"रिंकी ने देरी नहीं की और उठ कर मेरे दोनों पैरों के बीच आकर मुझ पर लेट गई। उसका नंगा बदन मेरे नंगे बदन से चिपक गया। मेरा लंड अब भी सख्त था और ठुनक रहा था।
रिंकी ने मेरे लंड को अपने हाथों से नीचे की तरफ एडजस्ट किया और अपनी चूत की दीवार को मेरे लंड पे रख कर उसे अपनी चूत से दबा दिया। लंड तो दबने का नाम ही नहीं ले रहा था लेकिन रिंकी ने उसे जबरदस्ती दबाये रखा और मेरे सीने पे अपनी चूचियों को रगड़ने लगी।
मैं अब भी अपनी आँखें बंद किये हुए मज़े ले रहा था।
तभी मेरे होंठों से कुछ लगा और मैंने अपनी आँखें खोल लीं। सामने देखा तो रिंकी अपने एक हाथ से अपनी एक चूची के निप्पल को मेरे होंठों पे रगड़ रही थी। मैंने उसकी निप्पल का स्वागत किया और अपने होंठ खोल कर उसे अन्दर कर लिया और जोर से चूस लिया।
"उह्ह्ह्ह…धीरे जान…अभी भी दुःख रहा है।" रिंकी ने एक सिसकारी लेकर मेरे बालों में उँगलियाँ फिराते हुए कहा।
मैंने उसे मुस्कुरा कर देखा और उसे पकड़ कर अपने बगल में पलट दिया। अब रिंकी मदर्जात नंगी मेरी बाहों में बिस्तर पे लेटी हुई थी और मेरा मुँह उसकी चूची को चूस रहा था। मैंने अपने हाथ को हरकत दी और उसके चिकने बदन को ऊपर से नीचे तक सहलाने लगा। रिंकी मज़े से तड़पने लगी और मुँह से हल्की हल्की सिसकारियाँ भरने लगी। मैंने अपने हाथों को उसकी जाँघों पे लेजाकर उसकी चिकनी जाँघों को हल्के हल्के मुट्ठी में भर कर दबाना शुरू किया। रिंकी के पैर खुद बा खुद अलग होने लगे। यह इस बात का इशारा था कि अब उसकी चूत कुछ मांग रही थी।
मैंने अपने हाथ को उसकी जाँघों के बीच सरका दिया और धीरे धीरे ज़न्नत के दरवाज़े की तरफ बढ़ा। जैसे जैसे मेरे हाथ उसकी चूत की तरफ बढ़ रहे थे, मुझे कुछ गीलापन और गर्मी महसूस होने लगी। मैं समझ गया था कि इतने देर से चल रहे इस चुदाई क्रीड़ा का असर था कि उसकी चूत ने अपना रस बाहर निकाल दिया था।
मैंने सहसा अपना हाथ सीधे उसकी चूत पे रख दिया और उसकी छोटी सी नर्म मुलायम चिकनी चूत मेरी हथेली में खो गई। उफ्फ्फ्फ़……क्या गर्म चूत थी, मानो किसी आग की भट्टी पे हाथ रख दिया हो मैंने…
"उफ्फ्फ्फ़……सोनू…" रिंकी ने मेरे बालों को जोर से पकड़ लिया और अपनी कमर को ऊपर उठा लिया।
उसे एक झटका सा लगा और उसने अपनी अवस्था का ज्ञान अपनी कमर हिलाकर करवाया। मैंने उसकी चूत को अपनी मुट्ठी में हल्के से भर कर धीरे धीरे ऐसे दबाना चालू किया जैसे कॉस्को की गेंद हो। उसकी चूत पूरी तरह से गीली थी और मेरे हथेली को रस से भर दिया था। मैं मज़े से उसकी चूचियों को पीते पीते उसकी चूत को सहलाता रहा और अपनी उँगलियों से चूत की दीवारों को छेड़ता रहा।
रिंकी लगातार मेरे बालों में अपनी उँगलियों से खेलते हुए अपनी कमर उठा उठा कर मज़े लेती रही। उसकी रस से भरी चूत ने मुझे ज्यादा देर खुद से दूर नहीं रहने दिया। रस से भरी चूत मेरी सबसे बड़ी कमजोरी साबित हो रही थी। मैंने उसकी चूचियों को मुँह से निकाल कर उसके होंठों को एक बार फिर से चूमा और सीधे नीचे उसकी चूत की तरफ बढ़ गया।
उसकी चूत कमरे की रोशनी में चमक रही थी। चूत की दीवारें रस से भरी हुई थीं। लेकिन उसकी चूत का उपरी हिस्सा जो कि पाव रोटी की तरह फूली हुई थी वो थोड़ी खुश्क लग रही थी। शायद बालों को साफ़ करने के लिए क्रीम लगाने कि वजह से वो जगह थोड़ी ज्यादा खुश्क हो गई थी। मैंने उस फूली हुई जगह पे अपने हाथ फेरे और अपना मुँह नीचे करके चूम लिया। जैसे ही मैंने चूमा, रिंकी ने एक जोर की सांस ली।
मैंने लगातार कई चुम्बन उसकी चूत के ऊपरी भाग पे किये और अपने दांतों से थोड़ा सा काट लिया