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दोनो ने साथ में नाश्ता किया...और फिर कुछ देर बात करने लगे....बिशल यानी रूपाली के हज़्बेंड का रवैया शादी के बाद पहले जैसा हो गया था अब वो माँ के साथ साथ बीवी को भी गाली गलोच करने लगा था और घर में आए दिन कलेश करता रहता था...अब तो घर चलना मुस्किल सा हो गया है रूपाली नौकरी करती है तो कुछ पैसे वोई घर में लगाती है बाकी मौसा जी जुआ की दुकान से थोड़ा बहुत जो मिलता है उससे घर का खर्चा निकाल देते है अपना और अपनी बीवी का....फिर मौसी उसकी बीमारी को लेके बातचीत करने लगी
मौसी : ह्म तो तुझे मर्दाना कमज़ोरी सी लगती है तू भी ना खामोखाः अपनी ज़िद्द के आगे ऐसी गंदी दवाइयाँ यूज़ कर बैठा अब भुगत
आदम : जो हो गया सो हो गया मौसी अब तो आपके पास हूँ अब आप ही मेरे बीमारी का कोई घरेलू इलाज बता सकती है जिससे कोई प्राब्लम भी ना हो
मौसी : सुधिया काकी को आने दे उसके पति डेढ़ मास हो गया इंतेक़ाल को ओझा था उसके पास हर बीमारी का नुस्ख़ा और खासकरके मर्दो की बीमारी का उसी ने तो टोटके दिलाए वरना तेरे मौसा तो मुझे जुए में बेच ही खाते भागने तक की नौबत आ गयी थी जुए की ऐसी बुरी लत लगी उन्हें उपर से उनका वो काला सा गुंडा दोस्त उसने तो उस रात तो मेरी इज़्ज़त लूट ही ली थी ये तो भला हो कि उस रात घर जल्दी सुधिया काकी आ गयी थी वरना वो कमीना तो तेरी मौसी की इज़्ज़त लूट ही लेता
आदम : माइ गॉड इतना कुछ हो गया और आपने मुझे बताया तक नही
मौसी : बेटा तू आता ही कब है? जो मालूम चलेगा परिवार वाले तो मुझे लालची ख़ुदगार कमीनी ना जाने क्या क्या कहते है? मुझे उनकी परवाह नही पर अब आया है तो मुझसे दूर ना होना कही तू भी ना भूल जाना मुझे
आदम : ऐसा बिल्कुल नही होगा मौसी यक़ीनन सुधिया काकी तो बहुत कुछ जानती है जिसके टोटके इतने कारगर हो सकते है उसके पास तो मेरी बीमारी का भी इलाज होगा
मौसी : वो शाम को आ सकती है खैर तू तब तक मुँह हाथ धोके आराम कर आजा सबसे मिलके खाना वाना ख़ाके कल सुबह ही जाना
आदम : अर्रे पहले से छुट्टी कर रखी है धंधे में प्राब्लम हो जाएगा
मौसी : छुपकर अब आया है तो रहना पड़ेगा वरना तुझे खूब मारूँगी
आदम : हाहाहा चलो ठीक है अर्रे क्या हुआ (इतना में मौसी की कमर में जैसे लचक आ गयी वो कमर पकड़े दाँतों पे दाँत रखके बैठ गयी)
मौसी : हाए अल्लाह इस्शह लगता है कल का दर्द फिर बढ़ रहा है
आदम : क्या हुआ था मौसी?
