Adultery पत्नी खुश तो पति भी खुश (लघु कथा)(completed)

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सरत मिया शाम को घर लौटे । रात को उसका मन रोमासिट हो गया और अपनी धरम पत्नी के उपर चढ़ गए । गुंजन ने भी चढ़ने दी ।

लेकिन जब सरत बाबु की नजर अपनी धरम पत्नी की मोटे चूचे पे दात के लाल निशान देखे तो उसे समझाने में देर नहीं लगा और गुस्सा हो कर चिल्लाए " तुम फिर से इस कुत्ते साथ । "

गुंजन एक पल के लिए दर गई अगले ही पल उसे नजाने कहा से इतनी हिम्मत मिली और वो दत्त के बोली " बोहोत हो गया आपका । अब बस । अब में आपके एक बात नेही सुनूंगी और ना ही करूंगी । में अपने मन की करूंगी । मैंने फैसला किया है में उसके साथ भी रहूंगी चाहे आपको मंजूर हो या ना हो "


सरत बाबू के माथा जंजना गए गुस्से में नाग की तराह फंफनाने लगे । और गुंजन के गाल पे एक उल्टे हाथ का झड़ दिया " ऐसा क्या है जो मेरे पास नही । क्या में तुझसे प्यार नही करता हूं ।"


गुंजन हस्ते हुए अपनी पति की मजाक उड़ाते हुए बोली " हा हा हा हा । फुद्दू कही का । उसके पास वो जो है ना आपसे दो गुना बड़ा है । जब वो मैरी गहराई में जाता हे ना तो आपसे कही ज्यादा मेजा आता है । और आपकी तरह नही जो दो धक्कों में ढेर हो जाए । 30 से 40 मिनट तक मुझे खुश करता है । उसके हथियार में भी और कमर में भी आपसे चार गुना ताकत हे । विश्वास ना हो तो बोलना घर में बुला के आपके आखों के सामने कर के दिखाएगा कितना ज्यादा मर्द है आपसे । "




सरत मिया आंखे शर्म से झुक गया और गुंजन दो और थप्पड़ लगा के कमरे से बाहर निकाल गए । गुंजन हस्ती रही । उसे ऐसा महसूस होने लगा निर्दय और बेवफा बन के जैसे वो आजाद पंछी की तरह खुले आसमान में उड़ने लगी ।





सरत मिया पूरी तरह से टूट गए । अक्सर शराब खाने रात भर पड़े रहने लगे और घर में उसकी धरम पत्नी के साथ एक पराए मर्द आ के बिस्तर गर्म कर के चले जाते थे ।



बहकना और बेकाबू दोनो ही असबधान की पहली लक्षण है । चाहे कुछ भी हो संतुलन कभी नही खोना चाहिए ।







समाप्त
 
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गुंजन ने उसके गाल पे दातों के निसान बैठा के थोड़ी बूंद बूंद खून निकल दिए और मुस्कुराने लगी ।

कारेल मिया दर्द से गाल पे हाथ रख के तड़पते हुए बोला " क्या था ये । पूरा निशान बैठा दी । अब में बाहर क्या मुंह दिखाऊंगा "

" प्यार की निशानी समझ लो । कोविड का जमाना है मास्क पहने के निकलना बाहर ।" गुंजन ने आंख मार दी ।


कारेल मिया जोश में आ गए " अब तो तू गई " उसने वैसे ही बिना लन्ड गांड से निकलने दिए ही गुंजन को लेता दीया ।"


गुंजन समझ गई । " नही बेबी ऐसा मत करो । प्यार से करो बोहोत मजा आयेगा "

कारेल मिया मर्द अहंकार जाग चुका था और उसने लन्ड खिंच के सरसरते हुए गांड में जड़ तक घुसा दिया ।


" हौऊऊ , ओःःह्ह मर में " गुंजन करहा उठी और कारेल मिया के गले में ताकत से बाहें कस ली ।


