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Update 86
राजगुरुं बाली महल के सामने खुली जगह पर खड़ी होकर अपना मन काल के साथ संभोग करने का बना चुकी थी ,उसमे शरम तो उसे बहुत आ रही थी ,पर काल से कही उसकी बातें कदापि योग्य नही थी ,काल ने जिस आसनी ने से उसे माफ किया था वो काल के महानता का सबूत था ,और वैसे भी काल के सिंहार बन जाने से वह सभी सिहलोक की हज़ारों शेरनियां को पतीं बनकर उन सबके साथ संभोग करने का हक रखता था ,अपने पति से चुदने में किस बात का संकोच रखना ,राजगुरुं बाली के साथ सभी शेरनियां कवारी थी सिर्फ महारानी उमा ही अपने पति सिम्बा से संभोग कर चुकी थी ,पर महारानी उमा को भी सिम्बा का साथ एक दिन का ही मिला था जिसका नतीजा दो राजकुमारियां थी ,सिम्बा को राक्षसो के राजा भुजंग ने धोके से मार दिया था ,सिम्बा जब अपने सिहलोक से अपने तपस्या के लिये बैठा था तभी भुजंग ने उसे मार दिया था ,भुजंग को अपना सबसे बड़ा शत्रु और खतरा सिम्बा से ही था ,भुजंग ने अपने इस महाबलवान शत्रु को मारकर अपने रास्ते का बहुत बड़ा खतरा मिटा दिया था ,भुजंग जानता था की सिम्बा उसे आसानी से मार सकता है ,और अगर सिम्बा सिंहार बन जाता तो उसकी ताकद के सामने अभी राक्षस पल भर नहीं टिक पाते ,भुजंग के हिसाब से सिम्बा ही सिंहार बन सकता था इसी वजह से उसने सिम्बा को मारा था ,सिम्बा के मरने से भुजंग को यकीन था कि अब किसी और में इतना दम नही है कि वो सिंहार बन सके ,पर उसकी सोच काल ने गलत साबित कर दी थी ,जिस बात का पता उसे बहुत जल्द चलने वाला था ,सिम्बा के साथ भुजंग ने उसके सभी पत्नियों को भी मार दिया था जो सिम्बा के साथ तपस्या कर रही थी ,महारानी उमा ही सिम्बा के साथ न जाने से बच गई थी ,जितनी भी शेरनियां सिहलोक में बची थी वो सभी सिम्बा की ही सन्तान थी जो उसने सभी पत्नियों से पैदा की थी महारानी उमा की शादी से पहले ,महारानी उमा भी एक दिव्य शेरनी थी जिसके विवाह से वो पहली महारानी बनी थी ,सिम्बा का विवाह उमा से स्वर्ग लोक में हुवा था,उमा का जन्म नही हुवा था उसे किसी खास वजह से त्रिशक्ति ने निर्माण किया था ,जिसके वजह से उसे सिहलोक की महारानी बना दिया था सब सिहलोक की शेरनियो ने मिलकर ,सिम्बा से पैदा हुवीं दो राजकुमारीयो को एक विशेष सेवा में त्रिशक्ति ने धरतींपर रखा था ,जिसका पता सब सिहलोक था ,
