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WOW MAST HOT UPDATEअपडेट 48
देवा; वही हवेली के बहार रुक्मणी का इंतज़ार करने लगता है । थोडी देर बाद रुक्मणी गुलाबी साडी पहन के उसके पास आती है।
गालों पर पाउडर होठो पर लाली और चेहरे पर मुस्कान लिए रुक्मणी बिलकुल अप्सरा लग रही थी।
रुक्मणी; अब घुरते रहोंगे या चालोगे भी।
देवा;हाँ हाँ चलते है ना।
वैसे आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो मालकिन।
रुक्मणी;क्यों इससे पहले नहीं लगती थी क्या।
वो उछल के देवा के ट्रेक्टर में बैठ जाती है।
देवा;ट्रेक्टर स्टार्ट कर देता है।
पहले भी लगती थी आप मगर आज।
रुक्मणी;हम्म और ये मालकिन और आप बोलने को मना की थी न मैंने । अकेले में तुम मुझे रुक्मणी कह सकते हो।
देवा;नहीं नहीं मै आपको मालकिन ही कहुँगा।
वो ट्रेक्टर शहर के तरफ चला देता है।
रास्ते में रुक्मणी बार बार देवा को अपने हुस्न दिखाती रहती है। कभी अपना आंचल अपने चूचि पर डालते हुए कभी उसकी तरफ झुक के बात करते हुए देवा बडी मुस्खिल से खुद को सँभाल के ट्रेक्टर चलाने लगता है।
रुक्मणी;दिल ही दिल में मुस्कुराने लगती है वो भी जान गई थी की देवा बहुत जल्द उसकी चूत की चढ़ी हुई नस उतार देगा।
देवा; किसी तरह खुद को रुक्मणी के जिस्म से आती तपीश से बचता हुआ उसे डॉ के दवाख़ाने के पास छोड के मन्डी में सूर्य फूल बेचने चला जाता है।
रुक्मणी;उसे दो घंटे बाद यही मिलने का बोल के दवाख़ाने में चली जाती है।
देवा;मंडी में पहुंचके अपने उस ब्यापारी से मिलता है जो उससे माल ख़रीदता था।
ईधर रुक्मणी का डॉ उसे फिर से वही गोलियां देती है जो वो पिछले कई सालो से रुक्मणी को देती आ रही थी।
रुक्मणी;डॉ साहिब आप पिछले कई सालों से मेरा इलाज कर रहे है मगर कोई फायदा होता दिख नहीं रहा है आप दवायें बदल क्यों नहीं देते।
डॉ ; आपके लिए यह दवायें ठीक है आप इन्हें शुरू रखो अब मेरी दवायें धीरे धीरे काम करेंगी।
रुक्मणी;वो दवायें ले लेती है और बाहर आके देवा का इंतज़ार करने लगती है थोडी देर बाद जब देवा खाली ट्रेक्टर लेके उसके पास आता है तो रुक्मणी देवा को नीचे उतरने के लिए कहती है।
देवा;क्या हुआ वापस नहीं चलना क्या।
रुक्मणी;देवा तुम उस दिन मुझे बोल रहे थे न की तुम्हारी बहन का इलाज यहाँ के किसी डॉ ने की थी मुझे उसके पास ले चलो।
देवा;हाँ हाँ क्यों नहीं मै तो आपको कई दिन से बोल रहा हूँ मगर आप सुनती कहाँ हो मेंरा।
रुक्मणी;अब सुन ली न वैसे भी ये डॉ पिछले कई दिन से मुझे एक जैसे दवायें खिला रही है फायदा तो कुछ होता नहीं उल्टा पेट में दर्द रहता है चक्कर से आते है और नींद भी बहुत आती है।
देवा; कोई बात नहीं। चलो मै आपको उस डॉ के पास ले चलता हूँ।
और रुक्मणी देवा के साथ उस डॉ के पास चल देती है।
पीछले कुछ दिनों से रुक्मणी को बहुत अजीब सा महसूस हो रहा था । जब भी वो गोलियां खाती उसके पेट में दर्द होता और सबसे बडी बात उसे इतनी गहरी नींद लगती की सुबह ही आँख खुलती।
