Incest हाय रे ज़ालिम................

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बाहर खड़ा विक्रांत हिम्मत के नाम से आवाज़ देता है
उसकी आवाज़ से बिंदिया और हिम्मत की आँख खुल जाती है और हिम्मत राव लुंगी पहनकर बाहर निकल आता है।
हिम्मत;अरे विक्रांत आओ आओ इतनी सुबह सुबह। मुझे लगा था तुम दो दिन बाद आओगे।
विक्रान्त;मुझे पैसों का काम था सोचा आपका काम जल्दी निपटा दूंगा तो मेरा भी काम बन जायेगा।।
हिम्मत;बैठो।
वो विक्रांत को घर के अंदर ले जाता है और गेस्ट रूम में बैठा कर बिंदिया के पास चला जाता है।
बिंदिया;साडी पहनते हुए।
कौन है जी।
हिम्मत;बिंदिया मेरा दोस्त आया है जा ज़रा रुक्मणी और रानी को खबर कर दे । मुझे दोनों दिखाई नहीं दी रही है। बोल उन्हें की कुछ दिन यहाँ रहने के लिए शहर से मेरा दोस्त आया है। पीछे वाला कमरा साफ़ करवा दे किसी से।
बिंदिया;रुक्मणि के रूम की तरफ जाने लगती है वो गेस्ट रूम के सामने से गुज़रती है।
और एक उड़ती सी नज़र से विक्रांत की तरफ देखती है जैसे ही वो विक्रांत को देखती है उसके होश उड़ जाते है।
उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है वो सोच में पड़ जाती है की ये गुण्डा यहाँ क्या कर रहा है।
विक्रान्त की नज़र भी बिंदिया से टकरा जाती है और वो भी बिंदिया को देख सकते में पड़ जाता है। दोनों एक दूसरे को देखने लगते है के तभी वहां हिम्मत चला आता है।
हिम्मत;तू गई नहीं और ऐसे क्या देख रही है।
ये विक्रांत सेठ हैं शहर में रहते है।
नमस्ते कर।
बिंदिया; नमस्ते करने दोनों हाथ उठाती है मगर उसकी नज़र विक्रांत पर ही जम जाती है।
इस तरह बिंदिया का विक्रांत को देखना हिम्मत को खटकने लगता है और वो बिंदिया को घूर कर देखता है।।
बिंदिया सर झुका कर रुक्मणी के रूम में चली जाती है।
रुक्मणी और रानी बाथरूम से बहार आ चुकी थी।
रानी सिंगार दान के सामने बैठी हुई थी और रुक्मणी उसकी बाल संवार रही थी।
बिंदिया ;मालकिन... वो मालिक ने कहा है की उनका कोई दोस्त आया है शहर से । कुछ दिन यहीं रुकेगा।
आपसे कहने के लिए कहा है की कोठी के पीछे वाला कमरा साफ़ करवा दो किसी से।

रुक्मणी;ठीक है।
बिंदिया ;अपने ख्यालों में गूम सी हो गई थी विक्रांत को देख कर।
वो बाहर निकल कर फिर से गेस्ट रूम की खिडके के पास आकर खड़ी हो जाती है और दोनों की बातें सुनने लगती है।
हिम्मत;क्या बात है विक्रांत।
बिंदिया को देख तुम्हारी सिट्टी पिट्टी क्यों गूम हो गई।
विक्रान्त;ऐसी बात नहीं है साहब।
पहले ये बताओ वो आपकी लगती कौन है।
हिम्मत; छिनाल है मेरी ....हा हा.
उसकी बात सुनकर विक्रांत भी हंसने लगता है।
विक्रान्त;मुझे पता है वो धंधे वाली है।
बहुत बार उसकी लेने की लिए कोशिश कर चुका हूँ। मगर साली हाथ भी नहीं घुमाने देती।
तीखि मिर्ची है सेठ। आपके हाथ कैसे चढ़ गई।
हिम्मत; छिनाल है और तुझे तो पता है हम जागीरदारो को ऐसी ही रंडियां रास आती है।।
पहले उसके गांव जाकर चोदता था उसकी। इस बार सोचा यही हवेली ले आऊँ। रोज़ मेरा बिस्तर गरम करती है साली।
विक्रान्त;इससे पहले कुछ बोलता उसके दिल की बात समझ कर हिम्मत ही बोल पडता है।
जानता हूँ तू क्या सोच रहा है। अब तू मेरा इतना फायदा करने वाला है तुझे नाराज़ नहीं होने दूँगा।
विक्रान्त रात में अभी तू आराम कर और वैसे भी जिस काम से तुझे यहाँ बुलाया है मैंने वो अभी कुछ दिन नहीं हो सकता।
विक्रांत';क्यूं।
हिम्मत;वो गांडु यहाँ नहीं है गांव में।
ले जाम ले।
हिम्मत;विक्रांत की तरफ शराब का जाम बढाता है।
शराब की चुसकी लेते हुए।
अभी मै यहाँ आ रहा था। मुझे एक लौंडिया दिखाई दी ज़्यादा से ज़्यादा 19 साल की होगी।
बड़ा नमक है लौंडिया के बदन में दिल मचल गया साली को देख के।
हिम्मत;कहाँ दिखी तुझे।
विक्रान्त;यह जहाँ से हवेली की तरफ मुडते है ना वहीँ। जो घर में गाये भैंस बँधे हुए हैं वहाँ।
हिम्मत;वो शालु की लड़की।
हाँ माल तो बड़ा नमकीन है।
साले आते ही शुरू हो गया पहले मेरा काम कर दे उसके बाद जिस पर ऊँगली रखेंगा वो तेरे हवाले कर दूंगा।

विक्रान्त; ये हुई न बात।
और दोनों हँस हँस के शराब पीने लगते है।
बाहर ख़ड़ी बिंदिया को कुछ कुछ समझ आता है और कुछ नही।
उधर देवा का सुबह से बुरा हाल था वो अपनी मामी देवकी के घर में लेटा हुआ था उसके दिमाग में प्रिया की आवाज़ घूम रही थी।
वो परेशान हो गया था ये सोच सोच कर की अगर प्रिया ने ये रिश्ता नहीं होने दिया तो वो माँ को क्या जवाब देगा।
और सारे गांव वाले थू थू करेंगे ये सुनकर की जहाँ रिश्ता होने वाला था वहीँ मै ये सब कर चूका हूँ।
ओ उठ कर चारपाई पर बैठ जाता है।
देवकी;क्या बात है रे मुए जब से आया है ठीक से न बात कर रहा न हँस बोल रहा है आखिर बात क्या है बोलेंगा भी।

देवा;नहीं मामी कोई बात नहीं वहां रामु और कौशल्या भी बैठे हुए थे। ऐसे में अपने दिल की बात देवकी को
बताना देवा को ठीक नहीं लगा। सुबह से शाम हो गई थी मगर सामने वाले घर से न तो कोमल आई थी और न कोई देवा को खाना खाने बुलाने आया था।
प्रिया ने कोमल को भी खूब खरी खोटी सुनाई थी जिसकी वजह से कोमल भी डरी हुई थी।।
प्रिया ने साफ़ साफ़ कोमल से कही थी की अगर देवा यहाँ आयेंगा तो वो बापू और हरी को सब कुछ बता देगी।
थोड़ी देर गुज़री थी की कोमल देवकी के घर में चली आती है उसे देख देवा खड़ा हो जाता है।
कोमल;अरे देवा तू घर क्यों नहीं आया । चल मैंने तेरे लिए हल्वा पूरी बनाया है चल।
देवकी;कोमल यहाँ खा लेगा वो....
रहने दो आज का दिन।
कोमल;नहीं मैंने और प्रिया ने इतनी मेहनत करके खाना तैयार की है ऐसे कैसे। चल देवा..

