कुछ ही देर में मेरी नींद खुली.....हम लोग अभी भी उसी जकूज़ी में थे....सीमा भी मेरे सामने थी और उसकी भी आँखें बंद थी....मेरा पैर अभी भी उसकी चूत के उपर ही था,...मैंने धीरे से अपने अंगूठे से उसकी चूत के होंठ को सहलाया....सीमा थोडा सा कुनमुनाई और फिर उसने आँखें खोल दी...मेरे लंड और गोटे पर उसने अपने पैर की हरकत शुरू कर दी....
सीमा – कब से तुम्हारा लंड खड़ा है...कुछ कर दूं इसका?
मैं – खड़ा तो बहुत देर से हैं लेकिन मजा आ रहा है...अभी कुछ मत करो...अभी इसे ऐसे ही रहने दो...तुम्हारी बुर के क्या हाल हैं?.....ये जकूज़ी कहीं तुम्हारी बुर के पानी से ही तो नहीं भरी हुई है...
सीमा – हो सकता है....(हंसती है...)
मैं – अभी हमारे पास टाइम है?
सीमा – हाँ अभी तो बहुत टाइम है..मैंने अभी घर बात की थी...सब लोग बिजी हैं...और वैसे भी हमारा काम वहां पार्टी शुरू होने के बाद है...इसीलिए तो कह रही हूँ आओ तुम्हारे लंड का इलाज कर दू...एक एक राउंड हो जाये....
मैं – चुदने का बहुत मन हो रहा है?
सीमा – हाँ यार...मेरा कब से सपना था...अपने घर में अपने पति से खुले में चुदना....वैसे ही जैसे मैंने पापा को देखा था अपनी सभी बीवियों के साथ....कहीं भी कभी भी...बस चुदाई शुरू....लेकिन तुम्हारा तो अभी चोदने का मन ही नहीं है...
मैं – तुमने अपने पापा को चोदते देखा है??
सीमा – तुम कहोगे इसमें भी हैरानी की बात है???
मैं – नहीं नहीं....ये तो बहुत नार्मल बात है...वैसे भी हर बाप अपनी बेटी के सामने ही तो अपनी बीवी को चोदता है...
सीमा – ( हँसते हुए) हाँ हाँ जानती हूँ ये सबके घर में नहीं होता...
मैं – ( उसकी बात बीच में ही काट दी ) ये किसी के घर में नहीं होता.
सीमा – हाँ ठीक है. ये किसी के घर में नहीं होता. लेकिन हमारे घर में तो होता है....
मैं – अच्चा ये बताओ...पापा कह रहे थे की घर की असली मुखिया तुम हो...तुम्हारी बात कोई कभी नहीं काट सकता...ऐसा क्यों है?
सीमा – क्यों है मतलब ? मैं सब बच्चों में सबसे बड़ी हूँ. तो मेरे भाई बहन तो मेरी बात मानेंगे ही न.
मैं – नहीं. जिस तरह से पापा ने कहा उससे साफ़ है की तुम्हारा ओहदा घर में बहुत बड़ा है...और मुझे लगता है की तुम्हारी दोनों मम्मी भी तुम्हारी ही बात मान के चलती हैं...
सीमा – कब से तुम्हारा लंड खड़ा है...कुछ कर दूं इसका?
मैं – खड़ा तो बहुत देर से हैं लेकिन मजा आ रहा है...अभी कुछ मत करो...अभी इसे ऐसे ही रहने दो...तुम्हारी बुर के क्या हाल हैं?.....ये जकूज़ी कहीं तुम्हारी बुर के पानी से ही तो नहीं भरी हुई है...
सीमा – हो सकता है....(हंसती है...)
मैं – अभी हमारे पास टाइम है?
सीमा – हाँ अभी तो बहुत टाइम है..मैंने अभी घर बात की थी...सब लोग बिजी हैं...और वैसे भी हमारा काम वहां पार्टी शुरू होने के बाद है...इसीलिए तो कह रही हूँ आओ तुम्हारे लंड का इलाज कर दू...एक एक राउंड हो जाये....
मैं – चुदने का बहुत मन हो रहा है?
सीमा – हाँ यार...मेरा कब से सपना था...अपने घर में अपने पति से खुले में चुदना....वैसे ही जैसे मैंने पापा को देखा था अपनी सभी बीवियों के साथ....कहीं भी कभी भी...बस चुदाई शुरू....लेकिन तुम्हारा तो अभी चोदने का मन ही नहीं है...
मैं – तुमने अपने पापा को चोदते देखा है??
सीमा – तुम कहोगे इसमें भी हैरानी की बात है???
मैं – नहीं नहीं....ये तो बहुत नार्मल बात है...वैसे भी हर बाप अपनी बेटी के सामने ही तो अपनी बीवी को चोदता है...
सीमा – ( हँसते हुए) हाँ हाँ जानती हूँ ये सबके घर में नहीं होता...
मैं – ( उसकी बात बीच में ही काट दी ) ये किसी के घर में नहीं होता.
सीमा – हाँ ठीक है. ये किसी के घर में नहीं होता. लेकिन हमारे घर में तो होता है....
मैं – अच्चा ये बताओ...पापा कह रहे थे की घर की असली मुखिया तुम हो...तुम्हारी बात कोई कभी नहीं काट सकता...ऐसा क्यों है?
सीमा – क्यों है मतलब ? मैं सब बच्चों में सबसे बड़ी हूँ. तो मेरे भाई बहन तो मेरी बात मानेंगे ही न.
मैं – नहीं. जिस तरह से पापा ने कहा उससे साफ़ है की तुम्हारा ओहदा घर में बहुत बड़ा है...और मुझे लगता है की तुम्हारी दोनों मम्मी भी तुम्हारी ही बात मान के चलती हैं...