Incest हाय रे ज़ालिम................

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कोमल अपनी चूत को पानी से साफ़ करके अपनी साँसें सँभाल कर बाथरूम से बाहर आती है की तभी वो अपनी बेटी प्रिया से टकरा जाती है।
प्रिया;आहह माँ लग गई मुझे।
कोमल;देख कर नहीं चल सकती।
वो प्रिया से नज़रें चुरा कर अपने रूम में घुस जाती है।
उसे अब तक यक़ीन नहीं हो रहा था की किसी मरद का लंड इतना मोटा और इतना बड़ा भी हो सकता है।
अपने पति के लंड से चुदवाने वाली कोमल ने बहुत कम लंड देखी थी अपनी ज़िन्दगी में। मगर जो ज़हरीला साँप उसने आज देखी थी उसे देखने के बाद उसके दिल में बस एक बात घर कर गई थी की उसे भी उस साँप से अपने आप को डसवाना है उसके ज़हर की चंद बूंदें उसे भी अपने शरीर में लेनी है।
इधर देवा कौशल्या की चूत में अपना लावा निकाल कर नहाने चला जाता है जब वो नहा कर बाहर आता है
तो उसे देवकी और रामु कौशल्या के साथ बातें करते हुए नज़र आते है वो भी उनके पास जाकर बैठ जाता है।
देवा ने बस कमर पर टॉवल लपेट रखा था।
उपर से बिलकुल नंगा।
उसकी छाती पर के घुंघराले बाल दूर से चमक रहे थे।
देवकी;देवा को देख मुस्कुरा देती है।
आओ आओ देवा बैठो मै और रामु अभी अभी खेत से आये तो बहु ने बताया की तू आया है।
देवा;हाँ मामी वो तुम तो जानती हो ममता के रिश्ते की बात शुरु है न तुम्हारे पड़ोस में । उसी सिलसिले में आना हुआ।
देवकी;हाँ हाँ अपनी गरज़ है तो चला आया वरना कहाँ तू अपनी मामी को याद करता है।
खाना खाया की नही।
कौशल्या;वहां से उठके अंदर चलि जाती है और रामु देवा के साथ बातें करने लगता है।
देवकी की नज़र देवा के शरीर से हटने का नाम नहीं ले रही थी।
उसकी चूत में चींटियां जैसे रेंगने लगी थी।
देवा था ही ऐसा। एक बार जो देख ले देखता रह जाए और एक बार जो चुदवा ले बस उसकी चूत को फिर किसी और का लंड नहीं भाता था।
रामु और देवा बातें ही कर रहे थे की वहां कोमल और प्रिया आ धमकते है।
देवा;कोमल को देख उठने लगता है।
ताकी शर्ट पहन ले मगर फिर प्रिया को देख वो अपना इरादा बदल के वैसे ही वही बैठ जाता है।
देवकी;अरे कोमल अच्छा हुआ तू आ गई। मै रामु को भेजने ही वाली थी।
देवा आया है आज।
कोमल;एक कातिल नज़र देवा की तरफ डालते हुए
मै देख चुकी हूँ बहुत पहले ही देवा को।
देवकी;कब।
कोमल;अरे बाहर वो ट्रैक्टर खड़ा है ना मुझे तभी लगा की देवा आया होगा।
देवकी;तू खड़ी क्यों है बैठ ना।
प्रिया बेटी तू भी बैठ जा ।
प्रिया और कोमल देवा के सामने वाली चारपाई पर बैठ जाते है।