और देवा को मजबूरन कोमल के साथ उसके घर जाना पडता है वो कोमल के पीछे पीछे चलने लगता है।।
कोमल;देवा को घर में लेकर दरवाज़ा बंद कर देती है।
मुझे बहुत डर लग रहा है देवा।
देवा;क्यूँ क्या हुआ।
कोमल;चल तू बताती हूँ।
वो देवा का हाथ पकड़ के उसे प्रिया के रूम में ले जाती है। ये देख क्या हो गया है इसे.....

प्रिया;बिस्तर पर पड़ी हुई थी उसके ऊपर तीन चार रजाई थी और वो थर थर काँप रही थी और बड़बड़ा भी रही थी की माँ तुमने ये अच्छा नहीं किया।
माँ तुमने ये अच्छा नहीं किया।।
देवा;उसके पास आकर बैठ जाता है और अपना हाथ उसकी पेशानी पर रख के देखता है ।।प्रिया का जिस्म भट्टी की तरह तप रहा था।
देवा; इसे तो तेज़ बुखार है।
कोमल; पता है मुझे ठण्ड लग गई है इसे । किसी को बुला भी नहीं सकती थी ये बड़बड़ा जो रही है।
पता नहीं क्या होने वाला है मुझे बहुत घबड़ाहट हो रही है । देवा कुछ कर कुछ कर देवा।।
देवा; इसके बापू कहाँ है।
कोमल; वो अपनी बहन के यहाँ गए है दो दिन बाद आयेंगे उनकी बहन की तबियत ख़राब है ।।
देवा रूम की सारी खिड़किया बंद कर देता है और रूम में की रौशनी भी बंद कर देता है बस एक जीरो का लाइट जल रहा था।
कोमल;क्या कर रहा है बेटा।
देवा;अपने कपडे उतार।
कोमल; क्या।
पागल हो गये हो क्या। मेरी प्रिया इस हाल में है और तुम हो की मुझे कपडे उतारने के लिए कह रहे हो।
देवा; इसी के लिए कह रहा हूँ अपने कपडे उतारो
और इसे अपने जिस्म के गर्मी दो ये ठीक हो जाएगी।।
कोमल; सच।
देवा;हाँ जल्दी करो।
कोमल जल्दी से अपनी साडी लंहगा ब्लाउज और पेंटी निकाल के प्रिया की रज़ाई में घुस जाती है।
प्रिया का बदन थर थर काँप रहा था ।
कोमल प्रिया को अपनी बाहों में जकड लेती है । प्रिया भी अपनी माँ के गरम बदन से चिपक जाती है।
देवा भी अपने कपडे उतार कर प्रिया के पास चला आता है और रज़ाई सर से पांव तक ले लेता है।
कोमल;ये क्या कर रहे हो देवा।
देवा;चुप कर और इसके कपडे निकाल।
वरना ये ठण्ड से मर जाएगी।
प्रिया उस वक़्त इतने होश में नहीं थी की कुछ कह सके।
कोमल प्रिया की शलवार कमीज ब्रा और पेंटी निकाल देती है।
देवा;प्रिया को बीच में लिटा देता है प्रिया की गांड की तरफ से कोमल लेट जाती है और चुत की तरफ से देवा उसे करवट लिटा कर दोनों आगे पीछे से उसे अपने बीच में दबा लेते है।

प्रिया;माँ मुझे बहुत ठण्ड लग रहे है।
कोमल;हाँ प्रिया कुछ नहीं होंगा तुझे।
कोमल; पीछे से अपनी चूत प्रिया के चूतड पर घीसने लगती है।
और सामने से देवा भी प्रिया को अपने चौड़े छाती से चिपका कर उसे अपने जिस्म की गर्मी देने लगता है।
15 मिनट गुज़रने के बाद प्रिया की कंपकंपाहट बंद हो जाती है।
और वो उन्हह सिसकारने लगती है।
देवा का लंड प्रिया की कुँवारी चूत से टकराने से खडा हो चूका था और वो अब सीधा प्रिया की चूत पर घिस रहा था जिस की वजह से प्रिया के मुँह से हलकी हलकी सिसकारियां निकल रही थी।
पीछे लेटी हुए कोमल भी जान चुकी थी अपनी बेटी प्रिया के सिसकारीयों की वजह।
कोमल;क्या हुआ देवा।
देवा; इसे मुँह से गर्मी देना पडेगी कोमल।
कोमल;अपना हाथ प्रिया की कमर से नीचे ले जाते हुए सीधा प्रिया की चूत पर रख के हलके से उसकी चूत को दबाती है।
प्रिया; ओह्ह्ह्ह्ह।
कोमल;लगा दे।
देवा भी कोमल के बात समझ कर एक हाथ प्रिया के ब्रैस्ट पर रख के उससे मसलते हुए अपने होठो को प्रिया के होठो से लगा देता है और उसके मुँह में अपनी ज़ुबान डाल कर चुसने लगता है।
नीचे से कोमल प्रिया की चूत के दाने को मसलने लगती है जिसकी वजह से प्रिया का जिस्म थरथराने लगता है।
मगर इस बार सर्दि की वजह से नहीं बल्कि चूत की गर्मी की वजह से। वो ऑखें फाड़े देवा को देखने लगती है। वो पूरी तरह जग चुकी थी मगर फिर भी वो देवा को धक्का नहीं देती।

इसी तरह अपनी माँ और देवा के नंगे जिस्मों के बीच में फँसी प्रिया को भी इस सब में बहुत मजा आ रहा था।
देवा;अपने हाथ से प्रिया के नरम ब्रैस्ट को मसलते जाता है और कोमल अपनी ही सगी बेटी की चूत को सहलाती जाती है।
प्रिया;माँ तुम ये क्या कर रही हो शर्म करो माँ।
मै बापू से उन्हह.....
कोमल; अपनी एक ऊंगली प्रिया के चूत में घुसा देती है।
प्रिया बोलते बोलते चुप हो जाती है।

