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अपडेट—27
तृप्ति कमरे से बाहर निकल जाती है। लेकिन अविनाश के कान में कहती हुई जाती हैं आज रात तुम्हारी सुहागरात हैं और आज रात दीप्ति के पूर्व पति जीवन पर भी भारी पडने वाली है। मैं उसे उसकी औकात याद करा दूंगी।
तृप्ति के जाते ही अविनाश दीप्ति के पास आता है तो दीप्ति खडी हो जाती है। दीप्ति अविनाश के पैर छूती है लेकिन अविनाश उसे बीच में रोकते हुए कहता है कि उसकी जगह पैरों में नहीं बल्कि दिल में हैं। अविनाश दीप्ति के चेहरे से घूंघट हटाता है और फिर उसे पंलग पर बैठा देता है।
फिर अपनी जेब से एक गोल्ड की अंगूठी निकलता है। और दीप्ति की उंगूली में पहना देता है और दीप्ति केे हाथों के लेकर चूम लेता है तभी उसकी नजर दीप्ति के हाथों पर रची मेहंदी और उसमें लिखे अपने नाम पर जाती है तो वो दीप्ति के हाथ फिर से चूम लेता है दीप्ति भी समझ जाती है और वो शरमा कर अपनी नजरें झुका लेती है। दीप्ति अब मन से अविनाश को अपना पति मान चुकी थी। अविनाश एक बार फिर से दीप्ति के चेहरे को अपने हाथों से पकडकर उठाता है और हल्की सी किस उसके होठों पर लेते हुए कहता है कि मेरी आंखों में देखो जान।
दीप्ति अविनाश की आंखों में देखते हुए शरमाने लगती है लेकिन इस बार वो अपना चेहरा नीचे नहीं करती। अविनाश अपनी बाहें दीप्ति के गले में डाल देता है और कहता है कि क्या तुम मुझे प्यार नहीं करती। तुम अभी भी दूर दूर भाग रहीं हैं। अविनाश की बात सुनकर दीप्ति भी अपनी बाहें उसके गले में डाल देती है और कहती है कौन कहता है कि मैं आपसे प्यार नहीं करती। लेकिन दीप्ति के मन में अभी भी घबराहट थी। अविनाश दीप्ति को देखकर मुस्कुराता है तो दीप्ति भी मुस्कुराने लगती हैं।
फिर अविनाश दीप्ति से पूछता है जान थक तो नहीं गई। तृप्ति बता रही थी कि तुम रात को भी सो नहीं पाई हो। यदि ऐसी बात हैं तो हम लोग सुहागरात आज की जगह कल मना लेंगे। क्योंकि मेरे लिए तुम सबसे ज्यादा जरूरी हो सुहागरात तो हम रोज ही मना सकते हैं। अविनाश की बात सुनकर दीप्ति कहती हैं।
दीप्ति : नहीं सुबह तीन घंटे सो ली थी। इसलिए अभी इतनी जल्दी नहीं हैं सोने की। लेकिन अपनेआज दिन भर भागदोड की है यदि आपको थकान हो तो बता दें।
अविनाश : जब तेरी जैसी खूबसूरत बीबी सुहगरात पर मेरी बाहों में हो तो थकान कहां होगी। तेरा चेहरा देखते ही सारी थमान दूर हो गई है। और ये कहते हुए अविनाश दीप्ति को आंख मार देता है। जिससे दीप्ति शरमा जाती है।
दीप्ति : आप भी ना कुछ भी कहते हैं। और दीप्ति अविनाश की आंखों में देखने लगती है। जहां आज उसे अपने लिए सिर्फ प्यार ही दिखाई दे रहा था। अविनाश दीप्ति के सिर के पीछे हाथ रखता है और उसे अपनी ओर खींचता है दीप्ति इसके लिए पहले से ही तैयार थी और वो अविनाश के और करीब हो जाती है अब दोनों के चेहरे एक दूसरे के सामने थे। अविनाश अपने होठा दीप्ति के होठों पर रख देता है और उसे चूसने लगता है थोडी ही देर में दीप्ति भी अविनाश के होठ चूसते हुए उसका पूरा साथ देने लगती हैं।
अविनाश अपनी जभी दीप्ति के मुंह में डाल देता है जिसका स्वागत दीप्ति करती हैं और अपनी जीभ अविनाश की जीभ को चाटने लगती है दोनों के मुंह की लार एक दूसरे के मुंह में जाने लगती हैं। पांच मिनिट तक दोनों किसिंगकरते रहते हैं। जब उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती हैं तो वो वो किस तोडते हैं।
अविनाश : जान तू तो बहुत जबरदस्त किसर हैं आज तक ऐसी किसी मेरी किसी ने नहीं ली।
