Incest हाय रे ज़ालिम................

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देवा; पुरे ताकत से पदमा की चूची मरोड़ देता है।
साली चूत में लेने का शौक है और मुंह में लेने को नाटक कर रही है। चल मुंह खोल सब होंगा तुझ से।

पदमा डरते ड़रते अपना मुंह खोलने लगती है और देवा लंड को पकड़ के उनके मुंह के पास ले आता है।

पदमा की ऑखें साफ़ बता रही थी की वो बहुत बुरी तरह डरी हुई थी।



देवा;आहह शाबाश। आखिर पदमा किसी तरह देवा के लंड को अपने मुंह में लेने में कामयाब हो जाती है।

पर न वो उसे चूस रही थी और न आगे पीछे कर रही थी अपनी मुंह में अटकाये देवा को देखे जा रही थी।



देवा;आहह अपने लंड को पहले मर्तबा किसी औरत के मुंह में ड़ालने में कामयाब हुआ था उसे इन सब में बहुत मजा आ रहा था।
आह साली देख क्या रही है चूस उसे आम कैसे चुसते है वैसे अंदर बाहर कर आहह ।

शाबाश आहह ऐसे ही आहह तेरा मुंह इतना नरम है तो चूत कितनी नरम होंगी काकी आहह्ह्ह्ह।

पदमा; लंड को बड़े प्यार से चूसने लगती है गलप्प गलप्प।
ज़िन्दगी का पहला अनुभव हर किसी को बहुत अच्छा लगता है। उसी तरह पदमा को भी देवा का लंड अपने मुंह में आते जाते बड़ा अच्छा लग रहा था । वो बड़े चाव से देवा के लंड को अपने मुंह के गहराइयों में लेने लगती है।

गलप्प गलप्प गलप्प्प गप्पल्लल्लल्लल्ल।




देवा;आहह काकी बस कर आहह्ह्ह्ह।
उसका लंड पूरी तरह खड़ा हो चुका था वो जब खड़ा होता था तो फिर बिना अंदर घुसे वो शांत नहीं होता था। देवा के लंड के मोटी मोटी नसें पूरे तरह तन चुकी थी।

वो लंड को पदमा के मुंह से निकाल लेता है और पदमा को अपनी छाती से चिपका के उसके मीठे मीठे होंठों को चुसते हुए पदमा के चूत में एक ऊँगली पेल देता है।
WOW MAST ORAL SEX
 
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पदमा एक हलके से चीख़ मारती है उई माँ।
और कितना तड़पाएंगा आहह चोद ना आहह्ह्ह्ह्ह्।

दोनो एक दूसरे के मुंह में मुंह डाले एक दूसरे को चूसने चाटने लगते है।

थूक से दोनों के चेहरे पूरी तरह भीग चुके थे पर जोश अपने पूरे उफान पे था अब अगर कोई उन्हें रोकता तो देवा उसे भी चोद देता।



पदमा अपनी टाँगें खोल देती है।
आहह ले आजा देवा देख कैसे काँप रही है तेरे लंड के डर से तेरी काकी की चूत।



देवा;अपने लंड पे थूक लगा के उसे थोड़ा और चिकना करने लगता है।

पदमा के चूत से निकलता पानी इस बात का सुबूत था की वो बहुत गरम हो चुकी है।


पदमा;अपने दोनों चूचियों को मरोड़ते हुए देवा को बुलाती है और देवा अपने पहले चूत चुदाई के ख़ुशी में पदमा की तरफ बढ़ता है वो पदमा के पैर ऊपर उठाके अपने लंड को उसकी गीली चूत के मुंह पे रखता है।

पहली बार में लंड फिसल के नीचे चला जाता है।

पदमा;लंड को अपने हाथ में पकड़ के उसे पहले चूत के दाने पे घिसती है और फिर चूत के मुंह पे लगा देती है।
आह ले घुसा दे अंदरर देवा।

देवा;एक टाँग पकड़ के अपने लंड को पदमा के चूत में जैसे ही घुसाता है।



पदमा के मुंह से एक दर्दनाक चीख़ निकलती है।
अभी देवा का लंड का सिर्फ सुपाडा ही अंदर गया था की बाहर से कार के हॉर्न की आवाज़ से दोनों चौंक जाते है।

पदमा ; उठ के खडी हो जाती है।
लगता है मालिक मालकिन आ गये देवा तू जल्दी से कपडे पहन और पीछे के दरवाज़े से बाहर निकल जा।
WOW MAST KHILI CHUT PE LODA MURJHAYA
 
