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MAST PAPPU KI MUMMY NE BHI GAY SEX DEKH LIYAपप्पू;पहले खुद के और फिर देवा के सारे कपडे निकाल देता है।
देवा;चल जल्दी कर।
पप्पू;देवा के लंड को हाथ में ले के सहलाने लगता है।
धीरे धीरे देवा का लंड खड़ा होने लगता है।
पप्पु की गाण्ड आवाज़ दे रही थी। वो भी अपना मुंह खोल देता है और देवा का लंड पप्पू के मुंह में घुस जाता है और पप्पू देवा का लंड चूसने लगता है।
गलप्प गलप्प.....
देवा अपना सर जोश में इधर उधर करने लगता है की तभी उसकी नज़र शालु पे पड़ती है जो पेड़ के पीछे छुपी ये सब देख रही थी।
देवा की गाण्ड फ़टी की फ़टी रह जाती है पर अगले ही पल उसे एहसास होता है की शालु का एक हाथ उसके चूत पे है और वो ऑंखें फाड़े पप्पू को नहीं बल्कि देवा के लंड को देख रही है जो पूरी तरह तन के 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा हो गया था।
पप्पू का पूरा मुंह भी देवा के लंड को अपने मुंह में नहीं ले पा रहा था। वो बार बार साँस लेने के लिए उसे बाहर निकाल लेता और हर बार शालु देवा के पूरे लंड का दीदार अच्छे से कर लेती।
देवा;आह बस कर साले आह।
पप्पू पे कोई असर नहीं होता वो तो बस देवा के लंड में खो चुका था।
गलप्प गलप्प गलप्प।
देवा थोड़ी ज़ोर से बोलता है।
अब्बे तेरी माँ को चोदूँ पप्पू छोड़ दे वरना दोनों माँ बेटे को एक साथ चोदुँगा आह।
ये आवाज़ शालु के कानो तक पहुँच जाती है और उसकी उँगलियों का दबाव चूत के और अंदर तक होने लगता है
देवा खड़ा हो जाता है और साथ में पप्पू भी।
DEVA NE PPU KI GAND MAAR KE USKI MAA KO BHI GARMA DIYA HAIदेवा; चल झुक जा।
पप्पू;आराम आराम से करना देवा तू तो एक ही बारे में खुट्टा गाड देता है।
देवा; अच्छा अच्छा बातें बंद कर।
और देवा ये कहते हुए अपने लंड को पप्पू के कमर पे मारने लगता है।
पप्पू;आह माँ।
सिसकारियां उसके मुंह से निकलती और शालु के कानो तक पहुँच जाती।
देवा;अपने लंड पे थूक लगा के धीरे धीरे लंड को पप्पू की गाण्ड में घूसाने लगता है । आह आह थोड़ा पैर चौड़े कर गांडु आह।
जैसे जैसे लन्ड पप्पू की गांड में घुस रहा है पप्पू चिल्लाने लगता है।फिर एक झटके में देवा अपना पूरा लंड पप्पू के गांड में पेल देता है।
पप्पू; आह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाय्य्य्य माँ मै मर जाऊँगा । आह देवा निकाल ले अह्ह्ह्हह मै हाथ से हिला देता हूँ इसे आहः।
देवा कहाँ सुनने वाला था वो तो बस अपने आँखों में शालु के गदराये हुए गाँड को सोच सोच के सटा सट लंड पप्पू के गाण्ड में पेले जा रहा था।
पप्पू की हालत ऐसी थी के कोई भी तरस खाके उसे छोड दे । पर देवा बेरहम मरद था पप्पू जानता था की जब तक देवा का पानी नहीं निकलेगा वो रुकने वाला नहीं है।
और सबसे खतरनाक बात ये थी ये देवा का पानी 20-30 मिनट तक नहीं निकलता था।
धक्कों की बरसात पीछे से शुरू थी और पप्पू की चीखें तेज़ और तेज़ होते जा रही थी।
शालु;अपनी चूत को रगडते हुए थक चुकी थी पर देवा था की पसीने में तर बतर होने के बावजूद भी बाहर निकालने को तैयार नहीं था।
20 मिनट के बाद देवा अपने लंड को बाहर निकाल लेता है और उसका पानी पप्पू के कमर पे गिरने लगता है और कुछ देर बाद पानी से गिला लंड पप्पू के कमर पे घीसने लगता है।
शालु तेजी से अपने घर की तरफ चल देती है
WOW NICE UPDATEअपडेट 55
देवा;अपने खेत में बैठा रुक्मणी के बारे में सोच रहा था उसे किसी भी तरह रुक्मणी का काम करना था तभी उसके बापू के बारे में उसे पता चलता।
मगर वो बिंदिया के बारे में कैसे पता करे यही बात उसे परेशान किये जा रही थी।
पप्पू;अरे भाई कहाँ खोये हुए हो कब से देख रहा हूँ।
देवा;चौंकता हुआ अपने सामने खड़े पप्पू को देखता है
तू कब आया।
पप्पू;अभी आया मगर तुम्हें क्या हुआ है।
देवा;कुछ नहीं बैठ और सुना क्या हुआ घर में कुछ बात बनी की नही।
पप्पू;बात मत करो भाई उस बारे में।
देवा;क्यूँ काकी ने तेरी गाण्ड की पिटाई कर दी लगता है।
पप्पू;चुप चाप इधर उधर देखने लगता है।
देवा;अब्बे इधर उधर क्या देख रहा है बोल न क्या हुआ।
पप्पू;रात की बात देवा को बता देता है।
उसकी बात सुनके देवा की हंसी नहीं रुकती।
देवा;आहःआहः साले मुझे बुला लिया होता।
तू भी न उसी वक़्त ढिला पड गया जब तेरी माँ गरम हुई थी।
पप्पू;बुरा सा मुँह बना लेता है।
उडा लो मज़ाक़ भाई तुम भी । अब सबके नसीब तुम जैसे कहाँ होते है।
देवा;नहीं पप्पू तू किस्मत वाला है तेरे पास तेरा बापू तो है मै वो बदनसीब हूँ जिसे ये तक नहीं पता की मेरे बापू हैं भी या नही।
देवा की आवाज़ भारी हो जाती है।
पप्पू;अपने दोस्त के काँधे पर हाथ रख के उसे दिलासा देने लगता है।
भाई तुम ऐसे बिलकुल अच्छे नहीं लगते । हँसते हुए दूसरो को सताते हुए बहुत अच्छे लगते हो।
मुझे पता है तुम अपने बापू को ले के बहुत परेशान हो अगर मै तुम्हारे किसी काम आ सकुं तो मुझे बोलो।
देवा;यार बापू के बारे में बडी मालकिन को कुछ पता है शायद। मगर उन्होंने मुझे एक काम सोंपा है उसके बाद ही वो हिम्मत राव से पता करके मुझे बतायेंगी की मेरे बापू कहाँ है।
माँ कसम अगर हिम्मत राव मेरे बापू के ग़ायब होने के पीछे हुआ न तो उसी की हवेली में उसे ज़िंदा गाड दूँगा।
पप्पू;कौन सा काम भाई।
देवा;उनके वहां एक औरत आई है उसके और हिम्मत राव के बीच कुछ गड़बड़ है ऐसा मुझे मालकिन ने बतायी।
उन्हें ये पता करना है की वो औरत कौन है और यहाँ किसलिए आई है।
पप्पू;कुछ सोचने लगता है।
वही औरत न जो कुछ दिन पहले जागिरदार के साथ उनके मोटर कार में बैठके आई थी।
देवा;हाँ तूने देखा उसे।
पप्पू;हाँ मै अपने खेत में काम कर रहा था तभी उनकी कार मेरे खेत के धुरे के पास से होते हुए गुज़री थी । मुझे उस औरत को देखने के बाद ऐसा लगा के मैंने उसे पास के गांव में देखा था। शायद पक्का तो नहीं पता हाँ मगर एक बार मै पास के गांव में खेत का सामान लेने गया था तब मैंने उसी जैसी औरत या शायद वही होंगी उसे देखा था।
देवा;खड़ा हो जाता है।
कौन से गांव में।
पप्पू;भी अपने पेंट झटकता हुआ खड़ा हो जाता है।
यही पास के हल्दीपुर गांव में।
देवा;चल मेरे साथ।
पप्पू;कहाँ भाई।
देवा;हल्दीपुर गाँव।
पप्पू;क्या अभी इस वक़्त।
देवा;अपने ट्रेक्टर को शुरू कर देता है।
और पप्पू भी उसके पास आके बैठ जाता है।
पप्पु;भाई मुझे ठीक से नहीं पता की वो वही थी।
देवा;जो भी हो अगर वो वही निकली तो मेरी मुश्किल आसान हो जाएगी।
और दोनों पास के हलदीपुर गांव की तरफ चल देते है।
हल्दीपुर एक छोटा सा गांव था और बिंदिया भी वही की रहने वाली थी।
जहां गांव का बाजार लगता था उसके पास ही बिंदिया का घर भी था।
जब वो दोनों गांव में पहुँचते है तो पप्पू देवा को उस जगह ले जाता है जहाँ उसने बिंदिया को देखा था।
उस जगह कोई नहीं था बस चौराहे में दो लोग बैठे हुक्का पेट रहे थे।
देवा;और पप्पू उन दोनों के पास जाते है।
आरे भैया क्या आपको पता है के यहाँ बिंदिया नाम की औरत कहाँ रहती है।
उन में से एक आदमी देवा को निचे से ऊपर तक देखने लगता है।
देवा;क्या हुआ पता है क्या।
वो आदमी देवा के सामने खड़ा हो जाता है और कहता है:
देखने में तो शरीफ मालूम होते हो।
उसके पास का दुसरा आदमी हँसते हुए अपने साथी से कहता है।
अच्छा तो अब बिंदिया के ग्राहक अब उसका पत्ता पूछते पूछते यहाँ तक आने लगे है।
पता नहीं छमिया कहाँ गई है अपने यार के साथ।
देवा;क्या मतलब।
अबे मतलब क्या धंधा करती है बिंदिया यहाँ रंडी है वो पास के गांव के जागिरदार की।
क्या नाम है उस जागिरदार का।
देवा;हिम्मत राव।
वो आदमी हँसता हुआ कहता है।
हाँ हिम्मत राव।
अब भाई पैसे वालो की रखेल है वो बिंदिया।
ये रहा उसका घर मगर वहां कोई नहीं है।
वो उस हिम्मत राव के साथ कही गई हुई है।
देवा और पप्पू एक दूसरे को देखने लगते है उन्हें जो पता करना था वो उन्हें पता चल चुका था । देवा पप्पू के साथ अपने गांव की तरफ चल देता है।
ट्रैक्टर चलाते हुए वो बड़ा खुश लग रहा था।
पप्पू;भाई तुम्हारी मुश्किल तो आसान हो गई।
देवा;हाँ यार और ये सब तेरी वजह से हुआ है अब मै बडी मालकिन को सब बता दूंगा और अगर उन्हें सबुत चाहिए होंगा तो उन्हें यहाँ ले आऊँगा।
फिर मुझे मेरे बापू से मिलने से कोई नहीं सकता।
पप्पू;चलो अच्छा होगा फिर तो....
