Incest किस्मत

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अपडेट 7

सुबह 6 बजे अलार्म की आवाज से मेरी नींद खुली । आज रविवार का दिन था । सुबह सुबह मेरा लिंग खड़ा हो रखा था । मैने डिंपल को उठाया । उसकी पूरी बॉडी पैन कर रही थी ।

विश्वास – डिंपल उठो मुझे पैन होने लगा है ।

डिंपल – हा बोलो अभी तो सेक्स नही हो पाएगा मुझसे । मै हाथ से और मुंह से शांत कर देती हु तुमको ।

विश्वास – मै भी तुम्हारी चूत चूसना चाहता हूं । कल वाली पोजीशन में करते है ना । तुम मेरे ऊपर आजाओ ।

फिर हमने 30 मिनिट तक 69 की पोजीशन में एक दूसरे को चूसते रहे । जब मै झड़ने वाला था तो डिंपल ने मेरा लिंग अपनी चूत में ले लिया और मेरा सारा वीर्य अपनी चूत में लेलिया । 6:30 हम फिर से सो गए 8 बजे मेरी नींद एक कॉल से खुलती है ये घर से चाची जी का कॉल था ।

चाची जी – बेटा आज नमिता और राधिका घर आ रही है अपने पति के साथ । अपने भाई के एक्सीडेंट का सुन कर दोनो राधिका ओर मोहन कुछ दिन के लिए रूकने आ रहे है । और नमिता अपनी एमबीए करने के बाद अपनी दीदी के घर ही रुक गई थी । वो भी आ थी रही है । मै चाहती हूं तुम दिन का लंच और डिनर यहीं करो । बाकी तुम्हारी मर्जी ।

विश्वास – चाची अप चाहती है आऊं तो मै आजाऊंगा । आप रेनुका भाभी को भी काल करदो वो भी अजाएंगी । मै भी निकल रहा हूं ।

फिर मैने डिंपल को उठाया और सारी बात बताई और मैने रेनुका को कॉल मिलाई और घर आने को बोला कुछ दिन के लिए । वो एक बार में मान गई । फिर मैने दिव्या को कॉल की उसका हल पूछा वो अब ठीक थी । फिर मैने कल होने वाली मीटिंग के बारे में बात की जो कल होने वाली थी सभी बिजनेस पार्टनर से । फिर मै घर की ओर निकलने लगा ।

डिंपल – अब मेरा क्या होगा तुम्हारे बगैर इतने दिन ।

विश्वास – तुम चिंता ना करो तुमसे ज्यादा मुझे तुम्हारी जरूरत है । आज का काम तो हाथ से चला लूंगा । बाकी देखता हूं तुम्हारे लिए टाइम निकालना ही पड़ेगा ।

फिर मै घर आ गया । रास्ते में मैने रेनुका को पिक किया जींस टॉप में क्या कहर लग रही थी वो उसके शरीर का एक एक कट एक एक कर्व दिख रहा था ऐसे लग रहा था जैसे तराशने वाले ने बोहोत ही फुरसत से तराशा हो । मै बस रेनुका को देखे जा रहा था । कल रात के बाद से मेरा नजरिया ही बदल गया था औरत के जिस्म को लेकर ऐसा लग रहा था के आखों में एक्सरे मशीन लग गई हो ।

रेनुका – क्या हुआ विश्वास चलो अब या योंही देखते रहोगे मुझे बोहोत जोरो की बुक लगी है । दीदी ने भी बताया तुम कुछ खा कर नही निकले हो । चलो चल कर कहीं कुछ खा लेते है ।

उनकी आवाज से मेरी चेतना वापिस आई । मैने अपने होटल में एक रूम बुक की ओर चल दिया अपने होटल की ओर । थोड़ी देर बाद हम होटल पोहौचे हमारा गुलदस्ते से स्वागत हुआ । हमने अपने रूम की चाबी ली और रूम में चले गए ।

विश्वास – क्या ऑर्डर करूं क्या खाओगी ।

रेनुका – आज साउथ इंडियन ट्राई करते है ।

फिर मैने खाना ऑर्डर किया । व्हीलचेयर से बेड पर शिफ्ट होने के लिए आज रेनुका ने मेरी हेल्प की । वैसे तो मैने कसम खा रखी थी की कभी किसी की हेल्प नही लूंगा खुद को खुद के लायक बनाऊंगा । किसी से हेल्प लेना यानी खुद को कमजोर दिखाना जो मै ना तो हूं ना ही दिखना चाहता हूं पर आज लगा के ये लोगों का प्यार भी तो हो सकता है । जरूरी नही हर बार सहायता दया ही हो । बल्कि मै तो आज चाह रहा था की रेनुका मुझे संभाल ले आज मुझे पहली बार प्यार का एहसास हो रहा था । वो आजकल हवस वाला प्यार नही बस वो वाला प्यार जिसमे साथ रहने के वादे हो खान बिन छुए भी दो इंसान एक हो । लेकिन कहते है ना हर प्यार की शुरुआत एक तरफा प्यार से ही होती है । उसको दो तरफा करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है । लेकिन इसकी फिर भी कोई गारंटी नहीं की प्यार एक तरफा से दो तरफा हो जाए । मै रेनुका की फीलिंग्स की कदर तो करता था पर वो क्या फील करती है इसका कोई अंदाजा मुझे नही था । रेनुका ने मुझे बेड पर बैठने में हेल्प की ओर मेरे बगल में आके बैठ गई ।

रेनुका – विश्वास क्या बात है सुबह से देख रही हूं तुम खोए खोए लग रहे हो । कुछ हुआ है क्या ।

विश्वास – हुआ तो है पर समझ नही आ रहा है क्या हुआ है । इसे केसे एक्सप्लेन करू ।

रेनुका – कोशिश करो समझने की मुजपर भरोसा कर सकते हो ।
विश्वास – पता नही कल से ही जब पहली बार सेक्स किया तब से ही लग रहा है सेक्स गलत किया । मतलब सेक्स गलत नही था मजा भी बोहोत आया पर इसी का गिल्ट है की मजा क्यों आया । जिसके साथ किया वो गलत था । वहां वो होना चाहिए था जिससे मै प्यार करता हूं ।

रेनुका – इसमें कुछ गलत नही है ये नेचुरल है । जैसे खाना खा कर हमारी भूख मिटती वैसे ही सेक्स से जिस्म की भूख मिटती है । प्यार खाने के बाद मीठे के जैसा होता है । खाने से पेट भरता है तो मीठे से सुख मिलता है । वैसे ही जिसे प्यार मिलता है उसे सुख भी मिलता है । जरूरी नही मीठा हर बार नसीब हो लेकिन खाना शरीर को जरूरत है खास कर तुम्हारे लिए । रही बात प्यार की तो मेरे प्यारे देवर को प्यार हो गया किससे ।

विश्वास – तुमसे ।

कुछ देर तक रेनुका चुप रही ।

रेनुका – तुम मजाक कर रहे हो ना । मुझे केसे ।

विश्वास – मेरी आंखों में देखो तुम्हे लगता है मै मजाक करूंगा । मै नही जानता क्यों और कैसे । जैसा तुम्हारे साथ रह कर फील होता है वैसा मुझे कल सेक्स करते हुए भी फील नही हुआ है । तुम्हारे साथ रह कर लगता है बस टाइम ऐसे ही रुक जाए और हम बस बात करते रहे । तुम्हारे जख्म देख के मेरे दिल में जो दर्द हुआ था । मै बयान नही कर सकता हूं ।

रेनुका – मै समझ रही हूं तुम क्या बोल रहे हो एंड आई रिस्पेक्ट योर फीलिंग । लेकिन मुझे अभी रिलेशनशिप की नही दोस्त की जरूरत है । एक ऐसे इंसान की जरूरत है जो मुझे समझे मुझसे मेरे सुख दुख बाट सके । मै बस अभी दोस्त बन सकती हूं उससे ज्यादा कुछ नही ।

विश्वास – मै तुमसे साथ के अलावा कभी कुछ नही मांगूंगा मुझे बस तुम मेरे साथ चाहिए और कुछ नही ।

रेनुका – मै हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी पर तुम्हे भी एक वादा करना होगा तुम कभी भी गिल्ट में नही आओगे सेक्स के बाद किसी से भी सेक्स करो उसे अपना पूरा प्यार दो । तुम ही हो जो बेचारी औरतों की बेरंग जिंदगी पूरी हसीन कर सकते हो क्योंकि तुम किसी का कोई फायदा नही उठाओगे उन्हे रिस्पेक्ट दोगे ।

विश्वास – मै वादा करता हूं । जैसा तुम चाहती हो वैसा ही होगा ।

रेनुका – अच्छा चलो घर चलते है बात करते करते 11 बज गए है । वैसे जब तक यहां हो कैसे काम चलाओगे दीदी तो यहां है नही ।

विश्वास – आज तो हाथ से काम चला लूंगा । बाकी कल से देखता हूं ।

रेनुका – कुछ ना हो पाए तो बताना मै कुछ कर सकी तो जरूर करूंगी ।

फिर हम घर की ओर निकल गए 15 मिनट में हम घर पोहोच गए और हमारे घर पोहोचने 30 मिनिट बाद एक कार घर के बाहर आके रुकती है । कर से 4 लोग उतरते है । दो को तो मै देखते ही पहचान गया था । एक जीजा जी थे । तीसरी औरत पहचान में नही आ रही थी । सब अंदर आए ।

राधिका – कैसी हो मां । ताई जी अप कैसी हो ।

कामिनी – तू तो चली गई थी ना अपनी मां की बात मान कर अपने पति के साथ ये घर छोड़ कर तो तुझे क्या हम कैसे भी हो । अपने ताऊजी के मरने पर भी नही आई ऐसी क्या दुश्मनी हो गई दामाद जी और तेरे ताऊजी में ।

राधिका – वो इनका पर्सनल मैटर है मै बीच में कुछ नही बोल सकती । और मै अपनी मर्जी से अपने पति के साथ गई थी उन्होंने मुझे कभी फोर्स नही किया की मै अप लोगो से ये रिश्ता तोड़ दूं ।
मै हाल में बैठा सब सुन रहा था । मेरी नजर तो उस अनजान औरत पर थी ।

