Incest हाय रे ज़ालिम................

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पप्पू; देवा की जांघ पे अपने नाज़ुक हाथ जैसे ही रखता है देवा के लंड में अकडाहट आने लगती है पप्पू के हाथ नाज़ुक लड़की की तरह थम जाता है वो धीरे धीरे देवा के लंड को भी पकड़ लेता है।

देवा;नज़र उठाके उसे देखता है पर उसकी नज़रें नीचे लंड पे टीकी हुई थी वो धीरे धीरे लंड को मज़बूती से पकड़ के साबुन लगे हाथों से सहलाने लगता है।

देवा; आहह ऐसा मत कर बेटा वरना बहुत पछतायेंगा।

पप्पू;कुछ नहीं बोलता शायद उसके गाण्ड के कीड़े जग गए थे और उसे खुजा रहे थे।

देवा;जिस्म पे पानी डालके खड़ा हो जाता है और टॉवल लपेट के पप्पू का हाथ पकड़ के अपने कमरे में ले जाता है।

वो जैसे ही पलंग पे लेटता है पप्पू उसके ऊपर चढ जाता है।



और धीरे धीरे देवा के छाती को चुमने लगता है।

देवा की ऑखें बंद हो जाती है।

पप्पू देवा के जिस्म पे लिपटे टॉवल हटा देता है और उसके लंड को चुमते हुए अपने मुंह में खिंच लेता है।गलपप गलप्प गलप्प।

देवा;आहह साले आराम से आहः।

पप्पू;बिना कोई अलफ़ाज़ मुंह से निकाले बस मुंह में चुसता चला जाता है गलप्प गलप्प।

कुछ देर बाद देवा पप्पु को अपने नीचे लिटा देता है उसका लंड तो पप्पू के पकड़ने से ही खड़ा हो चुका था और ऊपर से आज पप्पू ने खुद ही उसे अपने मुंह में ले के गीला कर चुका था।

देवा;दोनों हाथों से पप्पू के कमर को पकड़ के फैलाता है और अपने लंड को उसके गाण्ड में पेलने लगता है अहह आहः

देखते ही देखते देवा का लंड पप्पू के गाँड में फिट बैठ जाता है।
WOW NICE UPDATE
प्पू देवा के जिस्म पे लिपटे टॉवल हटा देता है और उसके लंड को चुमते हुए अपने मुंह में खिंच लेता है।गलपप गलप्प गलप्प।

देवा;आहह साले आराम से आहः।

पप्पू;बिना कोई अलफ़ाज़ मुंह से निकाले बस मुंह में चुसता चला जाता है गलप्प गलप्प।

कुछ देर बाद देवा पप्पु को अपने नीचे लिटा देता है उसका लंड तो पप्पू के पकड़ने से ही खड़ा हो चुका था और ऊपर से आज पप्पू ने खुद ही उसे अपने मुंह में ले के गीला कर चुका था।

देवा;दोनों हाथों से पप्पू के कमर को पकड़ के फैलाता है और अपने लंड को उसके गाण्ड में पेलने लगता है अहह आहः
 
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हिम्मत राव;तुम यहाँ बैठो मै रानी बिटिया से पूछ के आता हूँ।

देवा;वही रुक्मणी के पास बैठ जाता है।

हिम्मत राव अंदर अपने बेटी के कमरे में जब पहुँचता है तो रानी कुछ ढूंढ रही थी अपनी बापू को देख सीधी हो जाती है।



रानी;क्या बात है बापु।

हिम्मत राव;देवा बाहर आया है तुझे कार सिखाने के लिये।

रानी;ओहह ये तो बहुत अच्छी बात है।

हिम्मत राव;तुझे पता है न तुझे क्या करना है।

रानी;आप बिलकुल फिकर मत करो बापु देवा को तो मै अपने झुठे प्यार में ऐसे फँसाउंगी की वो मेरी उँगलियों पे नाचेंगा और फिर हम उससे अपना काम करवा लेंगे।

हिम्मत राव;शाबाश बिटिया बस एक बार किसी तरह देवा के प्यार में पड़ जाये समझो की हम करोड़ पति।

रानी ; हीही आप करोड़ पति और मै आपकी करोड़ पत्नी।
हिम्मत राव ;रानी को अपने बाहों में समेट लेता है।


रानी;बापू देवा को मै ऐसे पटाऊँगी की वो हमारे बीच के कांटे को हमेशा हमेशा के लिए निकल के फ़ेंक देंगा। उसके बाद मै उसे अपने जुत्ते के नोक पे रख के उसे भी लात मार दूंगी।

हिम्मत राव;रानी के होंठों को चुम लेता है।
और कुछ देर बाद रानी बाहर देवा से मिलने आ जाती है।
MAST UPDATE
 
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उस वक़्त पप्पू के मुंह से पहले मर्तबा आवाज़ निकलती है आहह ज़ालिम मार देंगा क्या।

देवा;तू खुद मरवाने चला आया। ले अब आहह आहः

देवा;पप्पू को अपने नीचे पूरी तरह लिटा के दनादन अपने लंड को पप्पू की नाजुक गाण्ड में पेलने लगता है।



पप्पू; आहह तू बड़ा हरामी है देवा ज़रा सा रहम नहीं करता आहह माँ वो।

देवा;क्या करूँ जब तक मुझे गांव में कोई चूत नहीं मिल जाती । तब तक तेरे गाण्ड से काम चलाना पड़ेंगा आहः

वो पेलता रहा और पप्पू सहता रहा । इस गाण्ड मराई में जितना मजा देवा को आता था उससे कही ज़्यादा पप्पू को आता था। वो खुद अब देवा के लंड का गुलाम बन चूका था । उसे हर दूसरे दिन देवा के लंड के खवाब आते थे। इसी लिए वो नखरे करता हुआ किसी न किसी तरह बहाने ढूंढता था देवा के नीचे पीसने के लिए।

20 मिनट के बाद देवा अपना लावा पप्पू के गाण्ड में उंडेल देता है।

और कुछ देर बाद दोनों कपडे पहन के शादी में जाने के लिए निकल जाते है।

रास्ते में देवा को कुछ याद आता है तो वो पप्पु से कहता है।

देवा;पप्पु तू ऐसा कर । तू शादी में जा मै ज़रा जागिरदार के हवेली होके आता हूँ।

पप्पू; ठीक है।

और देवा हवेली के तरफ चल देता है ये पुछने के लिए की क्या आज छोटी मालकिन कार सीखने चलेंगी।

जब वो हवेली पहुंचता है तो बाहर बाँए गार्डन में उसे हिम्मत राव और उसकी पत्नी चाय पीते मिलते है वो उन्हें नमस्ते करता है और अपने आने की वजह बताता है।
WOW NICE UPDATE
वो पेलता रहा और पप्पू सहता रहा । इस गाण्ड मराई में जितना मजा देवा को आता था उससे कही ज़्यादा पप्पू को आता था। वो खुद अब देवा के लंड का गुलाम बन चूका था । उसे हर दूसरे दिन देवा के लंड के खवाब आते थे। इसी लिए वो नखरे करता हुआ किसी न किसी तरह बहाने ढूंढता था देवा के नीचे पीसने के लिए।

20 मिनट के बाद देवा अपना लावा पप्पू के गाण्ड में उंडेल देता है।
 
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अपडेट 23

सुबह जब देवा की आँख खुली तो उसके पास कोई नहीं था।
न रत्ना और न देवकी वो सबसे पहले फ्रेश होने चला जाता है।
बाथरूम से नहा के जब वो जिस्म पे सिर्फ टॉवल लपेट के बाहर निकलता है ।
तो सामने कुरसी पे कौशल्या बैठी मिलती है।

कौशलया;देवा को ऐसे देख शरमा के अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है।

देवा;झट से अपनी क़मीज़ पहन लेता है।
भाभी कुछ काम था क्या।

कौशल्या;नहीं मै तो वो नाश्ते का पुछने के लिए आई थी
यहाँ ले आऊँ या बाहर लगा दुं।

देवा;माँ कहाँ है।

कौशल्या;वो ममता दीदी के साथ पास के सुषमा काकी के यहाँ गई है।

देवा; अच्छा ऐसा करो आप यही ले आओ नाशता।

कौशल्या;मुस्कुराते हुए नाश्ता लाने चली जाती है।
घर में सन्नाटा पसरा हुआ था।
आम तौर पे गांव के सभी लोग सुबह सुबह ही खेत में काम करने चले जाते थे और शाम ढले वापस आ जाते थे।

देवा;नाश्ता करते करते कौशल्या से पूछता है।
मामी और रामु भाई कही नज़र नहीं आ रहे।

कौशल्या;वो हमारे नए खेत में गए है वहां कुंवे की खुदाई का काम शुरू है।

देवा;अरे वाह मुझे भी खेत में कुंवा खुदवाना है।
आप मुझे खेत ले चलिये न मुझे आपका नया खेत पता नहीं है।

कौशल्या;नहीं मै नहीं आ सकती।

देवा;पर क्यूँ ।

कौशल्या;मुझे घर में बहुत काम है आप पूछते पूछते चले जाना।

देवा;अरे भाभी आप मुझे खेत दिखा के वापस आ जाना।

कौशल्या;कुछ देर खामोश रहती है फिर कुछ सोचते हुए कहती है।
ठीक है पर आप उनसे या माँ से ये मत कहना की मै आपके साथ खेत तक आई थी।

देवा;कुछ हैरान होता है पर कहता कुछ नही।
ठीक है नहीं कहूँगा।

नाशते के बाद कौशल्या और देवा खेत की तरफ चल देते है।
देवा;भाभी एक बात पुछु।


कौशल्या;हाँ पुछो ना।

देवा;नहीं जाने दो आप बुरा मान जाएगी।

कौशल्या; ओफ़ हो देवरजी पूछ भी लो नहीं मानूगी बुरा।

देवा;वो मै ये पूछ्ना चाहता था की जबसे मै यहाँ आया हूँ तबसे मै गौर कर रहा हूँ की आप मुझे अजीब नज़रें से क्यों देख रही है।

कौशल्या;मुस्कुरा देती है।
बात ये है की आपकी सुरत मेरे भैया से बहुत मिलती जुलती है ।
जब भी आपको देखती हूँ मुझे ये महसूस होता है की मै भैया को देख रही हूँ।

