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शिवा ने नोटिस किया कि चोद शब्द का इस्तेमाल इसने कितनी सहजता से किया है ।
शिवा : नहीं नहीं विरोध नहीं बस मैं जानना चाहता हूँ।
आयशा: मगर क्यों जानना चाहते हैं? क्या करेंगे जान कर?
शिवा निरुत्तर सा बैठा रह गया।
आयशा: अब मैं बताऊँ आप क्यों जानना चाहते हो? असल में आप ख़ुद चाहते हो कि वो आपके पापा से चुदे। आपको इससे एक किक मिलेगी जैसे किसी शराबी को शराब पीने से मिलती है।
शिवा का मुँह उसकी बात सुनकर खुला का खुला रह गया। वो बोला: आऽऽऽप ये कैसी बात कर रही हो। मतलब क्या है आपका?
आयशा: देखिए उस दिन भी आप मेरे और मेरे ससुर की चुदाई की बात सुनकर बहुत उत्तेजित हो रहे थे। और आज भी आप ये सोचकर कि आपकी बीवी आपके पिता से चुदवाएगी आप कितने उत्तेजित हो रहे हो। ज़रा देखो अपनी पैंट की ओर कैसा तना हुआ है अपना लण्ड। वो आगे बढ़कर उसके लौड़े को पैंट के ऊपर से दबाकर बोली : देखो कैसा तना हुआ है?
शिवा शर्मिंदा होकर: ओह नहीं भाभी ये आपके लिए पागल हो रहा है।
आयशा: अगर ये सच होता तो मैं बहुत ख़ुश होती पर ऐसा है नहीं।
असलम: चलो अभी बेडरूम में चलते हैं और इसके लंड को आराम देने की कोशिश करो। सब बेडरूम में पहुँचे और असलम बोला: चलो कपड़े उतारो । वह अपने कपड़े उतारने लगा। आयशा भी अपनी क़ुर्ती निकाल दी। अब वो सलवार और ब्रा में बहुत सेक्सी लग रही थी। असलम अब तक चड्डी में आ चुका था। उसका लण्ड चड्डी से बहुत मोटा सा लग रहा था। तभी आयशा ने सलवार उतारी और अब वह ब्रा और पैंटी में थी। शिवा भी अब चड्डी में आ गया था। उसका लण्ड भी बहुत बड़ा लग रहा था।
आयशा मुस्कुराकर बिस्तर में लेट गयी। शिवा और असलम उसके अग़ल बग़ल लेट गए । असलम उसे चूमने लगा। अब शिवा उसके सामने थोड़ा सा हिचक रहा था, सो असलम ने उसका हाथ पकड़कर आयशा की ब्रा के ऊपर से एक चूची पर रख दिया। असलम दूसरी चूचि ख़ुद दबाने लगा। अब वो दोनों उसके गाल और होंठ चूसने लगे। आयशा ने भी हाथ बढ़ाकर एक एक हाथ में उनके लण्ड चड्डी के ऊपर से पकड़ लिया और उनको दबाने लगी। असलम ने उसकी ब्रा खोली और अब वो दोनों एक एक चूचि दबाने लगे और फिर मुँह में लेकर चूसने लगे। शिवा सोचा कि उफफफफ क्या मस्त लग रहा है। वो सोचा कि जब पापा और मैं मालिनी की चूचियाँ ऐसे ही चूसेंगे तब क्या मस्त मज़ा आएगा।
अब असलम नीचे जाकर उसकी पैंटी निकाला और उसकी बुर को सहलाने लगा। शिवा भी उठकर उसके साथ बैठा और उसकी बुर को देखने लगा। असलम ने उसका हाथ पकड़कर आयशा की बुर पर रखा और बोला: तुम तो एक बार चोद चुके हो इसे। आज क्या बुर ही चोदोगे या गाँड़ मारोगे?
