Incest हाय रे ज़ालिम................

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देवा रानी के बाल पकड़ के उसे झुका देता है और एक हाथ उसके हलक में डाल के उसकी ज़ुबान पकड़ लेता है।
साली मेरे बापु को गाली देती है। तू समझती क्या है खुद को.... लंड चाहिए न तुझे मेरा। देख आज तुझे ऐसे चोदुँगा की तू कभी किसी से भी नहीं चुदाएगी।


रानी;आहह छोड कमिने तू क्या मुझे चोदेगा। उसके लिए मर्दांनगी चाहिए। तू मरद है की नही।

देवा का दिमाग अब उसके बस में नहीं था वो देखते ही देखते रानी के सारे कपडे फाड़ देता है और उसे बाल से पकड़ के बिस्तर पे पटक देता है।

रानी;अरे जा अपनी माँ का दूध पी ।

देवा; दूध वो तो आज तो खुद देखेगी किसके दूध में कितना दम है मुंह खोल साली।

रानी मुंह नहीं खोलती।

देवा;उसकी गर्दन ज़ोर से दबा देता है जिससे रानी का मुंह खुल जाता है और देवा अपने लंड को रानी के हलक तक उतार देता है।

सटा सट वो अपने लंड को पोर्न फिल्मों की तरह रानी के मुंह में घूसाने लगता है।

रानी के मुंह से थूक और राल बहने लगती है। वो साँस नहीं ले पाती न कुछ बोल पाती है।


देवा;रानी को पीठ के बल लिटा देता है। नाज़ुक से रानी देवा के मज़बूत हाथों में कांच की गुड़िया की तरह खेल रही थी वो देवा को गालियां देना चाहती थी पर देवा उसे अब किसी चीज़ के लिए मौका नहीं देता।

देवा;बहुत नाज़ है न तुझे खुद पर देख एक गांव वाले की मर्दांनगी देख अब।

रानी का मुंह पकडे देवा अपने लंड को रानी की चूत में ऐसे घुसाता है जैसे कोई तेज़ चाक़ू से मक्खन काट रहा हो।
 
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रानी आज तक सिर्फ हिम्मत राव का छोटा लंड खाई थी पर आज उसका सामना देवा के हथोड़े से हुआ था १०० सुनार की तो १ लोहार की।
रानी की चुत जगह जगह से चीरती चली जाती है और बारीक बारीक खून वाली नसे फ़टने से उसकी चूत से खून बहने लगता है।

रानी;आहह मुझे माफ़ कर दे आहह अब नहीं कहूँगी तुझे कुछ । आहह माँ बापु मुझे बचा लो आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्।

देवा पुरी तरह पसीने में नहा चूका था पर ग़ुस्सा था की कम होने का नाम नहीं ले रहा था वो बिजली की तेज रफ़्तार से रानी को चोदे जा रहा था और रानी अपनी फटे चूत को और चिरता देख चिल्लाये जा रही थी।

देवा;अभी तो कुछ भी नहीं हुआ मालकिन मर्दांनगी देखनी है ना तुझे। देख......

रानी जो सोच भी नहीं सकती देवा वो कर बैठता है। वो रानी के दोनों टाँगे चीर देता है जिससे उसकी गाण्ड का सुराख़ पूरी तरह खुल जाता है।

देवा;दोनों हाथों से कमर को पकड़।

रानी;आहह नहीं आहह मुझे माफ़ कर दे देवा मुझे माफ़ कर दे प्लीज्जज्जज्ज।

देवा; साली नहीं सुनेगी तो जान से मार दुंगा।
पकड़ दोनों हाथों से ।

रानी;इतने दर्द के मारे काँपने लगती है और ना चाहते हुए भी उसे कमर पकड़नी पडती है।

देवा;अपने लंड पे थूक लगा के सट से रानी का दुसरा सुराख़ भी खोलता चला जाता है वह अपना लंड पूरी बेदर्दी से रानी की गांड में घुसा दिया था।



रानी; आहह माँ देवा मै तेरे हाथ जोड़ती हूँ पैर पडती हूँ मुझे छोड दे मै मर जाऊँगी रे ज़ालिम।