देवकी;आँखों के ईशारे से देवा को कपडे पहन कर आने के लिए कहती है मगर देवा टस से मस नहीं होता।
कोमल जिस तरह से देवा से बदन सटा करके आई थी उसके घर से। उस से देवा को एक बात तो पता चल गई थी की कोमल गदराई हुई है। अगर उसे ठीक तरह से पटाया जाए तो बहुत मजा हाथ लग सकता है।
मगर कोमल ममता की होने वाली सास भी थी इसलिए देवा कोई जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता था।
वो सोच कर ही आया था की अगर ये रिश्ता पक्का हो जाता है तो वो कोमल को एक बार ज़रूर पेल देगा।
ताकी ममता को अपने ससुराल में कोई परेशान न कर सके। मगर प्रिया को देख उसके मुँह में खट्टा खट्टा पानी भी आ गया था।
कोमल;भाई देवा तुम यहाँ आये हो तो तुम्हें हमारे घर पर ही रहना पडेगा।
देवकी;ऐसा क्यों भला।
कोमल;वो इसलिए की कल को देवा और उसके परिवार वालो को ये न लगे की उनकी बेटी को कोई परेशानी है।
मेरी भी एक जवान बेटी है । मै भी उसके शादी के वक़्त चार पाँच दिन उसकी होने वाली ससुराल रह कर आऊँगी।
जहां बेटी देते है उन लोगों का रहन सहन भी जानना जरूरी है न।
कोमल;देखो देवा मै खुले विचारों वाली औरत हूँ तुम हमारे घर पर रहोंगे उसके बाद अगर तुम्हें ठीक लगे तो
आगे की बात करना वरना नहीं। आखिर तुम अपनी बहन दे रहे हो हमारे यहां क्यों देवकी सही कहा न मैने।
देवा;हाँ हाँ सोलह आने सही।
देवा;ठीक है काकी जैसा आप चाहे । वैसे भी दोनों घर आमने सामने ही तो है जब दिल चाहे यहाँ जब दिल चाहे वहाँ।
रामु; मामी मुझे बहुत ज़ोरों की भूख लगी है।
देवकी; अभी लगा देती हूँ बेटा। कोमल तू भी खाना खा ले।
कोमाल;नहीं नहीं मै खा चुकी हूँ।
कोमल और प्रिया खड़ी हो जाती है।
देवा;कोमल की कमर को ही देख रहा था की कोमल अचानक से देवा की तरफ पलटती है।
रात का खाना हमारे घर पर खाना देवा बेटा।
देवा;हाँ में सर हिला देता है।
और कोमल अपनी बेटी प्रिया के साथ वहां से चली जाती है।

देवकी;रामु को खाना दे कर देवा के पास चली आती है।
क्यूं रे हरामी क्या सोच कर आया है यहाँ।
कबसे देख रही हूँ दोनों माँ बेटी को घूरे जा रहा है और ऐसे ही नंगा बैठा रहा यहाँ । अरे वो तेरी बहन की होने वाली सास और ननद है। दिमाग जगह पर रख ज़रा।
देवा;मुस्कुराते हुए।
तूम भी न मामी मैंने कुछ किया भी नहीं और तुम हो की बस शुरु हो जाती हो।
देवकी;बहुत अच्छे से जानती हूँ मरदों की जात को मै बेटा। सोचना भी मत ऐसा वैसा वरना रिश्ते से हाथ धोना पड़ेगा और पूरे गांव में बदनामी हो जाएगी हमारी भी।
देवा;देवकी की जांघ पर हाथ रख उसकी चूत के पास सहला देता है।
तेरी चूत का क्या हाल है मामी।
देवकी;श हरामी कही का शुरु हो गया । छोड मुझे बहुत काम है।
देवा;सोच ले मामी मना करेगी तो हाथ भी नहीं लगाऊँगा फिर...
देवकी;मत लगा। तू नहीं लगाएँगा तो मै मर नहीं जाऊँगी। चल हट मेरा बेटा रामु है मेरी देख भाल करने के लिये।
देवा;इधर उधर देखता है और और देवकी के ब्लाउज के नीचे हो चुके ब्रैस्ट को कस के मरोड़ देता है।
देवकी;हाय्य्य्य्य्य्य्य्य्यय्य्य्य रे।
मत कर वो वहां से उठ के रामु के पास चली जाती है।
रात का खाना खाने देवा कोमल के घर चल जाता है।
कोमल;बड़े अच्छी तरह देवा की खातिरदारी करती है। कोमल के पति भी देवा के साथ बैठ कर खाना खाते है।
देवा;कोमल के पति को देख कर सोचने लगता है।
साला ये चूसा हुआ आम किसी बिडी के कारख़ाने का मज़दूर लगता है।
और ये कोमल इसे देख कर लगता है इसे तो इसके जैसे दो भी सँभाल नहीं पाते होगे।
कोमल;दाल ड़ालने झुकती है और अपने आधे से ज़्यादा नंगी ब्रैस्ट देवा के सामने पेश करते हुए कहती है।।
कोमल; लो न देवा बेटा रुक क्यों गए।
देवा;अचानक से अपने ख्यालों में से लौट आता है।
कया हाँ बस बस काकी बहुत खा चूका।
सच में बहुत अच्छा खाना बना है।
कोमल;प्रिया ने बनाया है वो तो मुझे चूल्हे के पास जाने भी नहीं देती।
देवा;उँगलियाँ चाटते हुए प्रिया को देखने लगता है और प्रिया शर्मा कर अंदर चली जाती है।
देवा;अरे ये हरी भाई नज़र नहीं आ रहे।

