बैलगाड़ी

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श्याम की मां को रोता छोड़ कर राजू श्याम को लेकर कमरे से बाहर निकल गया उसे समझाने के लिए,,, श्याम की मां अपनी हालत पर रोती रही,,, उसे इस बात का डर था कि श्याम ने उसे अपने ही दोस्त के साथ रंगे हाथ पकड़ लिया था वह अपने मन में क्या सोच रहा होगा इस बारे में सोचकर वह दुखी हो रही थी और रो रही थी,,,,यह बात श्याम की मां की अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा उसकी चुदाई करता है और वह नहीं चाहता कि कोई और उसकी मां को चोदे,,, लेकिन आज श्याम की माने श्याम की सोच और उसके विश्वास को अपने हाथों से तोड़ चुकी थी इसलिए वह कुछ ज्यादा ही दुखी थी,,,।

राजू तो श्याम को कमरे से बाहर समझाने के लिए लेकर गया था लेकिन समझाने लायक कुछ भी नहीं था वह दोनों पहले से ही आपस में बात कर चुके थे सब कुछ सोची समझी साजिश का ही नतीजा था,,,, थोड़ी ही देर में वह दोनों वापस उस कमरे में आ गए जहां पर श्याम की मां अपने नंगे बदन को चादर से ढकने की कोशिश कर रही थी,,,, श्याम की मां अभी भी रोए जा रही थी तो राजू उसे चुप कराते हुए बोला,,,,।

चुप हो जाओ चाची चिंता करने की कोई भी बात नहीं है मैंने श्याम को मना लिया हूं,,,,
(राजू की यह बात सुनते ही श्याम की मां आश्चर्य से राजू की तरफ देखने लगी,,,, और फिर रोने लगी उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि राजू ने श्याम को कैसे मना लिया है और क्या करने के लिए मना लिया है,,,, एक बार फिर से श्याम की मां को चुप कराते हुए राजु बोला,,)




चाची अब रोने से कोई फायदा नहीं है जो होना था वह हो गया लेकिन यह तो देखो कि हम दोनों को इस हालत में देखकर श्याम को अब कोई भी ऐतराज नहीं है,,,

(राजू की बात सुनकर एक बार फिर से आश्चर्य से वह राजू की तरफ तो कभी श्याम की तरफ देखने लगी,,, उसे इस तरह से देखता हुआ देखकर राजू बोला)


हां चाची चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है,,, मैं श्याम को सब को समझा दिया हूं,,,,एक औरत वर्षों तक मर्द के बगैर नहीं रह सकती उसे कभी ना कभी मर्द की जरूरत पड़ती ही है,,और आपकी स्थिति कैसी है मैं इस बारे में श्याम से अच्छी तरह से बात कर चुका हूं शयाम को अब तुमसे कोई भी गिला शिकवा नहीं है,,,,।
(श्याम की मां श्याम की तरफ देख रही थी उसकी आंखों में जरा भी क्रोध नजर नहीं आ रहा था श्याम की मां को अजीब लग रहा था कि आखिर एक गैर मर्द के साथ और वह भी अपने ही दोस्त के साथ उसे आपत्तिजनक स्थिति में देखने के बावजूद भी श्याम मान कैसे गया जबकि वह श्याम के गुस्से से अच्छी तरह वाकिफ यह श्याम की मां को बड़ा अजीब लग रहा था,,,,,,,, श्याम की मां अपने नंगे बदन को चादर से ढकने की कोशिश कर रही थी और इस समय राजू अपने बदन पर एक छोटा सा तो लिया लपेट लिया था लेकिन उसके लंड की अकड़ अभी भी बरकरार थी जबकि वह श्याम की उपस्थिति में ही लगातार धक्के मारता हुआ अपना पानी निकाल चुका था और श्याम की मां को भी झाड़ चुका था,,,, श्याम की तरफ देखकर श्याम की मां रोते हुए बोली,,,)


मुझे माफ कर दे बेटा मैं बहक गई थी,,,,(श्याम की मां को इस तरह से बोलता हुआ देख कर श्याम कुछ बोलता उससे पहले ही राजू बोला)

यह सब करने की जरूरत है तुम्हें बिल्कुल भी नहीं है चाची श्याम को तुम से कोई भी प्रकार की शिकायत नहीं है,,,, क्योंकि इस खेल में वह भी शामिल होना चाहता है,,,,।
(राजू की आवाज सुनते ही श्याम की मा एकदम से सन्न रह गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि राजू यह क्या बोल रहा है वह आश्चर्य से राजू की तरफ तो कभी श्याम की तरफ देख रही थी,,,, राजू ही उसकी मुश्किल को दूर करता हुआ बोला,,,)

चाची जो कुछ भी हुआ इसमें आपकी गलती बिल्कुल भी नहीं है इस बात को श्याम भी मानता है जिस तरह से आपकी भी खुशी जरूरत है उसी तरह से श्याम की भी कुछ जरूरते है,,,,, मुझे तुम्हारी चुदाई करता हुआ देखकर इसे गुस्सा तो आया लेकिन जवान लड़का होने की वजह से इसका मन भी तुम्हें चोदने को कर रहा है,,,।
(श्याम की मां राजू की बातें सुनकर अंदर ही अंदर खुश होने लगी क्योंकि बात दूसरी और चली जा रही थी वैसे भी श्याम तो उसी रोज चोदता था इसलिए श्याम से चुदवाने में उसे किसी भी प्रकार से नहीं लेकिन फिर भी वह राजू की नजर में उसकी मां थी इसलिए इतनी जल्दी कैसे मान जाती इसलिए एतराज जताते हुए बोली,,,)


राजू यह तू क्या कह रहा है पहले ही वहां मुझे आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया है लेकिन फिर भी वह मेरा बेटा है और नहीं उसकी मां हु भला एक बेटा अपनी मां के साथ ऐसा कैसे कर सकता है,,,, और तू कैसे सोच लिया कि मैं उसे ऐसा करने दूंगी,,,।
(श्याम की माया नहीं जानते थे कि राजू उन दोनों के बारे में सब कुछ जानता है तभी तो वह बड़े आराम से उसकी दोनों टांगों के बीच पहुंच चुका था वरना उसे चोदने के बारे में कभी सोचा ही नहीं था फिर भी राजू एक बात बताना गवारा नहीं समझता था कि वह अपनी आंखों से उन दोनों मां-बेटे की चुदाई देख चुका है वह जितना हो सकता था उस राज को राज ही रखना चाहता था

क्योंकि उसका काम तो वैसे भी बन ही जाता था,,,,)

चाची,,,, मैं जानता हूं कि एक मां के लिए यह पल बड़ा कठिन होता है जब उसका बेटा खुद उसे चोदना चाहता हूं लेकिन यह भी तो सोचो एक औरत की तरह जिस तरह से तुम मुझे अपनी बुर दे रही हो अपनी प्यास बुझाने के लिए मेरी प्यास बुझाने के लिए उसी तरह से तुम्हारा बेटा भी तुम्हें उसका भी मन कर रहा है कि वह भी तुम्हें चोदे आखिरकार चाची वह भी तो मेरा हम उम्र है,,,, जरा सोचो वह अपनी आंखों से अपनी मां को किसी गैर लड़के से चुराता हुआ देखेगा तो अपने मन में यही सोचेंगे ना कि उसकी मां अपनी जवानी की प्यास किसी के लड़के से बुझा रही है अगर उसकी प्यास वह खुद बुझाए तो इसमें हर्ज क्या है,,,!

तेरी बातें सुनने में अच्छी लगती है लेकिन राजू यह भी नहीं बोलना चाहिए कि मैं उसकी मां हूं ना एक माह होने के नाते में अपने बेटे के लिए अपनी दोनों टांग कैसे खोल दु कुछ लाज शर्म मर्यादा है कि नहीं,,,


बात तुम्हारी बिल्कुल सही है चाची,,,लेकिन इस चारदीवारी के भीतर क्या हो रहा है इस बारे में किसी को कानों कान तक खबर नहीं पड़ेगी और मेरा विश्वास करना यह काज मेरे सीने में दफन रहेगा लेकिन अगर आज तुम अपने बेटे को नहीं करने दोगी तो शायद हो सकता है वह कल गुस्से में आकर पूरे गांव में यह बात बता दे तो सोचो क्या होगा बदनामी हो जाएगी,,,, मेरा क्या है मैं तो लड़का हूं लेकिन तुम तो एक औरत हो एक ब्रदर आज व्रत है और इस उमर में एक जवान लड़के के साथ अपने घर बुलाकर चुदाई करवाओ गी और यह बात गांव में पता चल गई तो गजब हो जाएगा,,,,।

राजू की बात सुनकर कमरे में पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ था श्याम की मां को अपने बेटे के साथ चुदवाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नजर नहीं आ रही थी और किसी भी प्रकार के एतराज भी नहीं था लेकिन एक गैर लड़के के सामने अपने ही बेटे के साथ चुद वाना मतलब गांव में बदनामी होने का डर था लेकिन वह यह बात नहीं जानती थी कि राजू को सब कुछ पता है यह सब उसके बेटे और राजू की मिलीभगत है,,,, ,,,लालटेन की पीली रोशनी में सबके चेहरे साफ नजर आ रहे थे पूरा गांव सो रहा था लेकिन गांव के इस घर में मां बेटे के साथ राजू मिलकर जवानी का मजा लूटने की तैयारी में लगे हुए थे बस श्याम की मां को समझाना भर था वैसे तो वह समझ गई थी,,, बस गैर लड़की के सामने उसे शर्म आ रही थी समाज का डर भी लग रहा था वैसे तो उसके मन में भी एक साथ दो दो जवान लड़के से अपनी जवानी लूटवाने का मजा वह भी लेना चाहती थी,,,,,,,बस थोड़ा घबरा रही थी उसकी घबराहट को कुछ उसका बेटा दूर करते हुए बीच में बोला,,,


मा तुम बिल्कुल भी चिंता मत करोमैं जो ख़ुशी अपनी आंखों से देखा हूं यह किसी को नहीं बताऊंगा बस बातें मैं राजू ने जो कहा वह मान लो,,,


इसका मतलब हे कि तू एक बेटा होने के बावजूद भी मुझे चोदना चाहता है अपनी मां को चोदना चाहता है,,,(श्याम की मां जान बुझकर गुस्सा दिखाते हुए बोली और अपनी मां की बात सुनकर श्याम जवाब देते हुए बोला)


तो क्या करूं मैं भी तो जवान हूं मेरा भी तो लंड खड़ा होता है,,, तुम गांव के दुसरे लड़कों से चुदवाती फिरोगी तो क्या मैं अपनी आंख बंद करके बैठा रहूंगा मेरी मर्दानगी मुझे धिक्कार है कि नहीं कि घर में जवान लड़का होने के बावजूद भी उसकी मां गांव के दूसरे लड़कों से अपनी प्यास बुझाती है,,,, आज राजू को तुम्हारी चुदाई करता हुआ देखकर मेरा भी मन करने लगा है,,,,,,


श्याम यह तू क्या कह रहा हैतो अच्छी तरह से जानता है अगर आज मर्यादा और संस्कारों की दीवार गिर गई तो कभी यह दीवार खड़ी होने वाली नहीं है हम दोनों के बीच मां बेटी का रिश्ता पूरी तरह से खत्म हो जाएगा और एक औरत और मर्द का रिश्ता रह जाएगा,,,और अगर इस बारे में गांव में किसी को भनक भी लग गई तो हम दोनों का जीना दुश्वार हो जाएगा,,,।


कुछ भी नहीं होगा चाचीचार दिवारी में खेले जाने वाला या खेल सिर्फ हम तीनों के बीच रहेगा,,,(इतना कहते हुए श्याम की मां की तरफ आगे बढ़ा और उसकी तरफ आगे बढ़ते हुए अपनी कमर पर बसा हुआ तो दिया भी एक झटके से खोलकर उसे नीचे जमीन पर फेंक दिया और वह पूरी तरह से नंगा हो गया उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था एक बार झड़ जाने के बावजूद भी उसकी अकड़ बरकरार थी,,,,अपने लंड को हिलाते हुए राजू श्याम की मां के बेहद करीब पहुंच गया और उसके चेहरे को अपने दोनों हथेली में लेते हुए उसकी आंखों में देखते हुए बोला,,,)

अब ज्यादा सोच विचार मत करो चाची बस इस पल का मजा लो,,(और इतना कहने के साथ ही अपने होठों को शयाम की मां के होठों पर रखकर चूमना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से चादर को हटाकर एक बार फिर से उसे नंगी कर दिया,,,, उसकी नंगी चूची को एक हाथ से पकड़ कर दबाना शुरू कर दिया और इशारे से ही श्याम को भी इस खेल में शामिल होने के लिए बोला हम तो पागल हुआ जा रहा था इस खेल में शामिल होने के लिए वह तुरंत अपनी मां की

करीब आया और दूसरी चूची को अपने मुंह में लेकर पीना शुरु कर दिया,,,, श्याम की मां एक साथ ही तो तो जवान लड़कों के हाथों की गर्मी को अपने बदन पर महसूस करके पूरी तरह से मस्त होने लगी,,, उसके मुंह से गर्म सिसकारी की आवाज छूटने लगी,,,, श्याम अपनी मां की चूची को पीने में मस्त था तो राजू उसके होठों को चूसता हुआ एक हाथ से उसकी चूची को दबा रहा था,,,,,,,,,
श्याम की मां के पास सेवा समर्पण के और कोई रास्ता नहीं था,,, पल भर में श्याम की मां के मुंह से गर्म सिसकार की आवाज फुटने लगी,,, राजू और श्याम दोनों उसके नंगे बदन से खेल रहे थे,,, राजू होंठों का चुंबन कुछ अलग और मदहोशी भरे अंदाज में लेता जिसकी खुद श्याम की मां कायल हो चुकी थी,,, श्याम की मां को राजू का इस तरह से चुंबन करना बेहद आनंददायक लगता था,,, श्याम की मां अपने मन में यही सोच रही थी कि श्याम की उम्र का होने के बावजूद भी राजू औरत को खुश करने के मामले में श्याम से कई कदम आगे है,,, एक तरह से वह पूरी तरह से अनुभव से भरा हुआ है उसे इस बात का ज्ञान है कि एक औरत को कैसे खुश किया जाता है,,,,,।

श्याम पूरी तरह से मदहोश बजा रहा था वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपने दोस्त के साथ मिलकर अपनी मां के नंगे बदन से खेलेगा,,, इस बारे में उसका सोचना भी उसे गवारा नहीं था लेकिन आज वक्त और हालात दोनों बदल चुके थे कि वह अपने दोस्त के साथ ही अपनी मां के नंगे बदन से आनंद ले रहा था अपनी मां की बड़ी बड़ी चूचियों को दबा दबा कर अपने मुंह में लेकर पी रहा था,,, जिससे उसकी मां को भी बहुत मजा आ रहा था दूसरी चूची की सेवा की जिम्मेदारी राजू अपने हाथों में ले लिया था साथ ही उसके होठों के रस को अपने होठों से लगाकर पी रहा था,,,,,गरम सिसकारी के साथ श्याम की मां पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी उसे भी खेलने के लिए खिलौना चाहिए था इसलिए अपने दोनों हाथों को राजू के और श्याम के लंड के ऊपर रखकर उसे टटोलने की कोशिश करने लगी राजू तो पूरी तरह से नंगा था इसलिए उसके हाथ में राजू का मोटा तगड़ा लंड आ गया और वह उसे पकड़कर हिलाना शुरू कर दी,,,लेकिन श्याम अभी भी पूरी तरह से अपने कपड़ों में था इसलिए अपनी मां का हाथ अपने पजामे के ऊपर आते ही वह तुरंत अपने कपड़े उतारने लगा और अगले ही पल वह एकदम नंगा होकर खुद अपनी मां का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया जो कि वह भी धीरे-धीरे खड़ा हो चुका था एक साथ दो दो लंड को अपने हाथ में पकड़ कर श्याम की मां पूरी तरह से अपनी गदराई जवानी का आनंद लूट रही थी,,,,।

श्याम की मां कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वहां इस उम्र में एक साथ दो दो जवान लड़कों से मजा लेगी,,,, और भाभी अपने ही बेटे के साथ उसके दोस्त के साथ मिलकर,,,, श्याम की मां के दोनों हाथों में जवानी से जिसे वह अपनी बुर में पहले भी ले चुकी थी लेकिन जो मजा उसे राजू के लंड से आता था वह आप अपने बेटे के लंड से नहीं आता था लेकिन से नहीं आता था लेकिनअपने तन बदन में उत्तेजना का एहसास लिए हुए वह दोनों लंड से बराबर खेल रही थी,,,,,, राजू श्याम की मां के होठों का रस पीने के बाद उसकी चुचियों पर ज्यादा ध्यान देते हुए उसकी गर्दन को चूम रहा था,,,,, उसके कान में धीरे धीरे गर्म आहें भरते हुए बोला,,,।

कैसा लग रहा है चाची एक साथ दो दो जवान लंड से खेलने में,,,,,


सहहहह आहहहहहहहहह,,, बहुत अच्छा लग रहा है रे मैं तो कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि मुझे इस तरह की भी रात बितानी पड़ेगी,,,,,(श्याम की मां एकदम मस्त होते हुए बोली अपनी मां की बात सुनकर श्याम जोर जोर से अपनी मां की चूची दबाते हुए से मुंह में लेकर पीने लगा उसका जोश बढ़ता जा रहा था और साथ ही यही जोश और उत्साहश्याम की मां के हाथों में भी नजर आ रहा था वह अपने बेटे के लैंड को और जोर से दबाना शुरू कर दी थी साथ ही राजू के भी,,,, राजू अपने मन की मनसा को बताते हुए बोला,,,)


देखना चाहती आज हम दोनों मिलकर तुम एकदम मस्त कर देंगे आज की रात तुम जिंदगी भर याद रखोगी आज देखना हम दोनों मिलकर तुम्हारी दोनों छेद की सेवा करेंगे,,,।
(दोनों छेद के बारे में सुनकर श्याम की मां थोड़ा आश्चर्य चकित हो गई उसे समझ में नहीं आया कि राजू क्या कह रहा है,,,,लेकिन फिर भी वह उसकी बातों का आनंद लेते हुए गर्म सिसकारी लेने लगी क्योंकि राजू अपनी हथेली के कसाव को उसके खरबूजे पर बढ़ाना शुरू कर दिया था,,,,,, राजू श्याम की तरफ देख रहा था वह बड़ी मस्ती के साथ अपनी मां की चूची पी रहा था,,,, उसे देखकर राजू बोला,,,)


और मेरे दोस्त श्याम कैसा लग रहा है अपनी मां की चूची पीते हुए,,,,।

(राजू का सवाल सुनकर श्याम बोला कुछ नहीं बस अपनी नजर उठाकर राजू की तरफ देखा और वापस अपनी मां की चूची को गहरी सांस लेते हुए पीने लगा,,, कमरे में वासना का नंगा नाच चल रहा था,,, एक मां अपने बेटे के साथ और उसके दोस्त के साथ मिलकर अपनी जवानी का रस दोनों को पिला रही थी अपनी वासना की आग में अपनी बुर की प्यास बुझाने के चक्कर में वह यह भी भूल गई कि अगर इस बारे में किसी को पता चल गया तो गांव में उसकी थु थु हो जाएगी,,, लेकिन जो भी हो इस समय श्याम की मां को इन सब बातों की बिल्कुल भी परवाह नहीं थी वह तो मस्त होकर अपनी जवानी का मजा लूट रही थी और वह भी अपने बेटे और गांव के एक जवान लड़के के साथ मिलकर और सही मायने में उसे स्वर्ग की अनुभूति हो रही थी इतना मजा उसे कभी नहीं आ रहा था एक साथ दो दो जवान लड़के अपने हाथ का करतब उसके नंगे बदन पर दिखा रहे थे और वह खुद उन दोनों के लंड को पकड़ कर जोर जोर से हिला रही थी जिंदगी में पहली बार श्याम की मां के हाथों में एक साथ दो-दो जवान लंड थे,,,,,,।


राजू आनंद की पराकाष्ठा को और ज्यादा बढ़ाना चाहता था,,, वह क्या बात बेहद करीब आया और अपने लंड को श्याम की मां के हाथों से छुड़ाकर उसकी पूरी जवाबदारी अपने हाथों में लेकर उसे हिलाता हुआ श्याम की मां के गाल पर लंड से वार करने लगा,,,, मोटा तगड़ा लंबा लंड श्याम की मां के भरे हुए गाल पर पडते ही उस‌पर से पट‌पट की आवाज आने लगी जो कि मजा को और ज्यादा बढ़ा रहा था राजू पूरी तरह से मस्ती में आ गया था वह अपने लंड को बार-बार उसके गोरे गोरे गाल पर पटक रहा था और श्याम की मा पूरी तरह से मचल जा रही थी उसे अपनी मुंह में लेने के लिए यह देख कर श्याम की भी हालत खराब होने लगी औरतों से खेलने के हर एक नए ढंग को राजू अच्छी तरह से जानता था यह देखकर श्याम भी उससे कुछ सीखना चाहता था इसलिए वह भी अपनी मां के हाथों से अपने लंड को छुड़ा दिया और अपने लंड को अपनी मां की चूची पर पटकने लगा,,,, दोनों तरफ से श्याम की मां दोनों जवान लड़को के लंड का वार अपने बदन पर महसूस कर रही थी और हर एक बार पर उसकी आह निकल जा रही थी,,,,।

राजू तू भी अपनी मां के मुंह में देना जैसे मैं डाल रहा हूं,,,,


मा,,मेरा,,,लेगी,,,,,! (श्याम जानबूझकर आश्चर्य जताते हुए बोला क्योंकि वह अपनी मां को यही जताना चाहता था कि राजू को उन दोनों के बारे में कुछ भी पता नहीं है इसलिए श्याम की बात सुनकर राजू बोला)


अरे क्यों नहीं लेगी मेरी जान,,,, तेरी मां को लंड बहुत पसंद है भले ही क्यों ना वह उसके बेटे का हीं हो,,, चल अब मैं निकालता हूं और तू डाल,,,,(इतना कहकर राजू श्याम की मां के मुंह में से अपने मोटे तगड़े लंड को बाहर खींच लिया और श्याम तुरंत खड़ा हुआ और एक टांग खटिया पर रख कर,,,अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां के चेहरे की तरफ बड़ा नहीं लगा तो राजू खुद अपने हाथ को श्याम की मां के सर पर रख कर उसे उसके बेटे के लंड की तरफ दबाव देने लगा श्याम की मां जानबूझकर राजू के सामने हिचकीचाने का नाटक कर रही थी,,,, इसलिए राजु बोला,,,।)


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शरमाओ मत मेरी रानी,,,,, आज की रात तुम्हारी बुर में हम दोनों का ही लंड जाने वाला है,,, बुर में ही क्यों,, आज तो हम तुम्हारी गांड भी मारेंगे,,,।
(गांड मारने वाली बात पर श्याम की मां थोड़ा सा झेंप गई,,, उसे लगा कि वह ऐसे ही बोल रहा है,,,, और इतना कहते हुए राजू श्याम की मां के सर पर थोड़ा सा और ज्यादा दबाव देते हुए ठीक उसे उसकी बेटी के लंड के सामने कर दिया और बस फिर क्या था श्याम पूरी तरह से जोश में आ गया था वह खुद ही अपने लंड के सुपाड़े को अपनी मां के होठों पर रगड़ने लगा,,,, श्याम की मां की हालत खराब हुई जा रही थीभले ही वह पिछले 2 सालों से अपने बेटे से चुदाई का सुख भोग रही थी लेकिन किसी गैर जवान लड़के के सामने अपने बेटे के साथ इस तरह की हरकत करने में उसे शर्म महसूस हो रही थी लेकिन इस शर्म का अपना ही अलग मजा थी,,,,, एक तरफ जहां अपने बेटे के साथ इस तरह की हरकत करने में वह शर्म से पानी-पानी हुई जा रही थी वहीं दूसरी तरफ उसे स्वर्ग की आनंद की अनुभूति हो रही थी इतना मजा उसे कभी नहीं आया था इसलिए वह अपने होठों को खोलकर अपने बेटे के लंड को अपने मुंह के अंदर प्रवेश करने की इजाजत दे दी,,,और अगले ही पल श्याम भी जल्दबाजी दिखाता हुआ अपना पूरा का पूरा लंड अपनी मां के मुंह में ठूंस दिया,,,, यह देखकर राजू बोला,,,।


वाह अब आया ना मजा ऐसा नजारा मैंने आज तक कभी नहीं देखा था कि एक बेटा अपनी मां के मुंह में लंड पेल रहा हो,,,, बहुत किस्मत वाले हो श्याम जो तुम्हें इतनी अच्छी मां मिली है जो तुम्हारा इतना ख्याल रखती है,,,,, आज से मैं यह जिम्मेदारी तुम्हें देता हूं जब मैं तुम्हारी मां की चुदाई ना करता हूं तो तुम खुद अपनी मां को चोद कर उसकी प्यास बुझाना,,,,।

(राजू की बातें बेहद अश्लील थी लेकिन इस समय जिस तरह का माहौल था ऐसे में दोनों मां-बेटे को राजू की गंदी गंदी बातें बहुत ही रोचक और उत्तेजनात्मक लग रही थी दोनों को मजा आ रहा,,, था,,, राजू दोनों के बेहद करीब जाकर श्याम के लंड को उसकी मां के मुंह में अंदर-बाहर होते हुए देखकर बोला,,,।)


देख श्याम कितने मजे लेकर तेरी मां तेरे लंड को अपने मुंह में ले रही है,,,,आहहहह इसी तरह से तो मजा आता है इस खेल में,,,आहहहह,,,, और ज्यादा कमर हिला,,,आहहहह ,,, बहुत अच्छे,,,,(इतना कहने के साथ ही राजू भीअपने खड़े लंड को हाथ में लेकर उसके होठों के करीब ले गया तो उसकी मां खुद ही अपने बेटे का लंड को बाहर निकालकर राजू के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी,,,, श्याम की मां की हरकत को देखकर राजू मुस्कुराता हुआ श्याम से बोला,,,)

देख मेरे दोस्त तेरी मां एकदम रंडी की तरह हम दोनों को मजा दे‌ रही है,,,,आहहहह कसम से बहुत मजा आ रहा है तेरी मां इस उम्र में भी इतनी जबरदस्त है कि जवान लड़की को भी पानी भरने पर मजबूर कर दे,,,, आहहहह मेरी जान,,,(दोनों हाथ को श्याम की मां के सर पर रखते हुए) कसम से तुझे चोदने में इतना मजा आता है कि किसी लड़की को चोदने में इतना मजा नहीं आता,,, इस उम्र में भी तेरी बुर कसी हुई है,,,,आहहहहहह,,,,आहहहहहहह,(राजू श्याम की मौजूदगी में उसकी मां से गंदी गंदी बातें बोल रहा था और अपनी कमर को आगे पीछे हिलाता हुआ श्याम की मां के मुंह को ही चोद रहा था श्याम हैरान था कि सीधा-साधा राजू इतनी गंदी गंदी बातें कैसे कर लेता है और यह गंदी बातें श्याम की मां को बहुत अच्छी लग रही थी वह पूरी तरह से जोश में आ गई थी और जल्दी जल्दी अपना मुंह हिला रही थी,,,,, राजू श्याम की मस्ती को बढ़ाना चाहता था इसलिए राजू श्याम की मां के मुंह में लंड दिए हुए ही उसके ठीक सामने आकर खड़ा हो गया और उसके कंधे को पकड़कर उसे खटिया पर पीठ के बल लेटाने लगा,,,लेकिन वह अपने लंड को उसके मुंह में से निकाला बिल्कुल भी नहीं था देखते ही देखते श्याम की मां के मुंह में लंड दिए हुए ही वह उसे खटिया पर पीठ के बल लिटा दिया,,, और वह भी अपने घुटनों को उसके अगल-बगल रखकर खटिया के पाटी पकड़कर उसके ऊपर झुक गया और अपनी कमर को खिलाता हुआ मानो उसके मुंह को चोदना शुरू कर दिया श्याम राजू की यह आसन को देखकर पूरी तरह से हैरान था और इस बात की हैरानी श्याम की मां को भी थी,,,,,

राजु अपनी कमर हिलाता हुआ श्याम की मां से बोला,,,


हाय मेरी रानी अपनी टांगे खोल मेरी जान,,,, दिखा अपनी बुर अपने बेटे को ठीक से देख लेने दे अपने बेटे को,,,,आहहहह बहुत मजा आ रहा है जान,,,ऊहहहहहह,,, ऐसा मजा मुझे कभी नहीं मिला,,,,।(ऐसा कहते हो पीछे नजर घुमा कर देखने लगा कि उसकी बात मान कर उसकी मां ने अपनी दोनों टांगों को खुली है या नहीं क्योंकि ठीक उसके पीछे श्याम खड़ा था जो कि अपने लंड को पकड़ कर खिला रहा था,,,, श्याम की मां राजू की हरकत से पूरी तरह से मस्त हो कर गप गप उसके लंड को अपने मुंह में ले रही थी,,,,श्याम की मां शायद राजू की बातों पर ध्यान नहीं दी थी या तो शर्म के मारे अपनी दोनों टांगों को खोली नहीं थी लेकिन राज्य अपने मन में सोचने लगा कि श्याम से किस बात का शर्म,,, इसलिए राजू फिर से अपनी कमर हिलाता हुआ बोला,,,)



