Incest हाय रे ज़ालिम................

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देवा;मेरा मतलब है जब आपने मुझे अपना भाई माना है तो ये भाई आपसे वादा करता है की वो आपको इस घर में आपके सास और पति के दिल में वो जगह वो सम्मान ज़रूर दिलाएगा जिसकी आप हक़दार हो।

कौशल्या;देवा के चेहरे को देखती रह जाती है।

देवा;क्या हुआ भाभी ऐसे क्या देख रही हो।

कौशल्या;नहीं कुछ नहीं तुम जैसे दिखते हो वैसे हो नही।

देवा; मैं जैसा दिखता हूँ मै वैसा ही हूँ।
अच्छा ये बताओ अगर मैंने अपना काम कर दिया तो बदले में मुझे क्या मिलेंगा।

कौशल्या; हम्म क्या चाहिए मेरे प्यारे से देवर जी को।

देवा;कौशल्या को अपने ऊपर गिरा देता है।



कौशल्या;आहह क्या करते हो भैया।

देवा; अच्छा अब भैया हूँ।

कौशल्या;हाँ भैया जब तुम मेरे भाई हो तो अपने बहन पे तुम्हारा ही तो सबसे ज़्यादा हक़ बनता है।।मांगते क्यों हो जो चाहिए ले लो मना नहीं करुँगी।।

देवा;अपने दोनों हाथ कौशल्या की कमर पे रख देता है और उसे अपने और क़रीब खीच लेता है । जो मुझे चाहिए वो तुम दे नहीं पाओगी बहना।

कौशल्या;ऑखें बंद कर लेती है। बहन से कुछ भी माँगा नहीं करते बहन की लिया करते है।

देवा;अपने होंठ कौशल्या के होठो से मिला देता है और कौशल्या भी अपना मुंह खोल के देवा के होठो से चिपक जाती है । दोनों एक दूसरे के होठों को चूसने लगते है। गलप्प गलप्प।

कुछ देर बाद बड़े मुश्किल से देवा अपने होंठ कौशल्या के होठो से अलग कर पाता है।।

देवा;जब मै तुमसे कहूं तुम मेरे साथ चलना बिना कोई सवाल किये ठीक है।
अभी मुझे थोड़ा काम निपटना है मै चलता हूँ।।

वो कौशल्या के पास से उठके बाहर चला जाता है और कौशल्या बिस्तर पे पड़ी अपनी साँस ठीक करने लगती है।
कौशल्या; हाय रे ज़ालिम बड़ा वो है रे तू।

शाम के 6 बजे।

रामु घर पहुँच जाता है वो अपने साथ कुंवे से पानी निकालने की मशीन साथ ले के आया था देवकी भी घर आ चुकी थी और रामु के पास बैठी उसका पसीना पोंछ रही थी।

देवकी;बहुत देर लग गई बेटा ऐसा कर तू नहा ले।

रामु; साथ में नहाते है ना खेत में चल अभी मशीन भी रख देंगे ।

देवकी; अभी देवा घर पे है उसे कही शक न हो जाए।

रामु; देख माँ जब मेरा दिल नहीं करता तो तू गालियाँ दे दे के करवाती है और अब मेरा दिल कर रहा है तो तू क्यों नखरे दिखा रही है।

देवकी; सलवार के ऊपर से चूत को सहलाते हुए
तेरा दिल कर रहा है ना । तेरे लिए तो मै सारे गांव के सामने नंगी हो जाऊँगी बेटा ।
चल मै ज़रा कौशल्या को काम बता के आती हूँ।

कौशल्या;किचन में खाना बना रही थी देवकी उसके पास जाके उससे कहती है की वो रामु के साथ खेत में जा रही है मशीन वहां रखने।

कौशल्या;दिल ही दिल में ।
चुत मरवाने जा रही है तू सौतन।
जी अच्छा माँ जी।

देवा; रामु और देवकी की सारी बातें सुन चुका था । वो तो इसी मौके की तलाश में था की कब ये दोनों माँ बेटे एक साथ फिर से मिलते है।

रामु और देवकी के खेत में जाने के कुछ देर बाद देवा कौशल्या का हाथ पकड़ के उसे भी खेत में उन दोनों के पीछे ले जाता है।

कौशल्या;चुप चाप देवा के साथ चल देती है।
जब वो दोनों खेत में पहुँचते है तो देवकी और रामु झोंपडे में जा चुके थे।

देवा; कौशल्या का हाथ पकडे उसे खिडके के पास ले जाता है और अंदर झांकने लगता है।

अंदर

रामु दना दन अपना लंड देवकी की चूत में डाले उसे चोद रहा था।

कौशल्या के हाथ में पसीना आने लगता है वो बहुत घबरा रही थी उसे बिलकुल पता नहीं था की देवा क्या करने वाला है।

