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गतान्क से आगे......................
हरिया ने बंदूक की नोक से मम्मी का मूह अपनी ओर करते हुए कहा, चलो रानी अब तुम अपना ब्लौज उतारो,
रति- नही उतारुँगी चाहे तू मेरी जान ले ले,
हरिया- देखो रानी हमे खून ख़राबा कतई पसंद नही है पर अगर तुम हमारी बात जल्दी से नही मनोगी तो
देखो अभी मेरे 8-10 आदमी उधर दूसरी तरफ है उन्हे बुला लूँगा तो वह खुद ही तुम्हारे सारे कपड़े फाड़ कर
अलग कर देंगे,
अब तुम ही बताओ खुद उतारोगी या उतरवाना पड़ेगा,
रति- देखो ऐसा मत करो वह मेरा बेटा है उसके सामने तुम और फिर मम्मी ने अपना मूह नीचे कर लिया,
हरिया- मेरी ओर देख कर चल भाई इधर आ
मैं उसकी ओर गया और उसने मुझे मम्मी को अपनी बाँहो मे भरने को कहा, और बंदूक मम्मी के गले पर
लगा दी मैने मम्मी को अपनी बाँहो मे भर लिया और उनके गले से आती भीगी गंध ने मुझे एक दम से पागल
कर दिया मैने मम्मी को थोड़ा कस कर पकड़ लिया इन दो पलो मे ही मुझे पता नही चला कब मेरा लंड एक
दम फुल अवस्था मे तन कर सीधे मम्मी की चूत से टकराने लगा, मम्मी ने एक दम से नीचे देखा तो मेरा
मस्त खड़ा हुआ मोटा और लंबा लंड देख कर उसकी आँखे खुली की खुली रह गई, उसने एक बार फिर मेरी तरफ
देखा और फिर एक दम से ऐसी शर्मा गई कि उसके चेहरे का रंग लाल हो गया और उसके चेहरे पर एक हल्की सी
मुस्कान दौड़ गई,
मम्मी की यह हालत देख कर मैं खुस हो गया और हरिया की ओर देख कर आँख मार दी
हरिया- अबे पकड़ कर खड़ा क्या है चल इसके ब्लौज को खोल कर इसके दूध दबा और फिर हरिया ने मम्मी के
हाथ को पकड़ कर मेरे लंड पर रख दिया और मम्मी की मुट्ठी मे जब मेरा लंड आ गया तो हरिया ने उनके
हाथ को मेरे लंड पर कस कर दबा दिया, मैं मम्मी के गले और गोरे गालो को चूमता हुआ उसके दूध को ब्लौज
के उपर से हल्के हल्के दबाने लगा और मेरा लंड अपनी मम्मी के हाथ मे तन कर खड़ा हुआ था,
तभी हरिया
ने मम्मी की साडी पकड़ कर खिच दी और मम्मी की साडी जैसे ही अलग हुई उसका गुदाज उठा हुआ पेट गहरी नाभि
और उसके पेटिकोट के नाडे के नीचे से खुला हुआ वह भाग जहाँ से मम्मी की लाल रंग की पॅंटी उसकी चूत मे कसी
हुई साफ नज़र आने लगी थी, हरिया और रामू की आँखो मे चमक आ चुकी थी और उनके लंड भी उनकी धोती मे
तन चुके थे,
हरिया तो जैसे मेरी मम्मी की भरी हुई जवानी देख कर पागल हुआ जा रहा था,
मैं पूरा नंगा अपनी मम्मी के गदराए बदन से चिपका हुआ उसके सारे बदन पर हाथ फेर रहा था और
मम्मी मेरे लंड को अपने हाथो मे थामे हुए थी लेकिन मुझसे बहुत शर्मा रही थी और अपनी नज़रे नीचे
किए हुए थी,
तभी हरिया आगे आया और उसने मम्मी के उपर बंदूक तान कर कहा
हरिया- लोंडे बहुत हो गया तेरा नाटक अब जल्दी से ब्लाउज उतार कर इसके दूध को खूब कस कस कर मसल्ते हुए पी
नही तो अभी इसे गोली मार देता हू, हरिया का इतना कहना था कि मैने मम्मी के ब्लौज को खोलना शुरू कर दिया