देवा;ओह्ह तो ये बात है।
मै भी ना।

कौशल्या;क्या।

देवा;नहीं कुछ भी तो नही।
आपके भैया आपसे मिलने आते है।

कौशल्या;खेत आ गया अब मै चलती हूँ।

देवा;अरे रुको न ।
वैसे यहाँ तो कोई नज़र नहीं आ रहा कहाँ है मामी और भाई।

कौशल्या;घबराये हुए आवाज़ में चलो घर चलते है। शायद वो घर चले गए होंगे।

देवा: मैं ज़रा झोंपडी में देख लेता हूँ।

कौशल्या;नहीं नहीं देवरजी वहां मत जाओ।

देवा;अजीब नज़रों से कौशल्या को देखता है और चुपचाप झोपडे के पास चला जाता है वो बस झोपडे का दरवाज़ा खोलने ही वाला था की अंदर से आती आवाज़ सुनके उसके हाथ दरवाज़े पर ही रुक जाते है।

कौशल्या;भागते हुए देवा के पास आ जाती है
और धीमे आवाज़ में कहती है । चलो यहाँ से।

देवा;कौशल्या का हाथ पकड़ के उसे झोंपडे में बनी खिड़की के पास ले जाता है वो समझ रहा था की अंदर गांव के कोई लैला मजनु अपने रास लीला में मगन है।

जैसे ही वो खिड़की के पास पहुँच के अंदर झाँकता है उसके हाथ पैर सुन्न पड़ जाते है।
झोंपडी के अंदर देवकी और रामु थे।

रामु;चारपाई पे लेटा हुआ था और उसके पास देवकी बैठी उसके पैर दबा रही थी।

ये देख देवा को कुछ अजीब सा लगता है क्यूंकि देवकी के हाथ रामु के जांघ के पास थे और वो जांघ को दबाते दबाते लंड को भी छु रही थी।

देवा और कौशल्या ऑखें फाड़े ये देख रहे थे।

रामु;माँ आज रहने दो न बदन बहुत दर्द कर रहा है।

देवकी; इसीलिए तो तेरे बदन की मालिश कर रही हूँ जानती हूँ न मै वो तेरी पत्नी कौशल्या तुझे रात भर सोने नहीं देती है ना और दिन में मेरे पास आने के बाद तेरा जिस्म दर्द करने लगता है।

रामु;अरे माँ ऐसी बात नहीं है।

देवकी;बस बस रहने दे सब जानती हूँ मै वैसे भी बूढी औरत किसे अच्छी लगती है।
तेरा बापु तो किसी काम के अब रहे नहीं। दो तीन धक्कों में सो जाते है।
बेटा है पर वो भी अब अपने जवान बीवी की ओखली में मुंह डाले पड़ा रहता है।

रामु; चुप कर साली 18 साल की उम्र से तुझे पेल रहा हूँ अभी तक तेरी चूत की आग नहीं बुझी।

देवकी; बेटा ये आग मरने के बाद ही बुझती है।

देख न मेरी चूचि भी कैसे सुख गई है बिना पानी के ।

रामु;देवकी को निचे गिरा देता है और देवकी के लटके हुए ब्रैस्ट को अपने मुंह में भर के चुसने लगता है । गलप्प गलप्प गप्प्पप्पलपल्लल्लल्ल
आह्ह्ह्ह।

देवकी;आहह चूस ले बेटा रोज़ बस एक बार ही तो माँगती हूँ तुझसे ।
उसमेँ भी तो आना कानी करने लगा है आह्ह्ह्ह्ह्ह।

रामु;माँ तू बहुत गलप्प कमिनी है रोज़ रोज़ करने के बाद भी रोती रोती रहती है। वो देख कौशल्या को कई कई हफ्ते उसे हाथ तक नहीं लगाता फिर भी मुंह से एक लफ़्ज़ भी नहीं कहती। गलप्प गलप्प्पप्पप्प।

देवकी;कहाँ से बोलेगी बोलके तो देखे फिर देख क्या करती हूँ मै उसका आह्हह्हह्हह्हह।सालीईईईईईईई
रंडीईईईईईईईईईईई।

रामु;अपनी ज़ुबान देवकी के मुंह में डालके उसके ज़ुबान चुसने लगता है गलप्प गलप्प।
देवकी;आहह श बेटा मुंह में डाल ना अपना लंड। बड़ा मीठा है तेरा लंड आःह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्।।


रामु;खड़ा हो के अपनी पेंट निचे सरका देता है और देवकी के काँधे को पकड़ के उसे थोड़ा ऊपर उठाता है।

देवकी;अपना मुंह जैसे ही खोलती है रामु अपने लंड को उसके मुंह में पेल देता है और देवकी भी बड़े चाव से रामु के लंड को चुसने लगती है। गलप्प अहह गलप्प....

रामु;आहह माँ इतने ज़ोर से मत खीचो न आह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवकी;रामु की बातों की तरफ ध्यान दिए बिना रामु के लंड को चूस चूस के खड़ा कर देती है।

और झट से अपनी दोनों टाँगे खोल के लेट जाती है।
चल आजा रात भर से तड़प रही हूँ लंड के लिये।

रामु;पहले थोड़ा रस पान तो करने दो माँ।

वो देवकी की पेंटी निकालने लगता है और देवकी दोनों हाथों से सिसकारियां भरते हुए अपनी ब्रैस्ट मसलने लगती है आह्हह्हह्हह्हह।

रामु;अपनी माँ की चूत पे झुकता है और उसी वक़्त देवा भी अपनी मामी की चूत के दर्शन कर लेता है। ये सब देख के उसका लंड भी तम्बू बन चुका था । कौशल्या की साँसे तेज़ चल रही थी उसके ब्रैस्ट बार बार देवा की पीठ को छुने लगते है।

अंदर रामु अपनी माँ देवकी की चूत पे जूबान घुमाने लगता है और देवकी कमर उछालते हुए रामु के सर को अपनी चूत पे दबाने लगती है आह्ह्ह्ह्ह्ह।
उपर ऊपर की मलाई क्या खा रहा है असली माल तो अंदर है । घुसा दे ज़ुबान अंदर आह्ह्ह्ह्ह्ह बेटे।

रामु अपनी माँ की आज्ञा का पालन करते हुए अपनी ज़ुबान देवकी की चूत के अंदर तक पेल देता है।

देवकी; आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवकी;आहह बेटा तू मुझे एक दिन इस तरह से मार देंगा आअह्हह्हह्हह।
बस भी कर देखता नहीं माँ की चूत क्या चाहती है।

रामु;देवकी की ऑंखों में देखते हुए।
क्या चाहती है माँ की चूत।

देवकी; अपने बेटे रामु का लंड चाहती है मेरी चूत। आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह दाल दे ना रे।

रामु देवकी के दोनों पैर खोल देता है और अपने लंड पे थोड़ा सा देवकी की चूत से निकला पानी लगाता है और देवकी की ऑखों में देखते हुए
ले माँ आअह्हह्हह्हह।

देवकी; हाय मर गई रामू।
रामु का लंड देवा के लंड की तरह नहीं था पर इतना बड़ा था की किसी भी औरत को संतुष्ट कर सके।

वो देवकी की चूत के अंदर तक लंड डालके उसे चोदने लगता है।
और देवकी अपने बेटे से चिपक के निचे से कमर उछालने लगती है।

देवकी;आहह काश मुझे एक और बेटा होता तो दोनों बेटो को एक साथ आगे पीछे से लेती आह्ह्ह्ह्ह्ह।

रामु;क्यूँ मेरा कम पड़ता है क्या माँ आहह तुझे।

देवकी;नहीं रे तू नहीं समझेगा। आह्ह्ह्ह्ह्ह।

कौशल्या की चूत खड़े खड़े पानी छोड़ने लगती है और वो देवा का हाथ पकड़ के उसे खेत से बाहर ले आती है।

वो दोनों कुछ दूर चलके एक कुंवे के पास जाके बैठ जाते है।
दोनो एक दूसरे को नहीं देख रहे थे और न कुछ बोल रहे थे।

कुछ देर बाद कौशल्या मौन व्रत तोड़ती है।
इसलिए मै तुम्हें यहाँ नहीं ला रही थी।

देवा; तो क्या आपको पहले से सब पता था।

कौशल्या;हाँ जब मै शादी करके नई नई इस घर में आई थी उसके चार दिन बाद ही मुझे माँ ने उनके और तुम्हारे भैया के रिश्ते के बारे में सब कुछ बता दी थी।

देवा;आप फिर भी यहाँ रही। अपने माँ बाप के घर नहीं गई।

कौशल्या;शादी के बाद लड़की का ससुराल ही उसका सब कुछ होता है देवा। वो मर के ही वहाँ से निकलती है।

देवा;मुझे तो अभी तक विश्वास नहीं हो रहा की एक बेटा अपनी माँ के साथ ये सब भी कर सकता है।

कौशल्या;दुनिया में हर प्रकार के लोग रहते है देवा ।

देवा; कैसा लगता होंगा जब एक बेटा अपनी माँ के साथ ये सब करे। मुझे तो सोच के ही अजीब सा लग रहा है।

कौशल्या; अच्छा ही लगता होगा वरना एक आदमी अपनी बीवी को छोड के माँ के ऊपर नहीं चढ़ता।

देवा; कौशल्या की ऑखों में आये ऑसू देख लेता है।
देवा;भाभी आपको कैसा लगता है।


कौशल्या; हाँ चलो बहुत देर हो रही है तुम्हारी माँ भी वापस आ गई होंगी।

देवा;खड़ा हो जाता है और चलने लगता है।

कौशल्या; एक मिनट तुम ज़रा अपना मुंह उस तरफ करो।

देवा; क्यूं।

कौशल्या; करो भी मुझे पिशाब ज़ोर से लगी है।

देवा;अपना मुंह दूसरी तरफ कर लेता है और कुछ देर बाद फिर से सर घुमा के उस तरफ देखता है जहाँ कौशल्या खड़ी थी।

कौशल्या;मुस्कुराते हुए देवा को देखती है और फिर अचानक अपनी सलवार का नाडा खोल के निचे बैठ के देवा की तरफ देख के मुतने लगती है।

वो फिर से देवा को दूसरी तरफ देखने के लिए नहीं कहती।

पेशाब करने के बाद वो खडी होती है और अपना नाडा भी देवा को देखते हुए बाँधने लगती है।

कौशल्या; चलो।
एक बात बताओ तुम्हें अपनी माँ कैसी लगती है।

देवा; मतलब अच्छी है।

कौशल्या;देखो बुरा मत मानना। अब हमने इतना सब कुछ देख लिया है तो तुम मुझसे एक दोस्त की तरह बात कर सकते हो। मै वादा करती हूँ किसी को कुछ नहीं कहूँगी।

