Adultery चन्डीमल हलवाई की दो बीवियाँ और नौकर (सम्पूर्ण)

LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
17,462
29,411
173
रघु का लण्ड उसके धोती में एकदम तना हुआ था, लालटेन के धीमी रोशनी कमरे में फैली हुई थी, रघु ने बिंदिया की तरफ करवट बदली और उसकी कमर पर हाथ रख दिया।
बिंदिया जो अभी तक जाग रही थी, रघु के हाथ को अपने ऊपर महसूस करके एकदम सिहर गई, दोनों एक ही रज़ाई के अन्दर लेते हुए थे और बेला दूसरी रज़ाई में थी।
रघु ने अपने हाथ को बिंदिया के चेहरे पेट पर घुमाना चालू कर दिया। बिंदिया एकदम से काँप गई, उसने रघु के हाथ के ऊपर अपना हाथ रख दिया और रघु की तरफ चेहरे को घुमा कर देखने लगी। दोनों की नजरें आपस में जा टकराईं।
बिंदिया पीठ के बल लेटी हुई थी, वो कभी चेहरे को अपनी माँ बेला की तरफ घुमा कर देखती.. तो कभी रघु की तरफ..।
बिंदिया को इस बात का भरोसा नहीं हो रहा था कि रघु जो कल तक उससे देखना पसंद नहीं करता था। आज उससे अपनी बांहों में भरे हुए है।
रघु ने उसके कंधों को पकड़ कर अपनी तरफ घुमा लिया.. अब दोनों एक-दूसरे की आँखों में झाँक रहे थे। इससे पहले कि बिंदिया को कुछ समझ आता, रघु ने पीठ के बल लेटते हुए.. अपने दोनों के ऊपर से रज़ाई को कमर तक सरका दिया।
अब बिंदिया करवट के बल लेटी हुई थी। उसकी पीठ अपनी माँ बेला की तरफ थी और रघु पीठ के बल लेटा हुआ था।
अपने पास हो रही सरसराहट से बेला का ध्यान उन दोनों की तरफ गया। जो अभी तक सोई हुई नहीं थी और वो अपने सर को थोड़ा सा उठा कर दोनों की तरफ देखने लगी.. क्योंकि बिंदिया की पीठ उसकी तरफ थी, इसलिए बेला ठीक से देख नहीं पा रही थी।
रज़ाई को कमर तक सरकाने के बाद.. रघु ने अपनी धोती को अपने ऊपर से हटा दिया। उसका 8 इंच का फनफनाता हुआ लण्ड बाहर उछल पड़ा। जिससे देख कर बिंदिया के दिल की धड़कनें थम गईं। वो फटी हुई आँखों से कभी रघु की तरफ देखती और कभी रघु के मूसल जैसे काले लण्ड की तरफ।
"माँ उठ जाएगी..।" बिंदिया ने घबराते हुए फुसफुसाया।
रघु ने उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और बिंदिया का हाथ पकड़ कर अपने लण्ड के ऊपर रख दिया। बिंदिया का पूरा बदन एकदम से काँप गया, साँसें मानो जैसे थम गई हों। उसको ऐसा लग रहा था.. जैसे उसने कोई लोहे के गरम रॉड पकड़ ली हो। वो बुरी तरह सहम गई और उसने अपना हाथ पीछे को खींच लिया।
ये देख रघु करके होंठों पर मुस्कान फ़ैल गई, वो अपने होंठों को बिंदिया के कानों के पास ले गया और धीमे स्वर में बोला- ओए डर क्यों रही है.. हिला ना इसे.. मेरी जान..।"
ये कहते हुए उसने फिर से बिंदिया का हाथ पकड़ कर अपने लण्ड के ऊपर रख दिया और उसका हाथ पकड़े हुए मुठ्ठ मारने वाले अंदाज में बिंदिया के हाथ को धीरे-धीरे अपने लण्ड पर आगे-पीछे करने लगा।
बिंदिया शरम से गढ़ी जा रही थी।
थोड़ी देर बाद रघु ने बिंदिया के हाथ से अपना हाथ हटा लिया और थोड़ा सा बिंदिया के तरफ झुकते हुए, उसके होंठों की तरफ अपने होंठों को बढ़ाने लगा। बिंदिया की धड़कनें एकदम से तेज हो गईं और उसने अपने आँखों को बंद कर लिया।
जैसे ही रघु ने बिंदिया के होंठों पर अपने होंठों को रखा.. बिंदिया के पूरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ गई। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।
रघु धीरे-धीरे उसके होंठों को चूसने लगा, बिंदिया भी धीरे-धीरे गरम होने लगी। रघु ने एक हाथ बिंदिया की बाईं चूची पर रख कर धीरे से उसे मसल दिया, बिंदिया के पूरे बदन में मानो करेंट सा दौड़ गया।
