Incest पापा प्लीज……..

Well-known member
2,893
6,190
143
पापा प्लीज……..
839_1000.jpg

jZdWp4.jpg
 
Last edited:
Eaten Alive
4,118
4,183
143
Update 1

Bahot hi dilchasp tarike suruvaat huyi hai kahani ki ya phir ye kahi jaaye flashback ki....
Well kahani ka title aur kirdaar o ke baare thodi bahot jaanne ke yahi lage ki kahani ke present mein lead kirdaar rupa aur kalicharan hone wale hai...
Ek hi pariwar lekin baap-bete ke rang roop aur maa beti ke rang roop mein jameen aasmaan ka farak kyun hai... is twist ko leke kahani ke first flashback ki suruvaat huyi hai jaha kalicharan kya tha, kaise mila pushpa se, kaise shaadi huyi ye sabhi badhte flashback ke sath jaanne ko milenge readers ko ....
Well.... Flashback mein kalicharan urf us jamane ka ek lutera kaliya aur police wale ki beti pushpa ki mulakaat bhi badi ajeebo garib thi...
jaha pouspa victim thi to kaliya lutera...
Ohh to jab kaliya ko dar laga ki kahi ladki muh na khol de isliye ushe kidnapped karne ko thaan liya planning bhi taiyar aur planning ke tahat kidnap karne ke liye bhi pahuch gaya...
Let's see what happens next

Narrations pe pakad kaafi majboot hai,,sath hi twist dene mein mahir hai writer sahab...
Brilliant update with awesome writing skills :clapping: :clapping:
 
Eaten Alive
4,118
4,183
143
Update 2

Ooo to puspa ko kidnap karne mein kamyaab raha kaliya.
waise raste uske jishm ko dekh bahak gaya tha kaliya ..wo behosh thi usika faida uthake kaliya uske sath galat harkatein bhi karne laga tha..lekin shayad aaj bhi kaliya ke andar jameer puri tarike se mara nahi tha, uska Jameer ushe chikh chikh ke ye keh raha tha ki wo jo kar raha wo kitna grinaniya hai,
apne Jameer ki aawaz sun jaise ushe hosh aaya ho apne kiye gaye galat harakaton pe pachtane bhi laga... aur ye kasam khayi ku us ladki ke sath ab koi galat kaam nahi karega aur naa hi galat nazariye se dekhega...
Chalo kam se kam puspa ki abru to bach gayi...
Waise hosh aane ke dono ke bich jis way mein baatcheet ho rahi thi ushe padh ke to yahi lage ki aage chalke dono ke bich kuch nata judne wala hai, jiske chalte dono hi shaadi ke bandhan mein bandh jaayenge..

Khair
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
 
Well-known member
2,893
6,190
143
Update 1

Bahot hi dilchasp tarike suruvaat huyi hai kahani ki ya phir ye kahi jaaye flashback ki....
Well kahani ka title aur kirdaar o ke baare thodi bahot jaanne ke yahi lage ki kahani ke present mein lead kirdaar rupa aur kalicharan hone wale hai...
Ek hi pariwar lekin baap-bete ke rang roop aur maa beti ke rang roop mein jameen aasmaan ka farak kyun hai... is twist ko leke kahani ke first flashback ki suruvaat huyi hai jaha kalicharan kya tha, kaise mila pushpa se, kaise shaadi huyi ye sabhi badhte flashback ke sath jaanne ko milenge readers ko ....
Well.... Flashback mein kalicharan urf us jamane ka ek lutera kaliya aur police wale ki beti pushpa ki mulakaat bhi badi ajeebo garib thi...
jaha pouspa victim thi to kaliya lutera...
Ohh to jab kaliya ko dar laga ki kahi ladki muh na khol de isliye ushe kidnapped karne ko thaan liya planning bhi taiyar aur planning ke tahat kidnap karne ke liye bhi pahuch gaya...
Let's see what happens next

Narrations pe pakad kaafi majboot hai,,sath hi twist dene mein mahir hai writer sahab...
Brilliant update with awesome writing skills :clapping: :clapping:
Naina JI AAPKI SUPPORT KI BAHUT JARURAT RAHEGI,BAKI KIRPYA SATH BANAYE RAKHE APKA BOT BOT THANKU
 
Well-known member
2,893
6,190
143
UPDATE-5
रत्ना और कालिया मस्ती और नशे की दरिया में डूब सा गया और अपने हाथ लड़की की चुची पर रख दिए और मसलने लगे…अब बीच बीच में लड़की की भी सिसकी निकल पड़ती…पर वो अपने होठ और जीभ से उन्हें लीक करनी रोकी नहीं…

उसके चेहरे पर हर जगह लीक करने के बाद वो नीचे की तरफ बढ़ने लगी और दोनों के गर्दन से होती सीने पर किसेस की बौछार कर दी…बालों से ढ़की उनका चौड़ा सीना लड़की को भी मस्ती में सरोबार कर दिया था…

ज्यों ज्यों लड़की नीचे की तरफ बढ़ती दोनों पीछे की तरफ झुकते जाते ताकि लड़की को करने में ज्यादा तकलीफ ना हो…और लड़की भी पूरी मदहोशी में ऐसे प्यार लुटा रही थी जैसे वो उनकी रखैल नहीं, प्रेमिका हो…

कुछ ही पलों में लड़की नीचे अंडरवियर तक पहुँच गई और वहां पहुँचते ही दोंनों लड़की एक बार आपस में नजर मिला मुस्कुरा पड़ी और अगले ही पल बिना अंडरवियर उतारे लंडों को मुँह में भरने की कोशिश करने लगी…

ऐसा वार पड़ते ही दोनों दोस्त तड़प गए…कुछ ही पलों में दोनों अपना आपा खो दिए और तेजी से बैठते हुए लड़की के बाल पकड़ पीछे किए और बोले,"शाली, जान लेगी क्या?मेरी हालत खराब है और तुम हो कि लंड को सही चीज दे नहीं रही…"

इस पर दोनों की हंसी छूट गई…और फिर दोनों ने अपने अंडरवियर निकाल कर अपने लंड को उसके मुंह के सामने लहरा दिए…कालिया वाली लड़की के मुख से हल्की आवाज निकल पड़ी,"वॉव, आपका भी इनकी तरह ही सेम साइज की है…"

रत्ना,"हाँ , दोस्त हैं ना तो होगी नहीं…बचपन में सब काम एकसाथ करते थे चाहे अच्छी या फिर बुरी…चल अब तड़पाना बंद कर और चूस…"