मौसी : कल पैर फिसल गया गुसलखाने की सीडियो पे गिर पड़ी बच गयी वरना कमर की हड्डी टूट जाती और सर बाल्टी पे लग्के फॅट जाता किसी तरह बॅलेन्स बना लिया था..लेकिन हाए रे ये मोच का दर्द
आदम : एक काम करो मैं मालिश कर देता हूँ मुझे मालिश आती है
मौसी : नही नही तू क्यूँ तक़लीफ़ कर रहा है आने दे ना सुधिया काकी को
आदम : मौसी मुझसे हुज़्ज़त मत करो प्ल्ज़्ज़ आपको दर्द हो रहा है लाओ मैं मालिश कर दूं मुझे आती है
आदम की ज़िद्द के आगे मौसी ने हार मान ली...एक तो घर पे कोई नही उपर से दिल में हिम्मत सी पैदा हो गयी...मौसी की झिझक का मतलब आदम को समझ आया..उन्होने नाइटी के अंदर ब्रा या पैंटी कुछ भी नही पहना था...क्यूंकी रात को नशे में धुत्त जब मौसा घर लौटते थे तो उन्हें अपनी बीवी की चुदाई करने में मुस्किल नही चाहिए होती थी...इसलिए ताहिरा खुद ही अंदर कुछ नही पहनती थी और उपर से नाइटी डाल लेती थी...लेकिन कुछ दिनो से मौसा को नयी बीमारी डाइयबिटीस ने आ घैरा था जिससे उनका शुगर लेवेल बढ़ गया और वो एक ही चुदाई करने के बाद ठीक ढंग से मौसी को संतुष्ट भी ना कर पाते और कभी कभी तो बीच में ही कराह भरके कमज़ोरी से सो जाते...बेचारी ताहिरा अपनी उंगलियो से ही अपनी चूत की आग शांत कर लेती....एक शादी शुदा और एक जवान लड़के की माँ थी पर जिन्सी हसरत गयी नही थी जिस्म से
दो बच्चों के बाद ऑपरेशन करा लिया था....खैर आदम ने नारियल का तेल लिया और बिस्तर पे शीतलपाटी बिछा दी...उस पर मौसी लेट गयी..."बेटा तू रहने मैने अंदर कुछ पहना नही है खामोखा तुझे दिक्कत होगी".....मौसी ने आखरी प्रयास किया पर आदम ने बिना कुछ सोचे उन्हें पेट के बल लिटाया और उनकी पीठ की मालिश करने लगा
पीठ को नाइटी के उपर से ही मालिश करने से ताहिरा शांत सी हो गयी आँखे मूंद ली उसने...उसके खुले गले होने से नाइटी के कपड़े के भीतर दोनो हाथ तेल से सने ले जाते हुए नंगी पीठ को मलना शुरू किया वो खड़ा था...और लगभग घुटने मोड बिस्तर पे जैसे खड़ा था..उसका लिंग मारे उत्तेजना में तोप की तरह खड़ा हो गया...उसने बड़े ही धीरे धीरे और बड़ी मजबूती से पीठ दबानी शुरू की
ताहिरा : अहः उम्म्म अच्छे से कर हां अच्छा कर रहा है
आदम : तुम्हारा दर्द छू मंतर हो जाएगा मौसी
ताहिरा : तू ये सब कहाँ से सीखा?
आदम : एक लौंडा है थाइलॅंड का नेट पे दोस्ती है उसी से और पता है उसकी गर्लफ्रेंड क्या है? पोर्न्स्टार
ताहिरा : पोर्न्स्टार?
आदम : ह्म जो अश्लील फ़िल्मो में करवाती है
ताहिरा : छी छी ऐसी से मुहब्बत
आदम : मुहब्बत ना जात देखती है ना धरम ना रिश्ते देखती है ना उमर
ताहिरा : उम्म्म्म
आदम : उफ्फ आपके बीच के हिस्से में नस चढ़ि हुई है रुकिये इसे ठीक कर देता हूँ (आदम ने चोट को पकड़ लिया..उसने मौसी की वहाँ जो कि कूल्हें के लगभग करीब ही थी वहाँ मालिश करने के लिए अपना हाथ नाइटी के नीचे की तरफ से अचानक से डाल दिया पर उसी वक़्त उसे ज़ोर का झटका लगा दिल मुँह को आ गया और लिंग रह रहके तड़पने लगा बुरी तरह अकड़ गया पॅंट में)
मौसी ने पैंटी पहनी नही थी...और उनके नितंब के उपर से आदम अपना हाथ लोवर बॅक तक ले आया था..मौसी एक पल के लिए हड़बड़ाई...पर उसने ज़्यादा विरोध नही किया वो एकदम सख़्त हो गयी थी...आदम ने बिना कुछ सोचे समझे पीठ की मालिश शुरू कर दी धीरे धीरे दबाते हुए उसने धीरे धीरे नाइटी को उपर उठाना शुरू कर दिया...