कोमल; बापू को बतायेगी जा बता जा कर छिनाल अगर तुझे इतना ही बुरा लग रहा है तो ये तेरी चूत क्यों गीली हो रही है।
वो अपनी गीली उंगलिया प्रिया को देखाती है और उसके होठो पर रख के चूत की पानी से भिगे हुए
वो उंगलिया प्रिया के मुँह में डाल कर उसे चटवाने लगती है अपनी ज़ुबान पर अपने ही चुत का नमकीन पानी चख कर प्रिया के जिस्म में सनसनाहट सी पैदा हो जाती है।
कोमल;देवा के ऊपर चढ़ जाती है।
इसकी फिकर मत देवा ये क्या करेंगी हमारा। तू फिकर मत कर तेरी बहन इसी घर की बहु बनेंगी और हाँ इससे डरने की भी ज़रूरत नहीं है।
वो अपने हाथ से देवा के लंड को सहलाने लगती है।
कोमल की हिम्मत बढाने वाली बात सुनकर देवा का डर भी काफी हद तक चल जाता है और उसे भी लगने लगता है की अगर वो प्रिया के सामने कोमल को चोद देंगा तो प्रिया अपना मुँह बंद रखेंगी।

कुँवारी चूत को उसकी मर्ज़ी के बिना चोदना खतरे से खाली नहीं होता यही बात सोच कर देवा उस वक़्त
प्रिया को हाथ नहीं लगाता और अपने दोनों हाथों से कोमल की मोटी गाण्ड को मसलने लगता है पास में लेटी हुई प्रिया ऑंखें बंद कर लेती है।।
कोमल; आहह हाय देवा अब घूस्सा भी दे मेरी ओखली में अपना मूसल।
आह देख न कैसे मचल रही है तेरे लंड को खाने के लिए तेरी बहन की सास की चूत।आह्ह्ह
देवा; मुँह में ले कोमल।
वो प्रिया की तरफ देख कर कहता है।
और कोमल बिना किसी शर्म के देवा के लंड पर टूट पडती है अपने हाथों में उस खिलौने को लेकर वो बड़े प्यार से कमर हिलाते हुए लंड का सुपाडा मुँह में लेकर
चटकारे मारते हुए चाटने लगती है गलप्प गलप्प.....
देवा;प्रिया का हाथ खीच कर उसे अपनी छाती से लगा लेता है।
देख ना तेरी माँ कैसे लंड चाट रही है तू नहीं चाटेगी प्रिया।
प्रिया;कुछ नहीं कहती और नीचे अपनी माँ की तरफ देखने लगती है।

कोमल अपनी धुन में लगे हुई थी उसे तो और भी मस्ती चढ रही थी ये सोच सोच कर की वो ये सब अपनी बेटी के सामने कर रही है।

देवा; लंड को बाहर निकाल के कोमल के गाल पर मारने लगता है।
छिनाल ठीक से चाट इसे पूरा गिला कर दे इसे
आज तेरी गाण्ड भी मारूँगा मै । क्यों प्रिया।
प्रिया उस वक़्त ऐसे फँसी थी की उसकी समझ में नहीं आ रहा था की क्या करे। एक तरफ उसकी अपनी माँ थी जो लंड चाट रही थी और चुदने को बेताब थी और एक तरफ वो खुद थी जो चाह कर भी वहां से उठकर नहीं जा पा रही थी।
देवा;इधर आ मेरी जान।
कोमल;देवा के लंड पर चढ़ कर बैठ जाती है अभी तक वो ज़ालिम अंदर नहीं गया था बस ऊपर से कोमल की चूत पर ठोकर मार रहा था।
देवा;कमर ऊपर उठा ज़रा सी।
कोमल;अपनी कमर ऊपर उठाती है और देवा अपने लंड को हाथ में पकड़ कर लंड चूत के मुहाने पर लगा देता है।
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कोमल;उन्हह अहह मर गई रे इतना बड़ा आहह माँ।
वह खड़े लंड पर बैठते चली जाती है।
देवा;दोनों हाथों से कोमल की कमर को पकड़ के सटा सट दनादन कोमल को चोदने लगता है।
आह क्या चूत है तेरी कोमल काकी। आह्ह मेंरा
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लंड निकलने का नाम नहीं लेता इसमें से आह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्हह ।
कोमल; अपनी बेटी प्रिया की ऑखों में देखते हुए उन्हह
तेरी ही है राजा आहह मार धक्का ज़ोर से उह्ह्ह्ह्ह्ह्।
अमा जान निकाल देता है तेरा लंड देवा.....
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देवा;प्रिया की तरफ देखता है।
वो चोर नज़रों से सब देख रही थी उसकी चूत से कतरा कतरा पानी बाहर निकल रहा था जवान लड़की कब तक खुद को रोक सकती है।
देवा;अपना हाथ प्रिया के चूत पर रख कर कोमल को चोदने लगता है । अपनी चूत पर देवा का हाथ लगते ही प्रिया ऑखें बंद कर लेती है और देवा उसे सहलाने लगता है।
कोमल भी सब देख रही थी और उसे भी इस सब में बहुत मजा आ रहा था।
कोमल; उसे छोड और अपनी काकी को चोदता जा बेटा आह्ह्ह्ह्ह्ह।
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मेरा देवा बेटा आहह अगर तू सच में मेरा बेटा होता न तो तुझसे रात दिन मरवाती अपनी चूत और गांड।
मै अपनी भी और मेरी बेटी की भी मरवाती।

कोमल की बात सुनकर देवा को रत्ना की याद आ जाती है वो भी तो रत्ना को ममता के साथ मिलकर कस के चोदना चाहता था ।
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देवा कोमल का चेहरा पकड़ लेता है अब उसे वो कोमल नहीं रत्ना नज़र आने लगती है।

और देवा के धक्कों की रफ़्तार इतनी तेज़ हो जाती है की कोमल सिहर उठती है।
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कोमल;आह ओहह माँ रुक जा रुक जा आहह नहीं नहीं न उन्हह फट जाएँगी देवा आह्ह्ह्ह।
वो सच में जानवरों की तरह कोमल को चोदने लगता है। उसकी चुदाई देख प्रिया भी डरने लगती है की अचानक ये इसे हो क्या गया है।
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किसी भूखे जानवर की तरह अपने शिकार पर झपटता हुआ देवा कोमल के चूत को बच्चेदानी तक
खोल कर रख देता है और कोमल की चूत से पानी की नहर बहने लगती है।
कोमल;माँ वो हरामी क्या हो गया है रे तुझे आहहह्ह्ह्हह्ह।
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देवा;वहीँ नहीं रुकता वो कोमल को प्रिया के सामंने कुतिया बना देता है और पीछे से उसकी गाण्ड पर
लंड लगा कर कोमल के बाल खीचते हुए गपा गप गपा गप कोमल की गाण्ड मारने लगता है।
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कोमल के पैर काँपने लगते हैं वो पानी पानी करती है चीखने से उसका गला सूखने लगता है मगर
देवा तो रत्ना को अपनी ऑंखों में बसा कर जैसे पागल हो गया था। प्रिया काँपने लगती है उसने आज
तक एक दो मर्तबा चुदाई देखी थी मगर आज जो उसकी ऑखों के सामने हो रहा था वो कुछ और ही था।
कोमल के मुँह से निकलते चीखें दिल दहलाने वाली थी मगर बेरहम देवा कोई रहम नहीं करने वाला था।
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वो कोमल की चुत्तड़ को थप्पड मारता हुआ बाल खीचते हुए दना दन दना दान गाण्ड मारने लगता है।
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कोमल;माँ मर जाऊँगी देवा बेटा निकाल ले ना।
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आह्ह्ह्ह्ह् नहीं कहूँगी तुझे अब कभी चोदने के लिये आहह बेटा बेटा छोड दे।इधर कोमल के मुँह से बेटा बेटा निकल रहा था और एक बेटा अपनी माँ की चूत को याद करके
एक गाण्ड की धजिज़यां उड़ा रहा था।
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देवा को 20 मिनट बाद तब होश आता है जब पच पच की आवाज़ के साथ झड़ने लगता है।
वो कोमल की गाण्ड की तरफ देखता है वहां से खून निकल रहा था।
देवा झट से अपना लंड बाहर निकाल लेता है और लंड बाहर निकालते ही कोमल बिस्तर पर गिर पडती है। वो तकरीबन तकरीबन बेहोश सी हो गई थी।
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देवा एक नज़र प्रिया की तरफ देखता है और फिर अपने कपडे उठा कर दूसरे रूम में चला जाता है।
WOW NICE THRILLER ENTER
हिम्मत;अरे विक्रांत आओ आओ इतनी सुबह सुबह। मुझे लगा था तुम दो दिन बाद आओगे।
विक्रान्त;मुझे पैसों का काम था सोचा आपका काम जल्दी निपटा दूंगा तो मेरा भी काम बन जायेगा।।
हिम्मत;बैठो।
वो विक्रांत को घर के अंदर ले जाता है और गेस्ट रूम में बैठा कर बिंदिया के पास चला जाता है।
बिंदिया;साडी पहनते हुए।
कौन है जी।
हिम्मत;बिंदिया मेरा दोस्त आया है

