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मेरी बात सुनते ही जीजू ने कहा-“यार, तू इतनी चिंता क्यों करता है? अब से तू ये समझ की पूजा मेरी नहीं तेरी बीवी है। दुनियाँ के सामने वो मेरी बीवी है, पर असल में वो तेरी बीवी होगी। और यार तू सोच जिस तरह मर्दों ने घर के बाहर दूसरी औरतों को रखा होता है, अपनी रखैल बनाकर। अब से तू समझ की पूजा तेरी बहन नहीं तेरी रखैल है, और तुझे तो पता ही होगा की एक रखैल अपने यार को इतना मज़ा देती है, जितना मज़ा ना एक बीवी और ना एक मासूका दे सकती है। अरे रखैल जितना मज़ा तो लाइफ में कोई रंडी भी नहीं दे सकती…” और इतना कहकर मेरी जाँघ पर हाथ उससे दबाकर मुश्कुरा दिए।
मैं-“ठीक है जीजू, जैसा आप और दीदी को सही लगता है, वैसे ही होगा…” अब मेरे लिए पूजा दीदी को आगे भी चोदने का रास्ता सॉफ हो गया था। अब मैं खुलकर पूजा दीदी का मज़ा ले सकता था, जैसे मैं चाहता वैसे ही पूजा दीदी की मस्त गदराई हुई जवानी को चूस सकता था। अब मेरे मन में सिर्फ़ पूजा दीदी की चुदाई के बारे में विचार आ रहे थे की कैसे मैं अपनी प्यारी दीदी पूजा की चुदाई करूँगा? उसको किस-किस स्टाइल में चोदूंगा और कहां-कहां चोदूंगा? ये सब विचार मेरे मन में आ ही रहे थे की तभी मेरी आँखों के सामने पूजा दीदी की मस्त तरबूज जैसे चूतड़ आ गये।
मैंने अपने दोस्तों से सुना था की ज्यादातर लड़कियां अपनी गाण्ड मारने नहीं देती, अगर पूजा दीदी ने भी मुझे अपनी मस्त गाण्ड मारने नहीं दी तो क्या होगा? और वैसे भी जीजू और पूजा दीदी को मुझसे बच्चा ही चाहिए था, जो पूजा दीदी मुझसे अपनी चूत चुदवाकर पैदा कर सकती थी। मन में पूजा दीदी के द्वारा उसकी गाण्ड ना मारने देने के विचार से मेरा मन कांप उठा और मैं जीजू से कन्फर्म कर लेना चाहता था की पूजा दीदी मुझे अपनी गाण्ड मारने से ना रोकें।
इसलिये मैंने जीजू से कहा-“जीजू, पूजा दीदी को मुझसे बच्चा चाहिए, पर आप बताएं की पूजा दीदी जैसी मस्त पटाका लड़की का तबला (गाण्ड) देखकर किस मर्द का मन नहीं करेगा की पूजा दीदी जैसी मस्त लड़की का तबला बजाये…”
जीजू मेरी बात सुनकर मुश्कुरा दिए और बोले-“यार, तुझे कहा ना कि अब पूजा को अपनी दीदी मत समझ… बल्की उसे अपनी रखैल समझ। अब तू उस माल की आगे से बजा, या पीछे से उसका तबला बजा… बस तू उसे पेट से करके माँ बना दे…”
इसके बाद लास्ट ड्रिंक खतम करने के साथ-साथ हम घर को चल दिए। जीजू आउट हो गये थे, उनसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। जब मैं ड्राइव कर रहा था तो रास्ते में जीजू मेरे लण्ड पे हाथ रखकर बोले-“साले, अपना हथियार तो दिखा दे, कितना बड़ा है? पूजा बता रही थी की तेरा हथियार बड़ा लंबा और मोटा है…”
एक पल के लिए तो मुझे लगा कि जीजू गान्डू हैं, शायद दीदी की चूत लेने से पहले इनकी गाण्ड भी मारनी पड़े गी। मेरा लण्ड आधा खड़ा था जो उन्होंने मेरी पैंट के ऊपर से ही थोड़ा झुक के अपने दायें हाथ में पकड़ रखा था।
फिर कुछ सोचकर जीजू बोले-“चल छोड़ कल ही देखेंगे जब तुम मेरी बीवी की चुदाई करोगे…”
मेरे दिल में आया कि मादरचोद, तेरी बीवी को चोदने का तो पता नहीं मुझे मज़ा आएगा या नहीं? लेकिन अपनी बहन को चोदने के लिए तो मैं बरसों से तरस रहा हूँ, उसे चोदने में तो मुझे जन्नत का मज़ा आएगा।