राधिका – मां ये मेरी बड़ी ननद है कुछ महीने पहले ही कोविड की वजह से इनके पति की मौत हो गई थी । तब से ये हमारे साथ ही रहती है । इनका नाम गायत्री है ।

चाची जी – आओ बेटा इसे अपना ही घर समझो ।

गायत्री – जी शुक्रिया आंटी जी ।

थोड़ी देर में मोहिनी दीदी और रेनुका ने सबको चाय नाश्ता दिया ।
राधिका – रेनुका भाई की ऐसी हालत केसे हुई तुम ध्यान नही रखती हो क्या भाई का ।

चाची जी – बेटा वो ध्यान नही रखती तो आज तुम्हारा भाई इस हालत में भी जेल में होता और तुम्हारी मां भी जेल में होती ।

राधिका – ऐसा क्या ही हो गया मां । मुझे दुख है ताऊ जी हमे छोड़ के चले गए वो होते तो ऐसा ना होता ।

चाची जी – वो मै तुम कमरे में बताऊंगी यहां सबके सामने नही । अच्छा तुम इसे तो पहचान ही गई होगी । ये है तुम्हारा छोटा भाई विश्वास । तुम्हारे ताऊ जी का बड़ा बेटा और अब इस घर और बिजनेस का करता धरता । तुम्हारे ताऊ जी सब इसके नाम कर गए है ।

राधिका – ताई जी केसे मान गई और वीर को कोई प्रोब्लम नही है ।

चाची जी – किसी के पास कोई ऑप्शन नही है ये तुम्हारे ताऊ जी का फैसला है । और हम सब के लिए यही अच्छा है । अब कम से कम इस घर में सांस तो अति ही ।

सब चाय नाश्ता खतम कर चुके थे तो ये डिसाइड हुआ की पहले राधिका , नमिता और जीजा जी विशाल से मिलेंगे फिर अपने अपने कमरों में आराम करेंगे । चाची जी ने गायत्री को उसका कमरा दिखाया । फिर सब विशाल के रूम में चले गए । चाची जी ने मुझे भी आने को कहा तो मै भी चल दिया ।

राधिका – मां अब तो बताओ भाई की इसी हालत केसे हो गई इतनी बुरी तरह से कोन मरता है ।

चाची जी मेरी ओर देखने लगी ।

नमिता – तुम ही बता दो मां जब से तुम्हे देख रही है ।

विश्वास – अपने भाई की करतूत सुनना चाहोगी या देखना ।

मोहन – साले साहब ऐसा क्या हो गया ।

विश्वास – सिर्फ चाची जी के कहने पर मै इस कमरे में आया हूं नही तो ऐसे इंसान का चेहरा तो देखना भी ना चाहूं ।

मोहन – ऐसा भी क्या कर दिया मेरे साले ने ।

विश्वास – आप तो राजपूत हो जीजा जी आपके यहां कोई औरत को जानवरों की तरह मारे या किसी औरत का रेप करने की कोशिश करे तो उसे क्या सजा मिलती है ।

मोहन – ऐसे इंसान को तो जीने का कोई हक नही ।

विश्वास – फिर भी आपका प्यारा साला जिंदा अब अप सोच सकते है ।

राधिका – ये क्या बकवास कर रहे हो मेरा भाई ऐसा नही कर सकता । वो तो रेनुका से बोहोत प्यार करता है । तुम्हे कोई गलत फहमी हुई है ।

नमिता – तुमने ही ये हालत करी है ना मेरे भाई की ।

विश्वास – मुझे ध्यान से देखो मुझे देख के लगता है मै ऐसा कुछ कर सकता हूं । वो तो जिस लड़की पर इसने हाथ डाला था उसके रिश्तेदारों ने ये किया है ।

राधिका – मुझे विश्वास नहीं हो रहा है ।

विश्वास – जीजा जी अप बाहर जाइए मुझे दीदी को और नमिता को कुछ दिखाना है । मै नही चाहता किसी भी लड़की या इस घर की इज्जत नीलम हो ।

जीजा जी चले जाते है । मैने नमिता और राधिका को दिव्या वाली वीडियो दिखाई और रेनुका की रिपोर्ट दिखाई । दोनो बहने शोक हो गई थी अपने भाई की करतूत देख के ।

राधिका – मां तुमने हमे पहले क्यों नही बताया । भाभी इतना कुछ सह रही थी ।

विश्वास – गलती चाची जी की नही इस घर के सभी लोगो की है जो एक औरत का जुल्म सहते रहे उसकी बात आंख बंद करके मानते रहे । कभी किसी ने आवाज नही उठाई उन्होंने ही आपके भाई के दिमाग में गंद भरा है । क्यों इस घर की औरते काम नही करती है । अप लोगो को अब किसी से डरने की जरूरत नही है । मै आगया हूं ना लेकिन अपने लिए लड़ना अप लोगो को खुद होगा ।

रेनुका – मां जी , राधिका नमिता आजाओ लंच करलो जीजा जी को भी बुला लो ।

विश्वास – भाभी मै थक गया हूं अप मेरा खाना मेरे कमरे में लगवा दीजिए ।

नमिता – आज हम पहली बार मिल रहे है हमारे साथ लंच नही करोगे ।

विश्वास – थोड़ी मेडिकल कंडीशन है 2 बजे मुझे एक खास काम है । दवाई लेनी होती है । उसके बाद ही मै खाना खाऊंगा ।

चाची जी – कोई बात नही बेटी रात का डिनर हम यहीं विश्वास के कमरे में करेंगे ।

फिर सब लंच करने चले गए । और मै अपने रूम में आ गया । गलती से रूम बंद करना भूल गया बस ढक दिया । मै जल्दी से अपने बेड पर शिफ्ट हुआ । और अपनी पेंट उतार कर अपना लिंग अपने हाथ में लिया और हिलाना शुरू किया । पहले कुछ देर तो मुझे ना मज़ा आया ना कुछ फील हो रहा था । हिलाते हुए मुझे 5 मिनिट हो गए थे । इतने में मेरे कानों में एक आवाज अति है ।

गायत्री – मै कुछ मदद करूं ।

पहले तो मेरी आवाज सुन के फट गई मुझे लगा आज तो गया मै । लेकिन अब जिंदा रहने की लड़ाई थी तो ये रिस्क भी मै ले सकता था । अब उसका हाथ मेरे लिंग पर था मैने ना हां कहा या ना ना कहा मै रिलेक्स होके लेट गया । और गायत्री की गरम मुट्ठी में मेरा लिंग था । अब लग रहा था की कुछ हलचल हो रही है । गायत्री को 5 मिनिट हो गए थे पर मेरा पानी नही निकला था । अब गायत्री ने एसा कुछ किया जो मै कभी सोच भी नही सकता था । मुझे अपने लिंग पर कुछ गीला महसूस हुआ तो गायत्री के मुंह में मेरा लिंग था मै हैरानी से गायत्री को देख रहा था । उसने अपने हाथ मेरी आंखों पर रख दिया और इशारा किया की आंखें बंद कर लू और मेरा एक हाथ अपने बूब्स पर रख दिया मै इशारा समझ मैने आराम आराम से वो बड़े और सॉफ्ट बूब्स मसलना शुरू कर दिए । उसके मुखमैथुन करने की वजह से मै फारिग होने के करीब आ रहा था । और थोड़ी देर में ही मेरा पानी निकल गया । और मैने उसका मुंह अपने लिंग पर दबा दिया ताकि वो सारा पानी पी जाए । फारिग होने के बाद मै गिल्ट में डूब गया ।

विश्वास – मुझे माफ करना ये मेरी मेडिकल कंडीशन है ।

गायत्री – कुछ मत बोलो प्लीज मै अभी कुछ नही सुन पाऊंगी गलती मेरी भी है । ये आपका खाना रखा है खा लीजिए ।

और वो चली गई । मै बोहोत थक गया था मैने खाना खाया । और सोच में डूब गया की ये जो हुआ है वो अच्छा हुआ है या गलत । कल से लेके आज तक मेरी जिंदगी कितनी बदल गाय है । लेकिन मुझे नही पता था कोई और भी था जिसने मुझे और गायत्री को देख लिया था और जब मै फारिग हुआ तो वो वापिस चली गई । उधर रसोई में राधिका ओर रेनुका ।

राधिका – भाभी ये किस प्रकार का लड़का है विश्वास । घर में खुले आम अपने रूम का दरवाजा खोल के वो गंदी हरकत कर रहा था । मै तो उसके रूम में पूछने जा रही थी की उसे कुछ चाहिए या नही इतना बड़ा और भयानक चीज वो अपने हाथों से हिला रहा था ।

रेनुका – राधिका वो बुरा इंसान नही है बस मजबूर है । तुम जानती हो तुम्हारे भाई से उसी ने मुझे बचाया । आज के टाइम में वही है जिसे मै अपना कह सकती हूं । उसकी एक मेडिकल कंडीशन है हर 8 घंटे में उसे सेक्स की जरूरत होती है ।

राधिका – बेवकूफ बना रहा है वो तुम्हे ऐसा भी होता है कही भला । ये सब बस उसकी एक चल है ।

रेनुका – ये सिर्फ बात उसने मुझे बताई होती तो मै भी नही मानती लेकिन मैने खुद डॉक्टर से सुना उसे इंडिया ए अभी 17 दिन ही हुए तो वो जुटी रिपोर्ट भी नही बनवा सकता । मैने खुद वो रिपोर्ट देखे अगर उसको रिलेक्स होने का मोका ना मिले तो उसको हार्ट अटैक हो सकता है या लिंग काटना पड़ सकता है । प्लीज उसे गलत नजर से ना देखे वो अच्छा लड़का है । मै उसे समझा दूंगी की दरवाजा बंद रखे ।

राधिका – नही भाभी मै अपने तरीके से हैंडल करना चाहती हूं । उसकी रिपोर्ट मै देख सकती हूं ।

रेनुका – उसकी कार में हो सकती है शायद । चाबी उसके रूम में ही होगी । अप ले सको तो लेलो ।

