… मार्र..डाल्लाअ…उउउफफफ्फ़…आहह…!उनके साथ ही में भी वापस झड़ गयी ब्याहीजी ने तो पूरा बदन तोड़ के रख दिया था। पर अभी तो पूरी रात बाकी थी। अभी तो और चुदाई बाकी थी।
 
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ब्याहीजी का लावा मेरी जांघो से होके नीचे बह रहा था। ब्याहीजी ने तो मेरी जोरदार ठुकाई की थी। मेरी रसभरी में भी दर्द हो रहा था। ब्याहीजी उठे और वाशरूम चले गए मैंने अपनी ओढ़नी से अपनी रसभरी को पौछा कितना सारा वीर्य मेरी रसभरी में डाल दिया था ब्याहीजी ने।मैं करवट लेके लेट गयी थोड़ी देर में ही ब्याहीजी आये ओर आते ही पीछे से मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया। आह आउच ब्याहीजी।उनका लौड़ा मेरी गांड की दरार पे रगड़ खा रहा था और उनका एक हाथ मेरे बोबे को मसल रहा था। औऱ एक
हाथ मेरी गांड की फांको को सहला रहा था।वो बोले और ब्यान जी किसान को लाग्यो म्हारो प्यार। मैं बोली बढ़िया, और फिर मेरा हाथ उनके लौड़े पे रख के बोले और यो। मै शर्माते हुए बोली बहुत बढ़िया।ओर म्हारी लाडकडी ब्यान आज तो खूब लाड़ लड़ाऊँ।तभी ब्याही का फ़ोन बजा ब्याहीजी ने लाउडस्पीकर ऑन किया फ़ोन मेरी ब्यान का ही था ।वो बोल रही थी वा म्हारा राजा, ब्यानजी को बाजो बजा दियो और हँसने लगी फिर बोली अब थांका शेर ने ब्यानजी की पीछे वाली गुफा में प्रवेश कराओ और चीखा निकलवाओ म्हारी सौतन की। और फ़ोन काट दिया। मैं सहमी कहि ब्याहीजी पीछे से हमला तो नही कर देंगे, आगे के किले को ही बुरी तरह से ध्वस्त किया था उन्होने पीछे तो क्या होगा मेरा। ब्याहीजी उठे और तेल की शीशी ले आये और मेरी गांड के छेद के आसपास लगानें लगे ओर अपनी एक उँगली तेल में लथपथ करके मेरी गांड में करने लगे। ब्याही जी आह … उफ़ … हाय …… नईं..ईं … ईं …अटे मत करो।पर ब्याही ने तो पूरी उँगली पेल दी उनकी उँगली ही बड़ी मुश्किल से गयी उनका लौड़ा तो कहा जाता।अब वो उठे और मेरे मुंह के पास अपना लॉलीपॉप रख दिया मैं कुछ बोलती उंसके पहले ही उन्होंने मेरा सर पकड के मेरे मुंह मे अपना केला डाल दिया। अब मना करने का तो सवाल ही नही था। और मेरा भी मन ब्याही के बड़े से लॉलीपॉप को चूसने को कर रहा था। अब मैं ब्याहीजी के लॉलीपॉप को चूसने लगी। पहले उनका सुपाडा फिर आधे से ज्यादा लौड़े को अंदर बाहर कर के चूस रही थी। अब ब्याहीजी लेट गए और में नीचे जाके उनके लौड़े को चूसने लगी इतना बड़ा मोटा पूरा मेरे मुँह में ही नही समा रहा था ।आधा आधा करके मुँह के अंदर बाहर कर रही थी।अपने एक हाथ से उनके मोटे मोटे आन्डों को सहला रही थी।ब्याहीजी आहे भर रहे थे वाह म्हारी ब्यान।अब मैं अपनी जीभ ब्याहीजी के लौड़े के आस पास लगाने लगी फिर उनके आन्डों पर आह … ह … ह!! सी … ई … ई … ई मेरी जीभ अपना कमाल दिखा रही थी और मुझे भी ब्याहीजी की आंहे निकलवाने में मजे आ रहे थे।अब मैने उनके एक आंड को मुंह मे ले लिया।

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ब्याहीजी आहे भर रहे थे वाह म्हारी ब्यान।अब मैं अपनी जीभ ब्याहीजी के लौड़े के आस पास लगाने लगी फिर उनके आन्डों पर आह … ह … ह!! सी … ई … ई … ई मेरी जीभ अपना कमाल दिखा रही थी और मुझे भी ब्याहीजी की आंहे निकलवाने में मजे आ रहे थे।अब मैने उनके एक आंड को मुंह मे ले लिया।आह … ह … ह!!म्हारी ब्यान। मैं एक हाथ से उनके लौड़े को मुठिया रही थी और उनके आन्डों को चूस रही थी उनका लौड़ा एकदम कडक होकर तना जा रहा था। अब मैने ब्याहीजी का लौड़ा मुंह मे लिया और पूरा गले तक लील गयी मैं लाज शरम त्याग कर चुदासी होकर ब्याहीजी के लौड़े को चूस चूस कर बेहाल कर रही थी।ब्याहीजी भी जोश से बावले हो रहे थे लगातार वो मेरे सर को पकड़कर अपने लौड़े पे दे रहे थे।ब्याहीजी का शायद होने वाला था या अब उनको औऱ इंतज़ार नही हो रहा था। उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे आके मेरी गांड के छेद पे अपना लौड़ा डालने लगे। न...इईईईई माँ आह बचाओ … रेबा दो … ब्याहीजी नी जायेगो … यो म्हारी फाड़ देई … प्लीज़ … अटे मत करो.
ब्याही..!..! …!..जी!पर ब्याहीजी ने एक ही झटके में सुपाडे के साथ आधा लण्ड मेरी गांड में पेल दिया।आह…अरे...ब्रारे आई… ओह… मर गई… हा… उफ़… उम्म्ह… अहह… हय…नइईईईई माँ … याह... इसके बाद मेरा और कोई रिएक्शन आता उंसके पहले ही लगातार ब्याहीजी ने दो तीन झटके मार कर पूरा लौड़ा मेरी गांड में डाल दिया ...अरे ब्रारे फाड़ दी म्हारी अरे ब्याहीजी निकालो इने दर्द होरिये ओ म्हारी माँ कांई कर दिया ब्याहीजी ...मुझे तो दर्द के मारे ओर कुछ नही सूझ रहा था।अभी में रिलैक्स भी नही हुई और ब्याहीजी मेरी कमर पकड़ के मेरी गांड में अपना लौड़ा अंदर बाहर करने लग गए

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मेरे संकरे गांड के छेद में ब्याहीजी का लौड़ा पूरा रगड़ के अंदर बाहर हो रहा था।आआईईई म्हारी माँ आआह्ह ह्ह् बचा लो आआह्ह्ह आराम से… अह्ह्ह्ह्ह…! आःह्ह्ह आउच… म्हारा ब्याही आराम से… दर्द हो रिये है… आःह्ह्ह आअह्ह हह्हह उफ्फ ओह्ह ह्हह्ह… मार डाला रे ब्याहीजी!ब्याहीजी अब कमर को पकड़ कर जो र जोर से अपनी घोड़ी की गांड मार रहे थे।हाय… सी… ई…ई’आह … ह … ह!! सी … ई … ई … ई! … बस बस..उफ़..फ़..फ़!मेरी संकरी गांड में जैसे लोहे की गरमागरम रॉड डाल दी हो। ब्याहीजी बीच बीच मे गांड की फांको पे एक चपेट भी लगा देते और मेरी उतेजना दुगनी हो जाती। अब ब्याहीजी ने अपना एक हाथ मेरे रसभरी पर रख दिया और उसे कुरेदने लग गए।आह … ह … ह!! सी … ई … ई … ई! … बस बस..उफ़..फ़..फ़!ब्याहीजी ने दोहरा हमला कर दिया था। पीछे से जोर जोर से मेरी गांड मार रहे थे और आगे उनका हाथ मेरीरसभरी को रगड़ रहा था।आह ब्याहीजी मानो म्हारा ब्याहीजी।थोड़ी ही देर में उनके दोहरे हमले ने मेरीरसभरी से रस बहा दिया। मेरा कामरस उनके हाथों में होता हुआ नीचे बह रहा था।ब्याहीजी का लौड़ा अभी भी पिस्टन की तरह अंदर बाहर हो रहा था। आह ब्याहीजी बस करो।15 20 मीनट से मेरी गांड मारी जा रही थी। अब ब्याहीजी ने मेरी चोटी पकडी ओर जोर से लण्ड पेलने लगे बीच बीच मे गांड पे चपेट भी लग जाती। वाह म्हारी लाडकडी ब्यान मजा दे दी । आह मजो आ गियो आज तो। ब्याहीजी के धक्कों की स्पीड से लग रहा था की उनका होने वाला है।
आह … ह … ह!! सी … ई … ई … ई! … बस बस..उफ़..फ़..फ़! प्लीज़ … मर जाऊंगी..सी..सी..सी आह … ह … ह … ह!”गांड के दर्द के कारण कुछ बोला भी नही जा रहा था बस चीखे निकल रही थी।आह म्हारी माँ कांई कर दियो। फ़ाड़ डाली म्हारी ने । हाय रे फ़ट गी मैं तो मरी जा री हूँ। आह…आई… ओह… मर गई… हा…दो चार और तूफानी झटके देने के बाद उनके मूसल ने मेरी गांड में ही अपना सारा पानी छोड़ दिया।