देवा; मालकिन दूध का दम देख लो पहले। फिर छोड दूंगा आहह्ह्ह्ह।
 
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रानी की आवाज़ बाहर तक न जा सके इसलिए देवा उसकी गर्दन को पकड़ के उसकी गाण्ड मारने लगता है १५ मिनट लगातार एक पोजीशन में रानी की गाण्ड मारने से रानी बेहोश होने लगती है । उसने कभी अपनी गाण्ड नहीं मरवाई थी । आज उसे खुद पे अफ़सोस हो रहा था और हिम्मत राव पे ग़ुस्सा भी आ रहा था की उसने अपने काम के लिए किस ज़ालिम को चुना था।


देवा;क्यूँ मालकिन अब पता चल रहा है न मरद किसे कहते है आह्ह्ह।

रानी; माँ वो चिखते हुए मुतने लगती
है। आह्ह्ह देवा तुझे अपनी माँ की कसम मुझे और दर्द मत दे । आहह तरस खा मुझ पे एक गाली की सजा इतनी आहह मत दे रे।
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कुछ देर चूत में लंड डालके चोदने के बाद देवा अपना सारा पानी रानी की चूत में निकाल देता है और वहीँ लेट के साँसे ठीक करने लगता है।

रानी;अपनी चूत को देखती है खून और चिप चिपा पानी उसकी चूत और गांड से बाहर ज़मीन पे गिरने लगता है।

देवा कुछ देर बाद कपडे पहन के वहां से चला जाता है।

पर रानी के दिल दिमाग और चूत पे वो ऐसे छाप छोड जाता है जो आने वाले वक़्त में बहुत अहम साबित होगी।
 
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रानी; लंगड़ाते हुए बिस्तर से खडी होती है आज पहली बार लंड खाने के बाद उसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। वो नहाने चली जाती है और जब नहा के बाहर निकलती है तो हिम्मत राव उसे बैडरूम में बिस्तर पे बैठा मिलता है।

रानी;अरे बाप्पू तुम कब आए।

हिम्मत राव; रानी के क़रीब आता है और उसे ऊपर से निचे तक देखने लगता है।
लगता है मछली चारा निगल गई।

रानी;मुस्कुराते हुए हाँ बाप्पु।
पर ज़ालिम ने वो दर्द दिया है के चला भी नही जा रहा।

हिम्मत राव;रानी के जिस्म पे लिपटी टॉवल निकाल देता है और नीचे बैठ के रानी की चूत देखने लगता है।
ये क्या ये तो जगह जगह से चीर गई है और सूज भी गई है
वो हाथ लगा के चूत को देखता है।

रानी;आहह बाप्पू अभी मत छुओ बहुत जलन हो रही है
कुछ मत करो मुझे सोने दो।

हिम्मत राव;अपने मुंह में का थूक उसकी चूत पे लगा देता है ।
चल आराम कर और हाँ कल वो तेरे जनम दिन पे ज़रूर आएंगा मैंने पदमा से कह दिया है देवा को भी साथ ले आने के लिये।

अब बस अपना जादू उसपे कल ऐसे चला की वो तेरे इशारों पे नाचने लगे।

रानी;कुछ नहीं कहती और चुप चाप लेट जाती है।

देवा;को बहुत अफ़सोस हो रहा था की उसने ग़ुस्से में आके ये क्या अनर्थ कर दिया।
वो रानी से माफ़ी माँगने का सोच लेता है और खेत में चला जाता है।
वो रानी से मिलके उसे माफ़ी भी माँगना चाहता था पर अब् उसका दिल रानी का सोच सोच के डर भी रहा था पता नहीं वो रानी का सामना कैसे कर पायेगा।
दिन शाम में बदला और शाम रात में देवा वैध जी के घर जाने की बात भी भूल गया उसे रह रह के बस रानी और उसके साथ हुई घटना याद आ रही थी।
दिल में डर भी था कही हिम्मत राव उसे बन्दूक से उड़ा न दे।

