Incest हाय रे ज़ालिम................

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देवा;जब घर पहुंचा तो शाम के 5 बज रहे थे।

समने चारपाई पे देवा की माँ रत्ना और एक औरत जिसकी पीठ दरवाज़े के तरफ थी बैठी हुए थे।

देवा;उनके पास जाता है।
रत्ना;आ गये बेटा हाथ मुंह धो लो। मै चाय बनाके लाती हूँ।

वो औरत जो सेठ हिम्मत राव के घर की नौकरानी पदमा थी।
सर घुमा के देवा की तरफ देखती है।

गोरा चिट्टा भरा भरा बदन।
पदमा;देवा मुझे जागिरदार साहब ने भेजा है तुम्हें अपने साथ ले जाने के लिए । कुछ काम है सेठ को शायद तुमसे।

देवा;ठीक है काकी तुम बैठो मै अभी आता हूँ।

पदमा की नज़रें किसी एक्स रे मशीन की तरह थी वो देवा को पहली नज़र में ही पहचान गई थी के लौंडा काम का है।

देवा घर में चला जाता है।

रत्ना;उसके पीछे पीछे अंदर आ जाती है।
क्या बात है देवा जागिरदार साहब को क्या काम आ गया तुझसे।

देवा;पता नहीं माँ देख के आता हूँ तभी पता चलेंगा ना।

रत्ना;मुझे तो वो हवेली और वहां के लोगों से बड़ा डर लगता है बडी गंदी नज़र हैं उन लोगों की तू जल्दी घर आ जाना बेटा।

देवा;अपनी माँ रत्ना के तरफ देखता है ।
सफेद साडी में उसके ब्रैस्ट सामने की तरफ तने हुए थे
पेट एकदम गोरा गोरा और उसमें क़यामत मचाते हुए उसकी नाभी।

देवा;की नियत आज कल हर किसी पे इसी तरह ख़राब हो जाती थी वो ये भी नहीं सोचता की सामने उसकी माँ खडी है।
MAST
अरे माँ डरने की क्या बात है जागिरदार मुझे खा थोड़ी जायेगा।

रत्ना;शुभ शुभ बोल बेटा। वो देवा के मुंह पे हाथ रख देती है और इस वजह से वो देवा से एकदम चिपक सी जाती है।

रत्ना;के बदन से आती भीनी भीनी पसीने की खुशबु जब देवा के नाक तक पहुँचती है तो उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है ऊपर से नरम नरम जिस्म जो उसके इतने पास होकर भी दूर था।

वो एक हाथ रत्ना के कमर पे रख के उसके पेठ को हलके से दबाता है।
और अपने मुंह पे लगा हुआ रत्ना का हाथ हटा के धीरे से कहता है।
कुछ नहीं होगा माँ डरो मत।

दोनो एक दूसरे के ऑंखों में देखने लगते है।

ये नज़रों का खेल था या जिस्म की भूख दोनों एक दूसरे से अलग होने को तैयार नहीं थे।
तभी बाहर से पदमा के खाँसने की आवाज़ से दोनों होश में आते है और देवा बहार चला जाता है।

थोड़ी देर बाद रत्ना चाय का कप ले के बाहर आती है
और देवा चाय का कप ले तो लेता है पर उसकी कुछ उँगलियाँ रत्ना के हाथ से अनजाने में टकरा जाती है।

इस थोड़े से छुवन से ही रत्ना के जिस्म में सरसराहट पैदा हो जाती है।

बेचारी रत्ना कई सालो से अपने बेटे को देख देख कर आहें भर रही थी।
पर देवा उसपे कोई ध्यान नहीं देता था।
ये पिछले एक महिने से देवा के रवैये में थोड़ा बहुत बदलाव आया था।
जबसे उसने रत्ना को नहाते हुए देखा था।

देवा;चाय पीने के बाद पदमा के साथ पैदल सेठ के हवेली की तरफ निकल जाता है।

पदमा;कमर मटकाते हुए सामने चल रही थी।
रास्ता बिलकुल सुनसान था। गांव का रहन सहन ही कुछ इस तरह का होता है शाम ढले सभी अपने अपने घर को लौट जाते है और कोई गली मोहल्ले में नज़र नहीं आता।

देवा;की नज़र पदमा के हिलते कमर पे ही थी।
आगे आगे चलते हुए पदमा आज थोड़ा ज़्यादा ही कमर मटका रही थी।

कुछ देर बाद दोनों हवेली पहुँच जाते है।
WOW
पदमा;देवा को एक कमरे में बैठा के अंदर चली जाती है।

देवा;इधर उधर देखने लगता है।
तभी वहां सेठ हिम्मत राव की पत्नी रुक्मणी आती है
और आके एक कुरसी पे बैठ जाती है।



देवा के मुंह में पानी आने लगता है।
नमस्ते मालकिन।

रुक्मणी बला की खूबसूरत तो थी नहीं पर रंग रूप ऐसा था की बूढ़े भी जवानी के दुआ मांगे।
नमस्ते देवा कैसे हो आज कल इधर आते ही नही।