दोनो उस डॉ के पास पहुँच जाते है।
जब वो डॉ रुक्मणी की हालत देखता है और उसके पास के वो दवायें देखता है जो उसे पहले वाली डॉ ने दिया था तो वो अपना सर पकड़ लेता है।
देवा;क्या हुआ डॉ साहिब कोई मुश्किल आ गई है क्या जो आपने अपना सर पकड़ लिये।
डॉ;अरे मुझे तो यक़ीन नहीं हो रहा की आप इतने दिनों से ये दवायें खा रही हो और फिर भी आप ज़िंदा हो।
रुक्मणी;क्या मतलब डॉ साहिब।
डॉ ;सेठानी जी ये दवायें नहीं ज़हर है जो धीरे धीरे इंसान की जान ले लेता है और आपको क्या लगा ये दवायें खाके आप माँ बन जाओंगी नहीं बिलकुल नहीं बल्कि आप अगर और कुछ दिन ये खाती तो भगवान के पास पहुँच जाती।
देवा;खड़ा हो जाता है।
उसकी माँ की डॉ की अभी जाके उसकी खबर लेता हूँ मैं।
रुक्मणी;देवा का हाथ पकड़ के उसे बैठा देती है।
डॉ ; ये दवाएं आप खाना बंद कर दो और मै जो दवायें दे रहा हूँ वो खाओ फिर देखो आप कैसे माँ नहीं बनती। और मै आपसे एक बात अकेले में कहना चाहता हूँ।
रुक्मणी;आप बेझिझक बोलिये।
डॉ ; देवा की तरफ देख के रुक्मणी से कहता है।
सेठानी जी हो सके तो अपने पति के साथ ज़्यादा वक़्त गुजारिये रात में।
रुक्मणी के साथ साथ देवा भी समझ जाता है और दोनों डॉ को फीस दे के बाहर आ जाते है।
देवा; साला मुझे उस डॉ की खबर लेने दो मालकिन आप। मै उसकी जान ले लूंगा।
रुक्मणी;नहीं उसे मारने से क्या होगा।
पहले मुझे एक बात का पता लगाने दो उसके बाद मै खुद तुम्हें कहूँगी की किसे मारना है।
अब चलो यहाँ से।
पुरे रास्ते रुक्मणी ख़ामोशी से देवा की तरफ देखते रहती है।
उसकी ऑखों के सामने वो सारी बाते घुम जाती है कैसे वो शादी करके हवेली में आई थी कैसे हिम्मत राव उसे एक डॉ के पास ले जाता था। पढी लिखी रुक्मणी को समझते ज़्यादा देर नहीं लगती मगर फिर भी वो अपने शक को यक़ीन में बदलना चाहती थी।
दोनो हवेली पहुँच जाते है और रुक्मणी देवा को कल हवेली आने का बोल के अंदर चली जाती है।
देवा के कुछ पल्ले नहीं पड रहा था वो सर को खुजाता हुआ अपने घर की तरफ चल देता है रास्ते में उसे पदमा मिलती है।
पदमा; क्यूँ रे हरामी कहाँ है तू आज कल। मेरे साथ अब मजा नहीं आ रहा क्या तुझे।
देवा;वही ट्रेक्टर पर बैठे बैठे उसकी चूचि मरोड देता है
शादी थी न शालु काकी के यहाँ। कल आता हूँ तेरे लेने बहुत मस्ती चढ़ रही है ना तुझे।
पदमा;हाँ मेरे राजा देख न कैसे मुर्झा गई है मेरी ये चुचियां।
देवा;मुस्कुराता हुआ अपने लंड को पेंट में एडजस्ट करके घर पहुँच जाता है।
जब देवा अपने घर पहुँचता है तो उसे घर के ऑंगन में घर के सभी लोग बैठे मिलते है। उनके साथ शालु उसका पति और पप्पू भी बैठा हुआ था।
रत्ना;अरे देवा बड़े अच्छे वक़्त पर आया है आ जा बैठ।
देवा;क्या बात है माँ सब यहाँ क्यों बैठे है।
ममता;देवा के पास जाके उसे पानी देती है।
