Incest जिन्दगी एक अनाथ की ~written by Goldybull~

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Update 21
नरगिस ने शिवा का मुकाबला खत्म करने के बाद उसे अस्पताल लेकर चली गई,पृथ्वी और शक्ति भी वह से निकल गए, शक्ति को शिवा को जख्मी देख कर
उसके ऊपर दया आ रही थी, उसे यही लग रहा था कि ये पागल अपने आप को आज पक्का मरवा ही देता अगर नरगिस बीच मे नहीं आती तो ,पृथ्वी ने शक्ति को यह बात बता दी की कुछ दिन वो यही रुकने वाला है ,पृथ्वी के साथ उसकी बीवी ज्वाला भी दुबई में ही आयी हुवी थी, शक्ति ने फिर पृथ्वी से विदा ली और वापिस हिंदुस्तान को निकल गया, ज्वाला अपने नाम के मुताबिक ही थी वो एक जलता हुवा शोला ही थी, वो 6 फिट की लंबाई 40 32 44 की जालिम फिगर थी उसकी, गोरा रंग ,सुंदर चेहरा , लम्बे बाल उसको सबसे जानलेवा बनाते वो उसकी एकदम गोल गोल चुचिया और उसकी ही तरह से गोल गांड,उसके जैसी गांड लाखो में एक ही होती थी,
पृथ्वी जब होटल में अपने कमरे के दरवाजे में अपने कार्ड को लगा कर दाखिल हुवा तो उसने देखा ज्वाला बस एक छोटीसी पैंटी में ही बैठी थी और अपने पूरे बदन को तेल से मालिश कर रही थी ,उसके पूरे बदन पर तेल चमक रहा था ,पृथ्वी का आया हुवा देखकर उसने अपनी पैंटी भी निकाल दी और अपने पेट के बल लेट गई ,उसने पृथ्वी से कहा
जरा मेरी पीठ पर तेल लगा दीजिये ना
ज्वाला की बात सुनके पृथ्वी ने अपने कपड़े उतारते हुवे उसके पास चला गया ,उसकी मतवाली गांड देखकर ही पृथ्वी का लंड अपनी औकात पर आ गया था, वो अपने 11 इंच लंबे और 4 इंच मोटे हलबी लंड को मसलने लगा ,उसके लंड का टोपा किसी कश्मीरी लाल सेब की लन्ड से थोड़ा मोटा ही था ,उसने अपने पूरे लंड को ज्वाला जो तेल लगा रही थी उससे पूरा चिकना कर दिया ,वो अब ज्वाला के बदन पर पूरा लेट गया ,उसने अपने दोनों हाथों में उसकी गांड को पकड़कर दबाने लगा ,कुछ देर तक उस नरम गांड को पिचकाता रहा और अपने लंड का टोपा उसकी गांड के छेद पर घिस भी रहा था,उसने गांड के छेद पर अपना टोपा दबाते हुए अब उसकी गांड को दोनो हाथो में पकड़कर फैलाने लगा ,इसकी वजह से उसका टोपा उसके उस भूरे गांड के छेद को फैलाता हुवा 4 इंच तक अंदर घुस गया, ज्वाला की गर्दन उठ गई और उसके मुह से एक सी चैन की आह निकली ,पृथ्वी ने अब उसके गांड को पकड़ कर अपनी पूरी ताकद से एक और झटका दिया ,अब उसका लंड पूरे जड़ तक अंदर घुस गया ,ज्वाला के मुह सी भी एक चीख निकल गई इस मूसल की मार से , ओ, मा ,धीरे से करो ना पृथ्वी,
पृथ्वी को अब ज्वाला के गर्म गांड के अंदर मजा आ रहा था,उसे उसकी गांड की कसावट लंड को सुकून दे रही थी ,उसने अब उस गांड में तूफान मचाना शुरू कर दिया ,थाप थाप की आवाज उस कमरे में गूंज रही थी ,यह आवाज उस गांड की थी जो अब किसी पृथ्वी के बदन से टकरा रही थी ,कभी घोड़ी बनाकर तो कभी खड़े करते ,तो कभी कुतिया बनाते हुवे उसे चोद रहा था उसके मजबूत बदन के सामने भी टिक कर उसके लंड की मार अपने गांड में झेल रही थी ,ज्वाला की चुत तो अपने गांड में लंड के इस तगड़े मार से पानी बहाकर कितनी बार झड़ी उसे पता ही नही चला था, पृथ्वी भी कबसे उसकी गांड के छेद में अपना लंड पेल कर पसीने से नहा गया था ,उसके गले से एक गुर्राहट निकली और उसने अपने लंड को और अंदर तक दबाकर उसके गांड में पिचकारियां मारने लगा ,ज्वाला को उस गर्म पानी को अपनी गांड में भरना बहुत ही अच्छा लग रहा था ,कसी छोटी कटोरी में बैठ जाये उतना पानी उस मूसल ने छोड़ा था , पृथ्वी ने ज्वाला के ओठो का रस अपने ओठो से पीना उसे अपने ऊपर लेकर शुरू कर दिया ,एम हाथ से वो उसकी चुचिया भी पकड़ कर मसल रहा था और दूसरे हाथ से उसकी गांड का सहला रहा था ,थोड़ी ही देर में अब दोनों गर्म हो गये, ज्वाला अपनी दोनों टांगो को चौड़ा करती हुवी उस मूसल लंड को अपने चुत पर टीका कर नीचे बैठने लगी ,पृथ्वी ने भी उसे अपने दोनों हथेलियों में उसकी गांड को पकड़ कर नीचे दबाने लगा ,दोनो की ताकद से फच्च करता हुवा लन्ड एक ही बार मे उस चुत में पूरा घुस गया ,ज्वाला के मुह से बस इतना ही निकला ,मर गई मा में अब तो ,लेकिन पृथ्वी ने उसको अपने सीने से लगा लिया ,उसके ओठ चुसते हुवे अब वो उसकी चुत में अपने लंड से वार करने लगा, ज्वाला भी अपनी कमर हिला कर हर धक्के का जवाब अपनी चुत उस पर दुगनी तेजी से मार करके दे रही थी, दोनो एक दुसरो को चूमते चाटते हुवे चोद रहे थे, कभी ज्वाला को अपने ऊपर लेके, वो उसे अपने लंड पे बिठाकर घुड़सवारी कराता ,तो उसे अपने नीचे लेके उसकी टाँगे अपने कंधों पर रखकर उसके चुत में अपने लंड से अंदर तक मार कर रहा था ,ज्वाला भी इस दमदार चुदाई से खुश होकर अपने चुत से पानी छोड़ कर उस लंड को अपना पानी से नहला रही थी ,पृथ्वी ने इस बार उसकी चुत में अपना पानी भरकर उसकी चुत को ठंडा कर दिया ,
दोनो फिर उठे, अपने आप को पानी से साफ़ करने के बाद ,होटल में फोन करके खाना का आर्डर देकर बैठ गए ,जल्द ही खाना आ गया ,वो अब खाना खाते हुवे बात कर रहे थे,
ज्वाला कुछ दिन हम यही रुकने वाले है ,पृथ्वी बोला,
ठीक है जैसी ,आपकी मर्जी,ज्वाला
तुमने शिवा का हाल देखा ही होगा आज ,मुझे नही लगता उसमे कुछ खास बात हो ,पृथ्वी
लेकिन पहले आप को ही वो खास लगा था ना ,ज्वाला
हा जब मैने उसके लण्ड को एक ही बार जीनत को चोदने के बाद 2 इंच बढ़ जाने की वजह से उसकी तरफ आकर्षित हुवा था,मुझे लगा जैसे उसमे कुछ शक्तिया आ गई हो पहली बार चुदने से ,लेकिन उसमें कोई खास ताकद नही है, यह बात साबित हो गई आज ,
तो फिर उसके लंड का आकर कैसे बढ गया 2 इंच से एक ही दिन में ,इसकी क्या वजह होगी आपके खयाल से ,
उसी बात का जवाब तलाश रहा हु में,इसलिये यहां रूककर शिवा पर नजर रखने हम यहां रुकने वाले है
लेकिन आप और में जिस आदमी के बारे में सोचते है ,वो क्या करता है ,उसके मन मे क्या चल रहा है इसका हमे पता चल जाता है ,तो यहा रहक़र क्या मिलेगा, हम कहि भी रहकर यह काम आसानी से कर सकते है ना ,
ज्वाला यह बात सच है ,लेकिन में थोडे दिन उसके पास में रहकर देखना चाहता हु की क्या है उसमें ऐसी खास बात जो उसके लिंग को एक दिन में बड़ा कर गई, और मुझे पता भी नही चला ,शिवा मेरे मुकाबले कहि भी नही है सिवाय एक चीज के अब उसका लंड 12 इंच का है तो मेरा 11 इंच का ,हम दोनों के लंड की मोटाई समान है ,
आप भी ना कुछ भी सोचते है ,गधे का लंड शेर से बड़ा होता है ,तो इसका मतलब यह नहीं कि गधा शेर से ताक़दवर है,शेर से वह कभी नही जीत सकता ,
ज्वाला की बातों से पृथ्वी हसने लगा, जैसा तुम कहो मेरी जान ,
पृथ्वी को पहले ऐसा लगा था कि मंदिर में तीन दिन बेहोश होने से शिवा में कुछ बदलाव आ जाये ,पर ऐसा नही हुवा, पृथ्वी और ज्वाला के पास ऐसी ताकद आ गई थी जिससे वो किसी भी आदमी के बारे में सोचे तो वो क्या कर रहा है ,क्या सोच रहा है,इसका उसे पता चल जाता था ,सिर्फ वो नरेश और सुनीता की बारे में कुछ पता नही कर पाता, ना उनके मन मे क्या चल रहा है, इस बात का उसे पता चल पाता था, नरेश और सुनीता ने भी ज्वाला और पृथ्वी की तरह चमत्कारी पानी पिया था इस वजह उनकी ताकद नरेश और सुनीता पर नही चलती थी, पृथ्वी को नरेश और सुनीता का सब राज पता था, उसे मालूम था की वो दोनो असल मे विजय और कामिनी है, पृथ्वी ने आज तक कभी विजय के परिवार पर वार नही किया था ,ना कभी आदमी भेजकर धमकाया था, उल्टा मनोज और नीता के आक्सीडेन्ट के बाद उसने ही छोटे विजय को बचाया था, पर पृथ्वी के एक गलती के वजह से विजय भीकु के पास पल रहा था, पृथ्वी को पहले लगा था कि विजय में कुछ ताकद आई होगी पर जब छोटे विजय को 3 दिन बाद अस्पताल में होश आया ,पृथ्वी उसके देख पा रहा था ,उसकी मन की बात सुन पा रहा था वो भी आसानी से ,पृथ्वी को यकीन हो गया कि इस बच्चे में कोई चमत्कारी ताकद नही है ,जब मनोज और नीता का एक्सीडेंट हुवा ,तब वो अनजान दुश्मन विजय को मारना चाहते थे, पृथ्वी को लगा कि इस बच्चे को वो मार देंगे अगर इनके हाथ लग गया तो और उन लोगो को भी यही लग रहा था कि विजय में कुछ चमत्कारी ताकद आयी है और बाद में वो उनके लिए खतरा ना बने इसलिये वो विजय को किसी भी हाल में मार देते ,इस वजह से ही पृथ्वी ने विजय को भीकु के यहाँ पलने दिया था ,पृथ्वी को दो फायदे लग रहे थे इसमे विजय की जान भी बच जाएगी, और पृथ्वी को बाद में लगता कि उसमें कुछ ताकते आ गई है तो वो विजय के लावारिस होने का फायदा उठाकर अपना मकसद पूरा करेगा ।
 