देवा;वो बस मालकिन काम में उलझा रहता हूँ।

वो कुछ बोलने ही वाली थी की सेठ हिम्मत राव वहां आ जाते है।

देवा;उन्हें देख खड़ा हो जाता है।

हिम्मत राव;अरे बैठो बैठो देवा।
अच्छा हुआ तुम आ गये।

देवा;कुछ काम था मालिक।

हिम्मत राव;अरे हाँ तुम तो जानते हो हमारी बिटिया रानी शहर से पढाई करके अभी अभी गांव आई है हम उससे उसके जनम दिन पे एक कार भेंट करना चाहते है पर उससे कार चलाना नहीं आता । तुम ट्रेक्टर चला लेते हो तो हमने सोचा की क्यों न तुम रानी को कार चलाना सीखा दो।
हम तुम्हें इसके पैसे भी देंगे।

देवा;मालिक आपका हुकुम सर आँखों पर हम ज़रूर मालकिन को कार चलाना सीखा देंगे।

हिम्मत राव खुश हो जाते है और देवा को एक चाभी थमा देते है। ये लो देवा ये हमारे कार की चाभी है इसे तुम अपने पास ही रखो। कल से आ जाना मै रानी से कह दूंगा।
ये कहके हिम्मत राव बाहर निकल जाते है।

देवा जाने लगता है तभी वहां पदमा आती है और देवा से कहती है की रानी मालकिन तुम्हें बुला रही है ।

देवा अंदर की तरफ चला जाता है पदमा उसे रानी का कमरा दिखाती है और खुद रुक्मणी के पास चली जाती है।

जब देवा कमरे में पहुंचता है तो हाथ पैर सुन्न पड़ जाते है।

रानी;अपने बिस्तर पे लेटी हुई थी।
NICE
देवा;पीछे से जाके पदमा को अपने बाहों में जकड लेता है।

पदमा;आहः के सिसकी के साथ सहम जाती है।

देवा;अपना हाथ धीरे धीरे पदमा के पेट पे फेरने लगता है।

पदमा अपने बदन को ढिला छोड देती है वो चाहती थी की हर काम देवा करे वो आज खुल के देवा से पिसना चाहती थी।

देवा की पकड़ पेट पे बढ़ने लगती है और वो अपने मुंह को पदमा के कानो में डालके उसकी कान चुमने लगता है।
धीरे धीरे पदमा की पीठ पे अपनी जुबान फेरने लगता है। उसे पसीने की खुशबु बहुत पसंद थी।


पदमा;सिर्फ सिसक रही थी और देवा अपना काम करने में लगा हुआ था।

देवा;पदमा को घुमा के अपने तरफ कर देता है और उसके गोल गोल मोटे मोटे नरम ब्रैस्ट को ब्लाउज के ऊपर से चुमने दबाने लगता है।

पदमा;आह उई माँ।



आहह जल्दी कर न देवा... मुझे वापस हवेली भी जाना है।

देवा;को आज वो चीज़ मिली थी जिसे वो बचपन से पाना चाहता था एक चूत। वो बिलकुल भी जल्द बाज़ी में नहीं था वो दोनों हाथों से पदमा के चुचे मसलने लगता है।

कड़क हाथों में आते ही पदमा के नाज़ुक चुचे किसी मखन की तरह पिघलने लगते है।

देवा;पदमा के ऑखों में देखने लगता है।
दोनो की धड़कने तेज चल रही थी।
MAST
देवा;नीचे बैठ के पदमा के गोरे गोरे पेट पे ज़ुबाँन रख देता है और उसे चूसने चाटने लगता है। गलप्प गलप्प।

पदमा तड़प के रह जाती है आज देवा ने उस जगह छुआ था जहाँ आज से पहले किसी ने नहीं छुआ। पदमा का शरीर ठण्डा पड़ चूका था और चूत आग की भट्टी के तरह तप रही थी।



पदमा;आह देवा जल्दी से ठोक दे खुट्टा आह रहा नहीं जाता रे।
उसकी आवाज़ में कंपकपाहट थी और चेहरे पे हवस।

देवा;पदमा की साडी पकड़ के खोलता चला जाता है।



जीस्म से साडी अलग होने के बाद देवा उसे बिस्तर पे बैठा देता है और दोनों चूचियों कोअपने पंजे में भर के ऐसे मसलने लगता है जैसे कोई आता गूंथ रहा हो।

पदमा;आह बस कर आहः।



पदमा;देवा को पीछे ढ़केलती है और देवा पीछे गिर जाता है।
पदमा;हँसते हुए उसकी तरफ देखने लगती है।
बस निचोड़ेंगा ही या खाएँगा भी।



देवा;पदमा पे टूट पड़ता है और उसके ऊपर चढ़ के उसके जिस्म के हर हिस्से को मसलते हुए उसके मुंह में मुंह डालके होठो को चुमने लगता है गलप्प गलप्प।

दोनो रास लीला के उस मुकाम तक आ चुके थे। जहाँ से लौटना नामुमकिन था।

देवा;पदमा के ऊपर चढ़ के उसके ब्लाउज को खोलने के लिए अपने हाथ पीछे की तरफ ड़ालता है।



की तभी बाहर से सुखीराम की गालियों की आवाज़ आती है आज वो शराब पिके घर आ गया था और नशे में बडबडाये जा रहा था।

पदमा;घबराके अपनी साडी ठीक करती है और देवा को पीछे के दरवाज़े से बाहर कर देती है।
WOW KLPD
देवा;अपने खड़े लंड को किसी तरह पेंट में दबाते हुए सुखीराम को गालियां देते हुए घर की तरफ निकल जाता है।
उससे रास्ते में शालु का ख्याल आता है।
उसने सुबह कहा था की लड़कियां और उसका पति शहर गए है। वो ये सोचके की चलो वहां कुछ बात बन जाये शालु के घर पे चला जाता है।

