Incest हाय रे ज़ालिम................

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उस दिन रानी ने लंड तो चूस लिया मगर हिम्मत राव को अपनी चूत नहीं दी।
उसने हिम्मत राव के सामने एक शर्त रखी की वो एक शर्त पे उसे सब कुछ देंगी की अगर वो रुक्मणी को चोदना छोड़ दे और उसे घर से अपनी ज़िन्दगी से हमेशा हमेशा के लिए निकाल दे।

हिम्मत राव मान गया । उसके पीछे भी उसका शैतानी दिमाग कुछ सोच चूका था जिससे रानी अन्जान थी।।उसी दिन हिम्मत राव को अपनी बेटी की कुँवारी चूत मिल गई ।
रानी की कुंवारी चूत को जी भर के चोदा उसने। उसके बाद से तो रानी उसके लिए घर की मुर्गी के समान हो गई थी जिसे रोज दिन हो या रात को रानी के खूबसूरत जिस्म 2 चोदता रहता था।रानी अब उसकी बेटी कम बीबी ज्यादा बन गई थी। और फिर हिम्मतराव ने एक प्लान बनाया जिससे रुक्मणी को भी अपने रास्ते से हटा दिया जाए और देवा के खानदान से बदला लेने का सुनहरा मौका भी मिल जाये।

पिछले 2 साल से रानी शहर में पढ़ रही थी बीच बीच में हिम्मत राव शहर जाके उसके ले लेता पर अब जब रानी हमेशा के लिए गांव आ चुकी है तो हिम्मत राव और रानी मिलके अपने अपने दुश्मनो को ख़तम करने की कसम खा चुके है।
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अपडेट 8

सुबह के 8 बज चुके थे पर देवा था की उठने का नाम नहीं ले रहा था। वो हमेशा सुबह 6 बजे उठके खेत में चला जाता था ।

रत्ना;उसे पिछले 10 मिनट से उठा रही थी पर वो था की हूँ हाँ करता और फिर से सो जाता।

कुछ देर बाद वो अपनी ऑंखें खोलता है तो रत्ना को अपने बिलकुल क़रीब पाता है।

रत्ना;चरस गांजा तो नहीं पीके आया था कल तू। कब से उठा रही हूँ उठता भी नहीं पदमा आई है उठके देख ले क्या कहना है उसे।

पदमा;का नाम सुनके देवा झट से बिस्तर छोड़ देता है और बरामदे में आ जाता है।
पदमा;चारपाई पे बैठी हुए उसका इंतज़ार कर रही थी।
देवा से नज़रे मिलते ही उसकी नज़रो में एक शर्म की लहर दौड जाती है।

देवा;काकी इतनी सुबह सुबह कैसे कुछ काम था क्या।

पदमा;अपनी नज़रे नीचे रख के कहती है।
देवा तुम्हें जागिरदार साहब ने बुलाया है । कहा है देवा को अपने साथ हवेली ले के जाना तुम्हे बडी मालकिन को शहर ले जाना होगा ।

देवा;क्यूं।

पदमा;अरे मालकिन शहर के किसी डॉक्टर साहब से अपना इलाज करवाती है वही ले जाना है।चल जल्दी तैयार हो जा।

रत्ना; बीच में बोल पडती है।
कोई और भी तो जा सकता है ना । देवा ही क्यूं।

पदमा;अब ये मै क्या जानू रतना भाभी। जैसा मालिक ने कहा मैंने कह दिया।

देवा;काकी तुम बैठो मै अभी आता हूँ।

देवा;घर के अंदर चला जाता है कुछ देर बाद वो नहा धो के नाश्ता करने बैठ जाता है।

रत्ना;उसके पास बैठी हुई थी । पता नहीं ये हवेली हमारा पीछा कब छोड़ेगी।
 
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देवा;अरे माँ क्यों फिकर कर रही हो । वैसे भी मै शहर जाने वाला था। अच्छा हुआ एक काम में दो काम हो जाएंगे।

रत्ना; वो तो ठीक है बेटा पर।

ममता;के कानो तक बात पहुँच चुकी थी की देवा शहर जा रहा है वो देवा के पास आके बैठ जाती है। उसे देख रत्ना अपनी बात अधूरी छोड देती है।

