नई दुल्हन
काका की दुल्हन भाग-4
सच तु अपनी माँ से बड़ी रंडी बनेगी इस गांव मे
हाये काका मै तेरी तो रंडी बन ही गई हूँ हाये ... सीईई.... हाये और चाट काका हाये मार डाला काका ... उई माॅ हाये काका काट मत दर्द होता है हाये चाट काका जोर से चाट, अपनी रंडी की बुर चाट काका चाट, खा जाये इस कुत्तिया बुर बहुत परेशान करती है काका, यह करमजली बुर मुझे रंडी ही बनायेगी काका, सब मर्दो को देख कर यह लार बहाती है, चाट काका सुखा दे इसे पी जा इसका सारा पानी,
तभी रबड़ी की बुर ने लावा बहा दिया जिसे काका बड़े चाव से चाट चाट कर साफ कर रहे थे तो रबड़ी कमर उठा उठा के अपनी बुर चटवा रही थी
अब आगे
सच कह रहा हूँ रबड़ी जैसो तेरो नाम है वैसा तेरी बुर का पानी
रबड़ी दोनो टाँगों को और फैलाते हुये हाये काका तो इस रबडी की रबड़ी चाट जाओ बडा मस्त लग रहा है
नमकीन मूत के बाद यह मस्त रबड़ी आज सुबह कौनो अच्छे का मुॅह देखी रहनी
हाये काका चाटो अपनी इस कुत्तिया की बुर बहुत गर्मायी रहती है, स्कूल मे तौहरा बेटा पीछे लाग रहता है मगर बुर का माल बाप चाट रहा है हाये काका क्या मस्त चाटते हो
कौनो बात नाही उस बेचारे को भी चटा देना, बेचारे का नसीब खुल जायेगा येसा मस्त रबड़ी चाट, बोल उसे भी चाटने देगी
हाये काका उसे भी चटा दूँगी, हाय सीईई काटो मत काका हाये सीईई आsssss ईईईsssss हाये काका अबकी स्कूल मे उसे टाँगे खोल मूत चुत दोनों चटा दूँगी
तभी काका पलट गये और उसकी कमीज के बटन खोल दिये सामने दो छोटे छोटे स्तन उभरे दिखाई दे रहे थे गोरे रंग की दुधिया कटोरी पर किसी ने काले अंगूर रख दिये हो इस उम्र मे इससे बडे की कल्पना भी नही की जा सकती काका ने एक हाथ से एक स्तन को मिजते हुये एक स्तन की घुंडी मुॅह मे डाल चुभलाने लगे
हाये काका बुर चाटो इसे नही आहा आहा अरे छोड़ो काका मुझे गुदगुदी लग रही है
काका का काला विकराल लिगं रबड़ी के बुर की दरारो मे रगड़ मार रहा था काका होशियारी से एक एक कदम उठा रहे थे वो जानते थे नई बछिया को कैसे दुहा जाता है थोड़ी सी भी जल्दबाजी मे बछिया बिदग सकती है काका बुर की दरारो पर अपना लिग रगड़े जा रहे थे इस हालत मे वो अपने चुतड़ों को थोड़ा उठा देते जिससे लंड बुर की घुंडी पर रगड़ता हुआ दरारों से होता हुआ छेद तक जाये दूसरी तरह वो बदल बदल कर घुंडीयो को मुंह से चुसते वा मीजते जिससे रबड़ी गर्माती जा रही थी
सच तु बहुत प्यारी सुंदर है रबड़ी, चेहरे से लेकर बुर गांड तक तु एवन है, ऐसे ही बहु की तलाश है मुझ, क्या तु मेरे बेटे से ब्याहा (शादी) करेगी,
हाये काका सच, क्या तु मुझे आपनी बहु बानेयेगा, मुझ जैसी हराम की जानी तो तेरी रंडी बनने के लायक है, काका तु कितना अच्छा है मुझे अपने घर की बहु बनायेगा
अरे तेरे जैसा मस्त माल पाकर तो मेरे बेटे का भाग्य खुल जायेगा और मेरा भी, तु नही जानती तेरा यह गोरा रंग मस्त बुर टाईट गांड और हमे कहाँ मिलेगी, अगले पाक तेरे घर आकर मै तेरा हाथ माॅग लूँगा, मगर तेरी बुर गॉड मै रोज हचक कर मारूंगा और सुहागरात के अगले दिन बेटे के सामने तेरी गांड का उदघाटन करूंगा बोल मंजूर है
हाये ससुर जी यह बुर गांड अब तेरी है तु जितना मार मै मना करू तो कहना, आप सुहागरात के दिन मेरी गांड फाड देना देखना आपका बेटा मेरी नंगी गांड थम कर आपसे मेरी गांड फटवायेगा