शालु;घर पे अकेली थी वो देवा को इस वक़्त घर पे देख के पहले थोड़ा हैरान हो जाती है।

शालु;अरे देवा तुम इस वक़्त।

देवा;वो मै पप्पू से मिलने आया था काकी।
शालु;वो तो घर पे नहीं है।

देवा;अच्छा काकी थोड़ा पानी मिलेंगा।

शालु;अभी लाई। वो पानी लाके देवा को दे देती है।
देवा;पानी पीते हुए शालु के भरे भरे गोलाइयों को देखने लगता है।

शालु;उसके नज़र का पीछा करती है और हैरान रह जाती है।
ऐसे क्या देख रहा है।

देवा;बिना कुछ कहे शालु के पास आ जाता है और उसे अपने छाती से लगा लेता है।

शालु;आह छोड क्या हो गया है तुझे । पागल तो नहीं हो गया तू देवा।

देवा;हाँ मै पागल हो गया हूँ । वो शालु को दिवार से चिपका देता है और उसके गालो को चुमने लगता है।



शालु;आह छोड देवा क्या हो गया है ।

देवा के दिमाग में पदमा घूम रही थी वो शालु के गाल को दोनों हाथ में पकड़ के उसके रसीले होंठों पे अपने होंठ रख देता है और उसे बुरी तरह चुसने लगता है।



गुं गुं की आवाज़ शालु के मुंह से निकलने लगती है।

शालु;एक झटके से देवा को अपने से अलग कर देती है और उसी वक़्त पप्पू घर में दाखिल होता है।
MAST & HOT POST KEEP IT UP
 
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अपडेट - 3

पप्पू;अरे देवा तू कब आया।

देवा;अपना पसीना पोछते हुए बस अभी आया था तुझसे मिलने।

शालु;पप्पू बेटा ज़रा बांके की दूकान से शक्कर तो ले आ।

पप्पू;अभी लाया माँ।
तू जाना मत देवा मै बस अभी आया।

पप्पु के बाहर जाते ही शालु आगे बढ़ती है और चटाक से एक चाँटा देवा के गाल पे जड देती है।
कमिने तुझसे थोड़ा हँस बोल क्या ली तू तो हवस के भूखे कुत्ते की तरह उपर चढने लगा। रुक अभी तेरे माँ को तेरे बारे में बताके आती हुं।

देवा की तो जैसे गाण्ड ही फट गई थी वो शालु का हाथ पकड़ लेता है।
नही काकी वो मुझे पता नहीं क्या हो गया था। भूल हो गई मुझे माफ़ कर दो । आगे से ऐसे गलती दूबारा नहीं होंगी माँ से कुछ मत कहो।

शालु देवा का हाथ झटक देती है और घर के बाहर निकल जाती है।

देवा उसके पीछे पीछे दौडता है
वो दूबारा शालु को पीछे से पकड़ लेता है।
नही नहीं काकी आपको मेरी कसम माँ से कुछ मत कहो।

शालु;दूर हट कमिने इस बार माफ़ कर देती हूँ मगर आगे से ऐसी वैसी कोई हरकत मेरे साथ करने की सोचा भी न तो पूरे गांव के सामने तुझे नंगा कर दूंगी।

देवा;चुप चाप गाण्ड पे हाथ रखे वहां से चला जाता है।
उसने आज जोश में आके बहुत बडा भूल कर दिया था। जो मछली कुछ दिनों में चारा निगल लेती वो आज उसके मूरखता के कारण हाथ से छटक गई थी वो खुद को गालियां देता अपने घर पहुँच जाता है।

रत्ना;दरवाज़े पे देवा का इंतज़ार कर रही थी।
क्या हुआ बेटा क्यों बुलाये थे तुझे हवेली पर।

देवा;कुछ नहीं माँ सेठ की बेटी को कार चलाना सीखाना है तो सेठ ने ये काम मुझे दिया।

रत्ना;क्यूँ और कोई नहीं मिला उन्हें गांव में इस काम के लिए । तू ही क्यूं।

देवा;वो तुम सेठ से जाके पूछ लो मुझे भूख लगी है। कुछ खाने को दो पहले आते ही सवाल जवाब।

देवा का मुंह थप्पड से और मूड शालु के बातों से ख़राब था।
वो हाथ मुंह धोके खाना खाने बैठ जाता है।
ममता कहाँ है वो सामने बैठी रत्ना से पूछता है।

रत्ना;वो तो कब की सो गई।
क्या बात है बड़ा उखड़ा उखड़ा सा लग रहा है किसी ने कुछ कहा क्या तुझसे।

देवा;नहीं माँ वो पीठ में बहुत दर्द है।

रत्ना;तू खाना खाले मै तेरे पीठ की तेल से मालिश कर देती हूँ।

देवा खाने में मगन हो जाता है और रत्ना उसे देखते रहती है।
WOW DEVA KI SIKAI KAR DI SHALLU NE
 
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खाना खाने के बाद देवा अपने कमरे में सोने चला जाता है आज वो बहुत थक गया था।
तभी वहां रत्ना सरसो के तेल की बोटल लेके आती है।