देवा;ठीक है।

कौशल्या;तो बताओ तुम्हें तुम्हारी माँ कैसी लगती है।

देवा;सच कहूं तो मुझे माँ साडी में बहुत अच्छी लगती है।
मा का पेट। हिलते हुए कमर मुझे हमेशा से अच्छे लगते है।

कौशल्यक; हम्म इसका मतलब।

देवा;इसका कोई मतलब नहीं निकलता भाभी आप अपना दिमाग बेकार में ऐसे वैसे बातों में मत लगाओ चलो वैसे भी घर आ गया है। मै कुछ काम निपटाके आता हूँ।।

कौशल्या;कमर हिलाते हुए घर में चली जाती है।
रात का खाना खाने के बाद रामु और देवा बाहर घुमने निकल जाते है।


देवा; चुपचाप चल रहा था।

रामु;अरे देवा बड़ा गुमसुम है कुछ बोल भी।

देवा;क्या बोलूं भाई आपसे कुछ छुपा तो है नही।
साला इतना बड़ा जिस्म हो गया है पर अभी तक कोई लौंडिया हाथ नहीं आई।

रामु हंसने लगता है और देवा को पास के एक शराब के दुकान पे ले जाता है।

देवा;शराब नहीं पीता था पर रामु जी भर के पीता था और वो पीता चला जाता है।

जब उसका कोटा पूरा हो जाता है और वो ठीक से चल भी नहीं पाता तो देवा उसे अपने काँधे के सहारे से घर वापस लाने लगता है।

रामु;शराब के नशे में बड़बड़ाने लगता है।
अरे तू साले बच्चा का बच्चा ही रहेगा तुझे कभी चूत नहीं मिलने वाली । मुझे देख एक से बढ़कर एक माल है मेरे पास।

देवा;हाँ शादी कर ली है ना आपने कम उम्र में । आप तो यही कहोंगे।

रामु;कौन तेरी भाभी अरे वो छिनाल तो जूठन है अपने भाई की।

देवा;क्या मतलब।

रामु;मतलब ये की वो अपने भाई के साथ लगी हुई थी उसके माँ बाप ने जूठन को मेरे गले बांध दिया साली अपने भाई से चुदती थी हरामज़ादी।

देवा के दिमाग की नसे फड़फडाने लगती है।
कौशल्या भाभी अपने सगे भाई के साथ ।
उसे यक़ीन नहीं होता।

देवा;भाई आप झूठ बोल रहे हो ना।

रामु;अरे देवा अगर मेरी बात झूठी निकले ना तो मूत देना मेरे मुंह पे।

देवा;रामु को उसके कमरे में ले जाता है।

कौशल्या;कमरे में साडी पहन रही थी।
रामु को नशे में देख कौशल्या उसे सहारा देने आगे बढ़ती है पर रामु उसका हाथ झटक देता है और धडाम से बिस्तर पे गिर जाता है और कुछ ही पलों में घर्राटे भरने लगता है।


कौशल्या;अभी भी ऐसे ही पल्लु निचे गिरा हुआ नरम नरम रसदार ब्रैस्ट दीखाते खड़ी थी।

देवा;एक नज़र कौशल्या पे ड़ालता है और जाने लगता है।

कौशल्या;देवर जी आप सोने जा रहे हो ना।

देवा;हाँ ।

कौशल्या;कुछ चाहिए।
मेरा मतलब है भूख तो नहीं लगी है न।

देवा; कौशल्या की ब्रैस्ट को घुरते हुए कहता है नहीं अभी नहीं लगी।

कौशल्या;अपना पल्लू ठीक करती है और देवा को जाते देखती है।

देवा;पलट के एक मर्तबा फिर से कौशल्या की तरफ देखता है।

और कौशल्या अपनी कातिल नज़रों से देवा को फिर से घायल कर देती है।
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बस बस रहने दे सब जानती हूँ मै वैसे भी बूढी औरत किसे अच्छी लगती है।
तेरा बापु तो किसी काम के अब रहे नहीं। दो तीन धक्कों में सो जाते है।
बेटा है पर वो भी अब अपने जवान बीवी की ओखली में मुंह डाले पड़ा रहता है।

रामु; चुप कर साली 18 साल की उम्र से तुझे पेल रहा हूँ अभी तक तेरी चूत की आग नहीं बुझी।

देवकी; बेटा ये आग मरने के बाद ही बुझती है।

देख न मेरी चूचि भी कैसे सुख गई है बिना पानी के ।

रामु;देवकी को निचे गिरा देता है और देवकी के लटके हुए ब्रैस्ट को अपने मुंह में भर के चुसने लगता है । गलप्प गलप्प गप्प्पप्पलपल्लल्लल्ल
आह्ह्ह्ह।

देवकी;आहह चूस ले बेटा रोज़ बस एक बार ही तो माँगती हूँ तुझसे ।
 
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अपडेट 24

देवा;कौशल्या के रूम से निकल के अपने मामा मामी के रूम में जाता है जहाँ देवकी और रत्ना बातें करने बैठी थी।

रत्ना;देवा को अपने पास बैठा देती है।

देवा;क्या बाते हो रही है माँ।

देवकी;देख न देवा तेरी माँ घर वापस जाने के लिए के कह रही है।
भला तुम्हें आये दिन ही कितने हुए है कुछ दिन हमारे साथ रुक जाते तो कितना अच्छा होता।

रत्ना;तुम्हारी बात सही है मन तो मेरा भी यहाँ रुकने का है पर क्या करूँ। देवकी घर को भी तो देखना पडता है ना।
शालु बेचारी कैसे उसके और मेरे घर की देख भाल कर रही होगी।
जानवरों के चारे पानी भी देखना पडता है।
और अब भैया की तबियत भी ठीक हो गई है मै बाद में एक चक्कर लगा लुंगी।

देवकी;ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी पर देवा कुछ दिन हमारे साथ ही रहेगा बोल देती हूँ ।

रत्ना;ठीक है वैसे भी खेती बाडी में हमेशा उलझा रहता है देवा कुछ दिन यहाँ रहेगा तो इसे भी थोड़ा आराम मिल जायेंगा।

देवा;पर माँ तुम जाओगी कैसे।

देवकी;अरे कल रामु कुंवे की मशीन लेने शहर जाने वाला है मुझे सुबह ही कह रहा था रास्ते में तुम्हारा गांव भी पडता है ना छोड आयेगा वो।

रत्ना; मैं सोच रही थी की नूतन को अपने साथ ले जाऊं।


देवकी;अरे वो भी तो तुम्हारे बेटी है इस में सोचने वाली क्या बात है।

रत्ना;ठीक है मै ममता और नूतन को बोल देती हूँ और वही सो जाऊँगी उनके पास । यहाँ जगह भी कम है एक करवट सोने से सारी पीठ अकड गई है।
रत्ना उठके नूतन और ममता के कमरे में चली जाती है और देवकी मुस्कुराते हुए देवा के लिए बिस्तर बिछा देती है।


देवा चुपचाप लेट जाता है देवकी उसके पास लेटी हुई थी। सर्दी ज़्यादा थी इसलिए उसने दरवाज़ा पहले ही बंद कर दिया था।

देवा को लेटे हुए एक घण्टा बीत चुका था पर दिमाग में रामु की बात घुम रही थी वो यही सोच रहा था के ये कैसा परिवार है। एक तरफ माँ अपने बेटे से चुदवाती है वही घर की बहु अपने भाई के निचे सो चुकी है।
उसे रामु की बात पे विश्वास नहीं था वो सोच लेता है की कल कौशल्या से पूछ ही लेगा की असल बात क्या है वैसे भी कौशल्या अब देवा से काफी घूल मिल गई थी।

देवकी और देवा एक ही रज़ाई में सोये हुए थे।

कुछ देर बाद देवकी की आँख खुलती है और वो देवा को जगता देख उसे पूछ लेती है।

देवकी;धीमे आवाज़ में क्या बात है बेटा नींद नहीं आ रही।

देवा; मामी सर्दी बहुत है।

देवकी देवा के क़रीब खिसक जाती है।
यहाँ आजा और देवकी ये कहते हुए देवा को अपने से चिपका लेती है।
देवकी का गठीला बदन जब देवा के जिस्म को छुता है तो देवा के सारे सोच गूम हो जाते है और उसे सुबह का वो नज़ारा याद आ जाता है जब रामु अपने लंड से देवकी की चूत की कुटाई कर रहा था।

देवकी; चुपचाप लेटी हुई थी और देवा का मुंह ठीक उसके ब्रैस्ट के सामने था।

देवा अपनी ऑखें बंद करके अपने मुंह को थोड़ा और आगे की तरफ बढा देता है जिससे उसके होंठ देवकी के ब्लाउज को टच होने लगते है।

देवकी ऑखें खोल लेती है और फिर दूबारा बंद कर लेती है।

कुछ देर शांत रहने के बाद देवा अपने होंठ से देवकी के ब्रैस्ट को चुम लेता है।

देवकी के मुंह से एक हल्की से शःह्ह्हह्ह्ह्ह सिसकी बाहर निकलती है जिसे देवा सुन लेता है।
उसने अपने मामी के साथ ये सब करने का कभी सोचा भी नहीं था पर जो उसने देखा था उसके बाद उसका मन कुछ और कह रहा था और दिमाग कुछ और।

देवा कुछ देर अपने जगह से हिलता भी नहीं पर देवकी की चूत जग चुकी थी मरद का स्पर्श पाके कोई भी औरत भला कैसे चुप चाप सो सकती थी।
इस बार देवकी अपने ब्रैस्ट को देवा के मुंह पे घीसने लगती है।
पसीने से भिगे हुए ब्लाउज की खुशबु देवा के दिमाग में चढने लगती है।
वो ज़रा सा मुंह खोल के देवकी के ब्रैस्ट को मुंह में ले लेता है।
देवकी अपने हाथों से देवा के बाल पकड़ लेती है।

दोनो कुछ नहीं बोल रहे थे। बस रात के सन्नाटे में मामी भांजे का खेल शुरू था।

अचानक देवकी देवा का सर अपने ब्रैस्ट से हटा देती है और जब कुछ पलों बाद दूबारा देवा का मुंह उस जगह आता है तो उसके होश उड़ जाते है।

देवकी अपनी ब्लाउज उतार चुकी थी और ब्रा निचे करके अपने मोटे मोटे निप्पल्स देवा के मुंह में ड़ालने की कोशिश करने लगती है।

देवा अपना मुंह खोल देता है और गलप्प गलपप
निप्पल्स उसके मुंह में चले जाते है।

देवा अब अपने आप में नहीं था वो निप्पल चुसते हुए अपना एक हाथ निचे करके देवकी की सलवार का नाडा खोल देता है और बिना देरी किये अपना हाथ उसकी गीली पेंटी में डाल देता है।