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ब्याहीजी ने अपना मूसल निकाला और मैं जहाँ थी वही पड़ गयी मेरे से हिला डुला भी नही नही गया। गांड में दर्द ही दर्द था ऐसा लग रहा था कि उनका मूसल मेरी गांड में ही है।इतना झड़ने के कारण पता ही नही कब मुझे नींद आ गयी थी। रात में वापस मेरेबोबो पर ब्याहीजी के हाथ महसूस हुए ब्याहीजी मेरे निप्पलों को दबा रहे थे मेरे बदन में वापस सुरसुराहट होने लगी। अब उनकी जीभ मेरे निप्पलों पे थी। मैं आधी नींद में ही बोली। ब्याहीजी अब तो मानो सोने दो। म्हारी लाडकडी ब्यानजी सुहागरात ने कुण सोवे।ब्याहीजी इतनी तो मना ली सुहागरात अब काई बाकी रह गयो पुरो बदन तोड़ दिया म्हारो ।अबार भी दर्द हो रिये। पर उनकी हरकते मेरी चुदास बढ़ा रही थी।मन भी कर रहा था ब्याहीजी का एक बार और लेलु फिर पता नही कब मिले ना मिले।ब्याहीजी अब मेरे ऊपर आके प्यार से मेरे होंठो पर चुम रहे थे। मै भी उनका जवाब दे रही थी। इतनी चुदाई होने के बाद मैं भी खुल रही थी। ब्याहीजी मेरी चूत की फांको को फैला कर उसमें अपना लौड़ा घिस रहे थे।आह … उफ़ … हा … उई … ई … ई …ब्याहीजी ने मुझे पूरा गर्म कर दिया।आधी नींद में मेरी चुदास बढ़ने लगी। अब मुझसे रहा ही नही जा रहा। मैं धीरे से ब्याहीजी के कान ने बोली ब्याहीजी मत तड़फाओ करो नी।ब्याहीजी भी फुल मजे के मूँड थे सब जानकर भी अनजान बनके बोले कई करू ब्यानजी। ब्याहीजी मेरे मुंह से सब कुछ गंदा गंदा सुनना चाहते थे।सब ध्यान है ब्याहीजी थाने फिर भी। थे बोलकर बताओ ब्यानजी।अब ब्याहीजी ने अपनी दो उँगली मेंरी चुत में दाल दी फिर वापस निकाल कर मेरे मुंह मे डाल थी।मैं खुद का ही रस चूस के और चूदासी हो गयी। अब मैं ब्याहीजी के कान में लाज शरम त्याग कर चुदासी होकर बोली ब्याहीजी ....चो..चोद...चोदो... चोददो मने।।हाँ म्हारी लाडकडी ब्यान ने बढ़िया से चोदू और मेरी गीली चूत मेंअपना मूसल दो झटको में ही अंदर डाल दिया।आह … ह … ह!! सी … ई … ई … ई! … बस बस..उफ़..फ़..फ़! ब्यानजी बोलता रेवो तो कुछ करु नई तो रुक जाओ। मैं बोलि मत रुको म्हारा ब्याहीजी मत रुको। म्हारी ओखली में थांको मूसल डालकर खूब कुटाई करो। और अंदर बाहर अंदर बाहर मेरी चुदाई शुरू हो गयी।आह म्हारा ब्याहीजी इसान ही हाँ इसान ही करो और ब्याहीजी धीरे धीरे बड़े प्यार से पूरा लौड़ा अंदर करते फिर पूरा निकाल लेते ।आह … ह … ह …!!”आह … उफ़ … हा … उई … ई … ई … हक़्क़ … सी … इ … इ … ई … ई … आह … उफ़ … हाय … जोर से करो ब्याहीजी … हाँ… हाँ … अरे राम!।।मैं चुदास में क्या क्या बड़बड़ाने लगी मेरी नींद में आंखे भी नही खुल रही थी और मैं मस्त होके चुदवा रही थी।हाँ पेलो म्हारा ब्याही राजा हाँ और जोर से पेलो। आह ब्याहीजी आह … पूरो अन्दर तक जा रियो है … आह म्हारा प्यारा ब्याही पेलो … आह थांकी ब्यान की खुजली मिटा दो … आह थांको वालो बडो मजा दे रियो है …और वो जोर जोर से मुझे चोदने लगे.. ओर वो हर झटके में बोलने लगे ले म्हारी लाडकडी ब्यान ल और ले।क्या लण्ड की धकमपेल हो रही थी। उनकी स्पीड बढ़ने लगी मैं भी
अहाहा हहाहय ऊऊहयहा… ब्याहीजी… और ज़ोर से चोदो मने… और ज़ोर से… उम्म्ह… अहह… हय… आह…10 15 मिनट की जोरदार चुदाई ने मेरीरसभरी का पूरा रस निकाल दिया पर ब्याहीजी अभी झड़ने का नाम नही ले रहे थे। अब जोर से मेरी चुत की चटनी बना रहे थे वो। आह … ह … ह!! सी … ई … ई … ई! … बस बस..उफ़..फ़..फ़! प्लीज़ … मर जाऊंली..सी..सी..सी आह … ह … ह … ह!”मैंने ही उन्हें उकसाया था जो अब मुझपे ही भारी पड़ रहा था।अरे ब्रारे बहुत ही खराब ब्याही मिलियो ह मने।मने तो बहुत मालदार ब्यान मिली है।उनके लास्ट के 10 12 धक्के इतने जोर से थे कि मेरी जान जी निकल गयी।उन्होंने सारा गर्म गर्म कामरस मेरी चुत में उंडेल दिया।
आह … ह … ह!! सी … ई … ई … ई! …ब्याहीजी चोद दी मने तो।हम दोनों एक दूसरे की बाँहो में लिपट कर एक दूसरे को चूमते हुए सो गए।
रात की इतनी जोरदार कुश्ती के बाद पूरा बदन टूट रहा था सुबह उठा ही नही जा रहा था । कल पता नही कितनी बार मेरी रसभरी ने अपना रस टपकाया था। थकान से बुरा हाल था।मेरी नींद खुली तो मेरी गांड को पीछे से कोई सहला रहा था। मैंने सोचा ब्याहीजी है पर देखा तो ब्यानजी थी और दो तीन उनकी रिलेटिव थी।वो बोली कांई ब्यानजी किसान की री सुहागरात।दूसरी बोली खूब खायो होइ ब्यान तो। फिर एक मेरी रसभरी पे हाथ रख के बोली लागे पूरी फाड़ कर रख दी ब्यानजी की तो। फिर सब हँसने लगी।मैं बोली ब्यानजी बहुत खराब हो थे तो मैं तो थांके खीरा मोमबत्ती ही घुसेड़ी ओर थे थे तो।मैं बस इतना ही बोल कर रह गयी फिर ब्यानजी बोली औऱ मैं तो थांके पुरो लौड़ों घुसा दी। और फिर सब हँस रही थी।एक बोली कल रात तो जबरदस्त धकमपेल चल री ही। ऊपर का रूम में तो बेटी चुद री ही ओर नीचे वाला रूम में माँ।दोनूं माँ बेटी मजा से घुसवा री ही।फिर ब्यानजी बोली हाँ ब्यानजी सोनम को ध्यान राखजो(मेरी बिटिया का नाम सोनम है)सुहागरात के अगले दिन ही बीने बुखार आ गयो हालत खराब होगी बि की तो झेल नी पाई बा। इसलिए दो दिन दोन्या ने अलग अलग सुलाया काल ही वापस साथ मे सुलाया बेने।मैं मन मे ही सोच रही थी कि इस उम्र में भी बाप का हथियार ऐसा है तो उसके बेटे का कैसा होगा। बाप ने मेरी चुदी चुदाई चुत की जो चटनी बनाई थी।उससे तो लग रहा था कि बेटे ने पूरी फाड़ के रख दी होगी मेरी बिटिया की कुँवारी मुनिया को।वापस ब्यान बोली थाने तो एक रात में ही आछि तरह हू पतो लाग गयो होइ की ई घर का मर्द किसान का है।कल तो पूरी रात लाग्या रिया बे। ओर थांके पलँग की और थांकी चीखा बाहर तक आ री ही।आह म्हारी माँ कांई कर दियो। फ़ाड़ डाली म्हारी ने । किसान बोल री ही ब्यान रात का। औऱ सब जोर जोर से हँसने लगी। एक बोली हाँ ब्यान रात भर लेती री बढ़िया से खूब चुदवाई इसलियें ब्यानजी को आज से नाम चुदक्कद ब्यानजी ह। अब सब मुझे चुदक्कद ब्यानजी कहने लगी। मैंने तो ब्यानजी का नाम फाटया बोस्या की ब्यान रखा था। और मेरी ब्यान ने मेरा नया नाम चुदक्कद ब्यानजी रखा। मैं ऐसे ही नंगी थी और सब ऐसे ही काफी देर तक मस्ती मजाक करती रही ।मुझे कपड़े भी नही दिए मै ऐसे ही फ्रेश होके आयी। फिर नहाने के लिए कपड़े मांगे तो ब्यान बोली नहाने के लिए कोनसा कपड़ा चावे। फिर ब्यान और दो तीन उनकी रिलेटिव मुझे बाथरूम में ले गयी। और ।मुझे निलाने लगी। शॉवर ऑन कर दिया में तो बिल्कुल नंगी थी और वो ब्लाउज पेटीकोट में थी।सब मुझे नहलाने के बहाने कहा कहा रगड़ रही थी साबुन भी जगह जगह लगा रही थी। रसभरी पर, पीछे के के छेद पर, बोबो को जोर जोर से मसल रही थी खूब रगड़ाई करते हुए मुझे नहलाया। फिर पूरी तरह से भी उन्होंने ही सजाया मुझे,और कपड़े पहनाये फिर नाश्ता हुआ फिर ब्यान दूसरे रुम में ले गयी बोली कुछ फंक्शन है। दूसरे रूम में 10 12 ओरतें इक्कठी थी।फिर ब्यान मुझसे बोली ब्यानजी काल थे जीभरकर चुदवाया थांका ब्याहीजी से, खूब मलाई डलवाई थांके। अब थांके पेट मे म्हाके खानदान की निशानी है म्हाको अंश ह अब नोँ महीना बाद झटपट लालो दे दीजो थे। इसलिए अटे आज थांकी गोद भराई की रस्म करा। मैं बोली ब्यानजी नही इसान तो मति करो। ब्यान बोली ब्यानजी चुदबा में शर्म नी तो गोद भराई में किसान की शर्म। फिर मुझे बैठाया सब गीत गाने लगी फिर ब्यानजी ने मेरी झोली में मिठाई रखकर मेरी गोद भरी सबने अलग अलग आकर आशीष दी और मिठाई खिलाई सब बोल रही थी ब्यानजी लालो ही चावे म्हाने। मैं तो शर्म से पानी पानी हो गयी।सबने डांस किया मुझे भी नचाया। ओर फिर सब बोली ध्यान राखजो थांको ओर लाला को।फिर खाना हुआ और मेरी ओर बेटी की विदाई की तैयारी होने लगी वापस में उसी रूम में थी और 10 12 औरते, ब्यानजी बोली,ब्यान जाती टाइम आखिरी बार थांका यार हु तो मिल जाओ फिर मेरे पेट पर हाथ रख के बोली थांका लाला का पापा थांके ब्याही सु।फिर ब्याहीजी को भी अंदर बुला लिया और सब ब्याहिजी से बोली कांई जादू कर दिया थे एक ही रात में ब्यानजी याद कर रिये थाने बोल रिये इसान सुखा सूखा मत भेजो।एक बार तो गले मिलवा दो।फिर ब्याहीजी आये मुझे सब के सामने गले लगा लिया मैं घूँघट में थी।सबके सामने इतनी जोर से गले मिले मेरे बूब्स उनके सीने से दबने लगे।ब्याहीजी बोले इसान सुखी सुखी थोडी जावा देवा। फिर एक बोली ब्यान का होंठ तो गिला कर दो। फिर ब्याहीजी ने सर मेरे घूँघट में कर लिया फिर एक जोरदार चुम्मा दिया। किसी को कुछ दिख तो नही रहा था। क्योंकि सब घूँघट में हो रहा था।पर सब को पता चल रहा था घुँघट के अंदर क्या चल रहा है। सब हँस रही थी और मजे ले रही थी।थोड़ी देर किस करने के बाद ब्याहीजी हटे। किसी ने कहा ब्यानजी लॉलीपॉप मांग रिये हाल मन नी भरियो ब्यान को । ब्याहीजी बोले या इच्छा भी पूरी कर देवा ब्यानजी की। फिर उन्होंने मुझे घुटने के बल बिठाया औऱ मेरे घूँघट को ऐसे कर लिया जिसमे उनके पैंट का आगे का हिस्सा आ जाये। अब उन्होंने अपनी पैंट की चैन खोली और अपना लॉलीपॉप मेरे मुंह मे डाल दिया। ब्याहीजी तो पूरे पागल हो गए थे सब के सामने ही शुरू हो गए। हाँ वेसे तो घूँघट में कीसी को भी उनका लॉलीपॉप नही दिख रहा था पर सबको पता जरूर चल रहा था कि ब्याहीजी मुझे अपना लॉलीपॉप चूसा रहे थे।पहले ही ब्यानजी ने मुझे डरा दिया था कि ब्यानजी जो भी थांके साथ करा करवा लीजो नही तो अबार तो कपड़ा के साथ करा नी तो थांने पूरी नागी कर करा।अब मजबूरी में ही सही मैं ब्याहीजी का लॉलीपॉप चूस रही थी। सब हँस रही थी एक बोल रही थी कि ब्यानजी तो पूरी चुदक्कद ह देखो सब के सामने ही लॉलीपॉप चूस रिये फिर सब औऱ हँसने लगी।फिर एक बोली ब्यानजी को तो मन होग्यो लेबा को।अब ब्याहीजी ने अपना लौड़ा अंदर किया चैन बन्द करी। और मुझे उठाया और पलंग पर लेटा दिया और फिर एक कंबल लेके मेरे ऊपर आ गए मेरा घाघरा ऊपर किया अपनी पैंट के बटन खोला नीचे की ओर अपना लौड़ा एक ही झटके में आधे से ज्यादा मेरी चुत में पेल दिया में सिसकी आह … ह … ह!! ब्याहीजी।। सब हँस रही थी एक बोली घुस गियो दिके ब्यान के । फिर ब्यानजी बोली आपणी चुदक्कद ब्यान ने चुदबा दो, डिस्टर्ब मत करो फिर ब्यान ब्याहीजी के कान में कुछ बोली फिर सब हंसती हुई बाहर चली गयी। सब के जाते ही ब्याहीजी तो फुल स्पीड में चालू हो गए।और धनाधन धनाधन उनका लौड़ा मेरीरसभरी में अंदर बाहर अंदर बाहर होने लगा।
इईईईई माँ आह बचाओ … रेबा दो … ब्याहीजी मानो … प्लीज़ … मत करो.आह … ह … ह!! सी … ई … ई … ई! … बस बस..उफ़..फ़..फ़!ब्याहीजी मानो काल रात भर कर लिया फिर भी थांको मन नई भरियो आ … ह …! आ … आ … आ … ह … आह …!!!ब्याहीजी को पता था सब बाहर इंतज़ार कर रही है। इसलिए जल्दी फ्री होने के चक्कर मे मेरी चुत की रेल बना दी।ब्याहीजी का हर झटका मेरी बच्चेदानी को चोट कर रहा था। आह…आई… ओह… मर गई… हा… उफ़… उम्म्ह… अहह… हय… याह… हाय… सी… ई…अरे ब्रारे ब्याहीजी आराम से तो करो आह … ह … ह … ह! धीरे करो।पर ब्याहीजी तो t20 खेल रहे थे हर बॉल पर सिक्सर। थोड़ी देर में ही मेरी रसभरी की हालत खराब हो गयी 10 मिनट की चुदाई में मैं तो झड़ गयी। पर ब्याहीजी का तूफान अभी भी चल रहा था। 5 10 मीनट की और चुदाई से अब ब्याहीजी का निकलने वाला था ।पर वो मेरीरसभरी में नही झड़ने वाले थे मुझे पता तो था कहा पर । ब्याहीजी ने अपना लौड़ा मेरी चूत से निकाला और मेरे मुँह के पास आगये मेरे मुँह के पास उनका लंबा मोटा लौड़ा जिसके पहली बार दर्शन हुए थे। मेरीरसभरी के रस से भीगकर ओर भी चमक रहा था।ब्याहीजी मेरे मुंह मे झड़ने वाले थे। ब्यानजी नें पहले ही मुझे धमकी दे दी थी कि ब्यानजी थांकी यादगिरी के लिए थांकी एक फेसिअल वाली फोटो लेवा मना करिया तो बाकी सब मर्दा को भी घी उंडेल कर फिर फ़ोटो लेवा।अब ब्याहीजी मेरे मुंह के पास अपने लौड़े को मुठिया रहे थे ।उन्होंने मेरा हाथ उनके आंडो पर रख दिया। मैं भी उनके बड़े बड़े आन्डो को सहला रही थी और बीच बीच मे उनके लौड़े को चूम भी लेती। अब ब्याहीजी के हाथ की स्पीड और बढ़ रही थी उन्होंने थोड़ा सुपाड़ा मेरे मुँह में डाल दिया और फिर उनका ज्वालामुखी फुटा एक दो धार मुँह में फिर बाहर निकाल कर पूरे चेहरे की पुताई कर दी पूरे चेहरे को गरमागरम वीर्य से भर दिया फिर अपना फ़ोन निकाला और मेरी एक दो फ़ोटो लेली । फिर कपड़े पहन के ब्याहीजी जाने लगे और बोले ब्यानजी सेवा को मौको देता रिजो।मेरे मुंह की मलाई तो मैं निगल गयी और अपना चेहरा पूछने लगी तभी सब आ गयी सब हँस रही थी मुझको चुदवाकर ।ब्यानजी बोली के क्यू म्हारी चुदक्कड़ ब्यानजी चुदाई का सबूत मिटा रिया हो और मोबाइल में मेरी फ़ोटो दिखायी जो ब्याहीजी लेके गए थे।

