Incest हाय रे ज़ालिम................

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रामु अपनी बहन नूतन की चूत में धीरे धीरे अपना लंड आगे पीछे करने लगता है
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मगर शायद नूतन को बहुत ज़्यादा तकलीफ हो रही थी वो ज़ोर ज़ोर से चीख़ने लगती है। रामु घबरा जाता है और अपना लंड नूतन के चूत से बाहर खीच लेता है।
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नुतन;माँ मुझे बहुत जलन हो रही है उन्हह्हह्हा।

देवकी;अब बाहर तो निकाल दिया न रामु ने चुप हो जा थोडी देर में आराम मिल जायेगा।
नुतन की चूत का पर्दा फट चुका था । मगर वो पूरी तरह खुली नहीं थी रामु ने बीच रास्ते में नूतन को अधूरा छोड दिया था।
नुतन अपनी चूत पर हाथ रख के सिसकते हुए उसे सहलाने लगती है।
इधर देवा अपनी भाभी कौशल्या की चूत को अंदर तक चिरता चला जा रहा था।
कौशल्या;अपनी ज़ुबान देवा के मुँह में डाले दोनों पैरों को देवा की कमर पर लपेटे कमर उछाल उछाल के लंड का मजा ले रही थी।
देवा; कौशल्या के कान में धीरे से कहता है।
आह भाभी कैसा लग रहा है अपने देवर का आह्हह्हह्हह्हह।
कौशल्या;भी धीमी आवाज़ में देवा के कान में कहती है।
उन्हह देवर नहीं पति हो आप मेरे।
मेरे बच्चे के पिता।
चोदो न जी अपनी दासी को बहुत जलन हो रही है इस में उन्ह।
पास में बैठा रामु और देवकी ये सब देख रहे थे। देवकी रामु के लंड पर झुक जाती है और अपने बेटे के लंड को अपने मुँह में ले के चुसने लगती है गलप्प गलप्प
रामु; माँ धीरे आह्ह्ह्ह्हह्ह्ह।
नुतन की चूत का खून तो साफ़ कर लेती माँ उन्हह।
देवकी मुझे अपनी बेटी की चूत का खून और पानी दोनों चखने है गलप्प गलप्प।
रामु को ज़्यादा चुदाई की आदत नहीं थी एक रात में वो एक या दो बार ही चुदाई कर सकता था । इस खेल का महारथी देवा था । उसका वश चले तो वो औरत को रात भर सोने ही न दे।
देवकी कुतिया की तरह अपनी गाण्ड रामु की तरफ घुमा देती है और रामु पीछे से अपने लंड को देवकी की खुली हुई चूत के मुहाने पर लगा देता है।
देवकी;अब्ब डाल भी दे । देख न तेरी पत्नी कैसे तेरे भाई से कमर उछाल उछाल के चुदा रही है आअह्हह्हह्हहहह डाल दे बेटा आअह्हह्हह्हह।

रामु दोनों हाथों में देवकी की कमर को पकड़ के पच की आवाज़ के साथ अपना लंड देवकी की चूत में उतार देता है आहह माँ।

देवकी दोनों हाथों से बिस्तर पकड़ लेती है और अपने कमर को आगे पीछे करने लगती है।
आअह्हह्हह्हह ओह्ह्हह्ह ऐसे ही आआआहह चोदता रह बेटा हां अपनी माँ को चोदता रह आआआहहह्ह्ह्ह मेरे लाल इसलिए तो मैंने तुझे जनी थी उन्हहह्ह्ह।

नुतन की चूत की जलन कम हो चुकी थी और अब उस में चुदाई की आग भडकने लगी थी । एक तरफ एक बेटा अपनी माँ को और दूसरी तरफ एक देवर अपनी भाभी को चोद रहा हो तो किसकी चूत में चीटियां नहीं रेंगेगी।
लागतार धक्कों की वजह से कौशल्या तीसरी बार झड चुकी थी वो निढाल हो जाती है मगर देवा का लंड अब भी शांत नहीं हुआ था।
देवा;अपना लंड कौशल्या की चूत से निकाल लेता है एक नज़र वो देवकी और रामु की तरफ ड़ालता है दोनों अपने चुदाई में मस्त थे। कुछ फासले पर नूतन ऑखें फाड़े दोनों को देख रही थी । देवा मुस्कराता हुआ नूतन के पास चला जाता है।