देवकी;आहह बेटा।
पहली बार देवकी के मुंह से कुछ शब्द निकलते है और वो देवा के सर को अपने ब्रैस्ट में दबा देती है।

देवा के हाथ की दो उँगलियाँ देवकी की चूत को सहलाते हुए अंदर चली जाती है।

दोनो पसीना पसीना होजाते है
एक तरफ देवा बुरी तरह देवकी के निप्पल्स को चूस रहा था और निचे अपने उँगलियों से देवकी की चूत को अंदर तक चीर रहा था ।
वो जीतने ज़ोर से अपनी उँगलियाँ देवकी की चूत में डालके हिलाता उतनी ज़ोर से देवकी देवा के सर को दबा देती।

इससे पहले देवा आगे बढ़ता देवकी के पति और देवा की मामा की आवाज़ आती है।

माधव;धीमे आवाज़ में देवकी को पुकार रहा था।

देवकी देवा से अलग हो जाती है और अपने कपडे ठीक कर लेती है और उठके माधव के पास चली जाती है।
क्या है।

माधव;देवा सो गया क्या?
देवकी देवा की तरफ देखती है जो उसे ही देख रहा था।

हाँ वो तो कब का सो गया।

माधव;देवकी के ब्रा के ऊपर से उसके ब्रैस्ट मसल देता है
चल ।आ जा।

देवकी खड़ी हो जाती है और देवा की ऑखों में देखते हुए अपने सारे कपडे भी निकाल देती है । वो बहुत कम पूरी नंगी हुआ करती थी खास तौर पे माधव के लिए तो बिलकुल नहीं पर आज जिस्म की आग कपडे तक को जला देती इसलिए वो अपने शरीर पे कुछ नहीं रखती और माधव के लंड को अपने हाथ में लेके हिलाने लगती है।

माधव;आहह क्या बात है आज तो बडी गरम लग रही है।

देवकी;बस कुछ मत बोलो जो करना है जल्दी करो।

माधव;पहले चूस तो ले।

देवकी देवा की ऑखों में ऑखें डाले माधव के लंड को मुंह में ले लेती है और इतराते हुए उसे चुसने लगती है। गलपप।गलप्प्प आह्ह्ह्ह्हज गप्प्पप्प।

पल भर में वो माधव के लंड को खड़ा कर देती है और झट से उसके ऊपर चढ़ के लंड चूत में लेके ऊपर नीचे कुदने लगती है।

माधव;अहह देवकी चिल्ला मत देवा उठ न जाए।

देवकी एक नहीं सुनती और अपने काम में लगी रहती है।
वो माधव को बहुत देर तक सोने नहीं देती और उसके लंड को चूस चूस के खड़ा करते जाती है और चूत में लेके चुदती जाती है।

देवा के लंड का हाल बेहाल हो चुका था वो रज़ाई को अपने लंड के ऊपर से हटा देता है और जैसे ही देवकी की नज़र उसके लंड पे पडती है वो माधव के लंड पे कुदना बंद कर देती है और एक टक देवा के लंड को देखने लगती है।

देवा ठीक से दर्शन कराने के बाद रज़ाई ओढ़ के एक करवट सो जाता है।

उसके बाद देवकी और उसकी चूत के सामने सिर्फ एक चीज़ घूमती है और वो उसे चाह के भी भुला नहीं पाती।।

सुबह रामु रत्ना ममता और नूतन को ले के देवा के गांव की तरफ चला जाता है।
देवकी भी खेत में कुंवे की खुदाई का काम देखने चली जाती है।

और जाते जाते कौशल्या को घर के काम सौंप जाती है।

कौशल्या अपने काम निपटाके जब कमरे में जाती है तो देवा उसे बिस्तर पे बैठा हुआ मिलता है।

कौशल्या;क्या बात है देवर जी आज हमारे कमरे में सोने की चाहत है क्या।

देवा;बिस्तर पे से खड़ा हो जाता है । नहीं भाभी बस ऐसे ही आया था।

कौशल्या; नहीं कुछ तो बात है सुबह से देख रही हूँ बार बार मुझे देखते हो और जब मै नज़रें मिलाती हूँ तो नज़रें चुरा लेते हो।बात क्या है बताओ।

देवा;वो भाभी मेरा दिल बहुत विचलित है आज।

कौशल्या;क्यों किसी ने कुछ कहा तुम्हें।

देवा;हाँ ।

कौशल्या;किसने और क्या कहा।

देवा; रहने दो भाभी मै चलता हूँ।

कौशल्या; देवा का हाथ पकड़ लेती है यहाँ बैठो और मुझे बताओ आखिर बात क्या है।

देवा;वो भाभी कल मै भैया के साथ बाहर घुमने गया था तो...

कौशल्या; हाँ तो तुम्हारे भैया ने कुछ कहा तुमसे।

देवा;हाँ वो अब मै आपको कैसे बताऊँ।

कौशल्या;देवा का हाथ पकड़ के अपने सर पे रख देती है बोलो तुम्हें मेरी कसम है।

देवा;वो भाभी कल रात नशे की हालत में भाई ने मुझसे कहा की तुम अपने भाई की जूठन हो।

कौशल्या; ये सुनके सर झुका देती है।

देवा;मुझे उनके बात पे बिलकुल भरोसा नहीं है भाभी।

कौशल्या; उन्होंने तुमसे सच कहा है देवा मै अपने भाई की जुठन हूँ।।
अपने भाई के साथ सो चुकी हूँ अपने भाई के साथ वो सब कर चुकी हूँ जो एक भाई बहन कभी सोच भी नहीं सकते।
देवा;पर भाभी आप इतनी समझदार औरत हो के आपसे ये सब हुआ कैसे।


कौशल्या; अपनी ज़िन्दगी की किताब को देवा के सामने खोल देती है।
ये बात आज से 5 साल पहले की है मै उस वक़्त 18 साल की थी और मेरे बड़े भैया मनोज २२ साल के।
मेरे बापु की मौत मेरे बचपन में ही हो गई थी। माँ से अकेला रहा नहीं गया इसलिए हमारे परवरिश के लिए उसने दूसरी शादी कर ली ।
मेरे सौतेले बाप किशोरचंद एक जुवारी आदमी है।
दीन रात जुंआ खेलना शराब पीना उसकी आदत है।
माँ उसका हर सितम सहते रही। दोनों रोज़ लडते थे और दूसरे दिन मिल भी जाते थे।

एक दिन मै पानी पीने उठी तो मुझे माँ के रोने की आवाज़ सुनाई दी। मै जब उनके कमरे के पास गई तो मैंने माँ को चीखते सुना। बापु उन्हें मार रहा था पता नहीं किस बात पे । मैंने दरवाज़ा खट खटाये तो कुछ देर बाद माँ बाहर आई मैंने उसे पूछे की बापु तुम्हें क्यों मार रहें है।
पर माँ ने मुझे कुछ नहीं कहा और मुझे सोने को कहके वापस कमरे में चले गई।

मै कुछ देर वही खड़ी रही कुछ देर बाद माँ की चीखों और सिसकारियों की आवाज़ सुनाई दी मै डर के मारे भैया को उठाने गई।
जब भैया मेरे साथ माँ के कमरे के पास आये तो माँ के रोने की आवाज़ बंद हो चुकी थी और हलके हलके सिसकने की आवाज़ सुनाये दे रही थी । मै और मेरा भाई मनोज हम खिडके में से झाकने लगे हम बहुत डर गए थे। मुझे लगा की बापु नशे में माँ को जान से ना मार दे।

जब मै और भैया खिडकी के पास पहुंचे तो अंदर का नज़ारा देख दोनों की नज़रें झुक गई।

वो दोनों सम्भोग कर रहे थे माँ उलटी लेटी हुई थी और बापु उनके कमर पे थप्पड मारते हुए उन्हें पीछे से कर रहे थे।

हमे वहां से है जाना चाहिए था पर हम दोनों वहां से नहीं हटे।
वो दोनों तो कुछ देर बाद सो गये पर हमारे जवान जिस्म जग चुके थे।
मै भाई से नज़रें चुराके अपने कमरे में जाके लेट गई।

कुछ देर बाद मनोज भाई मेरे कमरे में आये और उन्होंने दरवाज़ा बंद कर दिया। मै उन्हें देखते रह गई दोनों की साँसे एक रफ़्तार में चल रही थी।
वो बिना कुछ बोले मेरे ऊपर आकर मुझ से चिपक गये।
वो कुछ भी नहीं बोल रहे थे। बस एक एक करके उन्होंने पहले खुद के फिर मेरे सारे कपडे निकाल दिए। मै उस वक़्त तक सोचने समझने की शक्ति खो चुकी थी और सितम तो तब हुआ जब भाई ने अपनी ज़ुबान उस जगह लगाई जिसे आज तक मेरे सिवा किसी ने नहीं देखा था।




वो मुझे सर से ले के पेशानी तक चुमते रहे चाटते रहे मै मचल रही थी भाई के जिस्म को अपने नाख़ून से नोच रही थी।
पर नहीं जानती थी की भाई क्या क्या करेंगे मेरे साथ।

उन्होने बस एक बार मेरे कानो को अपने मुंह में लेके धीरे से मुझसे पूछा।


कौशल्या मै तुझे अपना बना लूँ।
और मै हवस की आग में जलते हुए उनसे कह बैठी हाँ भैया मुझे हमेशा हमेशा के लिए अपना बना लो।

उसके बाद उन्होंने मुझसे कोई बात नहीं किया बस उनका वो हिस्सा मेरे अंदर घुसता चला गया और मै भाई के मुंह में चीख़ती चली गई क्योंकि उन्होंने मेरे होंठो को अपने होंठो में भर लिया था।



मै अपने मनोज भैया से बहुत प्यार करती थी और ये प्यार दिन ब दिन परवान चढ़ता रहा उस रात के बाद हमने कई रातें एक साथ पति पत्नी की तरह गुज़ारी।

एक दिन माँ और बापु बाहर गए हुए थे। तभी भाई ने मुझसे पीछे से पकड़ के अपने कमरे में ले गए और हम अपने प्यार को और मज़बूत करने में लग गए पर होनी को कुछ और ही मंज़ूर था।

जब हम भाई बहन एक दुसरे में खोये हुए थे तभी बापु वहां आ गये और उन्होंने एक लकड़ी से भाई और मेरी खूब पिटाई कर दी। भाई को उन्होंने घर से निकाल दिया।

