भाग 26
4 5 दिन सागर ने सुमन की खूब चुदाई की, सुमन ने भी अपने सारे छेद सागर के लंड से खूब चुदवाये, सागर ने सुमन को इस कदर संतृष्ट कर दिया था की वो अगले दो महीने तक लंड ना मिले तो भी उसे कोई फरक नहीं पड़ने वाला था,
छुट्टियां खत्म हो चुकी थी, अब प्रभा और सागर को वापस शहर जाना था, प्रभा ने सागर से जो वादा किया था की वो प्रियंका को अपने साथ शहर ले जाने का वो प्रभा ने पूरा किया था,
प्रभा और सागर पहले ही बाइक से निकल गये और प्रियंका और माधवी उनकी स्कूल खत्म कर के शाम को बस से आने वाले थे, प्रभा ने बड़ी चालाकी से प्लान किया था, वो पहले पहुंच के सागर से चुदवाना चाहती थी, *
जैसे ही वो घर पहुंचे प्रभा सीधा सागर को कमरे में ले गयी और बीना कपडे उतारे अपनी साड़ी ऊपर करके पैर फैला के लेट गयी,
प्रभा :- सागर आ जा रे जल्दी से ठोक दे मेरी चूत स्सस्सस्सस 20 दिन से तड़प रही है तेरे लंड के लिए,
सागर ने भी अपना लंड निकाला और प्रभा की चूत में पेल दिया और खच खच चोदना सुरु कर दिया,
सागर :- उम्म्म्म अह्ह्ह्ह मैं भी तो तड़प रहा हु स्सस्सस्स
प्रभा :- स्सस्सस्सस अह्ह्ह्ह्ह्ह अब शांति मिली है उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ चोद जोर से अह्ह्ह्ह्ह्ह और हा स्सस्सस्स
सागर प्रभा को जोर जोर से चोदता रहा, प्रभा भी अपनी गांड उचका उचका के सागर से चुदती रही, जब सागर ने अपना पानी प्रभा की चूत में छोड़ा तबतक वो दो बार झड़ चुकी थी, जब दोनों शांत हुए तब प्रभा उठी और घर की साफ़ सफाई सुरु की, सागर भी अपना कुछ काम करने लगा ,
जब दोनों के काम खत्म हुए तब फिरसे दोनों चुदाई करने लगे, सागर प्रभा की गांड चोदना चाहता था मगर प्रभा ने उसे मना कर दिया क्यू की वो पहले अपनी चूत ठंडी करना चाहती थी,
शाम को माधवी और प्रियंका पहुंच गए, चारो उस रात बाहर खाना खाने गए, और फिर सब देर रात तक साथ बैठ के बाते करते रहे, सागर ने दोपहर में ही प्रभा की खूब चुदाई की थी इसलिए वो थोडा थक गया था, उसने प्रियंका को दूसरे दिन के प्लान के बारे में बता दिया था सो प्रियंका को भीं पता था की आज रात कुछ नहीं करना, प्रभा और माधवी भी दूसरे दिन के प्लॅनके बारे में जानती थी, मगर उन तीनो को आपस में नहीं पता था की दूसरा जनता है और कोई जाहिर भी नहींकर रहा था,
दूसरे दिन सुबह सागर ने अपने प्लान पे काम करना चालु किया, सागर बाहर जाके तिन मूवी टिकिट ले आया और प्रभा कोंडे दिया और खुद कॉलेज जा रहा हु बोलकर चला गया, मूवी शो 12 का था, प्लान के मुताबिक़ प्रियंका ने तब्येत ख़राब होने का बहाना किया, दिखावे के लिए माधवी ने मूवी का प्लान कैंसिल करने को कहा लेकिन प्रियंका ने जोर देके प्रभा और माधवी को जाने को कहा, प्रभा को तो पता ही था ...फिर प्रभा और माधवी मूवी के लिए निकल गए, माधवी के दिमाग में सिर्फ ये बात चल रही थी की आज प्रियंका और सागर क्या क्या करेंगे कैसे करेंगे...प्रियंका कैसे चुदवायेगी आज सागर से, ये सोच के उसे भी उत्तेजना महसूस हो रही थी,
उसकी चूत में हलचल सी होने लगी थी, माधवी ऑटो में बैठी बार बार टाइम देख रही थी और सोच रही थी की अब क्या हो रहा होगा......