पप्पू के चेहरे पर उदासी साफ़ दिखाई दे रही थी।
देवा;अब तुझे क्या हुआ क्यों मुँह लटकाये बैठा है।
पप्पू;तुम्हें तो सब पता है ना यार।
कही से चूत दिला दो ना।
देवा मुस्कुरा देता है।
शादीशुदा चलेगी।
पप्पू;हाँ हाँ क्यों नही।
देवा;ठीक है चल मेरे साथ।
पप्पू;कहाँ है भाई।
देवा;तू बस चल और हाँ उसे देख के पीछे मत हटना अगर बेटा तूने मेरे साथ मिलके उसे नहीं चोदा न तो उसके सामने तेरी गाण्ड मै मारूँगा।
पप्पू;फिर तो मै उसे नहीं छोड़ूँगा।
देवा;उसकी तरफ देखते हुए हंसने लगता है और पप्पू भी देवा के लंड पर हाथ रख के हंसने लगता है।
दोनो बातें करते हुए देवा के घर पहुँच जाते है।
पप्पू;अरे भाई घर क्यों आ गये । हमे तो उस औरत के याहां जाना था ना।
देवा;वो औरत घर में ही है।
तेरी होने वाली बीवी नूतन की भाभी कौशल्या।
पप्पू;क्या।
पप्पू चौंकता हुआ देवा की तरफ देखने लगता है।
देवा;अबे डर मत कई दिन से ले रहा हूँ उसकी। कल चुदते हुए मुझसे बोली मुझे दोनों सुराखों में लंड चाहिए।
तू मेरा अच्छा दोस्त है इसलिए उसकी इच्छा पूरी करने तुझे यहाँ ले आया।
मिलकर चोदेंगे कौशल्या भाभी को।
पप्पू;मगर देवा वो मै कैसे।
देवा;अगर मगर कुछ नहीं तू यहाँ रुक। मै ज़रा देख के आता हूँ।
पप्पु:ममता होंगी ना घर में।
देवा;वो अपनी सहेली के यहाँ होंगी इस वक़्त
ओ हाथ में मेंहदी बनाना सिख रही है ना अपने सहेली से । इस वक़्त वो वही होती है।तू रुक एक मिनट।
ये कहते हुए देवा घर के अंदर चला जाता है।
घर के अंदर ममता और कौशल्या दोनों बैठी हुई थी। देवा को देख वो दोनों दौड़ते हुए उसके पास चली आती है और दोनों देवा से चिपक जाती है।
ममता ;कितनी देर लगा दी भैया आपने।
देवा;ममता की चूत को सहलाते हुए उसे चूम लेता है
तू दूसरे रूम में जा।
ममता ;क्यूँ भइया।
देवा;पप्पू आया है भाभी की लेने।
ममता के साथ कौशल्या भी चौंक जाती है।
देवा;कौशल्या की तरफ देखते हुए धीमी आवाज़ में कहता है।
डरो मत मैंने उसे सब समझा दिया है वो किसी को कुछ नहीं बोलेगा हाँ मगर उसे ये नहीं बताया की ममता भी मेरी हो चुकी है।
तुम्हेँ दोनों सुराख़ भरने थे न भाभी ।इसलिए ले आया हूँ उसका इन्तज़ाम।
कौशल्या शर्माने लगती है।
नही नहीं मुझे नहीं करना कुछ पप्पू भाई के साथ।
देवा;उसकी कमर को दोनों हाथों में भर के मसलने लगता है।
चुप कर साली नखरे मत कर।
ममता तू अपने कमरे में जा।
ममता; भाई मुझे.....
देवा;पप्पू के जाने के बाद रात भर तेरी लूँगा मेरी बहना तू चिंता मत कर।
ममता; बुरा सा मुँह बनाके अपने रूम में चली जाती है और देवा पप्पु को आवाज़ देता है।
जब पप्पू अंदर दाखिल होता है तो सामने खड़ी कौशल्या को देख अपनी नज़रें नीचे झुका लेता है।
देवा;उसके अंदर आने के बाद दरवाज़ा बंद कर देता है
और देवा कौशल्या को अपनी गोद में उठा लेता है।
कौशल्या;उन्हह माँ अपना चेहरा देवा की छाती में छुपा लेती है।
वो तीनो रूम में दाखिल हो जाते है।
कौशल्या सिल्क कलर की साडी में थी पीछे से लो कट का ब्लाउज और सामने से दो बटन खुले हुए।
उसका चिकना पेट देख पप्पू की लूल्ली पेंट के अंदर ही झटके मारने लगता है।
देवा;अपना शर्ट उतार के हेंगर में टाँग देता है और पेंट भी निकाल देता है।
देवा बिलकुल नंगा हो जाता है मगर कौशल्या और पप्पू दोनों अभी भी कपडो में थे। कौशल्या बुरी तरह शरमाने लगती है मगर दो लंड से चुदने की खुमारी उसे बेचैन कर देती है।
देवा;नंगा होने के बाद कौशल्या के पास आता है और उसके पेट के नाभि पर अपना खड़ा लंड रगडने लगता है।
कौशल्या अपनी ऑंखें बंद कर लेती है और देवा पीछे से कौशल्या की ब्लाउज को खोल देता है उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी।
एक झटके में देवा कमर के पास से कौशल्या की साडी खीच के उतार देता है वो सिर्फ पेटीकोट और पेंटी में रह जाती है
शर्म के मारे कौशल्या ज़मीन पर बैठ जाती है और अपने चेहरे को दोनों हाथों से छुपा लेती है।
देवा पप्पू की तरफ देखते हुए कहता है।
अबे देख क्या रहा है तेरे माँ को चोदूँ। उतार कपडे जल्दी से देखता नहीं भाभी को लंड चाहिए।
कौशल्या कुछ नहीं बोलती।
देवा;भाभी जी।
कौशल्या अपने चेहरे पर से हाथ हटाती है और अपने मुँह के एकदम सामने देवा के लहराते हुए लंड को देख ऑंखें बंद कर लेती है।
देवा;भाभी शर्माओ मत पप्पू भी तो घर का है। देखो न उसका लंड भी तुम्हें देख के कैसे खड़ा हो गया है।
कौशल्या चोर नज़रों से पप्पू की तरफ देखने लगता है
और देवा ज़बरदस्ती कौशल्या की दोनों हाथ हटा के अपने लंड को उसके होठो के पास ले जाता है।
कौशल्या बेचैन तो पहले से थी और देवा की हरकते उसे और उकसा रही थी आखिर कर वो अपनी शरमो हया को एक तरफ रखके देवा के लंड को चुमने लगती है।
तभी एक आवाज़ से तीनो चौंक जाते है।
MAST HOT POSTअपडेट 56
तभी तीनो किसी आवाज़ से चौंक जाते है।
देवा; बाहर जाके देखता है रूम के बाहर ममता खड़ी थी उसका पैर किसी बर्तन से टकरा गया था जिसकी वजह से वो आवाज़ आई थी।
देवा उसके पास आता है।
क्या।
ममता कुछ नहीं कहती मगर उसकी ऑखें साफ़ बता रही थी की वो भी उनके साथ हो लेना चाहती है।
देवा;उसे ऑंखें दिखाने लगता है।
और बेचारी ममता अपने भाई की ऑखों से डरके अपने रूम में चली जाती है।
देवा जानता था की पप्पू के पेट में कोई बात नहीं रहती आज नहीं तो कल वो किसी न किसी को बता ज़रूर देगा और अगर ममता भी उनके साथ रही तो उसकी बहन की शादी कैसे होंगी।
देवा;वापस अंदर आता है और दरवाज़ा धकेल देता है
पप्पू;क्या हुआ कौन था।
देवा;कोई नहीं बिल्ली थी।