क्यों मेरी रानी अपनी टांगे खोलो ना अपने बेटे को भी तो देखने दो अपनी बुर को उसी में तो उसे लंड़ डालना है,,,,।
(राजू की गंदी बातें श्याम की मां के साथ-साथ श्याम को भी बेहद रोचक लग रही थी उसकी बातों को सुनकर उन दोनों का जोश बढ़ जा रहा था श्याम एकदम खुले शब्दों में श्याम की मां से बातें कर रहा था मानो कि जैसे वह उसकी बीवी या प्रेमिका हो,,,और यह बात श्याम के लिए अजीब होने के बावजूद भी बहुत ही मादकता परी लग रही थी उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी मां का किसी गैर मर्द के साथ चक्कर चल रहा है,,,,राजू की बातों को सुनकर श्याम की मां अपनी मोटी मोटी चाहूंगा को खोलते हुए अपनी बुर के दर्शन अपने बेटे को कराने लगी और यह उसके लिए कोई नई बात नहीं थी लेकिन वह यह जताना चाहती थी कि यह सब श्याम के साथ पहली बार हो रहा है,,,, श्याम की मां की दोनों टांगों को खुली हुई देखकर राजू उसी तरह से अपनी कमर हिलाता हुआ बोला,,,)

हाय मेरी रानी ये हुई ना बात,,,, देख ले श्याम अपनी मां की बुर को ध्यान से देख ले कीसी जवान लड़की से कम नहीं है,,, देखना जब तू अपनी मां की बुर में अपना लंड डालने का तो स्वर्ग का मजा मिलेगा तुझे इतना मजा आएगा कि पूछ मत,,,,
(राजू की गंदी गंदी बातें माहौल को और ज्यादा गर्म कर दे रहे थे श्याम वैसे तो कई बार अपनी मां को नंगी देख चुका था और उसकी चुदाई तो वह करता ही आ रहा था लेकिन राजू के सामने और उसकी बातों को सुनकरउसे सब कुछ नया नया सा लग रहा था इसलिए आज उसे अपनी मां की बुर देखने में बेहद आनंद आ रहा था,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे आज मैं पहली बार अपनी

मां की बुर देख रहा हो,,,, अपनी मां की दोनों खुली टांगों को देखकर और उसके बीच की पतली दरार को देखकर जिसमें से काम रस बह रहा था श्याम से रहा नहीं जा रहा था राजू अपनी हरकत को अंजाम देते हुए पीछे नजर करके श्याम के चेहरे के हाव-भाव को पढ़कर किसी निष्कर्ष पर निकलता हुआ बोला,,,।


बस दोस्त देख क्या रहा है तेरी मां की बुर तेरा इंतजार कर रही है दोनों टांगों के बीच आजा और अपनी जीभ लगा लगाकर चाट अपनी मां की बुर को देख कितना मजा आता है तुझे भी और तेरी मां को भी,,,,।
(राजू की बातों को सुनकर श्याम के तन बदन में जोश बढ़ रहा था और उसकी बातों को सुनकर श्याम की मां के तन बदन में कसमसाहट बढ़ रही थी,,,, उससे अब खुद नहीं रहा जा रहा था वह कभी दया पर उठाकर पटकती तो कभी दाया पैर उसके तन बदन में उत्तेजना पूरी तरह से अपना असर दिखा रही थी,,,,श्याम से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था वह अपनी आंखों से देख रहा था कि उसका दोस्त अपने लंड को उसकी मां के मुंह में अंदर बाहर कर रहा है तो वह क्यों खड़ा होकर यह सब देखें इसलिए वह तुरंत खटिया पर चढ़ गया और अपनी मां की दोनों टांगों के बीच आ गया,,,आज का दिन यहां पर उसके लिए बेहद उत्तेजना से भरा हुआ था उसे सब कुछ पहली बार सा लग रहा था वह अपनी मां की मोटी मोटी जांघों पर अपनी हथेली रखकर उसे हल्के हल्के सहलाते हुए दबाने लगा,,,वह उत्तेजित हो रहा था और देखते ही देखते हो अपनी मां की दोनों टांगों के बीच पूरी तरह से जगह बना लिया और अपने चेहरे को उसकी पतली दरार के करीब ले जाने लगा,,,कुछ देर पहले ही उसकी आंखों के सामने ही उसकी मां राजू के लंड को अपनी बुर में लेकर झड़ गई थी और राजू भी अपना पूरा माल उसमें गिरा दिया था जो कि उसकी बुर के पतली दरार से बह रहा था,,, लेकिन इस समय उसमें से वासना की मादकता भरी खुशबू आ रही थी जोकि श्याम को अपनी वशीभूत कर रही थी इसलिए उसे इस हालत में भी अपनी मां की बुर चाटनाआनंद आया कि लगने वाला था इसलिए वह अपने होठों को अपनी मां की बुर पर रखा चढ़ना शुरू कर दिया,,,,।



अद्भुत अविस्मरणीय एहसास से श्याम की मां पूरी तरह से गदगद हुए जा रहे थे 2 जवान लड़के दोनों तरफ से उसकी जवानी का मजा लूट रहे थे,,, राजू लगातार अपनी कमर को हिलाया जा रहा था और श्याम की मां उसकी मस्ती को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपने होंठों का छल्ला बनाकर राजू के मोटे तगड़े लंड को एक बुर की भांति अपने मुंह में अंदर बाहर ले रही थी,,,, राजू श्याम की तरफ देखते हुए बोला,,,।


वाह श्याम यह हुई ना बात देख कितना मजा आ रहा है ना अपनी मां की बुर चाटने में,,, बस ऐसे ही पुरी जीभ अंदर डालकर चाट,,, तेरी मां को ऐसे ही मजा आता है मैं तो पूरी जीभ अंदर डाल कर चाटता हूं तेरी मां की बुर की मलाई भी बहुत स्वादिष्ट है,,, चाट पुरी जीभ डालकर चाट,,,,
(राजू अपनी बातों से श्याम का हौसला बढ़ा रहा था एक तरह से श्याम के सामने उसकी मां की बारे में गंदी गंदी बातें करने मैं राजू को बहुत मजा आ रहा था,,,,,,)

गजब का कामुकता भरा दृश्य कमरे के अंदर नजर आ रहा था ,, आधी रात से ज्यादा का समय हो गया था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था लेकिन गांव के इस घर में ना तो श्याम की मां की आंखों में नहीं था और ना ही राजू और श्याम के,,,, तीनों जवानी का मजा लूट रहे थे लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था तीनों के बदन पर कपड़ों का रेशा तक नहीं था तीनों मादरजात नंगे थे,,,कुछ देर तक श्याम अपनी मां की बुर चाटता रहा लेकिन अब उससे अपनी मां की जवानी सहन नहीं हो रही थी,,,,,श्याम के बर्दाश्त के बाहर था वह जल्द से जल्द अपनी मां की बुर में लंड डालकर चोदना चाहता था अपनी मां की गांड मारने की लालच उसके मन में भी थे लेकिन इस समय उसकी जवानी की गर्मी बाहर आने के लिए उबाल मार रहे थे इसलिए वह तुरंत अपनी मां की दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया और अपनी मां की मोटी जनों को पकड़कर अपनी तरफ थोड़ा सा खींचा यह देखकर राजू श्याम की तरफ देखते हूए बोला,,,।)

अरे अरे इतनी जल्दी इतनी जल्दबाजी मत दिखाया करो अपनी मां के बारे में सोच उसकी जवानी उफान मार रही है ऐसे में कम से कम एक घंटा तो उसकी चुदाई करना पड़ता है तब जाकर उसे शांति मिलती है और तू अगर इतनी जल्दी बाजी दिखाएगा तो तेरी मां को संतुष्टि कैसे मिलेगी,,,,(राजू जानबूझकर जल्दबाजी दिखाने वाली बात बोल रहा था वही तरह से शाम की मां की आगे जताना चाहता था कि औरतों को खुश करने के मामले में इतनी जल्दी बाजी कभी नहीं दिखाना चाहिए जैसा कि वह धैर्य रखकर औरत को संतुष्ट करता था लेकिन राजू की बात सुनने के बावजूद भी श्याम से बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वह तुरंत अपने खड़ी नंगे को अपनी मां की बुर में डालकर चोदना शुरू कर दिया था उसे इस बात का भी अहसास नहीं था कि उसकी मां को मजा आ रहा है या नहीं बस धक्के लगाना शुरू कर दिया और थोड़ी ही देर में अपना पानी निकाल कर उस पर हांफने लगा

,,, दूसरी तरफ राजू अभी भी बरकरार था अभी भी मैदान में जमा हुआ था उसकी कमर लगातार आगे पीछे हो रही थी लेकिन अभी तक वह पानी नहीं निकाला था,,,,
अपने बेटे की हरकत पर श्याम की मां को गुस्सा आ रहा था कि वह ठीक से उसे चोद भी नहीं पाया और पानी निकाल दिया इससे उसकी प्यास और बढ़ गई थी उसकी आखिरी उम्मीद राजू ही था,,,, श्याम पानी निकालने के बाद एक तरफ हो गया अभी भी राजू अपनी कमर हिला रहा था यह देखकर अपनी जागी हुई प्यास को बुझाने के लिए श्याम की मां अपनी हथेली को अपनी बुर पर रख कर रगडते हुए और राजू को अपना लंड उसके मुंह में से निकाल लेने का इशारा करते हुए बोली,,,,,, तब तक राजू भी अपने लंड को उसके मुंह में से बाहर खींच लिया था,,,)




ओहहहह राजु मुंह को ही चोदता रहेगा या बुर पर भी ध्यान देगा,,,।
(श्याम की मां की बात सुनकर राजू समझ गया कि उसकी बुर में आग लगी हुई है जिसे बुझाना बहुत जरूरी है,,,,,)

चिंता मत करो रानी जब तक मैं हूं तब तक तुम्हें तड़पने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है इतना कहने के साथ ही राजू तुरंत पीछे की तरफ घुटनों के बल आया और देखते ही देखते श्याम की मां की दोनों टांगों के बीच जगह बना लिया और अपने लंड को हाथ में लेकर उसकी बुक पर पटकते हुए श्याम से बोला,,,)


देख श्याम मैं कैसे तेरी मां की चुदाई करता हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही उसकी गीली बुर में लंड के सुपाडे को डालना शुरू कर दियापास में ही खड़ा श्याम अपनी आंखों से अपने दोस्त के लंड को अपनी मां की बुर में जाता हुआ देख रहा था,,, श्याम अच्छी तरह से जानता था कि राजू का लड़का कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा है इसलिए अपनी मां के चेहरे की तरफ देख रहा था कि राजू के लंड को लेने में उसे तकलीफ होती है या नहीं लेकिन वास्तव में मोटे तगड़े लंड अपनी बुर में लेने से जिस तरह की तकलीफ होनी चाहिए थी वही तकलीफ श्याम को अपनी मां के चेहरे पर साफ नजर आ रहा था उसकी आंखें बंद थी चेहरे का हाव भाव बदल रहा था उसके चेहरे को देखकर साफ पता चल रहा था कि राजू की लड़की को लेने में उसकी मां को अभी भी दर्द महसूस हो रहा था देखते ही देखते राजू अपना करतब दिखाते हुए अपने पूरे समूचे लंड को उसकी बुर की गहराई में उतार दिया,,, और खुश होता हुआ और आपकी मां की कमर को दोनों हाथों से पकड़ लिया,,,,और श्याम की तरफ देखते हुए अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया है श्याम हैरान था कितने मोटे तगड़े लंबे लंड को उसकी मा आराम से अपनी बुर की गहराई में ले चुकी थी,,,, श्याम वहीं खड़ा खड़ा अपने दोस्त के लंड को अपनी मां की बुर के अंदर बाहर होता हुआ देख रहा था,,,,।

देखते ही देखते राजू की कमर रफ्तार पकड़ने लगी खटिया चरमराने लगी और हर धक्के के साथश्याम की मां की बड़ी-बड़ी खरबूजे जैसी चूचियां पानी भरे गुब्बारे की तरह छातियों पर लोट जा रही थी,,,जिसे देखकर खुद श्याम की हालत खराब हो रही थी और अपना दोनों हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मां की चूची को दबाना शुरू कर दिया था राजू की जबरदस्त चुदाई को देखकर अपनी मां की मस्ती को श्याम और ज्यादा बढ़ा रहा था,,,,। थोड़ी सी देर में कमरे में श्याम की मां की गरम सिसकारियां गुंजने लगी,,, तकरीबन 40 मिनट की घमासान चुदाई के बाद राजू का पानी निकल गया इतनी देर तक चुदाई देखकर श्याम खुद हैरान था,,,,अपने मन में सोच रहा था कि अगर उसे इतना मौका मिले तो उसे तो बहुत मजा आ जाए लेकिन उसका तो बहुत जल्दी निकल जाता है,,।

राजू श्याम की मां की छातियों पर पसर कर लंबी लंबी सांसे ले रहा था और श्याम की मां पूरी तरह से संतुष्ट होकर उसकी नंगी पीठ पर हाथ रखकर उसे सहलाते हुए एक तरह से उसे शाबाशी दे रही थी क्योंकि अगर वह उसके बेटे के भरोसे रहती तो उसका बेटा तो उसे बीच मझधार में ही छोड़कर खुद कीनारे लग गया थावह तो भला हो राजू का की जिसके पतवार को थामे वह धीरे-धीरे किनारे पर पहुंच चुकी थी,,,,। कुछ देर तक ज्यों का त्यों बना रहा,,,,श्याम की मां को बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी आखिरकार दो दो बार चुदाई का सुख जो भोग चुकी थी,,,, राजू को अपने ऊपर से हटाते हुए वह बोली,,,।


हट राजू मुझे जाने दे जोरों की पेशाब लगी है,,,,।
(श्याम हैरान था इस बात से कि उसकी मां राजू के सामने भी एकदम खुलकर बातें करने लगी थी फिर अपने मन में सोचा कि जो औरत किसी के लिए अपनी टांगे खोल दे तो जुबान का क्या मोल,,,, राजू श्याम की मां के ऊपर से हट चुका था और श्याम की मां खटिया पर से उठ कर एक चादर को अपने बदन पर लपेट रही थी तो खुद श्याम अपनी मां के बदन पर से चादर को हटाते हुए बोला)

अब इसका क्या काम,,,,
(श्याम की हरकत को देखकर राजू खुश होता हुआ बोला)

यह हुई ना बात अब और ज्यादा मजा आएगा,,,, चलो मुझे भी पेशाब लगी है हम तीनों मिलकर पेशाब करते हैं,,, यह सुनकर शरमाते हुए श्याम की मां बोली,,)

धत् तीनो नही,,,, मुझे शर्म आती है,,,

वाह रे मेरी लाजवंती,,,टांगे खोल खोल कर मेरा और अपने बेटे का लंड अपनी बुर में ले ली और अब मुतने में शर्म आती है,,,(खटिया पर से खड़ा होकर नंगी खाटू श्याम की मां की गांड पर चपत लगाते हुए बोला) चल मेरी जान आज यह भी मजा ले लेते हैं,,,,(अपनी गांड पर अपने बेटे की आंखों के सामने राजू की चपत पडते ही वह शरमा गई,,,राजू की हरकत को देखकर श्याम अपने मन में सोचने लगा कि साले की हरकत इस तरह की है तो औरतें तो इससे खुश रहने वाली हैं वाह क्या करता था अपनी मां के साथ बस डाला कमर हिलाया और निकालकर फिर सो गया इससे ज्यादा कभी कुछ किया नहीं था इसीलिए तो उसकी मां को राजू की जरूरत पड़ने लगी और राजू भी अपनी हरकत से उसकी मां को पूरी तरह से खुश कर दे रहा था यह सब श्याम देखकर धीरे-धीरे सीख भी रहा था,,, ताकि भविष्य में वह खुद अपनी मां को पूरी तरह से खुश रख सके,,,,,, राजू के कहने पर श्याम की मां तैयार हो चुकी थी,,, एक साथ मुतने के लिए,,, और तीनों को घर में ही सबसे अंतिम छोर पर जाना था जहां पर हैंडपंप लगा हुआ था वहीं पर नहाना धोना होता था और वहीं पर पहली बार ही राजू झुमरी को नगीना आता हुआ देखा था और दूसरी बार झुमरी की मां के साथ उसी जगह पर संबंध बनाया था इसलिए यह जगह राजू के लिए बेहद खास थी,,, घर के अंतिम छोर पर अंधेरा था यह बात राजू अच्छी तरह से जानता था इसलिए चलते समय कमरे में से लालटेन को ले लिया था ताकि लालटेन के उजाले में सब कुछ साफ नजर आए,,,आगे-आगे श्याम की मां चल रही थी उसकी बड़ी-बड़ी मटकती हुई गांड को लालटेन की रोशनी में देखकर राजू के साथ-साथ उसका बेटा भी खुश हो रहा था और उत्तेजित भी,,,,,,, औरत के हर एक हरकत में उत्तेजना महसूस होती है यह बात धीरे-धीरे श्याम को पता चल रही थी और वह भी राजू के साथ रहने पर क्योंकि इस तरह की उत्तेजना पर अपनी बातों से राजू भी ध्यान देता था,,,,।

हाय श्याम तेरी मां की गांड देख चलते समय कितनी हीलती हैकसम से सच कह रहा हूं गांव में जब तेरी मां चलती होगी ना तो तेरी मां की गांड देखकर ना जाने कितने लोग पानी फेंक देते होंगे,,,,सच कहूं तो गांव के बूढ़े जवान सभी तेरी मां को चोदने का सपना देखते होंगे ऐसी कसी हुई गांड शायद ही गांव में किसी की होगी,,,,तो कुछ बोलता क्यों नहीं बस खामोश होकर मजा ले रहा है कुछ बोलेगा तभी तो मजा आएगा तुझे भी और तेरी मां को भी,,, क्या तुझे अच्छा नहीं लग रहा है तेरी मां की बड़ी-बड़ी गांड ‌हीलते हुए देखना,,,।


हां हां बहुत अच्छा लग रहा है,,,,(राजू की बात सुनकर श्याम हड़बड़ाते हुए बोला,,, श्याम और राजू की बातें सुनकर आगे-आगे चल रही श्याम की मां मन ही मन बहुत खुश हो रही थी क्योंकि दो-दो जवान लड़के इस उम्र में भी उसकी गांड की तारीफ कर रहे थे उसकी कसी हुई गांड में अभी भी पूरी तरह से आकर्षण कायम था,,,इसलिए श्याम की मां कुछ ज्यादा ही इतरा कर चलने लगी थी जिससे उसकी गांड का उभार कुछ ज्यादा ही बाहर को निकल कर सामने आ रहा था जिसे देख देख कर श्याम और राजू दोनों की हालत खराब हो रही थी राजू तो, चलते समय बार-बार उसकी गांड पर चपत भी लगा दे रहा था जिससे चाटट की आवाज वातावरण में कुछ नहीं लगती थी और चपत पड़ने के साथ ही श्याम की मां के मुंह से आह निकल जाती थी,,, देखते ही देखते तीनों घर के अंतिम छोर पर पहुंच चुके थे और वही पास में राजू लालटेन को रख दिया,,, तीनों नंगे खड़े थे लालटेन की पीली रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था,,,।
 
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साथ में पेशाब करने के लिए राजू ने श्याम की मां को मना लिया था एक नई अनुभव के लिए तीनों घर के अंतिम छोर पर पहुंच चुके थे जहां पर छोटा सा स्नानागार बना हुआ था वही हेडपंप भी लगा हुआ था अंधेरे में सब कुछ साफ है जरा है इसलिए राजू अपने साथ लालटेन लेकर चल दिया था और घर के अंतिम छोर पर पहुंचकर एक अच्छी जगह पर लालटेन रख दिया था जहां पर उसका उजाला चारों तरफ खेल सके और उस लालटेन की पीली रोशनी में राजू को सब कुछ नजर आ सके और ऐसा हो भी रहा था लालटेन की पीली रोशनी में तीनों एकदम नंगे खड़े थे,,,, श्याम की मां की नंगी जवानी का रस उसके बेटे के साथ-साथ राजू अपनी आंखों से पी रहा था,,,, श्याम की आंखों के सामने राजू लगातार रह रह कर श्याम की मां की बड़ी बड़ी गांड पर जोर से चपत लगा दे रहा था ऐसा करने से राजू को तो मजा आ ही रहा था लेकिन हल्के दर्द के साथ श्याम की मां के तन बदन में मदहोशी बढ़ जा रही थी,,,,। श्याम की मां की नंगी गांड पर अपनी हथेली फैरते हुए राजू बोला,,,।


अब सोच क्या रही हो मेरी रानी बैठ जाओ और मुतना शुरू करो,,,,मैं आज अपनी आंखों से तुम्हें पेशाब करते हुए देखना चाहता हूं तुम्हारी बुर से निकली सिटी को अपने कानों से सुनना चाहता हूं,,,,।
(राजू की बातें सुनकर श्याम को बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था,, और कोई वक्त होता तो शायद वह राजू का मुंह तोड़ देता लेकिन इस समय वासना की खुमारी उसकी आंखों के अंदर अपना असर दिखा रही थी उसकी आंखों में 4 वोटों का नशा छाने लगा था जो कि उसकी मां की जवानी का ही था,,, राजू की ऐसी अश्लील बातें श्याम के कानों में मिश्री घोल रही थी और वह भी अपनी मां के लिए इतनी गंदी गंदी बात सुनकर श्याम का लंड खड़ा होने लगा था वहीं दूसरी तरफ अपने बेटे की मौजूदगी है अपने बेटे के दोस्त के मुंह से अपने लिए इतनी गंदी गंदी बात सुनकर श्याम की मां को थोड़ा अजीब तो लग रहा था लेकिन आनंद की ऐसी पराकाष्ठा को उसने कभी महसूस नहीं की थी,,, मर्दों की गंदी जुबान में भी औरतों के लिए मदहोशी भरा शुभ होता है आज यह पहली बार श्याम की मां को एहसास हो रहा था और यही फर्क वह अपनी बेटे में कर रही थी कि उसका बेटा उसे 2 साल सेचोदता रहा था मां बेटे के बीच का रिश्ता पूरी तरह से टूट चुका था मर्यादा की दीवार गिर चुकी थी लेकिन फिर भी एक जवान लड़का होने के बावजूद भी श्याम ने इस तरह की अश्लील बातें उससे कभी नहीं की थी,,, जबकि श्याम की मां इस तरह की बातों से और ज्यादा उत्तेजित होती थी जो कि उसके बेटे का भी दोस्त राजू एकदम खुलकर उससे बातें कर रहा था इसलिए तो वह शर्म से पानी पानी होने के बावजूद भी अंदर ही अंदर बेहद प्रसन्न नजर आ रही थी और राजू की बात मानते हुए अपने बेटे और अपने बेटे के दोस्त की आंखों के सामने ही एक कदम आगे जाकर वहां बैठ गई थी ताकि उन दोनों को उसकी मदहोश कर देने वाली जवानी के साथ-साथ उसकी बड़ी बड़ी गांड का नजारा एकदम साफ नजर आए,,,,।


बड़ी बड़ी गांड लेकर बैठने के साथ हीश्याम की मां अपने दोनों हाथ एली को पीछे की तरफ लाकर अपनी गांड की दोनों फांकों पर रखकर मुतना शुरू कर दी,,, पल भर में ही बुर से निकल रही सीटी की आवाज,,, राजू के साथ-साथ श्याम के कानों में मिश्री होने लगी राजू तो एक दम मस्त हो गया वह अपने लंड को पकड़ कर हिलाते हुए श्याम की मां की गांड की तरफ देखते हुए श्याम से बोला,,,।

अरे यार से आप सच में तेरी मां एकदम क़यामत है इस उम्र में भी तेरी मां में जवानी कूट-कूट कर भरी हुई है जिसका रस पीने में मुझे तो बहुत मजा आ रहा है,,,,तुझे भी आ रहा होगा इतना तो मैं जानता ही हूं अभी तो अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड देख कर देख तेरा कैसे खड़ा होने लगा है,,,(राजू की बात से श्याम पूरी तरह से सहमत था अपनी मां को पेशाब करता हुआ देखा कर एक बार झड़ने के बावजूद भी उसका लंड तुरंत खड़ा हो गया था जबकि ऐसा उसके साथ होता नहीं था,,,, राजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)कसम से श्याम पहली बार में किसी औरत को पेशाब करते हुए देख रहा हूं और पेशाब करती हुई औरत इतनी खूबसूरत लगती है मैंने कभी सोचा भी नहीं था,,,और तो तेरी मां बिना कपड़ों के एकदम नंगी बैठी है सोच मेरे दिल पर क्या गुजर रही होगी मेरा लंड तो ऐसा लग रहा है फट जाएगा,,,(राजू की गंदी गंदी बातें श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रही थी वह पूरी तरह से उत्तेजित हुए जा रही थी वह बेशर्मी की हद को धीरे धीरे पार कर रही थी,,,,आज उसे दो दो जवान लड़कों के सामने नंगी होकर पेशाब करने में अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव हो रहा था और उसे अच्छा भी लग रहा था,,, इसलिए राजू की बात सुनकर वह बोली,,,)

तुम दोनों देख क्या रहे हो आ जाओ मेरे साथ साथ पेशाब करो,,,, तू भी आजा बेटा,,, अपनी मां के साथ मुतने का सुख भोग,,,(श्याम की तरफ देखकर वह बोली श्याम अपनी मां की इस तरह की बातें सुनकर पूरी तरह से मस्त हो गया और अपनी मां की बात मानते हुए थे उसके बगल में आकर खड़ा हो गया वह हम उतने ही वाला था कि उसकी मां उसके लंड को पकड़ कर बोली,,,)

ऐसे नहीं बेटा तू भी बैठ जा मेरी तरह,,,,,,, तूने भी कभी इस तरह से औरतों की तरह बैठकर पेशाब नहीं किया होगा,,, इसलिए तू भी इस नए अनुभव का मजा ले,,,,(अपनी मां के इस तरह की खुली बातें सुनकर श्याम से रहा नहीं जा रहा भी अपनी मां के बगल में बैठ गया,,, अपनी मां को रोज-रोज चोदने के बावजूद भी श्याम इतना खुला नहीं था जितना कि आज खुलता चला जा रहा था यह सब राजू की मेहरबानी थी राजू ने जिंदगी का असली सुख का रास्ता उसके लिए बताया था,,,, श्याम अपनी मां के बगल में बैठ गया था मुतना शुरू कर दिया था इस तरह से वह पहली बार मुत रहा था इसलिए उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव हो रहा था,,,,, श्याम की मां राजू की तरफ देखकर,,,

तू क्या खड़े-खड़े हिला रहा है तू भी आजा,,, ,,,


आता हूं मेरी रानी पीछे से तेरी गांड देखने में बहुत मजा आता है,,,,,,
(राजू की यही बातें श्याम की मां को बहुत अच्छी लगती थी वह ऐसे जताता था जैसे कि वह उसके बेटे के उम्र का ना होकर उसका प्रेमी या पति हो,,,, इतना कहकर श्याम श्याम की मां के बगल में नहीं बल्कि ठीक उसके पीछे बैठ गया,,, और अपने लंबे लंड को उसकी गांड के पीछे से नीचे की तरफ डालकर ठीक उसकी बुर के सामने कर दिया और मुतना शुरू कर दिया,,,,,)

आहहहहहह,,,,, मेरी जान कितना सुकून मिल रहा है मैं बता नहीं सकता,,,आहहहहह,,, तेरी बुर के नीचे से धार मारने में बहुत मजा आता है,,,,(श्याम की मां एकदम मस्त हुए जा रही थी उसके बेटे की आंखों के सामने ही राजू उसके ठीक पीछे बैठकर उसकी गांड से एकदम सटकर अपने लंड को नीचे की तरफ से आगे की तरफ लाकर पेशाब कर रहा था और साथ में श्याम की मां भी मुत रही थी,,,, श्याम की तो सांसे ऊपर नीचे हो रही थी,,,, श्याम कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई लड़का एक औरत के साथ इतनी बेशर्मी से पैसा आता होगा लेकिन इस बेशर्मी में मजा बहुत था और वह भी दोनों को और उसे खुद को,,,, राजू पीछे बैठकर श्याम की मां की गर्दन पर होठ रखकर चूमते हुए,,,, अपने लंड को पकड़ कर उसकी बुर पर मारने लगा जिससेश्याम की मां की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ रहे थे वह उत्तेजना के मारे अपनी आंखों को बंद कर ले रही थी अभी भी उसके हाथ में उसके बेटे का लंड था जिसमें से पेशाब की धार निकल रही थी पहली बार वह अपने बेटे के लंड को पकड़ कर उसे पेशाब करा रही थी,,,।और श्याम आगे के तरीके जो पीकर अपनी नजरों को अपनी मां की दोनों टांगों के बीच टीकाया हुआ था क्योंकि राजू अपने लंड की करामात उसकी मां की बुर पर दिखा रहा था,,,, श्याम लालटेन की रोशनी में साफ तौर पर देख पा रहा था कि,,उसकी मां की बुर से पेशाब की धार निकल रही थी और राजू अपने लंड को पेशाब करते हुए हैं उसकी मां की पेशाब की धार में अपने लंड के सुपाड़े को भिगो रहा था यह अनुभव बेहद रोमांच पैदा कर देने वाला था,,श्याम मित्र इस बारे में कभी कल्पना भी नहीं किया था और राजू उसकी कल्पना के परे एकदम अद्भुत नजारे को उसकी आंखों के सामने पेश कर रहा था,,, श्याम की सासु ऊपर नीचे हो रही थी और राजू अपने लंड की सुपारी को उसकी मां की बुर में निकल रही पेशाब की धार के बावजूद भी उसकी बुर में डालने का प्रयास कर रहा था और श्याम के आश्चर्य के साथ ही राजू का लंड बड़े आराम से बैठे बैठे ही उसकी मां की बुर लमें पूरा सुपाड़ा घुस जा रहा था,,,,।