रत्ना के कहते ही दोनों लड़की एक साथ गप्प से दोनों के काले नाग को मुंह में अंदर कर ली…इससे दोनों की चीख निकलते निकलते रह गई…दोनों लड़की पूरी तरह परिपक्व थी सेक्स में…हर एक चीज पूरी अदा से करती थी…

दोनों दोस्त का काला और विकराल दिख रहा लंड गोरी लड़की के मुख में अंदर बाहर हो रही थी…काफी उत्तेजक दृश्य लग रहा था…कालिया तो उत्तेजना के मारे बीच बीच में लड़की के बाल पकड़ लंड को आजाद कर देता था…

लंड छुटते ही लड़की अपने चेहरे पर खुशी जाहिर करती कालिया की आंखों में देख होंठो पर अपनी जीभ फिराने लगती, जैसे कह रही हो आपके लंड की स्वाद मुझे सबसे बेस्ट स्वाद लगी…

कालिया पागल सा हो जाता ऐसा करते देख और तेजी से वापस अपना लंड उसके मुंह में उतार देता…कई बार ये खेल कालिया के साथ होता रहा…शुक्र है कि उसने पी रखी थी वरना वो कबका झड़ गया होता… कुछ ही देर की प्रोफेशनल तरीके से हो रही चुसाई से दोनों की सांसें साथ छोड़ने लगी थी…अब बर्दाश्त करना मुश्किल ही नहीं ,नामुमकिन सी हो रही थी…दोनों लंड को आजाद करवाते हुए तेजी से उठा…

और फिर लड़की के बांह पकड़ उठा…और यूं कर दोनों लड़की बेड पर धम्म से चित्त लेटी मुस्कुरा रही थी…रत्ना कालिया संग बेड पर चढ़ते हुए बोला,"शाली, अब बताता हूँ तुझे…मुझे तड़पाने की सजा क्या होती है…"

रत्ना और कालिया दोनों के हाथ लड़की के तन पर मौजूद छोटी सी कपड़े पर पड़ी जो बूर को अभी तक ढ़ँकी हुई थी..और एक तेज आवाज के साथ वो कपड़े चररररऽ के साथ फट गया…

अंडरवियर हटाने के साथ ही रत्ना अपने पैर लड़की की सिर तरफ कर लेट गया और लड़की के बदन के ऊपर पलटी मार दिया…जिससे रत्ना का लंड ठीक लड़की के मुंह के सामने आ गया और रत्ना का मुंह लड़की के बूप के ठीक ऊपर…

कालिया भी 6-9 की पोज में हो गया रत्ना की देखादेखी…और फिर चारों के होंठ एक साथ अपने अपने टारगेट पर काम करने शुरू कर दिए…सभी की तड़प उनके मचलन से साफ स्पष्ट हो रही थी…बस आवाजें बंद हो गई थी…

खुरदुरी जीभ और हल्की दांतों का दबाव लड़की सहन नहीं कर पा रही थी और वो कांप कांप के लंड चुसाई बंद कर देती थी और सिसकारी भरती हुई मचल सी जाती मछली की तरह….

शुक्र है कि दोनों ने उन पर दबाव बना रखे थे वर्ना मछली की तरह फिसल भी जाती…और तब दोनों उनकी बूर को पल भर के छोड़ लंड पहले उनके में उतार कर एक – दो हल्के शॉट मार देता और फिर अपना मुंह उसकी नाजुक पर धज्जियां उड़ाई हुई बूर पर रख कुरेदने लग जाता…

रत्ना तो ना जाने इन दोनों की कितनी मर्तबा पेल चुका होगा, पर लड़की की समझदारी और एक निश्चित अंतराल पर सेक्स की वजह से रत्ना इनकी बूर का अभी भी दिवाना था…

कुछ ही देर में दोनों मर्दों से कई गुना ज्यादा तड़प दोनों लड़कियों में आ गई और वो बदहवास सी हो गई…इस दौरान कई बार वो अपनी बूर से फव्वारे छोड़ चुकी थी…जब उनसे सहन नहीं हो पाई तो बस एक शब्द बोल पाई किसी तरह," "प्लीज……"

ये सुनते ही रत्ना और कालिया बूर के पानी से अपने चेहरे को सरोबार किए उठा और बेड के नीचे खड़े हो लड़की के दोनों पैर अपने कमर के साइडों में कर तेजी से खींच लिया…जिससे लड़की सरसराती हुई नीचे की तरफ आ गई जहां दोनों के विशाल लंड के सामने उनकी बूर फड़फड़ाती नजर आई…

रत्ना और कालिया अपने लंडों को हौले हाथ से पकड़ बूर पर रगड़ते हुए एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कुरा दिया…और मुस्कुराते हुए ही उसने अपने लंड का अगला सिरा उनकी बूर में फंसा दिया…दोनों लड़की के मुख से आहह निकल पड़ी…

और फिर दोनों के हाथ पतली कमर पर जम गई…पतली कमर भी हमले को सहने के लिए अपने हाथ से बेडशीट को भींच रखी थी…और अगले ही पल दोनों दोस्त ने एक करारा शॉट दे मारा…

खेली-खाई होने के बावजूद लड़की की नानी याद आ गई…अपने दांतों से होंठ दबाते हुए दर्द सहने की कोशिश करने लगी…रत्ना और कालिया तो इस बात का ही दिवाना था कि किसी भी बूर को पहला शॉट करारा दो…

नहीं तो बाद में एडजस्ट कर ली तो कितना भी जोर का धक्का दो पर लड़की उसे आराम में ही लेती…मर्द को मजा तभी आता है जब लड़की को चुदाई के वक्त दर्द में देखे…पर हाँ कुंवारी बूर में ये तरीका नहीं अपनाना होता है…

और फिर दोनों के कमर सुर लय के साथ चल पड़े सफर पर…कुछ ही शॉट में लड़की दर्द से उबर मस्ती के सागर में गोते लगाने लगी…कमरे में सबकी सिसकी-तड़प-वासना की मिली जुली आवाजें गूंजयमान हो गई…

बीच बीच में दोनों झुक के कभी लड़की के रसीले होंठ चूमते तो कभी निपप्ल को दांतों से भींच देते…ऐसे गैप लेने से मर्द की स्टैमिना काफी हद तक उनके वश में हो जाती है और वो लम्बे समय तक चुदाई कर सकता है…

