Incest नई दुल्हन by deeply

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नई दुल्हन
काका की दुल्हन

मास्टर तेरी भौजी तो बड़ी मस्त गांड मरवाती है

सवित्रा मुस्कराते हुये वो तो है मास्टर जी

मास्टर जैसे बुर चोदने के बाद चुत कहलाती है तो क्या कुवांरी गांड भी चुदने के बाद कुछ कहलाती है

कबूतरा नही मास्टर जी गांड जितनी मारो हमेशा लगभग उतनी ही टाईट रहती है इसलिए गांड हमेशा गांड रहती है

रबड़ी मगर इस जैसा लंड ( मास्टर जी के लंड की तरह इशारा कर बोली) यदि घुसा तो तेरी गांड जरूर होंदा हो जायेगी
यह सुन कबुतरा जहाँ सकपका गई वही हम सब हॅस दिये

अब आगे

इतना सुनते ही मास्टर जी का लंड झटके खाने लगा

रबड़ी हाये दईया यह मोट मूसर की देखो कैसे लार टपका रहा है सब के सब एक जैसे होते है

सवित्रा तुझे तो अनुभव है रे, तेरी तो बाग वाले ने फाड़ी थी
सवित्रा के मुॅह पर हाथ रख रबड़ी तेजी से बोल पड़ी हरामीन बुरचोदी छी यह हमारी पसर्नल बात थी तुने बोल दी

मास्टर सच क्या तु चुद चुकी है किसने चोदा तुझे

रंगीली शर्माते हुये हाये सर जबरदस्ती चोदा रामू काका ने

मास्टर -वो कलुआ चपरासी घंटा बजाता है उसने तेरी कब बजायी
कबूतरा बोली शर्मा मत बता दे बगिया मे चुदाई अब मसाहब से क्या शर्माना

मास्टर- हॉ हमे भी बता तुझ नाजुक कली को कलुआ ने कब रोंदा

बाहर बारिश तेज हो गई थी अंदर तीन कमसीन लड़कीयो की नमकीन बाते सुनकर मास्टर का लंड फुनकार मार धोती से निकल लार बहा रहा था मगर मास्टर सब्र से तीनो की नमकीन बातो का मजा भी ले रहे थे और उन्हे खोल रहे थे जिससे उन्हे गर्म कर अपना काम निकाला जाये

रबड़ी के गोरे गालो पर लालिमा छा गई थी और ऑखो मे लाल लाल डोरे उतर आये थे, हाये मास्टर थी वो रामू काका की एक आम की बाग है जो हमारे गाँव के नजदीक है हम जानते थे कि काका दिन मे स्कूल रहते है दोपहर दो बजे के बाद ही बाग मे आते है, मै अक्सर इसका लाभ लेकर स्कूल से जल्दी आ जाती या नही जाती स्कूल तो सीधे रामू काका की बाग मे घुसकर आम तोड़ने चली जाया करती, ऐसे ही एक बार दोपहर को बाग मे एक पेड पर चढ़कर आम तोड़ने की कोशिश कर रही थी कि उस दिन अचानक काका जल्दी आ गये मुझे पेड पर चढा देख लाठी लेकर मेरे पास आये मै पेड की डाली पर खड़ी आम तोड़ने की कोशिश ही कर रही थी कि उनकी आवाज सुन सन रह गई सच्ची मासाहब मेरी तो साँस कलेजे मे अटक गई उधर काका बोले जा रहे थे- बुर चोदी रंडी उतर नीचे साली कुत्तिया तु ही मेरे आम तोड़ती थी, हरामजादी आज तेरी गांड फटेगी तब अक्ल आयेगी,
मै रुआँसी हो उठी काका माफ कर दो अब ना आईब किरिया( कसम) खात बाटे अब ना आई
मेरे दोनो पैर दो डाली पर थे जब उकरू होकर हाथ जोड बैठी तो डाली से फँसकर मेरी स्कर्ट ऊपर उठ गई चूंकि उस दिन मै नेकर पहनी नही थी तो डाली के गेप से मेरी नंगी गोरी गांड काका सामने मुॅह बाये नंगी हो गई मेरी बुर की कसी पुत्तिया उकरू बैठने के बाद भी एकदम कसी कसी थी बिना बालो की गोरी बुर काका के सामने थी काका के लिए यह नजारा किसी एक बोतल के नशे से कम ना था, उनका लंड धोती मे फुँकार मार खडे हो गया शायद समझ गया उसे एक नया बिल रहने को मिलने वाला है
काका बोले पहले नीचे उतर हराम की जनी तु अपनी माँ पर ही गई है उस कुत्तिया को भी हगने के लिए मेरी बाग मिलती थी एक दोपहर उसे भी हगते हुये पकड़ा उस दिन सारी दोपहर मै और मेरे बेटे ने उसकी गांड मारी तब से नही दिखाई दी यहाँ, तेरी भी गत करनी पड़ेगी हराम की जनी नीचे उतर
मै गिड़गिड़ाई हाथ जोड बोली काका आज माफ कर दो
तभी काका ने लाठी का सिरा मेरी गांड के छेद पर रखते हुआ बोला
नीचे उतर हरामी की जनी वरना यह लाठी अभी तेरी गाड मे डाल दूँगा
हाये काका कुछ रहम करो मै तेरी बेटी समान हूँ
काका -साली कुत्तिया तुझे जादा नखरा आता है और काका ने संठी( पतली लकड़ी) से उछल कर मेरे चुतडो पर कस के मारा, दर्द से छटपटा उठी और मेरा मूत निकल आया मेरा मूत सीधे काका के मूँह पर पड़ा और मेरे मूत से काका का चेहरा नहा गया
काका ने अपनी जुबान अपने होठो पर फेराते हुये मेरे नमकीन पेशाब का स्वाद लेते बोला साली कुत्तिया इतनी गर्मा गई है कि मेरे मुह पर मूत रही है चल नीचे उतर अब बहुत हुआ, नही उतरी तो लाठी से ढेल कर गिरा देव
डर के मारे मै नीचे उतरी आई
 