कोमल;क्या कर रहा है बेटा।
देवा;अपने कपडे उतार।
कोमल; क्या।
पागल हो गये हो क्या। मेरी प्रिया इस हाल में है और तुम हो की मुझे कपडे उतारने के लिए कह रहे हो।
देवा; इसी के लिए कह रहा हूँ अपने कपडे उतारो
और इसे अपने जिस्म के गर्मी दो ये ठीक हो जाएगी।।
कोमल; सच।
देवा;हाँ जल्दी करो।
कोमल जल्दी से अपनी साडी लंहगा ब्लाउज और पेंटी निकाल के प्रिया की रज़ाई में घुस जाती है।
प्रिया का बदन थर थर काँप रहा था ।
कोमल प्रिया को अपनी बाहों में जकड लेती है । प्रिया भी अपनी माँ के गरम बदन से चिपक जाती है।
देवा भी अपने कपडे उतार कर प्रिया के पास चला आता है और रज़ाई सर से पांव तक ले लेता है।
कोमल;ये क्या कर रहे हो देवा।
देवा;चुप कर और इसके कपडे निकाल।
वरना ये ठण्ड से मर जाएगी।
प्रिया उस वक़्त इतने होश में नहीं थी की कुछ कह सके।
कोमल प्रिया की शलवार कमीज ब्रा और पेंटी निकाल देती है।
देवा;प्रिया को बीच में लिटा देता है प्रिया की गांड की तरफ से कोमल लेट जाती है और चुत की तरफ से देवा उसे करवट लिटा कर दोनों आगे पीछे से उसे अपने बीच में दबा लेते है।

प्रिया;माँ मुझे बहुत ठण्ड लग रहे है।
कोमल;हाँ प्रिया कुछ नहीं होंगा तुझे।
कोमल; पीछे से अपनी चूत प्रिया के चूतड पर घीसने लगती है।
और सामने से देवा भी प्रिया को अपने चौड़े छाती से चिपका कर उसे अपने जिस्म की गर्मी देने लगता है।
15 मिनट गुज़रने के बाद प्रिया की कंपकंपाहट बंद हो जाती है।
और वो उन्हह सिसकारने लगती है।

देवा का लंड प्रिया की कुँवारी चूत से टकराने से खडा हो चूका था और वो अब सीधा प्रिया की चूत पर घिस रहा था जिस की वजह से प्रिया के मुँह से हलकी हलकी सिसकारियां निकल रही थी।
 
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WOW MAST POST DEAR
माँ को चोदने जा रहा था मेरी बहना।
रश्मी;नीचे से ऊपर तक पप्पू को देखने लगती है।
पर भैया माँ इस सब के लिए राजी कैसे हो गई।
पप्पू;सब देवा का किया धरा है उसी ने माँ को ऐसे बना दिया है।
माँ मुझसे चुदती है मगर याद देवा को करती है।
देखा न माँ के मुँह में कैसा उछल रहा था मेरा लंड।
रश्मी;मुस्कुराते हुए पप्पू का लंड पकड़ लेती है।
ये माँ की सवारी भी करता है।
पप्पू;हाँ रश्मि बहुत चुदकड़ है माँ।
तू नहीं जानती एक साथ दोनों तरफ से चाहिए उसे।
रश्मी;देवा भी न। पहले मुझे जवान किया और अब मेरी माँ को।
रश्मी अपनी नाज़ुक हाथों में पप्पू का चप्पु लेकर सहलाने लगती है।
पप्पू; आह्ह।
रश्मी माँ तो चली गई अब तेरे भैया का ख्याल कौन रखेंगा।
रश्मी;भैया का ख्याल मै रखुंगी।
पप्पू;तो रख न। मेरी बहना।
रश्मी;पप्पू के लंड की तरफ झुकती चली जाती है।
गलप्प गलप्प।
पप्पू भइया।
बहुत याद आती थी मुझे घर की गलप्प गल्लपप
पप्पू;मुझे भी तेरी बहुत याद आती थी रश्मि
आह धीरे मेरी बहना आह्ह्ह्हह।

पप्पू;रश्मि की सलवार का नाडा खोल देता है।
और पेंटी के साथ सलवार भी कमर से निकाल देता है।
रश्मी के मुँह में पप्पू का छोटा सा लंड आगे पीछे होने लगता है और इधर पप्पू की उंगलिया अपनी बहन की चूत में हलचल मचाने लगती है।
जैसे जैसे पप्पू की ऊँगली रश्मि की चूत में आगे पीछे
जाती है रश्मि के मुँह में पप्पू के लंड की पकड़ बढ़ती जाती है।
पप्पू;मेरी बहन आह्ह्ह। लगता है तेरा पति तुझे ठीक से नहीं करता आह्ह्ह्ह।
रश्मी;करता है भाई मगर बहुत जल्दी हार मान जाता है।

गलप्प उस में वो बात कहाँ जो देवा में और तुम में है। गलप्प गलप्प
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रात के खाने के बाद देवा बाहर टहलने का कह कर चला जाता है।

रत्ना;भी देवा के लंड की चुसाई से मस्त हो चुकी थी। घर के थोड़े काम निपटा कर वो अपने बिस्तर पर सोने चली जाती है।

ममता और प्रिया एक रूम में सोने चले जाते है।

रत्ना ने ही ममता प्रिया को साथ सोने के लिए कही थी।
मेहमान को अकेले नहीं सुलाया जाता
और यही तो ममता चाहती थी।

रात काफी घिर चुकी थी।
सर्दियों के दिन होने की वजह से गांव वाले जल्दी घर आ जाते थे और रज़ाई में दुबक कर सो भी जल्दी जाते थे।

ममता ;बिना ब्रा और पेंटी के सिर्फ एक नाइटी पहन के प्रिया के बगल में लेटी हुई थी।
दोनो इधर उधर की बातें कर रही थी।
ठंडी हवायें जब खिडकी से होती हुई रूम में उनके बदन से गुज़रती तो एक सरसराहट सी दोनों के जिस्म में दौड जाती और दोनों के दिल में बस एक गरम चीज़ का ख्याल दौड जाता।
देवा के फौलादी लंड का.......