कारेल मिया बिना रुके खींच खींच के धक्के लगाए जा रहे थे । और गुंजन की दर्द में भींची आंख चिल्लाती हुई खुले मुंह देख के संतुसी ले रहे थे । बेचारी गुंजन किसी तरह दर्द सहने कशिश कर रहे थे ।



कारेल मिया थक हार के कुछ देर बाद रुक अपनी कमर स्थिर कर लिया और गुंजन की होंठ चूस के बोले " मजा आया " और मुस्कुराने लगा

गुंजन हाफने लगी " उफ्फ । मजा । हेन्ह्ह इतना दर्द तो जब उन्होंने पहली बार किया तब भी इतना दर्द नही हुई । सच में फाड़ दी कुंवारी होती तो खून बहने लगते "


" यही मजा है गांड मरवाने में । मेरी गुंजन रानी "

गुंजन मुस्कुराई " भाभीजी से गुंजन रानी हुहूहू वाह मिया "

" सॉरी ज्यादा दर्द दिया ना वादा तोड़ दी मैंने ना "

" कोई बात नही मेरे प्यारे बेबी । ऊउम्महाह आप जैसे मर्द से दर्द लेना भी मजा है । "

" तुम खुश हो ना "

" हा पूरी तरह से । सच कहूं तो आपकी दीवानी हो गई "

" मेरी या मेरे लन्ड की हूं " कारेल मिया हसने लगे

गुंजन भी मुस्कुराने लगी । " आपसे भी लेकिन आपके उससे थोड़ी ज्यादा दीवानी हो गई । अब में कहती हूं की आप पूरी रात भर मुझे सोने ना दो । जो मर्जी करो "

" सच में । भोसड़ी बना के रख दूंगा "

" ची कितना गन्दा बोलते हो आप । उम्म्ह्ह्ह "





कारेल मिया फिर से शुरू हो गए । उसका जेनरेटर फिर चालू हो गया ।
 
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कारेल मिया के भी लन्ड ने जवाब दिया उनके लंड भी दर्द कर रहे थे । लेकिन उसने गुंजन को फिर भी रात के 4 बजे तक फिर एक बार गांड मारा और चूत भी एक बार मारा ।


नींद तो आनी थी इतनी घमासान तूफान मचाने के बाद । दोनो नींद में चले गए लेकिन कारेल मिया समझदार थे । उसने सोचा नौकर 7 या 8 बजे उठ ही जायेंगे भले नींद की दवाई खिलाई हो । इसलिए जोखिम लेना ठीक नही होगा और संजीदे से अपने कमरे में चला गया ।






सुबह की सूरज धीरे धीरे तापमान में बढ़ती कर के संकेत दिया की अब दोपहर हो चली है । 11 बजे गुंजन उठ गई । जैसे ही बिस्तर से जमीन ने पेड़ रखी उसने पूरे बदन में सुरसुरी दर्द के लहर दौड़ गई अनायेस ही उसकी मुंह से निकल गई " इस कमीने ने सच में तोड़ डाला मुझे "



वो घड़ी देख के शोक गई । सालो बाद वो 11 बजे उठ रही थी । उसे याद आई की जब उसकी शादी नही हुई थी और अपनी 12 वी की परीक्षा देने के बाद देर रात तक पोडोसी के घर टीवी देखती थी और दोपहर तक जागती नही थी और उसकी मां उसे बोहोत दादत्ती थी । उसके होंठ पे पुराने याद के नाम पर मुस्कान आ गई ।



वो फ्रेश होने बाथरूम में चली गई ।



नीचे गेस्ट रूम में अपने वादे के अनुसार कारेल मिया सूट बूट में तयार थे । बस गुंजन की उठने का इंतजार में थे । एक अलविदा के लिए बस सोफे पे बैठा था । उनके आंखे भी लाल थे जो बयान कर रहा था की उसकी नींद पूरी नहीं हुई थी ।



