अपडेट 64
देवा की फिकर में न रत्ना ने सुबह से कुछ खाई थी और न ममता न।
नीलम दोनों के लिए खाना बना रही थी उसके ऑसू थे की रुकने का नाम नहीं ली रहे थे।
पप्पू पास में गुमसुम सा बैठा हुआ था । शालु घर जा चुकी थी।
खाना बनाने के बाद नीलम रत्ना और ममता को समझा बुझाके खाना खाने के लिए बैठा देती है।
मगर बेटे के गम में चूर दोनों माँ बेटी के हलक से खाने का एक निवाला भी नहीं उतर रहा था।
किसी तरह दोनों पेट की आग को बुझा देते है।
रात काफी गहरी हो चुकी थी। नीलम पप्पू को घर भेजवा देती है और खुद वही ममता और रत्ना के पास सो जाती है।
इस मुश्किल घडी में नीलम एक समझदार होने वाली बहु का रोल बखूबी निभा रही थी।
रत्ना को उस पर बहुत प्यार भी आ रहा था । उसका दिल तो कई दिनों से नीलम को घर ले आने का था।
मगर अब आगे क्या होने वाला था ये रत्न को भी पता नहीं था। बस खुद को कोसते रोते हुए वो नींद की आग़ोश में चली जाती है।
पप्पू घर आता है शालु उस वक़्त पीछे के नए रूम में से घर में आ रही थी।
पप्पू;माँ कहा गई थी तुम।
शालु;वो मै कमरा साफ़ करने गई थी नीलम कहाँ है।
पप्पू;नीलम काकी के वहां रुक गई है।
शालु; अच्छा किया उसने तुम सो जाओ बेटा सुबह देखेंगे क्या होता है।
पप्पू;माँ तुम्हें क्या लगता है कहाँ गया होंगा देवा।
शालु: मुझे क्या पता भला मै क्या जानू। जवान लड़का है कही भी जा सकता है।
तुम फिकर मत कर बेटा आ जाएगा अपने माँ से नाराज़ होके भी कोई बेटा रहा है।
कुछ दिन में ग़ुस्सा चला जायेगा तो घर भी आ जायेगा।
पप्पू;उदास मन के साथ अपने कमरे में सोने चले जाता है।
और शालु बर्तन साफ़ करके अपने बिस्तर पर जाके लेट जाती है।
उसे बिस्तर पर लेटे हुए एक घण्टा बीत जाता है कभी इस करवट तो कभी उस करवट मगर उसे नींद नहीं आती ।
वो उठके बैठ जाती है।
और पप्पू के कमरे में जाके देखती है।
पप्पू;उस वक़्त तक गहरी नींद में सो चूका था।
शालु;थोड़ा सा सरसो का तेल गरम करती है और उसे एक बर्तन में ले के अपने घर के पीछे बने रूम में चली जाती है।
रूम का दरवाज़ा खुलता है और शालु अंदर दाखिल होती है।
रूम में का जीरो लाइट भी बंद था शालु लाइट ऑन कर देती है।
आखीर कब तक ऐसे यहाँ अँधेरे में बैठे रहोंगे तुम।
देवा;शालू की तरफ देखने लगता है।
शालु: मैं तुम्हारी माँ को बताने जा रही हूँ।
देवा;तुमने मेरी सर की कसम खाई है काकी सोच समझ के बाहर कदम रखना।
शालु;के पैर वही रुक जाते है और वो पलट के दरवाज़ा बंद करके देवा के पास जाके बैठ जाती है।
चेहरे पर मुस्कान लिए वो देवा को समझाने लगती है।
शालु;एक तो तू मुझे बताता नहीं की क्या हुआ है।
उपर से मुझे अपने सर की कसम दे रखा है की किसी को बताना नही।
अब मै करू तो क्या करूँ । आखिर कब तक ऐसे चलेगा देवा। गांव वालो को पता चल गया की तू यहाँ मेरे घर में है तो तरह तरह के सवाल उठेंगे।
गांव वाले पुछेंगे नहीं के तू यहाँ क्या कर रहा है।
अरे गांव वालों का छोड़ तेरी माँ और बहन के ऑसू मुझसे नहीं देखे जाते रे।
देख देवा ऐसा मत कर।
देवा;ठीक है मै यहाँ भी नहीं रुकता चला जाता हूँ फिर...