यही तरीका दोनों अपना लड़की की बूर की धज्जियां उड़ाने के ख्याल में थे…उसने सोच रखा था जब तक लड़की बूर की दर्द से कुनबुनाई तब तक इसकी पेलाई करनी है…हर बार की गैप के बाद तेज तेज शॉट लगते थे…

कुछ देर तक इसी तरह करने के बाद कालिया ने पूरा लंड बाहर निकाला और लड़की को पोज बदल कर तैयार होने कहा…लड़की तेजी से डॉगी की तरह झुक गई और अपनी बूर कालिया की तरफ कर दी…

कालिया भी यूँ कर सही जगह पर बेड पर चढ़ कर पोजीशन लिया….और फिर झटके देते हुए जड़ तक लंड उतार दिया…तभी रत्ना भी दूसरी लड़की को भी इस पोज में कर लिया..वो भी इस तरह कि अब दोनों लड़की एक दूरे की तरफ मुंह कर रखी थी…

कालिया जिस बूर की बजा रहा था उसके बगल में सटी हुई रत्ना वाली लड़की कालिया के लंड को नजदीक से देख रही थी जबकि रत्ना के लंड को कालिया वाली लड़की नजदीक से अंदर बाहर होती लंड को निहार रही थी….

दोनों एक बार सटाक सटाक अंदर बाहर करने लगे और बूर से लगातार पानी झड़ झड़ के बह रही थी…दोनों लड़की मस्ती में बदहवास सी एक दूसरी की चूतड़ को जीभ से चाट रही थी…

वो पहुंचना तो लंड तक चाहती थी पर पहुँच नहीं पाती थी…तो मन मसोस कर चूतड. पर ही जीभ फिराने लगती…कुछ ही देर में अब दोनों के शॉट अनियंत्रित होने लग गए…

दोनों झड़ने के कगार पर जा रहे थे…लड़कियों तो ना जाने कितनी बार पानी बहा चुकी थी…और वो समय आखिर आ ही गया…दोनों की सीत्कार कमरे में गूंज पड़ी…

और दोनों तेजी से अपने लंड बाहल खींच लिए…बाहर आते ही लंड ने उल्टियाँ करनी शुरू कर दी…जिसे दोनों ने सीधा बगल की लड़की के चेहरे की तरफ कर दिया…दोनों लड़की अपने चेहरे पर पड़ी सुगंधित पानी की गंध से कुतिया की तरह एक कदम आगे खिसक ली और नजदीक से पानी अपने चेहरे पर लेने लगी…

पल भर में ही लड़की का चेहरा सफेद पानी से भर गया और दोनों दोस्त हाँफते हुए लुढ़क गए…लड़की भी बदन की थकावट को सह नहीं पाई और वो भी जस की तस धम्म से गिर पड़ी…सभी के सभी पसीने से लथपथ पड़े लम्बी लम्बी सांसे ले रहे थे… शरीर की थकावट और नशे ने पल भर में ही कालिया और रत्ना पर हावी हो गया और वे दोनों जल्द ही नींद की आगोश में चले गए…बिल्कुल नंग-धड़ंग…वो दोनों लड़की भी सो गई थी वहीं पर….

उधर दूसरे कमरे में वो लड़की जैसे रोते हुए कमरे में घुसी थी, घुसते ही बिस्तर पर पसर गई और खूब रोई…उसे दूसरे कमरे में बज रही साउण्ड की आवाजें और चिढ़ा रही थी…वो रोती हुई ढ़ेर सारी गाली उन दोनों को दे रही थी…ढ़ेर सारी बददुआएं दे रही थी…

पर वो कमरे में साउण्ड की आड़ में जो वासना का नंगा नाच चल रहा था वो सुनाई नहीं पड़ रहा था…वर्ना वो पता नहीं खुद का ही सर नोच लेती…उसे यहां फंसा कर खुद मजे ले रहा है…

और कुछ देर तक यूं ही रोते रोते लड़की भी कब नींद की आगोश में चली गई,मालूम नहीं…

उधर एस.पी. फोन अब तक नहीं आ पाने से बौखला सा गया…उसका दिमाग शून्य सा हो गया था…वो क्या करे,कुछ मालूम नहीं पड़ रहा था…सघन छापेमारी के साथ हर एक गुंडे से किसी भी क्लू के लिए वो भरकस प्रयास में तो लगा ही था…

शहर के जितने भी सक्रिय गुंडे थे सब के सब पूछताछ में आ गए थे और किसी से कुछ हासिल नहीं हुआ…अचानक उसने अपने दिमाग पर हल्का जोर दिया और सोचना शुरू कर दिया….कुछ दिमाग में आते ही वो तुरंत चौकीदार को बुलवाता है…

चौकीदार के आते ही एस.पी. बोला,"देखो, अब तक जितने भी सक्रिय हरामी लोग हैं उनमें से सिर्फ कालिया और उसके साथी को छोड़कर सब पकड़े जा चुके हैं…मतलब ये काम भी उसी का है पर मेरी समझ में ये नहीं आ रहा है कि आखिर वो किस मकसद ये ऐसी हरकत की है…"

चौकीदार उनकी बात सुन "जी सर…" कह रहा था…एस.पी. आगे बोला,"खैर, मकसद उससे कोई सम्पर्क हो तभी मेरे समझ में आ सकता है कि वो चोरी के आरोप से बचने के लिए मुझे परेशान कर रहा है या फिर कुछ वो अपना काम को फैलाना चाहता है…अभी तुम एक काम करो कि कालिया के साथ शुरू से जितने भी आदमी साथी थे उनकी लिस्ट तैयार कर के लाओ.."

