Incest जिन्दगी एक अनाथ की ~written by Goldybull~

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Update 80
शिवानी और केतकी दोनो साथ मे बैठकर बाते कर रही थी उनकी बातों का विषय काल ही था
केतकी ,शिवानी में तुम्हारी हालात को समज सकती हूं ,पर काल से बात कैसे करूँ में यही सोच रही हु ,में खुद यहा काल को उसके बच्चों को मिलाने और हम दोनों से शादी करने के लिये ही लेकर आयी थी ,
शिवानी ,मौसी आप तो उनके साथ रहती थी ,आप उनके साथ बात नही कर पा रही हो ,तो में उन्हें मिलकर बस दो महीने हुवे है ,मुझसे तो वो ज्यादा बात भी नही करते ,में क्या करूँ जो वो मुझसे शादी के लिए हा कह दे ,
केतकी ,शिवानी धीरज रखो जो नसीब में लिखा हो वही होता है ,और में यह बात जानती हूं हम दोनों का विवाह काल से ही होगा ,मेरी शिव भक्ति का फल मुझे जरूर मिलेगा ,और तुम जैसी पत्नी सिर्फ काल की ही हो सकती है ,तुम्हारी शक्तियो का मालिक काल से बेहतर कोई नही हो सकता ,उसके नसीब में ही तुमसे शादी होने का लिखा होगा ,तुम शिव की भक्ति करती हो ना, तो बस उनके ही सामने अपनी दिल की बात रख दो ,
शिवानी ,मौसी मेरा बचपन से आपके और भगवान शिव के सिवा कौन था ,बादमे इन बच्चों में ही मुझे कितने प्यारे और मासूम साथी मिल गये ,मेरा मन तो जबसे काल को देखा ,उनकी अच्छाई, उनका सादगी से भरा व्यवहार देखकर में कब उनकी हो गई में खुद नही जान पायी ,में अब उनके सिवा जीने की कल्पना भी नही कर सकती
केतकी ,शिवानी तुम बस अपने आप को मजबूत रखो आज नही बाद में ही सही तुम काल की पत्नी बन जाओगी
केतकी और शिवानी काफी देर बाते करती रही ,जो बाते दूर बैठा काल कबसे सुन रहा था ,काल अपने मन मे ,में खुद लोगो को अपने से दूर रखने की कोशिश में लगा रहता हूं ,मेरी जिंदगी में आगे अच्छा होगा या बुरा इस बात का तो मुझे भी पता नही है ,में नरगिस और बाकी सब लड़कियों के प्यार ,चाहत को जानकर भी उनसे दूरी बना रहा हु ,मेरे साथ अगर कभी कुछ बुरा हुवा तो यह सब बर्दाशत नही कर सकते ,मेरे दुश्मन कितने होने वाले है इस परीक्षा में यह में भी सोच नही सकता ,मेरी वजह से अगर दुश्मनी निकलने के लिये किसी ने इनको नुकसान पहुंचा दिया तो में कभी अपने आप को माफ नही कर पाऊंगा ,मेने सिर्फ उनको ही अपनाया जिनको मेरी वजह से ताकद मिल सके ,मन्दिर की रक्षा के लिये ही मेने सर्पिणी विशाखा माला और बानी से शादी की ,मंदा को में टाल नही सका और सोनी के दुख को सह नही सका ,नेत्रा से शादी करने के बाद भी मैंने उसे अपने से दूर ही रखा ,हेमकेतु की वजह से मुझे राक्षसों और असुरों की ताकद का पता चला ,में तो बस एक इंसान ही तो हु जिसके पास कुछ शक्तिया है ,जो मेरे खिलाफ खड़े है उनके पास ना जाने कितनी ताकद है ,हजारों सालों से जो अपनी शक्तियों में लगातार इजाफा कर रहे ऐसे कितने ही राक्षस, असुर है ,जिनको मैंने हेमकेतु के यहा मारा था वो तो बस मामूली राक्षस थे ,जिनके लिये वो काम करते थे वो भुजंग और उसके बेटे बहुत हीं ताक़दवर ,जो जल्द ही मुझे धुंडने वाले है ,मुझे अपनी जान जाने का नही बस किसी अपने के खोने का डर है ,उस भुजंग के पास कितनी ही दिव्य शक्तिया है ,उसके बेटे भी कम नही है ,में खुद अब काल बनकर भी इनके सामने जाने वाला नही ,काल के चक्कर मे कितने ही लोग उनके नजर में आ सकते है ,मुझे भी मेरी ताकद बढ़ानी है ,ताकि में हर खतरे का सामना कर सकू ,पर मेरी हर बढ़ती ताकद के साथ कोई मुझसे जुड़ जाता है ,मगर मन्दिर के रक्षा के लिये मुझे मजबूरी में कुछ शादिया करनी होगी ,ताकि भले में ना रहु पर बाकी सब मन्दिर के लिये मजबूती से खड़े हो सके ,कभी कभी मुझे खुद से ही घिन आती है ,में अपने फायदे के लिये किसी की मजबूरी का फायदा उठा रहा हु ,केतकी और शिवानी से शादी में बस शक्ति पाने और कालीनागिनो को मन्दिर की रक्षा में लगा सकू इसी लिये तो करने वाला हु ,उनके प्यार के साथ मे कहा इंसाफ़ कर रहा हु,इन सबके दिल से खेलने की बहुत बड़ी सजा का हकदार हु में ,बस दिखावे के लिये हसने वाले मेरे चेहरे के पीछे जो गम और दर्द है उसे किसी को दिखा भी नही सकता और बता भी नही सकता ,
काल वहाँ से उठकर बलिलोक के शिवमन्दिर में आ गया ,जहा पर वो अक्सर आकर बैठ जाता था ,भगवान शिव की मूर्ति को एकटक देखते रहता ,उन्हें अपनी हर बात बताता ,अपने गम और दुख बताकर अपने मन को हल्का करने की कोशिश करता ,काल मे एक बदलाव आया था हेमकेतु की मौत के बाद वो पहले से ज्यादा चुप और शांत हो गया था ,वो हमेशा किसी सोच में दिखता ,वो कोई फैसला नही कर पा रहा था ,आज भी वह शिव मंदिर में बैठा भगवान शिव की मूर्ति को देख रहा था ,वो उनसे यहीं दुवा कर रहा था कि उसको कोई मार्ग बताये ,वो अपनी जिंदगी में क्या फैसला ले ,तभी उसके पास उसका बेटा शिव आ गया ,अपने पिता के पास आकर उस बेटे ने बड़े प्यार से काल से पूछा ,पिताजी आप यहा पर है ,में कबसे आपको धुंड रहा हु ,में आपसे कुछ बात पूछने चाहता हु ,
काल ने अपने सामने अपने बेटे शिव को देखकर बड़े प्यार से उसके सर पर हाथ फिराकर पूछा ,क्या बात है बेटा, क्या पूछना चाहते हो तुम ,
शिव ,पिताजी शिवानी दीदी ने आज भगवान शिव की कथा सुनाई उसमे उन्होंने शिव के नीलकंठ नाम कैसे पड़ा यह बताया,मेरी समझ मे यह बात नही आयीं ,अगर वहाँ पर सब देवता मौजूद थे तो भगवान शिव ने ही विष क्यो पिया ,बाकी किसीने क्यो नही पिया ,और भगवान शिव विष पी रहे थे तो किसीने उनको रोका क्यो नही ,
काल हमेशा से अपने बेटे शिव की बुद्धिमानी से दंग रह जाता था ,कम उम्र में हीं उसकी सोच ,समझ उसके बराबर वालो से बहुत ज्यादा थी ,उसके इस सवाल को सुनकर काल भी सोचने पर मजबूर हो गया ,की बात तो एकदम सही है ,काल के पास वेदों ,उपनिषदों के साथ सभी धर्मग्रन्थो का ज्ञान था ,उसी के आधार पर काल इस प्रश्न का जवाब टटोलकर देखने लगा ,कुछ देर सब कसौटियों पर इस सवाल को घिसने पर उसने हसकर कहा ,बेटा शिव ,भगवान पिनाकी सबसे भोले ,दयालु और सबका भला सोचने वालो में से एक त्रिशक्ति है ,जब समुद्र मंथन किया था तो सबको कुछ पाने की चाह थी ,मोह था पर पिनाकी सबसे निराले थे ,ना उन्हें कुछ चाहिए था ना अपेक्षा थी ,समुद्र मंथन से जब हलाहल विष निकला तो सब जगह पर हड़कंप मच गया था ,उस विष का ताप इतना भयंकर था कि सबके शरीर उसके दाह से जलने लगे लगे थे ,सब देवता भी इससे अछूते नही थे ,तब सब पिनाकी की शरण मे गये ,विष को पीकर उन्होंने सबकी जान बचाई थी ,जिसमे सब देवता भी शामिल थे ,जिसकी वजह से वो देवो के भी देव बन गए ,यहा तक तुम सब जान गए होंगे ,अब तुम्हारे सवाल का जवाब सुनो , इस विष के आग और ताप को वही सह सकते है ,दूसरा कोई भी यह काम नही कर सकता था ,कोई भी देवता के लिये ये काम नामुमकिन था ,सबके पास एक ही आस बचीं हुवीं थी ,सबके दुख हरने के लिये ही पिनाकी ने यह काम किया था ,उनको पता था वो विष को झेल लेंगे ,और उनके साथ उनकी भार्या थी ,जिन्होंने सही समय पर उनके कंठ में विष को रोक लिया ,
शिव सब सुनकर ,पिताजी इसका मतलब पिनाकी का सही समय पर कंठ पकड़ कर विष को रोकने वाली माता भी सबसे श्रेष्ठ हो जाती है ,पिनाकी ने पूरी सृष्टि को बचाने के लिये विष पी लिया और उनकी पत्नी ने उन्हें बचाकर सबसे बड़ा काम किया ,माता ना होती तो पिनाकी भी विष नहीं सह पाते ,
काल ,सही कहा शिव माता ने अपने पति को बचाकर सबसे बड़ा काम किया था ,ये उनका पत्नी धर्म भी था और सबसे बड़ा काम भी था
शिव ,इस सबसे हमे क्या सिख लेनी चाहिये पिताजी ,
काल ,शिव बेटा हमे यह सिख लेनी चाहिए कि कोई भी बड़ा इंसान हो ,चाहे देव हो ,एक नारी के बिना कोई महान नही हों सकता ,हर नारी अपने पति का साथ किसी भी संकट में कदम से कदम मिलाकर चलती है ,वक्क्त आने पर वो ढाल बन कर उसके सामने संकट के सामने खड़ी होती है ,और तलवार बनकर उस संकट को जड़ से ख़त्म भी कर सकती है ,किसी भी नारी में यह ताकत होती है ,हमें नारी को कभी कमजोर नही समझना चाहिये ,वह हमारी ताकत होती है ,मा, बहन ,पत्नी बनकर हर रूप हमेशा वो अपना धर्म सबसे बेहतर निभाती है ,
शिव ,पिताजी आपने तो मेरी सब शंका ही मिटा दी ,अच्छा अब में चलता हूं थोड़ा सबके साथ खेल भी लेता हूं
शिव के चले जाने के बाद काल अपने मन मे ,धन्यवाद भगवान में भूल गया था कि नारी ताकद बन सकती है कमजोरी नही ,आपने मेरे ही सवाल का जवाब मुझे हीं देने को मजबूर किया,में भी कितना मूर्ख हु ,सब जानकर भी दुख के अंधार में खोया रहा ,मुझे सब को उनका हक देंना चाहिये ,में आप की बात को समझ गया प्रभु ,में ऐसी गलती दुबारा नही करूंगा ,मुझे माफ़ कर दीजिये ,
काल मंदिर में कुछ देर और समय बिताकर वहा से उठकर चला गया ,
केतकी और शिवानी दोनो बच्चों को कुछ सीखा रही थी तभी उनके पीछे से आवाज आयी ,
केतकी ,शिवाली मुझे एक बात पुछनी थी ,तुम्हारे यहा शादी कैसे की जाती ,
केतकी और शिवाली दोनो ने पीछे मुड़कर देखा ,आवाज तो वो दोनो पहचान गये थे ,पर ऐसे सवाल की दोनो को उम्मीद नही थी ,दोनो पीछे मुड़कर आश्चर्य से देखने लगी ,
काल ने हसकर कहा ,अरे मुझे तुम दोनो से शादी करनी है ,मेरे बच्चों को दो नई मा का तोहफा देंना चाहता हु ,क्या तुम दोनो मुझसे शादी करने के लिये तैयार हो ,अगर तुम्हारी हा होगी तो ही यह शादी हो सकती है
दोनो की आँखों मे खुशी के आसु थे और चेहरे पर ऐसी हँसी जैसा उन्हें दुनिया की सबसे बड़ी खुशी मिल गयी हो ,
काल ने शाम को ही केतकी और शिवानी से शादी कर ली उसकी शादी में सब खुशी से शरीक हो गये, काली नागिनों के साथ सभी बच्चे ,कालनाग ,कालभेड़िया ,कालसूवर्ण ,इस शादी में कालसुवर्ण ने बहुत धमाल मचा दी ,आज पहली बार उसने काल की भी जमकर खिंचाई की थी ,जिस बात से काल भी बहुत खुश था ।
 
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Update 81

काल से शादी होने के बाद केतकी और शिवानी खुशी में चमक रही थी ,केतकी रिश्ते में शिवानी की मौसी थी पर दोनो की उम्र में अंतर समझ ही नही आता ,दोनो सगी बहन ज्यादा लगती थी ,केतकी बड़ी होंने के बावजूद शिवानी ज्यादा भरी हुवीं थी जहाँ केतकी का साइज 36 28 38 था वही शिवानी 38 28 40 की थी ,दोनो एकदम लाल गोरी सी सुंदर चेहरा ,बड़ी बड़ी आंखे ,लाल सुर्ख ओठ जिसमे लाली लगाने की भी जरूरी नही पड़ती ,शरीर का हर अंग उठवदार था ,दोनो की गांड़ गजब की गोलाई वाली थी ,जब वो चलती तो उनके गांड़ की थिरकन से काल का दिल मचल उठता था ,दो महीने से कालने अपने लंड पर जरा भी ध्यान नही दिया था ,जो दिन के 24 घन्टो में 20 घण्टे सिर्फ चुदाई करता था,वो दो महीनों से भूका था ,आज उसकी दो महीनों की भूक मिटने वाली थी ,पर उसकी भूक मिटाने के चक्कर मे दो पाताल कन्याओं पर कहर गिरने वाला था ,काल के शरीर से भले ही उसके पांच अंश अलग हो गए थे पर उसकी ताकत पहले जितने ही थी यही तो कमाल था अश्व देवता के आत्म भंजन सिद्धि का ,उसके हर अंश में उतनी ही ताकद थी जितनी उनकी पूर्ण रूप में होती थी, साथ ही काल के हर अंश में पाँचो अंशो से मिलकर बनी ताकद भी मौजूद थी ,सिर्फ काल मे ही उन पाँच अंशो से ज्यादा ताकद थी ,
केतकी और शिवानी दोनो को अलग कमरों में सुहाग की सेज पर बिठाकर काली नागीने चली गई , काल सबसे पहले केतकी के कमरे में चला गया ,जहा शादी के लाल जोड़े में बैठी ,काल का इंतजार कर रही थी,काल जब कमरे में आया तो केतकी की धड़कनें बढ़ गई थी ,उसे जिस दिन का बेसब्री से इंतजार था वो आज आ गया था ,केतकी के बलिलोक में कोई पुरुष नही था ,यहाँ हजारो सालो से सिर्फ औरतो का ही राज था ,शिवानी के पिता भी उसके जन्म के पहले ही मर चुके थे ,शिवानी की माँ सुरभि भी इसी गम में काली शक्तिया के पीछे पड़ गई और कालनेत्री के हाथों अपनी जान गवा बैठी ,महानाग से मिलना उसकी शक्ति धारण करने वाले के साथ कालीनागिनो और बलिलोक के हर औरत का रिश्ता बनना पहले से निर्धारित था ,आज केतकी और शिवानी के शादी से वह सब सच हो गया था ,केतकी एक परम शिवभक्त थी जिसके पास कालनेत्री जैसेही शक्तिया थी ,पर उसके पास भगवान शिव की एक अमानत थी जो उसके पति के लिये रखी गई थी ,यह बात केतकी के सिवा सिर्फ भगवान शिव ही जानते थे ,केतकी काल को उसकी अमानत सौपने के लिये आतुर थी जो हजारो साल से उसने अपने पास सुरक्षित रखी हुवीं थी
काल केतकी के पास आकर बड़े प्यार से उसके चेहरे को देख रहा था ,केतकी उसके घर मे रहने के लिये एक पल में आ गई थी जब उसे काल के रूप में रखना था ,बिना कोई शर्त के ,उसकी हर बात को वो मान जाती ,ना कभी कोई शिकायत करती ,ना कोई बात की जिद ,एक औरत होकर मर्द बनकर रही फिर भी उसकी मुस्कान वैसी ही बरकरार रही ,आज वो उसकी पत्नी बनकर उसके सामने थी ,काल ने उसके पास बैठकर उसके चेहरे को अपने दोनो हाथो में पकड़कर उसे माथे पर चुम्बन किया ,मेरी पत्नी बनकर मेरी जिंदगी में आने के लिये शुक्रिया ,मेरी कितने दिनों की मुश्किल का हल मुझे तुम्हारे यहाँ पर ही मिल गया ,में यहा नही आता तो ना अपने बच्चों को मिल पाता ,ना उनके बारे में कभी जान पाता ,तुमने मुझे बहुत ही नायाब खुशी दी है जिसका कोई मोल नही ,में तुम्हारा जिंदगीभर ऋणी रहूँगा ,
केतकी ,आप मेरे पति है ,भले ही आज आपने मुझसे शादी की हो पर जब मेने आपको पहली बार देखा था ,तबसे ही मेने आपको अपना पतीं मान लिया था ,मेने तो बस अपना पत्नी धर्म निभाया है ,आप मेरे नही बल्कि में आपकी ऋणी हु जो आपकी पत्नी बनने का सौभाग्य मुझे मिला ,
काल ने केतकी की बात सुनकर मुस्कुराया और केतकी के होठो को प्यार से चुसने लगा ,केतकी भी उसका साथ बखूबी देती उसके नरम होठो से काल को उसके होठो का शहद पिलाने लगी ,काल ने उसके लाल ब्लाउज में छिपी कठोर चुचियो को पकड़ लिया ,उन चुचियो को नरम करता केतकी को चुंबन करता उसे बेड पर पीठ के बल लिटा दिया और उसे अपने साथ समयमनी मे ले आया ,
कालने उसके बदन से उसके ब्लाउज को अलग करके उसकी नंगी चुचिया को मसलने लगा ,उसके होठ केतकी ओठो से उसके रस को पीने में लगे थे ,तो उसके हाथ उसकी चुचियो को नरम करने में ,केतकी अपने बदन पर होते इस मर्दाना हमले से कसमसा रही थी ,उसे बहुत ही ज्यादा आनंद मिल रहा था ,काल ने उसके होठो को छोड़कर उसके गोरी गोरी गलाबी चुचियो को अपने दोनो बड़े पंजे से दबा रहा था ,केतकी की 36 की गोल चुचिया काल ने मसलकर पूरी लाल कर दी थीं,उसके निप्पल खड़े होकर सुई की नोक की तरह उभर के सामने दिख रहे थे ,उन किसिमिस के दानों को कालने अपने मुह में लेकर चुसना शुरू कर दिया ,केतकी काल के इस हमले से गर्म होती काल के बालों में उंगलिया घुमाती ,उसे अपने छाती में दबा रही थी ,उसकी चुत से पानी रिसने लगा था ,काल बदल बदल कर कभी एक चूची को पिता तो कभी दूसरी को दोनो चुचिया को चूसकर उसने अपने थूक से गिला कर दिया था ,तभी केतकी के मुह स्व एक हल्की सी चीख निकल गई ,आ ssss माँ ssss केतकी काल के चुचिया चुसने पर ही पहली बार अपनी चुत का पानी निकाल चुकी थी ,काल ने केतकी की चुचियो को छोड़ कर उसके साड़ी को कमर से निकाल दिया ,केतकी ने साड़ी के नीचे एक लाल कलर की पैंटी पहनी हुवीं थी ,केतकी भी धरती पर आकर सब सिख चुकी थी ,काल ने उसकी पैंटी के ऊपर गीले धब्बे को अपने जीभ से चाट लिया ,केतकी जो अपनी आंखें बंद करके, अपने पहले चरम सुख का आनंद लेती ,अपनी आंखें बंद करके लेटी थी ,काल की इस हरकत ने झट से उसने आंखे खोल दी ,काल उसके पैंटी के ऊपर से ही उसकी चुत को चाटता उसके नमकीन पानी का स्वाद ले रहा था ,केतकी की आंखे पूरी लाल हो गई थी ,काल ने उसके पैंटी के इलास्टिक को पकड़कर नीचे किया तो ,केतकी ने अपनी गोल गांड को उठाकर उसे अपने आप को नंगा करने में मदत की ,जब काल उसके चुत के ऊपर झुक कर उसकी चुत को चाटने लगा तो केतकी एकदम से उठ गई और काल के हाथ को पकड़ लिया ,केतकी अपनी नजरे नीचे करती ,शर्मा कर बोली ,में भी आप जैसा करना चाहती हु ,काल को पहले उसकी बात समझ नही आयीं, पर जब काल ने उसके मन की बात सुनी तो वो हैरान हो गया ,नेत्रा ,हिमांनी ,और केतकी धरती पर अपने कमरे एक बार ब्लू फ़िल्म देख चुकी थी ,उसे सेक्स का पूरा ज्ञान उससे मिल गया था ,हिमांनी और केतकी को एक बार नेत्रा ने ही ब्लू फिल्म धरती पर सेक्स किस तरह से किया जाता है इस बात को सीखने के लिये ही वो फ़िल्म दिखाई थी ,केतकी भी काल के लंड को चूसना चाहती थी ,काल ने उसके मन की बात समझ कर अपने पूरे कपड़े निकाल दिए और 69 कि अवस्था में आकर उसने केतकी की नाजुक सी गोरी गलाबी चुत के बिना बालो वाली चुत को देखता ही रह गया ,काल ने उसकी चुत की कोमल पंखुड़ियों को प्यार से चूम लिया ,केतकी तो काल के लन्ड को ही देख रही थी,एकदम रक्त की तरह लाल सुपड़ा जो एक लाल टमाटर जितना बड़ा,लन्ड के ऊपर बनी हुवीं मोटी सी नसे ,किसी सन्त्रो की तरह बड़े बड़े आंड, एकदम गोरा लंड ,जो असमान्य रूप का था ,जिसकी लम्बाई 16 इंच की और मोटाई 10 इंच की थी ,किसी गरम लोहे की पाइप की तरह एकदम कड़क था ,केतकी के दोनो हाथो में नही आ रहा था ,उसे मुह में लेना तो दूर की बात है उसकी चुत में यह लंड कैसे जाएगा यही केतकी सोच रही थी, काल के लंड से आती तेज गन्ध से केतकी को नशा होंने लगा था ,उसके चुत में काल ने जैसे ही एक चुम्बन किया ,केतकी के पुर बदन को एक तेज बिजली का झटका लगा ,काल की जीभ जब उसके चुत को चाटने लगी तो केतकी को ऐसे बहुत से झटके लगने लगे पर इसमें बहुत ज्यादा मजा था ,उसने काल के लंड को अपने जीभ से चाटना कब शुरू किया ,इसका पता खुद उसे नही लगा ,उसे काल के लंड का स्वाद बहुत पसंद आ गया और उसके लंड को अपने मुह में लेने की कोशश करती उसको तेजी से चुसने लगी ,अपना पूरा मुह फैलाकर भी बस उसके टोपे को ही अपने मुह में ले पायी ,नीचे उसकी चुत में काल अब अपने हाथ की एक मोटी ऊँगली डालकर उसे कुरेदने लगा था ,इस छेड़खानी से उसकी चुत ने फिर एक बार अपना पानी छोड़ दिया था ,जो काल ने पूरा पी लिया था ,केतकी काल के लन्ड को मुह में पकड़कर अपने झड़ंने का आनंद लेती रही ,काल ने उसकी चुत को अच्छे से चाटकर साफ किया ,केतकी के मुह से लंड निकालकर काल उसे पीठ के बल सुलाकर उसके नाजुक से पैरों को अपने हाथों में लेकर लेकर अच्छे से फैला दिया ,अपने हाथ में उसने तेल लेकर पहले केतकी के चुत को अच्छे से चिकनी करने लगा ,उसके चुत के छेद में भी अपनी उंगली घुमाकर अंदर तक उसके चुत को चिकना कर दिया ,थोड़ी देर अपने लन्ड को भी तेल से मालिश करके उसे तेल से पूरा भिगो दिया ,काल ने अपने लंड के दहकते सुपाडे को केतकी की छोटी सी चुत के छेद पर लगाकर ,केतकी के ऊपर लेट गया ,उनने केतकी के कानों में कहा ,थोडी देर दर्द को सह लेना
केतकी ने अपनी आंखे काल के आंखों से मिलाकर हसकर कहा ,आपके लिये में किसी भी दर्द को सह सकती हूं,आप मेरे दर्द की परवाह मत कीजिये ,आज में पूर्ण रूप से आपकी होना चाहती हु ,काल ने केतकी के होठों को अपने होठो से लगा लिये, अपने दोनो हाथ उसकी 38 की गोल नरम गांड के नीचे लेकर उनको अपने बड़े से पंजो में लेकर कस के पकड़ लिया,थोड़ी देर उसके होठो को चुसता उसकी नरम गांण्ड को मसलता उसे गर्म करता रहा फिर थोड़ी ही देर में अपने लन्ड से एक जबरदस्त धक्का लगा दिया ,काल का लंड उसकी चुत को भेदकर 1/3 अंदर घुस गया ,केतकी के मुह से एक दबी सी चीख निकल गई ,उसके आंखो से जल धारा बहने लगी ,काल ने उसके होठो को चुसने का काम जारी रखते एक और जोरदार प्रहार के साथ अपना लंड 12 इंच तक अंदर घुसा दिया ,इस बार केतकी के मुह से जोरदार चीख निकल गई ,काल कुछ देर रुक गया ,उसने केतकी का दर्द कम होने तक उसकीं चुचिया दबाता रहा ,उसके होठो को धीरे से चूमता रहा ,केतकी की चुत पूरी तरह से फट चुकी थी ,उसकी चुत से निरंतर खून टपक रहा था ,उसके दर्द को समझकर काल अपने लंड को उसकी चुत में वैसाही फसाकर रखते हुवे ,उसे गर्म करता रहा ,उसके चुत ने काल के लंड को बुरी तरह जकड़ के रखा था ,काल उसके चुत में गीलापन आने तक रुका रहा ,जब उसकी चुत भी थोड़ी देर काल के उसके गर्म करते रहने से ,काल अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करता उसे अपना लंड पूरा अंदर तक ना घुसाकर चोदता रहा ,केतकी भी गर्म होकर काल के होठो को चूसती अपनी गांड़ नीचे हिलाने लगी ,थोडी देर काल से चुदने के बाद , उसने काल को तेजीसे पकड़ कर अपनी चुत से एक बार और झड गयी ,उसके झड़ंने तक काल कुछ देर रुका रहा ,उसने केतकी को झड़ने का पूरा आनंद लेने के बाद ,उसकी चुत को पुनः चोदने लगा ,इस बार काल का लंड उसकी चुत में आराम से जाने लगा ,केतकी भी फिर से गरम होकर मजे से चुदने लगीं,इस बार काल थोडी तेजीसे उसे चोद रहा था ,पर उसने अपना पूरा लंड अंदर नही घुसाया था ,उसका लंड 4 इंच चुत के बाहर हीं रखकर केतकी को अपना लंड12 इंच अंदर घुसाकर ही चोद रहा था ,केतकी मजे चुदते हुवे यही सोच रहीं थीं उसकी चुत में इतना बड़ा लंड कैसे घुस गया ,चुदते हुवे हीं उसने अपने एक अपनी चुत पर रकेख कर देखने लगी ,उसे पता चल गया काल ने अपना लंड पूरा अंदर नहीं घुसाया है ,उसका लंड थोड़ा बाहर ही रह रहा है चुदते हुवे ,उसने काल लंड को पकड़ लिया ,और काल से कहा ,आप मुझे पूर्ण रूप से अपना लीजिये ,में आपको अपने अंदर पूरा समाना चाहती हु ,क्या आप मेरी इस बात को नही मानेंगे ,काल ने उसकी आँखों मे देखकर अपनी आंखें झपकाकर हा कहा ,और एक जोरदार झटके के साथ अपना पूरा लन्ड उसकी चुत में उतार दिया ,केतकी ने अपनी चीख और दर्द को दबाने के लिये अपने होठो को जोरसे काट लिया ,उसके होठो से खून और आंखों से आसु निकलने लगे थे ,काल ने उसे कहा ,लो समा गया में तुम्हारे अंदर पूरी तरह ,ले लिया दर्द ,केतकी इतने दर्द में भी हसकर बोली ,में इस शरीर मे नही आपको अपनी आत्मा में समाना चाहती हु ,इसके लिये ऐसे हजारो दर्द में हसते हुवे कबूल कर लुंगी ,काल ने उसके आसु को अपने होठो से पीकर साफ किया ,और केतकी से बोला ,तुम बहुत ज्यादा जिद्दी हो ,पर तुम्हारी हर जिद ,हर ख्वाइश में पूरी करने की कोशिश करूंगा ,
केतकी ने काल के बालों में हाथ डालकर उसके होठो को चूमने लगी ,उसकी मुह में अपनी जीभ घुसाकर उसे बड़ी शिद्दत से चुसने लगी ,काल भी उसका साथ देता कुछ देर बिना लंड को हिलायें उसे चूमने लगा ,उसकी चुचियो को सहलाने लगा ,केतकी जब खुद अपनी गांड़ हिलाकर ऊपर नीचे होने लगी तो काल ने भी अपनी कमर को थोड़ा तेजीसे हिलाने लगा ,धीरे धीरे दोनो की गति बढ़ने लगी ,काल अपनी कमर की तेजीसे हिलाता केतकी को अब अपने पुरे जोश से चोदने लगा ,केतकी अब मजे लेकर काल के लंड से चुदने का भरपूर आनंद लेने लगी ,काल की लंड की गर्मी उसकी चुत अपना पानी थोड़े समय बाद बहाकर कम करने का प्रयास करती पर काल उसके चुत के झड़ने के बाद और दुगनी तेजीसे उसे चोदने लगता ,एक ही आसन में चुदने से केतकी की पीठ दर्द करने लगी तो काल ने उसे घोडी बनाकर चोदना शुरू कर दिया ,उसकी 38 की गांड को दबाकर उसके गांड़ के लाल छेद को छेड़कर काल केतकी को चुदाई के नए नए मजे देकर झडा देता ,जब काल के लंड ने अपना लावा उगलना चाहा तो काल ने अपने लंड को केतकी चुत में एकदम अंदर तक दबाकर उसके गर्भाशय में अपने गाढे और गर्म सफेद रस को भरने लगा ,काल के इस वीर्य को अपने चुत में महसूस करती केतकी रंगबिरंगी दुनिया की सैर करने लगी ,काल ने अपने वीर्य की आखरी बून्द तक उसके चुत में भरता रहा ,अपने वीर्य को केतकी के चुत में भरने के बाद ,उसके बाजू में लेट गया ,केतकी घोडी बनी कुछ देर वैसी ही रही और काल के वीर्य को अपने चुत में पूरी तरह हजम करने के बाद बिस्तर पर लेट गई ,केतकी पूरी पसीने सी भीग गई थी,उसके बाल बिखर गए थे ,पूरा चेहरा लाल हो गया था ,पर उसमे एक खुशी की चमक थी ,काल ने केतकी को अपने पास लेकर उसके बाल ठीक किये ,उसका पसीना पोछकर उसे पानी पिलाया ,और उसको समय मनी से बाहर ले आया ,काल जब उसे बिस्तर पर ठीक तरह से लिटाकर उसके कमरे से जाने लगा तो ,केतकी ने अपनी आंखें खोलकर कहा ,सुनिये पहले आप मेरी बात सुन लीजिये फिर कमरे से बाहर चले जाइये ,
काल ने कहा ,बोलो केतकी तुम क्या कहना चाहती हो
केतकी ,पहले आप स्नान कर लीजिये ,में भी नहाकर आती हु ,उसके बाद हमे शिव मंदिर जाना है ,वही हम बात करेंगे ,
काल ,ठीक है जैसा तुम चाहो ,