जैसे ही दोनों की ऑखें चार होती है नूतन शर्मा जाती है।
देवा;का कड़क लटकता हुआ लंड देख नूतन की चूत ज़ोर से चीख़ मारती है।
शर्म के मारे नूतन अपने दोनों हाथों से अपना चेहरा छुपा लेती है।
वो अभी भी नंगी थी।
देवा;अपने दोनों हाथों से नूतन के दोनों पैरों को खोल देता है और अपने लंड को ठीक नूतन की चूत के ऊपर रख के घीसने लगता है।
नुतन; उन्हह भैया उन्हह।
दबी दबी सी आवाज़ नूतन के मुँह से निकलने लगती है। एक तरफ वो चुदना भी चाहती थी दूसरी तरफ दर्द से डर भी रही थी।
देवा लगातार अपना लंड नूतन की चूत पे घिसता रहता है और अपने दोनों हाथों को नूतन की पीठ के निचे डालके उसे उठाके बैठा देता है। जैसे ही नूतन उठके बैठती है देवा अपने मुँह में नूतन की ब्रैस्ट खीच लेता है और उसके निप्पल को चूसने लगता है।

नुतन;आहह तड़प उठती है अचानक हुए इस हमले के लिए वो तैयार नहीं थी । नीचे से चूत की घिसाई और ऊपर से अपने निप्पल की चुसाई से नूतन का बुरा हाल था । वो अपने उँगलियों को देवा के बालों में फँसा लेती है।

देवा;गलप्प गलप्प गलप्प।
नुतन ; उन्हह भैया मुझे दर्द होता है ना आहह मत करो न छोड दो मुझे। तुम्हारा तो रामु भाई से बड़ा है उन्हह।
देवा;मेरी बहना एक बार तेरी चूत अंदर तक खुल जाये उसके बाद तु खुद अपनी कमर उछालते हुए मेरा लंड लेगी।
बोल लेगी न अपने देवा भैया का लंड अपनी चूत में।
नुतन शर्मा के अपना चेहरा छुपा लेती है।
देवा दोनों हाथों से नूतन की चूतड़ मसल देता है।
बोल लेगी न अंदर तक मेरा लंड।
नुतन ; आहह मुझे नहीं पता।
देवा;अभी पता चल जायेगा।
चल ज़रा इसे मुँह में लेके चूस तो ज़रा।
नुतन ; नहीं गन्दा लगता है मुझे।
देवा;तेरी माँ को चोदूँ। चूत में लेना गन्दा नहीं लगता मुँह में लेना गन्दा लगता है चल ले जल्दी से।
नुतन देवा के सामने बैठ जाती है और ड़रते ड़रते देवा के लंड का सुपाडा अपनी मुँह में पकड़ लेती है। वो उसे बस होठो से पकडे हुए थी। अंदर बाहर नहीं कर रही थी।

देवा;आहह साली मुँह में ले के चूस ना।
मगर नूतन नहीं करती।
तभी उन दोनों के पास कौशल्या आ जाती है।
और नूतन के मुँह में से लंड निकाल के कौशल्या अपने मुँह में ले लेती है।
कौशल्या;गलप्प गलप्प गलप्प।
नुतन अपनी बडी बडी ऑखों से देखने लगती है।
देवा;नूतन जा तू जा के सो जा तेरे बस का नहीं है। तू अभी बच्ची है। देख तेरी माँ और भाई भी सो गए है।

रामु और देवकी चुदाई से थके एक दूसरे की बाहों में पड़े पड़े गहरी नींद में सो चुके थे।
नुतन को गुस्सा आ जाता है और वो कौशल्या के मुँह में से लंड बाहर निकाल के अपने मुँह में हलक तक खीच कर चूसने लगती है गलप्प गलप्प।

देवा;आहह वो अपने लंड को धीरे धीरे नूतन के मुँह में अंदर बाहर करने लगता है।
पास बैठी कौशल्या अपनी एक ऊँगली निचे से नूतन की चूत में घुसा देती है।
नुतन उछल जाती है मगर देवा ने अपने दोनों हाथों से उसका सर पकडा हुआ था । नीचे से कौशल्या की रफ़्तार तेज़ होने लगती है और ऊपर से देवा का लंड सटासट अंदर बाहर होने लगता है।