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नई दुल्हन
काका की दुल्हन भाग-2


हाये काका कुछ रहम करो मै तेरी बेटी समान हूँ
काका -साली कुत्तिया तुझे जादा नखरा आता है और काका ने संठी( पतली लकड़ी) से उछल कर मेरे चुतडो पर कस के मारा, दर्द से छटपटा उठी और मेरा मूत निकल आया मेरा मूत सीधे काका के मूँह पर पड़ा और मेरे मूत से काका का चेहरा नहा गया
काका ने अपनी जुबान अपने होठो पर फेराते हुये मेरे नमकीन पेशाब का स्वाद लेते बोला साली कुत्तिया इतनी गर्मा गई है कि मेरे मुह पर मूत रही है चल नीचे उतर अब बहुत हुआ, नही उतरी तो लाठी से ढेल कर गिरा देव
डर के मारे मै नीचे उतरी आई


अब आगे

क्यो री हराम की औलाद मेरे मुँह पर मूत दी

रबड़ी शर्म वा डर से कॉप रही थी सर झुकाते हुये धीमी आवाज मे बोली हाय काका कहाँ ना माफ कर दो मूत निकल गया गलती से

साली कुत्तिया अपनी मॉ की तरह सबके आगे बुर खोल देगी
अपनी जीभ मेरे पेशाब लगे होठो पर फिराते हुये कहा
वैसे तु भी अपनी माॅ से कम नमकीन नही है

रबड़ी शर्म से जैसे जमीन पर घसी जा रही थी

कुत्तिया हम बाप बेटो ने मिलकर इसे पेड के नीचे पिछले हफ्ते तेरी मॉ की गांड फाड़ी थी और आज उसे भौसडे से निकली पैदाइश मेरे मुंह पर मूत दी
और कहते काका ने एक छपकी रबड़ी के चुतडो पर मार दी

रबड़ी दर्द से कराहा अपने चुतड़ों को सहलाने लगी
काका माफ कर दो अब कभी नही आऊंगी

हराम की जनी मै जानता नही तु किसी छिनाल की जनी है वो भी बाग मै हग जाया करती थी माना करने पर नही मानी जब गांड मारी तब लाईन पर आई, वैसे तेरी माँ है बडी गरम अभी परसो ही मै, ढोडे( काका का बेटा), और तेरे बड़े चाचा रामुआ तीनो जुटे तब जाकर तेरी माॅ को ठंड़ा कर पाये, तेरी बुर का साईज भी उसके जीतना बड़ा है मगर तेरी बुर फुली हुई है बिलकुल पावरोटी जैसी मस्त