आहहहहह कितना आनंददायक है,,,,।

सहहहह बेटा यह क्या कर रहा है,,,

मत पूछो चाची बहुत मजा आ रहा है बस तुम मुतती रहो,,,आहहहहहह,,,,(राजू पूरी तरह से आनंद के सागर में गोते लगा रहा था उसकी आंखें बंद हो रही थी श्याम से देखा नहीं जा रहा था अपना हाथ आगे बढ़ाकर अपनी मां की बुर को सहला रहा था जिसमें से अभी पेशाब की धार निकल रही थी और अभी भी उसकी मां के हाथ में श्याम का लंड था जिसे वह जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दी थी,,,,


अद्भुत नजारा श्याम के घर में पेश हो रहा था उसने कभी कल्पना भी नहीं किया था कि वह कभी अपने दोस्त को उसके साथ मिलकर अपनी मां की चुदाई करेगा और इस अद्भुत खेल को पूरी तरह से खेल कर मजा लेगा,,,,लालटेन की पीली रोशनी को सबको साफ नजर आ रहा था पूरा गांव चैन की नींद सो रहा था और इन तीनों के आंखों में नींद दूर दूर तक कहीं दिखाई नहीं दे रही थी,,, और जब एक जवानी से भरी औरत एकदम नंगी हो और तू जवान लड़की हो तो भला ऐसे में नींद किसको आएगी और जिस को नींद आ जाए तो समझ लो वहां मर्द नहीं है,,,,।

पेशाब का कार्यक्रम समाप्त हो चुका था राजू का तो मन कर रहा था बैठे-बैठे ही राजू की मां की गांड मार ले,,,लेकिन अभी इस खेल को और ज्यादा रोमांचक करना था इसलिए तीनों अपनी-अपनी जगह से खड़े हो गए,,, राजू चाहता था कि उसकी मां अपनी बुर को पानी से एकदम साफ कर ले इसलिए हेडपंप चलाने लगा और श्याम की मां से बोला,,,।

चाची पानी से अपनी बुर धो लो,,, अभी और मजा लेना है,,,।
(और श्याम की मां राजू की बात मानते हुए हेडपंप में से निकल रहे पानी को अपने दोनों हथेली में लेकर अपनी बुर पर मारने लगी और उसे रगड़ रगड़ कर साफ़ करने लगी,,,थोड़ी देर बाद तीनों फिर से उसी कमरे में थे जिस कमरे में अभी-अभी चुदाई का खेल खेल कर गए थे,,,, श्याम की मां खटिया पर पीठ के बल नंगी लेटी हुई थी और उसके दोनों पैरों के बीच राजु अपने लिए जगह बना रहा था,,, और श्याम अपनी मां के सिरहाने बैठकर दोनों हाथों से उसकी गोल गोल चूचियों को दबा रहा था,,,, राजू के साथ साथ श्याम को भी इंतजार था अपनी मां की गांड मारने का एक अद्भुत सुख के नशे में उसकी आंखों में खुमारी छा रही थी,,,,और उत्तेजना के मारे अपनी मां की चूचियों को वह जोर जोर से दबा रहा था राजू श्याम की मां की गांड को थोड़ा रुक पर करने के लिए उसके नीचे दो तकिया लगा दिया था और उसकी गांड को पर हवा में तोप की तरह तैनात कर दिया था,,,राजू श्याम की मां की दोनों जहां को अपनी हथेली में लेकर कस के दबा कर भी उसे थोड़ा सा फैलाते हुए बोला,,,।

सहहहह आहहह आहहहहह,,,, क्या मस्त बुर है चाची,,,, मन करता है खा जाऊं,,,,,।

तो खा जाना रे रोका किसने है,,,,, तुम दोनों के लिए तो है मेरी बुर,,,,।
(राजू अपनी मां की बात सुनकर हैरान भी था और उसे मज़ा भी आ रहा था क्योंकि इस तरह की से उसने कभी भी उससे बात नहीं की थी शायद गलती उसी की ही थी कि उसने भी राजू की तरह कभी अपनी मां से इस तरह की बातें नहीं किया था,,,)

पूरा का पूरा खा जाऊंगा मेरी जान,,,,(राजू श्याम की मां की बुर पर अपनी हथेली लहराते हुए उसकी गांड के छोटे से छेद को देख रहा था जो कि बेहद खूबसूरत नजर आ रही थी इस समय उसकी उत्तेजना का केंद्र बिंदु से आम की मां की गांड का छोटा सा छेद था जिस पर आज फतेह पाना था इसलिए वह अपने बीच वाली उंगली को उस छोटे से अच्छे को कुरेदते हुए बोला,,,।

वह चाची तुम्हारी बुर के साथ-साथ तुम्हारी गांड का छेद कितना खूबसूरत लग रहा है,,,, कसम से ऐसा छेद किसी का नहीं होगा एकदम छल्ला की तरह नजर आ रहा है,,,।
(अपनी गांड के छोटे से छेद पर राजू की उंगली का स्पर्श महसूस करते ही वह कसमसाने लगी थी शायद गांड के छेद पर उंगली का स्पर्श उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव करा रहा था,,,, इसलिए वह मचलते हुए बोली,,)

आहहहह क्या कर रहा है गुदगुदी हो रही है,,,


मजा भी बहुत आएगा चाची आज तो मेरा मन तुम्हारे ईसी छेद से खेलने को कर रहा है,,,
(श्याम की मां इतनी भी नादान नहीं थी कि राजू के कहने का मतलब को ना समझती हो वह राजू के इरादे को भांप गई थी और पल भर में हीउसकी आंखों के सामने राजू का मोटा लंड और उसकी गांड का छोटा सा छेद नजर आने लगा जिसके अंदर लंड का प्रवेश बेहद कष्टदायक नजर आ रहा था इसलिए वह तुरंत बोली)

नहीं नहीं उसको कुछ मत करना,, मैं आज तक उस में नहीं ली हूं,,,,।(अपनी मां की बात सुनकर श्याम निराश होने लगा उसे लगने लगा कि अगर उसकी मां गांड का छेद नहीं देगी तो उसका मजा अधूरा रह जाएगा,,,,लेकिन उसको राजू पर भरोसा था वह जानता था कि राजू कोई ना कोई रास्ता जरूर निकाल लेगा इसलिए वहां सिर्फ देखता रहा और अपनी मां की चूची को दबाता रहा,,,,)

क्या मेरी जान घबरीती हो,,, दो-दो बच्चे छोटे से छेद से बाहर निकाल ली हो और आज गांड के छेद में डलवाने में डर रही हो,,, कसम से चाची बहुत मजा आएगा,,,


नहीं नहीं राजू ऐसा मत कर,,,,।
(श्याम की मां की बात का जवाब दिए बिना ही वह धीरे-धीरे अपनी बीच वाली उंगली को गांड के छोटे से छेद में प्रवेश कराने लगा जो कि बड़ी मुश्किल से थोड़ा बहुत खिसक रहा था क्योंकि वह जगह सूखी थी अगर गीलापन होता तो शायद उसकी बीच वाली उंगली बड़े आराम से घुस जाती इसलिए वह ज्यादा मशक्कत नहीं किया क्योंकि अगर जबरदस्ती करेगा तो उसकी मां को दर्द होगा और वह ऐसा कर रहे नहीं देगी इसलिए वह बहुत सोच समझ कर आगे बढ़ना चाहता था इसलिए अपने दिमाग को ठंडा करके वह बिना कुछ बोले श्याम की मां की आंखों को थोड़ा सा और फैला देंगे तो केवल बैठ गया और अपने होठों को पहले तो उसकी बुर के गुलाबी छेद पर रख कर चाटने लगा ताकि श्याम की मां के मन में जो कुछ भी चल रहा हो कुछ पल के लिए दूर हो जाए और ऐसा ही हुआ पल भर में ही श्याम की मां के तन बदन में मस्ती की लहर उठने लगी राजू अपनी जीत का कमाल उसके गुलाबी पत्तियों पर दिखा रहा था,,, उसकी मां उत्तेजित हुए जा रही थी और कसमसाते हुए अपनी कमर को दाएं बाएं हिला रही थी,,, राजू का लक्ष्य ईस समय श्याम की मां

की बुर का नहीं बल्कि उसकी कहां का छोटा सा छेद था वह धीरे-धीरे एक नई उपलब्धि हासिल करना चाहता था,,, इसलिए श्याम की मां की बुर को चाटते हुए एक हाथ की उंगली से उसकी गांड के छेद को भी सहला रहा था और उसकी यह हरकत श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रही थी,,,,।

दूसरी तरफ अपनी आंखों के सामने ही अपने दोस्त को अपनी मां की बुर चाटता हुआ देखकर श्याम का लंड खड़ा होने लगा और वोअपनी मां की चूचियों को दबाता हुआ एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां के हाथ में थमा दिया,,, और उसकी मां अपने बेटे के लंड से खेलने लगी,,,,,धीरे-धीरे राजू अपनी हरकत को अंजाम देने के लिए मंजिल की तरफ बढ़ने लगा और अपनी जीभ को नीचे की तरफ लआने लगा और अगले ही पल अपनी जीभ को श्याम की मां की गांड के छेद पर रख दिया,,,, और राजू की हरकत श्याम की मां के तन बदन में आग लगा रहे थे उससे राजू की हरकत बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुई और वह उत्तेजना के मारे अपनी कमर को ऊपर की तरफ उठा दी,,,,आहहहहहहह राजु,,,,,, एकाएक श्याम की मां के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुटने लगी,,, वह कभी सोची नहीं थी कि कोई उसकी गांड के छेद को भी चाटेगालेकिन शायद राजू उसकी जिंदगी में उसे अद्भुत सुख देने के लिए आया था इसीलिए तो जो कुछ भी वह नहीं सोची थी राजू उसे अपनी हरकतों से पूरा कर रहा था और उसे अद्भुत सुख की प्राप्ति भी करा रहा था,,,, बुर चटवाने से ज्यादा मजा श्याम की मां को अपनी गांड का छेद चटवाने में आ रहा था,,,,,,।

राजू पूरी तरह से अपना पूरा ध्यान श्याम की मां की गांड के छेद पर केंद्रित कर चुका था वह लगातार,,, अपनी जीभ से उस छोटे से छेद को कुरेद रहा था और उसकी हरकत की वजह से से आपकी मां के तन बदन में उत्तेजना की औलाद उठा रही थी कि पूछो मत वह बार-बार अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाल दे रही थी वह काफी उत्तेजित हो चुकी थी,,, यहां तक कि वह अपने बेटे के खड़े लंड को अपने हाथ में लेकर खुद अपने मुंह में डालकर चूसना शुरू कर दी थी श्याम तो अपनी मां की हरकत से पूरी तरह से हैरान हो चुका था,,,क्योंकि उसकी मां आगे से चलकर कभी भी उसके लंड को अपने मुंह में लेकर चूसी नहीं थी,,, लेकिन आज तो कमाल हो गया था और इसका माल का सारा से राजू को जा रहा था,,, श्याम अपने मन में सोचने लगा कि राजू वास्तव में औरत को खुश करने में पूरी तरह से जादूगर है उसका जादू और तो कर बहुत जल्दी चल जाता है तभी तो उसकी मां ना चाहते हुए भी अपनी गांड का छेद कैसे चटवा रही है,,,।

श्याम की मां इस बात से हैरान थी कि इतने गंदे जगह को कोई अपने मुंह से अपनी जीभ से कैसे चाटेगा लेकिन राजू में श्याम की मां की सोच की पूरी तरह से धारणा को बदल कर रख दिया था,,,, उस छोटे से छेद को चाटने में राजू अपनी संपूर्ण शक्ति को लगा दे रहा था पूरी तरह से मस्त हुए जा रहा था वह कभी सोचा नहीं था कि उम्रदराज औरत की गांड चाटने में इतना मजा आएगा,,,, श्याम की मां की कसमसाहट उसके तन बदन में उठ रही उत्तेजना की लहर कोपहचान कर राजू उसका पूरा फायदा उठाना चाहता था इसलिए अपनी बीच वाली उंगली को थोड़ा सा थूक लगाकर उसकी गांड के छोटे से छेद में डालना शुरू कर दिया,,,, चाटने की वजह से और थुक की वजह से गांड के छेद में चिकनाहट आ गई थी और उस चिकनाहट को पाकर राजू के ऊपरी धीरे-धीरे गांड के छेद में प्रवेश कर रही थी,,,,,, श्याम की मां की कसमसाहट और छटपटाहट दोनों बढ़ रही थी,,, कभी सोची नहीं थी कि कोई उसकी गांड में इस तरह से उंगली डालेगा और वह भी उसके बेटे की उम्र का लड़का और वह भी उसके ही बेटे की आंखों के सामने,,,,उत्तेजना का प्रचंड अनुभव कर रही है श्याम की मां अपने बेटे के लंड को पूरा गले तक लेकर चूस रही थी उससे उत्तेजना संभाले नहीं संभल रही थी वह पूरी तरह से बेकाबू होते जा रहे थे देखते ही देखते राजू मौके का फायदा उठाते हुए अपनी बीच वाली मोदी को पूरा का पूरा श्याम की मां की गांड के छोटे से छेद में डाल दिया था और उसे अंदर बाहर कर कर अपने लिए जगह बना रहा था वह अच्छी तरह से जानता था कि श्याम की मां की गांड का छेद उतना विकसित नहीं है जितना कि उसके लंड का सुपाड़ा लेकिन यह बात अच्छी तरह से जानता था की लंड गांड के छेद की चिकनाहट पाकर बहुत ही जल्दी उसमें प्रवेश कर जाएगा और एक बार प्रवेश कर गया तो फिर मजा ही मजा है इसलिए वह पूरा जोर लगा रहा था श्याम की मां को गांड मरवाने के लिए,,, श्याम की मां की अब जाकर उत्सुक हुए जा रही थी कि राजू उसकी गांड कैसे मारेगा,,,,,,।

राजू अपने बीच वाली उंगली को शाम की मां की गाना के छोटे से छेद में अंदर बाहर करते हुए श्याम से बोला,,,


देख रहा है श्याम तेरी मां की गांड का छेद कितना खूबसूरत है मेरी उंगली बड़े आराम से अंदर बाहर हो रही है अब देखना मेरा लंड कितने आराम से तेरी मा ले लेती है,,,,।

मां की गांड में तेरा चला जाएगा,,!(श्याम आश्चर्य जताते के राजू से बोला क्योंकि होली अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां की गांड का छेद छोटा सा है और राजू का लंड काफी मोटा है,,,)


तू चिंता मत कर मेरे दोस्त देखना तेरी मां कैसे उछल उछल कर गांड मरवाती है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी उंगली को उसकी गांड के छेद के अंदर गोल-गोल घुमाना शुरू कर दिया,,,। यह एहसास श्याम की मां के लिए बिल्कुल अनोखा और नया था उसने कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि उसकी जिंदगी में ऐसा भी पल आएगा जब वह दो दो जवान लड़कों से इस तरह का खेल खेलेगी,,,, राजू की बात सुनकर श्याम बोला,,)

तू एक बार कोशिश कर अगर सफल हो जाएगा तो मैं भी गांड मारूंगा,,,,।

(श्याम की इस तरह की बात सुनकर श्याम की मां उसकी तरफ देखने लगी हालांकि अभी भी उसके मुंह में उसके बेटे का लैंड था जो कि श्याम धीरे-धीरे अपनी कमर आगे पीछे करके हिला रहा था,,,, राजू श्याम की मां की गांड के छेध में उंगली डालकर उसे हिलाते हुए बोला,,,)

क्यों मेरी जान मजा आ रहा है ना उंगली कर रहा हूं तो,,,


सहहहहहह ,,, हाय दैया मजा तो बहुत आ रहा है लेकिन अपना लंड मत डालना तेरा बहुत मोटा है,,,


तो क्या सबसे पहले श्याम को डालने दो श्याम से गांड मरवाना चाहती हो,,,,

नहीं नहीं,,, श्याम से नहीं वह तो अभी नादान है,,, तू ही शुरुआत कर,,,,,,,(ना चाहते हुए भी श्याम की मां के मुंह से हामी निकल गई ,,क्योंकि भले ही वह गांड मरवाने से डर रही थी लेकिन वह भी पूरी तरह से उत्सुक हो गई थी गांड में लंड का अनुभव करने के लिए और वह शुरुआत राजू के अनुभव से ही करवाना चाहती थी क्योंकि श्याम पर अब उसे पूरा भरोसा नहीं था वहां अच्छी तरह से समझ गई थी कि उसकी गांड के छेद का उद्घाटन राजू ही अच्छी तरह से कर सकता है क्योंकि उसकी हरकत देखते हुए श्याम की मां समझ गई थी कि वह पूरी तरह से अनुभव से भरा हुआ है लेकिन गांड मारने का अनुभव राजू के पास भी नहीं था लेकिन ताकत पूरा था,,,,लेकिन श्याम अपनी मां की बात सुनकर मन ही मन बहुत गुस्सा हो रहा था क्योंकि वह उसे नादान कह रही थी जबकि 2 साल से खुद अपनी प्यार उसी से बुझवाती आ रही थी,,,, लेकिन श्याम कर भी क्या सकता था उसे मजा भी तो बहुत आ रहा था और राजू के बाद गांड का छेद उसे ही मिलने वाला था,,,इस बात की खुशी के आगे उसकी मां की बात हुआ भूल गया और सारा ध्यान उसकी चूची पर केंद्रित करके धीरे-धीरे उसे दबाना शुरू कर दिया हालांकि श्याम की मां ने अपने मुंह में से श्याम के लंड को बाहर निकाल दी थी,,,राजू इस बात से खुश था कि चलो उसकी मां तैयार तो हो गई गांड मरवाने के लिए लेकिन उसे अपनी हरकत पर पूरी तरह से भरोसा था कि वह श्याम की मां को गांड मरवाने के लिए मनाने का और आखिरकार उसकी मां मान ही गई,,,,,, इसलिए राजू खुश होता हुआ बोला,,,)

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो चाची तुम्हारी खूबसूरत गांड का छोटा सा छेद मेरी जिम्मेदारी पर है तुम्हें इतना मजा दूंगा कि तुम जिंदगी भर याद रखोगी,,,,(राजू उसी तरह से लगातार अपनी उंगली को अंदर बाहर करते हुए बोला वह चित्र से जानता था कि आगे का रास्ता बेहद कठिन है धीरे-धीरे बहुत संभाल कर चलना है उसका एक भी गलत कदम सारे किए कराए पर पानी फेर सकता था इसलिए राजीव श्याम से बोला) श्याम जाकर कटोरी में थोड़ा सरसों का तेल लेकर आ,,,, मेरी रानी की गांड में थोड़ा सा सरसों का तेल जाएगा तो मजा दोगुना हो जाएगा,,,,

(श्याम तुरंत कमरे से बाहर गया और थोड़ी ही देर में सरसों के तेल को कटोरी में लेकर आ गया,,,, और राजू को थमाने लगा राजू तुरंत कटोरी को लेकर बोला,,,)

अब आएगा असली मजा देखना कैसे सटासट मेरा लंड तुम्हारी गांड में जाता है,,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू कटोरी को खटिया के पाटी पर रखकर श्याम की मां को पलटने के लिए बोल दिया श्याम की मां की तरह से जानती थी कि किस आसन में उसे आना है,,, वह जानती थी की गांड मरवाने के लिए उसे घोड़ी बनना पड़ेगाअपनी बेटी के सामने अब उसे बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं हो रही थी अब वह पूरी तरह से खुल चुकी थी वह तुरंत आसन बदलते हुए घोड़ी बन गई और अपनी बड़ी बड़ी गांड को ऊपर की तरह हवा में लहराने लगी जिसे राजू अपने दोनों हाथों में थाम कर उत्तेजना के चलते उसकी गांड पर चुंबन करने लगा,,,, और सरसों के तेल की कटोरी को लेकर उसकी धार को गांड के छेद पर अच्छी तरह से गिराने लगा,,,श्याम की मां के बदन में तेल की धार गांड के छेद पर गिरने से कसमसाहट बढ़ रही थी,,,,और थोड़ा सा तेल बचा तो उसे अपने खड़े लंड पर लगाने लगा जिससे लंड की ताकत और ज्यादा बढ़ने लगी,,,,।

थोड़ी ही देर में राजू तैयार था से आपकी मां की गांड मारने के लिए और गांड मराई का पहला अनुभव प्राप्त करने के लिए,,, जिसे उसकी बुआ गुलाबी नहीं डर के मारे इंकार कर दी थी और अशोक की बीवी का छेद कुछ ज्यादा ही छोटा होने की वजह से राजू खुद आगे नहीं बढ़ पाया था,,, लेकिन आज से आपकी मां के साथ मौका और दोस्त और दोनों था शाम की मां भी तैयार उसका बेटा श्याम भी तैयार था और राजु तो पहले से ही तैयार था इस नए अनुभव को लेने के लिए,,,,,,

झुमरी की गैर हाजिरी में एक मां अपने बेटे के साथ मिलकर बेटे के दोस्त को घर में बुलाकर चुदाई और गांड मराई का सुख भोग रही थी,,,,राजू पूरी तरह से तैयार था राजू का लंका पूरी तरह से लोहे के रोड की तरह तन कर खड़ा हो गया था उसमें जरा भी लायक नहीं थी आसमान की तरह मोटा हुआ खड़ा था,,,,श्याम की मां की गुफा में घुसकर प्रहार करने के लिए वह उतावला हुआ जा रहा था,,, श्याम की मां की गांड भी लपलपा रही थी,,,राजू के लड्डू को अपने अंदर लेने के लिए लेकिन उसके अंदर डाल भी था उसे इस बात का डर था कि इतना मोटा लंड उसकी गांड के छेद में घुस पाएगा कि नहीं लेकिन राजू के अनुभव पर उसे पूरा विश्वास था,,,, राजू अपने लंड को हिलाता हुआ घुटनों के बल बैठ कर ठीक श्याम की मां की गांड के पीछे पहुंच गया,,,,,,

श्याम के दिल की धड़कन बढ़ती जा रही है उसकी आंखों के सामने उसका दोस्त उसकी मां की गांड मारने जा रहा था जो कि उसकी मां के लिए भी यह पहला अनुभव था ,,श्याम भी पहली बार देखना चाहता था कि औरत की गांड कैसे मारी जाती है क्योंकि इसका अनुभव वह खुद लेना चाहता थाराजू अपने लंड की सुपाड़े को राजू की मां की गांड के छोटे से छेद पर रख कर देखने लगा कि घुस पाएगा कि नहीं,,, अगर वैसे डाला जाता तो शायद नहीं घुस पाता लेकिन सरसों के तेल की चिकनाहट पर उसे पूरा भरोसा था और अपने लंड की ताकत पर उसे गर्व भी था आज उसके लैंड की परीक्षा थी उसके मर्दाना ताकत से भरे अंग की परीक्षा थी वह देखना चाहता था कि आज वह सफल होता है या असफल,,,एक औरत को संतुष्ट करने में वो पीछे हटना नहीं जाता था वह घुटने टेकना नहीं चाहता था कि हम की मां पूरी तरह से उम्रदराज औरत थी उसमे सारा अनुभव भरा हुआ था लेकिन राजू जवान था मर्दाना ताकत से भरा हुआअपने इस अनुभव से वह पूरी तरह से श्याम की मां को संतुष्ट कर के उसे गदगद कर देना चाहता था इसलिए वह अपने लंड की सुपाड़े को उसके छोटे से छेद पर रख कर देखने लगा,,, गांड के छेद के मुकाबले लंड का सुपाड़ा काफी मोटा था लेकिन फिर भी वह हिम्मत नहीं आ रहा और हाथ में अपने लंड को पकड़ कर उसके सुपाड़े को गांड के छेद में डालने की कोशिश करने लगा,,,।

धीरे धीरे तेल की चिकनाहट पाकर लंड का सुपाड़ा सरकने लगा,,, लेकिन आगे नहीं बढ़ पा रहा थाधड़कते दिल के साथ श्याम की मां पीछे नजर घुमाकर राजू की हरकत को गौर से देख रही थी और इंतजार कर रही थी कि कब उसका लंड उसकी गांड के छेद में घुस जाए,,, यही इंतजार श्याम को भी था वह अपने लंड को हिलाते हुए बड़े गौर से राजू की हरकत को देख रहा था राजू बिल्कुल भी जताना नहीं चाहता था कि उस से नहीं हो पा रहा है वह कोशिश करने में बंद था इसलिए एक बार फिर से सरसों के तेल में श्याम की मां की गांड को पूरी तरह से डुबो दिया और ढेर सारा थूक उस पर उस छोटे से छेद पर गिरा दिया,,,,और उस पर लंड का सुपाड़ा रख कर धीरे धीरे ताकत लगाकर अंदर की तरफ डालने लगा जैसे जैसे वह ताकत लगा रहा था मुझसे वैसे श्याम की मां अपने दांतो को दबा दे रही थी,,,।

राजू की मेहनत और उसका विश्वास रंग लाने लगा तेल और थुक दोनों की चिकनाहट पाकर लंड का सुपाड़ा छोटे से छेद के अंदर सरकने लगा,,,, भले ही गांड का छेद छोटा था लेकिन उत्तेजना के मारे और राजू की मेहनत के आगे जैसे-जैसे लंड का सुपाड़ा अंदर की तरफ बढ़ रहा था वैसे वैसे वह छोटा सा छेद अपना आकार बदल रहा था,,,, देखते ही देखते राजू ने अपने सुपाड़े को आधा गांड के छेद में डाल दिया था,,,, अपने दांतो को जोर से दबाते हुए श्याम की मां अपने दर्द को दबाए हुए थी उसे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन इस नहीं अनुभव के आगे वह अपने दर्द को भूल जाना चाहती थी,,,,, राजू एक हाथ से अपने लंड को पकड़े हुए था और दूसरे हाथ से श्याम की मां की गांड को दबोचे हुए था,,,, पल भर में ही राजू पसीने से तरबतर हो गया लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पा रही थी,,,, आधा सुपाड़ा गांड के छेद में घुसा हुआ था राजू एक बार फिर से ढेर सारा थूक मुंह से उसके छोटे से छेद पर गिराने लगा और उंगली से उसे चारों तरफ लगाने लगा इस बार उसे लगने लगा कि उसका सुखाड़ा प्रवेश कर जाएगा क्योंकि काफी चिकनाहट पाने लगा था और इस बार राजू कुछ ज्यादा ही जोर लगाया और लंड का सुपाड़ा सारी अड़चनों को दूर करता हुआ गांड के उस बेशकीमती छल्ले के अंदर प्रवेश कर गया,,, लेकिन जैसे ही प्रवेश किया वैसे ही श्याम की मां से बर्दाश्त नहीं हुआ और वहा

दर्द से कराहने लगी,,,।


हाय दैया मर गई रे,,,, हरामजादे क्या डाल दिया अंदर निकाल जल्दी मुझे बहुत दर्द कर रहा है,,, निकाल मुझे गांड नहीं मरवाना,,मै पहले ही तुझे बोली थी कि बहुत दर्द करेगा,,, बाप रे मर गई रे,,, बुर ही ठीक थी गांड नहीं,,, हम निकाल हरामजादे मैं तुझे गांड नहीं मारने दूंगी,,,।

(अपनी मां की बात सुनते ही श्याम के तो पसीने छूटने लगे उसे लगने लगा कि अगर राजू उसकी मां की गांड मार पाया तो उसे तो यह सुख मिलेगा ही नहीं,,,, वाह राजू कि‌ तरफ आश्चर्य से देखने का का राजू उसे दिलासा देते हुए बोला,,,)

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो चाची शुरू शुरू में ऐसा ही दर्द होता है लेकिन थोड़ी ही देर में सब कुछ शांत हो जाएगा एकदम शांत तुम चिल्लाओ मत,,, चिल्लाओगी तो और दर्द करेगा,,,(राजू श्याम की मां की गांड को अपनी हथेली से सहलाते हुए बोलावह श्याम की मां का ध्यान दर्द से खटकाना चाहता था इसलिए श्याम की तरफ दोनों हाथों को कॉल करके चूची दबाने का इशारा करके उसे आगे की तरफ जाने के लिए बोला और से हम तुरंत अपनी मां के आगे पहुंच गया और धीरे-धीरे उसकी चूची को पकड़कर दबाना शुरू कर दिया,,,हालांकि से आपकी मां को दर्द बहुत हो रहा था इसलिए वह अभी भी दर्द से कराह रही थी लेकिन राजू की सूझबूझ से धीरे-धीरे मामला शांत पर है मेरा श्याम अपनी मां की चूची बराबर दबा रहा था और रह रहे कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन कर दे रहा था यह श्याम के लिए बिल्कुल अनोखा सुख था वह आज तक अपनी मां के होठों को चुंबन नहीं किया था लेकिन राजू को देखकर उसकी भी हिम्मत बढ़ने लगी थी और उसे अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था श्याम की मां भी अपने बेटे के होंठों को अपने होठों पर पाते ही अपने होठों को खोल दी और उसके होंठों को अपने मुंह में लेकर राजू की तरह उसका रसपान करने लगी,,,, पल भर में ही सुमन और राजू की हरकत से उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर फिर से उठने लगी दर्द धीरे-धीरे कम होने लगा राजू इसी पल का इंतजार कर रहा था वह देखा कि उसकी मां जुम्मन में पूरी तरह से मस्त हो चुकी है तो राजू जितना घुसा था उतना ही धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,,,, थोड़ी देर में श्याम की मां को मजा आने लगा उसके मुंह से दर्द की आवाज बिल्कुल भी नहीं आ रही थी और राजू की हिम्मत बढ़ने लगी वह थोड़ा थोड़ा अपने लंड को अंदर की तरफ डालने लगा,,,गांड मारने का उसका पहला अनुभव था उसे अपने लंड की ताकत पर पूरा भरोसा था इसीलिए वह इतनी देर टिका रह गया वरना गांड के छेद की शख्ती पाकर किसी का भी लंड होता वह पानी छोड़ देता,,,,।