तीनो बुरी तरह गरम हो चुके थे। आखिर कार चूत की गर्मी से परेशान होके नूतन अपने भाई देवा की ऑखों में ऑंखें डाल के बोल ही देती है।

नुतन ; भैया चोदो मुझे मेरी चूत में तुम्हारा ये लंड डाल भी दो। आहह चीर के रख दो अपनी बहन की चूत को भैया।
देवा और कौशल्या मुस्कुरा देते है और देवा नूतन के दोनों पैरों को पूरी तरह खोल देता है ।अपने लंड को पहले कौशल्या के मुँह में डालके गीला करने के बाद देवा उसे नूतन की चूत पे लगा देता है।
कौशल्या जानती थी की देवा का लंड रामु के लंड से बड़ा और मोटा भी है और नूतन बुरी तरह चीखेगी।
वो अपना मुँह नूतन के मुँह पे लगा देता है।
और इधर देवा अपने लंड की ताकत नूतन को बता देता है।
देवा;का लंड सब कुछ फाड़ते हुए चूत के दिवारों को गिराते हुए अंदर तक अपनी जगह बना लेता है आह्ह।


नुतन;चीख भी नहीं पाती क्यूंकि उसका मुँह कौशल्या ने अपने मुँह में लिया होता है इधर बिना रुके दना दन देवा धक्कों की बौछार कर देता है वो नूतन को सँभलने का मौका भी नहीं देता ताबड़तोड़ वो नूतन की चूत का कचुमर बना देता है जितना खून रामु भी नहीं निकाल पाया था उससे कई गुना ज़्यादा खून देवा कुछ ही धक्कों में नूतन की चूत से निकाल देता है।
नुतन की साँस फूल जाती है ऑखें बाहर की तरफ निकल आती है वो ठीक तरह से साँस भी नहीं ले पाती है। जैसे ही कौशल्या अपना मुँह नूतन के मुँह से अलग करती है एक दर्दनाक चीख़ नूतन के मुँह से निकलती है।
अगर ममता और रत्ना गहरी नींद में नहीं सो रहे होते तो वो भी भाग के यहाँ आ चुके होते।
नुतन अपने आप को सँभालती है उसका दर्द कम करने के लिए कौशल्या उसके निप्पल को मुँह में ले के चुसने लगती है।
देवा;आहह बहुत छोटी और टाइट चूत है भाभी नूतन की आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
कौशल्या;तो कर दो न बडी तुम्हारे लंड से चुदेगी तो कितने दिन छोटी रह पायेगी।
नुतन ;आहह भाभी उहँन मेरी चूत चीर गई लगता है। आअह्हह्हह्हह।
कौशल्या;चीरी नहीं नूतन खुल गई है अब। असली जवानी का मजा चखा है तूने। अब पता चलेगा तुझे की चूत चीज़ क्या है और लंड का स्वाद क्या होता है।
कौशल्या एक कपडे से नूतन की चूत का खून साफ़ करती है।
देवा का लंड सटा सट अंदर बाहर होने लगता है।
देवा नूतन को स्पीड में चोद रहा था कभी कभी वह अपना लंड नूतन की चूत से निकाल कर कौशल्या के मुँह में पेल देता है जिसे कौशल्या चूसने लगती है। फिर देवा अपने लंड को एक ही झटके में नूतन की चूत में घच से पेल देता है।नूतन को भी अब धीरे धीरे मज़ा आने लगा था।वह भी अपनी गांड उठाकर देवा से चुदवाने लगती है।

देवा की होंठो को पीने लगती है।देवा पूरी ताकत से नूतन को पेलने लगता है नूतन भी देवा को अपनी बाहों में कस लेती है और झड़ने लगती है।जिंदगी का सबसे बड़ा सुख आज उसे मिल गया था।

उस रात तीनो बिलकुल नहीं सोते । सुबह सुबह देवा कपडे पहनके अपने कमरे में चला जाता है और कौशल्या देवकी और रामु को भी कपडे पहनने के लिए जगा देती है।