Maurya ji
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Update 21
नरगिस ने शिवा का मुकाबला खत्म करने के बाद उसे अस्पताल लेकर चली गई,पृथ्वी और शक्ति भी वह से निकल गए, शक्ति को शिवा को जख्मी देख कर
उसके ऊपर दया आ रही थी, उसे यही लग रहा था कि ये पागल अपने आप को आज पक्का मरवा ही देता अगर नरगिस बीच मे नहीं आती तो ,पृथ्वी ने शक्ति को यह बात बता दी की कुछ दिन वो यही रुकने वाला है ,पृथ्वी के साथ उसकी बीवी ज्वाला भी दुबई में ही आयी हुवी थी, शक्ति ने फिर पृथ्वी से विदा ली और वापिस हिंदुस्तान को निकल गया, ज्वाला अपने नाम के मुताबिक ही थी वो एक जलता हुवा शोला ही थी, वो 6 फिट की लंबाई 40 32 44 की जालिम फिगर थी उसकी, गोरा रंग ,सुंदर चेहरा , लम्बे बाल उसको सबसे जानलेवा बनाते वो उसकी एकदम गोल गोल चुचिया और उसकी ही तरह से गोल गांड,उसके जैसी गांड लाखो में एक ही होती थी,
पृथ्वी जब होटल में अपने कमरे के दरवाजे में अपने कार्ड को लगा कर दाखिल हुवा तो उसने देखा ज्वाला बस एक छोटीसी पैंटी में ही बैठी थी और अपने पूरे बदन को तेल से मालिश कर रही थी ,उसके पूरे बदन पर तेल चमक रहा था ,पृथ्वी का आया हुवा देखकर उसने अपनी पैंटी भी निकाल दी और अपने पेट के बल लेट गई ,उसने पृथ्वी से कहा
जरा मेरी पीठ पर तेल लगा दीजिये ना
ज्वाला की बात सुनके पृथ्वी ने अपने कपड़े उतारते हुवे उसके पास चला गया ,उसकी मतवाली गांड देखकर ही पृथ्वी का लंड अपनी औकात पर आ गया था, वो अपने 11 इंच लंबे और 4 इंच मोटे हलबी लंड को मसलने लगा ,उसके लंड का टोपा किसी कश्मीरी लाल सेब की लन्ड से थोड़ा मोटा ही था ,उसने अपने पूरे लंड को ज्वाला जो तेल लगा रही थी उससे पूरा चिकना कर दिया ,वो अब ज्वाला के बदन पर पूरा लेट गया ,उसने अपने दोनों हाथों में उसकी गांड को पकड़कर दबाने लगा ,कुछ देर तक उस नरम गांड को पिचकाता रहा और अपने लंड का टोपा उसकी गांड के छेद पर घिस भी रहा था,उसने गांड के छेद पर अपना टोपा दबाते हुए अब उसकी गांड को दोनो हाथो में पकड़कर फैलाने लगा ,इसकी वजह से उसका टोपा उसके उस भूरे गांड के छेद को फैलाता हुवा 4 इंच तक अंदर घुस गया, ज्वाला की गर्दन उठ गई और उसके मुह से एक सी चैन की आह निकली ,पृथ्वी ने अब उसके गांड को पकड़ कर अपनी पूरी ताकद से एक और झटका दिया ,अब उसका लंड पूरे जड़ तक अंदर घुस गया ,ज्वाला के मुह सी भी एक चीख निकल गई इस मूसल की मार से , ओ, मा ,धीरे से करो ना पृथ्वी,
पृथ्वी को अब ज्वाला के गर्म गांड के अंदर मजा आ रहा था,उसे उसकी गांड की कसावट लंड को सुकून दे रही थी ,उसने अब उस गांड में तूफान मचाना शुरू कर दिया ,थाप थाप की आवाज उस कमरे में गूंज रही थी ,यह आवाज उस गांड की थी जो अब किसी पृथ्वी के बदन से टकरा रही थी ,कभी घोड़ी बनाकर तो कभी खड़े करते ,तो कभी कुतिया बनाते हुवे उसे चोद रहा था उसके मजबूत बदन के सामने भी टिक कर उसके लंड की मार अपने गांड में झेल रही थी ,ज्वाला की चुत तो अपने गांड में लंड के इस तगड़े मार से पानी बहाकर कितनी बार झड़ी उसे पता ही नही चला था, पृथ्वी भी कबसे उसकी गांड के छेद में अपना लंड पेल कर पसीने से नहा गया था ,उसके गले से एक गुर्राहट निकली और उसने अपने लंड को और अंदर तक दबाकर उसके गांड में पिचकारियां मारने लगा ,ज्वाला को उस गर्म पानी को अपनी गांड में भरना बहुत ही अच्छा लग रहा था ,कसी छोटी कटोरी में बैठ जाये उतना पानी उस मूसल ने छोड़ा था , पृथ्वी ने ज्वाला के ओठो का रस अपने ओठो से पीना उसे अपने ऊपर लेकर शुरू कर दिया ,एम हाथ से वो उसकी चुचिया भी पकड़ कर मसल रहा था और दूसरे हाथ से उसकी गांड का सहला रहा था ,थोड़ी ही देर में अब दोनों गर्म हो गये, ज्वाला अपनी दोनों टांगो को चौड़ा करती हुवी उस मूसल लंड को अपने चुत पर टीका कर नीचे बैठने लगी ,पृथ्वी ने भी उसे अपने दोनों हथेलियों में उसकी गांड को पकड़ कर नीचे दबाने लगा ,दोनो की ताकद से फच्च करता हुवा लन्ड एक ही बार मे उस चुत में पूरा घुस गया ,ज्वाला के मुह से बस इतना ही निकला ,मर गई मा में अब तो ,लेकिन पृथ्वी ने उसको अपने सीने से लगा लिया ,उसके ओठ चुसते हुवे अब वो उसकी चुत में अपने लंड से वार करने लगा, ज्वाला भी अपनी कमर हिला कर हर धक्के का जवाब अपनी चुत उस पर दुगनी तेजी से मार करके दे रही थी, दोनो एक दुसरो को चूमते चाटते हुवे चोद रहे थे, कभी ज्वाला को अपने ऊपर लेके, वो उसे अपने लंड पे बिठाकर घुड़सवारी कराता ,तो उसे अपने नीचे लेके उसकी टाँगे अपने कंधों पर रखकर उसके चुत में अपने लंड से अंदर तक मार कर रहा था ,ज्वाला भी इस दमदार चुदाई से खुश होकर अपने चुत से पानी छोड़ कर उस लंड को अपना पानी से नहला रही थी ,पृथ्वी ने इस बार उसकी चुत में अपना पानी भरकर उसकी चुत को ठंडा कर दिया ,
दोनो फिर उठे, अपने आप को पानी से साफ़ करने के बाद ,होटल में फोन करके खाना का आर्डर देकर बैठ गए ,जल्द ही खाना आ गया ,वो अब खाना खाते हुवे बात कर रहे थे,
ज्वाला कुछ दिन हम यही रुकने वाले है ,पृथ्वी बोला,
ठीक है जैसी ,आपकी मर्जी,ज्वाला
तुमने शिवा का हाल देखा ही होगा आज ,मुझे नही लगता उसमे कुछ खास बात हो ,पृथ्वी
लेकिन पहले आप को ही वो खास लगा था ना ,ज्वाला
हा जब मैने उसके लण्ड को एक ही बार जीनत को चोदने के बाद 2 इंच बढ़ जाने की वजह से उसकी तरफ आकर्षित हुवा था,मुझे लगा जैसे उसमे कुछ शक्तिया आ गई हो पहली बार चुदने से ,लेकिन उसमें कोई खास ताकद नही है, यह बात साबित हो गई आज ,
तो फिर उसके लंड का आकर कैसे बढ गया 2 इंच से एक ही दिन में ,इसकी क्या वजह होगी आपके खयाल से ,
उसी बात का जवाब तलाश रहा हु में,इसलिये यहां रूककर शिवा पर नजर रखने हम यहां रुकने वाले है
लेकिन आप और में जिस आदमी के बारे में सोचते है ,वो क्या करता है ,उसके मन मे क्या चल रहा है इसका हमे पता चल जाता है ,तो यहा रहक़र क्या मिलेगा, हम कहि भी रहकर यह काम आसानी से कर सकते है ना ,
ज्वाला यह बात सच है ,लेकिन में थोडे दिन उसके पास में रहकर देखना चाहता हु की क्या है उसमें ऐसी खास बात जो उसके लिंग को एक दिन में बड़ा कर गई, और मुझे पता भी नही चला ,शिवा मेरे मुकाबले कहि भी नही है सिवाय एक चीज के अब उसका लंड 12 इंच का है तो मेरा 11 इंच का ,हम दोनों के लंड की मोटाई समान है ,
आप भी ना कुछ भी सोचते है ,गधे का लंड शेर से बड़ा होता है ,तो इसका मतलब यह नहीं कि गधा शेर से ताक़दवर है,शेर से वह कभी नही जीत सकता ,
ज्वाला की बातों से पृथ्वी हसने लगा, जैसा तुम कहो मेरी जान ,
पृथ्वी को पहले ऐसा लगा था कि मंदिर में तीन दिन बेहोश होने से शिवा में कुछ बदलाव आ जाये ,पर ऐसा नही हुवा, पृथ्वी और ज्वाला के पास ऐसी ताकद आ गई थी जिससे वो किसी भी आदमी के बारे में सोचे तो वो क्या कर रहा है ,क्या सोच रहा है,इसका उसे पता चल जाता था ,सिर्फ वो नरेश और सुनीता की बारे में कुछ पता नही कर पाता, ना उनके मन मे क्या चल रहा है, इस बात का उसे पता चल पाता था, नरेश और सुनीता ने भी ज्वाला और पृथ्वी की तरह चमत्कारी पानी पिया था इस वजह उनकी ताकद नरेश और सुनीता पर नही चलती थी, पृथ्वी को नरेश और सुनीता का सब राज पता था, उसे मालूम था की वो दोनो असल मे विजय और कामिनी है, पृथ्वी ने आज तक कभी विजय के परिवार पर वार नही किया था ,ना कभी आदमी भेजकर धमकाया था, उल्टा मनोज और नीता के आक्सीडेन्ट के बाद उसने ही छोटे विजय को बचाया था, पर पृथ्वी के एक गलती के वजह से विजय भीकु के पास पल रहा था, पृथ्वी को पहले लगा था कि विजय में कुछ ताकद आई होगी पर जब छोटे विजय को 3 दिन बाद अस्पताल में होश आया ,पृथ्वी उसके देख पा रहा था ,उसकी मन की बात सुन पा रहा था वो भी आसानी से ,पृथ्वी को यकीन हो गया कि इस बच्चे में कोई चमत्कारी ताकद नही है ,जब मनोज और नीता का एक्सीडेंट हुवा ,तब वो अनजान दुश्मन विजय को मारना चाहते थे, पृथ्वी को लगा कि इस बच्चे को वो मार देंगे अगर इनके हाथ लग गया तो और उन लोगो को भी यही लग रहा था कि विजय में कुछ चमत्कारी ताकद आयी है और बाद में वो उनके लिए खतरा ना बने इसलिये वो विजय को किसी भी हाल में मार देते ,इस वजह से ही पृथ्वी ने विजय को भीकु के यहाँ पलने दिया था ,पृथ्वी को दो फायदे लग रहे थे इसमे विजय की जान भी बच जाएगी, और पृथ्वी को बाद में लगता कि उसमें कुछ ताकते आ गई है तो वो विजय के लावारिस होने का फायदा उठाकर अपना मकसद पूरा करेगा ।