रत्ना;अरे देवा बेटा देवकी मामी ने पप्पू को अपना दामाद बनाना का फैसला कर लिया है इसलिए सब यहाँ आये हुए है।
रिश्ते की तारिख पक्की करने।
देवा;अरे वाह ये तो बहुत अच्छी बात है।
देवकी;हाँ भाई मुझे तो ये रिश्ता पहले से पसंद था बस रामु और उसके बापू के आने के बाद ही कोई फैसला कर सकती थी।
पप्पू सामने बैठा लड़कियों के तरह शरमाये जा रहा था जैसे उसके लिए कोई लड़का आया है उसे देखने।
देवकी और शालु के बीच सारी बातें तय हो जाती है। अगले महीने की १९ तारिख को पप्पू और नूतन की मँगनी और उसके एक महीने बाद उन दोनों की शादी करने का फैसला होता है।
सभी खुश होके एक दूसरे को मुबारक बाद देते है। देवा रामु और पप्पू से गले मिलता है रामु के पिता जी भी इस रिश्ते से बेहद खुश थे।
घर के अंदर बैठी नूतन के दिल में तो लड्डू फूट रहे थे। अपनी शादी की बात सुनके । उसके पास बैठी ममता उसकी चूचिया दबा देती है।
नुतन; आह्ह्ह क्या करती हो दीदी।
ममता; हाँ हाँ अब तो मुझे मना ही करेगी न दो महिने बाद इन्हें दबाने वाला मसल के निचोडने वाला जो मिलने वाला है तुझे।
देवकी ने पहले ही नूतन से पप्पू के बारे में पूछ ली थी और नूतन ने शर्मा के अपनी इजाज़त दे दी थी।
रात का खाना देवा के घर में ही बनता है नए पुराने सभी रिश्तेदार खाना खाते है एक तरह से छोटा मोटा फंक्शन ही उस दिन हो जाता है।
खाना खाने के बाद देवा रामु को ले के बाहर घुमने निकल जाता है।
रामु;बहुत अच्छा हुआ जो ये रिश्ता हो गया क्यों देवा। तुझे क्या लगता है।
देवा;हाँ सच में बहुत अच्छा हुआ।
रामु;मगर यार कल रात की बात सोच सोच के शर्म भी आ रही है नूतन के सामने जाने को और पता नहीं अजीब सा लग रहा है।
देवा;क्या हुआ भाई।
रामु;चल पहले कुछ पी लेते है।
समने दारु की दुकान देख रामु की प्यास जग जाती है। और वो देवा के साथ शराब के दुकान से दो बोतल लेके पास ही के एक खेत में आके बैठ जाता है।
देवा शराब पीता नहीं था।
रामु धीरे धीर पहले उसके बाद दूसरे बोतल को भी गटक जाता है फुल टल्ली होने के बाद रामु के सर में नाश चढ़ जाता है और लंड महाराज पायजामे में उधम मचाने लगते है।
देवा;अरे भाई तुम वो बताने वाले थे न की तुम्हें शर्म आ रहे है अपनी बहन के सामने जाने को । ऐसा क्या हो गया
रामु;अरे यार कल रात न मैंने माँ को कौशल्या के सामने चोद डाला।
देवा;हम्म तो कौन सा बड़ा काम कर दिया । इससे पहले भी तो कई बार कर चुका है तू। यहाँ तक की मेरे सामने भी।
रामु;अरे देवा कौशल्या के पास नूतन भी तो सोई हुई थी न उस कमरे में।
देवा;क्या।
रामु;हाँ भाई यही तो इसलिए गाण्ड भी फट रही है और लंड भी खड़ा हो रहा है देख इसे।
अपने पयजामे में बना तम्बू रामु देवा को दिखाता है।
देवा;ये तम्बु अपनी माँ को चोदने के ख्याल से हुआ है या बहन को।
रामु;देवा का मुँह देखने लगता है।
शायद देवा ने रामु की दुखती नस पर हाथ रख दिया था।
