बैलगाड़ी

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राजू को ऐसे तो कोई भी काम नहीं था बस वह एक बहाना बनाया था कमला चाची से मिलने के लिए,,,, और उसका यह बहाना कामयाब भी हो चुका,,,,एक औरत से इस तरह से मिलने कि राजु में बिल्कुल भी हिम्मत नहीं होती थी,,, लेकिन जब से वहां कमला चाची के अंगों को अपनी जवान और उत्सुक आंखों से टटोला था और अपनी खूबसूरत बुआ की बुर के दर्शन किया था तब से औरतों के अंगों को ऐसी नजरों से देखने में उसे अधिक आनंद की अनुभूति होती थी और इसी आनंद की अनुभूति के लिए बहाना बनाकर कमला चाची से मिलने आया था,,,,,, और कमला चाची भीकहां संस्कारी होना थी वह तो खुद राजु को अपने अंगों को बड़ी अच्छे से दिखाना चाहती थी,,,,, और वही कमला चाची के अंगो का जादू ही था जो वो खुद बहाना बना कर उससे मिलने के लिए आया था,,,,,




मुझे भी थोड़ा कोई तो मैं काम है सोच रही हूं तु साथ रहेगा तो जल्दी से हो जाएगा,,, तू साथ देगा ना मेरा,,,,


हां चाची क्यों नहीं तुम्हारा साथ में बराबर दूंगा,,,,


तू बहुत अच्छा लड़का है गांव में सबसे अच्छा लड़का तु ही है और तुझे ही मैं अच्छा मानती हूं,,,, बाकी सारे लड़के तो आवारा है,,,,(ऐसा कहते हुए कमला चाची राजु के बराबर चलने लगी थी,,,,।)

नहीं चाची ये तो आपका बड़प्पन है,,,, वरना मैं भी दूसरों की तरह ही हूं,,,


नहीं नहीं तु दूसरों की तरह नहीं तु सबसे अलग है,,,( ऐसा कहते हुए कमला चाचीकदमों को जल्दी से आकर पढ़ाने लगी क्योंकि मैं रांची से आगे चलना चाहती थी क्योंकि अब खेत शुरू हो रहा था और पगडंडी काफी संकरी थी जिसपे एक साथ दो लोग नहीं चल सकते थे 1 को आगे तो दूसरे को पीछे चलना पडता थाऔर इसीलिए कमला चाची राजू से आगे चलना चाहती थी ताकि वह अपनी बड़ी-बड़ी गांड को उसकी आंखों के सामने मटका सके जिसे देखकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगे,,,, और कमला चाची राजू से एक कदम आगे पहुंच चुकी थी,,, और शायद राजू भी मन में यही चाहता था,,,। क्योंकि कमला चाची को अपनी आंखों के सामने अपनी गांड मटका कर चलती हुए देखकर राजू के तन बदन में हलचल सी होने लगी क्योंकि कमला चाची की गांड चलते ही बड़े मादक तरीके से हील रहीं थी,,,। कमला चाची अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली,,,)



इसीलिए तो मैं तुझे पसंद करती हूं और दूसरे लड़के को हमेशा डांटती रहती हूं,,, लेकिन तू ही है कि मुझसे भागता रहता है,,,, पता नहीं आज कैसे मुझसे मिलने के लिए आ गया,,,,(कमला चाची आगे चलते हुए पीछे नजर घुमाकर राजू की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोली,,,,कमला चाची को मुस्कुराता हुआ देखकर राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,,. और वह बोला)


