Incest हाय रे ज़ालिम................

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अपडेट 55

देवा;अपने खेत में बैठा रुक्मणी के बारे में सोच रहा था उसे किसी भी तरह रुक्मणी का काम करना था तभी उसके बापू के बारे में उसे पता चलता।
मगर वो बिंदिया के बारे में कैसे पता करे यही बात उसे परेशान किये जा रही थी।
पप्पू;अरे भाई कहाँ खोये हुए हो कब से देख रहा हूँ।
देवा;चौंकता हुआ अपने सामने खड़े पप्पू को देखता है
तू कब आया।
पप्पू;अभी आया मगर तुम्हें क्या हुआ है।
देवा;कुछ नहीं बैठ और सुना क्या हुआ घर में कुछ बात बनी की नही।
पप्पू;बात मत करो भाई उस बारे में।
देवा;क्यूँ काकी ने तेरी गाण्ड की पिटाई कर दी लगता है।
पप्पू;चुप चाप इधर उधर देखने लगता है।
देवा;अब्बे इधर उधर क्या देख रहा है बोल न क्या हुआ।
पप्पू;रात की बात देवा को बता देता है।
उसकी बात सुनके देवा की हंसी नहीं रुकती।
देवा;आहःआहः साले मुझे बुला लिया होता।
तू भी न उसी वक़्त ढिला पड गया जब तेरी माँ गरम हुई थी।
पप्पू;बुरा सा मुँह बना लेता है।
उडा लो मज़ाक़ भाई तुम भी । अब सबके नसीब तुम जैसे कहाँ होते है।
देवा;नहीं पप्पू तू किस्मत वाला है तेरे पास तेरा बापू तो है मै वो बदनसीब हूँ जिसे ये तक नहीं पता की मेरे बापू हैं भी या नही।
देवा की आवाज़ भारी हो जाती है।
पप्पू;अपने दोस्त के काँधे पर हाथ रख के उसे दिलासा देने लगता है।
भाई तुम ऐसे बिलकुल अच्छे नहीं लगते । हँसते हुए दूसरो को सताते हुए बहुत अच्छे लगते हो।
मुझे पता है तुम अपने बापू को ले के बहुत परेशान हो अगर मै तुम्हारे किसी काम आ सकुं तो मुझे बोलो।
देवा;यार बापू के बारे में बडी मालकिन को कुछ पता है शायद। मगर उन्होंने मुझे एक काम सोंपा है उसके बाद ही वो हिम्मत राव से पता करके मुझे बतायेंगी की मेरे बापू कहाँ है।
माँ कसम अगर हिम्मत राव मेरे बापू के ग़ायब होने के पीछे हुआ न तो उसी की हवेली में उसे ज़िंदा गाड दूँगा।
पप्पू;कौन सा काम भाई।
देवा;उनके वहां एक औरत आई है उसके और हिम्मत राव के बीच कुछ गड़बड़ है ऐसा मुझे मालकिन ने बतायी।
उन्हें ये पता करना है की वो औरत कौन है और यहाँ किसलिए आई है।
पप्पू;कुछ सोचने लगता है।

वही औरत न जो कुछ दिन पहले जागिरदार के साथ उनके मोटर कार में बैठके आई थी।
देवा;हाँ तूने देखा उसे।
पप्पू;हाँ मै अपने खेत में काम कर रहा था तभी उनकी कार मेरे खेत के धुरे के पास से होते हुए गुज़री थी । मुझे उस औरत को देखने के बाद ऐसा लगा के मैंने उसे पास के गांव में देखा था। शायद पक्का तो नहीं पता हाँ मगर एक बार मै पास के गांव में खेत का सामान लेने गया था तब मैंने उसी जैसी औरत या शायद वही होंगी उसे देखा था।
देवा;खड़ा हो जाता है।
कौन से गांव में।
पप्पू;भी अपने पेंट झटकता हुआ खड़ा हो जाता है।
यही पास के हल्दीपुर गांव में।
देवा;चल मेरे साथ।
पप्पू;कहाँ भाई।
देवा;हल्दीपुर गाँव।
पप्पू;क्या अभी इस वक़्त।
देवा;अपने ट्रेक्टर को शुरू कर देता है।
और पप्पू भी उसके पास आके बैठ जाता है।