उसके बाद काल ने केतकी को सहारा देकर स्नानगृह में छोड़ा, खुद भी उसके साथ उसी में जाकर उसके साथ नहाकर दूसरे कपड़े पहनकर दोनो शिव मंदिर चले गए ,केतकी ने शिवमन्दिर जाकर काल के साथ शिव की पूजा की उसके बाद उसने अपनी आंखें बंद करके अपने मन मे कुछ गुप्त मंत्र पढ़े ,उसके मंत्र पढ़ने के बाद उसके हाथ मे एक नीला मनी आ गया जो आकर में एक बड़े हीरे जितना था ,उस मनी को काल के हाथ मे देकर ,केतकी ने कहा ,यह आपकी अमानत जो मेरे पास हजारो साल से भगवान शिव ने आपके लिये रखी थी ,आप इस मनी को अपने दिल के पास रखे वो आपके अंदर समा जाएगी ,
केतकी की बात सुनकर काल को हैरानी नही हुवीं ,उसे इसी तरह पहले एक तोहफा भगवान शिव से मिल गया था ,उसने बिना कुछ कहे उस मनी को अपने दिल के पास रखा तो वो अपने आप उसके शरीर मे दाखिल हो गया ,उस मनी के काल के दिल मे दाखिल होते ही काल का पूरा बदन नीले रोशनी से भर गया और कुछ देर बाद सामान्य हो गया ,
केतकी ने कहा ,यह कोई साधारण मनी नही है ,यह एक दिव्य शक्ति का मनी है ,इसकी वजह से आप का बल और ताकद पहले से हजारो गुना बढ़ जाएगी ,आप जब चाहे आपके पूरे शरीर पर एक नीला कवच आ जायेगा ,जो एक शिवकवच है ,आपके बदन पर शिवकवच आने पर आपका चेहरा तक इसमें आ जायेगा ,कोई भी आपकी शक्कल नही देख पायेगा ना कभी आपके बारे में पता कर पायेगा, इस कवच को त्रिशक्ति के शक्ति के अलावा कोई भी कभी भेद नही पायेगा ,इसके साथ ही आपके पास एक शिव धनुष भी आ जायेगा ,जिसके ऊपर बाण लगाने की भी आवश्यकता नही है ,आप बस इसकी प्रत्यंचा खिंचकर जिसे मारना होगा उसके बारे सोचकर इसे छोड़ दीजिए ,इसमें प्रत्यंचा खिंचते ही अपने आप बाण आ जायेगा और जिसको आपने सोचा होगा उसे लग जायेगा ,भले वो आपके सामने हों या लाखो मिल दूर ,उसे यह बाण जाकर लग जायेगा ,इसके बाण में अमोघ शक्ति है जिसको भी यह बाण लगेगा पल में वो भस्म हो जाएगा ,भले ही उसके बदन पर कितना भी शक्तिशाली कवच हो, कोई कवच या ताकद इस बाण को रोक नही सकती ,आप किसी देवता को भी इस बाण से मार सकते हो ,सिर्फ त्रिशक्ति ही बाण को रोक सकते है ,आप किसी निर्दोष और मासूम को इस बाण से कभी मार नही सकते ,ऐसा करने पर यह धनुष आपके पास से चला जायेगा ,इस धनुष के साथ आपके पास एक तलवार भी आ जायेगी ,जिसकी ताकद भी इस बाण की तरह अमोघ होगी ,आप तलवार के एक वार से किसी पहाड़ को भी चिर सकते है ,आप के पास जैसा कवच और धनुष और तलवार है ,वैसाही सब आपके जो अंश आप अपनी आत्मा से बनाएंगे उनके पास होगा ,आप चाहे तो उनके पास ऐसी ही ताकद रखने वाले गदा ,भाला ,खड्ग ,दंड, या आप चाहे वैसा दूसरा हत्यार दे सकते है ,आप जब इस नील मनी को त्याग देंगे यह अपने आप मेरे पास आ जायेगी ,आपके सिवा कोई भी इस मनी को धारण नही कर सकता ,ना आप यह किसी दूसरे को दे सकते है ,
काल को अपने बदन में असीम बल महसूस हों रहा था ,केतकी ने जिस कहा उसने करके देखा तो उसके सोचने पर ही उसके पूरे बदन पर एक निलकवच बन गया ,उसने धनुष के बारे में सोचते ही उसके हाथ मे धनुष भी आ गया ,कालने उसकी प्रत्यंचा खिंच कर देखी तो उसमे अपने आप एक बाण आ गया पर काल ने बाण चलाया नही ,उसने धनुष को अदृष्य करने का सोचा तो वह पल में अदृष्य हो गया ,काल ने तलवार के बारे में सोचते ही उसके हाथों में एक तलवार आ गई ,वो तलवार में कोई बिजली हो इस तरह वो चमक रही थी ,कालने उसे भी अदृश्य कर दिया और अपने सामान्य रूप में आ गया ,कालने कुछ सोचकर अपने सभी अंशो को याद किया जिसमें काल 2 भी था ,सभी अंश उसमे समा गए और कुछ देर बाद सब बाहर आ गए ,काल 2 अदृष्य ही रूप में आया और उसी तरह वापिस लौट गया ,उसके बाकी अंश के शरीर पर भी काल की तरह नील कवच आ गए थे ,सबने काल की तरह ही धनुष रख लिया पर तलवार की जगह सबने अलग हथियार चुने महानाग ने गदा ली ,कालसुर ने खड्ग लिया ,कालअश्व ने भाला लिया ,कालभेड़िया ने दंड लिया ,तो कालसूवर्ण ने पाश चुन लिया ,सब कुछ देर वहां रुककर वापिस चले गए ,
केतकी ने काल से कहा ,और कुछ जरूरी बातें है ,अगर आपको पाताल की काली आग की ताकद चाहिए तो आपको उसे पाने के लिये पहले पृथ्वीशक्ति ,जलशक्ति ,अग्निशक्ति ,वायुशक्ति ,नभशक्ति ,बिजलिशक्ति को पाना होगा ,तभी आप पाताल की काली आग को काबू कर सकते हो ,यह सारी शक्तिया आपको खुद ढूंढनी होगी ,इस शक्ति की धारक कन्याए हजारो साल से जन्म ले रही है ,पर उनको पहचान कर आजतक कोई भी उन्हें हासिल नही कर पाया है ,आपको अपनी बुद्धि और सूझबूझ से उन्हें ढूढ़कर पाना होगा ,मुझे पता है तुम्हे शक्तियो का मोह नही है ,पर यह सब तुम्हे अपने लिये नही शिवानी के लिये करना होगा ,अगर आप शिवानी से इन शक्तियों के हासिल किये बिना संभोग करोगे तो ,आप को पाताल के काली आग की शक्ति मिल जायगी पर शिवानी की कुछ दिनों बाद मौत हों जाएगी ,आप शायद इस आग पर काबू पा सको यह कहा नही जा सकता ,और इतनी सब बातें किसी और को पता नही है मेरे सिवा और शिवानी के ,शिवानी रोज रात को इस पाताल की काली आग की पीड़ा को सहन करती है ,उसके पूरे शरीर को वह अंदर से जलाती रहती है पर शिवानी कभी किसिको उसकी पीड़ा नही बताती है , उसने तो आपसे शादी सिर्फ आपके प्यार पाने और साथ मे रहने के लिये की है ,ना कभी आपसे वो संभोग करेगी ना आपको करने देगी ,वो खुद मरना पसन्द करेगी पर आप पर कोई भी आंच नही आने देगी ,आज उसकी सुहाग रात है ,पर वह उसके कमरे में नही होगी ,वह नदी के तट पर अकेली बैठी होगी अपने दर्द को अकेली बर्दाश्त करती ,मैंने और शिवानी ने शादी से पहले यह बात नही बतायी इस बात की में आपसे माफी मांगती हु ,अगर में यह बात आप को बता देती , तो शायद आप सिर्फ मुझसे शादी करते ,शिवानी से नहीं करते ,और में शिवानी का दिल नही तोड़ना चाहती थी ,आपसे शादी मेने इसी लिये की ताकि में आपको नीलमनी दे सकू जो सिर्फ मेरे पति को ही मिल सकता था ,मेरे साथ सुहागरात मनाने के बाद ही वो नीलमणि मेरे शरीर से निकल सकता था ,आप जिस काम के लिये जान की बाजी लगा रहे है ,जिस तरह से आप लोगों का भला करने के लिये खुद की भी पर्वा नही करते ,आप के सिवा इस नीलमणि का असली हकदार कोई नही हो सकता ,आपने आज मुझे त्याग भी दिया तो मुझे कोई गम नही होगा ,मेने अपना काम पूरा कर दिया है ,आपने जो सुख आज मुझे दिया है ,उसके सहारे पुरा जीवन आपकी सुहागन बनकर खुशी से गुजार सकती हूं , मैने भावना में बहकर जो आपसे 6 तत्वों की शक्तिया पाने के लिये कहा में उसकी क्षमा मांगती हु ,आप पर अनजाने में अपना हक समझकर मेने वह बात जोश में कह दी थी ,आप मेरी सभी गलतियों के लिये माफ कर दीजिए ,
केतकी इतना कहकर काल के पैरों में गिरकर फुट फुट के रोने लगी ,काल ने एक पल में उसे उठाकर अपने सीने से लगा लिया ,काल की आंखों में भी आंसू थे ,पत्नी कितनी महान और आदर्श हो सकती है ,आज उसे दूसरी बार देखने को मिल गया था ,पहली मंदा और दूसरी केतकी ,काल खुद को दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान समंझने लगा था जो उसे इतना प्यार करने वाली पत्नियां मिली थी ,कालने केतकी को बडी मुश्किल से अपनी कसम देकर शांत किया और कह,केतकी तुम मेरी पत्नी हो तुम्हारा मुझ पर पुरा हक है ,और हमेशा रहेगा ,तुमने मुझसे कुछ भी बात नही छुपाई है ,में किसी के भी मन को पढ़ सकता हु ,मुझे शिवानी के बारे में सब पता है ,तुम बलिलोक आने से पहले ही मुझे सब बताना चाहती थी ,यहा भी तुम रोज मुझे बताने की कोशिश करती ,तुम दोनो को शादी के लिये मेने पूछा था उसी वक्त तुम दोनो मुझे सब बताने वाली थी ,पर मैंने अपनी माया के जादू से तुम दोनो का मन बदल दिया था ,तुम कभी दोषी नही थी ,तुम मुझसे इतना प्यार करती हो की तुमने मेरे माया के जादू को आज तोड़ डाला और मुझे सब बता दिया ,मेने ऐसा माया का जादू किया था कि तुम दोनो कभी यह बात मुझे नही बताओगी तुमने ही नही शिवानी ने भी उस माया के जादू को तोड़ दिया है ,मेने शिवानी से शादी उसकी तकलीफ दूर करने के लिए ही कि है ,तुम बिलकुल चिंता मत करो में बहुत जल्दी शिवानी को उसके दर्द से हमेशा के मुक्त कर दूंगा ,मेरी पत्नी का दर्द मेरा भी दर्द है ,उसकी तकलीफ़ ज्यादा दिन नही रहेगी यह मेरा वादा है ,चलो अब तुम मुझे मेरी गलती के लिये माफ कर दो जो मेने तुम दोनो के मन को अपनी माया के जादू से बदला था ,
केतकी ,आप ने कोई गलती नहीं कि हे आप को माफी मांगने की कोई जरूरत नही है ,आप ने जो कुछ किया हमारे भले के लिये ही किया है ,आप जैसा पतीं मिलना मेरा सौभाग्य है ,
काल ने केतकी से पूछा 6 तत्वों की कन्या को में कैसे पहचान सकता हु ,तब केतकी ने बताया की अब आपके पास नीलमणि है ,सभी तत्व को भगवान शिव ने ही बनाया है ,जब भी कोई ऐसी कन्या आप को मिल जायेगी तब आपके दिल मे बसा नीलमणि उसे पहचान लेगा और आपको पता चल जायेगा ,पर इसके लिये उस कन्या का आपके दिल पर स्पर्श होना चाहिए तभी आपको उसकी पहचान हो सकती है ,उसके बाद दोनो शिवानी के पास पहुच गये वो भी रो कर काल से माफी मांगने लगी ,तब काल ने उसे सब बताकर चुप करवाया ,और उसे बाहो में लेकर प्यार भरी बातें करता रहा ,बलिलोक बाकी दिन सबके साथ खुशी से मनाए ,वो केतकी को दिन में एक बार समयमनी मे लेकर 24 घण्टे जमकर चोदता पर उसने केतकी की गांड़ नही मारी ,उसे वादा किया जिस दिन शिवानी की गांड़ मारूंगा उसी दिन तुम्हारी भी सील पीछे से खोल दूँगा ,पर काल के साथ एक महीना जमकर चुदने से केतकी जबरदस्त निखर गई थी ,उसकी चुचिया 38 की और गांड़ कालने बिना मारे ही दबादबाकर 40 कि कर दी थी ,बलिलोक में निकलने से पहले उसने सब बच्चों से वादा किया कि वह हमेशा उनसे मिलने आता रहेगा ,महानाग और कालभेड़िया बलिलोक में ही रहने वाले थे सबके साथ ,काल ने केतकी के साथ शिवानी को भी धरती पर अपने साथ ले आया ,उनके साथ कलसूवर्ण भी था जो अब काल बनने वाला था ,काल ने मुंबई के सब घरवालों के दिमाग मे अपनी माया से यह बिठा दिया कि केतकी और शिवानी उनके साथ ही रहते है ,हिमांनी केतकी और शिवानी तीनो बहने है और मुंबई में पढ़ती भी है और उनके साथ ही रहती है ,उनके काम मे मदद भी करती है ,शिवानी को भी धरती के बारे में सब जरूरी ज्ञान अपनी माया से दे दिया ,सब सुबह 6 बजे घर पहुंच कर अपने कमरे में आराम करने चले गए थे ,
शिवा अपने कमरे में बैठ कर कुछ सोच हिं रहा था ,तभी दरवाजे से आरपार होकर काल यानी कलसूवर्ण उसके पास आ गया ,
काल सुवर्ण ,शिवा भाई में आपसे कुछ बात करना चाहता हु
शिवा ,बोलो क्या बोलना है
काल सूवर्ण ,भाई सबसे पहले आप मेरा नाम बदल दो ,धरती के नामो की तरह कोई धांसू नाम दो ,आपकी तरह ही कोई शिव का कोई नाम
शिवा कुछ देर सोचकर ,आजसे तुम्हारा नाम शिवाय होगा ,पसन्द आया की दूसरा नाम दु
शिवाय ,भाई पसन्द भी आया और मैने रख भी दिया ,अब आप पहले सुन लो फिर हा या ना कहना ,में घर मे ज्यादा वक्त तो रहुँगा नही ,यहा पर जब आप बोलो तब आ जाऊंगा ,घर मे सब लडकिया है तो में उन सब मे ज्यादा वक्त रुक नही सकता ,में उन सबमे ऊब जाऊँगा ,में अपने घर मे चोरों की तरह डर के रहने वाले विनोद और सनी के साथ ज्यादा रहुँगा ,रोज 3 घण्टे अश्वलोक और 3 घण्टे बलिलोक में सबको मिलने जाता रहुँगा ,में अपने बच्चों को रोज मिलने जाया करूँगा ,आप का वक्त उन दोनों लोको में आने का अलग होगा और मेरा अलग ,क्या आपको यह मंजूर है
शिवा ,मंजूर है ,
शिवाय ,भाई हम सिर्फ मन्दिर की रक्षा करते हुवे बाहर के खतरे को सोचते है ,लेकिन हम धरती के उन इन्सानी चेहरे के पीछे हैवानों को भूल रहे है ,हम बाहर की गंदगी के साथ ,अंदर के भी गंदगी को मिटाना चाहिए ,समाज के कितने दुश्मन है जो आज बेखौफ होकर अपने काले धंदे करते है ,निर्दोष और मासुंम लोगो को मारते है ,में सब स्मगलर,लुटेरे,खूनी,बलात्कारी, बेइमान लोगो को इस धरती से मिटाना चाहता हु ,उनको उनके कर्मों की सजा ऐसी देना चाहता हु की लोग बुरे काम करने से डरे और सुधर जाए ,में यह सब काम चेहरा छुपाकर करूँगा ,ना किसी के सामने कोई चमत्कारी शक्ति का इस्तेमाल करूँगा ,ना किसी निर्दोश और मासूमो को तकलीफ़ दूँगा ,में इस काम को बड़ी सावधानी से करूँगा ,नरेश दादा ,पृथ्विजी ,शक्ति इन सबको में इस काम मे अपने साथ काल के रूप उनसे बात करने पर मिला लूंगा ,बोलो मंजूर हैं ,
शिवा ,मंजूर है पर तुम यह सब अकेले कर सकते हो ,किसी को अपने साथ मत लो ,और कुछ बाकी है ,
शिवाय ,बस भाई और कुछ नही ,आप जाओ सर्पलोक में तब तक अपनी लिस्ट बना लेता हूं ,भाई पहले में सब गुंडों की धुलाइ करू क्या आज दिन भर
शिवा ,तुम और में अलग नहीं है शिवाय तुम जो कुछ करोगे सब मेरी मर्जी से ही होगा ,चलो तुम लग जाओ अपने काम पर
 
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Update 82
शिवा सर्पलोक से 7 बजे लौटकर आ गया उसने सबके साथ जाकर नाश्ता किया ,आज शिवा ने नेत्रा ,केतकी और शिवानी को छोड़कर बाकी सब लड़कियों से अपने दिल पर कोई न कोई बहाने से हाथ लगाने को कहा था ,पर उसके दिल ने उसे कोई संकेत नही दिया,शिवाय ने काल बनके ही सबके साथ नाश्ता किया था ,उसने केतकी ,हिमांनी और नेत्रा को अपनी चिकनी चुपड़ी बातो से काल बनने को मना लिया,और वहाँ से शिवा के साथ निकल कर बाहर चला गया ,शिवाय थोड़ी दूर जाकर ही गायब हो गया और कही चला गया ,आज शाम को वह बहुत बड़ा धमाका करने वाला था और वह उसी काम मे लगा हुवा था ,शिवाने पूजा ,मोना ,निता ,शांती ,सीमा ,सुनीता ,फातिमा ,नुसरत ,रेहाना ,नूरी ,नुसरत ,ज्वाला इन सबके पास अदृष्य रूप में जाकर उनके हाथ से अपने दिल पर स्पर्श करवाया पर उसके दिल ने फिर भी कोई इशारा नही किया ,शिवा सोचने लगा मेरी पहचान की ,या आज तक मिली कोई कभी 6 तत्वों की धारक में से कोई नही है ,शिवानी का दर्द जल्दी दूर करना होगा मुझे , हजारो साल से इतना दर्द रोज झेल रही है ,इन 6 तत्वों की धारक कन्या का पता कैसे करू समझ नही आ रहा है ,अभी मुझे अश्वलोक जाना है ,मेरी नई सन्तान आज अश्वलोक में पैदा होने वाली है ,मुझे अब रोज मेरी सन्तानो को वक्क्त देना है ,ऐसा सोचते हुवे शिवा अश्वलोक पहुँच गया वहाँ दस दिन रुक कर उसने अपने नई अश्व सन्तानो को देख कर बहुत आनंद हुवा ,माला ,बानी ,सोनी ,और पाली इन सबको एक एक सुंदर से अश्व लड़के हुवे थे ,1200 अश्व औरतो को भी सुंदर से अश्व संताने हुवीं थी ,700 अश्व कन्या और 500 अश्व लडको को जन्म दिया था उन सबने मिलकर ,कालअश्व ने सबका बराबर ख्याल रखा था ,काल को देख कर सभी अश्व औरते बहुत खुश थे ,महल की चारो अश्व औरते के सिवा जो 1200 अश्व औरते थे वो काल अश्व से और नये बच्चे पैदा करने को तैयार थी ,धरती के हर 7 दिन बीतने के बाद वो एक नई पीढ़ी को जन्म दे सकती थी ,उनके साथ समय बिताकर काल 10 बजे पातालमे में 15 दिन बिताकर 11 बजे धरती पर लौट आया उसके बाद वो सर्पलोक में मंदा से मिलने गया ,मंदा ने भी एक सुंदर से लड़के को जन्म दे दिया था ,काल ने मंदा और अपनी नई सन्तान के साथ 5 दिन बिताकर वापिस 12 बजे धरती पर आ गया ,तभी उसके सामने काल2 आ गया ,काल 2 ,भाई मनीषा और हेमा से आप एक बार मिल लो ,मेरे ख्याल से आपको उन दोनों से बात कर लेनी चाहिये ,
शिवा ,में भी उन दोनो से आज मिलने वाला हु ,तुम आज शाम तक मन्दिर के आसपास ही रहना ,में यहा के अश्व सैनिकों को कुछ वक्क्त अश्वलोक भेजने वाला हु ,वो सब शाम के 6 बजे तक लौट आएंगे ,तब तक तुम मन्दिर का ख्याल रखना ,इसके बात शिवा ने काल के रूप में पवन और उनके सब सैनिकों को अश्वलोक में नई सन्तानो को देखने को भेज दिया ,वो सभी खुश होकर पहले महाराज पवन के साथ 200 सैनिक और उनके आने के बाद बाकी के 200 सैनिक 3 घण्टे यानी 30 दिन बारी बारी से जाने को तैयार हो गए ,पहले महाराज पवन अपने साथ 200 सैनिक लेकर चले गए ,
शिवा 12 बजे घर लौट आया ,उसके आने के साथ ही शिवाय भी आ गया ,वो अपना काम करके पातालमे बच्चों से मिलकर आ गया था ,शिवा ने सबके साथ मिलकर खाना खाया घर की सभी लडकिया और काल बनकर बैठी केतकी अपने सॉफ्टवेयर के हैक करने की चुनौती देने वालो के साथ ही अपना वक्क्त बिताया कर रहे थे ,उनके सेकुरिटी सॉफ्टवेयर में बहुत सी बड़ी कंपनियों ने अब रुचि दिखानी शुरू कर दी थी ,5 दिन के बाद अगर कोई भी इस सॉफ्टवेयर को हैक नहीं कर पाया तो ,वो कंपनी उसे खरीदने वाली थी ,उनके यहां के कुछ कम्प्यूटर एक्सपर्ट भी शिवाक़े सॉफ्टवेयर को परखने वाले थे 5 दिन में ,शिवा ने कुछ देर उनके साथ खाने के बाद बात की और वो बाहर निकल गया ,शिवा अदृष्य होकर काल बनकर मनीषा और हेमा से मिलने चला गया ,और शिवाय अश्वलोक चला गया
मनीषा और हेमा कुछ बाते करती बैठ थी कि उनके कानों में काल की आवाज आ गई
तुम दोनो को डरने की कोई जरूरत नहीँ है ,मैंने तुम दोनो का नाम नही आने दिया था ,निता और सीमा कभी तुमको अब पूछेगी भी नही की उनके साथ क्या हुवा था ,मेने उन दोनों को दिमाग से वो सब बातें निकाल दी है
मनीषा और हेमा दोनो अचानक आयी आवाज से डर गई थी पर सब बात सुनकर पता चल गया की यह आवाज उनको बचाने वाले उसी अदृश इंसान की है ,उसकी बात खत्म होने के बाद दोनो खुश हो गई
मनीषा ,आप कौन है यह हम नही जानते पर आपने पहेली भी हमे और हमारी बेटीयो को बचाकर हम पर बहुत बड़ा अहसान किया है ,हम आपका यह अहसान कभी नही भूल सकते
हेमा ,आप जादू से कुछ भी कर सकते हो ,आप हम दोनों के पतीं को ठीक कर दीजिए ना ,
शिवा ,क्या हुवा है तुम दोनो के पतीं यो को ,
हेमा ,जी वो दोनो ना ,बात ऐसी है कि वो दोनो ,
हेमा अपनी बात नही कह पा रही थी वो शर्मा रही थी ,यही हाल मनीषा का था
शिवाने उन दोनों के मन की बात को जानना चाही तो उसे पता चला कि उनके पति को किसीने नामर्द बना दिया था ,वो शादी के दिन ही उनके पति के किसी दुश्मन ने उनको नामर्द बनने वाली दवा खिला दी थी ,तबसे उनके पति उनके साथ संभोग नहीं किया था ,शिवा मन मे अगर यह दोनो के पतीं नामर्द है ,तो यह दोनो मा कैसे बनी ,साला यह क्या नया चक्कर है ,अब तो यह जानना ही होगा दोनो मा कैसे बनी
शिवा ने कहा ,देखिये आप नही बताएंगी आपके पति में क्या बीमारी है ,तो में कैसे उन दोनों को ठीक कर पाऊंगा ,
मनीषा ने अपना मन कड़ा बनाकर उसे बता दिया कि उनके पति नामर्द है ,और शादी के दिन ही किसीने उन दोनों के पतियों को नामर्द बना दिया था ,
शिवा ने पूछा ,फिर आप दोनो मा कैसे बनी ,आपकी बेटिया कैसे हो गई ,कही आपने उन दोनों को गोद तो नही ले लिया ,
दोनो एक दम चुप हो गई और क्या जवाब दे यह सोचने लगी उनके मन मे उनके मा बनने के बारे में सब बाते चलने लगी और शिवाने जब वो बाते जानी तो वह हैरान हो गया सब जानकर ,वो वही उनके सामने जमीन पर बैठ गया ,
शिवा अपने मन मे ,बहनचोद अब यह भी मुझे जानना था ,क्या चक्कर है यह सब मेरी समझ के बाहर हो रहा है सब ,इन दोनों को मा मनोज ने बनाया मतलब इनकी बेटीया नेत्रा की सौतेली बहने है ,इतना ही नही मनोज ने नेत्रा की दोनो मौसिया नीलम और नंदिनी को भी मा बनाया है ,नेत्रा की यह सब सौतेली बहने है ,नीलम और नंदिनी के भी पतीं शादी के दिन ही नामर्द बन गए थे ,ये कौन पीछे पड़ा यह इनके खानदान के ,पहले मुझे लगता था कि कोई नेत्रा के परिवार का दुश्मन होगा ,लेकिन यहां पर तो बात ही अलग है ,निता के मायके का भी कोई पुराना दुश्मन है ,जो उनके परिवार से दुश्मनी निकाल रहा है सालो से ,कही इन दोनों परिवार का दुश्मन एक तो नही है ,अब मुझे इस दुश्मनी की जड़ तक जाना ही होगा ,मनोज ने तो हर जगह अपने झंडे गाड़ रखे है इसका मतलब, निता के साथ उसके परिवार की हर औरत को अपने बच्चे की माँ बना दिया ,और निता को भी सब पता है ,अजीब परिवार है यह तो ,शायद नेत्रा को भी यह सब पता होगा ,उसके पास तो किसी को भी छुकर उनके बारे में सब जानने की शक्ति है ,अब मनीषा और हेमा को में क्या जवाब दु ,उनके राज को में जान गया हूं ,यह बात उनको पता चली तो दोनो और शर्मिंदा हो जायेगी ,मुझे इस बारे में कोई बात नही करनी चाहिये ,में इनके पतीं को ठीक तो नही कर सकता ,मेरे पास ऐसी कोई ताकद नहीं है कि में किसी इंसान की बीमारी ठीक कर सकू ,अगर होती तो में जरूर इनकी मदत करता ,शिवा ने थोड़ी देर बात उनसे कहा
देखिये मुझे आप का कोई भी राज नही जानना ,आप निश्चिंत रहिये ,मुझे कुछ बताने की जरूरत नही है ,में आपको एक बात बता दु में आपके पतियो को ठीक नही कर सकता ,मेरे पास ऐसी कोई ताकद नही है ,मेरे पास ऐसी ताकद होती तो मे जरूर आपकी मदद करता ,अगर दूसरी कोई और मदद आपको चाहिये तो में आपको वचन देता हूं में आपकी आप जो चाहे मदद कर सकता हु ,
हेमा ,आप किसी के दिमाग से कुछ बाते निकाल सकते है ना ,इसका मतलब आप किसीका दिमाग पढ़ भी सकते है ,और मुझे पक्का यकीन है कि आप हमारा राज जान गए है ,में आप पर कोई इल्जाम नही लगा रही ,पर में चाहती हु आप इस राज को अपने पास ही रखिये ,और आपने जो हमारी मदद की है इससे में इतना तो जान गई हूं ,आप एक भले और नेक इंसान है जो कभी हमारी मजबूरी का फायदा नही उठा सकते ,
शिवा मन मे यह तो बहुत ज्यादा तेज दिमाग की निकली मेरी
बातो से इसने बराबर पकड़ लिया ,
शिवा ,आप चिंता न करे आप का राज कोई नही जान पायेगा ,और ना में कभी आपका कोई फायदा उठाऊंगा आपकी मजबूरी जानकर ,
मनीषा जो सब सुन रही थी वो अचानक बोली ,आप से में एक बात कहना चाहती हु, हमने जो कुछ भी किया हमारी मजबूरी की वजह से किया ,हमने सिर्फ अपने पेट मे बच्चा आने तक ही हमारे बेटीयो के बाप से सम्बन्ध रखे ,उसके बाद ना कभी हम लोगो मे ऐसा कोई सम्बन्ध नहीं रहा ,उन्होंने हमें मा बनाकर हम पर एक उपकार ही किया है ,ना वो गलत इंसान है ,ना उनकी नियत खराब है ,हमे मा बनाने के बाद कभी उस इंसान ने हमे आंख उठाकर भी नही देखा ,
शिवा ,आप की बात को में समझता हूं ,में ना आप को गलत मानता हूं, ना उस इंसान कों ,आप मेरी एक बात जान लीजिये में बस किसी मदद करना जानता हूं ,लोगो के दुख और उनके बुरे वक्क्त में उनकीं मदद करना ही मेरा काम है ,बाकी किसी बात पर में कभी ध्यान नही देता ,
हेमा,क्या आप दोनो को जादू से मा नही बना सकते ,हम दोनो की बहुत इच्छा थीं कि हमे एक लड़का हो,क्या आप ऐसा कर सकते है
शिवा हस कर बोल गया ,जी नहीं मेरे पास ऐसी कोई जादू की ताकद नही है कि में किसी को लड़के की माँ बना दु ,पर मेरे जितने भी बच्चे पैदा हुवे है अब तक उनमे लड़के ही ज्यादा हुवे है अब तक ,
अपनी बात कहकर शिवा भी मन मे ,साला में यह क्या बोल गया मजाक में
मनीषा और हेमा शिवा की बात सुनकर कुछ बोल ही नहीं सकी ,शिवा भी अब वहां नहीं रुकना चाहता था ,वो झट से बोला, मुझे माफ कर दीजिए मेरे मुह से ऐसी बात निकल गई अनजाने में ,आप मेरी बात का बुरा मत मानिए ,मेरा कोई गलत इरादा नहीं था में ऐसे ही बोल गया ,में अब चलता हूं ,मुझे कुछ काम है ,शिवा वहाँ से उनका कोई जवाब सुने बिना ही वहां से चला गया ,
हेमा कुछ सोचकर बोली ,दीदी एक बात बोलू अगर आपको बुरा न लगे तो ,अगर हम इस अदृश्य इंसान से मा बन जाये तो हमे भी लड़के हो सकते है ,उसकी बात से यह तो पता चल गया कि उसके जितने भी बच्चे पैदा हुवे है वो ज्यादातर लड़के ही है ,उसमे इतनी शक्तिया है वो सबके दिमाग मे यह बात डाल सकता है कि हम अपने पति से ही गर्भवती हो गए है ,और उसके बच्चों में भी तो उसके अंदर भी उसके जैसी जादुई ताकद हो सकती है ,नही होगी तो भी हमे लड़का तो मिल ही जायेगा ,क्या हमें एक कोशिश करके देखनी चाहिये ,
मनीषा ,हेमा बात तो तेरी भी सही है ,एक कोशिश करने में क्या हर्ज है ,मनोज ने ना हमे ना कसम नही दी होती कि वो बस एक ही बार हमें पेट से करेगा लड़का हो या लड़की हो हमारा नसीब ,नीलम को दो लड़कियां तो निता की जिद से पैदा हुवीं थी ,काश मनोज ही हमे एक लड़के की माँ बना देता ,
हेमा, दीदी अब जब यह अदृश्य इंसान हमसे मिलने आएगा इससे हम बात कर लेंगे उसने वादा किया है कि वो हमारे पतीं को ठीक नही कर सकता उसके बदले हमारी वो कोई भी बात मान लेगा ,हम उससे ही हमे मा बनने की मदद लेंगे