Bdia update bhai
 
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Update 22
शिवा को जब होश आया तब उसने देखा की वह किसी अस्पताल में है उसके एक हाथ मे सलाइन लगी हुई थी,उसके सर पर भी पट्टी लगी थी ,पूरे बदन में दर्द था ,उसने देखा उसके पाव के पास नरगिस सो रही है ,शिवा यह देखकर अपने जगह से उठने की कोशिश करने लगा , वो उठ नही पाया पर उसके हिलने से उसके बदन से कुछ मशीन वायर से जुड़ी थी, उसमें से आवाज आने लगी, उस आवाज से नरगिस भी उठ गई, और कुछ डॉक्टर और नर्स भी कमरे में आकर शिवा को चेक करने लगें ,उन्होंने कुछ देर शिवा को चेक किया उसको एक इजेक्शन दिया ,फिर नरगिस की तरफ देखकर कहा ,यह ठीक है अब ,बस कुछ दिन लगेंगे जख्म भरने में ,तब तक इनको आराम ही करना होगा,
फिर वो सब बाहर चले गए , नरगिस ने अब शिवा की तरफ देखा ,वो उसे ही देख रहा था ,नरगिस कुछ देर उसकी आँखों मे ही खो गई , जल्द ही शिवा ने बोला ,मैडम ,में यहां पर कैसे ,फाइट का क्या हुवा
नरगिस शिवा के पास आकर बैठ गई, उसने अपने दोनों हाथों मे शिवा का एक हाथ लेकर बोली ,शिवा तुम मेरी बात पहले पूरी सुन लो ,
नरगिस ने शिवा को फिर सब बता दिया कि ,फाइट में क्या हुवा था ,कैसे शिवा ने सांड और कुत्ते को मार दिया और बेहोष हो गया ,उसने शिवा को बोला कि जिस कुत्ते को पिंजरे में छोड़ा था उसको रियाज ने जहर देकर किसी साँप जैसा बनाया था ,जिसको वो कुत्ता काटता वो आदमी ज्यादा देर फाइट नही कर पाता वो आधे घण्टे में ही जहर से मर जाता,यह बात रियाज के ही एक आदमी ने नरगिस को बता दी ,को वो क्या करने वाले है ,और यह फाइट के जो नियम बनाये थे ,उसके खिलाफ था , इसीलिये फाइट रोक दी गई, अगर शिवा को अस्पताल जल्दी नही लाया जाता, तो वो बच नही पाता ,नरगिस ने बताया कि उसके पाव की हड्डी सरक गई है, सर पे और पीठ में टाके लगे है , पूरा बदन जख्मी है और कई जगह मार लगने से सूजन आ गई है उसे ठीक होने में कमसे कम 1 महीना लगने वाला है ,
नरगिस ने यह भी बताया कि वो 3 दिनों से बेहोश था, शिवा बोला, आपका बहुत शुक्रिया आप नही होति ,तो आज में भी जिंदा नही होता ,
नरगिस ,नही ऐसी कोई बात नही मेने आपको बचाके कोई अहसान नही किया है ,मेने तो अपनी ही जिंदगी बचाई है ,
शिवा ,जी मे समझा नही कुछ
नरगिस ,अरे आप यहा पर हमारे साथ आये थे, और कोई आपको धोखा देकर कुछ करता तो , यह हमारी ही लापरवाही होती ना ,औऱ आप को कुछ होता तो, हम खुद को कभी माफ नही कर पाते ,
शिवा ,मेडम जी मे आप से एक बात कहना चाहता हु ,मेने आपको मुकाबले वाले दिन बहुत कुछ बोल गया था ,में आप की माफी चाहता हु ,में बस जोश में कुछ ज्यादा ही बोल गया था
नरगिस ,अरे आप ने कुछ भी गलत नही कहा था ,उस दिन तो आप ने जो कुछ भी बोला था एकदम सही था ,आप को मुझसे माफी माँगने की कोई जरूरत नही है ,आप का तो पूरा हक है मुझपे
शिवा, मेडम जी यह तो आप का बड़प्पन है ,में तो आपके शफ़ी चाचा के इलाज के पैसे लौटने वाला था ,लेकिन अब यहां उल्टा आप को मेरा भी इलाज का खर्चा करना पड़ रहा है ,में आपके पैसे कैसे वापिस करूँगा अब ,मुझे आप थोड़ा वक्त जरूर दीजिये ,में कुछ ना कुछ करके आपके पैसे लौटा दूँगा ,बस आप मुझ पर भरोसा रखें
नरगिस ,शिवा तुम मेरे पैसे लौटा सकते हो जब चाहे तब ,अब तुम करोड़पति हो और वो भी अपने खून पसीने के कमाई से ,
शिवा,में कुछ समझा नही मैडम जी
नरगिस ,आप ने मुकाबले में दो जानवरो को एक साथ मार दिया उसके बदले आपको 4 करोड़ रुपये इनाम में मिल गए है,आप को धोखा देने के लिए मेने रियाज को उसकी सजा दे दी वही पे, आपको धोखा देने के एवज में आपको जो चाहे वो मिल सकता है उस संगठन से जो यहा पर फाइट करता थे ,आपका इलाज का खर्चा भी वही कर रहे है
शिवा कुछ देर सोच रहा था फिर बोला ,आप मेरी कसम खाकर बोलिये की आप जो कह रही है वह सच है और आप पैसे की कोई भी मदद मुझे नही कर रही हो ,
नरगिस ,में आप की कसम खाती हु मेने आपको सच ही बताया है ,आप 4 करोड़ रुपये इनाम में जीते है
शिवा ,मेडम आप एक काम कीजिये मेरे इलाज के पैसे आप मेरे जीते हुवे पैसे से ही करेंगी, मुझे उस संगठन से कुछ नही चाहिये और ,इनाम के पैसे ही बहुत है
शिवा औऱ नरगिस काफी देर तक बात करते रहे ,शिवा ने सनी और विनोद के बारे मे पूछा तो पता चला वो यही है ,रोज दिनभर यही रहते है अस्पताल में और शाम को होटल चले जाते थे,नर्स आकर शिवा को खाना खिलाने लगी तो ,नरगिस ने उसे वहा से भगा दिया ,और अपने हाथ से शिवा को खाना खिलाया ,फिर शिवा को दवा देकर वो बाहर गई
और डॉक्टर के केबिन ने चली गई ,वह पर एक डॉक्टर और 2 नर्स मौजूद थे ,नरगिस ने डॉक्टर से प्यार से कहा कि शिवा के कमरे में कोई भी लेडीज डॉक्टर ,या नर्स नही जायेगी शिवा के सब काम वो खुद करेगी साफ सफाई के लिये वार्डबॉय ही रहेगा ,अगर आज के बाद किसीने मेरा हुकुम तोड़ा और कोई लेडीज शिवा के कमरे में गई तो उसका एक दिन बोशो के साथ रहना पड़ेगा ,नरगिस कितनी खतरनाक है यह सब को पता था ,नर्स बोली मॅडम कोई भी आपका हुकुम नही तोड़ेगा ,पर यह बोशो कौन है
नरगिस ने कहा ,एक काम करना अस्पताल ने जो कमर मुझे दिया है रहने के लिये वहांपर यहां काम करने वाली सब लेडीज स्टाफ को मेरी सब कहि बातें बोलकर लेकर आना
वो दोनो नर्स ने सब लेडीज स्टाफ को नरगिस का हुकूम बताकर, उन सबको नरगिस के कमरे के बाहर ले गई ,नरगिस ने जब देखा अपने कमरे के बाहर सब लेडीज स्टाफ आ गया है,तो वो कमरे का दरवाजा खोलकर बाहर आ गई ,सबकी तरफ देख कर बोली तुम सबको मेने क्या बताया वो समझ तो आ गया होगा ,लेकिन बोशो कौन है यह तूमको मालूम नही होगा , चलो तुम को में बोशो से मिला देती हूं ,नरगिस ने आवाज दी बोशो बाहर आना, जिस कमरे में नरगिस रुकी थी उसमें से 5 फिट लम्बा शेर बाहर आकर नरगिस के पास बैठ गया ,उसको देखकर तो सबके चेहरे डर से सफेद पड़ गये
नरगिस ,सब ध्यान से सुनो यह है बोशो ,कोई भी शोर नही करेगा वरना जो आवाज निकालेगा उसे आज बोशो के पेट मे रहना होगा, अब चुपचाप यहाँ से निकल जावो ,नरगिस के बताने के बाद सब ऐसे भागें ,वहाँसे बिना आवाज करे कि क्या बताये ।
 
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Update 23
विनोद और सनी सुबह शिवा से मिलने अस्पताल पहुँच गये तब शिवा को एक वार्ड बॉय सुबह के नित्यकर्म करवा कर साफसफाई करके चला गया ,विनोद और सनी को देख कर शिवा को भी अच्छा लगा, वो आपस मे काफी देर तक बात करते रहे ,शिवा ने नरगिस ने जो बातें बताई थी उनकी भी सच्चाई उन दोनों से पूछी उन्होंने भी कहा की वह सब सच है,शिवा से वह बात कर रहे थे तभी वहा पर नरगिस आ गयी उसके साथ एक बहुत ही खूबसूरत लड़की थी ,नरगिस ने आकर पहले शिवा से बात की फिर सनी ,विनोद से बाते करती रही ,उस दिन भर वो सब शिवा के कमर में ही रहे ,उसी का साथ खाना खाया ,नरगिस और उसके साथ जो लड़की थी वो शिवा को दिन भर नई नई बाते बताती रहती ,उसे चुटकुले सुनाती, एकदम मजे में दिन निकला था सबका,
15 दिन बीत चुके थे शिवा को अस्पताल में भर्ती होके, उसके जख्म भर चुके थे ,उसको अब पहले से बेहतर महसूस हो रहा था बस उसको चलते नही आता था अभी तक ,उसके एक पाव में प्लास्टर लगा हुवा था ,नरगिस तो शिवा के साथ ही रहती थी,शिवा अब अपने हाथों से खा सकता था लेकिन नरगिस उसको अपने हाथों से ही खिलाती पिलाती थी ,नरगिस का प्यार शिवा के लिए दिन ब दिन और गहरा होता जा रहा था ,शिवा के बिना जिना तो वो अब सोच ही नही सकती थी ,विनोद और सनी भी शिवा का मन लगाकर रखते थे ,विनोद और सनी ,शिवा को पहले से पसन्द करते थे ,लेकिन अस्पताल में वो और ज्यादा एक दुसरे के करीब आ गए थे ,विनोद और सनी को शिवा की साफ दिल ,और सच्चाई बहुत भा गई थी ,सनी तो पहले से शिवा को पसन्द करता ता ,अब विनोद और सनी ने शिवा को अपना छोटा भाई ही मान लिया था ,
शिवा नरगिस के साथ रहने वाली लड़की को दोस्त कहकर ही पुकारता था ,शिवा का उसके साथ भी अच्छा तालमेल बन गया था ,वो विनोद और सनी से ज्यादा बात नही करती थी, विनोद और सनी ने देख लिया था कि वो लड़की नरगिस की बहुत खास है ,और उन दोनों में इतनी हिम्मत नही थी के वो उसके बारे में कुछ पूछ सके ,और शिवा को कुछ पूछते और अगर उसने गलती से नरगिस को कुछ बताया तो दोनो को बहुत महंगा पड़ता , शिवा ने शफ़ी चाचा के परिवार से भी इन दिनों में बात किया करता था , उसने होटल के मैनेजर से भी बात कर ली थी और उन्हें यह भी बताया था कि उसका एक्सीडेंट होने की वजह से अब 15 दिन की देरी से काम पर आ सकता है ,मैनेजर ने कहा कि वो कुछ चिंता न करे पहले अपने सेहत का ध्यान रखे ,वो 1 महीने के देर से भी आया तो भी वो उसे काम पर रखेंगे ,वो मैनेजर को शिवा की कहानी सुनकर उसपर बहुत तरस आता था ,वो तो बस अपने तरफ से पुरी कोशिश करता कि वह शिवा की मदद कर सके ताकि शिवा को एक बेहतर जिंदगी मिले,