प्रभा माधवी को इतना बेचैन देख तो उसका कारण पूछा मगर माधवी ने कुछ नहीं बोल के टाल दिया, लेकिन उसके तन मन में खलबली सी मची हुई थी, एक तो उसने पहले भी सागर और प्रियंका को साथ देखा था, ऊपर से प्रियंका उसे सागर के साथ फ़ोन पे हुई बाते बताती रहती थी और अब तो वो भी सेक्स में बहुत दिलचस्पी लेने लगी थी,
प्रभा और माधवी सिनेमा हॉल में पहुंचे, वहा कुछ खास *भीड़ नहीं * थी, मूवी सुरु होने में अभी थोडा वक़्त था, वो वहा अपने लिए खाने और पिने का सामान ले रहे थे, माधवी ने गुलाबी रंग का सलवार सूट पहना था, उसमे वो बहुत ही कमाल की लग रही थी, वहा जितने भी लोग थे सभी माधवी को ही देखे जा रहे थे, एक तो शहर में आजकल लगभग सभी लडकिया जीन्स ही पहनती है , इसलिए माधवी को ऐसे पारंपरिक लिबास में देख सभी का मन उसकी और आकर्षित हो रहा था, *
प्रभा और माधवी अंदर जाके बैठ गए, *माधवी के बाजु वाली सीट पे कोई नहीं था क्यू की उसकी टिकिट तो उनके पास ही थी, प्रभा की बाजू में एक जवान लड़का बैठा हुआ था जो की अपनी गर्लफ्रेंड के साथ आया था, मूवी सुरु हो चुकी थी, सभी लोग मूवी देखने लगे, प्रभा के बाजू वाला लड़का अँधेरे का फायदा उठा रहा था, वो अपनी gf का हाथ पकड़ रहा था उसे किस कर रहा था उसकी चुचिया भी दबाना सुरु कर दिया था, वो सब सावधानी से कर रहा था मगर प्रभा को कुछ टाइम के बाद मालुम पड़ ही गया, प्रभा का ध्यान अब मूवी से हटके उन दोनों पे था, कुछ देर ऐसे ही चलता रहा, माधवी के बाजू में एक सीट छोड़ के एक 45 *48 साल का एक आदमी बैठा था, वो माधवी को तब से देखे जा रहा था जब वो बाहर थी, और अब वो उसके बाजू में एक सीट छोड़ के बैठी थी, वो मूवी कम और माधवी को ज्यादा देख रहा था, अँधेरा होने के बावजूद भी वो माधवी और उसके अंगो को देखने की कोशिस कर रहा था, लेकिन माधवी तो कुछ और ही सोच रही थी, माधवी परदे पे मूवी नहीं सागर और प्रियंका की चुदाई *देख रही थी, वो सिर्फ और सिर्फ उनके बारे में सोच रही थी और वो कल्पना को परदे पे देख रही थी, वास्तव में जो मूवी चल रही थी उसका उसे बिलकुल भी ध्यान नहीं था, वो जैसे जैसे कल्पना में सागर और प्रियंका की चुदाई देखते जा रही थी वैसे वैसे वो उत्तेजित हो रही थी, *
इनसब बातो में इंटरवल कब हुआ उसे पता ही नहीं चला, इंटरवल के बाद वो आदमी उठ के माधवी के पास आया और वहा उसके बाजू में बैठने की इजाजत मांगने लगा, उसने कहा की वो सीट थोड़ी ख़राब है, प्रभा ने देखा की वो आदमी शक्ल से शरीफ लग रहा था और बुड्ढा सा था, प्रभा ने सोचा की इतने शिष्टाचार से इजाजत मांग रहा है तो उसने भी मना नहीं किया, लेकिन वो आदमी बहुत बड़ा ठरकी था, पहले दिखावे के लिए शराफत दिखा रहा था, जैसे ही लाइट बंद हुई उसने अपनी हरकते सुरु कर दी, माधवी ने अपना हाथ बिच वाली रोड पे रखा था, उस आदमी ने पहले अपनी कोहनी माधवी के हाथ से टच की, माधवी को लगा की शायद गलती से हुआ होगा, उसने ध्यान नहीं दिया, लेकिन थोड़ी ही देर में और 2 3 बार छुवा तो माधवी को शक हुआ उसने उस आदमी की तरफ देखा वो आदमी उसकी तरफ ही देख रहा था, वो माधवी की और देख के मुस्कुराया और उसने माधवी को आँख मारी, माधवी का दिल उसकी ये हरकत देख जोर से धड़का, उसने अपना हाथ हटा लिया और मूवी देखने की कोशिस करने लगी, उस आदमी को लगा की शायद ये पंछी फसने वाला नहीं तो उसने आगे कुछ नहीं किया, लेकिन माधवी के दिमाग में अब उथल पुथल मचनी सुरु हो गयी थी,