इधर शिवा आज सीमा से मिलने आया था अपने अदृष्य रूप में जो आज उसकी हीं राह देखती अपने कमरे में सोचती बैठी थी ,जब शिवाने देखा कि सीमा अपने मन मे कुछ सोच रही है तो उसने उसके दिमाग को पढा तो शिवा मन मे हसने लगा ,आज लगता है में मनोज ने कहा कहा अपनी सन्तान पैदा की वह गिननें का काम कर रहा हु ,यह मनोज तो मेरा बाप निकला हर तरफ बस अपने झंडे गाड़ दिए है ,शान्ती और सीमा की सब बेटिया मनोज की ही है ,दरअसल सीमा अपने कमरे में बैठकर यही सोच रही थी कि उसके पति और मनोज से चुदने पर उसे इतनी तकलीफ नही हुवीं थी ,उस अदृष्य इंसान के चुदने के बाद उसकी चुत 7 दिन तक सूजी हुवीं थी ,और उसकी चुत का छेद इतना बड़ा हों गया था ,अपने पति मिलिंद का लंड जब उसकी चुत में जाता उसे कुछ पता भी नही चलता ,उसके चुत की आग बहुत ज्यादा बढ़ गई थी ,उसे उस अदृष्य इंसान से मिलकर शुक्रिया भी अदा करना था ,उसे बचाने का और अगर वो मान जाए तो अपनी चुत की आग को भी ठंडा करना था ,अपने पति के अलावा सिर्फ वो मनोज से ही चुदी थी वो भी मिलिंद को बाप बनाने के लिये ,जिस तरह शन्ति दीदी मनोज से चुद कर तीन लड़कियों की माँ बनी थी ,उसी तरह मनोज ने शन्ति दीदी के कहने पर सीमा को भी दो लड़कियों की माँ बनाया था ,सीमा की चुत आज कितने दिनों बाद इस अजनबी के वजह से भड़क गई थी ,सीमा यही सोच रही थीं कि कैसे अपनी तड़प को बताए उस अजनबी को ,वो क्या सोचेगा मेरे बारे में ,पर मेरी चुत ने मेरा जिना हराम कर रखा है ,
शिवा ने उसकी मन की सब बातें सुनकर ,सीमा से कुछ देर बात की ,सीमा ने उसका शुक्रिया अदा किया उसे बचाने का ,पर वह अपने दिल की बात शर्म से कह ना सकी ,सीमा ने शिवा से पूछा कि उस रात क्या हुवा था ,तुम कैसे मेरे बारे में जानकर मेरे पास आये ,तुम इंसान हो या कोई और सीमा थोड़ी डरी हुवीं भी की वो किसी अदृष्य इंसान से बात कर रही है ,शिवा ने पहले उसे यकीन दिलाया कि वो इंसान है ,उसके डर को दूर किया ,बाद में निता ,मनीषा ,और हेमा के बारे में कुछ ना बताकर उसे यही बताया की उसे किसीने सेक्स बढ़ने की दवा पिला दी थी धोके से ,ताकि वो पार्टी में बहक जाए और उल्टी सीधी हरकत कर दे ,उसके परिवार कोई अनजान शत्रु है जो उनके परिवार को बदनाम करना चाहता है ,सीमा को उस वक्त वही होटल के कमरे में लेकर बन्द कर आया था ,पर जब सीमा को सेक्स की तड़प ने ज्यादा ही तकलीफ होने लगी तो मजबूरी में उसने सीमा के साथ सेक्स किया था ,सब बातें जानकर सीमा ने उसका शुक्रिया अदा किया ,फिर कुछ देर उससे बात करके वो जाने की बात करने लगा तब सीमा उससे अपने मन की बात नही कह पायी पर कल फिर उसे मिलने के लिये बुलाया ,शिवा भी उसे हा कहकर वहाँ से चला गया ,सीमा आज कुछ कह नही पायीं थी पर उसने कल शिवा आने के बाद उससे बात करने का पक्का कर चुकी थी ,
शिवाय ने आज सुबह मुंबई पुलिस के क्रिमिनल रिकॉर्ड के से मुंबई के सब नामचीन गुंडों, बदमाश लोगो के बारे में जानकारी निकाल ली ,सब खूनी ,बलात्कारी, बच्चों को किडनैप करने वाले लोगो की लंबी लिस्ट उसने उन सबके फ़ोटो के साथ उसे मिल गई ,अब सब को बारी से मारने में समय गवाना उसे पसन्द नही था ,उनकी फ़ोटो देखकर उसने अपनी शक्ति से यह पता कर लिया ,फिर वो अदृश्य होकर कुछ गुंडों के पास चला गया ,अपनी मायावी जादू का इस्तेमाल करके उसने उन सबको समोहन किया और उनसे यह पता कर लिया कि कोंन सा गुंडा सबसे बड़ा बॉस है ,उनके दिमाग से उस का पता चलने के बाद ,वो उस बॉस के पास पहोच गया ,शिवाय ने उस बॉस को भी अपनी समोहन शक्ति से अपना गुलाम बना लिया ,शिवाय ने उस बॉस को जीतने भी मुम्बई के नामचिन कुख्यात खूनी ,फरार गुंडे जो पुलिस के पकड़ में भी नही आते ,हर बुरा काम करने वालो को शाम 6 बजे एक बड़े से शादी के हॉल में मीटिंग के लिये बुलाने को कहा ,उस बॉस के दिमाग से उसने उसीके जैसे बाकी हिंदुस्तान के बड़े शहरों में कौन गुंडा सबसे बड़ा है उसकी जानकारी ले ली ,उसने मुम्बई के बॉस की तरह ही हिंदुस्तान के 50 बड़े शहरों के बॉस के साथ किया ,उन सबने शिवाय के समोहन में आकर उसके गुलाम बनकर अपने अपने शहरों में एक सब गुंडों की मीटिंग बुला ली ,शिवाय इतने पर ही नही रुका ,उन 50 बड़े गुंडों ने जितना पैसा कमाकर बाहर देश के बैंकों में रखा था ,उसे एक खाते में उन सबसे ट्रांसफर करवा लिया ,जो बैंक का खाते उनके ही एक के मदद से स्विस बैंक में खुलवा लिया था ,एक ही घण्टे में शिवाय ने यह सब काम कर लिया ,उसके बैंक के खाते में 5000करोड़ से ज्यादा रक्कम जमा हो गई थी ,शिवाय ने उन गुंडों ने जो पैसा कैश में उनके पास था ,सोना था वो सब लेकर शिवा जहा रहता था वहां अपनी माया से एक बहुत बड़ा खुफिया बेसमेंट बनाकर वहां लाकर रख दिया ,उस बेसमेंट में शिवाय ने 300 किलो सोना और 600 करोड़ से ज्यादा कैश जमा कर लिया ,उसके बाद जिन 50 जगह पर गुंडों की मीटिंग होने वाली थी वहां पर अपनी माया से ऐसा जादू कर दिया कि वहाँ पर आने वाले हर गुंडा बदमाश समोहन में आकर अपना पैसा कहा है यह सब बता दे ,अगर बैंक में रखा हो तो वो शिवाय के स्विस बैंक खाते में जमा करवा दे ,कैश में हो तो वो कहा पर रखा है ,इसकी जानकारी वहां आने के बाद बता दे अपने आदमियों को बता दे,जो शिवाय ने अपनी माया से उसी शहर के 100 आदमी समोहन करके उस जगह रखे थे वो सब यही काम उन सब गुंडों बदमाशो से करवाकर उन सबका पैसा उसी मीटिंग वाली जगह लाकर रखने वाले थे ,उन आदमियों के लिये गाडीयो की व्यवस्था भी शिवाय ने करवा ली थी ,और सब काम हुवा भी वैसे ही जिसकी व्यवस्था शिवाय ने की थी ,रात के 8 बजे तक हिदुस्तान के 50 बड़े शहर में ,उस शहर का हर गुंडा ,बदमाश मीटिंग वाली जगह पर पहुच कर अपना सब पैसा,सोना एक तो शिवाय के बैंक खातों में जमा करवा चूका था या मींटिंग वाली जगह पर उसके बताये हुवे जगह से शिवाय के आदमी वहा लेकर आये थे ,शिवाय ने सबसे पहले 50 जगह पर जमा पैसा ,सोना 30मिनीट में ही मुम्बई के ख़ुफ़िया बेसमेंट में लाकर रख दिया ,उसके बाद जितने भी आदमी शिवाय ने समोहन करके हर जगह पर रखे थे सबको वापिस भेज दिया उन्हें कुछ भी याद नही रहे और सब अपने घर वापिस चले जाएं यह काम कर दिया ,रात के 12 बजे तक शिवाय 50 जगह पर जमा जितने खूनी ,बलात्कारी,बच्चों को किडनैप करके मारँने वाले हर पापी और बुरे इंसान का मन पढ़कर ,किस किस ने क्या गुनाह किया है यह सबको समोहन करके जान लिया ,शिवाय ने किसी को भी जान से नही मारा ,पर हर पापी के दोनो हाथ और पाव काट दिये, उन सबको अंधा बनाकर उनकी आंखें निकाल ली ,जितने भी बलात्कारी थे उन सबके लन्ड काट दिए ,हर बलात्कारी के गांड में ऐसी खुजली पैदा कर दी जो कभी ठीक ना हो उन सबके हाथ ,पाव भी काटकर उन्हें भी अंधा बना दिया ,शिवाय ने उस दिन 50 शहरों में 20 हजार से ज्यादा गुंडों को मौत से बदतर सजा दी थी ,उन सबके पास से शिवाय के स्विस बैंक खाते में 12 हजार करोड़ रुपये ,कैश 2500 करोड़ ,3000 किलो सोना ,शिवाय ने निकाल लिये थे जिसे वो गरीबो के भलाई के लिये इस्तेमाल करने वाला था ,पर अगली सुबह पूरे हिंदुस्तान में बहुत बड़ी खलबली मचने वाली थी ,एक ही दिन में 20 हजार गुंडे ,बदमाश ,खूनी ,फरार गुंडे बिना हाथ पांव के,अंधे ,50 अलग अलग शहरों में मिलने वाले थे ,शिवाय ने हर 50 जगह पर जहा इन गुंडों को उसने हाथ पांव काट कर अंधा किया था एक बहुत बड़ा बोर्ड अपनी माया से बनाकर रख दिया था ,जिसपर लिखा था ,हर खूनी ,बलात्कारी ,बुरे काम करने वालो की यह सजा होगीं, आज से किसि भी निर्दोष ,मासूम और गरीब लोगों को तकलीफ देने वालो को मौत नही मिलेगी ,मिलेगी मौत से बदतर जिंदगी ,आपका शिवाय
 
Maurya ji
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Update 78
काल जब भवानीगढ़ पहुंचा तब सुबह के 6 बज गयें थे ,काल ने जब काल2 को बनाया तब उसने यह सब अदृश्य रूप में रहकर ही किया था ,उसके बाद उसने अपने आप को सदृश्य करके सिंहाली और मिहाली से कुछ देर बात की ,और वहासे सीधा वो सर्पलोक पहुच गया वहां मंदा के साथ 5 दिन प्यार से बिताकर वो अपने घर मुम्बई सुबह के 7 बजे जा पहुंचा, और अपने कमरे से अपना लैपटॉप लेकर नास्ता करने सबके साथ हॉल में आ गया ,सबके साथ नास्ता करते हुवे शिवा ने अपना लैपटॉप काल जो केतकी बनी थी उसके हाथ मे देकर कहा ,काल मैने अपना काम पूरा कर दिया है ,अब तुम देख लो ,इसमे कुछ कमी होगी तो तुम देख लेना और ठीक कर देना ,नरगिस आज से काल तुम सबके साथ रहकर मदत करता रहेगा, सॉफ्टवेयर के लिये जो भी हैक करने का हमारा दावा उसे कबूल करके हमारे पास आएगा ,उसके साथ काल बात करके उसे अपना सॉफ्टवेयर को हैक करने के लिये दे देगा ,तुम बस एक न्यूज़ चैनल से बात करके इसे लाइव दिखाने के लिये बुला लेना ,उनको भी ऐसी खबरों की तलाश रहती है ,वी फ्री में हमारा काम कर देंगे ,जिसका हमे बहुत ज्यादा फायदा होगा ,शिवा ने अपनी मायावी ताकद से अपने सोफ्टवेयर की सारी जानकारी और जरूरी बातें नेत्रा ,काल ,और हिमांनी के दिमाग मे डाल दी ,सब शिवा के बिना ही यह काम करे ऐसा सबके दिमाग मे डालकर शिवा वहां से निकल कर बाहर आया अपनी बाइक लेकर वो बाहर निकल गया ,उसने नरगिस के जो आदमी अपने यानी शिवा की रक्षा के लिए रखे थे ,उनके ऊपर ऐसा जादू कर दिया था कि वो शिवा के पीछे निकलते एक पार्क में जाकर आराम करते और जब भी शिवा घर आ जाये उसके 5 मिनीट बाद वो भी घर मे आ जाते थे ,उनको ऐसा ही लगता जैसे वो दिन भर शिवा के पीछे ही घूमते रहे हो ,नरगिस को भी वही बात बताते जो शिवा ने उनके मन मे रोज बताया करता ,जिसकी वजह से नरगिस को हमेशा ऐसा लगता शिवा की रक्षा में यह लोग कोई कसर नही छोड़ते ,
शिवा गायब होकर सीधा भवानीगढ़ के जंगलों में पहुंचा और वहाँ काल के रूप में महाराज पवन और बाकी सैनिकों से मिला ,महाराज पवन भी काल से मिलकर बहुत खुश हो गये,काल ने उन्हें बता दिया कि जो काम उन्होंने काल को करने के लिये बोला था वो हो गया है ,तब महाराज के साथ सब सैनिक भी खुश हो गये, कालने पवन से कहा ,आप कुछ सैनिक अश्व लोक भेज देंगे तो बहुत अच्छी बात होगी ,क्यो की अभी सब औरते गर्भवती है ,उन्हें किसी भी चीज की जरूरत पड़ सकती है ,अगर किसी शत्रु ने आक्रमण कर दिया तो मुसीबत हो सकती है ,
काल की बात सुनकर महाराज पवन के साथ सब सैनिक भी हसने लगे ,कुछ देर हसने के बाद महाराज पवन बोले ,क्षमा करें महाराज काल ,पर आप को एक बात बता दु हमारी जो अश्व औरते है वो हम सबसे बहादुर योद्धा होती है ,उनकी ताकद अब आपके साथ सहवास करने से 10 गुना बढ़ गई होगी ,एक अश्व औरत 100 अश्व पुरषों जितनी ताक़दवर होती है ,और आप जैसे दिव्य अश्व पुरुष के सहवास के बाद, उनमे और ज्यादा ताकत आयी होगी इस बात का हमे पूरी तरह यकीन है ,हम अश्व लोक में असली योध्दा हमारी अश्व औरते ही होती है ,आप बिलकुल चिंता न करे अश्वलोक में अश्व देवता के मर्जी के बिना कोई जा नही सकता ,हमारे अश्वलोक में कोई उनकी नजरो से बचकर कभी नही घुस सकता ,आप निश्चित रहे ,और हमारी दो बहनें और माँ अश्वलोक में रहने की वजह से ,वहां पर सब निर्विघ्न तरीके से हर काम होता रहेगा ,बस जब अश्व शिशु होने पर हम सब बारी बारी से जाकर सब को मिलकर आ जाएंगे ,आप इतनी हमे इजाजत दे दीजिए बस ,
काल ,महाराज पवन आप जब चाहे अश्व लोक जा सकते है ,इसमे हमसे पुछने की बात कहा से आ गई ,आप अगर मुझे अपना मानते हो ,तो ऐसी बाते आप आगे से कभी नही करना ,और आप हमसे बड़े है ,मुझे सिर्फ काल कहकर ही बुलाया कीजिये ,
पवन ,आप की हर बात हम मान लेंगे पर आपको महाराज कहने के लिये आप कभी मत कहिए ,
काल ,जैसी आपकी मर्जी ,उसके बाद काल ने हर अश्व सैनिक के साथ पवन को आज की दुनिया का हर ज्ञान दे दिया ताकि कभी उनको इस दुनिया मे कभी कोई परेशानी का सामना न करना पड़े ,काल ने अश्व देवता से मिली अपने दिव्य अश्व पुरुष शक्ति से सबको ताक़दवर और शक्तिशाली बना दिया ,पवन के साथ सब सैनिकों के आंखों में काल के
ऐसे व्यवहार से आँसू आ गए थे ,सब उसके सामने हाथ जोड़कर खड़े थे ,काल ने सबसे कहा ,मेने आपके ऊपर कोई एहसान नही किया है दोस्तो ,जो मुझे आपके अश्व लोक में मिला है ,उसी शक्ति की मदद से मैंने यह सब किया है ,आपको शक्ति देकर बलवान करने में मेरा ही स्वार्थ छुपा हुवा है ,आप मन्दिर की रक्षा करने में अपनी जान की बाजी लगाने वाले है ,आप जितने बलवान और शक्तिशाली होंगे उतना आपके सामने कोई पापी और दृष्ट शक्ति टिक सकेगी ,सिर्फ अपनी ताकद का कभी कोई गलत फायदा मत उठाना दोस्तो ,ताक़दवर को हमेशा निर्बल और निर्दोष की रक्षा करनी चाहिये ,आप अश्व मानव है और आपने हमेशा हर लड़ाई में सच का साथ दिया है ,आप मुझे इस मंदिर की रक्षा में हमेशा साथ देंगे यही में आपसे चाहूंगा, भले में रहूं या ना रहूं लेकिन आप सब मन्दिर की रक्षा हमेशा बुरी ,दृष्ट और पापी ताकद से करंगे ,आप सब मे एक बहुत बड़ी खूबी है कि आप किसी भी दृष्ट और पापी को कौन से भी रूप में पहचान जाते है ,बस आप अपनी पूरी ताकद से यही काम यह कीजिये ,इतनी ही में आपसे अपेक्षा करूँगा ,
काल की बाते सब सुन रहे थे अश्व मानव ही नही ,भेड़ियेमानव ,विशाखा और सर्पिणी ,सिंहाली और मिहाली ,लामी और कामी ,सब के आंखों में काल के लिये एक सन्मान और आदर दिख रहा था ,अश्वमानव को छोड़ दे तो सबको पता था काल का मंदिर के सुरक्षा से कोई नाता नही है ,ना उसे किसने यह जिम्मेदारी दी है ,ना किसी ने उसे वचन लिया है ,पर जिस तरह से सबसे बलवान और शक्तिशाली होकर भी वो सबके साथ मिलकर मन्दिर के सुरक्षा को मजबूत कर रहा था ,वो काबिले तारीफ था ,लोग शक्तिया मिलने पर सबको अपने कदमो में झुकाना चाहते है ,दुनिया पर राज करना चाहते है ,पर काल अपनी शक्तियों से हमेशा दूसरों की मदद हीं करता आया था ,मंदिर के हर सुरक्षा करने वाली कड़ी की उसने मदद ही कि थी ,अपनी मिली ताकद से उनको पहले से कहीं ज्यादा बलवान और ताक़दवर बनाया था ,मन्दिर की सुरक्षा का असली रक्षक और मजबूत कड़ी वही बन गया था ,कालने सबके साथ कुछ देर बात की और वहाँ से गायब होकर वो सीधा असुर लोग चला गया आज वो माया और उसकी दोनो बेटीयो को अपनी असलियत बताने वाला था ,
काल के जाने के बाद सिंहाली ,मिहाली ,लामी और कामी चारो अदृश्य रूप में बाते करने लगी थी ,
मिहाली, मुझे यह काल कोई इंसान नही लगता ,इसकी बाते, इसका चाल चलन ,इसका दिल और पराक्रम साफ दर्शाता है यह कोई खास है ,जिसे हम पहचान नही पा रहे है ,ऐसा व्यवहार कोई इंसान कभी नही कर सकता ,आजके इंसान मतलबी और खुदगर्ज होते है जो बस खुद का ही भला सोच सकते है ,इस कलियुग में ऐसा इसान होंना असंभव है ,
लामी ,नही मिहाली माना तुम कुछ बाते सही कह रही हो लेकिन हमें भूलना नही चाहिये ,कभी कोई कोई इंसान के अलावा भगवान नही बन सका है इस सृष्टि में आज तक ,भगवान श्री राम ,भगवान श्रीकृष्ण ,इन्होंने किसी इंसान की कोख से ही जन्म लिया था ,पर इंसान होकर वो अपने कर्मो से ही भगवान बन गए ,इनके अलावा भी ना जाने कितने ही इंसान अपने अच्छे कर्मो से प्रसिद्ध हुवे है ,काल भी किसी ऐसे ही अच्छे इंसान का खून होगा ,जो अपने कर्मों से महान बनने वाला है ,
सिंहाली ,काल क्या है क्या नही यह सब संकट की घड़ी में ही पता चलेगा ,में यह देखने के लिये बेताब हु ,जब काल से भी कोई शक्तिशाली उसके सामने आता है तब वह क्या करता है ,आजतक जितने भी काल के सामने शत्रु आये थे काल की ताकद उनसे कही ज्यादा थी ,असली वीर की पहचान अपने सामने जब उससे कही अधिक ताक़दवर खड़ा होता है तभी होती है ,और दुनिया मे कालसे भी कही ज्यादा ताक़दवर मौजूद है ,जो जल्द ही उसके सामने आने वाले है ,तब देखेंगे क्या करता है यह काल भाग जाता है या वीर की तरह सामना करता है ,हम जब तक मन्दिर के सुरक्षा को कोई खतरा होगा तभी मैदान में उतरेंगे नही तो काल को अकेले ही लडने देंगे ,
कामी, सिंहाली काल की यह खुद की लड़ाई नही है ,वह सिर्फ मन्दिर के लिए खतरा होने पर ही किसीसे लड़ेगा ,ना कि अपनी ताकद दिखाने, तुम काल पर गुस्सा हो कि उसने हम सबको देख लिया ,तुम उसको अपने आप से कमजोर समंजने की भूल कर रही हो ,वो बातो से नही अपने कामो से भी महावीर है ,तुम उसके साथ लड़ो या ना लड़ो पर अगर कभी काल को किसी पापी या दृष्ट शक्ति से मुकाबला करते हुवे थोड़ा भी खतरा हुवा तो सबसे पहले उस खतरे के सामने में खड़ी रहूंगी ,काल की जिदंगी बहुत कीमती है ,उसे किसी भी कीमत पर में बचाकर रहुंगी ,
मिहाली ,मेरी भी यही सोच है ,में भी काल के लिये अपनी जान की बाजी लगा सकती हूं
लामी ,मेरी भी सोच तुम दोनो से अलग नही है
सिंहाली ,लगता है तुम तीनो को काल से प्यार हो गया है ,इसलिये उसके लिये मरने तक को तैयार हो ,इतना कहकर वो तीनो पे हसने लगी ,
तीनो एक साथ ,तुम को जो समंझना है तुम समज लो, हमे इस बात से कोई फरक नही पड़ता ,
इसके बाद लामी और कामी चली गईं,मिहाली भी वहाँ से सिंहाली को अकेली छोड़कर चली गई ,
सिंहाली अपने मन मे ,में तुम सबका मन देख रही थी मेरी बहनो ,इस काल के सामने कोई संकट आने की बात बहुत दूर है ,उसके लिये किसिने बुरा सोचने की कोशिश भी की तो उसकी मौत मेरे हाथों से पक्की है ,और मुझे इस बात का यकीन है कि काल ही मेरा होने वाला पतीं है ,तो कैसे में अपने पति को संकट में अकेला छोड दुंगी ,
सिंहाली अकेली ही अपने खयालो में कितनी देर तक बैठी रही ,और उसके बाद अपनी बहन के पीछे फिर से उसे छेडने और तंग करने चली गई ,
कालने असुर लोग जाकर पहले समयमनी में तीनों मा बेटीयो को अश्वपुरष के मिली कामशक्ति की नई ताकद से तबीयत से बजाया ,आज तीनो मा बेटीयो का बुरा हाल कर दिया था काल ने ,काल की हर बढ़ती ताकद के साथ उनकी मुश्किल बढ़ जाती थी ,हर बार उनके चुत और गांड के छेदों की गहराई और साइज काल बदल देता था ,उनके आराम करने के बाद काल ने उनको अपना असली रूप दिखाकर अपनी सच्चाई बता दी ,कालने उन तीनों को मन्दिर के चमत्कारी पथर की सारी कहानी बता दी ,पर अपनी परीक्षा के बारे में और जो काल को उसने बनाया था उसके बारे में कुछ नही बताया ,माया ने शिवा से कहा तुमने हम असुर होकर हमपर भरोसा किया ,और इतनी बड़ी बात हमे बताकर यह बात साबित कर दी है तुम हमे अपना मानते हो और तुम्हारा हम पर पूरा भरोसा है ,हम अपनी जान दे देंगे पर कभी तुमको धोका नही देंगे ,हम हर कदम पर तुम्हारा साथ देंगे ,जिस तरह काटे से काटा निकाला जाता है हम उसी तरह इन पापी असरो और राक्षसों का सफाया करंगे ,में अपने कूछ भरोसे मंद असरो को अब इस काम पर लगाती हु ,उनको में दुनिया के हर असरो और राक्षसों के बीच क्या चल रहा है इसकी खबर निकालने भेज देती हूं ,वो लोग अपने काम मे बहुत माहिर है ,वो हमें हर तरह की खबर भेजते रहंगे उन सबके बीच रहकर ,में तुम्हे तुंरत बताया करूंगी अगर कोई खतरा उस मन्दिर के तरफ आने वाला हो तो ,और हो सके उस खतरे को हम रास्ते मे ही ख़त्म कर देंगे ,पर काल ने माया और उसके बेटीयो को कसम देकर यह बात मानने पर मजबूर कर दिया कि वो कुछ खतरे की बात होने पर काल से बात करेगी ,और जो खतरा होगा उसे में खुद देख लूंगा ,
माया और उसकी बेटीयो ने काल की बात बहुत समाझाने पर ही मानी ,उनके साथ और कुछ देर बात करने के बाद शिवा वहासे पूजा के पास चला गया उसके साथ वक्क्त बिताकर फिर मोना के साथ कुछ प्यार भरी बातें करके उसे खुश करके ,अदृश्य रूप में शांति के पास गया उसकी तबीयत अब थोड़ी बेहतर थी ,उसके साथ कुछ देर बाते की ,शान्ती ने उसे बताया कि वह सीमा से एक बार मिल ले वह उसके साथ बात करना चाहती है ,निता से शांति की मुलाकात नही हुवीं थी पर सीमा को उसने सब बता दिया था और जो मोबाइल में वीडियो शिवा ने दिया था वो भी दिखा दिया था ,तब से सीमा शन्ति से इस अदृश्य इंसान से मिलने की जिद कर रही थी, शिवा ने उसे बता दिया कि वो कल सीमा से मिल लेगा फिर शिवा वहासे निकल गया पर उसने जाते हुवे शन्ति के दिमाग से सीमा और निता की चुदाई की बाते मिटा दी ,और सीमा के मन से भी निता के साथ चुदाई की बात मिटा दी, उसके मन में यही बात शिवा ने बिठा दी कि उसकी किसी अदृश्य इंसान ने मदत की थी और उसकी चुदाई करके उसकी हवस को मिटाया ,और उसे कमरे से बाहर जाने नहीं दिया ,सीमा के मन मे यह भी डाल दिया कि यह बात उसके अलावा किसी को नहीं पता है ,इतना करके शिवा फिर से सर्पलोक मंदा के पास पहुच गया उसके साथ शिवा जो 5 दिन बिताया करता उसमे रोज वों 10 घण्टे सर्पलोक और नागालोक मे अपना समय सबके साथ रहता ,बाकी 14 घण्टे समयमनी में 14 दिन मंदा के साथ बिताया करता इस तरह सर्पलोक में 5 दिन जाकर भी मंदा के साथ 70 दिन समयमनी में रहता ,सर्पलोक से आने के बाद शिवा खाना खाने मुंबई पोहच गया वहाँ पर सबके साथ खाना खाया ,उनके सॉफ्टवेयर को कोई भी हैक नहीं कर पा रहा था ,जिसने भी कोशिश की वो नाकाम ही रहा था ,इंटरनेट से अपने लैपटॉप को जोड़कर भी पूरी दुनिया के हैकर लोगो को चैलेंज किया था काल ने ,हर कोई इसी कोशिश में लगा था ,काल ने सबको 8 दिन का समय दिया था ,और 1 करोड़ रुपये न्यूज़ चैनल वालो के पास जमा कर दिये थे ,पूरी दुनिया मे उनके सॉफ्टवेयर की बाते हो रही थी ,सब इस बात से बहुत खुश थे ,सबने जल्दी खाना खाकर शिवा से विदा ली और वापिस अपने काम मे लग गए ,सबको इस काम मे मजा आ रहा था ,नेत्रा ,हिमांनी ,और काल के रूप में केतकी थी मानो इसमे सब भूलकर पूरी दुनिया के हैक करने वालो का मजा ले रहे थे ,काल और नेत्रा का नाम दुनिया मे एक कंप्यूटर एक्सपर्ट के तौर पर मशहूर होने लगा था ,और साथ मे नरगिस ,सनम का भी क्यो की उनकी सॉफ्टवेयर कम्पनी ने ही तो ऐसा सेकुरिटी सॉफ्टवेयर बनाया था ,शिवा अपने कमरे में आकर कुछ देर बैठा रहा फिर उसने ,ज्वाला और सुनीता को आज जल्दी जाकर समयमनी में 12 घण्टे जम कर बारी बारी से बजाया ,उसके बाद रेहाना और नूरी को 24 घण्टे में पटक पटक के चोदा उनके चुत और गांण्ड की उसने फिर परखच्चे उड़ा दिये ,उसके बाद उसने निता के साथ 2 घण्टे यानी समयमनी में 48 घण्टे बिता दिए ,उसके बाद शिवा एक और चक्कर सर्पलोक मे बिताकर 6 बजे चाय पीकर मुंबई में सबके साथ बिताया ,फिर काल बनकर 3 घण्टे अश्वलोक में 30 दिन रहकर सबकी अश्वकन्या की प्यास समयमनी में लेकर बुझाता रहा ,वहां से 9 बजे घर आया सबके साथ उनकी बातें सुनकर खाना खाकर केतकी और नेत्रा को बता दिया कि 12 बजे वो केतकी के साथ पाताल लोक जाने वाला है ,अपने कमरे में आकर उसने पहले काल 2 को बुलाकर बता दिया कि वह पाताल लोक जाने वाला है सुबह 6 बजे तक आ जायेगा अगर वह नही आया तो काल2 उसकी जगह पर रहकर सबका ख्याल रखे ,उसके बाद काल मंदा के पास सर्पलोक में 1 चक्कर लगाकर 12 बजे से पहले ही घर आया ,और केतकी साथ पाताल लोक चला गया ,केतकी ने उसे बता दिया पाताल लोक में धरती का 1 घण्टे का मतलब 15 दिन होते है इस हिसाब से 90 दिन हम पाताल में रहने वाले है ,केतकी ने काल का हाथ पकड़ कर उसे लेकर धरती से गायब हो गई ,और उसे लेकर एक पल में ही पाताल के अंधरो में दाखिल उसके दुनिया मे दाखिल हो गई ,केतकी का राज्य का नाम बलिलोक था ,यहा सूरज का प्रकाश नही था ,चारो तरफ अँधरे का साम्राज्य था ,जब केतकी काल को लेकर अपने बलिलोक में दाखिल हुवी तो उनका स्वागत कालीनागिनो ने किया ,काल को वह सब पहचान चुकी थीं,उन सब की कामवासना को मिटाने वाले को वों कैसे भूल सकतीं ,उन सबका एक तरह से काल मालिक ही था ,हजारो कालीनागिनो को महानाग बनकर उसने भोगा था ,उन सबको महानाग ने वीर्य ने गर्भवती कर दिया था और उनके गर्भ से पैदा हुवीं हजारो सन्ताने भी अब मौजूद थी ,महानाग और कालीनागिनो इन दोनों के गुण उन सन्तानो में थे ,महानाग जैसा शरीर उनका भी शरीर था पर उतना विशाल नहीं था महानाग जहा 200 फिट चौड़ा और 2 हजार फीट लंम्बा इकलौता सर्प था वही उसकी सन्तान अभी से 5 फिट चौड़ी 50 फिट लम्बाई में थी ,सब काल को यानी अपने पिता को सामने देखकर अपने मानवरूप में आकर उसके सामने झुक गये ,काल भी अपनी इन सन्तानो को देखकर भावुक हो गया ,उसकी आँखों से उन सबको देख कर आसु निकल रहे थे ,वो अपने आप को मन मे गालिया दे रहा था ,अपने भोग में वो इन सबको कैसे भूल गया था ,उसे इस बात का जरा भी इल्म नही रहा था ,अपनी पहली सन्तानो के सामने काल अपने घुटनों पर हाथ जोकर बैठकर उन सबको बोला ,में तुम्हारा गुन्हेगार हु मेरे बच्चों ,में तुम्हारा पिता कहने के लायक नही हु ,मुझे भगवान ने अनाथ क्यो रखा इस बात का मुझे अंदाजा हो गया था ,मुझे जैसे पापी कभी किसी का सगा नही बन सकता इसी वजह से में अनाथ बनकर ही पला ,में तुम्हारे सजा का हकदार हु ,काल फूटफूट कर र्रोने लगा था ,सब काल को आसु बहाते देख कर भावुक हो गए थे ,तभी एक बच्चे ने आगे आकर काल के आसु पोछकर कहा ,हमे तो बताया गया था हमारे पिता दुनिया के सबसे बड़े और अनोखे साँप है ,आप हमें मिलने जल्द आने वाले है ,यह बात हम सबको पता थी ,आप किसी बहुत बड़े दायित्व को निभा रहे है यह बात हमे मालूम है ,और आप तो भगवान शिव के नामधारी है काल, आपके ऊपर पूरी दुनिया को बचाने का दायित्व है ,इसके लिये आप खुद की जान की पर्वा नही करते ,आप दुखी मत होइये पिताजी अक्सर ऐसे कामो में हमे कुर्बानी देनी पड़ती है ,आप अगर ऐसे हताश और दुखी होकर रोते बैठ गए तो आपके दायित्व की रक्षा कौन करेगा ,आप एक महावीर है ,जो अपने आसु कभीं किसी के सामने नही बहाते है ,हम आपके प्यार के लिये तरस रहे है , आपको हमे देखकर खुश होना चाहिये ,हम आपके साथ हमारा वक्क्त खुशी में बिताना चाहते है ,हम आपको रोते हुवे नही देख सकते पिताजी ,