पप्पु;भाई मुझे ठीक से नहीं पता की वो वही थी।
देवा;जो भी हो अगर वो वही निकली तो मेरी मुश्किल आसान हो जाएगी।
और दोनों पास के हलदीपुर गांव की तरफ चल देते है।
हल्दीपुर एक छोटा सा गांव था और बिंदिया भी वही की रहने वाली थी।
जहां गांव का बाजार लगता था उसके पास ही बिंदिया का घर भी था।
जब वो दोनों गांव में पहुँचते है तो पप्पू देवा को उस जगह ले जाता है जहाँ उसने बिंदिया को देखा था।
उस जगह कोई नहीं था बस चौराहे में दो लोग बैठे हुक्का पेट रहे थे।

देवा;और पप्पू उन दोनों के पास जाते है।
आरे भैया क्या आपको पता है के यहाँ बिंदिया नाम की औरत कहाँ रहती है।
उन में से एक आदमी देवा को निचे से ऊपर तक देखने लगता है।
देवा;क्या हुआ पता है क्या।
वो आदमी देवा के सामने खड़ा हो जाता है और कहता है:
देखने में तो शरीफ मालूम होते हो।
उसके पास का दुसरा आदमी हँसते हुए अपने साथी से कहता है।
अच्छा तो अब बिंदिया के ग्राहक अब उसका पत्ता पूछते पूछते यहाँ तक आने लगे है।
पता नहीं छमिया कहाँ गई है अपने यार के साथ।
देवा;क्या मतलब।
अबे मतलब क्या धंधा करती है बिंदिया यहाँ रंडी है वो पास के गांव के जागिरदार की।
क्या नाम है उस जागिरदार का।
देवा;हिम्मत राव।
वो आदमी हँसता हुआ कहता है।
हाँ हिम्मत राव।
अब भाई पैसे वालो की रखेल है वो बिंदिया।
ये रहा उसका घर मगर वहां कोई नहीं है।
वो उस हिम्मत राव के साथ कही गई हुई है।
देवा और पप्पू एक दूसरे को देखने लगते है उन्हें जो पता करना था वो उन्हें पता चल चुका था । देवा पप्पू के साथ अपने गांव की तरफ चल देता है।

ट्रैक्टर चलाते हुए वो बड़ा खुश लग रहा था।
पप्पू;भाई तुम्हारी मुश्किल तो आसान हो गई।
देवा;हाँ यार और ये सब तेरी वजह से हुआ है अब मै बडी मालकिन को सब बता दूंगा और अगर उन्हें सबुत चाहिए होंगा तो उन्हें यहाँ ले आऊँगा।
फिर मुझे मेरे बापू से मिलने से कोई नहीं सकता।
पप्पू;चलो अच्छा होगा फिर तो....
पप्पू के चेहरे पर उदासी साफ़ दिखाई दे रही थी।
देवा;अब तुझे क्या हुआ क्यों मुँह लटकाये बैठा है।
पप्पू;तुम्हें तो सब पता है ना यार।
कही से चूत दिला दो ना।
देवा मुस्कुरा देता है।
शादीशुदा चलेगी।
पप्पू;हाँ हाँ क्यों नही।
देवा;ठीक है चल मेरे साथ।
पप्पू;कहाँ है भाई।
देवा;तू बस चल और हाँ उसे देख के पीछे मत हटना अगर बेटा तूने मेरे साथ मिलके उसे नहीं चोदा न तो उसके सामने तेरी गाण्ड मै मारूँगा।
पप्पू;फिर तो मै उसे नहीं छोड़ूँगा।
देवा;उसकी तरफ देखते हुए हंसने लगता है और पप्पू भी देवा के लंड पर हाथ रख के हंसने लगता है।
दोनो बातें करते हुए देवा के घर पहुँच जाते है।
पप्पू;अरे भाई घर क्यों आ गये । हमे तो उस औरत के याहां जाना था ना।
देवा;वो औरत घर में ही है।
तेरी होने वाली बीवी नूतन की भाभी कौशल्या।
पप्पू;क्या।
पप्पू चौंकता हुआ देवा की तरफ देखने लगता है।
देवा;अबे डर मत कई दिन से ले रहा हूँ उसकी। कल चुदते हुए मुझसे बोली मुझे दोनों सुराखों में लंड चाहिए।
तू मेरा अच्छा दोस्त है इसलिए उसकी इच्छा पूरी करने तुझे यहाँ ले आया।
मिलकर चोदेंगे कौशल्या भाभी को।
पप्पू;मगर देवा वो मै कैसे।
देवा;अगर मगर कुछ नहीं तू यहाँ रुक। मै ज़रा देख के आता हूँ।
पप्पु:ममता होंगी ना घर में।
देवा;वो अपनी सहेली के यहाँ होंगी इस वक़्त
ओ हाथ में मेंहदी बनाना सिख रही है ना अपने सहेली से । इस वक़्त वो वही होती है।तू रुक एक मिनट।
ये कहते हुए देवा घर के अंदर चला जाता है।
घर के अंदर ममता और कौशल्या दोनों बैठी हुई थी। देवा को देख वो दोनों दौड़ते हुए उसके पास चली आती है और दोनों देवा से चिपक जाती है।
ममता ;कितनी देर लगा दी भैया आपने।
देवा;ममता की चूत को सहलाते हुए उसे चूम लेता है
तू दूसरे रूम में जा।
ममता ;क्यूँ भइया।
देवा;पप्पू आया है भाभी की लेने।
ममता के साथ कौशल्या भी चौंक जाती है।
देवा;कौशल्या की तरफ देखते हुए धीमी आवाज़ में कहता है।
डरो मत मैंने उसे सब समझा दिया है वो किसी को कुछ नहीं बोलेगा हाँ मगर उसे ये नहीं बताया की ममता भी मेरी हो चुकी है।
तुम्हेँ दोनों सुराख़ भरने थे न भाभी ।इसलिए ले आया हूँ उसका इन्तज़ाम।
कौशल्या शर्माने लगती है।
नही नहीं मुझे नहीं करना कुछ पप्पू भाई के साथ।
देवा;उसकी कमर को दोनों हाथों में भर के मसलने लगता है।
चुप कर साली नखरे मत कर।
ममता तू अपने कमरे में जा।
ममता; भाई मुझे.....
देवा;पप्पू के जाने के बाद रात भर तेरी लूँगा मेरी बहना तू चिंता मत कर।