और मम्मी आह राज मत कर बेटे मुझे शर्म आ रही है,
हरिया- अपना ब्लौज उतारने मे शरम आ रही है और जो दूसरे हाथ मे मस्त लंड सहला रही हो तो शरम नही
आ रही है, हरिया की बात सुन कर मम्मी और भी शर्मा गई और तब तक मैने मम्मी के ब्लौज को खोल दिया,
हाय क्या बताऊ रंडी लाल रंग की ब्रा पहने बड़ी ही मस्त चुदासी लग रही थी और क्या मोटे मोटे दूध अपनी छ्होटी
सी ब्रा मे कसे हुए थी, मैने बिना देरी किए मम्मी के मोटे मोटे दूध को देखते ही खूब दबोच दबोच
कर मसलना शुरू कर दिया और मम्मी एक दम से मुझे देखते हुए मुझसे चिपकने की कोशिश करने लगी और
उसके मूह से आ आ सीईईईई सीईईईईईईईईईईईई ओह बेटे जैसी आवाज़े आने लगी,
लगभग 10 मिनिट तक मे उसके दूध को खूब दबाता रहा और उन्हे अपने होंठो से पीता रहा, अब मम्मी
काफ़ी गरम हो चुकी थी और उसकी चूत से भी पानी आने लगा था तभी तो मम्मी मेरे लंड को खूब ज़ोर ज़ोर से
मुठियाते हुए उसे खा जाने वाली नज़रो से देख रही थी, अब हरिया कुच्छ कहता इससे पहले ही मैने अपने हाथ
पिछे लेजाकार मम्मी के पेटिकोट के उपर से ही उसकी गुदाज भरी हुई मोटी गंद को जब मैने अपने हाथो मे
भर कर दबोचा तो क्या बताऊ कितना मज़ा आया ऐसी मोटी गंद आज तक मैने नही सहलाई थी क्या मस्त गंद थी
मेरी मम्मी की,
मैं तो पागलो की तरह उसकी पूरी गन्ड को अपने हाथो मे भर भर कर मसल्ने लगा और उसकी
गंद की गहरी दरार मे अपना हाथ भर भर कर रंडी की गुदा को खूब दबा दबा कर सहलाने लगा, उसके बाद
जैसे ही मैने अपने हाथ को आगे लाकर मम्मी की चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर दबोचा तो मम्मी के मूह
से एक गहरी सिसकी निकल गई और वह भी मेरे मूह को चूमते हुए मुझसे खड़ी खड़ी ज़ोर से चिपक गई,
हरिया ने जब हम दोनो को एक दूसरे से चिपके हुए देखा तो उसने मम्मी के साए के नाडे को पकड़ कर एक दम
से खींच दिया और मम्मी का पेटिकोट उसके पेरो मे गिर गया, पेटिकोट नीचे गिरते ही मम्मी की मस्त चोदने लायक
गदराई जवानी एक दम से आँखो के सामने आ गई मम्मी की गुदाज मोटी मोटी गदराई जंघे और फूली हुई मस्त
मासल चूत पर चढ़ि हुई उसकी लाल रंग की पॅंटी हमारी आँखो के सामने थी,
तभी रामू और हरिया मम्मी के
पिछे जाकर उसकी गुदाज मोटी गंद को देखने लगे, लाल पॅंटी मे मम्मी के गोरे गोरे भरे हुए चूतड़ बहुत
प्यारे लग रहे थे, पॅंटी पूरी तरह से मम्मी की दोनो मोटी गंद की गहराई मे फसि हुई थी, मम्मी के मोटे
मोटे चूतड़ खूब आपस मे चिपके हुए थे, मैं जब अपने हाथ को पिछे लेजाकार मम्मी की मोटी नंगी गंद
को सहलाने लगा तभी मुझे एहसास हुआ कि मम्मी की गुदाज मोटी गंद का छेद अगर देखना है तो उनकी गंद को
खूब कस कर फैलाना होगा,
उनकी गंद बहुत ही मस्त और भारी थी और उनके चूतड़ खूब चिपके हुए थे,
मम्मी की मस्ती का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता था कि मम्मी कि मैं गंद और दूध दबा दबा कर सहला