काल एकटक उस बच्चे की बात सुन रहा था ,उसने उस बच्चे से पूछा तुम्हारा नाम क्या है बेटा और तुम्हे इतनी ज्ञान की बाते किसने सिखाई
बच्चा बोला ,मेरा नाम शिव है और पिताजी हमे यह सब बातें बड़ी मा और शिवानी दीदी सिखाती थी ,पर कल रात को शिवानी दीदी और हमारे 10 भाइयों को हेमकेतु उठाकर लेके गया ,उसने हमारी कुछ माताओं की भी बहुत मारा और जख्मी कर दिया है ,आप हमारी शिवानी दीदी और भाईयो को बचा लीजिये वो सबको मारने वाला है ,काल ने जब यह बात सुनी उसकी खोपड़ी ही सटक गई ,वो कब अपने महानाग के रूप में आ गया उसे खुद पता नहीं चला ,उसका महानाग का यह रूप सबसे प्रचंड था जो पहले महानाग हुवा करता था वो शान्त और सौम्य था जो बस 200 फिट चौड़ा 2000 फीट लम्बा था ,पर यह प्रलयकारी महानाग था ,जो प्रचंड गुस्से में था ,उसके आकार की कल्पना भी करना मुश्किल हो रहा था ,काल की ताकद जिस तरह से बढ़ी थी, उसी तरह महानाग का आकार और शरीर भी बढ़ गया था ,
महानाग की सब सन्तान बहादुर और बेख़ौफ थी ,उनमे महानाग का खून जो था ,अपने पिता का प्रचंड रूप देखकर उन्हें डर नही बल्कि खुशी और आनंद हो रहा था ,जिस बाप की वो सन्तान थीं उसे देखकर उन सबको अपने बाप पर और अपने आप पर गर्व हो रहा था ,
महानाग ने केतकी से पूछा ,कहा रहता है मादरचोद हेमकेतु ,मेरे बच्चों को उसने हाथ लगाने की हिमत कैसे की ,मुझे पहले यह बताओ वह मुझे कहा मिलेगा ,आज उसकी मौत होगी ,वह भी बहुत बुरी ,उसे आज महानाग के कहर का पता चलेगा ,जल्दी बोलो वो कहा रहता है ,
केतकी ,काल हेमकेतु मेरी बहन के साथ काली शक्तियों की साधना करता था ,वो पाताल के सोमलोक का राजा है ,मेरे यहा न रहने की बात का उसने फायदा उठाकर शिवानी और बच्चों को उठा लिया है ,शिवानी का जन्म अमावस्या के दिन सूर्यग्रहण में हुवा था ,उसके साथ शादी करके संभोग करने वाले व्यक्ति शिवानी के साथ आधा पाताल की काली आग का मालिक बन सकता है ,इसी लालच में उसने शिवानी का अपहरण किया होगा ,वो 1008 बच्चों की बलि एक साथ देकर आखिर में शिवानी की बलि देगा ,जिससे वो अकेला काली आग का मालिक बन जायेगा ,हमे शीघ्र ही सोमलोक के शमशान जाना होगा ,वो आज ही सबकी बलि देगा ,आज अमावस्या भी है और सूर्यग्रहण भी ,तुम काल के रूप में आ जाओ में तुम्हे वहां ले चलती हु ,
महानाग ने भी अपने आप को काल के रूप में बदल लिया,
केतकी उसे लेकर एक पल में सोमलोक पहुंच गई ,वहा पर लाखों की संख्या में असुर ,राक्षस, कितने हीं तरह के प्रचंड जीव सोमलोक के शमशान को गोल घेरे में लेकर उसकी रक्षा के लिये खड़े थे ,आज काल के सब रूप बाहर आने वाले थे ,एक भयानक युद्ध की शुरुआत होने वाली थी ,काली दुनिया को आज एक नए महावीर के दर्शन होने वाले थे ,काल की यह पहली परीक्षा थी और दाव पर लगी थी 1008 निर्दोष बच्चें जिनमे 10 का बाप खुद काल था ।
Ab hoga bhisad yudh... apna kaal sbki gand fad dega
 
Maurya ji
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Update 78
काल जब भवानीगढ़ पहुंचा तब सुबह के 6 बज गयें थे ,काल ने जब काल2 को बनाया तब उसने यह सब अदृश्य रूप में रहकर ही किया था ,उसके बाद उसने अपने आप को सदृश्य करके सिंहाली और मिहाली से कुछ देर बात की ,और वहासे सीधा वो सर्पलोक पहुच गया वहां मंदा के साथ 5 दिन प्यार से बिताकर वो अपने घर मुम्बई सुबह के 7 बजे जा पहुंचा, और अपने कमरे से अपना लैपटॉप लेकर नास्ता करने सबके साथ हॉल में आ गया ,सबके साथ नास्ता करते हुवे शिवा ने अपना लैपटॉप काल जो केतकी बनी थी उसके हाथ मे देकर कहा ,काल मैने अपना काम पूरा कर दिया है ,अब तुम देख लो ,इसमे कुछ कमी होगी तो तुम देख लेना और ठीक कर देना ,नरगिस आज से काल तुम सबके साथ रहकर मदत करता रहेगा, सॉफ्टवेयर के लिये जो भी हैक करने का हमारा दावा उसे कबूल करके हमारे पास आएगा ,उसके साथ काल बात करके उसे अपना सॉफ्टवेयर को हैक करने के लिये दे देगा ,तुम बस एक न्यूज़ चैनल से बात करके इसे लाइव दिखाने के लिये बुला लेना ,उनको भी ऐसी खबरों की तलाश रहती है ,वी फ्री में हमारा काम कर देंगे ,जिसका हमे बहुत ज्यादा फायदा होगा ,शिवा ने अपनी मायावी ताकद से अपने सोफ्टवेयर की सारी जानकारी और जरूरी बातें नेत्रा ,काल ,और हिमांनी के दिमाग मे डाल दी ,सब शिवा के बिना ही यह काम करे ऐसा सबके दिमाग मे डालकर शिवा वहां से निकल कर बाहर आया अपनी बाइक लेकर वो बाहर निकल गया ,उसने नरगिस के जो आदमी अपने यानी शिवा की रक्षा के लिए रखे थे ,उनके ऊपर ऐसा जादू कर दिया था कि वो शिवा के पीछे निकलते एक पार्क में जाकर आराम करते और जब भी शिवा घर आ जाये उसके 5 मिनीट बाद वो भी घर मे आ जाते थे ,उनको ऐसा ही लगता जैसे वो दिन भर शिवा के पीछे ही घूमते रहे हो ,नरगिस को भी वही बात बताते जो शिवा ने उनके मन मे रोज बताया करता ,जिसकी वजह से नरगिस को हमेशा ऐसा लगता शिवा की रक्षा में यह लोग कोई कसर नही छोड़ते ,
शिवा गायब होकर सीधा भवानीगढ़ के जंगलों में पहुंचा और वहाँ काल के रूप में महाराज पवन और बाकी सैनिकों से मिला ,महाराज पवन भी काल से मिलकर बहुत खुश हो गये,काल ने उन्हें बता दिया कि जो काम उन्होंने काल को करने के लिये बोला था वो हो गया है ,तब महाराज के साथ सब सैनिक भी खुश हो गये, कालने पवन से कहा ,आप कुछ सैनिक अश्व लोक भेज देंगे तो बहुत अच्छी बात होगी ,क्यो की अभी सब औरते गर्भवती है ,उन्हें किसी भी चीज की जरूरत पड़ सकती है ,अगर किसी शत्रु ने आक्रमण कर दिया तो मुसीबत हो सकती है ,
काल की बात सुनकर महाराज पवन के साथ सब सैनिक भी हसने लगे ,कुछ देर हसने के बाद महाराज पवन बोले ,क्षमा करें महाराज काल ,पर आप को एक बात बता दु हमारी जो अश्व औरते है वो हम सबसे बहादुर योद्धा होती है ,उनकी ताकद अब आपके साथ सहवास करने से 10 गुना बढ़ गई होगी ,एक अश्व औरत 100 अश्व पुरषों जितनी ताक़दवर होती है ,और आप जैसे दिव्य अश्व पुरुष के सहवास के बाद, उनमे और ज्यादा ताकत आयी होगी इस बात का हमे पूरी तरह यकीन है ,हम अश्व लोक में असली योध्दा हमारी अश्व औरते ही होती है ,आप बिलकुल चिंता न करे अश्वलोक में अश्व देवता के मर्जी के बिना कोई जा नही सकता ,हमारे अश्वलोक में कोई उनकी नजरो से बचकर कभी नही घुस सकता ,आप निश्चित रहे ,और हमारी दो बहनें और माँ अश्वलोक में रहने की वजह से ,वहां पर सब निर्विघ्न तरीके से हर काम होता रहेगा ,बस जब अश्व शिशु होने पर हम सब बारी बारी से जाकर सब को मिलकर आ जाएंगे ,आप इतनी हमे इजाजत दे दीजिए बस ,
काल ,महाराज पवन आप जब चाहे अश्व लोक जा सकते है ,इसमे हमसे पुछने की बात कहा से आ गई ,आप अगर मुझे अपना मानते हो ,तो ऐसी बाते आप आगे से कभी नही करना ,और आप हमसे बड़े है ,मुझे सिर्फ काल कहकर ही बुलाया कीजिये ,
पवन ,आप की हर बात हम मान लेंगे पर आपको महाराज कहने के लिये आप कभी मत कहिए ,
काल ,जैसी आपकी मर्जी ,उसके बाद काल ने हर अश्व सैनिक के साथ पवन को आज की दुनिया का हर ज्ञान दे दिया ताकि कभी उनको इस दुनिया मे कभी कोई परेशानी का सामना न करना पड़े ,काल ने अश्व देवता से मिली अपने दिव्य अश्व पुरुष शक्ति से सबको ताक़दवर और शक्तिशाली बना दिया ,पवन के साथ सब सैनिकों के आंखों में काल के
ऐसे व्यवहार से आँसू आ गए थे ,सब उसके सामने हाथ जोड़कर खड़े थे ,काल ने सबसे कहा ,मेने आपके ऊपर कोई एहसान नही किया है दोस्तो ,जो मुझे आपके अश्व लोक में मिला है ,उसी शक्ति की मदद से मैंने यह सब किया है ,आपको शक्ति देकर बलवान करने में मेरा ही स्वार्थ छुपा हुवा है ,आप मन्दिर की रक्षा करने में अपनी जान की बाजी लगाने वाले है ,आप जितने बलवान और शक्तिशाली होंगे उतना आपके सामने कोई पापी और दृष्ट शक्ति टिक सकेगी ,सिर्फ अपनी ताकद का कभी कोई गलत फायदा मत उठाना दोस्तो ,ताक़दवर को हमेशा निर्बल और निर्दोष की रक्षा करनी चाहिये ,आप अश्व मानव है और आपने हमेशा हर लड़ाई में सच का साथ दिया है ,आप मुझे इस मंदिर की रक्षा में हमेशा साथ देंगे यही में आपसे चाहूंगा, भले में रहूं या ना रहूं लेकिन आप सब मन्दिर की रक्षा हमेशा बुरी ,दृष्ट और पापी ताकद से करंगे ,आप सब मे एक बहुत बड़ी खूबी है कि आप किसी भी दृष्ट और पापी को कौन से भी रूप में पहचान जाते है ,बस आप अपनी पूरी ताकद से यही काम यह कीजिये ,इतनी ही में आपसे अपेक्षा करूँगा ,
काल की बाते सब सुन रहे थे अश्व मानव ही नही ,भेड़ियेमानव ,विशाखा और सर्पिणी ,सिंहाली और मिहाली ,लामी और कामी ,सब के आंखों में काल के लिये एक सन्मान और आदर दिख रहा था ,अश्वमानव को छोड़ दे तो सबको पता था काल का मंदिर के सुरक्षा से कोई नाता नही है ,ना उसे किसने यह जिम्मेदारी दी है ,ना किसी ने उसे वचन लिया है ,पर जिस तरह से सबसे बलवान और शक्तिशाली होकर भी वो सबके साथ मिलकर मन्दिर के सुरक्षा को मजबूत कर रहा था ,वो काबिले तारीफ था ,लोग शक्तिया मिलने पर सबको अपने कदमो में झुकाना चाहते है ,दुनिया पर राज करना चाहते है ,पर काल अपनी शक्तियों से हमेशा दूसरों की मदद हीं करता आया था ,मंदिर के हर सुरक्षा करने वाली कड़ी की उसने मदद ही कि थी ,अपनी मिली ताकद से उनको पहले से कहीं ज्यादा बलवान और ताक़दवर बनाया था ,मन्दिर की सुरक्षा का असली रक्षक और मजबूत कड़ी वही बन गया था ,कालने सबके साथ कुछ देर बात की और वहाँ से गायब होकर वो सीधा असुर लोग चला गया आज वो माया और उसकी दोनो बेटीयो को अपनी असलियत बताने वाला था ,
काल के जाने के बाद सिंहाली ,मिहाली ,लामी और कामी चारो अदृश्य रूप में बाते करने लगी थी ,
मिहाली, मुझे यह काल कोई इंसान नही लगता ,इसकी बाते, इसका चाल चलन ,इसका दिल और पराक्रम साफ दर्शाता है यह कोई खास है ,जिसे हम पहचान नही पा रहे है ,ऐसा व्यवहार कोई इंसान कभी नही कर सकता ,आजके इंसान मतलबी और खुदगर्ज होते है जो बस खुद का ही भला सोच सकते है ,इस कलियुग में ऐसा इसान होंना असंभव है ,
लामी ,नही मिहाली माना तुम कुछ बाते सही कह रही हो लेकिन हमें भूलना नही चाहिये ,कभी कोई कोई इंसान के अलावा भगवान नही बन सका है इस सृष्टि में आज तक ,भगवान श्री राम ,भगवान श्रीकृष्ण ,इन्होंने किसी इंसान की कोख से ही जन्म लिया था ,पर इंसान होकर वो अपने कर्मो से ही भगवान बन गए ,इनके अलावा भी ना जाने कितने ही इंसान अपने अच्छे कर्मो से प्रसिद्ध हुवे है ,काल भी किसी ऐसे ही अच्छे इंसान का खून होगा ,जो अपने कर्मों से महान बनने वाला है ,
सिंहाली ,काल क्या है क्या नही यह सब संकट की घड़ी में ही पता चलेगा ,में यह देखने के लिये बेताब हु ,जब काल से भी कोई शक्तिशाली उसके सामने आता है तब वह क्या करता है ,आजतक जितने भी काल के सामने शत्रु आये थे काल की ताकद उनसे कही ज्यादा थी ,असली वीर की पहचान अपने सामने जब उससे कही अधिक ताक़दवर खड़ा होता है तभी होती है ,और दुनिया मे कालसे भी कही ज्यादा ताक़दवर मौजूद है ,जो जल्द ही उसके सामने आने वाले है ,तब देखेंगे क्या करता है यह काल भाग जाता है या वीर की तरह सामना करता है ,हम जब तक मन्दिर के सुरक्षा को कोई खतरा होगा तभी मैदान में उतरेंगे नही तो काल को अकेले ही लडने देंगे ,
कामी, सिंहाली काल की यह खुद की लड़ाई नही है ,वह सिर्फ मन्दिर के लिए खतरा होने पर ही किसीसे लड़ेगा ,ना कि अपनी ताकद दिखाने, तुम काल पर गुस्सा हो कि उसने हम सबको देख लिया ,तुम उसको अपने आप से कमजोर समंजने की भूल कर रही हो ,वो बातो से नही अपने कामो से भी महावीर है ,तुम उसके साथ लड़ो या ना लड़ो पर अगर कभी काल को किसी पापी या दृष्ट शक्ति से मुकाबला करते हुवे थोड़ा भी खतरा हुवा तो सबसे पहले उस खतरे के सामने में खड़ी रहूंगी ,काल की जिदंगी बहुत कीमती है ,उसे किसी भी कीमत पर में बचाकर रहुंगी ,
मिहाली ,मेरी भी यही सोच है ,में भी काल के लिये अपनी जान की बाजी लगा सकती हूं
लामी ,मेरी भी सोच तुम दोनो से अलग नही है
सिंहाली ,लगता है तुम तीनो को काल से प्यार हो गया है ,इसलिये उसके लिये मरने तक को तैयार हो ,इतना कहकर वो तीनो पे हसने लगी ,
तीनो एक साथ ,तुम को जो समंझना है तुम समज लो, हमे इस बात से कोई फरक नही पड़ता ,
इसके बाद लामी और कामी चली गईं,मिहाली भी वहाँ से सिंहाली को अकेली छोड़कर चली गई ,
सिंहाली अपने मन मे ,में तुम सबका मन देख रही थी मेरी बहनो ,इस काल के सामने कोई संकट आने की बात बहुत दूर है ,उसके लिये किसिने बुरा सोचने की कोशिश भी की तो उसकी मौत मेरे हाथों से पक्की है ,और मुझे इस बात का यकीन है कि काल ही मेरा होने वाला पतीं है ,तो कैसे में अपने पति को संकट में अकेला छोड दुंगी ,
सिंहाली अकेली ही अपने खयालो में कितनी देर तक बैठी रही ,और उसके बाद अपनी बहन के पीछे फिर से उसे छेडने और तंग करने चली गई ,
कालने असुर लोग जाकर पहले समयमनी में तीनों मा बेटीयो को अश्वपुरष के मिली कामशक्ति की नई ताकद से तबीयत से बजाया ,आज तीनो मा बेटीयो का बुरा हाल कर दिया था काल ने ,काल की हर बढ़ती ताकद के साथ उनकी मुश्किल बढ़ जाती थी ,हर बार उनके चुत और गांड के छेदों की गहराई और साइज काल बदल देता था ,उनके आराम करने के बाद काल ने उनको अपना असली रूप दिखाकर अपनी सच्चाई बता दी ,कालने उन तीनों को मन्दिर के चमत्कारी पथर की सारी कहानी बता दी ,पर अपनी परीक्षा के बारे में और जो काल को उसने बनाया था उसके बारे में कुछ नही बताया ,माया ने शिवा से कहा तुमने हम असुर होकर हमपर भरोसा किया ,और इतनी बड़ी बात हमे बताकर यह बात साबित कर दी है तुम हमे अपना मानते हो और तुम्हारा हम पर पूरा भरोसा है ,हम अपनी जान दे देंगे पर कभी तुमको धोका नही देंगे ,हम हर कदम पर तुम्हारा साथ देंगे ,जिस तरह काटे से काटा निकाला जाता है हम उसी तरह इन पापी असरो और राक्षसों का सफाया करंगे ,में अपने कूछ भरोसे मंद असरो को अब इस काम पर लगाती हु ,उनको में दुनिया के हर असरो और राक्षसों के बीच क्या चल रहा है इसकी खबर निकालने भेज देती हूं ,वो लोग अपने काम मे बहुत माहिर है ,वो हमें हर तरह की खबर भेजते रहंगे उन सबके बीच रहकर ,में तुम्हे तुंरत बताया करूंगी अगर कोई खतरा उस मन्दिर के तरफ आने वाला हो तो ,और हो सके उस खतरे को हम रास्ते मे ही ख़त्म कर देंगे ,पर काल ने माया और उसके बेटीयो को कसम देकर यह बात मानने पर मजबूर कर दिया कि वो कुछ खतरे की बात होने पर काल से बात करेगी ,और जो खतरा होगा उसे में खुद देख लूंगा ,
माया और उसकी बेटीयो ने काल की बात बहुत समाझाने पर ही मानी ,उनके साथ और कुछ देर बात करने के बाद शिवा वहासे पूजा के पास चला गया उसके साथ वक्क्त बिताकर फिर मोना के साथ कुछ प्यार भरी बातें करके उसे खुश करके ,अदृश्य रूप में शांति के पास गया उसकी तबीयत अब थोड़ी बेहतर थी ,उसके साथ कुछ देर बाते की ,शान्ती ने उसे बताया कि वह सीमा से एक बार मिल ले वह उसके साथ बात करना चाहती है ,निता से शांति की मुलाकात नही हुवीं थी पर सीमा को उसने सब बता दिया था और जो मोबाइल में वीडियो शिवा ने दिया था वो भी दिखा दिया था ,तब से सीमा शन्ति से इस अदृश्य इंसान से मिलने की जिद कर रही थी, शिवा ने उसे बता दिया कि वो कल सीमा से मिल लेगा फिर शिवा वहासे निकल गया पर उसने जाते हुवे शन्ति के दिमाग से सीमा और निता की चुदाई की बाते मिटा दी ,और सीमा के मन से भी निता के साथ चुदाई की बात मिटा दी, उसके मन में यही बात शिवा ने बिठा दी कि उसकी किसी अदृश्य इंसान ने मदत की थी और उसकी चुदाई करके उसकी हवस को मिटाया ,और उसे कमरे से बाहर जाने नहीं दिया ,सीमा के मन मे यह भी डाल दिया कि यह बात उसके अलावा किसी को नहीं पता है ,इतना करके शिवा फिर से सर्पलोक मंदा के पास पहुच गया उसके साथ शिवा जो 5 दिन बिताया करता उसमे रोज वों 10 घण्टे सर्पलोक और नागालोक मे अपना समय सबके साथ रहता ,बाकी 14 घण्टे समयमनी में 14 दिन मंदा के साथ बिताया करता इस तरह सर्पलोक में 5 दिन जाकर भी मंदा के साथ 70 दिन समयमनी में रहता ,सर्पलोक से आने के बाद शिवा खाना खाने मुंबई पोहच गया वहाँ पर सबके साथ खाना खाया ,उनके सॉफ्टवेयर को कोई भी हैक नहीं कर पा रहा था ,जिसने भी कोशिश की वो नाकाम ही रहा था ,इंटरनेट से अपने लैपटॉप को जोड़कर भी पूरी दुनिया के हैकर लोगो को चैलेंज किया था काल ने ,हर कोई इसी कोशिश में लगा था ,काल ने सबको 8 दिन का समय दिया था ,और 1 करोड़ रुपये न्यूज़ चैनल वालो के पास जमा कर दिये थे ,पूरी दुनिया मे उनके सॉफ्टवेयर की बाते हो रही थी ,सब इस बात से बहुत खुश थे ,सबने जल्दी खाना खाकर शिवा से विदा ली और वापिस अपने काम मे लग गए ,सबको इस काम मे मजा आ रहा था ,नेत्रा ,हिमांनी ,और काल के रूप में केतकी थी मानो इसमे सब भूलकर पूरी दुनिया के हैक करने वालो का मजा ले रहे थे ,काल और नेत्रा का नाम दुनिया मे एक कंप्यूटर एक्सपर्ट के तौर पर मशहूर होने लगा था ,और साथ मे नरगिस ,सनम का भी क्यो की उनकी सॉफ्टवेयर कम्पनी ने ही तो ऐसा सेकुरिटी सॉफ्टवेयर बनाया था ,शिवा अपने कमरे में आकर कुछ देर बैठा रहा फिर उसने ,ज्वाला और सुनीता को आज जल्दी जाकर समयमनी में 12 घण्टे जम कर बारी बारी से बजाया ,उसके बाद रेहाना और नूरी को 24 घण्टे में पटक पटक के चोदा उनके चुत और गांण्ड की उसने फिर परखच्चे उड़ा दिये ,उसके बाद उसने निता के साथ 2 घण्टे यानी समयमनी में 48 घण्टे बिता दिए ,उसके बाद शिवा एक और चक्कर सर्पलोक मे बिताकर 6 बजे चाय पीकर मुंबई में सबके साथ बिताया ,फिर काल बनकर 3 घण्टे अश्वलोक में 30 दिन रहकर सबकी अश्वकन्या की प्यास समयमनी में लेकर बुझाता रहा ,वहां से 9 बजे घर आया सबके साथ उनकी बातें सुनकर खाना खाकर केतकी और नेत्रा को बता दिया कि 12 बजे वो केतकी के साथ पाताल लोक जाने वाला है ,अपने कमरे में आकर उसने पहले काल 2 को बुलाकर बता दिया कि वह पाताल लोक जाने वाला है सुबह 6 बजे तक आ जायेगा अगर वह नही आया तो काल2 उसकी जगह पर रहकर सबका ख्याल रखे ,उसके बाद काल मंदा के पास सर्पलोक में 1 चक्कर लगाकर 12 बजे से पहले ही घर आया ,और केतकी साथ पाताल लोक चला गया ,केतकी ने उसे बता दिया पाताल लोक में धरती का 1 घण्टे का मतलब 15 दिन होते है इस हिसाब से 90 दिन हम पाताल में रहने वाले है ,केतकी ने काल का हाथ पकड़ कर उसे लेकर धरती से गायब हो गई ,और उसे लेकर एक पल में ही पाताल के अंधरो में दाखिल उसके दुनिया मे दाखिल हो गई ,केतकी का राज्य का नाम बलिलोक था ,यहा सूरज का प्रकाश नही था ,चारो तरफ अँधरे का साम्राज्य था ,जब केतकी काल को लेकर अपने बलिलोक में दाखिल हुवी तो उनका स्वागत कालीनागिनो ने किया ,काल को वह सब पहचान चुकी थीं,उन सब की कामवासना को मिटाने वाले को वों कैसे भूल सकतीं ,उन सबका एक तरह से काल मालिक ही था ,हजारो कालीनागिनो को महानाग बनकर उसने भोगा था ,उन सबको महानाग ने वीर्य ने गर्भवती कर दिया था और उनके गर्भ से पैदा हुवीं हजारो सन्ताने भी अब मौजूद थी ,महानाग और कालीनागिनो इन दोनों के गुण उन सन्तानो में थे ,महानाग जैसा शरीर उनका भी शरीर था पर उतना विशाल नहीं था महानाग जहा 200 फिट चौड़ा और 2 हजार फीट लंम्बा इकलौता सर्प था वही उसकी सन्तान अभी से 5 फिट चौड़ी 50 फिट लम्बाई में थी ,सब काल को यानी अपने पिता को सामने देखकर अपने मानवरूप में आकर उसके सामने झुक गये ,काल भी अपनी इन सन्तानो को देखकर भावुक हो गया ,उसकी आँखों से उन सबको देख कर आसु निकल रहे थे ,वो अपने आप को मन मे गालिया दे रहा था ,अपने भोग में वो इन सबको कैसे भूल गया था ,उसे इस बात का जरा भी इल्म नही रहा था ,अपनी पहली सन्तानो के सामने काल अपने घुटनों पर हाथ जोकर बैठकर उन सबको बोला ,में तुम्हारा गुन्हेगार हु मेरे बच्चों ,में तुम्हारा पिता कहने के लायक नही हु ,मुझे भगवान ने अनाथ क्यो रखा इस बात का मुझे अंदाजा हो गया था ,मुझे जैसे पापी कभी किसी का सगा नही बन सकता इसी वजह से में अनाथ बनकर ही पला ,में तुम्हारे सजा का हकदार हु ,काल फूटफूट कर र्रोने लगा था ,सब काल को आसु बहाते देख कर भावुक हो गए थे ,तभी एक बच्चे ने आगे आकर काल के आसु पोछकर कहा ,हमे तो बताया गया था हमारे पिता दुनिया के सबसे बड़े और अनोखे साँप है ,आप हमें मिलने जल्द आने वाले है ,यह बात हम सबको पता थी ,आप किसी बहुत बड़े दायित्व को निभा रहे है यह बात हमे मालूम है ,और आप तो भगवान शिव के नामधारी है काल, आपके ऊपर पूरी दुनिया को बचाने का दायित्व है ,इसके लिये आप खुद की जान की पर्वा नही करते ,आप दुखी मत होइये पिताजी अक्सर ऐसे कामो में हमे कुर्बानी देनी पड़ती है ,आप अगर ऐसे हताश और दुखी होकर रोते बैठ गए तो आपके दायित्व की रक्षा कौन करेगा ,आप एक महावीर है ,जो अपने आसु कभीं किसी के सामने नही बहाते है ,हम आपके प्यार के लिये तरस रहे है , आपको हमे देखकर खुश होना चाहिये ,हम आपके साथ हमारा वक्क्त खुशी में बिताना चाहते है ,हम आपको रोते हुवे नही देख सकते पिताजी ,
काल एकटक उस बच्चे की बात सुन रहा था ,उसने उस बच्चे से पूछा तुम्हारा नाम क्या है बेटा और तुम्हे इतनी ज्ञान की बाते किसने सिखाई
बच्चा बोला ,मेरा नाम शिव है और पिताजी हमे यह सब बातें बड़ी मा और शिवानी दीदी सिखाती थी ,पर कल रात को शिवानी दीदी और हमारे 10 भाइयों को हेमकेतु उठाकर लेके गया ,उसने हमारी कुछ माताओं की भी बहुत मारा और जख्मी कर दिया है ,आप हमारी शिवानी दीदी और भाईयो को बचा लीजिये वो सबको मारने वाला है ,काल ने जब यह बात सुनी उसकी खोपड़ी ही सटक गई ,वो कब अपने महानाग के रूप में आ गया उसे खुद पता नहीं चला ,उसका महानाग का यह रूप सबसे प्रचंड था जो पहले महानाग हुवा करता था वो शान्त और सौम्य था जो बस 200 फिट चौड़ा 2000 फीट लम्बा था ,पर यह प्रलयकारी महानाग था ,जो प्रचंड गुस्से में था ,उसके आकार की कल्पना भी करना मुश्किल हो रहा था ,काल की ताकद जिस तरह से बढ़ी थी, उसी तरह महानाग का आकार और शरीर भी बढ़ गया था ,
महानाग की सब सन्तान बहादुर और बेख़ौफ थी ,उनमे महानाग का खून जो था ,अपने पिता का प्रचंड रूप देखकर उन्हें डर नही बल्कि खुशी और आनंद हो रहा था ,जिस बाप की वो सन्तान थीं उसे देखकर उन सबको अपने बाप पर और अपने आप पर गर्व हो रहा था ,
महानाग ने केतकी से पूछा ,कहा रहता है मादरचोद हेमकेतु ,मेरे बच्चों को उसने हाथ लगाने की हिमत कैसे की ,मुझे पहले यह बताओ वह मुझे कहा मिलेगा ,आज उसकी मौत होगी ,वह भी बहुत बुरी ,उसे आज महानाग के कहर का पता चलेगा ,जल्दी बोलो वो कहा रहता है ,
केतकी ,काल हेमकेतु मेरी बहन के साथ काली शक्तियों की साधना करता था ,वो पाताल के सोमलोक का राजा है ,मेरे यहा न रहने की बात का उसने फायदा उठाकर शिवानी और बच्चों को उठा लिया है ,शिवानी का जन्म अमावस्या के दिन सूर्यग्रहण में हुवा था ,उसके साथ शादी करके संभोग करने वाले व्यक्ति शिवानी के साथ आधा पाताल की काली आग का मालिक बन सकता है ,इसी लालच में उसने शिवानी का अपहरण किया होगा ,वो 1008 बच्चों की बलि एक साथ देकर आखिर में शिवानी की बलि देगा ,जिससे वो अकेला काली आग का मालिक बन जायेगा ,हमे शीघ्र ही सोमलोक के शमशान जाना होगा ,वो आज ही सबकी बलि देगा ,आज अमावस्या भी है और सूर्यग्रहण भी ,तुम काल के रूप में आ जाओ में तुम्हे वहां ले चलती हु ,