काल ने सबसे कहा कि ,में आप सबकी बात से सहमत हूं पर में पहले आप सभी के साथ विवाह करने के बाद ही राजगुरु बाली के वादे को पूरा करने में हा करूँगा ,काल की यह बात सबने मान ली ,काल ने सभी शेरनियों के साथ नरसिंह भगवान के मन्दिर में शादी कर ली ,उसने नागदन्ती और दमी नमी से भी उसी मन्दिर में शादी कर ली ,सिंहार बनने के बाद काल मे बहुत सी शक्तिया आ गई थी ,काल अपने जैसे कई रूप अब ले सकता था जिसके लिये उसे आत्मभंजन करने की भी जरूरी नही थी ,उसके हर रूप में एकसमान ताकद और शक्तिया थी काल अपने किसी भी अंश जैसे हजारो रूप बना सकता था ,काल ने इसी शक्ति से अपने हजारो सिंह मानव के रूप बनाकर सब शेरनियों से शादी कर ली जिसमें दोनो राजकुमारीयो के साथ ,महारानी उमा और राजगुरुं बाली भी शामिल थी ,सबको अपनी पत्नी का दर्जा देकर काल के साथ उसकी सभी शेरनियां महल के सामने आ गई ,काल का सिहमानव रूप उन सभी शेरनियों से विशाल था ,उसकी लम्बाई सिहमानव के रूप में 250 फिट थी काल के सामने सभी शेरनियां के मानव रूप बहुत छोटे दिख रहे थे ,काल ने सिंहार की शक्ति से अपनी लम्बाई और शरीर का आकार कम करने की कोशिश की जिसमे वो बस 90 फिट तक ही खुद को छोटा कर पाया था ,जो उन सभी शेरनियों के सामने बड़ा ही लग रहा था ,काल को अपने लंड के आकार का ही डर लग रहा था उसका लन्ड उसके शरीर के आकार में छोटा तो हुवा था पर उसकी मोटाई कम नही हुवीं थी ,उसका लन्ड दोनो राजकुमारी जो 75 फिट की थी वही ले नही पाएगी ऐसा उसे लग रहा था ,राजगुरुं तो बस 65 फिट की थी और महारानी उमा 70 फिट ,बाकी सभी शेरनियां 60 फिट की ही लंबी थी,काल को लग रहा था कि उसके साथ चुदने से सभी शेरनियां मर ना जाये ,
काल ने महल के बाहर अपनी माया से मैदान के बीचोबीच एक सुहाग की सेज सजा दी जो काल और बाली के हिसाब से लंबी चौड़ी और मजबूत थी ,उस सुहाग सेज की जैसे ही हजारो सेज सजादी थी जिसपर बाकी शेरनियां ,नागदन्ती के हजार रुप ,नमी ,दमी बैठ सके ,काल ने यह बहुत सोचसमझ के किया था ,वो राजगुरुं बाली के साथ सबके सामने संभोग भी करने वाला था वादे के मुताबिक और उन दोनों का संभोग देखकर गर्म होती सभी लड़कियों को भी संभोग सुख देकर उनको भी शांत कर सके ,
बाली सुहाग के सेजपर बैठी काल का इंतजार कर रही थी ,काल ने अपने कदम बाली के तरफ बढ़ाकर उसे पलँग के पास पहुच गया ,काल अपने मन मे इस सिहलोक ने दो बार मुझे नंगा किया है परीक्षा में नागदन्ती के सापो नऔर भेड़िये ने मिलकर आज इसका बदला में सबको नंगा करके चुकाऊंगा ,काल ने अपने एक हाथ आगे बढ़ाकर बाली के हाथ को पकड़ लिया और उसे पलँग से नीचे उतार दिया ,काल ने बाली के सभी कपड़े एक पल में उतार कर उसे नंगी कर दिया ,बाली शर्म से सबके सामने नंगी होंने से मरी जा रही थी ,काल का लन्ड बाली की मदमस्त जवानी से भड़क रहा था ,काल ने अपने भी कपड़े उतार कर खुद को नंगा कर दिया ,काल के नंगे होते ही सब शेरनियों के साथ नागदन्ती के सभी रुप ,नमी ,दमी की गांड़ फट गई काल के भीमकाय लन्ड के दर्शन से ही सबकी सांस गले मे ही अटक गई ,महारानी उमा भी काल के लंड से डर गई थीं उसके पति सिम्बा से काल का लन्ड दुगना बड़ा और मोटा था ,काल