Incest हाय रे ज़ालिम................

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शालु;आगे आगे चल रही थी और देवा उसके पीछे।
देवा की नज़र शालु के हिलते हुए कमर पर ही ठीकी हुई थी।
जब से देवा ने जवानी के दहलीज़ पर कदम रखा था तब से उसके रातों का चैन चुराने वाली और कोई नहीं बल्कि शालु ही थी उसका कसा हुआ गठीला बदन पांव के ताल पर थिरकते हुए मोटे मोटे भरे हुए चूतड़ और हिलती हुई बडी बडी चूचियां देख देख कर ही देवा जवान हुआ था कितनी बार उसने चाहा की बस एक बार शालु उसे दे दे मगर हर बार उसे मुंह की खानी पडती।
शालु;को कस के चोदने की इच्छा तो उसकी बहुत पहले से थी मगर वो शालु के मामले में जल्द बाज़ी नहीं करना चाहता था क्यूंकि आखिर वो नीलम की माँ जो थी। वो जानता था आज नहीं तो कल शालु उसे देगी ज़रूर। मगर ये वक़्त काटना उसके लिए ज़हर पीने जैसा था।
अपने यादों में खोया देवा आखिर कर शालु के साथ उसके घर पहुँच जाता है।
आंगन में ही नीलम बर्तन साफ़ कर रही थी। देवा को देख वो शर्मा के घर के अंदर चली जाती है और दरवाज़े के किनारे में से छुपके देवा को देखने लगती है।
देवा;के चेहरे पर अपनी जान को देख मुस्कान आ जाती है।
अजीब प्यार था ये दोनों का। न जिस्म की भूख न चुदाई की आरज़ू ऑखों से शुरू हुआ नीलम और देवा का प्यार आज दिल की गहराइयों में उतर चुका था। देवा अपनी माँ से भी ज़्यादा प्यार करता था नीलम को और नीलम बस देवा को मन ही मन अपना सब कुछ मान के जिए जा रही थी।
शालु;देखे क्या।
देवा;क्या हाँ क्या काकी।
शालु;मुस्कुराते हुए अरे बाबा भैंस देखेगा या नही
देवा;हाँ हाँ कहाँ है।
शालु;चल पीछे खूंटे में बांधी हूँ पता नहीं सुबह से अजीब आवाजें किये जा रही है न कुछ खाती है और ना पीती है
देवा;शालू के पीछे पीछे एक कमरे में चला जाता है।
शालु की भैंस को देखते ही वो समझ जाता है की उसे क्या हुआ है।
वो हंसने लगता है उसे इस तरह देख शालु उसे घुरने लगती है।
शालु;क्या हुआ मुझे भी बतायेंगा की बस हंसे जा रहा है।
देवा;जा के भैंस को खोल देता है।
चलो मेरे साथ।
शालु;कहाँ।
देवा;मोती काका के यहाँ।
मोती का नाम सुनके शालु बुरी तरह शर्मा जाती है।

मोती; गांव का एक किसान था छोटा सा खेत था उसका। अकेला रहता था बीवी कई साल पहले गुज़र चुकी थी और औलाद कोई थी नहीं उसकी। मगर पूरे गांव में और आस पास के गांव में भी मोती का बहुत नाम था हर कोई उसे जानता था। जो जानवर पालता था या नहीं पालता था।
असल बात ये थी के मोती को पहले से भैसा पालने का बड़ा शौक था।
ओ गांव गांव जाके भैसा की टक्कर में अपने भैंसे से जोडा लगाता था और उसका भैसा इतना ताक़तवर था की उसके सामने कोई नहीं टिकता था।
मोति का भैसा एक और काम बड़े ज़ोरदार तरीके से करता था वो था गांव के भैंसो को गाभिन करना। जब भी कोई भैंस गरम हो जाती थी तो मोती का भैसा ही उसे अपने निचे ले के शांत करता था।
जब देवा ने मोती का नाम लिया तो शालु समझ गई की उसके भैंस को हुआ क्या है।
वो अपनी हंसी दबाते हुए देवा के पीछे पीछे मोती के घर की तरफ चल पडती है।
मगर उन्हें मोती रास्ते में ही मिल जाता है।
देवा;अरे काका कहाँ भागे जा रहे हो हम तो तुम्हारे ही पास आ रहे थे।
मोती;अरे बिटवा हम कही बहुत जरुरी काम से पास वाले गांव में जाना है तू बोल ना की क्या काम आ गया तुझे।
देवा;इशारे से भैंस की तरफ ऊँगली करता है।
और मोती समझ जाता है की क्या बात है।