पप्पू के साथ साथ कौशल्या भी हँस देती है।
देवा;क्या बात है भाभी बडी खुश लग रही हो।
कौशल्या शर्मा जाती है।
देवा;अपनी पेंट फिर से निकाल देता है। आवाज़ सुनके उसने और पप्पू ने अपने पेंट पहन लिए थे।
मगर कौशल्या अभी भी वैसे ही थी।
देवा;पप्पू की कमर पर ज़ोर से थप्पड मारता है और पप्पू उछल जाता है।
चल तुझे दिखाता हूँ तेरे होने वाली पत्नी की भाभी की कैसी है।
नय रिश्ता होने की वजह से पप्पू थोड़ा डर भी रहा था और उसे इस सब का इतना तजुरबा नहीं था की औरत के सामने कैसे टिकते है उसके हाथ पैर तो चुदाई के नाम से ही काँपने लगते थे।
देवा;कौशल्या को गोद में उठाके बिस्तर पर लिटा देता है।
और अपने लंड को उसके हाथ में दे देता है।
कौशल्या चोर नज़रों से पप्पू को देखने लगती है उसके हाथ में देवा का लंड साँप की तरह फुफकार रहा था।
पप्पू;पास में खड़ा कौशल्या और देवा को ही देख रहा था।
देवा;पप्पू का हाथ अपने लंड पर रख देता है। जैसे ही पप्पू के हाथ में देवा का लंड आता है ।कौशल्या देवा का लंड छोड देती है।
देवा;पप्पू की तरफ देख के उससे कहता है।
मुँह में ले।
पप्पू;गर्दन हिलाके ना कहता है वो शायद शरमा रहा था की उसकी होने वाली भाभी क्या सोचेंगी उसके बारे में
मगर देवा यही चाहता था की पप्पू हमेशा उसके लंड के निचे पिसता रहे। ताकी उसकी शादी के बाद उसे नूतन को चोदने में कोई दिक्कत न आए।
देवा;एक ज़ोरदार थप्पड पप्पू की कमर पर जड़ देता है और पप्पु निचे बैठ जाता है उसके हाथ में अभी भी देवा का हथियार था।
देवा एक हाथ से कौशल्या का सर और दूसरे से पप्पू का सर पकडता है और दोनों को अपने लंड के क़रीब करता चला जाता है जब दोनों के नाक में देवा के लंड की महक पहुँचती है तो दोनों एक साथ ऑंखें बंद करके मुँह खोल देते है और एक इधर से और दूसरा उधर से देवा के पूरे लंड को ज़ुबान बाहर निकाल के चाटने लगते है। गलप्प शलपप गलप्प गलप्प.....
देवा;आहें भरने लगता है एक तरफ पप्पू और दूसरी तरफ से अपनी भाभी की गरम ज़ुबान को अपने लंड पर महसूस करके उसके लंड के साथ साथ पूरे जिस्म में आग भडकने लगती है।
देवा; लंड की टोपी पप्पू के मुँह में डालके आगे पीछे करने लगता है और कुछ देर बाद उसे बाहर निकाल के कौशल्या के मुँह में डाल देता है।
इस तरह दोनों के थूक से गीला करते हुए वो दोनों के मुँह को चोदने लगता है।
कौशल्या अपने हाथ से चूत को सहलाते हुए देवा के लंड को चूसने लगती है वो इससे पहले भी अपने पति के सामने देवा से चुदवा चकी थी मगर आज बात कुछ और थी। आज रामु नहीं बल्कि पप्पू था जो कुछ ही दिनों बाद उसके ननद का पति होने वाला था।
देवा;पप्पू अपना हथियार तो दिखा ज़रा भाभी जी को।
पप्पू;घबराते हुए खड़ा हो जाता है और अपने अंडरवियर निचे कर देता है।
पप्पु का लंड छोटा ज़रूर था मगर उसके लंड के सामने की टोपी लाल गुलाब की तरह थी उसे देखते ही कौशल्या देवा के लंड को मुँह से निकाल देती है और पप्पू के लंड को पकड़ के चूसने लगती है।
पप्पू;आहह भाभी आहह धीरे धीरे आह्ह्ह्ह।
उसने सोचा भी नहीं था की कौशल्या इतनी तेजी से हमला करेगी उसके लंड पर। मगर जब औरत गरम हो जाती है तो उसे कुछ नहीं पता और कौशल्या आज जल रही थी। चूत के साथ साथ गाण्ड की आग भी उसे बेक़रार कर रही थी।
अपने दोनों हाथो में दोनों जवान लंड पकड़ के कौशल्या उन दोनों को बारी बारी मुँह में ले के चुसने लगती है।
देवा का लंड इतना कड़क हो चुका था की उसे अब बस कौशल्या की चूत ही दिखाई दे रही थी।
वो कौशल्या को लिटा देता है और सामने पड़े हुए तेल की बोतल में से तेल सीधा कौशल्या की चूत पर गिरा देता है। चूत पर तेल गिरते ही चूत और चमकने लगती है।
देवा;हाथ से कौशल्या की चूत और गाण्ड की सुराख़ को और ज़्यादा चिकना कर देता है। दोनों सुराख़ तेल से चमक रहे थे।
देवा;कौशल्या के पास लेट जाता है और उसे अपने ऊपर खीच लेता है। देवा के ऊपर सवार होते ही कौशल्या भी अपनी चूत को देवा के लंड पर घीसने लगती है।
कौशल्या;उन्हह अंदर डाल दो देवर जी और कितना घिसोगे।
देवा;थोडी कमर ऊपर उठा।
कौशल्या;कमर उठा देती है।
और देवा हाथ में लंड पकड़ के कौशल्या की चूत के मुँह पर लगा देता है।
अब नीचे बैठ।
कौशल्या नीचे बैठती चली जाती है और चीखती चली जाती है।
उन्हह माँ आहह देवर जी बहुत मोटा है आपका आह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवा;तेरी चूत देख के और ज़्यादा मोटा हो जाता है भाभी आह।
कौशल्या ;मेरी चूत है ही ऐसी की अच्छे अच्छे अपने लंड आहह हिलाने लग जाते है । उहँन माँ इतनी ज़ोर से आह्ह्ह्ह्ह्।
देवा;आहह क्या करुं भाभी तेरी चूत है ही ऐसी उन्हह
देवा;अब्बे देख क्या रहा है चढ़ जा पीछे से और भाभी की गाण्ड में घूस्सा दे अपना लंड।
कौशल्या;भैया धीरे डालना अपने दोस्त की आहह तरह नहीं उन्हह । छोटी सी गाण्ड मेरी फाड़ मत देना उन्हह।
देवा के झटके कौशल्या को ठीक से बोलने भी नहीं दी रहे थे। निचे से देवा और ऊपर से कौशल्या अपनी कमर को हिला रही थी।
पप्पू दोनों हाथों से कौशल्या की कमर को पकड़ लेता है और अपने लंड को कौशल्या की गाण्ड के सुराख़ पर लगा देता है।
कौशल्या;उन्हह डालो न पप्पू भैया आहह्ह्ह्ह।
पप्पू धक्का देता है मगर लंड अंदर नहीं जाता वो दूबारा धक्का देता है फिर भी लंड अंदर नहीं जाता।
कौशल्या;उन्हह चोदना नहीं आता तो अपने गाण्ड में ले लो। उन्हह डाल भी दो ना।
देवा;रुका थोडी देर।
देवा अपने लंड को कौशल्या की चूत में से निकाल के गाण्ड के सुराख़ पर टीका देता है और सन्न देने से अंदर की तरफ धक्का देता है। लंड गाण्ड को चीरता हुआ अंदर तक चला जाता है और कौशल्या बुरी तरह चीख़ पडती है।