सुबह सुबह देवा नहा धोके अपने खेतो की तरफ चल देता है।
घर में सब अपने अपने काम में लगे हुए थे। बस नूतन बिस्तर पे पडी हुई थी। उससे चला भी नहीं जा रहा था।
ममता और रत्ना से कौशल्या ने कह दिया था की नूतन का मासिक हफ्ता( पिरियड़) आज से शुरू हुआ है इसलिए वो लेटी हुई है।
ममता नूतन के पास जाके बैठ जाती है।
क्यूं री बाहर क्यों नहीं आई तु।
नुतन ; मेरी तबियत ख़राब है।

ममता नीचे से ऊपर तक नूतन को देखती है नूतन का चेहरा गुलाब की तरह खिला हुआ था होठो पर हंसी रुक नहीं रही थी। ऑंखों की चमक साफ़ बता रही थी की कुछ तो हुआ है नूतन को।
ममता रूम का दरवाज़ा बंद करके वापस नुतन के पास जाके बैठ जाती है।
और नूतन की सलवार उतारने लगती है।
नुतन; क्या कर रही है मुझे । कोई देख लेंगा।
ममता ; चुप कर मुझे कुछ देखना है।
नुतन घबरा जाती है और अपनी सलवार का नाडा पकड़ लेती है।
नही मुझे नहीं देखना तू जा अभी।
ममता ; तुझे मेरी कसम नूतन अगर तूने मुझे रोका तो।
नुतन सलवार का नाडा छोड देती है और ममता झट से सलवार के साथ साथ पेंटी भी नीचे खीच लेती है।
और जो हक़ीकत उसकी ऑखों के सामने आती है उसे देख ममता के होश उड़ जाते है।
शर्म के मारे नूतन अपने चेहरे को अपने दोनों हाथों से छुपा लेती है।
नुतन की चीरी हुई चूत साफ़ साफ़ बता रही थी की रात भर उसे बुरी तरह चोदा गया है । ममता जानती थी की ये काम किसने किया है मगर उसे उस इंसान पर गुस्सा नहीं बल्कि प्यार आ रहा था।
ममता एक हल्की सी चपत नूतन की चूत पे मारके वहां से बाहर निकल जाती है।
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देवा;आहह साली मुँह में ले के चूस ना।
मगर नूतन नहीं करती।
तभी उन दोनों के पास कौशल्या आ जाती है।
और नूतन के मुँह में से लंड निकाल के कौशल्या अपने मुँह में ले लेती है।
कौशल्या;गलप्प गलप्प गलप्प।
नुतन अपनी बडी बडी ऑखों से देखने लगती है।
देवा;नूतन जा तू जा के सो जा तेरे बस का नहीं है। तू अभी बच्ची है। देख तेरी माँ और भाई भी सो गए है।

रामु और देवकी चुदाई से थके एक दूसरे की बाहों में पड़े पड़े गहरी नींद में सो चुके थे।
नुतन को गुस्सा आ जाता है और वो कौशल्या के मुँह में से लंड बाहर निकाल के अपने मुँह में हलक तक खीच कर चूसने लगती है गलप्प गलप्प।

देवा;आहह वो अपने लंड को धीरे धीरे नूतन के मुँह में अंदर बाहर करने लगता है।
पास बैठी कौशल्या अपनी एक ऊँगली निचे से नूतन की चूत में घुसा देती है।
नुतन उछल जाती है मगर देवा ने अपने दोनों हाथों से उसका सर पकडा हुआ था । नीचे से कौशल्या की रफ़्तार तेज़ होने लगती है और ऊपर से देवा का लंड सटासट अंदर बाहर होने लगता है।

तीनो बुरी तरह गरम हो चुके थे। आखिर कार चूत की गर्मी से परेशान होके नूतन अपने भाई देवा की ऑखों में ऑंखें डाल के बोल ही देती है।

नुतन ; भैया चोदो मुझे मेरी चूत में तुम्हारा ये लंड डाल भी दो। आहह चीर के रख दो अपनी बहन की चूत को भैया।
देवा और कौशल्या मुस्कुरा देते है और देवा नूतन के दोनों पैरों को पूरी तरह खोल देता है ।अपने लंड को पहले कौशल्या के मुँह में डालके गीला करने के बाद देवा उसे नूतन की चूत पे लगा देता है।
कौशल्या जानती थी की देवा का लंड रामु के लंड से बड़ा और मोटा भी है और नूतन बुरी तरह चीखेगी।
 
