क़त्ल छुपते थे कभी संग की दीवार के बीच। अब तो खुलने लगे मक़तल भरे बाज़ार के बीच।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,165 10,209 145 Staff Member Mar 19, 2022 #471 क़त्ल छुपते थे कभी संग की दीवार के बीच। अब तो खुलने लगे मक़तल भरे बाज़ार के बीच।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,165 10,209 145 Staff Member Mar 19, 2022 #472 इसी लिए मैं किसी शब न सो सका 'मोहसिन' वो माहताब कभी बाम पर भी आता है।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,165 10,209 145 Staff Member Mar 19, 2022 #473 वफ़ा की कौन सी मंज़िल पे उस ने छोड़ा था, के वो तो याद हमें भूल कर भी आता है।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,165 10,209 145 Staff Member Mar 19, 2022 #474 तेरा ज़िक्र..तेरी फ़िक्र..तेरा एहसास..तेरा ख्याल… तू खुदा तो नहीं…. फिर हर जगह क्यों हे…!!
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,165 10,209 145 Staff Member Mar 19, 2022 #475 नहीं फुर्सत यकीं मानो हमें कुछ और करने की, तेरी यादें, तेरी बातें बहुत मसरूफ़ रखती हैं…
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,165 10,209 145 Staff Member Mar 19, 2022 #476 मुझे तू इस क़दर अपने क़रीब लगता है …. तुझे अलग से जो सोचूँ, अजीब लगता है..!!!
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,165 10,209 145 Staff Member Mar 19, 2022 #477 मुझे मालूम था के लौट के अकेले ही आना है , फिर भी तेरे साथ चार कदम चलना अच्छा लगा !!
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,165 10,209 145 Staff Member Mar 19, 2022 #478 चलो सारी कायनात का बटवारा करते है… तुम सिर्फ मेरे.. बाकी सब तुम्हारा…
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,165 10,209 145 Staff Member Mar 19, 2022 #479 जिस चीज़ पे तू हाथ रखे वो चीज़ तेरी हो, और जिस से तू प्यार करे, वो तक़दीर मेरी हो.
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,165 10,209 145 Staff Member Mar 19, 2022 #480 जब तुम नज़र नहीं आते, मुझे कुछ नज़र नही आता ..