उधर मै सोचता सोचता सो गया था । राधिका मेरे रूम में आई और साइड टेबल से मेरी कार की चाबी ली और चल दी मेरी कार की ओर ।
 
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सुबह 6 बजे अलार्म की आवाज से मेरी नींद खुली । आज रविवार का दिन था । सुबह सुबह मेरा लिंग खड़ा हो रखा था । मैने डिंपल को उठाया । उसकी पूरी बॉडी पैन कर रही थी ।

विश्वास – डिंपल उठो मुझे पैन होने लगा है ।

डिंपल – हा बोलो अभी तो सेक्स नही हो पाएगा मुझसे । मै हाथ से और मुंह से शांत कर देती हु तुमको ।

विश्वास – मै भी तुम्हारी चूत चूसना चाहता हूं । कल वाली पोजीशन में करते है ना । तुम मेरे ऊपर आजाओ ।


फिर हमने 30 मिनिट तक 69 की पोजीशन में एक दूसरे को चूसते रहे । जब मै झड़ने वाला था तो डिंपल ने मेरा लिंग अपनी चूत में ले लिया और मेरा सारा वीर्य अपनी चूत में लेलिया । 6:30 हम फिर से सो गए 8 बजे मेरी नींद एक कॉल से खुलती है ये घर से चाची जी का कॉल था ।

चाची जी – बेटा आज नमिता और राधिका घर आ रही है अपने पति के साथ । अपने भाई के एक्सीडेंट का सुन कर दोनो राधिका ओर मोहन कुछ दिन के लिए रूकने आ रहे है । और नमिता अपनी एमबीए करने के बाद अपनी दीदी के घर ही रुक गई थी । वो भी आ थी रही है । मै चाहती हूं तुम दिन का लंच और डिनर यहीं करो । बाकी तुम्हारी मर्जी ।


विश्वास – चाची अप चाहती है आऊं तो मै आजाऊंगा । आप रेनुका भाभी को भी काल करदो वो भी अजाएंगी । मै भी निकल रहा हूं ।

फिर मैने डिंपल को उठाया और सारी बात बताई और मैने रेनुका को कॉल मिलाई और घर आने को बोला कुछ दिन के लिए । वो एक बार में मान गई । फिर मैने दिव्या को कॉल की उसका हल पूछा वो अब ठीक थी । फिर मैने कल होने वाली मीटिंग के बारे में बात की जो कल होने वाली थी सभी बिजनेस पार्टनर से । फिर मै घर की ओर निकलने लगा ।

डिंपल – अब मेरा क्या होगा तुम्हारे बगैर इतने दिन ।


विश्वास – तुम चिंता ना करो तुमसे ज्यादा मुझे तुम्हारी जरूरत है । आज का काम तो हाथ से चला लूंगा । बाकी देखता हूं तुम्हारे लिए टाइम निकालना ही पड़ेगा ।

फिर मै घर आ गया । रास्ते में मैने रेनुका को पिक किया जींस टॉप में क्या कहर लग रही थी वो उसके शरीर का एक एक कट एक एक कर्व दिख रहा था ऐसे लग रहा था जैसे तराशने वाले ने बोहोत ही फुरसत से तराशा हो । मै बस रेनुका को देखे जा रहा था । कल रात के बाद से मेरा नजरिया ही बदल गया था औरत के जिस्म को लेकर ऐसा लग रहा था के आखों में एक्सरे मशीन लग गई हो ।

रेनुका – क्या हुआ विश्वास चलो अब या योंही देखते रहोगे मुझे बोहोत जोरो की बुक लगी है । दीदी ने भी बताया तुम कुछ खा कर नही निकले हो । चलो चल कर कहीं कुछ खा लेते है ।

उनकी आवाज से मेरी चेतना वापिस आई । मैने अपने होटल में एक रूम बुक की ओर चल दिया अपने होटल की ओर । थोड़ी देर बाद हम होटल पोहौचे हमारा गुलदस्ते से स्वागत हुआ । हमने अपने रूम की चाबी ली और रूम में चले गए ।

विश्वास – क्या ऑर्डर करूं क्या खाओगी ।


रेनुका – आज साउथ इंडियन ट्राई करते है ।

फिर मैने खाना ऑर्डर किया । व्हीलचेयर से बेड पर शिफ्ट होने के लिए आज रेनुका ने मेरी हेल्प की । वैसे तो मैने कसम खा रखी थी की कभी किसी की हेल्प नही लूंगा खुद को खुद के लायक बनाऊंगा । किसी से हेल्प लेना यानी खुद को कमजोर दिखाना जो मै ना तो हूं ना ही दिखना चाहता हूं पर आज लगा के ये लोगों का प्यार भी तो हो सकता है । जरूरी नही हर बार सहायता दया ही हो । बल्कि मै तो आज चाह रहा था की रेनुका मुझे संभाल ले आज मुझे पहली बार प्यार का एहसास हो रहा था । वो आजकल हवस वाला प्यार नही बस वो वाला प्यार जिसमे साथ रहने के वादे हो खान बिन छुए भी दो इंसान एक हो । लेकिन कहते है ना हर प्यार की शुरुआत एक तरफा प्यार से ही होती है । उसको दो तरफा करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है । लेकिन इसकी फिर भी कोई गारंटी नहीं की प्यार एक तरफा से दो तरफा हो जाए । मै रेनुका की फीलिंग्स की कदर तो करता था पर वो क्या फील करती है इसका कोई अंदाजा मुझे नही था । रेनुका ने मुझे बेड पर बैठने में हेल्प की ओर मेरे बगल में आके बैठ गई ।

रेनुका – विश्वास क्या बात है सुबह से देख रही हूं तुम खोए खोए लग रहे हो । कुछ हुआ है क्या ।


विश्वास – हुआ तो है पर समझ नही आ रहा है क्या हुआ है । इसे केसे एक्सप्लेन करू ।

रेनुका – कोशिश करो समझने की मुजपर भरोसा कर सकते हो ।
विश्वास – पता नही कल से ही जब पहली बार सेक्स किया तब से ही लग रहा है सेक्स गलत किया । मतलब सेक्स गलत नही था मजा भी बोहोत आया पर इसी का गिल्ट है की मजा क्यों आया । जिसके साथ किया वो गलत था । वहां वो होना चाहिए था जिससे मै प्यार करता हूं ।

रेनुका – इसमें कुछ गलत नही है ये नेचुरल है । जैसे खाना खा कर हमारी भूख मिटती वैसे ही सेक्स से जिस्म की भूख मिटती है । प्यार खाने के बाद मीठे के जैसा होता है । खाने से पेट भरता है तो मीठे से सुख मिलता है । वैसे ही जिसे प्यार मिलता है उसे सुख भी मिलता है । जरूरी नही मीठा हर बार नसीब हो लेकिन खाना शरीर को जरूरत है खास कर तुम्हारे लिए । रही बात प्यार की तो मेरे प्यारे देवर को प्यार हो गया किससे ।

विश्वास – तुमसे ।

कुछ देर तक रेनुका चुप रही ।

रेनुका – तुम मजाक कर रहे हो ना । मुझे केसे ।

विश्वास – मेरी आंखों में देखो तुम्हे लगता है मै मजाक करूंगा । मै नही जानता क्यों और कैसे । जैसा तुम्हारे साथ रह कर फील होता है वैसा मुझे कल सेक्स करते हुए भी फील नही हुआ है । तुम्हारे साथ रह कर लगता है बस टाइम ऐसे ही रुक जाए और हम बस बात करते रहे । तुम्हारे जख्म देख के मेरे दिल में जो दर्द हुआ था । मै बयान नही कर सकता हूं ।


रेनुका – मै समझ रही हूं तुम क्या बोल रहे हो एंड आई रिस्पेक्ट योर फीलिंग । लेकिन मुझे अभी रिलेशनशिप की नही दोस्त की जरूरत है । एक ऐसे इंसान की जरूरत है जो मुझे समझे मुझसे मेरे सुख दुख बाट सके । मै बस अभी दोस्त बन सकती हूं उससे ज्यादा कुछ नही ।

विश्वास – मै तुमसे साथ के अलावा कभी कुछ नही मांगूंगा मुझे बस तुम मेरे साथ चाहिए और कुछ नही ।

रेनुका – मै हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी पर तुम्हे भी एक वादा करना होगा तुम कभी भी गिल्ट में नही आओगे सेक्स के बाद किसी से भी सेक्स करो उसे अपना पूरा प्यार दो । तुम ही हो जो बेचारी औरतों की बेरंग जिंदगी पूरी हसीन कर सकते हो क्योंकि तुम किसी का कोई फायदा नही उठाओगे उन्हे रिस्पेक्ट दोगे ।

विश्वास – मै वादा करता हूं । जैसा तुम चाहती हो वैसा ही होगा ।

रेनुका – अच्छा चलो घर चलते है बात करते करते 11 बज गए है । वैसे जब तक यहां हो कैसे काम चलाओगे दीदी तो यहां है नही ।

विश्वास – आज तो हाथ से काम चला लूंगा । बाकी कल से देखता हूं ।

रेनुका – कुछ ना हो पाए तो बताना मै कुछ कर सकी तो जरूर करूंगी ।

फिर हम घर की ओर निकल गए 15 मिनट में हम घर पोहोच गए और हमारे घर पोहोचने 30 मिनिट बाद एक कार घर के बाहर आके रुकती है । कर से 4 लोग उतरते है । दो को तो मै देखते ही पहचान गया था । एक जीजा जी थे । तीसरी औरत पहचान में नही आ रही थी । सब अंदर आए ।


राधिका – कैसी हो मां । ताई जी अप कैसी हो ।

कामिनी – तू तो चली गई थी ना अपनी मां की बात मान कर अपने पति के साथ ये घर छोड़ कर तो तुझे क्या हम कैसे भी हो । अपने ताऊजी के मरने पर भी नही आई ऐसी क्या दुश्मनी हो गई दामाद जी और तेरे ताऊजी में ।

राधिका – वो इनका पर्सनल मैटर है मै बीच में कुछ नही बोल सकती । और मै अपनी मर्जी से अपने पति के साथ गई थी उन्होंने मुझे कभी फोर्स नही किया की मै अप लोगो से ये रिश्ता तोड़ दूं ।
मै हाल में बैठा सब सुन रहा था । मेरी नजर तो उस अनजान औरत पर थी ।

