Erotica कामुक भिखारी

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UPDATE-14


मुम्मेथ गंगू को अपने साथ लेकर अपने बेडरूम मे आ गयी...बड़ा ही आलीशान बेडरूम था उसका, सफेद रंग के पलंग के चारों तरफ कीमती कार्पेट बिछा था, दीवारों पर हल्का नीला रंग था और हर जगह मुम्मेथ की पिक्चर्स लगी थी..उसने एक बटन दबाया जिससे सारे कमरे की रोशनी धीमी सी हो गयी..

गंगू का हाथ पकड़कर उसने पलंग पर बिठा दिया..

और फिर उसने सी डी प्लेयर पर वही गाना चला दिया..''देख ले...आँखो मे आँखे डाल..''

और उसी गाने की धुन पर धीरे-2 उसकी कमर मटकने लगी..

हर झटके से उसके मोटे मुम्मे बिखर से जाते और फिर से सिमट कर वापिस आ जाते..

गंगू ने मन ही मन सोचा की उसके मुम्मे इतने मोटे है तभी शायद इसका नाम मुम्मेथ है..

उसके पेट पर बने हुए टेटु को देखकर उसे एक अजीब सी उत्तेजना हो रही थी..उसका मन कर रहा था की अपनी खुरदुरी जीभ से उसका वो हिस्सा चाट जाए..इतना चाटे की उसका टेटु मिट जाए..

मुम्मेथ के चेहरे पर एक अजीब तरह का लालच दिख रहा था...आज उसके पास बिन माँगे एक मर्द जो आ गया था..इसलिए वो हर कीमत पर,अपने हर जलवे दिखाकर, उसे पाना चाहती थी.

मुम्मेथ अपने मोटे-2 मुममे हिला कर उसके इर्द गिर्द नाच रही थी..उसने अपनी टांगे उठा-2 कर जब गंगू के चेहरे के पास रखी तो वो उसकी जाँघो की मोटाई और मखमलीपन देखकर हैरान रह गया..उसने तो सोचा भी नही था की औरतें इतनी चिकनी भी हो सकती है...उसने तो आजतक झुग्गी मे रहने वाली या रंडियों की चूत ही मारी थी..जो ढंग से अपने बाल तक साफ़ नही करवाती.

और ना चाहते हुए भी उसके हाथ उसकी जांघों पर आ गये..गंगू का खुरदुरा हाथ अपनी जाँघ पर महसूस करते ही वो सिहर उठी..इतना रफ़ सा था वो..जब चुदाई करेगा तो क्या हाल होगा उसका...ये ख्याल आते ही उसने गंगू के हाथ के उपर अपना हाथ रखा और उसे अपनी जांघों पर घिसने लगी..

गंगू के इतना करीब आने की वजह से उसके शरीर से आ रही दुर्गंध भी उसे महसूस हो रही थी..पर कामोत्तेजना के आवेश मे वो दुर्गंध भी उसे किसी चुंबक की तरह अपनी तरफ खींच रही थी.

गंगू भी अब समझ चुका था की वो चुदने के लिए पूरी तरह तैयार है,क्योंकि वो खुद उसके हाथ को पकड़कर अपनी जांघों पर ऐसे घिस रही थी मानो उसमे से जिन्न निकलवाना हो..

पर जिन्न तो उसकी खुद की टाँगो के बीच खड़ा हो चुका था..उसके आठ इंच के लंड ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया था और वो उसकी पेंट को फाड़कर बाहर आने को तैयार था.

मुम्मेथ की जाँघो की रगड़ाई करते-2 गंगू का हाथ उसकी चूत की तरफ खिसकने लगा..और उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे वो धीरे-2 किसी आग की भट्टी के पास जा रहा है..उसकी चूत से निकल रही आँच की तपन उसे दूर से ही महसूस हो रही थी.

पर मुम्मेथ पूरे मज़े लेने के मूड मे थी..उसने गंगू का हाथ हटाया और फिर से गाने की धुन पर थिरकने लगी..उसके लटके-झटके देखकर वो उसके डांस का कायल हो गया..उसकी मोटी कमर, चौड़े कूल्हे और भरंवा गांड को देखकर वो बेकरार सा हो उठा...और उपर से उसके मोटे-2 मुम्मे , जो हिलकर अपने वजन का एहसास करवा रहे थे उसको..

गंगू का मन तो कर रहा था की वो उसके चुच्चे पकड़ कर निचोड़ डाले..पर वो भी जानता था की आख़िर मे वो सब तो होना ही है..पहले उसके डांस के मज़े तो ले ले ,बाद मे उसके शरीर के साथ जी भरकर खेलेगा.

नीचे खड़ा हुआ भूरे परेशान हो रहा था...उसके हिसाब से अब तक गंगू को वहाँ पहुँच जाना चाहिए था..पर वो दूर -2 तक नही दिख रहा था..दिखता भी कैसे, वो तो उपर मुम्मेथ के मुम्मे देखकर अपने लंड को रगड़ रहा था..

मुम्मेथ ने जब देखा की गंगू अपने हाथों से अपने लंड को रगड़ रहा है तो वो पलंग पर चड़कर बिल्ली की तरह चलती हुई उसके पास तक आई...उसे धक्का देकर बेड के बीचो-बीच लिटा दिया...और खुद उसकी टाँगो से लेकर उपर तक सूंघने लगी...ऐसी कामुकता का एहसास उसे आज तक नही हुआ था ...वो धीरे-2 उसके हर अंग को सूंघति हुई उपर तक आई..और जब उसका चेहरा ठीक उसके सामने आया तो गंगू को वो सीन याद आ गया जब वो गाने मे जिम्मी शेरगिल के उपर अपने शरीर को हवा मे लटका कर उसे अपने जलवे दिखा रही थी..

