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पापा प्लीज……..
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kayaa likhaa he bro... shandaarUPDATE-2
तभी कालिया "जल्दी लो उसके पास…." कहते हुए लगभग चीख पड़ा…और पलक झपकते ही कालिया की गाड़ी सड़क के बीचोंबीच पहुँच चुकी एस.पी. के बेटी की बगल में जा कर रूकी…
एस.पी.की बेटी डर से लगभग चीखती हुई रूकी और जबतक कुछ समझती, कालिया उसकी बांह पकड़ अंदर खींच लिया और फिर उससे भी दुगुनी गति से गाड़ी चल पड़ी…
पीछे कांस्टेबल और ड्राइवर कुछ समझ के चिल्लाता, तब तक कालिया दूर जा चुका था…जवान ऐन मौके पर नदारद हो गया था जो कम से कम फायरिंग भी करके रोकने की कोशिश करता… ये खबर जैसे ही एस.पी. को लगी, वो तो सर पकड़ कर बैठ गया कि ये क्या मुसीबत आ गई मेरी बेटी के साथ…पर ये सोचने का नहीं, कुछ करने का वक्त था…
उसने अपने दिल को संभाला और फौरन एक्शन में आ गया…आधे घंटे में शहर क्या; पूरे डिस्ट्रिक के बॉर्डर को सील कर दिया…और पूरे जिले के पुलिस को कुत्ते के माफिक दौड़ा दिया….
पर असली कुत्ता और इस बनावटी कुत्ते में कुछ तो फर्क होता है… गाड़ी में ही कालिया ने उसके मुंह पर टेप चिपका के हाथ बाँध दिया और उसे हल्की नशे की दवा सूंघा दिया, जिसे सूंघते ही वो बेहोश हो लुढ़क पड़ी…
कालिया के साथी ड्राइवर को तुरंत फोन आ गइ कि पूरे शहर के साथ साथ जिलों को भी सील कर दिया गया है और सभी लफंगों को पागल की तरह पीट पीट कर पूछताछ कर रहा है एस.पी….
कालिया चौकन्ना हो गया और वो पाँच मिनट में ही किसी से सम्पर्क किया और बाहर निकलने के लिए पता कर लिया…हर जगह दो रास्ते होते ही हैं ये सिर्फ कहावत ही नहीं बल्कि सच्चाई है….
सो उसने दूसरे रास्ते अपनाए जो कि बिल्कुल साफ और सुरक्षित थी…आगे से कच्ची सड़क जंगल से हो के निकलती थी और सीधे बॉर्डर से 5 किमी दूर मेन रोड पर मिलती थी…
पर एक दिक्कत थी कि उस रास्ते में 4 व्हीलर नहीं जा पाती थी…और ये कालिया को फायदे ही पहुँचाती…उसने एक बाइक मंगवायी और गाड़ी चेंज कर कर दी…
4 व्हीलर को सलीके से वापस भेज दिया और बाइक पर खुद लड़की के पीछे बैठा, लड़की बीच में और एक दूसरा साथी बाइक चला रहा था…
लड़की पूरी तरह बेहोश थी तो उस पूरी मजबूती से पकड़ना पड़ रहा था…इसी मजबूत पकड़ में कालिया का हाथ अचानक से उस लड़की की चुची पर पकड़ बना लिया…
कालिया सन्न रह गया…हालांकि इससे पहले भी वो कई बार ना जाने कितनी रंडिया चोद चुका था पर इस पल की बात ही कुछ और थी…
वो दुनिया से बेखबर हो चुका था और अपने सीने पर लड़की की लुढ़की सर को एक टक से निहारने लगा…अंधेरे की वजह से चेहरा तो नहीं दिख रहा था पर बनावट जरूर पता चल रही थी…
एकदम किसी हिरोइन माफिक ना गोल, ना लम्बी बनावट.. और फिर वो इन चांद जैसे बनावट को देखते देखते काफी निकट अपना चेहरा कर लिया…
कालिया के चेहरे पर लड़की की गर्म साँसे अब पड़ रही थी और वो इन साँसों में ही मदहोश होने लगी…इन्हीं मदहोशी में कालिया के अंदर मर्द जाग गया और उसके हाथ उसकी चुची को मसलने लगा….
कड़क हाथों की मसाज पाते ही फूल सी लड़की दर्द से कुनमुना गई पर होश में नहीं आ पाई…ये देख कालिया होश में आ तुरंत अपने हाथ रोक दिए…
और फिर उसकी चुची पर हाथ चला उसकी कसावट मापने लगा…एकदम कड़क और सुडौल चुची थी…निप्पल भी मध्यम आकार की थी…कालिया तुरंत भांप गया कि ये कली तो बिल्कुल ही अनछुई है…
इस दौरान कालिया का लण्ड कब अकड़ के तोप बन गया, उसे मालूम ही नहीं चला और वो तोप लड़की की गांड़ में सलवार को भेद कर जाने के लिए तड़पने लगा…
वो किसी तरह कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था…बाइक पर कुछ करता तो बैलेंस बिगड़ सकती थी और लेने के देने पड़ जाते…उसने लण्ड से मन हटाने के लिए बार फिर उसकी चुची सहलाने लगा और उसके चेहरे देखने लगा….