देवा;दरवाज़े पे ज़ोर से लात मारता है और दरवाज़े के कुन्डे खुल जाते है देवा अंदर दाखिल होता है।
सामने पड़े देवकी और रामु के गाण्ड मुंह चूत सब फटे के फटे रह जाते है।

रामु झट से पास में पड़ी अपनी धोती उठाके पहनने लगता है।

पर देवा उसके हाथ से धोती खीच लेता है ।
देवा;वाह्ह्ह्हह्ह्ह्ह क्या नज़ारा है एक बेटा अपनी माँ के साथ वाह्ह।

कौशल्या भी तब तक झोंपडे के अंदर आ चुकी थी और उसे वहां देख दोनों की हालत और ख़राब हो जाती है।

रामु; तू इसे यहाँ लेके आई है है ना हरामजादी।

देवा रामु का हाथ कौशल्या तक पहुँचने से पहले पकड़ लेता है।
भाभी मुझे यहाँ नहीं लाई।

रामु;ओह्ह अब समझा मै । पहले भाई के साथ सोई और अब देवा के साथ तभी तो ये तेरी इतनी तरफदारी कर रहा है।

देवकी;अरे कुल्टा है इ।

देवा के दिमाग में अजीब सी हलचल होने लगते है और वो एक ज़ोरदार थप्पड पहले रामु के मुंह पर और उसके बाद देवकी के मुंह पे जड़ देता है दोनों चक्कर खा के गिर पडते है।

देवा : हरामखोर ये अपने भाई के साथ क्या कर चुकी है इसलिए तुम दोनों इसे गलियां देते हो । मारते हो । ताने देते हो और तुम दोनों जो कर रहे हो वो क्या है। हाँ बोलो।
एक नम्बर के नीच इंसान हो तुम दोनों । मुझे तुम दोनों के रिश्ते से कोई आपती नहीं है लेकिन हर किसी को अपनी ज़िन्दगी जिने का पूरा पूरा हक़ है जिसके साथ चाहे उसके साथ। मगर रामु तुम से मुझे ये उम्मीद नहीं थी ।
और मामी तुम भाभी को कुल्टा बोल रही हो तो अपने बेटे के साथ ये सब करने वाली औरत को क्या कहते है पता है ना तुम्हें।

भाभी अपने ज़िन्दगी में बहुत दर्द झेल चुकी है वो तुम्हारे घर की लक्ष्मी है। हो गई गलती उनसे भी । इंसान से गलती नहीं होंगी तो क्या भगवान से होगी।इंसान ग़लतियों का पुतला है ।
पर इसका मतलब ये नहीं की तुम अपने गलतियाँ छूपाने के लिए दुसरों की गलतियाँ निकालते फिरो।

अब भी वक़्त है सँभल जाओ और एक दूसरे को दिल से माफ़ कर दो और तुम चाहे कैसे भी ज़िन्दगी गुज़ारो पर रामु अपनी पत्नी को भी थोड़ा मान सम्मान प्यार दो। वो तुम्हारी नौकर नहीं तुम्हारी धरम पत्नी है उसे प्यार दो बदले में तुम्हें भी प्यार मिलेगा।।

ये लो कपडे और घर चलो मै तो कुछ दिन के लिए यहाँ आया था ।
कुछ दिन बाद चला भी जाऊँगा । बस तुमसे हाथ जोड के एक ही बिनती करता हूँ।
ये जीवन बहुत छोटा है इसे ईष्या जलन नफरत में ख़तम मत करो।

देवकी;अपने कपडे पहन के कौशल्या के पास आती है और उसे अपने गले से लगा लेती है।
मुझे माफ़ कर दे बेटी मुझसे बहुत बडी गलती हो गई।
पुरानी सारी बातें भुला के आज से हम सब एक नई ज़िन्दगी शुरू करेंगे।आज देवा ने हम सब की आँखें खोल दी हैं। देवा बेटा मै दिल से तेरा धन्यवाद करती हूँ अगर आज तुम हमारे ऑखों पे बँधी पट्टी नहीं हटाते तो शायद ज़िन्दगी ऐसे ही गुज़रती रहती । पर मै वादा करता हूँ की कौशल्या को अब वही मान सम्मान इस घर में मिलेंगा जिसकी वो हक़दार है।

रामु भी देवा और कौशल्या से माफ़ी माँगता है और चारो घर चले जाते है।
रामु इतना शरमिंदा था की वो सीधा अपने कमरे में चला जाता है।

देवकी; कौशल्या के पास आती है जा बेटी अपने पति के पास उसे तेरे साथ की बहुत ज़रुरत है।