कौशल्या; आहह हरामी गाण्ड है ना वो मेरी आहह इतनी जोर से थोड़े मारते है। मुत निकल गया मेरा।उईईईईई माँ आह्ह्ह्ह।
मगर देवा कौशल्या की एक नहीं सुनता और सटा सट अपने लंड को कौशल्या की गाण्ड में आगे पीछे करने लगता है।
कौशल्या चीखती रहती है की धीरे धीरे मगर देवा 5 मिनट में कौशल्या की गाण्ड को पूरी तरह खोल देता है।
देवा;पप्पू मै बाहर निकाल रहा हूँ तू जल्दी अंदर घुस्सा दे।
पप्पू;ठीक है।
पप्पू;अपना लंड हाथ में पकड़ के कौशल्या की गाण्ड के पास ले आता है और जैसे ही देवा अपने लंड को कौशल्या की गाण्ड के बाहर खीचता है उसके खुले हुए सुराख़ में पप्पू अपने लंड को घूसा देता है।
कौशल्या की गाण्ड का सुराख़ अभी ठीक से सिकुड़ा भी नहीं था की पप्पू उसे फिर से खोल देता है।
कौशल्या; ओह्ह माँ लगता है आज तुम दोनों मुझे जान से मार दोगे।
देवा;तुझे दोनों में ले ने का शौक था न अब देख।
देवा अपने लंड को कौशल्या की चूत के मुहाने पर लगा के बिना कोई चेतावनी दिए अंदर जड़ तक एक झटके में पेल देता है और दोनों बड़े बेरहमी के साथ आगे पीछे से कौशल्या की चुदाई करने लगते है।
कौशल्या ; उईई माँ नहीं नहीं मुझे नहीं चुदवाना आहह नहीं उईई माँ तुझे तेरी माँ की कसम । देवा निकाल दे। आहह पप्पू भैया आपको आपके माँ की कसम आहह निकाल दो। आहह नही
मगर दोनों जड़ तक पूरा का पूरा लंड कौशल्या की चूत और गाण्ड दोनो में डालके उसे चोदने लगते है।
कौशल्या;थोड़े ही देर में पसीने पसीने हो जाती है उसकी चूत और गाण्ड के बीच का पर्दा इतना क़रीब आ जाता है की ऐसा मालूम होता है की अब वो पर्दा फट जायेगा और दोनों लंड एक हो जाएंगे मगर ऐसा नहीं होता और दोनों दोस्त अपने भाभी के इच्छा पूरी करने में लग जाते है।
देवा;अपना लंड बाहर निकाल लेता है। लंड के बाहर निकलने से कौशल्या थोडी राहत की साँस लेती है मगर ये सुकून थोड़े देर का था।
जैसे ही देवा लंड बाहर निकाल लेता है वो पप्पू को अपना लंड कौशल्या की चूत में ड़ालने के लिए कहता है।
पप्पू अपनी होने वाली भाभी को अपने ऊपर ले लेता है।
पहली बार कौशल्या पप्पू के ऊपर चढी थी । उसे पप्पू के गुलाबी होंठ बहुत अच्छे लगते है और वो अपने होठो को पप्पू के होठो से मिला देती है दोनों एक दूसरे के होठो को चुसने लगते है।
की तभी पीछे से एक ज़ोरदार झटका कौशल्या अपनी गाण्ड में महसूस करके पप्पू के होठो से अलग हो जाती है।
देवा;अपने लंड को कौशल्या की गाण्ड में उतार देता है और पप्पू चूत में। दोनों बारी बारी कौशल्या भाभी को चोदने लगते है।
मगर पता नहीं देवा को क्या हो जाता है की वो अपना लंड गाण्ड की सुराख़ से निकाल के कौशल्या की चूत के पास ले आता है। हालाँकि पप्पू का लंड छोटा था मगर देवा का मुसल लंड था देवा अपना भी लंड पप्पू के लंड के साथ कौशल्या की चूत में घूसाने लगता है।
कौशल्या;देवर जी वहां नही आहह मै मर जाऊँगी बाप रे आह्ह्ह्ह्ह।
देवा;दोनों टाँगें चौडी करके अपने लंड का सुपाडा कौशल्या की चूत के अंदर घूसा ही देता है उसके इस हरकत से कौशल्या रो पडती है और चीखने लगती है वो देवा के हाथ जोड़ने लगती है मगर देवा नहीं सुनता।
कौशल्या;उन्हह मुझे माफ़ कर दो देवर जी आह्ह्ह्ह।
अरे हरामी सुनता क्यों नहीं मेरी चूत फट जाएगी ना। आहह माँ ....मेरी चूत । अचानक कौशल्या बेहोश हो जाती है क्यूंकि देवा भी अपना लंड पप्पू के लंड के साथ जड़ तक कौशल्या की चूत में उतार देता है।
मगर अगला ही धक्का उसे फिर से होश में ले आता है। अब दो लंड एक साथ मिलकर कौशल्या की चूत को फाडने के पीछे लग जाते है और कौशल्या इतनी ज़ोर ज़ोर से चीखने लगती है की ममता भी उसकी आवाज़ सुनके भागते हुए वहां चलि आती है। मगर उसके कदम दरवाज़े पर ही रुक जाते है क्यूंकि अंदर का नज़ारा देखने लायक नहीं था। कौशल्या की चूत में दो जवान लंड धँसे हुए थे और उसकी चूत से हल्का हल्का खून भी निकल रहा था।
कौशल्या;माँ मुझे बचा ले आहहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
वो रोती रहती है। आखिरकार देवा को उस पर रहम आ जाता है और वो अपना लंड बहार खीच लेता है।
कौशल्या;अपनी साँसे सँभालने लगती है।
मगर पप्पू अभी भी हलके हलके धक्के कौशल्या की चूत में मार रहा था।
देवा; मुँह बंद कर इसका पप्पू। साली बहुत चीख़ती है।
पप्पू;अपने होठो से कौशल्या के मुँह को बंद कर देता है।
देवा के सामने दोनों धीरे धीरे चुदाई कर रहे थे। ये देवा से देखा नहीं जाता।
वो पप्पू के पिछे जाके बैठ जाता है और पप्पू की कमर पर अपना लंड घीसने लगता है।
लंड को कमर पर महसूस करके पप्पू चोदना बंद कर देता है और गरदन मोड़ के देवा की तरफ देखता है।
देवा;इशारे से पप्पू को कुछ पूछता है और पप्पू भी हाँ कह देता है।
अगले ही पल देवा अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगा देता है और लंड को हाथ में पकड़ के पप्पू के गाण्ड के छेद पर घिसते हुए अंदर पेल देता है। पप्पू की गाण्ड देवा के लंड को अच्छी तरह पहचानती थी जैसे ही पप्पू की गाण्ड पर देवा के लंड की दस्तक होती है पप्पू की गाण्ड का दरवाज़ा खुल जाता है और लंड अंदर चला जाता है।
ममता और कौशल्या दोनों ऑखें फाड़े ये देखने लगते है।
जहां पप्पू का लंड कौशल्या की गाण्ड में अंदर बाहर हो रहा था । वही देवा का लंड भी पप्पू की गाण्ड में अंदर बाहर हो रहा था।
पप्पू;आहह भाई देखो न भाभी को आहह दर्द हो रहा है उहं आराम से कर ना देवा....