वो एक बार फिर मदहोश होता गया और उसके होंठ उसके गालों से रगड़ खाने लगी…और अगले ही पल मुंह पर चिपकी टेप को दांतों तले दबा वो हटाने लगा…और वो फिर अपने होंठों से उसके चेहरे को मापने लगा…
उसके होंठ जब लड़की की नर्म और रसीले होंठों पर पड़ी तो कालिया के अंदर भूचाल सा आ गया…आज दूसरी बार लड़की सामने आई थी पर कल जहाँ लड़की नहीं, उसके सूटकेस दिख रहे थे और आज मार्केट में खुद बचने के टेंशन में लड़की की खुबसूरती निहार नहीं पाया था…
पर इस वक्त वो सब भुला इस हूर की परी को बस अंधेरे में भी साफ साफ देख रहा था…
"कालिया भाई, मेन रोड आने वाली है…अपने आदमी से सम्पर्क कर लूँ कि वो पहुँचा या नहीं…" तभी बाइक वाला साथी बोला…
जिससे कालिया स्वर्ग की सुंदरता से बाहर आते हुए बोला,"हाँ, इधर ही रोक कर पता कर लो…" कालिया के बोलते ही बाइक रूकी और वो फोन पर बात करने लगा…
सब ठीक ठाक थी और आगे आदमी तैयार भी था तो फिर से चल दिया…अब कालिया के पास और ज्यादा वक्त नहीं था कि और इस दुनिया में खो के रहे…
सो वो मुस्कुराते हुए अंधेरे में ही उलके होंठों को चूमा और वापस अपनी वर्तमान में पहुँचने की कोशिश करने लगा…पर उसका दिल नहीं मान रहा था…
तभी अचानक से कालिया के दिमाग ने कुछ कह डाला जिससे वो शर्म से मरने लगा…क्या जो तुम कर रहे वो सही है…एक मजबूर लड़की जिसका तुमने किडनैप कर लिया उसकी इज्जत भी लोगे क्या?
बचने के लिए इसे तुम उठाए और इसी का शिकार करोगे…ये तो जीतेजी मर जाएगी..इसके माध्यम से बचना चाहते तो ठीक है…इसके बाप से सम्पर्क करना और केस नहीं करने को कह बच जाना और शायद मजबूर हो एस.पी. मान भी जाए पर इसके साथ ऐसी हरकत कर रहे ये सही नहीं है…
वो इसी तरह की बातें सुन खून के घूंट पी कर रह गया और सर को झटकते हुए ऐसी हरकत ना करने की ठान ली और फिर वापस इस दुनिया में गया…अब वो एक ही बात सोचने लगा कि किसी भी तरह इसे किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दूंगा और इसके बाप को किसी तरह मनाने की कोशिश करूंगा कि वो केस ना करे…
हां नहीं माना तो देखा जाएगा पर इसके साथ कुछ भी गलत नहीं करूंगा…चाहे एस.पी. को ही क्यों ना उठाना पड़े…अजीब थी एक ही दिन में कालिया एस.पी. को उठाने की सोचने लग गया… कुछ ही देर में कालिया मेन रोड के किनारे पहुंच गया…उसने बाइक से उतरा और लड़की को एक फूल की माफिक गोद में उठा लिया…और सामने खड़ी गाड़ी की तरफ तेजी से बढ़ गया…तब तक बाइक वाला भी तेजी से मेन रोड पर बाइक चढ़ा फुर्र हो गया…
कालिया बड़ी सावधानी से उसे सीट पर लिटा दिया और खुद भी अंदर चला गया…और चल पड़ा…अब रात भी बीत रही थी चौकसी तेज होने की आशंका थी…कालिया उसे किसी जगह रूकने को बोला…
करीब 1 घंटे में वो अपने ठिकाने तक पहुँच गया…फिर लड़की को सुला दिया और उसके हाथ पांव अच्छे से बांधा और खुद भी सोने की करने लग गया…पर सामने ऐसी लड़की हो जो उसके दिल को घायल कर रही हो तो भला नींद कैसे आ सकती है…
वो रात भर उसे निहारने में जगा ही रह गया…सुबह में करीब चार बजे वो उठा और वहां से निकलने की सोची…वो दूसरी ओर सो रहे साथी को जगाया और चलने बोला…
"आहहहह…मम्मी…मैं कहाँ हूँ…" तभी कालिया के कानों में लड़की की सुरीली कराह सुनाई पड़ा..वो आवाज सुनते ही उसकी तरफ फौरन पलटा…
लड़की कालिया को देखते ही चीख पड़ी…रात के अंधेरे में काला आदमी और भयानक लगता है…वो डर के मारे चीख पड़ी थी…कालिया तुरंत ही नीचे झुक अपने हाथ उसके मुँह पर रख दी जिससे उसकी आवाजें घुट कर रह गई….