गुंजन एक पतली गाउन पहन के धीमी कदमों में चिढिया उतर के नीचे आई । देखा हाल में नौकरानी पोछा लगा रहे थे । उसकी नजर कारेल मिया को ढूंढ रही थी ।


दामुदार उसके पास आ के बोला " मालकिन आज इतनी लेट । नाश्ता लगाऊं "

" जी वो देर रात तक कुछ काम कर रही थी स्कूल के । वो मैनेजर बाबू को नाश्ता करा दिया ।"


" जी वो तो खुद अपने नाश्ते बनाए । हमने बोहोत माना किया पर वो नही माने और बना के नाश्ता भी कर लिया "

" अभी कहा है वो "

" जी अपने कमरे में "

" ठीक हे तुम जाओ में बाद में लंच ही कर लूंगी "
 
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गुंजन कारेल मिया की कमरे गई । देखा करेल मियां तैयार बैठा है ।

गुंजन को देख के कारेल मिया खड़े हो गए " आप उठ गई । में आपका ही इंतजार कर रहा था भाभीजी । "


गुंजन ने ध्यान दिया काल रात के कारेल मिया से आज के कारेल मियां बिल्कुल अलग अंदाज में लग रहे है । बिल्कुल पहले जैसे की तरह जब उसे अपने घर मिला था पहले । " आप कही ।"

" जी हां । अब मेरा आपसे विदा लेने का वक्त हो गया है "

गुंजन की नजरे झुक गई और इधर उधर कमरे की दीवारों को देखते हुए बोली " ठीक है जैसे आप चाहे "

कारेल मिया भी कुछ पल चुप रहे उसके नजरे भी इधर उधर घूमने लगी और फिर हात आगे बढ़ा दिया । गुंजन भी मुस्कुरा के उससे हाथ मिलाई ।


दोनो कुछ पल एक दूसरे की आखों में खो गए । कारेल मिया बोले " 2 मिनट का झप्पी मिलेगी ।"

गुंजन मुस्कुराते हुए उसके बाहों में समा गई । कारेल ने उसे बाहों में भर के उसके गर्दन पे मुंह छुपा लिया । दोनो एक दूसरे की महक को जहन में लेते हुए एक दूसरे को महसूस करने लगे ।

कारेल मिया बोले " क्या में आपकी उसपे एक बार चूम चकता हूं "

" उसपे किसपे "

" आपकी सुंदर चूत पे । बस एक आखरी याद के लिए और बिदाई के लिए । प्लीज माना मार करिएगा । मेरी रिक्वेस्ट है आपसे "


गुंजन ने कोई जवाब नही दी । और उसकी चुप्पी को हा समझ के कारेल मियां ने पहले दरवाजा लॉक किया और फिर गुंजन को बिस्तर पे बिठा दिया ।


गुंजन की गाउन घुटनों तक ही थी । कारेल ने उसकी गाउन कमर तक उठा दिया और ब्लेक पैंटी को उतार फेका और अपनी लप्लापति हुई जीव से छुआ । गुंजन करह उठी इईससहहह कर के ।

" क्या हुआ "

" दुख रही है "

कारेल मियां मुस्कुराने लगे । गुंजन भी शर्माती हुई मुस्कुराने लगी । कारेल मियां आराम से अपनी जीव गीला कर चूत को प्यार से चाटने लगा । गुंजन को थोड़ी राहत मिली ।
 
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कारेल मियां की ईमान फिर से डालने लगे । और खड़े हो गए । अपनी बेल्ट के बॉकलेट खोल के पेंट उतरने लगे । गुंजन बैठी बैठी बस देख रही थी । वो समझ नही पा रही थी की वो उसे रोक या उसे करने दे जो कारेल मियां चाहता हे ।





कारेल मिया अपनी पेंट और चड्डी नीचे कर के थोड़ा झुक के गुंजन की गीली चूत में लन्ड का सुपाड़ा घुसा दिया .।