वो उसकी अगली हरकत का इन्तजार कर रही थी, ऐसे ही 10 मिनट चले गए, लेकिन एक ठरकी इंसान कब तक चुप रहेगा, वो वापस से अपनी कोहनी को थोडा पीछे सरका के माधवी की बाह से एक दो बार टच किया, माधवी पहले ही बहुत ऊटेजित थी ऊपर से ये उसके लिए पहली बार था की कोई आदमी उसके साथ ऐसी हरकत कर रहा है, वो उस आदमी के ऐसे छूने से और भी उत्तेजित होने लगी थी, उसने फिर से तिरछी निगाहो से उस आदमी की और देखा वो भी माधवी को ही देख रहा था,
माधवी की दिल की धड़कने बहुत तेज होने लगी थी, वो आदमी ने अब अपनी कोहनी माधवी के बाह से टच करवाई और वही रहने दी और माधवी के रिएक्शन का इन्तजार करने लगा, माधवी असमंजस में थी क्या करे...उसने कोई हलचल नहीं की, इससे उस आदमी की हिम्मत बढ़ गयी, वो *अपनी कोहनी माधवी की बाह से रगड़ने लगा और धीरे धीरे माधवी की चुचियो की तरफ ले जाने लगा, माधवी को अब उसकी ऐसी हरकतों से मजा आने लगा था, वो चुपचाप बैठ के मजे ले रही थी, वो प्रभा को भी देख रही थी लेकिन प्रभा का ध्यान मूवी में और बाजू वाले लड़के की तरफ था, इधर उस आदमी ने अपनी कोहनी अब माधवी की चूची को टच करवा दिया था और धीरे से कोहनी का दबाव चूची पे डालने लगा,
माधवी को तो जैसे एक झटका सा लगा....पहली बार कोई आदमी उसकी चुचियो को छु रहा था, उसके शरीर में करंट सा दौड़ने लगा था, उसकी चूत में भी हलचल होने लगी थी, उसने उस आदमी की और देखा वो स्माइल करते हुए *माधवी कोंदेख रहा था और अपना लंड सहला रहा था, माधवी ये देख सिहर उठी, माधवी बार बार तिरछी निगाहो से उसके लंड किनौर देखने लगी, ये बात उस आदमी के समझ में आ गयी थी, उसने अपनी अपना हाथ आगे किया और फिर अपनी कोहनी सीधा माधवी के स्तन पे सामने से चिपका दी और दबाव डालने लगा, माधवी अब पूरी तराह से अपने होश खो चुकी थी,
उसका ये किसी आदमी के साथ पहली बार था, उसे डर भी बहुत लग रहा था मगर मजा भी आ रहा था, उसने अपनी चुन्नी ठीक करने के बहाने से ऊपर उठायी और उस आदमी के हाथ के ऊपर डाल दी और थोडा उसकी तरफ खिसक गयी, वो आदमी माधवी की ये हरकत देख बहुत खुश हुआ, उसे समझ आ गया की ये लड़की को मजा आ रहा है, उसने अपना फ़ोन निकाला और उसपे एक msg लिखा ""बाहर टॉयलेट में जाओ मजे करेंगे""
और माधवी को धक्का दिया और मोबाइल दिखाया, माधवी ने वो msg पढ़ा और गर्दन को ना में हिला के मना कर दिया, उस आदमी ने सोचा चलो इसको और गरम करते है ताकि ये तैयार हो जाय, वो अपनी कोहनी से धीरे धीरे माधवी की चूची दबाने लगा, माधवी के दुपट्टे की वजह से वहा क्या हो रहा है ये दिखाई नहीं दे रहा था, फिर उसने अपना हाथ बिच वाले रोड से निचे माधवी के साइड में गिरा दिया, वो सीधा माधवी की जांघो पे जा गिरा,