देवा;मैं कैसे भी करूँ उससे तुझे क्या ।साले गांडु आह्ह्ह्ह्ह।
कौशल्या को ऐसे महसूस होता है जैसे दो लंड फिर से एक साथ उसे चोद रहे है। पप्पू की गाण्ड में देवा के लंड के जो झटके लग रहे थे। वो कौशल्या को अपनी चूत में महसूस होने लगते है।
देवा की नज़र अचानक ही दरवाज़े की तरफ जाती है और वहां अपनी बहन को तरसता देख उसे उस पर तरस आ जाता है। वो अपना लंड बाहर निकाल लेता है और ममता की तरफ बढ़ने लगता है।
ममता अपने भाई को अपनी तरफ आता देख वहां से भाग जाती है मगर अब उसका बदन इतना तप चुका था की वो कपडे भी अपने शरीर पर बर्दाश्त नहीं कर पाती और अपने सारे कपडे निकाल के अपनी गरम चूत को सहलाते हुए बिस्तर पर लेट जाती है।
जब देवा उसके रूम में पहुँचता है तो उसे ममता उलटी लेटी हुई दिखाई देती है।
देवा;का लंड अपनी बहन को देख पागल सा हो जाता है। वो ममता के ऊपर पूरा का पूरा लेट जाता है और उसे अपने नीचे दबाने लगता है।
ममता;आहह क्या लेने आए हो। जाओ न अपनी भाभी और दोस्त उनके पास मेरी फिकर करने की कोई ज़रूरत नहीं है।
देवा का लंड ममता को अपनी चूत के मुँह पर चुभने लगा था । इस वजह से वो बोलते बोलते चुप हो जाती है।
देवा;ममता मेरी बहना तुझे चोदना है मुझे अभी के अभी।
ममता ये सुनते ही उठके बैठ जाती है और देवा के लंड को मुठी में पकड़ के धीरे से कहती है।
ममता;आहह चोदो न भैया आपकी ही तो है ये चूत भी और गाण्ड भी आह्ह्ह्ह।
देवा;अपनी छोटी बहन की गर्मी को भांपता हुआ उसे झट से लिटा देता है और उसकी चिकनी चूत पर अपना लंड जैसे ही देवा टिकाता है । ममता निचे से ऊपर की तरफ ज़ोरदार झटका देती है और लंड सीधा ममता की बच्चेदानी से जा टकराता है।
ममता अपने दोनों पैर देवा की कमर से लपेट लेती है।
आह भैया आप न भाभी को उनके घर छोड आओ और मुझे दिन रात चोदते रहो। बस उन्हह मुझसे अब बरदास्त नही होता की मेरे सामने मेरे भैया का लंड किसी और की चूत में जाए ये सिर्फ मेरा है ।मुझे ये दिन रात चाहिए।
देवा;बस कुछ दिन मेरी बहना उसके बाद तो तुझे ही रहना है मेरे लंड के नीचे रात दिन।
ममता; रोज़ चोदोगे न भइया मुझे ऐसे ही आह्ह्ह्हह।
देवा;हाँ ममता रोज़ रात में तू मेरे कमरे में आ जाया कर मै तुझे कभी आगे से कभी पीछे से रोज़ाना चोदुंगा।
ममता; हाँ मुझे भी आपका लंड रोज चाहिए। अब नींद भी नहीं आएँगी इसके बिना। उईई माँ इतनी अंदर तक जा रहा है।
दोनो भाई बहन चुदाई करने में लग जाते है और इधर पप्पू कौशल्या की ठुकाई में लग जाता है।
थोड़ी देर बाद जब देवा अपना पानी ममता के मुँह में निकाल के कौशल्या और पप्पू की तरफ जाता है तो हैरान रह जाता है। पप्पू अभी भी कौशल्या को पीछे से चोद रहा था। उसने कौशल्या को कुतिया की तरह बना रखा था और कौशल्या के बाल पकड़ के सटा सट अपना लंड आगे पीछे किये जा रहा था । देवा वही रुक जाता है और पप्पू और कौशल्या दोनों चीखते हुए झरने लगते है।
देवा; बाहर आके बैठ जाता है जब थोडी देर बाद कौशल्या और पप्पू कपडे पहन के बाहर आते हैं तो देवा दोनों को देख मुस्कुरा देता है।
क्यूं पप्पू कैसे लगी तेरे होने वाली भाभी जी।
पप्पू;बहुत मीठी है कौशल्या भाभी।
कौशल्या;बुरी तह शर्मा जाती है और अंदर की तरफ भाग जाती है।
देवा;चल मुझे हवेली जाना है तू चल रहा है या नहीं।
पप्पू;हाँ चलना है ना और दोनों दोस्त कौशल्या को बताके घर से निकल जाते है।
रास्ते में दोनों को शालु मिलती है वो पप्पू को देखते ही उस पर भड़क पडती है।
शालू ';कहाँ था तू इतनी देर से तुझे ढूंढ़ रही हूँ।
पप्पू;माँ मै देवा के साथ था । क्यों कुछ काम था।
शालु;एक नज़र देवा को देखती है जैसे कह रही हो। हाँ जानती हूँ इससे अपनी गाण्ड मरवाने गया होगा ना तु।
शालू;अपने पास के सामान के चिट पप्पू को थमा देती है और उसे कुछ पैसे भी देती है।
ये ले और हाँ ज़रा जल्दी आ ले के नहीं तो वही रह जायेगा।
पप्पू;बस मै अभी गया और अभी आया।
ये कहते हुए पप्पू दुकान पर चला जाता है।
शालु;देवा को देखते हुए कहती है।
अच्छा हुआ देवा तू भी मिल गया ज़रा देख तो मेरे यहां की भैंस बहुत परेशान कर रही है। चारा भी नहीं खा रही ज़रा देख ले।
देवा को जानवरों की बहुत जानकारी थी।
अच्छा चलो काकी।
और दोनों शालु के घर की तरफ चल पडती है।
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शालु;आगे आगे चल रही थी और देवा उसके पीछे।
देवा की नज़र शालु के हिलते हुए कमर पर ही ठीकी हुई थी।
जब से देवा ने जवानी के दहलीज़ पर कदम रखा था तब से उसके रातों का चैन चुराने वाली और कोई नहीं बल्कि शालु ही थी उसका कसा हुआ गठीला बदन पांव के ताल पर थिरकते हुए मोटे मोटे भरे हुए चूतड़ और हिलती हुई बडी बडी चूचियां देख देख कर ही देवा जवान हुआ था कितनी बार उसने चाहा की बस एक बार शालु उसे दे दे मगर हर बार उसे मुंह की खानी पडती।
शालु;को कस के चोदने की इच्छा तो उसकी बहुत पहले से थी मगर वो शालु के मामले में जल्द बाज़ी नहीं करना चाहता था क्यूंकि आखिर वो नीलम की माँ जो थी। वो जानता था आज नहीं तो कल शालु उसे देगी ज़रूर। मगर ये वक़्त काटना उसके लिए ज़हर पीने जैसा था।
अपने यादों में खोया देवा आखिर कर शालु के साथ उसके घर पहुँच जाता है।
आंगन में ही नीलम बर्तन साफ़ कर रही थी। देवा को देख वो शर्मा के घर के अंदर चली जाती है और दरवाज़े के किनारे में से छुपके देवा को देखने लगती है।
देवा;के चेहरे पर अपनी जान को देख मुस्कान आ जाती है।
अजीब प्यार था ये दोनों का। न जिस्म की भूख न चुदाई की आरज़ू ऑखों से शुरू हुआ नीलम और देवा का प्यार आज दिल की गहराइयों में उतर चुका था। देवा अपनी माँ से भी ज़्यादा प्यार करता था नीलम को और नीलम बस देवा को मन ही मन अपना सब कुछ मान के जिए जा रही थी।
शालु;देखे क्या।
देवा;क्या हाँ क्या काकी।
शालु;मुस्कुराते हुए अरे बाबा भैंस देखेगा या नही
देवा;हाँ हाँ कहाँ है।
शालु;चल पीछे खूंटे में बांधी हूँ पता नहीं सुबह से अजीब आवाजें किये जा रही है न कुछ खाती है और ना पीती है
देवा;शालू के पीछे पीछे एक कमरे में चला जाता है।
शालु की भैंस को देखते ही वो समझ जाता है की उसे क्या हुआ है।
वो हंसने लगता है उसे इस तरह देख शालु उसे घुरने लगती है।
शालु;क्या हुआ मुझे भी बतायेंगा की बस हंसे जा रहा है।
देवा;जा के भैंस को खोल देता है।
चलो मेरे साथ।
शालु;कहाँ।
देवा;मोती काका के यहाँ।
मोती का नाम सुनके शालु बुरी तरह शर्मा जाती है।
मोती; गांव का एक किसान था छोटा सा खेत था उसका। अकेला रहता था बीवी कई साल पहले गुज़र चुकी थी और औलाद कोई थी नहीं उसकी। मगर पूरे गांव में और आस पास के गांव में भी मोती का बहुत नाम था हर कोई उसे जानता था। जो जानवर पालता था या नहीं पालता था।
असल बात ये थी के मोती को पहले से भैसा पालने का बड़ा शौक था।
ओ गांव गांव जाके भैसा की टक्कर में अपने भैंसे से जोडा लगाता था और उसका भैसा इतना ताक़तवर था की उसके सामने कोई नहीं टिकता था।