रात में पदमा उसे मिलती है।
उसका दिल देवा के साथ रात गुजारने का था पर देवा का लंड तो ऐसे खामोश बैठा हुआ था जैसे मर गया हो।

देवा;पदमा को थकान का बहाना बनाके खेतों में सोने चला जाता है।

पदमा उसे हिम्मत राव का फरमान सुना गए थी।
रात बस ऑखों ऑखों में गुज़र जाती है।

सुबह का सूरज देवा के ज़िन्दगी में किसी अमावस के रात की तरह आया था।
वो धड़कते दिल के साथ पदमा के साथ हवेली जाता है।

हवेली में बाहर सन्नाटा पसरा हुआ था देवा का दिल और ज़ोर से धड़कने लगता है।
पर जैसे ही वो दोनों अंदर जाते है।
शोर गुल और हंगामे की आवाज़ चारो तरफ सुनाई देने लगती है।

सामने रानी अपनी तमाम खुबसुरती के साथ देवा का इंतज़ार करते खडी थी।

हिम्मत रव और उसके कुछ दोस्त उनके बीवियाँ उनके बीच रानी के कुछ सहेलियां भी वहां मौजूद थी

पर रानी सब को छोड के सीधा देवा के पास आती है।

देवा रानी से आँख नहीं मिला रहा था । वो झिझकते हुए रानी को देखता है।
जनम दिन बहुत बहुत मुबारक हो मालकिन।

रानी उसके इतनी क़रीब आ जाती है की रानी की साँस की आवाज़ भी देवा को सुनाये दे रही थी।
अब मै तुम्हारी मालकिन नहीं रही देवा तुम्हारी दासी बन गई हूँ।

देवा;फटी फटी नज़रों से रानी को देखने लगता है।

हिम्मत राव वहां उनके पास आता है।
अरे देवा तुम आ गये। भाई बहुत देर कर दी तुमने। ये हमारी रानी बिटिया ज़िद कर बैठी थी की जिसके वजह से उसे नई कार मिली है वो उसके आने के बाद ही सबका मुंह मीठा करवाएंगी।
अब तुम आ गये हो तो शायद हम कुछ खा पी सके।

रानी; बापू आप भी न । देवा है ही इतना खास की कोई भी उसके लिए इंतज़ार कर बैठे। क्यों देवा।

देवा;झुकी झुकी नज़रों से । पता नहीं मलकिन।

कुछ देर बाद खाने पीने का दौड़ शुरू होता है ।
देवा एक तरफ बैठा सब को हँसते बोलते देख रहा था।

रुक्मणी काफी देर से देवा को ही देख रही थी।
वो उसके पास आती है रुक्मणी को देख देवा खड़ा हो जाता है

रुक्मणी;अरे बैठो बैठो देवा।
कैसे हो भाई एक शिकायत है हमे तुमसे।
तूम तो बस रानी और अपने काम में ऐसे खोये रहते हो की हमे देखते भी नही।

देवा;नहीं नहीं मालकिन आपको कुछ काम था मुझसे।

रुक्मणी;क्या मै सिर्फ काम के वक़्त तुमसे बात कर सकती हूँ।
बात ये है की मै तुम्हें शुक्रिया कहना चाहती थी । उस दिन जो तुमने मेरी जान बचाई थी।

देवा;मालकिन आप कई बार मुझे शुक्रिया कह चुकी है
शायद आप भूल गई और मैंने तो सिर्फ अपना फ़र्ज़ निभाया था और कुछ नही।

रुक्मणी;दिल में हाँ तुमने तो अपना फ़र्ज़ निभा लिया और बदले में मेरा दिल चुरा लिया।

दोनो हँस हँस के बातें करने लगते है।

दूर खड़े हिम्मत राव और रानी की नज़रें इन दोनों पे ही टीकी हुई थी।

हिम्मत राव;लगता है तुम्हें ज़्यादा मेंहनत नहीं करनी पडेगी बेटी।
हमारा काँटा लगता है खुद निकलना चाहता है हमारी ज़िन्दगी से।

रानी;मुझे भी यही लगता है बापु।

दो तीन घंटे बाद सारा हंगमा ख़तम हो जाता है और रानी देवा को अपने साथ कमरे में कुछ बात करने के बहाने से ले जाती है।