मोती;अरे तो तो सब जानत है जा पीछे कमरे में ही बँधा है मेरा भैसा। जाके ठुकवाईले इसे।
शालु;इधर उधर मुँह करके अपनी हंसी रोकने की कोशिश करने लगती है।
मोती;और ये ले हमार घर के चाभी कवनो चीज़ की ज़रूरत पडेगी तो निःसंकोच ले लियो अच्छा अब्ब मै चलता हूँ।
देवा;मोती के जाने के बाद शालु की तरफ देख के कहता है।
चलो ठुकवाइलो अपनी भैंसीया को।
शालु;अपनी बडी बडी ऑंखें निकाल के देवा को डराने लगती है मगर देवा हँसता हुआ भैंस को हकलाते हुए मोती के घर पहुँच जाता है।

शीरा मोती के भैंसे का नाम था।
वो कोठे में ही बँधा हुआ था शीरा भी देवा की तरह ही था उसे बस भैंस देखने भर की देर थी।
शालु की भैंस को देखते ही वो अपना बड़ा सा लाल लाल लंड निकाल देता है और गरदन ऊपर करके शालु की भैंस को सूँघने लगता है।
ये सब देख कर शालु को अजीब सा महसूस होता है मोती के भैंसे का वो बड़ा सा लंड देख शालु की ऑखों में ख़ुमारी सी छाने लगती है।
उसकी चूत फड़ फडाने लगती है और सफेद चिप चिपा सा पानी जांघों से निचे गिरने लगता है कितनी प्यासी थी शालु की भैंस और उससे भी ज़्यादा चुदासी थी शालू।
शालु;सामने रखे पत्थर पर बैठ जाती है और देवा अपना कमीज उतार के रख देता है और शालु की भैंस को शीरा के पास बांध देता है और आके शालु के पास बैठ जाता है।
शीरा;एक बार देवा और शालु की तरफ देखता है जैसे ख़ुशी में देवा का शुक्रिया कह रहा हो और फिर शालु की भैंस को पीछे से सूँघता हुआ चढ़ जाता है उसके उपर।
शालु;की भैंस पहले से गरम थी वो एक इंच भी नहीं हिलती मगर वो उस वक़्त बहुत ज़ोर से चिल्लाती है जब शीरा अपना मोटा लंड शालु के भैंस के पीछे से उसकी चूत में घूस्सा के दना दन उसे ठोकने लगता है।
शालु;के हाथ पैर काँपने लगते है वो उठके दूसरी तरफ जाने लगती है मगर देवा उसका हाथ पकड़ के उसे वही अपने पास बैठा देता है।
शालु; छोड़ मुझे क्या करता है।
देवा;देखो न काकी तुम्हारे भैस को कैसे मोती का भैसा ले रहा है।
शालु; छोड़ मुझे। शर्म नहीं आती तुझे अपनी काकी के सामने ऐसी बाते करते हुए।
देवा;वाह वाह इतनी शर्म आ रही है तो यहाँ क्यों चली आई। मै ही चुदवा लाता तुम्हारी भैंस को मगर तुम्हें देखना था न । कैसे पेलता है शीरा इसे है ना।
शालु चुप हो जाती है देवा ने उसके मन की बात कह दिया था।
शालु;को चुप देख देवा उसे अपने पास बैठा देता है और पीछे से दोनों हाथों से शालु के पेट को सहलाने लगता है।
देवा;बहुत दिन से देख रहा हूँ काकी तुम मुझे दे नहीं रही हो।
शालु;क्या क्या कहा तूने और क्या चाहिए तुझे।
देवा;चुम्मा चाहिए मुझे अपनी काकी का।
शालु;बिदक जाती है।
छोड हरामी माँ जैसी हूँ मै तेरी और तू मुझे ही ख़राब करना चाहता है।
देवा;ग़ुस्से में आ जाता है और झट से दोनों हाथों को शालु के ब्लाउज के अंदर डालके बड़े बड़े ब्रैस्ट बाहर निकाल के बेरहमी से मसलने लगता है।
शालु;आहह कुत्ते छोड़ दे मुझे इसलिए मुझे यहाँ ले के आया तू मुझे आहह।

