Erotica कामुक भिखारी

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UPDATE-13


उस औरत ने गंगू को उपर से नीचे तक देखा और मुस्कुरा दी... फिर वो चलकर उसके पास आई और उसके हाथ से वो विज़िटिंग कार्ड ले लिया.

"मेरा नाम मुम्मैथ ख़ान है ...लोग प्यार से मुझे मुन्नू कहते हैं ..तुम्हारा नाम क्या है ..'' वो लड़की ने अपनी सुरीली आवाज़ मे कहा..

गंगू : "जी ...मेरा नाम गंगू है ...''

मुन्नू : "अच्छा मेकअप किया है तुमने ...पुलिस वालो को चकमा देने के लिए....''

गंगू समझ गया की वो उसको कोई पेशेवर तस्कर समझ रही है जो भेष बदल कर डिलीवरी लेने के लिए आया है ... उसने भी मुस्कुरा कर उसकी हाँ मे हाँ मिला दी..

भला उसको क्या ज़रूरत थी उस जैसी हसीन लड़की को ये बताने की , की वो एक पेशेवर तस्कर नही बल्कि पेशेवर भिखारी है ..

गंगू ने अपनी बड़ाई करने के लिए कहा : "वो तो मुझे बचपन से ही एक्टिंग का और तरह-2 के किरदार निभाने का शोंक है, इसलिए मैने सोचा की आज भिखारी बनकर चला जाए..''

मुन्नू : "अच्छा ....मतलब तुम्हे भी एक्टिंग का शोंक है ...वाव ...हमारी तो खूब पटेगी फिर ...''

गंगू उसकी बात सुनकर थोड़ा असमंजस मे पड़ गया ..

मुन्नू : "लगता है तुमने मुझे पहचाना नही ....इधर आओ मेरे साथ ...''

और वो गंगू का हाथ पकड़कर अपने साथ अंदर ले गयी ...जहाँ एक बड़े से कमरे की हर दीवार पर उसकी पिक्चर्स लगी थी...कई फिल्मों के पोस्टर भी थे ..ज़्यादातर तमिल और तेलगु भाषा की मूवीस थी ...कुछ हिन्दी मूवीस भी थी ..और उन फ़िल्मो के पोस्टर मे उसे देखकर उसे याद आ गया की ये तो फ़िल्मो मे काम करती है...उसने एक - दो पीकचर्स देखी भी थी उसकी ...ज़्यादातर पिक्चर्स मे उसने आइटम सॉंग ही किये थे...उसने जब एक मूवी मुन्ना भाई का पोस्टर देखा तो उसे भी याद आ गया की ये वही लड़की है जिसने हॉस्पिटल मे रात के समय गाना गया था..

उसे एकदम से याद आ गया की उसके सेक्सी गाने ''देख ले ..'' को देखकर आगे की लाइन मे बैठकर उसने कितनी सीटियाँ मारी थी ...वो सोच रहा था की काश उस लड़के जिम्मी शेरगिल की जगह अगर वो होता तो कितना मज़ा आता...

और रात मे उसके भरे हुए शरीर के बारे मे सोचकर उसने कितनी बुरी तरह से चोदा था एक घस्ती को...

गंगू को ऐसे खोए हुए देखकर मुम्मैथ बोली : "कहाँ खो गये गंगू ... हेलो ....''

गंगू जैसे नींद से जगा : "वो दरअसल ...मैने पहले आपको पहचाना नही था ... मैने आपकी काई पिक्चर्स देखी है ...आप तो बड़ी सेक्सी .... लगती है उनमे ...''

मुन्नू : "उनमे क्या मतलब ...सामने देखने मे नही लग रही ...''

गंगू उसकी बात सुनकर एकदम से सकपका गया : "जी नही ..मेरा मतलब ...आप अभी भी ... सेक्सी लग रे हो ...''

वो गँवार सा बेचारा, ये भी नही जानता था की वो उससे मज़े ले रही है ..

वो हंसने लगी उसकी घबराहट देखकर , गंगू थोड़ा सहज हुआ

गंगू : "पर आप...यहाँ कैसे ...''

मुन्नू : "मैं यहीं रहती हू ...इक़बाल के साथ ...उन्होने ही ये पेंट हाउस मुझे लेकर दिया है ..वो अक्सर बाहर ही रहते हैं ...जब भी इंडिया आते हैं तो मेरे साथ ही रहते हैं ....''

गंगू समझ गया की अपने पैसों के ज़ोर पर उसने उस एक्टर को अपनी रखैल बना कर रखा हुआ है ..

