“यह क्या बात हुई, मैंने कभी किसी को नहीं देखा यार…मेरे पास इतना वक़्त ही कहाँ है।” मैंने कहते हुए उसके हाथों को अपने हाथों से सहलाने लगा।
“अब बनो मत…मेरे पास भी आँखें हैं और मुझे भी सब दिखता है कि आजकल साहब कहाँ बिजी रहते हैं…” रिंकी ने इस बार मुझे आँख मारी।
मैं समझ गया कि वो बीती रात की बात कर रही है। मैं थोड़ी देर के लिए चुप सा हो गया लेकिन उसकी तरफ देखता ही रहा।
“बड़े थके थके से लग रहे हो, रात भर सोये नहीं क्या?” रिंकी ने मेरी आँखों में देखते हुए पूछा।
“मेरी छोड़ो, तुम अपनी बताओ…लगता है तुम्हें रात भर नींद नहीं आई…शायद किसी का इंतज़ार करते करते बेचैन हो रही होगी रात भर, है न?” मैंने उल्टा उसके ऊपर एक सवाल दगा और उसके हाथ को धीरे से दबा दिया।
उसने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए एक ठण्डी सांस भरी…
“अपनी आँखों के सामने वो सब होता देख कर किसी नींद आएगी।” रिंकी ने अब मेरे जांघ पर अपने दूसरे हाथ से एक चपत लगाते हुए कहा और फिर अपने हाथ को वहीं रहने दिया।
मैंने उस वक़्त एक छोटी सी निकर पहनी हुई थी जो कि मेरे जांघों के बहुत ऊपर तक उठा हुआ था। जब रिंकी ने अपने हाथ रखे तो वो आधा मेरे निकर पे और आधा मेरी जांघों पे था। मेरी टांगों पे ढेर सारे बाल थे। रिंकी ने अपनी उँगलियों से थोड़ी सी हरकत करनी शुरू कर दी और मेरे जांघों को धीरे धीरे सहलाने लगी।
मेरी तो मानो मन की मुराद ही पूरी हो रही थी। मैं मन ही मन खुश हो रहा था यह सोच कर कि अब मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। मैं अब सीधा आगे बढ़ सकता था लेन मैंने उसे छेड़ने के लिए अनजान बनते हुए पूछा,”ऐसा क्या देख लिया तुमने जो तुम्हें रात भर नींद नहीं आ रही थी। वैसे मुझे पता है कि तुम असली बात छुपा रही हो, असल में तुम पप्पू का इंतज़ार कर रही थी और …”
“अब बनो मत…मेरे पास भी आँखें हैं और मुझे भी सब दिखता है कि आजकल साहब कहाँ बिजी रहते हैं…” रिंकी ने इस बार मुझे आँख मारी।
मैं समझ गया कि वो बीती रात की बात कर रही है। मैं थोड़ी देर के लिए चुप सा हो गया लेकिन उसकी तरफ देखता ही रहा।
“बड़े थके थके से लग रहे हो, रात भर सोये नहीं क्या?” रिंकी ने मेरी आँखों में देखते हुए पूछा।
“मेरी छोड़ो, तुम अपनी बताओ…लगता है तुम्हें रात भर नींद नहीं आई…शायद किसी का इंतज़ार करते करते बेचैन हो रही होगी रात भर, है न?” मैंने उल्टा उसके ऊपर एक सवाल दगा और उसके हाथ को धीरे से दबा दिया।
उसने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए एक ठण्डी सांस भरी…
“अपनी आँखों के सामने वो सब होता देख कर किसी नींद आएगी।” रिंकी ने अब मेरे जांघ पर अपने दूसरे हाथ से एक चपत लगाते हुए कहा और फिर अपने हाथ को वहीं रहने दिया।
मैंने उस वक़्त एक छोटी सी निकर पहनी हुई थी जो कि मेरे जांघों के बहुत ऊपर तक उठा हुआ था। जब रिंकी ने अपने हाथ रखे तो वो आधा मेरे निकर पे और आधा मेरी जांघों पे था। मेरी टांगों पे ढेर सारे बाल थे। रिंकी ने अपनी उँगलियों से थोड़ी सी हरकत करनी शुरू कर दी और मेरे जांघों को धीरे धीरे सहलाने लगी।
मेरी तो मानो मन की मुराद ही पूरी हो रही थी। मैं मन ही मन खुश हो रहा था यह सोच कर कि अब मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। मैं अब सीधा आगे बढ़ सकता था लेन मैंने उसे छेड़ने के लिए अनजान बनते हुए पूछा,”ऐसा क्या देख लिया तुमने जो तुम्हें रात भर नींद नहीं आ रही थी। वैसे मुझे पता है कि तुम असली बात छुपा रही हो, असल में तुम पप्पू का इंतज़ार कर रही थी और …”