छपकी की मार से भले रबड़ी की ऑखो मे आँसू थे मगर काका के इरादे उसकी बुर मे भी ऑसू ला दिये थे जो लासे की तरह बुर की दरारो से होते हुये जमीन पर टपक रहे थे उसने देखा की काका की धोती आगे से काफी उठ चुकी थी जो अपनी लम्बाई मोटाई की भयानकता का साप संकेत दे रहा था रबडी इसी डर वा एहसास मे उसका रोवा रोवा खड़ा हो चुका था और धोती के अंदर लहराता नाग जब जब फुंकार मारता रबड़ी के दिल धक्क कर उठता मगर वो सर जमीन पर किये काका की बात सुन रही थी और धोती मे लहराते नाग की भयानकता का एहसास किये रो रही थी किस मनहूस घडी मे बुर फॅसी है आज तक बचायी बुर काका का यह भयानक मूसल फडेगा और बचने की कोई जुगत भी नही दिखाई दे रही

कुत्तीया तुने मेरे मुॅह पर मूता अब मै तेरे मुँह पर मूतगा, मुत का बदला मूत

इतना सुनते ही रबड़ी डर से कॉप गई वो घुटने के बल बैठ हाथ जोड कर बोली माफ कर दो काका गलती हो गई अब दुबारा नही ऑउगी

साली कुत्तीया मै तुझे दोबारा आने लायक छोडूगा ही नही इतना कहते काका ने एक झटके मे अपनी धोती खोल दी उनका 8 इंची लंड और मेरी कलाई जितना मोटाई लिये काला साप फनफना कर लगभग मेरे मुॅह के पास आ गया, काले लंड के मुंह पर वीर्य की एक बूँद धूप की रोशनी मे किसी मोती की तरह चमक रही थी
सुंघ कुत्तिया इसमें आज भी तेरी माॅ की गांड की महक होगी
और यह कहते हुये काका ने लंड रबड़ी के होठो से सटा दिया

रबड़ी छि काका

साली कुत्तिया ऐसे ना मानेगी ढोडे को बुला तेरी गत करनी पड़ेगी

ढोडे मेरी क्लास मे पढने वाला मेरा सहपाठी था मेरी कभी उसकी नही पटती थी वो एकदम हरामी टाईप लड़का था ज्यादातर लड़कीयो को ही छेडता रहता था सुना था हेमा मैडम ने उसे डाटा था तो उसने अपने दोनों दोस्त रिंकू पिंकू के साथ लेकर जबरदस्त तरीके के हेमा मैडम को चोदा था उनकी चुदाई से मैडम गर्भवती हो गई और स्कूल से चली गई तब से कोई मैडम या सर उसे कुछ नही कहता लोग कहते है वो बड़ी बेदर्दी से चोदता है कसाई है चुदाई का

रबड़ी रोते हुये बोली काका ढोड़े को मत बुला मुझे माफ कर दे तेरा बहुत बड़ा और मोटा है मै अभी कुवारी हूँ काका छोड दे सच कहती हूँ जिसकी कसम खिलानी हो कसम खा लूंगी जिस दिन सील टूटेगी मै बिना कहे अगले दिन तुझसे चुदने चली आऊंगी बस आज जाने दे

काका हँसते हुये कुत्तिया अभी मै कौन सा चोद रहा हूँ तुझे बस लंड चुसने को कह रहा हूँ मगर यदि तु इस तरह नखरा करती रही तो ढोडे को बुला कर तेरी माँ की तरह हाल करेगे अब बाप बेटे अब तुझे जो पंसद है चुन ले, मै जो कहता हूँ वो कर या ढोडे तेरी बुर मारे और मै तेरी टाईट गांड फाडू

मरती क्या ना करती रबड़ी ने कपकपाते हुये अपने दोनों हाथो से काका का काला लंबा मोटा नाग अपने हाथों मे थाम लिया नाक के पास लाते है उसके नथुनो मे तीखी बदबु से भर गई

छी काका यह कितनी बास( बदबु) मार रहा है

बताया तो था परसों तेरी माँ की गांड मारने के बाद से मै नहाया नही फिर यह तो तेरी माॅ की गांड के माल मे नहाया है इसके ऊपर तेरी माँ की गांड का माल सुख कर पपड़ी बन गया है वही बास मार रहा होगा चल जादा नखरा मत कर वरना ढोडे को बुला नया कारीकरम बनाऊ