मुन्नू : "तुम्हारा पेकेट तो मैं दे ही दूँगी तुम्हे ....अगर तुम्हे जल्दी नही है तो थोड़ी देर यही रुक जाओ ...काफ़ी दिनों के बाद कोई अपनी बिरादरी का बंदा मिला है ...''

गंगू (हैरान होते हुए) : "अपनी बिरादरी का ...मतलब ?"

मुन्नू : "मतलब, एक्टिंग लाइन का ...अभी तो तुमने बताया ...''

गंगू : "ओहो ...हाँ ...पर अब कहाँ एक्टिंग ....अब तो बस अपने काम मे ही लगे रहना पड़ता है ...''

मुननू : "मैं समझ सकती हू ....चलो ना ..अंदर आओ ...''

वो उसके हाथ को पकड़कर अंदर ले आई...बड़ा ही अपनापन दिखा रही थी वो ...जैसे कोई बचपन का साथी मिल गया हो ..

वैसे वो भी अपनी जगह सही थी ... उसने अपने फिल्मी करियर मे ना जाने कितने हीरोस के साथ मज़े लिए थे ..और ना जाने कितने डाइरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स को खुश किया था ...वो चमक धमक की दुनिया अलग ही थी ..और जब से वो इक़बाल की रखैल बनकर यहा रहने लगी थी..वो सब उसे बहुत याद आता था ...इक़बाल के बारे मे हर कोई जानता था...इसलिए उसकी रखैल के उपर हाथ रखने की हिम्मत किसी की भी नही थी...इसलिए वो बेचारी अपनी सुलग रही जवानी के साथ इतने बड़े घर मे अकेली रहकर अपनी बोर सी लाइफ जी रही थी ..

गंगू था तो भिखारी पर एक नंबर का हरामी भी था ...औरतों को देखते ही उसकी लार टपकने लगती थी ..पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से नेहा ने उसे अपनी जवानी दिखाकर तड़पाया था, उसकी हवस और भी भड़क चुकी थी ..सिर्फ़ रज्जो की चुदाई करके उसका पेट भरता नही था...और अब ऐसी गर्म माल और वो भी फ़िल्मो मे काम करने वाली का इतना अपनापन देखकर उसके अंदर का हरामी इंसान फिर से जाग उठा ...

वैसे और कोई अपराधी होता तो ऐसा कुछ सोचता भी नही...एक तो वहाँ रुककर पुलिस से पकड़े जाने का ख़तरा..और उपर से इक़बाल की रखैल के साथ ऐसा कुछ करने की कोई सोच भी नही सकता था...सभी को पता था की उसपर उठने वाली हर नज़र को इक़बाल फोड़ देता है ..

पर गंगू तो नया था और उसे इक़बाल के बारे मे कुछ पता भी नही था, इसलिए वो बिना किसी सोच विचार के, सिर्फ़ अपने लंड की बात सुनकर, मज़े लेने के मूड मे आ चुका था.

मुम्मैथ को भी ये पहला इंसान मिला था जो बिना किसी डर के उसके साथ बाते भी कर रहा था और थोड़ी देर रुकने के लिए भी तैयार हो गया था..वरना इक़बाल के दिए पेकेट लेने के लिए जो भी आता था, डरा हुआ सा, सहमा हुआ सा, और खड़े -2 निकल जाता था ..कोई बात भी नही करता था वो ..

मुम्मैथ भी जानती थी की इक़बाल का असली काम क्या है, पर जब तक उसको ऐशोआराम और बेशुमार पैसे मिल रहे हैं, उसे भला क्या प्राब्लम हो सकती थी..इसलिए वो भी उस धंधे मे उसका साथ देने लगी थी..


गंगू को देखकर उसके अंदर भी खुजली सी होने लगी थी ...उसका हुलिया तो बड़ा ही गंदा सा था, पर उसके गठीले शरीर को वो भाँप चुकी थी ...और उसकी पेंट मे क़ैद लंड की लंबाई का भी अंदाज़ा हो चुका था उसको.. पिछले 15 दिन से नही चुदी थी वो ..और अब एक भिखारी जैसे दिखने वाले आदमी को देखकर उसके अंदर कुछ-2 होने लगा था..उसने मन ही मन सोच लिया की कुछ भी हो जाए, आज वो उसका लंड लेकर ही रहेगी..

उसको अंदर बिठा कर वो बाहर आई और अपनी नौकरानी को घर जाने के लिए कह दिया..ताकि वो खुलकर गंगू के साथ मज़े ले सके.

