रानी;जो मै कहूं जैसे मै कहूं तुझे करना होंगा अगर तूने इन्कार किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होंगा।
ये तुरुप का पता था जिसे सही वक़्त पे रानी ने इस्तेमाल की थी देवा उस के जाल में फँस जाता है।
देवा;ठीक है मालकिन । आपका हर हुकुम मै मानुंगा।
रानी:देखते है।
चल इसे दबा।
देवा;नही।
रानी;अभी तूने क्या कहा जो मै तुझसे कहूँगी तू वो करेंगा। चल दबा मेरे चूचि को।
देवा; धीरे धीरे रानी के ब्रैस्ट मसलने लगता है।
रानी;माँ का दूध नहीं पिया लगता तूने बचपन में । आजा मै तुझे पिलाती हूँ।
ये कहते हुए परी अपने ब्रा को ऊपर खींच के देवा का मुंह अपने ब्रैस्ट पे लगा देती है।
चूस मेरे राजा आहह चूस ले आहः
देवा;बिना कुछ कहे बिना कुछ पूछे परी के ब्रैस्ट को चुसने लगता है गलप्प गल्प।
अचानक देवा के अंदर कुछ होता है और वो रानी से अलग हो जाता है और जल्दी से दरवाज़ा खोल के बाहर निकल जाता है।
रानी;के चेहरे पे एक कातिलाना मुसकान आ जाती है।
वो दिल में सोचते है आज नहीं तो कल देवा मेरे मुठी में ज़रूर होगा।
देवा;जैसे ही रूम से बाहर निकलता है वो पदमा से टकरा जाता है।
पदमा;अरे आराम से कहाँ से भागा चला आ रहा है। चल बडी मालकिन तेरा कब से कार में इंतज़ार कर रही है और ये तू काँप क्यों रहा है।
देवा;अपने गमछे से पसीना पोछते हुए कुछ नही बोलता
और वो कार की तरफ बढ़ जाता है जहाँ रुक्मणी उसका इंतज़ार कर रही थी।
कार में बैठने के बाद वो थोड़ा अच्छा महसूस करता है वरना वहां रूम में तो उसकी साँस घुटने लगी थी।
रुक्मणी;उसकी तरफ मुस्कुराते हुए देखती है।
तूम ठीक तो हो ना देवा।
देवा; जी मालकिन मै ठीक हूँ।
चले।
रुक्मणी;चलो।
और देवा कार शहर के रास्ते पे दौड़ा देता है।