मै मार और दर्द से चीख रही थी मुझे नहीं पता था की बापु की नियत मुझपे भी ख़राब है।

उनहोने अपने सारे कपडे निकाल दिए। मै बहुत डर गई थी । मै जानती थी की सारी गलती मेरी है और अगर मै चिल्लाई तो मै ही क़सूर वॉर कहलाऊँगी। बापु के इरादे मै जान चुकी थी वो मुझे जो करने के लिए कहते गए मै करती गई। उनके जिस्म के हर हिस्से को मैंने चुमा उन्होंने जिसे कहा मैंने अपने मुंह में लिया अपने लंड को उन्होंने कितनी देर तक मुझसे चुसवाया और फिर उन्होंने अपने बाप होने का फ़र्ज़ भी निभा दिया।
मै चीख़ते रही चिल्लाती रही पर ना माँ को रहम आया न बापु को कोई रहम आया।।


कुछ महिने ऐसे ही गुज़रते रहे माँ और मै रोज़ बापु के सामने पेश होते माँ मुझे मारती भी और प्यार भी करती मै एक तरह से ज़िंदा लाश बन चुकी थी जिसका सिर्फ एक काम था अपने बापु की इच्छा का पालन करना।

उन्होंने हर गंदे तरीके से मुझे भोगा उन्होंने मेरे साथ कितनी बार बिना मेरी मर्जी के संभोग किया । मुझे जैसा बोलते थे मैं वैसा करती थी। उन्होंने सोतेला बाप होने का फर्ज अच्छी तरह से निभाया और मुझे जब जहां चाहा वैसे चोदा।




उस दौरान तुम्हारे भाई का रिशता हमारे घर आया। माँ तो मुझसे परेशान थी ही उसने जल्दी से मेरी शादी करवा दी और मै यहाँ आ गई। उसने शादी के तोहफे के रूप में मुझे एक बहुत क़ीमती तोहफ़ा भी दिया। तुम्हारे भैया को सारी बात बता दी बस ये नहीं बताया की उनका पति भी वो सब कर चूका है।

उस दिन से लेके आज तक मुझे न पति का सुख मिल पाया न एक औरत होने का।

कौशल्या बोलते बोलते रो पडती है।

देवा ये सब सुनके उसे अपने से चिपका लेता है।



देवा;बस बस चुप हो जाओ भाभी । मै भी तो आपके भाई जैसा हूँ न आप ने ही तो कहा था की मै बिलकुल आपके भाई जैसा देखता हूँ।

कौशल्या;हंस पडती है तो क्या।
MAST UPDATE
कौशल्या मै तुझे अपना बना लूँ।
और मै हवस की आग में जलते हुए उनसे कह बैठी हाँ भैया मुझे हमेशा हमेशा के लिए अपना बना लो।

उसके बाद उन्होंने मुझसे कोई बात नहीं किया बस उनका वो हिस्सा मेरे अंदर घुसता चला गया और मै भाई के मुंह में चीख़ती चली गई क्योंकि उन्होंने मेरे होंठो को अपने होंठो में भर लिया था।
 
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देवा;मेरा मतलब है जब आपने मुझे अपना भाई माना है तो ये भाई आपसे वादा करता है की वो आपको इस घर में आपके सास और पति के दिल में वो जगह वो सम्मान ज़रूर दिलाएगा जिसकी आप हक़दार हो।

कौशल्या;देवा के चेहरे को देखती रह जाती है।

देवा;क्या हुआ भाभी ऐसे क्या देख रही हो।

कौशल्या;नहीं कुछ नहीं तुम जैसे दिखते हो वैसे हो नही।

देवा; मैं जैसा दिखता हूँ मै वैसा ही हूँ।
अच्छा ये बताओ अगर मैंने अपना काम कर दिया तो बदले में मुझे क्या मिलेंगा।

कौशल्या; हम्म क्या चाहिए मेरे प्यारे से देवर जी को।

देवा;कौशल्या को अपने ऊपर गिरा देता है।



कौशल्या;आहह क्या करते हो भैया।

देवा; अच्छा अब भैया हूँ।

कौशल्या;हाँ भैया जब तुम मेरे भाई हो तो अपने बहन पे तुम्हारा ही तो सबसे ज़्यादा हक़ बनता है।।मांगते क्यों हो जो चाहिए ले लो मना नहीं करुँगी।।

देवा;अपने दोनों हाथ कौशल्या की कमर पे रख देता है और उसे अपने और क़रीब खीच लेता है । जो मुझे चाहिए वो तुम दे नहीं पाओगी बहना।

कौशल्या;ऑखें बंद कर लेती है। बहन से कुछ भी माँगा नहीं करते बहन की लिया करते है।

देवा;अपने होंठ कौशल्या के होठो से मिला देता है और कौशल्या भी अपना मुंह खोल के देवा के होठो से चिपक जाती है । दोनों एक दूसरे के होठों को चूसने लगते है। गलप्प गलप्प।

कुछ देर बाद बड़े मुश्किल से देवा अपने होंठ कौशल्या के होठो से अलग कर पाता है।।

देवा;जब मै तुमसे कहूं तुम मेरे साथ चलना बिना कोई सवाल किये ठीक है।
अभी मुझे थोड़ा काम निपटना है मै चलता हूँ।।

वो कौशल्या के पास से उठके बाहर चला जाता है और कौशल्या बिस्तर पे पड़ी अपनी साँस ठीक करने लगती है।
कौशल्या; हाय रे ज़ालिम बड़ा वो है रे तू।

शाम के 6 बजे।


रामु घर पहुँच जाता है वो अपने साथ कुंवे से पानी निकालने की मशीन साथ ले के आया था देवकी भी घर आ चुकी थी और रामु के पास बैठी उसका पसीना पोंछ रही थी।

देवकी;बहुत देर लग गई बेटा ऐसा कर तू नहा ले।

रामु; साथ में नहाते है ना खेत में चल अभी मशीन भी रख देंगे ।

देवकी; अभी देवा घर पे है उसे कही शक न हो जाए।

रामु; देख माँ जब मेरा दिल नहीं करता तो तू गालियाँ दे दे के करवाती है और अब मेरा दिल कर रहा है तो तू क्यों नखरे दिखा रही है।

देवकी; सलवार के ऊपर से चूत को सहलाते हुए
तेरा दिल कर रहा है ना । तेरे लिए तो मै सारे गांव के सामने नंगी हो जाऊँगी बेटा ।
चल मै ज़रा कौशल्या को काम बता के आती हूँ।

कौशल्या;किचन में खाना बना रही थी देवकी उसके पास जाके उससे कहती है की वो रामु के साथ खेत में जा रही है मशीन वहां रखने।

कौशल्या;दिल ही दिल में ।
चुत मरवाने जा रही है तू सौतन।
जी अच्छा माँ जी।

देवा; रामु और देवकी की सारी बातें सुन चुका था । वो तो इसी मौके की तलाश में था की कब ये दोनों माँ बेटे एक साथ फिर से मिलते है।

रामु और देवकी के खेत में जाने के कुछ देर बाद देवा कौशल्या का हाथ पकड़ के उसे भी खेत में उन दोनों के पीछे ले जाता है।

कौशल्या;चुप चाप देवा के साथ चल देती है।
जब वो दोनों खेत में पहुँचते है तो देवकी और रामु झोंपडे में जा चुके थे।

देवा; कौशल्या का हाथ पकडे उसे खिडके के पास ले जाता है और अंदर झांकने लगता है।

अंदर


रामु दना दन अपना लंड देवकी की चूत में डाले उसे चोद रहा था।

कौशल्या के हाथ में पसीना आने लगता है वो बहुत घबरा रही थी उसे बिलकुल पता नहीं था की देवा क्या करने वाला है।

देवा;दरवाज़े पे ज़ोर से लात मारता है और दरवाज़े के कुन्डे खुल जाते है देवा अंदर दाखिल होता है।
सामने पड़े देवकी और रामु के गाण्ड मुंह चूत सब फटे के फटे रह जाते है।

रामु झट से पास में पड़ी अपनी धोती उठाके पहनने लगता है।

पर देवा उसके हाथ से धोती खीच लेता है ।
देवा;वाह्ह्ह्हह्ह्ह्ह क्या नज़ारा है एक बेटा अपनी माँ के साथ वाह्ह।

कौशल्या भी तब तक झोंपडे के अंदर आ चुकी थी और उसे वहां देख दोनों की हालत और ख़राब हो जाती है।

रामु; तू इसे यहाँ लेके आई है है ना हरामजादी।

देवा रामु का हाथ कौशल्या तक पहुँचने से पहले पकड़ लेता है।
भाभी मुझे यहाँ नहीं लाई।

रामु;ओह्ह अब समझा मै । पहले भाई के साथ सोई और अब देवा के साथ तभी तो ये तेरी इतनी तरफदारी कर रहा है।

देवकी;अरे कुल्टा है इ।

देवा के दिमाग में अजीब सी हलचल होने लगते है और वो एक ज़ोरदार थप्पड पहले रामु के मुंह पर और उसके बाद देवकी के मुंह पे जड़ देता है दोनों चक्कर खा के गिर पडते है।

देवा : हरामखोर ये अपने भाई के साथ क्या कर चुकी है इसलिए तुम दोनों इसे गलियां देते हो । मारते हो । ताने देते हो और तुम दोनों जो कर रहे हो वो क्या है। हाँ बोलो।
एक नम्बर के नीच इंसान हो तुम दोनों । मुझे तुम दोनों के रिश्ते से कोई आपती नहीं है लेकिन हर किसी को अपनी ज़िन्दगी जिने का पूरा पूरा हक़ है जिसके साथ चाहे उसके साथ। मगर रामु तुम से मुझे ये उम्मीद नहीं थी ।
और मामी तुम भाभी को कुल्टा बोल रही हो तो अपने बेटे के साथ ये सब करने वाली औरत को क्या कहते है पता है ना तुम्हें।

भाभी अपने ज़िन्दगी में बहुत दर्द झेल चुकी है वो तुम्हारे घर की लक्ष्मी है। हो गई गलती उनसे भी । इंसान से गलती नहीं होंगी तो क्या भगवान से होगी।इंसान ग़लतियों का पुतला है ।

पर इसका मतलब ये नहीं की तुम अपने गलतियाँ छूपाने के लिए दुसरों की गलतियाँ निकालते फिरो।

अब भी वक़्त है सँभल जाओ और एक दूसरे को दिल से माफ़ कर दो और तुम चाहे कैसे भी ज़िन्दगी गुज़ारो पर रामु अपनी पत्नी को भी थोड़ा मान सम्मान प्यार दो। वो तुम्हारी नौकर नहीं तुम्हारी धरम पत्नी है उसे प्यार दो बदले में तुम्हें भी प्यार मिलेगा।।

