अंकल- हाँ यार, मैं अपनी बेटी इरम की ही बात कर रहा हूँ। वो मेरे और तुम्हारी माँ सलमा के बारे में सब जानती है और हमारे साथ मिलकर कई बार मजा भी ले चुकी है।मैं हैरत भरी नजरों से अंकल को देखते हुये बोला-
"मतलब आप मेरी अम्मी के साथ-साथ अपनी सगी बेटी को भी चोद चुके हैं?
"अंकल- "अरे हाँ यार, आजकल तो ये नार्मेल होता जा रहा है बाप बेटी और बहन भाई,
माँ बेटा का सेक्स और इस में सुरक्षा भी है, कोई बदनामी का डर भी नहीं होता कहीं से भी...
"मैं- "हाँ अंकल, बात तो आपकी ठीक है लेकिन मेरा खयाल है कि इरम के आने तक अकेली अम्मी को क्यों मुसीबत में डाला जाए?
अम्मी का साथ देने के लिए किसी और को क्यों ना मिला लिया जाए अपने साथ,
जो इस सबके बारे में जानती भी है और हमारे साथ मिलकर मजा भी करना चाहती है...
"अंकल- "क्या मतलब? कौन है वो? तुम किसकी बात कर रहे हो?
देखो कोई पंगा नहीं कर देना समझे?"
मैंने अपना मोबाइल निकाल करके फरी बाजी को काल करके कहा-
"आप सफदर साहब के मकान पे आ जाओ..."
और काल कट कर दी।अंकल ने कहा-
"यार किसे बुला रहे हो कुछ बताओ तो सही?"
मैंने कहा- "अंकल बस आप देखते जाओ और एक जवान फुददी के मजे के लिए तैयार हो जाओ जल्दी से,
और वो हमारा ये राज कभी किसी को नहीं बताएगी टेन्शन नहीं लो आप..मैंने कहा-
"अंकल बस आप देखते जाओ और एक जवान फुददी के मजे के लिए तैयार हो जाओ जल्दी से,
और वो हमारा ये राज कभी किसी को नहीं बताएगी टेन्शन नहीं लो आप..."