कोमल; हरी। अरे वो अपने दोस्तो के साथ शिरडी गया हुआ है एक हफ्ते बाद आयेगा। अगर पता होता की तुम आने वाले हो तो रोक लेती।
देवा; अच्छा कोई बात नहीं बाद में मिल लेंगे।
इधर उधर की बाते करने के बाद कोमल एक रूम में देवा के लिए बिस्तर लगा देती है।
कोमल;देवा तुम यहाँ सो जाओ।
देवा; मैं थोड़ा बाहर घूम के आता हूँ।
मुझे खाना खाने के बाद बाहर घुमने की आदत है।
कोमल;ठीक है जब आ जाओ तो यहाँ सो जाना।
देवा;ठीक है कहकर बाहर निकल जाता है।
रात काफी हो चुकी थी। वो गांव में इधर उधर भी नहीं जा सकता था। काफी अँधेरा था। वो देवकी के घर में जाने लगता है।
उसकी नज़र रामु के रूम की तरफ पडती है।
पुरे घर में अँधेरा था बस रामु के रूम में रौशनी थी।
देवा;दिल ही दिल में सोचने लगता है।
चलो देखते है।
रामू कौशल्या भाभी की कैसे लेता है।
वो दबे पांव रामु के रूम की खिडकी के पास जाकर खड़ा हो जाता है।
जैसे ही वो अंदर झाँक कर देखता है।
हैरान रह जाता है।
कौशल्या;नीचे ज़मीन पर गहरी नींद में सोई हुई थी और रामु ऊपर बेड पर नंगा लेटा हुआ था।
और उसके लंड पर देवकी झुकी हुई थी।

रामु;हलकी हलकी सिसकारियां भर रहा था।
देवा ने सुबह कौशल्या की इतनी जम कर चुदाई किया था की वो गहरी नींद में जा चुकी थी।
और उसे वैसे भी इन दोनों माँ बेटे के बीच में रहना ज़्यादा पसंद नहीं था।
रामु;माँ धीरे कर।
कितना चुसेगी खड़ा हो गया न अब।
देवकी;गलप्प गलप्प।
दिल नहीं भरा मेरा चुसने दे गलप्प गलप्पप्प।
वो हरामी देवा भी यहाँ आकर किसी काम का नही
गलप्प गलप्पप्प।
रामु: मैं हूँ न तेरा बेटा रामु देख आज तुझे जन्नत की सैर करवाता हूँ माँ।
रामु;देवा को नीचे लिटा कर उसके ऊपर चढ़ जाता है। और देवकी दोनों पैर खोल कर रामु का लंड हाथ में पकड़ लेती है।
देवकी;बहुत दिल कर रहा है बेटा ज़रा अंदर तक घूस्सा दे इसे आहहहह्ह्ह्ह।

रामु;अपने लंड को अपनी प्यासी माँ की चूत की गहराइयों में पहुंचा देता है मगर शायद वो उस जगह तक नहीं जा पाता। जहाँ देवकी के चूत ख़तम होती थी।

अपने मन को मार कर देवकी अपनी कमर ऊपर उठा उठा कर रामु के लंड को अंदर लेने लगती है
और देवा अपने लंड को सहलाता हुआ वहां से वापस कोमल के घर में लौट आता है।

जब वो कोमल के घर में पहुँचता है तो उसे कुछ खुसुर पुसुर की आवाज़ें सुनाई देती है वो कोमल के रूम में झाँक कर देखता है।