" इस्ससस । ऊप्ससस नही " गुंजन दर्द से मुंह बनाने लगी ।

" क्या हुआ "

" में बता नही सकती कितना जलन हो रही है । सच में बोहोत बोहोत बोहोत दुख रहा हे "

कारेल ने उसे लिटा दिया और खुद झुक के इसके ऊपर चढ़ के बाहों भर के उसकी शिर पे प्यार से हाथ फेरने लगे नाक से नाक रगड़ने लगे । " देखा अब तक असली मर्द के पल्ल में ना पड़ने का नतीजा "

गुंजन फूस फूसा के बोली "मत जाओ "

कारेल मिया उसकी आखों में देखने लगे । पहली बार किसी औरत ने उसे इतनी प्यार से मत जाओ बोला था । उसके दिल उभर आए । लेकिन वो अपना असूल जनता था " काल मैने आपको बहकाया था । अगर आज आप मुझे रोकेगी तो आपके पति के ले आपकी वेफाई होगी "

" अभी जो हो रहा है वो क्या हे "

" ये तो हमारा एक रात की दास्तान खत्म करने के लिए अलविदा कहने का प्यार है । यही मेरा अंदाज ही बिदा लेने का "

गुंजन चट्ट की तरफ देखती रही । उसे कुछ समझ नहीं आ रही थी की उसने क्यू कारेल मिया को रुकने को बोल रही थी ।

" कही आपको मुझसे प्यार तो नही हो गया । "

" नही । बस आपसे बुरी तरह से अट्रैक्ट हो गई हूं "


दोनो एक दूसरे की आखों मैं प्यार भरें नजरो से देखा रहें थे । गुंजन को कारेल मिया की कातिल नशीली आंखों में खो जाने का मन कर रहा था ।

कारेल मिया बोले " मेरे चार बच्चे हे दो बीवी हे। में किसी और से रिश्ता नही रख सकता अगर में येहा रुका तो मुझे दर है की आपसे किसी तरह रिश्ता बन जायेगा । आप वो हो जो किसको भी लत लगा सकती हो बला की खूबसूरत हो आप "

" क्या ने इतनी खूबसूरत हूं ।"

" हां बोहोत "

" आप दो बीवी कैसे संभाल लेते हो । क्या दोनो को एक दूसरे के बारे में पता है "

" हा पता है । एक गांव में और इस शहर में मेरे साथ । हमारे रिवाज में चलता है । "

" आपकी अंदाज मुझे बोहोत पसंद है जिस तरह से आप बोलते हे जैसी आपकी गंभीर वजनी आवाज हे उफ्फ " गुंजन उसकी होंठ चूसने लगी।
 
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कारेल मिया भी उसकी होंठ चूसते हुए अपनी कोट उतरने लगे । गुंजन ये देख कर करेल मिया की शर्ट के बॉटन खोलने लगे ।



दोनो दो पल में पूरी तरह से नंगे हो गए । कारेल मियां गुंजन को लिटा के उसकी शिर पे एक तकिया रख के और कमर के नीचे एक तकिया रख के अपनी लंड पे थूक मल के गुंजन की चूत भेद कर दिया ।


गुंजन की चीख पूरे कमरे में गूंज उठी । कारेल मिया उसकी मुंह दबा के बोला " नौकर सुन लेंगे "


गुंजन रूवानि सी आवाज में बोली " तो क्या करू एक रात में फाड़ के रख दी । बोहोत दर्द हो रहा हे "

कारेल मिया उसके होंठ चूस के बोला " अब भी मुझे रुकने को बोलोगी । ऐसे ही दर्द देता रहूंगा आपको "

गुंजन मुस्कुरा के बोली " मुझे मंजूर हे पर अभी छोड़ मुझे नही तो सच में मर जाऊंगी में "

" आपकी पति की इत्तजत उतार लूंगा में । बोहोत गंदा गंदा बोलूंगा में " कारेल मिया सरारत पे उतर आए