मुम्मैथ ने अपने आप को आईने मे देखा...वो बड़ी ही सेक्सी लग रही थी..उसका शोंक था घर पर भी सज संवर कर बैठना, तभी तो उसने पार्टी मे जाने वाले कपड़े पहन रखे थे...और वो भी इतने सेक्सी की उसके अंदर से उसके मुम्मे आधे से ज़्यादा बाहर दिखाई दे रहा थे ..उसने अपने मुम्मों को थोड़ा और बाहर की तरफ निकाला, इतना की उसका हल्का सा ब्राऊन भाग दिखाई देने लगा.

वो अपने आप को देखकर सोच रही थी की उसने आज तक एक से बढ़कर एक सुंदर हीरो का लंड लिया है...और अमीर से अमीर इंसान से अपनी चूत मरवाई है ...ये पहला मौका है जो वो इतने निचले तबके के आदमी के साथ मज़े लेने की सोच रही है ...जो दिखने मे भिखारी जैसा लग रहा है ...फटे हुए से कपड़े..बड़ी हुई दादी ..पैर से लंगड़ा ..शरीर से दुर्गंध भी आ रही थी उसके ..

पर ऐसा करना हमेशा से उसकी फेंटसी रहा था... उसने कई बार सोचा था की इस तरह के आदमी के साथ भी सेक्स का मज़ा लेना चाहिए ...क्योंकि उसने सुना हुआ था की ऐसे मर्दों के पास चुदाई के लिए तगड़े लंड होते हैं...और उस जैसी रंडी के लिए ऐसे लंड से चुदाई करवाना तो बहुत बड़ी बात थी ..

वो फ्रिज से कोल्ड ड्रिंक लेकर अंदर आ गयी..उसे देखकर गंगू अपनी जगह से उठ गया और उसके खुले गले की तरफ देखकर चोंक सा गया...उसे अच्छी तरह से याद था की पहले उसका गला इतना नीचे तक नही था...क्योंकि वो जब से आया था उसकी नज़रें उसके क्लिवेज से हट ही नही रही थी ..और अब तो उसके क्लिवेज के साथ-2 उसके निप्पल का एरोहोल भी दिख रहा था उसे ...वो समझ गया की वो भी अपनी चुदाई करवाने के लिए तैयार है ..

उसे अपनी तरफ यूँ मुस्कुराता हुआ देखकर मुम्मैथ बोली : "क्या देख रहे हो गंगू ..''

गंगू ने कोल्ड ड्रिंक का सिप भरा और बोला : "कुछ नही ...बस आपकी मूवी का एक सीन याद आ गया ...''

"कौनसा ..." वो बोली

गंगू : "मेरी फ़ेवरेट मूवी थी एक ...मुन्ना भाई ..उसमे जो गाना था ...वैसी ही सेक्सी लग रही हो तुम इस वक़्त ..''

गंगू कहना तो ये चाहता था की उसके मुम्मे उसी तरह से लटक कर बाहर दिख रहे हैं, जैसा उस गाने मे वो दिखा रही थी, पर वो ऐसा खुलकर बोल नही पाया ..

उसकी बात सुनकर वो खिलखिलाकर हंस पड़ी...और बोली : "ऐसे इधर उधर घुमा कर क्यो बोल रहे हो...सीधा-2 बोलो ...क्या कहना चाहते हो ..''

"क्या तुम वही गाने पर मेरे लिए डाँस कर सकती हो ...'' गंगू ने एक ही साँस मे बोल दिया..

और वो जानता था की वो मना भी नही करेगी..

मुन्नू : "कर तो दूँगी..पर इस बात का किसी को पता नही चलना चाहिए...वरना तुम्हारा तो जो होना है वो होगा , मेरी भी छुट्टी हो जाएगी यहाँ से ...समझे ''

उसने हंसते हुए हाँ मे सिर हिला दिया..

इसी बीच, नीचे भूरे अपने साथियों के साथ नीचे पहुँच गया, उसने अपनी कार थोड़ी दूर ही खड़ी कर ली..उसने देख लिया की सादे कपड़ों मे पुलिस वाले खड़े हैं वहाँ ...वो वहीं खड़ा होकर गंगू का इंतजार करने लगा..

वो सोच रहा था की गंगू पैदल ही चलकर आ रहा होगा वहाँ...जैसा वो अक्सर करता है..पर उसने ये नही सोचा था की वो तो कब का आ चुका है ऑटो पर ..

और उपर फ्लॅट मे पहुँच कर मुम्मैथ के साथ किस तरह के मज़े ले रहा है ये तो वो सोच भी नही सकता था ..
 
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