मोति का भैसा एक और काम बड़े ज़ोरदार तरीके से करता था वो था गांव के भैंसो को गाभिन करना। जब भी कोई भैंस गरम हो जाती थी तो मोती का भैसा ही उसे अपने निचे ले के शांत करता था।
जब देवा ने मोती का नाम लिया तो शालु समझ गई की उसके भैंस को हुआ क्या है।
वो अपनी हंसी दबाते हुए देवा के पीछे पीछे मोती के घर की तरफ चल पडती है।
मगर उन्हें मोती रास्ते में ही मिल जाता है।
देवा;अरे काका कहाँ भागे जा रहे हो हम तो तुम्हारे ही पास आ रहे थे।
मोती;अरे बिटवा हम कही बहुत जरुरी काम से पास वाले गांव में जाना है तू बोल ना की क्या काम आ गया तुझे।
देवा;इशारे से भैंस की तरफ ऊँगली करता है।
और मोती समझ जाता है की क्या बात है।
मोती;अरे तो तो सब जानत है जा पीछे कमरे में ही बँधा है मेरा भैसा। जाके ठुकवाईले इसे।
शालु;इधर उधर मुँह करके अपनी हंसी रोकने की कोशिश करने लगती है।
मोती;और ये ले हमार घर के चाभी कवनो चीज़ की ज़रूरत पडेगी तो निःसंकोच ले लियो अच्छा अब्ब मै चलता हूँ।
देवा;मोती के जाने के बाद शालु की तरफ देख के कहता है।
चलो ठुकवाइलो अपनी भैंसीया को।
शालु;अपनी बडी बडी ऑंखें निकाल के देवा को डराने लगती है मगर देवा हँसता हुआ भैंस को हकलाते हुए मोती के घर पहुँच जाता है।
शीरा मोती के भैंसे का नाम था।
वो कोठे में ही बँधा हुआ था शीरा भी देवा की तरह ही था उसे बस भैंस देखने भर की देर थी।
शालु की भैंस को देखते ही वो अपना बड़ा सा लाल लाल लंड निकाल देता है और गरदन ऊपर करके शालु की भैंस को सूँघने लगता है।
ये सब देख कर शालु को अजीब सा महसूस होता है मोती के भैंसे का वो बड़ा सा लंड देख शालु की ऑखों में ख़ुमारी सी छाने लगती है।
उसकी चूत फड़ फडाने लगती है और सफेद चिप चिपा सा पानी जांघों से निचे गिरने लगता है कितनी प्यासी थी शालु की भैंस और उससे भी ज़्यादा चुदासी थी शालू।
शालु;सामने रखे पत्थर पर बैठ जाती है और देवा अपना कमीज उतार के रख देता है और शालु की भैंस को शीरा के पास बांध देता है और आके शालु के पास बैठ जाता है।
शीरा;एक बार देवा और शालु की तरफ देखता है जैसे ख़ुशी में देवा का शुक्रिया कह रहा हो और फिर शालु की भैंस को पीछे से सूँघता हुआ चढ़ जाता है उसके उपर।
शालु;की भैंस पहले से गरम थी वो एक इंच भी नहीं हिलती मगर वो उस वक़्त बहुत ज़ोर से चिल्लाती है जब शीरा अपना मोटा लंड शालु के भैंस के पीछे से उसकी चूत में घूस्सा के दना दन उसे ठोकने लगता है।
शालु;के हाथ पैर काँपने लगते है वो उठके दूसरी तरफ जाने लगती है मगर देवा उसका हाथ पकड़ के उसे वही अपने पास बैठा देता है।
शालु; छोड़ मुझे क्या करता है।
देवा;देखो न काकी तुम्हारे भैस को कैसे मोती का भैसा ले रहा है।
शालु; छोड़ मुझे। शर्म नहीं आती तुझे अपनी काकी के सामने ऐसी बाते करते हुए।
देवा;वाह वाह इतनी शर्म आ रही है तो यहाँ क्यों चली आई। मै ही चुदवा लाता तुम्हारी भैंस को मगर तुम्हें देखना था न । कैसे पेलता है शीरा इसे है ना।
शालु चुप हो जाती है देवा ने उसके मन की बात कह दिया था।
शालु;को चुप देख देवा उसे अपने पास बैठा देता है और पीछे से दोनों हाथों से शालु के पेट को सहलाने लगता है।
देवा;बहुत दिन से देख रहा हूँ काकी तुम मुझे दे नहीं रही हो।
शालु;क्या क्या कहा तूने और क्या चाहिए तुझे।
देवा;चुम्मा चाहिए मुझे अपनी काकी का।
शालु;बिदक जाती है।
छोड हरामी माँ जैसी हूँ मै तेरी और तू मुझे ही ख़राब करना चाहता है।
देवा;ग़ुस्से में आ जाता है और झट से दोनों हाथों को शालु के ब्लाउज के अंदर डालके बड़े बड़े ब्रैस्ट बाहर निकाल के बेरहमी से मसलने लगता है।
शालु;आहह कुत्ते छोड़ दे मुझे इसलिए मुझे यहाँ ले के आया तू मुझे आहह।
देवा;नहीं सासु माँ मै तो तुम्हे यहाँ कुछ देने लाया हूँ।
शालु;सासु माँ तुझ जैसे हरामी को मै नहीं देने वाली अपने बेटी। मेरी आहह रश्मि के साथ जो तूने किया उसके बाद तो बिलकुल भी नहीं ओह्ह्ह्हहः।
देवा;अपना हाथ नीचे ले जा के शालु की चूत को रगडने लगता है।
शालु: उन्हह देवा बेटा कोई देख लेगा ना। आह्ह्ह छोड दे मुझे।
देवा अपना हाथ सीधा शालु के झांटो वाली चूत के ऊपर रख देता है शालु कभी कभार ही पेंटी पहनती थी मगर आज शायद देवा की किस्मत बहुत अच्छी थी जो शालु ने अंदर कुछ नहीं पहनी थी।
देवा;साली मुझे हरामी बोलती है तो फिर ये तेरी चूत क्यों इतना पानी छोड रही है। बोल है कोई जवाब।
शालु;धीमी आवाज़ में सिर्फ इतना कहती है।
यहाँ कोई देख लेगा ना बेटा।
देवा;शालू का हाथ पकड़ के उसे मोती के घर के अंदर ले जाता है और उसे अपनी बाहों में जकड लेता है।
देवा;सासु माँ कितना तड़पाया तूने मुझे एक छोटी सी चीज देने के लिये।
शालु;मचलती जाती है मगर होठो से कुछ नहीं कहती। वो कशमकश में थी की क्या करे और क्या न करे पप्पू ने उसकी चूत में जो आग सुलगाया था वो अब तक नहीं बुझी थी मगर देवा उसका होने वाला जवाईं था और वो अपनी बेटी का हक़ मारना नहीं चाहती थी।
शालु;नहीं ना देवा उईईईईईई माँ वहां नही। आहह ये मत कर तू आहह आह्ह्ह्ह्ह्हः
देवा शालू का ब्लाउज खोल देता है और अपने हाथ में शालु के निप्पल को पकड़ के मसलने लगता है।
शालु ऑंखें बंद कर देती है।
उन्हह मत कर बेटा। मै तेरी माँ जैसी हूँ। उईईई आह्ह्ह्ह्ह्हह।
देवा;माँ की लेने में जो मजा है वो और किसी की लेने में नहीं काकी।
देवा;शालु को निचे लिटा के उसके ऊपर लेट जाता है। देवा के जिस्म की गर्मी अपने ब्रैस्ट पर महसूस करके शालु पिघल जाती है और उसकी ना हाँ में बदल जाती है।
शालु;आहह अपनी माँ के साथ गलत करेगा तू उन्हह।
देवा;हाँ मेरी सासु माँ। तुझे आज अपना बना लुँगा जैसे तेरी बेटी रश्मि को बनाया था।
शालु;उन्हह रश्मि अपनी मर्ज़ी से तेरे पास उन्हह आई थी क्या।
देवा;हाँ वो भी अपनी मर्ज़ी से मेरे पास आई थी।
शालु;को बातो बातों में देवा नंगी कर देता है । उसे तब होश आता है जब देवा का गरम हाथ सीधा शालु अपनी चूत के ऊपर महसूस करती है।
आह ये क्या किया तूने उन्हह मुझे आहह नहीं नहीं तू ऐसा कुछ नहीं करोगे आह्ह्ह्ह।
देवा;देखने तो दे मुझे जिसके लिए मै इतना तड़पा हूँ वो है कैसी गलप्प गलप्प....
शालु;के कुछ कहने से पहले ही देवा अपने ज़ुबान को शालु के झांटो वाली चूत के ऊपर लगा देता है और शालु की साँस जैसे चलना बंद हो जाती है।
शालु;आह माँ आहह माँ।
शालु;देवा नहीं नही वहां नहीं उईईईईई माँ वहां आज तक किसी ने भी नहीं चाटा आहह मै मर जाऊँगी रे आयाह आहह।
देवा;अपनी एक ऊँगली शालु की गाण्ड के अंदर डालके शालु की चूत के अंदर तक अपनी ज़ुबान घूस्सा देता है। उसकी चूत से आती पेशाब की महक देवा को पागल करने लगती है और वो निचे से ऊपर तक शालु की रसीली चूत को चाटता चला जाता है गलप्प गलप्प।
शालु;आहह मै गई उईईईईई माँ आह्ह्ह्हज्ज गईई अहह ।
देवा की गरम ऊँगली अपनी चूत में पा के शालू जी भर के झरने लगती है वो दोनों हाथों से देवा के सर को पकड़ के अपनी चूत के ऊपर दबाते हुए पानी देवा के मुँह पर छोड़ने लगती है।