रामु;नशे में अपनी गरदन इधर उधार हिलाने लगता है।
मै समझा नहीं तेरी बात।
देवा;अपने हाथ से रामु का लंड पकड़ लेता है।
अब्बे ये तेरे लंड किसकी चूत में जाना चाहता है मामी के या नूतन के।
रामु;क्या देवा तू भी न कुछ भी बोलता है । अरे बहन है वो मेरी । मै उसके साथ ऐसा कैसे कर सकता हूँ । उसकी शादी होने वाली है उसके पति को फटी चूत मिलेगी तो वो क्या सोचेगा।
देवा को समझ आ जाता है की रामु के दिल में क्या है।
मुझे तो ऐसा लगता है भाई की नूतन तुझसे करवाना चाहती है । आखिर तू उसका भाई है और बहन पर सबसे पहला हक़ तो भाई का होता है ना।
रामु;अपने लंड को पायजामे में घीसने लगता है।
हाँ यार बात तू सही कह रहा है।
पहले हक़ तो मेरा ही है मगर कुछ गलत हो गया तो।
देवा;कुछ गलत नहीं होंगा बस तू ये बोल की तू नूतन की लेना चाहता है या नही।
रामु;अभी से नहीं पिछले कई सालों से मै अपनी बहन को चोदना चाहता हूँ मगर क्या करुं डर लगता है न।
देवा;अगर वो खुद तुझे बोले की मुझे चोदो भैया तब।
रामु;साली को ऐसे कस के चोदूँगा की हमेशा याद रखेगी।
देवा;तो चल फिर मेरे साथ।
देवा रामु का हाथ पकड़ के उसे घर लाता है।
रात काफी हो चुकी थी रत्ना और ममता एक कमरे में सो चुके थे।
काशी ;नूतन के पास लेटी बातें कर रही थी और देवकी बाहर बैठी उन दोनों का इंतज़ार कर रही थी।
तभी देवा और रामु देवकी के पास आते है।
देवा;रामु को कमरे के बाहर खड़ा रहने को बोलता है और देवकी को एक तरफ ले जा के धीरे से उसके कान में बोलता है।
की आज रामु नूतन को कलि से फूल बनाना चाहता है।
देवकी;पागल हो गए हो क्या तुम दोनों नहीं नहीं उसकी शादी होने वाली है।
देवा;धक्का देके देवकी को दिवार से सटा देता है और एक हाथ से उसकी चूचि मसलते हुए और दुसरा हाथ उसकी चुत पर रख के घीसने लगता है।
अगर तुझे तेरी चूत में मेरा और रामु का लंड चाहिए तो जैसा मै कहता हूँ वैसे ही कर समझी।
देवकी;हाँ में गरदन हिला देती है और तीनो उस रूम में पहुँच जाते है जहाँ नूतन और कौशल्या बातें कर रहे थे।
कमरे में आते ही देवा दरवाज़ा बंद कर देता है और अपने कपडे उतारने लगता है।
साथ में रामु और देवकी भी नंगी हो जाते है।
कौशल्या और नूतन बाते ही कर रही थी जब ये तीनो अंदर आये थे उन दोनों को तो यक़ीन नहीं होता की इन्हें हो क्या गया है।
रामु;कौशल्या को आवाज़ देता है।
जब कौशल्या रामु के पास आती है तो रामु उसे साडी उतारने के लिए कहता है।
कौशल्या;धीरे से रामु से कहती है की नूतन देख रही है।
रामु; कौशल्या के बाल पकड़ के उसके मुँह के सामने बोलता है तुझे जितना बोला है उतना कर चल उतार साली कपडे।
आज मेरी बहन का रिश्ता पक्का हुआ है आज ख़ुशी का दिन है।
थोड़ी देर में ही दोनों औरतें पूरी नंगी होके निचे बैठ जाती है और दोनों के मुँह में लंड चले जाते है।
देवकी और कौशल्या;नूतन की तरफ देख के लंड चूसने लगती है गलप्प गलप्प गलप्प......