बस यही वो पल था जब मुम्मेथ ने अपने हाथ पीछे किए और अपने ब्लाउस की डोरी खोल दी...उसका ब्लाउस आगे की तरफ गिरता हुआ नीचे लटक गया...और नीचे उसकी गोल्डन कलर की ब्रा गंगू की आँखों के सामने उजागर हो गयी...इतनी सेक्सी ब्रा तो गंगू ने आज तक नही देखी थी...और उनमे मुम्मेथ के मोटे मुम्मे समां नही पा रहे थे..

अचानक मुम्मेथ ने गंगू का चेहरा पकड़ा और उसे अपने मुम्मों के बीच भींच दिया...गंगू को तो ऐसा लगा की उसका चेहरा किसी नर्म रज़ाई के बीच जा घुसा है...और दूसरी तरफ मुम्मेथ के सीने मे जब उसके चेहरे के बाल चुभे तो वो दर्द से तड़प उठी पर उसने उसके चेहरे को छोड़ा नही..वो उसे अपने मुम्मों पर ज़ोर-2 से रगड़ती रही..

गाना ख़त्म हो चुका था..पर गंगू अब चालू हो चुका था..

उसने मुम्मेथ की ब्रा के हुक खोलकर उसे नीचे फेंक दिया...और अब उसकी आँखो के सामने उसकी नंगी छातियाँ थी...इतने मोटे और बड़े मुम्मे देखकर वो तो निहाल हो उठा और वो भी एक हीरोइन के, उसने तो सोचा भी नही था की एक दिन उसकी किस्मत मे ऐसा दिन भी आएगा जब वो किसी हीरोइन के मुम्मे चूस रहा होगा..

उसने गोर किया की मुम्मेथ ने अपने निप्पल के पास भी एक टेटु बनवा रखा है...उसने मन ही मन सोचा की कितनी बेशरम होती है ये हेरोइने ,कैसे बनवाती होगी ये किसी मर्द से अपने अंदरुनी अंगो पर ऐसे टेटु..पर उसे क्या वो तो मज़े लेने आया था..सो लेने लगा..

उसने उसके मोटे निप्पल को अपने मुँह मे भरा और उसे जोरों से चूसने लगा..

''अहहययययययययययययीीईईईईई....... म्*म्म्ममममाआआअरर्र्र्ररर गयी...........अहहssssssssssssss ....धीई ररएरए ,.......जंगली ...........कुत्ते .......... एsssssssssssssssss .....''

पर गंगू का तो यही तरीका था...वो तो अब बेलगाम हो चुका था..उसने मुम्मेथ को पलंग पर पटका और खुद उसके उपर सवार हो गया...और एक ही झटके मे उसकी स्कर्ट को भी उतार फेंका..उसकी कच्छी को तो उसने फाड़ ही डाला..और फिर जो नज़ारा उसके सामने था वो उसकी जिंदगी का सबसे हसीन पल था.

उसके सामने थी मुम्मेथ ख़ान, पूरी नंगी..अपने भरपूर जवानी मे लिपटी हुई...किसी नागिन की तरह उसका शरीर बिस्तर पर मचल रहा था..

उसके पेट पर बना हुआ टेटु उसकी चूत के दरवाजे तक जा रहा था..और उसकी चूत को छिदवा कर उसने एक सोने की बाली पहनी हुई थी..ये नज़ारा गंगू के लिए नया था, वो तो ये सोचकर ही सिहर उठा की उसने कैसे अपनी चूत छिदवाई होगी और ये सोने की बाली उसमे डलवाई होगी...खेर ,उँचे लोगो की ऊँची पसंद .

गंगू ने अपनी टी शर्ट उतार फेंकी..उसकी छाती के बाल देखकर मुम्मेथ सम्मोहित सी होकर उठी और अपनी नाक वहाँ पर रगड़ने लगी...गंगू ने उसके बालों को पकड़ा और उसके चेहरे को उपर किया और अपने होंठों को उसके होंठों पर रखकर जोरों से रगड़ने लगा...चूसने लगा ...उन्हे खाने लगा.

मुम्मेथ को भी उसका जंगली तरीका पसंद आ रहा था, उसकी नशीली जवानी को आजतक सुलझे हुए लोगो ने ही चखा था, आज पहली बार वो अपने शरीर को ऐसे इंसान से नुचवा रही थी जो उसके स्टेटस का भी नही था..

गंगू ने उसके चेहरे को चूसा, उसकी गर्दन को चाटा और उसके मुम्मे चूसता हुआ वो उसकी चूत तक पहुँच गया..और एक ही झटके मे उसने अपना सिर आगे किया और मुम्मेथ ने अपनी चूत ....


दोनो एक दूसरे से ऐसे टकराए जैसे कोई तूफ़ान , मुम्मेथ को तो ऐसा लगा जैसे उसने बरसों से भूखे कुत्ते को खाना दिया गया है ..वो सड़प -2 करते हुए उसकी शहद जैसी मीठी चूत का रस पीने लगा...और साथ ही साथ उसकी चूत मे फंसी सोने की बाली को भी चुभलाने लगा..उसने नोट किया की जब वो उसे चुभलाता तो वो दर्द और मज़े से एक साथ सिहर उठती..शायद इसी लिए उसने वहाँ पाईरेसिंग करवाई थी .
 
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