Incest हाय रे ज़ालिम................

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देवा अपनी बहन की चूत में लंड उतार देता है।
ममता;अपने भाई के चेहरे को देखने लगती है उसका मुँह खुला ही रहता है। देवा के ज़ोरदार धक्के उसे साँस लेने भर की भी फुर्सत नहीं दे रहे थे।
ममता;भैया मै बहुत खुशनसीब वाली हूँ जो आप जैसा भाई मुझे मिला है। मै सारी ज़िन्दगी आपके साथ गुज़ार दूंगी भैया उईईईईई माँ।
कौशल्या ;पास में लेटे हुए देवा और ममता को ही देख रही थी।
देवा ने उसकी गाण्ड बुरी तरह सुजा दिया था।
देवा;अपनी रफ़्तार बढा देता है। वो जानता था रत्ना किसी भी वक़्त घर पहुँच सकती है।
नीचे लेटी ममता की चूत पर तो जैसे कहर टूट पड़ा था। देवा दोनों हाथों में कमर को दबोचे सटा सट ममता की चूत में लंड पेलते जाता है और ममता चीखते हुए आखिर कर देवा के लंड पर ही झरने लगती है।
देवा;एक लम्बी चीख़ मारता है उसी वक़्त कौशल्या देवा का लंड हाथ में पकड़ के बाहर खीच लेती है और देवा का गाढा गाढा पानी ममता की जांघ पर चूत के ऊपर गिरने लगता है।तभी बाहर से आवाज़ आती है...

रत्ना;ममता अरे ओ ममता कहाँ है सब के सब।
बाहर से रत्ना की आवाज़ सुनके सभी चौंक जाते है।
ममता;और कौशल्या रूम में भागते है और देवा बाथरूम में।
रत्ना;आँगन में बैठी हुई थी उसके साथ रामु भी आया हुआ था।
थोड़ी देर बाद जब कोई बाहर नहीं आता तो रत्ना घर के अंदर आने लगती है तभी वो कौशल्या से टकरा जाती है।
रत्ना;क्या बहु कहाँ थी तुम, और ममता कहाँ है।
कौशल्या;वो माँ जी ओ......

रत्ना;क्या माँ जी लगा रखी है देवा खेत में गया के नही।
ममता भी अपने कपडे पहन के रत्ना के पास आ जाती है
कौशल्या और ममता की हालत बिगडी हुई थी बाल खुले हुए जिस्म से अजीब सी गंध आती हुई। रत्ना गौर से कौशल्या और ममता को देखने लगती है
रत्ना;कहाँ से आ रही है भागी भागी। क्या कर रही थी अंदर
कौशल्या;रत्ना के पास आती है और धीमी आवाज़ में उससे कहती है।
माँ जी ममता की माहवारी पीरियडस शुरू है।
रत्ना;ओह्ह अच्छा अच्छा जा बाहर रामु बैठा है कितना सामान दे दिया है भाई ने। उठाया भी नहीं जाता। जा ज़रा ले के आजा। देवा कहाँ है?
ममता;माँ भैया नहा रहे है।
रत्ना;अभी उठा है क्या । ज़रा घर से क्या गई सारा घर सर पर उठा रखा है तुम दोनों ने।
रत्ना;बात बढ़ाते हुए देवा के रूम की तरफ चली जाती है और ममता कौशल्या को देख के अपने दिल पर हाथ रख देती है जैसे बोल रही हो की आज तो बाल बाल बच गये।

देवा;नहा के बाहर आता है और अपने रूम में रत्ना को देख मुस्कुरा देता है।
देवा;अरे माँ तुम कब आई।
रत्ना: बस अभी अभी पहुंची हूँ बेटा।
देवा;किसके साथ आई हो।
रत्ना;वो रामु आया है कौशल्या को साथ भी ले जायेगा अपने। अच्छा सुन यहाँ बैठ।
देवा;रत्ना के पास जा के बैठ जाता है।
हाँ माँ क्या हुआ।