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देवा;आहह तेरी माँ की मुझे चोदने दे वरना मेरा लंड अकड़ा हुआ रहेगा आहह देख ना।

पदमा;अपना लंहगा पहनते हुए पागल मत बन देवा। मालिक ने हमे इस तरह देख लिया तो मुसीबत आ जायेंगी। तू अभी जा मै तुझसे मिलने खेत में आती हूँ।

देवा;किसी तरह अपने कपडे पहन के पीछे के दरवाज़े से खेत की तरफ निकल जाता है।

पदमा;जिस कमरे में थी वो रानी का था पदमा अपनी साडी लपेट रही थी की तभी वहां रानी आ जाती है।

रानी;पदमा काकी आप और यहाँ और आप कर क्या रही थी।

पदमा;वो बिटिया मै वो मै तो हाँ वो मालकिन कपडे धो रही थी तो मेरे पूरे कपडे गीले हो गये थे तो उन्हें सुखाने यहाँ डाल दी थी बाहर डालती तो बिना कपड़ों के कैसे रहती।

रानी;बड़े बड़े ऑखें निकाल के पदमा को ऊपर से नीचे देखने लगती है पदमा का कहा हुआ झूठ उसके हलक के नीचे नहीं उतर रहा था।

पदमा;बाहर निकल जाती है और बचे हुए कपडे धोने बैठ जाती है।

उधर देवा किसी तरह अपने खेत में पहुँचता है।
लंड का तो बुरा हाल था वो नीचे बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था। देवा अपने खेत में बने झोपडे में चला जाता है और लंड को हाथ में लेके हिलाने लगता है।

पर पत्थर की तरह कड़क हाथ में जैसे जैसे वो लंड को हिलाता है वैसे वैसे उसे दर्द और होने लगता है
वो दिल में पदमा को गालीयां देने लगता है।
साली हरामज़ादी आहह चूत दिखा के खड़ा लंड हिलवा रही है आह।
उसे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे वो अपने लंड को किसी पत्थर पे रख के कूट रहा हो।
WOW DEVA KE SATH BAHUT GALAT HUA :shag:
 
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देवा से दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था वो जितना लंड को हाथ में पकड़ के आगे पीछे करता उतना ही दर्द और बढ़ जाता।

वो सामने पड़ा हुआ कपडा उठा लेता है और उससे अपने लंड पे लपेट के हलके हलके सहलाने लगता है उसकी ऑखें बंद हो जाती है। उसे दर्द से थोड़ी राहत मिलती है पर पूरी तरह सन्तुष्टि नही।

देवा के खेत में सुबह शालु की लड़की रश्मि ने बकरियाँ चरने को छोड़ी थी वो उन्हें वापस ले जाने के लिए पहुँचती है।

रश्मी को झोंपडे में से देवा की दर्द भरी आवाज़ सुनाई देती है तो वो ड़रते ड़रते जब झोंपडे के दरवाज़े के पास पहुंचती है तो एक दम से दो कदम पीछे को हो जाती है उसी वक़्त देवा की ऑखें उससे मिल जाती है।

रश्मी;क्या हुआ क्यों इतना चिल्ला रहा है।

देवा;आहह रश्मि मेरी मदद कर।

रश्मी;घबराते हुए झोंपडे के अंदर घुस जाती है।
बोल तो सही हुआ क्या है और ये तू इस तरह क्यों बैठा है रश्मि का इशारा देवा के लंड की तरफ था जिसे उसने कपडे से छुपा रखा था।

देवा;पता नहीं रश्मि मेरे गुप्त अंग पे कीड़े ने काट लिया है बहुत दर्द हो रहा है। मै मर जाऊँगा तू कुछ कर ना।

रश्मी;उसके पास बैठ जाती है उसे बहुत डर भी लग रहा था और घबड़ाहट भी हो रही थी। वो देवा को इस हालत में देख भी नहीं पा रही थी और उसे छोड के जा भी नहीं सकती थी।

देवा तू बोल क्या करुं मै जिससे तेरा दर्द कम हो जाए।

देवा;अपने लंड पे लिपटा हुआ वो कपडे का टुकड़ा हटा देता है।
इसकी मालिश कर दे अपने हाथों से।