ममता ;तो कई बार उसकी मार खा चुकी थी।
मगर प्रिया अब भी उस दर्द से अन्जान थी।
अपनी माँ कोमल की चुदाई देख कर उसकी आँखों का पानी तो काफी हद तक मर चूका था।
उसे बस एक सहारे की ज़रूरत थी।
ऐसा सहारा जिसकी बदौलत वो देवा तक पहुँच सके।
अपनी भाभी के घर में अपनी भाभी के भाई से चुदवाना तो वो चाहती थी मगर उसे डर भी था की अगर किसी को पता चल गया तो हमेशा की बदनामी हो जाएगी।

मगर प्रिया नहीं जानती थी की आज रात उसकी ज़िन्दगी में वो होने वाला था
जिसके बारे में उसने सोचा भी नहीं होगा।

ममता ;एक टाँग प्रिया के टाँग के बिलकुल पास रख कर उसकी तरफ करवट करके बातें कर रही थी।
ये वही ममता थी जो चुदने से पहले नूतन की चूत की खुशबु सूँघ लेती थी और पहचान भी लेती थी की नूतन की चूत क्या चाहती है।

आज भी ममता को वही महक आ रही थी फ़र्क़ सिर्फ इतना था की आज उसके बगल में नूतन नहीं प्रिया थी।
उसकी ननद।

प्रिया;भाभी आपका गांव बहुत खूबसूरत है।
मेरा तो दिल लग गया है यहाँ।

ममता; अच्छा जी दिल गांव में लग गया है या किसी से दिल लग गया है।

प्रिया;शरमा जाती है।
क्या भाभी तुम भी न । जब देखो मज़ाक़ मजाक।

ममता ;ओई होई मेरी भोली भाली ननद जी।
सच बताओ क्या बात है।
चेहरा तो बड़ा खिला खिला लग रहा है यहाँ आ कर तुम्हारा।

प्रिया;कोई बात नहीं है।
मुझे नींद आ रही है।

ममता;तुम्हें तो नींद आ जाएगी मगर मेरा क्या।

प्रिया;क्या मतलब भाभी।

ममता; हाय क्या बताऊँ अब तुम से क्या छुपाना। प्रिया
तेरे भैया की बड़ी याद आ रही है।

प्रिया;ममता की आँखों में देखने लगती है।
इससे पहले उन दोनों के बीच कभी इस तरह की बातें नहीं हुई थी।
मगर आज ममता के दिल में क्या था ये ममता ही जानती थी।
वो अपनी ननद की चूत पर अपना भविष्य देख रही थी।
कहते है अगर सास और ननद का कोई राज़ बहु को पता चल जाए तो सारे घर पर बहु की हुकूमत चलती है।

ममता;कोमल और प्रिया के कई राज़ जानती थी मगर उसकी बातों से ऐसा लग रहा था की वो कुछ और भी चाहती थी।

प्रिया;क्यों भाभी भाई की याद क्यों आ रही है।

ममता ;अपना एक हाथ प्रिया के गले में डाल देती है
हाय रे मेरी भोली भाली प्रिया तुम तो ऐसे पूछ रही हो जैसे तुम्हें कुछ पता ही नहीं की मुझे याद क्यों आ रही है।

प्रिया;अपनी आँखें चुराते हुए।
मुझे कैसे पता होंगा भाभी।

ममता;पर मुझे सब पता है।

प्रिया;क्या पता है।

ममता; यही की तू अपने हरी भैया से चुदवाती है।

प्रिया की आँखें चौड़ी हो जाती है।
उसकी साँसें फुलने लगती है।
होठ थर थर काँपने लगते है और कुछ ही पल में पेशानी पर पसीना आ जाता है।

प्रिया;भाभी अभी ये आप क्या कह रही है।

ममता;अरे घबराती क्यों है।
मुझे पता है अम्मा और तुम दोनों ये कब से कर रही है।
मुझे तो पहले दिन ही पता चल गया था और उन्होने मुझे धीरे धीरे सब बता भी दिए है।
तुम चिंता क्यों करती है मै किसी को नहीं बताऊँगी।

प्रिया;की जान में जान आती है।
मगर भाभी आपको बुरा नहीं लगा ये जानकार की.....

ममता; एक बात कहूं किसे से कहेगी तो नही।

प्रिया;बताओ ना।

ममता;पहले मेरे सर की कसम खा।

प्रिया;आपके सर की कसम किसी को नहीं बताऊँगी।

ममता ;देख मेरे सर की कसम खाई है तुने
जैसे तू अपने भैया से करवाती है वैसे मै भी देवा भाई से मरवाती हूँ।

प्रिया;क्या.....
भाभी आप्प भी।

ममता; धीरे...... माँ सुन लेगी।
माँ नहीं जानती।
हम दोनों भाई बहन के अलावा अब ये राज़ सिर्फ तू जानती है और ख़बरदार अगर किसी से कुछ बोली तो.....

प्रिया;अपने मुँह पर हाथ रख लेती है।
ओह तो ये बात है।
तभी तो मै सोचूँ शादी से पहले से मेरी भाभी की गांड और चूचियां इतनी बडी बडी कैसे है।
देवा भाई का कमाल है ये।

ममता ;प्रिया के टाँग पर अपनी टाँग चढा लेती है।
हाँ रे आज कल हर घर में यही चलता है।
अपनी इज़्ज़त बाहर वालों को देने से तो अच्छा है घर में चुदवा लो।

प्रिया;भाभी तुम भी न सच में कमाल हो।

ममता ;वैसे तू भी कम नहीं है अपनी माँ को मेरे भाई के सामने चुदते देख चुकी है मगर अब भी इतनी शांत है।

प्रिया;तुम्हें ये कैसे पता।

ममता; भाई ने बताया मुझे की कल रात उसने अम्मा को बड़े कस के चोदा है।

प्रिया; हाँ।
माँ इतनी बड़ी चुदकड़ औरत है। सच में मुझे तो यक़ीन नहीं हो रहा था।
वो देख कर....

ममता ;क्या देख कर।
मेरे भाई का लंड़ ?