श्याम एकदम मस्त होकर अपनी मां के होठों का रस पी रहा था और उसकी मां भी उसका साथ दे रही थी यह देखकर राजू धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था और देखते ही देखते वह अपना आधा लंड श्याम की मां की गांड में डाल चुका था,,,,अब शाम को बहुत मजा आ रहा था वाकई में गांड मारने में जो आनंद मिलता है उसका अनुभव लेकर राजू पूरी तरह से मस्त हो चुका था,,,,,,, माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका था राजू श्याम की मां की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर हीला रहा था खटिया चररमरर कर रही थी,,,,श्याम की मां को पता ही नहीं चला कि कब राजू का मोटा तगड़ा लंड आधा उसकी गांड के छेद में घुस चुका है,,,, राजू फिर से ढेर सारा थूक उसकी गांड के छेद पर गिरा दिया,, एक बार फिर चिकनाहट पाकर राजू के धक्के के साथ धीरे-धीरे बाकी का बचा लंड भी गांड के छेद में घुसने लगा,,,,, अब राजू पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका थाउससे यह उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हो रही थी वह अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया लेकिन अभी भी उसका एक भी एक तिहाई लंड बचा हुआ था,,,इसलिए इस बार वहां श्याम की मां की कमर को कस के पकड़ कर जोरदार धक्का मारा और एक साथ उसका पूरा का पूरा लंड उसकी गांड के छेद में खो गया,,, लेकिन राजू की हरकत की वजह से उसका यह जबरदस्त धक्का श्याम की मां सहन नहीं कर पाई और वह दर्द से बिलबिला उठी,,,,और एक बार फिर से राजू को गाली देने लगी लाल जी की राजू को अब बिल्कुल भी परवाह नहीं थी वह जबरदस्ती श्याम की मां की कमर को थामे उसकी गांड मारना शुरू कर दिया था ,श्याम या देखकर हैरान था कि राजू का लंड पूरा का पूरा उसकी मां की गांड के छेद में घुस चुका था अगर पहले वह शुरुआत करता तो शायद उसका पानी निकल गया होता,,, श्याम एकदम से खुश हो गया और अपनी मां की चूची को दबाते हुए बोला,,,।


बाप रे बाप मां देख रही हो राजे ने अपना पूरा लंड तुम्हारी गांड में डाल दिया है,,, मुझे तो लग रहा था घुसेगा ही नहीं,,, (श्याम की मां को अब थोड़ा दर्द हो रहा था और श्याम की बात सुनते ही वह पीछे की तरफ नजर घुमाकर देखने लगी हालांकि वह अपनी गांड में घुसा लंड को तो नहीं देख पा रही थी लेकिन इतना तो जरूर वह देख रही थी कि राजू अपनी कमर को जोर-जोर से हिलाना शुरू कर दिया था उसे अपनी गांड के छेद में कुछ मोटा तगड़ा

गरम-गरम महसूस हो रहा था,,, लेकिन मजा भी बहुत दे रहा था,,,,

अद्भुत खेल की शुरुआत हो चुकी थी श्याम से रहा नहीं गया रो रहा अपनी मां के ठीक आगे आकर अपनी खड़े लंड को उसके मुंह में दे दिया और उसकी मां भी खुशी-खुशी अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,,,, श्याम की मां एक साथ दो दो जवान लड़कों का मजा ले रही थी एक उसके मुंह में दे रहा था तो एक उसकी गांड में,,,,श्याम की मां राजू से गांड मरवाते हुए या सोचने लगी कि वाकई में गांड मरवाने में बहुत मजा आता है,, अगर राजू ना होता तो शायद इस जन्म में वह गांड मरवाने से वंचित रह जाती,,,,


अब बोल हरामजादी साली कुत्तिया कैसा लग रहा है,,,

(श्याम तो राजू के मुंह से अपनी मां के लिए सर की गाली सुनकर हैरान हो गया लेकिन उसकी मां को बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ा बल्कि उसकी उत्तेजना और बढ़ने लगी वह भी जवाब देते हुए बोली)


मादरचोद रंडी की औलाद बहुत मजा आ रहा है जोर जोर से मार,,,


मैं बोला था ना भोसड़ा चोदी इतना मजा दूंगा कि तू एक दम मस्त हो जाएगी,,,,(राजू गाली भी दिया जा रहा था और साथ में उसकी गांड पर जोर जोर चपात भी लगा रहा था,,, श्याम भी काफी उत्तेजित हो गया था इसलिए राजू के मुंह से अपनी मां के लिए गंदी गंदी गाली उसे भी अच्छी लग रही थी लेकिन वह इस तरह से कभी भी गाली देते हुए अपनी मां की चुदाई नहीं किया थालेकिन राजू की वजह से वह जान गया था की चुदाई करते समय गाली देने में बहुत मजा आता है औरतों को भी मजा आता है,,,, तकरीबन 35 मिनट तक जबरदस्त गांड मारने के बाद उसका पानी गांड में निकल गया,,,, श्याम की मां एक दम मस्त हो गई थी और जोर-जोर से हांफ रही थी,,,, वासना का तूफान कुछ देर के लिए फिर से शांत हो गया था,,,, राजू थका तो नहीं था लेकिन थोड़ा सुस्त हो गया था इसलिए वह उसकी गांड मारने के बाद खटिया पर आकर बैठ गया था,,,,,, श्याम की मां के पेट के बल खटिया पर लेट गई थी,,,,,,वह काफी थक चुकी थी लेकिन वो जानती थी कि उसका बेटा भी उसकी गांड मारना चाहता है इसलिए वह जाग रही थी,,,।


देखी चाची कितना मजा आया मैं कहता था ना बहुत मजा आएगा,,,


हां रे मैं तो कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि इस तरह का भी खेल होता है,,, नहीं तो एक ही खेल जानती थी बुर में डालो और निकालो बस तूने तो आज एक नया सुख दिया है,,,,।


जरा अपने बेटे की तरफ भी ध्यान दो देखो कैसे अपना पकड़ कर हिला रहा है वह भी तुम्हारी गांड मारना चाहता है,,,,(श्याम की तरफ देखते हुए राजू बोला तो श्याम की मां भी श्याम की तरफ देखने लगी श्याम खड़े खड़े अपने लंड को पकड़कर चला रहा था और अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड की तरफ देखकर ललचा रहा था,,,,, श्याम की तरफ देखते हुए उसकी मां बोली,,)



तो मैंने कब इनकार की हुं जो तेरा है वह मेरे बेटे का भी तो है,,,,,,,
(अपनी मां की बात सुनकर श्याम खुश हो गया लेकिन राजू के मन में कुछ और चल रहा था वह खटिया पर से उठा और बोला,,,,)

रुको मेरे दिमाग में कुछ और आया है बहुत मजा आएगा हम तीनों को पहले लो‌मेरा लंड मुंह में लेकर एक बार फिर से खड़ा कर दो,,,,(इतना कहकर वह श्याम की मां के ठीक सामने आ गया श्याम की मां को मालूम था कि उसे क्या करना है और उसे राजू पर पूरा विश्वास था कि आगे भी बहुत मजा आएगा इसलिए वह राजू को पकड़कर चुरा ले ली और चूसना शुरु कर दी थोड़ी ही देर में राजू का लंड पहले की तरह एकदम टनटना कर खड़ा हो गया,,, राजू तुरंत श्याम की मां को खटिया पर से उठा कर,,, नीचे जमीन पर चटाई बिछा दिया क्योंकि वह जानता था खटिया पर आप ज्यादा वजन ठीक नहीं है क्योंकि खटिया टूट सकती थी वह पीठ के बल लेट गया और श्याम की मां को अपने ऊपर लेटने के लिए बोला और घोड़ी बन जाने के लिए बोला,,, श्याम की मां जैसे ही राजू के ऊपर चढ़े राजू तुरंत उसे अपनी बाहों में लेकर उसकी टांगों को थोड़ा सा और फैला दिया था कि उसकी गुलाबी दूर उसके लंड के एकदम संपर्क में आ गई,,, और धीरे-धीरे करके राजू अपने लंड को पूरा का पूरा श्याम की बांकीपुर में डाल दिया और दोनों हाथों से इसकी बड़ी बड़ी गांड पकड़कर थोड़ा सा ऊपर की तरफ उठा दिया और श्याम से बोला,,,।

श्याम तुझे तेरी मां की गांड का छेद दिख रहा है ना,,,


हां एकदम साफ दिख रहा है,,,


बस अब तू थूक लगाकर डालना शुरू कर दें,,,
(राजू की बात सुनकर श्याम और श्याम की मां दोनों आश्चर्यचकित हो गए एक साथ दोनों छेद में,,, इसलिए श्याम की मां आश्चर्य जताते हुए बोली,,)

हाय दैया एक साथ दोनों छेद में,,,


हां चाची बहुत मजा आएगा बस तुम देखती जाओ,,,।

(फिर क्या था तीनों पूरी तरह से उत्तेजित हो चुके थे श्याम पहली बार गांड मारने जा रहा था इसलिए कुछ ज्यादा ही उतावला हो रहा था वह जल्दी से ढेर सारा थूक अपनी मां की गांड के छेद पर और अपने लंड पर लगाकर गांड में डालना शुरू कर दिया,,बुर में तो पहले से ही राजू का लंड घुसा हुआ था एक बार मोटा तगड़ा लंड गांड के छेद

में कुछ जाने की वजह से गांड में अच्छा-खासा जगह बन गया था,, जिसमें श्याम को अपना लंड डालने में बिल्कुल भी दिक्कत नहीं हो रही थी,,,देखते ही देखते श्याम अपना पूरा लंड अपनी मां की गांड में डाल दिया और अपनी कमर के गाना शुरू कर दिया अब एक साथ श्याम की मां दो दो लंड का मजा ले रहे थे वह कभी सपने में भी नहीं सोचे थे कि एक साथ उसके दोनों छेद में लंड होगा,,,वह पूरी तरह से उत्तेजना से भर चुकी थी उसकी गर्म सिसकारी पूरे कमरे में गुंजने लगी थी,,, राजू डीजे अपनी कमर को छाल रहा था और श्याम पीछे से अपनी मां की गांड मारता हुआ अपनी कमर आगे पीछे कर रहा था,,,।

अद्भुत काम क्रीड़ा का नजारा देखने को मिला था तीनों पूरी तरह से अपनी मस्ती में चूर हो गए थे श्याम की मां के बदन मे एक बार फिर से जवानी हिलोरे मार रही थी,,, राजू अपने मोटे तगड़े लंड से,,,श्याम की मां की बुर चोद रहा था और श्याम अपनी मां की गांड मार रहा था,,, वह पूरी तरह से मस्ती में चूर हो चुका था गांड मारने का अनुभव उसका भी बहुत अच्छा हो रहा था वो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपनी मां की गांड मार पाएगा बल्कि वह इस बारे में कभी सोचा भी नहीं था लेकिन राजू की वजह से उसे अद्भुत अनुभव के साथ अद्भुत संतुष्टि का अहसास हो रहा था,,,,।

देखते ही देखते तीनों एक साथ झड़ गए और कुछ देर तक श्याम की मां राजू की बाहों में ऊपर ही लेती रह गई और श्याम अपनी मां की गांड पर सर रखकर जोर-जोर से सांसे लेने लगा,,,,। तीनों थक कर चूर हो चुके थे,,,, श्याम की मां उसी तरह से दोनों के बीच में सो गए और एक तरफ श्याम और एक तरफ राजू सोने लगे राजू तो सोते समय भी श्याम की मां को अपनी बाहों में लेकर सो रहा था उसकी गांड अभी भी उसके लंड से सटी हुई थी,,,, तीनों गहरी नींद में सो चुके थे सबसे पहले सुबह राजू की नींद खुली राजू उसी तरह से श्याम की मां को अपनी बाहों में लिया सो रहा था उसकी बड़ी बड़ी गांड उसके लंड से सटी हुई थी जो कि उत्तेजना के मारे राजू का लंड खड़ा हो चुका था और उसकी गांड के दरार में फंसा हुआ था,,,फिर क्या था राजू कि मैं अभी भी गहरी नींद में सो रही थी और वह उसके नींद में होने के बावजूद भी अपने लंड को धीरे-धीरे उसकी बुर में डालकर उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू कर दिया बड़े आराम से मानो कि वह भी गहरी नींद में सो रहा हो,,,, एक बार फिर से गहरी नींद में ही श्याम की मां की चुदाई करने के बाद वह पानी निकालकर पीठ के बल गहरी गहरी सांसे लेने लगा और जब बाहर उजाला होने लगा तो वह दोनों को उठाया,,,, वह दोनों भी आलस मरोड़ते हुए उठ कर बैठ गए,,,।

अब मैं चलता हूं चाची,,, आज रात को फिर आऊंगा क्योंकि झुमरी तू कल आएगी ना और आज की रात हम दोनों के पास है इसका फायदा हम तीनों मिलकर उठाएंगे,,, और इतना कहने के साथ ही राजू अपने कपड़े पहन कर घर से निकल गया,,,।
 
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श्याम के घर पर वासना के मंच पर मां बेटे के साथ बेटे का दोस्त मिलकर जो काम क्रीडा का अद्भुत नाटक पेश किए थे वह काबिले तारीफ थी,,,,शायद वह उन तीनों की जिंदगी का यह पहला मौका था जब एक साथ तीन लोग काम कीड़ा का अद्भुत खेल रहे थे और इस बारे में शायद तीनों ने कभी कल्पना भी नहीं किया था,,,,राजू के तो मन की हो गई थी वह औरत की गांड मारने का सुख देना चाहता था उस अनुभव को जीना चाहता था और वह अनुभव से श्याम की मां से प्राप्त हुआ था जिसका वह तहे दिल से शुक्रिया कर रहा था,,,, उम्र के इस दौर पर के राजू को इस बात का एहसास हो रहा था कि श्याम की मां की बुर बहुत ही कसी हुई थी साथ ही उसकी गांड का छेद तो लाजवाब था,,,, सुबह सवेरे उठकर लेकिन उठने से पहले एक बार फिर से श्याम की मां की चुदाई करके वहां अपने कपड़े पहन कर घर से बाहर निकल गया था,,,,।


श्याम की मां और श्याम दोनों उठ चुके थे रात को जो कुछ भी हुआ था उसको लेकर दोनों के मन में किसी भी प्रकार का मलाल बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि रात की मस्ती का लुफ्त दोनों मां-बेटे साथ में मिलकर उठाए थे लेकिन फिर भी श्याम अपने मन में यही सोच रहा था कि उसकी मां को यह नहीं लगना चाहिए कि उसके दोस्त के साथ देखने के बावजूद भी श्याम ने उसे बिल्कुल भी पुछ ताछ नहीं किया,,, इसलिए अपनी मां से ढेर सारी सवाल पूछना चाहता था,,,, वह अभी भी नींद से उठ कर चटाई पर बैठा हुआ था उसके बदन पर अभी भी एक भी कपड़े नहीं थे और श्याम की मां अपने बदन पर वस्त्र डाल ली थी और झाड़ू लगा रहे थे अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड की तरफ देखते हुए श्याम बोला,,,।

मुझे यकीन नहीं होता कि तुम मेरे दोस्त से चुदवाती हो मुझे कानो कान खबर तक नहीं पड़ा,,,।
(श्याम की मां सोची थी रात को जिस तरह का मजा उसके बेटे ने उसके दोस्त के साथ मिल कर लिया है अब वह किसी भी प्रकार का एतराज नहीं जताया लेकिन उसकी बात को सुनकर वह एकदम से झेंप गई और श्याम की तरफ देखे बिना ही बात बनाते हुए बोली,,)

ममम मैं तुझ से सब कुछ बताने वाली थी लेकिन हालात सही नहीं लग रहे थे इसलिए मैं तुझे बताना उचित नहीं समझी मैं जानती थी कि अगर मैं तुझे बता दूंगी तो तू नाराज हो जाएगा गुस्सा हो जाएगा लेकिन क्या करूं बात ही कुछ ऐसी फस गई थी कि,,,,,(इतना कहकर श्याम की मां खामोश हो गई और अपने चेहरे पर चिंता के भाव लाते हुए वहीं खटिया पर बैठ गई)


ऐसी कौन सी बात हो गई थी ना कि तुम्हें मेरे दोस्त से चुदवाना पड़ा आखिरकार मैं तुम्हें रोज चोद ही रहा था ना,,, क्या मेरे से खुश नहीं थे क्या तुम्हें राजू का लंबा और मोटा लग रहा था,,,, तुम तो यह कहती थी ना कि तेरे सिवा मैं किसी को भी अपना बदन छूने ना दु,,,, फिर ऐसा क्या हो गया कि एकदम खुश होकर राजू के लिए अपनी दोनों टांगें खोल दी,,,,।


मममम,मैं जानती हूं शाम कि तूने जो कुछ भी देखा उसे देख कर तुझे बहुत दुख हुआ है लेकिन क्या करूं मैं मजबूर थी,,,,(शर्म के मारे अपने चेहरे को दूसरी तरफ घुमाते हुए बोली)

मजबूर थी ऐसी कौन सी मजबूरी आ गई कि तुम्हें मेरे दोस्त के साथ सोना पड़ा मैं पता है अगर वह यह बात गांव वालों को बता देना तो क्या हो जाएगा तुम्हारी कितनी बदनामी हो जाएगी खानदान की बदनामी हो जाएगी,,,,


बस बेटा यही बात वह मुझसे सीधे आकर यही कहा कि मैं तुम्हारी हर एक बात जानता हूं लेकिन क्या जानता हूं यह उसने नहीं बताया लेकिन उसके कहने के अनुसार और उसके अंदाज से मुझे ऐसा ही लग रहा था कि जैसे वह हम दोनों के बारे में जान गया है मैं क्या करती मैं मजबूर हो गई थी,,,,, मैं उसकी कोई और साथ होती तो मानने को तैयार थी लेकिन उसे और कुछ नहीं चाहिए था वह बस मुझे चोदना चाहता था,,,, मैंने उसे तेरी दोस्ती का वास्ता दिया उसे कसम दी लेकिन वह नहीं माना आखिरकार में क्या करती इज्जत बचाने के लिए मुझे उसके साथ सोना पड़ा,,,,।

लेकिन क्या उसने तुम्हें यह बताया कि वह हम दोनों के बारे में सब कुछ जानता है,,,


नहीं ऐसा कुछ भी नहीं बताया नहीं तो मैं बाद में सोच कर पछताने लगी कि हो सकता है उसे कुछ मालूम ही ना हो,,,


यही तो यही तो मां उसे कुछ भी मालूम नहीं है वह तुक्का लगाया था और तुम उसकी बातों में आ गई,,,


मुझे भी यही लगता है लेकिन क्या करूं मैं एकदम से डर गई थी अगर हम दोनों की बात इस घर से बाहर निकल जाती तो सोच हम दोनों का क्या होता गांव वाले हम पर‌थु थु करते,,, हम दोनों की इज्जत बचाने के लिए मुझे अपनी इज्जत कुर्बान करना पड़ा,,,,


लेकिन मैं देख रहा था तुम्हें उसके साथ बहुत मजा आ रहा था,,,,,(श्याम जानबूझकर चुटकी लेते हुए बोला,, वह अपनी मां की राय जानना चाहता था देखना चाहता था कि वह इस सवाल का जवाब देती है,,,)

तो यह कैसी बातें कर रहा है बेटा अब ऐसे हालात में मैं क्या करती रोती रोने से भी तो कोई फायदा नहीं था,,,

इसलिए मजा ले रही थी ना,,,,मैं देख रहा था कितनी गंदी गंदी गालियां देकर तुम्हारी चुदाई कर रहा था लेकिन तुम थी कि कुछ बोल नहीं रही थी,,,,


श्याम तू नहीं समझेगा ना जाने क्यों उस समय उसकी गालियां मुझे अच्छी लग रही थी,,, तूने तो कभी नहीं दिया,,, ,,,


मुझे लगा कि तुम नाराज हो जाओगी और वैसे भी मैंने कभी तुमको गाली देने के बारे में सोचा भी नहीं,,,


मुझे चोदने के बारे में भी तो कभी नहीं सोचा था ,, लेकिन चोदने लगा ना,,, और कल रात को तू भी तो सब कुछ मामला शांत कर सकता था अपने दोस्त को डरा सकता था धमका सकता था उसे यहां से भगा सकता था,,,,, लेकिन तूने क्या किया अपने दोस्त के साथ मिलकर मेरी गांड मारने की साजिश रच डाली,,,, आखिरकार अपने दोस्त के साथ उसकी बात मानते हुए मनमानी कर ही लिए,,, तुझे मालूम है मेरी कमर कितनी दर्द करने लगी है,,,


तुम्हें भी तो जोर-जोर धक्के लेने में मजा आ रहा था,,,,,,।
(श्याम यह बात अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां जो कुछ भी बोल रही थी राजू के बारे में वह बिल्कुल गलत था क्योंकि वह वहीं पर था जब पहली बार राजू ने उसकी मां को चोदा था ऐसी कोई भी बात नहीं हुई थी जिससे उसकी मां डर जाती इज्जत का सवाल पैदा हो जाता बल्कि राजू में लंड की ताकत पर उसकी मां को झुका लिया था,,, और राजू के लंड को देखकर खुद उसकी मां पूरी तरह से चुदवासी हो गई थी,,,।अपनी मां से इस तरह की बातें करते हो एक बार फिर से उसका लंड खड़ा होने लगा था पूरी तरह से मंगा चटाई पर बैठा था और दोनों टांगों के लिए सरकार ने छत की तरफ उठाएं खड़ा होने लगा था जिसे खुद उसकी मां भी अपनी आंखों से देख रही थी उसके खड़े होते लंड को देखकर उसकी मां बोली,,,)

तेरे दोस्त ने मेरी चुदाई किया इस बात को लेकर तुझे मुझे नहीं लगता कि दुख हो रहा है क्योंकि मैं देख रही हूं कि तेरा लंड खड़ा होने लगा है,,,,,,।
(उसका इतना कहना था कि हम अपनी जगह से खड़ा हो गया और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर हीलाता हुआ अपनी मां के करीब पहुंच गया और बोला,,,)


तो क्या हुआ मेरी जान रात को तूने जितना मजा दी है उसे याद करके ही लंड खड़ा हो जाता है,,।( श्याम जानबूझकर राजू की तरह बातें करने लगा था वह देखना चाहता था कि इस तरह की बातें करने में कितना मजा आता है और वाकई में साल भर में ही उसे अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव होने लगा अपनी मां से इस तरह से बात करने में उसे मजा आने लगा)

क्यों रात को जी नहीं भरा क्या,,,मैं देख रही थी तुझे भी गांड मारने में बहुत मजा आ रहा था लेकिन यह नहीं देख रहा था कि मुझे कितना दर्द हो रहा है,,,


क्या करूं मेरी जान तेरी गांड ही इतनी खूबसूरत है कि मेरा मन बहक गया,,,


तेरे लिए तो मैं दिन रात अपनी गांड खोल कर रखु,,,


हाय मेरी जान इसका मतलब है की फिर से गांड मरवाना चाहती है,,,


नहीं नहीं मेरे राजा रोज-रोज नहीं कभी-कभी तभी तो मजा आएगा,,,,


शाली तु मजा बहुत देती है,,, तेरी बुर का भोसड़ा बनाने में बहुत मजा आता है,,,


मादरचोद बनाना तुझे रोका किसने है,,,,


हाय साली रंडी मुझे मादरचोद बोलती है,,,(इतना कहती हो ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मां की चूची को दबाना शुरू कर दिया)

आहहहह,,, मादरचोद ना बोलूं तो और क्या बोलूं आखिर तु मुझे चोदता जो है,,, और जो अपनी मां को चोदता है वो मादर चोद बन जाता है,,,।

तेरे लिए तो मैं कुछ भी बनने को तैयार हूं मेरी रानी,,,(और इतना कहने के साथ ही श्याम अपनी मां के होंठों पर अपने होंठ रख कर चूमना शुरू कर दिया यह भी उसने राजू से ही सीखा था,,,अपने बेटे की हरकत को देखकर श्याम की मां के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी और उसे इस बात की खुशी होने लगी कि राजू से उसका बेटा कुछ सीखा जरूर है,,,और इसी खुशी में वह खुद अपने बेटे के लंड को पकड़ कर जमाना शुरू कर दी इस बात को तो अच्छी तरह से समझ ही गई थी कि राजू के लंड की मुकाबले उसके बेटे का लंड छोटा ही है लेकिन फिर भी उसे इसी में खुश रहना है क्योंकि वह अपने बेटे का दिल तोड़ना नहीं चाहती थी और देखते ही देखते,,, वह जल्द से जल्द चुंबन को खत्म करके अपने बेटे का लंड को मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दी क्योंकि उसका बेटा भी यही चाहता था,,,, राजू से दोनों मां-बेटे कुछ ना कुछ सीखे जरूर थे और उसको आजमाकर अत्यधिक आनंद प्राप्त कर रहे थे श्याम अपनी मां के रेशमी बालों को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर गिराना शुरू कर दिया था,,,,,,।

कुछ देर तक वह अपनी मां के मुंह में अपना लंड डालकर आनंद लेता रहा उसके बाद अपनी मां को सारे कपड़े उतार कर नंगी करे बगैर ही उसकी सारी कमर तक उठा दिया और खटिया पर लिटा दिया,,, और अपनी मां की दोनों टांगों के बीच अपने लिए जगह बनाकर अगले ही पल गच्च की आवाज के साथ अपने लंड को अपनी मां की बुर में प्रवेश करा दिया और चोदना शुरू कर दिया,,,, उसे अब राजू से कोई गिला शिकवा नहीं था वह अपनी मां की चुदाई कर रहा था दोनों बहुत खुश थे,,,,।

दूसरी तरफ गांव खेत खलियान घूम लेने के बाद राजू जब घर पर पहुंचा तो उसके पिताजी बेल गाड़ी लेकर अकेले ही रेलवे स्टेशन की तरफ चल दिए थे और वह यही चाहता भी था क्योंकि आज वहां अपने पिताजी के साथ जाना नहीं चाहता था क्योंकि वह जानता था कि पिताजी की गैर हाजिरी में वह अपनी बुआ के साथ खुलकर मस्ती कर सकता था और उसकी गांड मारने का सुख भी प्राप्त कर सकता था,,,,, घर पर पहुंचते ही देखा कि उसकी बुआ खाना बना रही थी,,,, मुस्कुराते हुए अपनी बुआ के पास जाकर बैठते हुए वह बोला,,,।


हाय मेरी जान क्या बना रही हो,,,,


सब्जी रोटी और क्या,,,,,,(रोटी को बेलते हुए गुलाबी बोली,,)

आज मुझे सब्जी रोटी नहीं आज तुम्हारा दूध पीना है,,,

पागल है क्या अभी इसमें से दुध थोड़ी निकलेगा,,,


जानता हूं लेकिन फिर भी तुम्हारी चूची को मुंह में लेकर पीना चाहता हूं,,,


इतना ही शौक है तो रात भर कहां गायब था,,,


बताया तो था दोस्त के घर पर था,,, वहीं से आ रहा हूं,,,


आजकल दोस्ती यारी में ज्यादा ध्यान देने लगा है बुआ की फिक्र नहीं है तुझे,,,,


क्या हुआ मेरी जान रात भर नींद नहीं आई क्या,,, जानता हूं तुम्हें भी रोज मेरा लंड लेने की आदत जो पड़ गई है,,,


सही कह रहा है तू रात भर करवटें बदलते रही,,,


हाय मेरी जान इतना तरसी है रात भर,,,, पिताजी को बुला ली होती,,, रात भर तुझे मस्त कर देते और मुझे तो इंकार कर दी लेकिन पिताजी तेरी गांड मारने से बाज नहीं आते,,,।
(राजू की यह बात सुनकर गुलाबी एकदम से सिहर उठी उसके तन बदन में रात की सारी घटनाएं घूमने लगी रात भर उसके बड़े भैया ने उसे सोने नहीं दिया था कभी ऊपर तो कभी नीचे कभी आगे पीछे खड़ी करके घर में बाकी सदस्य की गहरा चली है वह पूरी तरह से उसके साथ मनमानी कर रहे थे और रात भर में 2 बार तो उसकी गांड मारे थे,,,, राजू को इस तरह से अपने बड़े भाई के साथ संबंध रखने के लिए बोल कर गुलाबी जानबूझकर गुस्सा दिखाते हुए बोली,,)

धत्,,,, हरामजादे कैसी बातें करता है तुझे शर्म आती है वह वह मेरे बड़े भैया हैं,,,


हाय मेरी गुलाबी मैं भी तो तेरा भतीजा था फिर क्यों मेरा लंड अपनी बुर में लेती है,,,,और अपने बड़े भैया की चुदाई तो तू देखती आ रही है कैसा जमकर चोदते हैं,,, मा ही उनको खुशी खुशी झेल लेती है,,,,। तेरी गांड देखकर तो पिताजी एक दम मस्त हो जाते,,,


देख राजु तू अब ज्यादा बोल रहा है,,,,


अरे सच में बुआ पिताजी तेरी दोनो चूचियों को मुंह में लेकर पीते ना तो उसमें से दूध निकलने लगता,,,