कौशल्या;देवा को देखते हुए कमरे में चली जाती है।

रामु;बिस्तर पे बैठा हुआ था।
कौशल्या को देखते ही वो अपने पास बुला लेता है।
कौशल्या मुझे सच में माफ़ कर दे मुझसे भी भूल हो गई।

कौशल्या;अपनी ऊँगली रामु के होठो पे रख देती है।
देखिये जो हुआ उसे याद करके हम अपने आने वाली ज़िन्दगी क्यों ख़राब करे।
मै चाहती हूँ आप माँ से उतना ही प्यार करें जितना करते है । मै आप दोनों के बीच कभी नहीं आऊँगी बस अपने दिल के एक कोने में मुझे भी जगह दे दीजीए।

रामु;अपनी पत्नी कौशल्या पे झुकता चला जाता है।

और कौशल्या दिल में देवा को धन्यवाद करते नहीं थकती। उस रात कौशल्या को असली मायने में एक पत्नी का सुख मिलता है रामु से।।

रात काफी हो चुकी थी पर देवा को नींद नहीं आ रही थी । आज उसका मन बहुत विचलित था आज तक उसके साथ ऐसा नहीं हुआ था। वो देवकी और रामु को तो समझा चुका था पर घर आने के बाद से उसके लंड में एक तरह की अकडन सी आ गई थी।
उसके ऑंखों के सामने देवकी और रामु ही घूम रहे थे। वो बार बार बस एक ही बात सोच रहा था की एक बेटे को अपनी माँ के साथ वो सब करने में कैसा आनंद आता होगा । वो कितना एहसास कैसा लगता होंगा जब अपने ही माँ की चूत में बेटे का लंड जाता होंगा।।ये सोच सोच के उसका लंड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था।

तभी वहां देवकी आती है । देवकी को देख देवा उठके बैठ जाता है।

देवकी;क्या बात है बेटा नींद नहीं आ रही क्या।

देवा;नहीं मामी बस ऐसे ही।
मामी मुझे माफ़ कर दो मैंने आप पे हाथ उठाया।

देवकी; मै तुझे कब का माफ़ कर चुकी हूँ देवा।
तूने आज मुझ पे बहुत बड़ा एहसान किया है बेटा मै तेरा ये एहसान ज़िन्दगी भर नहीं भूल सकती।

देवा;मामी एक बात पूंछू।

देवकी;हाँ पुछ ना।

देवा;नहीं जाने दो आप बुरा मान जाओगी।

देवकी;नहीं बोलेंगा तो ज़रूर मान जाऊँगी चल बोल भी दे।

देवा;मामी अपने बेटे के साथ वो सब करना कैसा लगता है।

देवकी; बुरी तरह शर्मा जाती है और देवा को अपनी छाती से चिपका लेती है।

तू है हट्टा कटा गबरू जवान पर तेरा दिल एकदम बच्चों जैसा है ।जो मन में आता है पूछ लेता है।

देवा;बोलो न मामी।

देवकी;तू सच में जानना चाहता है।

देवा;हाँ सच में।

देवकी; मुझे प्यार कर अपने मामी समझ के नहीं बल्कि अपनी माँ रत्ना समझ के तुझे पता चल जायेंगा की कैसा अनुभव होता है।

देवा; पर मामी।

देवकी;देवा के बोलने से पहले उसे अपने ब्रैस्ट से चिपका लेती है और देवा भी देवकी पे झुक जाता है।



देवकी;आहह बेटा अपनी माँ को नंगी करके खूब प्यार कर रे। चूत से लेके गाण्ड तक चाट ले अपनी माँ की देवा आह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवा;माँ । देवकी के मुंह से ऐसे शब्द सुनके उसका लंड आज पहली बार पेंट फाड़ के बाहर आना चाहता था।

वो देवकी का ब्लाउज निकाल के फ़ेंक देता है और खुद के कपडे भी निकल देता है।

देवकी;हाँ बेटा आहह चूस अपनी माँ की चूचियां आहह पी जा आज फिर से मेरा सारा दूध आह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवा;देवकी के ब्रैस्ट को मुंह में लेके चुसने लगता है वो इतनी ज़ोर ज़ोर से निप्पल्स को काटने लगता है की देवकी बर्दाश्त नहीं कर पाती।

देवा;आहह माँ मेरी माँ गलप्प आह।

देवकी; आह्ह्ह्ह्ह्ह देवा बेटा धीरे से।

देवा; ऑखें बंद करके देवकी के होठो को चुसने लगता है उसकी ऑखों के सामने रत्ना का चेहरा आ जाता है और वो एक झटके के साथ देवकी के होठो के एक एक रस के क़तरे को पीता चला जाता है गलप्प गलप्प्प।