शिवा: मैं मैं बुर ही चोदता हूँ।
असलम: ठीक है मैं गाँड़ मार लूँगा। अब वो अपनी चड्डी उतारा और अपने लण्ड को आयशा के मुँह के पास लेज़ाकर उसे चूसने का इशारा किया। आयशा ने उसके लण्ड को चूसना शुरू किया। अब शिवा भी अपना लण्ड उसके मुँह के पास लाया और वो उसे भी चूसने लगी।
असलम: यार तुम नीचे लेट जाओ। आयशा अपनी बुर में तुम्हारा लण्ड ले लेगी।
शिवा नीचे लेट गया और आयशा उसके ऊपर आकर अपनी बुर में उसका लण्ड ले ली। शिवा नीचे से उसकी चूचियाँ दबाने लगा। असलम ने अपने लण्ड में क्रीम लगाया और उसकी गाँड़ में पीछे से अपना लण्ड डालकर उसे चोदने लगा। नीचे से शिवा भी अपना लण्ड उसकी बुर में पेलने लगा।
अब आयशा की सिसकियाँ निकलने लगी : आऽऽऽऽह ऊँनन उन्न्न्न्न्न उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़् और जोओओओओओओओओर से हाय्य्य्य्य मेरी फटीइइइइइइइइइइ फ़ाआऽऽऽऽऽड़ दोओओओओओओ। अब दोनों मर्द जैसे मशीनो की तरह उसे चोदने लगे। शिवा महसूस कर रहा था कि असलम का लण्ड भी कुछ मसल्स की दूरी से उसके लण्ड से रगड़ सा रहा था।
आयशा इस डबल चुदाई से मस्त होकर अपनी गाँड़ उछालकर आऽऽऽऽहहह कहकर झड़ने लगी। शिवा उसकी चूचियाँ दबाकर चूसे जा रहा था। वो जैसे सातवें आसमान पर थी। तभी असलम और शिवा भी ह्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगे। थोड़ी देर बाद तीनों लेट कर सुस्ता रहे थे। तब आयशा शिवा से बोली: आप अपने पापा के साथ मालिनी को चोदना चाहते हो ना?
शिवा झेंप कर बोला: हाँ ये सच है। मैं यही चाहता हूँ। जबसे तुमने बताया है कि तुम असलम और उसके अब्बा से एक साथ चुदवाती हो तब से मेरी भी यही इच्छा हो रही है।
आयशा: चलो मैं आपकी मदद करती हूँ। आप ऐसा करो मेरी मालिनी से एक मुलाक़ात का इंतज़ाम कर दो।
शिवा: ओह पर कैसे होगा ये? क्या बोलूँगा मैं उसको?
असलम आयशा के बड़े चूतर दबाकर बोला: जान तुम ही कोई तरकीब बताओ ना।
आयशा हँसकर शिवा के नरम लण्ड को मूठ्ठी में सहलाकर बोली: ऐसा करिए आप मालिनी को बोलिए कि मैं उससे मिलना चाहती हूँ और उसे कुछ घर से करने वाले बिज़नेस के बारे में बताना चाहती हूँ , जैसे aimway वगेरह।
असलम: हाँ ये ठीक रहेगा। वैसे भी तुम इससे जुड़ी हुई हो।
शिवा: ठीक है मैं ऐसा ही करूँगा। कल की बात करता हूँ। ओके ?
आयशा उसके लण्ड को सहलाते हुए बोली: मुझे क्या फ़ीस मिलेगी?
शिवा: बोलो क्या चाहिए?
आयशा मुस्कुराई और उठकर उसका लण्ड मुँह में लेकर चूसते हुए बोली: मुझे ये लंड अब अपनी गाँड़ में चाहिए और असलम का अपनी बुर में चाहिए।
अब दोनों मर्द उससे चिपक गए और उसकी चूचियाँ दबाकर मस्ती से भरने लगे। थोड़ी देर में ही चुदाई का दूसरा राउंड शुरू हुआ बस फ़र्क़ सिर्फ़ इतना था कि इस बार असलम नीचे था और उसकी बुर चोद रहा था और शिवा अब उसकी गाँड़ मार रहा था। आधे घंटे की ज़बरदस्त चुदाई के बाद तीनों मज़े से झड़ कर लेट गए।
शिवा: तुम मालिनी से बोलेगी क्या?
आयशा: आप मुझ पर छोड़ दो। फिर वो असलम से बोली: अगर शिवा के पापा ने मुँझे चोदने की इच्छा दिखाई तो आपको कोई ऐतराज़ तो नहीं होगा ना? आपको पता है कि मैं हमेशा आपसे पूछ कर ही किसी और से चुदवाती हूँ।
असलम उसकी चूचियाँ दबाकर बोला: अरे चुदवा लेना कौन सी तुम्हारी बुर घिस जाएगी?
शिवा हैरान हो कर: इस सबमें पापा और तुम कहाँ से आ गयीं?
आयशा: अरे आपके पापा ठरकी हैं ना। क्या पता उनका मूड बन जाए। तब मैं असलम को फ़ोन करके थोड़ी ना पूछूँगी कि जी क्या मैं मालिनी के ससुर से चुदवा लूँ?