"और हाँ ध्यान से उन लिस्ट में किसी का नाम नहीं छूटना चाहिए..चाहे वो कोई हो…जाओ.." एस.पी. के कहते ही वो बाहर निकल गया…

करीब आधे घंटे में ही चौकीदार ने वो लिस्ट एस.पी को थमा दी…एस.पी. एक सरसरी निगाह डाली तो कई एक नाम तो ऐसे थे अभी भी सक्रिय थे बस उनका गैंग अलग था…और वो इधर आ भी चुका था पूछताछ में…

तो उसने उन नामों को हटा दिया…अब लिस्ट में सिर्फ कालिया के फरार साथी के अलावा चार नाम और मात्र रह गए थे…उसने तुरंत अपनी एक टीम को बुला उन चारों को पकड़ कर लाने का आदेश दे दिया…

कुछ ही देर में चारों के चारों आ चुके थे…इनमें से दो वो भी आ गए जिसने कालिया को हेल्प की थी…एक जिसके घर पर कालिया रूका था और दूसरा ड्राइवर…

एस.पी. उसके पास आए और कालिया के बारे में पूछा तो सबका एक ही जवाब था…"सर, जब मैं उसके साथ रहता था तो वो मेरी नासमझी थी…उस वक्त सही गलत के मायने भी नहीं पता थे…जब पता चला तो मैंने उन गलती को सुधारा और कईक सालों हो गए उससे मतलब नहीं रखता…"

एस.पी. सुनते ही ताड़ गया कि सब कुछ नहीं बताने वाले हैं…फिर भी वो करीब एक घंटे तक हर एक चीज कालिया के बारे में पूछते रहे और ये चारों सब कुछ बताते रहे…बस एक चीज को छिपाकर कि इस कांड में दो साथी हम सब में से ही था…

उसके बाद एस.पी. ने उन चारों को छोड़ दिया जब कुछ सुराग हाथ नहीं लगा…पर उनके पीछे अपने गुप्त आदमी भी लगा दिए…कि इन चारों की हर गतिविधि पर नजर रखे…

अगर इनमें से एक भी हुआ तो वो जरूर कोई ना कोई गलती करेगा…उसका दिमाग अब नॉर्मल नहीं बल्कि परेशानी में चलेगा और परेशानी में तो गलत लोग अक्सर गलत कदम बढ़ा देते हैं…

उधर रत्ना के अड्डे पर… करीब दो घंटे बाद जब एस.पी. की बेटी की भूख से नींद खुली तो वो उठ कर बैठी…फिर बाथरूम में हाथ मुँह धो बाहर निकली…जहाँ वो दोनों लड़की वहीं रत्ना के रूम के ठीक आगे बैठी बातें कर रही थी…

उन दोनों की नजर इस पर पड़ते ही वो चुप हो गई…एस.पी. की बेटी उसे चुप होते देख थोड़ी और आगे बढ़ पूछी,"वो..कालिया कहाँ है..?"

"वो तो सो रहे हैं…कोई काम है तो बोलिए.."उनमें से एक लड़की बोली..तो एस.पी. की बेटी बोली,"मुझे भूख लगी है…कुछ खाने को मिलेगा..?"

ये सुनते ही दोनों ही उठ गई और बोली,"आप रूम में जाओ…मैं अभी ले कर आती हूँ…" और फिर दोनों नीचे किचन की तरफ बढ़ जाने लगी कि तभी पीछे से एक बार फिर एस.पी. की बेटी बोल पड़ी…

"एक मिनट…पहले मैं नहाना चाहूंगी…वो कपड़े कहाँ हैं जो तुमने दी थी…"ये सुनते ही दोनों रूकी और वापस आती हुई मुस्कुराती हुई बोली,"अभी लाती हूँ…" कह कर एक वहीं पर रूक गई और दूसरी कपड़े लाने चली गई…

वो लड़की एस.पी. की बेटी से कुछ पूछने जानने के लिए रूकी थी पर उसकी हालत देख पूछ नहीं सकी…रोने से आँखें लाल हो चुकी थी….चेहरे पर बिल्कुल मायूसी छाई हुई थी…

तब तक कपड़े ला उसने दे दिए और कपड़े ले "आती हूँ ….." कह वो रूम में चली गई फ्रेश होने…वो दोनों लड़की भी वापस अपनी जगह पर आ बैठ गई और गप्पें लड़ाने लगी… फ्रेश होने के बाद लड़की नंगी ही बाथरूम से बाहर निकली…बिल्कुल संगमरमर सी काया लिए…बालों से टपक रही पानी की बूंदे उसे और कयामत बना रही थी…तौलिया ली और पूरे शरीर को अच्छी तरह पानी पोंछी…

फिर पहनने के लिए टीशर्ट्स बेड से उठा ली… बड़ी मुश्किल से पहन पाई वो… काफी छोटी और कसी हुई थी टीशर्ट्स… उसे खुद महसूस हो रही थी जाने कब मेरी चुची टीशर्ट को फाड़ कर बाहर उछल पड़ेगी… इससे उसकी खुद की नजर बार बार ऊंची और कसी चुची पर चली जाती…

और नीचे नाभी को मुश्किल से छू रही थी… उसे काफी असहज महसूस हो रही थी.. आज तक कभी ऐसी ड्रेस नहीं नीचे थी… जिससे वो बार बार टीशर्ट को नीचे कर नाभी को ढ़ंकने की कोशिश करती पर नाकामयाब… बल्कि ऊपर से वक्ष-कटाव और दिखने लग जाती…

तंग आकर उसने छोड़ दी कि आज भर ही तो पहननी है… कल फिर अपनी ड्रेस पहन लेगी और फिर कल या परसों तक तो वापस चली ही जाएगी… फिर नीचे के लिए अब और मुश्किल… बिना कच्छी के ये छोटे से शॉर्ट्स कैसे पहनूँ… ब्रॉ-पैन्टी सब पसीने से बदबू कर रही थी तो उसे धो दी…

मन मसोस कर वो पहन तो ली पर वो अब खुद शर्म से गड़ी जा रही थी… उसकी गर्म A.C. में सनसनाती हुई बाहर की हवा जा रही थी… वो सिहर सी जाती जब वो सोचती कि वो नंगी है… वो सोच में पड़ गई कि क्या करें अब…

फिर पता नहीं उसे क्या सूझी… कमरे में लगी शीशे की तरफ बढ़ी और जैसे ही वो खुद को देखी हड़बड़ाती हुई हल्की चीख पड़ी… उसके हाथ आश्चर्य और शर्म से चेहरे को ढ़ँक ली… फिर कुछ देर बाद जब हौले आँखों से देखी तो उसे खुद पर यकीं नहीं हो रही थी कि ये मैं हूँ…

अंदर ही अंदर काफी खुश भी हो रही थी कि मैं ऐसे ड्रेस पहन ली तो ना जाने कितने पागल हो जाएंगे… क्योंकि जब वो खुद अपनी फिगर की कायल हो चुकी थी ऐसे ड्रेसेज में… फिर हिम्मत करती हुई अपने हाथ हटाई और मुस्काती हुई खुद को गौर से निहारने लगी…