ऐसा नहीं है मैं हमेशा से आपकी इज्जत करता हूं उस दिन आपके घर में ले आया था ना इसलिए सोचा कि फिर से आपसे मिलने चलु,,,
(राजू की बातें सुनकर कमला चाची समझ गई थी कि वह किस उद्देश्य से उसके घर पर मिलने के लिए आया था उस दिन जिस तरह का दृश्य उसने राजू को दिखाकर आकर्षण जमाई थी वही देखने के लिए और यह बात का आभास होते ही कमला चाची के तन बदन में भी हलचल सी होने लगी,,,,,, राजू की बातें सुनकर कमला चाची मन ही मन में खुश हो रही थी खेत शुरू हो चुका था,,,राजू की नजर कमला चाची की बड़ी बड़ी गांड के ऊपर टिकी हुई थी जिसकी थिरकन को देखकर उसका मन डोल रहा था,,, कमला चाची के नितंबों के ऊपर की गहरी बाकी बेहद आकर्षक नजर आ रही थी,,, कमला चाची का बदन गोरा था,,, और इस उम्र में भी बेहद मादकता से भरी हुई खूबसूरत लग रही थी इस उम्र में औरत का आकर्षण इतना अत्यधिक नहीं होता है,, लेकिन कमला चाची की बात कुछ और ही थी,,,,,,आगे आगे चलती हुई अपनी गांड मत खा कर सपने अंगो का प्रदर्शन करते हुए कमला चाची को देखकर बार-बार राजू के मन में वही दृश्य बार-बार नजर आ रहा था चाची के घर पर पहुंचने पर कमला चाची नहा रही थी और पेटीकोट को इधर-उधर करके अपने नितंबों का प्रदर्शन कर रही थी,,,,,, उन दृश्यों को याद करके राजू के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी औरतों के प्रति इस तरह का आकर्षण राजू को पहले कभी नहीं हुआ था लेकिन उसके हावभाव बदलने लगे थे भले ही कमला चाची तो खूबसूरत साड़ी के अंदर था लेकिन फिर भी साड़ी के ऊपर से उसके बदन के कटाव का नाप लेकर मस्त हो रहा था,,,,,,, एक तरह से करमला चाची के पीछे चलने में राजू का ही फायदा था,,, कमला चाची उससे 3 फीट की दूरी पर आगे आगे चल रही थी और इतनी दूरी पर पहली बार राजू किसी औरत के बदन को निहार रहा था,,,।




और कमला थी कि अपने बदन की चाल को बेहद मादक बना रही थी वह जानती थी कि ,,, ऊंची नीची टेंढी मेढी पगडंडियों से चलते हुए उसकी कमर बलखा जा रही है जिसकी वजह से उसकी भारी-भरकम गांड की लचक कुछ ज्यादा ही मचक दे रही है,,,,,,। कमला चाची आगे आगे चलते हुए अपने मन में ही कहीं युक्तियों को जन्म दे रही थी कि किस तरह से वह राजू के सामने अपने अंग का प्रदर्शन करें जिसकी वजह से राजू पूरी तरह से उत्तेजना पास होकर उसके साथ संभोग सुख प्राप्त करें और उसे इस उम्र में भी जवानी का मजा चखा दे,,, और इस बात को भी वह चित्र भी जानती थी कि राजु पूरी तरह से औरतों के साथ खेले जाने वाले खेल में अनाड़ी है उसे धीरे-धीरे सिखाना भी पड़ेगा,,,, लेकिन एक शिक्षिका के भांती संभोग के बाराखडी में कमजोर अपने विद्यार्थी को संभोग का संपूर्ण अध्ययन कराने के लिए वह बेहद उत्सुक थी,,,,,,, और गुरु दक्षिणा के रूप में वह राजू से संपूर्ण संतुष्टि चाहती थी,,,।



देखते ही देखते दोनों घने खेतों के बीच पहुंच चुके थे,,,,,, खेतों के बीच पहुंचते ही कमला चाची बेहद उत्सुकता दिखाते हुए राजू की तरफ घूम गई और उससे बोली,,,,।




राजू हमें यह हरी हरी घास जो दिख रही है ना इन्हें उखाड़ कर एक तरफ रखना है ताकि यह जगह एकदम साफ हो जाए और हम इस पर अनाज लगा सके,,,,,,
(लेकिन शायद कमला चाची की बात कर राजू का ध्यान नहीं गया वह एकदम सन्न होकर एकटक कमला चाची की विशाल छातियों की तरफ देख रहा था,,,और देखता भी क्यों नहीं आखिरकार उसकी आंखों के सामने कमला चाची की छातियों का नजारा है कुछ अद्भुत और आकर्षक था कमला चाची राजू के आगे आगे चलते हुए मन में युक्ति सोचते हुए वह जानबूझकर अपने ब्लाउज के ऊपर के 2 बटन को खोल दी थी ताकि उनमें से उसकी चुचियों का अधिकांश भाग राजु को दिखाई दे और ऐसा ही हो रहा था,,, कमला चाची की मदमस्त कर देने वाली चुचीयां आधे से ज्यादा बाहर को झलक रही थी ऐसा लग रहा था कि कमला चाची के ब्लाउज बड़े-बड़े दशहरी आम रखे हुए हैं और वह पक कर बाहर आने के लिए मचल रहे हैं,,,, राजू की तो सांसे उपर नीचे हो रही थी क्योंकि करना चाहती थी चूचियों के निप्पल तो नहीं लेकिन निप्पल के इर्द-गिर्द भूरे रंग का घेराव साफ नजर आ रहा था,,,, राजू की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी,,,, उसके दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी कमला चाची मन में युक्ति सोचकर जिस तरह का प्रहार राजू के ऊपर की थी उससे वह खड़े खड़े ढेर हो चुका था क्योंकि खेतों में काम करने के बारे में जिस तरह का निर्देश कमला चाची बता रही थी उस पर राजू का बिल्कुल भी ध्यान नहीं था और राजू अपनी फटी आंखों से कमला चाची की छातियों को बोल रहा था यह देखकर कमला चाची के तन बदन में भी अजीब सी हलचल हो रही थी,,,। कमला चाची को अपनी युक्ति कामयाब होती नजर आ रही थी,,,। राजू के मुंह से एक भी शब्द नहीं फुट रहे थे,,,, कमला चाची ही उसका ध्यान भंग करते हुए बोली,,,)