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हिम्मत राव की तरफ से इजाज़त मिलने से बिंदिया की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था उसे अपनी मंज़िल क़रीब दिखाई देने लगी थी। जिस मक़सद से उसने हिम्मत को अपनी चूत के जाल में फंसाई थी वो मक़सद जल्द पूरा होने वाला था।
एक साथ नहाने के बाद दोनों हिम्मत राव और बिंदिया हवेली की तरफ चल देते है।
बिंदिया ने लाल कलर की सिल्क की साडी पहनी हुई थी पीछे से ब्लाउज बहुत लो कट था। बड़े बड़े ब्रैस्ट बाहर की तरफ लटके हुए थे।
अपने दोनों ब्रैस्ट की नुमाईश करते हुए बिंदिया हँस हँस के हिम्मत से बाते कर रही थी और हिम्मत राव कार चलाने से ज़्यादा बिंदिया की तरफ देख रहा था।

उधर खेत में देवा अपने काम में लगा हुआ था काम में उसका मन नहीं लग रहा था। रात की बात उसे ज़्यादा याद आ रही थी।
अपनी भाभी कौशल्या की चिकनी चूत और नूतन का वो छोटा सा सुराख़ जिस में ठूँस ठूँस के उसने रात भर बेचारी की जम के चुदाई किया था।
जब भी नूतन की चूत का ख्याल देवा को आता उसका लंड सलामी देने लगता । लुंगी में होने के कारण देवा का लंड फूल गया था वो बार बार अपने लंड को जांघों में दबा दबा के काम करने लगता।
खेत में के मज़दूरों को खाना खाने की छूट्टी देके वो कुंवे के मुंडेर पर बैठ जाता है। उसे भी भूख लगी थी घर से निकलते वक़्त उसने रत्ना से कहा भी था की उसका खाना खेत में ही भिजवा देना । मगर रत्ना अभी तक खाना ले के नहीं आई थी।
बार बार देवा की नज़रें रास्ते की तरफ जाने लगती है की तभी उसे दूर से ममता आते दिखाई देती है।
जब ममता क़रीब पहुँचती है तो देवा उसे देखता ही रह जाता है।
उसने शायद नूतन की सलवार कमीज पहनी थी।
नुतन ममता से थोडी दुबली थी जिसकी वजह से उसके कपडे ममता को बहुत टाइट फिट बैठे थे।
सलवार इतनी फिट थी की ममता के मोटे मोटे दोनों कमर साफ़ पीछे की तरफ उभरे दिखाई दे रही थी ब्रैस्ट की साइज और गोलाइयां देवा ठीक ठीक बता सकता था । अपने चेहरे पे मुस्कान लिए ममता देवा को अपना हुस्न दिखा रही थी।
ममता; अब देखते ही रहोगे या फिर कुछ करोगे भी भइया।
देवा;क्या।
ममता; मेरा मतलब है भूख नहीं लगी क्या। चलो खाना खा लो।
देवा;माँ नहीं आई।
ममता;माँ को घर में बहुत काम है मैंने सोचा मै ही तुम्हें दे आती हूँ खाना।
देवा;जल्दी से दे दे मेरी बहना।
ममता; मैं तो कब से देने के लिए तैयार हूँ भाई आप ही नहीं लेते।

देवा;मुस्कुराता हुआ ममता की तरफ बढ़ता है और उसके हाथ में से खाने की टोकरी लेके अचानक से ममता के लाल गुलाबी गालों को चूम लेता है।

ममता के जिस्म में बिजली सी दौड जाती है।
उन्हह क्या करते हो भइया।
देवा;आज मेरी बहना बहुत प्यारी लग रही है।
क्या एक भाई अपने बहन को प्यार भी नहीं कर सकता।।
ममता धीमी आवाज़ में देवा से कहती है की
भाई तो जो चाहे वो कर सकता है।
खास कर आप देवा भाई मैंने कब रोकी हूँ।
देवा;अपनी बहन को कस के अपने चौड़े छाती से चिपका लेता है।
दोनो बड़े बड़े कठोर ब्रैस्ट देवा की छाती में दबते चले जाते है।