राधिका – मां ये मेरी बड़ी ननद है कुछ महीने पहले ही कोविड की वजह से इनके पति की मौत हो गई थी । तब से ये हमारे साथ ही रहती है । इनका नाम गायत्री है ।

चाची जी – आओ बेटा इसे अपना ही घर समझो ।

गायत्री – जी शुक्रिया आंटी जी ।

थोड़ी देर में मोहिनी दीदी और रेनुका ने सबको चाय नाश्ता दिया ।
राधिका – रेनुका भाई की ऐसी हालत केसे हुई तुम ध्यान नही रखती हो क्या भाई का ।

चाची जी – बेटा वो ध्यान नही रखती तो आज तुम्हारा भाई इस हालत में भी जेल में होता और तुम्हारी मां भी जेल में होती ।


राधिका – ऐसा क्या ही हो गया मां । मुझे दुख है ताऊ जी हमे छोड़ के चले गए वो होते तो ऐसा ना होता ।

चाची जी – वो मै तुम कमरे में बताऊंगी यहां सबके सामने नही । अच्छा तुम इसे तो पहचान ही गई होगी । ये है तुम्हारा छोटा भाई विश्वास । तुम्हारे ताऊ जी का बड़ा बेटा और अब इस घर और बिजनेस का करता धरता । तुम्हारे ताऊ जी सब इसके नाम कर गए है ।

राधिका – ताई जी केसे मान गई और वीर को कोई प्रोब्लम नही है ।


चाची जी – किसी के पास कोई ऑप्शन नही है ये तुम्हारे ताऊ जी का फैसला है । और हम सब के लिए यही अच्छा है । अब कम से कम इस घर में सांस तो अति ही ।

सब चाय नाश्ता खतम कर चुके थे तो ये डिसाइड हुआ की पहले राधिका , नमिता और जीजा जी विशाल से मिलेंगे फिर अपने अपने कमरों में आराम करेंगे । चाची जी ने गायत्री को उसका कमरा दिखाया । फिर सब विशाल के रूम में चले गए । चाची जी ने मुझे भी आने को कहा तो मै भी चल दिया ।

राधिका – मां अब तो बताओ भाई की इसी हालत केसे हो गई इतनी बुरी तरह से कोन मरता है ।

चाची जी मेरी ओर देखने लगी ।

नमिता – तुम ही बता दो मां जब से तुम्हे देख रही है ।

विश्वास – अपने भाई की करतूत सुनना चाहोगी या देखना ।

मोहन – साले साहब ऐसा क्या हो गया ।

विश्वास – सिर्फ चाची जी के कहने पर मै इस कमरे में आया हूं नही तो ऐसे इंसान का चेहरा तो देखना भी ना चाहूं ।


मोहन – ऐसा भी क्या कर दिया मेरे साले ने ।

विश्वास – आप तो राजपूत हो जीजा जी आपके यहां कोई औरत को जानवरों की तरह मारे या किसी औरत का रेप करने की कोशिश करे तो उसे क्या सजा मिलती है ।


मोहन – ऐसे इंसान को तो जीने का कोई हक नही ।

विश्वास – फिर भी आपका प्यारा साला जिंदा अब अप सोच सकते है ।

राधिका – ये क्या बकवास कर रहे हो मेरा भाई ऐसा नही कर सकता । वो तो रेनुका से बोहोत प्यार करता है । तुम्हे कोई गलत फहमी हुई है ।


नमिता – तुमने ही ये हालत करी है ना मेरे भाई की ।

विश्वास – मुझे ध्यान से देखो मुझे देख के लगता है मै ऐसा कुछ कर सकता हूं । वो तो जिस लड़की पर इसने हाथ डाला था उसके रिश्तेदारों ने ये किया है ।


राधिका – मुझे विश्वास नहीं हो रहा है ।

विश्वास – जीजा जी अप बाहर जाइए मुझे दीदी को और नमिता को कुछ दिखाना है । मै नही चाहता किसी भी लड़की या इस घर की इज्जत नीलम हो ।

जीजा जी चले जाते है । मैने नमिता और राधिका को दिव्या वाली वीडियो दिखाई और रेनुका की रिपोर्ट दिखाई । दोनो बहने शोक हो गई थी अपने भाई की करतूत देख के ।


राधिका – मां तुमने हमे पहले क्यों नही बताया । भाभी इतना कुछ सह रही थी ।

विश्वास – गलती चाची जी की नही इस घर के सभी लोगो की है जो एक औरत का जुल्म सहते रहे उसकी बात आंख बंद करके मानते रहे । कभी किसी ने आवाज नही उठाई उन्होंने ही आपके भाई के दिमाग में गंद भरा है । क्यों इस घर की औरते काम नही करती है । अप लोगो को अब किसी से डरने की जरूरत नही है । मै आगया हूं ना लेकिन अपने लिए लड़ना अप लोगो को खुद होगा ।

रेनुका – मां जी , राधिका नमिता आजाओ लंच करलो जीजा जी को भी बुला लो ।

विश्वास – भाभी मै थक गया हूं अप मेरा खाना मेरे कमरे में लगवा दीजिए ।

नमिता – आज हम पहली बार मिल रहे है हमारे साथ लंच नही करोगे ।

विश्वास – थोड़ी मेडिकल कंडीशन है 2 बजे मुझे एक खास काम है । दवाई लेनी होती है । उसके बाद ही मै खाना खाऊंगा ।

चाची जी – कोई बात नही बेटी रात का डिनर हम यहीं विश्वास के कमरे में करेंगे ।

फिर सब लंच करने चले गए । और मै अपने रूम में आ गया । गलती से रूम बंद करना भूल गया बस ढक दिया । मै जल्दी से अपने बेड पर शिफ्ट हुआ । और अपनी पेंट उतार कर अपना लिंग अपने हाथ में लिया और हिलाना शुरू किया । पहले कुछ देर तो मुझे ना मज़ा आया ना कुछ फील हो रहा था । हिलाते हुए मुझे 5 मिनिट हो गए थे । इतने में मेरे कानों में एक आवाज अति है ।


गायत्री – मै कुछ मदद करूं ।

पहले तो मेरी आवाज सुन के फट गई मुझे लगा आज तो गया मै । लेकिन अब जिंदा रहने की लड़ाई थी तो ये रिस्क भी मै ले सकता था । अब उसका हाथ मेरे लिंग पर था मैने ना हां कहा या ना ना कहा मै रिलेक्स होके लेट गया । और गायत्री की गरम मुट्ठी में मेरा लिंग था । अब लग रहा था की कुछ हलचल हो रही है । गायत्री को 5 मिनिट हो गए थे पर मेरा पानी नही निकला था । अब गायत्री ने एसा कुछ किया जो मै कभी सोच भी नही सकता था । मुझे अपने लिंग पर कुछ गीला महसूस हुआ तो गायत्री के मुंह में मेरा लिंग था मै हैरानी से गायत्री को देख रहा था । उसने अपने हाथ मेरी आंखों पर रख दिया और इशारा किया की आंखें बंद कर लू और मेरा एक हाथ अपने बूब्स पर रख दिया मै इशारा समझ मैने आराम आराम से वो बड़े और सॉफ्ट बूब्स मसलना शुरू कर दिए । उसके मुखमैथुन करने की वजह से मै फारिग होने के करीब आ रहा था । और थोड़ी देर में ही मेरा पानी निकल गया । और मैने उसका मुंह अपने लिंग पर दबा दिया ताकि वो सारा पानी पी जाए । फारिग होने के बाद मै गिल्ट में डूब गया ।


विश्वास – मुझे माफ करना ये मेरी मेडिकल कंडीशन है ।

गायत्री – कुछ मत बोलो प्लीज मै अभी कुछ नही सुन पाऊंगी गलती मेरी भी है । ये आपका खाना रखा है खा लीजिए ।

और वो चली गई । मै बोहोत थक गया था मैने खाना खाया । और सोच में डूब गया की ये जो हुआ है वो अच्छा हुआ है या गलत । कल से लेके आज तक मेरी जिंदगी कितनी बदल गाय है । लेकिन मुझे नही पता था कोई और भी था जिसने मुझे और गायत्री को देख लिया था और जब मै फारिग हुआ तो वो वापिस चली गई । उधर रसोई में राधिका ओर रेनुका ।

राधिका – भाभी ये किस प्रकार का लड़का है विश्वास । घर में खुले आम अपने रूम का दरवाजा खोल के वो गंदी हरकत कर रहा था । मै तो उसके रूम में पूछने जा रही थी की उसे कुछ चाहिए या नही इतना बड़ा और भयानक चीज वो अपने हाथों से हिला रहा था ।


रेनुका – राधिका वो बुरा इंसान नही है बस मजबूर है । तुम जानती हो तुम्हारे भाई से उसी ने मुझे बचाया । आज के टाइम में वही है जिसे मै अपना कह सकती हूं । उसकी एक मेडिकल कंडीशन है हर 8 घंटे में उसे सेक्स की जरूरत होती है ।

राधिका – बेवकूफ बना रहा है वो तुम्हे ऐसा भी होता है कही भला । ये सब बस उसकी एक चल है ।

रेनुका – ये सिर्फ बात उसने मुझे बताई होती तो मै भी नही मानती लेकिन मैने खुद डॉक्टर से सुना उसे इंडिया ए अभी 17 दिन ही हुए तो वो जुटी रिपोर्ट भी नही बनवा सकता । मैने खुद वो रिपोर्ट देखे अगर उसको रिलेक्स होने का मोका ना मिले तो उसको हार्ट अटैक हो सकता है या लिंग काटना पड़ सकता है । प्लीज उसे गलत नजर से ना देखे वो अच्छा लड़का है । मै उसे समझा दूंगी की दरवाजा बंद रखे ।

राधिका – नही भाभी मै अपने तरीके से हैंडल करना चाहती हूं । उसकी रिपोर्ट मै देख सकती हूं ।

रेनुका – उसकी कार में हो सकती है शायद । चाबी उसके रूम में ही होगी । अप ले सको तो लेलो ।

