Adultery पत्नी खुश तो पति भी खुश (लघु कथा)(completed)

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सरत मिया शाम को घर लौटे । रात को उसका मन रोमासिट हो गया और अपनी धरम पत्नी के उपर चढ़ गए । गुंजन ने भी चढ़ने दी ।

लेकिन जब सरत बाबु की नजर अपनी धरम पत्नी की मोटे चूचे पे दात के लाल निशान देखे तो उसे समझाने में देर नहीं लगा और गुस्सा हो कर चिल्लाए " तुम फिर से इस कुत्ते साथ । "

गुंजन एक पल के लिए दर गई अगले ही पल उसे नजाने कहा से इतनी हिम्मत मिली और वो दत्त के बोली " बोहोत हो गया आपका । अब बस । अब में आपके एक बात नेही सुनूंगी और ना ही करूंगी । में अपने मन की करूंगी । मैंने फैसला किया है में उसके साथ भी रहूंगी चाहे आपको मंजूर हो या ना हो "


सरत बाबू के माथा जंजना गए गुस्से में नाग की तराह फंफनाने लगे । और गुंजन के गाल पे एक उल्टे हाथ का झड़ दिया " ऐसा क्या है जो मेरे पास नही । क्या में तुझसे प्यार नही करता हूं ।"


गुंजन हस्ते हुए अपनी पति की मजाक उड़ाते हुए बोली " हा हा हा हा । फुद्दू कही का । उसके पास वो जो है ना आपसे दो गुना बड़ा है । जब वो मैरी गहराई में जाता हे ना तो आपसे कही ज्यादा मेजा आता है । और आपकी तरह नही जो दो धक्कों में ढेर हो जाए । 30 से 40 मिनट तक मुझे खुश करता है । उसके हथियार में भी और कमर में भी आपसे चार गुना ताकत हे । विश्वास ना हो तो बोलना घर में बुला के आपके आखों के सामने कर के दिखाएगा कितना ज्यादा मर्द है आपसे । "




सरत मिया आंखे शर्म से झुक गया और गुंजन दो और थप्पड़ लगा के कमरे से बाहर निकाल गए । गुंजन हस्ती रही । उसे ऐसा महसूस होने लगा निर्दय और बेवफा बन के जैसे वो आजाद पंछी की तरह खुले आसमान में उड़ने लगी ।





सरत मिया पूरी तरह से टूट गए । अक्सर शराब खाने रात भर पड़े रहने लगे और घर में उसकी धरम पत्नी के साथ एक पराए मर्द आ के बिस्तर गर्म कर के चले जाते थे ।



बहकना और बेकाबू दोनो ही असबधान की पहली लक्षण है । चाहे कुछ भी हो संतुलन कभी नही खोना चाहिए ।







समाप्त
 
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सरत मिया ने अपने कमरे अलग कर लिए । देर रात तक घर आता था पी कर और सुबह देर तक जागता था । धीरे धीरे गुंजन को अपने पति के सकल तक देखना नसीब में नहीं रहा ।
।।


कोई बार कोई बहाने से या किसी चीज देने के बहाने अपने पति से बात करने करीब जाती थी लेकिन हमेसा उसके हाथ से चीन के चीज़े लेता था सरत बाबू या फिर मुंह फेर के दूर हो जाता था बेरुखी से । गुंजन की दिल सल्ली हो जाती थी ।



जब बच्चे घर आते थे छुट्टी पे तो सरत बाबू नाटक करते थे । उसी बहाने गुंजन अपने से दो बातें कर पाती थी ।



दिन बिट के साल में बदल गए । गुंजन ने स्कूल की जॉब से भी इस्तीफा दे दी । और पूरा दिन घर के कोने में पड़ी रहती थी । कभी कबर कुकिंग शो देख के अपने पति के लिए खाना बनाती थी । लेकिन सरत बाबू शराब के नशे में घर आते और सौ जाते थे । बाद में बेचारी अकेले ही दो निवाला ठूस के सो जाती थी ।






एक दिन सरत बाबू जब घर आए तो वो अपनी धरम पत्नी से बड़े प्यार से बात । गुंजन की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा । वो झूम रही थी ।



" डार्लिंग ये देखो में क्या लाया हू "

" क्या लाए हो "

" ये दो टिकट । लेस आइलैंड की । हम वाहा घूमने जा रहे हे "