देवा;चुप चाप एक तरफ रूम में खड़ा हुआ था।
उसे पता था रानी उस पे ग़ुस्सा होंगी हो सकता है वो चिल्लाना भी शुरू कर दे ।
रानी देवा के क़रीब आती है और अचानक उसके गले लगके उसे चुमना शुरू कर देती है।
देवा देवा मेरे देवा मै तुम्हारा शुक्रिया कैसे अदा करू तुमने मेरा दिल मुझसे छीन लिया है देवा मुझे तुमने ये क्या कर दिया है।
मुझे हमेशा के लिए अपना बना लो मेरे देवा।

देवा;मालकिन होश में आइये कल जो हुआ वो बहुत बुरा हुआ। मै आपसे माफ़ी माँगना चाहता हूँ।

रानी;अरे बुधू माफ़ी किस बात की जिससे प्यार करते है ना। उसके साथ ये सब कर सकते है तुमने कुछ गलत नहीं किया। उल्टा मुझे तुमसे माफ़ी माँगनी है। मैंने कल ग़ुस्से में पता नहीं तुम्हें क्या कुछ कहा था।

अच्छा ये बताओ मेरे लिए क्या तोहफ़ा लाये हो।

देवा;वो मै क्या चाहिए आपको।

रानी; जो माँगूँगी दोगे।

देवा;जी दूँगा।

रानी;आज रात पीछे के दरवाज़े से हवेली में आ जाना और सीधा मेरे कमरे में आ जाना। मै दरवाज़ा खुला रखुंगी।
तब मै तुमसे तोहफ़ा माँगूगी और तुम्हें देना होगा।

देवा ऐसा फँसा था की उसे भागने का कोई दरवाज़ा दिखाई नहीं दे रहा था । वो हाँ कर देता है और कुछ देर बाद हवेली से चला जाता है।

दिन भर उसे बस एक बात सताती है की आखिर रानी उससे क्या माँगेंगी।

उसका किसी चीज़ में दिल नहीं लगता वो शालु के घर खाना खाने जाता है और चुप चाप खाना खाके वापस अपने घर लौट आता है उसके इस रवैये से सभी को हैरानी भी होती है ।

रात का अँधेरा घिर जाता है । गांव में सन्नाटा छा जाता है सभी अपने अपने बीवीयों के लहंगे में सो जाते है और देवा हवेली की तरफ चल पड़ता है । वो पीछे के दरवाज़े से हवेली के अंदर चला जाता है और दबे पांव रानी के कमरे में दाखिल हो जाता है।
जैसे ही वो कमरे के अंदर पहुँचता है रानी पीछे से दरवाज़ा बंद कर देती है और देवा से चिपक जाती है।

रानी;मुझे पता था तुम ज़रूर आओगे।

देवा;मालकिन बोलिये क्या चाहिए आपको।

रानी;तुम तुम्हारा जिस्म तुम्हारा प्यार तुम्हारा साथ हमेशा के लिए मुझे चाहिए देवा ।

देवा;नहीं नहीं मालकिन आप जोश में आके ये सब कह रही है।

रानी;देवा का लंड पेंट के ऊपर से सहलाने लगती है।
इधर देखो मेरे ऑखों में।
कल तुमने जो किया वो तुम्हें अच्छा लगा सच सच बताओ।

देवा;मालकिन वो।

रानी;सच बोलो।

देवा;हाँ मालकिन।

रानी; मैं तुम्हें अच्छी लगने लगी हूँ ना।

देवा;हाँ मालकिन पर।

रानी;मेरा जिस्म तुम्हें कैसा लगता है।

देवा;आप आईने की तरह साफ़ हो दूध की तरह गोरी हो आपका जिस्म संगमरमर की तरह है मालकिन।

रानी;देवा मै तुमसे प्यार करती हूँ सच्चा प्यार मै चाहती हूँ तुम भी मुझे प्यार करो बाप्पू की चिंता मत करो । गांव वालो से मत डरो बस मेरे बन के रहो। ये राज़ हम दोनों तक रहेगा बस तुम मुझसे दिन रात प्यार करो देवा।