रबडी रूआनी हो बोली काका इसे धो लेते देखो लिंग की चमड़ी खीचते हुये सुपाडे के किनारी दिखाते हुये देखों काका इसपर कितनी गंदगी जमी है

हराम की जनी तभी तो तुझे चाट कर साफ करने को कह रहा हूँ अब मेरे सब्र का बांध टूट रहा है चुपचाप चाट साफ कर वरना तु जानती है आगे

मरती क्या ना करती किसी तरह मन मारकर खड़ी ने मुहै खोल सुपाड़ा मुंह मे डाल दिया और चुभलाने लगी, काका जमीन पर बैठ गया और अपनी दोनों टांगे फैला ली और रबड़ी टांगों के बीच उस काले नाग को पकड़ मुॅह से चुसने लगी, चुप्प चुप्प लंड चुसने की आवाज के अलावा बगीया एकदम सुनसान थी

सच कुत्तिया तु तो अपनी माँ से बढ़कर चुसती है और काका ने अपने हाथ पीछे ले जाते हुये रबड़ी के चुतड़ो पर रख दिये रबड़ी सिहर सी गई भी काका ने तभी अचानक रबड़ी की स्कर्ट उठाते हुये उसके नंगे चुतडों पर रख अपने दोनों हाथो से चुतडो के दोनो पटो को सहलाने लगे दृश्य यह था की काका पूरे नंगे हो बैठे थे और रबड़ी चौपाया बन अपने मुॅह से काका का दूध दू रही थी और काका दोनों हाथों से रबड़ी के चुतड़ो को नंगा कर सहला रहे थे

सच तु तो दूध से जादा गोरी है रे, कसम से इतनी खुबसूरती आज तक ना देखी, क्या गजब का माल है तु, बडी मेहनत की है बेचारे रघु ने तब तुझ जैसा माल पैदा कर पाया

अब चौकने की बारी रबड़ी की थी क्योकि उसके बाप का नाम तो गोली था रघु तो गांव के दुकानदार का नाम है

काका गलत बोल गये मेरे बाप का नाम गोली है

कुत्तिया तेरा बाप कलुटा तेरी माँ सांवली तो तु इतनी गोरी कैसे

सच आज तक रबड़ी ने इस ओर कभी सोचा नही

बचपन से तेरा बाप गांडू है बचपन से तेरे बाप की गांड हम मारते आये है फिर स्कूल मे हो या गांव मे, उसके लंड मे इतनी ताकत नही जो तेरे जैसा दमदार माल पैदा कर सके, शादी के बाद तेरी माँ यह बात समझ गई और रघु बनिया से फॅस गई यह बात पुरा गॉव जानता है तु उसकी ही पैदाइश है तभी तो तुझे हराम की जनी कहा बोल सही बोला, तु हराम की जनी है कि नही

रबड़ी जी काका तुम सही कहते हो मै हरामी की जनी हूँ
 
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नई दुल्हन

काका की दुल्हन भाग-3

कुत्तिया तेरा बाप कलुटा तेरी माँ सांवली तो तु इतनी गोरी कैसे

सच आज तक रबड़ी ने इस ओर कभी सोचा नही

छोटपन से तेरा बाप गांडू है छोटपन से तेरे बाप की गांड हम मारते आये है फिर स्कूल मे हो या गांव मे, उसके लंड मे इतनी ताकत नही जो तेरे जैसा दमदार माल पैदा कर सके, शादी के बाद तेरी माँ यह बात समझ गई और रघु बनिया से फॅस गई यह बात पुरा गॉव जानता है तु उसकी ही पैदाइश है तभी तो तुझे हराम की जनी कहा बोल सही बोला, तु हराम की जनी है कि नही

