शायरी और गजल™

ADMIN :D
Senior Moderator
12,182
10,232
145
निगहा-ए-यार ने की ख़ाना ख़राबी ऎसी
न ठिकाना है जिगर का न ठिकाना दिल का
 
ADMIN :D
Senior Moderator
12,182
10,232
145
बाद मुद्दत के ये ऎ दाग़ समझ में आया
वही दाना है कहा जिसने न माना दिल का
 
ADMIN :D
Senior Moderator
12,182
10,232
145
बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल है दुनिया मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे
 
ADMIN :D
Senior Moderator
12,182
10,232
145
इक खेल है औरन्ग-ए-सुलेमाँ मेरे नज़दीक
इक बात है एजाज़-ए-मसीहा मेरे आगे
 
ADMIN :D
Senior Moderator
12,182
10,232
145
मुस्कुराहट आपकी सबसे प्यारी है,,, इसलिए हमनें आप पे जान वारी है।।।
 
ADMIN :D
Senior Moderator
12,182
10,232
145
लिखूँ क्या नज़्म कोई तुझ पर गजल का खुद लिबास हो तुम मुकम्मल इश्क़ में डूबे हुये शायर का लफ्ज़-ए-ख़ास हो तुम जो अल्फ़ाज़ों में ना हो सके बयां इस दिल का हसीं वो ख्वाब हो तुम जो मिट के ना मिट सके उम्र भर वो इक ऐहसास हो तुम
 
ADMIN :D
Senior Moderator
12,182
10,232
145
“उसे किसी की मोहब्बत का एतबार नहीं..., उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है।”
 

Top