और मसल रहा था और मम्मी बड़े प्यार से मेरे अंडकोष को दबा दबा कर सहलाते हुए मुझे लगातार चूम
रही थी,
तभी मैने मम्मी के मटके जैसे उभरे हुए गोरे और मखमली पेट और गहरी नाभि को देख कर
मेरा लंड रति की चूत मे ठोकर मारने लगा मैने रति की पॅंटी के उपर से जब उसकी उभरी हुई मस्त चूत को
देखा तो अपने हाथ से मैने मम्मी की चूत को कस कर भींच लिया और मेरी इस हरकत पर मम्मी मुझसे आह
बेटे क्या कर रहा है, मम्मी ने जब अपनी चूत को मसले जाने से मस्ती मे आकर यह कहा तब मैने दुबारा
उनकी मस्त फूली बुर को फिर से दबोच लिया और मम्मी सीईईईईईईई की आवाज़ करते हुए मुझसे चिपक गई,
हरिया और रामू ललचाई नज़रो से रति की गुदाज भरी जवानी का रस अपनी आँखो से पी रहे थे तभी हरिया ने
बंदूक रति के उपर तानते हुए कहा
हरिया- ओये लोंडे बहुत नाटक हो गया अब चल जल्दी से इस रंडी को पूरी नंगी कर दे नही तो अभी गोली मार दूँगा
उसकी बात सुन कर मैं मम्मी की ओर देखने लगा जो पूरी मस्ती मे आ चुकी थी और मुझसे दूर होने का नाम ही
नही ले रही थी और बराबर मेरे मोटे लंड को देखते हुए उसे मसल रही थी,
मैने जब मम्मी के कानो मे
धीरे से मम्मी की पॅंटी मे उंगली घुसा कर उसके क्लिट को रगड़ते हुए कहा
राज- मम्मी मैं आपको पूरी नंगी कर दू क्या
रति- आहह कर दे बेटे नही तो डाकू गोली मार देंगे अब तो हमे वही करना होगा जो वो लोग चाहते है तू जल्दी से
मुझे पूरी नंगी कर्दे, मम्मी की बात सुन कर मैने उन्हे पूरी नंगी कर दिया और वह मुझसे पागलो की तरह
चिपक गई वह किसी से भी नज़रे नही मिला रही थी लेकिन मेरे लंड को पूरी तबीयत से मसल रही थी,
हरिया- ओय लोंडे अब चिपकना बंद कर और इस लोंड़िया के मूह मे अपना लंड डाल कर साली को जी भर कर चूसा,
देख कैसे तेरे लंड को कस कस कर मसल रही है, साले यहा इस गुदाज जवानी को जाने कहाँ से फसा कर चोदने
लाया था और हमसे नखरे कर रहा था, अब हमारे सामने ही चोद इस रंडी को हम भी तो देखे यह लंड कैसे
चुस्ती है,
मैं रति की ओर देखने लगा लेकिन तभी मम्मी एक दम से नीचे बैठ गई और मेरे लंड को पकड़ कर अपने
होंठो से पागलो की तरह चूमने और सहलाने लगी, साथ ही आंड्को को भी खूब दबा दबा कर सहला रही थी, मैं
थोडा झुक कर रति के मोटे मोटे दूध को खूब कस कस कर दबाने लगा, मैने जैसे ही मम्मी के दूध के
गुलाबी निप्पल को पकड़ कर मसला मम्मी ने एक दम से मेरे लंड के टोपे को मूह मे भर कर चूसना शुरू
कर दिया और मैं मस्ती से भर गया,
रति पूरे जोश मे आ चुकी थी और तभी हरिया ने उसके मूह से मेरा लंड
पकड़ कर छ्चीन लिया और रति को पकड़ कर खड़ा कर दिया,
मैं खड़ा होकर हरिया की ओर देखने लगा तो हरिया ने एक 100 मीटर. की दूरी पर एक पेड़ की ओर चलने को कहा और
मम्मी की नंगी पीठ से बंदूक अड़ा कर उस ओर धकेला और फिर क्या था मम्मी उस तरफ हरिया के आगे आगे
चलने लगी,