देवा;नूतन की तरफ देख के मुस्कुराने लगता है । घबराके नूतन लेट जाती है और अपनी ऑखें बंद कर लेती है मगर फिर धीरे से अपनी ऑखें खोल के सामने का नज़ारा देखने लगती है।
देवा और रामु लंड खड़ा हो जाने के बाद दोनों सास बहु को एक दूसरे से चिपका के खड़ा कर देते है।
देवकी के मोटे मोटे ब्रैस्ट कौशल्या के ब्रैस्ट से रगडने लगते है और पीछे से देवा और रामु दोनों की कमर की दरार में अपना लंड घिसते हुए उनकी चूचिया मसलने लगते है।
कौशल्या;आहह माँ ओह्ह्ह्ह धीरे करो न जी उन्हहह्ह्ह
देवकी;देवा बेटा डाल दे अब्ब अंदर कितना तड़पाएगा रे आह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवा और रामु;एक साथ दोनों चुतो में अपने अपने लंड पेल देते है और सटा सट दोनों को पीछे से चोदने लगते है।
देवा;आहह मामी कैसा लग रहा है आह्ह्ह्ह्ह।
देवकी;मेरी चूत में तेरा लंड हमेशा उधम मच्चाता है बेटा। आहह देख न मेरी बहु भी कैसे कमर हिला हिलाके रामु से चुद रही है।
देवा;अपने एक हाथ से कौशल्या की चूचि मसलते हुए दना दन देवकी को चोदने लगता है।
दोनो औरतों की चूत इतनी गरम हो चुकी थी की लावा बहने के बाद भी उन्हें और चुदने का मन करता है।
रामु;अभी अपनी बीवी कौशल्या की चूत में अपने लंड से तूफान मचाने लगता है।
कौशल्या;देवा के ऑखों में ऑखें डालके रामु से बोलती है
आह चोदो मुझे। अपने बच्चे को पानी पीलाओ अपने लंड का। बहुत दिनों का प्यासा है जी।
न दोनों औरतें थक रही थी और न दोनों मरद 25 मिनट से देवा और रामु लगतार चोदे जा रहे थे।
देवकी;कौशल्या के मुँह से मुँह चिपका देती है और झड़ने लगती है।
उसकी चूत ने देवा के लंड के सामने हार मान ली थी मगर देवा का लंड प्यासा था।
देवकी तो अपनी चूत में से लंड निकाल के सामने लेट जाती है और अपनी साँसें धीमी करने लगती है।
देवा; कौशल्या के सामने जाके खड़ा हो जाता है और रामु से उसे गोद में उठाने को कहता है।
रामु;इससे पहले भी कौशल्या की चूत देवा के साथ बाँट चुका था वो अपनी पत्नी को जैसे ही गोद में उठाता है।
देवा;पीछे से अपने लंड को कौशल्या की गाण्ड में ड़ालने लगता है।
कौशल्या;माँ मेरी गाण्ड फट जाएगी नहीं नहीं आहह आह्ह्ह्ह्ह्हह।
मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी देवा का लंड कौशल्या की गाण्ड में घुस चुका था और दोनों कौशल्या को उठाते हुए आगे से और पीछे से चोदने लगते है।
कौशल्या की हालत ख़राब होने लगती है एक साथ दो दो मुसल लंड आगे पीछे होने से उसकी चूत और गाण्ड दोनों में से पानी बहने लगता है।
रामु उसे निचे उतारता है और देवा निचे लेट के कौशल्या को अपने ऊपर खीच लेता है।
अपने लंड को कौशल्या की चूत पर घिसते हुए वो उसकी गरम मख़मली चूत में घुसा देता है।