माधवी उत्तेजना में बहती ही जा राहींथी, उसने अपने दुपट्टे से उसका हाथ ढक लिया, वो माधवी के जांघो को सहलाने लगा दबाने लगा, माधवी को बहुत मजा आ रहा था, उस आदमी ने माधवी का कुर्ता बाजू में किया और अपना हाथ उसकी चूत की तरफ बढ़ाने लगा, माधवी का दिल अब किसी ट्रेन के इंजिन किंतरह दौड़ रहा था, उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी, उससे ये सब सहन नहीं हों रहा था, उसने उस आदमी का हाथ अपनी चूत के पास पकड़ लिया, उस आदमी ने छुड़ाने की कोशिस की लेकिन माधवी ने मना कर दिया,
वो आदमी माधवी का हाथ अपने हाथो में लिए उसे सहलाने लगा, माधवी अब्ब थोडा रिलैक्स हो गयी थी, थोड़ी देर बाद उस आदमी ने माधवी हाथ पकड़ा और अपने लंड की और ले जाके अपने लंड पे रख दिया, जैसे ही माधवी का हाथ उसके लंड से छुआ माधवी ने झटके से अपना हाथ पीछे खीच लिया, माधवी को ये सब बोहोत अच्छा लग रहा था मगर अंदर से वो बहुत डर रही थी, उसने प्रभा की और देखा प्रभा मूवी देखने खो चुकी थी, उसका ध्यान बिलकुल भी माधवी की तरफ नहीं था, माधवी का हाथ अब भी उस आदमी के हाथ में था वो उसे सहला रहा था, उसने अपना दूसरा हाथ अपनी काख में से क्रॉस करते हुए माधवीबके दुप्पटे के निचे से ले जा के सीधा उसकी चूची पे रख दिया और उसे दबाने लगा,
माधवी उसकी इस हरकत से आह्ह कर उठी, उसकी अनछुई चुचियो पे उस आदमी का हाथ पड़ते ही वो सातवे आसमान में पहुंच गयी, वो आदमी भी माधवी जैसी कच्ची कलि की कड़क और विकसित होती चुचियो को मसल के मजे ले रहा था, उसने देखा की माधवी मजे से अपनी चूची मसलवा रही है तो उसने दुबारा माधवी का हाथ अपने लंड पे रख दिया,
इस बार माधवी ने अपना हाथ नहीं हटाया या हटा ही नहीं पायी, उसका हाथ किसी चुम्बक की तरह उसके लंड से चिपक सा गया, माधवी अपना हाथ बिना हिलाये उस आदमी के लंड का जायजा ले रही थी, वो आदमी अपना लंड बार बार उचका के उसे इशारे दे रहा था, मगर माधवी किसी पुतले की तरह स्तब्ध थी, उसे यकीं नहीं हो रहा था की वो किसी अनजान आदमी का लंड को छु रही है, उस आदमी ने अपना हाथ माधवी की चूची से हटा लिया था, लेकिन उसके पहले उसने खूब मसला था माधवी की चुचिया, माधवी उसके ऐसे मसलने से बहुत उत्तेजित हो चुकी थी, उसकी चूत पानी छोड़ छोड़ के परेशान हो चुकी थी, उसकी पूरी पॅंटी भीग चुकी थी,
उस आदमी ने माधवी के हाथ को पकड़ा और अपना लंड के इर्द गिर्द उसका हाथ लपेटा और 4 5 ऊपर निचे मुठ मारने जैसा किया और छोड़ दिया, माधवी भी अब जोश में आ गयी थी, वो उस आदमी के लंड को पकड़ के दबाने लगी, वो आदमी माधवी के कोमल हाथो का स्पर्श से रोमांचित हो उठा, वो *आराम से बैठ गया और अपना हाथ वापस से माधवी की जांघो पे रख दिया, और धीरे धीरे कुर्ते के निचे से माधवी की चूत की तरफ बढ़ाने लगा और माधवी के चूत को छूने की कोशिस करने लगा, लेकिन उसका हाथ ठीक से पहुंच नहीं पा रहा था,
माधवी अब खुद चाहती थी की अब वो आदमी उसकी चूत को सहलाये, वो थोडा आगे हुई और अपने पैर फैला दिए, ये देख के वो आदमी बहुत खुश हुआ, उसने अपना हाथ माधवी की चूत पे रखा और सहलाने लगा, माधवी उसके छूने से पागल सी हो उठी, उसने कई बार अपनी चूत को छुवा था मगर जो मजा आज उस आदमी के छूने से उसे आ रहा था वो कभी नही आया था, जिंदगी में पहली बार कोई आदमी उसकी चूत को सहला रहा था,
वो उसके लंड को जोर से मुठी में पकड़ने लगी,