राजू,,,(गुलाबी जानबूझकर गुस्सा दिखा रही थी उसे अच्छा भी लग रहा था क्योंकि रात भर उसके बड़े भैया ने उसकी जवानी की सेवा जो किया था,,, गुलाबी की बुर गीली होने लगी थी,,,)

क्या राजू राजू लगा रखी हो,,,, मुझे तो पूरा विश्वास है जिस तरह से पिताजी एकदम चुडक्कड़ है मां को चोदे बिना एक रात नहीं गुजरती सच कहता हूं तुम अगर पिताजी के सामने अपनी सलवार खोल दो ना तो पिताजी रात भर तुम्हारी बुर में अपना लंड डालकर सोए रहे,,,(राजू पहली बार अपने पिताजी के बारे में इस तरह की बातें कर रहा था उसे इस तरह से बातें करने में बहुत मजा आ रहा था वहीं दूसरी तरफ गुलाबी शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी क्योंकि वह जानती थी कि राजू जो कुछ भी कह रहा था वह कर चुकी थी लेकिन यह बात कोई और नहीं जानता था,,,, इसलिए राजू को गुस्सा दिखाते हुए बोली)


देख राजु अब मैं तुझे मारुंगी तुझे शर्म आनी चाहिए वह मेरे बड़े भैया हैं और मैं उनकी छोटी बहन हूं,,,


तो क्या हुआ मेरी जान तुम्हारे बड़े भैया के पास भी लंड है और तुम्हारे पास बुर अगर तुम्हें विश्वास नहीं होतातो बस एक बार पिताजी के सामने अपने सलवार खोल कर अपनी बुर दिखा दो फिर देखो पिताजी कैसे तुम्हारी गुलाबी बुर को चाट चाट कर उसमें अपना लंड डालते हैं,,,,।
(राजू की कामाग्नि से भरी बातें गुलाबी की दोनों टांगों के बीच हलचल पैदा करने लगी गुलाबी को भी मजा आ रहा था इसलिए गुलाबी भी चुटकी लेते हुए बोली)

तब तो तेरी मां के पास भी बुरे हैं और तेरे पास लंड और मैं जानती हूं कि तेरे पिताजी से ज्यादा मोटा और लंबा लंड तेरा है अगर तू भी अपनी मां को अपने लंड दिखा दे तो शायद तेरी मां भी तेरे लंड पर खुद ही चढ जाए,,,।
(गुलाबी की बात सुनकर राजू अपने मन में सोचने लगा कि काश ऐसा हो जाता तो कितना मजा आता लेकिन फिर भी अपनी मां का जिक्र आने पर उसे अच्छा ही लग रहा था लेकिन वह जानबूझकर अपनी बुआ से बोला,,,)

बस बुआ तुम तो बात का बतंगड़ बनाने लगी,,,


क्यों क्यों आप क्या हो रहा है मैं सच कह रही हूं राजू तेरी मां भी एक नंबर की चुदककड है,,,अपना मोटा तगड़ा लंबा लंड दिखा कर तू बड़े आराम से अपनी मां को चोद सकता है और सच कहूं तो मुझसे ज्यादा मजा तेरी मा देगी,,,,,

और औरत की गांड मारने वाली तेरी इच्छा भी पूरी कर देगी,,,
(एक दूसरे से इस तरह की बातें करके दोनों पूरी तरह से गर्म हो चुके थे राजू से रहा नहीं जा रहा था और वह तुरंत खड़ा होकर अपना पजामा उतार कर फेंक दिया और अपना कुर्ता भी और देखते ही देखते वह अपने बुआ गुलाबी के सामने पूरी तरह से नंगा हो गया,,, गुलाबी यह देख कर बोली,,,)


क्या हो गया मेरे राजा अपनी मां की चुदाई की बात सुनकर एकदम गरम हो गया है लगता है तो अपनी मां को चोदना चाहता हूं और वैसे भी रात भर तू अपनी मां की चुदाई देखता है उसको नंगी देखता है उसकी बड़ी-बड़ी कहां है उसकी चूची उसकी बुर देखकर तेरा भी तो मन करता ही होगा अपनी मां को चोदने का,,,


वह सब मैं नहीं जानता लेकिन मेरी जान इस समय तूने मेरा लैंड खड़ा कर दिया और अब यह तेरी बुर में गए बिना मानेगा नहीं,,,,( और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी बुआ को तुरंत अपनी गोद में उठा लिया और इस बार अपने कमरे में ना ले जाकर घर के आंगन में ही उसे खड़ी करके उसके फोटो को चूमना शुरू कर दिया,,,,गुलाबी राजू की उत्तेजना देखकर एकदम हैरान थी और उसे इस बात का डर था कि अगर कोई आ गया तो क्या होगा इसलिए वह राजू से बोली)


अरे अरे यह क्या कर रहा है कोई आ गया तो,,,


कोई नहीं आएगा मेरी जान दरवाजा में बंद कर दिया हूं अब कोई नहीं आ सकता और वैसे भी पिताजी रेलवे स्टेशन जा चुके हैं मां तो है नहीं आज दिन भर हम दोनों मस्ती करेंगे,,,,


नहीं अभी नहीं मैं थक चुकी हूं,,,,


ओहहह हो,,,,रात भर सच में पिताजी से चुदवाई हो क्या जो थक गई हो,,,


नहीं रे तेरी मां नहीं है ना इसलिए सब का मुझे ही करना पड़ता है इसलिए थक गई हूं,,,(गुलाबी जानबूझकर बातों को माथे में बोली जबकि हकीकत यही था कि वहां रात भर अपने बड़े भैया से चुदवाने की वजह से ही थक गई थी,,, राजू गुलाबी की सलवार की डोरी खोलने लगा वह ना ना करती रह गई लेकिन जोर लगाकर राजू अपनी मनमानी कर ही लिया और उसकी सलवार को तुरंत उसके कदमों में गिरा दिया,,,,)


बाप रे क्या कर रहा है तू तुझे शर्म नहीं आ रही है आज घर के आंगन में खड़ा है चल कमरे में चलते हैं,,,


नहीं नहीं मेरी रानी ,,, कमरे में नहीं आज तो तुम्हारी मे यही लूंगा,,,(और इतना कहने के साथ ही वह नीचे झुक कर अपनी बुआ की सलवार पर उसकी टांगों में से निकालने लगा कमर के नीचे थोड़ी देर में वह पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और राजू अपनी बुआ की बुर पर हथेली रखकर उसे जोर से मसलते हुए कुर्ती के ऊपर से ही उसकी चूची को मुंह में भर कर पीने की कोशिश करने लगा गुलाबी राजू की हरकत से एकदम कसमसा रही थी,,,)

आहहहह नही यह क्या कर रहा है छोड़ मुझे रोटी बनाना है,,,


बाद में बना लेना मेरी रानी,,,,( और इतना कहने के साथ ही राजू अपनी मनमानी करता हुआ उसकी सलवार भी उतार कर फेंक दिया अब घर के अंदर आंगन में गुलाबी और राजू दोनों पूरी तरह से नंगे हो चुके थे,,,,)

हरामि अगर मेरी गैर मौजूदगी में तेरा मन कर गया तो क्या अपनी मां को भी चोद डालेगा,,,,


अच्छा एक बात बताओ बुआ,,,, मां की चुदाई करना क्या गलत,,,


गलत तो मेरी चुदाई भी करना है,,,लेकिन जब तक किसी को इस बारे में पता ना चले तब तक सब कुछ ठीक है अगर तू अपनी मां को चोद देता है और तेरी मां भी खुशी-खुशी तेरा लंड अपनी बुर में ले लेती हो तब दिक्कत किसी बात की नहीं है लेकिन यह बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए,,,,।

ओहहहहह,,,(अपनी बुआ की बात पर सोचते हुए वह उसकी चूची को दबाते हुए बोला) लेकिन मुझे तो गलत लगता है कोई बेटा अपनी मां को कैसे चोद सकता है,,,


क्यों तुम मुझे नहीं चोद रहा है,,, मैं तो तेरी बुआ हूं तेरे बाप की छोटी बहन हम दोनों का रिश्ता भी पवित्र है फिर भी हम दोनों एक दूसरे से अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं,,, तो इसमें गलत क्या है,,,।(अभी बुआ की बातें सुनकर उसे थोड़ा भरोसा होने लगा कि अगर मां की चुदाई करेगा तो उसकी हुआ कुछ भी नहीं बोलेगी इसलिए गहरी सांस लेते हुए बोला,,,)

नहीं जाने दो इस बारे में सोचने का भी नहीं,,, हम दोनों के बीच का रिश्ता बहुत पवित्र है,,,,

चल अब रहने दे तेरी मां ने अब तक तेरा लंड नहीं देखी है वरना जिस दिन तेरी मां तेरा लंड देख लेना उस दिन खटिया पर मेरी जगह तेरी मां होगी,,,।
(गुलाबी का राजू की मां के लिए इस तरह की बातें करनेमैं भी गुलाबी का मकसद था क्योंकि वह अपने बड़े भैया के साथ शारीरिक संबंध बना चुकी थी और वह नहीं चाहती थी की वह दोनों पकड़े जाएं और ऐसे हालात मेंअगर राजू अपनी मां के साथ संबंध बना लेता है तो परिवार में हिसाब बराबर हो जाएगा कोई एक दूसरे को अपनी आंखों से देख लेने के बावजूद भी कुछ नहीं कह पाएगा और गुलाबी यही चाहती थी कि राजू किसी तरह से अपनी मां को चोद दें ताकि उन दोनों के बीच भी शारीरिक संबंध कायम हो जाएं,,, फिर उसकी गलती गलती नहीं कह रहा है कि उनकी जरूरत कहना है कि घर में सभी सदस्य एक दूसरे से अपना शरीर सुख

प्राप्त करते रहेंगे और इसमें सब का फायदा भी है,,,,। गुलाबी अपने मन में और अपने भतीजे के सामने अपनी मां को चोदने का प्रस्ताव रखकर वह अपना फायदा ढूंढ रही थी और यह सब सुनकर राजू पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर पहुंच गया था और वह घर के आंगन में ही अपनी बुआ की पतली कमर को पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया था और नीचे की तरफ झुकाने लगा था,,,जैसे ही राजू को उसकी बुआ की गुलाबी छेद नजर आई उससे रहा नहीं गया और वह अपनी खड़े लंड को अपनी बुआ की बुर में डालना शुरू कर दिया लेकिन अपनी मां का जिक्र आने पर वह अपनी बुआ की जगह अपनी मां के बारे में सोचने लगा वह यह एहसास में खोने लगा कि जैसे उसकी मां उसके सामने झुकी हुई है और वह अपनी मां की बुर में अपना लंड डाल रहा हैयह एहसास राजू के लिए इतना जबरदस्त था कि वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और अपनी बुआ की कमर पकड़कर जोर जोर से धक्का लगाना शुरू कर दिया था हर धक्का गुलाबी की बच्चेदानी तक पहुंच रही थी और गुलाबी हर धक्के पर आहहह आहहहह कर रही थी,,,, राजू पूरी तरह से पागल हो गया था,,, गुलाबी अपने भतीजे का जोश और ज्यादा बढ़ाते हुए बोली,,,।


क्या राजू ऐसा लग रहा है कि जैसे तू अपनी मां को चोद रहा है कहीं ऐसा तो नहीं कि मेरी जगह अपनी मां की कल्पना करके चुदाई कर रहा है तभी तुझमें इतना जोश आ गया है,,,।
(गुलाबी बार-बार राजू की मां का जिक्र छेड़ कर राजू के तन बदन में और ज्यादा आग लगा दे रही थी,,, जिससे राजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जा रही थी और वह धकाधक धक्के लगा रहा था,,,, देखते ही देखते कुछ मिनटों बाद गुलाबी के साथ-साथ राजू का भी पानी निकल गया,,,,और राजू मारते हुए पीछे से अपनी बुआ को बाहों में जकड़ कर उसकी पीठ पर अपना सिर रखकर गहरी गहरी सांसे लेने लगा,,,,)

बाप रे आज तो तू ने कमाल कर दिया अपनी मां के बारे में सोच कर इतनी जबरदस्त चुदाई किया है सोच अगर मेरी जगह तेरी मां होगी तो तो तो तेरी मां की बुर का भोसड़ा बना देगा,,,,।
(गुलाबी की बातें राजू के कानों में मिश्री की तरह घूम रही थी अपनी मां के बारे में अपने आप को लेकर गंदी गंदी बातें सुनने में उसे बहुत अच्छा लग रहा था,,,,, गुलाबी राजू से अलग होकर अपने कपड़े उठाकर पहनने वाली थी कि राजू आगे बढ़ा और अपनी बुआ की सलवार को पकड़ कर खींच लिया और उसे दूर फेंक दिया और बोला,,,)

बुआ आज घर में मेरे और तुम्हारे सिवा और कोई नहीं है क्यों ना आज हम दोनों घर में नंगे ही रहे बिना के कितना मजा आएगा,,,।

धत् कैसी बातें कर रहा है तू,,,, कोई आ गया तो गजब हो जाएगा,,,,(राजू का प्रस्ताव गुलाबी को भी पसंद आ रहा था ,, वह भी अपनी भैया भाभी की गैरमौजूदगी में राजू के इस प्रस्ताव को स्वीकार करके संपूर्ण रूप से नंगी होकर घर में इधर से उधर घूमना चाहती थी लेकिन उसे डर था कि कोई आ गया तो क्या होगा,,,)

अरे कोई नहीं आएगा वह सोचो कितना मजा आएगा मैं और तुम पूरे घर में इधर से उधर नंगे ही घूमेंगे बिना कपड़े के तुम्हारी गांड चलते से मैं इधर उधर ही लगी तुम्हारी चूचियां उस लेंगी और मेरा लंड ऊपर नीचे होगा एक दूसरे को अपनी आंखों से देखने में कितना मजा आएगा,,,

लेकिन,,,


लेकिन वेकिन कुछ नहीं बस बिना कपड़ों की सारा दिन घूमना है,,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने कपड़ों के साथ-साथ अपनी बुआ के कपड़ों को भी कमरे में फेंक दिया,,,और दोनों पूरे घर में इधर से उधर नंगे घूमने लगे दोनों को अद्भुत अहसास हो रहा था दोनों की तन बदन में बार-बार उत्तेजना की चिंगारी फूट रही थी दोनों चलते बैठते उठते एक दूसरे को अपनी आंखों से देख रहे थे एक दूसरे के अंगों को देख रहे थे,,,, बैठने पर गुलाबी की गांड कैसी नजर आती है उसकी चूची कैसे नजर आती है चलने पर नंगी गांड का मरोड़ किस तरह का होता है लंड सिकुड़ने के बाद कैसा नजर आता है खड़ा होने के बाद कैसी हलचल होती है यह सब दोनों अपनी अपनी आंखों से देख कर मस्त हो रहे थे,,,,,।

दोनों नग्न अवस्था में ही खाना खा रहे थे और एक दूसरे के अंगों को हाथ से छू कर मजा भी ले रहे थे,,, खाना खाते समय राजू गुलाबी से बोला,,,।


बुआ गांड मारने के बारे में क्या सोची हो दोगी कि नहीं,,,

धत्,,, तू पागल हो गया है इतना खूबसूरत बदन तुझे सौंप चुकी हु फिर भी तू छोटे से छेद के लिए पागल हुआ जा रहा है,,,,,


बुआ तो नहीं जानती तेरे छोटे से छेद में ही जन्नत का मज़ा है,,, बोल देगी कि नहीं,,,,
(गुलाबी अपने बड़े भैया से गांड मरवाचुकी थी इसलिए राजू के लंड को अपनी गांड में लेने से उसे कोई दिक्कत नजर नहीं आ रही थी और इसीलिए उसने सबसे पहले अनुभव से भरे हुए अपने भैया के ही हाथ में अपनी गांड की छोटी सी चीज को सौंपी थी ताकि वह अच्छे से खातिरदारी कर सके इसके बाद वह अपने भतीजे को वह छोटा सा छेद समर्पित कर सके,,,, और लगता था आज वह पल आ गया था,,,जब वह अपने पति जी को अपना छोटा सा गुलाबी छेद समर्पित करने वाली थी इसलिए वह

बोली,,,)

दे तो दो लेकिन तू शराफत से पेश आने वाला नहीं है तू जानता है कि बुर्का छेद और गांड के छेद में जमीन आसमान का फर्क है गांड के छेद से तुझे बहुत नर्मी से काम लेना होगा,,,,।


तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो वह बस एक बार मुझे शॉप दो उसके बाद देखो मेरा कमाल,,,,


तो ठीक है खाना खा लेने के बाद मेरे साथ बर्तन मांज कर काम में मेरा हाथ बताएगा तो मैं तुझे वह छेद भी दे दूंगी,,,,


ओहहहह बुआ तुम कितनी अच्छी हो,,,,।
(और इतना कहकर दोनों जल्दी-जल्दी खाना खाने लगी इसके बाद बर्तन मांज कर पूरे घर की सफाई करके वह दोनों एक नई अनुभव के लिए कमरे के अंदर आ गए बाहर से तो दरवाजा बंद ही था इसलिए किसी प्रकार की चिंता नहीं थी और पहले से ही दोनों नंगे थे इसलिए कपड़े उतारने की भी जहमत करने की जरूरत नहीं थी,,,)
 
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इस समय घर पर कोई मौजूद नहीं था और बाहर से दरवाजा बंद था इसलिए किसी भी तरह की दोनों को दिक्कत और चिंता नहीं थी इसलिए दोनों खुलकर मजा लेना चाहते थे,,,,दोनों ने पहले से ही अपनी वस्तु को उतारकर पूरी तरह से नग्न अवस्था में कमरे में मौजूद थे,,, अपनी बुआ की गांड मारने की खुशी राजू से बर्दाश्त नहीं हो रही थी इसलिए वह अपनी बुआ को खटिया पर पीठ के बल लेटाते हुएउसके ऊपर लेट गया और उसके लाल-लाल होठों को अपने मुंह में लेकर उसके रस को पीना शुरू कर दिया,,,,। ऐसा नहीं था कि गांड मारने की उत्सुकता और खुशी केवल राजू को ही थी गुलाबी भी इस अनुभव से गुजर चुकी थी लेकिन उसे से बेहतर अनुभव को प्राप्त करना चाहती थी वह जानती थी कि उसके भैया से ज्यादा मजा उसे उसका भतीजा देगा,,, इसलिए तू आने वाली खुशी के बारे में सोच कर ही वह कसमसा रही थी,,,और अपने भतीजे का साथ देते हुए अपनी लाल-लाल होठों के द्वार को खोल दी थी जिसमें राजू अपनी प्यासी जी को डाल कर उसकी जीभ को चाट रहा था और उसकी लार को अपने गले में उतार रहा था,,,, गुलाबी पल भर में ही मदहोश होने लगी,,, राजू पूरी तरह से नंगा होकर अपनी नंगी बुआ पर लेटा हुआ था जिससे उसकी दोनों नारंगीया राजू की विशाल छातियों के नीचे दब रही थी,,, राजू को अपनी बुआ की चूचीयो की कड़क छुहारे जैसी निप्पल अपनी छातीयो में चुभ रहा था,,,,,, लेकिन यह चुभन राजू को बहुत आनंददायक लग रहा था,,,, राजू के तन में जोश बढ़ता जा रहा था,,,। राजू एक तरफ उसके लाल-लाल होठों का रस पी रहा था दूसरी तरफ से दोनों हाथों से उसकी दोनों नारंगी हो को दबा दबा कर उसका रस निकाल रहा था,,, गुलाबी को अपने भतीजे की यह हरकत बेहद रास आ रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था अपने भतीजे के साथ वैसे भी उसे संपूर्ण संतुष्टि का अहसास होता था,,,, लेकिन भतीजे की गैरमौजूदगी में उसे अपने तन की प्यास पर काबू नहीं हो पाता था जिससे वहां अपने बड़े भाई के साथ अपनी जवानी की गर्मी पिघलाने में लग जाती थी,,,।

ओहहहह बुआ,,,, तुम्हारी चुचीया कितनी मस्त लगती है मन करता हैईसे मुंह में भर कर दिन रात पीता रहु,,,,

तो रोका किसने है रे दोनों हाथों से दबा दबा कर मुंह में लेकर पी और खींच खींच कर पी ,,( गुलाबी मदहोशी में कसमसाते हुए बोली,,,)

ओहहहह बुआ तुम्हारी यही अदा तो मुझे पागल कर देती है और इसी अदा के चलते ही मैं देखना हम दोनों के बीच पवित्र रिश्ता होने के बावजूद भी मैं तुम्हारी चुदाई करता हूं मैं भी सच कहूं तो तुमने मुझे बहुत कुछ सिखाई हो,,, वरना ऐसा अद्भुत सुख मुझे कहां मिलने वाला था,,,।


राजू तू नहीं जानता कि तेरे पास दोनों टांगों के बीच जो औजार है वो कितना जबरदस्त है,,, मैं सच कहती हूं तू अगर किसी भी औरत को अपना लंड दिखा देना तो वह तेरे आगे घुटने टेक दे तेरे से चुदवाने के लिए वह कभी भी तैयार हो जाए,,, जैसे कि मैं हो गई,,,, मैं सच कहती हूं राजू एक बार तू अपनी मां को अपना लंड दिखा दे फिर देख कैसे तू मादरचोद बन जाता है,,,, हम दोनों ने भैया के लंड़ को देखा है तेरे से आधा ही है लंबाई में भी और मोटाई में भी,,,,एक बार तेरा मोटा और लंबा लंड तेरी मां की बुर में चला गया तो समझ लो तेरी मां जिंदगी भर के लिए तेरी गुलाम हो जाएगी रात को पहले भैया के साथ चुदवाएगी लेकिन उनके सोने के तुरंत बाद वह तेरे कमरे में आ जाएगी,,,।
(गुलाबी तो इस बात का एहसास हो रहा था कि राजू के सामने उसकी मां का जिक्र छेढ़ने पर राजू के तन बदन में आग लग जाती थी उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जाती थी और वह जोर-जोर से उसकी चूची को दबा दबा कर पीने लग जा रहा था यही दर्शाता था कि वह भी अपनी मां को चोदना चाहता है,,,और अपने भतीजे की स्थिति को देखकर गुलाबी मन ही मन खुश होती थी कि इसकी आग अगर भड़का या जाए तो यह जरूर अपनी मां को चोदने की कोशिश करेगा और इसकी मा भीउसके लंड का दर्शन कर ली तो जरूर उसे अपनी बाहों में लेने के लिए तड़प उठेगी इस बात को गुलाबी अच्छी तरह से जानती थी और उसे पूरा विश्वास था कि जैसा वह सोच रही है वैसा ही होगा,,,,)

ओहहहह बुआ यह तुम कैसी बातें कर रही हो,,,,

क्यों तुझे मजा नहीं आ रहा है,,, बोल,,, तुझे मेरी कसम सच-सच बताना मुझसे शर्माने की जरूरत नहीं है,,,, हम दोनों साथ में तेरी मां को चुदवाते हुए देखेंगे उसके नंगे बदन को देखे है तू भी देखा है,,, और उस समय तेरी मां को नंगी देखने पर उसकी खूबसूरती मुझे बहुत अच्छी लगती थी जब एक लड़की होने पर मुझे तेरी मां की खूबसूरती इस कदर भाने लगी थी तो तू तो एक मर्द है और तू तो मेरे साथ मिलकर अपनी मां को एकदम नंगी देखा है और वह भी चुदवाते हुए भले ही तेरा बाप ही चोद रहा था लेकिन तेरी मां की बुर में जा तो रहा था एक मर्द का लंड ही ना,,,,(गुलाबी बोले जा रही थी और राजू अपने बुआ की बातों को सुनकर एकदम गरम हुए जा रहा था और वह सारी कसर अपनी बुआ की चूची पर उतार रहा था,,, उसका मोटा तगड़ा लंड उसकी बुआ की दोनों

टांगों के बीच जबरदस्ती घुसने का प्रयास कर रहा था जिसे गुलाबी अपनी दोनों टांगों को आपस में सटाकर उसके लिए एक दीवार सी बना दी थी वह राजू को तड़पाना चाहती थी अपनी बातों से अपने इरादों से और ऐसा हो भी रहा था राजू कुछ बोल नहीं रहा था बस अपनी बुआ की बातों का मजा लेते हुए अपनी बुआ के खूबसूरत बदन से खेल रहा था,,, गुलाबी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,) वह सब देख कर मैं अच्छी तरह से जानती थी और मैं अपनी आंखों से देखी भी थी तेरा भी लंड खड़ा हो जा रहा था और तू सारी कसर मेरे पर उतारता था,,, सच-सच बताना राजू तेरी मां तो मुझसे भी ज्यादा खूबसूरत है कपड़े उतारने के बाद तो स्वर्ग से उतरी और कोई अप्सरा नजर आती है भाभी,,,, तेरा मन भी करता है ना कि आपने लंड को अपनी मां की बुर में डालकर चोदे,,,(अपनी बुआ की है बात सुनकर राजू पूरी तरह से गर्म हो क्या और अपनी कमर को झटका मारकर अपने लंड को अपनी बुआ की दोनों टांगों के बीच के उस दरार में डालने की कोशिश करने लगा जो कि उसका लंड गुलाबी की चिकनी जांघों के बीच फंसा हुआ था,,, राजू का जोश और उसकी हरकत को देखकर गुलाबी मुस्कुराते हुए बोली,,,)
हाय मेरे राजा अपनी मां की बातें सुनकर कैसा गरम हो रहा है,,, अब तो मुझे पक्का यकीन हो गया कि तू भी अपनी मां को चोदना चाहता है,,,,)
ओहहहह बुआ भगवान के लिए ऐसी बातें मत करो,,,(मदहोशी में अपनी बुआ की चूचियों को दबाता हुआ अपनी आंखों को बंद करता हुआ बोला मानो कि जैसे वह कल्पना की दुनिया में खोने लगा हो और अपने नीचे लेटी हुई बुआ की जगह अपनी मां की कल्पना कर रहा हो,,,, राजू गोरी गोरी चूचियों को दबा दबा कर टमाटर की तरह लाल कर दिया था,,,, लंड लगातार जांघो को चीरकर बुर में घुसने का प्रयास कर रहा था,,,,,, लेकिन गुलाबी भी बड़ी तेज तर्रार थी वह भी राजू के लंड को अपनी जांघों के बीच फंसा कर रखी थी ना हीलने दे रही थी और ना ही बाहर निकलने दे रही थी,,,।राजू की हालत खराब होती जा रही थी उसके तन बदन में इतने दिनों की लहर बड़ी तेजी से उठ रही थी लंड की नसों में रक्त का प्रवाह बड़ी तेज गति से हो रहा था जिससे उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि उसका लंड कहीं फट ना जाए,,,, राजू जैसा कि उसकी बुआ कह रही थी उसका मन वास्तव में अपनी मां को चोदने को कर रहा था लेकिन वह अपने मन की बात अपनी बुआ को कैसे बता दें कि वह अपनी मां को चोदना चाहता है इसलिए वह खामोश था,,,, लेकिन अपनी बुआ की बातों की गर्मी अपने बदन में महसूस करके उसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वह तुरंत अपनी बुआ को अपनी बाहों में लेकर उसे ऊपर की तरफ उठाते हुए और खुद पलटता हुआ बोला,,,)


आ मेरी रंडी बुआ,,,, आज तेरी हालत खराब कर दूंगा बहुत तुझे शौक है ना आज मैं तुझे अपनी मां बना कर चोदूंगा,,,

मुझे मां बनाकर चोदने का मजा नहीं आएगा जितना मजा तुझे अपनी खुद की मां को चोदने में आएगा,,,,।


साली रंडी बहुत बात करती है,,,(इतना कहने के साथ ही राजीव पलटकर पीठ के बल खटिया पर लेट गया और उसकी पूरा उसके ऊपर आ गई और उसके ऊपर आते ही राजू जोर से अपनी दोनों हथेलियों को अपनी बुआ की गोल-गोल गांड पर मारते हुए जितना हो सकता था उतना गांड को अपनी हथेली में लेकर दबाना शुरू कर दिया और इसके लिए आपको बार-बार दोहराने लगा जिससे गुलाबी को दर्द के मारे आह निकल जा रही थी और उसकी हर एक आह को सुनकर,,, राजू एकदम खुश होते हुए बोला,,,)

साली भोसड़ा चोदी,,, अब आया मजा मादरचोद,,,


मादरचोद तो तू बनेगा मेरे राजा अपनी मां को चोद कर,,,,।(गुलाबी एकदम मुस्कुराते हुए बोल रही थी और राजू उसके व्यवहार से और ज्यादा उत्तेजित हो जा रहा था वह बार-बार गुलाबी की गांड पर चपत लगा रहा था देखते ही देखते गुलाबी की गुलाबी गांड लाल हो गई,,,, राजू तुरंत उसकी चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,,,और गुलाबी भी उसका साथ देने लगे गुलाबी खुद थोड़ी देर में अपनी चुची को बाहर निकाल कर दूसरी चूची मुंह में डाल देती थी,,, गुलाबी को भी अपनी चूची पिलाने में बहुत मजा आ रहा था,,,, कुछ देर तक यह क्रीड़ा इसी तरह चलती रही लेकिन राजू अपनी बुआ की खूबसूरत सुराख को देखना चाहता था इसलिए वह अपनी बुआ से बोला,,,)

अब पलट जा मेरी जान,,,

(गुलाबी को राजू की बात समझ में नहीं आई तो वह आश्चर्य जताते हुए बोली)

कैसे मैं समझी नहीं,,,


अरे मेरी गुलाबी रानी,,, अपनी गांड को मेरे मुंह पर रख दे और तू मेरा लंड अपने मुंह में ले,,, चल जल्दी कर तेरी गांड देखने का बहुत मन कर रहा है,,,