नरगिस ने शिवा को 30 नही बल्कि 40 दिन तक अस्पताल में रखा था ,शिवा को अब अस्पताल से निकलके अपनी जिंदगी में लौटना था ,नरगिस ने शिवा का एक बैंक में खाता खोल कर उसके खाते में 4 करोड़ रुपये डाल दिये थे,और उस बैंक का एटीएम ,पासबुक ,चेकबुक, शिवा को दे दिया था उसी वक्त शिवा ने नरगिस ने जो शफ़ी चाचा पर पैसे ख़र्च किये थे वो और विनोद ने जो उसे कपड़े,फोन,दुबई का खर्चा किया था सब पैसे लौटा दिये ,अपने अस्पताल का बिल भी शिवा ने ही भरा ,नरगिस को पता था शिवा कितना खुद्दार है ,वो उसे अब नाराज नही करना चाहती थी, वो तो अब शिवा के साथ जिंदिगी भर रहना चाहती थी
नरगिस ने अस्पताल में शिवा से उसके दिल की हर बात जान ली थी उसे ,उसे पता चला था शिवा अपने दम पे जिंदगी में आगे बढ़ना चाहता है ,शिवा को इजीनियर बनना था और नरगिस उसके आड़ नही आने वाली थी ,शिवा ने उसे शफ़ी चाचा और जीनत के एहसास बताये ,उनके 4 बेटियोके बारे में बताया, नरगिस ने शिवा को बताया कि अगर वह शफ़ी चाचा और उनकी बेटीयो की जिंदगी बनाना चाहता है तो वो उनको अच्छी माहौल में रखे ,ताकि उनकी पहचान अच्छे लोगो से होकर उनकी बेटियों की अच्छी जगह शादी हो सके ,अगर वो सब पढ़ लिख कर अच्छे जगह पर काम करे तो उनकी जिंदगी बेहतर ही बनेंगी
और अगर शिवा को चाहें तो उन सबको रहने के लिये जगह भी मिल सकती है विनोद के फ्लैट वाली बिल्डिंग में ,जहा पर शिवा और शफ़ी चाचा का परिवार आराम से रह सकता है ,और शिव के पास इतने पैसे थे कि वह उनके घर का किराया आराम से भर सकता है ,नरगिस की बाते शिवा को भी सही लगी ,उसने भी मुंबई जाकर वह सब ऐसा ही करेगा यह बताया ,नरगिस ने यह भी बताया की वह विनोद जहा रहता था उसी बिल्डिंग में रहती है ,और अक्सर वही रहती है अपने काम के सिलसिले में ,
विनोद और सनी भी नरगिस की शिवा से हो रही बाते सुन रहे थे कहना गलत था ,उनको उसकी बातों में छुपा मतलब भी समझ रहा था कि उनको एक क्या करना है ,कैसे विनोद ,शिवा, और शफ़ी चाचा की फॅमिली को साथ मे रखना है ,जहा पर अब नरगिस भी रहने वाली थी,
नरगिस ने शिव से उसका कार्ड लेकर अस्पताल का बिल भर दिया ,और उसको वो अस्पताल का बिल भी लाकर दिया,बाद में वो उन तीनों को एयरपोर्ट पर छोड़ने आई,
नरगिस ने शिवा से कुछ देर तक बात की , फिर विनोद और सनी से कहा,शिवा का ख्याल रखना ,शिवा के लिये जल्दी ही फ्लैट ढूंढे ,शफ़ी चाचा का अभी इतना बड़ा ऑपरेशन हुवा है ,उन्हें अब आराम की जरुरत है, सनी तुम भी विनोद के घर पास ही फ्लैट ले लो ,एक दूसरे का साथ मुश्किल वक्त में काम आता है ,फिर तीनो अपने मुंबई को जाने वाले प्लेन में बैठ गए,तीनो को जाते हुवे देखकर नरगिस बी एक और बढ़ गई ,
शिवा का सीट थोड़ा अलग था एक तरफ और विनोद सनी का दूसरी, शिवा को ठीक से बिठाकर वो अपने सीट पर आ गये,
विनोद ,सनी समझ गया ना सब नरगिस का मतलब
सनी , हा भाई अब में तुम्हारी बिल्डिंग में रहने वाला हु
विनोद, शिवा के लिये नरगिस एकदम सही है ,शिवा को वो अपनी जान से ज्यादा पसंद करने लगी है ,
सनी ,भाई मुझे भी प्यार हो गया है, में भी शादी करना वाला हु अब जल्द ,
विनोद ,किसके साथ वो नरगिस की दोस्त अस्पताल वाली ना
सनी ,एकदम सही पहचाना मेरे दोस्त और देख मेरा नसीब में उसके ,में अब उसके आसपास ही रहने वाला हु, मूझे बताया था उसने की वह हमेशा नरगिस के साथ ही रहने वाली है अब ,
विनोद ,सनी बस नरगिस से बच के रहना तुम्हे तो पता है अगर उसे मालूम गिरा तो तेरे साथ मे भी नही बच पाऊंगा
सनी, भाई दुबई में हम डरकर रहे ,अब हम शेर बनकर रहने वाले है ,लेकिन एक बात समझ नही आई उसने शिवा को हमारे साथ अकेले कैसे जाने दिया ,उसको तो चैन नही आता था ना,
विनोद ,सनी वो अपने खुदके दो बड़े हवाई जहाज लेकर हमसे पहले पोहचने वाली है ,उसके साथ सब सामन भी है,उसके जानवर ,खास गार्ड भी ।
 
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Update 24
शिवा ,विनोद और सनी मुम्बई एयरपोर्ट उतरकर एक दूसरे को जल्द मिलने का वादा देकर अपने अपने घर की तरफ चले गए ,शिवा को नरगिस ने बहुत सुंदर कपड़े खरीद के दिये थे ,साथ मे 5 एप्पल के नये फोन ,और उन सब फोन में सिमकार्ड शिवा ने एयरपोर्ट से बस्ती में जाते वक्त रास्ते मे एक दुकान से डाल दिये थे ,
जब टैक्सी लेकर वह शफ़ी चाचा के घर के पास पहुँचा तो सब लोग घर के बाहर ही बैठे थे, शिवा को देख कर सब के चेहरे पर खुशी आ गई थी ,शफ़ी चाचा और जीनत के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया फिर 4 लड़कियों से मिला ,सब लोक घर मे दाखिल हो गए शिवा ने सबको उसने लाये कपड़े दे दिए सबके लिये तीन तीन ड्रेस लाये थे उसने ,फिर 4 लड़कियों को नये मोबाईल औऱ 1 मोबाईल जीनत चाची को दिया ,सनम ने नया फोन लेने से मना किया उसने कहा वो पहले जो फ़ोन उसे दिया था वह वही रखेगी ,पर शिवा नही माना उसने सनम को नया फोन लेंने को ही लगाया और जो फ़ोन सनम के पास था वो शफ़ी चाचा को दे दिया ,शिवा ने सबको बस्ती छोड़कर उसके बॉस के बिल्डिंग में फ्लैट लेकर किराए पर रहने जाने के बारे में भी बताया, जीनत और शफ़ी पहले से शिवा की अहसानो की वजह से दब गए थे, बचपन मे बस उसे दो वक्त का खाना देने वाले शफ़ी चाचा के परिवार की हर परेशानी दूर कर रहा था वो ,कोई अपना सगा भी नही करता इतना कर दिया था उसने अभीतक , शिवा ने उन दोनों को 4 लड़कियों की शादी और बेहतर भविष्य के लिए उन्हें मना लिया था ,रात को वह उनके यह खाना खाकर अपने घर जाकर सो गया ,
नरगिस शिवा के पहले मुंबई पोहच चुकी थी ,उसने सबसे पहले अपने कुछ गार्ड को शिवा के सुरक्षा की 24 घण्टे की डयूटी लगा दी और उन्हें यह भी बता दिया कि उन्हें यह काम करते हुवे शिवा के नजर में नही आना है
नरगिस के पास जब सनी और विनोद पोहच गए तो वह पर अस्पताल वाली लड़की मौजूद थी ,उसे देखकर सनी बहुत खुश हो गया ,सबसे पहले उन्होंने शिवा को कॉलेज और होटल दोनो जगह आसानी से और जल्दी पोहच सके ऐसे जगह पर घर देखना शुरू कर दिया ,2 दिन में उनको वैसी ही बिल्डिंग मिल गई , और नरगिस ने वहा के लोगो को उनके घरों की दुगनी कीमत दी और जो नही मान रहे थे उनको नरगिस ने प्यार से समजाया ,अब नरगिस के प्यार से समझना तो आप को पता ही है ,सब मान गए, फिर नरगिस ने उस बिल्डिंग को अपने हिसाब से सेट कर दिया सबसे नीचे पार्किंग और जिम उसके बाद अपने यहाँ पर काम करने वाले गार्ड के फ्लैट ,उसके बाद घर मे काम करने वाले को फ्लैट ,उसके बाद विनोद और सनी के फ्लैट ,फिर शिवा और उसकी फैमिली के लिए फ्लैट और सबसे ऊपर नरगिस ख़ुद रहने वाली थी
विनोद ने शिवा को मिल कर बता दिया था कि 15 दिन में उसको फ़्लैट मिल जाएगा ,शिवा ने भी मुम्बई आने के बाद होटल में जाकर काम करना चालू कर दिया था वो सुबह 9 बजे जाकर रात के 9 बजे ही घर आता था 10 दिन तक वह इसी टाइम पर काम पे आता था बाद में उसे दोपहर 4 से रात 12 बजे का टाइम काम पर आने को कहा गया था ,शिवा को कम पर ज्यादा देर रखने की वजह यह थी के इस होटल के मालिक की भतीजी ने कुछ होटल में आधुनिक तकनीकी बदलाव करने को कहा था 10 दिन यही चल रहा था होटल में और सबको इन 10 दिनों में डबल काम करना पड़ा था ,अब कुछ दिन मालिक की भतीजी यही रहने वाली थी ,
शिवा के दुबई से आने के दूसरे दिन सनम ने शिवा को अपने प्यार के बारे में पूछा, जो वो आने के बाद बोलने वाला था तब शिवा ने सनम को अपने साथ दुबई में क्या हुवा था ,वो वहां किस लिये गया था यह सब बता दिया ,उसने नरगिस के बारे में भी सब बता दिया , की कैसे उसने उसकी मदत की ,उसके लिये अपने सगे भाई को मार दिया ,अस्पताल में कैसे उसका खयाल रखती ,
शिवा ,सनम मेने नरगिस के आँखों मे मेरे लिये बेपनाह मोहबत देखी है ,उसको लगता है कि मुझे उसके प्यार के बारे में नही पता ,लेकिन में इतना भी पागल नही के जिस आखो में मेरे लिये प्यार हो उन्हें में ना पहचान सकू ,मेने आज तक बचपन से अपने लिये नफरत और दया ही देखी है लोगो की आखों में मेरे लिये प्यार बहुत कम लोगो मे देखा है मेने जैसे तुम्हारे मा बाप और तुम खुद भी तो करती हो ,