रत्ना;अरे एक बहुत अच्छी बात है।
एक लड़का है तेरे मामा के गांव का ही है हरी नाम है उसका । खेती बाड़ी है चार पांच भैंसें भी हैं एकलौता बेटा है अपने माँ बाप का । मै उनके यहाँ चलि गई थी देवकी के साथ। बातों बातों में पता चला वो लोग एक बहु ढूंढ रहे हैं।
देवकी;को तू जानता ही है । उसका मुँह बंद रहता है क्या।
उसने वहां अपने ममता के बातचीत कर दी। वो लोग आने वाले है कल ममता को देखने।
देवा;सच माँ ये तो बहुत अच्छी खबर सुनाया है तुने।
रत्ना;बस भगवान करे ये रिश्ता जुड़ जाए मै गंगा नहा लुंगी।
देवा;माँ तूने अच्छे से जाँच पड़ताल तो की है ना।
रत्ना;हाँ हाँ सब अच्छे से कर चुकी हूँ तू भी देख लेना और मिलके पता भी लगा लेना लड़के के बारे में और सुन घर पर ही रहना कल वरना चला जायेगा खेत में।
देवा;अपने कपडे पहनने लगता है।
ठीक है तुम चिंता मत करो देख बिचार के दूंगा मै अपनी ममता का हाथ किसी के हाथ में।
देवा; ये कहके बाहर रामु से मिलने चला जाता है।
रामु;खेत का काम मज़दूरों के भरोसे छोड के आया था। उसे घर जाने की बहुत जल्दी थी या फिर शायद कौशल्या को चोदने की। वो कौशल्या को अपने साथ ले जाता है।
और कौशल्या जाते जाते अपने होने वाले बच्चे के बाप को घर आने का बोल जाती है । जाते वक़्त भी उसके ऑखों में ऑसू थे जैसे अपने पति से दूर जा रही हो। ममता बहुत खुश थी ये सोच के की अब रात भर देवा सिर्फ उसे मसलेगा।
देवा;अपने खेत में चला जाता है और रत्ना शादी वाली बात ममता से करती है।
शादी की बात सुनके हर लड़की शरमा जाती है मगर ममता बेचैन सी हो गई थी। वो रत्ना के पास से उठके अंदर चली जाती है और रत्ना ये समझ बैठी है की ममता शरमा गई है।

उधर हवेली में जैसे भूंचाल आने ही वाला था । एक तरफ जहाँ रुक्मणी बिंदिया से परेशान थी वही सबसे ज़्यादा रानी बिंदिया के आने से नाखुश थी।
न हिम्मत राव रानी की तरफ ध्यान दे रहा था और न उसकी प्यासी चूत की उसे कोई परवाह थी जबसे बिंदिया हवेली में आई थी रानी की चूत पर पानी की एक बूंद भी नहीं गिरी थी।

रानी;हिम्मत राव के पास जाके बैठ जाती है।
रानी;बापू मुझे आपसे कुछ बात करनी है।
हिम्मत राव;उस वक़्त ऑंखें बंद किये चिलम फूँक रहा था।
वो ऑखें खोल के रानी की तरफ देखता है और वापस अपने चिलम में ध्यान लगा देता है।
रानी;ओफ हो मैंने कुछ कहा है सुनाई दिया की नही।
हिम्मत राव;आवाज़ निचे करके बात कर बोल क्या बात है।
रानी;वो जो आपके साथ आई है आपके दोस्त की बीवी वो और कितने दिन यहाँ रुकने वाली है।
हिम्मत राव;क्यूं।
रानी;नहीं बस मै इसलिए पूछ रही थी की उसके आने से आप बहुत ज़्यादा बदल गए हो मेरे कमरे में दिखाई भी नहीं देते। माँ के साथ ज़्यादा मजा आ रहा है क्या।
हिम्मत राव;रानी की तरफ देखता है और अपने हाथ से रानी की चूत को रगड देता है।


रानी;बापू आहह मत छूओ उसे।
हिम्मत राव;क्यूं तू मेरी जायदाद है मै कुछ भी करुं।
रानी;बस बस देख भाल तो कर नहीं सकते बड़े आये हुकूमत करने वाले हूँहह।
हिम्मत राव;अरे बिटिया मै थोड़ा परेशान हूँ आज कल। इसलिए तेरे पास नहीं आ रहा हूँ बस थोड़े दिन और रहेंगी बिंदिया यहाँ पर उसके बाद सब ठीक हो जायेगा।
रानी;दिल में सोचने लगती है जब तक क्या मै अपने चूत में बैगन डालु क्या। वो हरामी देवा भी माँ के पीछे पीछे घुमता रहता है मूआ। आज कल तो दिखाई भी नहीं देता।
हिम्मत राव;क्या हुआ क्या सोच रही है।
रानी;बुरा सा मुँह बनाके अपने रूम में चली जाती है।


रात घिर जाती है और देवा थका माँन्दा अपने घर लौट आता है । आज उसे पप्पू कही नज़र नहीं आया था।
वो एक पल के लिए उसके घर की तरफ जाने का सोचता है मगर फिर कुछ सोचके अपने घर के अंदर चला जाता है।
रत्ना ममता के साथ रोटियां पका रही थी।
ममता की ऑखें सूजी हुई दिखाई दे रही थी।रत्ना ने ममता से पूछा भी की आँख क्यों सूज गई है मगर उसने कचरा चला गया कहके बात ख़तम कर दी। जब देवा ममता के चेहरे की तरफ देखता है तो बात समझते उसे देर नहीं लगती की बात क्या है।