के 10फिट बड़े और 6 फिट मोटे लंड को बाली के सिवा सबने देखा लिया था ,काल ने आगे बढ़कर बाली के गांड़ को दोनो पंजो से पकड़कर उसे अपनी गोद मे उठा लिया ,बाली डर के मारे काल के गले मे बाहें ड़ालकर अपनी दोनो टाँगे उसकी कमर में जकड़ कर बैठ गई ,उसे अपनी गांड पर बहुत गर्म और विशाल चीज का आभास हो रहा था ,बाली काल से ऊंचाई में 30 फिट कम होकर भी उसके दोनो गांड़ की मटकीया काल के बड़े से पंजो में नही समा रही थी ,काल ऐसी मदमस्त गांण्ड को मसलता बाली के गलाबी होठो को चुसने लगा और नीचे से अपने विशाल लन्ड को बाली की गांण्ड की खाई में रगड़ने लगा ,अपने सामने इतने कामुक दृश्य को देखकर सबकी चुत की भड़क उठीं थी ,काल जिस तरह से बाली के गांड़ में अपने लंड को घिस रहा था तो सबको ऐसा लग रहा था कि काश बाली की जगह वो होती ,जैसे काल और बाली का होठो को चूसना बढ़ रहा था सबकी सब की हरकते बढने लगी थी ,कोई अपनी चुत को मसलने लगा था तो कोई अपने एक हाथ से अपनी चुचिया दबा रहा था ,सब इतनी काम वासना में जलने लगी थी कि अगर उनका बस चलता तो वो बाली को काल की बाहो से अलग करके खुद नंगी होकर उसके बाहो में लटक जाए ,काल भी ऐसे ही वक्क्त के इंतजार में था ,उसने अपने हजारो रूप अपने शरीर से बनाकर हर एक के पास भेज दिए ,सब काल की इस हरकत से बहुत खुश हो गए ,सबसे पहले सिंहाली उसके बाहो में समाकर उसके बाहो में कपड़े निकालकर नंगी होकर लटक गई ,उसने काल के कानों में सरगोशी भरे आवाज में कहा ,आप कैसे करेंगे यह मुझे पता नही पर में आपके असली रूप से ही संभोग करूंगी ,काल ने हसकर कहा मेने राजगुरुं बाली के पास मेरा प्रतिरूप ही भेजा है ,मुझे तुम्हारे मन की बात शादी के वक्त ही समझ गई थी ,में तुम्हे और मिहाली को अपने असली रूप से ही भोगूँगा, देखो मिहाली सो रही है मेरी माया से ,
सिंहाली ,क्यो मेरी माँ तो तुम्हे बहुत पसंद थी उन्हें नही भोगना चाहोगे अपने असली रूप से ,
काल ,महारानी उमा क्या कर रही है तुम एक बार देखो तो सही ,फिर बोलो
सिंहाली ने देखा तो उसकी माँ भी मिहाली की तरह अपने पलँग पर सो गयी थी ,सिंहाली ने काल को होठो को प्यार से चूम लिया ,एक वादा करो काल तुम मुझे या मेरी बहन को अपने असली रूप में ही हमेशा संभोग करोगे ,
काल ,में तुम दोनो बहनो को नही बल्कि तुम्हारी माँ को भी अपने असली रूप से चोदूँगा ,
सिंहाली काल के ओठो को अपने दांतों से काटती हुवीं बोलने लगी ,लगता है मेरी माँ कुछ ज्यादा ही पसन्द आ गयी है तुम्हे ,काल सिंहाली की मदमस्त गांण्ड को दबाता बोला ,पूरे सिहलोक में तुम तीनो मा बेटीयो की गांड़ ही मेरे लंड को झेल सकती हो बाकी सब की चुत में ले सकी तो ही बहुत है ,