उधर मै सोचता सोचता सो गया था । राधिका मेरे रूम में आई और साइड टेबल से मेरी कार की चाबी ली और चल दी मेरी कार की ओर ।
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सुबह 6 बजे अलार्म की आवाज से मेरी नींद खुली । आज रविवार का दिन था । सुबह सुबह मेरा लिंग खड़ा हो रखा था । मैने डिंपल को उठाया । उसकी पूरी बॉडी पैन कर रही थी ।

विश्वास – डिंपल उठो मुझे पैन होने लगा है ।

डिंपल – हा बोलो अभी तो सेक्स नही हो पाएगा मुझसे । मै हाथ से और मुंह से शांत कर देती हु तुमको ।

विश्वास – मै भी तुम्हारी चूत चूसना चाहता हूं । कल वाली पोजीशन में करते है ना । तुम मेरे ऊपर आजाओ ।


फिर हमने 30 मिनिट तक 69 की पोजीशन में एक दूसरे को चूसते रहे । जब मै झड़ने वाला था तो डिंपल ने मेरा लिंग अपनी चूत में ले लिया और मेरा सारा वीर्य अपनी चूत में लेलिया । 6:30 हम फिर से सो गए 8 बजे मेरी नींद एक कॉल से खुलती है ये घर से चाची जी का कॉल था ।

चाची जी – बेटा आज नमिता और राधिका घर आ रही है अपने पति के साथ । अपने भाई के एक्सीडेंट का सुन कर दोनो राधिका ओर मोहन कुछ दिन के लिए रूकने आ रहे है । और नमिता अपनी एमबीए करने के बाद अपनी दीदी के घर ही रुक गई थी । वो भी आ थी रही है । मै चाहती हूं तुम दिन का लंच और डिनर यहीं करो । बाकी तुम्हारी मर्जी ।


विश्वास – चाची अप चाहती है आऊं तो मै आजाऊंगा । आप रेनुका भाभी को भी काल करदो वो भी अजाएंगी । मै भी निकल रहा हूं ।

फिर मैने डिंपल को उठाया और सारी बात बताई और मैने रेनुका को कॉल मिलाई और घर आने को बोला कुछ दिन के लिए । वो एक बार में मान गई । फिर मैने दिव्या को कॉल की उसका हल पूछा वो अब ठीक थी । फिर मैने कल होने वाली मीटिंग के बारे में बात की जो कल होने वाली थी सभी बिजनेस पार्टनर से । फिर मै घर की ओर निकलने लगा ।

डिंपल – अब मेरा क्या होगा तुम्हारे बगैर इतने दिन ।


विश्वास – तुम चिंता ना करो तुमसे ज्यादा मुझे तुम्हारी जरूरत है । आज का काम तो हाथ से चला लूंगा । बाकी देखता हूं तुम्हारे लिए टाइम निकालना ही पड़ेगा ।

फिर मै घर आ गया । रास्ते में मैने रेनुका को पिक किया जींस टॉप में क्या कहर लग रही थी वो उसके शरीर का एक एक कट एक एक कर्व दिख रहा था ऐसे लग रहा था जैसे तराशने वाले ने बोहोत ही फुरसत से तराशा हो । मै बस रेनुका को देखे जा रहा था । कल रात के बाद से मेरा नजरिया ही बदल गया था औरत के जिस्म को लेकर ऐसा लग रहा था के आखों में एक्सरे मशीन लग गई हो ।

रेनुका – क्या हुआ विश्वास चलो अब या योंही देखते रहोगे मुझे बोहोत जोरो की बुक लगी है । दीदी ने भी बताया तुम कुछ खा कर नही निकले हो । चलो चल कर कहीं कुछ खा लेते है ।

उनकी आवाज से मेरी चेतना वापिस आई । मैने अपने होटल में एक रूम बुक की ओर चल दिया अपने होटल की ओर । थोड़ी देर बाद हम होटल पोहौचे हमारा गुलदस्ते से स्वागत हुआ । हमने अपने रूम की चाबी ली और रूम में चले गए ।

विश्वास – क्या ऑर्डर करूं क्या खाओगी ।


रेनुका – आज साउथ इंडियन ट्राई करते है ।

फिर मैने खाना ऑर्डर किया । व्हीलचेयर से बेड पर शिफ्ट होने के लिए आज रेनुका ने मेरी हेल्प की । वैसे तो मैने कसम खा रखी थी की कभी किसी की हेल्प नही लूंगा खुद को खुद के लायक बनाऊंगा । किसी से हेल्प लेना यानी खुद को कमजोर दिखाना जो मै ना तो हूं ना ही दिखना चाहता हूं पर आज लगा के ये लोगों का प्यार भी तो हो सकता है । जरूरी नही हर बार सहायता दया ही हो । बल्कि मै तो आज चाह रहा था की रेनुका मुझे संभाल ले आज मुझे पहली बार प्यार का एहसास हो रहा था । वो आजकल हवस वाला प्यार नही बस वो वाला प्यार जिसमे साथ रहने के वादे हो खान बिन छुए भी दो इंसान एक हो । लेकिन कहते है ना हर प्यार की शुरुआत एक तरफा प्यार से ही होती है । उसको दो तरफा करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है । लेकिन इसकी फिर भी कोई गारंटी नहीं की प्यार एक तरफा से दो तरफा हो जाए । मै रेनुका की फीलिंग्स की कदर तो करता था पर वो क्या फील करती है इसका कोई अंदाजा मुझे नही था । रेनुका ने मुझे बेड पर बैठने में हेल्प की ओर मेरे बगल में आके बैठ गई ।

रेनुका – विश्वास क्या बात है सुबह से देख रही हूं तुम खोए खोए लग रहे हो । कुछ हुआ है क्या ।


विश्वास – हुआ तो है पर समझ नही आ रहा है क्या हुआ है । इसे केसे एक्सप्लेन करू ।

रेनुका – कोशिश करो समझने की मुजपर भरोसा कर सकते हो ।
विश्वास – पता नही कल से ही जब पहली बार सेक्स किया तब से ही लग रहा है सेक्स गलत किया । मतलब सेक्स गलत नही था मजा भी बोहोत आया पर इसी का गिल्ट है की मजा क्यों आया । जिसके साथ किया वो गलत था । वहां वो होना चाहिए था जिससे मै प्यार करता हूं ।

रेनुका – इसमें कुछ गलत नही है ये नेचुरल है । जैसे खाना खा कर हमारी भूख मिटती वैसे ही सेक्स से जिस्म की भूख मिटती है । प्यार खाने के बाद मीठे के जैसा होता है । खाने से पेट भरता है तो मीठे से सुख मिलता है । वैसे ही जिसे प्यार मिलता है उसे सुख भी मिलता है । जरूरी नही मीठा हर बार नसीब हो लेकिन खाना शरीर को जरूरत है खास कर तुम्हारे लिए । रही बात प्यार की तो मेरे प्यारे देवर को प्यार हो गया किससे ।

विश्वास – तुमसे ।

कुछ देर तक रेनुका चुप रही ।

रेनुका – तुम मजाक कर रहे हो ना । मुझे केसे ।

विश्वास – मेरी आंखों में देखो तुम्हे लगता है मै मजाक करूंगा । मै नही जानता क्यों और कैसे । जैसा तुम्हारे साथ रह कर फील होता है वैसा मुझे कल सेक्स करते हुए भी फील नही हुआ है । तुम्हारे साथ रह कर लगता है बस टाइम ऐसे ही रुक जाए और हम बस बात करते रहे । तुम्हारे जख्म देख के मेरे दिल में जो दर्द हुआ था । मै बयान नही कर सकता हूं ।


रेनुका – मै समझ रही हूं तुम क्या बोल रहे हो एंड आई रिस्पेक्ट योर फीलिंग । लेकिन मुझे अभी रिलेशनशिप की नही दोस्त की जरूरत है । एक ऐसे इंसान की जरूरत है जो मुझे समझे मुझसे मेरे सुख दुख बाट सके । मै बस अभी दोस्त बन सकती हूं उससे ज्यादा कुछ नही ।

विश्वास – मै तुमसे साथ के अलावा कभी कुछ नही मांगूंगा मुझे बस तुम मेरे साथ चाहिए और कुछ नही ।

रेनुका – मै हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी पर तुम्हे भी एक वादा करना होगा तुम कभी भी गिल्ट में नही आओगे सेक्स के बाद किसी से भी सेक्स करो उसे अपना पूरा प्यार दो । तुम ही हो जो बेचारी औरतों की बेरंग जिंदगी पूरी हसीन कर सकते हो क्योंकि तुम किसी का कोई फायदा नही उठाओगे उन्हे रिस्पेक्ट दोगे ।

विश्वास – मै वादा करता हूं । जैसा तुम चाहती हो वैसा ही होगा ।

रेनुका – अच्छा चलो घर चलते है बात करते करते 11 बज गए है । वैसे जब तक यहां हो कैसे काम चलाओगे दीदी तो यहां है नही ।

विश्वास – आज तो हाथ से काम चला लूंगा । बाकी कल से देखता हूं ।

रेनुका – कुछ ना हो पाए तो बताना मै कुछ कर सकी तो जरूर करूंगी ।

फिर हम घर की ओर निकल गए 15 मिनट में हम घर पोहोच गए और हमारे घर पोहोचने 30 मिनिट बाद एक कार घर के बाहर आके रुकती है । कर से 4 लोग उतरते है । दो को तो मै देखते ही पहचान गया था । एक जीजा जी थे । तीसरी औरत पहचान में नही आ रही थी । सब अंदर आए ।


राधिका – कैसी हो मां । ताई जी अप कैसी हो ।

कामिनी – तू तो चली गई थी ना अपनी मां की बात मान कर अपने पति के साथ ये घर छोड़ कर तो तुझे क्या हम कैसे भी हो । अपने ताऊजी के मरने पर भी नही आई ऐसी क्या दुश्मनी हो गई दामाद जी और तेरे ताऊजी में ।