रत्ना;चल हाथ मुँह धो ले मै खाना लगा देती हूँ।
देवा;माँ तेरे हाथ के खाने की बात ही कुछ और है बहुत याद आती है मुझे तेरी जब तू घर में नहीं होती है ना ममता।
ममता: हाँ....
रत्ना;तू खाना नहीं खाएँगी क्या बडी चुप चुप सी है।
ममता;मुझे भूख नहीं है माँ। ये कहके ममता रूम में चली जाती है।
देवा;खाना ख़तम करके रत्ना के पास बैठ जाता है और इधर उधर की बातें करने लगता है मगर उसका पूरा ध्यान ममता की तरफ ही था।
रत्ना;ममता को आवाज़ देती है जब ममता वहां आती है तो रत्ना उसे बिस्तर लगाने को कहती है और उसका बिस्तर भी साथ लगाने को कहती है।
ममता;अपने भाई देवा की तरफ देखती है बडी आशा भरी नज़रों से। वो देवा से कुछ बात करना चाहती थी मगर रत्ना की मौजूदगी में उसे वो मौका नहीं मिल पा रहा था। ममता अपना और रत्ना का बिस्तर साथ लगा देती है और देवा अपने रूम में चला जाता है। थकान के कारन उसे तो बहुत जल्दी नींद आ जाती है मगर ममता रात भर ऑखों आँखों में निकाल देती है ।

उधर
हवेली में हिम्मत रुक्मणी के सोने के बाद दबे पांव बिंदिया के रूम में चला जाता है। रुक्मणी उस वक़्त तक सोई नहीं थी वो बस देखना चाहती थी की हिम्मत किस हद तक गिरता है।
बिंदिया;अपने रूम में हिम्मत का ही इंतज़ार कर रही थी मगर आज उसकी ऑखों में वो प्यार नहीं था जो हर रात हिम्मत के साथ हुआ करता था।
अब बिंदिया की चूत और गाण्ड पर देवा का क़ब्ज़ा था।
हिम्मत ;बिंदिया को अपनी बाहों में जकड लेता है।
बिंदिया;आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह क्या करते हैं जी आज नहीं। मुझे बहुत दर्द हो रहा है कमर में।
हिम्मत;क्या दर्द हो रहा है तो मै क्या करुं। चल आजा।
बिंदिया ;नहीं ना जी सुनो ना आहह नहीं सुनो आज नही।
हिम्मत राव;चपाट करके एक ज़ोरदार चपत बिंदिया के मुँह पर जड़ देता है तो तुझे मेरा नहीं चाहिए।
बिंदिया;कैसी बात कर रहे हैं आप ये।
हिम्मत;छी साली एक और चपत बिंदिया के मुँह पर पडता है और बिंदिया रोने लगती है।
हिम्मत राव;अपनी लुंगी उतार के लंड बाहर निकाल लेता है और बिंदिया के बाल पकड़ के उसे अपनी तरफ खीचता है ।चल मुँह खोल। साली छिनाल है तू मेरी । तेरा काम है मेरी सेवा करना बदले में तुझे लंड मिलेगा मेरा । चल आ जा।
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बिंदिया;हाथ में लंड पकड़ के मुँह में ले लेती है उसे। हिम्मत राव से नफरत सी होने लगी थी घिन आने लगी थी हिम्मत की बातों से मगर वो मजबूर थी
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हिम्मत ;अपने लंड को बिंदिया के मुँह में अंदर बाहर करने लगता है।
आह छिनाल साली चल कुतिया बन जा यहाँ मेरे सामने।
बिंदिया;उठके अपनी सलवार उतार के कुतिया की तरह झुक जाती है और हिम्मत पीछे से जाके उसकी कमर पर दो चार और थप्पड जड़ देता है।
बिंदिया;आहह दर्द होता है न जी।