देवकी; बेटा मुझे तेरा मुंह में लेने दे अपने बेटे का लंड चुसना है मुझे आहह देवा मुंह में डाल ना रे।

देवा : माँ वो बोल भी नहीं पा रहा था बस आज उसके सर पे जैसे जूनून सवार हो गया था । वो अपने लंड को देवकी के मुंह में पेल देता है और दोनों हाथों से देवकी के सर को पकड़ के लंड को ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगता है ।
आह्ह्ह्ह्ह्ह माँ चूस लो अपने देवा का लंड आहह माँ आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवकी;की चूत से पानी के फुवार बाहर निकलने लगती है और वो देवा को अपने ऊपर आने की दावत देते हुए अपने दोनों पैर खोल देती है।
आजा मेरे राजा बेटा अपने माँ की चूत में आ जा।

देवा;के लंड की नसे कभी इतनी नहीं फुली थी।अपने लंड में उसे इतनी ताकत कभी महसूस नहीं हुई थी वो एक तरह से खुद को सर्व शक्तिमान महसूस कर रहा था। उसे देवकी की चूत नहीं बल्कि रत्ना अपनी माँ की चूत नज़र आ रही थी और पैर खोले औरत देवकी नहीं बल्कि रत्ना दिखाई दे रही थी । वो अपने लंड पे थोड़ा सा थूक गिराता है और देवकी की टाँग को अपने हाथ में पकड़ के लंड को जैसे ही देवकी की चूत पे रखता है देवकी की ऑखें बंद हो जाती है और चूत खुलती चली जाती है।

देवकी;बेटा नही।


देवा;माँ आहह आह्ह्ह्ह्ह्।

देवकी; आहह बेटा तेरा बहुत मोटा और बड़ा है रे मर जाऊँगी मै आहह थोड़ा आराम से धक्के मार बेटा ।

देवा को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था । न कुछ समझ आ रहा था बस दिमाग में एक आवाज़ घूम रही थी । देवा बेटा अपने माँ रत्ना को चोदो ज़ोर से चोदो।

देवकी; बेटा धीरे धीरे आहह धीरे रे।

देवा; माँ चोदने दो न आहह ऐसी चूत मुझे आज तक नहीं मिली आहह कसम से मामी आपके चूत का जवाब नहीं है आह्हह्हह्हह्हह।

देवकी;पिछले 20 मिनट से देवा से चुदते चुदते निढाल हो गई थी।
उसे कभी भी किसी ने भी इतनी देर तक इस तरह से नहीं चोदा था।

देवा का लंड पानी छोडने को तैयार नहीं था और देवकी चूत में लंड लेने को मना कर रही थी । उसकी चूत जगह जगह से चीर गई थी। रह रहके खून भी बाहर बह रहा था वो किसी तरह देवा के पास से उठके अपने कमरे में जाना चाहती थी पर देवा उसका हाथ पकड़ के उसे फिर से अपनी गोद में बैठा देता है।
माँ अभी एक सुराख़ बचा है ना तुम्हारा।

देवकी।;नहीं वहां नहीं। देखता नहीं चूत की क्या हालत कर दी है तुमने। नहीं नही।

देवा; देवकी के चूतड़ पे थप्पड मारने लगता है निढाल सी देवकी कुछ देर बाद हार मानके अपनी गाण्ड का सुराख़ देवा को दिखाती है और देवा न सिर्फ उसे चाटता है बल्कि उसे भोग भी लगा देता है अपने लंड के तेज़ धार से वो देवकी की गाण्ड को भी एक तरह से चीर के रख देता है।

देवकी एक चालाक औरत थी । वो आज इसलिए देवा के पास आई थी के देवा को अपनी चूत देके उसका मुंह हमेशा के लिए बंद कर दे । उसे पता था की देवा एक न एक दिन अपनी माँ को उसके और रामु के बारे में ज़रूर बता देगा । बस एक यही तरीका था देवा का मुंह बंद करने का की उसे अपनी चूत दे दी जाये ।
पर ये उसकी सबसे बडी भूल भी साबित हुई थी वो जिस देवा को एक बच्चा समझ बैठी थी । उस बच्चे ने सुबह के ४ बजे तक उसे न सोने दिया और न उसे एक पल के लिए भी चैन से बैठने दिया।

देवा का लंड देवकी की चूत पे कहर बरपा के सो चुका था । पर एक नए दौड़ की शुरुवात देवा के ज़िन्दगी में हो चुकी थी। आज तक बाहर की औरतों को चोदने वाला देवा आज घर की औरत का स्वाद चख चुका था और ये स्वाद उसे बहुत पसंद भी आया था।

देवकी;अपने फ़ैले हुए चूत के साथ अपने कमरे में सोने चली जाती है और देवा अपनी यादों में डूबा हुआ सो जाता है।
 

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