कुछ देर तक कभी सीधी देखती तो कभी तिरछी…कभी झुक के देखती तो कभी साइड से…और हर एक अदा की वो खुद ही दिवानी होती जा रही थी…ना जाने क्यों वो इस ड्रेस को निकालने के ख्यालात छोड़ पहने रहने की सोचनी लगी…

तभी उसने दिमाग को झटकी तो नहीं, पहले कोशिश करती हूँ अगर उसके पास कोई जींस वगैरह हुई तो वो पहन लूंगी…टीशर्ट्स रहनेे दूंगी…तभी उसकी नजर खुद की निप्पल पर पड़ गई जो ब्रॉ नहीं रहने की वजह से टीशर्ट्स में अपनी आकार की नुमाइश पेश कर रही थी…

वो अपने हाथ बढ़ा निप्पल तक ले गई और हल्की चुटकी में निप्पल को रगड़ दी… ये जान कर की उसने या खुद हो गई.. पता नहीं, पर इसमें वो सिहर कर शर्मा सी गई..और फिर वो मटकती हुई दाएं-बाँए होती गेट तक पहुंची…

गेट की लॉक खोल हल्के से गेट खोली और हल्की सी खोली… बस इतनी कि जिसमें से वो सिर्फ अपनी गर्दन बाहर निकाल सकती… वो अपनी मुस्कुराहट चेहरे से गायब नहीं कर पा रही थी… पूरे तन को गेट के पीछे रख बाहर उन दोनों लड़की की तरफ झाँकी…

उधर देखते ही उनकी नजर आपस में टकरा गई… वो उसे इशारा कर अपने पास बुलाई तो वो दोनों उठ के तुरंत पास आते ही पूछी,"क्या हुआ.?"

"कुछ नहीं , बस एक प्रॉब्लम है…"चेहरे पर हल्की सिकन लाती हुई बोली जिसे सुन उन दोनों के भी चेहरे पर हल्की सिकन उतर आई और प्रॉब्लम जानने की उत्सुक दिखाई दी…
 
Well-known member
2,893
6,190
143
Update 2

Ooo to puspa ko kidnap karne mein kamyaab raha kaliya.
waise raste uske jishm ko dekh bahak gaya tha kaliya ..wo behosh thi usika faida uthake kaliya uske sath galat harkatein bhi karne laga tha..lekin shayad aaj bhi kaliya ke andar jameer puri tarike se mara nahi tha, uska Jameer ushe chikh chikh ke ye keh raha tha ki wo jo kar raha wo kitna grinaniya hai,
apne Jameer ki aawaz sun jaise ushe hosh aaya ho apne kiye gaye galat harakaton pe pachtane bhi laga... aur ye kasam khayi ku us ladki ke sath ab koi galat kaam nahi karega aur naa hi galat nazariye se dekhega...
Chalo kam se kam puspa ki abru to bach gayi...
Waise hosh aane ke dono ke bich jis way mein baatcheet ho rahi thi ushe padh ke to yahi lage ki aage chalke dono ke bich kuch nata judne wala hai, jiske chalte dono hi shaadi ke bandhan mein bandh jaayenge..

Khair
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :yourock: :yourock:
THANKS Naina AAPNE BAHUT ACHHA NICHOD NIKALA HAI UPDATE KA DHANYAWAD
 
Well-known member
2,893
6,190
143
UPDATE-6

लड़की आगे बोली," वो दरअसल शॉर्टस में सहज नहीं लग रही हूँ तो सोची अगर तुम लोगों के पास कोई जींस,पैंट हुई तो प्लीज…" लड़की पूरी बात ना बोल पाई कि उनमें से एक लड़की बोल पड़ी…

"ओह सॉरी, अगर होती तो हम पहले ही दे देते… यहाँ सिर्फ छोटे छोटे ड्रेसेज ही हैं हमारे… अच्छा दिखाओ तो…जरा देखे तो इनमें तुम क्यों नहीं सहज लग रही हो…" अंतिम शब्द बोलने के साथ वो हल्की मुस्कुरा पड़ी और वो अंदर आने के लिए गेट पर हल्की दबाव दी…

"नहीं तुमलोग हंसोगी तो मुझे शर्म आएगी…प्लीज मैं अंदर ही रहना चाहूंगी…तब तक तुम मेरे कपड़े सुखाने की व्यवस्था कर दो…" लड़की मुस्कुराते हुए बोली जिसे वो दोनों तुरंत ताड़ गई कि इसका मूड अब थोड़ी ठीक है तो वो हंसती हुई प्लीज कह अंदर आने की जबरदस्ती दिखा दी…

ज्यादा उसे रोक नहीं पाई और वो अंदर दाखिल हो गई…जैसे ही उसकी नजर पड़ी उसकी आंखें फटी की फटी रह गई… वो लगातार ऊपर से नीचे निहारे जा रही थी… उसे ऐसे घूरते देख वो शर्म से लाल होती जा रही थी और हंसती जा रही थी…

दोनों उसे चारों तरफ घूर घूर कर निहारे जा रही थी… जब दोनों कुछ देर तक इसी तरह घूरती रही तो वो ज्यादा सहन नहीं कर सकी और आगे बढ़ एक का हाथ पकड़ ली और बोली…

"प्लीज, मुझे शर्म आ रही है… ऐसे घूरना बंद करो और मेरे कपड़े सूखने डाल दो…ताकि मैं जल्दी से वो ड्रेस पहन लूंगी…" लड़की की बात सुन वो थोड़ी बनावटी गुस्से में बोली…

"अजीब हो यार तुम… मॉडल को मैं इतने दिन से सिर्फ टीवी पर देख देख पक गई हूँ… आज पहली बार सामने देख रही हूँ तो तुम देखने नहीं देती…" इसकी बात खत्म होते ही दूसरी लड़की उसे पीछे से बांहों में जकड़ती हुई बोली…

"..और कसम से…आज तक हम लोग ना जाने कितने ड्रेस पहन ली कि किसी में हम मॉडल की तरह दिखूं पर नहीं… और ना ही कोई दोस्त… कसम से, काफी खूबसूरत लग रही हो… प्लीज यही पहने रहो जब तक यहां रहो हम दोनों के लिए… "पीछे की लड़की की बात खत्म होते ही आगे वाली लड़की घुटने पर हो ली…

और प्रपोज के स्टाइल में हो बोली," आई लव यू डियर..डू यू लव मी..?" और ये देखते ही हंसे बिना नहीं रह सकी और शर्म से अपनी आंखें बंद कर ली.. इस हंसी में पीछे वाली लड़की भी साथ हो ली…