महानाग ने भी अपने आप को काल के रूप में बदल लिया,
केतकी उसे लेकर एक पल में सोमलोक पहुंच गई ,वहा पर लाखों की संख्या में असुर ,राक्षस, कितने हीं तरह के प्रचंड जीव सोमलोक के शमशान को गोल घेरे में लेकर उसकी रक्षा के लिये खड़े थे ,आज काल के सब रूप बाहर आने वाले थे ,एक भयानक युद्ध की शुरुआत होने वाली थी ,काली दुनिया को आज एक नए महावीर के दर्शन होने वाले थे ,काल की यह पहली परीक्षा थी और दाव पर लगी थी 1008 निर्दोष बच्चें जिनमे 10 का बाप खुद काल था ।
Ab hoga bhisad yudh... apna kaal sbki gand fad dega
Update 82
शिवा सर्पलोक से 7 बजे लौटकर आ गया उसने सबके साथ जाकर नाश्ता किया ,आज शिवा ने नेत्रा ,केतकी और शिवानी को छोड़कर बाकी सब लड़कियों से अपने दिल पर कोई न कोई बहाने से हाथ लगाने को कहा था ,पर उसके दिल ने उसे कोई संकेत नही दिया,शिवाय ने काल बनके ही सबके साथ नाश्ता किया था ,उसने केतकी ,हिमांनी और नेत्रा को अपनी चिकनी चुपड़ी बातो से काल बनने को मना लिया,और वहाँ से शिवा के साथ निकल कर बाहर चला गया ,शिवाय थोड़ी दूर जाकर ही गायब हो गया और कही चला गया ,आज शाम को वह बहुत बड़ा धमाका करने वाला था और वह उसी काम मे लगा हुवा था ,शिवाने पूजा ,मोना ,निता ,शांती ,सीमा ,सुनीता ,फातिमा ,नुसरत ,रेहाना ,नूरी ,नुसरत ,ज्वाला इन सबके पास अदृष्य रूप में जाकर उनके हाथ से अपने दिल पर स्पर्श करवाया पर उसके दिल ने फिर भी कोई इशारा नही किया ,शिवा सोचने लगा मेरी पहचान की ,या आज तक मिली कोई कभी 6 तत्वों की धारक में से कोई नही है ,शिवानी का दर्द जल्दी दूर करना होगा मुझे , हजारो साल से इतना दर्द रोज झेल रही है ,इन 6 तत्वों की धारक कन्या का पता कैसे करू समझ नही आ रहा है ,अभी मुझे अश्वलोक जाना है ,मेरी नई सन्तान आज अश्वलोक में पैदा होने वाली है ,मुझे अब रोज मेरी सन्तानो को वक्क्त देना है ,ऐसा सोचते हुवे शिवा अश्वलोक पहुँच गया वहाँ दस दिन रुक कर उसने अपने नई अश्व सन्तानो को देख कर बहुत आनंद हुवा ,माला ,बानी ,सोनी ,और पाली इन सबको एक एक सुंदर से अश्व लड़के हुवे थे ,1200 अश्व औरतो को भी सुंदर से अश्व संताने हुवीं थी ,700 अश्व कन्या और 500 अश्व लडको को जन्म दिया था उन सबने मिलकर ,कालअश्व ने सबका बराबर ख्याल रखा था ,काल को देख कर सभी अश्व औरते बहुत खुश थे ,महल की चारो अश्व औरते के सिवा जो 1200 अश्व औरते थे वो काल अश्व से और नये बच्चे पैदा करने को तैयार थी ,धरती के हर 7 दिन बीतने के बाद वो एक नई पीढ़ी को जन्म दे सकती थी ,उनके साथ समय बिताकर काल 10 बजे पातालमे में 15 दिन बिताकर 11 बजे धरती पर लौट आया उसके बाद वो सर्पलोक में मंदा से मिलने गया ,मंदा ने भी एक सुंदर से लड़के को जन्म दे दिया था ,काल ने मंदा और अपनी नई सन्तान के साथ 5 दिन बिताकर वापिस 12 बजे धरती पर आ गया ,तभी उसके सामने काल2 आ गया ,काल 2 ,भाई मनीषा और हेमा से आप एक बार मिल लो ,मेरे ख्याल से आपको उन दोनों से बात कर लेनी चाहिये ,
शिवा ,में भी उन दोनो से आज मिलने वाला हु ,तुम आज शाम तक मन्दिर के आसपास ही रहना ,में यहा के अश्व सैनिकों को कुछ वक्क्त अश्वलोक भेजने वाला हु ,वो सब शाम के 6 बजे तक लौट आएंगे ,तब तक तुम मन्दिर का ख्याल रखना ,इसके बात शिवा ने काल के रूप में पवन और उनके सब सैनिकों को अश्वलोक में नई सन्तानो को देखने को भेज दिया ,वो सभी खुश होकर पहले महाराज पवन के साथ 200 सैनिक और उनके आने के बाद बाकी के 200 सैनिक 3 घण्टे यानी 30 दिन बारी बारी से जाने को तैयार हो गए ,पहले महाराज पवन अपने साथ 200 सैनिक लेकर चले गए ,
शिवा 12 बजे घर लौट आया ,उसके आने के साथ ही शिवाय भी आ गया ,वो अपना काम करके पातालमे बच्चों से मिलकर आ गया था ,शिवा ने सबके साथ मिलकर खाना खाया घर की सभी लडकिया और काल बनकर बैठी केतकी अपने सॉफ्टवेयर के हैक करने की चुनौती देने वालो के साथ ही अपना वक्क्त बिताया कर रहे थे ,उनके सेकुरिटी सॉफ्टवेयर में बहुत सी बड़ी कंपनियों ने अब रुचि दिखानी शुरू कर दी थी ,5 दिन के बाद अगर कोई भी इस सॉफ्टवेयर को हैक नहीं कर पाया तो ,वो कंपनी उसे खरीदने वाली थी ,उनके यहां के कुछ कम्प्यूटर एक्सपर्ट भी शिवाक़े सॉफ्टवेयर को परखने वाले थे 5 दिन में ,शिवा ने कुछ देर उनके साथ खाने के बाद बात की और वो बाहर निकल गया ,शिवा अदृष्य होकर काल बनकर मनीषा और हेमा से मिलने चला गया ,और शिवाय अश्वलोक चला गया
मनीषा और हेमा कुछ बाते करती बैठ थी कि उनके कानों में काल की आवाज आ गई
तुम दोनो को डरने की कोई जरूरत नहीँ है ,मैंने तुम दोनो का नाम नही आने दिया था ,निता और सीमा कभी तुमको अब पूछेगी भी नही की उनके साथ क्या हुवा था ,मेने उन दोनों को दिमाग से वो सब बातें निकाल दी है
मनीषा और हेमा दोनो अचानक आयी आवाज से डर गई थी पर सब बात सुनकर पता चल गया की यह आवाज उनको बचाने वाले उसी अदृश इंसान की है ,उसकी बात खत्म होने के बाद दोनो खुश हो गई
मनीषा ,आप कौन है यह हम नही जानते पर आपने पहेली भी हमे और हमारी बेटीयो को बचाकर हम पर बहुत बड़ा अहसान किया है ,हम आपका यह अहसान कभी नही भूल सकते
हेमा ,आप जादू से कुछ भी कर सकते हो ,आप हम दोनों के पतीं को ठीक कर दीजिए ना ,
शिवा ,क्या हुवा है तुम दोनो के पतीं यो को ,
हेमा ,जी वो दोनो ना ,बात ऐसी है कि वो दोनो ,
हेमा अपनी बात नही कह पा रही थी वो शर्मा रही थी ,यही हाल मनीषा का था
शिवाने उन दोनों के मन की बात को जानना चाही तो उसे पता चला कि उनके पति को किसीने नामर्द बना दिया था ,वो शादी के दिन ही उनके पति के किसी दुश्मन ने उनको नामर्द बनने वाली दवा खिला दी थी ,तबसे उनके पति उनके साथ संभोग नहीं किया था ,शिवा मन मे अगर यह दोनो के पतीं नामर्द है ,तो यह दोनो मा कैसे बनी ,साला यह क्या नया चक्कर है ,अब तो यह जानना ही होगा दोनो मा कैसे बनी
शिवा ने कहा ,देखिये आप नही बताएंगी आपके पति में क्या बीमारी है ,तो में कैसे उन दोनों को ठीक कर पाऊंगा ,
मनीषा ने अपना मन कड़ा बनाकर उसे बता दिया कि उनके पति नामर्द है ,और शादी के दिन ही किसीने उन दोनों के पतियों को नामर्द बना दिया था ,
शिवा ने पूछा ,फिर आप दोनो मा कैसे बनी ,आपकी बेटिया कैसे हो गई ,कही आपने उन दोनों को गोद तो नही ले लिया ,
दोनो एक दम चुप हो गई और क्या जवाब दे यह सोचने लगी उनके मन मे उनके मा बनने के बारे में सब बाते चलने लगी और शिवाने जब वो बाते जानी तो वह हैरान हो गया सब जानकर ,वो वही उनके सामने जमीन पर बैठ गया ,
शिवा अपने मन मे ,बहनचोद अब यह भी मुझे जानना था ,क्या चक्कर है यह सब मेरी समझ के बाहर हो रहा है सब ,इन दोनों को मा मनोज ने बनाया मतलब इनकी बेटीया नेत्रा की सौतेली बहने है ,इतना ही नही मनोज ने नेत्रा की दोनो मौसिया नीलम और नंदिनी को भी मा बनाया है ,नेत्रा की यह सब सौतेली बहने है ,नीलम और नंदिनी के भी पतीं शादी के दिन ही नामर्द बन गए थे ,ये कौन पीछे पड़ा यह इनके खानदान के ,पहले मुझे लगता था कि कोई नेत्रा के परिवार का दुश्मन होगा ,लेकिन यहां पर तो बात ही अलग है ,निता के मायके का भी कोई पुराना दुश्मन है ,जो उनके परिवार से दुश्मनी निकाल रहा है सालो से ,कही इन दोनों परिवार का दुश्मन एक तो नही है ,अब मुझे इस दुश्मनी की जड़ तक जाना ही होगा ,मनोज ने तो हर जगह अपने झंडे गाड़ रखे है इसका मतलब, निता के साथ उसके परिवार की हर औरत को अपने बच्चे की माँ बना दिया ,और निता को भी सब पता है ,अजीब परिवार है यह तो ,शायद नेत्रा को भी यह सब पता होगा ,उसके पास तो किसी को भी छुकर उनके बारे में सब जानने की शक्ति है ,अब मनीषा और हेमा को में क्या जवाब दु ,उनके राज को में जान गया हूं ,यह बात उनको पता चली तो दोनो और शर्मिंदा हो जायेगी ,मुझे इस बारे में कोई बात नही करनी चाहिये ,में इनके पतीं को ठीक तो नही कर सकता ,मेरे पास ऐसी कोई ताकद नहीं है कि में किसी इंसान की बीमारी ठीक कर सकू ,अगर होती तो में जरूर इनकी मदत करता ,शिवा ने थोड़ी देर बात उनसे कहा
देखिये मुझे आप का कोई भी राज नही जानना ,आप निश्चिंत रहिये ,मुझे कुछ बताने की जरूरत नही है ,में आपको एक बात बता दु में आपके पतियो को ठीक नही कर सकता ,मेरे पास ऐसी कोई ताकद नही है ,मेरे पास ऐसी ताकद होती तो मे जरूर आपकी मदद करता ,अगर दूसरी कोई और मदद आपको चाहिये तो में आपको वचन देता हूं में आपकी आप जो चाहे मदद कर सकता हु ,
हेमा ,आप किसी के दिमाग से कुछ बाते निकाल सकते है ना ,इसका मतलब आप किसीका दिमाग पढ़ भी सकते है ,और मुझे पक्का यकीन है कि आप हमारा राज जान गए है ,में आप पर कोई इल्जाम नही लगा रही ,पर में चाहती हु आप इस राज को अपने पास ही रखिये ,और आपने जो हमारी मदद की है इससे में इतना तो जान गई हूं ,आप एक भले और नेक इंसान है जो कभी हमारी मजबूरी का फायदा नही उठा सकते ,
शिवा मन मे यह तो बहुत ज्यादा तेज दिमाग की निकली मेरी
बातो से इसने बराबर पकड़ लिया ,
शिवा ,आप चिंता न करे आप का राज कोई नही जान पायेगा ,और ना में कभी आपका कोई फायदा उठाऊंगा आपकी मजबूरी जानकर ,
मनीषा जो सब सुन रही थी वो अचानक बोली ,आप से में एक बात कहना चाहती हु, हमने जो कुछ भी किया हमारी मजबूरी की वजह से किया ,हमने सिर्फ अपने पेट मे बच्चा आने तक ही हमारे बेटीयो के बाप से सम्बन्ध रखे ,उसके बाद ना कभी हम लोगो मे ऐसा कोई सम्बन्ध नहीं रहा ,उन्होंने हमें मा बनाकर हम पर एक उपकार ही किया है ,ना वो गलत इंसान है ,ना उनकी नियत खराब है ,हमे मा बनाने के बाद कभी उस इंसान ने हमे आंख उठाकर भी नही देखा ,
शिवा ,आप की बात को में समझता हूं ,में ना आप को गलत मानता हूं, ना उस इंसान कों ,आप मेरी एक बात जान लीजिये में बस किसी मदद करना जानता हूं ,लोगो के दुख और उनके बुरे वक्क्त में उनकीं मदद करना ही मेरा काम है ,बाकी किसी बात पर में कभी ध्यान नही देता ,
हेमा,क्या आप दोनो को जादू से मा नही बना सकते ,हम दोनो की बहुत इच्छा थीं कि हमे एक लड़का हो,क्या आप ऐसा कर सकते है
शिवा हस कर बोल गया ,जी नहीं मेरे पास ऐसी कोई जादू की ताकद नही है कि में किसी को लड़के की माँ बना दु ,पर मेरे जितने भी बच्चे पैदा हुवे है अब तक उनमे लड़के ही ज्यादा हुवे है अब तक ,
अपनी बात कहकर शिवा भी मन मे ,साला में यह क्या बोल गया मजाक में
मनीषा और हेमा शिवा की बात सुनकर कुछ बोल ही नहीं सकी ,शिवा भी अब वहां नहीं रुकना चाहता था ,वो झट से बोला, मुझे माफ कर दीजिए मेरे मुह से ऐसी बात निकल गई अनजाने में ,आप मेरी बात का बुरा मत मानिए ,मेरा कोई गलत इरादा नहीं था में ऐसे ही बोल गया ,में अब चलता हूं ,मुझे कुछ काम है ,शिवा वहाँ से उनका कोई जवाब सुने बिना ही वहां से चला गया ,
हेमा कुछ सोचकर बोली ,दीदी एक बात बोलू अगर आपको बुरा न लगे तो ,अगर हम इस अदृश्य इंसान से मा बन जाये तो हमे भी लड़के हो सकते है ,उसकी बात से यह तो पता चल गया कि उसके जितने भी बच्चे पैदा हुवे है वो ज्यादातर लड़के ही है ,उसमे इतनी शक्तिया है वो सबके दिमाग मे यह बात डाल सकता है कि हम अपने पति से ही गर्भवती हो गए है ,और उसके बच्चों में भी तो उसके अंदर भी उसके जैसी जादुई ताकद हो सकती है ,नही होगी तो भी हमे लड़का तो मिल ही जायेगा ,क्या हमें एक कोशिश करके देखनी चाहिये ,
मनीषा ,हेमा बात तो तेरी भी सही है ,एक कोशिश करने में क्या हर्ज है ,मनोज ने ना हमे ना कसम नही दी होती कि वो बस एक ही बार हमें पेट से करेगा लड़का हो या लड़की हो हमारा नसीब ,नीलम को दो लड़कियां तो निता की जिद से पैदा हुवीं थी ,काश मनोज ही हमे एक लड़के की माँ बना देता ,
हेमा, दीदी अब जब यह अदृश्य इंसान हमसे मिलने आएगा इससे हम बात कर लेंगे उसने वादा किया है कि वो हमारे पतीं को ठीक नही कर सकता उसके बदले हमारी वो कोई भी बात मान लेगा ,हम उससे ही हमे मा बनने की मदद लेंगे
इधर शिवा आज सीमा से मिलने आया था अपने अदृष्य रूप में जो आज उसकी हीं राह देखती अपने कमरे में सोचती बैठी थी ,जब शिवाने देखा कि सीमा अपने मन मे कुछ सोच रही है तो उसने उसके दिमाग को पढा तो शिवा मन मे हसने लगा ,आज लगता है में मनोज ने कहा कहा अपनी सन्तान पैदा की वह गिननें का काम कर रहा हु ,यह मनोज तो मेरा बाप निकला हर तरफ बस अपने झंडे गाड़ दिए है ,शान्ती और सीमा की सब बेटिया मनोज की ही है ,दरअसल सीमा अपने कमरे में बैठकर यही सोच रही थी कि उसके पति और मनोज से चुदने पर उसे इतनी तकलीफ नही हुवीं थी ,उस अदृष्य इंसान के चुदने के बाद उसकी चुत 7 दिन तक सूजी हुवीं थी ,और उसकी चुत का छेद इतना बड़ा हों गया था ,अपने पति मिलिंद का लंड जब उसकी चुत में जाता उसे कुछ पता भी नही चलता ,उसके चुत की आग बहुत ज्यादा बढ़ गई थी ,उसे उस अदृष्य इंसान से मिलकर शुक्रिया भी अदा करना था ,उसे बचाने का और अगर वो मान जाए तो अपनी चुत की आग को भी ठंडा करना था ,अपने पति के अलावा सिर्फ वो मनोज से ही चुदी थी वो भी मिलिंद को बाप बनाने के लिये ,जिस तरह शन्ति दीदी मनोज से चुद कर तीन लड़कियों की माँ बनी थी ,उसी तरह मनोज ने शन्ति दीदी के कहने पर सीमा को भी दो लड़कियों की माँ बनाया था ,सीमा की चुत आज कितने दिनों बाद इस अजनबी के वजह से भड़क गई थी ,सीमा यही सोच रही थीं कि कैसे अपनी तड़प को बताए उस अजनबी को ,वो क्या सोचेगा मेरे बारे में ,पर मेरी चुत ने मेरा जिना हराम कर रखा है ,
शिवा ने उसकी मन की सब बातें सुनकर ,सीमा से कुछ देर बात की ,सीमा ने उसका शुक्रिया अदा किया उसे बचाने का ,पर वह अपने दिल की बात शर्म से कह ना सकी ,सीमा ने शिवा से पूछा कि उस रात क्या हुवा था ,तुम कैसे मेरे बारे में जानकर मेरे पास आये ,तुम इंसान हो या कोई और सीमा थोड़ी डरी हुवीं भी की वो किसी अदृष्य इंसान से बात कर रही है ,शिवा ने पहले उसे यकीन दिलाया कि वो इंसान है ,उसके डर को दूर किया ,बाद में निता ,मनीषा ,और हेमा के बारे में कुछ ना बताकर उसे यही बताया की उसे किसीने सेक्स बढ़ने की दवा पिला दी थी धोके से ,ताकि वो पार्टी में बहक जाए और उल्टी सीधी हरकत कर दे ,उसके परिवार कोई अनजान शत्रु है जो उनके परिवार को बदनाम करना चाहता है ,सीमा को उस वक्त वही होटल के कमरे में लेकर बन्द कर आया था ,पर जब सीमा को सेक्स की तड़प ने ज्यादा ही तकलीफ होने लगी तो मजबूरी में उसने सीमा के साथ सेक्स किया था ,सब बातें जानकर सीमा ने उसका शुक्रिया अदा किया ,फिर कुछ देर उससे बात करके वो जाने की बात करने लगा तब सीमा उससे अपने मन की बात नही कह पायी पर कल फिर उसे मिलने के लिये बुलाया ,शिवा भी उसे हा कहकर वहाँ से चला गया ,सीमा आज कुछ कह नही पायीं थी पर उसने कल शिवा आने के बाद उससे बात करने का पक्का कर चुकी थी ,
शिवाय ने आज सुबह मुंबई पुलिस के क्रिमिनल रिकॉर्ड के से मुंबई के सब नामचीन गुंडों, बदमाश लोगो के बारे में जानकारी निकाल ली ,सब खूनी ,बलात्कारी, बच्चों को किडनैप करने वाले लोगो की लंबी लिस्ट उसने उन सबके फ़ोटो के साथ उसे मिल गई ,अब सब को बारी से मारने में समय गवाना उसे पसन्द नही था ,उनकी फ़ोटो देखकर उसने अपनी शक्ति से यह पता कर लिया ,फिर वो अदृश्य होकर कुछ गुंडों के पास चला गया ,अपनी मायावी जादू का इस्तेमाल करके उसने उन सबको समोहन किया और उनसे यह पता कर लिया कि कोंन सा गुंडा सबसे बड़ा बॉस है ,उनके दिमाग से उस का पता चलने के बाद ,वो उस बॉस के पास पहोच गया ,शिवाय ने उस बॉस को भी अपनी समोहन शक्ति से अपना गुलाम बना लिया ,शिवाय ने उस बॉस को जीतने भी मुम्बई के नामचिन कुख्यात खूनी ,फरार गुंडे जो पुलिस के पकड़ में भी नही आते ,हर बुरा काम करने वालो को शाम 6 बजे एक बड़े से शादी के हॉल में मीटिंग के लिये बुलाने को कहा ,उस बॉस के दिमाग से उसने उसीके जैसे बाकी हिंदुस्तान के बड़े शहरों में कौन गुंडा सबसे बड़ा है उसकी जानकारी ले ली ,उसने मुम्बई के बॉस की तरह ही हिंदुस्तान के 50 बड़े शहरों के बॉस के साथ किया ,उन सबने शिवाय के समोहन में आकर उसके गुलाम बनकर अपने अपने शहरों में एक सब गुंडों की मीटिंग बुला ली ,शिवाय इतने पर ही नही रुका ,उन 50 बड़े गुंडों ने जितना पैसा कमाकर बाहर देश के बैंकों में रखा था ,उसे एक खाते में उन सबसे ट्रांसफर करवा लिया ,जो बैंक का खाते उनके ही एक के मदद से स्विस बैंक में खुलवा लिया था ,एक ही घण्टे में शिवाय ने यह सब काम कर लिया ,उसके बैंक के खाते में 5000करोड़ से ज्यादा रक्कम जमा हो गई थी ,शिवाय ने उन गुंडों ने जो पैसा कैश में उनके पास था ,सोना था वो सब लेकर शिवा जहा रहता था वहां अपनी माया से एक बहुत बड़ा खुफिया बेसमेंट बनाकर वहां लाकर रख दिया ,उस बेसमेंट में शिवाय ने 300 किलो सोना और 600 करोड़ से ज्यादा कैश जमा कर लिया ,उसके बाद जिन 50 जगह पर गुंडों की मीटिंग होने वाली थी वहां पर अपनी माया से ऐसा जादू कर दिया कि वहाँ पर आने वाले हर गुंडा बदमाश समोहन में आकर अपना पैसा कहा है यह सब बता दे ,अगर बैंक में रखा हो तो वो शिवाय के स्विस बैंक खाते में जमा करवा दे ,कैश में हो तो वो कहा पर रखा है ,इसकी जानकारी वहां आने के बाद बता दे अपने आदमियों को बता दे,जो शिवाय ने अपनी माया से उसी शहर के 100 आदमी समोहन करके उस जगह रखे थे वो सब यही काम उन सब गुंडों बदमाशो से करवाकर उन सबका पैसा उसी मीटिंग वाली जगह लाकर रखने वाले थे ,उन आदमियों के लिये गाडीयो की व्यवस्था भी शिवाय ने करवा ली थी ,और सब काम हुवा भी वैसे ही जिसकी व्यवस्था शिवाय ने की थी ,रात के 8 बजे तक हिदुस्तान के 50 बड़े शहर में ,उस शहर का हर गुंडा ,बदमाश मीटिंग वाली जगह पर पहुच कर अपना सब पैसा,सोना एक तो शिवाय के बैंक खातों में जमा करवा चूका था या मींटिंग वाली जगह पर उसके बताये हुवे जगह से शिवाय के आदमी वहा लेकर आये थे ,शिवाय ने सबसे पहले 50 जगह पर जमा पैसा ,सोना 30मिनीट में ही मुम्बई के ख़ुफ़िया बेसमेंट में लाकर रख दिया ,उसके बाद जितने भी आदमी शिवाय ने समोहन करके हर जगह पर रखे थे सबको वापिस भेज दिया उन्हें कुछ भी याद नही रहे और सब अपने घर वापिस चले जाएं यह काम कर दिया ,रात के 12 बजे तक शिवाय 50 जगह पर जमा जितने खूनी ,बलात्कारी,बच्चों को किडनैप करके मारँने वाले हर पापी और बुरे इंसान का मन पढ़कर ,किस किस ने क्या गुनाह किया है यह सबको समोहन करके जान लिया ,शिवाय ने किसी को भी जान से नही मारा ,पर हर पापी के दोनो हाथ और पाव काट दिये, उन सबको अंधा बनाकर उनकी आंखें निकाल ली ,जितने भी बलात्कारी थे उन सबके लन्ड काट दिए ,हर बलात्कारी के गांड में ऐसी खुजली पैदा कर दी जो कभी ठीक ना हो उन सबके हाथ ,पाव भी काटकर उन्हें भी अंधा बना दिया ,शिवाय ने उस दिन 50 शहरों में 20 हजार से ज्यादा गुंडों को मौत से बदतर सजा दी थी ,उन सबके पास से शिवाय के स्विस बैंक खाते में 12 हजार करोड़ रुपये ,कैश 2500 करोड़ ,3000 किलो सोना ,शिवाय ने निकाल लिये थे जिसे वो गरीबो के भलाई के लिये इस्तेमाल करने वाला था ,पर अगली सुबह पूरे हिंदुस्तान में बहुत बड़ी खलबली मचने वाली थी ,एक ही दिन में 20 हजार गुंडे ,बदमाश ,खूनी ,फरार गुंडे बिना हाथ पांव के,अंधे ,50 अलग अलग शहरों में मिलने वाले थे ,शिवाय ने हर 50 जगह पर जहा इन गुंडों को उसने हाथ पांव काट कर अंधा किया था एक बहुत बड़ा बोर्ड अपनी माया से बनाकर रख दिया था ,जिसपर लिखा था ,हर खूनी ,बलात्कारी ,बुरे काम करने वालो की यह सजा होगीं, आज से किसि भी निर्दोष ,मासूम और गरीब लोगों को तकलीफ देने वालो को मौत नही मिलेगी ,मिलेगी मौत से बदतर जिंदगी ,आपका शिवाय
Ye shivay Bhai to sbka hi baap nikla
Ye sbki ache se gand marega... Super update
 
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Update 83
शिवा सीमा से मिलकर जब निकला तो वह अदृश्य रूप में अपनी बाइक के पास पहुच गया ,अभी दोपहर के 3 बज गए थे ,अपनी बाइक लेकर शिवा अपनी सोच में बाइक चलाता मोना से मिलने कॉलेज जा रहा था ,उसके बाइक के पीछे के पीछे एक कार में माही थी जो कुछ दिनों से शिवा के बारे में जानकारी निकाल रही थी ,लेकिन उसे ज्यादा कुछ पता नही चल पाया था , सिवाय इसके की शिवा उन्हीके अनाथलय में पला बढा ,इंजीनियरिंग कर रहा है ,पहले पूजा के होटल में काम करता था लेकिन अभी उसने वो काम छोड़ दिया है ,इसके अलावा शिवा ने एक बार पूजा की इज्जत बचाई थी यह बात उसे निता ने ही बतायी थी ,उसके पापा नरेश और माँ सुनीता से ज्यादा वो निता के साथ ही रहती थी ,उसके पापा नरेश सब बच्चों को एक जैसा ही प्यार करते थे ,महि भी अपनी सभी बहनो से प्यार करती पर नेत्रा से उसकी बहुत ज्यादा जमती थी ,नेत्रा की शादी काल से होने के बाद उनकी फोन पर ही ज्यादा बाते होती थी ,नेत्रा उसके पति के साथ मुम्बई में होकर भी माही से मिलती नही थी,माही इस बात से नेत्रा से फोन पर हमेशा उसे सुनाती पर नेत्रा हसकर उसे यहीं कहती कि वो जल्द मिलेगी ,माही को लगता नयी शादी हुवीं है तो अपने पति के साथ नेत्रा ज्यादा समय बिता कर जिंदगी के मजे लूट रही होगी ,माही जब अपनी कार से पूजा के होटल में उसे मिलने जा रही थी ,तभी उसे रस्ते में शिवा अपनी बाइक पर जाते दिखा उसने अपनी कार पूजा के होटल के जगह उसके पीछे लगा दी ,वो आज शिवा से बात करना चाहती थी और उसके बारे मे उसी से बाते कर के जानकारी निकालना चाहती ,माही के सामने चलते शिवा ने अपनी बाइक के सामने अचानक एक कुत्ता आने से अपनी बाइक के ब्रेक लगा दिये ,उसके पीछे ही महि अपने कार में चल रही थी ,शिवा के अचानक रुकने से उसने भी अपनी कार के ब्रेक लगा दिये ,पर उसकी कार को वह कंट्रोल न कर सकी ,उसकी कार की टक्कर शिवा को न लगे इस वजह से उसने अपने कार को एक तरफ घुमा दिया ,जिसकी वजह से उसकी कार रस्ते के डिवाइडर से टकरा गई कार की स्पीड इतनी ज्यादा नही थी ,पर कार डिवाइडर के टकराने से माही का सिर जोरसे कार की स्टेयरिंग से टकरा गया ,माही के सिर में चोट लगकर उसका खून बहने लगा और वह बेहोश हो गयी ,शिवा ने भी कार की ब्रेक लगने की आवाज से पीछे मुड़कर देखा तब तक माहीं की कार डिवाइडर से टकरा गई थी ,शिवाने तेजीसे अपनी बाइक रोड़ के साइड में एक जगह खड़ी करके कार की तरफ दौड़ गया ,शिवा जिस रस्ते से जा रहा था वो एक शॉर्टकट रस्ता था जहाँ पर ट्रैफिक ना के बराबर थी ,शिवा ने पहले कार का दरवाजा खोलकर देखा तो उसे एक सुंदर सी लड़की दिखी ,जिसका चेहरा डॉक्टर फातिमा जैसा ही था पर उसके बाल फातिमा की तरह सुनहरे ना होकर काले थे ,उसके सर के माथे पर चोट लगने से खून निकल रहा था और वह बेहोश हो गई थी ,शिवा ने फौरन उसे कार से निकाल कर पीछे वाली सीट पर लिटा दिया और कार हॉस्पिटल की तरफ भगा दी ,नरगिस की वजह से शिवा कार चलाना सिख गया था ,शिवा ने कार उसी हॉस्पिटल पर ले आया जहा उसका चेकअप किया गया था ,वो हॉस्पिटल ही सबसे नजदीक था जहाँ पर कार का एक्सीडेंट हुवा था ,शिवाने कार हॉस्पिटल के बाहर रोक कर ,उसने उस लड़की को अपनी गोद मे उठाकर अंदर ले गया ,वहा उसे डॉक्टर फातिमा अपने केबिन के बाहर ही दिख गई ,वो सीधा उसकी पास उसीके पास चला गया
शिवाने फातिमा के पीछे खड़े होकर कहा ,डॉक्टर सुनिये
फातिमा ने पलट कर देखा तो पीछे शिवा खड़ा था और उसके गोद मे एक लड़की थी जिसके चेहरे पर खून बह रहा था और उसके बाल उसके चेहरे पर आने की वजह से वह कौन है यह समज नही आ रहा था ,फातिमा ने आगे बढ़कर शिवा से कहा ,आप इन्हें सामने लिटा दीजिये ,क्या हुवा है इनके साथ ,कैसे चोट लगी है इन्हें
शिवा ने वही पास के एक बेड पर उस लड़की को रख दिया और कहा ,जी रस्ते में इनकी कार एक डिवाइडर से टकरा गई थी ,में उनको जानता नही हु ,पर इनकी हालत देखकर में इन्हें यहा ले या ,
फातिमा शिवा की बात सुनते उस लड़की के बाल ठीक करके उसके चेहरे से खून को साफ कर रही थी ,जब उसका चेहरा पहचान में आया तो फातिमा के मुह से निकला ,ये तो माही है ,फातिमा ने झट से उसके जख्म को देख कर उसे साफ किया ,सर पर पट्टी करके उसे इंजेक्शन दिया और शिवा की तरफ मुड़कर कहा ,जी आपका बहुत शुक्रिया ,यह मेरी सहेलि माही है ,मेरी बहन से ज्यादा है मुझे ,आपका बहुत शुक्रिया जो आप इसे मेरे ही हॉस्पिटल में ले आये ,आप चिंता न करे में आगे देख लुंगी ,इसके घर पर में फोन करके खबर कर दूंगी ,बस यह डर के वजह से बेहोश हो गई है बाकी चोट इतनी गहरी भी नही है ,