गुंजन सरत बाबू की छाती पे चिपक गई और रो रो के बोली " आपने मुझसे आज बात की । में बता नही सकती की में कितनी खुश हूं "


सरत बाबू गुंजन को बाहों में भर के प्यार से बोला " डार्लिंग मुझे माफ कर दो । तुम्हारे साथ मैंने बोहोत जायत्ती की ।"

" नही कुछ मत बोलिए । में इसी लायक हूं । "

* " नही डार्लिंग ऐसा मत बोलो । में शराब के नशे पागल हो गया था । लेकिन अब अक्कल ठिकाने पे आया है । अब में तुम्हारे साथ नई जिंदगी शुरू करना चाहता हूं "

" हां में भी । प्लीज आज मुझे जी भर के प्यार कीजिए ।"

सरत बाबू उसके लवो को पीने लगे । दोनो पति पत्नी एक दूसरे को बिस्तर पे ले गए ।

उस रात भले ही सरत बाबू 2 मिनट में पानी फेंक लेकिन अपनी कलकारी से अपनी धरम पत्नी को संतोष कर दिया ।
 
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दूसरी सुबह ही पहले फ्लाइट से लेस आइलैंड जाने वाली डॉक पे पोहोच गए फिर क्रूज जहाज जहाज से लैस आइलैंड पोहोच गए । दोनो पत्नी पत्नी पहली बार बड़े जहाज में सफर कर बोहोत लुफ्त उठाया ।





इस आइलैंड ज्यादा तर आदिवासी लोग निवास करते थे । लेकीन वो लोग बोहोत विकसित थे । बाबा अदम जमाने की पेड़ के पत्ते या खाल या जानवर की खाल पहन के गुजारा नहीं करते थे । दुनिया की एडवांस टेकोलॉजी वो लोग भी आम लोगो की तरह इस्तेमान करते थे ।





वोहा हर तरह के ट्यूरिस्ट आते थे देश बिदेश से फिरंगी , सैख लोग ज्यादा आते थे । वाहा गोबरमेंट का कानून नही चलता था । वाहा पूरे आइलैंड का सरदार हुआ करता था । और उसका ही राज चलता था ।




एक हफ्ते तक पूरी मौज मस्ती की आइलैंड में घूमना फिरना खेलना कूदना । कुछ नए विदेशी लोगो से जान पहचान करना । और खास मस्ती की दोनो ने वहां के अफीम का नशा कर के । गुंजन करना तो नही चाहती थी लेकिन सरत बाबू के कहने पर उसने नशा की । लेकिन उसे भी नशे में रंग बिरंगी आसमान देख के किनारे बाकी टूरिस्ट की तरह दोनो शॉर्ट्स और बिकिनी में घूम के मजे लिए ।



एक दिन दोनो अपनी रिजॉर्ट में तैयार हो रहे थे शाम की पार्टी के लिए । तभी कुछ लोग बड़े बड़े बंदूक के साथ गेंदे जैसे आदमी का झुंड वाहा रिजॉर्ट में घुस आए ।



सरत बाबू और गुंजन बुरी तरह से घबरा गए । लेकिन सरत बाबू बाद में मुस्कुराए ।


उनके गेंदे जैसे गुंडों में एक नाता आदमी आगे आया और बोला " वक्त हो गया है सरदार से मिलने का "



सरत बाबू बोले " ठीक हे हम आपके साथ चल रहे हे "


गुंजन कुछ समझ नही पा रही थी और अपने पति से फुसफुसा रही थी " ये क्या हो रहा है ।
 
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दूसरी सुबह ही पहले फ्लाइट से लेस आइलैंड जाने वाली डॉक पे पोहोच गए फिर क्रूज जहाज जहाज से लैस आइलैंड पोहोच गए । दोनो पत्नी पत्नी पहली बार बड़े जहाज में सफर कर बोहोत लुफ्त उठाया ।





इस आइलैंड ज्यादा तर आदिवासी लोग निवास करते थे । लेकीन वो लोग बोहोत विकसित थे । बाबा अदम जमाने की पेड़ के पत्ते या खाल या जानवर की खाल पहन के गुजारा नहीं करते थे । दुनिया की एडवांस टेकोलॉजी वो लोग भी आम लोगो की तरह इस्तेमान करते थे ।