उस आदमी दे देखा की माधवी की चूत से निकल रहा पानी की वजह से उसकी सलवार भी गीली हो चुकी थी, उसने कोशिस करके माधवी के चूत के दाने को खोज निकाला और उसे सहलाने लगा, माधवी उसकी इस हरकत से बेहद पागल हो गयी, उसकी आँखे उत्तेजना से बंद सी होने लगी, उसके मुह से सिस्कारिया निकलने को बेताब हो उठी थी, उसने अपनी दूसरे हाथ की उंगली दातो में दबा ली और अपनी सिस्कारिया दबाने लगी,
उस आदमी ने वापस से उसे वही msg दिखाया, माधवी का मन तो बहुत कर रहा था मगर डर के मारे उसने फिर से मना कर दिया, उस आदमी ने भी सोचा की अब मूवी कुछ ही देर में खत्म हो जायेगी इससे अच्छा की यही बैठे बैठे मजे कर लेते है,
उसने अपनी पैंट की झिप खोली और माधवी का हाथ झिप से अंदर डाल दिया, माधवी अब इतनी जोश में थी की उसने खुद से उसकी अंडरवियर के अंदर अपना हाथ डाला और उसका लंड पकड़ लिया, *
माधवी :- (मन ही मन) अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् उफ्फ्फ्फ्फ्फ कितना अच्छा लग रहा है उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ स्स्स्स्स्स्स्स कितना गरम है ये लंड अह्ह्ह्ह्ह्ह काश की यहाँ कोई नहीं होता तो इसका लंड देख तो लेती उम्म्म्म्म कितना कड़क है ये स्सस्सस्सस सच में मोबाइल पे कितना भी देख लो रियल का अपना ही मजा होता है स्सस्सस्सस उम्म्म्म्म्म
माधवी उस आदमी के लंड कों पकड़ के मस्त उसकी मुठ मारने लगी थी, वो आदमी माधवी के नाजुक कोमल हाथो स्पर्श से बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चूका था, माधवी का हाल भी उससे कुछ अलग नहीं था, वो आदमी लगातार माधवी की चूत सहला रहा था, माधवी अब अपने मंजिल के बहुत करीब थी, वो अपनी चूत थोडा आगे आगे कर रही थी और उस आदमी की मुठ मार रही थी, माधवी ने अपनी आँखे बंद कर ली थी, वो आदमी बहुत तेजी से अपनी उंगली माधवी के चूत के दाने से रगड़ रहा था, आखिर वो पल आ ही गया, माधवी ने उसका हाथ पकड़ लिया और वो झड़ने लगी, कमाल का था वो आदमी उसने सिनेमा हॉल में माधवी कपड़ो के ऊपर से ही झड़ने को मजबूर कर दिया था, माधवी भी अब उसकी मुठ मार रही थी कुछ ही पल में माधवी ने भी उस आदमी का पानी निकाल दिया,
दोनों नार्मल हुए और ठीक से अपनी जगह बैठ गए,
उस आदमी ने msg लिखा और माधवी को दिखाया, उसमे उसने माधवी का फ़ोन नो माँगा था, माधवी ने उसे msg में उसका no माँगा, उसने दे दिया, माधवी ने वो अपने मोबाइल में सेव कर लिया, उस आदमी ने एक और msg लिखा और माधवी को दिखाया "तुम बहुत सेक्सी हो काश मैं तुम्हे अभी चोद सकता...मुझे फ़ोन करना मैं तुम्हे चोदना चाहता हु...बहुत मस्त चुदाई करूँगा एक बार चुदवा के देखो...बार बार चुदने को बेताब हो जाओगी, "
माधवी ने वो msg पढ़ा और उस आदमी तरफ देख के स्माइल कर दी, उस आदमी को लगा की ये लड़की जरूर फ़ोन करेगी और उससे चुदवायेगी,
मूवी अब खत्म होने में ही थी, माधवी मूवी देखने लगी, मूवी खत्म होने के बाद माधवी और प्रभा जाने लगे वो आदमी उनके पीछे ही था, माधवी ने उसे इशारे से जाने को कहा और फ़ोन करती हु कहा, वो चला गया,
इस वाकिये के बाद माधवी के दिल, दिमाग और चूत में खलबली सी मच गयी थी, और खलबली अब क्या क्या नए रंग दिखने वाली थी ये तो वक़्त ही बताएगा..............