नरगिस के सामने में कुछ भी नही हु ,वो एक राजकुमारी है तो में एक भिकारी, में उस बिचारी की जिंदगी बर्बाद नही कर सकता ,वो जिस ऐशोआराम की जिंदगी जीती है , वैसी में उसे कभी नही दे पाऊंगा , उसके नसीब में कोई राजकुमार है में नही ,और बात करते है अब तुम्हारी ,तो तुम्हारे मा बाप ने उस वक्त मुझे पाला ,तब कोई भी मेरा अपना नही था, मुझे प्यार दिया, दो वक्त का खाना दिया ,ख़ुद कभी भूखे रहे पर मुझे कभी उन्होंने भूका नही रखा ,तुम खुद कई बार भुकी रही पर मुझे खाना मील सके ,तो सोचो क्या में ऐसे लोगो के अरमान तोड़ कर तुमसे शादी करूँगा जो मेरे लिये भगवान से बढ़कर हो , नही सनम में तो बस एक अभागा ही हु , जिस ने मुझे बचपन से जवानी तक प्यार दिया हो यानी तुम ,या जिसने मुजे मौत से बचाकर किसी माँ की तरह मेरी सेवा की ,अपने हाथों से खाना खिलाती, अपने आँचल से मेरा मुँह पोहचने वाली ,मेरे दर्द में अपने आंसू बहाने वाली नरगिस ,तुम दोनों से बहुत प्यार करता हु, लेकिन में तुम्हारे दोनो के प्यार को नही अपना सकता ,सनम में तुम्हे तो यह बात बोल सकता हु ,तुम मेरी बात मानकर मेरे प्यार को भुला दोगी ,पर नरगिस को मेरे प्यार के बारे में मालूम गिरा की में भी उसे प्यार करता हु पर अपनाने से डरता हूँ तो वो मेरे लिये पूरी दुनिया को आग लगा देगी पर मेरे साथ ही रहेगी वो मरना कबूल करेगी पर मुझे नही भूलेगी
सनम अगर तुम्हें लगता है की में तुम्हारे मा बाप को रुसवा कर के तुम्हारे प्यार को अपना लू तो में तुम्हारी बात को नही टाल सकता पर में कभी अपने आप को माफ नही कर पाऊंगा ,बाकी फैसला तुम जो भी करोगी ,में तुम्हारे साथ हु,
यह सब बातें शिवा के घर मे ही हूवी थी, जब वो होटल में सुबह काम के लिये निकल रहा था तभी हुवी थी ,
शिवा सनम को अपना फैसला सुनाकर काम पे चला गया ,सनम शिवा के घर मे ही बैठी रो रही थी ,वो तो अपने गम में पूरी दुनिया भूल गई थी, कबसे उसका फ़ोन बज रहा था ,आखिर उसने उसका लगातार बजने वाले फोन को उठाया कोई नया ही नंबर था
हेलो ,कौन बात कर रहा है ,सनम ने पूछा
में ,आपकी एक हमसाया ही हु ,सामने से कोई लड़की बोली
मेरी हमसाया में समझी नही ,सनम
आप एक काम करिए ,पहले अपने घर पर जाकर बोल दो की तुम तुम्हारी सहेली के घर जा रही हो ,आपके घर के बाहर आप को लेने अभि एक गाड़ी खड़ी है ,जो आपको मेरे पास लेकर आ जायेगी ,सामने वाली लड़की ,
लेकिन ना में तुम्हे जानती हूं ,ना तुम्हारा नाम कैसे तुम्हारे पास आ जाऊं ,पहले से परेशान हु आप मुझ और परेशान ना करो ,समन बोली
में ही आपका हमसाया हु कहा ना,आपकी परेशानी का हल भी में ही कर सकती हूं ,मेरा नाम नरगिस है सनम ,
सनम फोन पर नरगिस बात कर रही है यह जानकर रोने लगी
सनम रोना बन्द करो,मेने सब बाते सुन ली थी तुम्हारी और शिवा की ,तुम रोना बन्द करो और मेरे पास चली आना गाड़ी में बैठके ,में यही मुम्बई में ही हु ,हम दोनो का प्यार दुनिया की कोई ताकत हमसे दूर नही कर सकेगी ,यह मेरा वादा है तुमसे बहन ,सनम को नरगिस की बातों से एक सहारा मिल गया था ,सनम ने अपने आप को मुह धोकर फ्रेश किया फिर अपने घर जाकर अपने सहेलि के घर जाने का बोल कर नरगिस के पास चली गई ,शिवा ने सनम को एक बार फोन करके देखा था , की वह ठीक है या नही ,सनम ने भी शिवा से बात करके उसे बता दिया था कि वह ठीक है ,और जो शिवा बोलेगा वही करेगी ,शिवा को भी सनम की बाते सुनकर उसकी समझदारी अच्छी लगी ,
जीनत ने शिवा को बोला था कि जब से वो शिवा से चुदी है उसके बदन की गर्मी बढ़ गईं है ,और नए घर जाने से पहले वो अपनी गांड भी शिवा से मरवाना चाहती थी,और उसकी सील खुलवाना चाहती है ताकि बाद में जब वो शिवा से चुदे तो अपनी गांड भी मरवा सके ,अगर शिवा ने उसके गांड की सील नए घर मे खोली ,तो वो जरूर चीख सकती है ,और किसी को भी एक ही घर मे होने की वजह यह आवाज गई तो उनका भांडा फुट सकता है ,जीनत रोज शिवा को बोलती जल्दी कुछ करो में अब इस बदन की गर्मी नही झेल सकती ,कहि होटल में रूम लेलो में एक दिन काम का बहाना बना दूंगी , शिवा जिस होटल में काम करता था वहा पर उसकी ड्यूटी दोपहर 4 से रात 12 का हो गया ,होटल के मैनेजर ने शिवा से कहा कि अगर रात में कभी ज्यादा देर हो जाये या ज्यादा थक जावो तो होटल के सबसे ऊपर के 3 कमरे हमेशा खाली ही रहते है ,होटल के मालिक कभी पार्टी में ज्यादा लेट हो गए तो वही आराम करते है ,सिर्फ मुझे ही वहां पर रहने की इजाजत है अब तुम भी वहां पर रात में रुक सकते हो ,लेकिन जिस भी कमरे रुको तो अंदर से बन्द करना ,ताकि अगर मालिक कभी आ गए रात में अचानक यहाँ ,तो तुम्हारे कमरे में ना घुसे ,तीनो कमरो साउंड प्रूफ है ,वहाँ पर अंदर क्या होता हैं औऱ बाहर क्या होता हैं पता ही चलता ,
शिवा को रूम तो मिल गया था जीनत की गांड मारने, पर होगा कुछ उल्टा ही ।
 
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Update 25
शिवा ने जीनत को बता दिया की उसने एक रूम का इंतजाम कर दिया है ,रात 12 बजे से सुबह तक रूम उसके पास ही रहता है ,जीनत को यह सुनके बहुत खुशी हुवी ,उसने घर पर बता दिया की वो जिनके घर मे खाना बनाने का काम करती है आज रात उनके घर पर एक पार्टी है तो उसे वहा पर खाना बनाना के लिए जाना पड़ेगा ,वह लोग बुरे वक्त में हमेशा हमारी मदद कर दिया करते थे ,इसलिये में उनके ना नही बोल पाई ,
जीनत शाम को 5 बजे ही घर से निकल गई और उसके एक सहेली के घर रात का खाना खाकर उसने शिवा को फोन करके पूछा की वह कब पहुंचे होटल में ,शिवा ने देखा कि 9 बज गए है और मैनेजर घर चले गये है तो उसने जीनत को बोला कि वो होटल में आकर उसे फोन करें, जीनत 15 मिनिट में होटेल पहुँच गई ,और शिवा को फोन करके अपने पास बुला लिया ,शिवा जीनत को लेके लिफ़्ट से सबसे ऊपर वाली मंजिल पर आ गया , वहा पर तीन कमरे थे तीनो कमरे खुले ही थे, शिवा जीनत को लेके एक कमरे में आ गया ,कमरा एकदम शानदार था ,जीनत ने भी अमीर लोगो के घरो मे ऐसे कमरे देखे थे ,अब वो इस कमरे की मालकिन थी जहां पर वो जो चाहे कर सकती है , किंग साइज बेड ,उसके पास सुन्दर सा ड्रेसिंग टेबल ,उस टेबल पर एक से बढ़कर एक सुगन्धि तेल ,शम्पू ,रखें थे , कमरे से लगकर एक आलीशान बाथरूम था ,जिसमे एक बाथटब था, जीनत बोली शिवा मेरा तो कमरा देखकर ही मुड़ बन गया है 12 बजे तक मे इंतजार नही कर सकती ,कुछ करो ना शिवा
चाची मेने मेरा सब काम 9 बजे ही ख़त्म कर दिया था बस मुझको 12 बजे एक बार जाकर वहां चेक करके ,ऑफिस बन्द करना है ,अभी 2 घण्टे है हमारे पास अब आप देखलो क्या करना है , यह बोलकर शिवा ने उस कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया,
शिवा जाकर बेड पर बैठ गया ,जीनत शिवा को देखते हुए अपने कपड़े उतारने लगी ,जीनत बस एक पतली सी ब्रा पैंटी में खड़ी थी वो शिवा से बोली ,पहले तुम मेरे पूरे बदन को अपने बदन से तेल लगाकर मेरी आगे और पीछे से मालिश करो ,पहले मेरी चुत मारो फिर तेल लगाकर मेरी गांड की सील खोल दो आज ,उसके बाद में बाथटब में गरमपानी से अपनी चुत और गांड की सिकाई करके अपनी गांड फिर तुमसे रातभर मरवाना चाहतीं हु ,तुमको आज जो जो में बोलू वैसाही करना ,में अपने सब सपने आज पूरे करना चाहती हो तुम्हारे साथ , उस दिन में तुम्हारे इस लंड का पानी नही पी पाई थी लेकिन आज में इस चखना चाहती हु, जीनत की बाते और उसके नंगे बदन को देखके शिवा के लंड ने भी अपने आकार को बढ़ाना शुरू किया था,शिवा ने जीनत की बाते मानकर अपने सब कपड़े निकल दिये ,और पूरा नंगा होकर उसने जीनत को बेड पर उठकर लाया ,एक तेल की बोतल लेकर उसने अपने और जीनत के बदन पर अच्छे से लगा लिया ,दोनो अब पुरे मादरजाद नंगे हो गए थे ,शिवा जीनत का बेड पास खड़ी करके उसकी पीठ को अपनी छाती से लगाये घिस रहा थे ,उसके दोनों हाथों में जीनत की बड़ी सी चुचिया थी जिसे वो तेल लगाके इस तरह से मसल रहा था मानो वो इनमे से आज दूध ही निकलाने वाल हो ,और उसका तेल से सने हुए लन्ड को जीनत के गांड के बडे से पट को फैलाकर ,उसके छेद को जो उसने पहले ही अपनी अंगलियो से तेल डालकर चिकना किया था ,उससे और उसकी चुत से घिस रहा था ,जीनत को अपने पूरे बदन पर आज करंट दौड़ रहा है ऐसा ही लगा रहा था ,वो कितने दिनों से भरी पड़ी थी ,शिवा के इस हमलों से वो कुछ मिनटों में ही अपनी चुत से पानी छोड़ती