पदमा;कहाँ था तू। कबसे तेरे लिए यहाँ अकेली बैठी हूँ मुझे पता चला की तेरी माँ और बहन गांव गए है तो चली आई। क्यों ठीक किया न।
देवा;पदमा को अपने गोद में उठाके चुमने लगता है।
ये तुमने बहुत अच्छा किया काकी । आज तो तुझे ऐसे रगडूंगा की कल तू चल भी न पायेगी।। वो पदमा को गोद में उठाके घर के अंदर ले जाता है।
पदमा;नीचे बैठ के देवा की पेंट खोल देती है और उसके लंड को बाहर निकाल लेती है।
देवा;आराम से काकी अभी पूरी रात पडी है। सब तेरा ही तो है।
पदमा: मैं क्या करूँ देवा चूत पे राज नहीं चलता मेरा।गल्पप गलप्प।
देवा अपनी शर्ट उतारने लगता है की तभी उसे बाहर के दरवाज़े पे किसी की दस्तक सुनाई देती है वो झट से पेंट पहनके दरवाज़ा खोलने चला जाता है और पदमा बाथरूम में छुप जाती है।
दरवज़ा खोलते ही देवा की जान में जान आती है वो और कोई नहीं बल्कि पप्पू था जो खाना लेके आया था।देवा उसका हाथ पकड़ के अंदर खीच लेता है।
पप्पू;अरे क्या हुआ देवा।
देवा;बड़े अच्छे समय पे आया है पदमा आई हुई है । मैंने तुझे बताया था न साली बहुत गरम लग रही है एक काम करते है आज रात दोनों मिलके उसकी लेते है। बोल क्या बोलता है।
पप्पू;पर वो मैंने। कही उसने माँ को बता दी तो।
देवा;अब्बे गांडु कुछ नहीं होगा तू बस चल मेरे साथ और देवा उसे लेके कमरे के अंदर चला जाता है।
देवा; काकी बाहर आ जाओ । ये मेरा दोस्त आया है पप्पु।
पदमा; बाहरर आती है अरे पप्पू तू है।
देवा; पदमा को अपने पास खींच लेता है ।
काकी आज की रात हम तीनो के नाम। खूब जमेंगे रंग जब मिलके चुदाई करेंगे तीन यार। आप मै और पप्पु।
पदमा;हंसने लगती है अरे ज़ालिम तू अकेला ही तो जान निकाल देता है।आज तेरा दोस्त भी है। पता नहीं मेरा क्या होंगा आज।