प्रिया की साँसें गरम होने लगती है और वो गरम साँसें ममता के चेहरे से टकराने लगती है।

ममता;अपने हाथ को प्रिया के कमर पर रख कर धीरे धीरे सहलाने लगती है।
कैसा है मेरे भाई का लंड लेना चाहती है क्या।

प्रिया;भाभी।



ममता;भाई तुझे चोदना चाहता है प्रिया।

प्रिया;घबरा कर उठकर बैठ जाती है।
ये तुम क्या कह रही हो भाभी।


ममता ; प्रिया को अपनी बाहों में जकड लेती है और होठो से प्रिया की गर्दन को चुमने लगती है और एक हाथ से प्रिया की चूचि को मसलने लगती है।
मै जानती हूँ तू भी भाई से करवाना चाहती है।
डर मत मै तेरे साथ हूँ।

प्रिया;मगर भाभी।

ममता ; इधर देख मेरी तरफ।

प्रिया;ममता की आँखों में देखने लगती है।

ममता;आजसे मुझे भाभी नहीं अपनी दोस्त समझ।
सच बता क्या तू नहीं चाहती मेरे भाई के नीचे आना।
उसके मोटे सब्बल से अपनी ज़मीन खुदवाना सच बोल।

प्रिया;आह्ह्ह्ह।
भाभी हाँ भाभी चाहती हूँ ना।
जब से माँ को उस लंड के नीचे पिसते देखी हूँ आअह्हह्हह्हह।
तब से मेरी चूत गीली हुई जा रही है।
एक पल के लिए भी आँखों के सामने से वो नज़ारा नहीं हट रहा आह्ह्ह्ह
भाभी।

ममता के हाथ प्रिया की चोली के अंदर घुस जाते है।

प्रिया;भाभी क्या कर रही हो आहहह।

ममता ;मेरे भाई से चुदवाने से पहले उसकी बहन को तेरी चूत तो चाटने दे मेरी प्रिया।

प्रिया;ममता की तरफ देखने लगती है दोनों लंड की प्यास में इन्तिहा पार कर चुकी थी एक बहन को अपने भाई के लंड का इंतज़ार था तो एक जवान लड़की को भाभी के भाई का।


ममता अपने नरम होंठो को प्रिया के होठो से मिला देती है और देखते ही देखते दोनों एक दूसरे से चिपक जाती है।
प्रिया: आह्ह्ह भाभी गलप्प्प गलप्प्प गलप्पप्प

ममता से रहा नहीं जा रहा था वो प्रिया के चूत को जल्द से जल्द देखना चाहती थी।

इससे पहले उसने प्रिया के चूत में अपने पति का लंड देखी थी। आज वो अपनी जुबान से उस चूत को चाट चाट कर लाल कर देना चाहती थी।

ममता प्रिया को बिस्तर पर लिटा देती है और पल भर में उसके बदन से सारे कपडे उतार देती है।
ममता को लंड लेने का जितना शौक था उतना ही चूत चाटने का भी शौक था।पहले उसे नूतन की चूत का सहारा था और अब एक नई चूत मिल गई थी अपनी ननद प्रिया की।

अपने कपडे उतार कर ममता प्रिया के ऊपर चढ़ जाती है और उसके होंठो से शुरुवात करते हुए उसके ब्रैस्ट को अपने मुँह में भरकर चूसने लगती है। कुछ देर तक निप्पल चूसने के बाद ममता और निचे जाने लगती है और फिर प्रिया की मखमली चूत पर जब अपनी जबान फिराती है तो प्रिया तड़प उठती है।

प्रिया: आह्ह्ह भाभी.....

ममता अपनी दो उंगलियाँ प्रिया की चूत में डालकर अंदर का सारा पानी बाहर निकालते हुए प्रिया के चूत के दाने को चाटने लगती है।जिस वक़्त ये दोनों लौंडिया एक दूसरे के बदन से खेलने में लगी हुई थी उसी समय दूसरे घर में दो जवान औरतों की चूत लंड के लिए मचल रही थी।

देवा टहलने के बहाने अपनी सासु माँ के घर चला गया था।उसे ये बताने की कल उसकी माँ आने वाली है उनके घर नीलम का हाथ मांगने।
देवा शालू के घर बैठा शालू से बातें कर रहा था।देवा आते ही शालू को ये खुश खबरी सुना चूका था।शालू की तो ख़ुशी का कोई ठीकाना नहीं था।
नीलम सो चुकी थी और नूतन देवा के सामने बैठी उसकी बाते कम सुन रही थी और उसके जिस्म को ज्यादा निहार रही थी।

देवा-अरे ये पप्पू नज़र नहीं आ रहा है।

शालू: पप्पू रश्मि को उसके ससुराल छोड़ने गया है दो तीन दिन में आ जायेगा।नूतन बहु ज़रा चाय पानी का इंतज़ाम कर ले।

नूतन उठके चाय बनाने चली जाती है।उसके जाते ही देवा अपनी सासु माँ को खीच के अपनी गोद में बैठा लेता है।
शालू: आह क्या करते हो जमाई राजा।बहु घर में है आ जायेगी ना।
देवा:सच कहूँ शालू। जबसे मैंने अपनी और नीलम की शादी की बात की है तब से मेरा बुरा हाल है।
शालू: क्यों क्या हुआ। नीलम तो तुम्हे पसंद है ना।

देवा: बहुत पसंद है।मगर मेरा बुरा हाल शादी को लेकर नहीं है बल्कि ये सोचकर हो रहा है की मैं कितना खुश नसीब हूँ मैं की मैं ऐसे घर का दामाद बनने जा रहा हूँ की जहाँ सास अपने जमाई से पहले ही चुदवा चुकी है।जहाँ का होनेवाला साला भी अपनी गांड मरवा चूका है।बस अब अपने साले की बीबी मिल जाये तो मज़ा आ जाये।

शालू: क्या कह रहे हो तुम दिमाग तो जगह पर है ना तुम अपनी बहन के बारे में बोल रहे हो।

देवा:अपने पंजे में शालू की गरम और बड़ी बड़ी चुचिया दबोच लेता है। साली छिनाल तुझे क्या हो गया है।।अपने बेटे से चुदवाती है।अपनी बेटी की चूत चाटने में तुझे शर्म नहीं आती।अपने होनेवाले दामाद से अपनी गांड तक मरवा चुकी है और अपनी बहु का नाम आया तो भड़क रही है।

शालू: नहीं ना मैं भड़क नहीं रही हूँ।आह मगर नूतन को ये पता चलेगा तो क्या होगा जानते भी हो।