रबड़ी जी काका तुम सही कहते हो मै हरामी की जनी हूँ


अब आगे


रबड़ी मस्त होकर लंड चाटे जा रही थी तो काका के दोनों हाथ रबड़ी के नंगे चुतड़ो को मसलने मे मगन थे, काका ने शायद ही इतने गोरे चिकने कमसीन चुतड़े देखे हो उसने शायद ही कल्पना की हो मगर आज उसे खजाना जैसे हाथ लग गया था उधर रबड़ी की हालत भी काबू से बाहर हो रही थी उसकी कसी बुर और तंग गांड भी जान गई थी की उन्हे आज फटना है इसलिये लार बहाना चालू कर दिया था रबड़ी की बुर ने
काका अब तेजी से उसके मुँह में धक्का मार रहे थे उनका लंड आधे से ज्यादा रबड़ी के हलक मे उतर कर बाहर निकलता और फिर उसी तेजी से अंदर चला जाता, रबड़ी ने अपने एक हाथ से लंड पकड़े तो दूसरे हाथ काका के अंडकोषो को सहला रही थी जो काका मे और जोश भर रहे थे तभी काका ने रबड़ी को जमीन पर लिटाते हुये 69 पोजीशन मे आ गये वो नीच लेटी रबड़ी के मुंह मे जबरदस्ती पुरा लंड घुसा के अंदर बाहर कर रहे थे जब काका का लंड रबड़ी के हलक मे फँस जाता तो रबड़ी की साँसे रुक सी जाती और काका जब लंड बाहर निकालते तब जाकर रबड़ी सांस ले पाती, तभी काका ने रबड़ी की जाँघे खोल उंगली से बुर फैलाई को उस बुर की खुबसुरती वा महक से जैसे मदहोश हो गये
बिना बालो की चिकनी कसी कुवारी बुर की सुंदरता गजब ढा रही थी ऊपर से उसकी महक ने मदहोश कर दिया और किसी चटोरे भूखे कुत्ते की तरह काका टूट पडे उसे चाटने, काका बुर की घुंडी को किसी बच्चे के स्तनपान की भाँति चुस रहे थे, जैसे कोई मासूम अपनी माॅ का दूध पी रहा हो, रबड़ी इस अकसमात् पाहर को सह ना पाई और बोल पडी

आह काका यह क्या कर रहे हो छोड़ा ना गुदगुदी हो रही है हाये काका अब छोड़ भी दो

मगर काका ने रबड़ी की कमर कस के थाम रखी थी और अपना बुर चुसना जारी रखा वो और तेज तेज चुसकी मार के उसको चुसने लगे रबडी के मुॅह से सिसकियो की आवाज आने लगे

हाये सी.… सीईई ई...... आह आह..... काका.... हाये राजा छोड दे आह हाये ... सीईई ई.....

रबड़ी अपने चुतड पटकने लगी, उसने भी काका का काला नाग अपने मुँह मे रख तेजी से चुभलाने लगी,

सच बड़ी मस्त है तेरी बुर रबड़ी जैसा तेरा नाम है वैसी ही तेरी बुर, खा जाने को मन करता है

हॅसते हुये रबड़ी बोली काका रोका किसने है थाली तो सामने पड़ी है तेरी मरजी जितना खा

सच तु अपनी माँ से बड़ी रंडी बनेगी इस गांव मे

हाये काका मै तेरी तो रंडी बन ही गई हूँ हाये ... सीईई.... हाये और चाट काका हाये मार डाला काका ... उई माॅ हाये काका काट मत दर्द होता है हाये चाट काका जोर से चाट, अपनी रंडी की बुर चाट काका चाट, खा जाये इस कुत्तिया बुर बहुत परेशान करती है काका, यह करमजली बुर मुझे रंडी ही बनायेगी काका, सब मर्दो को देख कर यह लार बहाती है, चाट काका सुखा दे इसे पी जा इसका सारा पानी,

तभी रबड़ी की बुर ने लावा बहा दिया जिसे काका बड़े चाव से चाट चाट कर साफ कर रहे थे तो रबड़ी कमर उठा उठा के अपनी बुर चटवा रही थी
 
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नई दुल्हन

काका की दुल्हन भाग-4

सच तु अपनी माँ से बड़ी रंडी बनेगी इस गांव मे

हाये काका मै तेरी तो रंडी बन ही गई हूँ हाये ... सीईई.... हाये और चाट काका हाये मार डाला काका ... उई माॅ हाये काका काट मत दर्द होता है हाये चाट काका जोर से चाट, अपनी रंडी की बुर चाट काका चाट, खा जाये इस कुत्तिया बुर बहुत परेशान करती है काका, यह करमजली बुर मुझे रंडी ही बनायेगी काका, सब मर्दो को देख कर यह लार बहाती है, चाट काका सुखा दे इसे पी जा इसका सारा पानी,