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मेरा पूरा मुँह सना हुआ था वीर्य में।मै बोली ब्यानजी मानो डिलीट कर दो इन्हें वो बोली ब्यानजी फिक्र मत करो म्हारेकन सेफ रेई ओर फिर थांकी यादगिरी भी तो चावे।अब मुझे विदाई देनी थी रँग लगाकर।सब ने मुझे घेर रखा था और बीच मे मैं अकेली थीएक बोली ब्यान ने नागी तो करो फिर ही रंग डालबा को मजो ह।फिर एक बार वापस सब मुझे नंगी करने लगी थोड़ी देर में ही मैं पूरी नँगी हो गयी ।अब मेरी रगड़ाई चालू हो गयी गीले रंग से कोई मेरी गांड रगड़ रहा था तो कोई बोबे और अब ब्यानजी रसभरी को रगड़ रही मुझे अब दो तीन रंग की बाल्टी मेरे ऊपर उंडेल दी फिर वापस रगड़ाई एक ने तो पूरी दो उंगलिया में गांड में उतार दी ब्यानजी ने भी 2 3 उंगलिया मेरी रसभरी में । अब मेरे को जमीन पर लेटा कर बढ़िया से रगड़ाई करने लगी।मुझे पूरी तरह से रगड़ कर रख दी। अब मुझे कपड़े पहनाये। और इतनी रगड़ाई के बाद ब्यानजी ने मुझे ओर मेरी बिटिया को विदाई दी।
 