सभी की साँसे मम्मी के मोटे मोटे चूतादो के उतार चढ़ाव को देख कर थमी हुई थी और उसकी
गुदाज गंद और मोटी मोटी जाँघो ने सभी को पागल कर दिया था, हम तीनो रति की नंगी गंद को घूरते हुए
उसके पिछे चलने लगे तभी हरिया ने मेरे कान मे धीरे से कहा
हरिया- वाह बाबूजी क्या गजब का माल है आपकी मम्मी तो सच बाबूजी बहुत चुदासी लग रही है देखा आपने
कैसी मस्ती मे आपका लंड चूस रही थी, और इसकी गदराई गंद तो देखो, मैं तो कहता हू बाबूजी जब घर जाओ तो
अपनी मम्मी को आज रात भर नंगी करके खूब तबीयत से इसकी चूत और गंद मारना,
जब तक तुम अपनी मम्मी की
रात भर हुमच हुमच कर चूत और गंद नही मरोगे इसको मज़ा नही आएगा,
मैने हरिया से कहा तुम ठीक कह रहे हो लेकिन अभी चुप रहो नही तो मम्मी को शक हो जाएगा और फिर हम
उस जगह पहुच गये और हरिया ने मम्मी को वही घोड़ी बनने को कहा जब मम्मी घोड़ी बन गई तब उसकी
गुदाज गंद उसकी गहरी गुदा और मस्त दो डेढ़ बीते का मस्त चिरा हुआ भोसड़ा देख कर तीनो की आँखे फटी की फटी
रह गई,
रति की भारी और चौड़ी गंद के आगे सुधिया की गंद भी कमजोर नज़र आती थी, हरिया ने मुझे इशारा
किया और मैने धीरे से मम्मी के पिछे बैठ कर जब उसकी मोटी गंद और उसकी मस्त गुदा को सहलाया तो मम्मी
अपनी गंद मटकाने लगी तभी मैने दोनो हाथो से मम्मी की दोनो पाटो को फैला कर जब उसकी गुदा को देखा
तो मैं मस्त हो गया और मैने उसकी गुदा को सूंघते हुए अपनी जीभ निकाल कर चाट लिया और मम्मी आहह राज
कह कर सीसीयाने लगी,
क्रमशः........
गतान्क से आगे......................
हरिया ने बंदूक की नोक से मम्मी का मूह अपनी ओर करते हुए कहा, चलो रानी अब तुम अपना ब्लौज उतारो,
रति- नही उतारुँगी चाहे तू मेरी जान ले ले,
हरिया- देखो रानी हमे खून ख़राबा कतई पसंद नही है पर अगर तुम हमारी बात जल्दी से नही मनोगी तो
देखो अभी मेरे 8-10 आदमी उधर दूसरी तरफ है उन्हे बुला लूँगा तो वह खुद ही तुम्हारे सारे कपड़े फाड़ कर
अलग कर देंगे,
अब तुम ही बताओ खुद उतारोगी या उतरवाना पड़ेगा,
रति- देखो ऐसा मत करो वह मेरा बेटा है उसके सामने तुम और फिर मम्मी ने अपना मूह नीचे कर लिया,
हरिया- मेरी ओर देख कर चल भाई इधर आ
मैं उसकी ओर गया और उसने मुझे मम्मी को अपनी बाँहो मे भरने को कहा, और बंदूक मम्मी के गले पर
लगा दी मैने मम्मी को अपनी बाँहो मे भर लिया और उनके गले से आती भीगी गंध ने मुझे एक दम से पागल
कर दिया मैने मम्मी को थोड़ा कस कर पकड़ लिया इन दो पलो मे ही मुझे पता नही चला कब मेरा लंड एक
दम फुल अवस्था मे तन कर सीधे मम्मी की चूत से टकराने लगा, मम्मी ने एक दम से नीचे देखा तो मेरा
मस्त खड़ा हुआ मोटा और लंबा लंड देख कर उसकी आँखे खुली की खुली रह गई, उसने एक बार फिर मेरी तरफ
देखा और फिर एक दम से ऐसी शर्मा गई कि उसके चेहरे का रंग लाल हो गया और उसके चेहरे पर एक हल्की सी
मुस्कान दौड़ गई,
मम्मी की यह हालत देख कर मैं खुस हो गया और हरिया की ओर देख कर आँख मार दी