शिवा को सब सुनकर अच्छा लगा ,चलो यह ठीक है यही बहुत है ,पर इन्हें चोट मेरे वजह से लग गई है ,में इनकी कार के आगे चल रहा था अपनी बाइक पर ,मेरे सामने अचानक एक कुत्ता आने से मैंने ब्रेक लगा दिया ,और यह मेरे पीछे थी मुझे टक्कर ना लगे इस वजह से शायद इन्होने कार एक तरफ मोड़ दी जो डिवाइडर से टकरा गईं और इन्हें चोट लग गईं ,में इनके इलाज का जो खर्चा होगा वो दे दूंगा और मुझे इनसे मेरी गलती की माफी मांगनी है
फातिमा सब सुनकर हसके बोली ,यह अस्पताल हीं इस माही का है तो इलाज के पैसे नही होगे और यह होश में आने के बाद आप माफी मांग लेना ,और इसका नाम माही है
शिवा ,इनको होश कब तक आ सकता है
फातिमा ,एक कप कॉफी पीने के बाद
शिवा ,ठीक है में बाहर से आपके लिये अभी कॉफी लेकर आता हूं
फातिमा ,क्या में चल नही सकती जो आप यहा कॉफ़ी लेकर आएंगे ,या मेरी गलती से आप अबतक नाराज है जो मेरे साथ कॉफ़ी नही पीना चाहते ,
शिवा हसकर ,चलिये डॉक्टर फातिमा जी कॉफी पीने चलते है
फातिमा ,सिर्फ फातिमा कहा तो मुझे खुशी होगी
शिवा ,चलिये कॉफी पीने फातिमा
फातिमा हसकर उसके साथ चलकर अस्पताल के बाहर ही बाजू के एक कॉफी शॉप में आकर आमने सामने बैठकर कॉफ़ी पिने लगे ,फातिमा शिवा काफी देर तक बाते करती रही ,उसने शिवा से उसके बारे में थोड़ी ही देर में बहुत कुछ जान लिया था ,उसे इस बात का आश्चर्य हुवा की शिवा की उम्र उससे कम है और वो अभी 19 साल का ही है ,शिवा उसे पसन्द आ गया था ,उसकी बातों से वो इतना तो समझ गई कि फातिमा को उसने माफ कर दिया है ,थोड़ी देर बाते करने के बाद वो अस्पताल में वापिस आ गए , फातिमा शिवा का सबकुछ पहले ही देख चुकी थी उसको पसन्द तो उसी दिन आ गया पर जब आज शिवा का सादगी भरा चरित्र उसके दिल मे बस गया ,आज के जमाने मे कोई इतना नेक कैसा हो सकता है ,फातिमा ने उसका लंड चूस लिया था ,उस दिन वो चाहता तो फातिमा खुद उसके नीचे लेट कर चुद गई होती पर ना वो खुद बहका ना फातिमा का गलत फायदा उठाया ,फातिमा ने सोच लिया था कि उसके जीवन मे कोई मर्द आएगा तो वो शिवा ही होगा ,भले शिवा उसके साथ शादी ना भी करे पर वो एक बार ही सही उसे अपना सबकुछ देकर उसके सहारे पूरा जीवन बिता देगी ,और शिवा को वो इस बात के लिए मनाकर ही रहेगी ,उसकी सोच शिवा जान चुका था और शिवा इस लड़की का दिल नही तोड़ने का फैसला कर चुका था ,
माही भी होश में आ गई थी ,वो अब अपने बेड पर बैठी हुवीं थी ,जब फातिमा और शिवा उसके पास आये ,तो फातिमा ने उसे बता दिया कि शिवा ही उसे अस्पताल लेकर आया था ,पहले शिवा ने माफी मांग कर माही से बात की ,जिस पर माही ने शिवा को हसकर कहा आप की नही मेरी भी गलती थी इसमे थोडी ,आप ने मुझे अस्पताल लेकर आ गये यही बहुत है ,शिवा थोड़ी देर बैठकर वहाँ से चला गया ,
फातिमा ,माही मेने तुझे बताया था ना कि मैंने एक पेशंट के साथ क्या किया था गलती से ,याद है यह वही है
माही ,तो उसने तुम्हे माफ कर दिया या नही
फातिमा ,अरे वो तो बहुत अच्छा है यार में सोच रही हु उसे तेरा जीजा बना दु
माही हसकर ,लगता है उसका टेस्ट तुम्हे पंसद आ गया है जो ज़िदंगी भर उसका साथ चाहिये ,
फातिमा ,कुछ ऐसा ही समज मेरी जान ,वो जितना हैंडसम है ना उससे ज्यादा उसका वो हैंडसम है ,तूने उसका देख लिया ना तो तू मेरी सौतन बनने की जिद करेगी फिर ,
माही ,मुझे नही बनना तेरी सौतन ,तुझे ही रहने दे उसको भी और उसके वो को भी ,यह बता घर पर कुछ बताया नही ना तुझे ,अगर बताया तो बड़ी मुश्किल होगी मेरे लिये ,
फातिमा ,नही बताया मैने कुछ लेकीन सर की चोट तो सब को दिख जाएगी तब क्या करेगी
माही ,अरे बोल दुंगी की चलते हुवे गिर गई थी ,और तू भी यही कहना नही तो चाचा मुझे गाड़ी नही चलाने देंगे और चाची तो मेरी जान खा लेगी सवाल पूछकर
फातिमा ,में नही बताऊंगी कुछ बस ,अम्मी आज नही आयीं अस्पताल अगर वो यहाँ होती ,तो फिर तुझे तो वो यही रख लेती दस दिन तक ,मेरी बेटी मेरी बेटी करते हुवे
माही ,जल मत फातिमा ,माना वो तेरी अम्मी है पर मेरी भी तो प्यारी चाची है ,चल अब यह बता में घर जा सकती हूं या नही
फातिमा, अरे बैठ थोड़ी देर मेरे साथ आज पेशंट भी नहीं है ज्यादा ,तुझे घर जाकर क्या करना है
माही ,चल ठीक है में चाची को फोन कर देती हूं फिर शाम को ही जाऊंगी घर ,
माही फातिमा के पास ही रुक गई ,शिवा वहां से निकलकर एक एक घण्टा सर्पलोक और बलिलोक जाकर आया और 7 बजे तक घर पहुंच गया ,चाय पीकर सबसे बोला में खाने पर मिलता हु ,सब लोग सॉफ्टवेयर के चैलेंज में ही लगे रहे ,अपने कमरे में जाकर ,शिवाने पहले रेहाना और नूरी को वक्क्त दिया ,उसके बाद ज्वाला और सुनीता को सबको समयमनी में 12 घण्टे बजाकर वो आज निता के साथ भी 12 घण्टे समयमनी बिताकर 9 बजे तक खाने के लिए आ गया ,शिवाय खाने पर नही आया था ,केतकी ने काल बनकर सबके साथ खाना खाया ,10 बजे शिवा अपने कमरे में आया और अपने कमरे का दरवाजे को बंद करके वो सीधा भवानी गढ़ पहुच गया ,वहाँ जाकर काल बनकर वो सीधा सिंहाली और मिहाली के सामने पहुँच गया ,दोनो उसे देखकर चौक गई कि यह यहाँ क्या कर रहा है ,
काल ,तुम दोनो को ज्यादा सोचने की जरूरत नही है में तुम्हे यह बताने आया था कि हम तीनों सिहलोक जाने वाले है ,मुझे देखना है कि में सिंहार बन सकता हु या नही
सिंहाली ,तुम्हे सिंहार के बारे में भी पता है
काल ,सिंहाली में ज्यादा तो नही जानता पर सिहलोक जाकर ही सब कुछ जान लूंगा ,
मिहाली एकदम खुशी से ,काल एक काम करो तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ में ले चलती हु तुम्हे सिहलोक
सिंहाली ,थोडी देर रुको मिहाली ,
सिंहाली ने अपनी आंखें बंद की और कुछ करने लगी ,कुछ देर में उनके सामने 50 से ज्यादा शेर खड़े थे ,सब के सब सिंहाली और मिहाली जैसे ही ऊंचे लंबे तगडे थे ,बस सब शेर दोनो बहनो से 10 फिट कम ऊंचे और कम तगडे थे ,उन सबकी ऊंचाई 40 फिट तक ही थी ,पर वो भी बहुत हीं खूंखार और भयानक लग रहे थे
सिंहाली ,सेनापति दामिनी ,तुम सब हमारे आने तक मन्दिर की गुप्त रूप से रक्षा करोगी ,हम सिहलोक जा रहे है ,सुबह होने से पहले हम लौट आएंगे ,मन्दिर की रक्षा में कोई भी ढील नही होनी चाहिए ,तुम्हे बाकी सब पता है यहा रक्षा के लिये कौन कौन है ,उन सब का ख्याल रखना ,हमारे जाने के बाद सब तुम्हारी ही जिम्मेदारी होगी ,
सेनापति दामिनी ,आप निश्चित रहिये राजकुमारी ,में और मेरी सब साथी शेरनियां अपने काम मे कोई चूक नही करंगे ,हम आपको निराश नही करेंगे
उसके बाद मिहाली और सिंहाली काल को लेकर वहासे गायब हो गई
सिंहाली और मिहाली के ऊपर बैठा काल एक बहुत ही घने और विशाल जंगल मे पहुँच गये ,जहा पर चारो तरफ बस शेरनियां ही नजर आ रही थी ,उस जंगल मे बहुत सुंदर और खूबसूरत मकान बने हुवे थे ,जहा पर यह शेरनियां दिख रही थी ,उनमे ज्यादा तर मानव रूप में ही वो शेरनियां औरत के रूप में दिख रही थी ,उनके बदन पर बहुत ही खूबसूरत कपड़े थे जिनमें वो बहुत सुंदर लग रही थी ,सब औरतो का कद 70 फिट से लम्बा था ,बड़े बड़े हाथ पांव ,मजबूत जांघे ,विशाल चुचिया और उतनी ही भारी गांण्ड ,काल जब उन सबको देख रहा था ,तभी उन औरतो में से एक की नजर इन तीनो पर गई जो एकदम जबरदस्त माल लग रही थी सबमें वो इन तीनो की तरफ आने लगी उस औरत के साथ पीले कपड़ो में एक और औरत थी वो भी गजब का माल थी ,वो जब दोनो उनके पास चलकर आ रही थी ,तब तक काल मिहाली के ऊपर से नीचे उतर चुका था और थोड़ा उन दोनों के आगे खड़ा होकर सब देख रहा था ,काल जब सामने आ रही दो खूबसूरत बला को देख रहा था तो काल ने मन मे सोच लिया कि इन दोनों की गांड़ का स्वाद वो अवश्य लेगा ऐसी कयामत वाली गांड़ मारी नहीं तो क्या फायदा ,तभी काल के पीछे खड़ी सिंहाली और मिहाली अपने मानव रूप में आकर आगे बढ़ गई ,काल उन दोनों की गांड़ की थिरकन और लचक देख कर और उनके रूपसौन्दर्य से चकित रह गया ,उसके लंड ने ऐसा झटका मारा की मानो अभी वो इन दोनों के गांड मार देगा ,काल अपने सामने देखता इन 4 एक से बढ़कर एक खूबसूरत हसीनों का दीवाना बन कर ठगा सा खडा सब देख रहा था ,
सिंहाली और मिहाली पहले जाकर उन दोनों औरतो के पाव को नीचे झुक कर प्रणाम करने लगी ,काल की तो दोनो की गांण्ड को देखकर ऐसा लगने लगा कि जाकर सीधा उन दोनों की गांण्ड में घुस के उनको अपने दांतों से काट काटकर चाटे ,उन दोनों के कपडे फाड़कर ,उन दोनों को नंगा करके उनके छेद को देखे ,और उसमे अपने लंड को उतार कर उसकी गहराई में खो जाए ,काल अपने विचारों में डूब गया था ,उसे पता भी नही चला कि कब वो चारो उसके सामने आकर खड़ी हो गई ,उन सबके सामने काल एक छोटे बच्चे से कम नही लग रहा था जहाँ सिंहाली और मिहाली 75 फिट के कद की उन दोनों से लम्बी और तगड़ी थी वही दूसरी दोनो कद में कम होकर भी सिंहाली और मिहाली सी बड़ी गांड़ और चुचियो कि मालकिन थी ,
पीली कपड़े वाली ने काल से पूछा ,तुम यहा किस लिये आये हो मनुष्य ,
काल उसकी मीठी सी आवाज को सुनकर एक नशे में बोल गया ,जी आपकी और इन तीनो की बड़ी सी मतवाली और कातिल गांण्ड को मारने
काल की बातों से वो औरत एकदम गुस्से ले लाल हो गई उसके पीछे खड़ी सिंहाली और मिहाली शर्मा गई और जो औरत उन दोनों की साथ खड़ी थी वो भी गुस्से और काल की ऐसी खुली और गन्दी बात से चिढ़ गई थी ,
पीले कपड़े वाली औरत ने काल से गुस्से में कहा ,तुमको होश नही है क्या पापी इंसान तुम किसके सामने हो और क्या बात कर रहे हो ,अगर सिंहाली और मिहाली ने तूमको यहा मेहमान बनाकर नही लाया होता, तो में कबकी तुम्हे ऐसी बात करने पर मार चुकी होती ,
काल को भी होश आ चुका था ,उसे अपने आप की कही बात का अब पछतावा होने लगा ,आज पहली बार उसके दिमाग से नही बल्कि अपने लंड से सोच कर जवाब दिया था ,पर अब बात मुह से निकल गई थी और उसपर सफाई भी नही दे सकता था वो ,उसने चुप रहने में ही भलाई समझी
पीले कपड़ो वाली औरत गुस्से में लाल पीली होती बोलने लगी ,तुम सिंहार की परीक्षा में ना जाओ यही पहले में चाहती थी पर तुम्हे उस परीक्षा में अब में खुद भेजने वाली हु ,बड़ा शौक है ना तुम्हे अपनी मर्दांगी दिखाने का तो अब में भी देखना चाहती हु तुम कितने बड़े मर्द हो ,अगर तुम सिंहार की परीक्षा में जीत गए तो में वादा करती हूं सबके सामने तुम्हे अपनी गांण्ड मारने दुंगी ,पर तुम जिंदा नही बचने वाले इसमे ,राजकुमारी आप दोनो इस पापी को अभी उस काली गुफा के बाहर छोड़ दे सिंहार कि परीक्षा के लिये ,ये आपकी राजगुरु बाली का आदेश है , चलिये महारानी उमा हम महल चलते है ,आपकी बेटिया उस पापी को छोड़ कर वही आ जायेगी ,इतना कहकर राजगुरु बाली और महारानी उमा गुस्से में कदम पटकती काल की तरफ पीठ करती महल की और जाने लगी ,काल इतनी बाते सुनकर भी उन दोनों की मदमस्त गांण्ड जो ज्यादा तेजीसे चलने से बहुत कामुक लग रही थी उसको ललचायी नजरो से घूर रहा था ,
सिहाली और मिहाली काल के पास आकर खड़ी हो गयी,सिंहाली चिंता से कहने लगी ,ये क्या कर दिया आपने राजगुरु बाली जी से आपको ऐसी बाते नही करनी चाहिये थी ,वो बहुत अच्छी है स्वभाव में आज पहली बार हमने उन्हें गुस्सा होते हुवे देखा है ,आप ने हमारी मा का भी अपमान कर दिया ,हम तो आपकी बहादुरी और वीरता की कितनी बाते उन्हें बताकर आपसे मिलाने लाये थे ,पर सब बातों पर आपने पानी फिरा दिया ,चलिये हम आपको काली गुफा के सामने छोड़ देते है ,फिर तीनो उसे लेकर जंगल के अंदर ले गयी ,एक बहुत ही बड़ी और विशाल गुफा के सामने वह पहुच गई जिसकी ऊँचाई 250 फिट से ज्यादा और चौड़ाई 600 फिट से अधिक थी ,
सिंहाली ,आप को इस गुफा में जाना होगा ,इसी गुफा में सिंहार का मुकुट है जिसे पहनने वाला सिंहार बन सकता है ,उस मुकुट की रक्षा खुद शेरा नाम का विशाल और महाबलवान शेर करता है ,जो सिहलोक का सबसे बड़ा और दिव्य शक्तियों का मालिक है ,शेरा का साथ देने के लिये कितने ही मायावी और ताक़दवर जीव है जो उसके जैसे ही बलवान और शक्तिशाली है ,हजारो साल से कोई सिंहार के मुकुट तक नहीं पहुच सका है आज तक ,हमारे सिहलोक में सिर्फ पुण्यवान और अच्छी शक्तियो का मालिक ही आ सकता है ,सिहलोक में भगवान नरसिम्हा का सुरक्षा कवच लगा है ,जिसे कोई भी पापी और काली शक्तियो का मालिक नही तोड़ सकता ,यह मुकुट भी भगवान नरसिम्हा का ही है ,जिसे पहनने वाला उस मुकुट में मौजूद शक्ति का मालिक बन सकता है ,भगवान नरसिम्हा के इस दिव्य मूकट में उनकी बस एक प्रतिशत ही शक्ति है ,पर वो भी बहुत दिव्य शक्तियों से भरा है ,जिसे पहनने वाला इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली और ताक़दवर बन सकता है ,आजतक कितने ही लोगो ने इस मुकुट को पाने की कोशिश की है पर वो नाकाम ही रहा है ,कितने शक्तिशाली और बलवान यक्ष ,गंधर्व ,यह तक देवपुत्रो ने इस पाने की कोशिश में अपनी जान गवा दी है ,हमारे पिता के मृत्यु के बाद इस सिहलोक का मालिक यही सिंहार मुकुट को पहनने वाला बनेगा ,हम सभी सिहलोक की शेरनियां इस सिंहार कि पत्निया बनने वाली है ,यहा सिर्फ एक ही शेर सबका पतीं होता है ,अब तुम इस सिंहार के मुकुट को हासिल करने में कामयाब हो गए तो तुम हम सबके राजा और हमारे पतीं बनोगे
सिंहाली और मिहाली दोनो काल को उस गुफा के पास छोड़कर वापिस महल की और चलने लगी
दोनो खामोश होकर चल रही थी ,सिंहाली ने कहा ,मिहाली तुमने अबतक एक शब्द भी नही कहा कबसे ,तुम इतनी चुप क्यों हो क्या बात है ,क्या तुम्हें काल पर भरोसा नही है या तुम डर रही हो काल के असफल होने पर ,
मिहाली ,नही ऐसी कोई बात नही है ,में यह सोच रही हु की काल ऐसा पहला ऐसा है जो हमे अपने अदृष्य रूप में देख सकता है,यहा तक हमारे मन की बात पढ़ सकता है ,यह सब जानकर भी राजगुरु क्रोध में आकर फस गई है ,जो काल को वादा कर बैठी ,
सिंहाली ,में कुछ समझी नही तेरी बात ,
मिहाली ,अरे सीधी बात है काल मे कुछ खास बात होगी तभी वो इस सिंहार परीक्षा के बारे में सब बातें जानकर जरा भी डरा नही या घबराया ,काल अगर अपनी परीक्षा में जीत गया ,जिसका मुझे पूरा यकीन है काल के पराक्रम और उसकी बहादुरी को जानते हुवे की वह जीत ही जायेगा तो वो महागुरु को सबको सामने किस तरह चोदेगा ,राजगुरु अपने गुस्से में बहुत बड़ी भूल कर बैठी है ,काल राजगुरु की गांड अब सबके सामने मार कर अपने अपमान का जरूर हिसाब चुकता करेगा ,बड़ा मजा आने वाला है ,राजगुरुं बाली और काल के इस खेल का हा हा हा ।
 
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Update 83
शिवा सीमा से मिलकर जब निकला तो वह अदृश्य रूप में अपनी बाइक के पास पहुच गया ,अभी दोपहर के 3 बज गए थे ,अपनी बाइक लेकर शिवा अपनी सोच में बाइक चलाता मोना से मिलने कॉलेज जा रहा था ,उसके बाइक के पीछे के पीछे एक कार में माही थी जो कुछ दिनों से शिवा के बारे में जानकारी निकाल रही थी ,लेकिन उसे ज्यादा कुछ पता नही चल पाया था , सिवाय इसके की शिवा उन्हीके अनाथलय में पला बढा ,इंजीनियरिंग कर रहा है ,पहले पूजा के होटल में काम करता था लेकिन अभी उसने वो काम छोड़ दिया है ,इसके अलावा शिवा ने एक बार पूजा की इज्जत बचाई थी यह बात उसे निता ने ही बतायी थी ,उसके पापा नरेश और माँ सुनीता से ज्यादा वो निता के साथ ही रहती थी ,उसके पापा नरेश सब बच्चों को एक जैसा ही प्यार करते थे ,महि भी अपनी सभी बहनो से प्यार करती पर नेत्रा से उसकी बहुत ज्यादा जमती थी ,नेत्रा की शादी काल से होने के बाद उनकी फोन पर ही ज्यादा बाते होती थी ,नेत्रा उसके पति के साथ मुम्बई में होकर भी माही से मिलती नही थी,माही इस बात से नेत्रा से फोन पर हमेशा उसे सुनाती पर नेत्रा हसकर उसे यहीं कहती कि वो जल्द मिलेगी ,माही को लगता नयी शादी हुवीं है तो अपने पति के साथ नेत्रा ज्यादा समय बिता कर जिंदगी के मजे लूट रही होगी ,माही जब अपनी कार से पूजा के होटल में उसे मिलने जा रही थी ,तभी उसे रस्ते में शिवा अपनी बाइक पर जाते दिखा उसने अपनी कार पूजा के होटल के जगह उसके पीछे लगा दी ,वो आज शिवा से बात करना चाहती थी और उसके बारे मे उसी से बाते कर के जानकारी निकालना चाहती ,माही के सामने चलते शिवा ने अपनी बाइक के सामने अचानक एक कुत्ता आने से अपनी बाइक के ब्रेक लगा दिये ,उसके पीछे ही महि अपने कार में चल रही थी ,शिवा के अचानक रुकने से उसने भी अपनी कार के ब्रेक लगा दिये ,पर उसकी कार को वह कंट्रोल न कर सकी ,उसकी कार की टक्कर शिवा को न लगे इस वजह से उसने अपने कार को एक तरफ घुमा दिया ,जिसकी वजह से उसकी कार रस्ते के डिवाइडर से टकरा गई कार की स्पीड इतनी ज्यादा नही थी ,पर कार डिवाइडर के टकराने से माही का सिर जोरसे कार की स्टेयरिंग से टकरा गया ,माही के सिर में चोट लगकर उसका खून बहने लगा और वह बेहोश हो गयी ,शिवा ने भी कार की ब्रेक लगने की आवाज से पीछे मुड़कर देखा तब तक माहीं की कार डिवाइडर से टकरा गई थी ,शिवाने तेजीसे अपनी बाइक रोड़ के साइड में एक जगह खड़ी करके कार की तरफ दौड़ गया ,शिवा जिस रस्ते से जा रहा था वो एक शॉर्टकट रस्ता था जहाँ पर ट्रैफिक ना के बराबर थी ,शिवा ने पहले कार का दरवाजा खोलकर देखा तो उसे एक सुंदर सी लड़की दिखी ,जिसका चेहरा डॉक्टर फातिमा जैसा ही था पर उसके बाल फातिमा की तरह सुनहरे ना होकर काले थे ,उसके सर के माथे पर चोट लगने से खून निकल रहा था और वह बेहोश हो गई थी ,शिवा ने फौरन उसे कार से निकाल कर पीछे वाली सीट पर लिटा दिया और कार हॉस्पिटल की तरफ भगा दी ,नरगिस की वजह से शिवा कार चलाना सिख गया था ,शिवा ने कार उसी हॉस्पिटल पर ले आया जहा उसका चेकअप किया गया था ,वो हॉस्पिटल ही सबसे नजदीक था जहाँ पर कार का एक्सीडेंट हुवा था ,शिवाने कार हॉस्पिटल के बाहर रोक कर ,उसने उस लड़की को अपनी गोद मे उठाकर अंदर ले गया ,वहा उसे डॉक्टर फातिमा अपने केबिन के बाहर ही दिख गई ,वो सीधा उसकी पास उसीके पास चला गया
शिवाने फातिमा के पीछे खड़े होकर कहा ,डॉक्टर सुनिये
फातिमा ने पलट कर देखा तो पीछे शिवा खड़ा था और उसके गोद मे एक लड़की थी जिसके चेहरे पर खून बह रहा था और उसके बाल उसके चेहरे पर आने की वजह से वह कौन है यह समज नही आ रहा था ,फातिमा ने आगे बढ़कर शिवा से कहा ,आप इन्हें सामने लिटा दीजिये ,क्या हुवा है इनके साथ ,कैसे चोट लगी है इन्हें
शिवा ने वही पास के एक बेड पर उस लड़की को रख दिया और कहा ,जी रस्ते में इनकी कार एक डिवाइडर से टकरा गई थी ,में उनको जानता नही हु ,पर इनकी हालत देखकर में इन्हें यहा ले या ,
फातिमा शिवा की बात सुनते उस लड़की के बाल ठीक करके उसके चेहरे से खून को साफ कर रही थी ,जब उसका चेहरा पहचान में आया तो फातिमा के मुह से निकला ,ये तो माही है ,फातिमा ने झट से उसके जख्म को देख कर उसे साफ किया ,सर पर पट्टी करके उसे इंजेक्शन दिया और शिवा की तरफ मुड़कर कहा ,जी आपका बहुत शुक्रिया ,यह मेरी सहेलि माही है ,मेरी बहन से ज्यादा है मुझे ,आपका बहुत शुक्रिया जो आप इसे मेरे ही हॉस्पिटल में ले आये ,आप चिंता न करे में आगे देख लुंगी ,इसके घर पर में फोन करके खबर कर दूंगी ,बस यह डर के वजह से बेहोश हो गई है बाकी चोट इतनी गहरी भी नही है ,
शिवा को सब सुनकर अच्छा लगा ,चलो यह ठीक है यही बहुत है ,पर इन्हें चोट मेरे वजह से लग गई है ,में इनकी कार के आगे चल रहा था अपनी बाइक पर ,मेरे सामने अचानक एक कुत्ता आने से मैंने ब्रेक लगा दिया ,और यह मेरे पीछे थी मुझे टक्कर ना लगे इस वजह से शायद इन्होने कार एक तरफ मोड़ दी जो डिवाइडर से टकरा गईं और इन्हें चोट लग गईं ,में इनके इलाज का जो खर्चा होगा वो दे दूंगा और मुझे इनसे मेरी गलती की माफी मांगनी है
फातिमा सब सुनकर हसके बोली ,यह अस्पताल हीं इस माही का है तो इलाज के पैसे नही होगे और यह होश में आने के बाद आप माफी मांग लेना ,और इसका नाम माही है
शिवा ,इनको होश कब तक आ सकता है
फातिमा ,एक कप कॉफी पीने के बाद
शिवा ,ठीक है में बाहर से आपके लिये अभी कॉफी लेकर आता हूं
फातिमा ,क्या में चल नही सकती जो आप यहा कॉफ़ी लेकर आएंगे ,या मेरी गलती से आप अबतक नाराज है जो मेरे साथ कॉफ़ी नही पीना चाहते ,
शिवा हसकर ,चलिये डॉक्टर फातिमा जी कॉफी पीने चलते है
फातिमा ,सिर्फ फातिमा कहा तो मुझे खुशी होगी
शिवा ,चलिये कॉफी पीने फातिमा
फातिमा हसकर उसके साथ चलकर अस्पताल के बाहर ही बाजू के एक कॉफी शॉप में आकर आमने सामने बैठकर कॉफ़ी पिने लगे ,फातिमा शिवा काफी देर तक बाते करती रही ,उसने शिवा से उसके बारे में थोड़ी ही देर में बहुत कुछ जान लिया था ,उसे इस बात का आश्चर्य हुवा की शिवा की उम्र उससे कम है और वो अभी 19 साल का ही है ,शिवा उसे पसन्द आ गया था ,उसकी बातों से वो इतना तो समझ गई कि फातिमा को उसने माफ कर दिया है ,थोड़ी देर बाते करने के बाद वो अस्पताल में वापिस आ गए , फातिमा शिवा का सबकुछ पहले ही देख चुकी थी उसको पसन्द तो उसी दिन आ गया पर जब आज शिवा का सादगी भरा चरित्र उसके दिल मे बस गया ,आज के जमाने मे कोई इतना नेक कैसा हो सकता है ,फातिमा ने उसका लंड चूस लिया था ,उस दिन वो चाहता तो फातिमा खुद उसके नीचे लेट कर चुद गई होती पर ना वो खुद बहका ना फातिमा का गलत फायदा उठाया ,फातिमा ने सोच लिया था कि उसके जीवन मे कोई मर्द आएगा तो वो शिवा ही होगा ,भले शिवा उसके साथ शादी ना भी करे पर वो एक बार ही सही उसे अपना सबकुछ देकर उसके सहारे पूरा जीवन बिता देगी ,और शिवा को वो इस बात के लिए मनाकर ही रहेगी ,उसकी सोच शिवा जान चुका था और शिवा इस लड़की का दिल नही तोड़ने का फैसला कर चुका था ,
माही भी होश में आ गई थी ,वो अब अपने बेड पर बैठी हुवीं थी ,जब फातिमा और शिवा उसके पास आये ,तो फातिमा ने उसे बता दिया कि शिवा ही उसे अस्पताल लेकर आया था ,पहले शिवा ने माफी मांग कर माही से बात की ,जिस पर माही ने शिवा को हसकर कहा आप की नही मेरी भी गलती थी इसमे थोडी ,आप ने मुझे अस्पताल लेकर आ गये यही बहुत है ,शिवा थोड़ी देर बैठकर वहाँ से चला गया ,
फातिमा ,माही मेने तुझे बताया था ना कि मैंने एक पेशंट के साथ क्या किया था गलती से ,याद है यह वही है
माही ,तो उसने तुम्हे माफ कर दिया या नही
फातिमा ,अरे वो तो बहुत अच्छा है यार में सोच रही हु उसे तेरा जीजा बना दु
माही हसकर ,लगता है उसका टेस्ट तुम्हे पंसद आ गया है जो ज़िदंगी भर उसका साथ चाहिये ,
फातिमा ,कुछ ऐसा ही समज मेरी जान ,वो जितना हैंडसम है ना उससे ज्यादा उसका वो हैंडसम है ,तूने उसका देख लिया ना तो तू मेरी सौतन बनने की जिद करेगी फिर ,
माही ,मुझे नही बनना तेरी सौतन ,तुझे ही रहने दे उसको भी और उसके वो को भी ,यह बता घर पर कुछ बताया नही ना तुझे ,अगर बताया तो बड़ी मुश्किल होगी मेरे लिये ,
फातिमा ,नही बताया मैने कुछ लेकीन सर की चोट तो सब को दिख जाएगी तब क्या करेगी
माही ,अरे बोल दुंगी की चलते हुवे गिर गई थी ,और तू भी यही कहना नही तो चाचा मुझे गाड़ी नही चलाने देंगे और चाची तो मेरी जान खा लेगी सवाल पूछकर
फातिमा ,में नही बताऊंगी कुछ बस ,अम्मी आज नही आयीं अस्पताल अगर वो यहाँ होती ,तो फिर तुझे तो वो यही रख लेती दस दिन तक ,मेरी बेटी मेरी बेटी करते हुवे
माही ,जल मत फातिमा ,माना वो तेरी अम्मी है पर मेरी भी तो प्यारी चाची है ,चल अब यह बता में घर जा सकती हूं या नही
फातिमा, अरे बैठ थोड़ी देर मेरे साथ आज पेशंट भी नहीं है ज्यादा ,तुझे घर जाकर क्या करना है
माही ,चल ठीक है में चाची को फोन कर देती हूं फिर शाम को ही जाऊंगी घर ,
माही फातिमा के पास ही रुक गई ,शिवा वहां से निकलकर एक एक घण्टा सर्पलोक और बलिलोक जाकर आया और 7 बजे तक घर पहुंच गया ,चाय पीकर सबसे बोला में खाने पर मिलता हु ,सब लोग सॉफ्टवेयर के चैलेंज में ही लगे रहे ,अपने कमरे में जाकर ,शिवाने पहले रेहाना और नूरी को वक्क्त दिया ,उसके बाद ज्वाला और सुनीता को सबको समयमनी में 12 घण्टे बजाकर वो आज निता के साथ भी 12 घण्टे समयमनी बिताकर 9 बजे तक खाने के लिए आ गया ,शिवाय खाने पर नही आया था ,केतकी ने काल बनकर सबके साथ खाना खाया ,10 बजे शिवा अपने कमरे में आया और अपने कमरे का दरवाजे को बंद करके वो सीधा भवानी गढ़ पहुच गया ,वहाँ जाकर काल बनकर वो सीधा सिंहाली और मिहाली के सामने पहुँच गया ,दोनो उसे देखकर चौक गई कि यह यहाँ क्या कर रहा है ,