उसका हाथ रघु के लण्ड पर खुद ब खुद आगे-पीछे होने लगा। पीछे लेटी हुई बेला ये नज़रा आँखें फाड़े देख रही थी।
उसकी नज़र रघु के फुंफकार रहे काले चमड़ी वाले लण्ड और उसके गुलाबी सुपारे पर से हट ही नहीं रही थी और उसकी बेटी रघु के लण्ड को धीरे-धीरे हिला रही थी।
ये देख कर बेला की चूत पूरी तरह पनिया गई, उसका हाथ लहँगे के ऊपर उसकी चूत पर आ गया और वो अपनी पनियाई हुए चूत को धीरे-धीरे लहँगे को ऊपर से मसलने लगी।
पीछे लेटी हुई बेला ये नज़रा आँखें फाड़े देख रही थी।
उसकी नज़र रघु के फुंफकार रहे काले चमड़ी वाले लण्ड और उसके गुलाबी सुपारे पर से हट ही नहीं रही थी और उसकी बेटी रघु के लण्ड को धीरे-धीरे हिला रही थी।
ये देख कर बेला की चूत पूरी तरह पनिया गई, उसका हाथ लहँगे के ऊपर उसकी चूत पर आ गया और वो अपनी पनियाई हुए चूत को धीरे-धीरे लहँगे को ऊपर से मसलने लगी।
रघु भी बिंदिया के होंठों को चूसते हुए.. उसकी दोनों चूचियों को बारी-बारी मसल रहा था और बिंदिया की चूत भी धीरे-धीरे पानी बहाने लगी।
रघु ने अपना दूसरा हाथ नीचे ले जाकर बिंदिया के लहँगे को ऊपर खिसकाना चालू कर दिया.. बिंदिया का जवान बदन रघु के दमदार हाथों से रगड़े जाने के कारण बेकाबू हो गया था।
वो इस कदर गरम हो गई थी कि वो ये भी भूल गई थी कि उसकी माँ भी उसी कमरे में है। लहंगा ऊपर सरकते ही.. रघु ने चड्डी के ऊपर से बिंदिया की चूत पर हाथ रख कर धीरे-धीरे सहलाना शुरू कर दिया। अपनी चूत पर रघु के हाथ पड़ते ही.. बिंदिया एकदम से मचल उठी।
उसकी चूत ने कामरस बहाना और तेज कर दिया.. उसकी साँसें और तेज हो गईं। गनीमत थी कि रघु ने उसके होंठों को अपने होंठों में भर रखा था।
ये सब देख कर पीछे लेटी बेला का बुरा हाल हो रहा था, उसकी चूत पूरी पनिया गई थी। बिंदिया का हाथ अब पूरी तेज़ी से रघु के लण्ड के ऊपर आगे-पीछे हो रहा थे। उसके हाथों में पहनी हुई चूड़ियाँ बजने लगी थीं। जो बेला को और गरम बना रही थीं।
बिंदिया की जवान चूत को पहली बार ऐसे किसी ने टटोला था। जवानी की आग और चूत पर रघु के हाथों ने बिंदिया के सबर का बाँध तोड़ दिया और उसकी चूत ने कामरस बहाना शुरू कर दिया।
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
17,462
29,411
173
images
images
60d8b0eedd45d3362d1bc5767acf7ac2.mp4-8.jpg
14095767787122812967_0.jpg
12cca7615817f509e7347dbcfb5fa3c5.14.jpg
Image_276647_copy_330x400-rotated.jpg
Image_198200_copy_330x400.jpg
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
17,462
29,411
173
बिंदिया का पूरा बदन झटके खाने लगा और काँपते हुए झड़ने लगी। इसके साथ ही रघु के लण्ड से वीर्य की बौछार होने लगी.. जिसे बिंदिया के हाथ बुरी तरह सन गए.. दोनों झड़ गए थे।
(m=qQQ0XKWbeGNdHgaaaa)(mh=hrPl65smZlBjaPID)0.jpg
थोड़ी देर बाद जब रघु ने अपने होंठों को बिंदिया के होंठों से अलग किया.. तो बिंदिया ने रघु की आँखों में देखा और फिर शर्मा कर उसने नजरें झुका लीं।
बिंदिया अपने हाथ धोने उठ कर बाहर चली गई.. पर रघु वैसे ही लेटा रहा।
बेला अपने दामाद के अधखड़े लण्ड की ओर बिना पलकें झपकाए देख रही थी। उसकी चूत की आग बुरी तरह भड़क उठी थी और वो सोनू को कोस रही थी..
अगर सोनू यहाँ होता तो वो कल अपनी चूत की आग बुझा लेती.. पर वो यहाँ पर नहीं था।