हुवी अपने आप को हल्का महसूस कर रही थी ,शिवा ने अब ,जीनत को बेड पर सुलाकर उसके ऊपर आ गया उसने जीनत की टांगो को अपने दोनों हातो से पकड़ के ,अपने कंधों पर रखा,और अपने लंड को उसकी चुत में डालने के लिये उसके छेद पर लंड को लगाके अंदर डालने की कोशिश करने लगा पर तेल की चिकनाहट से वो बार बार उसकी चुत से फिसल रहा था ,जीनत को एक ही बार तो चोदा था उसने वो कोई बहुत बड़ा खिलाड़ी तो नही था चुदाई का ,जीनत को यह बात पता थी उसने अपने हाथों से उसने उस लंड को पकड़ कर शिवा को धक्का देने का इशारा किया ,शिवाने भी एक तगड़ा झटका दिया तो उसके लंड ने जीनत के चुत को भेदते हुवे अंदर 7 इंच तक दस्तक दे दी ,जीनत तो दूसरी बार ही ऐसे लंड से चुद रही थी ,उसके मुह से एक दर्द भरी चीख निकल ही गई इस प्रहार की, शिवाने उतने ही लंड से जीनत को चोदना शुरू किया धीरे धरे उसने अपनी स्पीड बढ़ाना शुरू किया ,जीनत इस जवान मर्द के तगडे धक्के अपनी चुत में लेकर ,उसके लंड से चुत के अंदर हर नसों का फूलाना मजा दे रही थी जीनत के मुह से तो चुत में पड़ने वाला हर धक्का एक कामुक सीत्कार निकाल रहा था, शिवा ने जीनत के चुत के आख़री हिस्से तक पोहच कर जीनत को कस कस के चोद रहा था ,शिवा का लंड जीनत की चुत की पूरी गहराई माप चुका था पर उसका लंड दो इंच बाहर ही था , शिवा पूरी कोशिश कर रहा था जड़ तक लंड घुसाने की, पर जीनत की चुत की औकात नही थी इस 12 इंच लंड को पूरा निगलने की,पिछली बार भी उसका लंड जीनत के चुत में झड़ते वक्त बढ़ा था तो वो अन्दर जगह नही होनेसे 2 इंच बाहर निकला था ,जीनत को चोदते वक्त शिवाने अपनी एक हाथ की उंगली जीनत की गांड के छेद में घुमाते हुवे उस के चिकने छेद में घुसाकर अंदर बाहर करना शुरु किया था ,जीनत को इस दोहरी मार की वजह से फिर एक बार झड गई थी ,शिवा को ऐसा लग रहा था मानो जीनत चाची चुत उसके लन्ड को अपने चूत में लेकर निचोड़ रही हो ,उनकी चुत का वो पानी छोड़ते वक्त अपने लंड को पकड़ कर खुलना बन्द होना अलग् ही अहसास दे रहा था ,वो भी अपने लंड के धक्कों को रोककर कुछ देर तक उनकी चुत का मजा ले रहा था ,जीनत अपने झडने के बाद शिवा को कुछ पल किस करती रही और फिर पेशाब करने बाथरूम गई ,शिवा अभी झड नही था पर उसको पता था यह दो बार आज झड़ी है और पूरी रात है अपने पास झड़ने के लिए ,
जीनत को बाथरुम के फ्रिज में एक महंगी वाइन की बोतल मिली ,जीनत कभी कभी वाइन पीती थी ,लेकिन सिर्फ एक आध ग्लास ही उसे पता था वाइन से नशा नही होता है ज्यादा, पर एक सुरूर दिमाग को थोड़ा ठंडा जरूर करता है ,
जीनत ने उस बोतल को खोलकर कुछ घुट पिये और शिवा के गोद मे बैठ गई ,वो शिवा को भी अपने मुह में वाइन लेके शिवा को किस करते हुवे पिला रही थी ,शिवा पहले वाइन पीने को तैयार नही हो रहा था पर जीनत के कहने पर पहली बार वाइन पिया था ,जीनत और शिवा ने आधी बोतल वाइन एक दूसरे को पिलाते हुवे खाली कर दी ,ज्यादा वाइन तो जीनत ने ही पी थी ,शिवा ने अब जीनत को घोड़ी बनाकर उसकी चुत और गांड के छेद को चाटा, जीनत ने उस वक्त थोड़ी वाइन डाल दी अपने चूत और गांड पे ,और शिवा को भी बड़ा मजा आया था उस चुत और गांड की अंदर से वाइन चुसने में ,जीनत की गांड के छेद को चाटकर उसे अच्छे से अपनी उंगलियों में तेल लगाकर अंदर तक शिवा ने चिकना कर दिया था,जीनत अब घोड़ी बनकर अपनी गांड के छेद में मूसल लेने वाली थी उसको पता था आज उसकी गांड फटने वाली है और उसको तकलीफ भी होगी ,इसलिए उसे वहाँ वाइन मिलने पर ,अपने आप को ताक़द देने उसने वाइन पी थी, शिवा को उसने बोल दिया था कि उसे गांड मारते वक्त तकलीफ होगी ही ,वो कितना भी रोये चिल्लाए ,लेकिन जबतक शिवा पूरा लंड गांड में नही डालता तब तक रुकना नही और उसके गांड में ही उसने शिवा को अपना माल खाली करने को लगा दिया था,
शिवाने पहले जीनत जो उसके सामने बेड पर घोड़ी बनी हुवी थी उसके गांड के छेद पर अपना मूसल भिड़ा दिया, पहले उसने जीनत की बड़ी गांड को दोनो हाथोंसे पकड़ कर फैलाने लगा और अपने लंड को जो उसने तेल लगाकर चिकना बनाया था उसके गांड के छेद में ताकद से दबाने लगा ,जीनत की गांड बहुत ही नरम थी और उस गांड के छेद का छल्ला भी ,शिवा को वो 4 इंच का टोपा इस बिचारे गांड के छेद को फैला रहा था,उस छेद में तो बस 1 ऊँगली को ही अपने अंदर लिया था अब् वो उससे 4 गुना बडे इस लंड को क्या बोले , शिवा ने देखा प्यार से कुछ नही होगा उसने अपने लंड से एक ऐसा जोरदार धक्का मारा की उसके लंड ने जीनत की गांण्ड के छेद को फाड़ता अंदर घुस गया ,जीनत ने ऐसी चीख निकली मानो किसी ने उसको मार ही डाला हो
भड़वे ,ये क्या किया तूने मेरे साथ ,क्या डाल दिया मेरी गांण्ड में ,लन्ड डालने को बोला था मेने ,निकाल बाहर इसे ,बहनचोद,मेरी गांण्ड से देख खून निकल रहा है ,
शिवा को जीनत की पहली बाते याद थी ,उसने फिर जीनत को कसके पकडा और के दो ही धक्कों में दस इंच तक लंड घुसा दिया ,जीनत बेड पर गिर गई थी इस हमलों से ,जिसके वजह से शिवा को उसकी गांण्ड मारने में आसानी होने वाली थी ,जीनत के गांण्ड में दर्द इतना ज्यादा हो रहा था कि वो बेहोश हो गईं जोरसे चिल्लाते हुवे ,शिवा तो इस बात से अनजान 10 मिनिट तक गांण्ड की जबरदस्त ठुकाई कर रहा था, उसने जीनत की गांण्ड को मार मार कर अपने लंड के लिए जगह बना ली थी, जीनत के मुहसे कुछ आवाज न आने से शिवा ने देखा कि वह तो बेहोश है उसने पास पड़ी ठंडी वाइन के बोतल से थोड़ी वाइन उसके मुह पर मारी लेकिन जीनत बेहोश ही रही ,मजबूरी में उसने अपना लंड निकाल लिया और ग्लास में पानी लेकर आया ,उसने पानी मारने से पहले फिर अपने मूसल को जीनत की गांण्ड में उतार दिया और 5 मिनिट तक चोदने के बाद उसने जीनत के मुह पर पानी मार कर उसे होश में लाया ,जीनत को होश में आते ही अपने गांण्ड के दर्द का खयाल आया जो शिवा अब उसकी गांण्ड में लंबे लम्बे धकको से उसे महसूस और ज्यादा हो रहा था , शिवा अब रोती जीनत की चुत में उंगलिया घुमाने लग और चुचिया भी दबाने लगा ,कब रो रही जीनत अपनी गांण्ड हिलहिला के उसको लंड से मजे लेने लगी ये ना शिवा को पता चला ना खुद जीनत को ,जीनत के मुह से निकल रही सिसकियों से शिवा ने अब अपनी चोदने की स्पीड बढा दी ,जीनत की गांड बहोत ही टाइट थी इतनी टाइट और नरम गांण्ड की गर्मी से शिवा जीनत की गांण्ड में ही झड गया ,जीनत की घायल गांण्ड को इस गर्म बूंदे सुख ही दे रही थी ,शिवा जीनत के ऊपर पसर कर कुछ देर अपनी सास को दुरस्त करने लगा ,जीनत ने शिवा को कुछ देर बाद बोला कि उसे बाथरूम में लेकर चले ,शिवा ने भी जीनत को बाथरुम मे जाकर पहले कमोड पे बिठाया और बाथटब में गर्म पानी भर दिया ,फिर जीनत को बाथटब में लिटा दिया और खुद पेशाब करके भी हाथ पांव धोकर कपड़े पहनने लगा ,जीनत को बाथटब में गर्म पानी से बहुत सुकून मिल रहा था ,उसने शिवा से वाइन की बोतल मंगवाई और उस वाइन के मजे लेते हुवे नहाने लगी ,
शिवा, चाची 11 बज रहे है में थोड़ी देर आफिस जाके आता हूं
जीनत ,तूने मुझे क्या नाम से पुकारा ,भूल गया मेरी बात
शिवा,माफ करना भूल हो गई जीनत ,
चलो माफ कर दिया ,पर एक सजा है तुम्हारी ,जीनत बोली ,
जब तुम वापिस रात को वापिस आ जाओगे तब तुम सिर्फ मेरी गांड नही चुत भी मारोगे ,जीनत
जैसी तुम्हारी मर्जी जीनत ,में जा रहा हु जाते वक्त में दरवाजा लगा दूँगा आने पर में बेल बजा दूँगा तब तुम दरवाजा खोल देना ,शिवा बोला
शिवा नीचे अपने ऑफिस में चला गया ,जहा पर उसने सब कुछ सही है या नही एक बार चेक किया ,फिर हमेशा की तरह सब लॉक कर के वो चाबी रखने मैनेजर के केबिन में रखने गया ,
शिवा जब नीचे आफिस में आया तब ऊपर के मालिकों के कमरों में 2 औरते और एक आदमी चले गए , वह पर उन्होंने देखा एक कमरा बन्द है और 2 खुले तो एक अकेली औरत कमरे में गई और दूसरे में वो बची हुवी जोड़ी
उस औरत ने कमरे में जाते ही आदमी के पैंट उतार कर उसके लंड को लेकर चुसने लगी ,और अपने कपड़े भी उतारने लगी ,
आज मुझे तुम पटक पटक कर मेरी गांण्ड और चुत चोदना, 1 हप्ता हो गया है तुमने मुझे चोदा नही है, आज मेने इतनी शराब इसलिये पी ताकी तुम मझे आज छोड़कर ना जा सको
तभी उस आदमी का फोन बजा,
बोलो क्या बात है ,तुम्हे पक्का यकीन है ,ठीक है में आता हूं दस मिनिट में ,और उसने फोन रख दिया
उसने उस औरत से कहा,तुम नहा कर मेरा इंतजार करो में अभी गया और 1 घण्टे में जाकर आया ,आज में रातभर तुम्हारे पास ही रहुँगा