हिम्मत;अपने लंड पर थूक लगाता है और पीछे से बिंदिया की चूत और गाण्ड पर रगडने लगता है।
बिंदिया; ये माँ आहह।
हिम्मत राव; हाय मेरी छिनाल साली आहह।
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हिम्मत;का लंड सीधा अंदर घुस जाता है और वो दोनों हाथों में बिंदिया की मोटी मोटी कमर पकड़ के लंड को अंदर बाहर करने लगता है औरत का दिल कहे या ना कहे मगर जब लंड उसके चूत में उतर जाता है तो उसे भी मस्ती चढ़ ही जाती है । बिंदिया का भी वही हाल हुआ था हिम्मत की लंड से उसकी चूत भी रोने लगती है और चिपचिपा सा पानी बिंदिया की चूत से बहने लगता है।
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रुक्मणी; बाहर खड़ी अपने पति को देखने लगती है ये नज़ारा उसके लिए नया नहीं था मगर उसे एक बात तो पता चल गई थी की उसके पति को औरत की कोई परवाह नहीं वो बस अपने काम से मतलब रखता है। बिंदिया की चीख़ें
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रुक्मणी की चूत को और उकसा देती है और लंड लेने की इच्छा उसकी चूत में और ज़्यादा बढ़ती चली जाती है।
सुबह 7 बजे।
रत्ना;सुबह जल्दी जग गई थी और उसने शालु को भी घर बुला ली थी ममता को तैयार करवाने के लिये।
देवा;भी नहा धोके मेहमानो के इंतज़ार में बैठा हुआ था।
ममता को शालु तैयार तो कर रही थी मगर ममता का पूरा ध्यान देवा की तरफ था।
ममता;काकी देवा भैया को यहाँ भेज दोगी मुझे कुछ काम है।
शालु;अभी भेजती हूँ।
शालु;देवा अरे वो देवा इधर आ ममता को कुछ काम है तुझसे।
देवा;उठके ममता के पास आ जाता है।
हाँ बोल ममता क्या बात है।
रत्ना;अरे देवा तू यहाँ क्या कर रहा है मैंने तुझे मिठाई लाने के लिए कही थी न। लाया तु....
देवा;हाँ माँ मै अभी लाता हूँ।
ममता ;भैयाआआ।
कहते कहते रुक जाती है।
देवा: मैं अभी आता हूँ न ममता।
ये कहके देवा दुकान की तरफ चला जाता है।
 
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Introduction
ये कहानी है भारत के एक छोटे से गाँव अम्बेटकली की।एक छोटा मगर बेहद खूबसूरत गांव में रहता है ।

देवा
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२० साल का ये गबरू जवान।।अपने १० एकड के खेत में खूब दिल लगा के मेहनत करता है । उसे न शराब का शौक है न चरस गांजे का।
बचपन से उसे कसरत और कुश्ती का बहुत शौक रहा है पर सबसे ज़्यादा चाह है उसे चूत की हालाँकि अभी तक उसे ये मिला नहीं है।।
देवा।अपनी माँ रत्ना और छोटी बहन ममता के साथ रहता है।
बाप का साया देवा के सर से पांच साल पहले ही उठ गया था।



रत्ना
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एक गदराई हुई ४० साल की खूबसूरत औरत जो पिछले 5 साल से अपनी चूत की आग अपनी उँगलियों से तो कभी बैगन मूली से शांत करते आ रही है।।पति तो उसका रहा नहीं और बाहर वालो को वो देना नहीं चाहती।।

अपने बेटे देवा को खेती बाड़ी में हाथ बटाने वाली रत्ना बहुत हँसमुख है पर उसकी हँसी के पीछे के दर्द को कोई नहीं समझता उसका अपना बेटा देवा भी नही।

ममता
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देवा की खूबसूरत बहन।
एक 18 साल की चंचल खुबसुरत कुँवारी लड़की है जो अपना समय दिन भर अपने सहेलीयों के साथ बातें करने में गुजारती है उन बातों में सिर्फ सेक्स की बाते होती है।।जल्द से जल्द लंड लेने की उसकी चाह ने उसके दोनों आमो को वक़्त से पहले ही पका दिया है।

देवा का एक दोस्त है।।


पप्पु
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18 साल के पप्पू को बचपन में बैल ने ऐसा लात मारा की उसके पप्पू में हिलने डुलने की ताकत नहीं रही।जीस्म तो अपनी उम्र के हिसाब से बढ़ता गया पर औज़ार छोटा का छोटा रह गया।

पप्पू की माँ

शालु
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एक गरम खून वाली 38 साल की औरत है।जिसका पति तो है पर किसी काम का नहीं। चोदता तो है पर ठीक से नहीं । दिन रात नशे में पड़ा रहने वाला शालु का पति जब घर आता है तो पहले गाली देता है और फिर दो चार धक्के उसके बाद सारी रात शालू अपनी चूत मसलती रहती है या ऊँगली से अपने आप को शांत करती है।

शालु की दो और बेटियां है।
एक रश्मि
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उमर 18 साल अपनी माँ की तरह मदमस्त रहने वाली लड़की।



दूसरी बेटी
नीलम
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एक खामोश तबियत वाली। अपनी दुनिया में जीने वाली लड़की को जब भी कोई देखता है यही कहता है ये साली शालु के पति की नहीं हो सकती।