देवा: सब पता है मुझे और वैसे भी पप्पू मुझे इजाजत भी दे चूका है नूतन के साथ ये सब करने की।
शालू: क्या।
देवा: इतना बड़ा मुँह मत खोल वरना लंड डालके अभी चोद दूंगा और ये सच है पप्पू ने खुद कहा है नूतन के साथ ये सब करने को।
शालू: मगर क्यों।
देवा अपने हाथ से शालू की चूत को सलवार के ऊपर से ही सहलाने लगता है। तू तो जानती है शालू की तेरा बेटा किसी काम का नहीं है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो नूतन सारे गाँव वालों के सामने ये बोल देगी की तेरा बेटा गांडू है।
शालू :आह्ह्ह इश्ह्ह्ह्ह्ह् बहु आ जायेगी।
देवा: वही तो मैं चाहता हूँ की तेरी बहु तुझे मेरे लंड पे देखे और उसकी चूत में भी मेरे लंड की तड़प जग जाये।
शालू: आह पागल हो गए हो तुम आह्ह।
देवा खड़ा हो जाता है और एक हाथ से अपनी पेंट उतारता है और दूसरे हाथ से शालू का ब्लाउज निकाल के उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को मुँह में भरकर चूसने लगता है।गलप्प गलप्प।
शालू: आह्ह्ह्ह देवा ऐसा मत करो।मुझे बहुत डर लग रहा है।आह्ह्ह्ह्ह्।
देवा: साली छिनाल ज्यादा नखरे करेगी ना तो ना नीलम से शादी करुँगा और ना इस घर में आऊंगा।देवा की बात सुनकर शालू के हाथ पाँव ठंढे पड़ जाते है।
देवा अपने लंड को बाहर निकाल के शालू की चुचियों पर घिसने लगता है।
शालू: आह उईई माँ धीरे मसल ना दर्द होता है आह्ह्ह्ह्ह्।
देवा:छिनाल को भी दर्द होता है क्या।चल जल्दी से नंगी हो जा मेरे लंड में खिंचाव आने लगा है।
शालू:अपने जमाई की बात सुनकर खड़ी हो जाती है और एक एक करके अपने सारे कपडे उतार देती है।
देवा: मुझे कौन नंगा करेगा साली छिनाल चल जल्दी कर...
शालू देवा के कपडे भी निकाल देती है।
देवा निचे बैठ जाता है और शालू अपनी टाँगें खोल देती है उन टाँगों में छिपी शालू की चूत पर देवा अपनी जीभ से चाटने लगता है।
शालू तड़प उठती है।देवा के तो हाथ ही काफी थे शालू को गरम करने के लिए मगर आज ज़ालिम ने अपनी जुबान भी वहाँ लगा दिया था जो शालू की कमजोरी थी।

शालू अपनी आँखें बंद करके अपनी चुचियों को मसलने लगती है।
देवा की जबान जितनी शालू की चूत के अंदर घुसती है उतनी ज्यादा वो सिसकारियाँ भरने लगती है।

देवा :शालू को लेके बिस्तर पर आ जाता है।चल मुँह में ले इसे छिनाल साली।
शालू को गालियाँ सुनते हुए चुदवाना अच्छा लगता था। ये बात उसने एक रात देवा से चुदवाते समय कही थी।अपने लंड को शालू के मुँह में डालकर अपनी उँगलियों से शालू की चूत सहलाते हुए शालू के मुँह को चोदने लगता है।
शालू: आह्ह्ह्ह्ह् गलप्प्पप्पप्प गलप्पप्पप्पप्पल आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्।
देवा:अरे आओ आओ नूतन देखो तुम्हारी सास कैसे मेरे लंड को चूस रही है।

दरवाजे पे खड़ी नूतन शालू और देवा की तरफ ही देख रही है।

देवा के मुँह से नूतन का नाम सुनकर शालू घबरा कर दरवाजे की तरफ देखती है और अपनी बहु नूतन को देखकर बुरी तरह शरमा जाती है और लंड चूसना रोक देती है।
देवा:छिनाल साली रंडी तुझे रुकने के लिए किसने कहा।चल चाट इसे ठीक से तेरी माँ को चोदुं साली रंडी।

शालू: अपनी नजरे नूतन से हटा कर फिर से देवा का लंड चूसने लगती है।
देवा: इशारे से नूतन को दरवाजा बंद करके पास आने के लिए कहता है।
नूतन दरवाजा बंद करके आकर विस्तर के एक कोने पर बैठ जाती है।उस वक्त तक शालू की चूत में इतना पानी आ चूका था की सैलाब का रूप ले ले।अब शालू को देवा के लंड के सिवा कुछ नहीं दिखाई दे रहा था और देवा उसके दिल की मुराद पूरी करने लगता है।
देवा अपने होनेवाली सास की दोनों टाँगो को खोलकर उसकी गीली चूत पर अपना मोटा लंड रगड़ने लगता है।

देवा: बड़ी कमाल की चूत है नूतन तेरी सास की एक बार अंदर पेलने के बाद बाहर निकालने का मन नहीं करता।


शालू: आह्ह्ह्ह उसे क्या बता रहे हो अंदर डालो ना।आह्ह्ह
देवा: पहले बोल तू मेरी छिनाल रांड है।बोल साली....
शालू: नहीं बोलती...
देवा:चटाख से दो तीन थप्पड़ शालू की चूत पे जड़ देता है।
शालू:उईईईईई माँ । शालू तिलमिला जाती है
हाँ हरामी हूँ मैं तेरी रांड।तुझे अपनी चूत और गांड मरवाने वाली छिनाल हूँ मैं बस्सस्स अब चोद दे अपनी रंडी सास को।

देवा:बहुत आग लगी है साली तेरी चूत में। बोल और किस किस से चुदवाती है साली रंडी हरामज़ादी।

शालू:अपने बेटे से और तुझसे बस्सस्स।अब तो डाल ना रे...
देवा:मैं तेरी बहु को भी चोदना चाहता हूँ साली रंडी।
शालू:गुस्से में आ जाती है।उसकी चूत का दाना उतेजना से इतना बाहर आ चूका था की उसकी तड़प का कोई ठिकाना नहीं था।अरे चोदना है तो चोद डाल हरामी तेरे सामने ही तो बैठी है मैं कुछ नहीं कहूँगी।लेकिन पहले मेरी आग तो बुझा दे हरामी......मुझे चोद दे....
ये सुनते ही देवा अपने लंड को शालू की चूत में पेल देता है।
शालू की आह निकल जाती है और उसके चेहरे पर एक सुकून छा जाता है और वह अपनी गांड उठाके देवा के धक्के का जबाब देने लगती है।पास में बैठी नूतन का दिल मारे ख़ुशी के देवा को चूमने का करता है। मगर उस वक्त ये करना ठीक नहीं था।
आज सिर्फ शालू की चुदाई होनी थी।

देवा:अपनी जान से भी ज्यादा प्यारी शालू को गप्पा गप सटा सट अपने लंड से चोदता चला जाता है और शालू भी अपनी सारी शर्मो हया छोड़ के अपनी बहु के सामने अपनी चूत खुलवाती चली जाती है अब उसे ये भी शर्म नहीं था की उसकी बहु सामने बैठी उसे देख रही है।

जब दोनों की नजरे मिलती है तो दोनों के चेहरे पर मुस्कान फ़ैल जाती है। देवा शालू को कुत्तिया बना देता है और बेड के सहारे खड़ा कर देता है उसके सामने नूतन बैठी हुई सब देख रही है फिर देवा अपने लंड को शालू की गाण्ड के छेद पर लगाता है ।

जब शालू को अपनी गांड के छेद पर देवा के लंड का अहसास होता है तो वह देवा को रुकने के लिए बोलती है ।

शालू: देवा मेरी चूत बहुत गर्म है तू आज सिर्फ मेरी चूत में चोद ले कल गांड मार लेना।

देवा: साली रंडी कुतिया मैं तुझे जैसे मन करेगा वैसे चोदुँगा। तू मेरी रंडी है ।

देवा: जल्दी से अपनी गांड ढिली छोड़ नहीं तो साली लंड के साथ साथ अपना हाथ डाल दूंगा तेरी गांड में।