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इतनी बुरी गत बनाई थी ब्यान ने के पूछो मत। मैंने आके मेरी ननंद को पूरी बात बताई वो पहले तो बहुत देर तक हंसी फिर बोली भौजाई थारी तो बुरी गत बनी गोद भराई भी कर दी थारी और ब्याही को कितनो मोटो हो कितनी बार पेली तने।ऐसे ही मस्ती मजाक करती रही फिर बोली भौजाई ब्यान से बदलो लेवा फिक्र मत कर बा एक घुसेड़ी ह आप दो घुसेड़ा।
बिटिया के ससुराल से आने के लगभग एक हफ्ते बाद बिटिया और पावणा तो हनीमून पर गए हुए थे।मुझे भी अब ब्याहीजी की हबसी लौड़े की याद आने लगी थी पिछले एक हफ्ते में 2 3 बार अपने पति से चुदी थी पर मन मे तो ब्याहीजी हि याद आ रहे थे। उनको याद करके और उतेजित हो जाती। मेरे पति भी कहने लगे क्या खाने लग गयी आजकल। अब उन्हें कैसे बताऊ ब्याहीजी का लण्ड खाया था।उस दिन मैं भी घर पर अकेली किचन में काम कर रही थी। तभी डोरबेल बजी मैने दरवाजा खोला तो सामने ब्याहीजी थे। उन्होंने राम राम किया मेने भी राम राम किया फिर अंदर बुलाया उन्हें सोफे पे बिठाया हाल चाल पूछे फिर मैं किचन में चाय बनाने लग गयी। अजीब सा फील हो रहा था जिसने मेरे गांड ओर चुत के होल को एक जैसा कर दिया वो लौड़ा बाहर बैठा था। मन तो कर रहा था अभी चुद जाऊ ब्याहीजी से। इतने में ही ब्याहीजी आये और मुझे पीछे से कमर में हाथ डाल कर जकड़ लिया।आउच ब्याहीजी कांई कर रिया हो।वो बोले म्हारी लाडकडी ब्यान याद नी आयी कई म्हारी। बहुत आयी म्हारा ब्याहीजी। फिर उन्होंने आधी बनी चाय वाला चूल्हा गैस बंद कर दिया और मुझे अपनी गोदी में उठा लिया और मुझसे मेरा बेडरूम पुछके उसमे ले गये और मुझे बेड पर पटक दिया।म्हारी रसमलाई ब्यान पक्की खबर है आज शाम तक म्हारी ब्यान अकेली है इसलिए मैं आग्यो ओर पूरी शाम तक थाने रगड़ रगड़ कर प्यार करू अब वो मेरे ऊपर आ गए आज थांकी बढ़िया से लेउ आगे पीछे से। में बोली बी दिन नी ली कई अच्छा हु। बी दिन ने ही 10 दिन हो गया म्हारी ब्यान । फिर मुझे चूमने लगे मै भी उनका साथ देने लगी। हम दोनों एक दूसरे को ऐसे चूम रहे थे जैसे बड़े दिनों बाद मिले है।वो अब बलाउज के ऊपर ही मेरे बोबो को मसल रहे थे ।मुझे भी उनका बड़ा मूसल मेरी रसभरी पर महसूस हुआ।में ओर चुदासी हो गयी मैंने उनका लौड़ा को पैंट में ही मसलना चालू किया।आह ब्याहीजी देखो नी यो ही म्हारी बुरी गत बनायो म्हारे आगे पीछे हु ख़ूब मजा लुटियो आज भी किसान अकड़ रिये, इकि अकड़ तो आज मैं निकालू। औऱ मैं उनके नीचे आ गयी फटाफट फटाफट उनका बेल्ट फिर पेंट खोली उनकी अंडरवियर तो तंबू बनी हुई थी। मैंने उसे भी नही छोड़ा और खोल दिया उनका लौड़ा बिल्कुल नंगा मेरे सामने आ गया।और मै उसपे टूट पड़ी। उसे मुँह में भर कर उसकी जम कर चुसाई चालू कर दी।हाथों में उनके आंड थे औऱ मुँह में उनका लण्ड मैं बेशर्मों की तरह उनके लण्ड को चूस रही थी।उनका मोटा खूँटा पूरा मुँह में नही जा रहा था आधा आधा कर के में उनके लण्ड को अपने मुंह मे अंदर बाहर कर रही थी। ब्याहीजी कि भी आंहे निकल रही थी।आह म्हारी ब्यान पुरो मत खा जाजो इन्हें। आह आराम से चूस म्हारा लॉलीपॉप ने। मैं उनका लण्ड मुँह से बाहर निकाल कर बोली।। आज तो पुरो खा जाउ ब्याहीजी इने।फिर उनके लण्ड को मुठियाने लगी औऱ अपनी जीभ उनके आन्डों पर फेरने लगी।अभी तो मै ब्याहीजी पर हावी थी। अब उनके आन्डो को एक एक करके मुँह में लेके चूसने लगी।बहुत मजे आ रहे थे ब्याहीजी कि ऐसी हालत करके । लगातार आंहे भरे जा रहे थे। और जोर जोर से उनके कड़े मूसल को मुठिया रही थी।ब्याहीजी बहुत ज्यादा जोश में आ गए ।और बोले अब ब्यान थारी बारी।उन्होंनेमुझे उल्टा किया।में उनके ऊपर उल्टी 6 9 कि मुद्रा में।मेरी रसभरी उनके मुँह पर और उनका लौड़ा मेरे मुंह पर ।अब खेल बराबरी का होने वाला था।कौन किसकी आंहे निकालता है। ब्याहीजी ने मेरी चड्डी निकाली और बिना घाघरा खोले मेरे घाघरे में ही मुंह डाल दिया। अपने दोनों हाथों से मेरी गांड की फांको को पकड़ा और अपनी जीभ से मेरी रसभरी पर हमला कर दिया। ब्याहीजी की जीभ मेरी रसभरी पर पड़ते ही मैं सिसकी आह … ह … ह!! सी … ई … ई … ई! … मेने भी उनके लण्ड पर हमला तेज किया और उनके लण्ड को जोर जोर से चूसने लगी। औऱ उनके आंड को अपने हाथों से सहलाने लगी।पर ब्याहीजी की जीभ मेरी रसभरी की फांको को खोलकर उसमे अंदर जाने लगी
आह … ह … ह!!ब्याहीजी का हमला बढ़ रहा था सहन नही हो रहा था अब मेने उनके लण्ड को बाहर निकाल कर उनके आण्डों को चूसने लगी और आंहे भरने लगी। ब्याहीजी की जीभ जब मेरे चूत के दाने को छूती तो अलग ही मजे आते। आह ब्याहीजी अब मेने उनका लौड़ा चूसना भी बंद कर दिया बस पूरा ध्यान अपनी चुत की चटाई में था। ब्याहीजी भी मेरी चूत को बढिया से चाट रहे थे अब वो मेरी चूत की अपनी जीभ को अंदर बाहर करके चुदाई कर रहे थे। आह ब्याहीजी मानो अब मेरे से रहा नही गया और मैने अपनी चुत ब्याहीजी के मुँह से हटाइ ओर उनके लण्ड को अंदर लेने की तैयारी करने लगी । मैं उनके नीचे गयी उनके लौड़े को पकड़ा और अपने घाघरे में अपनी चूत पर सेट किया और उसपे बैठने लगी उनका लौड़ा भी मेरी गीली रसभरी में आराम से जाने लगा। धीरे धीरे करके पूरा लौड़ा मेरे अंदर था। अब मै उछल उछल कर उसे अपनी चुत में अंदर बाहर कर रही थी। मैं खुद ही ब्याहीजी के लौड़े पे बैठ के चुद रही थी। मेरे दोनो बोबे ब्लाउज में ही उछल रहे थे।दोनो बोबो को हाथों से पकड़ कर उनका लौड़ा अंदर बाहर कर रही थी। ब्याहीजी और मेरी दोनो की आहे निकल रही थी। 5 10 मिनट में ही मेरी रसभरी ने पानी छोड़ दिया।मैं थक के ब्याहीजी के साइड में सो गयी अब ब्याहीजी मेरे ऊपर आये और अपना लौड़ा मेरी चुत में डाल के जोर जोर से धक्के मारने लगे।म्हारी ब्यान आज तो जीभर डालु थारे।मेरी गीली रसभरी में लग रहे उनके धक्कों से फचक फचक की आवाज गूंज रही थी। मैं भी वापस गर्म होने लगी और फूल मस्ती के मुंड में आ गयी हर झटके पर ब्याहीजी को अंट शंट बके जा रही थी।आह … उफ़ … हा … उई … ई … ई … ब्याहीजी धीरे करो कांई फाड़ो कांई। अरे ब्रारे बहुत खराब ब्याही मिल गयो ।डाल डाल ढीली कर देइ म्हारी ने। आह ब्याहीजी थांका ब्याही ने कांई बताऊ क्यान ढीली होगी म्हारी।ब्याहीजी ओर जोर से पेले जा रहे थे।ब्याहीजी थांकी माँ कुण को खा र जनी थाने घोड़ा को या गधा को अरे ब्रारे इतनो मोटो डंडों लेर फिरो थे। आह … ह … ह!! सी … ई … ई … ई! … बस बस..उफ़..फ़..फ़ … मत फाड़ो..सी..सी..सी आह … ह … ह … ह!” लास्ट के दो चार झटको बाद अपनी गाडी मलाई मेरी रसभरी में डाल दी। और साइड में लेट गए।उनके तेज झटको से भी वापस झड़ गयी थी।थोड़ी देर बाद मैं उनके मुरझाये लण्ड से खेलने लगी और उन्हें किस करने लगी हम दोनो बहुत देर तक प्यार भरी बातें हंसी मजाक करते रहे फिर एक राउंड ओर ब्याहीजी ने पेला मुझे फिर चले गए। अब अक्सर मैं ओर ब्याहीजी बाहर मिलने लगे कभी वो होटल ले जाते तो कभी उनके फार्महाउस पर और मेरी जम के चुदाई करते और में भी मस्त होके चुदवाती। होटल या फार्महाउस जाते टाइम भी रास्ते मे कार में वो अपना लौड़ा चुसवाते हुए गाड़ी चलाते मुझे भी मजे आते।कई बार तो उन्होंने मुझे गाड़ी में ही घोड़ी बनाकर चोदा था।हफ्ते 10 दिन में एक दो बार तो ब्याहीजी के लण्ड का स्वाद मिल ही जाता था।ब्याहीजी से चुदाई का सिलसिला तो चालू हो गया पर अभी अपनी ब्यान से बदला भी लेना था जिसने मेरी बुरी गत बनाई थी।
 