थोड़ी देर बाद बिंदिया कमरे में वापिस आई तो रघु ने अपनी धोती ठीक करके.. अपने ऊपर रज़ाई ओढ़ ली और सोने के कोशिश करने लगा.. वो जानता था कि इस वक्त तो चूत मिलने से रही.. तो जाग कर क्या फायदा।
अगली सुबह जब रघु उठा तो उसने देखा कि कमरे में कोई नहीं था। वो जब उठ कर बाहर आया तो.. उसने देखा कि बेला और बिंदिया बाहर आँगन में बने छोटे से रसोई घर में चाय बना रही थी।
रघु का लण्ड सुबह-सुबह तना हुआ था और धोती को आगे से उठाए हुए था। बेला की नज़र जैसे ही अपने दामाद की फूली हुई धोती पर पड़ी.. उसके होंठों पर कातिल मुस्कान फ़ैल गई। ये बात रघु को भी पता चल गई।
"आओ दामाद जी उठ गए.. नींद तो अच्छी आई होगी ना…।" बेला ने मुस्कुराते हुए रघु से पूछा।
जवाब मैं रघु ने सिर्फ़ 'हाँ' में सर हिला दिया।
इतने में पड़ोस में रहने वाली एक भाभी बेला के घर पर आ गई और वो बिंदिया को शौच के लिए साथ लेकर चली गई।
अब दोनों रघु और बेला घर पर अकेले थे। बेला का पति तो सुबह जल्दी ही सेठ के दुकान पर चला गया था।
"हाँ तो दामाद जी.. मेरे बेटी ने आपको किसी किसिम की तकलीफ तो नहीं दी..।" बेला ने रघु की तरफ देखते हुए कहा।
"नहीं ऐसी कोई बात नहीं है…।" रघु ने उदास सा चेहरा बनाते हुए कहा।
दोपहर हो चुकी थी, बेला के मन में सुबह से उथल-पुथल मची हुई थी। बार-बार उसकी आँखों के सामने रघु का काला मोटा लण्ड घूम जाता। बिंदिया अपनी सहेली के घर पर उससे बातें कर रही थी और बेला सेठ के घर से कुछ काम निपटा कर लौटी तो उसने देखा कि रघु अन्दर अकेला लेटा हुआ था।
"अरे दामाद जी… बिंदिया कहाँ है..?" बेला ने रघु के पास चारपाई पर बैठते हुए कहा।
रघु- वो अपनी सहेली के घर पर है।
बेला- इस लड़की को कब अकल आएगी.. अपने पति को यहाँ अकेला छोड़ कर खुद गप्पें लड़ा रही होगी… रूको मैं अभी उससे बुला कर लाती हूँ।
ये कह कर बेला उठ कर जाने लगी तो रघु ने आगे बढ़ कर उसका हाथ पकड़ लिया, "अरे सासू जी… करने दो ना उसे अपनी सहेलियों से बातें.. अब वो रोज-रोज थोड़ा यहाँ आने वाली है।"
रघु के खींचने से बेला लगभग उसके ऊपर गिरते हुए चारपाई पर आ बैठी। अपने आप को गिरने से बचाने के लिए बेला ने अपने दोनों हाथ रघु की छाती पर रख दिए और उसका पल्लू उसकी चोली से सरक कर नीचे गिर गया।
चोली में कसी हुई चूचियों को ऊपर-नीचे होता देख कर रघु का लण्ड फुंफकारने लगा और अपने दामाद को इस तरह अपनी चूचियों को घूरता देख बेला एकदम से शर्मा गई। उसने अपने चुनरी को अपने चूचियों से ढकना चाहा, पर रघु ने पहले ही बेला की चुनरी को पकड़ लिया।
"क्या सासू जी.. आप तो ऐसे शर्मा रही हो.. जैसे मैं कोई बाहर वाला हूँ… मुझे भी तो अपने हुश्न का दीदार करने दीजिए।" ये कहते हुए रघु चारपाई पर उठ कर बैठ गया और बेला के गले में अपनी एक बाजू को डाल कर उसे अपनी तरफ खींचा।
बेला ने शरमाते हुए कहा- हटिए… क्या कर रहे हो दामाद जी, मुझ बूढ़ी के पास अब हुश्न बचा ही कहाँ है.. आप तो ऐसे ही झूटी तारीफ़ कर रहे हो।
रघु- नहीं झूठ नहीं बोल रहा.. यकीन ना हो तो ये देख लो।
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
17,462
29,411
173
ये कहते हुए रघु ने अपनी धोती को खोल कर चारपाई पर फेंक दिया और खुद बेला के सामने खड़ा हो गया। उसका काला लण्ड किसी नाग के तरह फुंफकारते हुए हवा में झटके खा रहा था।
tumblr_n8k1026Z101r3wm2bo6_500.gif
जिसे देख बेला कर आँखें झपकाना भूल गईं, उसकी साँसें तेज होने लगीं। "ये.. ये.. क्या कर रहे हैं दामाद जी आप…?" बेला ने लड़खड़ाती हुई आवाज़ में कहा।