ये लो कपडे और घर चलो मै तो कुछ दिन के लिए यहाँ आया था ।
कुछ दिन बाद चला भी जाऊँगा । बस तुमसे हाथ जोड के एक ही बिनती करता हूँ।
ये जीवन बहुत छोटा है इसे ईष्या जलन नफरत में ख़तम मत करो।

देवकी;अपने कपडे पहन के कौशल्या के पास आती है और उसे अपने गले से लगा लेती है।
मुझे माफ़ कर दे बेटी मुझसे बहुत बडी गलती हो गई।
पुरानी सारी बातें भुला के आज से हम सब एक नई ज़िन्दगी शुरू करेंगे।आज देवा ने हम सब की आँखें खोल दी हैं। देवा बेटा मै दिल से तेरा धन्यवाद करती हूँ अगर आज तुम हमारे ऑखों पे बँधी पट्टी नहीं हटाते तो शायद ज़िन्दगी ऐसे ही गुज़रती रहती । पर मै वादा करता हूँ की कौशल्या को अब वही मान सम्मान इस घर में मिलेंगा जिसकी वो हक़दार है।

रामु भी देवा और कौशल्या से माफ़ी माँगता है और चारो घर चले जाते है।
रामु इतना शरमिंदा था की वो सीधा अपने कमरे में चला जाता है।

देवकी; कौशल्या के पास आती है जा बेटी अपने पति के पास उसे तेरे साथ की बहुत ज़रुरत है।

कौशल्या;देवा को देखते हुए कमरे में चली जाती है।

रामु;बिस्तर पे बैठा हुआ था।
कौशल्या को देखते ही वो अपने पास बुला लेता है।
कौशल्या मुझे सच में माफ़ कर दे मुझसे भी भूल हो गई।

कौशल्या;अपनी ऊँगली रामु के होठो पे रख देती है।
देखिये जो हुआ उसे याद करके हम अपने आने वाली ज़िन्दगी क्यों ख़राब करे।
मै चाहती हूँ आप माँ से उतना ही प्यार करें जितना करते है । मै आप दोनों के बीच कभी नहीं आऊँगी बस अपने दिल के एक कोने में मुझे भी जगह दे दीजीए।

रामु;अपनी पत्नी कौशल्या पे झुकता चला जाता है।

और कौशल्या दिल में देवा को धन्यवाद करते नहीं थकती। उस रात कौशल्या को असली मायने में एक पत्नी का सुख मिलता है रामु से।।


रात काफी हो चुकी थी पर देवा को नींद नहीं आ रही थी । आज उसका मन बहुत विचलित था आज तक उसके साथ ऐसा नहीं हुआ था। वो देवकी और रामु को तो समझा चुका था पर घर आने के बाद से उसके लंड में एक तरह की अकडन सी आ गई थी।
उसके ऑंखों के सामने देवकी और रामु ही घूम रहे थे। वो बार बार बस एक ही बात सोच रहा था की एक बेटे को अपनी माँ के साथ वो सब करने में कैसा आनंद आता होगा । वो कितना एहसास कैसा लगता होंगा जब अपने ही माँ की चूत में बेटे का लंड जाता होंगा।।ये सोच सोच के उसका लंड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था।

तभी वहां देवकी आती है । देवकी को देख देवा उठके बैठ जाता है।

देवकी;क्या बात है बेटा नींद नहीं आ रही क्या।

देवा;नहीं मामी बस ऐसे ही।
मामी मुझे माफ़ कर दो मैंने आप पे हाथ उठाया।

देवकी; मै तुझे कब का माफ़ कर चुकी हूँ देवा।
तूने आज मुझ पे बहुत बड़ा एहसान किया है बेटा मै तेरा ये एहसान ज़िन्दगी भर नहीं भूल सकती।

देवा;मामी एक बात पूंछू।

देवकी;हाँ पुछ ना।

देवा;नहीं जाने दो आप बुरा मान जाओगी।

देवकी;नहीं बोलेंगा तो ज़रूर मान जाऊँगी चल बोल भी दे।

देवा;मामी अपने बेटे के साथ वो सब करना कैसा लगता है।

देवकी; बुरी तरह शर्मा जाती है और देवा को अपनी छाती से चिपका लेती है।

तू है हट्टा कटा गबरू जवान पर तेरा दिल एकदम बच्चों जैसा है ।जो मन में आता है पूछ लेता है।


देवा;बोलो न मामी।

देवकी;तू सच में जानना चाहता है।

देवा;हाँ सच में।

देवकी; मुझे प्यार कर अपने मामी समझ के नहीं बल्कि अपनी माँ रत्ना समझ के तुझे पता चल जायेंगा की कैसा अनुभव होता है।

देवा; पर मामी।

देवकी;देवा के बोलने से पहले उसे अपने ब्रैस्ट से चिपका लेती है और देवा भी देवकी पे झुक जाता है।



देवकी;आहह बेटा अपनी माँ को नंगी करके खूब प्यार कर रे। चूत से लेके गाण्ड तक चाट ले अपनी माँ की देवा आह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवा;माँ । देवकी के मुंह से ऐसे शब्द सुनके उसका लंड आज पहली बार पेंट फाड़ के बाहर आना चाहता था।

वो देवकी का ब्लाउज निकाल के फ़ेंक देता है और खुद के कपडे भी निकल देता है।

देवकी;हाँ बेटा आहह चूस अपनी माँ की चूचियां आहह पी जा आज फिर से मेरा सारा दूध आह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवा;देवकी के ब्रैस्ट को मुंह में लेके चुसने लगता है वो इतनी ज़ोर ज़ोर से निप्पल्स को काटने लगता है की देवकी बर्दाश्त नहीं कर पाती।

देवा;आहह माँ मेरी माँ गलप्प आह।

देवकी; आह्ह्ह्ह्ह्ह देवा बेटा धीरे से।

देवा; ऑखें बंद करके देवकी के होठो को चुसने लगता है उसकी ऑखों के सामने रत्ना का चेहरा आ जाता है और वो एक झटके के साथ देवकी के होठो के एक एक रस के क़तरे को पीता चला जाता है गलप्प गलप्प्प।



देवकी; बेटा मुझे तेरा मुंह में लेने दे अपने बेटे का लंड चुसना है मुझे आहह देवा मुंह में डाल ना रे।

देवा : माँ वो बोल भी नहीं पा रहा था बस आज उसके सर पे जैसे जूनून सवार हो गया था । वो अपने लंड को देवकी के मुंह में पेल देता है और दोनों हाथों से देवकी के सर को पकड़ के लंड को ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगता है ।
आह्ह्ह्ह्ह्ह माँ चूस लो अपने देवा का लंड आहह माँ आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवकी;की चूत से पानी के फुवार बाहर निकलने लगती है और वो देवा को अपने ऊपर आने की दावत देते हुए अपने दोनों पैर खोल देती है।
आजा मेरे राजा बेटा अपने माँ की चूत में आ जा।

देवा;के लंड की नसे कभी इतनी नहीं फुली थी।अपने लंड में उसे इतनी ताकत कभी महसूस नहीं हुई थी वो एक तरह से खुद को सर्व शक्तिमान महसूस कर रहा था। उसे देवकी की चूत नहीं बल्कि रत्ना अपनी माँ की चूत नज़र आ रही थी और पैर खोले औरत देवकी नहीं बल्कि रत्ना दिखाई दे रही थी । वो अपने लंड पे थोड़ा सा थूक गिराता है और देवकी की टाँग को अपने हाथ में पकड़ के लंड को जैसे ही देवकी की चूत पे रखता है देवकी की ऑखें बंद हो जाती है और चूत खुलती चली जाती है।

देवकी;बेटा नही।


देवा;माँ आहह आह्ह्ह्ह्ह्।

देवकी; आहह बेटा तेरा बहुत मोटा और बड़ा है रे मर जाऊँगी मै आहह थोड़ा आराम से धक्के मार बेटा ।

देवा को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था । न कुछ समझ आ रहा था बस दिमाग में एक आवाज़ घूम रही थी । देवा बेटा अपने माँ रत्ना को चोदो ज़ोर से चोदो।

देवकी; बेटा धीरे धीरे आहह धीरे रे।

देवा; माँ चोदने दो न आहह ऐसी चूत मुझे आज तक नहीं मिली आहह कसम से मामी आपके चूत का जवाब नहीं है आह्हह्हह्हह्हह।

देवकी;पिछले 20 मिनट से देवा से चुदते चुदते निढाल हो गई थी।
उसे कभी भी किसी ने भी इतनी देर तक इस तरह से नहीं चोदा था।

देवा का लंड पानी छोडने को तैयार नहीं था और देवकी चूत में लंड लेने को मना कर रही थी । उसकी चूत जगह जगह से चीर गई थी। रह रहके खून भी बाहर बह रहा था वो किसी तरह देवा के पास से उठके अपने कमरे में जाना चाहती थी पर देवा उसका हाथ पकड़ के उसे फिर से अपनी गोद में बैठा देता है।
माँ अभी एक सुराख़ बचा है ना तुम्हारा।

देवकी।;नहीं वहां नहीं। देखता नहीं चूत की क्या हालत कर दी है तुमने। नहीं नही।

देवा; देवकी के चूतड़ पे थप्पड मारने लगता है निढाल सी देवकी कुछ देर बाद हार मानके अपनी गाण्ड का सुराख़ देवा को दिखाती है और देवा न सिर्फ उसे चाटता है बल्कि उसे भोग भी लगा देता है अपने लंड के तेज़ धार से वो देवकी की गाण्ड को भी एक तरह से चीर के रख देता है।

देवकी एक चालाक औरत थी । वो आज इसलिए देवा के पास आई थी के देवा को अपनी चूत देके उसका मुंह हमेशा के लिए बंद कर दे । उसे पता था की देवा एक न एक दिन अपनी माँ को उसके और रामु के बारे में ज़रूर बता देगा । बस एक यही तरीका था देवा का मुंह बंद करने का की उसे अपनी चूत दे दी जाये ।
पर ये उसकी सबसे बडी भूल भी साबित हुई थी वो जिस देवा को एक बच्चा समझ बैठी थी । उस बच्चे ने सुबह के ४ बजे तक उसे न सोने दिया और न उसे एक पल के लिए भी चैन से बैठने दिया।

देवा का लंड देवकी की चूत पे कहर बरपा के सो चुका था । पर एक नए दौड़ की शुरुवात देवा के ज़िन्दगी में हो चुकी थी। आज तक बाहर की औरतों को चोदने वाला देवा आज घर की औरत का स्वाद चख चुका था और ये स्वाद उसे बहुत पसंद भी आया था।