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दोस्तो यह कहानी आप महिमा की जुबानी सुन रहे थे कहानी में महिमा की बेटी सोनम की शादी होती है आप सब लोग भी जानना चाहते है सोनम की सुहागरात के बारे में तो यहा महिमा को आराम देते है और चलते है कहानी की दूसरी करैक्टर सोनम की तरफ।


सोनम सीधी साधी भोली लड़की थी। फिगर भी इतना भरा हुआ नही था सेक्स की भी इतनी जानकारी नही थी कोई बॉयफ्रैंड ही नही था इसलिए। पोर्न भी कभी कभी अपनी सहेलियों ने दिखाया था जिसे छि करके मुंह फेर लेती थी।
पर अब तो ये सब होना ही था। सगाई के बाद वरुण(जिससे सोनम की शादी होने वाली है ) से फ़ोन में इतनी बात भी नही कर पाती थी इतना शर्माती थी सोनम। सेक्स के बारे में शादी से 2 चार दिन पहले से उसकी एक दो सहेली जो शादीशुदा थी से सीखने को मिला था। उसे बताया था मर्द के पास कौनसा हथियार होता है वो कहाँ डालता हैं।ये सब सुन उसकी घबराहट ओर बढ़ गयी कि उसकी सुहागरात को क्या होगा।वो दिन भी आ गया सोनम पलंग पे बैठी थी थोड़ा डरी हुई। पूरा रूम सजा हुआ था पलंग भी फूलो से भरा हुआ था