तभी रबड़ी की बुर ने लावा बहा दिया जिसे काका बड़े चाव से चाट चाट कर साफ कर रहे थे तो रबड़ी कमर उठा उठा के अपनी बुर चटवा रही थी


अब आगे


सच कह रहा हूँ रबड़ी जैसो तेरो नाम है वैसा तेरी बुर का पानी

रबड़ी दोनो टाँगों को और फैलाते हुये हाये काका तो इस रबडी की रबड़ी चाट जाओ बडा मस्त लग रहा है

नमकीन मूत के बाद यह मस्त रबड़ी आज सुबह कौनो अच्छे का मुॅह देखी रहनी

हाये काका चाटो अपनी इस कुत्तिया की बुर बहुत गर्मायी रहती है, स्कूल मे तौहरा बेटा पीछे लाग रहता है मगर बुर का माल बाप चाट रहा है हाये काका क्या मस्त चाटते हो

कौनो बात नाही उस बेचारे को भी चटा देना, बेचारे का नसीब खुल जायेगा येसा मस्त रबड़ी चाट, बोल उसे भी चाटने देगी

हाये काका उसे भी चटा दूँगी, हाय सीईई काटो मत काका हाये सीईई आsssss ईईईsssss हाये काका अबकी स्कूल मे उसे टाँगे खोल मूत चुत दोनों चटा दूँगी

तभी काका पलट गये और उसकी कमीज के बटन खोल दिये सामने दो छोटे छोटे स्तन उभरे दिखाई दे रहे थे गोरे रंग की दुधिया कटोरी पर किसी ने काले अंगूर रख दिये हो इस उम्र मे इससे बडे की कल्पना भी नही की जा सकती काका ने एक हाथ से एक स्तन को मिजते हुये एक स्तन की घुंडी मुॅह मे डाल चुभलाने लगे

हाये काका बुर चाटो इसे नही आहा आहा अरे छोड़ो काका मुझे गुदगुदी लग रही है

काका का काला विकराल लिगं रबड़ी के बुर की दरारो मे रगड़ मार रहा था काका होशियारी से एक एक कदम उठा रहे थे वो जानते थे नई बछिया को कैसे दुहा जाता है थोड़ी सी भी जल्दबाजी मे बछिया बिदग सकती है काका बुर की दरारो पर अपना लिग रगड़े जा रहे थे इस हालत मे वो अपने चुतड़ों को थोड़ा उठा देते जिससे लंड बुर की घुंडी पर रगड़ता हुआ दरारों से होता हुआ छेद तक जाये दूसरी तरह वो बदल बदल कर घुंडीयो को मुंह से चुसते वा मीजते जिससे रबड़ी गर्माती जा रही थी

सच तु बहुत प्यारी सुंदर है रबड़ी, चेहरे से लेकर बुर गांड तक तु एवन है, ऐसे ही बहु की तलाश है मुझ, क्या तु मेरे बेटे से ब्याहा (शादी) करेगी,

हाये काका सच, क्या तु मुझे आपनी बहु बानेयेगा, मुझ जैसी हराम की जानी तो तेरी रंडी बनने के लायक है, काका तु कितना अच्छा है मुझे अपने घर की बहु बनायेगा

अरे तेरे जैसा मस्त माल पाकर तो मेरे बेटे का भाग्य खुल जायेगा और मेरा भी, तु नही जानती तेरा यह गोरा रंग मस्त बुर टाईट गांड और हमे कहाँ मिलेगी, अगले पाक तेरे घर आकर मै तेरा हाथ माॅग लूँगा, मगर तेरी बुर गॉड मै रोज हचक कर मारूंगा और सुहागरात के अगले दिन बेटे के सामने तेरी गांड का उदघाटन करूंगा बोल मंजूर है

हाये ससुर जी यह बुर गांड अब तेरी है तु जितना मार मै मना करू तो कहना, आप सुहागरात के दिन मेरी गांड फाड देना देखना आपका बेटा मेरी नंगी गांड थम कर आपसे मेरी गांड फटवायेगा

तभी काका ने ताव मे आकर एक जोरदार धक्का लगाया कि सुपडा रबड़ी की बुर की चिरता हुआ अंदर दाखिल हो गया

रबड़ी इस आचनक हुये वार से चीख पड़ी चीख इतनी जोरदार थी की बाग मे गूँज उठी

तभी काका ने बिना देरी किये दुसरा वार किया इस बार के धक्के ने रबड़ी की संजोयी सील को तोड़ते हुये एक चौथाई लंड बुर मे समा गया