आह मार डाला रे हरामी तूने अपनी सास को आह्ह्ह।
देवा;मुस्कराता हुआ उसके बाल पकड़ के उसे बैठा देता है इतनी जल्दी नहीं सासु माँ अपने जवाईं का लंड तो चूस के बताओ की तेरी बेटी के लायक है भी या नहीं।लो मुँह में।
शालु;नहीं गन्दा लगता है मुझे।
देवा; अच्छा अब गंदा लगता है । चूत चटवाना गन्दा नहीं लगता। लेती है या नही।
शालु;अपने हाथ में देवा के लंड को पकड़ लेती है इतना ज़बर्दस्त लंड उसने अपनी ज़िन्दगी में नहीं देखी थी। उसकी चूत तो कई दिन से मचल रही थी इस लंड के लिए । जबसे उसने इसे रश्मि के चूत में अंदर बाहर होते देखी थी । वो झट से अपना मुँह खोल देती है और लंड का सुपाडा मुँह में खीच लेती है । सुपाडा अंदर जाते ही देवा ज़ोरदार धक्का देता है और पूरा लंड शालू के मुँह में जाके टकरा के हलक से वापस आ जाता है।
देवा;बहुत तड़पाया है तूने मुझे काकी । आज नहीं छोडने वाला । मै तुझसे आज सारे हिसाब पूरे करूँगा। आह्ह्ह्ह्ह्।
शालु;देवा को निचे गिरा देती है और उसके ऊपर चढ़ जाती है।
अच्छा क्या करेंगा तू मुझे बता तो ज़रा।
देवा;अपनी सासु माँ को चोदूँगा आज मैं।
शालु;देवा के लंड को हाथ में पकड़ लेती है और उसे चूत के थोड़ा ऊपर रख के उस पर लेट जाती है। वो देवा के ऊपर ऐसे झुकती है की देवा का लंड चूत के दाने पर घीसने लगता है और शालु की ब्रैस्ट देवा के मुँह के पास आ जाते है।
देवा;अपने दोनों हाथों में शालु के ब्रैस्ट को पकड़ के दूध पीने लगता है हालाँकि शालु के ब्रैस्ट में दूध नहीं था। मगर देवा इस अंदाज़ में उन दोनों को निचोड़ रहा था की शालु को भी लगने लगा था की उसके चूचियों में से दूध निकल रहा है।
देवा;आहह अंदर ड़ालने दे काकी आह्ह्ह।
शालु;नहीं बस ऐसे ही मसलते रह मुझे आज्ज नहीं देवा आज नही।
देवा;मगर क्यों काकी।
शालु;उन्हह आज नहीं रे वो दिन आज नहीं जब मै तेरी हो जाऊँगी।
मगर उन्ह आज से मै तेरी अमानत हूँ। मेरा सब कुछ तेरा हुआ बस आज नहीं । उईईईईई माँ आह्ह्ह्ह।
देवा;अपने दोनों हाथों में शालु की कमर पकड़ ब्रैस्ट को मुँह में ले के लंड को चूत के ऊपर तक घीसने लगता है
और शालू अपनी चूत के दाने को देवा के लंड पर घिसती चली जाती है।
आहहहहह मेरी चूत तेरे अमानत है देवा मेरे जमाईं राजा आहह तुझे ही दूंगी मगर अभी नही । उईईईईई माँ आहहहहहहहहहहह।
देवा को कुछ समझ नहीं आता की अचानक ये शालु को हो क्या गया है मगर वो औरत और उसके मिजाज़ को अभी तक समझा नहीं था।
थोड़ी देर बाद शालू अपने बाँहों में देवा को जकड लेती है और दूसरी बार झडने लगती है। सारा पानी देवा के लंड के ऊपर से बहता हुआ ज़मीन पर गिरने लगता है।
शालु उठ के बैठ जाती है और कपडे पहनने लगती है।
देवा;साली कमिनी अपनी चूत को घिस्सा ली और इसका क्या तेरे बाप के गाण्ड में डालुँ मै इसे अब।
शालु;कही भी डाल मगर मुझे मत बोलना। अगर आईन्दा ऐसा वैसा कुछ किया न । मेरी बेटियों के सामने या पप्पू के सामने मेरे साथ कुछ उलटी सीधी हरकत किया तो याद रखना नीलम नहीं मिलेंगी और कमरे के बाहर निकल जाती है।
देवा;अपने लंड को हाथ में पकड़ के हिलाता रह जाता है उसे खुद पर और सबसे ज़्यादा शालु पर ग़ुस्सा आ रहा था। वो हमेशा ऐसा ही करती थी देवा के खड़े लंड पर हमेशा ही धोखा होता था।
मगर उस वक़्त देवा की हालत बहुत ख़राब थी वो किसी तरह कपडे पहन के शालु की भैंस को उसके घर ले आता है और उसे कोठरी में बंद कर के हवेली चला जाता है
शालु;देवा के जाने के बाद मन ही मन मुस्कुरा देती है
और सोचने लगती है।
बेटा इतनी जल्दी दे दूंगी तुझे तो तू कदर नहीं करेंगा मेरी और मेरी बेटी की।
देवा;हवेली जा के सीधा रुक्मणी के रूम में चला जाता है
वो उस वक़्त नहा रही थी। देवा वही बाहर उसका इंतज़ार करने लगता है की तभी वहां बिंदिया आ जाती है।
बिंदिया;अरे देवा तुम यहाँ क्या कर रहे हो।
देवा;जी वो मुझे बड़े मालकिन से कुछ काम था।
बिंदिया ;मुझे भी तुमसे कुछ काम था।
देवा;जी बोलो ना।
बिंदिया ;मेरी तबियत थोडी ख़राब लग रही है शायद यहाँ का पानी रास नहीं आ रहा। तुम मुझे किसी वैध के पास ले चालोगे।
देवा;जी वो मै मुझे काम था बडी मालकिन से......
बिंदिया ;ओफ्फ्फ हो बस कुछ देर की बात है उसके बाद कर लेना अपनी मालकिन का काम। पहले मुझे ले चलो ना।
देवा;अपना सर झटकते हुए बिंदिया को किरण के घर ले जाता है।
किरण जो देवा की राह उस दिन से देख रही थी जबसे वो उसे अखिरी बार चोद के गया था । उस दिन से देवा वहां नहीं आया था।
रास्ते में देवा सोचने लगता है की साली आज तो किस्मत ही ख़राब है मेरी। जिसे देखो काम दिए जा रहा है कोई चूत नहीं देती माँ की।
देवा;वैसे आप को हुआ क्या है।
बिंदिया ;मुझे कमर पर कुछ हुआ है देखोगे।
देवा;नहीं नहीं मै क्या कोई वैध हूँ।
बिंदिया ;तो फिर पूछ क्यों रहे हो चलो।
और देवा बिंदिया को लेके वैध के घर पहुँच जाता है।
इतफाक से उस दिन भी वैध उन्हें वहां नहीं मिलता सिर्फ किरण मिलती है । किरण देवा को देख खुश हो जाती है और बिंदिया को घर के अंदर ले जाती है।
बिंदिया ;आप वैध है यहाँ की।
किरण ;नहीं नहीं मै उनकी बहु हूँ। बापु बाहर गए है मगर आप चिंता मत कीजिये मै भी देख लेती हूँ उनके गैर हाज़री में मरीज़ो को।
बिंदिया;देवा तुम बहार जाओ।
किरण;आप ऐसा करो पीछे वाले रूम में बैठ जाओ ठीक है।
देवा;किरण का इशारा समझ जाता है और पीछे वाले रूम में चला जाता है।
बिंदिया ;अपनी साडी ऊपर उठाके किरण को अपनी गाण्ड दिखाने लगती है । किरण देखते ही समझ जाती है की बात क्या है।
किरण;आप ऐसे ही रहिये मै कुछ लेप लगा देती हूँ जल्द ही आराम मिलेंगा।
और किरण लेप ले के बिंदिया के गाण्ड पर लगा देती है।
किरण;ऐसे ही थोडी देर बैठे रहिये मै अभी आती हूँ।
किरण देवा की तरफ चली जाती है।
और देवा उसे देखते ही अपनी बाहों में जकड लेता है। दोनों के होंठ एक दूसरे से मिल जाते है ।
किरण;कौन है वो देवा।
देवा;साली रंडी है। हवेली में आई हुई है हिम्मत राव के साथ।
वैसे हुआ क्या है उसे।
किरण;किसी ने उसके जम के गाण्ड मारी है कल रात। उसकी गांड सुज गई है और जगह जगह से कट भी गए है।
देवा;बहुत याद आ रही थी मुझे तेरी किरण।
किरण; अच्छा चल झुठे आये क्यों नही मुझसे मिलने फिर।
देवा;वक़्त नहीं मिला मुझे एक बात कहूं किरण।
करण;हाँ बोलो ना।
देवा;मुझे अभी इसी वक़्त चोदने दे मेरा लौंडा तुझे देख के फटा जा रहा है बस अंदर ड़ालने दे जल्दी से।
किरण;डालो ना मना किसने किया है।
किरण;अपने कपडे निकाल देती है और देवा भी झट से नंगा हो जाता है। असल बात कुछ और थी शालु ने जो हालत देवा की की थी उसके वजह से उसके लंड में दर्द होने लगा था। अगर अभी किरण उसे नहीं मिलती तो वो पप्पू की गाण्ड मार देता या अपनी बहन ममता को पेलता बदले में।
किरण;नंगे होक अपने पैर खोल देती है और देवा लंड पर थूक लगा के चिकने चूत के अंदर तक लंड उतार देता है।
किरण;आहह देवा......