सब यह सुनकर हँसने लगे। फिर सबने कपड़े पहने और खाना खाया । फिर शिवा अपनी दुकान में वापस चला गया।
उस दिन और कुछ ख़ास नहीं हुआ।
रात को खाना खाने के बाद सरला राकेश को धीरे से बोली: आज तुम्हारे ताऊजी आएँगे। वो इशारा किए है। मैं उनके जाने के बाद तुमको मिस्ड कॉल दूँगी तुम तभी आना। पहले मत आ जाना।
राकेश सरला की जाँघ दबाकर: ठीक है मम्मी मैं इंतज़ार करूँगा।
सरला भी अपने कमरे में जाते हुए उसके लोअर के ऊपर से उसका लण्ड दबाकर मुस्कुराई और चली गयी।
रात को राकेश चुपचाप रास्ता देख रहा था। तभी श्याम आया और सरला के कमरे में घुस गया। वो पहले अपने कपड़े उतारा और पूरा नंगा होकर लेटी हुई सरला के बग़ल में आ गया। राकेश खिड़की से सब देख रहा था। अब वो सरला को चूमने लगा और उसकी नायटी के ऊपर से उसके दूध दबाने लगा। अब सरला भी उसके चुम्बन का जवाब देने लगी। अब वो सरला को नायटी उतारने को कहा। सरला उठकर नायटी उतारी और फिर ख़ुद ही उसने ब्रा भी खोल दी। अब वो पूरी नंगी थी। अब दोनों एक दूसरे से लिपट कर एक दूसरे का बदन सहलाने लगे और चुम्बन भी जारी रखे।
अब वो सरला को बोला: जान आज पीछे से डालने का मन है।
सरला मुस्कुराई और पेट के बल होकर अपनी गाँड़ ऊँची कर दी और बोली: गाँड़ मारेंगे क्या? वैसे मेरी बुर ज़्यादा खुजा रही है।
श्याम ने उसके चूतरों को दबाया और बोला: नहीं बुर ही चोदूँगा। अब वो अपने मुँह को उसकी गाँड़ की दरार में डाला और उसकी बुर चूसने लगा। सरला आऽऽऽह करके अपनी गाँड़ उसके मुँह में दबाने लगी। थोड़ी देर बाद वह अपना मुँह वहाँ से बाहर निकाला और उसका पूरा मुँह गीला हो चुका था सरला के कामरस से । अब वो अपना लण्ड सरला की गीली बुर में डाला और उसकी चुदाई में लग गया। कमरा थप्प थप्प की आवाज़ों से गूँज उठा और हर धक्के के साथ सरला की उन्न उन्न निकल जाती थी। उसके हाथ सरला की चूचियों पर जमे हुए थे। वो उनकी घुंडियाँ भी दबाए जा रहा था।
अब सरला चिल्लाने लगी: आऽऽऽऽऽह भय्याआऽऽऽऽऽऽऽ जीइइइइइइइ और जोओओओओओओर से चोओओओओओदो। फ़ाआऽऽऽऽऽऽऽऽड़ दो मेरी बुर। हाऽऽऽऽऽऽययय । ये कहते हुए वो पूरा पीछे की ओर धक्का मारकर उसका लण्ड पूरी तरह से अपने बुर में घुसवा कर आनंद के सागर में डूबे जा रही थी।
फिर दोनों आऽऽऽऽऽह करके झड़ने लगे। थोड़ी देर तक वो दोनों बातें करे फिर श्याम अपने कमरे में चला गया।
श्याम के जाने के बाद सरला बाथरूम गयी और फ़्रेश होकर आयी। वो थोड़ा थक सी गयी थी। वो सोची कि सो जाती हूँ और राकेश को नहीं बुलाती। पर वो बाद में सोची कि वो बुरा मान जाएगा। वो लम्बी साँस ली और राकेश को मिस्ड कॉल दी। राकेश उसकी और श्याम की चुदाई देख कर बहुत उत्तेजित हो चुका था और उसने मूठ्ठ नहीं मारी थी। वो ताऊ के बाहर आने के पहले अपने कमरे में चला गया था । सरला के कॉल से वो उठा और मम्मी के कमरे में गया । वो चादर ओढ़ कर लेटी हुई थी। राकेश आकर उससे लिपट गया और बोला: मम्मी चुदाई कैसी रही ताऊ जी के साथ?
वो हँसकर बोली: तुझे तो सब पता ही है। वहाँ खिड़की से सब देख तो रहा था ना?
राकेश: मम्मी आपको कैसे पता?