गुंजन भी मुस्कुरा के मझाक में बोली " उतार तो रहे हो उनकी बीवी को रात भर भी और अभी ले रहे हो "

कारेल मिया उसकी मांथा चूम के बोला " आप बोहोत प्यारी हो "

" आप भी । प्लीज रूक जाओ उनके आने तक ।"

कारेल उसकी मुंह पे हाथ रख के जोरदार धक्के लगाने लगे । गुंजन दर्द में तड़पती हुई चादर मुट्ठी में खींचने लगी । लेकिन कारेल मियां का विरोध नही की उसने फिर भी ।

कारेल मियां कुछ देर बाद रूक गए । धक्के लगाना बंद कर दिया । गुंजन राहत की सांस लेने लगी ।

" सरत बाबू को फोन लगाओ । उनसे मजा लेते हैं "

" क्यू उनको परेशान कर रहे हो । में फोन नही लाई "


" ऐसे ही थोड़ा मजाक करते है " और अपना फोन दे के बोला " ये लो मेरे फोन से करो "

गुंजन ने अपनी पति के नंबर पर फोन लगाया । कैरल मिया उसके बगल में लेट गए और अपना हाथ गुंजन की जिस्म से खेलने लगे ।

सरत बाबू फोन उठा के बोला उधर से " हा मिया बोलो "

" जी में हूं " गुंजन धीमी आवाज में बोलि ।

कारेल मिया ने स्पीकर पे डाल दिया ।

" डार्लिंग तुम । तुम मिया के मोबाइल से क्यू फ़ोन कर रही हो । "

" जी लगता हे मेरे फोन का बैट्री खराब हो गई है चार्ज ही नही ले रही तो । मैनेजर बाबू को फ़ोन ले लिया "

" तुम हो कहा । आज स्कूल नही गई क्या ।"

" जी नही। मन नही कर रहा था । में कमरे में हूं अपने "

" मैनेजर बाबू को ही बुला लेते उनके साथ गुटुर्गु कर लेते हा हा हा "

कारेल मिया मुंह पे हाथ रख से हसने लगे । गुंजन भी मुस्कुराने लगी ।
 
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" अरे क्या हुआ । में मझक कर रहा था "

कारेल मिया गुंजन की कान में फुसफुसाने लगे " उनको बोलो की सच में उसे बुला लूंगी "

गुंजन भी ऐसा ही बोला " मजाक मत करो सच में बुला लूंगी उसे फिर रोते रहना आप "

" हा हा हा । अरे उसका का मेरे से भी बुरा हाल है । उसका तो खड़ा ही नहीं होता । तुम्हे ही रोना पड़ेगा हा हा हा "


गुंजन अपनी मन में बोली " काश आपको पता होता की आपकी दोस्त मैनेजर ने आपकी बीवी क्या हालत कर दी है "

" क्या हुआ डार्लिंग "

" कुछ नेही । आप हो कहा "

" वो में कार में हूं । मीटिंग के लिए निकला हूं "

" कार और भी कोई है "

" अरे नही ड्राइवर कार चला रहा है । में अकेला पीछे बैठा हूं । तुम बोलो कोई बात नही । नही सुनेगा वो "

कारेल मिया फिर कान में बोला गुंजन को " उनको बोलो की मैनेजर बाबू को बुला के चेक करू क्या "

" मैनेजर बाबू को बुला के चेक करु क्या । " गुंजन ने मुस्कुराते हुए मझकिया अंदाज में बोली

" हा हां । हां कर लो "

इस बार गुंजन ने लाईन पकड़ ली और खुद बेशरम हो के बोली " मान लो जी अगर उनका खड़ा हो गया और उसने मुझे कुछ कर दिया तो । तो फिर "

कारेल मियां और गुंजन एक दूसरे की आखों में देखने लगे और एक दूसरे की गाल हॉट सहलाते हुए प्यार करने लगे ।