रश्मी;नहीं नहीं मै ऐसा कुछ नहीं करने वाली मै तेरी माँ को बुला लाऊँ।

देवा;वो जब तक आएंगी मै मर चुका होंऊँगा। तू भी चल जा मरने दे मुझे आहः।

रश्मी;बेचारी गांव की भोली भाली लड़की इतना बड़ा लंड देख के तो उसके होश उडे पड़े थे। ऊपर से देवा उसे उसकी मालिश करने को कह रहा था।
रश्मी किसी तरह देवा के पैरों के पास बैठ जाती है और काँपते हाथों से देवा के लंड को पहले पकड़ती है फिर छोड देती है फ़िर पकड़ती है फिर छोड देती है आखिर कर उसे देवा की चीखें नहीं सुनी जा रही थी वो मज़बूती से देवा के लंड को थाम लेती है।




देवा;चुप हो जाता है आहह इसे आगे पीछे कर रश्मि।

रश्मी;दोनों हाथों में देवा का लंड पकड़ के उसके चमड़े आगे पीछे करने लगती है।
पहले वो डर रही थी पर धीरे धीरे उसकी ऑखें देवा के लंड पे जम जाती है।


और वो बड़े प्यार से हलके हलके लंड को मुठियाने लगती है।रश्मि के मुलायम और कमसिन हाथों में देवा के लंड को बहुत सुकून मिल रहा था।

देवा की चीखें बंद हो चुकी थी उसे बड़ा अच्छा लग रहा था । उसके शातिर दिमाग की चाल काम कर गई थी

10 मिनट तक रश्मि बिना कुछ कहे देवा के लंड को सहलाते रहती है और फिर अचानक देवा के लंड से एक तेज़ धार सीधा रश्मि के चेहरे पे गिरने लगता है।



रश्मी की ऑंखें बंद हो जाती है और देवा वही धडाम से गिर जाता है उसके लंड का सारा पानी निकल चुका था जिस्म ढिला हो गया था और उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।

पर रश्मि की हालत ख़राब थी उसे अब पता चल चूका था की देवा को क्या हुआ था वो उठ के खडी हो जाती है और देवा को एक लात मारती है।

रश्मी;हरामी तुझे दर्द कोई नहीं हो रहा था । तुझे मस्ती चढी थी जो तूने मेरे हाथों उतार ली। है ना बोल।

देवा;हँसता हुआ अपनी पेंट पहन लेता है और रश्मि को एक कपडा थमा देता है।
हाँ बिलकुल सही पहचाना तूने। ले चेहरा साफ कर ले अपना।

रश्मी;मुझे नहीं करना साफ़ अभी ऐसे ही तेरी माँ के पास जाती हूँ और उन्हें सब बताती हूँ।

देवा; जा बोल दे माँ को। मेरा क्या है तू मार खाएगी मेरे माँ के हाथ से भी और तेरी माँ से भी।

रश्मी;पैर पटकते हुए वहां से बकरियाँ हाँकते हुए अपने घर की तरफ चली जाती है।
WOW AAKHIR RASHIMI HI DEVA KE KAAM AAYI DEVA KE MAAL RASHMI KA FACE WASH HOGYA
 
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रश्मी किसी तरह देवा के पैरों के पास बैठ जाती है और काँपते हाथों से देवा के लंड को पहले पकड़ती है फिर छोड देती है फ़िर पकड़ती है फिर छोड देती है आखिर कर उसे देवा की चीखें नहीं सुनी जा रही थी वो मज़बूती से देवा के लंड को थाम लेती है।



देवा;चुप हो जाता है आहह इसे आगे पीछे कर रश्मि।

रश्मी;दोनों हाथों में देवा का लंड पकड़ के उसके चमड़े आगे पीछे करने लगती है।
पहले वो डर रही थी पर धीरे धीरे उसकी ऑखें देवा के लंड पे जम जाती है।


और वो बड़े प्यार से हलके हलके लंड को मुठियाने लगती है।रश्मि के मुलायम और कमसिन हाथों में देवा के लंड को बहुत सुकून मिल रहा था।

देवा की चीखें बंद हो चुकी थी उसे बड़ा अच्छा लग रहा था । उसके शातिर दिमाग की चाल काम कर गई थी

10 मिनट तक रश्मि बिना कुछ कहे देवा के लंड को सहलाते रहती है और फिर अचानक देवा के लंड से एक तेज़ धार सीधा रश्मि के चेहरे पे गिरने लगता है।



रश्मी की ऑंखें बंद हो जाती है और देवा वही धडाम से गिर जाता है उसके लंड का सारा पानी निकल चुका था जिस्म ढिला हो गया था और उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।