राधिका – वो इनका पर्सनल मैटर है मै बीच में कुछ नही बोल सकती । और मै अपनी मर्जी से अपने पति के साथ गई थी उन्होंने मुझे कभी फोर्स नही किया की मै अप लोगो से ये रिश्ता तोड़ दूं ।
मै हाल में बैठा सब सुन रहा था । मेरी नजर तो उस अनजान औरत पर थी ।

राधिका – मां ये मेरी बड़ी ननद है कुछ महीने पहले ही कोविड की वजह से इनके पति की मौत हो गई थी । तब से ये हमारे साथ ही रहती है । इनका नाम गायत्री है ।

चाची जी – आओ बेटा इसे अपना ही घर समझो ।

गायत्री – जी शुक्रिया आंटी जी ।

थोड़ी देर में मोहिनी दीदी और रेनुका ने सबको चाय नाश्ता दिया ।
राधिका – रेनुका भाई की ऐसी हालत केसे हुई तुम ध्यान नही रखती हो क्या भाई का ।

चाची जी – बेटा वो ध्यान नही रखती तो आज तुम्हारा भाई इस हालत में भी जेल में होता और तुम्हारी मां भी जेल में होती ।


राधिका – ऐसा क्या ही हो गया मां । मुझे दुख है ताऊ जी हमे छोड़ के चले गए वो होते तो ऐसा ना होता ।

चाची जी – वो मै तुम कमरे में बताऊंगी यहां सबके सामने नही । अच्छा तुम इसे तो पहचान ही गई होगी । ये है तुम्हारा छोटा भाई विश्वास । तुम्हारे ताऊ जी का बड़ा बेटा और अब इस घर और बिजनेस का करता धरता । तुम्हारे ताऊ जी सब इसके नाम कर गए है ।

राधिका – ताई जी केसे मान गई और वीर को कोई प्रोब्लम नही है ।


चाची जी – किसी के पास कोई ऑप्शन नही है ये तुम्हारे ताऊ जी का फैसला है । और हम सब के लिए यही अच्छा है । अब कम से कम इस घर में सांस तो अति ही ।

सब चाय नाश्ता खतम कर चुके थे तो ये डिसाइड हुआ की पहले राधिका , नमिता और जीजा जी विशाल से मिलेंगे फिर अपने अपने कमरों में आराम करेंगे । चाची जी ने गायत्री को उसका कमरा दिखाया । फिर सब विशाल के रूम में चले गए । चाची जी ने मुझे भी आने को कहा तो मै भी चल दिया ।

राधिका – मां अब तो बताओ भाई की इसी हालत केसे हो गई इतनी बुरी तरह से कोन मरता है ।

चाची जी मेरी ओर देखने लगी ।

नमिता – तुम ही बता दो मां जब से तुम्हे देख रही है ।

विश्वास – अपने भाई की करतूत सुनना चाहोगी या देखना ।

मोहन – साले साहब ऐसा क्या हो गया ।

विश्वास – सिर्फ चाची जी के कहने पर मै इस कमरे में आया हूं नही तो ऐसे इंसान का चेहरा तो देखना भी ना चाहूं ।


मोहन – ऐसा भी क्या कर दिया मेरे साले ने ।

विश्वास – आप तो राजपूत हो जीजा जी आपके यहां कोई औरत को जानवरों की तरह मारे या किसी औरत का रेप करने की कोशिश करे तो उसे क्या सजा मिलती है ।


मोहन – ऐसे इंसान को तो जीने का कोई हक नही ।

विश्वास – फिर भी आपका प्यारा साला जिंदा अब अप सोच सकते है ।

राधिका – ये क्या बकवास कर रहे हो मेरा भाई ऐसा नही कर सकता । वो तो रेनुका से बोहोत प्यार करता है । तुम्हे कोई गलत फहमी हुई है ।


नमिता – तुमने ही ये हालत करी है ना मेरे भाई की ।

विश्वास – मुझे ध्यान से देखो मुझे देख के लगता है मै ऐसा कुछ कर सकता हूं । वो तो जिस लड़की पर इसने हाथ डाला था उसके रिश्तेदारों ने ये किया है ।


राधिका – मुझे विश्वास नहीं हो रहा है ।

विश्वास – जीजा जी अप बाहर जाइए मुझे दीदी को और नमिता को कुछ दिखाना है । मै नही चाहता किसी भी लड़की या इस घर की इज्जत नीलम हो ।

जीजा जी चले जाते है । मैने नमिता और राधिका को दिव्या वाली वीडियो दिखाई और रेनुका की रिपोर्ट दिखाई । दोनो बहने शोक हो गई थी अपने भाई की करतूत देख के ।


राधिका – मां तुमने हमे पहले क्यों नही बताया । भाभी इतना कुछ सह रही थी ।

विश्वास – गलती चाची जी की नही इस घर के सभी लोगो की है जो एक औरत का जुल्म सहते रहे उसकी बात आंख बंद करके मानते रहे । कभी किसी ने आवाज नही उठाई उन्होंने ही आपके भाई के दिमाग में गंद भरा है । क्यों इस घर की औरते काम नही करती है । अप लोगो को अब किसी से डरने की जरूरत नही है । मै आगया हूं ना लेकिन अपने लिए लड़ना अप लोगो को खुद होगा ।

रेनुका – मां जी , राधिका नमिता आजाओ लंच करलो जीजा जी को भी बुला लो ।

विश्वास – भाभी मै थक गया हूं अप मेरा खाना मेरे कमरे में लगवा दीजिए ।

नमिता – आज हम पहली बार मिल रहे है हमारे साथ लंच नही करोगे ।

विश्वास – थोड़ी मेडिकल कंडीशन है 2 बजे मुझे एक खास काम है । दवाई लेनी होती है । उसके बाद ही मै खाना खाऊंगा ।

चाची जी – कोई बात नही बेटी रात का डिनर हम यहीं विश्वास के कमरे में करेंगे ।

फिर सब लंच करने चले गए । और मै अपने रूम में आ गया । गलती से रूम बंद करना भूल गया बस ढक दिया । मै जल्दी से अपने बेड पर शिफ्ट हुआ । और अपनी पेंट उतार कर अपना लिंग अपने हाथ में लिया और हिलाना शुरू किया । पहले कुछ देर तो मुझे ना मज़ा आया ना कुछ फील हो रहा था । हिलाते हुए मुझे 5 मिनिट हो गए थे । इतने में मेरे कानों में एक आवाज अति है ।


गायत्री – मै कुछ मदद करूं ।

पहले तो मेरी आवाज सुन के फट गई मुझे लगा आज तो गया मै । लेकिन अब जिंदा रहने की लड़ाई थी तो ये रिस्क भी मै ले सकता था । अब उसका हाथ मेरे लिंग पर था मैने ना हां कहा या ना ना कहा मै रिलेक्स होके लेट गया । और गायत्री की गरम मुट्ठी में मेरा लिंग था । अब लग रहा था की कुछ हलचल हो रही है । गायत्री को 5 मिनिट हो गए थे पर मेरा पानी नही निकला था । अब गायत्री ने एसा कुछ किया जो मै कभी सोच भी नही सकता था । मुझे अपने लिंग पर कुछ गीला महसूस हुआ तो गायत्री के मुंह में मेरा लिंग था मै हैरानी से गायत्री को देख रहा था । उसने अपने हाथ मेरी आंखों पर रख दिया और इशारा किया की आंखें बंद कर लू और मेरा एक हाथ अपने बूब्स पर रख दिया मै इशारा समझ मैने आराम आराम से वो बड़े और सॉफ्ट बूब्स मसलना शुरू कर दिए । उसके मुखमैथुन करने की वजह से मै फारिग होने के करीब आ रहा था । और थोड़ी देर में ही मेरा पानी निकल गया । और मैने उसका मुंह अपने लिंग पर दबा दिया ताकि वो सारा पानी पी जाए । फारिग होने के बाद मै गिल्ट में डूब गया ।


विश्वास – मुझे माफ करना ये मेरी मेडिकल कंडीशन है ।

गायत्री – कुछ मत बोलो प्लीज मै अभी कुछ नही सुन पाऊंगी गलती मेरी भी है । ये आपका खाना रखा है खा लीजिए ।

और वो चली गई । मै बोहोत थक गया था मैने खाना खाया । और सोच में डूब गया की ये जो हुआ है वो अच्छा हुआ है या गलत । कल से लेके आज तक मेरी जिंदगी कितनी बदल गाय है । लेकिन मुझे नही पता था कोई और भी था जिसने मुझे और गायत्री को देख लिया था और जब मै फारिग हुआ तो वो वापिस चली गई । उधर रसोई में राधिका ओर रेनुका ।

राधिका – भाभी ये किस प्रकार का लड़का है विश्वास । घर में खुले आम अपने रूम का दरवाजा खोल के वो गंदी हरकत कर रहा था । मै तो उसके रूम में पूछने जा रही थी की उसे कुछ चाहिए या नही इतना बड़ा और भयानक चीज वो अपने हाथों से हिला रहा था ।


रेनुका – राधिका वो बुरा इंसान नही है बस मजबूर है । तुम जानती हो तुम्हारे भाई से उसी ने मुझे बचाया । आज के टाइम में वही है जिसे मै अपना कह सकती हूं । उसकी एक मेडिकल कंडीशन है हर 8 घंटे में उसे सेक्स की जरूरत होती है ।

राधिका – बेवकूफ बना रहा है वो तुम्हे ऐसा भी होता है कही भला । ये सब बस उसकी एक चल है ।

रेनुका – ये सिर्फ बात उसने मुझे बताई होती तो मै भी नही मानती लेकिन मैने खुद डॉक्टर से सुना उसे इंडिया ए अभी 17 दिन ही हुए तो वो जुटी रिपोर्ट भी नही बनवा सकता । मैने खुद वो रिपोर्ट देखे अगर उसको रिलेक्स होने का मोका ना मिले तो उसको हार्ट अटैक हो सकता है या लिंग काटना पड़ सकता है । प्लीज उसे गलत नजर से ना देखे वो अच्छा लड़का है । मै उसे समझा दूंगी की दरवाजा बंद रखे ।

राधिका – नही भाभी मै अपने तरीके से हैंडल करना चाहती हूं । उसकी रिपोर्ट मै देख सकती हूं ।