काल ,तुम दोनो को ज्यादा सोचने की जरूरत नही है में तुम्हे यह बताने आया था कि हम तीनों सिहलोक जाने वाले है ,मुझे देखना है कि में सिंहार बन सकता हु या नही
सिंहाली ,तुम्हे सिंहार के बारे में भी पता है
काल ,सिंहाली में ज्यादा तो नही जानता पर सिहलोक जाकर ही सब कुछ जान लूंगा ,
मिहाली एकदम खुशी से ,काल एक काम करो तुम मेरी पीठ पर बैठ जाओ में ले चलती हु तुम्हे सिहलोक
सिंहाली ,थोडी देर रुको मिहाली ,
सिंहाली ने अपनी आंखें बंद की और कुछ करने लगी ,कुछ देर में उनके सामने 50 से ज्यादा शेर खड़े थे ,सब के सब सिंहाली और मिहाली जैसे ही ऊंचे लंबे तगडे थे ,बस सब शेर दोनो बहनो से 10 फिट कम ऊंचे और कम तगडे थे ,उन सबकी ऊंचाई 40 फिट तक ही थी ,पर वो भी बहुत हीं खूंखार और भयानक लग रहे थे
सिंहाली ,सेनापति दामिनी ,तुम सब हमारे आने तक मन्दिर की गुप्त रूप से रक्षा करोगी ,हम सिहलोक जा रहे है ,सुबह होने से पहले हम लौट आएंगे ,मन्दिर की रक्षा में कोई भी ढील नही होनी चाहिए ,तुम्हे बाकी सब पता है यहा रक्षा के लिये कौन कौन है ,उन सब का ख्याल रखना ,हमारे जाने के बाद सब तुम्हारी ही जिम्मेदारी होगी ,
सेनापति दामिनी ,आप निश्चित रहिये राजकुमारी ,में और मेरी सब साथी शेरनियां अपने काम मे कोई चूक नही करंगे ,हम आपको निराश नही करेंगे
उसके बाद मिहाली और सिंहाली काल को लेकर वहासे गायब हो गई
सिंहाली और मिहाली के ऊपर बैठा काल एक बहुत ही घने और विशाल जंगल मे पहुँच गये ,जहा पर चारो तरफ बस शेरनियां ही नजर आ रही थी ,उस जंगल मे बहुत सुंदर और खूबसूरत मकान बने हुवे थे ,जहा पर यह शेरनियां दिख रही थी ,उनमे ज्यादा तर मानव रूप में ही वो शेरनियां औरत के रूप में दिख रही थी ,उनके बदन पर बहुत ही खूबसूरत कपड़े थे जिनमें वो बहुत सुंदर लग रही थी ,सब औरतो का कद 70 फिट से लम्बा था ,बड़े बड़े हाथ पांव ,मजबूत जांघे ,विशाल चुचिया और उतनी ही भारी गांण्ड ,काल जब उन सबको देख रहा था ,तभी उन औरतो में से एक की नजर इन तीनो पर गई जो एकदम जबरदस्त माल लग रही थी सबमें वो इन तीनो की तरफ आने लगी उस औरत के साथ पीले कपड़ो में एक और औरत थी वो भी गजब का माल थी ,वो जब दोनो उनके पास चलकर आ रही थी ,तब तक काल मिहाली के ऊपर से नीचे उतर चुका था और थोड़ा उन दोनों के आगे खड़ा होकर सब देख रहा था ,काल जब सामने आ रही दो खूबसूरत बला को देख रहा था तो काल ने मन मे सोच लिया कि इन दोनों की गांड़ का स्वाद वो अवश्य लेगा ऐसी कयामत वाली गांड़ मारी नहीं तो क्या फायदा ,तभी काल के पीछे खड़ी सिंहाली और मिहाली अपने मानव रूप में आकर आगे बढ़ गई ,काल उन दोनों की गांड़ की थिरकन और लचक देख कर और उनके रूपसौन्दर्य से चकित रह गया ,उसके लंड ने ऐसा झटका मारा की मानो अभी वो इन दोनों के गांड मार देगा ,काल अपने सामने देखता इन 4 एक से बढ़कर एक खूबसूरत हसीनों का दीवाना बन कर ठगा सा खडा सब देख रहा था ,
सिंहाली और मिहाली पहले जाकर उन दोनों औरतो के पाव को नीचे झुक कर प्रणाम करने लगी ,काल की तो दोनो की गांण्ड को देखकर ऐसा लगने लगा कि जाकर सीधा उन दोनों की गांण्ड में घुस के उनको अपने दांतों से काट काटकर चाटे ,उन दोनों के कपडे फाड़कर ,उन दोनों को नंगा करके उनके छेद को देखे ,और उसमे अपने लंड को उतार कर उसकी गहराई में खो जाए ,काल अपने विचारों में डूब गया था ,उसे पता भी नही चला कि कब वो चारो उसके सामने आकर खड़ी हो गई ,उन सबके सामने काल एक छोटे बच्चे से कम नही लग रहा था जहाँ सिंहाली और मिहाली 75 फिट के कद की उन दोनों से लम्बी और तगड़ी थी वही दूसरी दोनो कद में कम होकर भी सिंहाली और मिहाली सी बड़ी गांड़ और चुचियो कि मालकिन थी ,
पीली कपड़े वाली ने काल से पूछा ,तुम यहा किस लिये आये हो मनुष्य ,
काल उसकी मीठी सी आवाज को सुनकर एक नशे में बोल गया ,जी आपकी और इन तीनो की बड़ी सी मतवाली और कातिल गांण्ड को मारने
काल की बातों से वो औरत एकदम गुस्से ले लाल हो गई उसके पीछे खड़ी सिंहाली और मिहाली शर्मा गई और जो औरत उन दोनों की साथ खड़ी थी वो भी गुस्से और काल की ऐसी खुली और गन्दी बात से चिढ़ गई थी ,
पीले कपड़े वाली औरत ने काल से गुस्से में कहा ,तुमको होश नही है क्या पापी इंसान तुम किसके सामने हो और क्या बात कर रहे हो ,अगर सिंहाली और मिहाली ने तूमको यहा मेहमान बनाकर नही लाया होता, तो में कबकी तुम्हे ऐसी बात करने पर मार चुकी होती ,
काल को भी होश आ चुका था ,उसे अपने आप की कही बात का अब पछतावा होने लगा ,आज पहली बार उसके दिमाग से नही बल्कि अपने लंड से सोच कर जवाब दिया था ,पर अब बात मुह से निकल गई थी और उसपर सफाई भी नही दे सकता था वो ,उसने चुप रहने में ही भलाई समझी
पीले कपड़ो वाली औरत गुस्से में लाल पीली होती बोलने लगी ,तुम सिंहार की परीक्षा में ना जाओ यही पहले में चाहती थी पर तुम्हे उस परीक्षा में अब में खुद भेजने वाली हु ,बड़ा शौक है ना तुम्हे अपनी मर्दांगी दिखाने का तो अब में भी देखना चाहती हु तुम कितने बड़े मर्द हो ,अगर तुम सिंहार की परीक्षा में जीत गए तो में वादा करती हूं सबके सामने तुम्हे अपनी गांण्ड मारने दुंगी ,पर तुम जिंदा नही बचने वाले इसमे ,राजकुमारी आप दोनो इस पापी को अभी उस काली गुफा के बाहर छोड़ दे सिंहार कि परीक्षा के लिये ,ये आपकी राजगुरु बाली का आदेश है , चलिये महारानी उमा हम महल चलते है ,आपकी बेटिया उस पापी को छोड़ कर वही आ जायेगी ,इतना कहकर राजगुरु बाली और महारानी उमा गुस्से में कदम पटकती काल की तरफ पीठ करती महल की और जाने लगी ,काल इतनी बाते सुनकर भी उन दोनों की मदमस्त गांण्ड जो ज्यादा तेजीसे चलने से बहुत कामुक लग रही थी उसको ललचायी नजरो से घूर रहा था ,
सिहाली और मिहाली काल के पास आकर खड़ी हो गयी,सिंहाली चिंता से कहने लगी ,ये क्या कर दिया आपने राजगुरु बाली जी से आपको ऐसी बाते नही करनी चाहिये थी ,वो बहुत अच्छी है स्वभाव में आज पहली बार हमने उन्हें गुस्सा होते हुवे देखा है ,आप ने हमारी मा का भी अपमान कर दिया ,हम तो आपकी बहादुरी और वीरता की कितनी बाते उन्हें बताकर आपसे मिलाने लाये थे ,पर सब बातों पर आपने पानी फिरा दिया ,चलिये हम आपको काली गुफा के सामने छोड़ देते है ,फिर तीनो उसे लेकर जंगल के अंदर ले गयी ,एक बहुत ही बड़ी और विशाल गुफा के सामने वह पहुच गई जिसकी ऊँचाई 250 फिट से ज्यादा और चौड़ाई 600 फिट से अधिक थी ,
सिंहाली ,आप को इस गुफा में जाना होगा ,इसी गुफा में सिंहार का मुकुट है जिसे पहनने वाला सिंहार बन सकता है ,उस मुकुट की रक्षा खुद शेरा नाम का विशाल और महाबलवान शेर करता है ,जो सिहलोक का सबसे बड़ा और दिव्य शक्तियों का मालिक है ,शेरा का साथ देने के लिये कितने ही मायावी और ताक़दवर जीव है जो उसके जैसे ही बलवान और शक्तिशाली है ,हजारो साल से कोई सिंहार के मुकुट तक नहीं पहुच सका है आज तक ,हमारे सिहलोक में सिर्फ पुण्यवान और अच्छी शक्तियो का मालिक ही आ सकता है ,सिहलोक में भगवान नरसिम्हा का सुरक्षा कवच लगा है ,जिसे कोई भी पापी और काली शक्तियो का मालिक नही तोड़ सकता ,यह मुकुट भी भगवान नरसिम्हा का ही है ,जिसे पहनने वाला उस मुकुट में मौजूद शक्ति का मालिक बन सकता है ,भगवान नरसिम्हा के इस दिव्य मूकट में उनकी बस एक प्रतिशत ही शक्ति है ,पर वो भी बहुत दिव्य शक्तियों से भरा है ,जिसे पहनने वाला इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली और ताक़दवर बन सकता है ,आजतक कितने ही लोगो ने इस मुकुट को पाने की कोशिश की है पर वो नाकाम ही रहा है ,कितने शक्तिशाली और बलवान यक्ष ,गंधर्व ,यह तक देवपुत्रो ने इस पाने की कोशिश में अपनी जान गवा दी है ,हमारे पिता के मृत्यु के बाद इस सिहलोक का मालिक यही सिंहार मुकुट को पहनने वाला बनेगा ,हम सभी सिहलोक की शेरनियां इस सिंहार कि पत्निया बनने वाली है ,यहा सिर्फ एक ही शेर सबका पतीं होता है ,अब तुम इस सिंहार के मुकुट को हासिल करने में कामयाब हो गए तो तुम हम सबके राजा और हमारे पतीं बनोगे
सिंहाली और मिहाली दोनो काल को उस गुफा के पास छोड़कर वापिस महल की और चलने लगी
दोनो खामोश होकर चल रही थी ,सिंहाली ने कहा ,मिहाली तुमने अबतक एक शब्द भी नही कहा कबसे ,तुम इतनी चुप क्यों हो क्या बात है ,क्या तुम्हें काल पर भरोसा नही है या तुम डर रही हो काल के असफल होने पर ,
मिहाली ,नही ऐसी कोई बात नही है ,में यह सोच रही हु की काल ऐसा पहला ऐसा है जो हमे अपने अदृष्य रूप में देख सकता है,यहा तक हमारे मन की बात पढ़ सकता है ,यह सब जानकर भी राजगुरु क्रोध में आकर फस गई है ,जो काल को वादा कर बैठी ,
सिंहाली ,में कुछ समझी नही तेरी बात ,
मिहाली ,अरे सीधी बात है काल मे कुछ खास बात होगी तभी वो इस सिंहार परीक्षा के बारे में सब बातें जानकर जरा भी डरा नही या घबराया ,काल अगर अपनी परीक्षा में जीत गया ,जिसका मुझे पूरा यकीन है काल के पराक्रम और उसकी बहादुरी को जानते हुवे की वह जीत ही जायेगा तो वो महागुरु को सबको सामने किस तरह चोदेगा ,राजगुरु अपने गुस्से में बहुत बड़ी भूल कर बैठी है ,काल राजगुरु की गांड अब सबके सामने मार कर अपने अपमान का जरूर हिसाब चुकता करेगा ,बड़ा मजा आने वाला है ,राजगुरुं बाली और काल के इस खेल का हा हा हा ।
 
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काल उस विशाल से गुफा के सामने उसे बतायी गई सब बातों को सोच रहा था ,उसने उन दोनों से एक ही सवाल पूछा था ,धरती और सिंहलोक के समय कुछ फर्क है या नही ,तब उसे सिंहाली ने कहा सिहलोक और गरुड़लोक एक गुप्तलोक है जिसका निर्माण खुद भगवान विश्वेश और रचनाकारजी ने किया है ,यहा समय की गति ना के बहूत कम है ,हम यहा 2 साल रहने पर भी धरती में बस 1 घण्टे का समय बीत जाता है ,
काल के पास अब बहुत समय था पर इस बार परीक्षा भी बहुत कड़ी और कठिन थी ,लेकिन काल शक्ति खुद के फायदे के लिये नही बल्कि उस शक्ति का उपयोग त्रिशक्ति की दी गयी जिम्मेदारी निभाने और मन्दिर के चमत्कारी पथर किसी बुरी ताकद के हाथों में न पड़े इसलिये करने वाला था,काल ने एक सोच पहले ही बना ली थी वो किसी भी सिंहार के रक्षक जीवो पर जानलेवा हमला नही करेगा क्योकि वो सब भगवान विश्वेश के सिंहार मुकुट के रक्षक थे ,और ऐसे किसी पर जानलेवा हमला करना सबसे बड़ा पाप था ,काल उस बड़ी सी अंधेरी गुफा में जाने से पहले उस गुफा को अपना सर जमीन पर लगाकर भक्तिभाव से नमन किया और अंदर दाखिल हो गया ,काल ने भले अपने आत्मभंजन से अपने पांच अंश बना दिये थे और उनको पूर्ण शक्तिरूप दिया था लेकिन सब शक्तिया उसके आत्मा से बनी थी ,उसके अंदर भी अपने अंश की तरह ही सभी शक्तिया मौजूद थी और इसकी वजह थी अश्वदेवता कि दी हुवीं आत्मभंजन सिद्धि मंत्र की ताकद ,अगर उस सिद्धि के बिना काल ने अपने आत्मभंजन को किया होता तो उसके अंदर उसके अंश अलग होने के कोई भी ताकद नही बचती ,उस अश्वदेवता के सिद्धि मंत्र से काल के शरीर से उसके सभी अंश अलग होने पर भी हर अंश की ताकद ,खूबी वैसेही बरकरार थी ,
काली गुफा अपने अंदर एक अलग दुनिया थी बसाई हुवे थी काल अपने अंधेरे में देख पाने की शक्ति की मदद से आराम से उस काले घने अंधेरे में आराम से सब देख पा रहा था ,काल के नीचे पूरी तरह से हरी घास थी ,गुफा अंदर आने के बाद बहुत ज्यादा ऊंची और विशाल हो गई थी ,काल एक बहुत ही बड़े जंगल मे चल रहा था जहाँ पर हर तरफ ऊंचे घने पेड़ थे ,काल को किस दिशा में जाना है यह समझ नही आ रहा था ,जब वो इस गुफा में घुसा था तभी से कुछ देर चलने पर यह जंगल शुरू हो गया था ,काल किधर भी ना मुड़ता बस सीधे रास्ते चल रहा था ,काल का जंगल मे चलते हुवे काफी देर हो गई थी ,पर उसके सामने अभी तक कोई भी नही आया था ,काल बस चलता हुवा सावधानी से आगे चल रहा था ,कुछ देर बाद काल को अपने पीछे कुछ आहट हुवीं लेकिन काल रुका नही बस चलता ही रहा ,उसके पीछे अब बहुत ही ज्यादा आवाज हो रही थी ,जैसे उसके पीछे बहुत कुछ चल रहा हो ,जैसी आवाज पीछेसे आ रही थी वैसेही आवाज अब उसके सामने से आने लगी ,थोड़ी ही देर काल के सामने लाखो की संख्या में छोटे बड़े ,हर तरह सर्प आ गए थे ,हर पेड़ पर सांप थे ,जमीन पर जहा तक नजर जा सकती थी बस सांप ही नजर आने लगे थे ,उन सांपो ने उस पूरे जंगल को ऐसे ढक दिया था मानो बस वो सांपो का ही जंगल लग रहा था ,हर पेड़ पर अब सैकड़ो की संख्या में साँप कुंडली लगाकर अपना फन निकालकर काल को अपनी आंखों से गुस्से में देख रहे थे ,जमीन पर भी यही हाल था ,सामने पैर रखने तक को जगह नही बची थी ,काल भी अपनी जगह स्थिर खड़ा हो गया ,उसने अपने कदम आगे नही बढ़ाये ,वो किसी भी साँप पर अपने पैर को रखना नही चाहता था ,अचानक उस पर सभी साँप झपट पड़े ,उसके बदन के हर हिस्से पर उन सांपो ने हमला कर दिया था ,काल को पूरा उन सांपो में अपने अंदर ढक लिया था ,काल के हर बदन के हिस्से में वो अपने जहरीले दांत घुसाने की कोशिश कर रहे थे ,काल के नाक और कान में भी कुछ छोटे सांप घुसकर उसे डसने की कोशिश करने लगे थे ,पर काल के बदन में एक भी दाँत नही घुस रहा था ,ना काल को कुछ फर्क पड़ रहा था ,काल के पूरे कपड़े उन जहरीले सर्पो के तेज जहर से जल के राख हो गए थे ,काल पूरा नंगा हो गया था ,उन लाखों सर्पो के विशाल पर्वत के नीचे काल पूरा ढक गया था ,मानो वो उसे काट न पाने से दम घुटकार मारना चाहतों हो ,काल ने अपनी आंखें बंद करके सब सहन करता शांत खड़ा रहा ,उन लाखों सांपो ने काल को काटकर देखा ,उसके ऊपर अपना तेजाब से खतरनाक जहर ड़ालकर देखा ,उसको अपने वजन से दबाकर मारना चाहा पर काल का वो कुछ भी नही बिगाड़ पा रहे थे ,अपनी कोशिश करते वो सांप बहुत देर तक काल को मारने में लगे रहे ,लेकिन हर कोशिश में नाकाम होने के बाद सब उसे वैसाही छोड़कर पीछे हटकर खड़े हो गए ,काल ने सांपो के पीछे हटने के बाद पहले अपने माया से अपने शरीर को सांपो के जहर से साफ किया और जादू से कपड़े पहन लिए ,काल से बस 50 फिट की दूरी पर सभी साँप उसे गोल घेरे में खड़े होकर घेरकर बैठ गए थे ,काल अब सोचने लगा आगे किस तरह बढ़े ,सब सांप उसे कही जाने नही जाने देंगे ,वो भी अपनी जगह खड़ा होकर इन सबके यहा से जाने का इंतजार करने लगा ,तभी काल को आभास हो गया कोई बहुत तेजीसे उसकी और आ रहा है ,काल मे सामने जो सर्प थे वो भी तेजीसे एक तरफ हटने लगे और काल के सामने एक लम्बा रस्ता उन सर्पो ने किसी के लिए बना दिया ,काल भी अब अपने सामने कौन आ रहा है यह देखने लगा ,सामने बहुत से पेड़ो को गिरता एक विशाल सांप आ रहा था ,जो सब सांपो से बड़ा था जितने काल को घेर कर खड़े थे ,वो सर्प का फन ही 100 फिट का था और उसकी लम्बाई भी भी 2000 फिट से ज्यादा थी ,उसका पूरा बदन हरा था और उसके पूरे बदन पर बड़े बड़े कांटे थे ,बस उसका फन ही बिना काटो वाला था, वो सांप बहुत गुस्से में लग रहा था ,उसने काल के सामने आकर बिना बोले काल के ऊपर अपना मुह खोलकर जहर फेक दिया ,काल को कुछ हुवा तो नही पर उसके सब कपड़े फिर जल गए वो वापिस नंगा हो गया ,काल को अपने जहर से कुछ ना होता देख ,उस सांप ने काल को अपने मुह में लेकर निगलना चाहा ,काल ने इस बार अपने इच्छाधारी शक्ति से आकर एकदम से बढ़ाकर 500 फिट कर लिया ,उस सांप ने काल के पूरे शरीर को अपने नुकिले और बड़े बड़े दांतो से काटना चाहा पर काल के शरीर को उसके दाँत भेद नही पा रहे थे ,उसने काल को अपने पूरे शरीर से जकड़ कर पूरी ताकद के साथ अपने शरीर के काटो को चुभोती मारने की कोशिश करने लगी ,पर काल का के शरीर पर कोई असर नही हो रहा था ,उसने काल पर कितने वार किए उसकी सीमा नही थी ,पर काल अपनी जगह पर मुस्कुराता उसके हर वार को झेलता रहा ,बहुत देर कोशिश करने के बाद वो साँप का के सामने कुंडली मार कर खड़ा हो गया ,उसने काल से इंसानी आवाज में पूछा ,कौन हो तुम ,और तुम पर मेरे जहर का असर क्यों नही हो रहा है ,और तुमने मेरे और मेरे सर्पो के इतने वार का एक भी जवाब नही दिया ,चुपचाप सब क्यो बर्दाशत कर रहे हो ,क्या तुम्हें गुस्सा नही आया हम सब पर ,तुम में भी कुछ शक्तिया जरूर होगी ,हमपर अपनी ताकद नही आजमाना चाहोगे ,
काल उसकी आवाज से समज गया कि यह एक सर्पकन्या है ,काल ने बड़ी नम्रता से कहा ,देवी आप सब पर वार करने का पाप में नही कर सकता ,आप सब लोग भगवान विश्वेश के सिंहार मुकुट के रक्षक है ,आप सब तो अपना काम कर रहे थे ,आप पर वार करना मतलब भगवान विश्वेश के ऊपर वार करना है ,में भले आपके हमले से मर जाता पर कभी आप सब पर कोई वार सपने में भी नही कर सकता ,
वो सर्पकन्या अपना सर्प रूप छोड़कर एक औरत के रूप में काल के सामने खड़ी हो गई ,काल ने झट से अपने आकार को कम करके अपने वास्तविक रूप में आकर अपने नंगे बदन पर जादू से कपड़े चढ़ा लिये ,
सर्प औरत ,में इस नागद्वार की रक्षक नागदन्ती हु ,तुम कौन हो ,अपना पूरा परिचय दो ,तुम कोई नेक और भले जीव लग रहे हो
काल ने उसे फिर अपना सब परिचय और उसकी सब कहानी बता दी उसके परीक्षा के बारे में भी सब बता दिया ,
नागदन्ती ,तुम जो बोल रहे हो इस बात का प्रमाण दे सकते हो या झूठ बोलकर मुझे फसाने की कोशिश कर रहे हो ,अगर तुम सच बोल रहे हो तो अपने महानाग का रुप हमे दिखा कर हमारा विश्वास जीत सकते हो
काल ने उसकी बात सुनकर अपने महानाग के रूप को धारण कर लिया ,काल के महानाग का रूप बहुत प्रचंड और महाकाय था ,उसका सर आकाश में एक हजारो फुट चौडा और लम्बाई इतनी की समझ पाना भी मुश्किल ,उसका यह दिव्य रुप देखकर नागदन्ती भी अपने सर्परूप मे आ गयी ,वो महानाग के सामने एक चींटी के समान लग रही थी ,
नागदन्ती ,मुझे माफ़ करना महानाग पर आपके इस रूप के बिना मुझे आप पर यकीन करना मुश्किल था ,मुझे पहले से आपकी ही प्रतीक्षा थी ,में और मेरी पूरी सर्पसेना आपका ही इंतजार हजारो वर्षों से थी ,आपके मदत के लिए ही हम सबका निर्माण हुवा है ,आप बस हमे अपने अंदर ग्रहण कर लीजिये ,हम आजसे आपके शरीर मे रहकर आपका हर आदेश मानेंगे ,आप हमें अपने अंदर लेने से आपकी ताकद भी बहुत बढ़ जाएगी मेरी सेना के साथ मेरी भी सभी शक्तिया आपकी हो जाएगी ,आपके कहने पर ही हम सब आपके शरीर से बाहर आ सकते है ,आप बस इसी महानाग रूप में हमे अपने दिल से स्वीकार करे में आपके अंदर रहकर आपसे बात भी कर सकती हूं ,आपके अगले सफर पर में आपकी हर सम्भव मदत करूंगी ,बस आप एक बार अपने मुह से कह दीजिये आप हमारा स्वीकार करते है ,
महानाग ने नागदन्ती ने कहा वैसाही किया महानाग ने जैसे ही कहा में आप सबका दिल से स्वीकार करता हु ,एक तेज रोशनी से पूरा जंगल भर गया जिसकी वजह से महानाग की आंखे भी बन्द हो गई ,जब उसने अपनी आंखें खोली तो वह अपने काल के रूप में आ गया था ,उसके सामने अब कोई जंगल नही था ,ना कोई पहले जैसा अंधेरा सब जगह गुफा के बाहर जैसी रोशनी थी वैसाही उजाला दिख रहा था ,काल अब गुफा की ऊंचाई और चौड़ाई आराम से देख सकता था ,
काल अपने मन मे ,यह जंगल कहा गया ,और सारे सांप और नागदन्ती कहा है ,कही ये मेरा कोई सपना था या कोई माया का खेल ,तभी काल के मन मे एक आवाज आयी ,यह सब सच था स्वामी ,आप अपनी पहली परीक्षा में सफल होने से सब खत्म हो गया है ,में और मेरी सब सर्पसेना आपके अंदर ही है ,काल सब सुनकर बोला नागदन्ती तुम मुझे आजसे मेरे नाम शिवा या काल से बुलाना यह स्वामी नही बोलना बस ,
नागदन्ती हसकर बोली जैसा आप कहे काल ,आप जिस रूप में होंगे में उसी नाम से आपको आज के बोलूंगी
काल ,यह एकदम सही बात बोली तुमने ,अब आगे चले
नागदन्ती ,जी आप जैसा कहे काल
काल आगे बढ़ते हुवे नागदन्ती से अपने मन मे बात करने लगा ,नागदन्ती क्या आजसे पहले किसिने तुम सबको नही हराया था ,मेने सुना था आजतक बहुत शूरवीर यहा सिंहार की परीक्षा देने आए थे ,वो जीत नही पाए कभी तुम सबसे ,
नागदन्ती ,काल आज तक जितने भी इस परीक्षा को देने आए तब हम उन पर हमला करते सबने हमे मारने की कोशिश की सिवाय तुम्हारे ,हम सब कभी नही मर सकते ,जबतक सिंहार का मुकुट है तबतक हमे कोई नही मार सकता ,हमे अगर काटा तो हम एक से दो हो जाते है ,ना हमे कोई जला कर मारना चाहा तो हम नही जल सकते ,जितने भी लोग आजतक यहा आये सब यही पर मारे गए ,हमे सिर्फ महानाग का ही इंतजार था ,अगर तुम महानाग नही होते तो कभी इस पहले चरण को पार नही कर सकते ,आगे तुम्हारी और कठिन परीक्षा होगी ,जैसा तुमने हमारे साथ किया वैसाही आगे नही करना होगा ,तुन्हें अब आगे हर चुनौती से लड़कर उन्हें मारे बिना हराना है ,यह बात याद रखना की तुम अगर किसी को मार दोगे तो वही हमेशा फस कर रह जाओगे ,आगे तुम एक को मारोगे तो उससे हजार नए पैदा होंगे जो पहले से 100 गुना बड़े और ताक़दवर होंगे ,बस अपनी सुझबुझ और दिमाग से तुम्हे सब को हराना है ,तुम इसमे मेरा और मेरी सेना का इस्तेमाल कर सकते हो ,
काल नागदन्ती से बाते करता आगे बढ़ रहा था ,अब गुफा में चारो तरफ बर्फ ही नजर आने लगी थी ,नीचे की समतल जमीन खत्म हो गई थी ,नीचे हर तरफ बस पथराई जमीन दिख रही थी जिसपर बर्फ जमा हो गया ,काल के सामने जल्द ही इस चरण की चुनौती आ गई उसके सामने 50 नरभेड़ियो का झुंड खड़ा था जो आधे इंसान और आधे भेड़िये थे ,उनका कमर तक हिस्सा इंसानों जैसा और ऊपर का भेड़िये की तरह था ,50 फिट के वो नरभेड़िये काल को देख कर ही उसके ऊपर झपट पड़े ,काल उन सबमे घिर गया था ,कालके बदन को वो अपने मुह में लेकर बुरी तरह काटने की कोशिश करते काल को नोच रहे थे ,काल को ना हिला पा रहे थे ना गिरा पा रहे थे ,काल के पूरे शरीर पर उनके दांतो और नाखूनों से एक खरोच तक नही आ रही थी ,उनमे में से कुछ नरभेड़िया अपने मुह ऊपर करके जोर जोरसे भेड़िये की तरह चीखने लगी जिसकी वजह से कुछ ही पल में वहां हजारो नरभेड़िये जमा होकर काल पर झपट पड़े ,काल को इन नरभेड़ियो ने भी उसके कपड़े फाड़कर नंगा कर दिया था ,नरभेड़िये मिलकर काल को नीचे गिराने की नाकाम कोशिश करने में लगे हुवे था काल बस खड़ा होकर देख हीं रहा था ,
तभी नागदन्ती काल के मन मे बोली ,काल आप क्या कर रहे इन सबके साथ आप कबतक ऐसे चुपचाप खड़े होकर मुकाबला करेंगे यह कभी नही थकेंगे ,आप हमेशा ऐसे ही खड़े रहेंगे तो भी यह नही रुकने वाले आपको कुछ करना होगा ,तब कालने अपनी अंदर की सर्पसेना को बाहर निकल कर उन सबको बन्दी बनाने को कहा पर किसी को भी नही काटे यह बता दिया ,कुछ ही पल में काल के बदन से लाखों साँप निकल कर उन नरभेड़ियो को हाथो पाव को जकड़ने लगे ,पर नरभेड़िये भी इन सांपो को मारने लगे ,अपने दांतों से काटकर टुकड़े करके फेकने लगे ,अपने हातो के नुकिले नाखूनों से वो सांपो को चीरकर फेक रहे थे ,पर यह उनपर ही भारी पड़ने लगा था ,इस चरण की शक्ति से जो एक साँप के वह टुकड़े करते उसके हजार सांप बन जाते ,जो पहले से100 गुना बड़े और ताक़दवर थे वहां कुछ ही देर मे करोड़ो सांप हो गए जिन्होंने सभी नरभेडियो को जमीन में गिराकर जकड़ लिया था ,सभी नरभेडिये जमीन पर गिर चुके थे उन्हें जकड़कर भी लांखो साँप अभी वैसे ही बच गए थे ,नरभेडिये अपने मुह से लगातार चीख रहे थे ,उन हजोरो नर भेड़िये की आवाजों से पूरा इलाका गूंज रहा था ,तभी वातावरण में एक जोरदार दहाड़ गूंज गईं जो इन सभी हजारो नरभेड़िया के आवाज से कही ज्यादा बड़ी थी ,वो आवाज सुनकर सभी नरभेड़ियो ने चिल्लाना बन्द कर दिया ,काल नंगा ही खड़ा उस आवाज के मालिक की राह देखने लगा ,जल्द ही जमीन को अपने कदमो से हिलाता एक विशाल नरभेडिया उसके सामने खड़ा हो गया ,जो इन सब नरभेड़ियो का बाप था आकार में ,200 फिट वो नरभेड़िया अपनी लाल आंखों से अपने सामने सांपो से बंधे नरभेड़ियो को देख कर गुस्से से काप रहा था ,उसने अपनी लाल आंखों से काल को देखकर एक तेज दहाड़ लगाई ,काल ने अपनी सर्पसेना को उस नरभेडिये को जकड़ने का आदेश दिया ,सब उसे जकड़ने लपके ,पर कोई उसे जकड़ नही पा रहा था ,उसने अपने बदन का तापमान बहुत ज्यादा कर लिया था ,जो सांप उसे स्पर्श करता वो पल में राख हो जाता भले उस सांप के मरने पर हजारो नए पैदा होते पर कोई उसे जकड़ नही पा रहा था