शालु;देवा का हाथ पकड़ लेती है।
और उसी वक़्त उसका पल्लू भी नीचे गिर जाता है।
जब देखो नाक पर ग़ुस्सा रहता है तेरे।
चल वो सब छोड़ मै तेल गरम करके लाई हूँ तेरी मालिश कर देती हूँ।
कितनी बेरहमी से मारा है किसी ने तुझे। कौन था वो।
देवा;मुझे नहीं पता अँधेरे में किसी ने पीछे से मेरे सर पर हमला किया और उसके बाद मुझे नहीं पता की क्या हुआ।
देवा;किरण के घर से मरहम पट्टी कराने के बाद शालु के घर आ गया था।
उसने शालु से झूठ भी कहा था की उसे अँधेरे में किसी ने सर पर मार के उसकी ऐसी हालत कर दी है।
उसके जिस्म पर रत्ना के हाथों मार के निशान थे। पूरी पीठ पर लकड़ी से मार के निशान पड़ चुके थे।
मगर वो अपने घर की बात शालु को बता के, बात को गांव वालों तक पहुँचाना नहीं चाहता था।
शालु;देवा की तरफ देखती है उसकी नज़र शालु के ब्लाउज के उस हिस्से पर टिकी हुई थी जहाँ से पल्लू सरका था।
शालु;बेशरम।
तूझे और कुछ सूझता भी है के नही।
देवा;क्या। क्या किया है मैने।
शालु;सब जानती हूँ तेरे हरामी नज़र को। अगर तू नीलम का होने वाला पति नहीं होता तो कब का मारके घर से भगा देती।
शालु बोलते बोलते हँस पडती है।
देवा;शालू का पल्लू खीचते हुए उसके कमर में हाथ डाल देता है।
और अगर तुम भी नीलम की माँ नहीं होती तो...
शालु;तो क्या करता।
देवा;पुरी नंगी करके दिन रात पेलता रहता।
शालु;बस बस बड़ा आया...
जिस्म पर घाव देखें है अपने। कुछ भी नहीं कर सकता तू। अभी तो चल लेट जा मै तेल से मालिश कर देती हूँ।
और हाँ कल सुबह तू अपने घर जायेगा समझा की नही।
देवा;एक शर्त पर जाऊँगा।
शालु;क्या।
देवा; शालू की साडी खीच कर उसे बिस्तर पर गिरा देता है।
आज की रात मुझे तुम सब कुछ दोगी।
शालु;उन्हह हाय क्या करता है मुये
देवा;दूध पीला दे काकी आज अपने चूचियों का।
देवा;दोनों हाथों में शालु के ब्रैस्ट को पकड़ के मसलने लगता है।
शालु;उन्हह नहीं देवा अभी नही।
देवा;मुझे नहीं पता अभी मतलब अभी।
शालु;देवा को धक्का दे देती है और उठके खड़ी हो जाती है।
देवा;हसरत भरी निगाहों से शालु को देखने लगता है।
शालु;पहले तेल से मालिश कर ले।
देवा;मुस्कराता हुआ बिस्तर पर लेट जाता है।
शालु;अपनी ऑखें बंद कर ले।
देवा;वैसे ही करता है और जब कुछ देर बाद देवा अपनी ऑखें खोलता है तो शालु को देख हैरान रह जाता है।
शालु;देवा की तरफ पीठ करके खड़ी थी।
भरा हुआ गदराया हुआ बदन शालु के, उस पर मोटी मोटी कमर देख देवा का लंड फुंफकारने लगता है।
दो दिन से उसे चूत के दरशन नहीं हुए थे।
और जिसे वो हमेशा से चोदने के खवाब देखा करता था वो आज खुद नंगी होके उसके सामने खड़ी थी।
शालु;देवा के क़रीब आती है देवा हाथ बढाके उसे अपने पास खीचना चाहता है।
शालु;रुक जा मैंने कपडे इसलिए नहीं उतारे की तू कुछ ऐसी वैसी हरकत करे। मेरे कपडे भी तेल से गंदे हो जाते इसलिए उतारे है।
देवा;तो शुरू कर ना काकी देर किस बात की...