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।रूम खुला वरुणआया ।वरुण भी साधारण ही था न इतनी पर्सनलिटी न इतना हैंडसम था।हाइट थी और थोड़ा दुबला पतला था पर उसका हथियार खूब लंबा मोटा था। सेक्स आज तक किया नही था पर बहुत बार पोर्न देख के अपना पानी निकाला करता था।उसके मन मे भी था किजो उसकी पत्नि बनेगी उसकी वो कैसे कैसे लेगा किस किस पोजीशन में उसकी बज्जी लेगा सब उसके मन मे था कुल मिलाकर पूरा भरा पड़ा था। पर थोड़ा संकोची था पता नही शुरुआत कैसे करेगा।
वरुन पलँग पे बैठा सामने सोनम थी घूँघट लिए हुए । उसने सोनम का घूँघट उठाया। दूल्हन बनी हुई सोनम क्या लग रही थी गोरी चिटी ।

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सोनम घबरायी फिर वरुण बोला कि मैंने तुमको पहली बार देखा था तब से ही यही लगा था कि तुम ही मेरी वाइफ बनो ओर तुम से पहली नजर का प्यार हो गया मुझे। वरुण ने जेब से एक गिफ्ट निकाला जो सोनम को दिया उसकी मुंह दिखाई का। और बोला मै जनता हु की आज अपनी नई शुरूआत है आज की रात कितनी खास है पर मैं चाहता हु की ये सब हम तब ही करे जब दोनों एक दूसरे को दिल से चाहे जैसे में तुम्हे चाह रहा हु वैसी फीलिंग्स तुममे भी होगी तो ये सब करना सही रहेगा।लिए इन सब के लिए हमे एक दूसरे को समय देना चाहिए।सोनम ने गिफ्ट खोला उसमे हार्ट शेप में लॉकेट था।अपने पति के मन मे अपने लिए इतना प्यार व इतना सम्मान देखकर सोनम के मन का डर जाता रहा। कोई और होता तो आता और अभी तक तो डाल भी देता पर अपने प्रति इतना सम्मान वो भी चाह रही थी कि वो अपने पति को खुश कर करे आज ही सुहागरात मनाए।उसने कहा आज की रात फिर तो नहीं आयेगी इसलिए मैं चाहती हु आप जितना प्यार करते हो उतना दिखा भी दो। आज चाहे कुछ भी हो मैं भी दर्द में भी होउ तो भी आप मेरी सुहागरात में कोई कमी मत छोड़ना बहुत प्यार करना मुझे वरुण भी खुश हो गया कि सोनम तैयार है । उसने सोनम को गले लगाया। और दोनों एक दूसरे से ऐसे मिले जैसे बरसो बाद मीले हो। अब वरुण के होठ सोनम के होंठो की तरफ बढ़ने लगे। सोनम के कांपते होंठो पे वरुण के होंठ पड़े । दोनो एक दूसरे को चूमने लगे

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।वरुण सोनम के निचले होंठ को अपने दोनों होंठो के बीच मे लेके रसपान कर रहा था।वरुण अब सोनम की ओढ़नी को हटाने लगा। और धीरे धीरे एक एक करके उसके सारे गहने खोलने लगा।सोनम शर्मा रही थी उसने लाइट ऑफ करने को कहा।लाइट ऑफ होते ही वरुण सोनम के ऊपर आ गया उसे बाँहो में लेके वापस चुम्बनों की झड़ी लगा दी सोनम भी अब उसका पूरा साथ दे रही थी।अब वरुण के हाथ सोनम के शरीर के बाकी हिस्सों में चलने लगे उसकी कमर से होते हुए उंसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगी।सोनम बलाउज ओर लहंगे में ही थी। वरुण के हाथ का स्पर्श सोनम के बूब्स पर होने लगे।वरुण बलाउज के ऊपर ही सोनम के बूब्स को छू रहा था।सोनम के लिये ये सब कुछ नया था एक अजीब सी सिहरन हो रही थी।वरुण ने सोनम के ब्लाउज के हक खोलना चालू किये और थोड़ी देर में सोनम केवल ब्रा और लहंगे में ही थी। वरुण के होंठ उंसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगे। ब्रा के ऊपर ही वरुण सोनम के बूब्स चूमने लगा। और एक हाथ से दूसरे बूब्स को हल्के हल्के दबाने लगा।आह … ह … ह …वरुण!!उतेजना के मारे सोनम की सिसकी निकल रही थी।वरुण ने एक हाथ से सोनम के लहंगे का नाडा खोला। और एक हाथ उंसके लहंगे में घुसा दिया।आउच मम्मी वरुण नही ।।।सोनम ने अनचाहे मन से उसका हाथ रोकना चाहा पर वरुण का हाथ उसकी पैंटी पर पहुच चुका था।वरुन पैंटी के ऊपर ही सोनम की मुनिया को सहला रहा था।दोनो के होठ एक दूसरे से गुथमगुथा थे और वरुण के दोनों हाथ अपना काम कर रहे थे। सोनम ने भी वरुण को अपनी बाहों में कस के जकड़ा था।वरुण ने पीछे हाथ डालकर सोनम की ब्रा खोली एक ही झटके में उसे हटाकर दूसरी तरफ रख दी। सोनम ने शर्माते हुए अपने दोनों हाथों से अपने दोनों बोबो को ढक लिया। वरुण ने उसके हाथ को हटाकर उंसके एक बूब्स के निप्पल को मुंह मे ले लिया।।आह अऊच
उफ़… उम्म्ह… अहह… हय… याह… हाय… सी… ई…ई
वरुण नही। वरुण धीरे धीरे सोनम के बोबे को चूस रहा था।।

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आह वरुण कुछ हो रहा है वरुण। वरुण का दूसरा हाथ अभी भी सोनम की पैंटी पर ही था। वरुण की जीभ उंसके उतेजना से खड़े हो चुके निप्पल पर चल रही थी और सोनम की सिसकिया निकल रही थी। अब वरुण ने दुसरे निप्पल को अपने मुंह मे लेकर उसकी भी चुसाई चालू कर दी।वरुण का हाथ जो सोनम की पैंटी पर था अब धीरे धीरे पैंटी में जाने लगा।

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सोनम ने अनमने मन से रोकने का प्रयास किया पर वरुण का हाथ सोनम की बिना बालो की कुंवारी मुनिया पर पहुँच गया ।अब सोनम की मुनिया वरुण के हाथ के नीचे थी। आह वरुण नही वहा नही ना न करो वरुण कुछ हो रहा है।वरुण बड़े प्यार से सोनम की मुनिया सहला रहा था।वरुण की एक उँगली सोनम की पंखुड़ियों पर पड़ रही थी।वरुण की हरकतों से उसकी मुनिया पनिया रही थी। अब वरुण ने भी कपड़े खोले वो भी केवल अंडरवियर में हो गया। वापस दोनो एक दूसरे की बाँहो में थे और एक दूसरे को बेहताशा चूमे जा रहे थे। सोनम के नीचे भी अब कुछ गढ़ रहा था वो वरुण का हथियार था जो अब पूरी तरह से तैयार था।वरुण अब सोनम की पैंटी उतारने लगा।

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आह वरुण नही सोनम ने बेमन से रोका।वरुण ने भी अपनी अंडरविअर उतार दी अब दोनों पूरे नँगे थे। वरुण बाहर से ही अपने हथियार को सोनम की मुनिया पर रगड़ रहा था।