"एक्सपेट कर लो मिस…. ऐ, तुम्हारा नाम क्या है?" पीछे वाली लड़की उसके कानों में बोलती हुई पूछी जिसे सुन उसके मुख से अपने आप "पुष्पा " निकल गई, पर उसकी आंखें अभी भी बंद ही थी खुशी और शर्म से…

"वॉव…पुष्पा…मैं डॉली और ये रिंकी…हाँ कह दो रिंकी को… लड़की काफी अच्छी है बस कुछ काम बुरी है… पर तुमसे काफी प्यार करेगी… ये मैं दावे से कहती हूँ… आज तक कभी लड़के को आई लव यू नहीं बोली है ये…"डॉली आगे की बात खत्म कर पुष्पा के गर्दन पर हल्की किस चिपका दी… पुष्पा जब अपनी आंखें खोली तो सामने रिंकी उसी तरह बैठी उसके हां के इंतजार में बैठी थी… जिसे देख उसकी हंसी निकल पड़ी और वो बोली,"प्लीज यार, अब और मत सताओ नहीं तो मैं मर जाऊंगी… तुम लोग इतनी अच्छी फ्रेडली हो मैं सोच भी नहीं सकती…"

रिंकी,"नो, मैं फ्रेंड नहीं हूं तुम्हारी …दिवानी हूँ और लवर बनना चाहती हूं… फ्रेंड तो डॉली है… और हां नहीं की तो मैं मर जाऊंगी प्लीज…" पुष्पा की तो हंसी रूक ही नहीं रही थी…रिंकी के हाथ पुष्पा की ओर बढ़ी थी…

डॉली,"यस माई डिअर फ्रेंड, अब हां भी कह दो…प्लीज" दोनों की ऐसी बातें सुन वो खुद को रोक नहीं पाई और पुष्पा बोली,"पहले मेरे कपड़े सुखने दे आओ…"

पुष्पा के बोलते ही डॉली बोली,"उफ्फ्फ्फ… ओके तुम हाँ कहो और मैं उधर गई…जल्दी करो…" पुष्पा उसकी बात सुन रिंकी की तरफ देखी जो मुस्कुरा रही थी… पुष्पा ने अपने हाथ उसके हाथ में रखती हुई मुस्कुराई और बोली,"आई लव यू टू रिंकी…"

पुष्पा को भला क्या दिक्कत होती… इतनी हंसमुख फ्रेंड जो मिल गई थी… और ये अगर सच में अच्छी फ्रेंड हुई तो जरूरत पड़ने पर काम भी आ सकती है…

पुष्पा के हां कहते ही डॉली कपड़े लेने बाथरूम की तरफ निकल गई जबकि रिंकी खुशी से उठती हुई पुष्पा से "थैंक्स.." कहती लिपट गई.. पुष्पा रिंकी की हर हरकत पर हंसे बिना नहीं रह सकती थी…

कुछ पल गले मिलने के बाद रिंकी थोड़ी सी पीछे हटी और बोली,"डिअर पुष्पा, अब मेरी गर्लफ्रेंड बनी हो तो कुछ हक तो बनता है ना…" रिंकी की बात सुन पुष्पा जब तक उसकी बात समझने की कोशिश करती तब तक रिंकी अपने होंठ पुष्पा के होंठ से चिपका दी….

पुष्पा की शरीर में तो मानों करंट लग गई… आज पहली बार किसी के होंठ उसके होंठ को टच की थी… वो बदहवास सी रह गई… जबकि रिंकी पुष्पा के अनछुई होंठो से रस चूसनी शुरू कर दी थी…

रिंकी हर पैंतरा जानती थी इस खेल में… जबकि पुष्पा बिल्कुल नादान… कुछ ही पलों में पुष्पा हार सी गई और खुद को रिंकी की बांहों में सौंप दी… रिंकी अपनी प्रेमिका को प्यार किए जा रही थी होठों से…

मदहोश हो चुकी पुष्पा को रिंकी ने कब उसे बेड पर लिटा दी, पुष्पा को मालूम नहीं… वो बस रिंकी की चुसाई में खोई थी… और वो अब रिंकी का भरपूर साथ भी दे रही थी… तभी पुष्पा चिहुंक सी गई….

रिंकी ने अपने हाथ उसकी चुची पर जो रख दी थी… पुष्पा ने तेजी से अपने हाथ बढ़ा उसके हाथ को पकड़ कर हटाने की कोशिश करने लगी और वो खुद को बेड पर लेटी पा सोच में पड़ गई कि वो बेड पर कब आई…

रिंकी को समझते देर नहीं लगी कि ये अभी तक अनछुई कुंवारी है… वो और गहरी और मदहोशी वाली किस करने लगी और अपने हाथ को पुष्पा की चुची से हटाने की बजाए और जोर से पकड़ बना दी…

पुष्पा छटपटाने लगी पर रिंकी से खुद को अलग नहीं कर पा रही थी…रिंकी के हाथ अब पुष्पा की चुची को हौले हौले मसलने लगी थी… पुष्पा बार बार छूटने की कोशिश कर रही थी… आखिर कब तक कोशिश करती… उसकी चूत जो मानने को तैयार नहीं थी… चूत से पानी रिसनी शुरू हो गई थी…

पुष्पा विरोध करना छोड़ अपने दोनों हाथ बाहर कर रिंकी की पीठ पर रख दी… नीचे पुष्पा प्रेमिका की तरह पड़ी थी और ऊपर रिंकी किसी प्रेमी की तरह चढ़ प्यार की बारिश कर रही थी… पुष्पा अब गरम हो चुकी थी तो उसने भी रिंकी की जीभ को चखने की कोशिश की…

रिंकी को जैसे ही ये महसूस हुई तो उसने झट से अपनी पूरी जीभ पुष्पा के मुंह में उतार दी और अपनी नई प्रेमिका को चूसने के लिए छोड़ दी…पुष्पा रिंकी की हरकत से शर्मा गई और नहीं चूसना चाहती थी पर रिंकी ने उसे पीछे हटने ही नहीं दी, जब तक कि वो स्वाद चखना शुरू नहीं कर दी…

पुष्पा को अंततः चूसनी ही पड़ी और पल भर में ही वो बड़े चाव से चटखारे लेनी शुरू कर दी… रिंकी बस यूं शांत रह अपनी जीभ चूसवाती रही और हौले हौले पुष्पा की चुची दबाती भी रही…और तभी दोनों के कानों में डॉली की आवाज पड़ी…वो तब तक कपड़े बाहर रख आ गई थी…

