शिद्दत-ए-ग़म में भी ज़िंदा हूँ तो हैरत कैसी, कुछ दिए तुंद हवाओं से भी लड़ जाते हैं।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,241 145 Staff Member Jul 13, 2021 #31 शिद्दत-ए-ग़म में भी ज़िंदा हूँ तो हैरत कैसी, कुछ दिए तुंद हवाओं से भी लड़ जाते हैं।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,241 145 Staff Member Jul 13, 2021 #32 वो भी क्या लोग हैं 'मोहसिन' जो वफ़ा की ख़ातिर, ख़ुद-तराशीदा उसूलों पे भी अड़ जाते हैं।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,241 145 Staff Member Jul 13, 2021 #33 वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगा। मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,241 145 Staff Member Jul 13, 2021 #34 हम तो समझे थे कि इक ज़ख़्म है भर जाएगा, क्या ख़बर थी कि रग-ए-जाँ में उतर जाएगा।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,241 145 Staff Member Jul 13, 2021 #35 वो हवाओं की तरह ख़ाना-ब-जाँ फिरता है, एक झोंका है जो आएगा गुज़र जाएगा।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,241 145 Staff Member Jul 13, 2021 #36 वो जब आएगा तो फिर उस की रिफ़ाक़त के लिए, मौसम-ए-गुल मिरे आँगन में ठहर जाएगा।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,241 145 Staff Member Jul 13, 2021 #37 मुझ को तहज़ीब के बर्ज़ख़ का बनाया वारिस, जुर्म ये भी मिरे अज्दाद के सर जाएगा।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,241 145 Staff Member Jul 13, 2021 #38 उसी तरह से हर इक ज़ख़्म खुशनुमा देखे। वो आये तो मुझे अब भी हरा-भरा देखे।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,241 145 Staff Member Jul 13, 2021 #39 गुज़र गए हैं बहुत दिन रिफ़ाक़ते-शब में, इक उम्र हो गई चेहरा वो चाँद-सा देखे।।
XP 007 ADMIN :D Senior Moderator 12,182 10,241 145 Staff Member Jul 13, 2021 #40 मेरे सुकूत से जिसको गिले रहे क्या-क्या, बिछड़ते वक़्त उन आंखों का बोलना देखे।।