पर रश्मि की हालत ख़राब थी उसे अब पता चल चूका था की देवा को क्या हुआ था वो उठ के खडी हो जाती है और देवा को एक लात मारती है।

रश्मी;हरामी तुझे दर्द कोई नहीं हो रहा था । तुझे मस्ती चढी थी जो तूने मेरे हाथों उतार ली। है ना बोल।

देवा;हँसता हुआ अपनी पेंट पहन लेता है और रश्मि को एक कपडा थमा देता है।
हाँ बिलकुल सही पहचाना तूने। ले चेहरा साफ कर ले अपना।

रश्मी;मुझे नहीं करना साफ़ अभी ऐसे ही तेरी माँ के पास जाती हूँ और उन्हें सब बताती हूँ।

देवा; जा बोल दे माँ को। मेरा क्या है तू मार खाएगी मेरे माँ के हाथ से भी और तेरी माँ से भी।

रश्मी;पैर पटकते हुए वहां से बकरियाँ हाँकते हुए अपने घर की तरफ चली जाती है।
YE DATE TO KUCHH AAGE PICHHE WALA SEEN HO GYA LAG RAHA HAI
 
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देवा;हाथ मुंह धो के घर चला जाता है।

देवा की माँ रत्ना देवा का इंतज़ार कर रही थी । वो बहुत बेचैन हो जाती थी जब देवा वक़्त पे घर नहीं पहुँचता था।

रत्ना;देवा को देख घर के भीतर चली जाती है और उसके लिए खाना गरम करने लगती है।

देवा; हाथ मुंह धोके रसोई में आता है।
अरे माँ तुम्हे कैसे पता की मै आ गया हूँ।

रत्ना;माँ हूँ मै तेरे कदमों की आहट सुन लेती हूँ चल बैठ जल्दी से और खाना खा ले।

देवा;अपने माँ के गले में बाँहें डालके उसे अपने सिने से लगा लेता है। सच माँ तुम जैसे माँ किस्मत वालो को मिलती है।

रत्ना;बस बस खाना खा ठण्डा हो रहा है ।

देवा;एक नज़र रत्ना पे ड़ालता है और फिर खाना खाने बैठ जाता है।
ये माँ बेटे के बीच में रोज होता था देवा कभी कभी रत्ना को अपने से चिपका लेता और रत्ना भी उसे कुछ नहीं कहती। बस उसके आगे दोनों में से कोई कभी आगे नहीं बढा था।

खाना ख़तम करके देवा बाहर आँगन में बिस्तर पे लेट जाता है और थकान के कारण उसे फ़ौरन नींद लग जाती है।

सुबह जब देवा की आँख खुलती है तो उसे रत्ना और ममता सजे साँवरी दिखाई देती है।

देवा;क्या बात है माँ कहाँ जा रही हो।

ममता ; ओफ़ हो भैया आप्प को तो कुछ याद नहीं रहता मैंने कल आपको कहा था न की मेरी सहेली कुमारी की शादी है माँ और मै वही जा रहें है। तुम भी तैयार हो जाओ और जल्दी से वहां आ जाना।

ये कहते हुए दोनों कुमारी के घर निकल जाते है।

देवा का मूड आज बहुत अच्छा था। कल रश्मि ने मुठ जो मार दी थी।
वो उठ के बारामदे में बने बाथरूम में नहाने चला जाता है की तभी उसे दरवाज़े पे किसी की आवाज़ सुनाई देती है वो मुड के देखता है तो सामने पप्पू खड़ा था वो घर से तैयार होके आया था शादी में जाने के लिये।
NICE POST
 
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देवा;पप्पू को देख खुश हो जाता है।
अरे क्यों रे साले क्या हुआ है तुझे तेरी बहन कह रही थी तेरी तबियत ख़राब है।

पप्पू;मुस्कराता हुआ देवा के क़रीब आता है। हाँ बस थोड़ा बुखार आ गया था।

देवा;चल अच्छा किया जो तू आ गया।

पप्पू;क्या मतलब

देवा: मैं नहाने जा रहा था।

पप्पू; तो
देवा;अब्बे पीठ पे ज़रा साबुन घिस दे ।

पप्पू;मेरे कपडे खराब हो जाएंगे।

देवा;तो उतार देना बाद में पहन लेना। दोनों साथ शादी में चलेंगे।

पप्पू; चुपचाप कुर्ता पैजामा निकाल के रख देता है और एक टॉवल लपेट के देवा के पीछे पीछे बाथरूम में जाने लगता है।