इन आचनक हुये हमलो से रबड़ी का रोवा रोवा खडा हो गया ऑख के सामने जैसे अंधेरा सा छा गया हो वो चिल्लाते हुये बोली
हाय हरामी फाड दी बुर, ठरकी अपनी बहु की बुर चिथरा कर दी, कत्ते छोड, बुर चट्टे छोड दे बहुत मोटा बडा है तेरा, हाथ जोड़ती हूँ फिर मार लेना आज छोड दे

तभी काका ने एक जोरदार धक्का मारा की आधे से जादा लंड बुर मे समा गया

अबकी दर्द से चिल्ला पड़ी रबडी उसने काका के पीठ पर नाखूनो के निसान बना दिये और काका के कंधे पर जोर से काटने लगी, वो किसी चीटे के भाँति चिपट कर काका के कंधे पर जोर से काट रही थी जिससे काका उसे छोड दे

काका दर्द से तिलमिला उठे, दर्द मे काका ने चुतड उठा एक जबरदस्त धक्का लगाया कि लंड बुर से पुरा समा गया

दर्द से रबड़ी चिल्लाई जिससे उसका मुॅह खुल गया इसका फायदा उठा काका ने तेजी से उसका मुँह नीचे कर अपना मुँह उसके मुँह से सटा चुंबन करने लगे उधर काका ने धक्को लगाना चालु कर दिये हर ठाप पर काका के अडकोष रबड़ी के चुतड़ों से टकराते कुछ देर मे ही रबड़ी का दर्द कम होने लगा और नया अहसास उमंगे भरने लगा,,

आ सीईई ऊऊssss आईईssss सीसीईssss हाये ससुरजी मारो अपने बहु की बुर चिथड़ा हो जाये, काका आज अपनी दुल्हन बना लो चोदो इस दुल्हन की बुर

साली क्या मस्त टाईट बुर है इस बुर से पहला बच्चा मेरा ही निकलेगा

हाये ससुर जी हाये हाँ यह बुर पहले तेरा बच्चा ही जनेगी, हाय खुब चोदो ससुर जी, घर मे चोदना बाग मे चोदना अपने बेटे के सामने घोड़ी बना कर चोदना, तेरा बेटा मूत चाटेगा तु इस बुर की रबड़ी चाटना, हाये ससुरजी चोदो क्या मस्त चोदते हो

काका ने धक्को की स्पीड बढा दी अब वो पुरा लंड बाहर निकाल कर झटके मे लंड बुर मे डाल देते तो रबड़ी सिहर जाती

हाये ससुरजी क्या मस्त चोदते है मगर हलके हलके आऊच हाये ससुर जी घोडी नई है सवारी हलके हलके करे

अब घोड़ी मेरी है मै जब चाहूँ जितना चाहूँ सवारी करू मै चाहू जिसको इसकी सवारी कराऊ

हाये ससुर जी वो तो है अब घोड़ी अपकी है जितना सवारी करे करवाये जिसको चाहे इस घोड़ी पर चढ़वाये यह घोड़ी बिदकेगी नही सबको चढ़वायेगी ससुरजी

और सुन रघु भले तेरा सगा बाप हो मगर मेरा जिगरी दोस्त है उसके सामने नखरे ना करना पहले ही बता देत हूँ

हाये ससुरजी आप चाहोगे तो मेरा सगा बाप भी इस बुर को चोदेगा, आप जहाँ चाहोगे उसके सामने यह बुर खुल जायेगी ससुरजी

तभी काका ने स्पीड बढा दी रबड़ी भी चुतड़ पटकने लगी तभी रबड़ी ने पैरो हाथ से काका के कस कर पकड़ लिया उसकी बुर ने पानी छोड़ दिया मगर काका की स्पीड जारी रही


हाये काका हाये ससुरजी चोद लो इस रांड को हाय ससुरजी अपना बच्चा दे दो, इस बुर मे अपना बीज वो दो, एक और हराम की जनी पैदा कर दो इस बुर से

तभी काका ने भी अपना वीर्य उतार दिया रबड़ी की बुर वीर्य से भर गई और वीर्य बुर से निकलता हुआ इसके गाड की ओर बहने लगा जैसे उसमे भी भर जाना चहाता हो
 

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