देवा;नहीं सासु माँ मै तो तुम्हे यहाँ कुछ देने लाया हूँ।
शालु;सासु माँ तुझ जैसे हरामी को मै नहीं देने वाली अपने बेटी। मेरी आहह रश्मि के साथ जो तूने किया उसके बाद तो बिलकुल भी नहीं ओह्ह्ह्हहः।
देवा;अपना हाथ नीचे ले जा के शालु की चूत को रगडने लगता है।
शालु: उन्हह देवा बेटा कोई देख लेगा ना। आह्ह्ह छोड दे मुझे।



देवा अपना हाथ सीधा शालु के झांटो वाली चूत के ऊपर रख देता है शालु कभी कभार ही पेंटी पहनती थी मगर आज शायद देवा की किस्मत बहुत अच्छी थी जो शालु ने अंदर कुछ नहीं पहनी थी।
देवा;साली मुझे हरामी बोलती है तो फिर ये तेरी चूत क्यों इतना पानी छोड रही है। बोल है कोई जवाब।
शालु;धीमी आवाज़ में सिर्फ इतना कहती है।
यहाँ कोई देख लेगा ना बेटा।
देवा;शालू का हाथ पकड़ के उसे मोती के घर के अंदर ले जाता है और उसे अपनी बाहों में जकड लेता है।
देवा;सासु माँ कितना तड़पाया तूने मुझे एक छोटी सी चीज देने के लिये।
शालु;मचलती जाती है मगर होठो से कुछ नहीं कहती। वो कशमकश में थी की क्या करे और क्या न करे पप्पू ने उसकी चूत में जो आग सुलगाया था वो अब तक नहीं बुझी थी मगर देवा उसका होने वाला जवाईं था और वो अपनी बेटी का हक़ मारना नहीं चाहती थी।
शालु;नहीं ना देवा उईईईईईई माँ वहां नही। आहह ये मत कर तू आहह आह्ह्ह्ह्ह्हः


देवा शालू का ब्लाउज खोल देता है और अपने हाथ में शालु के निप्पल को पकड़ के मसलने लगता है।
शालु ऑंखें बंद कर देती है।
उन्हह मत कर बेटा। मै तेरी माँ जैसी हूँ। उईईई आह्ह्ह्ह्ह्हह।
देवा;माँ की लेने में जो मजा है वो और किसी की लेने में नहीं काकी।
देवा;शालु को निचे लिटा के उसके ऊपर लेट जाता है। देवा के जिस्म की गर्मी अपने ब्रैस्ट पर महसूस करके शालु पिघल जाती है और उसकी ना हाँ में बदल जाती है।
शालु;आहह अपनी माँ के साथ गलत करेगा तू उन्हह।
देवा;हाँ मेरी सासु माँ। तुझे आज अपना बना लुँगा जैसे तेरी बेटी रश्मि को बनाया था।
शालु;उन्हह रश्मि अपनी मर्ज़ी से तेरे पास उन्हह आई थी क्या।
देवा;हाँ वो भी अपनी मर्ज़ी से मेरे पास आई थी।
शालु;को बातो बातों में देवा नंगी कर देता है । उसे तब होश आता है जब देवा का गरम हाथ सीधा शालु अपनी चूत के ऊपर महसूस करती है।
आह ये क्या किया तूने उन्हह मुझे आहह नहीं नहीं तू ऐसा कुछ नहीं करोगे आह्ह्ह्ह।
देवा;देखने तो दे मुझे जिसके लिए मै इतना तड़पा हूँ वो है कैसी गलप्प गलप्प....
शालु;के कुछ कहने से पहले ही देवा अपने ज़ुबान को शालु के झांटो वाली चूत के ऊपर लगा देता है और शालु की साँस जैसे चलना बंद हो जाती है।
शालु;आह माँ आहह माँ।