देवा;अब्बे दरवाज़ा तो बंद कर दे पहले।

जब पप्पू दरवाज़ा बंद करके बाथरूम में पहुँचता है तो थोड़ा सहम जाता है देवा बिलकुल नंगा नीचे बैठा हुआ था और अपने जिस्म पे पानी डाल के साबुन लगा रहा था।

पप्पू;उसे देखता हुआ उसके पास बैठ जाता है और पीछे से उसकी पीठ घीसने लगता है।

देवा;अरे तेरे नाज़ुक हाथों में दम नहीं है क्या जोर से घिस ना।

पप्पू;थोडा जोर से अपना हाथ देवा के पीठ पे घीसने लगता है।

देवा;सामने से भी घिस दे ना।

पप्पू; चुपचाप उठ के देवा के सामने जाके बैठ जाता है और उसके गरदन पे ग़ले पे पेट पे और फिर नीचे नहीं बढ़ता तो देवा उसका हाथ पकड़ के अपने जांघ पे रख देता है यहाँ कौन घिसेगा।

पप्पू;तूने तो सिर्फ पीठ पे कहा था ना।
देवा;अब यहाँ कह रहा हूँ चल जल्दी कर।
WOW MAST GAY SEEN REPEAT
 
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पप्पू; देवा की जांघ पे अपने नाज़ुक हाथ जैसे ही रखता है देवा के लंड में अकडाहट आने लगती है पप्पू के हाथ नाज़ुक लड़की की तरह थम जाता है वो धीरे धीरे देवा के लंड को भी पकड़ लेता है।

देवा;नज़र उठाके उसे देखता है पर उसकी नज़रें नीचे लंड पे टीकी हुई थी वो धीरे धीरे लंड को मज़बूती से पकड़ के साबुन लगे हाथों से सहलाने लगता है।

देवा; आहह ऐसा मत कर बेटा वरना बहुत पछतायेंगा।

पप्पू;कुछ नहीं बोलता शायद उसके गाण्ड के कीड़े जग गए थे और उसे खुजा रहे थे।

देवा;जिस्म पे पानी डालके खड़ा हो जाता है और टॉवल लपेट के पप्पू का हाथ पकड़ के अपने कमरे में ले जाता है।

वो जैसे ही पलंग पे लेटता है पप्पू उसके ऊपर चढ जाता है।



और धीरे धीरे देवा के छाती को चुमने लगता है।

देवा की ऑखें बंद हो जाती है।

पप्पू देवा के जिस्म पे लिपटे टॉवल हटा देता है और उसके लंड को चुमते हुए अपने मुंह में खिंच लेता है।गलपप गलप्प गलप्प।

देवा;आहह साले आराम से आहः।

पप्पू;बिना कोई अलफ़ाज़ मुंह से निकाले बस मुंह में चुसता चला जाता है गलप्प गलप्प।

कुछ देर बाद देवा पप्पु को अपने नीचे लिटा देता है उसका लंड तो पप्पू के पकड़ने से ही खड़ा हो चुका था और ऊपर से आज पप्पू ने खुद ही उसे अपने मुंह में ले के गीला कर चुका था।

देवा;दोनों हाथों से पप्पू के कमर को पकड़ के फैलाता है और अपने लंड को उसके गाण्ड में पेलने लगता है अहह आहः

देखते ही देखते देवा का लंड पप्पू के गाँड में फिट बैठ जाता है।
MAST ANAL SEX SEEN
 
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हिम्मत राव;तुम यहाँ बैठो मै रानी बिटिया से पूछ के आता हूँ।

देवा;वही रुक्मणी के पास बैठ जाता है।

हिम्मत राव अंदर अपने बेटी के कमरे में जब पहुँचता है तो रानी कुछ ढूंढ रही थी अपनी बापू को देख सीधी हो जाती है।



रानी;क्या बात है बापु।

हिम्मत राव;देवा बाहर आया है तुझे कार सिखाने के लिये।

रानी;ओहह ये तो बहुत अच्छी बात है।

हिम्मत राव;तुझे पता है न तुझे क्या करना है।

रानी;आप बिलकुल फिकर मत करो बापु देवा को तो मै अपने झुठे प्यार में ऐसे फँसाउंगी की वो मेरी उँगलियों पे नाचेंगा और फिर हम उससे अपना काम करवा लेंगे।

हिम्मत राव;शाबाश बिटिया बस एक बार किसी तरह देवा के प्यार में पड़ जाये समझो की हम करोड़ पति।

