निगहा-ए-यार ने की ख़ाना ख़राबी ऎसी न ठिकाना है जिगर का न ठिकाना दिल का
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,225 145 Staff Member Jul 17, 2021 #401 निगहा-ए-यार ने की ख़ाना ख़राबी ऎसी न ठिकाना है जिगर का न ठिकाना दिल का
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,225 145 Staff Member Jul 17, 2021 #402 बाद मुद्दत के ये ऎ दाग़ समझ में आया वही दाना है कहा जिसने न माना दिल का
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,225 145 Staff Member Jul 17, 2021 #403 बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल है दुनिया मेरे आगे होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,225 145 Staff Member Jul 17, 2021 #404 इक खेल है औरन्ग-ए-सुलेमाँ मेरे नज़दीक इक बात है एजाज़-ए-मसीहा मेरे आगे
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,225 145 Staff Member Jul 17, 2021 #405 धडकनों की तबाही के लिए, तेरी चूड़ियों की खन खन काफ़ी है।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,225 145 Staff Member Jul 17, 2021 #406 मोहब्बत शायरी | mohabbat shayari in hindi
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,225 145 Staff Member Jul 17, 2021 #407 मुस्कुराहट आपकी सबसे प्यारी है,,, इसलिए हमनें आप पे जान वारी है।।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,225 145 Staff Member Jul 17, 2021 #408 जिसकी रूह में बस गया हो कोई, उसकी नज़दीकियों के मायने ना पूछिये।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,225 145 Staff Member Jul 17, 2021 #409 लिखूँ क्या नज़्म कोई तुझ पर गजल का खुद लिबास हो तुम मुकम्मल इश्क़ में डूबे हुये शायर का लफ्ज़-ए-ख़ास हो तुम जो अल्फ़ाज़ों में ना हो सके बयां इस दिल का हसीं वो ख्वाब हो तुम जो मिट के ना मिट सके उम्र भर वो इक ऐहसास हो तुम
लिखूँ क्या नज़्म कोई तुझ पर गजल का खुद लिबास हो तुम मुकम्मल इश्क़ में डूबे हुये शायर का लफ्ज़-ए-ख़ास हो तुम जो अल्फ़ाज़ों में ना हो सके बयां इस दिल का हसीं वो ख्वाब हो तुम जो मिट के ना मिट सके उम्र भर वो इक ऐहसास हो तुम
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,225 145 Staff Member Jul 17, 2021 #410 “उसे किसी की मोहब्बत का एतबार नहीं..., उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है।”