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वरुण से अब और ज्यादा इंतज़ार नही हो रहा था।
वरूण ने अपना भारी भरकम मूसल सोनम की छोटी सी कुंवारी मुनिया के मुंह पर लगाया और उसे अंदर करने लगा पर उसका मूसल अंदर ही नही जा रहा था उसे सोनम का छोटा सा छेद ही नही मिल रहा था उसने एक हाथ से उसे टटोला फिर एक जोर के झटके में मूसल का सुपाड़ा
सुपाडा अंदर गया
आ … ह …! आ … आ … आ … ह … आह …!!!”आह वरुण
आह … ह … ह … ह!”मम्मी।। दर्द हो रहा है बहुत।
वरुण ने एक दो झटके ओर दिए और उसका आधे से ज्यादा लौड़ा सोनम की झिल्ली तोड़ते हुए अंदर बढ़ गया । आह मम्मी
आह…आई… ओह… मर गई… हा… उफ़… उम्म्ह… अहह… हय… याह… हाय… सी… ई…ई’ “..सी..सी..सी मम्मी बहुत दर्द हो रहा है आह … ह … ह … ह!”वरुण अब ओर इंतज़ार नही कर पा रहा था वो अपना पूरा मूसल सोनम की छोटी सी ओखली में डाल देना चाहता था। उसने हल्का सा बाहर निकाला और एक बार मे पूरा जड़ तक पेल दिया।

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सोनम की सँकरी चुत की दीवारों को फाड़ता हुआ वरुण का लौड़ा अंदर पहुच गया।सोनम दर्द के मारे एक पल तो बेहोश ही हो गयी दूसरे झटके से वापस होश में आयी।ऐसा लग जैसे किसी ने उसकी चुत को चाकू से चिर दिया हो दर्द के मारे उसकी चूत फ़टी जा रही थी। आह व। रर। रुन बहुत दर्दहो रहा है।आह मम्मी। वरुण अब रुक गया सोनम थोड़ी रिलैक्स हो और फिर वरुण अंदर बाहर करके चुदाई चालू कर सके।वरुण काफी जोश में था आखिर उंसके लौड़े ने किसी चूत में प्रवेश किया और उसकी सील भी तोड़ी।वरुण से ज्यादा रुका नही गया। अब उसने अपने लौड़े को अंदर बाहर करके सोनम की चुदाई शुरू कर दी।और सोनम की चीखें मानो रुक ही नही रही है।

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आह … ह … ह … ह!! यस.. यस..!जान … ! उफ़ … ! ज़ोर से हो गया… !!हा … हआ … ! ओह मम्मी… !… आह … ह … !”
“ओ … ओह … ओ गॉड … हा … आ ह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… सी … इ … ई … ई … !!!!”

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“वरुण..!..!! सी … ई … ई … ई! … उफ़..फ़..फ़ … यहीं ..! मर गयी … मैं..!!! … सी..सी..सी … आह … ह … ह … ह!”
“हय जान..!..! … !..! … हूँ … हूँ … ! मर गयी … मैं..!!!और उसने वरुण को कस के बाँहों में भींचते हुए अपना कामरस निकाल दिया उफ़..फ़..फ़ … !!!” वरुण को भी लग रहा था जैसे उसके लौड़े को सोनम की चूत ने कसकर भींच लिया हो बड़ी मुश्किल से अंदर बाहर हो रहा था।वरुण अपना पूरा लौड़ा निकालता फिर वापस अंदर डाल देता और दर्द के मारे सोनम झटपटाने लगती।वरुण भी सोनम की हालत को समझते हुए बड़े प्यार से उसकी चुदाई कर रहा था।वरुण की उतेजना से उंसके लौड़े की अंदर बाहर होने की स्पीड बढ़ने लगी आह वरुण आराम से करो दर्द के मारे मेरी जान निकल रहल रही है। पर वरुण का लण्ड अब भी सोनम की चुत को चीरते हुए अंदर बाहर हो रहा था।।वरुण की धीरे धीरे स्पीड बढ़ रही थी और सोनम की चीखें।
वरुण पूरी स्पीड में अपने लौड़े को सोनम की चूत में अंदर बाहर कर जोर जोर से उसकी चुदाई कर रहा था

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।आह मम्मी आह आराम से करो जान सहन नही हो रहा वरुण निकाल लो न इसे ।वरुण का लौडा पिस्टन की तरह अंदर बाहर हो रहा था। आज तो वरुण स्वर्ग की सैर कर रहा था।वरुण ने और अपनी स्पीड बढाई पर दो चार तेज झटको में ही वरुण का लावा बह गया।

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आज पहली चुदाई कर रहा था इसलिये जल्दी झड़ गया वो।पर फिर भी 10 मिनट तो सोनम की जमकर चुदाई की थी उसने।सोनम आज कली से फूल बन गयी थी। सोनम को काफी दर्द हो रहा था और ब्लड भी काफी निकला था वो उठकर ओढ़नी लपेट कर लंगड़ाकर बाथरूम जाने लगी चलने से भी उसे दर्द हो रहा था।उधर वरुण ने भी अपने लौड़े को साफ किया जो खून से भर गया था।सोनम वापस आयी वरुण ने उसे बाँहो में भर लिया ।वरुण ने पूछा दर्द हो रहा है क्या। सोनम बोली हाँ हो तो रहा है पर मैंने पहले ही कहा था कितना भी दर्द हो मुझे आप मेरी सुहागरात फीकी नही पड़ने देंगे। यही रात तो जीवन भर याद रहेगी। दोनो एक दूसरे को किस करने लगे।वरुण के हाथ वापस उंसके कोमल कोमल बोबो को सहला रहे थे।। वरुण ने सोनम का हाथ पकड़ कर अपने मुरझाये लौड़े पर रख दिया।सोनम ने लौड़े पर से एक बार तो हाथ हटा लिया पर वरुण ने वापस रख दिया इस बार सोनम ने उसके लौड़े को पकड़ा लौड़ा बहुत गर्म लग रहा था और सोनम ने हल्के हल्के हाथों से सहलाया उसने वरुण को बोला अभी तो ये कितना बड़ा था कितना दर्द दिया मुझे।वरुण बोला वापस जाएगा तो बड़ा हो जाएगा।सोनम वरुण के लौड़े को मुठी में भिचकर धीमे धीमे हिला रही थी

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और दोनों एक दूसरे को चूमे जा रहे थे दोनो वापस गर्म हो रहे थे वरुण का लौड़ा भी वापस अपने फुल साइज में आ गया।

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अब वरुण वापस सोनम की चुदाई के लिए तैयार था ।वरुण ने दो चार झटको में अपना पूरा लौड़ा सोनम की चूत में पेल दिया। आह वरुण मर गयी मैं आह वरुण दर्द हो रहा है।अब वरुण अंदर बाहर कर सोनम को चोदने लगा ।वरुण ने थोड़ी देर में ही अपनी स्पीड बढ़ा दी। और कस कस के शॉट लगाने लगा।

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सोनम की चूत की दीवारों पर रगड़ खाता हुआ वरुण का लौड़ा सोनम को मजा और दर्द दोनो दे रहा था।ऐसी धकमपेल लगभग आधे घंटे तक चलती रही सोनम की चुत ने दो बार अपना पानी छोड़ दिया पर वरुण के धक्के अभी भी चालू थे।चुत पर लग रहे धक्कों से सोनम की चुत भी लाल पड़ गयी। सोनम भी चीखे निकालकर निकालकर थक गयी। उसकी चीखे कमरे के बाहर तक जा रही थी ।।।आह … ह … ह … ह!” मम्मी।।।आई......मम्मी दर्द हो रहा है।।।।।
“आह … ह … ह …!!”आह…आई… ओह… मम्मी मर गई… हा… उफ़… उम्म्ह… अहह… हय… याह… हाय… सी… ई…ई’ “वरु..!..! …!..न! आह … ह … ह!! सी … ई … ई … ई! … बस बस..उफ़..फ़..फ़! प्लीज़ … मर जाऊंगी..सी..सी..सी आह … ह … ह … ह!”दूसरे राउंड में तो वरुण ने सोनम की फाड़ ही दी। 30 40 मिनट चुदाई कर वरुण ने अपने गरमागरम वीर्य से सोनम की चूत को भर दिया।

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सोनम तो दर्द से मरी जा रही थी। वरुण ने सोनम को बाँहो में ले रिलैक्स किया और दोनों प्यार भरी बातें करते सो गए।