मादरचोद रोज तो देखता है फिर भी,,,,


हां रंडी तेरी गांड तो मैं रोज देखता हूं लेकिन तेरी गांड का छेद देखना है,,,, उस खूबसूरत छेद को चाटना है अब जल्दी कर मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा है,,,,

हाय मेरे राजा कितना तड़प रहा है रूक तुझे दिखाती हु अपनी गांड,,,(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी राजू के बताए अनुसार आगे पीछे होगी और अपनी बड़ी बड़ी गांड को राजू के मुंह पर रखते हुए बोली,,)

ले देख ले,,,, ध्यान से देखना,,,,(और इतना कहने के साथ ही खुद राजू के दोनों टांगों के बीच उसके खड़े लंड की तरफ झुकने लगी,,, राजू अपने दोनों हाथों से अपनी बुआ की गांड को थाम कर उसके उस खूबसूरत छेद की तरफ नजर गड़ाए हुए बोला,,)

वाह कितना खूबसूरत छेद है,,, कसम से मैंने आज तक ऐसा गुलाबी छेद नहीं देखा,,,,ऊफफफ मुझसे तो नहीं रहा जा रहा है,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने प्यासे होठों को अपनी बुआ के गांड के छेद पर रख कर उसे चाटने लगा,,, गुलाबी को राजु से इसी तरह की हरकत की उम्मीद थी इसलिए वह पूरी तरह से गनगना गई,,,,)

सहहहहहह आहहहहहहह,,,,,राजु,,,(गरम सिसकारी लेते हुएगुलाबी का इतना कहना था कि राजु अपने ही हाथ को नीचे की तरफ लाकर अपने लंड को पकड़ लिया और उसे हीलाते हुए गुलाबी के गुलाबी गाल पर मरने लगा,,,, मोटा तगड़ा लंबा लंड गाल पर पडते ही गुलाबी एकदम से चौंक गई और अपना मुंह खोल कर तुरंत उसे अपने मुंह में भर कर चूसना शुरु कर दी,,,राजू मस्ती के साथ अपनी बुआ की गांड के छोटे से छेद को चाट रहा था,,,,,,, अब उसका पूरा ध्यान गुलाबी के छोटे से छेद पर केंद्रित हो चुका था,,,राजू को अपनी बुआ का वो छोटा सा छेद बेहद मनमोहक लग रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे सारी दुनिया की खुशी उसके छोटे से छेद में समाई हुई है और वह अपनी जीभ से उसे पूरा का पूरा चट कर जाना चाहता हो,,,।बुर चाटने से भी ज्यादा मजा उसे आज अपनी बुआ की गांड चाटने में गई थी वह दोनों हाथों से अपनी बुआ की गोल गोल गांड को तरबूज की फांक की तरह अपने दोनों हाथों में थामे हुए था,,,,,,

राजू गहरी सांस लेते हुए अपनी जीभ की नोक को उस छोटे से छेद में डालने का प्रयास कर रहा था अद्भुत मादकता से भरी खुशबू गुलाबी की गांड से उठ गई थी जो कि राजू को पूरी तरह से मदहोश किए हुए थी,,,, और यही हाल गुलाबी का भी था गुलाब के हाथों में जैसे उसकी पसंदीदा चीज आ गई हो वह पूरी तरह से पागल होकर राजू के लंड की जड़ को अपने हाथों में पकड़ कर उसे बार-बार अपने मुंह में अंदर डाल रही थी बाहर निकाल रही थी ऐसा करने में उसे अद्भुत सुख की प्राप्ति हो रही थी,,, वह खुद ही राजू के लंड को अपने गले के नीचे तक उतार ले रही थी और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी लेकिन जो मजा उसे प्राप्त हो रहा था ऐसा शायद उसे पहले कभी प्राप्त नहीं हुआ था जिसकी एक ही वजह थी कि इस समय राजू उसकी गांड के छोटे से छेद को अपनी जीभ से चाट रहा था,,, गुलाबी के संपूर्ण बदन में झनझनाहट महसूस हो रही थी,,, बार-बार गुलाबी गहरी सांस लेकर छोड़ दे रही थी ऐसा करने से ही उसकी कमर के इर्द-गिर्द अद्भुत भूलना पिक्चर का नाम महसूस हो रहा था जिसे देखकर राजू कभी उसकी कमर थाम लेता तो कभी उसकी गांड को दबा दे रहा था,,,,।

खटिया पर दोनों एक दूसरे के अंगों को नोचने खसोटने में लगे हुए थे,,,,,, राजू नीचे था और उसकी बुआ ऊपर,,, दिन के उजाले में सब कुछ साफ में जा रहा था घर में ना तो हरियाली और ना ही मधु दोनों की गैरमौजूदगी में,,, बुआ भतीजे दोनों अपनी प्यास बुझाने में लगे हुए थे और एकदम नए तरीके से,,,,,,

अपनी बुआ की गांड के छोटे से छेद को चाटते हुए राजू अपने मन में यही सोच रहा था कि इतने से छोटे से छेद में उसका मोटा लंड जाएगा ठीक है लेकिन यही,,, परिस्थिति ठीक श्याम की मां के पक्ष में भी थी लेकिन राजू वहां भी अपनी सूझबूझ और प्रयास से श्याम की मां की गांड मारने में सफलता हासिल कर लिया था,,,,और वही सोच सोच और प्रयास इधर भी राजू को दिखाने की जरूरत थी और राजू दिखा भी रहा था इसलिए तो लंड के लिए जगह बनाते हुए वह अपनी एक उंगली को अपनी बुआ की गांड के छोटे से छेद में डाल कर उसे गोल गोल घुमा रहा था,,,, और उसकी इस हरकत से गुलाबी पूरी तरह से कसमसा जा रही थी,,,

,ऊमममममम,ऊमममममममम,,,,सहहहहहह आहहहहहहह,,,,,
(इस तरह की मादक आवाज लगातार गुलाबी के मुंह से आ रही थी अभी भी उसके मुंह में राजू का लंड घुसा हुआ था जिसे वह मलाई की तरह चाट रही थी,,, उत्तेजना और जोश में आकर रह-रहकर राजू अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाल दे रहा था,,,,,,, राजू पूरी मस्ती के साथ अपनी उंगली को अपनी बुआ की गांड के छोटे से छेद में अंदर बाहर करके उसे चोद रहा था राजू यह बात बिल्कुल भी नहीं जानता था कि उसकी बुआ गुलाबी उसके पिताजी के साथ शारीरिक संबंध बना चुकी है और गांड मराई का सुख भी प्राप्त कर चुकी है,,,, उसे तो यही लग रहा था कि उसकी बुआ केवल उसके साथ ही शारीरिक संबंध बनाती चली आ रही है और आज पहली बार उसके साथ गांड मरवाने का सुख भी प्राप्त करने जा रही है,,, अगर उसे इस बात का जरा भी आभास होता कि उसकी तरह ही दोनों भाई बहन ने भी यह अनैतिक रिश्ता पनप चुका है तो आप

कब से अपना लंड गुलाबी की गांड में डाल दिया होता,,,,,,,,

अब सही समय आ गया था अपना जौहर दिखाने का,,, अपनी संपूर्ण कला का प्रदर्शन करने का,,,, इसलिए राजू उत्तेजना के मारे गुलाबी की गांड पर चपत लगाते हुए बोला,,,,।



बस मेरी जान अब तैयार हो जा तेरी गांड की सेवा करने का समय आ चुका है,,,,

हाय मेरे राजा मैं भी तो तैयार हूं,,, मैं भी देखना चाहती हूं कि तू मेरी गांड कैसे मारता है,,,,


ओहहह मेरी छम्मक छल्लो तेरी इसी अदा पे तो मैं तेरा दीवाना हो गया हूं,,,,, बस अब जल्दी से घोड़ी बन जाओ और अपनी गांड ऊपर की तरफ हवा में लहरा दे,,,,(राजू खटिया से नीचे उतरते हुए बोला,,,, और गुलाबी खटिया के नीचे खड़ी होकर राजू की तरफ देखकर अपनी गुलाबी बुर पर हथेली रखकर जोर से मसलते हुए बोली,,,)

सहहहहहह आराम से करना,,, कहीं मेरी गांड मत फाड देना,,,,


चिंता मत कर मेरी रानी एकदम आराम से करूंगा,,,,।

(राजू की बात मानते हुए गुलाबी खटिया पर घुटनों के बल बैठ गई और आगे की तरफ झुक कर अपनी गोल गोल गाल को हवा में उछाल दी अपनी बुआ की रसीली मद भरी गांड देखकर राजू के मुंह में पानी आ गया उसे रहने की और वह अपनी बुआ की गांड पर चुंबन कर लिया....)


राजू थोड़ा सरसों का तेल लगा देना ताकि आराम से जाए देख पहली बार है फाड मत देना,,,।


तू सही कह रही है मेरी जान सरसों का तेल लगा दूंगा तो बड़े आराम से जाएगा,,,,(इतना कहने के साथ ही नंगा ही वह अपने कमरे से बाहर निकला और रसोई घर में जाकर सरसों के तेल को कटोरी में लेकर वापस कमरे में आ गया दरवाजा बंद करने की जरूरत उसी समय बिल्कुल भी नहीं थी,, क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि इस समय कोई आने वाला नहीं है,,,,सरसों के तेल को कटोरी में लेकर तुरंत वो गुलाबी के पास आया और सरसों की तेल की धार को वह गुलाबी के गुलाबी छेद पर गिराने लगा,,,, सरसों के तेल की धार अपनी गांड के छेद पर एक धार में गिरने से वह कसमसाने लगी,,, उसके आनंद में बढ़ोतरी होने लगी लेकिन इतना तो वह जानती थी कि भले ही वह अपने बड़े भैया से गांड मारने का शुभ प्राप्त कर चुकी है और अनुभव भी ले चुकी है लेकिन उसकी यह खुशी उसका आनंद राजू के साथ तो बेशक पढ़ने वाली थी लेकिन आनंद प्राप्त करने से पहले उसे थोड़ा दर्द भी सह ना था क्योंकि वहां अपने भाई के लंड और भतीजे के लंड के बीच के फर्क को अच्छी तरह से समझती थी,,,।इसलिए गुलाबी गहरी सांस लेते हुए आने वाले कल का बेसब्री से इंतजार कर रही थी और पीछे की तरफ नजर घुमाकर राजू की हर एक हरकत को बड़ी बारीकी से देख रही थी बार-बार उसकी नजर राजू के चेहरे पर तो कभी उसके मोटे तगड़े लंड पर चला जा रहा था जो कि इस समय बड़ा ही भयानक रूप लेकर गांड में घुसने की खुशी व्यक्त कर रहा था,,,


राजू बहुत खुश नजर आ रहा था गांड मारने के अनुभव को वह पूरी तरह से अपनी बुआ पर आजमाना चाहता था और उसकी छोटे से गांड के छेद का मजा लेना चाहता था,,,, दोपहर के समय में अपनी मां और अपने पिताजी की गैरमौजूदगी में,,, राजू और गुलाबी इस मौके का पूरी तरह से फायदा उठा रहे थे,,। राजू कटोरी को नीचे जमीन पर रखकर थोड़ा बहुत तेज अपने लंड को भी पिलाने लगा,,,, पर उंगली में लगे थे उनको एक बार फिर से गुलाबी की गांड में डालकर गोल गोल घुमाने लगा,,,, उंगली डालने पर ही गुलाबी शिहर उठ रही थी,, जो कि उसे पूरी तरह से आनंदीत कर दे रही थी,,,।

अब राज्य तैयार था नए पराक्रम के लिए आज से अपनी बुआ की गांड प्राप्त हो चुकी थी लेकिन उस पर पूरी तरह से अपनी लंड का जादू चलाना था,,, राजू को पूरा विश्वास था कि वह अपनी बुआ पर एक बार फिर से काबू प्राप्त कर लेगा,,,,, गुलाबी की गांड हवा में लहरा रही थी पहली बार वह अपने भतीजे से गांड मराने का सुख प्राप्त करने जा रही थी,,,,हवा में अपनी बुआ की लहराती हुई गांड को देखकर राजू का लंड कुछ ज्यादा ही टनटना रहा था,,,। राजू खटिया पर दोनों पैर रखकर चढ गया,,, और अपने खड़े लंड को हाथ में लेकर गुलाबी की गोरी गोरी गांड के छोटे से 6 की तरफ बढ़ने लगा,,,, दोनों का दिल जोरों से धड़क रहा था दोनों अद्भुत इसमें थोड़ी बहुत रुकावट आनी ही थी,,,, लेकिन दोनों को ईन रुकावटो का बिल्कुल भी डर नहीं था,,, वह तो अपनी मंजिल पर पहुंचना चाहते थे इसलिए राजू देखते ही देखते अपने लंड कैसे पांडे को जो कि आलू बुखारा की तरह एकदम बढ़ा और गोल हो गया था उसे गुलाबी के छोटे से छेद पर रख दिया जोकि सरसों के तेल से लबालब लस लसा रहा था,,,,, जैसे ही राज्यों ने अपने सुपाड़े को छोटे से छेद पर रखा गुलाबी पूरी तरह से सिहर उठी,,,क्योंकि वह जानती थी कि थोड़ी ही देर में राजू का मोटा तगड़ा लंड उसकी गांड की गहराई में खो जाएगा,,,, देखते ही देखते राजू अपने खड़े लंड को हाथ में पकड़ कर सुपारी को उस छोटे से छेद में डालने की कोशिश करते हुए अपनी कमर को आगे की तरफ ठेलने लगा,,,,, गांड का सुरमई छेद छोटा था उसका रास्ता संकरा था लेकिन उसमें

हरिया का लंड पूरी तरह से गोता लगा चुका था इसलिए गुलाबी को पूरा विश्वास था कि धीरे-धीरे वह अपने भतीजे के मोटे लंड को भी अपनी गांड की गहराई में उतार लेगी,,,।

ससहहहह आहहहहहह मैं कहती थी ना राजू तेरा बहुत मोटा है घुस नहीं पाएगा,,,


तू चिंता मत कर बुआ,,, तेरा छेद बहुत छोटा भले है लेकिन धीरे धीरे में इसमें अपना लंड डाल ही दूंगा,,,,।
(और इतना कहने के साथ ही पैसे प्रयास करते हुए वह अपनी कमर को आगे की तरफ ठेलने लगा इस बार राजू का लंड हरकत में आते हुए धीरे-धीरे उस छोटे से खूबसूरत छेद में प्रवेश करने लगा देखते ही देखते राजू का सुपाड़ा आधा छेद में प्रवेश कर गया लेकिन इतने से ही गुलाबी की हालत खराब होने लगी उसके चेहरे पर दर्द के भाव साफ झलक रहे थे,,,,वह, गहरी गहरी सांस ले रही थी ,,, राजू गुलाबी की गांड को सहलाते हुए आगे बढ़ रहा था,,,,।)

बस बस दुआ थोड़ा सा और एक बार सुपाड़ा घुस गया तो फिर आराम से चला जाएगा,,,


आहहहह ,,, चला तो जाएगा रे लेकिन मेरी जान निकली जा रही है,,,,,


बस बस बुआ,,,,,, तुम्हारी गांड बहुत प्यारी है,,,, जी तो कर रहा है कि मैं खुद घुस जाऊं,,,


घुस जा रोका किसने है,,,,,

लंड लेने में तो रो रही हूं मुझे पूरा कैसे ले पाओगी,,,,


ले लूंगी क्योंकि मैं जानती हूं कि बाद में बहुत मजा आता है,,,,,


ओ मेरी प्यारी बुआ तुम्हारी यही अदा तो मुझे पागल बना देती है,,,,(राजू अपनी बुआ को बातों में उलझा ए हुए ही अपनी बुआ की गांड को दोनों हाथों से थामकर कचकचा कर अपनी कमर को आगे की तरफ ठेला,,, और इस बार सरसों के तेल की चिकनाहट को पाकर राजू का मोटा तगड़ा लंड एक झटके में ही सुपाड़ा सहित आधा गुलाबी की गांड के छेद में समा गया,,,,, राजु को आधी सफलता प्राप्त हो चुकी थी लेकिन इस आधी सफलता को प्राप्त करने में गुलाबी की हालत खराब हो गई थी वह पसीने पसीने हो गई थी दर्द का हुआ सैलाब उसे अपनी कार के अंदर उठता हुआ महसूस हो रहा था कि उससे सहा नहीं जा रहा था,,, राजू का आधा लंड गांड में घुसते ही वह चिल्ला उठी,,,,।)


आहहहहह बहन चोद मादरचोद भोसड़ी के,,,,आहहहहहह,,,, निकाल हरामि तू तो मेरी जान ले लेगा बहुत दर्द कर रहा है,,,,ऊईईईईई, मां,,,, इसीलिए तुझे कहती थी कि इसके बारे में सोचना बंद कर दे,,,,।(गुलाबी दर्द से बिलबिला ते हुए बोल रही थी,,,,गुलाबी इस बात से हैरान थी कि वह अपने बड़े भाई के लंड को अपनी गांड में लेकर गांड के छेद का उद्घाटन करवा चुकी थी लेकिन फिर भी राजू का मोटा तगड़ा लंबा लंड छेद में जाकर इतना दर्द देगा उसे इस बात का आभास बिल्कुल भी नहीं था,,,, इसीलिए तो वह असहनीय दर्द से छटपटा रही थी और राजू उसकी पतली चिकनी कमर को अपने दोनों हाथों से थाम कर,,, एकदम से रुक गया था मैं जानता था कि अब ज्यादा जोर लगाने पर उसकी बुआ की हालत खराब हो जाएगी और वह‌उसकी गांड मारने नहीं देगी,,,, इसलिए उसकी कमर पर थाने में ही वह उसे पुचकारते हुए बोला,,,।)

बस हुआ बस हो गया चिंता मत करो पूरा घुस गया है मुझे तो यकीन नहीं हो रहा था तुम पूरा का पूरा अंदर ले लोगी,,,, लेकिन तुमने कमाल कर दि हो,,,(ऐसा कहते हुए राजू अपने दोनों हाथों को आगे की तरफ लाकर अपनी बुआ के दोनों संतरो को पकड़ लियाऔर उसे धीरे-धीरे दबाना शुरू कर दिया वह जानता था कि उसकी बुआ की चूची दबाने में उसकी बुआ को बहुत सुख प्राप्त होता है,,,,,,,,राजू अपनी हरकत से अपनी बुआ का ध्यान दर्द से हटाना चाहता था उसके दर्द को खत्म करना चाहता था तभी वह आगे बढ़ने में कामयाब हो सकता था,,,, उसकी हरकत रंगला रही थी उसका सब अपना असर दिखा रहा था गुलाबी का दर्द कम हो रहा था वह अब आवाज नहीं कर रही थी और इसी का फायदा उठाते हुए राजू जितना घुसा था उतना ही लंड को अंदर बाहर करके उसकी गांड मारना शुरू कर दिया बहुत ही धीरे-धीरे राजू अपनी कमर को आगे पीछे कर रहा था,,,।राजू बड़े साहब तौर पर देख रहा था कि उसका मोटा तगड़ा लंड उसकी बुआ की छोटे से छेद में बड़े आराम से अंदर बाहर होने लगा था लेकिन लंड की रगड़ उसे भी साफ महसूस हो रही थी गांड के छेद की अंदरूनी दीवारों को वह रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था और यही रगड़ राजू के आनंद में वृद्धि कर रही थी और गुलाबी के दर्द को आनंद में बदल रही थी थोड़ी ही देर में राजू का कमर आगे पीछे करके हिलाना गुलाबी को आनंद देने लगा वह मस्तीयाने लगी,,,,।


सहहहह आहहहहह राजु सच मेरे बहुत मजा आ रहा है मैं कभी सपने में भी नहीं सोची थी की गांड मरवाने में इतना मजा आता है,,,,ऊफफ,,,, तूने तो कमाल कर दिया,,, तभी भाभी भैया की इतनी दीवानी है,,,।

(राजू बड़ी मस्ती से आधी लंड से ही अपनी बुआ की गांड मारना शुरू कर दिया था लेकिन अभी उसका आधा लंड बाहर ही था जिसे वह जल्द से जल्द अपनी बुआ की गांड के जड़ तक डालना चाहता था,,,,)


मजा आ रहा है ना बुआ,,


बहुत रे,,,,

ओहहहह बुआ मुझे मालूम था जब मैं इतने आराम से ले ले रही थी तो तुम कैसे नहीं ले पाती,,,


आहहहह तेरी मां की तो बात ही कुछ और है रे,,, तेरी मां को रात को भैया के साथ एकदम छीनार हो जाती है,,,, देखता था ना तूने कैसे तेरी मां अपनी गांड पटक पटक कर भैया से चुदवाती थी,,,, इसे देखने में कैसे भोली भाली लगती है लेकिन दंड को देखते ही कैसे उसके मुंह में पानी आने लगता है,,,,


तू भी तो छिनार है मेरी रानी,,,, तू भी तो खुलकर मजा देती है गांव में तेरी मासूम चेहरे को देख कर कोई नहीं बता सकता कि तू अपने भतीजे से चुदवाती है,,, और बिना लंड लिए तुझे नींद नहीं आती,,,


हाय मेरे राजा मां के बारे में बोली तो कैसे बेटे को बुरा लग गया,,,


मुझे क्यों बुरा लगेगा मेरी रानी हम दोनों साथ में ही तो देखते थे मां की चुदाई,,,,


इसलिए तो कह रही हूं कि तेरी मा एकदम छिनार की तरह चुदवाती है,,,।
(गुलाबी के द्वारा अपनी मां को छिनार कहने पर राजू का जोश और ज्यादा बढ़ गया और वह इस बार आदमी बचे लंब को एक झटके में ही अपनी बुआ की गांड में उतार दिया,,, एक बार फिर से गुलाबी दर्द से बिलबिला उठी उसे ऐसा ही लग रहा था कि वह अपने पूरे लंड से उसकी गांड मार रहा है लेकिन आधा लंड अभी बचा था,,,,)

ऊईईई मां ,,,, हरामजादे कितना बेरहम है रे तू,,,


अरे मेरी छिनार तेरी गांड मारने में कितना मजा आ रहा है देख तुझे भी कितना मजा देता हूं,,,( और इस बार,,, राजू रुका नहीं और अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया बुरे में डाल लेने में और गांड में डालने में क्रिया एक ही होती है फर्क कसाव का होता है जुदाई में कसाव का महत्व बेहद प्रमुख रहता है अगर कसाव ना हो तो चुदाई में आनंद का मापदंड भी बेहद कम हो जाता है और यही कसाव बरकरार हो तो मजा दुगना हो जाता है और इसीलिए बुरके छेद के कसाव से गांड के छेद का कसाव बेहद सकरा रहता है इसीलिए तो दोनों को मजा आ रहा था,,,, अब राजू रुकने वाला नहीं था वह अपनी मोटर चालू कर चुका था,,,,, उसकी कमर अपने आप ही आगे पीछे हो रही थी राजू बार-बार गुलाबी की गांड पर चपत लगाता हुआ अपने लंड को उसके छोटे से छेद में अंदर बाहर कर रहा था जो कि वह अपनी आंखों से एकदम साफ साफ देख रहा था,, यह नजारा राजू के लिए भी बेहद लुभावना लग रहा था,,, खटिया से चरर मरर की आवाज आ रही थी,,,, खटिया के आवाज को सुनकर गुलाबी संदेह जताते हुए बोली,,,)

अरे मादरचोद धीरे धीरे कर कहीं खाट ना टूट जाए,,,


आज तो टूट जाने दो बुआ,,, लेकिन यह मजा कम नहीं होगा,,,,, क्या मस्त गांड है बुआ तेरी,,,ऊफफफ,,,,,,।
(गुलाबी के छोटे से छेद में राजू का मोटा तगड़ा लंड अब बड़ी सरपट से दौड़ रहा था बिल्कुल भी रुकावट पेश नहीं आ रही थी गुलाबी को अपनी गांड का छेद कुछ ज्यादा ही कसा हुआ महसूस हो रहा था जिसे अब राजू अपनी चुदाई से ढीला करने वाला था,,,गुलाबी को भी बहुत मजा आ रहा था पूरे कमरे में गुलाबी की गरम सिसकारियां गुंज रही थी जो कि इस समय उसे सुनने वाला उन दोनों के सिवा कोई नहीं था ,,,,फचच फचच और गर्म सिसकारियां माहौल को और ज्यादा गर्म कर रही थी,,,,,।

राजू की चुदाई लगातार जारी थी वह अपनी बुआ की गांड मारने में पूरी तरह से मजबूर हो गया था दोनों पसीने से तरबतर हो गए थे लेकिन यह आनंद की पराकाष्ठा कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी,,,,आखिरकार दोनों की सांसो की गति तेज होने लगी दोनों अपने चरम सुख के करीब बढ़ते चले जा रहे थे और देखते ही देखते हैं जबरजस्ते धक्के के साथ राजू अपना गर्म लावा अपनी बुआ की गांड में गिराना शुरू कर दिया,,,, और गुलाबी निढाल होकर तकिए को कसकर पकड़ ली,,,,,।

आखिरकार गुलाबी अपनी गांड के छोटे से सुराख को अपने भतीजे को सौंपकर प्रसन्न हो गई थी और राजू भी अपनी बुआ की गांड मार कर आनंद के सागर में गोते लगाने लगा था,,,, शाम ढलने तक एक बार फिर से गांड मराई का कार्यक्रम संपूर्ण हो चुका था,,,,, राजू ने गुलाबी की ऐसी गांड मारा था कि,,,गुलाबी ठीक से चल नहीं पा रही थी लेकिन जो आनंद राजू ने उसे दिया था वह आनंद शायद ही उसे कोई दे पाएगा इस बात का एहसास उसे अच्छी तरह से था इसलिए वह राजू से पूरी तरह से खुश थी,,,।
 
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मधु और मधु की ननंद गुलाबी दोनों नदी पर पहुंच चुकी थी,,,,,, गांव की नदी बहुत खूबसूरत थी 12 महीने अपनी एक ही लय में बहती रहती थी,,, चारों तरफ फैली हरियाली नदी की सुंदरता को और ज्यादा बढ़ा देती थी,,,,। बड़े बड़े घने पेड़ों पर बसर करती पंछियां अपनी मधुर आवाज से वातावरण को और ज्यादा खूबसूरत बना देती थी,,,। गांव की है नदी केवल खेती और प्यास बुझाने का साधन भर नहीं थी बल्कि,, यह नदी कामुकता के भी दर्शन कराती थी,,, गांव की औरतों का झुंड दोपहर तक इस नदी पर हमेशा बना रहता था यहीं पर औरतें कपड़े धोती थी और नहाती भी थी,,,,,, उनके बदन पर के वस्त्र नहाते समय उनकी खूबसूरती को और ज्यादा निखारते और उभारते थे,, गांव के मर्द उनके बदन के इसी उभार को देखने के लिए लालायित रहते थे और किसी ने किसी बहाने नदी पर पहुंच ही जाते थे,,,औरतों को यह बात अच्छी तरह से मालूम रहती थी लेकिन क्या करें वह लोग भी मजबूर थी कुछ औरतें शर्म महसूस करती थी और कुछ औरतें जानबूझकर अपना सब कुछ दिखाती थी,,,,,,,।


गुलाबी और मधु दोनों नदी पर पहुंचकर एक अच्छी सी जगह ढूंढने लगी और बड़े से पत्थर के पीछे होने चका भी मिल गई वहां पर दूसरी कोई औरत नहीं थी,,,।


चल गुलाबी उस पत्थर के पीछे चलते हैं,,,(मधु उंगली के इशारे से बड़े पत्थर के पीछे इशारा करते हुए बोली,,,)

हां भाभी वह जगह ठीक रहेगी ,,,( गुलाबी भी अपनी भाभी के सुर में सुर मिलाते हुए बोली,,,,,, इतना सुनते ही मधु आगे-आगे बड़े-बड़े पत्थर पर इधर-उधर पैर रखते हैं नीचे उतरने लगी और उसकी इस टेढ़ी-मेढ़ी चाल की वजह से उसकी भारी-भरकम भरावदार गांड पानी भरे गुब्बारे की तरह ऊपर नीचे होने लगी,,, जिसे देखकर मर्दों के मुंह में तो पानी आता ही था लेकिन गुलाबी के भी मन में हलचल सी मच ने लगी,,,, गुलाबी भी अपनी भाभी की बड़ी-बड़ी गांड की दीवानी थीक्योंकि एक औरत होने के नाते वह भी अच्छी तरह से यह बात जानती थी कि औरतों की खूबसूरती में उसकी गोल-गोल बड़ी गांड ही चार चांद लगाती है,,,, जो कि उसकी भाभी के पास भरपूर था,,,, आगे आगे चलती हुई अपने भाभी की मदमस्त चाल के साथ उसकी भारी-भरकम गांड की तुलना अपनी गांड से मन ही मन करने लगी जो कि किसी भी मामले में उसकी भाभी की गांड से बिल्कुल भी जोड़ नहीं मिला पा रही थी,,,,,,,,, इस बात को वह समझ नहीं पा रही थी कि आखिरकार उसकी गांड उसकी भाभी से छोटी क्यो है,,,इसका कारण उसे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था जिसका एक ही कारण था कि वह शादीशुदा नहीं थी और संभोग सुख से एकदम अनजान थी,,,, उसके बदन पर उसके अंगों परउसके मखमली कोमल अंगों के अंदरूनी दीवारों पर मर्दाना अंग की रगड़ अभी तक नहीं हुई थी,,, और अगर गुलाबी भी यह शख्स प्राप्त कर लेती तो शायद उसके बदन में भी भराव आना शुरू हो जाता क्योंकि शादी होने के बाद से ही औरतों के बदन में उनके अंगों में भराव आना शुरू हो जाता है,,,, और इसी बात से अनजान थी,,,,।