ममता; भाई आप शहर जा रहे हो ना तो मेरे लिए क्या लाओगे वहां से।

देवा;क्या चाहिए तुझे।

ममता ; मुझे दो अच्छी सी शलवार कमीज चाहिए और चूडियां और चप्पल भी ।

देवा;मुस्कराता हुआ और कुछ। माँ तुम्हारे लिए क्या लाऊँ।

रत्ना;बस तू घर जल्दी आ जाना मुझे कुछ नहीं चाहिए।

देवा;रत्ना और ममता से मिलके पदमा के साथ हवेली की तरफ चल देता है।

रास्ते में पदमा लँगड़ा के चल रही थी देवा उसे देखकर दिल ही दिल में हंसने लगता है।

देवा;क्या हुआ काकी ऐसे क्यों चल रही हो।

पदमा;उसे घुर के देखने लगती है।

देवा;बोलो न काकी क्या हुआ।

पदमा;कल रात एक कीड़ा मेरे गाण्ड में घुस गया था। बहुत ज़ोर से काटा पूरा सुजा के रख दिया मेरे।
इसीलिए ऐसे चल रही हूँ बस खुश।

देवा;बहुत बड़ा कीड़ा होंगा काकी ये कहते हुए देवा ज़ोर ज़ोर से हंसने लगता है।

पदमा की गाण्ड बुरी तरह सूज गई थी उससे न बैठा जा रहा था और न चला जा रहा था। किसी तरह वो दोनों हवेली पहुँच जाते है।

पदमा;देवा को कहती है की रानी बिटिया से मिल आओ उसे भी शहर से कुछ चीज़ें मँगवानी है।

देवा;रानी के कमरे में चला जाता है वो बिस्तर पे बैठी देवा का ही इंतज़ार कर रही थी।

देवा;को देख वो झट से खड़े हो जाती है और कमरे का दरवाज़ा बंद कर देती है।

देवा;अरे मालकिन आप दरवाज़ा क्यों बंद कर रही है।

रानी;कुछ नहीं कहती और देवा के क़रीब आ जाती है।

देवा;दो कदम पीछे हट जाता है।

रानी;बिस्तर पर बैठ जाती है।देवा यहाँ आके बैठो न मेरे पास।

देवा;नहीं मालकिन मै यही ठीक हूँ।

रानी;तुम आते हो या मै बापू को आवाज़ दुं।

देवा;किसलिये मालकिन।

रानी; मैं बापू से कहूँगी की तुम मेरी कोई बात नहीं सुनते फिर वो तुम्हे खूब डाटेंगे।
 
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देवा; चुपचाप बिस्तर के एक किनारे जाके बैठ जाता है उसके नज़रें नीचे थी वो हिम्मत रव से बहुत डरता था वो क्या गांव का हर इंसान हिम्मत रव से डरता था।

रानी;इधर देखो न मेरे तरफ।



देवा; नज़रें उठाके रानी की तरफ देखता है और फिर नज़रें झुका देता है।

रानी;उसके और पास आ जाती है और देवा का हाथ अपने हाथ में ले लेती है।

देवा;हाथ छुड़ाने की कोशिश करता है पर रानी मज़बूती से उसे पकडे रहती है।
मालकिन हाथ छोडो कोई आ जाएगा।

रानी;तुम तो बिलकुल लड़कियों जैसे हो एकदम डरपोक। अरे कुछ नहीं होंगा कोई आ भी गया तो क्या मै सब सँभाल लुंगी।

देवा;आपने मुझे क्यों बुलाया था।

रानी;ऐसे ही तुम्हारी बहुत याद आ रही थी मुझे । जानते हो जब से तुम्हे देखी हूँ तब से मेरे ऑंखों में सिर्फ तुम बस गए हो। सोते हुए तुम ही दिखते हो खाना खाती हूँ तो तुम्हारा चेहरा सामने आ जाता है। न दिन को चैन है ना रातो को करार है। नस नस में एक दर्द का शुमार है पता नहीं मुझे क्या हो गया है देव।

देवा;के हाथों में पसीना आने लगता है हाथ थर थर काँपने लगते है वो उठ के खड़ा हो जाता है।

रानी;उसके इतने पास आके खडी हो जाती है की रानी की साँसें देवा को अपने छाती पे महसूस होने लगती है।

देवा;बुरी तरह डर गया था रानी की बातों से। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो रानी को क्या कहे।