इससे वो लड़की छटपटाती हुई और चिल्लाने की कोशिश करती रोने लग गई…उसे रोते देख कालिया अंदर ही अंदर घुटन महसूस कर रहा था पर ऐसी स्थिति में उस पर रहम करना खुद पर कुल्हाड़ी चलाने के बराबर थी…
"ऐ रोना बंद कर नहीं तो…यहीं पे ये…ये..देख रही है ना सीधा तेरे अंदर डाल दूंगा…समझी ना…"कालिया ना चाहते हुए भी उसे डराने के लिए अपने बंदूक उसकी आँखों के आगे लहराते हुए गुर्राया…
ये सुनते ही लड़की के और डर से बुरा हाल हो गया और वो बच्चों की तरह हल्की आवाज में सिसकने लगी…ये देख कालिया कुछ हल्का हुआ पर एक डर थी कि अगर बाहर ये शोर कर दी तो मुश्किल हो जाएगी…
कालिया," देख, ये रोना-धोना बंद करो…नहीं तो मुझे फिर से तुम्हें बेहोश करना पड़ेगा…अब हम यहां से निकलेंगे तो तुम जैसे चलना चाहोगी पसंद तुम्हारी…"कालिया थोड़ा कड़क बनने की कोशिश कर रहा था पर उसकी मासूम भरी चेहरे के सामने बन नहीं पाया…
लड़की अब थोड़ी चुप हो गई और एकटक उसकी तरफ देखने लगी…ये देख कालिया उसके पांव खोल दिए और उसकी बांह पकड़ कर बेड पर बिठा दिया…इस बार लड़की नहीं चिल्लाई…
"तुम मुझे क्यों लाए हो ?"लड़की बैठते ही कालिया से सवाल कर गई…शायद भांप ली थी कि अगर वो शांत रही हो उसे कुछ नहीं करेगा ये…तो वो जानने की कोशिश कर रहा था…
कालिया सवाल सुन ऱूक सा गया और उसकी तरफ देखने लगा…कुछ देर चुप रहाऔर फिर बोला,"मुझे तुमसे कोई दुश्मनी नहीं है पर तेरा एस.पी. बाप…." कालिया "बाप" से आगे कुछ बोलता कि बीच में ही लड़की गुस्से से बोल पड़ी..
"ऐ…पापा हैं वो मेरे…और वो तुम्हारे जैसे गंदे काम नहीं करते…समाजसेवी हैं वे, इज्जत करना सीखो…" लड़की की बातों से कालिया को हंसी छूट गई…
"हा..हा…हा…ओके…तुम्हारे पापा मेरे पीछे पड़ गए हैं…अगर ऐसा रहा तो मैं किधर रहूँगा बताओ तुम ही…हर वक्त मेरे को टेंशन होता रहता है और परसों से भागता ही रहता हूँ…" कालिया की बातों से लड़की चौंक पड़ी…
"कल से…मतलब मेरा सूटकेस तुमने ही छीना था….फिर तो ठीक हो रहा है…मैं तो अब पापा को बोलूंगी कि पापा इसे जेल मत भेजो…सीधा एनकाउन्टर कर दो…इसी ने मुझे उठाया था…देख लेना अब तुम तो गए…"लड़की तुरंत समझ गई कि यही वो चोर था तो अपने अंदर का गुस्सा बाहर करने लगी…
कालिया उसकी बातों से थोड़ा मुस्कुराया और उठ कर उसकी बांह पकड़ बाहर की तरफ चल दिया…वो ज्यादा देर नहीं करना चाहता था…
"ओए..अब मुझे कहां ले जा रहे हो..मुझे घर जाना है…"लड़की ना चाहते भी खिंचती हुई चलती बोली…जिसे सुन कालिया को थोड़ा गुस्सा आ गया…
कालिया,"ज्यादा चपर चपर की ना तो तू कभी घर का मुँह नहीं देख पाएगी…चुपचाप चल तेरे पापा जब तक मेरे केस को खत्म नहीं करेंगा तू मेरे साथ ही रहेगी…समझी ना..चल अब."
लड़की का सारा गुस्सा यूँ हवा हो गई और रोनी सूरत बनाती हुई चलने लगी…गाड़ी में उस लड़की को बिठा कालिया उसके बगल में बैठा और चल पड़ा…अब धीरे धीरे धूप भी लाल रोशनी पड़ने लग गई थी जमीं पर…
लड़की को ऐसे मुंह बना देख कालिया कुछ मायूस सा हो गया…क्योंकि वो बोलते वक्त काफी हसीन लगती थी…वो खुद पर गुस्सा भी हो रहा था कि क्यों डांट दिया…खैर सुबह की वक्त थीतो सड़के सुनसान थी…जिसमें गाड़ी पूरी रफ्तार से बढ़े जा रही थी…
THANKS Nadeem21 BHAIStory mast hai
THANKS rusty blade BHAIYABeautiful eyes....
THANKS rusty blade BHAIYAwaah expression!!!
THANKS FOR YOUR SUPPORT rusty blade BHAIYAAik dam jhakaas star....
THANKS FOR SUPPORT rusty blade BHAIYAkayaa likhaa he bro... shandaar
THANKS Mannu.dadaNice