" हा हा । कर दिया तो कर दिया उसने क्या तुम्हे भी मजा आयेगा "

" अच्छा जी । सुना है उन लोगो का बोहोत बड़ा होता है "

" तो तुम्हे और ज्यादा मजा आयेगा "


कारेल मिया बोले कान में " बोलो की तुम्हारी भोसड़ा बना देगा "

गुंजन अशिलिल शब्द बोलने में झिझकती थी " अगर उसके बड़े डंडे ने मेरी चूत बड़ा कर रख दी तो । फिर तो आपकी कुये में हाथ डालने जैसा होगा जी "


" डार्लिंग लगता तुम मूड में इसलिए वो क्या कहते है फैंटेसी बाते कर रही हो इतनी ।"

" इस लिए कह रही हूं जल्दी आओ नही तो में सच में मैनेजर बाबू के साथ गपा गप कर लूंगी "

" हा तो जाओ करो "
" रुको सच में जा रही हूं "

" हा जाओ ना । रोका किसने तुम्हे "

कारेल मिया ने फोन कट दिए । सरत बाबू अपनी बीवी की मज़ाक मझक में ही ले लिए । बेचारे पति ।
 
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कारेल मिया फिर गुंजन चूत में लंड घुसाने लगे । गुंजन रूवानी आवाज में कहारने लगी " प्लीज अभी मत करो ना । आह्ह्ह्ह्ह उई मां मर गई । ओह , इससस बाबा " गुंजन कारेल मिया की छाती पे हाथ से धकेलने की कशिश कर रही थी ।


लेकीन कारेल मिया धीरे धीरे उसे चोदे जा रहे थे । कुछ देर बाद गुंजन भी गर्म हो गई और उसकी चूत से कामरस रिचने लगी जिससे उसे थोड़ा दर्द कम हो गई और मीठा दर्द के साथ मजा भी आ रही थी ।


कारेल मियां बोले " गुंजन तुम मेरी बेगम होती तो हर साल बच्चा पैदा करवा लेता हम्मम।"


गुंजन उसको बाहों में भींच के बोली " हा बेबी । उन्न्ह्ह मुझे भी मजा आता आपके बच्चा पैदा करने में उउम्ह । "

" मजा आ रहा है ।"

" हा । थोड़ा दर्द भी हो रहा ही उउम्मम "

" ऐसे ही तुम्हारी में भोसड़ा बनाऊंगा । *"

" इससस बना दो "

" फिर सरत बाबू का होगा हा "

कारेल मिया गुंजन की आखों में देखने लगे । गुंजन भी बेशर्मी से कामउत्तेजित में बोली " उनका वैसे भी कोई काम का नही है । "

" में तुम्हे रोज चोदूंगा । दोगी ना "

" हा दूंगी । आह्ह्हह्ह लेकिन कैसे *"

" स्कूल के छुट्टी के बाद तुझे कही ले जा के तेरी जम के लूंगा "

" ऊऊऊऊऊ मां सच में , आह्ह्ह बेबी उन्न्ह्ह , फाक मी फाक मि , "

" में तुम्हारा नए शोहोर बनूंगा । बनोगी मेरी बेगम "

" हा बेबी हा । ऊप्सससस "



कारेल मिया उसे अच्छी तरह से बाहों में कस के धक्के मारते गए मारते गए । गुंजन थोरी दर्द और दुग्नी आनंद में बहती गई । एसी बंद था तो दोनो पसीने से लठ पथ हो गए।
 
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एक हफ्ता पूरा होते ही सरत बाबू अपनी घर लौट आए । वो अपनी पत्नी से मिल के बोहोत खुश हुए । कारेल मिया जा चुका था एक दिन पहले ही जब उसे सरत मिया का फोन आया की वो रिटर्न फ्लाइट ले रहे थे ।