मधु बड़े सहूलियत से और सलीके से एक हाथ में कपड़ों का ढेर लिएऔर दूसरे हाथ में बाल्टी लिए होने के बावजूद भी उसी हाथ से अपनी साड़ी को कमर से पकड़ कर हल्के से उठाए हुए थी,,, जिससे उसके बदन की कामुकता और अंगों की खूबसूरती और ज्यादा पर जा रही थी उसकी गोरी गोरी चिकनी और उसकी मांसल पिंटिया साफ नजर आ रही थी जिसे देखने वाला इस समय उस जगह पर कोई भी नहीं था,,, क्योंकि वह दोनों एक बड़े पत्थर के पीछे की तरफ जा रही थी जहां पर किसी की नजर नहीं पहुंच पाती थी,,, लेकिन गुलाबी अपनी आंखों से देख कर मन ही मन अपनी भाभी से ही ईर्ष्या कर रही थी,,,,,,,,, अपनी भाभी के कदमों का पीछा करते हुए गुलाबी भी जहां जहां पर मधु कदम रख रही थी वहां वहां पर वादी कदम रखकर आगे बढ़ रही थी वह देखते देखते दोनों बड़े से पत्थर के पीछे एक सुरक्षित जगह पर पहुंच गए थे जहां पर आराम से नदी के पानी में नहाया भी जा सकता था और कपड़े भी धोया जा सकता था ,,,,,,,


मधु वहां पहुंचते ही कपड़े के ढेर को बड़े से पत्थर पर रख दी और बाल्टी को भी नीचे रख दी,,, और बोली,,,।


पहले कपड़े धोलु तब नहाऊंगी,,,(और इतना कहने के साथ ही नीचे बैठ गई,,,)



लाओ में भी मदद कर देती हूं,,,(और इतना कहकर वह भी नीचे बैठ गई,,,, दोनों भाभी और ननद गंदे कपड़ों को धोने लगे,,,,,,गुलाबी के मन में ढेर सारे सवाल पैदा हो रहे थे जो कि अपने भाभी से पूछना चाहती थी लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी क्योंकि उसने अभी तक अपनी भाभी से उस तरह के मजाक कभी नहीं की थी,,, लेकिन अब उसका मन करने लगा था कि वह भी अपनी भाभी से गंदे गंदे मजाक करें क्योंकि वह देती थी कि गांव में,,,दूसरी ननदे अपनी भाभियों से गंदे गंदे मजाक करती रहती थी,,। लेकिन शुरू कैसे किया जाए यह उसे समझ में नहीं आ रहा था,,,।,,, दोनों भाभी और ननद अपनी दोनों टांगों को फैला कर उसने अपना सिर डालकर नजरें नीचे झुका कर कपड़ों को धो रही थी जिसकी वजह से मधु की खरबूजे जैसी चूचियां ब्लाउज से बाहर आने के लिए उतावली हो गई थी,,,, जिसे देखकर गुलाबी की भी हालत खराब हो रही थी,,,, गुलाबी कुछ बोलना चाहती थी लेकिन बोल नहीं पा रही थी,,,, मैं तो उसी तरह से कपड़ों को मलमल कर दो रही थी जिसकी वजह से हाथ को आगे पीछे करने की वजह से उसकी गोल-गोल चूचियां आपस में रगड़ खा रही थी,,,,। चुचियों का घेराव कुछ ज्यादा था और क्लाउड छोटा इसे देखकर गुलाबी को थोड़ा डर भी लग रहा था कि जिस तरह से उसकी दोनों चूचियां आपस में रगड़ खाकर इधर-उधर हो रही है कहीं उसकी वजह से ब्लाउज का बटन ना टूट जाए,,,,,,,, यह नजारा गुलाबी के लिए उन्माद पैदा कर रहा था,,,,,

मधु एक-एक करके धीरे-धीरे सारे कपड़ों को मलमल कर दो रही थी जिसमें गुलाबी उसका साथ दे रही थी,,,, गुलाबी की चुचियों का आकार नारंगी जितना था,,,जिसकी वजह से कपड़े धोते समय उसकी चूची के बीच जबरदस्त रगड़ हो ऐसा मुमकिन बिल्कुल भी नहीं था इसलिए उसका मन थोड़ा उदास हो जाता था,,,। और वह अपना मन मसोस कर रह जाती थी,,,,।लेकिन थोड़ी देर बाद उसे वह नजारा नजर आया जिसके बारे में वह कभी सोची भी नहीं थी,,,उसकी भाभी कपड़े धोने में इतनी ज्यादा तकलीफ हो गई थी कि अपनी साड़ी को घुटनों के ऊपर तक चढ़ा दी थी और टांगों को फैलाए होने की वजह से,,, दोपहर की कड़ी धूप की रोशनी सीधे मधु की दोनों टांगों के बीच उसकी साड़ी के अंदर तक पहुंच रही थी और जिसकी वजह से उसकी बालों वाली बुरएकदम साफ नजर आ रही थी जिस पर नजर पड़ते ही गुलाबी की आंखें चोडी हो गई,,, गुलाबी के लिए यह पहला मौका नहीं था जब वह किसी औरत की बुर को देख रही थी इससे पहले भी नहाते समय सौच करते समय अपने साथ की सहेलियों और औरतों की बुर को वह पहले भी देख चुकी है,,,लेकिन यह उसके लिए पहला मौका था जब वह अपनी ही भाभी की बुर को अपनी आंखों से देख रही थी उस पर रेशमी मखमली बालों के झुरमुट को देखकर उसकी दोनों टांगों के बीच हलचल होने लगी थी,,,।
गुलाबी के हाथ कपड़ों पर चलते चलते रुक गए थे वह अपनी भाभी की बुर के आकर्षण में पूरी तरह से खो चुकी थी,,,,,, एक औरत का एक औरत के प्रति आकर्षण एक अद्भुत घटना के बराबर होती है क्योंकि एक औरत एक औरत के प्रति तभी आकर्षित होती है जब उसमें कुछ ज्यादा ही खूबसूरती नजर आती हैं जो कि गुलाबी को अपनी भाभी की खूबसूरती में नजर आ रही थी वैसे तो जिस तरह की बुर उसकी भाभी की थी उसी तरह की बुर उसकी भी थी लेकिन उसकी भाभी की बुर में अजीब सा आकर्षण था,,,,।


गुलाबी अपनी भाभी की दिल तोड़ के प्रति जिस तरह से आकर्षित होते हुए अपने आपको महसूस करते हुए अपने मन में सोचने लगी कि जब उसका यह हाल है तो दूसरे मर्द इस हाल में उसकी भाभी को देखले तो उनका क्या होगा,,,, पर उसके बड़े भाई का जो कि उसका तो उसके भाभी पर पूरी तरह से हक था और वह रात में उस की चुदाई भी करता था,,,उसे समझ में आने लगा था कि इसीलिए तो उसके भैया उसकी भाभी की पूरी तरह से दीवाने हो चुके हैं तीन तीन बच्चों की मां होने के बावजूद भी उसकी अपनी पूरी तरह से सुगठित और खूबसूरत थी ऐसा लगता था कि बच्चों के जन्म के बाद इस उम्र में भी उसकी खूबसूरती बढ़ती जा रही थी,,,,।


मधु का ध्यान अपनी खुली हुई टांगों पर बिल्कुल भी नहीं था और उसमें से चाहत रही उसकी बुराई तो बिल्कुल भी नहीं उसे इस बात का अंदेशा भी नहीं था कि उसका सब कुछ नजर आ रहा है,,,, गुलाबी से रहा नहीं जा रहा था और ना चाहते हुए भी वह अपनी भाभी से बोली,,,।


भाभी तुम्हारी वह नजर आ रही है,,,


क्या,,,?(मधु कपड़े धोने में इतनी तल्लीन हो गई थी कि गुलाबी की बात पर पूरी तरह से ध्यान दिए बिना ही बोली तो इस बार एक औरत होने के नाते दूसरी औरत से शर्म क्या करना इस बारे में सोचकर वह बोली),,,


भाभी तुम्हारी बुर नजर आ रही है,,,,।
(गुलाबी है शब्द एकदम शरमाते हुए बोली थी और गुलाबी के शब्दों को सुनते ही जैसे मधु को तेज झटका लगा हो और मैं तुरंत अपनी दोनों खुली हुई टांगों के बीच नजर डाली तो वास्तव में उसकी बुर साफ नजर आ रही थी वह तुरंत अपनी दोनों टांगों को सिकोड़ ली,,, यह देखकर गुलाबी हंसने लगी उसे हंसता हुआ देखकर मधु बोली,,)


हंस क्या रही हो,,, ऐसा लगता है कि जैसे तुम्हारे पास है ही नहीं,,,,


मेरे पास भी है बाद में एक तुम्हारी जितनी खूबसूरत नहीं है (गुलाबी हंसते हुए बोली,,,)


क्यों मेरे में पंख लगे हुए हैं क्या,,,?(कपड़ों को बाल्टी में डालते हुए बोली)


पंख नहीं लगे हुए हैं लेकिन तुम्हारे झांट के बाल मुझे बहुत खूबसूरत लग रहे हैं,,,,।



धत पागल हो गई है तू ,,,, जैसे मेरी है वैसे तेरी भी है कुछ अलग नहीं है,,,,(मधु मुस्कुराते हुए बोली)


नहीं भाभी तुम्हारी सबसे अलग है,,,


क्यों तू सबकी देखती रहती है क्या,,,?

देखती तो नहीं रहती हो लेकिन जिस तरह से तुम्हारी नजर आ गई है उसी तरह से दूसरों की भी नजर आए जाती है इसलिए कहती हूं कि तुम्हारी सबसे खूबसूरत है,,,



तेरी शादी हो जाएगी ना तो तेरी भी खूबसूरत हो जाएगी,,,(बचे हुए कपड़ों को बाल्टी में डालते हुए मधु बोली उसकी मुस्कुराहट उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे)



क्यों भाभी शादी होने के बाद खूबसूरत क्यों हो जाएगी,,,


अरे ये तो शादी हो जाएगी तभी पता चलेगा,,,,(मधुर बात को टालने की गरज से बोली,,,)


नहीं नहीं भाभी मुझे बताओ शादी हो जाने के बाद ही क्यों खूबसूरत हो जाएगी,,,,


धत्त तु बिल्कुल पागल इतनी बड़ी हो गई लेकिन कुछ पता ही नहीं है चल अब रहने दे मुझे नहाने दे कपड़े धुल गए हैं,,,(इतना कहने के साथ ही मधु खड़ी हो गई और चारों तरफ नजर घुमाकर यह तसल्ली करने लगी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है और पूरी तरह से तसल्ली करने के बाद अपनी साड़ी को कंधों पर से हटा कर उसे कमर से खोलने लगी,,,)



नहीं भाभी पहले बताओ वरना आज मैं नदी में जाने नहीं दूंगी,,,(इतना कहने के साथ ही गुलाबी भी खड़ी हो गई और साड़ी के पल्लू कस के अपने हाथों में पकड़ ली,,,, मैं तो उसके हाथों से अपनी साड़ी के पल्लू को छुडाते हुए बोली,,)


गुलाबी रहने दे मुझे नहाने दे देर हो रही है,,,(मधु अपनी मेहनत के हाथों से साड़ी के पल्लू को छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली)


नहीं भाभी आज तो मैं तुम्हें नहाने नहीं दूंगी जब तक तुम बताओगी नहीं,,,,,
(गुलाबी को इतना अंदाजा तो था कि उसकी भाभी किस बारे में बात करेंगे लेकिन वह अपनी भाभी के मुंह से सुनना चाहती थी इसलिए वह जिद कर रही थी उसकी भाभी भी तैश में आकर बोली,,,)


अच्छा तु नहीं मानेगी,,,


नहीं भाभी बिल्कुल भी नहीं मानूंगी,,,, शादी होने के बाद ही क्यों मेरी वह खूबसूरत हो जाएगी,,,।)


क्योंकि मेरी ननद रानी शादी के बाद जब तेरा आदमी अपना लंड तेरी बुर में डालकर चोदेगा तो खुद ब खुद तुझे समझ में आ जाएगा,,,,
( मधु एकदम खुले शब्दों में अपने ननद से बोल दी और गुलाबी अपनी भाभी की बात सुनते ही एकदम शर्मा गई,,, और उसके साड़ी के पल्लू को छोड़ दी अपनी ननद को इस तरह से शर्माता हुआ देखकर मधु मुस्कुराते हुए बोली,,,)


अब समझ में आया तुझे कि मेरी बुर ईतनी खूबसूरत क्यों हो गई है,,,,(साड़ी को पूरी तरह से खोलकर नीचे पत्थर पर रखते हुए बोली,,, अपनी भाभी की बातें सुनकर गुलाबी को शर्म महसूस हो रही थी लेकिन अपनी भाभी की बात ही उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर को पैदा कर रही थी उसे अपनी दोनों टांगों के बीच कुछ कुछ होता हुआ महसूस हो रहा था,,,।मधु की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी और उसका शर्म थोड़ा-थोड़ा खुलते जा रहा था इसलिए वह भी बोली,,,)

मतलब भैया तुम्हारी बुर में रोज अपना लंड डालते हैं तभी इतनी खूबसूरत हो गई है,,,,(इतना बोलने में गुलाबी शर्म से पानी पानी हो गई थी लेकिन इतना बोलने में जो सुख उसे प्राप्त हुआ था शायद ही कोई बात कोई शब्द बोलने में उसे इतना मजा आया था मधुर भी हैरान थी अपनी ननद के मुंह से इस तरह से खुली बातें सुनकर फिर भी हंसने लगी क्योंकि वह जानती थी गुलाबी शादी लायक हो चुकी है बस शादी करने की देरी है इसलिए उसके मन में भी इस तरह की बातें भावनाएं उमड रही होगी,,,,,इसलिए अपनी मेहनत किस तरह की बातें सुनकर उसका जवाब देते हुए मधु मुस्कुरा कर बोली,,,)


डालेंगे ही ना शादी करके लाए हैं यही तो करने के लिए लाए हैं,,,रोज रात को मेरी बुर में लंड डाल देते है और चोदना शुरू कर देते हैं,,,,(मधु के चेहरे पर यह गंदी बात बोलते हुए शर्म की लाली अपनी लालिमा भी कह रही थी उसका मुखड़ा और खूबसूरत लग रहा था और वह अपना ब्लाउज और पेटीकोट उतारे बिना नदी के पानी में धीरे धीरे उतरने लगी और पीछे पीछे गुलाबी लेकिन वह ना तो अपनी सलवार उतारी थी ना ही कुर्ती ऐसे ही नदी में उतर रही थी,, अपनी भाभी की बात सुनकर गुलाबी बोली,,,)


अच्छा,,,तभी मैं सोचूं कि तुम्हारे कमरे से अजीब अजीब सी आवाजें क्यों आती है भैया तुम्हारी बुर में लंड डालकर चोदते हुए फिर कभी तुम्हारे मुंह से आवाज निकलती है,,,
(इतना कहते हुए गुलाबी के दिल की धड़कन एकदम से बढ़ गई थी और इस तरह की बातों को सुनकर मत हो एकदम से शर्मा गई थी और शरमाते हुए बोली,,,)


तु लगता है यहीं सब आवाज सुनती रहती है,,,,(मधु पूरी तरह से नदी में उतर चुकी थी,,, उसका पेटीकोट पानी की सतह के एग्जाम उत्तर गुब्बारे की तरह फुल कर उड़ने जैसा हो गया था जिसे मधु अपने दोनों हाथों से पकड़ कर नीचे पानी में डालते हुए बोली,,,,)


मैं जानबूझकर तो सुनती नहीं हुं,,, आवाज आती है तो कानो में रुई तो ठुंस नहीं लूंगी,,,,(इतना कहते हुए वह नदी के पानी को अपने हाथों से ही अपने ऊपर डालने लगी,,, और मधु भी अपने उपर पानी डालने लगी,,, देखते ही देखते गुलाबी के साथ-साथ मधु का ब्लाउज भी पूरी तरह से भी गया और उसके बदन से एकदम से चिपक गया जिसकी वजह से उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां का आकार एकदम साफ चलकने लगा और उसकी कड़ी कड़ी निप्पल कीसी भाले की नोक की तरह ब्लाउज को फाड़ कर बाहर आने के लिए आतुर होने लगी,,, क्योंकि गुलाबी को साफ नजर आ रहा था अपनी भाभी की विशाल छातियों को देखकर गुलाबी मुंह में पानी लाते हुए बोली,,,।


हाय भाभी तुम्हारी उसने आज तक कितनी बड़ी-बड़ी है मेरी तो कितनी छोटी है तुम्हारी एकदम खरबूजे जैसी है मेरी तो एकदम संतरे की तरह है,,,,,


मैं कह रही हूं चिंता मत कर तेरी शादी जब हो जाएगी ना तो तेरा आदमी जब जोर जोर से दबाएगा उसे मुंह में भरकर पिएगा तो यह भी बड़ी हो जाएगी,,,,
(मधु एक नजर अपनी चुचियों की तरफ डालकर गुलाबी को तसल्ली देते हुए बोली)

धत् भाभी तुम तो हमेशा,,,,


अरे हमेशा क्या सच कह रही हूं मैं भी जब शादी करके आई थी तो,,,मेरी चूचियां भी तेरे जैसी ही थी छोटी छोटी लेकिन तेरा भैया इसे दबा दबा कर एकदम खरबूजे जैसी बड़ी कर दीए है तभी तो इनकी खूबसूरती और ज्यादा बढ़ गई है,,, सच कहूं तो औरतों की खूबसूरती बड़ी-बड़ी चुचीयां और बड़ी-बड़ी गांड से ही होती है,,,,।

(मधु मजाक ही मजाक में गुलाबी को औरतों के बदन की सच्चाई बता रही थी जो कि यह सच भी था,,,, अपनी भाभी की बातें सुनकर गुलाबी बोली,,)

क्या तुम सच कह रही हो भाभी,,,?


हा रे में एक दम सच कह रही हूं देखना जब तेरी शादी हो जाएगी ना तो तेरे बदन में भी भराव आना शुरू हो जाएगा तेरी छोटी छोटी चूचियां बड़ी हो जाएंगी तेरी गांड भी बड़ी हो जाएगी और तेरी बुर भी एकदम खूबसूरत हो जाएगी तब देखना तेरी खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे बस एक बार शादी हो जाने दो,,,,,,,
(शादी वाली बात सुनकर गुलाबी अपनी शादी के बारे में सोचने लगी क्योंकि वह भी यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि शादी के बाद औरतों की जिंदगी बिस्तर पर और ज्यादा खूबसूरत हो जाती है,,,एक मर्द के हाथों में उनका खूबसूरत बदन आकर और भी ज्यादा खिल उठता है,,,, देखते देखते दोनों भाभी और ननद नहा चुके थे और नदी से बाहर आ गए थे,,,,,

मधु बड़े से पत्थर के पीछे खड़ी होकर,,,अपनी ब्लाउज के बटन खोलने लगी और अपने ब्लाउस को पूरी तरह से उतारती है इससे पहले ही पेटीकोट को अपने सर के ऊपर से डालकर अपने बदन को ढकने लगेगा और ढकने के बाद अपने ब्लाउज के साथ-साथ अपने पेटिकोट की डोरी खोल कर उसे भी नीचे अपने पैरों के सहारे से उतार दी,,, पेटिकोट के अंदर वह पूरी तरह से नंगी थी गुलाबी भी इसी तरह से एक एक कर के अपने सारे कपड़े उतारती थी लेकिन पूरे कपड़े उतारने से पहले अपनी कुर्ती पहली थी जो कि उसके कमर के नीचे तक आती थी,,,, लेकिन कुर्ती को अपनी कमर से नीचे करते समय इसकी गोरी गोरी सुडोल चिकनी गांड को देखकर बोली,,,)




गुलाबी तेरी गांड तो अभी से इतनी खूबसूरत है जब तु अपने आदमी से चुदवाएगी और तेरी गांड ओर बड़ी होगी तब तो तू एकदम क़यामत लगेगी,,,।

(अपनी भाभी की बात सुनते ही गुलाबी एकदम से शर्मा गई
तब तक मधु अपने कपड़े बदल चुकी थी,,,, और धुले हुए कपड़े को समेटने लगी थी,,,,,,अपनी भाभी की बात सुनकर गुलाबी कुछ बोले नहीं थी बस मुस्कुराते हुए अपने उतारे हुए कपड़े और अपनी भाभी को उतारे कपड़े को धोने लगी और थोड़ी देर बाद सारे कपड़ों को इकट्ठा करके बाल्टी और लौटे को लेकर घर की तरफ निकल गई,,)
 
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इस समय घर पर कोई मौजूद नहीं था और बाहर से दरवाजा बंद था इसलिए किसी भी तरह की दोनों को दिक्कत और चिंता नहीं थी इसलिए दोनों खुलकर मजा लेना चाहते थे,,,,दोनों ने पहले से ही अपनी वस्तु को उतारकर पूरी तरह से नग्न अवस्था में कमरे में मौजूद थे,,, अपनी बुआ की गांड मारने की खुशी राजू से बर्दाश्त नहीं हो रही थी इसलिए वह अपनी बुआ को खटिया पर पीठ के बल लेटाते हुएउसके ऊपर लेट गया और उसके लाल-लाल होठों को अपने मुंह में लेकर उसके रस को पीना शुरू कर दिया,,,,। ऐसा नहीं था कि गांड मारने की उत्सुकता और खुशी केवल राजू को ही थी गुलाबी भी इस अनुभव से गुजर चुकी थी लेकिन उसे से बेहतर अनुभव को प्राप्त करना चाहती थी वह जानती थी कि उसके भैया से ज्यादा मजा उसे उसका भतीजा देगा,,, इसलिए तू आने वाली खुशी के बारे में सोच कर ही वह कसमसा रही थी,,,और अपने भतीजे का साथ देते हुए अपनी लाल-लाल होठों के द्वार को खोल दी थी जिसमें राजू अपनी प्यासी जी को डाल कर उसकी जीभ को चाट रहा था और उसकी लार को अपने गले में उतार रहा था,,,, गुलाबी पल भर में ही मदहोश होने लगी,,, राजू पूरी तरह से नंगा होकर अपनी नंगी बुआ पर लेटा हुआ था जिससे उसकी दोनों नारंगीया राजू की विशाल छातियों के नीचे दब रही थी,,, राजू को अपनी बुआ की चूचीयो की कड़क छुहारे जैसी निप्पल अपनी छातीयो में चुभ रहा था,,,,,, लेकिन यह चुभन राजू को बहुत आनंददायक लग रहा था,,,, राजू के तन में जोश बढ़ता जा रहा था,,,। राजू एक तरफ उसके लाल-लाल होठों का रस पी रहा था दूसरी तरफ से दोनों हाथों से उसकी दोनों नारंगी हो को दबा दबा कर उसका रस निकाल रहा था,,, गुलाबी को अपने भतीजे की यह हरकत बेहद रास आ रही थी उसे बहुत मजा आ रहा था अपने भतीजे के साथ वैसे भी उसे संपूर्ण संतुष्टि का अहसास होता था,,,, लेकिन भतीजे की गैरमौजूदगी में उसे अपने तन की प्यास पर काबू नहीं हो पाता था जिससे वहां अपने बड़े भाई के साथ अपनी जवानी की गर्मी पिघलाने में लग जाती थी,,,।

ओहहहह बुआ,,,, तुम्हारी चुचीया कितनी मस्त लगती है मन करता हैईसे मुंह में भर कर दिन रात पीता रहु,,,,

तो रोका किसने है रे दोनों हाथों से दबा दबा कर मुंह में लेकर पी और खींच खींच कर पी ,,( गुलाबी मदहोशी में कसमसाते हुए बोली,,,)

ओहहहह बुआ तुम्हारी यही अदा तो मुझे पागल कर देती है और इसी अदा के चलते ही मैं देखना हम दोनों के बीच पवित्र रिश्ता होने के बावजूद भी मैं तुम्हारी चुदाई करता हूं मैं भी सच कहूं तो तुमने मुझे बहुत कुछ सिखाई हो,,, वरना ऐसा अद्भुत सुख मुझे कहां मिलने वाला था,,,।


राजू तू नहीं जानता कि तेरे पास दोनों टांगों के बीच जो औजार है वो कितना जबरदस्त है,,, मैं सच कहती हूं तू अगर किसी भी औरत को अपना लंड दिखा देना तो वह तेरे आगे घुटने टेक दे तेरे से चुदवाने के लिए वह कभी भी तैयार हो जाए,,, जैसे कि मैं हो गई,,,, मैं सच कहती हूं राजू एक बार तू अपनी मां को अपना लंड दिखा दे फिर देख कैसे तू मादरचोद बन जाता है,,,, हम दोनों ने भैया के लंड़ को देखा है तेरे से आधा ही है लंबाई में भी और मोटाई में भी,,,,एक बार तेरा मोटा और लंबा लंड तेरी मां की बुर में चला गया तो समझ लो तेरी मां जिंदगी भर के लिए तेरी गुलाम हो जाएगी रात को पहले भैया के साथ चुदवाएगी लेकिन उनके सोने के तुरंत बाद वह तेरे कमरे में आ जाएगी,,,।
(गुलाबी तो इस बात का एहसास हो रहा था कि राजू के सामने उसकी मां का जिक्र छेढ़ने पर राजू के तन बदन में आग लग जाती थी उसकी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जाती थी और वह जोर-जोर से उसकी चूची को दबा दबा कर पीने लग जा रहा था यही दर्शाता था कि वह भी अपनी मां को चोदना चाहता है,,,और अपने भतीजे की स्थिति को देखकर गुलाबी मन ही मन खुश होती थी कि इसकी आग अगर भड़का या जाए तो यह जरूर अपनी मां को चोदने की कोशिश करेगा और इसकी मा भीउसके लंड का दर्शन कर ली तो जरूर उसे अपनी बाहों में लेने के लिए तड़प उठेगी इस बात को गुलाबी अच्छी तरह से जानती थी और उसे पूरा विश्वास था कि जैसा वह सोच रही है वैसा ही होगा,,,,)

ओहहहह बुआ यह तुम कैसी बातें कर रही हो,,,,

क्यों तुझे मजा नहीं आ रहा है,,, बोल,,, तुझे मेरी कसम सच-सच बताना मुझसे शर्माने की जरूरत नहीं है,,,, हम दोनों साथ में तेरी मां को चुदवाते हुए देखेंगे उसके नंगे बदन को देखे है तू भी देखा है,,, और उस समय तेरी मां को नंगी देखने पर उसकी खूबसूरती मुझे बहुत अच्छी लगती थी जब एक लड़की होने पर मुझे तेरी मां की खूबसूरती इस कदर भाने लगी थी तो तू तो एक मर्द है और तू तो मेरे साथ मिलकर अपनी मां को एकदम नंगी देखा है और वह भी चुदवाते हुए भले ही तेरा बाप ही चोद रहा था लेकिन तेरी मां की बुर में जा तो रहा था एक मर्द का लंड ही ना,,,,(गुलाबी बोले जा रही थी और राजू अपने बुआ की बातों को सुनकर एकदम गरम हुए जा रहा था और वह सारी कसर अपनी बुआ की चूची पर उतार रहा था,,, उसका मोटा तगड़ा लंड उसकी बुआ की दोनों

टांगों के बीच जबरदस्ती घुसने का प्रयास कर रहा था जिसे गुलाबी अपनी दोनों टांगों को आपस में सटाकर उसके लिए एक दीवार सी बना दी थी वह राजू को तड़पाना चाहती थी अपनी बातों से अपने इरादों से और ऐसा हो भी रहा था राजू कुछ बोल नहीं रहा था बस अपनी बुआ की बातों का मजा लेते हुए अपनी बुआ के खूबसूरत बदन से खेल रहा था,,, गुलाबी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,) वह सब देख कर मैं अच्छी तरह से जानती थी और मैं अपनी आंखों से देखी भी थी तेरा भी लंड खड़ा हो जा रहा था और तू सारी कसर मेरे पर उतारता था,,, सच-सच बताना राजू तेरी मां तो मुझसे भी ज्यादा खूबसूरत है कपड़े उतारने के बाद तो स्वर्ग से उतरी और कोई अप्सरा नजर आती है भाभी,,,, तेरा मन भी करता है ना कि आपने लंड को अपनी मां की बुर में डालकर चोदे,,,(अपनी बुआ की है बात सुनकर राजू पूरी तरह से गर्म हो क्या और अपनी कमर को झटका मारकर अपने लंड को अपनी बुआ की दोनों टांगों के बीच के उस दरार में डालने की कोशिश करने लगा जो कि उसका लंड गुलाबी की चिकनी जांघों के बीच फंसा हुआ था,,, राजू का जोश और उसकी हरकत को देखकर गुलाबी मुस्कुराते हुए बोली,,,)
हाय मेरे राजा अपनी मां की बातें सुनकर कैसा गरम हो रहा है,,, अब तो मुझे पक्का यकीन हो गया कि तू भी अपनी मां को चोदना चाहता है,,,,)
ओहहहह बुआ भगवान के लिए ऐसी बातें मत करो,,,(मदहोशी में अपनी बुआ की चूचियों को दबाता हुआ अपनी आंखों को बंद करता हुआ बोला मानो कि जैसे वह कल्पना की दुनिया में खोने लगा हो और अपने नीचे लेटी हुई बुआ की जगह अपनी मां की कल्पना कर रहा हो,,,, राजू गोरी गोरी चूचियों को दबा दबा कर टमाटर की तरह लाल कर दिया था,,,, लंड लगातार जांघो को चीरकर बुर में घुसने का प्रयास कर रहा था,,,,,, लेकिन गुलाबी भी बड़ी तेज तर्रार थी वह भी राजू के लंड को अपनी जांघों के बीच फंसा कर रखी थी ना हीलने दे रही थी और ना ही बाहर निकलने दे रही थी,,,।राजू की हालत खराब होती जा रही थी उसके तन बदन में इतने दिनों की लहर बड़ी तेजी से उठ रही थी लंड की नसों में रक्त का प्रवाह बड़ी तेज गति से हो रहा था जिससे उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि उसका लंड कहीं फट ना जाए,,,, राजू जैसा कि उसकी बुआ कह रही थी उसका मन वास्तव में अपनी मां को चोदने को कर रहा था लेकिन वह अपने मन की बात अपनी बुआ को कैसे बता दें कि वह अपनी मां को चोदना चाहता है इसलिए वह खामोश था,,,, लेकिन अपनी बुआ की बातों की गर्मी अपने बदन में महसूस करके उसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वह तुरंत अपनी बुआ को अपनी बाहों में लेकर उसे ऊपर की तरफ उठाते हुए और खुद पलटता हुआ बोला,,,)