"डॉर्लिंग ,मैं भी हूं…"डॉली पुष्पा के बगल में पेट के बल लेटी सीधे पुष्पा के कानों में बोली… ये सुनते ही पुष्पा स्मूच रोक दी और बिना डॉली की तरफ देखे शर्माती हुई अपनी आंखों पर दोनों हाथों से पर्दा डाल मुस्कुराने लगी…

"ओए, ये मेरी गर्लफ्रेंड है…तेरी नहीं..चल जा अपना काम कर… " रिंकी ने अपने होंठों पर लगे प्याररस को पोंछती हुई बोली… ये सुनते ही डॉली तेजी से रिंकी के कान मरोड़ती हुई बोली,"शाली, और वक्त तो दोस्त का वास्ता दे हर काम में साथ कर लेती हो… तो अब क्यों नाटक कर रही हो… मैं कुछ नहीं सुनने वाली… हर चीज पर जब हम दोनों का बराबर हक है तो इस पर भी ये नियम लागू होगी तो होगी…."

अपनी बात कहती हुई डॉली आगे खिसक पुष्पा के चेहरे केे बिल्कुल समीप अपने चेहरे लाई और हाथों से पुष्पा को बेनकाब करने की कोशिश करने लगी… इस पर रिंकी हंसे बिना नहीं रह सकी और बिना कुछ कहे पुष्पा के शरीर से हट बगल में लुढ़क कर दोनों को देखने लगी…

डॉली जितनी जोर से पुष्पा के हाथ हटाती, पुष्पा उतनी ही ताकत से हाथों को चेहरे पर कस लेती… उसे देख रिंकी बीच बीच में चुटकी लिए जा रही थी… पुष्पा अपना चेहरा डॉली के किस की डर से नहीं ढ़ंकी थी, बल्कि वो तो शर्म से गड़ी जा रही थी…

काफी कोशिश के बाद भी रिंकी डॉली को नाकामयाब होती देखी तो वो रह नहीं पाई और अपने हाथ बढ़ा पुष्पा के कमर पर हल्की गुदगुदी बना दी… इससे पुष्पा उछल पड़ी और उसके दोनों हाथ गोली की रफ्तार से नीचे कमर की तरफ बढ़ गई…बस डॉली इसी पल का इंतजार कर रही थी…

वो तड़के ही पुष्पा के लबों पर टूट पड़ी… पुष्पा को किस से परहेज तो थी नहीं जो अब विरोध करती… एक से दो भली… यही सोच वो तुरंत ही डॉली को भी सपोर्ट करने लगी और डॉली किसी हवसी की तरह लगातार पुष्पा के होंठ को चूसती तो कभी हल्के से काटती… पुष्पा भी अब थोड़ी थोड़ी मस्ती में डूबकी लगाने लगी थी… कुछ देर तक दोनों स्मूच करती रही… पुष्पा के लिए ये बिल्कुल अनोखे पल थे… जिंदगी की पहली किस लड़कियों के संग… पुष्पा अपनी आँख बंद की किस में पूरी तरह लीन थी… तभी पुष्पा जोर से उछलती हुई डॉली को झटके देती उठ बैठी…

डॉली गिरते गिरते बची बेड से… वो सोच में पड़ गई आखिर क्या हो गया इसे अचानक… सामने रिंकी खड़ी जोर से हंस रही थी… उसे समझते देर नहीं लगी कि रिंकी जरूर कुछ की है… वो रिंकी की ओर देखती हुई बोली,"कमीनी मैं तुझे डिस्टर्ब की थी जो मुझे कर दी…रूक बताती हूँ…"

डॉली,"ऐ मुझे थोड़े ही पता था कि इसके गहने छुऩे पर ये ऐसे भड़केगी… मैं तो और डबल इंज्वाय करने की सोच नीचे बस हाथ ही तो रखी थी… ही.. ही… ही.. "

रिंकी की बात सुन डॉली भी हंस पड़ी और एक दो गाली रिंकी को तोहफे में दे डाली… फिर वापस पुष्पा के बगल में बैठ गई और उसकी तरफ देखने लगी… पुष्पा जोर जोर से सांस लेती हुई शर्म से सर झुकाए मुस्कुरा रही थी… वो शर्मीली थी नहीं पर आज ये दोनों उसे शर्म की दुनिया से वाकिफ करवा दी थी…

डॉली उसे मुस्कुराते भांप पुनः मजे करने की सोच उसके कंधे पर हाथ रख चेहरा अपनी तरफ करनी चाही… पुष्पा चेहरा घुमाना नहीं चाहती थी अब… रिंकी बस हंसने में लगी हुई थी जबकि डॉली को संतुष्टि नहीं मिली थी… जब डॉली थोड़ी जोर दी तो पुष्पा उसके हाथ पकड़ ली और बोली…

पुष्पा,"प्लीज डॉली, अब नहीं होगी हमसे… बाद में कर लेना…" पुष्पा की बातो में रिक्वेस्ट थी पर कोई नाराजगी नहीं थी… चेहरे पर उसकी खुशी साफ झलक रही थी… डॉली उसकी बात को तुरंत काटती हुई पूछी,"क्यों यार, रिंकी की प्यास तो बुझा दी और मुझे प्यासी छोड़ देगी…प्लीज.."

फिर डॉली रिंकी की तरफ देखती हुई बोली,"और तुम … देखना है तो शांति से बैठ के देखो वर्ना गेट उस तरफ है…समझी.." रिंकी भी पीछे कहां रहने वाली थी… वो आगे बढ़ पुष्पा के दूसरी तरफ से बैठी और पुष्पा को बांहों में जकड़ बेड पर वापस पलट गई जिससे डॉली भी साथ ही पसर गई…बीच में एक नाजुक सी फूल और दोनों तरफ दो भंवरे लिपटी…

रिंकी,"साली, मेरी गर्लफ्रेंड और हम ही को बाहर जाने कहती है… अब तुम्हें करना है तो करो वर्ना बाहर जाओ…" दोनों की बात सुन पुष्पा बीच में खुद पर होने वाली कहर को याद कर कांपती सी बोली…