कहां खो गया मैं तुझसे कुछ कह रही हूं,,,,,
(कमला चाची की आवाज कान में पडते ही जैसे वह होश में आया हो इस तरह से हड़बड़ा गया,,,)

ककककक,, क्या करना है चाची,,,,




अरे मैं कह रही हूं कि खेतों में से घास उखाड़ कर एक बगल में रखना है,,,,


ठीक है चाची,,,,(और इतना कहने के साथ ही वह नीचे झुककर हरी हरी घास दोनों हाथों से उखाड़ना शुरू कर दिया,,, कमला चाची वहीं पास में खड़ी मुस्कुरा रही थी वह जानती थी कि उसकी युक्ती पूरी तरह से काम कर रही थी,,,,,,, उसके मन में अभी भी कुछ और युक्ति चल रही थी वह ठीक उसके सामने खड़ी हो गई और नीचे झुककर घास उखाड़ने को हुई ही थी कि,,,आधे से ज्यादा बाहर झांक रही उसकी दोनों चूचियां गप्प से ब्लाउज से बाहर निकलकर दशहरी आम की तरह झूलने लगी,,,,,,,कमला चाची अच्छी तरह से जानती थी कि उसके इस तरह से छुप जाने की वजह से उसकी भारी-भरकम खरबूजे जैसी चूचियां ब्लाउज में ठहर नहीं पाएंगी और लचक कर लटक जाएंगी,,, जैसे ही उसकी दोनों चूचियां पके हुए आम की तरह ब्लाउज में से बाहर झूल गई वैसे ही उसके मुंह से आह निकल गई,,,,)




आहहहहहह,,, यह क्या हो गया,,,,(कमला चाची यह सब तो जानबूझकर पहुंची थी ताकि वह राजू का ध्यान अपनी और कर सके क्योंकि वह जानती थी कि वह नजर मिला पानी में शर्म महसूस कर रहा थाकमला चाची के नाम से इतना निकलते ही राजू आश्चर्य से उसकी तरफ देखने लगा तो उसकी रही है सही ताकत भी एकदम क्षीण हो गई,,,, उसकी आंखों के सामने कमला चाची की दोनों खरबूजा जैसी चूचियां उसकी छाती पर लटक रही थी मानो के जैसे कोई पपिया का फल पपिया के पेड़ पर झूल रहा हो,,, उत्तेजना के मारे राजू का गला सूखने लगा वह नीचे झुका हुआ ही कमला चाची की मदमस्त कर देने वाली चुचीयों को देख रहा था,,, जिंदगी में पहली बार राजू किसी नंगी चूची को देख रहा था,,,, इसके लिए उसकी सांसे ऊपर नीचे हो चली कमला चाची जानती थी कि राजू की उत्तेजना को बढ़ाने के लिए इतना काफी था इसलिए,,, वह अपनी दोनों चुचियों को मादक अंदाज में अपने दोनों हाथेली में पकड़कर उठाते हुए खुद भी खड़ी होते हुए बोली,,,)
कमला चाची की बड़ी बड़ी चूची हो तो देख कर राजू का मन कर रहा था कि वह खुद कमला चाची के ब्लाउज के बटन को खोले