रघु ने मुस्कुराते हुए कहा- आपको अपने दिल का हाल दिखा रहा हूँ सासू जी.. देखिए ना.. जब से आपको देखा है, ये बैठने का नाम ही नहीं ले रहा है।
j3tf1tk84g641.gif
बेला ने घबरा कर बाहर की ओर देखते हुए कहा- ये आप ठीक नहीं कर रहे दामाद जी.. वो बाहर दरवाजा खुला है.. अगर बिंदिया ने आकर आपको इस हालत में देख लिया तो वो मेरे बारे में क्या सोचेगी।
रघु- वो कुछ भी सोचे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.. आख़िर उसने अभी तक मुझे मेरे पति होने का हक़ तो दिया नहीं।
बेला ने काँपती हुई आवाज़ में कहा- देखिए दामाद जी..आप ये धोती पहन लीजिए.. बिंदिया अभी बच्ची है… मैं उससे बात करूँगी।
इतने में बाहर से बिंदिया के हँसने की आवाज़ आई। रघु ने अपनी धोती फ़ौरन बाँध ली.. बिंदिया की आवाज़ घर के बाहर से आ रही थी.. शायद वो अपनी किसी सहेली से बात करते हुए घर के बाहर खड़ी थी। उसकी आवाज़ सुन कर बेला एक पल के लिए बुरी तरह घबरा गई।
चलिए दूसरी तरफ चलते हैं वहाँ अपना सोनू अपनी मालकिन को आपके लिए बैठा है।
दूसरी तरफ रजनी और सोनू नास्ता करके बैठे ही थे कि बाहर दरवाजे पर दस्तक हुई, जब जया ने बाहर जाकर दरवाजे खोला तो सामने सेठ गेंदामल की दुकान का नौकर खड़ा था। उसने बताया कि सेठ की नई पत्नी.. सीमा की तबियत अचानक से खराब हो गई है और सेठ ने रजनी मालकिन को जल्द ही वहाँ वापिस बुलाया है।
जया और रजनी ने उस आदमी को ये कह कर वापस भेज दिया कि वो कल पहुँच जायेंगे।
दोपहर का वक़्त था। रजनी के मायके का घर तो सोनू के लिए मानो स्वर्ग ही था और वापिस जाने के खबर को सुन कर रजनी, जया और सोनू तीनों थोड़ा दुखी थे। आख़िर एक ना एक दिन तो उनको वापिस जाना ही था, रजनी ऊपर आकर अपना सामान पैक करने लगी। उसकी माँ जया भी उसका हाथ बंटाने लगी।
"रहने दीजिए ना माँ.. मैं कर लूँगी..।" रजनी ने जया की तरफ देखते हुए कहा।
"तो क्या हुआ बेटी.. मैं वैसे भी खाली ही बैठी थी।"
रजनी- माँ अब कल वापिस जा रहे हैं, पता नहीं फिर कब यहा आना हो।
जया- कोई बात नहीं बेटी, जब चाहे आ जाना।
फिर रजनी को सोनू और अपने सामान को पैक करने में काफ़ी वक़्त लगा। सोनू बाहर जाकर एक तांगे वाले को कल के लिए बोल आया था।
रात ढलते ही सोनू और रजनी दोनों ऊपर अपने कमरे में आ गए। सोनू ने अन्दर आते ही.. रजनी को अपनी बांहों में भर लिया और उसके होंठों को चूसने लगा.. पर रजनी ने उसे पीछे हटा दिया।
रजनी- देखो ना हम कल जा रहे हैं.. उसके बाद माँ यहाँ फिर से अकेली हो जाएगी..।
सोनू रजनी की बात सुन कर चुप हो गया।
"मैं पेशाब करके आती हूँ।" ये कह कर रजनी कमरे से बाहर चली गई।
सोनू बिस्तर पर बैठ गया.. उसका दिल यहाँ से जाने का बिल्कुल भी नहीं था, पर वो चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता था। सोनू बिस्तर पर बैठा हुआ था, तभी जया कमरे में आ गई..उसके हाथों में दो गिलास थे।
"ये लो तुम दोनों दूध पी लो..।" ये कहते हुए जया ने दूध के गिलास मेज पर रख दिए।
सोनू को यूँ उदास देख कर जया उसके पास जाकर बैठ गई।
"क्या हुआ इतना उदास क्यों है..?" जया ने सोनू की तरफ देखते हुए कहा।
"वो हम कल जा रहे है ना इसलिए।"
जया सोनू की बात सुन कर मुस्कुरा दी।
"तो तू क्यों उदास हो रहा है.. रजनी तो तुम्हारे साथ ही है ना.. अकेली तो मैं रह जाऊँगी।" जया ने सोनू की जांघ को सहलाते हुए कहा।
सोनू ने जया की तरफ देखा.. जया की आँखों में वासना की खुमारी छाई हुई थी। दोनों एकटक एक-दूसरे की नजरों को देख रहे थे।
 