रानी ; हीही आप करोड़ पति और मै आपकी करोड़ पत्नी।
हिम्मत राव ;रानी को अपने बाहों में समेट लेता है।


रानी;बापू देवा को मै ऐसे पटाऊँगी की वो हमारे बीच के कांटे को हमेशा हमेशा के लिए निकल के फ़ेंक देंगा। उसके बाद मै उसे अपने जुत्ते के नोक पे रख के उसे भी लात मार दूंगी।

हिम्मत राव;रानी के होंठों को चुम लेता है।
और कुछ देर बाद रानी बाहर देवा से मिलने आ जाती है।
YE ACHANAK SE STORY ALAG DIRECTION MEIN HI CHALI GAYI
 
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देवा के साथ साथ कोमल भी पसीना पसीना हुए जा रही थी। देवा की कमर इतनी तेजी से आगे पीछे होने लगती है की कोमल को अपना हाथ अपने मुँह पर रख कर अपनी चीखें दबानी पडती है।
गुं गुं गुं की आवाज़ें फिर भी पूरे रूम में गूंज रही थी।
प्रिया;कोमल की आवाज़ से जग चुकी थी । वो बिना आवाज़ किये अपने रूम के दरवाज़े के पास चली आई और जैसे ही वो सामने का नज़ारा देखती है उसकी साँस हलक में अटक से जाती है।
उसकी माँ अपने होने वाली बहु के भाई से ऐसे पांव पसारे चुद रही है।
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ये देख उससे बहुत ग़ुस्सा आता है मगर अगले ही पल कोमल के मुँह से निकलती सिसकियाँ उसे बतला देती है की सब कुछ उसकी माँ की मर्ज़ी से हो रहा है।
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प्रिया के लिए नाक़ाबिल बर्दाश्त वाली बात थी।
वो ये सब नहीं देख सकती थी। वो पलट कर अपने बेड पर आकर बैठ जाती है और सोचने लगती है की माँ को क्या हो गया है वो क्यों अपनी इज़्ज़त की धज्जियां उड़ा रही है।

कोमल; आहह देवा । कुतिया समझ रखा है क्या तूने मुझे।
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प्रिया;फिर से चौंकती है और इस बार उसका दिल अपने दिमाग के हाथों हार जाता है और कदम खुद ब खुद दरवाज़े की तरफ बढ़ जाते है।
वो फिर से वहीँ आकर छुप कर खड़ी हो जाती है।
उसकी माँ कुतिया की तरह झुकी हुई थी और देवा पीछे खड़ा अपने लंड पर तेल लगा रहा था।
देवा;काकी तेरे जैसे मोटी गाण्ड वाली औरतें मुझे बहुत अच्छी लगती है दिल तो करता है ऐसी गाण्ड को रोजाना चोदता रहूँ । हाय साली ने क्या कमर बनाई है अपनी। रोज़ किस से चुदवाती हो काकी।
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कोमल;अरे कहाँ बेटा ये तो ऐसे ही बाहर निकल आई है।।
ऊई माँ वहां नहीं....... बेटा दर्द होगा मुझे भी और तुझे भी।
देवा;फिर कहाँ।
कोमल;चुत मार मेरी। वो बाद में दे दूंगी।
देवा;कुछ सोचते हुए अपने लंड को कोमल की चूत पर लगा देता है और दोनों हाथों में कोमल के बड़े बड़े बाहर को निकले हुए कमर पकड़ के अपना लंड पीछे से चूत में पेल देता है एक आहह सी कोमल के मुँह से निकलती है और वो ज़मीन चाटने लगती है।

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देवा;का लंड अपने शबाब पर था उसकी नज़र काफी वक़्त से इस फैली हुई गाण्ड पर थी । आज उसने सोच ही लिया था की चाहे कुछ भी हो जाये वो कोमल की गाण्ड मार कर ही रहेगा। वो तो बस कोमल की चूत मार कर उसे उतेजित कर रहा था।
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देवा के लंड से निहाल हो चुकी कोमल अपना सर इधर उधर घुमाने लगती है। मरद क्या होता है और लंड की मार कैसे होती है उसे आज पता चल रही थी वो जैसे ही पीछे पलट कर देखती है देवा अपना लंड चूत से बाहर निकाल के झट से गाण्ड की सुराख़ पर लगा देता है।
कोमल;नही बेटा वहां नही न । मार डालेंगा ये मुआ मुझे।