अरे दैया यह तो बाहर निकल गई,,,, बड़ी बेशर्म है किसी का भी लिहाज नहीं करती,,,(कमला चाची मुस्कुराते हुए बोली औरअपनी दोनों चुचियों को बारी-बारी से अपने हाथ से पकड़ कर ब्लाउज में ठुसने लगी,,,, राजू के लिए उसके कोमल उम्र की तुलना में यह दृश्य असहनीय था,,,।कमला चाची अपनी कामुक हरकत की वजह से ही राज्यों के तन बदन पर अपनी कामुकता का वार पर वार कर रही थी,, और राजू के लिए कमला चाची का हर एक वार घातक सिद्ध हो रहा था राजू की उमंग मारती जवानी और ज्यादा मचल उठ रही थी,,,,,, कमला चाची जानबूझकर अपनी चाची को जोर जोर से दबाते हुए और राजू को दिखाते हुए अपने ब्लाउज मे भर रही थी वह जानती थी कि ऐसा करके वह राजू के तन बदन में आग लगा रही है और यही तो वह चाहती ही थी कमला चाची की हरकत को देखकर राजू जोकि इस खेल में बिल्कुल भी अनजान था वह अपने मन में सोचने लगा कि कास कमला चाची की चूचियां उसके हाथ में होती तो कितना मजा आ जाता ,,,,
कमला चाची की कामुक हरकत को देखकर राजू का मन कमला चाची की चूचियों को दबाने का कर रहा था,,



राजू की आंखों के सामने ही कमला चाची अपनी चुचियों को बारी-बारी से अपने ब्लाउज में भरकर बटन बंद कर ली इस बार केवल एक ही बटन खुला रखी क्योंकि वो जानती थी कि अगर दोनों बटन खुला रखी थी तो फिर से दोनों बाहर निकल आएगी और जितना वह राजू को दिखा चुकी थी उतना काफी था राजू के पजामे में उसके समझ के परे ही तंबू बन चुका था जिस पर कमला चाची की नजर पड़ चुकी थी और उस तंबू को देखकर कमला चाची की बुर गीली होने लगी थी,,,। राजू अपने सूखे गले को थूक निगल कर गिला करने की कोशिश करते हुए बोला,,,)


यह कैसे हो गया चाची,,,,


अरे बटन खुला था ना इसलिए,,,,(इतना कहते हुए कमला चाची अपनी साड़ी को थोड़ा ऊपर की तरफ उठाकर कमर में खुश ले जिससे उसकी साड़ी उसकी पिंडलियों तक उठ गई और उसकी चिकनी मोटी मांसल पिंडलिया साफ दीखने लगी,,,)


बटन बंद कर लेना चाहिए था ना चाची,,,,


कोई बात नहीं कहां किसी गैर ने देख लिया है तू ही तो देखा है,,,,(इतना कहकर कमला चाची मुस्कुराने लगी और कमला चाची की बात सुनकर राजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ गई वह वापस नीचे झुक कर घास तोड़ने लगा,,,, और कमला चाची भी घास उखाड़ने लगी,,,, राजू अपने मन में सोच रहा था कि कमला चाची के घर देखने को छोड़ आया था लेकिन कमला चाची तो उससे भी ज्यादा दिखा दीराजू अपने मन में सोचने लगा कि कमला चाची की चूचीया कितनी बड़ी बड़ी है,,, दबाने में बहुत बहुत मजा आएगा,,, इस तरह की बातों को राजू पहली बार अपने मन में ला रहा था जिस पर उसका भी बस नहीं था,,,,,अपनी लटकती हुई चूचियों को दबा दबा कर अपने ब्लाउज में भरने की वजह से और राजू को दिखाकर उकसाने की वजह से कमला चाची की भी हालत खराब हो रही थी,,,,। कमला चाची के मन में उत्सुकता बढ़ती जा रही थी क्योंकि वह राजु को मर्दों की सबसे बड़ी कमजोरी अपनी बुर दिखाना चाहती थी क्योंकि वह जानती थी कि बुरे के लिए इंसान कुछ भी कर सकता है,,, लेकिन कैसे दिखाएं उसे समझ नहीं आ रहा था,,,,


कुछ देर ऐसे ही गुजर गए दोनों घास उखाड़ उखाड़ कर घास का ढेर लगा चुके थे राजू के मन में वही दृश्य बार-बार घूम रहा था कमला चाची की चींटियां उसके होश उड़ा चुकी थी,,,,, वह अपने मन में यही सब सोच रहा था कि तभी कमला चाची अपनी साड़ी पकड़कर जोर-जोर से उछलने लगी,,,।