ममता; बुरा सा मुँह बनाके अपने रूम में चली जाती है और देवा पप्पु को आवाज़ देता है।
जब पप्पू अंदर दाखिल होता है तो सामने खड़ी कौशल्या को देख अपनी नज़रें नीचे झुका लेता है।
देवा;उसके अंदर आने के बाद दरवाज़ा बंद कर देता है
और देवा कौशल्या को अपनी गोद में उठा लेता है।
कौशल्या;उन्हह माँ अपना चेहरा देवा की छाती में छुपा लेती है।
वो तीनो रूम में दाखिल हो जाते है।
कौशल्या सिल्क कलर की साडी में थी पीछे से लो कट का ब्लाउज और सामने से दो बटन खुले हुए।
उसका चिकना पेट देख पप्पू की लूल्ली पेंट के अंदर ही झटके मारने लगता है।
देवा;अपना शर्ट उतार के हेंगर में टाँग देता है और पेंट भी निकाल देता है।
देवा बिलकुल नंगा हो जाता है मगर कौशल्या और पप्पू दोनों अभी भी कपडो में थे। कौशल्या बुरी तरह शरमाने लगती है मगर दो लंड से चुदने की खुमारी उसे बेचैन कर देती है।
देवा;नंगा होने के बाद कौशल्या के पास आता है और उसके पेट के नाभि पर अपना खड़ा लंड रगडने लगता है।

कौशल्या अपनी ऑंखें बंद कर लेती है और देवा पीछे से कौशल्या की ब्लाउज को खोल देता है उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी।
एक झटके में देवा कमर के पास से कौशल्या की साडी खीच के उतार देता है वो सिर्फ पेटीकोट और पेंटी में रह जाती है
शर्म के मारे कौशल्या ज़मीन पर बैठ जाती है और अपने चेहरे को दोनों हाथों से छुपा लेती है।


देवा पप्पू की तरफ देखते हुए कहता है।
अबे देख क्या रहा है तेरे माँ को चोदूँ। उतार कपडे जल्दी से देखता नहीं भाभी को लंड चाहिए।
कौशल्या कुछ नहीं बोलती।
देवा;भाभी जी।
कौशल्या अपने चेहरे पर से हाथ हटाती है और अपने मुँह के एकदम सामने देवा के लहराते हुए लंड को देख ऑंखें बंद कर लेती है।
देवा;भाभी शर्माओ मत पप्पू भी तो घर का है। देखो न उसका लंड भी तुम्हें देख के कैसे खड़ा हो गया है।
कौशल्या चोर नज़रों से पप्पू की तरफ देखने लगता है
और देवा ज़बरदस्ती कौशल्या की दोनों हाथ हटा के अपने लंड को उसके होठो के पास ले जाता है।
कौशल्या बेचैन तो पहले से थी और देवा की हरकते उसे और उकसा रही थी आखिर कर वो अपनी शरमो हया को एक तरफ रखके देवा के लंड को चुमने लगती है।

तभी एक आवाज़ से तीनो चौंक जाते है।
 

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