सरला हँसकर: आख़िर तेरी माँ हूँ। मैंने तुझे देख लिया था।
अब राकेश भी हँसने लगा। अब वो चादर के अंदर हाथ डाला और पाया कि वो पूरी नंगी थी। वो बहुत उत्तेजित हो गया और बोला: मम्मी आप तो नंगी हो?
सरला: अब उनके जाने के बाद क्या कपड़े पहनती? तूने आकर उतार ही देना था। है कि नहीं?
राकेश अब उसकी चादर उतारा और अपनी नंगी माँ को देखकर वो उसके ऊपर चढ़ गया और उसके होंठ चूमने लगा। उसके हाथ चूचियों पर थे और वो उनको दबाकर मस्त हो रहा था। वो बोला: मम्मी दूध पिलाओ ना ।
सरला हँसकर: इतना बड़ा हो गया है पी ले ना अपने आप।
राकेश: मम्मी आप ख़ुद पिलाओगी तो मज़ा आएगा।
वो : अच्छा चल फिर बग़ल में लेट। वह बग़ल में आकर लेट गया और अब सरला ने अपनी एक चुचि अपने एक हाथ में लिया और उसके मुँह में अपना निपल डाल दिया।
राकेश बच्चे की तरह उसे चूसने लगा और सरला अब भी उसे अपनी चुचि पिला रही थी। राकेश का लण्ड मानो झड़ने वाला था वो सोचा उफफफफ क्या फ़ीलिंग आ रही है -मम्मी अपने हाथ से उसे अपनी चुचि चूसवा रही है। सरला ने हाथ बढ़ा कर लोअर के ऊपर से उसका लण्ड पकड़ लिया और दबाने लगी। अब वो लोअर और चड्डी के अंदर अपना हाथ डाली और उसके नंगे लण्ड को पकड़ ली।वो सोची कि क्या मस्त जवान लण्ड है और कितना गरम है।
राकेश बोला: मम्मी अब दूसरा दूध पिलाओ ना।
सरला अब अपनी दूसरी चूचि को हाथ में लेकर उसके मुँह में डाली और वो मस्त होकर चूसने लगा। जब उसका जी भर गया तो वो बोला: मम्मी ६९ करोगी क्या?
सरला : ठीक है आजा तू नीचे लेट जा और मैं ऊपर आती हूँ। वो उलटी होकर अपनी बुर को राकेश के मुँह पर रखा और ख़ुद उसकी जाँघ के बीच आकर उसका कड़ा लंड चूसने लगी। राकेश भी मस्ती में आकर जीभ से उसकी बुर को कुरेदने लगा। सरला भी मस्ती से उसके लण्ड को अपने गले के अंदर ले जाकर चूस रही थी। वह उसके बॉल्ज़ भी चाटी और फिर बोली: आऽऽऽऽह बेएएएएएएएटा अब चोद दे। बहुत गरम हो गयी हूँ मैं ।
अब सरला घूमकर उसके ऊपर आयी और अपनी बुर को उठाकर अपने बेटे के लण्ड पर रखी और नीचे होकर उसका लण्ड अपनी बुर में पूरा निगल गयी । अब वो ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे होकर चुदवाने लगी। राकेश भी नीचे से लण्ड उछालकर चोदने लगा। राकेश अब उसकी चूचियाँ दबाकर चूस रहा था । जल्दी ही चुदाई चरम सीमा पर पहुँचने लगी।
अब राकेश बोला: मम्मी हाऽऽऽऽऽययय हम एक दूसरे के मुँह में झड़ें क्या। आऽऽऽऽऽऽह बोओओओओओलो नाआऽऽऽऽ ।
सरला : उफफफफ अच्छा हाँआऽऽऽऽ ठीक है उइइइइइइइ ।
अब वो फिर से पलटी और अब दोनों एक दूसरे के अंगों को चूसने लगे। राकेश उइइइइइइइ माऽऽऽऽऽ कहकर अपनी माँ के मुँह में झड़ने लगा। सरला उसके वीर्य को निगलती चली गयी। उधर सरला भी अब राकेश के मुँह में झड़ने लगी थी और वो भी उसका रस पीता चला गया। अब दोनों झड़कर आराम करने लगे। थोड़ी देर बाद फ़्रेश होकर वो नंगे ही लिपट कर चादर ओढ़ कर सो गए।
उधर शाम की चाय मालिनी ने राजीव की गोद में बैठ कर पी। वो दोनों एक दूसरे को चूमकर ख़ुश थे
रात को ८ बजे शिवा आया और सबने खाना खाया। राजीव के कमरे में जाने के बाद वो दोनों अपने कमरे में आए और दोनों ने थकावट का बहाना बनाया और बिना चुदाई किए सो गए।
शिवा : नहीं नहीं विरोध नहीं बस मैं जानना चाहता हूँ।
आयशा: मगर क्यों जानना चाहते हैं? क्या करेंगे जान कर?