ममता; उन्हह दबी दबी सी आवाज़ ममता के हलक से निकल जाती है अपनी जवानी के आग में जलती ममता के चूत अब उसका साथ बहुत कम देने लगी थी । सुबह जब से उसने अपनी बहन नूतन की चीरी हुई कटी हुई चूत देखी थी। तब से उसकी चूत का कतरा कतरा पानी गिर रहा था और उसके पेंटी को गीला कर रहा था । आज वो अपनी चूत की आग बुझाने के मक़सद से ही देवा के पास आई थी मगर शायद देवा कुछ और चाहता था वो एक बार फिर से अपनी बहन ममता के गाल मगर थोड़ा होठो के क़रीब चूम लेता है।
इस बार ममता के होठो का कुछ हिस्सा भी देवा चूम लेता है और निचे बैठ जाता है।
ममता खाना लगा देती है और देवा के पास ही बैठ जाती है।
देवा;तूने खाना खाया।
ममता;हाँ खा ली।
देवा;आज तो बहुत भूख लगी है मुझे।
ममता;मुझे भी।
देवा;क्या।
ममत की नज़रें देवा के जिस्म को घुरने लगती है जब उसकी नज़रें उस हिस्से पे पहुँचते है जो ममता के लिए सबसे खास था तो वो हैरान रह जाती है।
देवा की लुंगी में उभार साफ़ दिखाई दे रहा था।
ममता के मुँह से अचानक ही निकल जाता है।
हाय दैया।
देवा; क्या हुआ ममता।
ममता ; मुँह पर दुपट्टा रख के अपनी हंसी छुपा लेती है।
कुछ नहीं आप खाना खाओ।
देवा;खाना खाने लग जाता है।
ममता;भाई रात में आप कहाँ थे।
देवा;चौंक के ममता की तरफ देखता है।
मै मै वो मै अपने कमरे में था और कहाँ होऊँगा............. क्यु।
ममता;नहीं रात में मै पानी पीने उठी थी आपके कमरे में भी पानी रखने चली गई तो आप वहां नहीं थे।
देवा;नहीं नहीं शायद मै शौचालय(टॉयलेट) में गया होऊंगा।
ममता; अच्छा हाआआ हो सकता है।

देवा की पेशानी पे पसीना देख ममता दिल ही दिल में हंसने लगती है । वो जानती थी देवा रात में कहाँ था और किसके साथ था। उसे भी अफ़सोस इस बात का था की वो वहां नहीं थी।

ममता; भाई रक्षा बंधन आ रहा है आप मुझे क्या देने वाले हो।
देवा;क्या चाहिए तुझे।
ममता;वो जो आज तक आपने मुझे कभी नहीं दिया।
देवा;गौर से ममता की तरफ देखने लगता है।
तू लेगी जो मै दूंगा तुझे।
ममता;बड़े प्यार से भला आपकी दी हुई कोई भी चीज़ मेरे लिए अनमोल होंगी और रक्षाबन्धन के दिन तो आप मुझे प्यार से दोगे ना। मै भी बड़े प्यार से लुंगी।
देवा;सोच ले कही तुझे पसंद नहीं आया तो।
ममता; ऐसा हो ही नहीं सकता।
वैसे क्या देने वाले हो।
देवा;वो मै तुझे उसी दिन दूंगा। जब तू बांधेंगी।
ममता; क्या।
देवा; राखी।
ममता; हाँ बांधूंगी ना।
दोनों अपने अपने जज़्बात एक दूसरे से खुल के नहीं मगर लिपे पुते शब्दो में कह चुके थे।


ममता जान चुकी थी की देवा उसे बहुत ही खास तोहफ़ा देने वाला है राखी के दिन और देवा ने क्या सोचा था ये तो सिर्फ देवा ही बेहतर जानता था।
देवा; अच्छा अब तू जा मै थोड़ा काम निपटा के घर आ जाऊँगा।
ममता;बर्तन और बाकि के चीज़ें उठाके घर की तरफ चल देती है उसकी कमर इस अदा में मटक रही थी की देवा अपने लंड को सहलाये बिना नहीं रह पाता।
देवा;दिल ही दिल में सोचने लगता है।
अगर ये मेरी सगी बहन नहीं होती तो अभी के अभी इसे चोद देता.....