उसने पहले झट से जाके कमरे का दरवाजा लगा लिया ना परवाह कि कोई आ भी सकता है? और दोनो को बंद कमरे में देखके बातें भी बन सकती है....आदम ने नाइटी को पूरा उठा दिया अब मौसी पीछे से पूरी नंगी थी उनके काले नितंब उठे हुए थे उनके पेट से लेके कमर चर्बिदार थी उसकी तोंद को मुट्ठी में लेके आदम ने दो तीन बार दबाया और पूरी पीठ को नितंबो तक मालिश करना शुरू किया
मौसी : ह्म तो तुझे मर्दाना कमज़ोरी सी लगती है तू भी ना खामोखाः अपनी ज़िद्द के आगे ऐसी गंदी दवाइयाँ यूज़ कर बैठा अब भुगत
आदम : जो हो गया सो हो गया मौसी अब तो आपके पास हूँ अब आप ही मेरे बीमारी का कोई घरेलू इलाज बता सकती है जिससे कोई प्राब्लम भी ना हो
मौसी : सुधिया काकी को आने दे उसके पति डेढ़ मास हो गया इंतेक़ाल को ओझा था उसके पास हर बीमारी का नुस्ख़ा और खासकरके मर्दो की बीमारी का उसी ने तो टोटके दिलाए वरना तेरे मौसा तो मुझे जुए में बेच ही खाते भागने तक की नौबत आ गयी थी जुए की ऐसी बुरी लत लगी उन्हें उपर से उनका वो काला सा गुंडा दोस्त उसने तो उस रात तो मेरी इज़्ज़त लूट ही ली थी ये तो भला हो कि उस रात घर जल्दी सुधिया काकी आ गयी थी वरना वो कमीना तो तेरी मौसी की इज़्ज़त लूट ही लेता
आदम : माइ गॉड इतना कुछ हो गया और आपने मुझे बताया तक नही
मौसी : बेटा तू आता ही कब है? जो मालूम चलेगा परिवार वाले तो मुझे लालची ख़ुदगार कमीनी ना जाने क्या क्या कहते है? मुझे उनकी परवाह नही पर अब आया है तो मुझसे दूर ना होना कही तू भी ना भूल जाना मुझे
आदम : ऐसा बिल्कुल नही होगा मौसी यक़ीनन सुधिया काकी तो बहुत कुछ जानती है जिसके टोटके इतने कारगर हो सकते है उसके पास तो मेरी बीमारी का भी इलाज होगा
मौसी : वो शाम को आ सकती है खैर तू तब तक मुँह हाथ धोके आराम कर आजा सबसे मिलके खाना वाना ख़ाके कल सुबह ही जाना
आदम : अर्रे पहले से छुट्टी कर रखी है धंधे में प्राब्लम हो जाएगा
मौसी : छुपकर अब आया है तो रहना पड़ेगा वरना तुझे खूब मारूँगी
आदम : हाहाहा चलो ठीक है अर्रे क्या हुआ (इतना में मौसी की कमर में जैसे लचक आ गयी वो कमर पकड़े दाँतों पे दाँत रखके बैठ गयी)
मौसी : हाए अल्लाह इस्शह लगता है कल का दर्द फिर बढ़ रहा है
आदम : क्या हुआ था मौसी?