रत्ना;अरे तूने अभी तक कुर्ता नहीं उतारा चल जल्दी कर मुझे बर्तन भी साफ़ करने है।

देवा;कुरता (शर्ट) उतार के लेट जाता है।

रत्ना उसके पास बैठ जाती है और अपने हाथ में तेल लेके देवा के पीठ पे हलके नरम हाथों से मालिश करने लगती है।

उसे ऐसे बैठने में दिक्कत हो रही थी वो कुछ देर बाद देवा के कमर पर बैठ जाती है और दबा के मालिश करने लगती है।



देवा;आहह हाँ वहाँ बहुत दर्द हो रहा है माँ।

रत्ना;तू इतना काम क्यों करता है लल्ला थोड़ा आराम भी किया कर जब देखो अपने बापू की तरह खेत में लगा रहता है दुनिया में और भी बहुत से चीज़ें है।

देवा;जैसे।

रत्ना;तेरी बहन अब बडी हो गई है उसके लिए रिश्ते की बात चलाना है। मै तेरी माँ मुझे ...... ओ चुप हो जाती है।

देवा;गरदन मोड के उसकी तरफ देखता है तुम्हें क्या माँ।

रत्ना का चेहरा लाल हो जाता है।
मै क्या कह रही थी की मुझे दो तीन साड़ीयाँ ला दे तू बाजार से ।

देवा;हम्म ला दूंगा माँ। अगले हफ्ते शहर जाने वाला हूँ वहां से तुम्हारे लिए और ममता के लिए नए कपडे ला दूंगा बस।

रत्ना;धीरे धीरे देवा के पीठ की मालिश करते रही और कब उसे नींद लगी पता भी नहीं चला । जब सुबह उसकी आँख खुली तो वो खुद को देवा के बाहों में चिपके हुए पडी है देवा की एक टाँग रत्ना के जांघ के अंदर थी और देवा ने उसे अपने से चिपका रखा था।

रत्ना;देवा के चेहरे को देखती है उसे देख के साफ़ लगता था की वो गहरी नींद में है और ये जो कुछ हुआ सब नींद के कारण हुई घटना है।
किसी तरह रत्ना देवा के नीचे से निकलने में कामयाब हो जाती है ।
WOW MAST DEVA RATNA KO BHI SET KAR LEGA
 
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एक घंटे बाद देवा की आँख खुलती है और वो नहा धोके बहार आँगन में आके बैठ जाता है वहां ममता भी बैठी हुई थी।

देवा;कहाँ ग़ायब रहती है । कल तो दिन भर दिखाई नहीं दी तू मुझे।

ममता ;अरे भैया वो मेरे सहेली है ना कुमारी उसी के घर पे थी कल उसकी शादी है न।

देवा;हम्म ज़रा माँ का भी घर में हाथ बटां दिया कर दिन भर सहेलीयों के साथ मटर गश्ती करती रहती है।

ममता ; देखो न माँ भैया मुझे हमेशा डांटते रहते है।

रत्ना; भाई है वो तेरा। पूरा हक़ है उसका तुझपे जो चाहे वो करे।

ममता; उह्ह्ह जो चाहे वो करे।

देवा;उठके खेतों की तरफ चल देता है और उसके पीठ पीछे रत्ना और ममता हंसने लगते है।




खेत में आज कुछ खास काम नहीं था देवा खेत के कुंऐ पर बैठा कल के घटना के बारे में सोच रहा था । उसका लंड पदमा के बारे में सोच सोच के फुंकार रहा था।

तभी उसे वहां पप्पू की बहन रश्मी आती हुई दिखाई देती है वो अपने गाए और बकरियाँ चराने देवा के खेत में लाई थी।

देवा;उसे आवाज़ देके अपने पास बुला लेता है।

रश्मी;एक हंस मुख और भोली भाली लड़की थी।
वो देवा के पास जाके कुंए पे बैठ जाती है । क्या बात है क्यों बुलाया।

देवा;आज तू बकरियाँ लेके आई है पप्पु कहाँ है।

रश्मी;भाई की तबियत ख़राब है वैध जी ने उसे आराम करने के लिए कहा है।

देवा; कल तू कहाँ थी।

रश्मी;तुझे पता है। कल न मै बापू के साथ शहर गई थी मैंने और नीलम ने ढेर सारी चूडियां कपड़े सब लाए शहर से।
NICE POST
 
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देवा; एकदम बच्चों के जैसे खुश हो रही है जैसे पहले बारिश में कछवे और मेंढ़क खुश होते है।

रश्मी;देख देवा मुझे बच्ची मत बोल बच्ची नहीं हूँ मै बडी हो गई हूँ।

देवा;मुझे तो नहीं लगता।

शालु; अच्छा तू जैसे बहुत बड़ा हो गया है। तू भी तो बच्चा है।

देवा : मैं तो बड़ा हो गया हूँ और ये बात मै साबित भी कर सकता हूँ पर तू बडी हो गई है ये तू साबित नहीं कर सकती।

रश्मी; अच्छा कैसे साबित करेंगा की तू बड़ा हो गया है।

देवा;अपना कुर्ता निकाल देता है।
देख मेरे सीने पे कितने सारे घने बाल है ऐसे बाल तेरे बापू के सीने पर भी होंगे तेरे बापू बड़े है इसका मतलब मै भी बड़ा हो गया हुं।
तूने किसी बच्चे के सीने पे बाल देखे है।