पुष्पा,"हे प्लीज, मेरी बात सुनो… पहले मुझे भूख लगी है… मुझे खाना है… " पुष्पा की बात सुनते ही दोनों के मुख से एक साथ सॉरी निकली और दोनों पुष्पा से अलग हो गई और बाहर किचन की तरफ निकल गई… पुष्पा कुछ राहत की सांस ली पर इसमें उसकी सहमति तनिक नहीं थी… वो खुद मजे चाहती थी पर पेट की आग के सामने हार गई… आज उसे सबसे हसीं जिंदगी की महक जो लग गई थी…

दोनों के बाहर निकलते ही पुष्पा ऩठके खड़ी हो गई… बेचारी उसकी पूरी बूर रस से सरोबार हो चुकी थी… इस बार वो मैदान में आती तो उन दोनों को मालूम पड़ जाती कि मैं पेन्टी नहीं पहनी हूं और मस्ती में पानी छोड़ रही हूँ… वो यही सोच के मुस्कुराती हुई बाथरूम में घुस गई…

खुद को फ्रेश की और बाहर निकल आई… ठीक उसी वक्त वो दोनों भी हाजिर हो गई… नजर मिलते ही मुस्कुराए बिना रह ना सकी… पुष्पा आगे बढ़ते हुए दोनों से सवाल कर गई,"तुम लोग का घर कहाँ है..?"

रिंकी,"डॉर्लिंग, हम दोनों का घर यहाँ नहीं है… पड़ोसी जिले से हैं…"रिंकी बस उतनी ही बताई जितनी पुष्पा पूछी… पुष्पा मन में सोच रही थी कि दिखने में और स्वभाव से ये ऐसी लगती नहीं है फिर ये सब कैसे करती है… वो इस बात को जानने की उत्सुक हो गई….

पुष्पा,"..तो इधर कैसे आ पहुँची और ये सब क्यों कर रही.." पुष्पा खाना शुरू कर दी जबकि वो दोनों वापस बेड पर आ बैठ गई… रिंकी बैठते हुए बोली,"वो सब बेकार की और बीती हुई कहानी है तो उसे मत पूछो… बस इतना समझ लो मुझे शुरू से मस्ती करने की आदत थी जबकि इसे मजबूरी में करनी पड़ी…"

पुष्पा एक बारगी तो चौंक सी गई… आजतक तो मजबूरी की कहानी काफी सुनी थी पर आदत इतने गंदे काम की… वो पलट के रिंकी की तरफ देखने लग गई… रिंकी आगे बोली,"हमदोनों बचपन से ही बेस्ट फ्रेंड हैं… दो साल पहले डॉली के पापा का एक एक्सीडेंट में देहांत हो गया और इस सदमे से आंटी जी मतलब इसकी मम्मी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गई… "

"तो फैमिली की पूरी जिम्मेदारी इस पर आ गई… तो ये जॉब के लिए चक्कर लगाने लगी… जहाँ जाती जॉब तो मिल जाती पर पाँ दस दिन में ही इसे असलियत मालूम पड़ जाती कि जॉब क्यों मिली इतनी आसानी से… बस फिर जॉब छोड़ देती…" रिंकी कही जा रही थी और पुष्पा खाते हुए सुन रही थी गौर से…

रिंकी,"उधर मैं शुरू से ही लड़के से अफेयर करती, मस्ती भी करती कुछ से फिर बॉय बॉय कह देती… बस एक दिन पता नहीं कैसे मैं खुद ब खुद इसके साथ जॉब के लिए निकल पड़ी और जॉब ले ली…दो दिन में हम दोनों को ऑफर मिल गई… रात भर मैं सोचती रही और अगले सुबह डॉली से बात कर हम दोनों हाँ कर दी… कुछ दिन तक तो शहर में ही की जिसमें एक दो घंटे लगते…पर अब दिन के हिसाब से काम करती हूँ… बस यही है कहानी…"

पुष्पा तब तक खाना खा ली और हाथ मुँह धो ली…डॉली बर्तन हटा दी और वापस आ पुष्पा के पास आ गई… पुष्पा डॉली के मंसूबे को समझते देर ना की वो पीछे हटती बोली,"प्लीज डॉली, अभी खाना खाई हूँ कुछ देर रेस्ट करने दो…"

तभी रिंकी पुृष्पा के ठीक पीछे आई और सीधे उसके दोनों चुची को जोर से जकड़त ली जिससे पुष्पा हंसती हुई जोर से चीख पड़ी…

रिंकी,"साली, अब हर वक्त नाटक करने की कोशिश करती है… पर हम इस नाटक को मानने वाले नहीं है… जब तक यहाँ हो तब तक मस्त करोगी हमें…बाद में सोची जाऑगी… समझी माई डिअर पुष्पा…" तब तक डॉली भी आगे से आ पुष्पा को जकड़ उसके होंठ के लिए बढ़ने लगी…

पुष्पा,"नहीं… नाटक नहीं कर रही… कुछ देर रेस्ट कर लेती फिर जो मन हो करना मैं मना नहीं करूँगी… बिलीव मी…"पुष्पा की बात सुन दोनों शांत पड़ गए… फिर रिंकी बोली,"पक्का ना…बाद में नाटक नहीं ना करेगी…"

ये सुनते ही पुष्पा गर्दन पीछे की तरफ की और रिंकी के होंठों पर एक छोटी चुंबन जड़ती हुई बोली,"प्रॉमिश…"जिस पर रिंकी मुस्कुराए बिना ना रह सकी…तभी डॉली बोली,"ठीक है पर हम जो करेंगे वो तो करने दोगी ना…"

पुष्पा हंसती हुई डॉली के होंठ चूमी और बोली,"हाँ बाबा, जो मरजी करना…सीख भी तो लूंगी ना कुछ…अब खुश…"

रिंकी,"हाँ मेरी सोन परी…खुश…अब तुम रेस्ट करो… नाइट में फुरस्त मिलते ही आ धमकूंगी…बस किल्ली खोलने में देर मत करना…" और फिर दोनों हंसती हुई बाहर निकल गई और पुष्पा रेस्ट करने बेड पर पसर गई…. शहर में एस.पी. परेशान कि अभी तक कोई कॉन्टेक्ट क्यों नहीं कर रहा है… आखिर मेरी बेटी किडनैप करने का मकसद क्या हो सकता है… उसे अब थोड़ी मायूसी जरूर होने लगी थी…

उसकी बीवी तो रो रोकर बुरा हाल कर ली थी… तुरंत ही बेहोश हो जाती… उसकी देखभाल में एक डॉक्टर तो 24 घंटे मौजूद रहते थे… रात में करीब 07 बजे एस.पी. के घर के फोन पर अचानक रिंग बजी…
 

Top