रेनुका – उसकी कार में हो सकती है शायद । चाबी उसके रूम में ही होगी । अप ले सको तो लेलो ।

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सुबह 6 बजे अलार्म की आवाज से मेरी नींद खुली । आज रविवार का दिन था । सुबह सुबह मेरा लिंग खड़ा हो रखा था । मैने डिंपल को उठाया । उसकी पूरी बॉडी पैन कर रही थी ।

विश्वास – डिंपल उठो मुझे पैन होने लगा है ।

डिंपल – हा बोलो अभी तो सेक्स नही हो पाएगा मुझसे । मै हाथ से और मुंह से शांत कर देती हु तुमको ।

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फिर हमने 30 मिनिट तक 69 की पोजीशन में एक दूसरे को चूसते रहे । जब मै झड़ने वाला था तो डिंपल ने मेरा लिंग अपनी चूत में ले लिया और मेरा सारा वीर्य अपनी चूत में लेलिया । 6:30 हम फिर से सो गए 8 बजे मेरी नींद एक कॉल से खुलती है ये घर से चाची जी का कॉल था ।

चाची जी – बेटा आज नमिता और राधिका घर आ रही है अपने पति के साथ । अपने भाई के एक्सीडेंट का सुन कर दोनो राधिका ओर मोहन कुछ दिन के लिए रूकने आ रहे है । और नमिता अपनी एमबीए करने के बाद अपनी दीदी के घर ही रुक गई थी । वो भी आ थी रही है । मै चाहती हूं तुम दिन का लंच और डिनर यहीं करो । बाकी तुम्हारी मर्जी ।


विश्वास – चाची अप चाहती है आऊं तो मै आजाऊंगा । आप रेनुका भाभी को भी काल करदो वो भी अजाएंगी । मै भी निकल रहा हूं ।

फिर मैने डिंपल को उठाया और सारी बात बताई और मैने रेनुका को कॉल मिलाई और घर आने को बोला कुछ दिन के लिए । वो एक बार में मान गई । फिर मैने दिव्या को कॉल की उसका हल पूछा वो अब ठीक थी । फिर मैने कल होने वाली मीटिंग के बारे में बात की जो कल होने वाली थी सभी बिजनेस पार्टनर से । फिर मै घर की ओर निकलने लगा ।

डिंपल – अब मेरा क्या होगा तुम्हारे बगैर इतने दिन ।


विश्वास – तुम चिंता ना करो तुमसे ज्यादा मुझे तुम्हारी जरूरत है । आज का काम तो हाथ से चला लूंगा । बाकी देखता हूं तुम्हारे लिए टाइम निकालना ही पड़ेगा ।

फिर मै घर आ गया । रास्ते में मैने रेनुका को पिक किया जींस टॉप में क्या कहर लग रही थी वो उसके शरीर का एक एक कट एक एक कर्व दिख रहा था ऐसे लग रहा था जैसे तराशने वाले ने बोहोत ही फुरसत से तराशा हो । मै बस रेनुका को देखे जा रहा था । कल रात के बाद से मेरा नजरिया ही बदल गया था औरत के जिस्म को लेकर ऐसा लग रहा था के आखों में एक्सरे मशीन लग गई हो ।

रेनुका – क्या हुआ विश्वास चलो अब या योंही देखते रहोगे मुझे बोहोत जोरो की बुक लगी है । दीदी ने भी बताया तुम कुछ खा कर नही निकले हो । चलो चल कर कहीं कुछ खा लेते है ।

उनकी आवाज से मेरी चेतना वापिस आई । मैने अपने होटल में एक रूम बुक की ओर चल दिया अपने होटल की ओर । थोड़ी देर बाद हम होटल पोहौचे हमारा गुलदस्ते से स्वागत हुआ । हमने अपने रूम की चाबी ली और रूम में चले गए ।

विश्वास – क्या ऑर्डर करूं क्या खाओगी ।


रेनुका – आज साउथ इंडियन ट्राई करते है ।

फिर मैने खाना ऑर्डर किया । व्हीलचेयर से बेड पर शिफ्ट होने के लिए आज रेनुका ने मेरी हेल्प की । वैसे तो मैने कसम खा रखी थी की कभी किसी की हेल्प नही लूंगा खुद को खुद के लायक बनाऊंगा । किसी से हेल्प लेना यानी खुद को कमजोर दिखाना जो मै ना तो हूं ना ही दिखना चाहता हूं पर आज लगा के ये लोगों का प्यार भी तो हो सकता है । जरूरी नही हर बार सहायता दया ही हो । बल्कि मै तो आज चाह रहा था की रेनुका मुझे संभाल ले आज मुझे पहली बार प्यार का एहसास हो रहा था । वो आजकल हवस वाला प्यार नही बस वो वाला प्यार जिसमे साथ रहने के वादे हो खान बिन छुए भी दो इंसान एक हो । लेकिन कहते है ना हर प्यार की शुरुआत एक तरफा प्यार से ही होती है । उसको दो तरफा करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है । लेकिन इसकी फिर भी कोई गारंटी नहीं की प्यार एक तरफा से दो तरफा हो जाए । मै रेनुका की फीलिंग्स की कदर तो करता था पर वो क्या फील करती है इसका कोई अंदाजा मुझे नही था । रेनुका ने मुझे बेड पर बैठने में हेल्प की ओर मेरे बगल में आके बैठ गई ।

रेनुका – विश्वास क्या बात है सुबह से देख रही हूं तुम खोए खोए लग रहे हो । कुछ हुआ है क्या ।


विश्वास – हुआ तो है पर समझ नही आ रहा है क्या हुआ है । इसे केसे एक्सप्लेन करू ।

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विश्वास – पता नही कल से ही जब पहली बार सेक्स किया तब से ही लग रहा है सेक्स गलत किया । मतलब सेक्स गलत नही था मजा भी बोहोत आया पर इसी का गिल्ट है की मजा क्यों आया । जिसके साथ किया वो गलत था । वहां वो होना चाहिए था जिससे मै प्यार करता हूं ।

रेनुका – इसमें कुछ गलत नही है ये नेचुरल है । जैसे खाना खा कर हमारी भूख मिटती वैसे ही सेक्स से जिस्म की भूख मिटती है । प्यार खाने के बाद मीठे के जैसा होता है । खाने से पेट भरता है तो मीठे से सुख मिलता है । वैसे ही जिसे प्यार मिलता है उसे सुख भी मिलता है । जरूरी नही मीठा हर बार नसीब हो लेकिन खाना शरीर को जरूरत है खास कर तुम्हारे लिए । रही बात प्यार की तो मेरे प्यारे देवर को प्यार हो गया किससे ।

विश्वास – तुमसे ।

कुछ देर तक रेनुका चुप रही ।

रेनुका – तुम मजाक कर रहे हो ना । मुझे केसे ।

विश्वास – मेरी आंखों में देखो तुम्हे लगता है मै मजाक करूंगा । मै नही जानता क्यों और कैसे । जैसा तुम्हारे साथ रह कर फील होता है वैसा मुझे कल सेक्स करते हुए भी फील नही हुआ है । तुम्हारे साथ रह कर लगता है बस टाइम ऐसे ही रुक जाए और हम बस बात करते रहे । तुम्हारे जख्म देख के मेरे दिल में जो दर्द हुआ था । मै बयान नही कर सकता हूं ।


रेनुका – मै समझ रही हूं तुम क्या बोल रहे हो एंड आई रिस्पेक्ट योर फीलिंग । लेकिन मुझे अभी रिलेशनशिप की नही दोस्त की जरूरत है । एक ऐसे इंसान की जरूरत है जो मुझे समझे मुझसे मेरे सुख दुख बाट सके । मै बस अभी दोस्त बन सकती हूं उससे ज्यादा कुछ नही ।

विश्वास – मै तुमसे साथ के अलावा कभी कुछ नही मांगूंगा मुझे बस तुम मेरे साथ चाहिए और कुछ नही ।

रेनुका – मै हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी पर तुम्हे भी एक वादा करना होगा तुम कभी भी गिल्ट में नही आओगे सेक्स के बाद किसी से भी सेक्स करो उसे अपना पूरा प्यार दो । तुम ही हो जो बेचारी औरतों की बेरंग जिंदगी पूरी हसीन कर सकते हो क्योंकि तुम किसी का कोई फायदा नही उठाओगे उन्हे रिस्पेक्ट दोगे ।

विश्वास – मै वादा करता हूं । जैसा तुम चाहती हो वैसा ही होगा ।

रेनुका – अच्छा चलो घर चलते है बात करते करते 11 बज गए है । वैसे जब तक यहां हो कैसे काम चलाओगे दीदी तो यहां है नही ।

विश्वास – आज तो हाथ से काम चला लूंगा । बाकी कल से देखता हूं ।

रेनुका – कुछ ना हो पाए तो बताना मै कुछ कर सकी तो जरूर करूंगी ।

फिर हम घर की ओर निकल गए 15 मिनट में हम घर पोहोच गए और हमारे घर पोहोचने 30 मिनिट बाद एक कार घर के बाहर आके रुकती है । कर से 4 लोग उतरते है । दो को तो मै देखते ही पहचान गया था । एक जीजा जी थे । तीसरी औरत पहचान में नही आ रही थी । सब अंदर आए ।


राधिका – कैसी हो मां । ताई जी अप कैसी हो ।

कामिनी – तू तो चली गई थी ना अपनी मां की बात मान कर अपने पति के साथ ये घर छोड़ कर तो तुझे क्या हम कैसे भी हो । अपने ताऊजी के मरने पर भी नही आई ऐसी क्या दुश्मनी हो गई दामाद जी और तेरे ताऊजी में ।

राधिका – वो इनका पर्सनल मैटर है मै बीच में कुछ नही बोल सकती । और मै अपनी मर्जी से अपने पति के साथ गई थी उन्होंने मुझे कभी फोर्स नही किया की मै अप लोगो से ये रिश्ता तोड़ दूं ।
मै हाल में बैठा सब सुन रहा था । मेरी नजर तो उस अनजान औरत पर थी ।

