देवा;देखो नीलम मै जानता हूँ की तुम भी जानती हो फिर क्यों तुम नहीं समझ रही की मै क्या चाहता हूँ ।
नीलम;देखो गोल मोल बातें मुझे समझ नहीं आती। साफ़ साफ़ कहो क्या कहना है तुम्हें।
देवा;नीलम का हाथ पकड़ के अपने हाथ में ले लेता है उसका हाथ नीलम के हाथ से भी ज़्यादा काँप रहा था।
नीलम;दिल में सोचने लगती है।
इतना बड़ा हट्ठा कट्टा है पर ज़रा सी दिल की बात इससे कही नहीं जाती।
अरे बोल भी दे वरना बाप बनने के बजाये कही मामा न बन जाए।
देवा;हाँ कुछ कहा तुमने।
नीलम;नहीं तो तुम कुछ बोलने वाले थे। बोलो।
देवा;हाँ वो मै ये कहना चाहता था।मतलब हूँ की तुम बाहर नहीं जाओगी।
नीलम; क्यों।
देवा;क्यों की मै चाहता हूँ।।
नीलम;ग़ुस्से से हाथ छोड़ो। हाथ छोडो मेरा
बाहर निकलो यहाँ से और आज के बाद मुझे अपनी सुरत मत दिखाना बुज़दिल कही के।
देवा के दिमाग में यही एक अलफ़ाज़ घुमने लगता है।
बुज़दिल बुज़दिल बुज़दिल।
और वो नीलम का हाथ पकड़ के उसे अपनी तरफ घुमाता है और एक हाथ उसके कमर में पीछे से डालके उसे अपनी छाती से चिपका लेता है।दोनो की ऑखें एक हो जाती है। दिल की धड़कने एक साथ एक आवाज़ में धड़कने लगती है सिर्फ दोनों के साँस की आवाज़ सुनाई दे रही थी।
नीलम के होंठ कांपने लगते है पिछले कई सालो से वो जो शब्द सुनना चाहती थी वो देवा के ज़ुबान पे देख उसका अंग अंग आज नाचने को कह रहा था ।
देवा;नीलम मै तुमसे बेपनाह प्यार करता हूँ और मै तुमसे ही शादी करूँगा किसी और से नही।तुम सिर्फ मेरे लिए जन्मी हो और मै इसलिए। ताकि तुम्हें हमेशा प्यार कर सकुं।।तुमहे मेरे मोहब्बत की कसम आज के बाद तुम किसी पराये मर्द के सामने नहीं जाओगी।
नीलम के कांपते होंठ देवा के लरज़ते होंठो को चूम लेते है।
बुधु कही के पहले नहीं बोल सकते थे।
मै भी तुमसे बहुत बहुत प्यार करती हूँ देवा। मै सिर्फ तुम्हारी हूँ सिर्फ तुम्हारी।