इसी गांव में एक जागिरदार की हवेली है।जिसमें रहते है।

सेठ हिम्मत राव
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हिम्मत राव इस गांव के जमींदार है उसकी गांव में बहुत चलती है। वो गांव में जो चाहे वो कर सकता है। सभी गांव वाले हिम्मत राव से डरते है। हिम्मत राव ने कुछ गुंडे भी पाल रखे है और उसके पास बंदूके भी है।




उनकी पत्नी - रुक्मणि
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रंग तो इसका जानदार है पर चूत बड़ी नमकीन है।।
ये सेठ हिम्मत राव की दूसरी पत्नी है पहली वाली इस दुनिया में नहीं रही।
रुक्मणी के शादी को 3 साल हो चुके है पर अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है।

सेठ हिम्मत राव को पहली वीवी से एक बेटी है।

रानी-
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उम्र 19 साल है पर नखरे और अदायें किसी तरह भी 19 वाली के नहीं लगते।घर के लोग इसे परी भी बुलाते है यानि इसका घर का नाम परी भी है। बाप के पैसों को पानी की तरह बहाना इसका शौक है।।घमन्डी नकचढी जो कहना है इसे कह सकते है। बस एक ही चीज़ इस में अच्छी है वो छुपी है बेचारी की जांघों के बीच में।




इस हवेली में एक नौकरानी काम करती है।

पदमा
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रुक्मणी की जायज़ और नाजायज़ हर काम पदमा ही करती है।

और भी लोग है इस गांव में धीरे धीरे वो सभी आपके सामने आयेंगे।
WOW MAST INTRO
 
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अपडेट 1


देवा;अपने खेत में अपने दोस्त पप्पू के साथ बैठा हुआ था।
सामने पप्पू की कुछ बकरियाँ और बैल चारा खा रहे थे।

आज देवा का मूड कुछ उदास सा था।

पप्पू;क्या बात है देवा बड़ा गुमसुम सा बैठा है।

देवा;अरे यार साली ये भी कोई ज़िन्दगी है सुबह खेत में जाओ दिन भर काम करो और रात को खाना खाके सो जाओ।
इससे अच्छा तो मै कोई बकरा होता कम से कम दिन रात किसी न किसी की बकरी को ले रहा होता।

ओ देख सामने तेरा बकरा कैसे बकरी के ऊपर चढ के घूस्सा रहा है।

पप्पू;उदास मत हो देवा हर कुत्ते का टाइम आता है
अपना भी आयेंगा।

देवा;ये बात सुनके खिलखिलाके हंसने लगता हैं।
साले तू बहुत बड़ा गांडु है।
चल ये बता वो हिम्मत राव की लौंडिया कैसी है।
सुना है कल ही शहर से पढ़ के गांव आई है।
बचपन में देखा था उसे साली बडी चिकनी दिखती थी।
एक दो बार तो छुपा छुपी के खेल में मैंने उसे कस के निचोड़ा था।

पता नहीं उसे याद भी होंगा की नही।

पप्पू;माल तो एक से एक है गांव में पर साली कोई भाव नहीं देती।

देवा;दिल ही दिल में ।
तेरी माँ कम गदराया हुआ माल है क्या।
साली एक बार दे दे बस तो मजा आ जाए।

देवा;वैसे तू क्या करेंगा किसी लड़की को पटा के।
साले तेरा तो इतना छोटा है की किनारे से घुम के वापस आ जाए।

पप्पू;अपना चेहरा इधर उधर घुमाने लगता है।
मुझे जाना है वरना माँ ढूँढ़ते ढूँढ़ते यहाँ तक आ जाएगी।

देवा;पप्पू;के कमर पे हाथ फेरने लगता है।
आज बड़ा दिल कर रहा है पप्पु।
:congrats: NICE START
 
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पप्पू घबरा जाता है उसे पता था देवा का इशारा किस तरफ है।
नही देवा दो दिन पहले तूने बड़ा दर्द दिया है मुझे अभी तक दुःखता है।

देवा;पप्पू को अपनी तरफ खिचता है।
साले नाटक तो ऐसे कर रहा है जैसे तेरी माँ की चूत मांग रहा हूँ।
चल जल्दी कर वरना कोई आ जायेंगा।

पप्पू का दिल ज़ोर से धड़कने लगता है।
पिछले 1 साल पहले शुरू हुआ ये खेल अब देवा के लिए आये दिन की बात थी।
लौंडिया तो कोई हाथ नहीं चढती थी तो पप्पू से ही काम चलाना पड़ता था।