रश्मी देवा को ऐसे हालत में देख के घबरा जाती है और उठ के खडी हो जाती है ।
अच्छा मै चलती हूँ।

देवा;हाहहह जा जा बच्चे घर जा माँ का दूध पी जा।

रश्मी; देवा पे झपट पडती है । तुझे मैंने कहा न मुझे बच्ची मत बोल । अब देख तेरी क्या हालत करती हूँ।

रश्मी;एक कमसीन कोमल लड़की और कहाँ एक हट्टा कट्टा जवान देवा ।
देवा;उसे ऐसे घुमा के अपने जांघ पे बैठा देता है की रश्मि सकपका जाती है।

रश्मी;छोड मुझे घर जाने दे।

देवा;एक हाथ से रश्मि के कड़क चुचे दबाने लगता है।और अपने होंठो से रश्मि के रसीले होंठो को चूमने लगता है।जब देवा के मर्दाने हाथ रश्मि की दोनों कड़क नुकीली चूचियों को बुरी तरह मसलने लगते है तभी...

रश्मी;आहह कमिने छोड क्या कर रहा है।

देवा;देखने दे ना तू बच्ची है या सच में बडी हो गई है।

रश्मी;छोड दे वरना माँ को कह दूंगी।

शालु;का नाम सुनके देवा झट से रश्मि को छोड देता है और रश्मि वहां से भाग जाती है।
WOW EK OR CANDIDATE AA GYA STORY MEIN
 
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देवा;खेत के कुछ काम निपटाके जागीरदार की हवेली के तरफ चल देता है ।

जब वो हवेली पहुंचता है तो उससे पदमा कपडे धोते हुए दिखाई देती है।

पदमा;देवा को देख खुश हो जाती है।
अरे देवा तू इस वक़्त।



देवा;वो मालकिन को गाड़ी सीखाना है ना ।
पानी में गीला हुआ पदमा का बदन देख देवा के लंड में एक ज़ोर दर झटका आता है और वो पेंट के ऊपर से लंड को सहलाने लगता है।

समने खड़ी पदमा भी अपनी चूत को साडी के ऊपर से सहलाते हुए कहती है।

पदमा;दोनों मालकिन तो मालिक के साथ पास वाले गांव गए है उनके किसी रिश्तेदार से मिलने।

देवा;तो क्या तुम घर पर अकेली हो।

पदमा;कोई जवाब नहीं देती और मुड के झुक जाती है और अपनी गाण्ड हिलाके देवा को जैसे कह रही हो हाँ ।

देवा;पीछे से जाके पदमा को अपने बाहों में भर लेता है।

पदमा;आहह रे ज़ालिम कल से तूने मुझे नशा चढ़ा के रखा है उतार देना ।



देवा;दोनों हाथों से पदमा के मोटे मोटे चुचियाँ मसलते हुए आह्ह्ह्हह्ह।
काकी आज इन आमों का सारा रस पीला दो मुझे आहह्ह्ह्ह।

पदमा;तू अंदर जा मै अभी आती हूँ।

और देवा लंड को सहलाता हुआ हवेली के अंदर चला जाता है।

वो एक कमरे में चला जाता है जो शायद रानी का था।

थोड़ी देर बाद पदमा वहां आती है।


उसे देखते ही देवा अपना कुर्ता उतार के फ़ेंक देता है कल से उसका लंड उसके वश में नहीं था।

पदमा झुक के बिस्तर ठीक करने लगती है।

देवा से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था।वो पदमा के मोटे मोटे भरे हुए कमर देख के खुश हो जाता है।



देवा;आगे बढ़ता है और पदमा को पीछे से पकड़ के उसके साडी के ऊपर से अपना लंड उसकी कमर के बीच के दरार में घीसने लगता है।

पदमा का पूरा जिस्म काँपने लगता है।
AAJ TO DEVA PADMA KI LE KE HI MANEGA
 
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देवा के लंड को अपने कमर के दरार में महसूस करके पदमा का पूरा जिस्म काँपने लगता है।

पदमा; उई माँ क्या करता है रे बड़ा बेसब्र है तू देवा।

देवा; दोनों हाथों से पदमा के चुचे मसलते हुए
क्या करू काकी आज तक किसी की चुदाई नहीं की है न । आज मौका मिला है आज तो जी खुश कर दूंगा तेरा आहह्ह्ह्हह्ह ।

पदमा;अपने चुचियों पे देवा के मज़बूत हाथों की पकड़ से और जोश में आने लगती है।
आह कर ले जो करना है आज से काकी तेरी हुई मेरे राजा।

देवा;पदमा की साडी खीच लेता है और अपने कपडे भी उतारने लगता है।

पदमा;देवा के ऑखों में देखते हुए अपना लहंगा और ब्लाउज उतारने लगती है।

कुछ ही पलों में दोनों बिलकुल नंगे हो चुके थे। आज देवा के साथ साथ पदमा को भी बहुत जल्दी थी अपने चुदाई करवाने की।

देवा बिस्तर पे लेट जाता है और पदमा गाण्ड हिलाते हुए उसके पास जाके बैठ जाती है।

पदमा के कमर काफी फैले हुए थी मोटे मोटे दोनों चुतड जब हिलते थे तो गांव वालों के दिल के धड़कन और तेज़ हो जाती थी।
दो बड़े बड़े रस मलाई से भरी हुई चूचियां । ऐसा लगता था जैसे इन में दूध ही दूध भरा हुआ है।