शालु;अपने घर में बैठी सब्ज़ि काट रही थी रश्मि के चले जाने से घर बहुत सूना सूना सा लगने लगा था। नीलम तो घर में रहते हुए भी नहीं है ऐसे लगती थी। बहुत कम बात करने की उसकी आदत की वजह से।
पप्पू;शालु के सामने बैठा हुआ था और नीलम शालु के पीठ के पीछे बैठी रोटिया बना रही थी।
शालु ने साडी पहन रखी थी। पूरे गांव में रत्ना और शालु के ब्रैस्ट के जैसे बड़े बड़े ब्रैस्ट किसी औरत के नहीं थे। बड़े होने के साथ साथ एकदम सुडौल भी थे और जब भी वो साडी पहनती थी ब्लाउज को फाड़ के बाहर निकलने को बेताब रहते थे शालु के दोनों ब्रेस्ट।
पप्पू;की हरामि नज़र अपनी माँ की दोनों ब्रैस्ट पर ही थी।

माँ रश्मि के चले जाने से घर कितना सूना सूना लग रहा है ना।

शालु;नज़रें उठाके पप्पू की तरफ देखती है।
और उसे अपने दोनों ब्रैस्ट को घूरता देख थोडा हड़बड़ा जाती है।
उसकी नजरे झुक जाती है।
हाँ सूना सूना तो हो गया है।
कोई बात नहीं तेरी दुल्हन आ जाएंगी न फिर तुझे ऐसा नहीं लगेंगा।
पप्पू;माँ तुम भी न । वो माँ की बात पे शरमाता हुआ नीचे बैठ जाता है और अपना सर शालु की गोद में डाल देता है । शालु पलक बंद करके बैठी हुई थी जिसकी वजह से पप्पू के मुँह के सामने शालु के दोनों ब्रैस्ट लटकने लगते है।
शालु;अपने बेटे के सर पर हाथ फेरते हुए फिर से सब्ज़ि काटने लगती है।

मगर इस बार शालु के दिल की धड़कने थोड़े बढी हुई थी।
क्यूंकि पप्पू की गरम साँसे शालु अपने ब्रैस्ट पर महसूस कर रही थी।
पिछले कई महिनो से उसकी चूत चूदी नहीं थी। देवा को भी मना कर चुकी थी और उसका पति बस गाण्ड मरवाने भर के लायक रह गया था । ऐसे में चूत की आग दिन ब दिन सुलगती ही जा रही थी ऐसे में पप्पू के इस तरह उसे घूरना आग में घी का काम कर रहा था।
पप्पू;अपने चेहरे पर शालु की साडी का पल्लू ले लेता है
और अपनी ज़ुबान बाहर निकाल के हलके से शालु की ब्रैस्ट पर फेरता है।
ब्लॉउस के ऊपर से ही उसे ऐसे महसूस हो रहा था जैसे वो सच में ब्रैस्ट पर ज़ुबान फेर रहा हो।
शालु; काँप जाती है।
उसे अजीब ही लग रहा था। पहली बार पप्पू ने ऐसी कोई हरकत किया था मगर उसे पप्पू के इस हरकत पर ग़ुस्सा नहीं आ रहा था । वो अपने काम में लगी रहती है।
ये देख पप्पू की हिम्मत और बढ़ जातती है और वो पूरी ज़ुबान बाहर निकाल के शालु के ब्रैस्ट पर फेर देता है।
शालु;उन्हह करके रह जाती है।
पप्पू अपनी माँ के गोद में ऐसे सोया हुआ था जैसे कोई बच्चा दूध पीते वक़्त माँ की गोद में सोता है।
पप्पू की हिम्मत और बढ़ने लगती है और इस बार वो पूरा मुँह खोल के शालु के निप्पल को मुँह में पकड़ लेता है।

एक हलकी सी सिसकी शालु के मुँह से निकलती है और उसका एक हाथ पप्पू के सर पर चला जाता है।
जैसे कोई माँ अपने बच्चे को दूध पिलाते हुए सर सहलाती है।
पप्पू;अब्ब पूरी तरह समझ गया था की शालु भी क्या चाहती है वो.....
अपनी गरदन थोड़े नीचे करके शालु के चिकने पेट को चूम लेता है । दूध की तरह सफेद और मखमल की तरह नरम मुलायम शालु के पेट को चुमते ही पप्पू का छोटा सा लंड पहला सलामी देता है।
शालु;मज़बूती से पप्पू का सर पकड़ लेती है।
वो सब्ज़ि काटना बंद कर देती है । उसकी ऑखें बंद हो जाती है।
पप्पू;मौके का फायदा उठाते हुए एक ऊँगली से शालु की ब्लाउज को ऊपर की तरफ सरकाने लगता है मगर ब्लाउज बहुत टाइट था वो अपने जगह से हिलता भी नही।
दो चार कोशिशो के बाद भी पप्पू नाकाम ही रहता है।
वो ज़ोर से अपनी माँ के निप्पल को काट लेता है।
शालु;आहह माँ।
नीलम;क्या हुआ माँ।