राधिका – मां ये मेरी बड़ी ननद है कुछ महीने पहले ही कोविड की वजह से इनके पति की मौत हो गई थी । तब से ये हमारे साथ ही रहती है । इनका नाम गायत्री है ।

चाची जी – आओ बेटा इसे अपना ही घर समझो ।

गायत्री – जी शुक्रिया आंटी जी ।

थोड़ी देर में मोहिनी दीदी और रेनुका ने सबको चाय नाश्ता दिया ।
राधिका – रेनुका भाई की ऐसी हालत केसे हुई तुम ध्यान नही रखती हो क्या भाई का ।

चाची जी – बेटा वो ध्यान नही रखती तो आज तुम्हारा भाई इस हालत में भी जेल में होता और तुम्हारी मां भी जेल में होती ।


राधिका – ऐसा क्या ही हो गया मां । मुझे दुख है ताऊ जी हमे छोड़ के चले गए वो होते तो ऐसा ना होता ।

चाची जी – वो मै तुम कमरे में बताऊंगी यहां सबके सामने नही । अच्छा तुम इसे तो पहचान ही गई होगी । ये है तुम्हारा छोटा भाई विश्वास । तुम्हारे ताऊ जी का बड़ा बेटा और अब इस घर और बिजनेस का करता धरता । तुम्हारे ताऊ जी सब इसके नाम कर गए है ।

राधिका – ताई जी केसे मान गई और वीर को कोई प्रोब्लम नही है ।


चाची जी – किसी के पास कोई ऑप्शन नही है ये तुम्हारे ताऊ जी का फैसला है । और हम सब के लिए यही अच्छा है । अब कम से कम इस घर में सांस तो अति ही ।

सब चाय नाश्ता खतम कर चुके थे तो ये डिसाइड हुआ की पहले राधिका , नमिता और जीजा जी विशाल से मिलेंगे फिर अपने अपने कमरों में आराम करेंगे । चाची जी ने गायत्री को उसका कमरा दिखाया । फिर सब विशाल के रूम में चले गए । चाची जी ने मुझे भी आने को कहा तो मै भी चल दिया ।

राधिका – मां अब तो बताओ भाई की इसी हालत केसे हो गई इतनी बुरी तरह से कोन मरता है ।

चाची जी मेरी ओर देखने लगी ।

नमिता – तुम ही बता दो मां जब से तुम्हे देख रही है ।

विश्वास – अपने भाई की करतूत सुनना चाहोगी या देखना ।

मोहन – साले साहब ऐसा क्या हो गया ।

विश्वास – सिर्फ चाची जी के कहने पर मै इस कमरे में आया हूं नही तो ऐसे इंसान का चेहरा तो देखना भी ना चाहूं ।


मोहन – ऐसा भी क्या कर दिया मेरे साले ने ।

विश्वास – आप तो राजपूत हो जीजा जी आपके यहां कोई औरत को जानवरों की तरह मारे या किसी औरत का रेप करने की कोशिश करे तो उसे क्या सजा मिलती है ।


मोहन – ऐसे इंसान को तो जीने का कोई हक नही ।

विश्वास – फिर भी आपका प्यारा साला जिंदा अब अप सोच सकते है ।

राधिका – ये क्या बकवास कर रहे हो मेरा भाई ऐसा नही कर सकता । वो तो रेनुका से बोहोत प्यार करता है । तुम्हे कोई गलत फहमी हुई है ।


नमिता – तुमने ही ये हालत करी है ना मेरे भाई की ।

विश्वास – मुझे ध्यान से देखो मुझे देख के लगता है मै ऐसा कुछ कर सकता हूं । वो तो जिस लड़की पर इसने हाथ डाला था उसके रिश्तेदारों ने ये किया है ।


राधिका – मुझे विश्वास नहीं हो रहा है ।

विश्वास – जीजा जी अप बाहर जाइए मुझे दीदी को और नमिता को कुछ दिखाना है । मै नही चाहता किसी भी लड़की या इस घर की इज्जत नीलम हो ।

जीजा जी चले जाते है । मैने नमिता और राधिका को दिव्या वाली वीडियो दिखाई और रेनुका की रिपोर्ट दिखाई । दोनो बहने शोक हो गई थी अपने भाई की करतूत देख के ।


राधिका – मां तुमने हमे पहले क्यों नही बताया । भाभी इतना कुछ सह रही थी ।

विश्वास – गलती चाची जी की नही इस घर के सभी लोगो की है जो एक औरत का जुल्म सहते रहे उसकी बात आंख बंद करके मानते रहे । कभी किसी ने आवाज नही उठाई उन्होंने ही आपके भाई के दिमाग में गंद भरा है । क्यों इस घर की औरते काम नही करती है । अप लोगो को अब किसी से डरने की जरूरत नही है । मै आगया हूं ना लेकिन अपने लिए लड़ना अप लोगो को खुद होगा ।

रेनुका – मां जी , राधिका नमिता आजाओ लंच करलो जीजा जी को भी बुला लो ।

विश्वास – भाभी मै थक गया हूं अप मेरा खाना मेरे कमरे में लगवा दीजिए ।

नमिता – आज हम पहली बार मिल रहे है हमारे साथ लंच नही करोगे ।

विश्वास – थोड़ी मेडिकल कंडीशन है 2 बजे मुझे एक खास काम है । दवाई लेनी होती है । उसके बाद ही मै खाना खाऊंगा ।

चाची जी – कोई बात नही बेटी रात का डिनर हम यहीं विश्वास के कमरे में करेंगे ।

फिर सब लंच करने चले गए । और मै अपने रूम में आ गया । गलती से रूम बंद करना भूल गया बस ढक दिया । मै जल्दी से अपने बेड पर शिफ्ट हुआ । और अपनी पेंट उतार कर अपना लिंग अपने हाथ में लिया और हिलाना शुरू किया । पहले कुछ देर तो मुझे ना मज़ा आया ना कुछ फील हो रहा था । हिलाते हुए मुझे 5 मिनिट हो गए थे । इतने में मेरे कानों में एक आवाज अति है ।


गायत्री – मै कुछ मदद करूं ।

पहले तो मेरी आवाज सुन के फट गई मुझे लगा आज तो गया मै । लेकिन अब जिंदा रहने की लड़ाई थी तो ये रिस्क भी मै ले सकता था । अब उसका हाथ मेरे लिंग पर था मैने ना हां कहा या ना ना कहा मै रिलेक्स होके लेट गया । और गायत्री की गरम मुट्ठी में मेरा लिंग था । अब लग रहा था की कुछ हलचल हो रही है । गायत्री को 5 मिनिट हो गए थे पर मेरा पानी नही निकला था । अब गायत्री ने एसा कुछ किया जो मै कभी सोच भी नही सकता था । मुझे अपने लिंग पर कुछ गीला महसूस हुआ तो गायत्री के मुंह में मेरा लिंग था मै हैरानी से गायत्री को देख रहा था । उसने अपने हाथ मेरी आंखों पर रख दिया और इशारा किया की आंखें बंद कर लू और मेरा एक हाथ अपने बूब्स पर रख दिया मै इशारा समझ मैने आराम आराम से वो बड़े और सॉफ्ट बूब्स मसलना शुरू कर दिए । उसके मुखमैथुन करने की वजह से मै फारिग होने के करीब आ रहा था । और थोड़ी देर में ही मेरा पानी निकल गया । और मैने उसका मुंह अपने लिंग पर दबा दिया ताकि वो सारा पानी पी जाए । फारिग होने के बाद मै गिल्ट में डूब गया ।


विश्वास – मुझे माफ करना ये मेरी मेडिकल कंडीशन है ।

गायत्री – कुछ मत बोलो प्लीज मै अभी कुछ नही सुन पाऊंगी गलती मेरी भी है । ये आपका खाना रखा है खा लीजिए ।

और वो चली गई । मै बोहोत थक गया था मैने खाना खाया । और सोच में डूब गया की ये जो हुआ है वो अच्छा हुआ है या गलत । कल से लेके आज तक मेरी जिंदगी कितनी बदल गाय है । लेकिन मुझे नही पता था कोई और भी था जिसने मुझे और गायत्री को देख लिया था और जब मै फारिग हुआ तो वो वापिस चली गई । उधर रसोई में राधिका ओर रेनुका ।

राधिका – भाभी ये किस प्रकार का लड़का है विश्वास । घर में खुले आम अपने रूम का दरवाजा खोल के वो गंदी हरकत कर रहा था । मै तो उसके रूम में पूछने जा रही थी की उसे कुछ चाहिए या नही इतना बड़ा और भयानक चीज वो अपने हाथों से हिला रहा था ।


रेनुका – राधिका वो बुरा इंसान नही है बस मजबूर है । तुम जानती हो तुम्हारे भाई से उसी ने मुझे बचाया । आज के टाइम में वही है जिसे मै अपना कह सकती हूं । उसकी एक मेडिकल कंडीशन है हर 8 घंटे में उसे सेक्स की जरूरत होती है ।

राधिका – बेवकूफ बना रहा है वो तुम्हे ऐसा भी होता है कही भला । ये सब बस उसकी एक चल है ।

रेनुका – ये सिर्फ बात उसने मुझे बताई होती तो मै भी नही मानती लेकिन मैने खुद डॉक्टर से सुना उसे इंडिया ए अभी 17 दिन ही हुए तो वो जुटी रिपोर्ट भी नही बनवा सकता । मैने खुद वो रिपोर्ट देखे अगर उसको रिलेक्स होने का मोका ना मिले तो उसको हार्ट अटैक हो सकता है या लिंग काटना पड़ सकता है । प्लीज उसे गलत नजर से ना देखे वो अच्छा लड़का है । मै उसे समझा दूंगी की दरवाजा बंद रखे ।

राधिका – नही भाभी मै अपने तरीके से हैंडल करना चाहती हूं । उसकी रिपोर्ट मै देख सकती हूं ।

रेनुका – उसकी कार में हो सकती है शायद । चाबी उसके रूम में ही होगी । अप ले सको तो लेलो ।

उधर मै सोचता सोचता सो गया था । राधिका मेरे रूम में आई और साइड टेबल से मेरी कार की चाबी ली और चल दी मेरी कार की ओर ।

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