देवा का लंड रानी के सहलाने से खड़ा हो चुका था। उसके दिल का डर भी रानी ने लगभग ख़तम कर दी थी।
सच बात तो ये थी की देवा भी रानी की मदमस्त जवानी और साफ़ खूबसूरत जिस्म को देख उसका दिवाना सा हो गया था।पहली बार उसने बिना बाल वाली चूत देखा था और हर नए चीज़ इंसान को अपनी तरफ खिचती है देवा का भी कुछ ऐसा ही हाल था।

दोनो के होंठ एक दूसरे से चिपक जाते है।
रानी;गलप्प देवा ये कपडे अब जिस्म पे बोझ से लग रहें है उतार दो न इन्हें।
वो देवा के कपडे उतारने लगती है और देवा रानी के।

रानी;देवा के जवान लंड को देख दिल ही दिल में खुश हो जाती है । भले ही उसे देवा से प्यार न हो पर वो देवा के लंड की दिवानी तो उसी दिन बन गई थी जिस दिन कार में उसने देवा के लंड को पहली बार हिलाई थी।

उसके होठो से राल टपकने लगती है और वो निचे बैठके देवा के लंड को चुमते हुए चाटने लगती है गलप्प गलप्प गलप्प्प।

देवा;आहह मालकिन धीरे धीरे आह वरना पानी न निकल जाये मेंरा।

रानी;निकलने दो मै फिर से खड़ा कर दूंगी आज की रात ये मेरे और मेरी चूत के लिए है गलप्प गलप्प।

लंड तो देवा का बहुत पहले खड़ा हो चुका था। वो रानी को और चुसने नहीं देता और उसे अपनी गोद में उठाके चुमते हुए बिस्तर पे लिटा देता है।

देवा;रानी कल इस चूत पे बहुत ज़ुल्म किया है मैंने आज इसे मरहम लगाके ठीक कर दूंगा गलप्प गलप्प।



रानी; हाँ ठीक कर दो आहह मेरे देवा तुम्हारे लंड की तरह तुम्हारी ज़ुबान भी आहह कमाल की है।चाटो मेरे राजा आह्ह्ह।

देवा चूत को अंदर बाहर से चाटने लगता है जिस तरह रानी को देवा का लंड पसंद आ गया था उसी तरह देवा को भी रानी की चिकनी चूत भा गई थी। वो चूत को अंदर तक ज़ुबान डालके चाटने लगता है गलप्प गलप्प्प।

रानी;आहह मेरा पानी निकल जायेंगा आहह रुक जा आह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवा को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था वो बस रानी की चूत को खा जाना चाहता था।



रानी;रुक जाओ देवा आहह पहले मेरी चूत में एक बार डालके चोदो। मुझे उसके बाद रात भर चाटते रहना आहह बहुत खुजली हो रही है अंदर तक आह्ह्ह्ह्ह।

देवा;रानी के होठो को चुम के उसे भी चूत के पानी का स्वाद चखा देता है और अपने लंड को रानी की चूत पे टीका के रानी से पूछता है।

रानी : डाल दुं अंदर.

रानी;आहह पूछते क्यों हो अबसे मेरे जिस्म पे सिर्फ तुम्हारा अधिकार है डाल दो आह्ह्ह्ह्ह्ह।
रानी का बस इतना बोलना था की देवा का लंड सनसनाते हुए रानी की चूत में घुसता चला जाता है।
आज देवा रानी को हलके हलके धक्के मार रहा था कल की तरह नही।
रानी; चूत के अंदर एक एक इंच पे देवा को महसूस कर सकती थी लंड तो उसने बहुत बार खाए थे पर असली लंड का मज़ा उसे देवा से मिला था।

रानी;आहह तू बड़ा वो है देवा कल जानवर की तरह चोद रहा था । आज इतने धीमे धीमे क्यों कर रहा है रे ज़ोर से मार ना।