शालु;बड़ा उतावला हो रहा है मुआ।
देवा;इसे देखने के बाद कौन उतावला नहीं होगा।
वह अपने हाथ से शालु की चूत को रगड देता है।
शालु;आहह कमीना कही का।
मुस्कराते हुए शालु अपने हाथों पर तेल लगाती है और देवा के सर से लेकर पैरों तक मालिश करने लगती है।
देवा;अंडरवियर में लेटा हुआ था। जब शालु उसके जांघो तक पहुँचती है तो देवा का लंड उसे चड्ढी में फुंकारता हुआ दिखाई देता है।
वो एक नज़र देवा की तरफ डालती है देवा ने अपनी ऑंखें बंद कर रखी थी।
शालु;चड्डी खीच लेती है और देवा का लंड शालु की ऑंखों के सामने आ जाता है।
9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड देख शालु की चूत में चींटियां रेंगने लगती है मगर शालु एक समझदार औरत थी।
वो देवा को किसी तरह समझा बुझाके घर भेजना चाहती थी मगर वो देवा के लंड को देख सब कुछ जैसे भूल जाती है।
अपने तेल से भींगे हाथों में जब वो देवा का लंड पकड़ती है तो देवा के मुँह से प्यार भरी सिसकारी निकल पडती है।
देवा;आहह श्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
शालु;दोनों हाथों से लंड को पकड़ के उसे नीचे से ऊपर तक मालिश करने लगती है।
देवा से बर्दाश्त नहीं होता वो शालु की कमर में हाथ डाल के उसे भी अपने ऊपर खीच लेता है।
शालु;उईई माँ क्या कर रहा है मैंने मना की थी न तुझे उन्हह।
अपनी चूत पर लंड लगते ही शालु का मुँह बंद हो जाता है।
देवा;अपने बदन से मालिश करो काकी जल्दी आराम मिलेंगा मुझे।
शालु;देवा के ऊपर नंगी लेटी हुई थी। चूत से लंड लगा हुआ था और देवा की चौड़ी छाती से शालू के नरम मुलायम ब्रैस्ट घिस रहे थे।
देवा;दोनों हाथों में शालु के कमर को थाम लेता है और शालु ऑखें बंद करके अपनी चूत को देवा के लंड के ऊपर घीसने लगती है।
शालु की ऑखें बंद हो जाती है।
देवा;धीरे से उसके कानो में कहता है।
शालु अपनी चूत में ड़ालने दो ना मेरी प्यारी काकी।
शालु;नही अभी नही।
देवा;क्यूं सब कुछ तो बता चुकी हो मुझे फिर न क्यूं।
शालु;सब कुछ तुम्हारा है जवाई राजा बस कुछ दिन रुक जाओ सब कुछ सौंप दूंगी तुम्हें आहह धीरे से जमाई जी।
देवा;मुझे बस अंदर ड़ालने दो अभी।
सासू माँ।
शालु;तुम्हें नीलम की कसम जब तक मै न कहूं अंदर मत घुसाना आह्ह्ह्ह।
बस ऐसे ही।
दोनो हाथों से देवा इतनी ज़ोर से शालु के चूतड़ को दबाने लगता है की शालु की चूत से पानी निकलने लगता है।
और वो सीधा देवा के लंड पर गिरने लगता है। शालु देवा से चिपक जाती है और झटके खाते हुए झरने लगती है।
जब थोडी देर बाद शालु शांत होती है तो उसे अपने चूत के मुहाने पर अंदर जाता हुआ देवा का लंड महसूस होता है शालु हाथ से देवा के लंड को पकड़ लेती है।
शालु;नहीं अभी नही सुनो न जवाई राजा।
देवा;मेरा लंड दर्द करता है अगर उसे चूत नहीं मिली तो।
शालु;नीचे नहीं ऊपर से करो मुझे।
देवा;ऊपर से कहाँ से।
शालु;देवा के लंड के पास अपना मुँह ले आती है और उसे खोल देती है।
यहाँ मुँह में लंड डाल के अपनी सासु माँ के मुँह को चूत समझ के चोदो।
देवा;अपने लंड को शालु के मुँह में डाल देता है।
शालु;गलप्प गलप्प गलप्प....
अपनी चूत को सहलाते हुए देवा के लंड को थोडी बहुत राहत देने लगती है।
देवा;आहह साली चूत दिखाती है मगर देती नहीं। साली तू ले तेरे मुँह में....