LEGEND NEVER DIES................................
Moderator
17,462
29,411
173
सोनू ने अपने होंठों को जया के होंठों पर रख दिया,
WizVta.gif
जया एकदम से पीछे हट गई और बिस्तर से खड़ी होकर बाहर को जाने लगी.. सोनू ने उससे पकड़ने के लिए हाथ आगे बढ़ाया.. तो जया का शाल उसके हाथ में आ गया और वो उसके बदन से अलग हो गया।अब जया सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में सोनू के सामने खड़ी थी। उसके ब्लाउज में कसी हुई चूचियां ऊपर-नीचे हो रही थीं। ये देख कर सोनू का लण्ड पजामे में एकदम तन कर खड़ा हो गया.. उसने आगे बढ़ कर जया को अपनी बाँहों में भर लिया और उसके होंठों को एक बार फिर से अपने होंठों में भर कर चूसने लगा।
सोनू का लण्ड जया के पेटीकोट के ऊपर से उसकी चूत के ऊपर जा लगा।
जया के पूरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ गई। उसका बदन ढीला पड़ने लगा.. मौका देख सोनू ने जया को बिस्तर के पास ले जाकर उसको बिस्तर पर धकेल दिया और पागलों की तरह जया पर टूट पड़ा।
वो उसके होंठों गालों और गर्दन और चूचियों के ऊपर हिस्से को चूमने लगा… जया एकदम मदहोश सी हो गई।
जया- आह ओह्ह सोनू बेटा.. रजनी आ जाएगी ओह.. छोड़ मुझे क्या कर रहा है।
जया भले ही सोनू को छोड़ने के लिए कह रही थी, पर वो उसका विरोध बिल्कुल भी नहीं कर रही थी। सोनू बुरी तरह उसकी चूचियों को मसलते हुए.. उसके पूरे बदन को अपनी जीभ से चाट रहा था
tumblr_o53hqjpn3u1s7u3gao1_500.gif
और जया अब कामविभोर होकर 'आहह.. ओह्ह' कर रही थी।
सोनू ने दोनों हाथों से जया के ब्लाउज के हुक खोल दिए और उसके ब्लाउज को थोड़ी सी मेहनत के बाद जया के बदन से अलग कर दिया।
GIF-211211-002920.gif