शिवा निरुत्तर सा बैठा रह गया।
आयशा: अब मैं बताऊँ आप क्यों जानना चाहते हो? असल में आप ख़ुद चाहते हो कि वो आपके पापा से चुदे। आपको इससे एक किक मिलेगी जैसे किसी शराबी को शराब पीने से मिलती है।
शिवा का मुँह उसकी बात सुनकर खुला का खुला रह गया। वो बोला: आऽऽऽप ये कैसी बात कर रही हो। मतलब क्या है आपका?
आयशा: देखिए उस दिन भी आप मेरे और मेरे ससुर की चुदाई की बात सुनकर बहुत उत्तेजित हो रहे थे। और आज भी आप ये सोचकर कि आपकी बीवी आपके पिता से चुदवाएगी आप कितने उत्तेजित हो रहे हो। ज़रा देखो अपनी पैंट की ओर कैसा तना हुआ है अपना लण्ड। वो आगे बढ़कर उसके लौड़े को पैंट के ऊपर से दबाकर बोली : देखो कैसा तना हुआ है?
शिवा शर्मिंदा होकर: ओह नहीं भाभी ये आपके लिए पागल हो रहा है।
आयशा: अगर ये सच होता तो मैं बहुत ख़ुश होती पर ऐसा है नहीं।
असलम: चलो अभी बेडरूम में चलते हैं और इसके लंड को आराम देने की कोशिश करो। सब बेडरूम में पहुँचे और असलम बोला: चलो कपड़े उतारो । वह अपने कपड़े उतारने लगा। आयशा भी अपनी क़ुर्ती निकाल दी। अब वो सलवार और ब्रा में बहुत सेक्सी लग रही थी। असलम अब तक चड्डी में आ चुका था। उसका लण्ड चड्डी से बहुत मोटा सा लग रहा था। तभी आयशा ने सलवार उतारी और अब वह ब्रा और पैंटी में थी। शिवा भी अब चड्डी में आ गया था। उसका लण्ड भी बहुत बड़ा लग रहा था।
आयशा मुस्कुराकर बिस्तर में लेट गयी। शिवा और असलम उसके अग़ल बग़ल लेट गए । असलम उसे चूमने लगा। अब शिवा उसके सामने थोड़ा सा हिचक रहा था, सो असलम ने उसका हाथ पकड़कर आयशा की ब्रा के ऊपर से एक चूची पर रख दिया। असलम दूसरी चूचि ख़ुद दबाने लगा। अब वो दोनों उसके गाल और होंठ चूसने लगे। आयशा ने भी हाथ बढ़ाकर एक एक हाथ में उनके लण्ड चड्डी के ऊपर से पकड़ लिया और उनको दबाने लगी। असलम ने उसकी ब्रा खोली और अब वो दोनों एक एक चूचि दबाने लगे और फिर मुँह में लेकर चूसने लगे। शिवा सोचा कि उफफफफ क्या मस्त लग रहा है। वो सोचा कि जब पापा और मैं मालिनी की चूचियाँ ऐसे ही चूसेंगे तब क्या मस्त मज़ा आएगा।
अब असलम नीचे जाकर उसकी पैंटी निकाला और उसकी बुर को सहलाने लगा। शिवा भी उठकर उसके साथ बैठा और उसकी बुर को देखने लगा। असलम ने उसका हाथ पकड़कर आयशा की बुर पर रखा और बोला: तुम तो एक बार चोद चुके हो इसे। आज क्या बुर ही चोदोगे या गाँड़ मारोगे?