रामु;अपनी पत्नी को कमर हिलाते हुए चुदते देख के पीछे से अपने लंड को दूबारा कौशल्या की गाण्ड में पेल देता है । रामु का लंड देवा के लंड से थोडा छोटा था। देवा पहले ही गाण्ड का सुराख़ खोल चुका था इसलिए रामु बड़े आसानी से अंदर चला जाता है।
तभी रामु को नूतन की सिसकारीयों की आवाज़ सुनाई देती है।
वो पलट के नूतन की तरफ देखता है और हैरान रह जाता है । नूतन अपनी चूत को रगड रही थी।उसकी ऑखें बंद थी।
रामु देवकी की तरफ देखते हुए नूतन के पास चला जाता है और उसके ऊपर लेट जाता है।
रामु अपने भाई के होते हुए तुझे ये करने के ज़रूरत नहीं मेरी बहन।
नुतन की चूत भट्टी की तरह तप रही थी वो अपने भाई को अपने बाहों में भर लेती है।
भाई मुझे कुछ करो मुझे कुछ करो मेरे भाई मै मर जाऊँगी वरना.....
रामु;क्या करू मेरी बहन मै तुझे......
नुतन ;उन्हह मुझे चोदो भैया मुझे चोदो अपनी बहन को चोदो। मेरी चूत को फाड़ के भाई होने का फ़र्ज़ निभा दो। मेरे भैया आहह उन्हह आह्ह।
रामु;यही तो सुनना चाहता था वो। एक झटके में नूतन की सलवार निकाल के फ़ेंक देता है।
नुतन;अपने दोनों पैर खोल देती है उसकी ऑखें अब भी बंद थी मगर चूत खुलने को तैयार थी । बेचैन होती नूतन के पास देवकी जाके बैठ जाती है और उसके निप्पल को अपने मुँह में ले लेती है।
रामु;अपनी माँ की तरफ देखता है और देवकी उसे ड़ालने का इशारा कर देती है।
रामु;नूतन की मुँह पर अपना मुँह रख के अपने लंड को अपनी बहन की कुँवारी चूत में घूस्सा देता है।
नूतन;भैया मेरी चूत फट गईईईईईईईईई आहह उन्हह।
देवकी;चुप हो जा बेटी दर्द अभी काम हो जायेगा।
नुतन ; नहीं होंगा माँ मेरी चूत उन्हह...
देवा;गरदन मोड़ के उनकी तरफ देखने लगता है।
एक भाई ने अपनी बहन को जवान कर ही दिया था। देवा आगे से नूतन को नहीं कर सका मगर वो जानता था वो नूतन को इससे भी ज़्यादा दर्द देने वाला है । वो कौशल्या के चूत में सटा सट अपना लंड आगे पीछे करने लगता है और कौशल्या अपनी कमर को ऊपर उठा उठा के देवा का साथ देने लगती है।
THANKS FOR YOUR VALUABLE COMMENTSdeva ka firse KLPD ho gya
THANKS FOR YOUR VALUABLE COMMENTSnice update
THANKS FOR YOUR VALUABLE COMMENTSrepost update but deva ka pani aakhir nikal hi gya
THANKS FOR YOUR VALUABLE COMMENTSwow nice update
THANKS FOR YOUR VALUABLE COMMENTSdeva pappu se bhi muth lagwayega ya fir uski gand marega
THANKS FOR YOUR VALUABLE COMMENTSwah aakhir papu ki gand mein fit ho gya deva ka lund
THANKS FOR YOUR VALUABLE COMMENTSye update kuchh alag hi ho gya pappu wala kidhar gya update
THANKS FOR YOUR VALUABLE COMMENTSwah akhir papu ki gand marwane ka update continue ho gya