वोहा हर तरह के ट्यूरिस्ट आते थे देश बिदेश से फिरंगी , सैख लोग ज्यादा आते थे । वाहा गोबरमेंट का कानून नही चलता था । वाहा पूरे आइलैंड का सरदार हुआ करता था । और उसका ही राज चलता था ।




एक हफ्ते तक पूरी मौज मस्ती की आइलैंड में घूमना फिरना खेलना कूदना । कुछ नए विदेशी लोगो से जान पहचान करना । और खास मस्ती की दोनो ने वहां के अफीम का नशा कर के । गुंजन करना तो नही चाहती थी लेकिन सरत बाबू के कहने पर उसने नशा की । लेकिन उसे भी नशे में रंग बिरंगी आसमान देख के किनारे बाकी टूरिस्ट की तरह दोनो शॉर्ट्स और बिकिनी में घूम के मजे लिए ।



एक दिन दोनो अपनी रिजॉर्ट में तैयार हो रहे थे शाम की पार्टी के लिए । तभी कुछ लोग बड़े बड़े बंदूक के साथ गेंदे जैसे आदमी का झुंड वाहा रिजॉर्ट में घुस आए ।



सरत बाबू और गुंजन बुरी तरह से घबरा गए । लेकिन सरत बाबू बाद में मुस्कुराए ।


उनके गेंदे जैसे गुंडों में एक नाता आदमी आगे आया और बोला " वक्त हो गया है सरदार से मिलने का "



सरत बाबू बोले " ठीक हे हम आपके साथ चल रहे हे "


गुंजन कुछ समझ नही पा रही थी और अपने पति से फुसफुसा रही थी " ये क्या हो रहा है
 
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" आप इन सबको कैसे जानते है "

सरत बाबू गुंजन को खीच के कमरे में ले गया और चुप रहने को बोला । फिर बिस्तर के नीचे से एक बेग निकल के चैन खोल के चेक किया सरत बाबू ने ।


बेग की सामान देख के गुंजन का मुंह खुल के आखें बाहर निकल आई " इतना सारा सोना । ये गोल्ड बार हे ना "

सरत बाबू मुस्कुरा के बोला " ये बिस्किट हे बिस्किट । ये बेस के हम अमीरों से अमीर हो जायेंगे । में बोहोत बड़ा बिसनेस मेन बनूंगा "


" क्या । इसका मतलब आप सोना तस्करी कर लाए हो । आप ये सब भी करने लगे । कबसे । नही नही आप गलत काम नही कर सकते आप ऐसा नही हे । आप अच्छे इंसान हे । ये जहा से लाए हे वोही से बापच कर देंगे हम "

सरत बाबू लाल आंखे दिखा के बोला " मुझे मत शीखाओ की मुझे क्या करना है । अच्छे बन बन के बन बन के सिर्फ धोखा खाया हे । खुद के जिगरी दोस्त और बीवी से भी धोखा खा गया हूं । अब चुप रहो मुझे जो अच्छा लगेगा वो में करूंगा फटे में टांग मत अड़ा "

बेचारी गुंजन शर्म और दुख से नज़रे झुका ली । सरत बाबू बेग ले के अनलोगो के पास आ गए गुंजन बेचारी मजबूर थी वो पति पीछे पीछे निकल पड़ी ।



दोनो को हेलीकॉप्टर से सरदार के पास ले गए । पहले दोनो को एक अंधेरे कमरे बिठा के रखा आधे घंटे तक । फिर एक रोशन दान कमरे में ले गए दोनो को ।


जहा पूरा कमरा सोने की चीजों से सजा हुआ था सिर्फ चार दिवारी छोड़ के । कमरे के बीचों बीच एक बड़ा ही सान दार टेबल था । और एक चेयर था जिसके पास एक आदमी खड़ा था । जो कोयले की खदान से निकला हुआ काला था । छोटे घुंगराले बाल मोती नाक बड़े काले होंठ । 7 फीट ऊंचाई हटते कट्टे थे । और वाही था सरदार जो सिर्फ एक कैप्री पहन खड़ा था ।


सरदार बोला " show the goods "

सरत बाबू ने बेग खोल के सोना दिखाया । और सरदार ने एक गोल्ड बार उठा के जीव से सख के रख दिया " the goods are right ....Put your money in it and send it to your account.... " उसने सरत बाबू की तरफ अपना लैपटॉप दिए ।

सरत बाबू खुशी से अपने अकाउंट में टाई किया हुआ रकम डाल के भेज दिए ।
 
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सरत बाबू खुशी से बोले " ठीक है सरदार जी अब हमे निकलना होगा । "

सरदार " anhaa । The deal hasn't been completed yet......"