अब सोनू के सामने जया के दोनों बड़ी-बड़ी चूचियां बेपर्दा हो चुकी थीं.. जिसे देख कर सोनू की आँखों में वासना का भूत का सवार हो गया और वो अपने दोनों हाथों में जया के दोनों पपीतों को भर कर ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा।
tumblr_mdd125gPbk1rhqd9oo1_500.gif
जैसे वो उसका सारा दूध निचोड़ लेना चाहता हो, "आह्ह.. सोनू रजनी आ जाएगी बेटा आह.. मेरे बात सुन ले छोरे…।"
सोनू ने जया की चूचियों को निचोड़ते हुए.. झुक कर उसके एक चूचुक को मुँह में भर लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा और एक हाथ नीचे ले जाकर जया का पेटीकोट ऊपर उठाने लगा।
20141220211453uid.gif

जया ने अपना हाथ नीचे ले जाकर सोनू को रोकने की नाकामयाब कोशिश की और आखिर सोनू ने उसके पेटीकोट को ऊपर उठा ही दिया। फिर सोनू ने अपने पजामे के नाड़े को खोल कर अपना पजामा बाहर निकाल दिया।
images

सोनू ने ये सब इतनी फुर्ती से किया कि जया को संभलने का मौका भी नहीं मिला और अगले ही पल सोनू के लण्ड का दहकता हुआ सुपारा
tumblr_nwpykcXVGq1u2cv3go3_500.gif
जया की चूत की फांकों को फैला कर चूत के छेद पर जा लगा।
tumblr_nwpykcXVGq1u2cv3go4_500.gif

जया के पूरे बदन मैं बिजली सी कौंध गई.. उसकी आँखें मस्ती में बंद हो गईं और जया ने अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाकर अपने सर के नीचे रखे तकिए को कस कर पकड़ लिया।
Makan-malik-ke-bete-ke-sath-chudai-khel-with-hindi-dirty-audio.jpg

जया सोनू के लण्ड के गरमी को अपनी चूत के छेद पर महसूस करके बेहाल हो चुकी थी। उसने अपने हथियार सोनू के सामने डाल दिए, ये देख कर सोनू घुटनों के बल बैठ गया और पास पड़े जया के ब्लाउज को उठा कर बिस्तर की दूसरे तरफ फेंक दिया और फिर जया की टांगों को घुटनों से मोड़ कर ऊपर उठा कर फैला दिया। सोनू ने देखा जया लेटी हुई तेज़ी से साँसें ले रही थी।
mom-beta-sex-story-1-701x1024.jpg