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तूझे कहा न मैंने बेटा नही ना।
देवा;चुप कर साली बहुत हो चूका। वो बिना रुके सटा सट सटा सट तीन चार ज़ोरदार थप्पड कोमल की गाण्ड पर जड़ देता है ये देख प्रिया के तनबदन में आग लग जाती है देवा न सिर्फ उसकी माँ को चोद रहा था बल्कि उस पर हुक्म भी चला रहा था।
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वो देवा को खरी खोटी सुनाना चाहती थी मगर उसके कदम एक इंच भी आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। उसका हाथ पेट से सरकते हुए नीचे बढ़ता चला जाता है और उसे हैरत भी होती है खुद पर की वो अपनी माँ को पराए मरद से ऐसे चुदता देख इतनी उत्तेजित हो रही है।
प्रिया;अपने हाथ से अपनी चूत को कुरेदने लगती है और इधर कोमल सिहर जाती है।
जब देवा अपने लंड को कोमल की गाण्ड पर घीसने लगता है।
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कोमल;आहह मार डाल मुझे ज़ालिम आहह मार दे आज इससे मुझे उन्हह।
देवा;अपने लंड पर थूक लगाकर उसे कोमल की गाण्ड में उतारने लगता है कमर बड़ी थी मगर कोमल की गाण्ड का सुराख़ सच में छोटा था । देवा को भी दर्द होने लगता है और उससे ज़्यादा कोमल को । वो अपने मुँह में तकिया दबा लेती है मगर उसके जिस्म की तड़प सामने खड़ी प्रिया साफ महसूस कर सकती थी। अपनी माँ को इतने दर्द में देख कर भी प्रिया का जिस्म थरथराने लगता है ।
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उसकी नज़र देवा के लंड पर जम जाती है और धीरे धीरे सरकता हुआ वो काला साँप कोमल के छोटी सी बिल में चला जाता है।
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एक चीख़ कोमल के मुँह से निकलती है और वो चीख़ सुनकर प्रिया की चूत से पानी बहने लगता है।
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कोमल;देवा आहह मेरी कमर दुःख रही है ना नाही ना रुक जा।
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देवा;बस हो गया काकी थोड़ा दर्द नहीं सह सकती तू मेरे लिए आह्ह्ह्ह।
कोमल;अरे ज़ालिम तेरे लिए तो अब मै अपनी जान भी दे दूँ।ऐसा दर्द असली मरद ही दे सकता है औरत को आहह। बेटा धीरे धीरे कर ना।
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देवा;साली बहुत छोटा सुराख़ है तेरा आहह फँसा जा रहा है मेरा तो आहह ऐसी गाण्ड तो देवकी मामी की भी नहीं है।
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कोमल;आहह देवा रे।
बहुत किस्मत वाली है तेरे मामी जो उसे तेरे जैसा बेटा मिला है आह्ह्ह।
देवा;तू भी बन जाएँगी किस्मत वाली जब मेरी बहन इस घर में आएगी काकी।
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कोमल; अरे रानी बना कर रखूँगी मै तेरी बहन को ।बस तू अपनी इस काकी का ख्याल रखने आ जाया करना। आहह बोल आएगा न मेरी लेने उन्हह।
देवा; हाँ तेरी गाण्ड मुझे कहीं से खीच लाएँगी कोमल।
कोमल;आहह चोद अपनी कोमल को देवा आह्ह्ह्ह।
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देवा बिना रुके अपने लंड से कोमल की गाण्ड को खोलता चला जाता है और अपना पानी बहने के बाद प्रिया बिस्तर पर जा कर बैठ जाती है वो दिल ही दिल में सोच लेती है की उसे सुबह क्या करना है।
सवेरा होते होते देवा कोमल को अपने पास से उसके रूम में भेज देता है और कोमल कमर पर हाथ रख कर लंगड़ाती हुए अपने बिस्तर पर जा कर लेट जाती है।सुबह कोमल के उठने से पहले प्रिया जग जाती है और वो देवा को भी जगा देती है । प्रिया के बापू भैसो का चारा लाने खेत में निकल चुके थे।

देवा को अभी अभी नींद आई थी की प्रिया के उसे ज़ोर से हिलाने से वो हडबड़ा कर जग जाता है और सामने प्रिया को देख थोड़ा हैरान भी हो जाता है।
देवा;क्या हुआ।
प्रिया; चीखते हुए क्या हुआ।
कमीने इंसान क्या समझ रखा है तुमने इस घर को।
मै सब देख चुकी हूँ रात जो कुछ हुआ है यहाँ।
अपना सामान उठाओ और वहीँ चले जाओ जहाँ से आये हो । क्यूंकि इस घर में तुम जैसे इंसानो के लिए कोई जगह नहीं और तुम्हारे बहन इस घर की बहु कभी नहीं बन सकती। मै हरी भाई से सब कुछ कह दूंगी ।