गुंजन खुश थी लेकिन दिल में अपने पति से की गई वेफाई की पछतावा खाए जा रही थी । सरत मिया की मीठी मुस्कान देख के वो फिर से पुरानी वाली गुंजन बनना चाहती थी लेकिन उसे बनने नही दे रही थी । कोई बार वो सरत बाबू को बताना चाहती थी की उसने गुनाह की हे ।




लेकिन डरती थी कही सरत बाबू के नर्म दिल टूट के बिखर ना जाए । जिंदगी भर के लिए जो वादा किया था उसपे विश्वास करने की उस विश्वास का मर्यादा बुलंघन कर चुकीं थीं ।



गुंजन लगता था सरत मिया प्यार के खातिर उसे माफ कर देंगे लेकिन जब भी बताने का फैसला करती तो उसे एक दर सताती की माफ कर भी दिए तो क्या वोही रिश्ता कायम रहेगा । जब भी उससे नजरे मिलाएगा उसकी पति तो उसे याद आ जायेगा उसके प्यार का गला घट बेवफाई की ही है उसकी धरम पत्नी ने ।





हर रात बिस्तर पे सरत बाबू को खुश करने में कोई कसर नही छोड़ती और खुद को कसूरवार मानना नही छोड़ती । गुंजन बोहोत बड़ी दुविधा में पर गई थी ।



हर दिन स्कूल के छुट्टी के वक्त जब वो बाहर निकलती तो दिया करती की कारेल मिया उसका इंतजार ना कर रहा हो । लेकिन कारेल मिया गुंजन से फिर कभी नही मिला । धीरे धीरे गुंजन को एहसास हो गया की कारेल मिया के लिए वो बस दो रात की चांदनी थी । और वो कारेल मिया पूरी तरह से भूलने लगी ।



कहते है वक्त हर जख्म भूला देता है । गुंजन भी उस याद को धीरे धीरे दफन कर रही थी । दिन बीतने लगे गुंजन खुद मजबूत कर के आगे बढ़ रही थी । लेकिन वो अपने पति को सच एक ना एक दिन बता के रहेगी और मुक्त हो जायेगी उस पछतावे से ।


उसे आगे बढ़ना ही था । पति के संसार के साथ दो बच्चे भी थे । मां की धर्म ने उसे आगे बढ़ने में मदत की । एक साल हो गए उस बात को बच्चों के साथ छुट्टियां बिता के वो बेहतर रिश्ता निभाने लगी ।
 
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एक दिन सरत बाबू अपने काम से लौटे । गुंजन उसके बेग उठा के कमरे में गई । सरत बाबू धम से सोफे पे बैठ गए ।



" दामूदार "


दामूदार दोरता हुआ अपने मालिक के सामने हाजिर हो गए । " जी मालिक "

" तुम सारे अपने अपने क्वार्टर में जाओ जब तक ने ना बुलाऊं कोई आना मत येहा "

" जी मालिक । हमसे कोई गलती हो गई क्या "।

" सुना नही मैने क्या कहा " सरत बाबू चिल्ला उठे ।

अपने मालिक को पहली बार गुस्से में देख के दाकुदार कांप उठे और चूहे की तरह शिर झुकाए उल्टे पाओ लौट गए और सभी नकुरों को क्वार्टर में ले गए ।


हल्ला चुन के गुंजन दौरी चली आई ।

" क्या हुआ आप दाकुदार को डांट क्यू रहे थे ।"

" डार्लिंग तुम बैठो ना यहां "

गुंजन उसके पास बैठ गई । सरत बाबू मुस्कुराते हुए अपनी पत्नी की हाथ पकड़ के बड़े प्यार से बोला " डार्लिंग में कैसा पति हूं । अच्छा या बुरा "

गुंजन हंस पड़ी " ज्यादा पी के आए हो क्या आज "

सरत बाबू भी हंस पड़े " हा लेकिन आज पता नही क्यों चढ़ ही नही रहा है । लगता हे 5 स्टार वालों ने नकली शराब पिलाना सुरु कर दिया है । सब सेल भ्रष्ट होने लगा हे । ये दुनिया भी एक दिन पाप से भर जाएगा । "