इधर जैसे ही माधवी और प्रभा घर से निकले सागर वापस आ गया, प्रियंका उसका ही इन्तजार कर रही थी, सागर अंदर आते ही प्रियंका को गले लगा लिया और एक लंबा किस किया,
सागर :- ओह्ह प्रियंका आखिर वो दिन आ ही गया...
प्रियंका :- हा सागर ...कब से इन्तजार कर रही थी मैं....
सागर और प्रियंका के पास 3 4 घंटे थे, उस टाइम में दोनों ने जमके चुदाई की, प्रियंका के लिए ये पहली बार था, उसे डर बहुत लग रहा था मगर सागर को अब बहुत तजुर्बा हो गया था, उसने बहुत सावधानी और धीरज से प्रियंका की चुदाई की लेकिन जो दर्द पहली बार होता है वो तो प्रियंका को सहना ही पड़ा, बाद में तो वो सागर पे हावी हो गयी थी, कुल मिला के ये दिन दोनों के लिए यादगार रहा,
लेकिन *प्रियंका के साथ चुदाई के बाद सागर की सोच ही बदल गयी, उसे पता चल गया की एक कुवारी लड़की की चूत की चुदाई और चुदी हुई चूत की चुदाई में कितना अंतर होता है, उसने प्रभा और सुमन के साथ की चुदाई और प्रियंका के साथ की चुदाई की तुलना की तो उसे समझ आया की कुवारी चूत को चोदने का एक अलग ही मजा होता है, *
शाम को सब मिलके बाहर खाना खाने गए, माधवी सिनेमा हॉल में हुई घटना के बारे में ही सोच रही थी, वो अभी भी अपनी चूत और स्तन पे उस आदमी का स्पर्श महसूस कर रही थी, प्रियंका की हालात भी बहुत ख़राब थी, उसे ठीक से चलना भी नहीं हो रहा था,
सब ने खाना खाया और वापस घर आ गए, प्रभा अपने कमरे में जाके सो गयी सागर भी अपने कमरे में था, इधर माधवी प्रियंका को छेड़ रही थी उससे पूछ रही थी की क्या क्या हुआ...प्रियंका भी उसे एक एक चीज डिटेल में बता रही थी, जिसे सुनके माधवी का रोम रोम जाग उठा था, उसे भी अब चुदाई की इच्छा होने लगी थी,
दूसरे दिन प्रभा ने माधवी और प्रियंका को शौपिंग करवाई और फिर शाम को दोनों को वापस गाव भेज दिया, सागर चाहता था की प्रियंका एक रात और रुके मगर प्रियंका के घर से बार बार फ़ोन आ रहा था सो प्रभा ने उन्हें भेज दिया,
रात को खाना खाने के बाद सुमन और माधवी बाते कर रहे थे,
सुमन :- तो क्या क्या किया शहर में,
माधवी :- कुछ नहीं मूवी देखी घुमे शॉपिंग किया...
सुमन :- और प्रियंका,
माधवी :- वो भी हमारे साथ ही थी...
सुमन :- मतलब सागर और उसे अकेले में टाइम नहीं मिला,
माधवी :- ओह्ह्ह आपको पता है उनके बारे में, किसने बताया,
सुमन :- सागर ने...तुम लोगो ने तो छुपा के रखा था मुझसे...