तभी काका ने ताव मे आकर एक जोरदार धक्का लगाया कि सुपडा रबड़ी की बुर की चिरता हुआ अंदर दाखिल हो गया
रबड़ी इस आचनक हुये वार से चीख पड़ी चीख इतनी जोरदार थी की बाग मे गूँज उठी
तभी काका ने बिना देरी किये दुसरा वार किया इस बार के धक्के ने रबड़ी की संजोयी सील को तोड़ते हुये एक चौथाई लंड बुर मे समा गया
इन आचनक हुये हमलो से रबड़ी का रोवा रोवा खडा हो गया ऑख के सामने जैसे अंधेरा सा छा गया हो वो चिल्लाते हुये बोली
हाय हरामी फाड दी बुर, ठरकी अपनी बहु की बुर चिथरा कर दी, कत्ते छोड, बुर चट्टे छोड दे बहुत मोटा बडा है तेरा, हाथ जोड़ती हूँ फिर मार लेना आज छोड दे
तभी काका ने एक जोरदार धक्का मारा की आधे से जादा लंड बुर मे समा गया
अबकी दर्द से चिल्ला पड़ी रबडी उसने काका के पीठ पर नाखूनो के निसान बना दिये और काका के कंधे पर जोर से काटने लगी, वो किसी चीटे के भाँति चिपट कर काका के कंधे पर जोर से काट रही थी जिससे काका उसे छोड दे
काका दर्द से तिलमिला उठे, दर्द मे काका ने चुतड उठा एक जबरदस्त धक्का लगाया कि लंड बुर से पुरा समा गया
दर्द से रबड़ी चिल्लाई जिससे उसका मुॅह खुल गया इसका फायदा उठा काका ने तेजी से उसका मुँह नीचे कर अपना मुँह उसके मुँह से सटा चुंबन करने लगे उधर काका ने धक्को लगाना चालु कर दिये हर ठाप पर काका के अडकोष रबड़ी के चुतड़ों से टकराते कुछ देर मे ही रबड़ी का दर्द कम होने लगा और नया अहसास उमंगे भरने लगा,,
आ सीईई ऊऊssss आईईssss सीसीईssss हाये ससुरजी मारो अपने बहु की बुर चिथड़ा हो जाये, काका आज अपनी दुल्हन बना लो चोदो इस दुल्हन की बुर
साली क्या मस्त टाईट बुर है इस बुर से पहला बच्चा मेरा ही निकलेगा
हाये ससुर जी हाये हाँ यह बुर पहले तेरा बच्चा ही जनेगी, हाय खुब चोदो ससुर जी, घर मे चोदना बाग मे चोदना अपने बेटे के सामने घोड़ी बना कर चोदना, तेरा बेटा मूत चाटेगा तु इस बुर की रबड़ी चाटना, हाये ससुरजी चोदो क्या मस्त चोदते हो
काका ने धक्को की स्पीड बढा दी अब वो पुरा लंड बाहर निकाल कर झटके मे लंड बुर मे डाल देते तो रबड़ी सिहर जाती
हाये ससुरजी क्या मस्त चोदते है मगर हलके हलके आऊच हाये ससुर जी घोडी नई है सवारी हलके हलके करे
अब घोड़ी मेरी है मै जब चाहूँ जितना चाहूँ सवारी करू मै चाहू जिसको इसकी सवारी कराऊ
हाये ससुर जी वो तो है अब घोड़ी अपकी है जितना सवारी करे करवाये जिसको चाहे इस घोड़ी पर चढ़वाये यह घोड़ी बिदकेगी नही सबको चढ़वायेगी ससुरजी
और सुन रघु भले तेरा सगा बाप हो मगर मेरा जिगरी दोस्त है उसके सामने नखरे ना करना पहले ही बता देत हूँ
हाये ससुरजी आप चाहोगे तो मेरा सगा बाप भी इस बुर को चोदेगा, आप जहाँ चाहोगे उसके सामने यह बुर खुल जायेगी ससुरजी
तभी काका ने स्पीड बढा दी रबड़ी भी चुतड़ पटकने लगी तभी रबड़ी ने पैरो हाथ से काका के कस कर पकड़ लिया उसकी बुर ने पानी छोड़ दिया मगर काका की स्पीड जारी रही
हाये काका हाये ससुरजी चोद लो इस रांड को हाय ससुरजी अपना बच्चा दे दो, इस बुर मे अपना बीज वो दो, एक और हराम की जनी पैदा कर दो इस बुर से
तभी काका ने भी अपना वीर्य उतार दिया रबड़ी की बुर वीर्य से भर गई और वीर्य बुर से निकलता हुआ इसके गाड की ओर बहने लगा जैसे उसमे भी भर जाना चहाता हो