औरत ,आज तुम नही आये तो में किसी दूसरे से चुद जाऊंगी
आदमी हस कर ठीक है जान में तुम्हे नाराज नही करूँगा, और वह चला गया
शिवा मैनेजर के केबिन से निकल कर ऊपर की और आ गया
उसने देखा तीनो कमरे बन्द है अब क्या करे ,उसे ठीक से याद नही आ रहा था वो कौनसे कमरे में रुके थे ,इसलिये उसने सोचा सबके कमरे की बेल बजाकर ही देखना पड़ने वाला है उसे ।
 
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Update 26
शिवा ने सबसे पहले उसी कमरे की बेल बजाई ,जिस पर उसे सबसे ज्यादा सन्देह था कि यह वही कमरा है जहाँ पर जीनत हो सकती है ,उसने 2 से 3 बार बेल बजाई और थोड़ी राह देखने लगा ,थोड़ी देर में दरवाजा खुला और उसके ओठो को किसीने पकड़ कर चुमना शुरू कर दिया,कमरे में पूरा अंधेरा था ,बस वो उस औरत के नंगे शरीर को महसूस कर सकता था ,उस औरत के शरीर पर एक भी कपड़ा नही था और उसके मुह से शराब की महक आ रही थी ,बहुत ही ज्यादा गर्म हो गई थी वो औरत जिस तरह से शिवा को किसी जंगली की तरह वो चुम रही थी और उसके कपड़े को नोच रही थी यह पता चल रहा था ,शिवा को अब यही जीनत है इस बात पर पूरा यकीन हो गया था वरना दूसरी कोई औरत होती तो थोड़ी ऐसा कर सकती है की नंगे बदन वो दरवाजा खोलकर सामने वालो को चूमने लगे ,यह जीनत चाची है ,लगता है शराब ज्यादा हो गई उनको ,शिवा ने दरवाजा बंद कर दिया और वो भी उस औरत को जीनत चाची समझ कर चूमने में साथ देने लगा ,दोनो अब पूरे नंगे हो गए तो ,कमरे में बिल्कुल अंधेरा कर के रखा हुवा था ,जिसकी वजह शिवा को समझ नही आरही थी ,उसे पकड़कर वो औरत बेड पर ले गई और शिवा के लंड को पकड़ कर सहलाने लगी ,और उसने गप्प से उसके लंड को अपने मुह में भर के चूसना शुरु कर दिया ,शिवा की तो मारे खुशी की अपनी आँखें ही बन्द हो गई थी जीनत ने पहला भी उसका लंड चूसा था पर आज जिस तरह वो उसको इतना अंदर तक लेकर चूस रही थी और अपनी जीभ की कलाकारी उसके सुपाड़े पर घुमा रही थी इसका कोई जवाब ही नही था ,किसी लॉलीपॉप की तरह वो उसके लंड को चूस रही थी ,पाँच मिनिट तक वो उसके लंड को चूस्ति रही फिर वो बेड पर 69 पोज में आकर शिवा के लंड के मजे लेने लगी और अपनी चुत शिवा मुह दबाने लगी, शिवा भी समझ गया क्या करना है उसको वो अब उस बड़ी गांड को पकड़ कर अपनी जीभ डालकर जीनत चाची समझ कर उसके चुत के पानी को चाटने लगा ,शिवा ने पहले भी जीनत की चुत और गांण्ड को चाटा था लेकिन अभी उस उनकी चुत से और ज्यादा नशीली महक आ रही थी,उनकी चुत से टपकता पानी तो और ज्यादा नमकीन और गाढ़ा लग रहा था ,शिवा को उसका टेस्ट बहुत पसंद आ गया था ,वो अब उस पानी को किसी कुते की तरह अपनी जीभ चुत में घुसाकर और पीने की कोशिश कर रहा था ,और वो चुत भी शिवा की प्यास समझ गई थी मानो वो भी अपने नल खोल के पानी छोड़ रही थी,
शराब के नशे उस औरत जब शिवा के लंड को चूस रही थी उसके बदन में मानो उस लंड ने आग को और भड़का दीया था ,उसे लंड का स्वाद आज और ज्यादा पसंद आ रहा था ,लंड आज चूसते वक़्त कुछ ज्यादा ही लंम्बा और मोटा लगने लगा था उसको ,उसके मुह को ज्यादा ही बड़ा करके चुसना पड़ रहा था ,अपने मन मे वो सोच रही थी उसे शराब इतनी ज्यादा नही पीनी चाहिए, जो उसके दिमाग को इतना खराब कर देती है ,पर अपने शरीर की गर्मी की वजह से वो खुद का बचाने के पिछले 10 साल से रात को बहुत ज्यादा शराब पीती थी ,ताकि वो रात को वो सो सके ,जब उसका पति उसके पास हो तो वो उसकी आग को बुझा देता पर ना होने के बाद उसके बदन में जो आग उठती उसके लिये उसे मजबूरन शराब का नशा करना ही पड़ता था ,आज तो 7 दिन से ज्यादा वक्त हो गया था उसके पति ने उसे चोदा नही था, आज जब रात को जब उसका पति उसे चोदने की बजाय काम का बहाना करके गया तब उसने नाराज होकर फिर शराब पीना शुरू की ,और कमरे में पूरा अंधेरा करके रो रही थी पर जैसे कमरे की बेल बजी उसकी नारजगी अपने पति से दूर हो गई उसने दौड़ लगाकर दरवाजा खोलकर अपने पति को चूमती हुवी बेड पर लायी थी ,
आज उसका पति किसी दीवाने की तरह उसके चुत और गांड के छेद को चाट रहा था ,उसकी लम्बी जुबान आज कुछ ज्यादा ही अंदर घुस रही थी ,उसने आज दो बार पानी छोड़ा था जो उसके पति ने चाट कर साफ किया और अपने लंड से भी उसने आज गाढ़ी मलाई उसको एक बार खिलाई थी ,उसने मलाई की एक बूंद नही छोड़ी पूरा चूसकर लंड को साफ करके तब तक चुस्ती रही और जब तक वो फिर से खड़ा ना हो जाये ,
आज शिवा को लंड का पानी जीनत चाची को पिलाकर बहुत मजा आया था ,जिस तरह उसने आज शिवा के लंड को अपने मुह में लेकर चूसा था शिवा ने सोच लिया कि वो अब जीनत चाची से जब मौका मिलेगा लंड जरूर चूसवाएगा, आज जब उसने दो बार चुत का पानी पिया था औऱ गांण्ड के छेद को चूसा था उसका दिमाग काम करना ही बन्द हो गया था ,उसके बदन में आग गई थी जो उसके लंड से बुझानी पड़ने वाली है ऐसा उसका लग रहा था ,उसका लन्ड को जब जीनत फिर चूस के खड़ा कर दिया तब उसने जीनत को पकड़ के अपने नीचे ले लिया ,और अपने खड़े लंड को उसने उसकी गर्मागर्म चुत में उतार दिया ,वो चुत तो मानो उसके लन्ड को अपने अंदर लेकर और ज्यादा गर्म हो गई ,शिवा ने उसको पकड़ कर किसी तूफान की तरह आज चोदना शुरू कर दिया था ,जब उसका लंड चुत में घुस था तब वो क्या कर रहा है उसे समझ ही नही आ रहा था ,उसका दिमाग किसी अलग ही दुनिया मे चला गया था ,कब उसके पूरे लंड को वो चुत निगल गईं पता ही नही चला उस 12 इंच के बडे 4 इंच के लंड ने पहली बार किसी सुरूंग ने मापा था ,वो सरपट उसमे दौड़ लगा रहा था ,वो लन्ड मानो उस चुत को अपना गुलाम बनाने में लगा हुवा था ,
उस औरत को आज जिस तरह उसका पति भोग रहा था ,अपने लंड से रौंद रहा था ,और उसका लंड आज जो गहराई में जाकर उसको सुख पहुचा रहा था उससे वो औरत तो मानी बावली हो गई थी ,वो कभी उसको ओठ चुस्ती तो कभी उसकी जीभ को चुस्ती ,अपनी छातिया उसके हाथों से दबवाती वो अपने ऊपर चढ़े अपने इस नर को अपने बदन के हर हिस्से का भोग लगा रही थी ,वो नर भी अपनी छाप उसके चुत के साथ उसकी गांड को खोल कर उनकी नई गहराई कहा तक है बता रहा था ,दोनो रात भर बिना थके लगे रहे ,आज उन दोनों की प्यास बुझने के बजाय और बढ रही थी ,शिवा ने आज जीनत चाची समज कर जिसको भोगा था उसके चुत ,गांण्ड मुह में कितनी बार उसने अपना माल निकाला था उसका पता ही नही चल पा रहा था ,सुबह होने पर भी वो रूके नही थे ,शिवा उसको सुलाकर उसकी पीठपर सोकर उसे अपने नीचे लेके उसकी गांड मार रहा था वो भी अपनी गांण्ड हिला हिला कर उसके लंड का स्वागत कर रही थी उसकी गांण्ड के नरमाई और गरमाई के साथ वो उसके अंदर के कसावट से खुश होकर उसकी गांण्ड में अपनी रस की बरसात करने लगा ,उसके गांण्ड का छेद भी थरथर काँपकर उस बरसात का पानी पी रहा था
शिवा ने लन्ड का पानी का आखिरी बून्द खाली होने के बाद ही अपन लन्ड उस प्यारी गांण्ड से निकाला ,शिवा तो आज से उस गांण्ड का गुलाम हो गया था ,उसने प्यार से उस गांण्ड को चूमा और बाथरूम में अपने कपड़े लेकर फ्रेश होने चला गया ,तभी उनके रूम की बेल बजी तो वो औरत ने अपने कपड़े पहनकर दरवाजा खोला सामने एक औरत थी ,
दीदी आप अभी तक उठी नहि थी ,सुबह के सात बज गए है,
पूजा भी आ गई है
क्या ,कहा है मेरी बेटी ,3 महीने से गायब थी लंदन में ,उसे आज दिखाती हु में ,
अभी वो मेरे कमरे में है ,सुबह ही आयी थी वो होटल में भैया कहा है ,दिख नही रहे
अरे वो नहाने गए है,तुझे तो पता है पूजा और उसके बड़े पापा की हरकतें ,दोनो को सब मालूम होता है एक दूसरे का चल में आती हु तेरे साथ ,यह भी नहाकर वही आ जाएंगे ,तब तक उसकी जरा खिंचाई की जाये ,
शिवा जब नहा रहा था तब ,जीनत अपने कमरे में नहा धोके तयार थी ,रात को शिवा ने उसकी गांण्ड के हाल ही बुरे कर दिए थे,उसकी गांण्ड का छेद पूरा सूज गया था ,जीनत की आँख सुबह ही खुल गई थी , उसने अपने आप को बाथटब में नंगा पाया उसकी आंख उसके गांड के छेद हो रहे दर्द के कारण खुली थी तब सुबह के 6 बज गये थे ,उसको लगा शायद शिवा रात को उसके ऑफिस में हो सो गया होगा क्योंकि वो खुद नशे में यहा बाथटब में सोती रही ,शिवा ने जरूर रात में आके दरवाजा की बेल बजाकर उसे उठाने की कोशिश की होगी ,लेकिन वो तो नशे में सोती रही कुछ सुन ना पाई होगी ,वो अपने रूम में धिरे धीरे चलने की कोशिश कर रही थी ,ताकि घर पर ज्यादा कुछ पता ना चले, शिवा की राह देखते आधे घण्टे उसने चलने की एक्सरसाइज करके अपनी चाल को ठीक कर रही थी ,शिवा के मूसल ने उसके गांण्ड के छेद को जो फाड़ा था उसकी चाल ही बदल गई थी ,