आ मेरी रंडी बुआ,,,, आज तेरी हालत खराब कर दूंगा बहुत तुझे शौक है ना आज मैं तुझे अपनी मां बना कर चोदूंगा,,,

मुझे मां बनाकर चोदने का मजा नहीं आएगा जितना मजा तुझे अपनी खुद की मां को चोदने में आएगा,,,,।


साली रंडी बहुत बात करती है,,,(इतना कहने के साथ ही राजीव पलटकर पीठ के बल खटिया पर लेट गया और उसकी पूरा उसके ऊपर आ गई और उसके ऊपर आते ही राजू जोर से अपनी दोनों हथेलियों को अपनी बुआ की गोल-गोल गांड पर मारते हुए जितना हो सकता था उतना गांड को अपनी हथेली में लेकर दबाना शुरू कर दिया और इसके लिए आपको बार-बार दोहराने लगा जिससे गुलाबी को दर्द के मारे आह निकल जा रही थी और उसकी हर एक आह को सुनकर,,, राजू एकदम खुश होते हुए बोला,,,)

साली भोसड़ा चोदी,,, अब आया मजा मादरचोद,,,


मादरचोद तो तू बनेगा मेरे राजा अपनी मां को चोद कर,,,,।(गुलाबी एकदम मुस्कुराते हुए बोल रही थी और राजू उसके व्यवहार से और ज्यादा उत्तेजित हो जा रहा था वह बार-बार गुलाबी की गांड पर चपत लगा रहा था देखते ही देखते गुलाबी की गुलाबी गांड लाल हो गई,,,, राजू तुरंत उसकी चूची को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,,,और गुलाबी भी उसका साथ देने लगे गुलाबी खुद थोड़ी देर में अपनी चुची को बाहर निकाल कर दूसरी चूची मुंह में डाल देती थी,,, गुलाबी को भी अपनी चूची पिलाने में बहुत मजा आ रहा था,,,, कुछ देर तक यह क्रीड़ा इसी तरह चलती रही लेकिन राजू अपनी बुआ की खूबसूरत सुराख को देखना चाहता था इसलिए वह अपनी बुआ से बोला,,,)

अब पलट जा मेरी जान,,,

(गुलाबी को राजू की बात समझ में नहीं आई तो वह आश्चर्य जताते हुए बोली)

कैसे मैं समझी नहीं,,,


अरे मेरी गुलाबी रानी,,, अपनी गांड को मेरे मुंह पर रख दे और तू मेरा लंड अपने मुंह में ले,,, चल जल्दी कर तेरी गांड देखने का बहुत मन कर रहा है,,,


मादरचोद रोज तो देखता है फिर भी,,,,


हां रंडी तेरी गांड तो मैं रोज देखता हूं लेकिन तेरी गांड का छेद देखना है,,,, उस खूबसूरत छेद को चाटना है अब जल्दी कर मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा है,,,,

हाय मेरे राजा कितना तड़प रहा है रूक तुझे दिखाती हु अपनी गांड,,,(और इतना कहने के साथ ही गुलाबी राजू के बताए अनुसार आगे पीछे होगी और अपनी बड़ी बड़ी गांड को राजू के मुंह पर रखते हुए बोली,,)

ले देख ले,,,, ध्यान से देखना,,,,(और इतना कहने के साथ ही खुद राजू के दोनों टांगों के बीच उसके खड़े लंड की तरफ झुकने लगी,,, राजू अपने दोनों हाथों से अपनी बुआ की गांड को थाम कर उसके उस खूबसूरत छेद की तरफ नजर गड़ाए हुए बोला,,)

वाह कितना खूबसूरत छेद है,,, कसम से मैंने आज तक ऐसा गुलाबी छेद नहीं देखा,,,,ऊफफफ मुझसे तो नहीं रहा जा रहा है,,,(और इतना कहने के साथ ही राजू अपने प्यासे होठों को अपनी बुआ के गांड के छेद पर रख कर उसे चाटने लगा,,, गुलाबी को राजु से इसी तरह की हरकत की उम्मीद थी इसलिए वह पूरी तरह से गनगना गई,,,,)

सहहहहहह आहहहहहहह,,,,,राजु,,,(गरम सिसकारी लेते हुएगुलाबी का इतना कहना था कि राजु अपने ही हाथ को नीचे की तरफ लाकर अपने लंड को पकड़ लिया और उसे हीलाते हुए गुलाबी के गुलाबी गाल पर मरने लगा,,,, मोटा तगड़ा लंबा लंड गाल पर पडते ही गुलाबी एकदम से चौंक गई और अपना मुंह खोल कर तुरंत उसे अपने मुंह में भर कर चूसना शुरु कर दी,,,राजू मस्ती के साथ अपनी बुआ की गांड के छोटे से छेद को चाट रहा था,,,,,,, अब उसका पूरा ध्यान गुलाबी के छोटे से छेद पर केंद्रित हो चुका था,,,राजू को अपनी बुआ का वो छोटा सा छेद बेहद मनमोहक लग रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे सारी दुनिया की खुशी उसके छोटे से छेद में समाई हुई है और वह अपनी जीभ से उसे पूरा का पूरा चट कर जाना चाहता हो,,,।बुर चाटने से भी ज्यादा मजा उसे आज अपनी बुआ की गांड चाटने में गई थी वह दोनों हाथों से अपनी बुआ की गोल गोल गांड को तरबूज की फांक की तरह अपने दोनों हाथों में थामे हुए था,,,,,,

राजू गहरी सांस लेते हुए अपनी जीभ की नोक को उस छोटे से छेद में डालने का प्रयास कर रहा था अद्भुत मादकता से भरी खुशबू गुलाबी की गांड से उठ गई थी जो कि राजू को पूरी तरह से मदहोश किए हुए थी,,,, और यही हाल गुलाबी का भी था गुलाब के हाथों में जैसे उसकी पसंदीदा चीज आ गई हो वह पूरी तरह से पागल होकर राजू के लंड की जड़ को अपने हाथों में पकड़ कर उसे बार-बार अपने मुंह में अंदर डाल रही थी बाहर निकाल रही थी ऐसा करने में उसे अद्भुत सुख की प्राप्ति हो रही थी,,, वह खुद ही राजू के लंड को अपने गले के नीचे तक उतार ले रही थी और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी लेकिन जो मजा उसे प्राप्त हो रहा था ऐसा शायद उसे पहले कभी प्राप्त नहीं हुआ था जिसकी एक ही वजह थी कि इस समय राजू उसकी गांड के छोटे से छेद को अपनी जीभ से चाट रहा था,,, गुलाबी के संपूर्ण बदन में झनझनाहट महसूस हो रही थी,,, बार-बार गुलाबी गहरी सांस लेकर छोड़ दे रही थी ऐसा करने से ही उसकी कमर के इर्द-गिर्द अद्भुत भूलना पिक्चर का नाम महसूस हो रहा था जिसे देखकर राजू कभी उसकी कमर थाम लेता तो कभी उसकी गांड को दबा दे रहा था,,,,।

खटिया पर दोनों एक दूसरे के अंगों को नोचने खसोटने में लगे हुए थे,,,,,, राजू नीचे था और उसकी बुआ ऊपर,,, दिन के उजाले में सब कुछ साफ में जा रहा था घर में ना तो हरियाली और ना ही मधु दोनों की गैरमौजूदगी में,,, बुआ भतीजे दोनों अपनी प्यास बुझाने में लगे हुए थे और एकदम नए तरीके से,,,,,,

अपनी बुआ की गांड के छोटे से छेद को चाटते हुए राजू अपने मन में यही सोच रहा था कि इतने से छोटे से छेद में उसका मोटा लंड जाएगा ठीक है लेकिन यही,,, परिस्थिति ठीक श्याम की मां के पक्ष में भी थी लेकिन राजू वहां भी अपनी सूझबूझ और प्रयास से श्याम की मां की गांड मारने में सफलता हासिल कर लिया था,,,,और वही सोच सोच और प्रयास इधर भी राजू को दिखाने की जरूरत थी और राजू दिखा भी रहा था इसलिए तो लंड के लिए जगह बनाते हुए वह अपनी एक उंगली को अपनी बुआ की गांड के छोटे से छेद में डाल कर उसे गोल गोल घुमा रहा था,,,, और उसकी इस हरकत से गुलाबी पूरी तरह से कसमसा जा रही थी,,,

,ऊमममममम,ऊमममममममम,,,,सहहहहहह आहहहहहहह,,,,,
(इस तरह की मादक आवाज लगातार गुलाबी के मुंह से आ रही थी अभी भी उसके मुंह में राजू का लंड घुसा हुआ था जिसे वह मलाई की तरह चाट रही थी,,, उत्तेजना और जोश में आकर रह-रहकर राजू अपनी कमर को ऊपर की तरफ उछाल दे रहा था,,,,,,, राजू पूरी मस्ती के साथ अपनी उंगली को अपनी बुआ की गांड के छोटे से छेद में अंदर बाहर करके उसे चोद रहा था राजू यह बात बिल्कुल भी नहीं जानता था कि उसकी बुआ गुलाबी उसके पिताजी के साथ शारीरिक संबंध बना चुकी है और गांड मराई का सुख भी प्राप्त कर चुकी है,,,, उसे तो यही लग रहा था कि उसकी बुआ केवल उसके साथ ही शारीरिक संबंध बनाती चली आ रही है और आज पहली बार उसके साथ गांड मरवाने का सुख भी प्राप्त करने जा रही है,,, अगर उसे इस बात का जरा भी आभास होता कि उसकी तरह ही दोनों भाई बहन ने भी यह अनैतिक रिश्ता पनप चुका है तो आप

कब से अपना लंड गुलाबी की गांड में डाल दिया होता,,,,,,,,

अब सही समय आ गया था अपना जौहर दिखाने का,,, अपनी संपूर्ण कला का प्रदर्शन करने का,,,, इसलिए राजू उत्तेजना के मारे गुलाबी की गांड पर चपत लगाते हुए बोला,,,,।



बस मेरी जान अब तैयार हो जा तेरी गांड की सेवा करने का समय आ चुका है,,,,

हाय मेरे राजा मैं भी तो तैयार हूं,,, मैं भी देखना चाहती हूं कि तू मेरी गांड कैसे मारता है,,,,


ओहहह मेरी छम्मक छल्लो तेरी इसी अदा पे तो मैं तेरा दीवाना हो गया हूं,,,,, बस अब जल्दी से घोड़ी बन जाओ और अपनी गांड ऊपर की तरफ हवा में लहरा दे,,,,(राजू खटिया से नीचे उतरते हुए बोला,,,, और गुलाबी खटिया के नीचे खड़ी होकर राजू की तरफ देखकर अपनी गुलाबी बुर पर हथेली रखकर जोर से मसलते हुए बोली,,,)

सहहहहहह आराम से करना,,, कहीं मेरी गांड मत फाड देना,,,,


चिंता मत कर मेरी रानी एकदम आराम से करूंगा,,,,।

(राजू की बात मानते हुए गुलाबी खटिया पर घुटनों के बल बैठ गई और आगे की तरफ झुक कर अपनी गोल गोल गाल को हवा में उछाल दी अपनी बुआ की रसीली मद भरी गांड देखकर राजू के मुंह में पानी आ गया उसे रहने की और वह अपनी बुआ की गांड पर चुंबन कर लिया....)


राजू थोड़ा सरसों का तेल लगा देना ताकि आराम से जाए देख पहली बार है फाड मत देना,,,।


तू सही कह रही है मेरी जान सरसों का तेल लगा दूंगा तो बड़े आराम से जाएगा,,,,(इतना कहने के साथ ही नंगा ही वह अपने कमरे से बाहर निकला और रसोई घर में जाकर सरसों के तेल को कटोरी में लेकर वापस कमरे में आ गया दरवाजा बंद करने की जरूरत उसी समय बिल्कुल भी नहीं थी,, क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि इस समय कोई आने वाला नहीं है,,,,सरसों के तेल को कटोरी में लेकर तुरंत वो गुलाबी के पास आया और सरसों की तेल की धार को वह गुलाबी के गुलाबी छेद पर गिराने लगा,,,, सरसों के तेल की धार अपनी गांड के छेद पर एक धार में गिरने से वह कसमसाने लगी,,, उसके आनंद में बढ़ोतरी होने लगी लेकिन इतना तो वह जानती थी कि भले ही वह अपने बड़े भैया से गांड मारने का शुभ प्राप्त कर चुकी है और अनुभव भी ले चुकी है लेकिन उसकी यह खुशी उसका आनंद राजू के साथ तो बेशक पढ़ने वाली थी लेकिन आनंद प्राप्त करने से पहले उसे थोड़ा दर्द भी सह ना था क्योंकि वहां अपने भाई के लंड और भतीजे के लंड के बीच के फर्क को अच्छी तरह से समझती थी,,,।इसलिए गुलाबी गहरी सांस लेते हुए आने वाले कल का बेसब्री से इंतजार कर रही थी और पीछे की तरफ नजर घुमाकर राजू की हर एक हरकत को बड़ी बारीकी से देख रही थी बार-बार उसकी नजर राजू के चेहरे पर तो कभी उसके मोटे तगड़े लंड पर चला जा रहा था जो कि इस समय बड़ा ही भयानक रूप लेकर गांड में घुसने की खुशी व्यक्त कर रहा था,,,


राजू बहुत खुश नजर आ रहा था गांड मारने के अनुभव को वह पूरी तरह से अपनी बुआ पर आजमाना चाहता था और उसकी छोटे से गांड के छेद का मजा लेना चाहता था,,,, दोपहर के समय में अपनी मां और अपने पिताजी की गैरमौजूदगी में,,, राजू और गुलाबी इस मौके का पूरी तरह से फायदा उठा रहे थे,,। राजू कटोरी को नीचे जमीन पर रखकर थोड़ा बहुत तेज अपने लंड को भी पिलाने लगा,,,, पर उंगली में लगे थे उनको एक बार फिर से गुलाबी की गांड में डालकर गोल गोल घुमाने लगा,,,, उंगली डालने पर ही गुलाबी शिहर उठ रही थी,, जो कि उसे पूरी तरह से आनंदीत कर दे रही थी,,,।

अब राज्य तैयार था नए पराक्रम के लिए आज से अपनी बुआ की गांड प्राप्त हो चुकी थी लेकिन उस पर पूरी तरह से अपनी लंड का जादू चलाना था,,, राजू को पूरा विश्वास था कि वह अपनी बुआ पर एक बार फिर से काबू प्राप्त कर लेगा,,,,, गुलाबी की गांड हवा में लहरा रही थी पहली बार वह अपने भतीजे से गांड मराने का सुख प्राप्त करने जा रही थी,,,,हवा में अपनी बुआ की लहराती हुई गांड को देखकर राजू का लंड कुछ ज्यादा ही टनटना रहा था,,,। राजू खटिया पर दोनों पैर रखकर चढ गया,,, और अपने खड़े लंड को हाथ में लेकर गुलाबी की गोरी गोरी गांड के छोटे से 6 की तरफ बढ़ने लगा,,,, दोनों का दिल जोरों से धड़क रहा था दोनों अद्भुत इसमें थोड़ी बहुत रुकावट आनी ही थी,,,, लेकिन दोनों को ईन रुकावटो का बिल्कुल भी डर नहीं था,,, वह तो अपनी मंजिल पर पहुंचना चाहते थे इसलिए राजू देखते ही देखते अपने लंड कैसे पांडे को जो कि आलू बुखारा की तरह एकदम बढ़ा और गोल हो गया था उसे गुलाबी के छोटे से छेद पर रख दिया जोकि सरसों के तेल से लबालब लस लसा रहा था,,,,, जैसे ही राज्यों ने अपने सुपाड़े को छोटे से छेद पर रखा गुलाबी पूरी तरह से सिहर उठी,,,क्योंकि वह जानती थी कि थोड़ी ही देर में राजू का मोटा तगड़ा लंड उसकी गांड की गहराई में खो जाएगा,,,, देखते ही देखते राजू अपने खड़े लंड को हाथ में पकड़ कर सुपारी को उस छोटे से छेद में डालने की कोशिश करते हुए अपनी कमर को आगे की तरफ ठेलने लगा,,,,, गांड का सुरमई छेद छोटा था उसका रास्ता संकरा था लेकिन उसमें

हरिया का लंड पूरी तरह से गोता लगा चुका था इसलिए गुलाबी को पूरा विश्वास था कि धीरे-धीरे वह अपने भतीजे के मोटे लंड को भी अपनी गांड की गहराई में उतार लेगी,,,।

ससहहहह आहहहहहह मैं कहती थी ना राजू तेरा बहुत मोटा है घुस नहीं पाएगा,,,


तू चिंता मत कर बुआ,,, तेरा छेद बहुत छोटा भले है लेकिन धीरे धीरे में इसमें अपना लंड डाल ही दूंगा,,,,।
(और इतना कहने के साथ ही पैसे प्रयास करते हुए वह अपनी कमर को आगे की तरफ ठेलने लगा इस बार राजू का लंड हरकत में आते हुए धीरे-धीरे उस छोटे से खूबसूरत छेद में प्रवेश करने लगा देखते ही देखते राजू का सुपाड़ा आधा छेद में प्रवेश कर गया लेकिन इतने से ही गुलाबी की हालत खराब होने लगी उसके चेहरे पर दर्द के भाव साफ झलक रहे थे,,,,वह, गहरी गहरी सांस ले रही थी ,,, राजू गुलाबी की गांड को सहलाते हुए आगे बढ़ रहा था,,,,।)

बस बस दुआ थोड़ा सा और एक बार सुपाड़ा घुस गया तो फिर आराम से चला जाएगा,,,


आहहहह ,,, चला तो जाएगा रे लेकिन मेरी जान निकली जा रही है,,,,,


बस बस बुआ,,,,,, तुम्हारी गांड बहुत प्यारी है,,,, जी तो कर रहा है कि मैं खुद घुस जाऊं,,,


घुस जा रोका किसने है,,,,,

लंड लेने में तो रो रही हूं मुझे पूरा कैसे ले पाओगी,,,,


ले लूंगी क्योंकि मैं जानती हूं कि बाद में बहुत मजा आता है,,,,,


ओ मेरी प्यारी बुआ तुम्हारी यही अदा तो मुझे पागल बना देती है,,,,(राजू अपनी बुआ को बातों में उलझा ए हुए ही अपनी बुआ की गांड को दोनों हाथों से थामकर कचकचा कर अपनी कमर को आगे की तरफ ठेला,,, और इस बार सरसों के तेल की चिकनाहट को पाकर राजू का मोटा तगड़ा लंड एक झटके में ही सुपाड़ा सहित आधा गुलाबी की गांड के छेद में समा गया,,,,, राजु को आधी सफलता प्राप्त हो चुकी थी लेकिन इस आधी सफलता को प्राप्त करने में गुलाबी की हालत खराब हो गई थी वह पसीने पसीने हो गई थी दर्द का हुआ सैलाब उसे अपनी कार के अंदर उठता हुआ महसूस हो रहा था कि उससे सहा नहीं जा रहा था,,, राजू का आधा लंड गांड में घुसते ही वह चिल्ला उठी,,,,।)


आहहहहह बहन चोद मादरचोद भोसड़ी के,,,,आहहहहहह,,,, निकाल हरामि तू तो मेरी जान ले लेगा बहुत दर्द कर रहा है,,,,ऊईईईईई, मां,,,, इसीलिए तुझे कहती थी कि इसके बारे में सोचना बंद कर दे,,,,।(गुलाबी दर्द से बिलबिला ते हुए बोल रही थी,,,,गुलाबी इस बात से हैरान थी कि वह अपने बड़े भाई के लंड को अपनी गांड में लेकर गांड के छेद का उद्घाटन करवा चुकी थी लेकिन फिर भी राजू का मोटा तगड़ा लंबा लंड छेद में जाकर इतना दर्द देगा उसे इस बात का आभास बिल्कुल भी नहीं था,,,, इसीलिए तो वह असहनीय दर्द से छटपटा रही थी और राजू उसकी पतली चिकनी कमर को अपने दोनों हाथों से थाम कर,,, एकदम से रुक गया था मैं जानता था कि अब ज्यादा जोर लगाने पर उसकी बुआ की हालत खराब हो जाएगी और वह‌उसकी गांड मारने नहीं देगी,,,, इसलिए उसकी कमर पर थाने में ही वह उसे पुचकारते हुए बोला,,,।)

बस हुआ बस हो गया चिंता मत करो पूरा घुस गया है मुझे तो यकीन नहीं हो रहा था तुम पूरा का पूरा अंदर ले लोगी,,,, लेकिन तुमने कमाल कर दि हो,,,(ऐसा कहते हुए राजू अपने दोनों हाथों को आगे की तरफ लाकर अपनी बुआ के दोनों संतरो को पकड़ लियाऔर उसे धीरे-धीरे दबाना शुरू कर दिया वह जानता था कि उसकी बुआ की चूची दबाने में उसकी बुआ को बहुत सुख प्राप्त होता है,,,,,,,,राजू अपनी हरकत से अपनी बुआ का ध्यान दर्द से हटाना चाहता था उसके दर्द को खत्म करना चाहता था तभी वह आगे बढ़ने में कामयाब हो सकता था,,,, उसकी हरकत रंगला रही थी उसका सब अपना असर दिखा रहा था गुलाबी का दर्द कम हो रहा था वह अब आवाज नहीं कर रही थी और इसी का फायदा उठाते हुए राजू जितना घुसा था उतना ही लंड को अंदर बाहर करके उसकी गांड मारना शुरू कर दिया बहुत ही धीरे-धीरे राजू अपनी कमर को आगे पीछे कर रहा था,,,।राजू बड़े साहब तौर पर देख रहा था कि उसका मोटा तगड़ा लंड उसकी बुआ की छोटे से छेद में बड़े आराम से अंदर बाहर होने लगा था लेकिन लंड की रगड़ उसे भी साफ महसूस हो रही थी गांड के छेद की अंदरूनी दीवारों को वह रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था और यही रगड़ राजू के आनंद में वृद्धि कर रही थी और गुलाबी के दर्द को आनंद में बदल रही थी थोड़ी ही देर में राजू का कमर आगे पीछे करके हिलाना गुलाबी को आनंद देने लगा वह मस्तीयाने लगी,,,,।


सहहहह आहहहहह राजु सच मेरे बहुत मजा आ रहा है मैं कभी सपने में भी नहीं सोची थी की गांड मरवाने में इतना मजा आता है,,,,ऊफफ,,,, तूने तो कमाल कर दिया,,, तभी भाभी भैया की इतनी दीवानी है,,,।

(राजू बड़ी मस्ती से आधी लंड से ही अपनी बुआ की गांड मारना शुरू कर दिया था लेकिन अभी उसका आधा लंड बाहर ही था जिसे वह जल्द से जल्द अपनी बुआ की गांड के जड़ तक डालना चाहता था,,,,)


मजा आ रहा है ना बुआ,,


बहुत रे,,,,

ओहहहह बुआ मुझे मालूम था जब मैं इतने आराम से ले ले रही थी तो तुम कैसे नहीं ले पाती,,,


आहहहह तेरी मां की तो बात ही कुछ और है रे,,, तेरी मां को रात को भैया के साथ एकदम छीनार हो जाती है,,,, देखता था ना तूने कैसे तेरी मां अपनी गांड पटक पटक कर भैया से चुदवाती थी,,,, इसे देखने में कैसे भोली भाली लगती है लेकिन दंड को देखते ही कैसे उसके मुंह में पानी आने लगता है,,,,


तू भी तो छिनार है मेरी रानी,,,, तू भी तो खुलकर मजा देती है गांव में तेरी मासूम चेहरे को देख कर कोई नहीं बता सकता कि तू अपने भतीजे से चुदवाती है,,, और बिना लंड लिए तुझे नींद नहीं आती,,,


हाय मेरे राजा मां के बारे में बोली तो कैसे बेटे को बुरा लग गया,,,


मुझे क्यों बुरा लगेगा मेरी रानी हम दोनों साथ में ही तो देखते थे मां की चुदाई,,,,


इसलिए तो कह रही हूं कि तेरी मा एकदम छिनार की तरह चुदवाती है,,,।
(गुलाबी के द्वारा अपनी मां को छिनार कहने पर राजू का जोश और ज्यादा बढ़ गया और वह इस बार आदमी बचे लंब को एक झटके में ही अपनी बुआ की गांड में उतार दिया,,, एक बार फिर से गुलाबी दर्द से बिलबिला उठी उसे ऐसा ही लग रहा था कि वह अपने पूरे लंड से उसकी गांड मार रहा है लेकिन आधा लंड अभी बचा था,,,,)

ऊईईई मां ,,,, हरामजादे कितना बेरहम है रे तू,,,


अरे मेरी छिनार तेरी गांड मारने में कितना मजा आ रहा है देख तुझे भी कितना मजा देता हूं,,,( और इस बार,,, राजू रुका नहीं और अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया बुरे में डाल लेने में और गांड में डालने में क्रिया एक ही होती है फर्क कसाव का होता है जुदाई में कसाव का महत्व बेहद प्रमुख रहता है अगर कसाव ना हो तो चुदाई में आनंद का मापदंड भी बेहद कम हो जाता है और यही कसाव बरकरार हो तो मजा दुगना हो जाता है और इसीलिए बुरके छेद के कसाव से गांड के छेद का कसाव बेहद सकरा रहता है इसीलिए तो दोनों को मजा आ रहा था,,,, अब राजू रुकने वाला नहीं था वह अपनी मोटर चालू कर चुका था,,,,, उसकी कमर अपने आप ही आगे पीछे हो रही थी राजू बार-बार गुलाबी की गांड पर चपत लगाता हुआ अपने लंड को उसके छोटे से छेद में अंदर बाहर कर रहा था जो कि वह अपनी आंखों से एकदम साफ साफ देख रहा था,, यह नजारा राजू के लिए भी बेहद लुभावना लग रहा था,,, खटिया से चरर मरर की आवाज आ रही थी,,,, खटिया के आवाज को सुनकर गुलाबी संदेह जताते हुए बोली,,,)

अरे मादरचोद धीरे धीरे कर कहीं खाट ना टूट जाए,,,


आज तो टूट जाने दो बुआ,,, लेकिन यह मजा कम नहीं होगा,,,,, क्या मस्त गांड है बुआ तेरी,,,ऊफफफ,,,,,,।
(गुलाबी के छोटे से छेद में राजू का मोटा तगड़ा लंड अब बड़ी सरपट से दौड़ रहा था बिल्कुल भी रुकावट पेश नहीं आ रही थी गुलाबी को अपनी गांड का छेद कुछ ज्यादा ही कसा हुआ महसूस हो रहा था जिसे अब राजू अपनी चुदाई से ढीला करने वाला था,,,गुलाबी को भी बहुत मजा आ रहा था पूरे कमरे में गुलाबी की गरम सिसकारियां गुंज रही थी जो कि इस समय उसे सुनने वाला उन दोनों के सिवा कोई नहीं था ,,,,फचच फचच और गर्म सिसकारियां माहौल को और ज्यादा गर्म कर रही थी,,,,,।

राजू की चुदाई लगातार जारी थी वह अपनी बुआ की गांड मारने में पूरी तरह से मजबूर हो गया था दोनों पसीने से तरबतर हो गए थे लेकिन यह आनंद की पराकाष्ठा कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी,,,,आखिरकार दोनों की सांसो की गति तेज होने लगी दोनों अपने चरम सुख के करीब बढ़ते चले जा रहे थे और देखते ही देखते हैं जबरजस्ते धक्के के साथ राजू अपना गर्म लावा अपनी बुआ की गांड में गिराना शुरू कर दिया,,,, और गुलाबी निढाल होकर तकिए को कसकर पकड़ ली,,,,,।

आखिरकार गुलाबी अपनी गांड के छोटे से सुराख को अपने भतीजे को सौंपकर प्रसन्न हो गई थी और राजू भी अपनी बुआ की गांड मार कर आनंद के सागर में गोते लगाने लगा था,,,, शाम ढलने तक एक बार फिर से गांड मराई का कार्यक्रम संपूर्ण हो चुका था,,,,, राजू ने गुलाबी की ऐसी गांड मारा था कि,,,गुलाबी ठीक से चल नहीं पा रही थी लेकिन जो आनंद राजू ने उसे दिया था वह आनंद शायद ही उसे कोई दे पाएगा इस बात का एहसास उसे अच्छी तरह से था इसलिए वह राजू से पूरी तरह से खुश थी,,,।
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