शालु;देवा नहीं नही वहां नहीं उईईईईई माँ वहां आज तक किसी ने भी नहीं चाटा आहह मै मर जाऊँगी रे आयाह आहह।
देवा;अपनी एक ऊँगली शालु की गाण्ड के अंदर डालके शालु की चूत के अंदर तक अपनी ज़ुबान घूस्सा देता है। उसकी चूत से आती पेशाब की महक देवा को पागल करने लगती है और वो निचे से ऊपर तक शालु की रसीली चूत को चाटता चला जाता है गलप्प गलप्प।
शालु;आहह मै गई उईईईईई माँ आह्ह्ह्हज्ज गईई अहह ।
देवा की गरम ऊँगली अपनी चूत में पा के शालू जी भर के झरने लगती है वो दोनों हाथों से देवा के सर को पकड़ के अपनी चूत के ऊपर दबाते हुए पानी देवा के मुँह पर छोड़ने लगती है।
आह मार डाला रे हरामी तूने अपनी सास को आह्ह्ह।
देवा;मुस्कराता हुआ उसके बाल पकड़ के उसे बैठा देता है इतनी जल्दी नहीं सासु माँ अपने जवाईं का लंड तो चूस के बताओ की तेरी बेटी के लायक है भी या नहीं।लो मुँह में।
शालु;नहीं गन्दा लगता है मुझे।


देवा; अच्छा अब गंदा लगता है । चूत चटवाना गन्दा नहीं लगता। लेती है या नही।
शालु;अपने हाथ में देवा के लंड को पकड़ लेती है इतना ज़बर्दस्त लंड उसने अपनी ज़िन्दगी में नहीं देखी थी। उसकी चूत तो कई दिन से मचल रही थी इस लंड के लिए । जबसे उसने इसे रश्मि के चूत में अंदर बाहर होते देखी थी । वो झट से अपना मुँह खोल देती है और लंड का सुपाडा मुँह में खीच लेती है । सुपाडा अंदर जाते ही देवा ज़ोरदार धक्का देता है और पूरा लंड शालू के मुँह में जाके टकरा के हलक से वापस आ जाता है।
देवा;बहुत तड़पाया है तूने मुझे काकी । आज नहीं छोडने वाला । मै तुझसे आज सारे हिसाब पूरे करूँगा। आह्ह्ह्ह्ह्।
शालु;देवा को निचे गिरा देती है और उसके ऊपर चढ़ जाती है।
अच्छा क्या करेंगा तू मुझे बता तो ज़रा।
देवा;अपनी सासु माँ को चोदूँगा आज मैं।
शालु;देवा के लंड को हाथ में पकड़ लेती है और उसे चूत के थोड़ा ऊपर रख के उस पर लेट जाती है। वो देवा के ऊपर ऐसे झुकती है की देवा का लंड चूत के दाने पर घीसने लगता है और शालु की ब्रैस्ट देवा के मुँह के पास आ जाते है।
देवा;अपने दोनों हाथों में शालु के ब्रैस्ट को पकड़ के दूध पीने लगता है हालाँकि शालु के ब्रैस्ट में दूध नहीं था। मगर देवा इस अंदाज़ में उन दोनों को निचोड़ रहा था की शालु को भी लगने लगा था की उसके चूचियों में से दूध निकल रहा है।