हरिया- अबे पकड़ कर खड़ा क्या है चल इसके ब्लौज को खोल कर इसके दूध दबा और फिर हरिया ने मम्मी के
हाथ को पकड़ कर मेरे लंड पर रख दिया और मम्मी की मुट्ठी मे जब मेरा लंड आ गया तो हरिया ने उनके
हाथ को मेरे लंड पर कस कर दबा दिया, मैं मम्मी के गले और गोरे गालो को चूमता हुआ उसके दूध को ब्लौज
के उपर से हल्के हल्के दबाने लगा और मेरा लंड अपनी मम्मी के हाथ मे तन कर खड़ा हुआ था,
तभी हरिया
ने मम्मी की साडी पकड़ कर खिच दी और मम्मी की साडी जैसे ही अलग हुई उसका गुदाज उठा हुआ पेट गहरी नाभि
और उसके पेटिकोट के नाडे के नीचे से खुला हुआ वह भाग जहाँ से मम्मी की लाल रंग की पॅंटी उसकी चूत मे कसी
हुई साफ नज़र आने लगी थी, हरिया और रामू की आँखो मे चमक आ चुकी थी और उनके लंड भी उनकी धोती मे
तन चुके थे,
हरिया तो जैसे मेरी मम्मी की भरी हुई जवानी देख कर पागल हुआ जा रहा था,
मैं पूरा नंगा अपनी मम्मी के गदराए बदन से चिपका हुआ उसके सारे बदन पर हाथ फेर रहा था और
मम्मी मेरे लंड को अपने हाथो मे थामे हुए थी लेकिन मुझसे बहुत शर्मा रही थी और अपनी नज़रे नीचे
किए हुए थी,
तभी हरिया आगे आया और उसने मम्मी के उपर बंदूक तान कर कहा
हरिया- लोंडे बहुत हो गया तेरा नाटक अब जल्दी से ब्लाउज उतार कर इसके दूध को खूब कस कस कर मसल्ते हुए पी
नही तो अभी इसे गोली मार देता हू, हरिया का इतना कहना था कि मैने मम्मी के ब्लौज को खोलना शुरू कर दिया
और मम्मी आह राज मत कर बेटे मुझे शर्म आ रही है,
हरिया- अपना ब्लौज उतारने मे शरम आ रही है और जो दूसरे हाथ मे मस्त लंड सहला रही हो तो शरम नही
आ रही है, हरिया की बात सुन कर मम्मी और भी शर्मा गई और तब तक मैने मम्मी के ब्लौज को खोल दिया,
हाय क्या बताऊ रंडी लाल रंग की ब्रा पहने बड़ी ही मस्त चुदासी लग रही थी और क्या मोटे मोटे दूध अपनी छ्होटी
सी ब्रा मे कसे हुए थी, मैने बिना देरी किए मम्मी के मोटे मोटे दूध को देखते ही खूब दबोच दबोच
कर मसलना शुरू कर दिया और मम्मी एक दम से मुझे देखते हुए मुझसे चिपकने की कोशिश करने लगी और
उसके मूह से आ आ सीईईईई सीईईईईईईईईईईईई ओह बेटे जैसी आवाज़े आने लगी,
लगभग 10 मिनिट तक मे उसके दूध को खूब दबाता रहा और उन्हे अपने होंठो से पीता रहा, अब मम्मी
काफ़ी गरम हो चुकी थी और उसकी चूत से भी पानी आने लगा था तभी तो मम्मी मेरे लंड को खूब ज़ोर ज़ोर से
मुठियाते हुए उसे खा जाने वाली नज़रो से देख रही थी, अब हरिया कुच्छ कहता इससे पहले ही मैने अपने हाथ
पिछे लेजाकार मम्मी के पेटिकोट के उपर से ही उसकी गुदाज भरी हुई मोटी गंद को जब मैने अपने हाथो मे
भर कर दबोचा तो क्या बताऊ कितना मज़ा आया ऐसी मोटी गंद आज तक मैने नही सहलाई थी क्या मस्त गंद थी
मेरी मम्मी की,
मैं तो पागलो की तरह उसकी पूरी गन्ड को अपने हाथो मे भर भर कर मसल्ने लगा और उसकी
गंद की गहरी दरार मे अपना हाथ भर भर कर रंडी की गुदा को खूब दबा दबा कर सहलाने लगा, उसके बाद