सिंहाली,तुम हमारे सिहलोक की शेरनियों को कम समझ रहे हो काल ,सब तुम्हारे लन्ड को अपने चुत और लंड के दोनो छेद में आराम से सकती है ,तुम अपने असली रूप से ही सबको चोदना ,एक बार उनका कौमार्य भंग होने दो उनका आकार और शक्तिया दोनो बढ़ जाएगी ,जैसा उनके पति का लन्ड होगा उतनी बड़ी उनकी चुत और गांड़ का छेद हो जायगा,यही सिहलोक के शेरनियों की खास बात है , तुमको यकीन नही हैं ना राजगुरुं बाली की गांड़ जब तक तुम अपने असली रूप से उन्हें नही चोदोगे उनको कुछ फर्क नही पड़ने वाला ,हा तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है पर अपने असली रूप में आकर जब तक तुम हम सबको नही चोद लेते किसी भी शेरनी को तुम ठंडा नहीं कर सकते ,इतना कहकर सिंहाली खुद अपने एक हाथ को नीचे करती अपनी गीली चुत पर काल के लन्ड को लगाकर तेजीसे नीचे बैठ गयी ,उसके मुह से एक भयानक चीख निकल गई उस लंड को एक ही झटके में अपने अंदर लेने से ,जिस वजह से सबका ध्यान उन दोनो पर चला गया,सिंहाली के चुत से खून की धार निकलने लगी ,उसका पूरा बदन पसीने से गिला हो गया था ,उसके शरीर का आकार तेजीसे बढ़ने लगा ,जहा पहले काल के 90 फिट के शरीर पर 75 फिट की सिंहाली लटक रही थी ,वो 225 फिट की हो गई थी ,वो अब अपने दोनो पैरों के ऊपर खड़ी थी और काल उसकी चुत में लंड होने से उसकी चुत के नीचे लन्ड के सहारे लटक रहा था ,काल का लंड उसकी चुत से फिसलकर निकल गया था ,काल का लंड उसके चुत के सामने कुछ भी नही था ,अपने सामने सिंहाली के इस विशाल रूप को देखकर काल मन मे ,बहनचोद साला इतनी बड़ी बेइज्जती ,अब सबकी गांण्ड फटे या चुत ,इनको अपने असली रूप में आकर ही चोदना होगा ,इस सिंहाली को अब दिखता हु मेरे लन्ड की ताकद ,काल ने अपना आकर वास्तविक रूप में कर लिया ,सिंहाली काल की तरफ देखकर उसे चिढ़ाने वाली हँसी में देख रही थी ,मानो वो कह रही थी ,देखा मेरी बात न मानने का नतीजा ,काल ने लपक के सिंहाली को उठाकर अपने विशाल लन्ड पर उठाकर बिठा दिया ,और उसकी गांड़ को पकड़ता एक प्रचंड धक्के के साथ उसकी चुत में अपना लन्ड जड़ तक गाड़ दिया सिंहाली के मुख से इस बार भी पहले की तरह चीख निकल गई ,उसकी चुत की पूरी गहराई नापता काल का लन्ड उसके बच्चेदानी में घुस गया था ,सिंहाली की चुत अब पूरी तरह फट चुकी थी ,काल के बाकी रूपो ने भी अपना आकर बढ़ा लिया था ,हर एक शेरनी को नंगी करते उनकी चुत में जड़ तक काल के प्रतिरूप लंड घुसा रहे थे ,पूरे वातावरण में शेरनियों की दर्दनाक चीखे गूंज रही थी,काल ने गुस्से से नागदन्ती के 1000 रुप के साथ वाले अपने महानाग के वास्तविक रूप में आकर चोद दिया था जो सिंहार कि ताकद मिलने से पहले से 100 गुना बड़ा और महाकाय बन गया था ,नमी और दमी को भी काल ने अपने अश्वमानव के सिंहार की ताकद मिलने से विशाल रूप से चोदा था ,उन सबने सिंहलोक में शादी करने से और यहीं