देवा;आहह अंदर ड़ालने दे काकी आह्ह्ह।
शालु;नहीं बस ऐसे ही मसलते रह मुझे आज्ज नहीं देवा आज नही।
देवा;मगर क्यों काकी।
शालु;उन्हह आज नहीं रे वो दिन आज नहीं जब मै तेरी हो जाऊँगी।
मगर उन्ह आज से मै तेरी अमानत हूँ। मेरा सब कुछ तेरा हुआ बस आज नहीं । उईईईईई माँ आह्ह्ह्ह।
देवा;अपने दोनों हाथों में शालु की कमर पकड़ ब्रैस्ट को मुँह में ले के लंड को चूत के ऊपर तक घीसने लगता है
और शालू अपनी चूत के दाने को देवा के लंड पर घिसती चली जाती है।
आहहहहह मेरी चूत तेरे अमानत है देवा मेरे जमाईं राजा आहह तुझे ही दूंगी मगर अभी नही । उईईईईई माँ आहहहहहहहहहहह।
देवा को कुछ समझ नहीं आता की अचानक ये शालु को हो क्या गया है मगर वो औरत और उसके मिजाज़ को अभी तक समझा नहीं था।
थोड़ी देर बाद शालू अपने बाँहों में देवा को जकड लेती है और दूसरी बार झडने लगती है। सारा पानी देवा के लंड के ऊपर से बहता हुआ ज़मीन पर गिरने लगता है।
शालु उठ के बैठ जाती है और कपडे पहनने लगती है।
देवा;साली कमिनी अपनी चूत को घिस्सा ली और इसका क्या तेरे बाप के गाण्ड में डालुँ मै इसे अब।

शालु;कही भी डाल मगर मुझे मत बोलना। अगर आईन्दा ऐसा वैसा कुछ किया न । मेरी बेटियों के सामने या पप्पू के सामने मेरे साथ कुछ उलटी सीधी हरकत किया तो याद रखना नीलम नहीं मिलेंगी और कमरे के बाहर निकल जाती है।
देवा;अपने लंड को हाथ में पकड़ के हिलाता रह जाता है उसे खुद पर और सबसे ज़्यादा शालु पर ग़ुस्सा आ रहा था। वो हमेशा ऐसा ही करती थी देवा के खड़े लंड पर हमेशा ही धोखा होता था।
मगर उस वक़्त देवा की हालत बहुत ख़राब थी वो किसी तरह कपडे पहन के शालु की भैंस को उसके घर ले आता है और उसे कोठरी में बंद कर के हवेली चला जाता है
शालु;देवा के जाने के बाद मन ही मन मुस्कुरा देती है
और सोचने लगती है।
बेटा इतनी जल्दी दे दूंगी तुझे तो तू कदर नहीं करेंगा मेरी और मेरी बेटी की।

देवा;हवेली जा के सीधा रुक्मणी के रूम में चला जाता है
वो उस वक़्त नहा रही थी। देवा वही बाहर उसका इंतज़ार करने लगता है की तभी वहां बिंदिया आ जाती है।
बिंदिया;अरे देवा तुम यहाँ क्या कर रहे हो।