वैसे पप्पू था भी बिलकुल लड़की जैसा।
नाजुक नाज़ुक हाथ पैर पतली सी कमर गोरा चिट्टा जिस्म।

देवा की नज़र तो पप्पू की दोनों बहनो और उसकी माँ शालु पे टिकी हुई थी पर वो सबसे पहले पप्पू को अपनी ऊँगली पे नचाना चाहता था । वो जानता था ये एक बार उसके चंगुल में फँस गया तो वो सब भी नीचे एक दिन आ जाएंगी।

देवा को तो शौक चेरी का था पर अभी तक कोई उसके नीचे आके नहीं पीसी थी।
इससे लिए पप्पू का पो पो बजाता रहता था।

पप्पू की माँ शालु अपने बेटे को ढूँढ़ती ढूँढ़ती देवा के खेत तक आ पहुंची थी । वो बस पप्पु को आवाज़ देने वाली थी की उसे सामने देवा पप्पू के कमर पे हाथ फेरता हुआ और उसे अपने गोद में बैठा के उसके गाल को अपने दाँतो से काटता हुआ नज़र आता है वो वही रुक के सामने का नज़ारा देखने लगती है।

देवा;पप्पू को अपने गोद में बैठा के उसके पेंट के बटनों को खोल के अपना एक हाथ उसके कमर पे रख के हलके हलके उसके नरम कमर को दबा रहा था।

और पप्पू देवा से चिपक के ठण्डी ठण्डी साँसे ले रहा था।

पप्पू;आह जाने देना देवा । कोई देख लेगा आह।

देवा देखने दे कुछ नहीं होता मेरे खेत में कोई नहीं आता।

पप्पू;पर देवा मुझे बहुत दर्द होता है तेरा कितना बड़ा है।

देवा; साले लेते वक़्त तो गाण्ड ऐसे हिलाता है जैसे और जम के लेना है तुझे चल आजा ऊपर।

और देवा वही एक चादर पे लेट जाता है।
NICE UPDATE
 
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पप्पू;पहले खुद के और फिर देवा के सारे कपडे निकाल देता है।

देवा;चल जल्दी कर।

पप्पू;देवा के लंड को हाथ में ले के सहलाने लगता है।
धीरे धीरे देवा का लंड खड़ा होने लगता है।

पप्पु की गाण्ड आवाज़ दे रही थी। वो भी अपना मुंह खोल देता है और देवा का लंड पप्पू के मुंह में घुस जाता है और पप्पू देवा का लंड चूसने लगता है।
गलप्प गलप्प.....




देवा अपना सर जोश में इधर उधर करने लगता है की तभी उसकी नज़र शालु पे पड़ती है जो पेड़ के पीछे छुपी ये सब देख रही थी।

देवा की गाण्ड फ़टी की फ़टी रह जाती है पर अगले ही पल उसे एहसास होता है की शालु का एक हाथ उसके चूत पे है और वो ऑंखें फाड़े पप्पू को नहीं बल्कि देवा के लंड को देख रही है जो पूरी तरह तन के 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा हो गया था।

पप्पू का पूरा मुंह भी देवा के लंड को अपने मुंह में नहीं ले पा रहा था। वो बार बार साँस लेने के लिए उसे बाहर निकाल लेता और हर बार शालु देवा के पूरे लंड का दीदार अच्छे से कर लेती।

देवा;आह बस कर साले आह।

पप्पू पे कोई असर नहीं होता वो तो बस देवा के लंड में खो चुका था।
गलप्प गलप्प गलप्प।

देवा थोड़ी ज़ोर से बोलता है।
अब्बे तेरी माँ को चोदूँ पप्पू छोड़ दे वरना दोनों माँ बेटे को एक साथ चोदुँगा आह।

ये आवाज़ शालु के कानो तक पहुँच जाती है और उसकी उँगलियों का दबाव चूत के और अंदर तक होने लगता है

देवा खड़ा हो जाता है और साथ में पप्पू भी।
WOW GAY SEX
 
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देवा; चल झुक जा।

पप्पू;आराम आराम से करना देवा तू तो एक ही बारे में खुट्टा गाड देता है।

देवा; अच्छा अच्छा बातें बंद कर।
और देवा ये कहते हुए अपने लंड को पप्पू के कमर पे मारने लगता है।

पप्पू;आह माँ।
सिसकारियां उसके मुंह से निकलती और शालु के कानो तक पहुँच जाती।

देवा;अपने लंड पे थूक लगा के धीरे धीरे लंड को पप्पू की गाण्ड में घूसाने लगता है । आह आह थोड़ा पैर चौड़े कर गांडु आह।
जैसे जैसे लन्ड पप्पू की गांड में घुस रहा है पप्पू चिल्लाने लगता है।फिर एक झटके में देवा अपना पूरा लंड पप्पू के गांड में पेल देता है।