देवा पदमा की नरम चूचियों को पूरे ताकत से दबाने लगता है।
खेत में काम करने से देवा के हाथ किसी पत्थर की तरह मज़बूत हो गये थे । जब वो उन हाथों से पदमा की मोटी मोटी चूचियों को मसलने लगता है तो पदमा को ऐसे महसूस होता है जैसे कोई लोहार अपने हथोड़े से उसके चूचियों को मार रहा है।

पदमा;आह धीरे निचोड रे ज़ालिम आहह्ह्ह्हह्ह।

देवा;अपने लंड को पदमा के हाथ में थमा देता है।
इसे अपने रसीले मुंह में लेके ज़रा गीला तो करो काकी।

पदमा ने इससे पहले कभी इतना बड़ा लंड न देखी थी और ना आज तक किसी का लंड अपने मुंह में लेके चुसी थी वो उसे हिलाने लगती है।


देवा;आहह काकी मुंह में लो ना आहह्ह्ह्ह।

पदमा डरते ड़रते देवा के लंड को अपने मुंह के पास लाती है।
ये तो बहुत बड़ा है देवा मेरे मुंह में नहीं जा पायेंगा।
WOW MAST & EROTIC UPDATE
 
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अपडेट 94

इशक़ जूनून जब हद से बढ़ जाए
आग का दरिया भी उन्हें न रोक पाए।

नीलम;सिर्फ एक लड़की नहीं थी वो जान थी देवा की
एक ऐसे लड़की जिसकी मोहब्बत के साये में देवा जवान हुआ था।
जीसके एक इशारे पर देवा अपनी जान भी देने से पीछे नहीं हट सकता था।
आज वही नीलम खून में नहा चुकी थी।

देवा के गोद में पड़ी नीलम को देख वहां खड़े सभी की आँखों में न सिर्फ ऑंसू थे बल्कि हिम्मत और उसके आदमियों के लिए ग़ुस्सा भी था।

देवा;नीलम ओ नीलम आँखें खोल न नीलम।

नीलम; आँखें नहीं खोल रही थी।

देवा;पास में खड़ी ममता का दुपट्टा खीच लेता है और उससे नीलम के सर पर बांध देता है ताकी और खून न बह सके।

हिम्मत और उसके आदमी अब भी वहीँ खड़े थे।
गांव वाले भी बूत बने सब देख रहे थे। हर तरफ ख़ामोशी थी।

इस ख़ामोशी को चिरते हुए देवा की दहाड़ हिम्मत के पांव ज़मीन से उखाड देती है।
वो शेर की तरह दहाडता है उसकी आँखों में वो जज्बा था जो इंसान को चीर के रख दे।

देवा;को अपने आस पास खड़ा हुआ कोई भी इंसान नज़र नहीं आ रहा था । बस नज़र आ रहा था तो हिम्मत राव।

हिम्मत;देवा की तरफ देख कर मुस्कराता है।
और उसकी मुस्कान देवा को अंदर तक झिंझोड़ कर रख देति है।

देवा;नीलम के सर को ज़मीन पर टीका कर
खड़ा हो जाता है।

हिम्मत;के आदमी अपने हाथों में मौजूद लाठियाँ कस लेते है।
मागर वो नहीं जानते थे की देवा खुद पर लाख ज़ख्म सह सकता था मगर आज उन्होंने जिसे अपना शिकार बनाया था वो कोई आम लड़की नहीं देवा की जान थी।

देवा;तूफान की तरह हिम्मत और उसके आदमीयों की तरफ लपकते है।
हरामजादों आज या तो तुम नहीं या मै नही।

जैसे कोई शेर हाथी से टकरा जाता है जब उसकी शेरनी पर कोई हमला करता है।

हाथो में लाठियाँ संभाले हिम्मत के आदमी एक एक करके ज़मीन चाटने लगते है

देवा;के मुक्के और लातों से वो चक्कर खा कर हिम्मत के पैरों में गिरने लगते है।

रत्ना ममता शालु देवा को रोकने की कोशिश करती है मगर देवा को किसी की भी जैसे आवाज़ सुनाये नहीं दे रही थी।
एक एक करके हिम्मत के सभी आदमी घायल हो चुके थे।

देवा;हिम्मत की गर्दन अपने पंजे में दबोच लेता है
कुत्ते की औलाद मै तुझे जान से मार दूंगा आज।

हिम्मत; गुं गुं।
उसकी आवाज़ भी नहीं निकल पाती। देवा के मज़बूत हाथों की पकड़ हिम्मत के गले को गीले कपडे की तरह निचोड़ने लगते है।

रत्ना;देवा छोड दे उसे वो मर जायेगा।

देवा;इस कुत्ते का मर जाना ही अच्छा है माँ....

नीलम;की करहाती हुई आवाज़ देवा की पकड़ कमज़ोर कर देती है।

नीलम;देवा।

देवा;नीलम की तरफ देखता है
और उसे अपने हाथों में उठा लेता है।

सरपँच; ये सब क्या है हिम्मत राव जी।

रुक्मणी और रानी भी वहां आ जाते है।
रुक्मणी: मैं बताती हूँ ये सब क्या हो रहा है।
देवा को मैं बुलाई थी।
वो कोई चोरी करने नहीं आया था।

हिम्मत;तू छिनाल अपना मुँह बंद रख।

रुक्मणी;आप चुप रहिये।
आपने अयाशियों से आपको फुर्सत मिले तो आप हमारे बारे में सोचें।

सरपँच जी देवा को मैंने ही पैसे देने के लिए बुलाई थी
जब आपने इन्हें गांव निकला कर दिये थे तो देवा ने हवेली में सामान पहुँचाया था उसी के पैसे लेने वो हवेली आया था।

शालु;मेरी बच्ची आँखें खोल....