माधवी :- नहीं ऐसा कुछ नहीं...आपको कब बताया भैया ने,
सुमन :- उस रात को जब....सुमन के मुह से निकल गया...
माधवी रात का सुनके चौक गयी, उसने सोचा कही सुमन ने चंदू की तरह सागर को भी तो नहीं फसा लिया,
माधवी :- रात को, कब,
सुमन :- माधवी तू गलत मत समझना...एयर तुझसे क्या छुपाना...5 6 दिन पहले रात को सागर और मेरे बिच....वो ..
माधवी :- बुआ...क्या बोल रही हो..भैया और आप ..मतलब की ...सच में बुआ आप ना बहुत बड़ी चुद्दकड़ बन गयी हो...माधवी और सुमन के बिच ये सब नार्मल बाते थी,
सुमन :- क्या करू माधवी...उस रात परिस्थिति ऐसी बन गयी की...लेकिन एक बात कहु...सागर भी कम चोदु नहीं है...मैं तो उसे मना कर रही थी मगर वो माना ही नहीं...और क्या बताऊ क्या चूदी हु मैं उससे अह्ह्ह्ह्ह उसका लंड तो चंदू से भी बड़ा है,
माधवी ने देखा हुआ था सागर का लंड,
माधवी :- ह्म्म्म्म लेकिन ये बात प्रियंका को मत बताना...
सुमन :- नहीं पागल है क्या...
माधवी :- चलो बुआ मैं बहुत थक गयी हु...सोने जाती हु,
माधवी अपने कमरे में बेड पे लेटे लेटे सोच रही थी, सागर ने बुआ को भी चोद दिया ...क्या उसे ये गलर् नही लगा बुआ के साथ...मतलब जो कहानी जो वीडियो मैं देखती हु वो सब सही होता है... भाई बहन माँ बेटा...सब...कही वो वहा शहर में माँ के साथ भी, नहीं नहीं ऐसा नहीं हों सकता...बुआ तो है ही रंडी..उसीने उकसाया होगा...तो क्या अगर मैं उसे उक्साउ तो क्या वो मेरी भी....ये क्या सोच रही है पागल..ऐसा मत सोच....लेकिन कहो कुछ भी...जब कोई मर्द छूता है तो बड़ा मजा आता है...माधवी की चूत गीली हो रही थी,
उसने मोबाइल निकाला और *उसमे वीडियो देखने लगी, उसने नेट पे कुतुहलवश भाई बहन के पोर्न वीडियो खोजे और देखने लगी...उन्हें देख वो बहुत उत्तेजित हो उठी, आज उसे एक अलग ही अहसास हो रहा था, वीडियो में वो कपल की जगह सागर और खुद को देख रही थी, वो इमेजिन कर रही थी की सागर और चुदाई कर रहे है, ऐसे सोचते हुए वो हद से ज्यादा उत्तेजित हो रही थी, अपनी चूत में उंगली डाल के वो अपनी चूत चोदने लगी, *
माधवी :- उफ्फ्फ्फ्फ्फ स्स्स्स आह्ह्ह्ह भैया उम्म्म्म्म चोदो ना और अह्ह्ह्ह स्स्स्स जोर से चोदो अपनी बहन को अह्ह्ह्ह्ह
ऐसे बड़बड़ाने लगी, और कुछ ही देर में वो झड़ गयी, आज बहुत दिनों बाद उसे उंगली करने में मजा आया था,
माधवी :- स्स्स्स्स् उम्म्म्म सिर्फ कल्पना में भैया से चुद्वाके ये मजा आया तो सच में कितना आएगा...प्रियंका भी तो बता रही थी की उसे कितना मजा आया चुदवाके...मुझे भी वो मजा लेना है....और उसके लिए भैया से अच्छा इंसान दूसरा कोई नहीं हो सकता...बुआ और प्रियंका कितनी तारीफ़ कर रही थी उसकी, *
माधवी का एक मन कहता की सागर को फसा ले और दूसरा कहता की ये गलत है, वो फिलहाल असमंजस में थी, लेकिन सच सिर्फ इतना ही था की माधवी अब अपनी चूत में लंड लेना चाहती थी,