दीप्ति : पहले शरमाती है और फिर अविनाश को चिढाने के अंदाज में कहती है अब से पहले कितने लोगों ने ली है इस तरह की किस।
अविनाश : दो लोगों ने तुम तीसरी हो। पहली तुम्हारी बेटी और मेरी होने वाली पत्नी अनुष्का, दूसरी तुम्हारी बहू और मेरी होने वाली रखैल तृप्ति और तीसरे मेरी बीबी और मेरी होने वाली सास दीप्ति मेरी जान की।
अविनाश की बात सुनकर दीप्ति शरमा जाती है और अविनाश से पूछती है कि पहले ये बताइए आप अनुष्का से शादी कब करेंगे।
अविनाश : यहां से जाते ही सबसे पहले मैं अनुष्का से कोर्ट में शादी करूंगा ताकि आप लोगों को भी भरोसा हो कि मैं झूठ नहीं बोल रहा।
दीप्ति : आपसे ये किसने कहन कि आप झूठ बोल रहें। एक बात पूछनी थी कि अनुष्का से शादी के बाद आप मुझे अपनी पत्नी बनाकर रखेंगे या फिर सास
अविनाश : जाहिर सी बात है तुम मेरी सास होगी।
अविनाश की बात सुनकर दीप्ति का चेहरा उतर जाता है। तो अविनाश उसके चेहरे को उपर उठता है और देखता है कि दीप्ति की आंखों में नमी आ गई थी। जिसे देख अविनाश कहता है दुनिया की नजर में तो तू मेरी सांस ही होगी। लेकिन जब घर के अंदर होगी तो तू मेरी बीबी होगी। और रात को मेरी ये सास मुझे अपने विस्तर पर चाहिए वो भी नंगी। क्योंक अपनी बीबी को चोदे बिना मैं भले ही रह सकता हूं लेकिन अपनी सास को चोदे बिना तो मैं एक भी दिन रहूंगा नहीं। और वैसे भी मेरी सास होगी तो मेरी बीबी ही। अब ये उसके उपर है सभी के सामने उसे खुद को मेरी बीबी बताना है तो ये फैसला भी में मान लूंगा।
अविनाश की बातें सुनकर दीप्ति का चेहरा एक बार फिर खिल उठता है लेकिन वो कहती है कितनी गंदी बातें करते हैं आप। और आप मुझे सिऊर् घरवालों के सामने अपनी बीबी माने मैं बस ये ही चाहती हूं।
अविनाश : ये तो पूरे घर वालों को पता है इसे बताने की क्या जरूरत है।
तृप्ति कमरे से बाहर निकल जाती है। लेकिन अविनाश के कान में कहती हुई जाती हैं आज रात तुम्हारी सुहागरात हैं और आज रात दीप्ति के पूर्व पति जीवन पर भी भारी पडने वाली है। मैं उसे उसकी औकात याद करा दूंगी।
तृप्ति के जाते ही अविनाश दीप्ति के पास आता है तो दीप्ति खडी हो जाती है। दीप्ति अविनाश के पैर छूती है लेकिन अविनाश उसे बीच में रोकते हुए कहता है कि उसकी जगह पैरों में नहीं बल्कि दिल में हैं। अविनाश दीप्ति के चेहरे से घूंघट हटाता है और फिर उसे पंलग पर बैठा देता है।
फिर अपनी जेब से एक गोल्ड की अंगूठी निकलता है। और दीप्ति की उंगूली में पहना देता है और दीप्ति केे हाथों के लेकर चूम लेता है तभी उसकी नजर दीप्ति के हाथों पर रची मेहंदी और उसमें लिखे अपने नाम पर जाती है तो वो दीप्ति के हाथ फिर से चूम लेता है दीप्ति भी समझ जाती है और वो शरमा कर अपनी नजरें झुका लेती है। दीप्ति अब मन से अविनाश को अपना पति मान चुकी थी। अविनाश एक बार फिर से दीप्ति के चेहरे को अपने हाथों से पकडकर उठाता है और हल्की सी किस उसके होठों पर लेते हुए कहता है कि मेरी आंखों में देखो जान।
दीप्ति अविनाश की आंखों में देखते हुए शरमाने लगती है लेकिन इस बार वो अपना चेहरा नीचे नहीं करती। अविनाश अपनी बाहें दीप्ति के गले में डाल देता है और कहता है कि क्या तुम मुझे प्यार नहीं करती। तुम अभी भी दूर दूर भाग रहीं हैं। अविनाश की बात सुनकर दीप्ति भी अपनी बाहें उसके गले में डाल देती है और कहती है कौन कहता है कि मैं आपसे प्यार नहीं करती। लेकिन दीप्ति के मन में अभी भी घबराहट थी। अविनाश दीप्ति को देखकर मुस्कुराता है तो दीप्ति भी मुस्कुराने लगती हैं।