कोमल का पति सिर्फ चड्डी पहने बैठा हुआ था और कोमल अपनी साडी निकाल कर लहँगा खोलने में लगी हुई थी।
कोमल का पति ';क्या बात है आज तो बिना बोले सब उतार रही है।
कोमल; धीरे बोलो घर में मेहमान है।
कोमल; अपना लंहगा उतार कर अपने पति के पास आकर बैठ जाती है और उसकी
चड्डी उतार कर उसका मुर्झाया हुआ लंड हाथ में लेकर हिलाने लगती है।
ये कभी जल्दी खड़ा नहीं होता।
कोमल का पति ;मुँह में ले कर चूस न अभी खड़ा हो जायेंगा।
कोमल झुकती है और अपने पति के लंड को मुँह में लेकर पूरा का पूरा अंदर खीच लेती है गलप्प गलप्प्प चूसने लगती है।
कोमल;सुनो जी आज जल्दी मत निकाल देना तुम्हारा पानी।
कोमल का पति ;तू चिंता मत कर।
वो कोमल की दोनों टाँगें खोल कर अपना लंड उसकी चूत पर घीसने लगता है और उसे कोमल के बड़े से सुराख़ में उतार देता है।
कोमल के चेहरे को देख कर देवा समझ जाता है की कोमल की चूत में लंड जाने से उसे कोई खास फ़र्क़ नहीं पडा।
कोमल अपने एक हाथ से चूत के दाने को मसलने लगती है और उसका पति हाँफता हुआ अपनी कमर को आगे पीछे करने लगता है।
और कुछ ही देर में वो अपना पानी कोमल की चूत के ऊपर निकाल के एक तरफ निढाल सा लेट जाता है।

कोमल दिल ही दिल में अपने पति को गालियां देते हुए ऑंखें बंद कर लेती है।
उसका पानी अब भी नहीं निकला था वो ऑखें बंद करके देवा के लंड के बारे में सोचने लगती है।
और उसे ऐसे लगता है जैसे देवा कौशल्या को नहीं बल्कि उसके दोनों पांव खोल कर चोद रहा है
वो चरम पर पहुँच जाती है और ढेर सारा पानी कोमल की चूत से बहता हुआ जांघो से नीचे बहने लगता है।
देवा;अब भी वही खड़ा सब देख रहा था।
कोमल ऑंखें खोलती है और उसकी नज़र भी दरवाज़े की तरफ चली जाती है देवा वहां से खिसक जाता है और अपनी जगह आकर लेट जाता है।
कोमल के चेहरे पर एक मुस्कान सी फैल जाती है।
तकरीबन दो घंटे बाद।
देवा गहरी नींद में सोया हुआ था।
तभी उसे अपने पांव पर कुछ गीला गीला सा महसूस होता है।
वो धीरे से ऑखें खोल कर देखता है।
कोमल उसके पांव के पास बैठी देवा के पैर का अंगूठा मुँह में लिए चूस रही थी कोमल की ऑंखें बंद थी।

देवा; कौन।
कोमल;घबरा कर वहाँ से दबे पांव अपने रूम में चली जाती है।
और देवा सोचने लगता है।
बहुत जल्द ये चिडीया जाल में फँस जाएगी
 
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हाय रे ज़ालिम................
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Introduction
ये कहानी है भारत के एक छोटे से गाँव अम्बेटकली की।एक छोटा मगर बेहद खूबसूरत गांव में रहता है ।

देवा
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२० साल का ये गबरू जवान।।अपने १० एकड के खेत में खूब दिल लगा के मेहनत करता है । उसे न शराब का शौक है न चरस गांजे का।
बचपन से उसे कसरत और कुश्ती का बहुत शौक रहा है पर सबसे ज़्यादा चाह है उसे चूत की हालाँकि अभी तक उसे ये मिला नहीं है।।
देवा।अपनी माँ रत्ना और छोटी बहन ममता के साथ रहता है।
बाप का साया देवा के सर से पांच साल पहले ही उठ गया था।



रत्ना
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एक गदराई हुई ४० साल की खूबसूरत औरत जो पिछले 5 साल से अपनी चूत की आग अपनी उँगलियों से तो कभी बैगन मूली से शांत करते आ रही है।।पति तो उसका रहा नहीं और बाहर वालो को वो देना नहीं चाहती।।