वो अब परेशान होकर होटल में शिवा को ढूंढने चली गई ,शिवा का फोन तो रात में रूम में ही रह गया था, वो जीनत ने जब सुबह शिवा को फ़ोन किया तब उसकी रिगटोन से वह जीनत को मिला था, वो होटल के लॉबी में खड़ी होकर शिवा को देख रही थी कहा है पर उसे वो कहि नही दिखा ,तो वो कुछ सोचकर वहां से अपने घर टैक्सी में चली गई,
शिवा जब नहा कर बाहर आया तो वहा पर कोई नही था जीनत को रूम में ना देख कर वो परेशान हो गया ,यह कहा चली गई ,वो उसे ढूंढने पहले रूम के बाहर आया ,वहा पर कोई नही था ,उसने नीचे लिफ्ट से जाकर भी देखा तो उसे जीनत नही मिली ,उसने वही होटल से अपने मोबाइल पर फोन किया ,फोन किसी ने उठाया पर सामने से कोई बोला नही
शिवा ,हेलो में शिवा बोल रहा हु
सामने, अरे में जीनत बोल रही हु,पहले इसलिये बात नही की पता नही किसका फोन हो ,अगर घर से किसी का होता तो जवाब देना मुश्किल होता मुझे,क्योंकि अभी मेरे फोंन से बात हूवी थी घर पे तो मैने बताया की में अकेली ही टैक्सी से घर आ रही हु
शिवा,चलो अच्छी बात है ,आप ठीक है ,में तो आप रूम में ना होनेसे डर गया था ,अब आपकी आवाज सुनके अच्छा लगा
जीनत ,मेरी तो हालत खराब कर दी तुमने ,में घर पर आराम करने वाली हु कुछ दिन अब
शिवा ,ठीक है ,में आता हूं आपसे मिलने घर तब तक आप मेरा फोन बन्द ही रखना ,
शिवा को याद आया कि उसका पर्स उस रूम में ही रह गया है वो उसे लेने वापिस ऊपर उस कमर की औऱ चल दिया
जब वो ऊपर पहुचा तो उसके सामने एकदम खूबसूरत औरत दिख गई ,उसके पास एक बैग था और वह एक नाइटी में हो थी ,उसने उसके अंदर कुछ नही पहना था ,उसके बदन के हर हिस्सा उसमे दिख रहा था ,शिवा का लन्ड तो उसको देख कर ही खड़ा हो गया था बड़े आम सी चुचिया, मटके सी गांण्ड ,खूबसूरत चेहरा ,शिवा को लगा जाकर उसके लाल लाल होठो को चूसकर इस यही पर चोद डाले, उसकी आंखें में एक अलग ही नशा उसे ऊसकी और खींच रहा था ,वो औरत भी कुछ देर शिवको देखती रही ,फिर एक कमरे में घुस गई ,
शिवा कुछ देर बात होश में आया उसने अपने सर को झटका और अपना पर्स लेकर होटल से बाहर आ गया ,
वो औरत जब कमरे में गई तो वह उस बैग से अपने कपड़े और टॉवल लेकर बाथरम में घुस गई
यह क्या हो गया मुझे आजकल ,उस लड़के को देख कर ऐसा लग रहा था मानो अपने कपड़े उतार कर उसके नीचे लेट जाऊ, ऐसा क्या था उसमें की में उसकी ओर अपने आप को खींचता पा रही थी, कल जिस तरह उन्होंने मुझे चोदा था, सुबह तक तो में कितना सन्तुष्ट थी ,लेकिन फिर से यह कैसी आग भड़क गई मेरे अंदर ,
तभी उसके कानों में एक आवाज आई
सुनीता दीदी आप जल्दी तैयार हो जाइये हमे निचे जाना है,नरेश भैया और पूजा नीचे ही कुछ चेक करने गए है, हम उनके साथ ही नास्ता करगें ,
शिवा ने कल सुनीता को ही चोदा था गलती से ,सुनीता को होटल में जब उसने देखा तबसे उसके लंड ने परेशान कर दिया था ,उसके साथ कभी ऐसा नही हुवा था ,उसकी गर्मी कुछ ज्यादा ही बढ़ी थी उसे ऐसा लग रहा था की जाकर किसी की चुत या गांण्ड को बुरी तरह से चोदा जाएं ,सुनिता की चुत के पानी पीकर उसके शरीर मे, और उसके लंड ने जो चुत का पानी सोखा था उसके कुछ फायदे शिवा को होने वाले थे पर कुछ नुकसान भी होने वाला था
शिवा अपने लंड से परेशान अपने घर मे आकर बैठ गया ,उसका दिमाग ही काम नही कर रहा था ,कब वो उसके कमरे में घुसा उसे पता ही नही चला था ,शिवा ने अपने सब कपड़े उतार कर नंगा हो गया और अपने लंड को मसलने लगा ,तभी उसके बाथरूम का दरवाजा खुला और कोई अपने बदन के पानी को पोछता बाहर आया ,वो सिर्फ़ अपनी एक पैंटी में थी अपने चुचिया पर पानी को वो साफ कर रही थी उसके बाल गीले थे और उसका पानी नीचे टपक रहा था
36 30 38 की वो जालिम फिगर वाली हसीना का ध्यान ही नही था की शिवा कमरे में बिस्तर पे नंगा ही अपने लंड को मसलता उसे अपनी लाल आंखों से देख रहा है ,और उसके हुस्न का मजा ले रहा है
शिवा अपनी जगह से उठा और उस हसीना की और जाने लगा ,शिवा की पाव की चलने की आवाज से वह लड़की डर के मारे पलट गई ,उसने देखा कि सामने शिवा नंगा खड़ा है और अपने हाथ मे अपने लन्ड को पकड उसे मसल कर उसकी और ही देख रहा है ,शिवा के हाथ मे उसका वो बड़ा सा लंड देखकर तो उसकी गांण्ड ही फट गई थी
तुम,,, तुम, अंदर कैसे आ गए ,मेने तो अंदर से दरवाजा लगा लिया था ,और तुमने कपड़े क्यो उतार दिये है अपने, देखों शिवा मुझे बहुत डर लग रहा है
नीलो डरो मत मेरी जान ,कब तक अपनी चुत में मेरे नाम की उंगली करती रहोगी , ये देखो आज से तुम्हारा नया खिलोना ,यह कहकर शिवाने उसे अपना लंड दिखाया
नीलो मेरी जान तुम इसे प्यार करो ,यह तुमको मलाई पिलायेगा ,तुम्हारी इस लालपरी और पीछे की सोनपरी को अपने ऊपर लेकर लम्बे लम्बे झूले खिलाऊंगा, हर साल तूमको एक नया राजकुमार या राजकुमारी तोहफे में देगा ,
अगर मुझे पाना है ,मेरी बेग़म बनना है तो मुझे ख़ुश रखना होगा
नीलो शिवा की बाते सुनकर ढंग थी ,जो कभी मुहसे एक लफ्ज नही निकलता था वो शिवा आज क्या क्या बात कर रहा है,शिवा को पता कैसे चला कि में उसके नाम से अपनी चुत में उंगली करती हूं, उसे कैसा पता में उससे प्यार करती हूं ,उसके साथ जिंदगी बिताना चाहती हु ,उसके बच्चों की माँ बनना चाहती हु , लेकिन यह अंदर आया कैसे ,
शिवा ,नीलो अगर सोचती रहोगी तो फैसला कब करोगी ,
नीलो ने गर्दन नीचे कर ली ,उसके गाल शर्म से लाल हो गए थे ,
नीलो क्या बोलती शिवा को आवो और चोदो मुझे, वह तो पहले अपनी हालत ,सामने नंगा शिवा ,ऊपर से शिवा की बाते , नीलोफर एक पढ़ी लिखी ,बहुत ही खूबसूरत 22 साल की लडक़ी थी, गोरा बदन ,सुंदर चेहरा ,काले बाल, 36 30 38 की उसकी फिगर ,किसी को भी दीवाना कर देती थी ,उसके पीछे कितने ही लड़के पागल थे पर वो तो बचपन से शिवा की दीवानी थी ,
शिवा बोला, नीलो मेरी एक बात याद रखना ,जैसा तुम मुझसे प्यार करती हो ,वैसाही प्यार या शायद उससे ज्यादा करने वाले कुछ और हे मेरी जिंदगी में ,और में भी उनसे बहुत प्यार करता हु ,वो भी जिंदगी भर मेरे साथ ही रहनेवाले है, में तुमको कभी धोका नही दूँगा ,अगर सिर्फ अपनी जिस्म की प्यास ही बुझानी है तो भी में तैयार हूं, सोचना तुम्हें है ,
मेरे साथ जिंदगी गुजारनी है ,तो कभी भी तुम मेरी जिंदगी में आंने वाली औरतोसे प्यार से रहना होगा ,अगर तुम्हें सब मंजूर नही हो तो , तुम किसी दूसरे के साथ अपनी जिंदगी गुजार सकती हो
शिवा की बातों से नीलो की आँखों मे आँसू थे ,लेकिन वो गुस्सा भी थी ,उसने शिवा की गर्दन ही पकड़ ली
साले मुझे पूरी नंगी देख लिया ,तेरा लन्ड भी मुझे दिखा दिया और बोलता है कि दूसरे के साथ जिंदगी गुजारु , तेरा लन्ड ही काट के तेरी गांण्ड में घुसा दूंगी अगर मुझे छोड़ने की बात की तो ,मुझे पता है सनम तुझसे कितना प्यार करती है ,लेकिन एक बात याद रख ,तू किसे भी चोद पर जो सनम और मुझे पसन्द होगी वही हम तीनों के साथ रहेगी ,
इतना बोलकर वो शिवा की गोद मे किसी बन्दर की तरह चढ़ कर ,उसको किसी जंगली बिल्ली की तरह नोचने लगी ,वो उसके ओठ को मानो जन्मों से प्यासी ऐसी चूस रही थी,अपनी कड़क चुचिया शिवा की मजबूत छाती से घिस रही थी ,अपनी चुत को शिवा के लंड पर अपनी पैंटी के ऊपर से ही घिस कर रगड़ रही थी ,शिवा भी उसका साथ दे रहा था ,थोड़ी ही देर में वो शिवा को पकड़ के बुरी तरह झड गई ,कुछ देर वो शिवा को पकड़ के उसकी गोद मे लटकी रही फिर ,शिवा के गोद से उतर कर वैसे ही अपने फोन के पास गई और किसीका नंबर घुमाकर सामने वाले ने फोन उठाने के बाद बोली ,
सनम आपी ,में मेरी सहेली गुल के घर जा रही हु ,उसका एक पाव फ्रैक्चर हो गया है ,और उसके घर पे कोई भी नही है, में उसके अम्मी अब्बू आने तक रुकने वाली हु ,वो 2 दिन में ही आने वाले है,आपको अगर लगे तो शिवा को भेजकर सब पूछताछ कर लेना कि में सच बोल रही हु या झूठ ,
नीलो ने फोन रख दिया ,
शिवा की तरफ देखकर नीलो बोली ,शिवा सब तुम पर है अब ,मेरी लालपरी और सोनपरी को तुम कितना घायल करोगे अपने घोड़े से ,जितनी जल्दी में ठीक हो जाऊंगी तब ही गुल के घर से वापिस आ सकूंगी ना, अब इस घरमे कोई और आ नही पाए इसकी जिम्मेदारी अब तुम्हारी ,जितने झूले तुमको मुझे झुलाने है इसी घर मे झूला लो ,आज से यह नीलो तुम को अपना सबकुछ सौपने को तैयार है ।
 

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