सुहागरात मनाने से उन पर सिहलोक का शेरनियों की तरह प्रभाव पड़ गया था ,नागदन्ती के सभी 1000 रूप अपना कौमार्य भंग होने से विशाल हो गए थे नागदन्ती जो पहले बस 100 फिट की थी महानाग के 500 फिट वाले लन्ड से चुदने से वो 450 फिट की बन गयी थी उसके सभी रूप को आकार 450 फिट का हो गया था ,उसी तरह नमी और दमी दोनो भी 300 फिट अश्वमानव काल से चुद कर 290 फिट की हो गई थी ,सभी शेरनियां अपने कौमार्यभंग से 200 फिट की तो बाली 210 फिट की हो गई थी ,काल और उसके सभी रूप अब जमकर सबकी चुदाई में लग गए थे ,सिंहाली के चुत को काल ने हर पोझ में चोद लिया था ,काल सिंहाली को समयमनी में लेकर 24 घन्टो में दोनो तरफ से उसके छेद खोल चुका था सिंहाली कि गांण्ड का छेद खुलने से उसकी ऊंचाई फिर बढ़ गई थी वो अब 240 फिट तक बढ़ गई थी ,काल ने 10 बार उसकी चुत और गांड़ को अपने रस से भर दिया था ,सिंहाली को समयमनी से महल में अपने कमरे में छोड़कर काल मिहाली और महारानी उमा को भी समयमनी में 24 घण्टे चोद चुका था ,मिहाली का शरीर भी सिंहाली की तरह हो गया था ,महारानी उमा दोनो तरफ से अपने छेद में काल के लन्ड को लेकर अपना 230 फिट की हो गई थी ,काल 6 साल तक सिहलोक मे रहा दोनो राजकुमारीयो ने 6 साल में चार चार लड़कों को काल से गर्भवती होकर पैदा किया,महारानी उमा ने भी 4 लड़के पैदा किये थे ,राजगुरुं बाली ने 2 लड़के और 2 लड़कियां पैदा कर ली थी ,बाकी सभी शेरनियां ने भी बाली की तरह 2 लड़के और 2 लड़कियों को जन्म दिया था ,जहा पहले सिहलोक में बस 50 हजार शेरनियां थी वहां अब1 लाख सिंह लड़के और 1 लाख सिंह लडकिया हो गई थी ,काल ने अपने 10 हजार प्रतिरूप सिहलोक में छोड़ दिये थे ,सिहलोक में अपनी सन्तानो के ऊपर ध्यान देने और उन्हें बाप का प्यार देने के लिये ,नागदन्ती के 1000 रूपो ने भी महानाग और उसकी दिव्य शक्ति से बनी 1000 नई लडको और लड़कियों को पैदा किया थे ,जिनमे नागदन्ती की तरह ना मरने की और मारा तो दुगने होने की शक्ति के साथ महानाग की तरह ताकद और शक्ति थी ,काल ने उन सभी सन्तानो को 100 नागदन्ती के रूप और 100 महानाग के प्रतिरूप के साथ सिहलोक मे ही रहने को कह दिया ,नमी और दमी ने भी 3 ,3 लड़कों को पैदा किया था ,काल ने नमी और दमी को बच्चों के साथ अपने दो अश्वप्रति रूप के साथ मे रहने को कह दिया था ,सिंहाली और मिहाली अपने बच्चों को अपनी माँ उमा के पास छोड़ दिया ,
काल जब सिहलोक से निकलने लगा तो राजगुरुं बाली ने कहा ,आप से एक बहुत जरूरी बात कहनी है ,आप सिंहार की शक्ति का प्रयोग धरती पर जब कोई बहुत बड़ा संकट हो तभी करे ,सिंहार को आप अपना एक गुप्त हथियार की तरह ही रखे ,आप सिंहार को धरती पर अपने अंदर से निकाल कर प्रकट करने से उसके बारे में पूरी दुनिया को उसकी ताकद का आभास एक पल में हो जाएगा ,आप सिंहार की सभी शक्तियो का इस्तेमाल उसे अपने अंदर ही रखकर कर सकते है ,