ये कहकर वो वहां रूकती नहीं बल्कि अपने रूम में चलि जाती है। देवा पर तो जैसे सुबह सुबह पहाड गिर पड़ा था। वो इधर उधर देखने लगता है और उसे कोमल दरवाज़े के आड़ में खड़ी दिखाई देती है।।
प्रिया की बाते सुनकर कोमल के भी पांव तले की ज़मीन खिसक गई थी।

उधर देवा के गांव में विक्रांत कदम रखता है वो अपने मोटरसाइकिल पर बैठ कर जैसे ही गांव के कच्चे रास्ते से होता हुआ हवेली की तरफ बढ़ता है उसकी नज़र एक घर पर पडती है वो घर और किसी और का नहीं बल्कि शालु का था।
नीलम;सुबह सुबह अपने गाये बकरियों को चारा खिला रही थी वो अभी अभी नहा कर बाहर आई थी। उसके बाल खुले हुए थे और गीले बालों पर पानी की हल्की हल्कि बूंदें सुबह की रौशनी में और भी ज़्यादा चमक रही थी।
विक्रान्त;यहाँ शिकार करने आया था मगर वो नीलम की एक झलक पाकर जैसे खुद शिकार हो गया था।
नीलम की नज़र अचानक से विक्रांत के तरफ चली जाती है और वो एक अजनबी आदमी को इस तरह उसे घूरता देख बुरी तरह डर जाती है और सीधा घर के अंदर जा कर दरवाज़ा विक्रांत के मुँह पर बंद कर देती है।
विक्रान्त मुस्कराता हुआ अपनी बाइक शुरु कर देता है और हवेली की तरफ बढ़ जाता है।

हवेली में रुक्मणी और रानी अभी अभी नहा कर बाथरूम से बाहर निकलती है जब से दोनों माँ बेटी का रिश्ता एक नए बंधन में बँधा था न रानी को हिम्मत राव की परवाह थी और न अब रुक्मणी हिम्मत में खोई रहती थी।
बिंदिया अपने मालिक के साथ एक रूम में नंगी सोई हुई थी।
रानी;अपने माँ के बाल सँवारते हुए उसके गाल को चूम लेती है।
दोनो अभी आधी से ज़्यादा नंगी थी बस नीचे दोनों ने पेंटी पहन रखी थी।
रुक्मणी;क्या बात है बड़ा प्यार आ रहा है आज कल अपनी माँ पर रानी।
रानी;क्या माँ तुम भी न तुम सच में बहुत सुन्दर हो।
रुक्मणी;रानी की ऑंखों में देखने लगती है।

जो सुख वो अपने पति से चाहती थी अपनी चूत में लगी आग को वो हिम्मत के लंड से बुझाना चाहती थी वही सुलगती हुई आग रानी अपनी ज़ुबान से बुझा रही थी। मगर ये वो आग होती है जो ज़ुबान से नहीं बुझती बल्कि ये तो और बढ़ती चली जाती है।।

रानी;क्या देख रही हो माँ।
रुक्मणी;कुछ नहीं सोच रही हूँ अब तेरे भी हाथ पीले कर दुं।
रानी;माँ तुम भी न।।
वो रुक्मणी के गले से लग जाती है और दोनों के ब्रैस्ट आपस में घिस जाते है और इस से एक चिंगारी सी पैदा होती है जो दोनों के तन बदन में फ़ैल जाती है।

रानी;अपने दोनों हाथों से रुक्मणी की कमर को सहलाने लगती है।
और रुक्मणी अपनी ऑंखें बंद कर लेती है । रानी की गरम साँसें उसे उसके होठो पर महसूस होती है।।

रुक्मणी अपने ऑंखें खोल कर रानी कहते हुए अपने ज़ुबान बाहर निकाल कर रानी के होठो को चुमते हुए उसे अंदर डाल देती है दोनों एक दूसरे को चुमते हुए पेंटी के ऊपर से एक दूसरे की चूत को रगडने लगती है
रानी;गलप्प माँ गलप्प।

कि तभी बाहर से किसी की आवाज़ दोनों को चौंका देती है।
रुक्मणी;इस वक़्त कौन हो सकता है।
 
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