अपडेट 13
तीनो का पानी एक साथ निकलने लगता है।
पदमा की चूत देवा के पानी से पूरी तरह भर चुकी थी। चूत के किनारे तक आ चुका पानी पदमा के करवट लेने से बाहर बहने लगता है और गाण्ड को गीला करते हुए ज़मीन पे गिरने लगता है।
देवा की छाती ऊपर नीचे हो रही थी जिस पे पदमा अपना सर रख देती है।
पदमा;देवा बहुत ज़ालिम है तू । मै तुझे बोलती रही धीरे कर पर तू अपनी कर के ही रहता है।
देवा;पदमा एक बार तेरी चूत में जाने के बाद दिल धीरे धीरे करने को नहीं कहता रानी।
पदमा;अच्छा ये बात है ।
वो अपने होंठ देवा के होठो से मिला देती है।
देवा के हाथ पदमा की पीठ और कमर पे नाचने लगते है और पदमा अपनी चूत के घुंघराले बालो में देवा के लंड को फँसा लेती है।
कुछ ही पलों में देवा का लंड पहले सलामी देता है और इस ईशारे को समझते हुए पदमा देवा की छाती को चुमती हुई नीचे उतरती चली जाती है। उसके होंठ देवा के लंड के पास थे और ज़ुबान देवा के सुपाडे को चाटने को बेताब थे।
देवा;आहह मुंह में ले।
पदमा अपना मुंह खोल लेती है और देवा का लंड पदमा के हलक में जाके अटक जाता है । वो आज बडी चुदासी महसूस कर रही थी । इसीलिए चूत को सहलाते हुए लंड को बड़े प्यार से चुसने लगती है।गलप्प गल्प।
देवा;के लंड का सुपाडा जैसे जैसे पदमा के जुबान को छूता है वैसे वैसे उसमें जान आने लगती है और पूरी तरह टाइट हो जाता है।
पदमा;जितनी ज़ोर से चूत को रगड रही थी उतनी ही ज़ोर से वो लंड भी चूसने लगती है गलप्प गल्प।
पदमा;गलप्प आहह बहुत बड़ा है रे देवा तेरा । ना चूत में पूरा जाता है और न गलप्प मुंह में गलप्प।
देवा;देख तेरी गाण्ड में पूरा कैसे उतार देता हूँ साली अब।
पदमा;गलप्प पहले थोड़ा तेल लगा ले रे गलप्प.....
देवा;पदमा को अपने पास खीच लेता है और अपने लंड पे थूक लगा के पदमा की गाण्ड पे घीसने लगता है।
नही काकी आज बिना तेल के पेलूँगा ।
पदमा;आहह नहीं न दर्द होता है रे।
देवा;होने दे साली।