देवा;रानी आह्ह्ह।
कल ऐसे चाहिए न तुझे । आहह इतने ज़ोर से क्या इससे भी ऐसे ज़ोर से वो धीरे धीरे अपने रफ़्तार बढा बढा के रानी को चोदते हुए पुछने लगता है और रानी हाँ हाँ चिल्लाती चली जाती है।

देवा;रानी को अपने ऊपर ले लेता है और नीचे से अपना लंड उसके चूत में घुसा के अंदर तक बच्चेदानी को टक्कर मारते हुए उसे चोदने लगता है।

रानी की चूत अंदर तक खुल जाती है और आज पहली बार उसे अपने जिस्म में बच्चेदानी होने का एहसास भी होने लगता है।
आह ये लंड है या हथोड़ा आहह माँ ।



देवा;तुझे ऐसे ही चाहिए न रानी आहहह्ह्ह्ह।
वो अब रानी को मालकिन कहके नहीं बल्कि रानी कहके बुलाने लगता है।
देवा समझ बैठा था की रानी उसके लंड की दिवानी हो गई है जैसे पदमा और वैध की बहुए है।
उसे इस सब में बहुत मजा भी आ रहा था ।
पर वो नहीं जानता था की रानी अपने पीछे पीछे तूफान भी ले के आ रही है।

वो रानी की चूत के नशे में उसे सुबह तक चोदता रहा। उसने रानी की चूत के साथ साथ गाण्ड को भी काफी हद तक खोल दिया था।

दोनो एक दूसरे के बाँहों में लेटे हुए आने वाले वक़्त की बातें कर रहे थे।

देवा;रानी तेरे बाप्पू को ये बात अगर पता चल गई तो वो तो मुझे जान से मार
देंगे।
रानी; बापू के बन्दूक के सामने मै आ जाऊँगी
मेरे बापू तुम्हें कुछ नहीं करेंगे पर .....

देवा;पर क्या रानी।

रानी;तुम तो जानते हो मेरी माँ ....
वो मेरी सगी माँ नहीं है सौतेली माँ है वो मुझसे नफरत करती है।
अगर उन्हें पता चल गया तो वो सारे गांव वालो को बता देगी और हम सब की क़ितनी बदनामी होंगी तुम्हें गांव छोड के जाना भी पड़ सकता है।

देवा;नहीं नहीं मै अपना घर खेत छोड के कही नहीं जाना चाहता।

रानी; माँ बहुत ख़राब औरत है देवा। वो मुझपे बदचलन का इलज़ाम लगाके कही कुंवे में न ढकेल दे ।
इस सब का बस एक उपाए है।
जीससे गांव वालों तक ये बात नहीं पहुँच सकेंगी

देवा;वो क्या।

रानी; तुम मेरी माँ के दिल में जगह बना लो।
उनके बहुत क़रीबी हो जाओ।
फिर अगर कभी उन्हें हमारे बारे में पता चल भी गया तो वो किसी को कुछ नहीं कहने वाली।

देवा;हाँ बात तो सही है।
पर मुझे उनसे बहुत डर लगता है।

रानी;मर्द होके ड़रते हो मैंने तो सुनी थी की तुम किसी से भी नहीं ड़रते अरे अगर तुम मेरे लिए इतना भी नहीं कर सकते तो जान से मार दो मुझे।

देवा;नहीं नहीं रानी। मै मालकिन के दिल में जगह बनाऊँगा।

रानी;ना सिर्फ जगह बल्कि तुम्हें उनके साथ वो सब भी करना पड़ेंगा जो हम करते है।

देवा;क्या नहीं नही.....

रानी; बुधू बस एक बार वो अपना मुंह न खोल सके। तुम्हारे जैसे जवान के लिए ये कौंन सी बडी बात है अरे जब तुम मुझ जैसे कुँवारे को अपने लंड की गुलाम बना सकते हो तो माँ तो तुम्हारे सामने कुछ भी नही।

देवा;कुछ देर बाद रानी की बात मान लेता है।
रानी देवा को चुमने लगती है।

कुछ देर बाद वो पीछे के दरवाज़े से देवा को घर भेज देती है और दिल ही दिल में अपनी जीत की खुशियाँ मनाने लगती है।
 

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