हाय ,,,, दैया काट ली रे,,,,हाय मैं मर गई बहुत जोर से काट रही है मुझे दर्द कर रहा है,,,(कमला चाची उछलते हुए अपने साडी को जोर-जोर से झटक रही थी,,, राजू के समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है कमला चाची जोर-जोर से उछल रहे थे मानो कि जैसे उनकी साड़ी में बिच्छू घुस गया हो,,,)


क्या हुआ चाची क्या हुआ क्या काट लिया,,,,,


अरे लगता है चींटी काट लई बहुत जोर से दर्द कर रहा है,,,,


चींटी लाल वाली चींटी तब तो चाची सूजन आ जाएगी,,,, जल्दी से उसे दूर करो नहीं तो और ज्यादा काट लेगी,,,,
(राजू को लग रहा था कि सही में कमला चाची को चींटी काट रही है वह यह नहीं जानता था कि कमला चार्ज की बस एक बहाना कर रही थी उसे अपनी बुर दिखाने के लिए,,,,)


आहहहहह,,,ऊईईईई , मां,,,,,,,,,,आहहहहहहह,,,,,दैया रे,,,,
(ऐसा कहते हुए कमला चाची जानबूझकर साड़ी के ऊपर से ही अपनी बुर वाली जगह को हथेली में भरकर दबाने लगी,,,,)

आहहहहहह ,,,, बहुत दर्द कर रहा है,,,,, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है राजू,,,,,

(कमला चाची का दर्द राजु से देखा नहीं जा रहा था जो कि बनावटी दर्द था,,,, वह इस बात से अनजान था कि कमला चाची सिर्फ और सिर्फ नाटक कर रही है,,,,,लेकिन उसका ध्यान बार-बार कमला चाची के उतरने की वजह से उसकी बड़ी बड़ी चूची हो तो जा रहा था क्योंकि बड़े गेंद की तरह ब्लाउज में उछल रहा था,,, कमला चाची की उछलती हुई चुचियों को देख कर राजू का लंड अकड रहा था,,,,, उस नजारे पर वह पूरी तरह से मर मिटा था,,,,, तेज चलती सांसों के साथ,,,,, अपना चाची का उछलना देख रहा था,,,, कमला चाची इंतजार में कि कि राजू कुछ करें या कुछ बोले तभी राजू बोला,,,)

चाची को झाड़ी के पीछे जाकर चींटी निकाल दो नहीं तो ज्यादा दिक्कत हो जाएगी,,,,,
(राजू की इस बात पर कमला चाची को मन ही मन बहुत गुस्सा आया वह अपने मन में यही सोच रही थी कि अगर राजू की जगह दूसरा कोई लड़का होता तो इस मौके का जरूर फायदा उठाता हूं और खुद ही उसकी साड़ी उठाकर चींटी निकालने के बहाने उसकी बरर को प्यासी नजरों से देख कर उससे छेड़खानी करता,,, लेकिन राजू बेवकूफ का बेवकूफ ही है,,, लेकिन कमला चाची इतनी जल्दी हार मानने वाली नहीं थी इसीलिए वह उसी तरह से उछलते हुए बोली,,,,)


नहीं राजू मुझसे नहीं हो पाएगा तु ही कुछ कर,,,, मुझे तो लग रहा है कि चींटी अंदर घुसश रही है,,,,


अंदर ,,,,,,अंदर कहां चाची,,,?(राजू आश्चर्य जताते हुए बोला,,,)


अरे तू ही क्यों नहीं देख लेता,,,,(कमला जान बुझकर दर्द दायक चेहरा बनाते हुए बोली,,,)


ममममम,,,, में,,,, मैं कैसे चाची,,,,(राजू एकदम हैरान होते हुए बोला,,,)


हां तु,,, देख कर निकाल दे वरना यह चींटी ना जाने कहां कहां काटेंगी,,,,

(कमला चाची की बातें सुनकर राजू का दिल जोरो से धड़कने लगा क्योंकि कमला चाची जी जिस बारे में बात कर रही थी इस तरह की उम्मीद राजू को कभी भी नहीं थी इसलिए वह हैरान था,,,,, पर आश्चर्य से कमला चाची के चेहरे की तरफ और उसकी उछलती हुई चुचियों की तरफ देखे जा रहा था,,,।)
शानदार अपडेट भाई
लगता हैं अब राजु का उदघाटन हों जायेगा
कमला ही राजु की सेक्स गुरु बनेंगी भाई
 
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शानदार अपडेट भाई
लगता हैं अब राजु का उदघाटन हों जायेगा
कमला ही राजु की सेक्स गुरु बनेंगी भाई
Thanks
 

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