शिवा: मैं मैं बुर ही चोदता हूँ।
असलम: ठीक है मैं गाँड़ मार लूँगा। अब वो अपनी चड्डी उतारा और अपने लण्ड को आयशा के मुँह के पास लेज़ाकर उसे चूसने का इशारा किया। आयशा ने उसके लण्ड को चूसना शुरू किया। अब शिवा भी अपना लण्ड उसके मुँह के पास लाया और वो उसे भी चूसने लगी।
असलम: यार तुम नीचे लेट जाओ। आयशा अपनी बुर में तुम्हारा लण्ड ले लेगी।
शिवा नीचे लेट गया और आयशा उसके ऊपर आकर अपनी बुर में उसका लण्ड ले ली। शिवा नीचे से उसकी चूचियाँ दबाने लगा। असलम ने अपने लण्ड में क्रीम लगाया और उसकी गाँड़ में पीछे से अपना लण्ड डालकर उसे चोदने लगा। नीचे से शिवा भी अपना लण्ड उसकी बुर में पेलने लगा।
अब आयशा की सिसकियाँ निकलने लगी : आऽऽऽऽह ऊँनन उन्न्न्न्न्न उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़् और जोओओओओओओओओर से हाय्य्य्य्य मेरी फटीइइइइइइइइइइ फ़ाआऽऽऽऽऽड़ दोओओओओओओ। अब दोनों मर्द जैसे मशीनो की तरह उसे चोदने लगे। शिवा महसूस कर रहा था कि असलम का लण्ड भी कुछ मसल्स की दूरी से उसके लण्ड से रगड़ सा रहा था।
आयशा इस डबल चुदाई से मस्त होकर अपनी गाँड़ उछालकर आऽऽऽऽहहह कहकर झड़ने लगी। शिवा उसकी चूचियाँ दबाकर चूसे जा रहा था। वो जैसे सातवें आसमान पर थी। तभी असलम और शिवा भी ह्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगे। थोड़ी देर बाद तीनों लेट कर सुस्ता रहे थे। तब आयशा शिवा से बोली: आप अपने पापा के साथ मालिनी को चोदना चाहते हो ना?
शिवा झेंप कर बोला: हाँ ये सच है। मैं यही चाहता हूँ। जबसे तुमने बताया है कि तुम असलम और उसके अब्बा से एक साथ चुदवाती हो तब से मेरी भी यही इच्छा हो रही है।
आयशा: चलो मैं आपकी मदद करती हूँ। आप ऐसा करो मेरी मालिनी से एक मुलाक़ात का इंतज़ाम कर दो।
शिवा: ओह पर कैसे होगा ये? क्या बोलूँगा मैं उसको?
असलम आयशा के बड़े चूतर दबाकर बोला: जान तुम ही कोई तरकीब बताओ ना।
आयशा हँसकर शिवा के नरम लण्ड को मूठ्ठी में सहलाकर बोली: ऐसा करिए आप मालिनी को बोलिए कि मैं उससे मिलना चाहती हूँ और उसे कुछ घर से करने वाले बिज़नेस के बारे में बताना चाहती हूँ , जैसे aimway वगेरह।
असलम: हाँ ये ठीक रहेगा। वैसे भी तुम इससे जुड़ी हुई हो।
शिवा: ठीक है मैं ऐसा ही करूँगा। कल की बात करता हूँ। ओके ?
आयशा उसके लण्ड को सहलाते हुए बोली: मुझे क्या फ़ीस मिलेगी?
शिवा: बोलो क्या चाहिए?
आयशा मुस्कुराई और उठकर उसका लण्ड मुँह में लेकर चूसते हुए बोली: मुझे ये लंड अब अपनी गाँड़ में चाहिए और असलम का अपनी बुर में चाहिए।
अब दोनों मर्द उससे चिपक गए और उसकी चूचियाँ दबाकर मस्ती से भरने लगे। थोड़ी देर में ही चुदाई का दूसरा राउंड शुरू हुआ बस फ़र्क़ सिर्फ़ इतना था कि इस बार असलम नीचे था और उसकी बुर चोद रहा था और शिवा अब उसकी गाँड़ मार रहा था। आधे घंटे की ज़बरदस्त चुदाई के बाद तीनों मज़े से झड़ कर लेट गए।
शिवा: तुम मालिनी से बोलेगी क्या?
आयशा: आप मुझ पर छोड़ दो। फिर वो असलम से बोली: अगर शिवा के पापा ने मुँझे चोदने की इच्छा दिखाई तो आपको कोई ऐतराज़ तो नहीं होगा ना? आपको पता है कि मैं हमेशा आपसे पूछ कर ही किसी और से चुदवाती हूँ।
असलम उसकी चूचियाँ दबाकर बोला: अरे चुदवा लेना कौन सी तुम्हारी बुर घिस जाएगी?
शिवा हैरान हो कर: इस सबमें पापा और तुम कहाँ से आ गयीं?
आयशा: अरे आपके पापा ठरकी हैं ना। क्या पता उनका मूड बन जाए। तब मैं असलम को फ़ोन करके थोड़ी ना पूछूँगी कि जी क्या मैं मालिनी के ससुर से चुदवा लूँ?