शालू जल्दी से डर कर अपने गांड को ढीला छोड़ देती है और देवा अपने मोटे लंड को शालू की गांड में एक ही झटके में पेल देता है शालू दर्द से चिल्लाने लगती है तो देवा शालू का मुंह बंद करके जोर जोर से उसकी गांड मारने लगता है ।

अपनी सास की चूदाई देखकर नूतन भी पूरी तरह से गर्म हो जाती है देवा कुत्तिया बनी शालू की गांड पर थप्पड़ भी मारता है जिससे शालू की पुरी गाण्ड लाल हो जाती है फिर देवा शालू की गांड से लंड निकाल कर उसकी गीली चूत में पूरा लंड पेल देता है और गन्दी गन्दी गाली के साथ शालू की कभी चूत तो कभी गांड मारने लगता है।लेकिन शालू भी बहुत बड़ी छिनाल थी।

वह अपने गाण्ड को पीछे कर कर के देवा के हर धक्के का जवाब दे रही थी आधा घंटे तक नॉनस्टॉप गांड मारने के बाद देवा अपना सारा पानी शालू की गांड में ही निकाल देता है इसी बीच शालू तीन बार झड़ चुकी थी अपने गांड से देवा के लंड के निकलते हैं शालू बेड पर गिर जाती है।

एक घंटे तक शालू को जी भर के चोदने के बाद देवा झड़ा था। वह अपने घर की तरफ निकल जाता है।
 
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WOW MAST AND EROTIC UPDATE
प्रिया;कोमल की आवाज़ से जग चुकी थी । वो बिना आवाज़ किये अपने रूम के दरवाज़े के पास चली आई और जैसे ही वो सामने का नज़ारा देखती है उसकी साँस हलक में अटक से जाती है।
उसकी माँ अपने होने वाली बहु के भाई से ऐसे पांव पसारे चुद रही है। ये देख उससे बहुत ग़ुस्सा आता है मगर अगले ही पल कोमल के मुँह से निकलती सिसकियाँ उसे बतला देती है की सब कुछ उसकी माँ की मर्ज़ी से हो रहा है।
प्रिया के लिए नाक़ाबिल बर्दाश्त वाली बात थी।
वो ये सब नहीं देख सकती थी। वो पलट कर अपने बेड पर आकर बैठ जाती है और सोचने लगती है की माँ को क्या हो गया है वो क्यों अपनी इज़्ज़त की धज्जियां उड़ा रही है।

कोमल; आहह देवा । कुतिया समझ रखा है क्या तूने मुझे।
प्रिया;फिर से चौंकती है और इस बार उसका दिल अपने दिमाग के हाथों हार जाता है और कदम खुद ब खुद दरवाज़े की तरफ बढ़ जाते है।
वो फिर से वहीँ आकर छुप कर खड़ी हो जाती है।
उसकी माँ कुतिया की तरह झुकी हुई थी और देवा पीछे खड़ा अपने लंड पर तेल लगा रहा था।
देवा;काकी तेरे जैसे मोटी गाण्ड वाली औरतें मुझे बहुत अच्छी लगती है दिल तो करता है ऐसी गाण्ड को रोजाना चोदता रहूँ । हाय साली ने क्या कमर बनाई है अपनी। रोज़ किस से चुदवाती हो काकी।
कोमल;अरे कहाँ बेटा ये तो ऐसे ही बाहर निकल आई है।।
ऊई माँ वहां नहीं....... बेटा दर्द होगा मुझे भी और तुझे भी।
देवा;फिर कहाँ।
कोमल;चुत मार मेरी। वो बाद में दे दूंगी।
देवा;कुछ सोचते हुए अपने लंड को कोमल की चूत पर लगा देता है और दोनों हाथों में कोमल के बड़े बड़े बाहर को निकले हुए कमर पकड़ के अपना लंड पीछे से चूत में पेल देता है एक आहह सी कोमल के मुँह से निकलती है और वो ज़मीन चाटने लगती है।


देवा;का लंड अपने शबाब पर था उसकी नज़र काफी वक़्त से इस फैली हुई गाण्ड पर थी । आज उसने सोच ही लिया था की चाहे कुछ भी हो जाये वो कोमल की गाण्ड मार कर ही रहेगा। वो तो बस कोमल की चूत मार कर उसे उतेजित कर रहा था।
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हिम्मत;अरे विक्रांत आओ आओ इतनी सुबह सुबह। मुझे लगा था तुम दो दिन बाद आओगे।
विक्रान्त;मुझे पैसों का काम था सोचा आपका काम जल्दी निपटा दूंगा तो मेरा भी काम बन जायेगा।।
हिम्मत;बैठो।
वो विक्रांत को घर के अंदर ले जाता है और गेस्ट रूम में बैठा कर बिंदिया के पास चला जाता है।
बिंदिया;साडी पहनते हुए।
कौन है जी।
हिम्मत;बिंदिया मेरा दोस्त आया है

कोमल;क्या कर रहा है बेटा।
देवा;अपने कपडे उतार।
कोमल; क्या।
पागल हो गये हो क्या। मेरी प्रिया इस हाल में है और तुम हो की मुझे कपडे उतारने के लिए कह रहे हो।
देवा; इसी के लिए कह रहा हूँ अपने कपडे उतारो
और इसे अपने जिस्म के गर्मी दो ये ठीक हो जाएगी।।
कोमल; सच।
देवा;हाँ जल्दी करो।
कोमल जल्दी से अपनी साडी लंहगा ब्लाउज और पेंटी निकाल के प्रिया की रज़ाई में घुस जाती है।
प्रिया का बदन थर थर काँप रहा था ।
कोमल प्रिया को अपनी बाहों में जकड लेती है । प्रिया भी अपनी माँ के गरम बदन से चिपक जाती है।
देवा भी अपने कपडे उतार कर प्रिया के पास चला आता है और रज़ाई सर से पांव तक ले लेता है।
कोमल;ये क्या कर रहे हो देवा।
देवा;चुप कर और इसके कपडे निकाल।
वरना ये ठण्ड से मर जाएगी।
प्रिया उस वक़्त इतने होश में नहीं थी की कुछ कह सके।
कोमल प्रिया की शलवार कमीज ब्रा और पेंटी निकाल देती है।
देवा;प्रिया को बीच में लिटा देता है प्रिया की गांड की तरफ से कोमल लेट जाती है और चुत की तरफ से देवा उसे करवट लिटा कर दोनों आगे पीछे से उसे अपने बीच में दबा लेते है।

प्रिया;माँ मुझे बहुत ठण्ड लग रहे है।
कोमल;हाँ प्रिया कुछ नहीं होंगा तुझे।
कोमल; पीछे से अपनी चूत प्रिया के चूतड पर घीसने लगती है।
और सामने से देवा भी प्रिया को अपने चौड़े छाती से चिपका कर उसे अपने जिस्म की गर्मी देने लगता है।
15 मिनट गुज़रने के बाद प्रिया की कंपकंपाहट बंद हो जाती है।
और वो उन्हह सिसकारने लगती है।

देवा का लंड प्रिया की कुँवारी चूत से टकराने से खडा हो चूका था और वो अब सीधा प्रिया की चूत पर घिस रहा था जिस की वजह से प्रिया के मुँह से हलकी हलकी सिसकारियां निकल रही थी।
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