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लगभग 4 5 बजे वरुण की आंख खुली उसकी बाँहों में सोनम बिल्कुल नँगी पड़ी थी और वो भी बिल्कुल नँगा था। उसने सोनम के बूब्स को सहलाया ओर एक हाथ नीचे उसकी चूत पर ले गया। और दोनों को हल्के हल्के हाथों से सहलाने लगा। वरुण की इन हरकतों से सोनम की भी आंख खुल गयी।आह … ह … ह … ह वरुण क्या कर कर रहे हो कुछ हो रहा है मुझे। वरुण बोला औऱ प्यार करना है मुझे सोनम। हाँ वरुण करो औऱ प्यार करो मुझे। ओर दोनो के होंठ वापस एक दूसरे से जुड़ गए।जो हाथ सोनम के बोबो को सहला रहे थे अब उन्हें मसल रहे थे।आह वरुण मेरी जान आराम से करो।वरुण का लौड़ा वापस अपनी औकात पर आ गया। वरुण से अब कंट्रोल नही हो पा रहा था वो जल्द से जल्द अपना लौड़ा सोनम की चुत में डाल देना चाहता था। वरुण ने अपना लौड़ा पकड़ा और सोनम की चूत में पेलने लगा।एक ही झटके में अपना आधे से ज्यादा मोटा लौड़ा पेल दिया।कितनी टाईट चुत थी सोनम की पर उसका चीरते हुए अंदर घुस गया। आ.इईईईई मम्मी …ओह मम्मी ओ … ओह … ओ मम्मी … हा … आ ह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… सी … इ … ई … ई … !!!!”वरुण ने दो चार झटको में पूरा लौड़ा जड़ तक पेल दिया।आह वरुण ।।।मर गयी मैं।वरुण अब धीरे पूरा लौड़ा बाहर निकलता ओर वापस पूरा लौड़ा अंदर कर देता। धीरे धीरे वापस वरुण सोनम की चुदाई करने लगा

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थोडी देर में ही सोनम झड़ गयी।पर वरुण लगभग आधे घण्टे तक उसकी हचक हचक कर चुदाई करने लगा। सुबह तक सोनम की चुत सूज गयी थी और उसे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था।सुबह जब उसकी ननद जेठानी उंसके रूम में आई तब सोनम केवल पेटिकोट बलाउज में थी ब्रा पैंटी भी बिखरी हुई पड़ी थी।और सोनम को हल्का हल्का बुखार भी था बेड शीट पर भी खून के धब्बे लगे थे। और सोनम से उठा भी नही जा रहा था। उसकी जेठानी बोली देवर जी तो पूरा ही बेसबर हा। एक रात में ही सोनम की पटक पटक कर ली दिके। सोनम की एक ननंद बोली हा भोजाई की सील टूटते ही बुखार आ गयो दूसरी बोली जबरदस्त रगड़ाई करी दिके। रात का आवाज भी बहुत आ री ही भोजाई बी की मम्मी ने बहुत याद कर री ही।ऐसे ही सब हंसी मजाक करने लगी ।सोनम की सास को पता चला कि सोनम को बुखार आ गया है तबियत सही नही है तो दो दिन तक दोनो को साथ नही सुलाया ओर वरुण को भी डांट पिलाई।दो दिन बाद सोनम को लेने उसकी मम्मी महिमा आयी उस दिन सोनम ओर वरुण को साथ सुलाया क्योंकि अगले दिन सोनम को वापस जाना था।वरुण सोनम दोनो रूम में अकेले थे सोनम बोली मुझे माफ़ कर देना मेरे कारण आपकी डांट लगी और हम दोनों को अलग सोना पड़ा। वरुण बोला तुम ठीक हो ना अब। फिर दोनों वापस उसी दिन की तरह चुदाई करने लगे वरुण दो बार उस रात सोनम को। बेचारी सोनम उसको तो यह भी नही पता था कि ऊपर वाले रुम में वो चुद रही है तो नीचे वाले रूम मैं उसका ससुर उसकी माँ महिमा को पेल रहा है।हफ्ते भर बाद दोनों हनीमून पर चले गए । वरुण ने तो सोनम को पहले ही बोल दिया था कि वो उसे वहाँ कपड़े पहनने नही देगा और उसे नँगी ही रखेगा ओर एंगल से उसकी लेगा। हनीमून पे आते ही वरुण आते ही सोनम को नँगा करने लगा। आह वरुण मानो ना रुको तो फ्रेश तो होने दो पर वरुण ने सोनम के सारे कपड़े उतार दिए सोनम फ्रेश हुई और वरुण उसपे टूट पड़ा एक राउंड उसकी तगड़ी ली फिर डिनर करके वापस सोनम को बाहों में लिया और अपना लौड़ा सोनम के हाथ मे रख दिया और बोला जान लो न चुसो न इसे प्यार करो।सोनम हिचकिचाई पर फिर उसे चूसने लगी वरुण के लौड़े की पहली बार चुसाई हो रही थी।

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हा जान ऐसे ही चुसो इसे ओर प्यार दो इसे।सोनम ने 10 मिनट में ही वरुण के लौड़े को झाड़वा दिया।

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2 3 दिन हो गए दोनो नाममात्र बाहर निकलते ओर पूरे दिन चुदाई में लगे रहते साथ नहाते साथ डिनर करते रम में बिल्कुल नँगे रहते।। वरुण ने 2 3 दिन में सोनम को कभी घोड़ी बनाकर
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कभी टेबल के सहारे कभी दिवार के सहारे खड़े खड़े कभी बाथरूम में शावर में चोदा तो कभी खुद सोनम वरुण के लौड़े पे बैठ के चुदी। दोनो ऐसे ही पलँग पर एक दूसरे की बाँहो में पड़े थे। वरुण बोला सोनम आज जो करूँगा तुम मना तो नही करोगी ना। नही मेरी जान कुछ भी मन नही करूंगी बोलो तो आज क्या करने वाले हो।सोनम आज में तुम्हारे पीछे डालने वाला हु। ओह वरुण बहुत दर्द होगा वहा। मेरी जान बहुत प्यार से करूँगा। ठीक है मेरी जान आज वेसे ही करेंगे। फिर नाईट में सोनम ने वरुण के लौड़े की तेल की मालिश कर पूरा चिकना कर दिया। वरुण ने भी सोनम को घोड़ी बनाके अच्छे से उसकी गांड पे तेल लगाकर चिकना कर दिया। और अब अपना लौड़ा उसकी गांड में डालने लगा और एक ही झटके में उसका मोटा सुपाड़ा सोनम की गांड में डाल दिया।सोनम दर्द के मारे झटपटाई ओर आगे हुई जिससे वरुण का लौड़ा सोनम की गांड से निकल गया।आह वरुण बहुत दर्द हुआ।वरुण ने उसे प्यार से साइन से लगाया और वापस तैयार किया।अब धीमे धीमे करके आधा लौड़ा सोनम की किसी हुई गांड में पल दिया। वरुण बस करो अब और आगे नही।वरुण अब अपने आधे लौड़े से ही सोनम की गांड मारने लगा। आह मम्मी वरुण नही करो। वरुण ने 15 20 मिनट तक सोनम की गांड मारी।

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अगले पूरे दिन वरुण ने सोनम की चुत में तो डाला ही नही बस जब भी डालता उसकी गांड में ही। रात को सोनम बोलने लगी जान आज तो एक बार भी आगे नही करा मुझे खुजली हो रही है वरुण नेसोनम की चुत पर हाथ फेरा फिर अपनी जीभ लगादी ।

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आह वरुण मानो न तुम बहुत खराब हो।ओह वरुण हा यही हा यही करो..सी..सी..सी आह … ह … ह … ह!”
“आह … ह … ह …अच्छा लग रहा है। अब दोनों 69 की पोजीशन में थे

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सोनम के मुंह मे वरुण का लौड़ा था तो वरुण की जीभ सोनम की चुत पर दोनो एक दूसरे को हराने में लगे थे।9 10 दिन के हनीमून में दोनो ने बहुत चुदाई की सोनम भी काफी खुल गयी थी दोनो ने हर पोजिशन में सेक्स किया।
ओर दोनो वापस हनीमून मनाके लौट आये।
 

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