पप्पू; आह्ह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाय्य्य्य माँ मै मर जाऊँगा । आह देवा निकाल ले अह्ह्ह्हह मै हाथ से हिला देता हूँ इसे आहः।

देवा कहाँ सुनने वाला था वो तो बस अपने आँखों में शालु के गदराये हुए गाँड को सोच सोच के सटा सट लंड पप्पू के गाण्ड में पेले जा रहा था।

पप्पू की हालत ऐसी थी के कोई भी तरस खाके उसे छोड दे । पर देवा बेरहम मरद था पप्पू जानता था की जब तक देवा का पानी नहीं निकलेगा वो रुकने वाला नहीं है।

और सबसे खतरनाक बात ये थी ये देवा का पानी 20-30 मिनट तक नहीं निकलता था।



धक्कों की बरसात पीछे से शुरू थी और पप्पू की चीखें तेज़ और तेज़ होते जा रही थी।

शालु;अपनी चूत को रगडते हुए थक चुकी थी पर देवा था की पसीने में तर बतर होने के बावजूद भी बाहर निकालने को तैयार नहीं था।

20 मिनट के बाद देवा अपने लंड को बाहर निकाल लेता है और उसका पानी पप्पू के कमर पे गिरने लगता है और कुछ देर बाद पानी से गिला लंड पप्पू के कमर पे घीसने लगता है।

शालु तेजी से अपने घर की तरफ चल देती है
WOW PAPPU KI MUMMY BHI GARMA GAI
 
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उसे यक़ीन ही नहीं हो रहा था की उसका बेटा ऐसे काम भी कर सकता है।
पर उसका दिल देवा के लंड को सोच सोच के उछल रहा था।

पप्पू अपने पेंट को पहन के लडख़ड़ाता हुआ अपने घर की तरफ चलने लगता है।

देवा उसे देख के हंसने लगता है।
अब्बे ठीक से तो चल।

पप्पू कुछ नहीं बोलता वो बोलने की हालत में नहीं था।

तभी देवा भी अपना ट्रेक्टर लेके आ जाता है और पप्पू उसमें बैठ जाता है दोनों चुप चाप पप्पू के घर की तरफ चले जाते है।

जब दोनों पप्पू के घर पहुंचते है तो शालु उन्हें दरवाज़े पे खड़े मिलती है।
उसके चेहरे पे मुसकान थी पर वो किस चीज़ की थी ये तो सिर्फ वो खुद जानती थी।

पप्पू लंगड़ाता हुआ घर में चला जाता है।

शालू :अरे बेटा क्या हुआ कहीं दर्द हो रहा है क्या किसी ने मारा क्या तुझे।

देवा;वो काकी पप्पू नीचे गिर गया था आम के पेड़ से शायद मोच आ गई है।

शालु;हाँ बेटा अब बड़े बड़े पेड़ पे चढेगा तो लगेंगा ही। देवा तू अंदर आ ना मै कुछ नाश्ता बनाती हूँ तेरे लिये।

देवा;इसकी कोई ज़रूरत नहीं काकी।

शालु;अरे थक गया होगा न कितनी मेहनत करता है तू
चल बैठ।

देवा बैठ जाता है।
काकी काका कहीं नज़र नहीं आ रहे।

शालु;वो दोनों बच्चीयों के साथ शहर गए है रात तक आ जाएंगे।

देवा;शालू के मोटे मोटे ब्रैस्ट देखने लगता है।


शालु : देखता क्या है पी ले ना।

देवा;क्या।

शालु :अरे बाबा चाय ठन्डी हो जाएंगी पी ले।

देवा; चाये की चुस्की लेते हुए काकी आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो।

शालु;हल्के से मुस्कूराते हुए चल हट बदमाश कही के।

देवा;चाय का कप नीचे रख देता है और जाने के लिए उठता ही है की शालु उसके एकदम सामने आ जाती है।

शालु;अरे पसीना तो पोंछ लिया कर की बस दिन रात काम काम।
ओ देवा का पसीना पोंछने लगती है और साथ ही साथ अपने ब्रैस्ट देवा की छाती से रगडने लगती है।

देवा की ऑखें बंद हो जाती है और वो दोनों हाथ पीछे ले जाके शालु के कमर को ज़ोर से मसल देता है।