" मतलब सरदार जी डील तो हो गया । सोना आपके पास और मैंने अपना पैसा ले लिया "


" no bro ! According to the deal, your wife will sleep with me. that's the deal ......"



गुंजन की ये सुन के पेड़ो तले जमीन खीचक गई । गुंजन अपने पति के तरफ हैरानी से देखते हुए बोली " आपने मेरा सौदा किया है "

सरत बाबू ना में शिर हिलाने लगे । " अरे नही "

गुंजन गुस्से में बोली " में अभी के अभी यहा से जा रही हूं "

गुंजन कमरे से बाहर निकल गई । उसके पीछे पीछे गया और दोनो की हार्ट अटेक्ट आते रह गए । सामने दो लास पड़ी थी एक स्त्री की और एक पुरुष की ।


नाता आमदी गांड दिखाते हुए बोला " जो सरदार जी की बात नही मानेगा वो उसकी यही दशा होगी । ओ मोहतरमा तू जा अंदर । और तू साला हरामी वाहा बैठ । "


गुंजन दर के मारे कांपती हुई हाई हील के साथ टीक टॉक कर के कमरे के अंदर चली गई ।

सरदार हाथों में गान ले के खड़ा था । गुंजन को देख मुस्कुराते हुए चमकती हुई सड़े दात दिखाने लगा । और धीरे धीरे गुंजन के करीब आने लगा ।

गुंजन दर के मारे कांपने लगी और पीछे होने लगी " प्लीज मुझे जाने दो सरदार जी । I beg you let me go .... प्लीज "


गुंजन दीवार से टकरा गई पीछे । सरदार ने एक अफीम की सिगरेट जला के गुंजन के क़रीब आ गया था और सिगरेट गुंजन के मुंह में जबरदस्ती ठूस दिया " If you don't smoke a cigarette, I'll shoot you"


गुंजन घबराते हुए अफीम की सिगरेट पी गई एक दम दो दम के । आखरी दम मारते ही उसकी शिर भारी होने लगा और रंग बिरंगी दिखाई देने शुरू हुए ।


गुंजन उस वक्त एक लो स्लीव टॉप और शॉर्ट स्कर्ट पहनी हुई थी । सरदार ने उसे बगल में हाथ घुसा के बच्ची की तरह उठा के टेबल पे बैठा दिया और उसकी स्कर्ट की बटन खोल के पूरी स्कर्ट ही फाड़ दिया । गुंजन और घबरा गई और रोने लगी । गुंजन ने आखरी बार कशिश की " प्लीज मुझे जाने दो । प्लीज रहम करो "

लेकिन सरदार ने कमीने मुस्कान से शिर ना में हिलाया ।
 
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और उसने अपनी कैप्री उतर फेका । उसका कोयले जैसा कला लन्ड पहले से खड़ा था । जिसे देख गुंजन की हलक में सांस आतकी । उसने पोर्न मूवीज में नीग्रो का ऐसा लन्ड देखा था जो 8,9 इंच का लंबा होता हे और बोतल जितना मोटा था ।





सरदार ने उसकी पैंटी भी फाड़ दिया। गुंजन रो रो के हाथ जोड़ के बिनती करने लगी लेकिन उसने एक ना सुना और गुंजन की टांगे फैला उसकी चूत में लंड घुसाने लगा सूखा सुखा ही ।



" आहाईईईईई । " गुंजन की चीख सरत बाबू के के कानो मे घुस गए उसके दिल में टीच उठी । दुख से इसके आसूं निकल आए ।


सरदार गुंजन की कांधा पकड़ के आराम से धक्के मारने लगे । गुंजन को बोहोत तकलीफ हो रही थी सहारे के लिए उसने उस निग्रो सरदार के मोजबूत कलाई पकड़ ली ।


अफीम की नशे में गुंजन को आदत हो सरदार से । धीरे उसकी सरदार के प्रति घिन भाव मिट गई थी । उसकी छूट कामरस छोड़ने लगी जिससे अब उसे जरा भी दर्द नही हो रही थी वकली उसे आनंद आने लगी थी ।

सरदार उसकी चुदाई करते रहते हो हुए पूछा " are you enjoying it baby "