जैसे ही मैने अपने हाथ को आगे लाकर मम्मी की चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर दबोचा तो मम्मी के मूह
से एक गहरी सिसकी निकल गई और वह भी मेरे मूह को चूमते हुए मुझसे खड़ी खड़ी ज़ोर से चिपक गई,
हरिया ने जब हम दोनो को एक दूसरे से चिपके हुए देखा तो उसने मम्मी के साए के नाडे को पकड़ कर एक दम
से खींच दिया और मम्मी का पेटिकोट उसके पेरो मे गिर गया, पेटिकोट नीचे गिरते ही मम्मी की मस्त चोदने लायक
गदराई जवानी एक दम से आँखो के सामने आ गई मम्मी की गुदाज मोटी मोटी गदराई जंघे और फूली हुई मस्त
मासल चूत पर चढ़ि हुई उसकी लाल रंग की पॅंटी हमारी आँखो के सामने थी,
तभी रामू और हरिया मम्मी के
पिछे जाकर उसकी गुदाज मोटी गंद को देखने लगे, लाल पॅंटी मे मम्मी के गोरे गोरे भरे हुए चूतड़ बहुत
प्यारे लग रहे थे, पॅंटी पूरी तरह से मम्मी की दोनो मोटी गंद की गहराई मे फसि हुई थी, मम्मी के मोटे
मोटे चूतड़ खूब आपस मे चिपके हुए थे, मैं जब अपने हाथ को पिछे लेजाकार मम्मी की मोटी नंगी गंद
को सहलाने लगा तभी मुझे एहसास हुआ कि मम्मी की गुदाज मोटी गंद का छेद अगर देखना है तो उनकी गंद को
खूब कस कर फैलाना होगा,
उनकी गंद बहुत ही मस्त और भारी थी और उनके चूतड़ खूब चिपके हुए थे,
मम्मी की मस्ती का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता था कि मम्मी कि मैं गंद और दूध दबा दबा कर सहला
और मसल रहा था और मम्मी बड़े प्यार से मेरे अंडकोष को दबा दबा कर सहलाते हुए मुझे लगातार चूम
रही थी,
तभी मैने मम्मी के मटके जैसे उभरे हुए गोरे और मखमली पेट और गहरी नाभि को देख कर
मेरा लंड रति की चूत मे ठोकर मारने लगा मैने रति की पॅंटी के उपर से जब उसकी उभरी हुई मस्त चूत को
देखा तो अपने हाथ से मैने मम्मी की चूत को कस कर भींच लिया और मेरी इस हरकत पर मम्मी मुझसे आह
बेटे क्या कर रहा है, मम्मी ने जब अपनी चूत को मसले जाने से मस्ती मे आकर यह कहा तब मैने दुबारा
उनकी मस्त फूली बुर को फिर से दबोच लिया और मम्मी सीईईईईईईई की आवाज़ करते हुए मुझसे चिपक गई,
हरिया और रामू ललचाई नज़रो से रति की गुदाज भरी जवानी का रस अपनी आँखो से पी रहे थे तभी हरिया ने
बंदूक रति के उपर तानते हुए कहा
हरिया- ओये लोंडे बहुत नाटक हो गया अब चल जल्दी से इस रंडी को पूरी नंगी कर दे नही तो अभी गोली मार दूँगा
उसकी बात सुन कर मैं मम्मी की ओर देखने लगा जो पूरी मस्ती मे आ चुकी थी और मुझसे दूर होने का नाम ही
नही ले रही थी और बराबर मेरे मोटे लंड को देखते हुए उसे मसल रही थी,
मैने जब मम्मी के कानो मे
धीरे से मम्मी की पॅंटी मे उंगली घुसा कर उसके क्लिट को रगड़ते हुए कहा
राज- मम्मी मैं आपको पूरी नंगी कर दू क्या
रति- आहह कर दे बेटे नही तो डाकू गोली मार देंगे अब तो हमे वही करना होगा जो वो लोग चाहते है तू जल्दी से