नागदन्ती ने काल से कहा आप मुझे बाहर आने दे में देखती हूं इसकी गर्मी कितनी है ,काल ने भी नागदन्ती को बाहर बुला लिया नागदन्ती ने एक पल में अपने शिंकजे में कस लिया ,वो नरभेड़िये के शरीर के गरमी का नागदन्ती पर कोई असर नही हो रहा था ,पर उस नरभेडिये ने अपने तेज नाखूनों से नागदन्ती के फन को चीर कर नागदन्ती को मार कर फेंक दिया ,काल को यह देखकर बहुत ज्यादा गुस्सा आ गया वो एक पल में अपने नरभेड़िये के रुप मे आ गया ,काल पहली बार अर्धनरभेड़िया बना था जिसके सामने वो नरभेड़िया एकदम मामूली लग रहा था काल एक 500 फिट लम्बा दैत्याकार नरभेड़िया बन गया था ,जिसका भयंकर जबड़ा ,लंम्बे और मजबूत पंजे देखकर सब शांत हो गए थे ,जब काल ने अपने मुह से गुराहट भरी दहाड़ लगाई सारी जमीन ही नही आसमान तक हिल गया था ,काल अपने गुस्से भरी लाल आंखों से उस नरभेडिये की तरफ बढ़ने लगा ,काल ने जैसे ही लपक कर उस नरभेड़िया का गला पकड़ कर उसे एक खिलोने की तरह उठा लिया उसके कानो में नागदन्ती की आवाज आयीं ,नही काल इसे मत मारना आप ,अपने गुस्से पे काबू करो वरना हम हमेशा यही फस जायँगे ,काल ने नागदन्ती की आवाज सुनकर उस नरभेडिये को छोड़ दिया ,जो काल के मजबूत पंजो नीचे गिर गया ,काल ने पलट कर देखा तो उसके सामने 1 नही 1000 नागदन्ती थी जो पहले से 100 गुना बड़ी हो गई थी ,जिसे देखकर काल सामान्य रूप में आ गया ,उन 1000 नागदन्ती में से एक मानवरूप में आगे आ गई और कहने लगी, मेने कहा था ना में मर नही सकती कभी ,आप इतनी जल्दी मेरी बात कैसे भूल गए ,यह नरभेडिये को आप अगर मार देते तो हम यही फस जाते हमेशा के लिए ,
काल ,मुझे माफ़ करना नागदन्ती में गुस्से में अपना आपा खो बैठा था ,लेकिन अब तुम भी 1000 रूपो में बदल गई हो असली वाली कौनसी होगीं इसमे ,क्या तुम असली हो बाकी सभी तुम्हारे रूप है
नागदन्ती हसकर, में भी असली हु और बाकी सभी भी असली है ,यह सब इस चरण के जादू का प्रभाव है ,में और मेेरे सभी रूप एक ही है बस अब हम सब 1000 शरीरों में हो गए है ,हम सब एक दूसरे से हमेशा जुड़े रहेंगे ,
तभी वो नरभेड़िया खड़ा हो गया और काल से हाथ जोड़कर बोला ,मेरा नाम मोगा है ,में और मेरी सेना इस चरण की रक्षक है ,जो भी इस चरण में आकर मुझे मारे बिना हरा दे, में और मेरी सेना का मालिक बनेगा ,आप ने मुझे आज मेरी औकात दिखा दी है ,में आपके रूप को देखकर ही समझ गया था आप ही हमारे मालिक बनोगे ,नागदन्ती में अपने ताकद के घमंड में तुम पर वार कर बैठा ,मुझे इस गलती के लिये माफ कर दो ,
नागदन्ती हसकर ,मोगा जो हो गया उसे भूल जाओ ,तुम्हारी गलती से मुझे फायदा ही हुवा है देखो में पहले से 100 गुना बड़ी भी हो गई और ताक़दवर भी ,
काल ,मोगा में तुम्हारा मालिक नही बनने वाला ना तुम्हारी सेना का ,हा एक दोस्त बनकर तुम मेरा साथ देना चाहते हो तो में तुम्हे अपने साथ रखुंगा ,
मोगा ,आप जो कहे में मान लूंगा ,बस आप मुझे और मेरी सेना को अपने साथ रहने दे
काल ,यह हुवीं ना बात मेरा नाम काल है तुम इसी नाम से मुझे बुलाया करोगे
मोगा ,जैसा आप कहे काल
काल ,मुझे तुम्हे अपने साथ रखने के लिये क्या करना होगा मोगा
मोगा ,जी बस आपका दिल पर हाथ रखकर आप हमें दिल से स्वीकार करते है ऐसा कहना पड़ेगा ,
नागदन्ती ,पहले हम सबको आपके अंदर आने दे बाद में आप मोगा को स्वीकार करे ,काल ने नागदन्ती के हजारो रूपो के साथ सभी करोड़ो सांपो को अपने अंदर बुला लिया जो एक पल मे ही काल के शरीर मे समा गए ,उसके बाद
कालने अपने दिल पर हाथ रखकर कहा में तुम्हे और तुम्हारी सेना को दिल से स्वीकार करता हु मोगा
पहले चरण में जैसा हुवा था इस बार भी एक तेज प्रकाश के साथ सब गायब होकर काल को गुफा ही नजर आने लगी थी ,काल ने अपने मन मे कहा ,मोगा क्या तुम मुझसे बात कर सकते हो या नही
काल के मन मे ,हा काल मे आपसे बात कर सकता हु
काल,क्या नागदन्ती हम दोनो की बात नही सुन सकती
मोगा,जी नही आप जिसके साथ मन मे बात करना चाहते हो वही आपकी बात सुन सकता है
काल ,मोगा एक बात का जवाब देना तुम नरभेड़िया की सेना में मादा कितने है और नर कितना है
मोगा ,काल आपकी सेना में 25 हजार नर है और 20हजार मादा है
काल ,मोगा एक बात पूछता हूं बुरा मत मानना ,क्या सेना के नर और मादा भेड़िये आपस मे संभोग नही करते थे
मोगा ,नही काल कभी किसिको संभोग करने की इच्छा हुवी ही नही यहा पर ,जब हम यहा से बाहर की दुनिया मे जायेंगे तब का बता नही सकता ,
काल ,नागदन्ती तुम्हारी सेना में नर और मादा कितने सर्प है
नागदन्ती ,आपकी सर्पसेना में सभी मादा ही है और वो सभी कवारी है अभीतक ,एक बात आपको बता दु आपकी और मोगा की बात में सुन सकती हूं ,मेरी ताकद 100 गुना बढ़ गई है और आपके अंदर मेरे 1000 रूप है जिसकी वजह से मे सब सुन सकती हूं ,और सबसे जरूरी बात आप मेरे मालिक है जिसका मतलब आप मेरे और मेरे सभी रूपो के पतीं है ,आपको ही हमारे साथ संभोग करना होगा ,और हम दोनो की बाते मोगा कभी नही सुन सकता ,अब आप अगले चरण की और बढ़े ,मेरे साथ संभोग कैसे करंगे यह बाद में सोच लेना ,भले आप मुझसे बात न करे में अब आपके मन की हर बात सुन सकती हूं
काल एकदम चुपचाप चलने लगा वो कुछ सोचने की भी कोशिश नही कर रहा था ।
 
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Update 85

काल अपने तीसरे चरण में कब आ पहुचा उसे पता ही नही चला ,उसके सीने पर एक जोरदार लात पड़ने से उसकी सामने नजर गई ,काल के सामने 60 फिट लम्बा असुर खड़ा था जो काल को लात मारकर उसे जरा भी न हिलने पर आश्चर्य से काल को देख रहा था ,काल भी उस असुर की नजरों में नजरे डालकर उसे देख रहा था ,उस असुर के चेहरे पर एक असमान्य तेज था ,लम्बे बाल ,सुंदर आकर्षक मर्दाना चेहरा ,काली दाढ़ी मुछे ,मजबूत सीना ,बलशाली बाहु ,लम्बे और मजबूत टाँगे ,लाल धोती पहना ,एक हाथ मे लम्बा और धारदार खड्ग ,दूसरा हाथ कमर पर टिकाए ,काल को अपनी लाल आंखों से देख रहा था ,जिनमे एक क्रोध की चिंगारी भी थी ,उस असुर ने अपनी रौबदार आवाज में पूछा ,कौन हो तुम ,जो मेरे पहाड़ को भी अपने लात के एक ठोकर से हिलाने वाली ठोकर से जरा भी नही हिले ,आज इतने हजारो साल में पहली बार कोई मेरे सामने आया जो भिमासुर को देख कर डर भी नही रहा ,
काल ,जी मेरा नाम काल है ,और में एक इंसान हु जो सिंहार को पाने के लिये यहाँ आया हु
भिमासुर ,तुम इंसान हो ,लेकिन ताक़दवर भी हो और दिमाग के भी धनी हो ,आजतक कोई पहले चरण को पार नही कर पाया ,तुम कुछ खास हो तभी तीसरे चरण तक आ गए ,में तुम्हे मल्लयुद्ध का आव्हान देता हूं ,मुझे मल्लयुद्ध में हरा दो में तुम्हे इस चरण का विजेता मान लूंगा ,
काल ,आप के साथ मल्लयुद्ध के लिये में तैयार हूं पर में भी आप जैसा असुर रूप ले सकता हु या इसी रूप में लड़लू
भिमासुर , तो काल तुम मायावी भी हो ,आ जाओ अपने असुररूप मे ,जरा देखु तो सही कितना दम है तूम्हारे अंदर ,
काल ने भी अपना असुर रूप ले लिया जो भिमासुर से 5 गुना बड़ा था ,और उससे कही ज्यादा मजबूत ,काल एक 300 फिट लम्बे असुर रूप में था
भिमासुर ,हसकर मुझसे बड़ा रूप लेकर डरा रहे हो बच्चे ,ऐसे मायारूपी शरीर से में नही डरने वाला ,में भी तुम्हारे जितना बन सकता हु ,यह देखो मेरा कमाल ,इतना कहकर भिमासुर भी काल जितना बड़ा हो गया और हसने लगा ,
काल ,भिमासुर जी ,मेने कोई भी माया का उपयोग नही किया है ,यह मेरा असली असुर रूप है ,जो मेरी शक्तिया बढ़ने से इतना बढ़ा हो गया है ,
भिमासुर, आजतक कोई इतना बड़ा असुर बना ही नही जो इतना विशाल हो ,मुझसे झूठ मत बोलो ,में खुद एक असली असुर हु ,मुझे पता है असुर कितने बड़े हो सकते है ,और कितने नही अपनी माया से कोई अपना रूप बढा सकता है ताकद नही ,में खुद दुनिया का सबसे बड़ा असुर हु ,जिसे भगवान विश्वेश ने चुना है मेरी शक्ति और बल देखकर ,तुमको आज में दिखाता हु असली असुर की ताकद ,
भिमासुर ने इतना कहकर काल की तरफ एक दौड़ लगा दी और अपने दोनो हाथो को एक करके काल के चेहरे पर प्रहार किया ,काल ने अपने एक हाथ से वह प्रहार रोक लिया और एक तेज लात भिमासुर के छाती में मार दी ,भिमासुर एक लात के प्रहार से ही 100 फिट दूर जाकर गिर गया ,भिमासुर के मुह से खून निकलने लगा था ,एक ही लात में काल ने भिमासुर को उसकी औकात दिखा दी थी ,भिमासुर अपनी जगह से उठ भी नही पा रहा था ,काल चलता हुवा भिमासुर के पास गया और उसे अपने दोनो हाथोसे उठा लिया ,काल ने एक हाथ से भिमासुर के मुह से आता खून पोछकर ,भिमासुर से कहा ,ताकद का घमंड कभी अच्छा नही होता भिमासुर जी ,आप और मेरे साथ लड़ना चाहते है ,
भिमासुर ,में अपने आप को सबसे ताक़दवर असुर समझ कर खुद पे घमंड करता था , जो तुमने एक पल में तोड़ दिया है ,में तुमसे हार मानता हूं ,तुम मुझसे इतना ताक़दवर होकर भी मुझसे आदर से बात कर रहे हो ,यही बात तुमको एक महावीर बनाती है ,मुझे एक प्रहार में हराने वाला ही इस चरण का विजेता बन सकता था ,जो तुम बन चुके हो ,मुझे यहा पर आने वाला से सिर्फ मल्लयुद्ध करने कहा गया था ,मेरे अंदर बहुत सी मायावी विद्या और असुर की गुप्त कला है जो आजसे तुम्हारी हुवीं ,मुझे हराने वाले और इस चरण के जितने वाले कि हर बात मानकर जीवन भर उसके साथ रहने को कहा गया था ,तुम मुझे तुम्हारे अंदर बाकियों की तरह स्थान देकर अपने हर लड़ाई में मेरा इस्तेमाल कर सकतो हो ,क्या तुम मुझे अपने अंदर स्थान देकर मेरा जीवन कृतार्थ कर सकते हो ,
काल ने भिमासुर को भी अपने अंदर दिल पर हाथ रखकर स्वीकार किया ,यह चरण भी भिमासुर के साथ एक तेज रोशनी के साथ गायब हो गया ,काल अब आगे बढ़ गया ,थोड़ी देर चलने के बाद सामने गुफा बन्द थी ,काल यह देख कर हैरान हो गया ,उसने उस दीवार को बारीक से जांचना शुरू कर दिया पर ना उसे कोई सुराग मिला ना कोई खुफिया दरवाज़ा मिला ,कालने उस दीवार को तोड़ने के लिए हर कोशिश की,महानाग बनकर उस दीवार पर जहर से वार किया ,भेड़िया बनकर उसपर तेज दांतो और नाखूनों से हमले किये ,असुर बनकर उस पर लात घुसे बरसाए ,नागदन्ती और गामा को उनकी सेना के साथ उस दीवार को तोड़ने का आदेश दिया, पर कोई भी तरकीब काम नही आयी,काल दीवार को पीठ लगाकर अपनी आंख बंद करके सोचने लगा ,उसने पहले चरण से तीसरे चरण की हर बात को अपने दिमाग मे एक बार याद किया ,अचानक उसे कुछ याद आया और वो हसने लगा ,और बोला इतनी आसान बात में कैसे भूल गया ,पहला चरण महानाग की शक्ति ,दूसरा चरण भेड़िया शक्ति ,तीसरा चरण असुर शक्ति ,यह चरण है इच्छाधारी शक्ति इतना कहकर काल ने अपने अंदर से सुवर्ण मणि को बाहर बुलाया तो उसके हाथ मे वो सूवर्ण मनी आ गया ,काल ने उस सूवर्ण मनी को दीवार से लगाते ही वो पूरी दीवार एक पल में गायब हो गई ,और उसके सामने दो तगडी अश्व औरते खड़ी थी ,उन दोनों ने काल पर आते ही जोरदार हमले कर दिया ,काल ना जाने कब तक उन दोनों के हमले रोकता रहा ,दोनो बहुत ही ज्यादा तेज थी साथ मे उतनी ही ताक़दवर भी थी ,दोनो हाथो में तलवार को लेकर वो काल के हर अंग को काटने की कोशिश कर रही थी ,पर काल पर तलवार का कोई भी असर नही हो रहा था ,काल को औरतो पर हाथ उठाना मंजूर नही था ,इसीलिए उसने अपनी सर्प सेना को उन्हें कैद करने को कहा पर कोई भी सर्प उनके पास भी नही पोहच पा रहा था ,अपनी तेज गति और तलवार को बिजली की तरह घुमाकर साँपो को तिनके की तरह काट रही थी ,उनके सामने साँप अपनी मरने के बाद दो होने की खूबी से अनगिनत हो गये थे पर दोनो फिर भी सांपो को अपने आप को छू भी नही दे रही थी ,काल ने अपनी सारी सर्पसेना अपने अंदर लेकर 100 मादा भेड़ियेऔरत को उन दो अश्व औरतो के ऊपर उन्हें पकड़ने भेज दिया पर उन दो अश्व औरतो ने उन 100 मादा भेड़ियेऔरत को भी मार दिया जो लाखो में हो गई थी और 100 गुना बड़ी और ताक़दवर भी ,पर दो अश्व औरते उन सब पर भी भारी पड़ रही थी ,नागदन्ती बार बार उसे बाहर भेजने को बोल रही थी ,पर कालने उसे बाहर नही भेजा ,उसे डर लग रहा था ,पहले से नागदन्ती 1000 की संख्या में उसके मन को पढ़ने लगी थी ,ये दोनों अश्व औरते नागदन्ती को मार कर कही और उसकी उसकी संख्या बढा दी तो उसकी और परेशानी बढ़ जाएगी ,काल ने अपनी भेड़ियेऔरत की लाखों की सेना को भी अपने अंदर ले लिया ,और खुद अश्वमानव बनकर उनके आमने खड़ा हो गया ,काल ने अपने अश्वमानव के रूप से उन दोनों की तलवारे एक पल में उनके हाथ से छीन कर उनके गले मे लगा दी ,उन दो अश्व औरते हैरत से काल के अर्ध अश्वमानव रूप को देख रही थी ,उन दोनों ने अपने दोनो हाथ काल के सामने जोड़कर कहा ,हम दोनो बहनो को जो बिना हथियार लड़कर हरा देगा और हमारी तलवार हमसे छीन कर हमें परास्त कर देगा ,वही इस चरण का विजेता और हमारा पतीं बनेगा ,हम दोनो बहने दमी और नमी है ,आप हम दोनो का स्वीकार करे ,काल ने उन दोनों को भी अपने अंदर स्थान दे दिया ,पांचवे चरण को जीतने के बाद काल एक बहुत बड़े हरेभरे मैदान में पहुच गया ,जहा बस नीचे हरी घास के सिवा कुछ नही था ,उस मैदान के बीचों बीच एक सूवर्ण मुकुट हवा में रखा हुवा था ,काल उस मुकुट को देखकर खुशी से उसके तरफ लपका पर काल के एक कदम आगे बढाते ही उसके दोनो पाव में बहुत बड़े तीर घुस कर आधे जमीन में घुस गए और आधे काल के शरीर मे रह गए ,काल के शरीर को पहली बार किसीने भेदा था ,काल के पाव से तेजी से खून बह रहा था ,काल को बहुत तेज दर्द हो रहा था ,वो उस दर्द को बर्दाश्त कर रहा था कि वैसेही दो तीर उसके हाथो में आरपार होकर जमीन में घुस गए ,काल चारो तीर पर जमीन के ऊपर लटक गया था ,उसे इतना दर्द आजतक नही हुवा था जितना आज हो रहा था ,अपने दर्द के वजह से काल के आंखों में आँसू आ गए थे ,तभी उसके सामने एक सिंह मानव आ गया जो 100 फिट लम्बा और तगडा सिंह मानव खड़ा था ,जो पूर्ण रूप से इंसानी रूप में अपने कंधे पर एक बड़ा धनुष और पीठ पर बाणों का भाता लटका कर खड़ा था ,उसके चेहरे पर एक हँसी थी जो काल को चिढ़ा रही थी ,उसने हसते हुवे काल से कहा ,बच्चे मेरे होते तु सिंहार मुकुट को छू भी नही सकता ,शेरा के सामने खड़ा होने की तेरी औकात भी नही है ,आज तुझे मार कर तेरा सफर यही खत्म कर दूंगा में ,मेरे एक वार से तू जमीन पर गिर गया और रोने लगा ,तेरी सिंहार मुकुट पाने की औकात भी नही है ,अगर दम है तो उठकर दिखा ,मुझे हराने के लिये तू मुझे मार भी देगा तो भी इस मुकुट का तू मालिक बन सकता है ,पर मेरे तीर से पहले खुद को छुड़ाकर मेरे सामने खड़ा होकर तो दिखा तुच्छ मानव ,तू एक गन्दा कीड़ा है जो उसकी मौत मरने वाला है आज ,नाली के कीड़े तेरी औकात मेरे जुते के नीचे रगड़कर मरने की है ,दिखा अपना दम ,हा हा हा
काल पहले अपने दर्द से परेशान था पर शेरा की बाते सुनकर उसकी आँखों मे दर्द की जगह क्रोध ने ले ली काल ने अपने नीलमणि के ताकद को याद किया ,उसके शरीर से वो चारो तीर किसी मोम की तरह पिघलकर नीचे गिर गए ,काल के सारे जख्म एक पल में भर गए उसका पूरा बदन नीले कवच में से ढक गया ,सिर्फ काल की गुस्से से भरी लाल आंखे दिख रही थी शेरा को ,शेरा ने अपने धनुष पर तीर लगाकर इस बार उसके सर पर मार दिया ,पर काल को छूते ही एक पल में वो तीर राख में बदल गया ,काल ने अपनी इच्छाधारी शक्ति से अपना आकर भी शेरा जितना बड़ा कर लिया ,शेरा काल पर बाणों की वर्षा कर रहा था ,पर काल पर कुछ फर्क नही पड़ रहा था ,शेरा ने फिर काल पर बहुत से मायावी हथियार चलाने शुरू कर दिया ,भाला ,तलवार ,खड्ग हर चीज का प्रहार किया उसने काल के शरीर को भेदने के लिये पर काल का शरीर अभेद्य ही रहा ,काल ने शेरा से कहा ,और ताकद आजमानी है तो अपनी दिल की हर तमन्ना आज पूरी कर ले ,तुझे अपनी ताकद का बहुत घमंड है ना ,आज तुझे में एक इसान की औकात क्या होती है वो दिखाता हु फिर ,शेरा ने चिढ़कर अपने शेर रूप में आकर काल के ऊपर अपने नुकिले पंजो और बड़े से दांतों से हमला कर दिया ,काल ने उसे पहले कुछ देर उसे जो चाहता है वो करने दिया,एक जगह स्थिर खड़ा होकर उसने शेरा के दांतों और पंजो के वार को चुपचाप सहता रहा ,काल को शेरा एक खरोच नही पहुँचा पा रहा था ,फिर काल ने कहा ,शेरा अब मेरी बारी ,कालने शेरा को किसी कुते की तरह अपने लात और घुस्से से इतना मारा की कुछ ही देर में शेरा खून से लथपथ जमीन पे पड़ा हाफ रहा था ,कालने उसे कहा ,यही तेरी औकात है मेरे सामने ,तुझे एक पल में मार सकता हु में पर तु भगवान विश्वेश के मुकुट का रक्षक होने से तुझे में जिंदा छोड़ रहा हु ,
काल शेरा को वैसाही गिरा हुवा छोड़कर मुकुट के तरफ बढ़ने लगा तभी उसके कानों में शेरा की आवाज पड़ी ,स्वामी मुझे माफ कर दीजिए में अपने ताकद के नशे में चूर होकर आपसे भिड़ने की गलती कर बैठा ,आपने आज मुझे आज दिखा दिया कि में आपके सामने कुछ भी नही हु ,मेरी गलती की में माफी मांगता हु ,आप मुझे अपने अंदर लेकर मेरा स्वीकार करें में आजसे आपका दास बन गया हूं ,आप मेरे स्वामी हो ,मुझे अपने अंदर लेकर ही आप इस मुकुट को धारण कर सकते है ,मेरी बोली हर बात पर में शर्मिंदा हु ,आज के बाद में कभी किसी के साथ ऐसा बर्ताव नही करूँगा, काल ने भी बड़ा दिल करके शेरा को अपने अंदर स्थान दे दिया ,कालने आगे बढ़कर सिंहार मुकुट को पहले नमन किया और उसे अपने दोनो हाथो में ले लिया ,उसके अंदर से शेरा की आवाज आयीं ,स्वामी इस मुकुट को अपने सर पर पहन लीजिये तभी आप सिंहार बन सकते हो ,काल ने शेर की बात सुनकर उस मुकुट को पहन लिया एक तेज रोशनी के साथ वो मुकुट काल के सर पर चमकने लगा और काल के सिर में समा गया ,उसके बाद काल अपने आप एक विशाल शेर में बदल गया ,जिसका आकर इतना बड़ा था कि वो 250 फुट ऊंची और 600 फुट चौड़ी गुफा एक पल में बिखर गई ,काल एक 300 फिट ऊंचे महाभयंकर और बलवान शेर में बदल गया था ,पूरे सुनहरे लम्बे बालो से भरा काल का शरीर देख कर कोई डर के मारे ही मार जाए इतना खतरनाक था ,उसका जबड़ा इतना भयानक था और उसके बड़े से नुकिले दाँत पल भर में किसी को भी फाडने में सक्षम थे ,उसके पंजे इतने मजबूत और नाखून इतने धारदार थे मानो एक ही वार में सैकड़ों हाथी के भी परखच्चे उड़ जाए ,काल को अपने अंदर बहुत ही ज्यादा ऊर्जा और ताकद महसूस होने लगी थी,अपनी लाल सुर्ख आंखों से अपने मुह से एक जोरदार दहाड़ लगाई जिसकी गूंज पूरे सिंहलोक को हिला रही थी ,कुछ देर काल उस सिंह रूप में रहकर वापिस अपने असली आकार में आ गया था ,काल अब सिहलोक में खड़ा था जो विशाल काली गुफा थी उसका नामो निशान तक मिट गया था ,काल के मन मे शेरा बोला ,स्वामी इस काली गुफा का कार्य अब आपके सिंहार बनने से खत्म हो गया है ,काल ने शेरा का जवाब सुनकर अपने कदम सिहलोक के महल की तरफ बढा दिए ,पूरे महल और आसपास के सभी शेरनियो सिंहार की भयानक दहाड़ को सुन ली थी ,उन्हें उस आवाज से पहली बार डर लगने लगा था ,सभी शेरनियां महल के बाहर जमा हो गईं थी ,और आपस मे इस आवाज की चर्चा कर रही थी ,तभी सबके सामने काल आ गया ,जिसे देखकर सिंहाली और मिहाली खुश हो गयी ,और काल के पास दौड़कर आ गयी ,
सिंहाली, आप इतनी जल्दी कैसे आ गए काली गुफा से ,बस दस दिन में ही आप वापिस आ गए ,अपने सिंहार की परीक्षा में सफल हो गये ना ,हम सबने अभी एक प्रचंड दहाड़ सुनी थी ,वो दहाड़ आपकी ही होगीं इस बात का मुझे पूरा यकीन था
मिहाली,आप सिंहार बन जाएंगे इस बात का मुझे पूरा यकीन था काल और आज आपने वो कर दिखाया ,में बहुत ही ज्यादा खुश हूं आपके पराक्रम से ,
तभी राजगुरु बाली आगे आकर एक दंभ भरे स्वर में बोली,राजकुमारी आप इसके प्यार में पागल है जो यह सोच रही है कि यह सिंहार बन गया है ,में पहली बार मे ही इसको पहचान चुकी थी ,ये हवसी इंसान अपनी मौत के डर से काली गुफा में गया ही नही होगा ,यह वही काली के गुफा के बाहर जंगलो में घूमता रहा और दस दिन बाद अपनी मायावी शक्ति से सिंह की आवाज में दहाड़ लगाकर वापिस आ गया ,में इसके खेल को जान गयी हु ,ये हवसी में इतनी भी हिम्मत नहीं है और इसकी औकात भी नही है कि ये काली गुफा में जाकर दस दिन में सिंहार बन सके ,यह तो बस अपनी हवस मिटाने आया है यहा पर ,मैंने वादा किया था इसके साथ सबके सामने संभोग करूंगी सबके सामने सिंहार बनने के बाद ,उसी वादे को याद में रखकर ये मुझे भोगने आया है ,कायर की तरह अपने परीक्षा से भागने वाले का आप यकीन कर सकती है पर में नही मान सकती के सिंहार बनने के लायक भी है ,
काल ,राजगुरुं बाली पहली बार आपको और महारानी उमा के साथ दोनो राजकुमारियों के सौंदर्य से मोहित हो गया था उसकी वजह से मेरे मुह से आपके लिये ऐसी बाते मेरे मुह से निकल गयीं थी ,में आज भी अपनी उस हरकत के लिए शर्मिंदा हु ,लेकिन आप गुस्से में आकर मुझे कायर ,डरपोक और हवसी कह रही है ,पहले आप पूरी बात जानकर हकीकत क्या है वो जान तो लेती ,मेरे मन मे आपके वादे को लेकर कोई भी गलत विचार नही था ना में सिंहार बनकर आप से सबके सामने संभोग करने की जिद करता ,पर आपने जो मेरा अपमान किया है वो गलत है ,आपको दूसरे को सबके सामने जलील करना बहुत पसंद है ना ,आपको शर्मिंदगी और बेइज्जत में सबके सामने एक पल में कर सकता हु ,पर में इसमे अपनी मर्दांगी नही मानता ,और रही सिंहार कि परीक्षा में सफल होना तो इसका प्रमाण सबके सामने अभी आ जायेगा ,नागदन्ती, मोगा ,दमी ,नमी ,शेरा जरा राजगुरुं को अपना दर्शन करा दो ,
काल के इतना कहते ही सभी बाहर आ गए थे ,काल के अपमान से सभी बहुत ज्यादा क्रोधित थे ,शेरा ने काल से कहा ,स्वामी मुझे आदेश दे इस नीच का सर अभि में आपके सर में काटकर रखता हूं ,
काल हसकर नही शेरा ,राजगुरु को तुम सभी मेरी माया लगोगे में इसे अपने सिंहार रूप भी दिखा कर यह बता दु की में सिंहार बना या नही ,काल ने एक पल में ही अपने सिंहार रूप में आ गया ,उसके उस दिव्य रूप को देखकर सभी नीचे बैठ गए ,राजगुरुं बाली भी अपना सिर शर्म से नीचे करकर बैठ गयी ,काल के मुह से एक दहाड़ निकल गई जो पहले से बड़ी और गुस्से में भरी थी ,सभी उस दहाड़ से थर थर कापने लगे ,काल कुछ देर सिंहार बन कर खड़ा रहा और वापस अपने काल के रूप में आ गया ,उसने नागदन्ती सहित बाकी सभी को अपने अंदर ले लिया ,
काल ने सबसे कहा ,आप सब खड़े हो जाइये ,में सिंहार जरूर बन गया हूं पर पहले में एक इंसान हु ,आप सब मुझे अपना मालिक मत समझना ,और राजगुरुं बाली अभी आपको यकीन हुवा या आपको अभी भी ऐसा लग रहा है कि में कोई माया के खेल कर रहा हु आपके साथ ,
राजगुरुं बाली अपनी बातों से शर्मा रही थी उसे काल का अपमान करना अब गलत लग रहा था उसने काल के सामने हाथ जोड़कर कहा ,आप से मैंने अपने घमण्ड के चक्कर मे फस कर जो बात की उसके लिये मे बहुत शर्मिंदा हु ,आप मुझे जो सजा दे वो मुझे कबूल है ,
काल ,आपको में क्या सजा दे सकता हु राजगुरुं बाली ,में किसी निर्दोष और मासूम पर अपनी ताकद का प्रयोग करना पाप मानता हूं ,आप एक औरत है और में कभीं किसी औरत पर हाथ उठाना भी पाप मानता हूं ,आपने मेरी माफी मांगी यही बहुत है मेरे लिये ,
सिंहाली और मिहाली काल के अपमान से बहुत गुस्से में थी ,राजगुरुं बाली अपने पद का गलत फायदा उठाकर सबके सामने काल को बहुत बुरा भला कह चुकी थी ,दोनो कबसे चुप होकर सब सुन रही थी ,पर काल ने इतनी आसानी से राजगुरुं को माफ करना उन्हें पसन्द नही आया था ,
सिंहाली ,राजगुरुं बाली आपको काल ने माफ कर दिया यह बात ठीक है पर आपको अपना वादा पूरा करना होगा ,आप एक राजगुरुं है और आपका वादा निभाना आपका कर्तव्य है ,मिहाली ,आपने महारानी के हम दोनो के सामने वादा किया था ,आप अगर अपने वादे को तोड़ देंगी तो हम तिनों के साथ पूरे सिहलोक का अपमान होगा ,आपको हर हाल में अपना वादा निभाना होगा ,आप सिंहार का भी अपमान करेगी अपने बात से पीछे हटकर ,हम सिहलोक की शेरनियां मरते मर जाती है पर अपना वादा कभी नहीं तोड़ती ,काल आपको भी पीछे नही हटना होगा आपको भी राजगुरु के वादे का मान रखना होगा ,अगर आप पीछे हट गए तो यह हम सब शेरनियों का बहुत बड़ा अपमान होगा ,में सही कह रही हु ना मा ,
महारानी उमा फस गई थी उसने भी दोनो राजकुमारियों का बात का समर्थन किया ,इतना ही नही सभी सिहलोक की शेरनियां भी इस बात का समर्थन करने लग गयी थी ,
राजगुरु बाली बुरी तरह अपने वादे में फस गयी थी ,अपने वादे से वो अब पीछे नही हट सकती थी और काल को भी दोनो राजकुमारीयो ने अपनी बातों से पीछे हटने से मना कर दिया था ,अब राजगुरुं और काल के पास सबके सामने संभोग करने के सिवा कोई चारा नही था ।
 

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