गुंजन अपनी बालो को सवार के अपनी पति के कंधे पे शिर रख के बोली " क्या हुआ जी । क्यू इतने गुस्से में हो आज । "

" नही गुस्सा नही हू । बस मेरा भरोसा टूटा है आज । बोहोत बुरी तरह से "

" क्यू । बिजनेस में कोई परेशानी आई हे क्या "

" नही कोई परेशानी नही है बेपार में । बस किसी ने मेरे साथ बिस्वासघाट किया हे इसलिए दिल टूट गया हे "

" अच्छा । किसने किया ऐसा "

" डार्लिंग मुझसे अब रहा नही जाता बता ही देता हू । आज में कारेल मिया के साथ । बड़े दिन बात हमने एक साथ पि । उसकी एक कमजोरी है जब वो बोहोत पिता है ना तो वो टोटे की तरह बोलने लगता हे । और उतने बताया कि छे महीने पहले किसी औरत के साथ सेक्स किया था 4 दिन तक । और पता हे वो औरत मेरी धरम पत्नी थी "
 
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गुंजन थर थर कांपने लगी । वो झट से खड़ी हो गईं। उसके पीछे पीछे होने लगे । उसे उम्मीद नही थी की एक दिन उसे अपने गुनाह का सामना करना भी होगा ।


सरत बाबू खुद को रोक नहीं पाए और बच्चो की तरह फूट फूट कर रोने लगे । " क्यू किया ऐसा तुमने मेरे साथ । हा क्यू किया ऐसा "


गुंजन भी रोने लगी और अपने पति परमेश्वर के पेड़ो में गिर गई " प्लीज मुझे माफ कर दो । प्लीज उसने मुझे नशे में बहकाया । में आपको बताने वाली थी लेकिन में बता नही पा रही थी । प्लीज मुझे माफ कर दो "


सरत बाबू गुस्से में चीख उठे " पहले दिन बेहकाया बाकी तीन दिन का क्या हा । क्यू किया ऐसा । क्या नही किया मैने तुम्हारे लिए । किस बात की कमी महसूस होने दी जो मेरे साथ ऐसा धोखा किया "


गुंजन फूक फुक के रोने लगी " प्लीज मुझे माफ कर दो । आप मुझे जो सजा देना चाहते है दीजिए मारिये पीटीए कुछ भी किजिए पर मुझे माफ कर दीजिए । प्लीज माफ कर दो "



सरत बाबू के दिल टूट के चूर चूर हो गया था । जिस चीज को अपने जान से ज्यादा प्यार करता था वो बेवफा निकली । करे भी तो क्या करे धूल की तरह झड़ के उस चीज को अपनाए फिर से । नही अब उससे ये नही हो पाएगा । एक दिन सब कुछ था उसके पास जो वो कुर्बान कर के नई जिंदगी की तलाश में निकला था और तब उसे एक जिंदगी मिला था लेकिन आज वो जिंदगी हो कर भी नही हे । उसका खून मानो पानी हो गया ।





दिलों जान से चाह कर भी वो अपनी ना हो पाए तो आदमी बौखला जाता है । खास जब उसे उस इंसान से धोखा मिले । सरत बाबू सायेद ही किसी के ऊपर हाट उठाए होंगे अपनी जिंदगी में । वो आवेग में गुंजन की मुंह पर जोर से लात मार कर घर से बाहर निकल गया ।

गुंजन मुंह पे लात खा के दो फीट दूर गिर पड़ी । आज उसे महसूस हुआ की किसी दिल के सच्चे भावनाओं की । जो इंसान आज तक उसे हाथ तक नहीं लगाया एक डांट तक नही लगाया । उस इंसान ने उसे आज लात मारा था मुंह पे । कितना नफरत भर गया होगा उसके दिल में ।
 

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