देवकी;अपने फ़ैले हुए चूत के साथ अपने कमरे में सोने चली जाती है और देवा अपनी यादों में डूबा हुआ सो जाता है।
WOW MAST UPDATE
देवकी; आहह बेटा तेरा बहुत मोटा और बड़ा है रे मर जाऊँगी मै आहह थोड़ा आराम से धक्के मार बेटा ।

देवा को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था । न कुछ समझ आ रहा था बस दिमाग में एक आवाज़ घूम रही थी । देवा बेटा अपने माँ रत्ना को चोदो ज़ोर से चोदो।

देवकी; बेटा धीरे धीरे आहह धीरे रे।

देवा; माँ चोदने दो न आहह ऐसी चूत मुझे आज तक नहीं मिली आहह कसम से मामी आपके चूत का जवाब नहीं है आह्हह्हह्हह्हह।

देवकी;पिछले 20 मिनट से देवा से चुदते चुदते निढाल हो गई थी।
उसे कभी भी किसी ने भी इतनी देर तक इस तरह से नहीं चोदा था।

देवा का लंड पानी छोडने को तैयार नहीं था और देवकी चूत में लंड लेने को मना कर रही थी । उसकी चूत जगह जगह से चीर गई थी। रह रहके खून भी बाहर बह रहा था वो किसी तरह देवा के पास से उठके अपने कमरे में जाना चाहती थी पर देवा उसका हाथ पकड़ के उसे फिर से अपनी गोद में बैठा देता है।
माँ अभी एक सुराख़ बचा है ना तुम्हारा।

देवकी।;नहीं वहां नहीं। देखता नहीं चूत की क्या हालत कर दी है तुमने। नहीं नही।
 
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NICE UPDATE
पदमा; लंड को बड़े प्यार से चूसने लगती है गलप्प गलप्प।
ज़िन्दगी का पहला अनुभव हर किसी को बहुत अच्छा लगता है। उसी तरह पदमा को भी देवा का लंड अपने मुंह में आते जाते बड़ा अच्छा लग रहा था । वो बड़े चाव से देवा के लंड को अपने मुंह के गहराइयों में लेने लगती है।
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WOW NICE POST
पदमा के मुंह से एक दर्दनाक चीख़ निकलती है।

अभी देवा का लंड का सिर्फ सुपाडा ही अंदर गया था की बाहर से कार के हॉर्न की आवाज़ से दोनों चौंक जाते है।
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अपडेट 52

बिंदिया ; आहह धीरे से चोदो न मालिक। उन्हह..............आअह्हह्हह्हह।
रुक्मणी को यक़ीन नहीं होता की वो जिस इंसान को भगवन की तरह पुजती थी वो कितना बड़ा शैतान है। अपने पति के लिए जान दे देने वाली रुक्मणी का भरोसा आज पूरी तरह टूट चुका था। वो वहां खड़े रहके उन दोनों को देख नहीं सकती थी। वो अपने रूम में आके लेट जाती है और सुबह होने का इंतज़ार करने लगती है।

ईधर देवा के घर में रात अपने पूरे शबाब पर चढ़ने वाली थी । रत्न और ममता तो कब की सो चुकी थी मगर मेहमान जग रहे थे। साथ में देवा भी अपने रूम में सोया नहीं था।
वो उठके देवकी के रूम की तरफ चल पडता है की तभी देवकी उसे सामने से आती दिखाई देती है।
देवकी;देवा के पास आके रुक जाती है।
क्या बात है कहाँ जा रहा है।
देवा; मैं तो आपके ही पास आ रहा था।
देवकी;नहीं तू अपने रूम में जा।
देवा;क्यों कल तो तुम जाने वाली हो ना मामी।
आज की रात ही तो है हमारे पास।
देवकी;तू अपने रूम में जा । मै अभी आती हूँ वहाँ।
देवा तो नूतन की चिकनी चूत चखने के लिए वहां जा रहा था भला उसे जवान के सामने कहाँ बूढी चूत पसंद आने वाली थी मगर वो देवकी को कुछ बोल भी नहीं पाता और चुप चाप अपने रूम में जा के देवकी का इंतज़ार करने लगता है।
कुछ देर बाद उसके रूम में कोई आता है और वो जो थी वो देवकी तो नहीं थी जब वो देवा के क़रीब आती है तो देवा ख़ुशी के मारे उछल पडता है वो और कोई नहीं बल्कि नूतन थी।
नुतन ;क्या बात है भैया आपने मुझे बुलाया था।
देवा;मैने।
नुतन ;हाँ माँ कह रही थी के तुमने मुझे बुलाया है कुछ काम है।
देवा को समझते देर नहीं लगती की मामी ने आज उसके रात का इन्तज़ाम कर दिया है इसका मतलब था आज की रात बस देवा और नूतन एक साथ एक रूम में बिना किसी परेशानी के खुल के कुछ भी कर सकते है।
देवा;उठके दरवाज़े के पास चला जाता है और जल्दी से दरवाज़ा बंद कर देता है।
नुतन भी तब तक जान चुकी थी की क्या होने वाला है मगर वो चुप चाप खडी रहती है। गाण्ड का सुराख़ अभी तक खुला नहीं था इसलिए थोडी झिझक अभी बाकी थी।
वो अपनी नज़रें झुकाये ज़मीन को देखते हुए अपने अँगूठे से ज़मीन कुरेदने लगती है दिल की धड़कने थी की थमने का नाम ही नहीं ले रही थी।

बस कुछ दिन बहना फिर तो तुझे यही आना है मेरे पास। पप्पू के साथ मिलके तुझे रोज़ चोदुंगा मैं।
नुतन ;चौंक जाती है आपके दोस्त के साथ।
देवा;हाँ बड़ा गांडु है तेरा होने वाला पति जबतक मुझसे गाण्ड नहीं मरवा लेता उसे नींद नहीं आती।
नुतन ;क्या आपने उनकी गाण्ड मारा है।
देवा;नूतन को लिटा देता है और पीछे से उसका एक पैर अपने ऊपर ले के लंड उसकी चूत पर टीका देता है।
हाँ कई बार उसकी गाण्ड मार चुका हूँ मै और एक दिन तुम दोनों पति पत्नी की गांड एक साथ मारूँगा।
ये कहते हुए देवा अपना लंड नूतन की चूत में घुसा देता है।

नूतन अपनी चूत में सरकते हुए इस ज़हरीले साँप की वजह से चीख पडती है मगर वक़्त पर देवा उसके मुँह पर अपना मुँह लगा देता है। जिससे नूतन की चीख देवा के मुँह में उत्तर जाती है। धक्कों की वजह से नूतन को सँभलने का मौका भी नहीं मिलता।
नुतन; उन्हह आपने मेरे होने वाली पति की गाण्ड मारी ये सोच के ही मेरी चुत पानी छोड़ने लगी है भैया। जब आप हम दोनों की एक साथ मारेंगे तो उस दिन क्या होंगा उन्हह..आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह....
माँ मेरी चूत को आहह भइया चीर देंगे उन्हह
देवा;तेरी माँ ने तो तुझे यहाँ भेजी है तेरी चूत खुलवाने के लिए चिल्लाती क्यों है। आहह बस थोडी देर दर्द होता है कल भी तू ऐसे ही चीखते चीखते कैसे गाण्ड उछाल उछाल के चुदवा रही थी मेरी प्यारी बहना आह्ह्ह्ह्ह्।
नुतन; भैया आप्प मुझे शादी के बाद रोज़ चोदेंगे ना उन्हह।
देवा;हाँ नूतन हर रात तुझे भी और तेरे पति को भी आह्ह्ह्ह।
नुतन; हाय माँ । मेरे भैया मुझे अपने पति के सामने चोदेंगे उन्हह मै कैसे ले पाऊंगी अपने पति के सामने। उन्हह आहह नूतन का जिस्म झटके खाने लगता है । वो अपने पति के सामने चुदवाने का सोच के झरने लगती है मगर देवा उसे रात भर जगाने वाला था वो सटा सट अपने धक्कों की रफ्तार बरक़रार रखता है।
करीब 30-40 धक्को के बाद नूतन की चूत मे कुछ चिकनाहट आती है और उसकी गान्ड भी देवा की गान्ड के साथ हिलने लगती है, फिर देवा जब कस कर धक्का लगाता तो नूतन भी अपनी चूत को उसके लंड पर मारने लगती है, अब दोनो ओर से पूरी ताक़त से शॉट पर शॉट पड़ने लगते है और नूतन देवा को चूमना शुरू कर देती है और देवा भी नूतन को चूमते हुए उसकी चूत मारने लगता है।
देवा: नूतन की चूत को चोदता हुआ, नूतन कैसा लग रहा है।
नूतन: आह आह भाई बहुत अच्छा और तेज करो ना।
देवा :क्या मेरा लंड बहुत बड़ा है
नूतन: नही बहुत अच्छा है लेकिन रामु भइया से बड़ा है।
देवा नूतन की बात सुन कर मुस्कुराता हुआ उसके होंठो को अपने मुँह मे भर कर उसकी चूत मे सटासट अपने लंड को पेलने लगता है और नूतन अपनी मोटी गान्ड उठा-उठा कर देवा के हर धक्के का जवाब देने लगती है।
लगभग आधे घंटे तक दोनो एक दूसरे की चूत और लंड को एक दूसरे पर मारते रहते है उसके बाद नूतन देवा को पागलो की तरह चूमते हुए ज़ोर-ज़ोर से सीसीयाने लगती है और उसकी चूत बहुत ज़्यादा चिकनी होकर देवा के मोटे लंड को सटासट अपनी चूत मे लेने लगती है और फिर अचानक नूतन देवा को अपनी बाँहो मे कस कर जकड़ लेती है और उसकी चूत देवा के लंड को कस कर जकड़ लेती है और वह पानी छोड़ने लगती है।

देवा भी नूतन की चूत मे सटसट 8-10 धक्के मारता है फिर उसकी चूत मे एक आख़िरी जबरदस्त धक्का मार कर अपने लंड को पूरा नूतन की चूत की गहराई मे फसा कर रुक-रुक कर अपना पानी नूतन की चूत के अंदर छोड़ने लगता है और फिर दोनो एक दूसरे को कस कर चिपक जाते है और गहरी-गहरी साँसे लेने लगते है।