किरण;आहह देवा आह धीरे कर ना रे अहह मुझ पर तरस खाने के लिए आया है क्या उन्हह।
देवा;हाँ किरण आऊँगा मै अब से जल्दी जल्दी आह।
देवा सटा सट अपने लंड को किरण की चूत में घूस्सा ग़ुस्सा के लंड का दर्द कम करने लगता है और दरवाज़े पर खडी बिंदिया देवा के लंड से किरण के चूत की कुटाई देख वही रुक जाती है।
WOW HIMMAT RAV KI HIMMAT DEKHO RANI KI CHUT KO MASAL KE MASLA KHADA KAR DIYAहिम्मत राव;रुक्मणी के पेशानी पे चुमता हुआ रानी के कमरे की तरफ चला जाता है।
रानी के रूम में किसी को आने की परमीशन नहीं थी रुक्मणी को भी नही।
सिर्फ हिम्मत राव कही भी आ जा सकता था।
एक बार रुक्मणी ऐसे ही किसी काम से उसके रूम में चली गई थी तो उस बात पे रानी ने इतना हंगामा किया थी की उस दिन से रुक्मणी ने कान पकड़ी थी की आज के बाद कभी भी रानी के रूम में नहीं जाएंगी।
यही वजह थी की रानी अपने रूम में किसी भी हालत में सोई रहती थी। बस पदमा साफ़ सफाई करने उसके रूम में जाया करती थी।
रानी;बिस्तर पे नंगी सोई हुई थी उसे अभी अभी नींद लगी थी।
हिम्मत राव;रानी को ऐसी हालत में देख राल टपकाने लगता है और आगे बढ़ के रानी की चूत के पास बैठ जाता है।
वो बड़े गौर से रानी की चिकने चूत को देखने लगता है।
कुछ देर देखने के बाद वो रानी के चूत के दोनों लिप्स को अपने उँगलियों से मसलने लगता है और उसे दबोच लेता है।
रानी नींद से जाग जाती है।
आह बापू क्या करते हो उन्हह।
हिम्मत राव;कुछ भी तो नहीं बिटिया बस देख रहा हूँ।
रानी;अपनी चूत के दाने को सहलाने लगती है उसकी चूत में तो काफी देर से जलन हो रही थी।
हिम्मत राव;क्या हुआ रानी दर्द हो रहा है कही पे।
रानी;हाँ बाबू यहाँ।
हिम्मत राव;अरे बिटिया पहले क्यों नहीं बोली तू कहे तो मलहम लगा दुं।
रानी;कोई ज़रूरत नहीं कुछ लगाने की मरहम दर्द कम करने के लिए लगता है।
तूम तो दर्द और बढा देते हो बापु।
MAST BAPU NE BETI KI BUR CHAT KE JALWA DIKHA DIYAहिम्मत राव;रानी की चूत को अपनी उँगलियों से सहलाने लगता है।
बिटिया अपनी ज़ुबान से मलहम लगा देता हूँ जल्दी आराम मिलेगा तुझे।
रानी;आहह कैसे बापु।
हिम्मत राव;रानी की चूत पे झुक जाता है और अपनी ज़ुबान रानी की चूत पे रख के उसे अंदर तक चाटने लगता है गलप्प गलप्प ......
रानी;आहह बापू और अंदर तक लगाओ न आहह हाँ बापु आहः
हिम्मत राव;रानी की चूत को चाटता चला जाता है।
और रानी कमर को और ऊपर उछाल उछाल के हिम्मत राव से अपनी चूत चटवाती जाती है।
कुछ देर बाद रानी हाँफने लगती है और एक चीख़ के साथ झड़ जाती है।
कि तभी बाहर से रुक्मणी की आवाज़ आती है।
रुक्मणी;अजी सुनते हो ज़रा यहाँ आओ न।
हिम्मत राव;बुरा सा मुंह बनाके बाहर निकल जाता है।
NICE POSTअपडेट 11
देवा;घर पहुँच चूका था । घर में रत्ना और ममता उसी का इंतज़ार कर रही थी उनके चेरे पे परेशानी साफ़ देखी जा सकती थी।
जब वो देवा को दरवाज़ा खोल के अंदर आता देखतीं हैं तो खुश हो जाते है।
रत्ना;बडी देर लग गई बेटा।
देवा;हाथ मुंह धोते हुए हाँ माँ वो कपडे लेने में देर हो गई।
ममता; भाई शहर से मेरे लिए क्या लाये।
रत्ना;बस कर लड़की। भाई अभी घर आया नहीं खाने का पूछा नहीं की मेरे लिए क्या लाये।
जा जाके खाना ला दे।
ममता ; फुले हुए मुंह के साथ किचन में चली जाती है।उसने देवा के हाथ में बैग तो देख ही ली थी बस दिल जल्द से जल्द उन्हें खोल के देखने को कर रहा था।
देवा;खाना खाने लगता है।
रत्ना उसके पास बैठ के हाथ के पंखे से हवा करने लगती है।
रत्ना;बहुत थका थका सा लग रहा है देवा । तू क्यों इतना काम करता है।
देवा;उफ़ माँ कहाँ थका हुआ हूँ बिलकुल ठीक तो हूँ।तुम भी ना।
वो खाना खाने के बाद बैग खोलता है और उस में से पहले एक साडी निकालता है जो वो रत्ना के लिए लाया था।
साड़ी बहुत अच्छी थी रतना उसे खोल के देखती है उसके चेहरे के हाव भाव देवा को बता देतें है की साडी रत्ना को बेहद पसंद आई है।
ममता; भाई ये दूसरे बैग में क्या है।
देवा; हाँ हाँ मै समझ गया । ये ले तेरे लिए एक शलवार कुर्ता और ये रात में पहनने के लिए कुछ कपडे लाया हूँ।।
ममता; झट से कपडे हाथ में ले के बाथरूम में घुस जाती है।
वो इतनी उतावली हो रही थी कपडे पहन के देखने के लिए की बस जल्दी जल्दी वो अपना कुर्ता निकाल के फ़ेंक देती है।
WOW MAST UPDATEदेवा;माँ तुम भी साडी पहन के देख लो अगर अच्छी नहीं लगी तो वापस कर देंगे।
रत्ना;कल पहन लुंगी बेटा।
देवा;नहीं माँ मुझे अभी देखना है।
रत्ना;रोज़ तो देखता है तु।
देवा;आज अच्छे से देखना है पहन लो न माँ।
रत्ना; अच्छा बाबा तू देखे बिना मानने वाला तो है नही।
रत्ना उठके अपने रूम चली जाती है
ममता ; नाईट ड्रेस पहनके जब देवा के सामने इतराते हुए आती है तो देवा देखता रह जाता है।
कैसी लग रही हूँ भैया।वो इधर उधर घुम घुम के देवा को अपने अलग अलग भाग के एक तरह से दर्शन करवाने लगती है।
देवा;उठके उसके पास जाता है।
ज़रा बता मुझे हम्म एकदम मस्त बिलकुल फिट आएँ है ना कपडे तुझ पे।
एक मिनट यहाँ से थोड़ा ढिला है क्या ।
वो ममता को पीछे घुमा के उसके कमर की फिटिंग देखने लगता है।
और अनजाने में उसका हाथ ममता के कमर पे चला जाता है।
ममता के मुंह से आहह निकल जाता है।
देवा समझ के भी अन्जान बन जाता है।
क्या हुआ ममता।
ममता ; कुछ नहीं भाई ।
तभी वहां रत्ना साडी पहनके आती है वो साडी रत्ना पे बहुत जंच रही थी देवा तो उसे देखता ही रह जाता है।
मोते मोटे रस से भरे हुए सुडौल ब्रैस्ट आज देवा को साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे। उसकी नज़र आज रत्ना की ब्रैस्ट से हटने का नाम नहीं ले रही थी।
ममता ; खंखारती है और दुसरा ड्रेस पहनने वापस बाथरूम में घुस जाती है।
रत्ना;अभी भी चुप चाप देवा के मुंह से तारीफ सुनने के लिए खड़ी थी।
देवा;आगे बढ़के रत्ना के पास आता है।
बहुत सुन्दर लग रही हो माँ तुम।
MAST POSTरत्ना;धत बदमाश अब इस उम्र में मै क्या अच्छी लगूँगी बेटा।
देवा;मैंने कहा न मेरी बात पर विश्वास नहीं है तुम्हें।
रत्ना;अरे नहीं वो बात नहीं अच्छा ये बता तूने साडी तो ले आया पर अंदर पहनने के लिए कुछ नहीं लाया।
देवा;तुम ऐसे ही अच्छी लगती हो।ये शब्द उसके मुंह से निकल तो गए थे पर ये दोनों माँ बेटे के चेहरे को शर्म से लाल भी कर गए थे।
रत्ना;अपने रूम में चली जाती है और देवा खटिया पे बैठ जाता है ।
वो सोचने लगता है कही माँ को बुरा तो नहीं लग गया होगा।
कुछ देर बाद जब रत्ना बाहर आती है तो वो बिलकुल नार्मल लग रही थी । ये देख देवा की जान में जान आती है और वो चैन की नींद सो जाता है।
सुबह के 7 बजे।
देवा;तैयार हो चुका था और वो नाश्ता करके खेत की तरफ चला जाता है।
आज खेत में उसे मज़दूरों से काम लेना था वो जो सुबह से काम में लगता है तो 11 बज जाते है।
गर्मी के कारण मज़दूर अपने अपने घर को चले जाते है देवा वही कुंवे पर हाथ मुंह धोने लगता है तभी उसे शालु अपनी कमर मटकाते हुए आती दिखाई देती है।
शालु;सीधा देवा के खेत में आती है । आज उसके साथ बकरियाँ नहीं थी वो अकेली ही आई थी।
देवा;क्या बात है काकी आज तुम अकेली आई हो मेरा मतलब है बकरियाँ चराने नहीं लाई।
शालु;अरे पप्पू ले गया है नदी पर उन्हें। मै तो यहाँ आम तोड़ने आई थी अच्छा हुआ तू मिल गया ज़रा कुछ कच्ची कैरिया तोड़ दे मुझे।
देवा;शालु को नीचे से ऊपर तक देखने लगता है और सोचता है साली खुद तो पका पकाया आम है जितना निचोड़ो उतना कम ।
शालु;देवा के ऑंखों की गर्मी अपने शरीर पे महसूस कर चुकी थी।
क्या हुआ नहीं तोड़ना हो तो बोल दे।