मौसी : कल पैर फिसल गया गुसलखाने की सीडियो पे गिर पड़ी बच गयी वरना कमर की हड्डी टूट जाती और सर बाल्टी पे लग्के फॅट जाता किसी तरह बॅलेन्स बना लिया था..लेकिन हाए रे ये मोच का दर्द
आदम : एक काम करो मैं मालिश कर देता हूँ मुझे मालिश आती है
मौसी : नही नही तू क्यूँ तक़लीफ़ कर रहा है आने दे ना सुधिया काकी को
आदम : मौसी मुझसे हुज़्ज़त मत करो प्ल्ज़्ज़ आपको दर्द हो रहा है लाओ मैं मालिश कर दूं मुझे आती है
आदम की ज़िद्द के आगे मौसी ने हार मान ली...एक तो घर पे कोई नही उपर से दिल में हिम्मत सी पैदा हो गयी...मौसी की झिझक का मतलब आदम को समझ आया..उन्होने नाइटी के अंदर ब्रा या पैंटी कुछ भी नही पहना था...क्यूंकी रात को नशे में धुत्त जब मौसा घर लौटते थे तो उन्हें अपनी बीवी की चुदाई करने में मुस्किल नही चाहिए होती थी...इसलिए ताहिरा खुद ही अंदर कुछ नही पहनती थी और उपर से नाइटी डाल लेती थी...लेकिन कुछ दिनो से मौसा को नयी बीमारी डाइयबिटीस ने आ घैरा था जिससे उनका शुगर लेवेल बढ़ गया और वो एक ही चुदाई करने के बाद ठीक ढंग से मौसी को संतुष्ट भी ना कर पाते और कभी कभी तो बीच में ही कराह भरके कमज़ोरी से सो जाते...बेचारी ताहिरा अपनी उंगलियो से ही अपनी चूत की आग शांत कर लेती....एक शादी शुदा और एक जवान लड़के की माँ थी पर जिन्सी हसरत गयी नही थी जिस्म से
दो बच्चों के बाद ऑपरेशन करा लिया था....खैर आदम ने नारियल का तेल लिया और बिस्तर पे शीतलपाटी बिछा दी...उस पर मौसी लेट गयी..."बेटा तू रहने मैने अंदर कुछ पहना नही है खामोखा तुझे दिक्कत होगी".....मौसी ने आखरी प्रयास किया पर आदम ने बिना कुछ सोचे उन्हें पेट के बल लिटाया और उनकी पीठ की मालिश करने लगा
पीठ को नाइटी के उपर से ही मालिश करने से ताहिरा शांत सी हो गयी आँखे मूंद ली उसने...उसके खुले गले होने से नाइटी के कपड़े के भीतर दोनो हाथ तेल से सने ले जाते हुए नंगी पीठ को मलना शुरू किया वो खड़ा था...और लगभग घुटने मोड बिस्तर पे जैसे खड़ा था..उसका लिंग मारे उत्तेजना में तोप की तरह खड़ा हो गया...उसने बड़े ही धीरे धीरे और बड़ी मजबूती से पीठ दबानी शुरू की
ताहिरा : अहः उम्म्म अच्छे से कर हां अच्छा कर रहा है
आदम : तुम्हारा दर्द छू मंतर हो जाएगा मौसी
ताहिरा : तू ये सब कहाँ से सीखा?
आदम : एक लौंडा है थाइलॅंड का नेट पे दोस्ती है उसी से और पता है उसकी गर्लफ्रेंड क्या है? पोर्न्स्टार
ताहिरा : पोर्न्स्टार?
आदम : ह्म जो अश्लील फ़िल्मो में करवाती है
ताहिरा : छी छी ऐसी से मुहब्बत
आदम : मुहब्बत ना जात देखती है ना धरम ना रिश्ते देखती है ना उमर
ताहिरा : उम्म्म्म
आदम : उफ्फ आपके बीच के हिस्से में नस चढ़ि हुई है रुकिये इसे ठीक कर देता हूँ (आदम ने चोट को पकड़ लिया..उसने मौसी की वहाँ जो कि कूल्हें के लगभग करीब ही थी वहाँ मालिश करने के लिए अपना हाथ नाइटी के नीचे की तरफ से अचानक से डाल दिया पर उसी वक़्त उसे ज़ोर का झटका लगा दिल मुँह को आ गया और लिंग रह रहके तड़पने लगा बुरी तरह अकड़ गया पॅंट में)
मौसी ने पैंटी पहनी नही थी...और उनके नितंब के उपर से आदम अपना हाथ लोवर बॅक तक ले आया था..मौसी एक पल के लिए हड़बड़ाई...पर उसने ज़्यादा विरोध नही किया वो एकदम सख़्त हो गयी थी...आदम ने बिना कुछ सोचे समझे पीठ की मालिश शुरू कर दी धीरे धीरे दबाते हुए उसने धीरे धीरे नाइटी को उपर उठाना शुरू कर दिया...
उसने पहले झट से जाके कमरे का दरवाजा लगा लिया ना परवाह कि कोई आ भी सकता है? और दोनो को बंद कमरे में देखके बातें भी बन सकती है....आदम ने नाइटी को पूरा उठा दिया अब मौसी पीछे से पूरी नंगी थी उनके काले नितंब उठे हुए थे उनके पेट से लेके कमर चर्बिदार थी उसकी तोंद को मुट्ठी में लेके आदम ने दो तीन बार दबाया और पूरी पीठ को नितंबो तक मालिश करना शुरू किया