सरपँच; इसे वैध जी के वहां ले चलते है।

देवा;अगर मेरी नीलम को कुछ हुआ न हिम्मत तो तुझे जान से मार दूंगा मै। याद रखना।
देवा;नीलम को अपनी गोद में उठाये वैध के घर की तरफ निकल पडता है।

ट्रैक्टर सरपंच चला रहा था और उस में बैठा हर एक शख्स बस ऊपर वाले से नीलम की सलामति की दुआ कर रहा था।

देवा;की गोद में अब भी नीलम का सर था।

नीलम का जिस्म ठण्डा पड़ चूका था जैसे उस में जान ही न हो।
खून काफी बह जाने के वजह से वो बार बार बेहोश हो रही थी आँखें खोलती और बंद कर लेती।

जब भी आँखें खोलती देवा को पुकारती।

देवा;की आँखों से आँसू बहना बंद नहीं हो रहा था।
नीलम तुझे कुछ नहीं होंगा तू हिम्मत मत हारना मै हूँ तेरे पास।



नीलम;अपने हाथों को देवा के हाथों में देकर लेटी हुई थी
देवा की बात उसके कानों में पहुँच रही थी मगर जिस्म हरकत नहीं कर रहा था।

देवा;की ऑंखों के सामने नीलम और उसका पूरा बचपन घूम जाता है।
कैसे नीलम उसकी हर एक छोटी सी छोटी बात पूरी करती थी।
कैसे कभी देवा अपनी माँ से नाराज़ हो जाता और खाना नहीं खाता तो वो भी भूखी सो जाती थी।

अपनी मोहब्बत को अपनी आँखों के सामने इस तरह मरता देख देवा भी रोता है और उसका दिल भी।

नीलम; कराह रही थी दर्द बेशुमार था मगर उसे उस दर्द से ज़्यादा इस बात से दर्द हो रहा था की कहीं वो देवा से हमेशा के लिए दूर तो नहीं जा रही है।

कहते है मोहब्बत इम्तेहान लेती है
आशिक़ों की जान भी लेती है।

ट्रैक्टर में बैठे हुए हर एक शख्स को देवा और नीलम की सच्ची मोहब्बत का आज पता चला था।

देवा;की आँखों से बहते आँसू नीलम के चेहरे पर गिरने लगते है।

नीलम;अपनी आँखें खोल देती है ऐसे हालत में भी वो अपने काँपते हुए हाथ को उठा कर देवा की आँखों से बहते हुए आँसू पोंछने लगती है।

देवा;के वो जितने आँसू पोछती है उतना वो तड़प उठता है।
देवा;को देख कर ऐसा लगने लगता है की अब उसके ऑंखों से ऑंसू बहना बंद हो जायेंगे और खून बहने लगेगा।

नीलम;आप मत रोओ देव।

देवा; मैं नहीं रोऊँगा नीलम बस तू ठीक हो जा। तुझे हमारे मोहब्बत की कसम।
तूझे मेरे प्यार की कसम।
सच कहता हूँ अगर तू चलि गई तो मै ज़िंदा रह कर क्या करुँगा।

नीलम;का हाथ ढिला पड जाता है और वो बेहोश हो जाती है।

वैध का घर आ चूका था।

देवा;नीलम को लेकर वैध के घर में घुस जाता है।

खुश किस्मती से वैध और उसकी बहु किरण घर में मौजूद थे और पास के गांव का एक और बहुत ही मशहूर वैध भी वहां मौजूद थे।

जो शायद यहाँ किसी काम से आये थे।

किरण और वैध देवा और उसकी गोद में नीलम को देख घबरा जाते है।

क़िरण;क्या हुआ देवा।
क्या हुआ इसे इसका तो बहुत खून बह चूका है।

देवा;बातें नहीं इसे देखो पहले।
ये बस बेहोश हुई है।

वैध;आप सब बाहर जाए देवा तुम यहीं रुको।

वैध;सभी को बाहर कर देता है और किरण के साथ मिलकर दोनों वैध नीलम को ठीक करने में जुट जाते है।

बाहर शालु रत्ना और ममता का बुरा हाल था।
सभी रो रहे थे। दुवाएं मांग रहे थे।

नीलम दुबली पतली लड़की थी।
जितना उसका खून गया था उस से लग रहा था की वो शायद नहीं बच पाएगी।



बैध और किरण पूरी कोशिश कर रहे थे की खून बहना बंद हो जाए।
वो अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे थे और पास में खड़ा देवा बस नीलम को देख रहा था।

देवा;खुद को बहुत लाचार महसूस कर रहा था।

बीच बीच में नीलम देवा को पुकार रही थी।

किरण;देवा तुम नीलम का हाथ पकड़ लो।
और देखो घबराओ मत नीलम को कुछ नहीं होगा।

देवा;नीलम के पास आकर बैठ जाता है उसके हाथ को अपने हाथों में थाम लेता है।

देवा;देख नीलम मै यहीं हूँ तेरे पास।
जब तक तो आँखें नहीं खोलती कसम है मुझे तेरी मै भी आँखें नहीं खोलूंगा।