अपने बेटे देवा को खेती बाड़ी में हाथ बटाने वाली रत्ना बहुत हँसमुख है पर उसकी हँसी के पीछे के दर्द को कोई नहीं समझता उसका अपना बेटा देवा भी नही।

ममता
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देवा की खूबसूरत बहन।
एक 18 साल की चंचल खुबसुरत कुँवारी लड़की है जो अपना समय दिन भर अपने सहेलीयों के साथ बातें करने में गुजारती है उन बातों में सिर्फ सेक्स की बाते होती है।।जल्द से जल्द लंड लेने की उसकी चाह ने उसके दोनों आमो को वक़्त से पहले ही पका दिया है।

देवा का एक दोस्त है।।


पप्पु
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18 साल के पप्पू को बचपन में बैल ने ऐसा लात मारा की उसके पप्पू में हिलने डुलने की ताकत नहीं रही।जीस्म तो अपनी उम्र के हिसाब से बढ़ता गया पर औज़ार छोटा का छोटा रह गया।

पप्पू की माँ

शालु
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एक गरम खून वाली 38 साल की औरत है।जिसका पति तो है पर किसी काम का नहीं। चोदता तो है पर ठीक से नहीं । दिन रात नशे में पड़ा रहने वाला शालु का पति जब घर आता है तो पहले गाली देता है और फिर दो चार धक्के उसके बाद सारी रात शालू अपनी चूत मसलती रहती है या ऊँगली से अपने आप को शांत करती है।

शालु की दो और बेटियां है।
एक रश्मि
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उमर 18 साल अपनी माँ की तरह मदमस्त रहने वाली लड़की।



दूसरी बेटी
नीलम
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एक खामोश तबियत वाली। अपनी दुनिया में जीने वाली लड़की को जब भी कोई देखता है यही कहता है ये साली शालु के पति की नहीं हो सकती।

इसी गांव में एक जागिरदार की हवेली है।जिसमें रहते है।

सेठ हिम्मत राव
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हिम्मत राव इस गांव के जमींदार है उसकी गांव में बहुत चलती है। वो गांव में जो चाहे वो कर सकता है। सभी गांव वाले हिम्मत राव से डरते है। हिम्मत राव ने कुछ गुंडे भी पाल रखे है और उसके पास बंदूके भी है।




उनकी पत्नी - रुक्मणि
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रंग तो इसका जानदार है पर चूत बड़ी नमकीन है।।
ये सेठ हिम्मत राव की दूसरी पत्नी है पहली वाली इस दुनिया में नहीं रही।
रुक्मणी के शादी को 3 साल हो चुके है पर अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ है।

सेठ हिम्मत राव को पहली वीवी से एक बेटी है।

रानी-
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उम्र 19 साल है पर नखरे और अदायें किसी तरह भी 19 वाली के नहीं लगते।घर के लोग इसे परी भी बुलाते है यानि इसका घर का नाम परी भी है। बाप के पैसों को पानी की तरह बहाना इसका शौक है।।घमन्डी नकचढी जो कहना है इसे कह सकते है। बस एक ही चीज़ इस में अच्छी है वो छुपी है बेचारी की जांघों के बीच में।




इस हवेली में एक नौकरानी काम करती है।

पदमा
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रुक्मणी की जायज़ और नाजायज़ हर काम पदमा ही करती है।

और भी लोग है इस गांव में धीरे धीरे वो सभी आपके सामने आयेंगे।
WOW MAST LIST OF HERO HEROINES
 
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देवा;अपने खेत में अपने दोस्त पप्पू के साथ बैठा हुआ था।
सामने पप्पू की कुछ बकरियाँ और बैल चारा खा रहे थे।

आज देवा का मूड कुछ उदास सा था।

पप्पू;क्या बात है देवा बड़ा गुमसुम सा बैठा है।

देवा;अरे यार साली ये भी कोई ज़िन्दगी है सुबह खेत में जाओ दिन भर काम करो और रात को खाना खाके सो जाओ।
इससे अच्छा तो मै कोई बकरा होता कम से कम दिन रात किसी न किसी की बकरी को ले रहा होता।