फिर अविनाश दीप्ति से पूछता है जान थक तो नहीं गई। तृप्ति बता रही थी कि तुम रात को भी सो नहीं पाई हो। यदि ऐसी बात हैं तो हम लोग सुहागरात आज की जगह कल मना लेंगे। क्योंकि मेरे लिए तुम सबसे ज्यादा जरूरी हो सुहागरात तो हम रोज ही मना सकते हैं। अविनाश की बात सुनकर दीप्ति कहती हैं।
दीप्ति : नहीं सुबह तीन घंटे सो ली थी। इसलिए अभी इतनी जल्दी नहीं हैं सोने की। लेकिन अपनेआज दिन भर भागदोड की है यदि आपको थकान हो तो बता दें।
अविनाश : जब तेरी जैसी खूबसूरत बीबी सुहगरात पर मेरी बाहों में हो तो थकान कहां होगी। तेरा चेहरा देखते ही सारी थमान दूर हो गई है। और ये कहते हुए अविनाश दीप्ति को आंख मार देता है। जिससे दीप्ति शरमा जाती है।
दीप्ति : आप भी ना कुछ भी कहते हैं। और दीप्ति अविनाश की आंखों में देखने लगती है। जहां आज उसे अपने लिए सिर्फ प्यार ही दिखाई दे रहा था। अविनाश दीप्ति के सिर के पीछे हाथ रखता है और उसे अपनी ओर खींचता है दीप्ति इसके लिए पहले से ही तैयार थी और वो अविनाश के और करीब हो जाती है अब दोनों के चेहरे एक दूसरे के सामने थे। अविनाश अपने होठा दीप्ति के होठों पर रख देता है और उसे चूसने लगता है थोडी ही देर में दीप्ति भी अविनाश के होठ चूसते हुए उसका पूरा साथ देने लगती हैं।
अविनाश अपनी जभी दीप्ति के मुंह में डाल देता है जिसका स्वागत दीप्ति करती हैं और अपनी जीभ अविनाश की जीभ को चाटने लगती है दोनों के मुंह की लार एक दूसरे के मुंह में जाने लगती हैं। पांच मिनिट तक दोनों किसिंगकरते रहते हैं। जब उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगती हैं तो वो वो किस तोडते हैं।
अविनाश : जान तू तो बहुत जबरदस्त किसर हैं आज तक ऐसी किसी मेरी किसी ने नहीं ली।
दीप्ति : पहले शरमाती है और फिर अविनाश को चिढाने के अंदाज में कहती है अब से पहले कितने लोगों ने ली है इस तरह की किस।
अविनाश : दो लोगों ने तुम तीसरी हो। पहली तुम्हारी बेटी और मेरी होने वाली पत्नी अनुष्का, दूसरी तुम्हारी बहू और मेरी होने वाली रखैल तृप्ति और तीसरे मेरी बीबी और मेरी होने वाली सास दीप्ति मेरी जान की।
अविनाश की बात सुनकर दीप्ति शरमा जाती है और अविनाश से पूछती है कि पहले ये बताइए आप अनुष्का से शादी कब करेंगे।
अविनाश : यहां से जाते ही सबसे पहले मैं अनुष्का से कोर्ट में शादी करूंगा ताकि आप लोगों को भी भरोसा हो कि मैं झूठ नहीं बोल रहा।
दीप्ति : आपसे ये किसने कहन कि आप झूठ बोल रहें। एक बात पूछनी थी कि अनुष्का से शादी के बाद आप मुझे अपनी पत्नी बनाकर रखेंगे या फिर सास
अविनाश : जाहिर सी बात है तुम मेरी सास होगी।
अविनाश की बात सुनकर दीप्ति का चेहरा उतर जाता है। तो अविनाश उसके चेहरे को उपर उठता है और देखता है कि दीप्ति की आंखों में नमी आ गई थी। जिसे देख अविनाश कहता है दुनिया की नजर में तो तू मेरी सांस ही होगी। लेकिन जब घर के अंदर होगी तो तू मेरी बीबी होगी। और रात को मेरी ये सास मुझे अपने विस्तर पर चाहिए वो भी नंगी। क्योंक अपनी बीबी को चोदे बिना मैं भले ही रह सकता हूं लेकिन अपनी सास को चोदे बिना तो मैं एक भी दिन रहूंगा नहीं। और वैसे भी मेरी सास होगी तो मेरी बीबी ही। अब ये उसके उपर है सभी के सामने उसे खुद को मेरी बीबी बताना है तो ये फैसला भी में मान लूंगा।
अविनाश की बातें सुनकर दीप्ति का चेहरा एक बार फिर खिल उठता है लेकिन वो कहती है कितनी गंदी बातें करते हैं आप। और आप मुझे सिऊर् घरवालों के सामने अपनी बीबी माने मैं बस ये ही चाहती हूं।
अविनाश : ये तो पूरे घर वालों को पता है इसे बताने की क्या जरूरत है।