बेबसी तेरी इनायत है कि हम भी आजकल अपने आँसू अपने दामन पर बहाने लग गये
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,232 145 Staff Member Jul 17, 2021 #311 बेबसी तेरी इनायत है कि हम भी आजकल अपने आँसू अपने दामन पर बहाने लग गये
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,232 145 Staff Member Jul 17, 2021 #312 उँगलियाँ थामे हुए बच्चे चले इस्कूल को सुबह होते ही परिन्दे चहचहाने लग गये
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,232 145 Staff Member Jul 17, 2021 #313 कर्फ़्यू में और क्या करते मदद एक लाश की, बस अगरबती की सूरत हम सिरहाने लग गये।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,232 145 Staff Member Jul 17, 2021 #314 इन्तेज़मात नये सिरे से सम्भाले जायें। जितने कमज़र्फ़ हैं महफ़िल से निकाले जायें।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,232 145 Staff Member Jul 17, 2021 #315 मेरा घर आग की लपटों में छुपा है लेकिन, जब मज़ा है तेरे आँगन में उजाले जायें।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,232 145 Staff Member Jul 17, 2021 #316 ग़म सलामत है तो पीते ही रहेंगे लेकिन, पहले मैख़ाने की हालत सम्भाले जायें।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,232 145 Staff Member Jul 17, 2021 #317 ख़ाली वक़्तों में कहीं बैठ के रोलें यारो, फ़ुर्सतें हैं तो समन्दर ही खगांले जायें।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,232 145 Staff Member Jul 17, 2021 #318 ख़ाक में यूँ न मिला ज़ब्त की तौहीन न कर, ये वो आँसू हैं जो दुनिया को बहा ले जायें।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,232 145 Staff Member Jul 17, 2021 #319 हम भी प्यासे हैं ये एहसास तो हो साक़ी को, ख़ाली शीशे ही हवाओं में उछाले जायें।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,232 145 Staff Member Jul 17, 2021 #320 आओ शहर में नये दोस्त बनायें "राहत" आस्तीनों में चलो साँप ही पाले जायें।।