सब यह सुनकर हँसने लगे। फिर सबने कपड़े पहने और खाना खाया । फिर शिवा अपनी दुकान में वापस चला गया।
उस दिन और कुछ ख़ास नहीं हुआ।
रात को खाना खाने के बाद सरला राकेश को धीरे से बोली: आज तुम्हारे ताऊजी आएँगे। वो इशारा किए है। मैं उनके जाने के बाद तुमको मिस्ड कॉल दूँगी तुम तभी आना। पहले मत आ जाना।
राकेश सरला की जाँघ दबाकर: ठीक है मम्मी मैं इंतज़ार करूँगा।
सरला भी अपने कमरे में जाते हुए उसके लोअर के ऊपर से उसका लण्ड दबाकर मुस्कुराई और चली गयी।
रात को राकेश चुपचाप रास्ता देख रहा था। तभी श्याम आया और सरला के कमरे में घुस गया। वो पहले अपने कपड़े उतारा और पूरा नंगा होकर लेटी हुई सरला के बग़ल में आ गया। राकेश खिड़की से सब देख रहा था। अब वो सरला को चूमने लगा और उसकी नायटी के ऊपर से उसके दूध दबाने लगा। अब सरला भी उसके चुम्बन का जवाब देने लगी। अब वो सरला को नायटी उतारने को कहा। सरला उठकर नायटी उतारी और फिर ख़ुद ही उसने ब्रा भी खोल दी। अब वो पूरी नंगी थी। अब दोनों एक दूसरे से लिपट कर एक दूसरे का बदन सहलाने लगे और चुम्बन भी जारी रखे।
अब वो सरला को बोला: जान आज पीछे से डालने का मन है।
सरला मुस्कुराई और पेट के बल होकर अपनी गाँड़ ऊँची कर दी और बोली: गाँड़ मारेंगे क्या? वैसे मेरी बुर ज़्यादा खुजा रही है।
श्याम ने उसके चूतरों को दबाया और बोला: नहीं बुर ही चोदूँगा। अब वो अपने मुँह को उसकी गाँड़ की दरार में डाला और उसकी बुर चूसने लगा। सरला आऽऽऽह करके अपनी गाँड़ उसके मुँह में दबाने लगी। थोड़ी देर बाद वह अपना मुँह वहाँ से बाहर निकाला और उसका पूरा मुँह गीला हो चुका था सरला के कामरस से । अब वो अपना लण्ड सरला की गीली बुर में डाला और उसकी चुदाई में लग गया। कमरा थप्प थप्प की आवाज़ों से गूँज उठा और हर धक्के के साथ सरला की उन्न उन्न निकल जाती थी। उसके हाथ सरला की चूचियों पर जमे हुए थे। वो उनकी घुंडियाँ भी दबाए जा रहा था।
अब सरला चिल्लाने लगी: आऽऽऽऽऽह भय्याआऽऽऽऽऽऽऽ जीइइइइइइइ और जोओओओओओओर से चोओओओओओदो। फ़ाआऽऽऽऽऽऽऽऽड़ दो मेरी बुर। हाऽऽऽऽऽऽययय । ये कहते हुए वो पूरा पीछे की ओर धक्का मारकर उसका लण्ड पूरी तरह से अपने बुर में घुसवा कर आनंद के सागर में डूबे जा रही थी।
फिर दोनों आऽऽऽऽऽह करके झड़ने लगे। थोड़ी देर तक वो दोनों बातें करे फिर श्याम अपने कमरे में चला गया।
श्याम के जाने के बाद सरला बाथरूम गयी और फ़्रेश होकर आयी। वो थोड़ा थक सी गयी थी। वो सोची कि सो जाती हूँ और राकेश को नहीं बुलाती। पर वो बाद में सोची कि वो बुरा मान जाएगा। वो लम्बी साँस ली और राकेश को मिस्ड कॉल दी। राकेश उसकी और श्याम की चुदाई देख कर बहुत उत्तेजित हो चुका था और उसने मूठ्ठ नहीं मारी थी। वो ताऊ के बाहर आने के पहले अपने कमरे में चला गया था । सरला के कॉल से वो उठा और मम्मी के कमरे में गया । वो चादर ओढ़ कर लेटी हुई थी। राकेश आकर उससे लिपट गया और बोला: मम्मी चुदाई कैसी रही ताऊ जी के साथ?
वो हँसकर बोली: तुझे तो सब पता ही है। वहाँ खिड़की से सब देख तो रहा था ना?
राकेश: मम्मी आपको कैसे पता?
सरला हँसकर: आख़िर तेरी माँ हूँ। मैंने तुझे देख लिया था।
अब राकेश भी हँसने लगा। अब वो चादर के अंदर हाथ डाला और पाया कि वो पूरी नंगी थी। वो बहुत उत्तेजित हो गया और बोला: मम्मी आप तो नंगी हो?