शायद मौत के फ़रिश्ते भी देवा की मोहब्बत देख नीलम की रूह जिस्म से निकालने से रुक गए होंगे।

बैध अपना काम कर चुके थे।

रत्ना शालु और ममता अंदर आ जाते है।

शालु;वैध जी मेरे बेटी ठीक तो हो जाएगी ना।

बैध;अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
इसका खून बहुत बह चूका है।

सुबह तक इंतज़ार करिये ऊपर वाले ने चाहा तो नीलम को कुछ नहीं होगा।
और अगर नीलम सुबह तक होश में नहीं आई तो.....

शालु;तो क्या वैध जी बोलिये न तो क्या।

बैध ;कुछ नहीं कहता मगर उसकी ख़ामोशी सब कुछ कह देती है।

नीलम;बेहोश थी और पास में बैठा देवा अभी अपनी आँखें बंद कर चूका था।
मगर दिल की धड़कने जब भी दिल को चु कर जाती बस एक कसक उस से निकलती।
नीलम तू ठीक हो जा
नीलम तू ठीक हो जा।

रात घिरने लगती है।
गांव वाले अपने घर को लौट जाते है।

बैध और किरण भी कुछ देर बाद सोने चले जाते है।

मगर देवा अपनी नीलम को अपने से अलग नहीं होने देता।

रत्ना;देवा को पानी देती है मगर वो मना कर देता है।

हर कोई अपनी ज़िन्दगी में मोहब्बत करता है
मगर ऐसी हालत का सामना बहुत कम करते है।
अपने मोहब्बत को मरता हुआ कोई भी देखना पसंद नहीं करता।
जब कोई अपना आँखों के सामने दम तोड़ता नज़र आता है तो पत्थर दिल भी पिघल जाता है।

रात ख़त्म होने लगती है और धीरे धीरे सुबह की रौशनी चारों तरफ बिखरने लगती है।

सुबह की रौशनी अपने साथ खुशियाँ भी लाई थी।

नीलम;अपने देवा के पास लौट के आ चुकी थी।

नीलम को होश आ जाता है वैध जी की दवा और देवा की दुआ बेकार नहीं जाती।

नीलम;आँखें खोलो देवा।

वो जो रात भर से जग रहा था जो बस इस सुरीली आवाज को सुनने के लिए जी रहा था की कब उसकी नीलम होश में आये और वो उसे नाम लेकर पुकारे।
अपनी आँखों खोल देता है।
सामने लेटी हुई नीलम को देख देवा का दिल बा स्याही कहता है।

हम ने काटि हैं तेरी याद में रातें अक्सर,
दिल से गुज़री हैं सितारों की बरातें अक्सर,

इश्क़ रहज़न न सही इश्क़ के हाथों फिर भी,
हम ने लुट्टी होइ देखी हैं बरातें अक्सर।

हमसे एक बार भी न जीता है न जीतेगा कोइ,
वह तो हम जान के खा लेते हैं मातें अक्सर।

उन से पुछो कभी चेहरा भी पढे हैं तुम ने,
जो किताबों की किया करते हैं बातें अक्सर।

हाल कहना हो किसी से तो मुख़ातिब है कोई,
कितनी दिल्चस्प हुआ करती हैं बातें अक्सर।

और तू कौन है जो मुझ को तस्सली देता।
हाथ रख देती हैं दिल पर तेरी यादें अक्सर।


देवा की दिल की आवाज़ नीलम के दिल तक पहुँच जाती है।

और नीलम अपने देवा के आँखों की तपीश अपने चेहरे पर सह नही पाती।
वो अपना हाथ देवा की आँखों पर रख देती है।

अपनी आँखों पर रखे नीलम के हाथ को देवा अपने हाथों में पकड़ लेता है और उन खूबसूरत हाथों को चूम लेता है।


आँसु अब भी बह रहे थे मगर अब इन आंसुओं में ख़ुशी थी।

दोनो एक दूसरे को देख रहे थे।
खामोशियाँ चारों तरफ थी मगर दिल बेचैन थे।

देवा;बड़े प्यार से नीलम के माथे को चूम लेता है
जान ही निकाल दी थी तूने मेरी जान।

नीलम;बुरी तरह शर्मा जाती है।
कल रात देवा से उसकी शादी की बात पक्की हुई थी
और अब वो देवा की गोद में सर रख कर लेटी हुई थी।

नीलम;धीरे से देवा से कहती है।
अब बस भी करो। क्या आप भी ना
मै तो आपके दिल का हाल जानने के लिए बेहोश हुई थी।

देवा;नीलम की बात सुनकर हँस देता है और उसकी हंसी पास में सोये हुए सभी लोगों को जगा देती है।

देवा भी जानता था की नीलम को नई ज़िन्दगी मिली है।

शालु रत्ना और ममता की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था।

मगर देवा नहीं भुला था की आज नीलम की ये जो हालत हुई है।
आज जो दर्द उसने सहा है वो किसकी वजह से हुआ है।

देवा;जल्द से जल्द अपने घर पहुंचना चाहता था और उसके बाद वो सीधा एक शख्स से मिलना चाहता था।
 

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