रानी;बताओ न देवा मुझे क्या हुआ है।

देवा;मुझे मुझे नहीं पता मालकिन आप ऐसी बातें मत करो।

रानी: मैं जानती हूँ मुझे क्या हुआ है।

देवा;क्या क्या हुआ है आपको।

रानी;मुझे तुमसे प्यार हो गया है देवा ।
 
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देवा;का चेहरा पसीने से पूरी तरह भीग जाता है । हाथ पैर ठन्डे पड़ जाते है पदमा को जानवर की तरह चोदने वाला ये हटा कट्टा मरद आज एक लड़की की बातों से भिगी बिल्ली बना खड़ा था।

हकीकत ये थी की देवा जानता था की इस सब का अन्जाम क्या होंगा अगर वो रानी के साथ कुछ करेगा और पकड़ा जायेगा तो उसका इस गांव में जीना मुश्किल हो जाएंगा और सबसे बडी बात हिम्मत राव उसे अपनी बन्दूक से भून के रख दूँगा।

देवा;मालकिन आप कैसे बात कर रही है आप मालकिन है और मै आपका नौकर हूँ।।आपको मुझसे पता नहीं क्या हो गया है पर मै आपको सिर्फ अपनी मालकिन समझता हूँ और कुछ नही।

रानी; अच्छा एक बात बताओ तुम्हें मै कैसी लगती हूँ।सच सच बताना।

देवा;आप बहुत खूबसूरत है।

रानी: हम्म तुम्हें मेरे होंठ कैसे लगते है।

देवा;कुछ नहीं कहता।

रानी;उसके होठो के पास अपने होंठ लाती है।
अब बताओ कैसे लगते है तुम्हें मेरे होंठ।



देवा; अच्छे हैं मालकिन।

रानी;चूमो इन्हें।

देवा;की आँखें फटी की फटी रह जाती है।मूँह से बस एक शब्द निकलता है।
क्या?

रानी; चूमते हो के नही।

देवा;नहीं मालकिन आप इस वक़्त होश में नहीं है मुझे जाने दो। बडी मालकिन मेरा इंतज़ार कर रही होंगी।

रानी ; चूमते हो या बुलाओ बापु को।

देवा;ये सुनते ही अपने होंठ रानी के होंठों से लगा देता है बाकी का काम रानी करने लगती है वो अपने जुबान को देवा के मुंह में घुसा के उसके जुबान को चुसने लगती है।
 
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देवा;की ऑखें बंद हो जाती है साँस धीमे हो जाते है और हाथ पैर कोई हरकत नहीं करता।

कुछ देर बाद जब रानी अपने होंठ देवा के होठो से अलग कर देती है।
उसके होंठ गीले हो चुके थे।

देवा;मुझे जाने दो छोटी मालकिन।

रानी;आगे बढ़ के अपनी ब्रा के ऊपर पहने हुए वो पतली सी टी शर्ट उतारने लगती है।

देवा;उसे ऐसा करता देख बुरी तरह डर जाता है।



रानी; टी शर्ट निकाल के फ़ेंक देती है और देवा के सीने से चिपक जाती है।

मै तुझसे बहुत प्यार करती हूँ देवा। मुझे अपनी बना लो मुझे अपना बना लो।

देवा;रानी के बाजू पकड़ के उसे पीछे धकेलता है ।
आप पागल हो गई है मालकिन। मै आपसे प्यार नहीं करता मुझे ये सब ठीक नहीं लगता।

रानी;उसका हाथ पकड़ के अपने गोरे गोरे ब्रैस्ट पे रख देती है। देख देवा मेरे दिल की धड़कनो में सिर्फ तू बस गया है । अब अगर तू मुझे नहीं मिला तो मै ज़हर खा लूँगी मर जाऊँगी मैं।

देवा;नहीं नहीं मालकिन आप ऐसा मत कहो।
पर सच बात तो यही है की मै आपसे प्यार नहीं करता और जब दो लोगों में से एक इंसान प्यार नहीं करता तो उसे एक तरफा प्यार कहते है ।
अगर आप ज़ोर ज़बर्दस्ती का प्यार चाहती हैं तो ये ठीक बात नहीं है मालकिन।

रानी;ठीक है आज मै कसम खाती हूँ तेरे दिल में भी मेरे लिए प्यार जगा के रहूंग़ी।उसके बाद तू मुझे अपनाये या ठुकरा दे तेरी मरजी।
पर एक शर्त है मेरी।

देवा;कैसी शर्त।
 

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