काल ने बाली की बात सुनकर अपने सभी अंशो को अपने पास बुलाया और उन्हें अपने अंदर समा लिया जिसमें काल2 भी था महानाग ,कालभेड़िया ,शिवाय ,काल अश्व ,कालसुर सब काल के अंदर कुछ देर रहकर बाहर आ गए सबकी शक्तिया शक्तिया एक दुसरे के साथ मिल गई थी ,काल के हर अंश में अब सिंहार की सभी ताकद आ गई थी और सिंहार में भी सभी अंशो की शक्तियां आ गई थी ,सभी अंश काल के शरीर मे कुछ देर रहकर बाहर आ गए सिर्फ काल2 अदृष्य रूप से काल के शरीर मे समा कर सिंहार की शक्तियों को लेकर अदृश्य रूप में ही धरतींपर पर चला गया ,सिंहार काल के शरीर मे वापस समा गया ,शिवाय को छोडकर बाकी सभी अंश अपनी जगह वापस लौट गए ,काल ,शिवाय ,सिंहाली और मिहाली वापिस सुबह 6 बजे भवानीगढ़ आ गए वहां आने के बाद काल ने अपने अंदर 1 नागदन्ती को रखकर बाकी सबको अदृष्य रूप में भवानीगढ़ के मन्दिर में रक्षा के लिए छोड़ दिया ,काल ने अपने अंदर सिर्फ 1 लाख सर्प रखकर बाकी की सारी सर्पसेना को भी ,नागदन्ती के प्रतिरूपो के हवाले कर दिया था ,तभी शिवाय बोला ,काल भाई मुझे थोड़ी सर्पसेना और 1नागदन्ती मिल सकती है ,
काल हसकर ,तुम सभी अंशो में मैने पहले ही 10 लाख सर्पसेना और 20 नागदन्ती के प्रतिरूप रख दिये है ,अपने मन मे तू नागदन्ती से बात कर सकता है
शिवाय हसकर बोला ,कालभाई आज सुबह पूरे हिदुस्तान के गुंडे बदमाश डरने लगे जायँगे पर अब देखना कल की सुबह तक, आपके आशीर्वाद से ,दुनिया के हर शहर ,हर गांव का गुंडा, बदमाश कापने वाला है ,
काल ,ठीक है तू तो अब सबकी बैंड बजाकर ही मानने वाला है ,पर पहले एक काम कर मोगा और सभी भेडियमानव को पातालमे छोड़कर आ ,वो अब सेक्स करने के लिये बहुत उतावले है ,अपने कालभेड़िया के लिये एक तोहफा है इसमें ,कुछ भेड़ियेऔरत है जो उसके ही बस की है ,उसकी टांग ज्यादा मत खींच और बच्चों के लिये अपनी धरती के सभी नई टेक्नोलॉजी की चीजें वहां बनावकर आ ,में 10 बजे आने वाला हु पाताल में ,आज से हर जगह पर सभी बच्चों को एक एक पिता का बंदोबस्त सब को करने के लिये बोल देना ,
शिवाय ,ठीक है भाई आप सर्पलोक जाकर आने तक सब काम पूरे हो जाएंगे ,आज से आप और में ,अपना पूरा काम और मन लगाकर कर पायंगे ,में अब 24 घण्टे सब की बजाने वाले हु अब ,और आप बस आराम से तमाशा देखना ,शिवाय सब काम कर लेगा
काल ने शेरा को अपने साथ रखकर सिंहाली और मिहाली को प्यार से चूमकर सर्पलोक चला गया ,वहां से जाते वक्त उसने अपने 100 प्रतिरूप मन्दिर के पास छोड़ दिये गुप्त रूप से रक्षा के लिये और 10 प्रति रूपो को अलग जगह धरती पर भेज दिए ,सिंहार की ताकद आ जाने से काल पहले से लाख गुना खतरनाक और बलशाली हो गया था ।