गुंजन बोली " आह्ह्ह्ह मुझे इस पोजीशन दिक्कत हो रही है उह्ह्ह्ह "


सरदार बोला " i don't know much hindi "

" aahhh I am having trouble with this position "

सरदार ने उसे वैसे ही चूत में लंड डाल के उठा के कमरे से बाहर ले गया । सरत बाबू अपनी पत्नी को सरदार के गोद में नंगी देख के आंखे फाड़ के देखने लगे । उसका दिल तहेश नेहेश हो गया ।


गुंजन भी अपनी पति को देख कर शर्म से मुंह छुपा ली । सरदार उसे सबके सामने नंगे ही उठा के बाहर ले के जाने लगे । उसके लोग चीयर अप करने लगे चिल्ला के हवा में गोलियां चला के । गुंजन शर्म से पानी पानी हो गई । उसे कुछ समझ ने नही आ रही थी सरदार उसे सबके बाहर क्यू ले आया ऐसी हालत मे ।



सरदार ने बाहर ग्राउंड पे ले गया और हेलीकॉप्टर पे चढ़ गया गुंजन को ले के । पायलट को हेलिकॉप्टर उड़ने का इशारा किया । पायलट ने हेलीकॉप्टर हवा में उड़ा दी ।
 
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सरत बाबू बाहर आ के सब देख रहे थे । और उसने उस नाते आदमी से पूछा " मेरी बीवी को कहा ले के गए वो "

नाते आदमी ठहाके लगा के हसने लगा । " अरे दर मत । वापस ले आयेंगे उसको । बस सरदार जी हवा में तेरी बीवी को अपने लन्ड पे बिठा के सेर कराएंगे "

एक आदमी बोला " भाई । देखा सरदार जी का क्या लौड़ा है । इसकी बीवी तो गई आज । फुद्दी फाड़ के लाल कर देंगे "


सब लोग ताली मार के हसने लगे । एक पति के लिए बोहोत ही घटिया शर्म सार अपमान जनक परिस्थि थी । सरत भारी दिल के साथ अपने रिजॉर्ट की तरफ चलने लगे ।
 
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लेस आइलैंड । जहा मौज मस्ती के नाम से प्रसिद्ध था । लोग वाहा मौज मस्ती करने आते है लेकीन किसी किसी की उन मौज मस्ती की दिवाली निकल के भेजते हैं । कोई तो लौट ही नही पाते घर । उस बिक्राल दीप जितना बाहर से सुंदर था उतना ही अंदर से खोखला था । हर तरह की गैर कानूनी धंधा चलता था वाहा । आस पास के बस्ती वाले जानते थे की ये आइलैंड एक श्राप है । जमाने पहले आइलैंड में सभ्य लोग निवास करते थे लेकिन अब गिनो तो उन असभ्य में से साएद ही कोई सभ्य इंसान मिले । लोग वोह अपनी स्ट्रेस ले के थकान मिटाने आते थे लेकिन उससे ज्यादा ले के जातें थे ।




उस श्रापित आइलैंड का शिकार आज गुंजन और सरत बाबू बन गए । सरत क्या सोच के आए थे और उसे क्या मिला । अपनी बीवी की अपनी आखों के सामने इतजत लूट जताई हुई देखने को मिला ।







वो रिजॉर्ट में खूबसूरत सजावट के झड़ के पास एक बेंच पड़ बैठे अपनी किस्मत पर रो रहे थे । वो बार बार सोच रहा था ये मैंने क्या कर डाला । सबसे दुख इस बात पे थे की वो कुछ कर नही पाए अपनी बीवी को उस नर्मभक्सी से बचा नही पाए ।




रात के 10 बजे उसे अपनी धरम पत्नी को फटी हुई कपड़ो के साथ बेजान कदमों के साथ आते हुए देखा । और वो दौर के समुंदर की रेत में दोरते हुए अपनी प्यारी पत्नी के पास गया ।



गुंजन नीरव थी बेजुबा थी । सरत बाबू उसे चीनें से लगा के सुबक ने लगे ।" डार्लिंग मुझे माफ कर दो । मुझे नही पता था ये सब हो जायेगा । पता नही क्यों में इतने लालच में आ गया ।"

गुंजन कोई जवाब नही दे रहे थे । सरत बाबू उसकी खन आंखो में देखते हुए बोला " तुम कुछ बोल क्यूं नही रही हो "