उधर दूसरे रूम में रामु देवकी और कौशल्या तीनो बिलकुल नंगे एक दूसरे से चिपके हुए थे।
रामु का लंड अपनी माँ की चूत में अंदर बाहर हो रहा था और कौशल्या अपने दोनों पैर खोल के देवकी के मुँह पर बैठी हुई थी।
नीचे से पडते हुए धक्कों से देवकी का मुँह खुला हुआ था और ऊपर से अपनी बहु की चूत की महक से उसका बुरा हाल था वो अपने बहु की चूत में ज़ुबान डाल देती है।
कौशल्या;आहह माँ जी मेरी चूत के दाने को काटो न उह आहह आपकी ज़बान मेरी चूत में अंदर तक घुसाओ न माँ जी।
देवकी दोनों हाथों से कौशल्या की चूत को खोल के अपनी ज़ुबान अंदर तक घुसा देती है और कौशल्या की चूत के दाने को मुँह में ले के दाँतों से हल्के हल्के काटने लगती है।

देवकी की चूत से पच प फच फचच की आवाज़ पूरे रूम में गूँजने लगती है । अपने बेटे रामु के लंड से अपनी चूत को नहलाती देवकी आज स्वर्ग में पहुँच चुकी थी। ये सब हो पाया था देवा की वजह से। कहाँ एक वक़्त ऐसा था की छुप छुप के उसे रामु का लंड लेना पडता था और अब कहाँ वो अपनी बहु की चूत चाटते हुए अपने बेटे का लंड अपनी चूत की गहराइयों में ले पा रही थी।
रामू के मुँह के सामने कौशल्या की गाण्ड थी वो देवकी को चोदते हुए अपनी एक ऊँगली अपनी पत्नी की गाण्ड में पेल देता है।
कौशल्या;आहह मादरचोद मेरी गाण्ड मारेगा क्या आह्ह्ह्हह।
रामु;हाँ साली छिनाल तेरी गाण्ड मारूँगा मै। माँ को चोदने के बाद।
कौशल्या;उन्हह मार ना साले बता मुझे तेरे लंड में कितना दम है।
एक पतिवरता पत्नी के मुँह से गालियां सुनके देवकी भी हैरत में थी मगर कौशल्या के मुँह से गालियां सुनके देवकी और ज़्यादा जोश में आ जाती है।
देवकी;आहह भडवे चोद न जम के तुझसे अच्छा तो गली का कुत्ता चोदता है आअह्हह्हह्हहह।
रामु; छिनाल देख अब तेरी चूत का क्या हाल करता हूँ।
रामु अपनी माँ और पत्नी के मुँह से गालियां सुनके पूरी तरह गुस्से में आ जाता है और अपने लंड को सटा सट सटा सट अपनी माँ की गीली चूत में डालते हुए कौशल्या की गाण्ड में भी दो उँगलियाँ पेलने लगता है।
जीस वक़्त देवा नूतन को और रामु देवकी और कौशल्या को चोद रहे थे। उसी वक़्त शालु के घर में ख़ामोशी थी।
शालु अपने रूम में सोई हुई थी।

आज उसका जिस्म पूरी तरह तप चुका था पप्पू की हरकतो ने उसके तन बदन में आग लगा दिया था। अपने बेटे को डांटने वाली उसकी ग़लतियों पर उसे मारने वाली शालु आज खुद अपने बेटे को याद कर रही थी । आज शालु को लंड के बहुत ज़रूरत थी। कहते है औरत को लंड न मिले तो वो पागल सी हो जाती है यही हाल इस वक़्त शालु का भी था। बेड पर पड़े पड़े वो सिर्फ पप्पू के बारे में उसके लंड के बारे में सोच रही थी। वो इतनी ज़्यादा चूदासी हो चुकी थी की उसे किसी भी कीमत में किसी का भी लंड उस वक़्त मिल जाता तो वो उससे चुदवा लेती।
शालु;अपने पति को कोसते हुए सो जाती है तकरीबन एक घंटे बाद शालु को महसूस होता है की कोई उसके कमर को सहला रहा है वो अपने ऑखें खोल के देखती है और पप्पू को अपने क़रीब देख खुश हो जाती है।
पप्पू;अपनी माँ को चोदने के लिए रात में उठके यहाँ आया था।
वो अपनी माँ के पास लेट के उसकी कमर को सहलाते हुए साडी ऊपर सरकाने लगता है।
शालु; पीठ के बल लेट जाती है वो अपनी ऑखें नहीं खोलती बल्कि शायद वो देखना चाहती थी की पप्पू क्या करता है।
पप्पू; धीरे धीरे अपनी माँ की साडी ऊपर तक चढा देता है।
शालु;अपने दिल के धड़कनो को किसी तरह संभाले हुए थी।

पप्पू;एक बच्चे की तरह अपनी माँ की पेंटी सूँघने लगता है। लाल पेंटी और उसके पीछे छुपी हुई हलके झांटो वाली छूट को अब तक सिर्फ पप्पू के बापु ने ही देखा था । आज पप्पू वो दुसरा मरद बनने वाला था जो उस जगह को देखने वाला था।
अपनी माँ की तरफ से किसी किस्म का विरोध न देख पप्पू जल्दबाज़ी में पैंटी निचे खीच देता है और हलके भूरे रंग की बालों वाली शालु की मदमस्त चूत पप्पू के सामने आ जाती है।
उसे देख पप्पू की लूल्ली भी पेंट में उछल कूद करने लगती है।
शालु;थोडी थोडी ऑखें खोल के पप्पू की हरकतो को देख रही थी।
पप्पू;खड़ा होजाता है और अपनी पेंट उतार देता है।
वो बहुत जल्द बाज़ी में था। शालु के दोनों पैरों के बीच में आके वो दोनों पैरों को थोड़ा सा खोल देता है।
शालू सिसक पडती है उसके मुँह से किसी भी वक़्त चीख निकल सकती थी मगर वो खुद को बडी मज़बूती से रोके हुई थी।
की अचानक शालु को अपनी चूत के मूहाने पर कोई गरम सी चीज़ महसूस होती है।


शालु इतनी चुदासी इससे पहले कभी नहीं हुई थी। भूल में वो अपना हाथ पप्पू के लंड के पास ले जाती है बस लंड चूत के अंदर जाने ही वाला था की पप्पू के छोटे से लूल्ली से ठण्डा पानी वही शालु की चूत के ऊपर गिरने लगता है।

पानी निकलते ही पप्पू निढाल से वही लेट जाता है।
शालु उठके बैठ जाती है और जब उसकी नज़र अपनी चूत पर और पप्पू के मुरझाये हुए छोटे से लंड पर पडती है तो उसके दिमाग का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुँच जाता है वो एक लात पप्पू के गाण्ड पर मारती है और पप्पू बिस्तर से निचे जाके गिर पडता है।
शालु;हरामी क्या करने आया था तू यहाँ कमिने तुझे मना की थी न मैंने ऐसे वैसी कोई हरकत करने को।
पप्पू;माँ मै तो मुझे माफ़ कर दो माँ मै ऐसा नहीं करूंगा कभी भी।
शालु का दिमाग इसलिए भी ख़राब हो चुका था की पप्पू उसे बीच मझधार में छोड के आ गया था।

शालु;रुक हरामी की औलाद तू और तेरा बाप दोनों किसी काम के नहीं हो शालु ग़ुस्से में जाके पास में पड़ी हुए चाबुक उठा लेती है और सना सन सना सन फ़ड़ फड़ पप्पू की कमर और पीठ पर पिटाई शुरू कर देती है।
पप्पू;शालु से माफ़ी माँगता रोता तिलमिलाता वहां से भागने के कोशिश करता है। मगर शालु उसके बाल पकड़ के दो तीन चप्पल उसके मुँह पर भी जड़ देती है। बोल हरामी आएगा मेरे पास ऐसे वैसी कोई हरकत करने बोल कुत्ता।
पप्पू;नहीं माँ कभी नहीं आऊँगा मुझे माफ़ कर दे।
ये कहते हुए पप्पु अपनी पिटी हुई गाण्ड ले के वहां से भाग के अपने रूम में चला जाता है और शालु बिस्तर पर बैठ जाती है।

सुबह जब पदमा हवेली में बर्तन साफ़ करने कपडे धोने पहुँचती है तो रुक्मणी उसे अपने रूम में बुला लेती है।

पदमा;जी मालकिन क्या हुआ।
रुक्मणी;पदमा देख ज़रा देवा कहाँ है उसे यहाँ बुला ला। मुझे उससे कुछ काम है।
पदमा;क्या काम है मालकिन।
रुक्मणी;तुझसे मतलब।
उससे कहना बड़ी मालकिन ने बुलाया है और हाँ उसे कहना जागिरदार भी आ गये है।
पदमा;जी मालकिन बोल दूंगी मगर वो मूआ तो मुझे भी दिखाई नहीं दे रहा है। पता नहीं कहाँ रहने लगा है आज कल।
पदमा अपने दिल के चलते रूकमणी के सामने से फौरन जाने लगती है।
रुक्मणी;अब तू पहले जा और मेरा ये संदेशा देवा तक पहुँच आ।
पदमा;हवेली से निकल के देवा की तरफ चली जाती है।
जब वो देवा के घर के सामने पहुँचता है तो देवा उसे घर से बाहर निकलता हुआ दिखाई देता है।
पदमा ग़ुस्से में उसके पास आ जाती है।
क्यूं रे मुझे पेट से करके भूल गया न । तुझे एक पल की भी फुर्सत नहीं तुझे मुझसे मिलने का।
देवा; पदमा की बात सुनके मुस्कुरा देता है अरे नहीं काकी वो मामी और मामा आये हुए है ना । आज चले जाएंगे।
इसलिए घर से बहुत काम निकलता था मै वैसे तू दिख बहुत सुन्दर रही है।
पदमा;देवा की बात पर मुस्कुरा देती है।
चल तू जान भी ले ले मेरी तो कोई गम नहीं बाप जो है मेंरे बच्चे का। तू कमिने अपने मामा मामी के जाने के बाद आईयों मेरे घर । बताती हूँ तुझे मै भी ज़रा।
देवा; अच्छा ये बता इतनी सुबह सुबह यहाँ कैसे।
पदमा;अरे हाँ मै तो भूल ही गई। वो बड़ी मालकिन ने तुझे याद किया है।
बोल रही थी की देवा से कहना की जागिरदार साहब आ गये है।
हिम्मत राव का नाम सुनके देवा को अपना बापु की याद आ जाती है और ऑखों में अंगारे उतर आते है।।
देवा;मालकिन से बोलना मै दोपहर में आ जाऊँगा।
पदमा;ठीक है ये कहके पदमा अपनी कमर मटकाते हुए वहां से चली जाती है और देवा अपने खेत की तरफ निकल जाता है।
 

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