उसकी बड़ी-बड़ी गुंदाज चूचियां साँस लेने से ऊपर-नीचे हो रही थीं। जब सोनू की तरफ से कोई हरकत नहीं हुई.. तो जया एकदम से मचल उठी और अपनी गाण्ड को धीरे-धीरे ऊपर उठाने लगी।
ये देख कर सोनू के होंठों पर मुस्कान फ़ैल गई.. सोनू के लण्ड का मोटा सुपारा जया की चूत के छेद फ़ैलाता हुआ अन्दर घुसने लगा।
"ओह्ह चोद ना..आ सोनू रुक्ककक.. क्यों गया ओह… मेरी चूत मैं आग लगा दी… आह्ह..।"
good-tits-and-soft-pussy-every-mans-dream.gif

सोनू ने भी ज्यादा देर नहीं की और एक जोरदार धक्का मार कर अपना पूरा लण्ड एक ही बार में जया की चूत की गहराईयों में उतार दिया।
जया- आह्ह.. सोनू मेरी चूतततत्त.. फाड़ दी…ए ओह..।
unnamed-2.gif

सोनू जया के ऊपर झुक गया और उसकी टांगों को अपने कंधों पर रख कर जोरदार धक्के लगाने लगा। हर धक्के के साथ सोनू के लण्ड का सुपारा उसकी बच्चेदानी के मुँह से जा टकराता और जया की चूत में मस्ती की लहर दौड़ जाती। वो भी अपनी गाण्ड को ऊपर की ओर उछाल कर अपनी चूत की गहराईयों में सोनू के लण्ड को लेने के कोशिश करती और जब सोनू की जाँघों की जड़ें.. जया के भारी और मोटे चूतड़ों से टकरातीं.. जया की गाण्ड वापिस बिस्तर से आ टकराती।
tumblr_mp1xhvPOrT1qd5ic3o1_500.gif

तभी अचानक से कमरे का दरवाजा खुला और रजनी अन्दर आ गई। अन्दर का नज़ारा देख रजनी एकदम से चौंक गई। दरवाजा खुलने की आवाज़ सुन कर दोनों दरवाजे की तरफ देखने लगे।
यहाँ पर रजनी खड़ी थी। रजनी बुरी तरह से झेंप गई और कमरे से बाहर जाने लगी.. जया ने भी अपने बेपर्दा हुई चूचियों को ढकने के लिए ब्लाउज को ढूँढना शुरू कर दिया.. पर जब सोनू ने ब्लाउज को बिस्तर के दूसरी तरफ फेंका तो जया की आँखें बंद थीं।
सोनू ने अपने लण्ड को जया की चूत से बाहर निकाला और बिजली की फुर्ती के साथ बिस्तर से नीचे उतर कर रजनी को पीछे से पकड़ लिया और बिस्तर के पास ले आया।
sex-with-aunty-bhabhi.jpg

"ये ये क्या कर रहा है सोनू.. तू छोड़.. छोड़ मुझे….।" रजनी ने शरमाते हुए कहा।
"नहीं मालकिन आज मैं तुम दोनों को एक साथ चोदूँगा… ये हमारी आख़िर रात है यहाँ पर…।"
रजनी ने शर्मा कर नीचे की ओर देखते हुए कहा- नहीं सोनू.. छोड़ मुझे मुझसे नहीं होगा ये सब माँ के सामने… जाने दे मुझे सोनू, देख मुझे शर्मिंदा ना कर।
devar%2Bbhabhi%2Bki%2Bsex.png

बिस्तर पर बैठी जया को कुछ समझ में नहीं आ रहा था.. वो अपने दोनों हाथों से अपनी बड़ी-बड़ी चूचियों को छुपाने की कोशिश कर रही थी। जया ने बिस्तर से नीचे उतरने की कोशिश की पर सोनू ने उसे वापिस बिस्तर पर धकेल दिया।
(PornGIF.cc)_poonam-pandey-amy-reid-aki-nagase-preview.jpg
 

Top