आज अंदर तक घूस्सा घुस्सा के देता हूँ तुझे आह्हह्हह्हह्हह।
शालु;अपनी चूत को सहलाते हुए देवा के लंड को मुँह की गहराइयों तक लेते चली जाती है।देवा शालू के मुँह को चूत समझकर चोदने लगता है।वह अपना सारा गुस्सा शालू के मुँह में निकलना चाहता है।शालू भी अपने गरम मुँह में देवा के लंड को कुल्फी की तरह चूसने लगती है।
अपने सासु माँ के मुँह की गरमी में देवा झडने लगता है।
उसका गाढा गाढा पानी शालु के सीधा मुँह में गिरने लगता है और शालु भी कुल्फ़ी की तरह लंड को चाटते हुए सारा का सारा पानी पी जाती है।
एक दूसरे को चुमने के बाद शालु उठके अपने कपडे पहनने लगती है।
शालु;कल तुम घर जाओगे ना।
देवा;हाँ में सर हिला देता है।
और शालु मुस्कुराते हुए दरवाजा बंद करके अपने घर में चलि जाती है।
सुबह जब शालु की आँख खुलती है तो देवा उसे उस रूम में नहीं मिलता।
देवा;उठके सीधा अपने खेत में चला जाता है।
रत्ना;को कोई गांव वाला आके बताता है की उसने देवा को खेत में देखा है तो रत्ना नीलम और ममता भागते हुए खेत में पहुँच जाते है।
देवा;खेत में काम कर रहा था।
रत्ना;ममता और नीलम रोते हुए उसके पास जाके उससे लिपट जाते है।
रत्ना;कहाँ चला गया था तू देवा अपनी माँ को छोड़ के। चल घर चल।
देवा;मुझे नहीं जाना घर वर । चले जाओ यहाँ से...
ममता;भैया कैसी बातें कर रहे हो चलो न । देखो कैसे हालत हो गई है माँ और मेरी भी। नीलम भी कितनी परेशान है।
देवा;नीलम की तरफ देखता है रो रो के तीनो की ऑखें सूज गई थी।
तभी वहां शालु और पप्पू भी आ जाते है।
सभी देवा को समझाने लगते है मगर देवा घर आने से इंकार कर देता है।
देवा;अगर मुझे घर आने के लिए मजबूर करोगे तो मै हमेशा हमेशा के लिए यहाँ से कही दूर चला जाऊँगा।
रत्ना;नहीं नहीं बेटा ऐसी बात मत कर।
शालु;रत्ना और ममता को एक तरफ ले जाती है।
देखो रत्ना अभी वो बहुत ग़ुस्से में है।
दो तीन दिन में मै उसे समझा बुझा के घर भेज दूँगी।
शुकर है वो गांव तो वापस आ गया।
तूम घर जाओ मै उसे खाना खिला कर पप्पू के साथ घर में सुला दूँगी।
रत्ना;को शालु की बात ठीक लगती है।
उसे तो बस यही ख़ुशी थी की देवा घर न सही गांव में सही सलामत तो आ गया है।
ममता और रत्ना दोनों घर चली जाती है।
और शालु पप्पू के साथ खेत में एक तरफ चली जाती है।
देवा;नीलम के पास आता है।
नीलम के कंधे पर जैसे ही वो अपना हाथ रखता है।
नीलम हाथ झटक देती है।
नीलम;मुझसे बात मत करो कहाँ चले गए थे। ज़रा भी परवाह नहीं है ना मेरी।
पता है एक पल भी जीना मुहाल हो गया था मेंरा।
देवा;नीलम को अपने सीने से लगा लेता है।
मुझे माफ़ कर दे नीलम आज के बाद मै कभी ऐसे नहीं जाऊँगा।
नीलम: सच ।
देवा: देख तेरे सर की कसम।
नीलम;आज के बाद कभी गए न तो बोल देती हूँ मै अपनी जान दे दूंगी।
देवा;इतना प्यार करती हो मुझसे।
नीलम;नफरत करती हूँ मै तुमसे।
ये कहते कहते वो दूबारा देवा के सीने से लिपट के रोने लगती है।
देवा से उसके ऑंसू बर्दाश्त नहीं होते और वो उसके ऑसू बंद करने के लिये अपने होंठ उसके होठो पर रख देता है।
नीलम;सिसकते सिसकते चुप हो जाती है।
बास कुछ ही पल गुज़रे थे मगर नीलम की ऑखों में मोहब्बत के दिए टिमटिममाने लगते है।
वो सब कुछ भूल जाती है और एक नई नवेली किसी दुल्हन की तरह देवा के छाती पर मुक्का मारके वहां से भाग जाती है।