देवा;जी वो मुझे बड़े मालकिन से कुछ काम था।
बिंदिया ;मुझे भी तुमसे कुछ काम था।
देवा;जी बोलो ना।
बिंदिया ;मेरी तबियत थोडी ख़राब लग रही है शायद यहाँ का पानी रास नहीं आ रहा। तुम मुझे किसी वैध के पास ले चालोगे।
देवा;जी वो मै मुझे काम था बडी मालकिन से......
बिंदिया ;ओफ्फ्फ हो बस कुछ देर की बात है उसके बाद कर लेना अपनी मालकिन का काम। पहले मुझे ले चलो ना।
देवा;अपना सर झटकते हुए बिंदिया को किरण के घर ले जाता है।
किरण जो देवा की राह उस दिन से देख रही थी जबसे वो उसे अखिरी बार चोद के गया था । उस दिन से देवा वहां नहीं आया था।
रास्ते में देवा सोचने लगता है की साली आज तो किस्मत ही ख़राब है मेरी। जिसे देखो काम दिए जा रहा है कोई चूत नहीं देती माँ की।
देवा;वैसे आप को हुआ क्या है।
बिंदिया ;मुझे कमर पर कुछ हुआ है देखोगे।
देवा;नहीं नहीं मै क्या कोई वैध हूँ।
बिंदिया ;तो फिर पूछ क्यों रहे हो चलो।
और देवा बिंदिया को लेके वैध के घर पहुँच जाता है।
इतफाक से उस दिन भी वैध उन्हें वहां नहीं मिलता सिर्फ किरण मिलती है । किरण देवा को देख खुश हो जाती है और बिंदिया को घर के अंदर ले जाती है।
बिंदिया ;आप वैध है यहाँ की।
किरण ;नहीं नहीं मै उनकी बहु हूँ। बापु बाहर गए है मगर आप चिंता मत कीजिये मै भी देख लेती हूँ उनके गैर हाज़री में मरीज़ो को।
बिंदिया;देवा तुम बहार जाओ।
किरण;आप ऐसा करो पीछे वाले रूम में बैठ जाओ ठीक है।
देवा;किरण का इशारा समझ जाता है और पीछे वाले रूम में चला जाता है।
बिंदिया ;अपनी साडी ऊपर उठाके किरण को अपनी गाण्ड दिखाने लगती है । किरण देखते ही समझ जाती है की बात क्या है।
किरण;आप ऐसे ही रहिये मै कुछ लेप लगा देती हूँ जल्द ही आराम मिलेंगा।
और किरण लेप ले के बिंदिया के गाण्ड पर लगा देती है।
किरण;ऐसे ही थोडी देर बैठे रहिये मै अभी आती हूँ।

किरण देवा की तरफ चली जाती है।

और देवा उसे देखते ही अपनी बाहों में जकड लेता है। दोनों के होंठ एक दूसरे से मिल जाते है ।
किरण;कौन है वो देवा।
देवा;साली रंडी है। हवेली में आई हुई है हिम्मत राव के साथ।
वैसे हुआ क्या है उसे।
किरण;किसी ने उसके जम के गाण्ड मारी है कल रात। उसकी गांड सुज गई है और जगह जगह से कट भी गए है।
देवा;बहुत याद आ रही थी मुझे तेरी किरण।
किरण; अच्छा चल झुठे आये क्यों नही मुझसे मिलने फिर।
देवा;वक़्त नहीं मिला मुझे एक बात कहूं किरण।
करण;हाँ बोलो ना।
देवा;मुझे अभी इसी वक़्त चोदने दे मेरा लौंडा तुझे देख के फटा जा रहा है बस अंदर ड़ालने दे जल्दी से।
किरण;डालो ना मना किसने किया है।
किरण;अपने कपडे निकाल देती है और देवा भी झट से नंगा हो जाता है। असल बात कुछ और थी शालु ने जो हालत देवा की की थी उसके वजह से उसके लंड में दर्द होने लगा था। अगर अभी किरण उसे नहीं मिलती तो वो पप्पू की गाण्ड मार देता या अपनी बहन ममता को पेलता बदले में।
किरण;नंगे होक अपने पैर खोल देती है और देवा लंड पर थूक लगा के चिकने चूत के अंदर तक लंड उतार देता है।
किरण;आहह देवा......

किरण;आहह देवा आह धीरे कर ना रे अहह मुझ पर तरस खाने के लिए आया है क्या उन्हह।
देवा;हाँ किरण आऊँगा मै अब से जल्दी जल्दी आह।
देवा सटा सट अपने लंड को किरण की चूत में घूस्सा ग़ुस्सा के लंड का दर्द कम करने लगता है और दरवाज़े पर खडी बिंदिया देवा के लंड से किरण के चूत की कुटाई देख वही रुक जाती है।
 

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