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मेरी बात सुनते ही जीजू ने कहा-“यार, तू इतनी चिंता क्यों करता है? अब से तू ये समझ की पूजा मेरी नहीं तेरी बीवी है। दुनियाँ के सामने वो मेरी बीवी है, पर असल में वो तेरी बीवी होगी। और यार तू सोच जिस तरह मर्दों ने घर के बाहर दूसरी औरतों को रखा होता है, अपनी रखैल बनाकर। अब से तू समझ की पूजा तेरी बहन नहीं तेरी रखैल है, और तुझे तो पता ही होगा की एक रखैल अपने यार को इतना मज़ा देती है, जितना मज़ा ना एक बीवी और ना एक मासूका दे सकती है। अरे रखैल जितना मज़ा तो लाइफ में कोई रंडी भी नहीं दे सकती…” और इतना कहकर मेरी जाँघ पर हाथ उससे दबाकर मुश्कुरा दिए।
मैं-“ठीक है जीजू, जैसा आप और दीदी को सही लगता है, वैसे ही होगा…” अब मेरे लिए पूजा दीदी को आगे भी चोदने का रास्ता सॉफ हो गया था। अब मैं खुलकर पूजा दीदी का मज़ा ले सकता था, जैसे मैं चाहता वैसे ही पूजा दीदी की मस्त गदराई हुई जवानी को चूस सकता था। अब मेरे मन में सिर्फ़ पूजा दीदी की चुदाई के बारे में विचार आ रहे थे की कैसे मैं अपनी प्यारी दीदी पूजा की चुदाई करूँगा? उसको किस-किस स्टाइल में चोदूंगा और कहां-कहां चोदूंगा? ये सब विचार मेरे मन में आ ही रहे थे की तभी मेरी आँखों के सामने पूजा दीदी की मस्त तरबूज जैसे चूतड़ आ गये।
मैंने अपने दोस्तों से सुना था की ज्यादातर लड़कियां अपनी गाण्ड मारने नहीं देती, अगर पूजा दीदी ने भी मुझे अपनी मस्त गाण्ड मारने नहीं दी तो क्या होगा? और वैसे भी जीजू और पूजा दीदी को मुझसे बच्चा ही चाहिए था, जो पूजा दीदी मुझसे अपनी चूत चुदवाकर पैदा कर सकती थी। मन में पूजा दीदी के द्वारा उसकी गाण्ड ना मारने देने के विचार से मेरा मन कांप उठा और मैं जीजू से कन्फर्म कर लेना चाहता था की पूजा दीदी मुझे अपनी गाण्ड मारने से ना रोकें।
इसलिये मैंने जीजू से कहा-“जीजू, पूजा दीदी को मुझसे बच्चा चाहिए, पर आप बताएं की पूजा दीदी जैसी मस्त पटाका लड़की का तबला (गाण्ड) देखकर किस मर्द का मन नहीं करेगा की पूजा दीदी जैसी मस्त लड़की का तबला बजाये…”
जीजू मेरी बात सुनकर मुश्कुरा दिए और बोले-“यार, तुझे कहा ना कि अब पूजा को अपनी दीदी मत समझ… बल्की उसे अपनी रखैल समझ। अब तू उस माल की आगे से बजा, या पीछे से उसका तबला बजा… बस तू उसे पेट से करके माँ बना दे…”
इसके बाद लास्ट ड्रिंक खतम करने के साथ-साथ हम घर को चल दिए। जीजू आउट हो गये थे, उनसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। जब मैं ड्राइव कर रहा था तो रास्ते में जीजू मेरे लण्ड पे हाथ रखकर बोले-“साले, अपना हथियार तो दिखा दे, कितना बड़ा है? पूजा बता रही थी की तेरा हथियार बड़ा लंबा और मोटा है…”
एक पल के लिए तो मुझे लगा कि जीजू गान्डू हैं, शायद दीदी की चूत लेने से पहले इनकी गाण्ड भी मारनी पड़े गी। मेरा लण्ड आधा खड़ा था जो उन्होंने मेरी पैंट के ऊपर से ही थोड़ा झुक के अपने दायें हाथ में पकड़ रखा था।
फिर कुछ सोचकर जीजू बोले-“चल छोड़ कल ही देखेंगे जब तुम मेरी बीवी की चुदाई करोगे…”
मेरे दिल में आया कि मादरचोद, तेरी बीवी को चोदने का तो पता नहीं मुझे मज़ा आएगा या नहीं? लेकिन अपनी बहन को चोदने के लिए तो मैं बरसों से तरस रहा हूँ, उसे चोदने में तो मुझे जन्नत का मज़ा आएगा।
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Thank you very muchSure,
It's hot n interesting story.
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Nice selection of colors and fonts.
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