खुद-ब-खुद नींद-सी आंखों में घुली जाती है, महकी-महकी है शब-ए-गम तेरे बालों की तरह।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,243 145 Staff Member Jul 15, 2021 #181 खुद-ब-खुद नींद-सी आंखों में घुली जाती है, महकी-महकी है शब-ए-गम तेरे बालों की तरह।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,243 145 Staff Member Jul 15, 2021 #182 खुद-ब-खुद नींद-सी आंखों में घुली जाती है, महकी-महकी है शब-ए-गम तेरे बालों की तरह।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,243 145 Staff Member Jul 15, 2021 #183 तेरे बिन, रात के हाथों पे ये तारों के अयाग, खूबसूरत हैं मगर जहर के प्यालों की तरह।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,243 145 Staff Member Jul 15, 2021 #184 और क्या उसमें जियादा कोई नर्मी बरतूं, दिल के जख्मों को छुआ है तेरे गालों की तरह।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,243 145 Staff Member Jul 15, 2021 #185 गुनगुनाते हुए और आ कभी उन सीनों में, तेरी खातिर जो महकते हैं शिवालों की तरह।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,243 145 Staff Member Jul 15, 2021 #186 तेरी ज़ुल्फ़ें तिरी आँखें तिरे अबरू तिरे लब, अब भी मशहूर हैं दुनिया में मिसालों की तरह।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,243 145 Staff Member Jul 15, 2021 #187 हम से मायूस न हो ऐ शब-ए-दौराँ कि अभी, दिल में कुछ दर्द चमकते हैं उजालों की तरह।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,243 145 Staff Member Jul 15, 2021 #188 मुझसे नजरे तो मिलाओ कि हजारों चेहरे, मेरी आंखों में सुलगते हैं सवालों की तरह।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,243 145 Staff Member Jul 15, 2021 #189 और तो मुझ को मिला क्या मिरी मेहनत का सिला, चंद सिक्के हैं मिरे हाथ में छालों की तरह।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,243 145 Staff Member Jul 15, 2021 #190 जुस्तजू ने किसी मंजिल पे ठहरने न दिया, हम भटकते रहें आवारा ख्यालों की तरह।।