सरला: अब उनके जाने के बाद क्या कपड़े पहनती? तूने आकर उतार ही देना था। है कि नहीं?
राकेश अब उसकी चादर उतारा और अपनी नंगी माँ को देखकर वो उसके ऊपर चढ़ गया और उसके होंठ चूमने लगा। उसके हाथ चूचियों पर थे और वो उनको दबाकर मस्त हो रहा था। वो बोला: मम्मी दूध पिलाओ ना ।
सरला हँसकर: इतना बड़ा हो गया है पी ले ना अपने आप।
राकेश: मम्मी आप ख़ुद पिलाओगी तो मज़ा आएगा।
वो : अच्छा चल फिर बग़ल में लेट। वह बग़ल में आकर लेट गया और अब सरला ने अपनी एक चुचि अपने एक हाथ में लिया और उसके मुँह में अपना निपल डाल दिया।
राकेश बच्चे की तरह उसे चूसने लगा और सरला अब भी उसे अपनी चुचि पिला रही थी। राकेश का लण्ड मानो झड़ने वाला था वो सोचा उफफफफ क्या फ़ीलिंग आ रही है -मम्मी अपने हाथ से उसे अपनी चुचि चूसवा रही है। सरला ने हाथ बढ़ा कर लोअर के ऊपर से उसका लण्ड पकड़ लिया और दबाने लगी। अब वो लोअर और चड्डी के अंदर अपना हाथ डाली और उसके नंगे लण्ड को पकड़ ली।वो सोची कि क्या मस्त जवान लण्ड है और कितना गरम है।
राकेश बोला: मम्मी अब दूसरा दूध पिलाओ ना।
सरला अब अपनी दूसरी चूचि को हाथ में लेकर उसके मुँह में डाली और वो मस्त होकर चूसने लगा। जब उसका जी भर गया तो वो बोला: मम्मी ६९ करोगी क्या?
सरला : ठीक है आजा तू नीचे लेट जा और मैं ऊपर आती हूँ। वो उलटी होकर अपनी बुर को राकेश के मुँह पर रखा और ख़ुद उसकी जाँघ के बीच आकर उसका कड़ा लंड चूसने लगी। राकेश भी मस्ती में आकर जीभ से उसकी बुर को कुरेदने लगा। सरला भी मस्ती से उसके लण्ड को अपने गले के अंदर ले जाकर चूस रही थी। वह उसके बॉल्ज़ भी चाटी और फिर बोली: आऽऽऽऽह बेएएएएएएएटा अब चोद दे। बहुत गरम हो गयी हूँ मैं ।
अब सरला घूमकर उसके ऊपर आयी और अपनी बुर को उठाकर अपने बेटे के लण्ड पर रखी और नीचे होकर उसका लण्ड अपनी बुर में पूरा निगल गयी । अब वो ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे होकर चुदवाने लगी। राकेश भी नीचे से लण्ड उछालकर चोदने लगा। राकेश अब उसकी चूचियाँ दबाकर चूस रहा था । जल्दी ही चुदाई चरम सीमा पर पहुँचने लगी।
अब राकेश बोला: मम्मी हाऽऽऽऽऽययय हम एक दूसरे के मुँह में झड़ें क्या। आऽऽऽऽऽऽह बोओओओओओलो नाआऽऽऽऽ ।
सरला : उफफफफ अच्छा हाँआऽऽऽऽ ठीक है उइइइइइइइ ।
अब वो फिर से पलटी और अब दोनों एक दूसरे के अंगों को चूसने लगे। राकेश उइइइइइइइ माऽऽऽऽऽ कहकर अपनी माँ के मुँह में झड़ने लगा। सरला उसके वीर्य को निगलती चली गयी। उधर सरला भी अब राकेश के मुँह में झड़ने लगी थी और वो भी उसका रस पीता चला गया। अब दोनों झड़कर आराम करने लगे। थोड़ी देर बाद फ़्रेश होकर वो नंगे ही लिपट कर चादर ओढ़ कर सो गए।
उधर शाम की चाय मालिनी ने राजीव की गोद में बैठ कर पी। वो दोनों एक दूसरे को चूमकर ख़ुश थे
रात को ८ बजे शिवा आया और सबने खाना खाया। राजीव के कमरे में जाने के बाद वो दोनों अपने कमरे में आए और दोनों ने थकावट का बहाना बनाया और बिना चुदाई किए सो गए।