ओ देख सामने तेरा बकरा कैसे बकरी के ऊपर चढ के घूस्सा रहा है।

पप्पू;उदास मत हो देवा हर कुत्ते का टाइम आता है
अपना भी आयेंगा।

देवा;ये बात सुनके खिलखिलाके हंसने लगता हैं।
साले तू बहुत बड़ा गांडु है।
चल ये बता वो हिम्मत राव की लौंडिया कैसी है।
सुना है कल ही शहर से पढ़ के गांव आई है।
बचपन में देखा था उसे साली बडी चिकनी दिखती थी।
एक दो बार तो छुपा छुपी के खेल में मैंने उसे कस के निचोड़ा था।

पता नहीं उसे याद भी होंगा की नही।

पप्पू;माल तो एक से एक है गांव में पर साली कोई भाव नहीं देती।

देवा;दिल ही दिल में ।
तेरी माँ कम गदराया हुआ माल है क्या।
साली एक बार दे दे बस तो मजा आ जाए।

देवा;वैसे तू क्या करेंगा किसी लड़की को पटा के।
साले तेरा तो इतना छोटा है की किनारे से घुम के वापस आ जाए।

पप्पू;अपना चेहरा इधर उधर घुमाने लगता है।
मुझे जाना है वरना माँ ढूँढ़ते ढूँढ़ते यहाँ तक आ जाएगी।

देवा;पप्पू;के कमर पे हाथ फेरने लगता है।
आज बड़ा दिल कर रहा है पप्पु।
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पप्पू घबरा जाता है उसे पता था देवा का इशारा किस तरफ है।
नही देवा दो दिन पहले तूने बड़ा दर्द दिया है मुझे अभी तक दुःखता है।

देवा;पप्पू को अपनी तरफ खिचता है।
साले नाटक तो ऐसे कर रहा है जैसे तेरी माँ की चूत मांग रहा हूँ।
चल जल्दी कर वरना कोई आ जायेंगा।

पप्पू का दिल ज़ोर से धड़कने लगता है।
पिछले 1 साल पहले शुरू हुआ ये खेल अब देवा के लिए आये दिन की बात थी।
लौंडिया तो कोई हाथ नहीं चढती थी तो पप्पू से ही काम चलाना पड़ता था।

वैसे पप्पू था भी बिलकुल लड़की जैसा।
नाजुक नाज़ुक हाथ पैर पतली सी कमर गोरा चिट्टा जिस्म।

देवा की नज़र तो पप्पू की दोनों बहनो और उसकी माँ शालु पे टिकी हुई थी पर वो सबसे पहले पप्पू को अपनी ऊँगली पे नचाना चाहता था । वो जानता था ये एक बार उसके चंगुल में फँस गया तो वो सब भी नीचे एक दिन आ जाएंगी।

देवा को तो शौक चेरी का था पर अभी तक कोई उसके नीचे आके नहीं पीसी थी।
इससे लिए पप्पू का पो पो बजाता रहता था।

पप्पू की माँ शालु अपने बेटे को ढूँढ़ती ढूँढ़ती देवा के खेत तक आ पहुंची थी । वो बस पप्पु को आवाज़ देने वाली थी की उसे सामने देवा पप्पू के कमर पे हाथ फेरता हुआ और उसे अपने गोद में बैठा के उसके गाल को अपने दाँतो से काटता हुआ नज़र आता है वो वही रुक के सामने का नज़ारा देखने लगती है।

देवा;पप्पू को अपने गोद में बैठा के उसके पेंट के बटनों को खोल के अपना एक हाथ उसके कमर पे रख के हलके हलके उसके नरम कमर को दबा रहा था।

और पप्पू देवा से चिपक के ठण्डी ठण्डी साँसे ले रहा था।

पप्पू;आह जाने देना देवा । कोई देख लेगा आह।

देवा देखने दे कुछ नहीं होता मेरे खेत में कोई नहीं आता।

पप्पू;पर देवा मुझे बहुत दर्द होता है तेरा कितना बड़ा है।

देवा; साले लेते वक़्त तो गाण्ड ऐसे हिलाता है जैसे और जम के लेना है तुझे चल आजा ऊपर।

और देवा वही एक चादर पे लेट जाता है।
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