शालु; उई माँ क्या करता है बदमाश।
और वो चाय का कप उठाके किचन में चली जाती है।

देवा;दिल ही दिल में मुस्कराता हुआ वहां से अपने घर की तरफ चल देता है।
WOW PAPPU KI MUMMY DOUBLE MEANING BAATE BHI KARTI HAI NICE STORY POST
 
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देवा;जब घर पहुंचा तो शाम के 5 बज रहे थे।

समने चारपाई पे देवा की माँ रत्ना और एक औरत जिसकी पीठ दरवाज़े के तरफ थी बैठी हुए थे।

देवा;उनके पास जाता है।
रत्ना;आ गये बेटा हाथ मुंह धो लो। मै चाय बनाके लाती हूँ।

वो औरत जो सेठ हिम्मत राव के घर की नौकरानी पदमा थी।
सर घुमा के देवा की तरफ देखती है।

गोरा चिट्टा भरा भरा बदन।
पदमा;देवा मुझे जागिरदार साहब ने भेजा है तुम्हें अपने साथ ले जाने के लिए । कुछ काम है सेठ को शायद तुमसे।

देवा;ठीक है काकी तुम बैठो मै अभी आता हूँ।

पदमा की नज़रें किसी एक्स रे मशीन की तरह थी वो देवा को पहली नज़र में ही पहचान गई थी के लौंडा काम का है।

देवा घर में चला जाता है।

रत्ना;उसके पीछे पीछे अंदर आ जाती है।
क्या बात है देवा जागिरदार साहब को क्या काम आ गया तुझसे।

देवा;पता नहीं माँ देख के आता हूँ तभी पता चलेंगा ना।

रत्ना;मुझे तो वो हवेली और वहां के लोगों से बड़ा डर लगता है बडी गंदी नज़र हैं उन लोगों की तू जल्दी घर आ जाना बेटा।

देवा;अपनी माँ रत्ना के तरफ देखता है ।
सफेद साडी में उसके ब्रैस्ट सामने की तरफ तने हुए थे
पेट एकदम गोरा गोरा और उसमें क़यामत मचाते हुए उसकी नाभी।

देवा;की नियत आज कल हर किसी पे इसी तरह ख़राब हो जाती थी वो ये भी नहीं सोचता की सामने उसकी माँ खडी है।
NICE POST
 
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अरे माँ डरने की क्या बात है जागिरदार मुझे खा थोड़ी जायेगा।

रत्ना;शुभ शुभ बोल बेटा। वो देवा के मुंह पे हाथ रख देती है और इस वजह से वो देवा से एकदम चिपक सी जाती है।

रत्ना;के बदन से आती भीनी भीनी पसीने की खुशबु जब देवा के नाक तक पहुँचती है तो उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है ऊपर से नरम नरम जिस्म जो उसके इतने पास होकर भी दूर था।

वो एक हाथ रत्ना के कमर पे रख के उसके पेठ को हलके से दबाता है।
और अपने मुंह पे लगा हुआ रत्ना का हाथ हटा के धीरे से कहता है।
कुछ नहीं होगा माँ डरो मत।

दोनो एक दूसरे के ऑंखों में देखने लगते है।

ये नज़रों का खेल था या जिस्म की भूख दोनों एक दूसरे से अलग होने को तैयार नहीं थे।
तभी बाहर से पदमा के खाँसने की आवाज़ से दोनों होश में आते है और देवा बहार चला जाता है।

थोड़ी देर बाद रत्ना चाय का कप ले के बाहर आती है
और देवा चाय का कप ले तो लेता है पर उसकी कुछ उँगलियाँ रत्ना के हाथ से अनजाने में टकरा जाती है।

इस थोड़े से छुवन से ही रत्ना के जिस्म में सरसराहट पैदा हो जाती है।

बेचारी रत्ना कई सालो से अपने बेटे को देख देख कर आहें भर रही थी।
पर देवा उसपे कोई ध्यान नहीं देता था।
ये पिछले एक महिने से देवा के रवैये में थोड़ा बहुत बदलाव आया था।
जबसे उसने रत्ना को नहाते हुए देखा था।

देवा;चाय पीने के बाद पदमा के साथ पैदल सेठ के हवेली की तरफ निकल जाता है।

पदमा;कमर मटकाते हुए सामने चल रही थी।
रास्ता बिलकुल सुनसान था। गांव का रहन सहन ही कुछ इस तरह का होता है शाम ढले सभी अपने अपने घर को लौट जाते है और कोई गली मोहल्ले में नज़र नहीं आता।

देवा;की नज़र पदमा के हिलते कमर पे ही थी।
आगे आगे चलते हुए पदमा आज थोड़ा ज़्यादा ही कमर मटका रही थी।

कुछ देर बाद दोनों हवेली पहुँच जाते है।
:cheers4:
 

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