गुंजन किसी तरह बोली " मुझे रिजॉर्ट ले चलो "

सरत बाबु आतुर बितूर हो गए " हा । हा चलो । में चलता हूं तुम्हे । मेरे कंधे पे हाथ रखा "

सरत बाबू अपनी धरम पत्नी को सहारा देते हुए रिसोर्ट ले गए ।
 
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गुंजन बाथरूम में जा के अपनी सारे कपड़े उतार के बाथटब में अंदर गए हल्के गुन गुने पानी में । सरत बाबू भी उसको नहलाने आ गए । उसने देखा को उसकी धरम पत्नी की जिस्म पे सख्ती से मसले जाने का निसान अंकित थे । सरत बाबू का दिल चीख चीख के रोने लगा । उसे देखा नही गया अपनी बीवी को ऐसी बुरी हालत में ।


गुंजन ने सवाल किया " क्या सच में आपने मेरा सौदा किया था ।"

सरत बाबू हकलाने लगे ।" नही डार्लिंग ऐसा नही है । मैंने कोई सौदा नही किया ।"

" तो फिर वो क्यू बोल रहे थे की आपने मेरा सौदा किया था एक रात के लिए "

" नही इसके लिए मैंने उसे हा नही कहा था । वो बोला यहा आ के बात करेंगे इसके बारे में । ऐसा कोई सौदा ताई किया था हमने । मुझे पता नहीं था की उसने हमे फसा के हमारे साथ ये सब करेंगे "

गुंजन हस पड़ी " और आप कुछ नही कर पाए । "

सरत बाबू सरमिंदी से बोला " में क्या करता उनके पास बंदुक थी । हथियार थे हम दोनो मारा जाते "

" फिर भी आपने थोड़ी भी हिम्मत नेही दिखाई । कोई और होता तो अपनी बीवी के लिए लड़ता जरूर कमसे कम कशिश तो करता एक मुक्का तो खाता । आप कायेर है अपने भाई से दर के सब कुछ कुर्बान कर के भाग आए थे । और आज ऐसा ही किया । मार जाते अपनी बीवी के लिए कमसे आप बहादुरी की मौत तो मरते । में गर्व से कह पाती मेरा पति बहादुर था सूरवीर की तरह अपनी पत्नी को जान बचाते हुए अपनी कुर्बानी दी "


सरत बाबू शर्म से पानी पानी हो गए अपनी धरम पत्नी से नज़रे नही मिला पा रहे थे अब । गुंजन गहरी सांस लेने लगी । " पता हे मुझे सबसे ज्यादा दुख और शर्म कब आया जब सबके सामने मुझे नंगा कर के बाहर हेलीकॉप्टर पे ले के गए थे और लोग मेरी इत्तजत उछल रहे थे चिल्ला चिल्ला कर । "


सरत बाबू गुंजन की चेहरे को अपनी हथेली पे ले के रोते हुए बोले " तुमने सही कहा में कायर हूं । मुझ जैसा इंसान पे थूकना चाहिए । प्लीज मुझे माफ कर दो । में अच्छा और बहादुर पति बन के दिखाऊंगा "

" अब क्या फायदा । मुझे लगता था आप महान है । जब आपने यहां आने से मुझे माफ कर बाते की मुझे लगा मुझे मेरी जिंदगी बापच मिल गई । एक बात बताइए कौन अपनी बीवी के साथ ऐसे तस्करी करने आता है बिना सोचे समझे अपनी पत्नी की आबरू दाओ लगा के । थोड़ा तो दिमाग से सोचना था आपको । कितने गधे हे आप । मर्दानगी तो खत्म हो ही गई है आपकी धीरे धीरे बद्दीमग भी होते जा रहे है । अब मेरी एक बात सुनिए । जाइए यहां से बापच निकलने का कुछ इंतजाम करिए । उसके गुंडे साइड मुझे भूखे भेड़िए की तरह खाने आयेंगे । "

" हां में कुछ करता हूं । लेकिन तुम अकेली रहोगी । कही वो लोग आ गए तो "

" आप रह कर भी क्या कर लेंगे । खमाखा पिट ही जायेंगे । में संभाल लूंगी कुछ ना कुछ शल चल के । अब आप जाइए " गुंजन गुस्से में बोली ।

सरत बाबू फीर सरमिंडा हो के निकले रिजॉर्ट के बाहर ।
 
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