मुझे पूरी नंगी कर्दे, मम्मी की बात सुन कर मैने उन्हे पूरी नंगी कर दिया और वह मुझसे पागलो की तरह
चिपक गई वह किसी से भी नज़रे नही मिला रही थी लेकिन मेरे लंड को पूरी तबीयत से मसल रही थी,
हरिया- ओय लोंडे अब चिपकना बंद कर और इस लोंड़िया के मूह मे अपना लंड डाल कर साली को जी भर कर चूसा,
देख कैसे तेरे लंड को कस कस कर मसल रही है, साले यहा इस गुदाज जवानी को जाने कहाँ से फसा कर चोदने
लाया था और हमसे नखरे कर रहा था, अब हमारे सामने ही चोद इस रंडी को हम भी तो देखे यह लंड कैसे
चुस्ती है,
मैं रति की ओर देखने लगा लेकिन तभी मम्मी एक दम से नीचे बैठ गई और मेरे लंड को पकड़ कर अपने
होंठो से पागलो की तरह चूमने और सहलाने लगी, साथ ही आंड्को को भी खूब दबा दबा कर सहला रही थी, मैं
थोडा झुक कर रति के मोटे मोटे दूध को खूब कस कस कर दबाने लगा, मैने जैसे ही मम्मी के दूध के
गुलाबी निप्पल को पकड़ कर मसला मम्मी ने एक दम से मेरे लंड के टोपे को मूह मे भर कर चूसना शुरू
कर दिया और मैं मस्ती से भर गया,
रति पूरे जोश मे आ चुकी थी और तभी हरिया ने उसके मूह से मेरा लंड
पकड़ कर छ्चीन लिया और रति को पकड़ कर खड़ा कर दिया,
मैं खड़ा होकर हरिया की ओर देखने लगा तो हरिया ने एक 100 मीटर. की दूरी पर एक पेड़ की ओर चलने को कहा और
मम्मी की नंगी पीठ से बंदूक अड़ा कर उस ओर धकेला और फिर क्या था मम्मी उस तरफ हरिया के आगे आगे
चलने लगी,
सभी की साँसे मम्मी के मोटे मोटे चूतादो के उतार चढ़ाव को देख कर थमी हुई थी और उसकी
गुदाज गंद और मोटी मोटी जाँघो ने सभी को पागल कर दिया था, हम तीनो रति की नंगी गंद को घूरते हुए
उसके पिछे चलने लगे तभी हरिया ने मेरे कान मे धीरे से कहा
हरिया- वाह बाबूजी क्या गजब का माल है आपकी मम्मी तो सच बाबूजी बहुत चुदासी लग रही है देखा आपने
कैसी मस्ती मे आपका लंड चूस रही थी, और इसकी गदराई गंद तो देखो, मैं तो कहता हू बाबूजी जब घर जाओ तो
अपनी मम्मी को आज रात भर नंगी करके खूब तबीयत से इसकी चूत और गंद मारना,
जब तक तुम अपनी मम्मी की
रात भर हुमच हुमच कर चूत और गंद नही मरोगे इसको मज़ा नही आएगा,
मैने हरिया से कहा तुम ठीक कह रहे हो लेकिन अभी चुप रहो नही तो मम्मी को शक हो जाएगा और फिर हम
उस जगह पहुच गये और हरिया ने मम्मी को वही घोड़ी बनने को कहा जब मम्मी घोड़ी बन गई तब उसकी
गुदाज गंद उसकी गहरी गुदा और मस्त दो डेढ़ बीते का मस्त चिरा हुआ भोसड़ा देख कर तीनो की आँखे फटी की फटी
रह गई,
रति की भारी और चौड़ी गंद के आगे सुधिया की गंद भी कमजोर नज़र आती थी, हरिया ने मुझे इशारा
किया और मैने धीरे से मम्मी के पिछे बैठ कर जब उसकी मोटी गंद और उसकी मस्त गुदा को सहलाया तो मम्मी
अपनी गंद मटकाने लगी तभी मैने दोनो हाथो से मम्मी की दोनो पाटो को फैला कर जब उसकी गुदा को देखा
तो मैं मस्त हो गया और मैने उसकी गुदा को सूंघते हुए अपनी जीभ निकाल कर चाट लिया और मम्मी आहह राज
कह कर सीसीयाने लगी,
क्रमशः........