शालु;उन्हह नहीं कुछ नहीं चाकू चुभते चुभते बच गया।

नीलम;संभाल के माँ।
पप्पू;फिर से शालु का निप्पल ब्लाउज के ऊपर से मुँह में ले लेता है।
शालु;अपने बेटे पर तरस खाते हुए थोड़ा सा झुकती है। जिसकी वजह से उसके दोनों ब्रैस्ट और नीचे की तरफ लटकने लगते है और ब्लाउज की पकड़ थोडी ढीली पड़ जाती है।
पप्पू;जल्दी से एक तरफ के ब्लाउज को थोड़ा ऊपर चढ़ा देता है और वैसे ही बिना ब्रा वाली खूबसूरत मुलायम ब्रैस्ट पप्पू के मुँह के सामने आ जाती है।
नीलम को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।
शालु;भी हैरान थी की वो क्या कर रही है पप्पू की छोटी से छोटी गलती पर उसकी पिटाई कर देने वाली शालु को उसकी चूत ने इतना बेबस कर दी थी की वो खुद अपने बेटे के मुँह में अपना निप्पल देने को तैयार हो गई थी।

पप्पू;लपक के निप्पल को मुँह में भर लेता है और भूखे बच्चे की तरह शालू के ब्रैस्ट में से दूध निकालने की कोशिश करने लगता है।
गलप्प गलप्प गलपप।
शालू;उन्हह उन्हह आहह दबी दबी आवाज़ में सिसकने लगती है उसकी आवाज़ नीलम के कानो तक नहीं जा रही थी मगर पप्पू आसानी से सुन सकता था की शालु कितनी गरम हो चुकी है।
लगभग १० मिनट तक पप्पू शालु के ब्रैस्ट और निप्पल को चूसते रहा और अचानक ही शालु की पकड़ पप्पू के सर पर और मज़बूत हो जाती है वो चार पांच झटके लेती है और पप्पू के सर पर से हाथ हटा देती है।
पप्पू;अब्ब भी निप्पल मुँह में लिए हुए था।
शालु;उसके मुँह में से निप्पल को निकाल लेती है और अपना ब्लाउज ठीक करके खड़ी हो जाती है।
वो जल्दी से सब्ज़ि की टोकरी एक तरफ रख के बाथरूम की तरफ लपकती है।
पप्पू;अपनी माँ के कमर को पीछे से देखता है शालु की कमर पर बड़ा सा गीला गीला पानी का निशान बना हुआ था।
पप्पू दिल ही दिल में मुस्कुरा देता है और घर के बाहर निकल जाता है।
रास्ते में उसकी मुलाकात देवा से होती है।
और दोनों बातें करते हुए देवा के घर की तरफ चलने लगते है।


इधर हिम्मत और बिंदिया हवेली पहुँच चुके थे।
अपने बापु को कई दिनों बाद देख जहाँ रानी का ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। वही बिंदिया को देख दिल में कुछ उलझन भी थी। वैसे ही सवाल रुक्मणी के दिल में भी उठने लगे थे। जब उन दोनों ने हवेली के बाहर हिम्मत राव के साथ बिंदिया को भी कार से उतरते हुए देखते है।
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ममता; भाई रक्षा बंधन आ रहा है आप मुझे क्या देने वाले हो।
देवा;क्या चाहिए तुझे।
ममता;वो जो आज तक आपने मुझे कभी नहीं दिया।
देवा;गौर से ममता की तरफ देखने लगता है।
तू लेगी जो मै दूंगा तुझे।
ममता;बड़े प्यार से भला आपकी दी हुई कोई भी चीज़ मेरे लिए अनमोल होंगी और रक्षाबन्धन के दिन तो आप मुझे प्यार से दोगे ना। मै भी बड़े प्यार से लुंगी।
देवा;सोच ले कही तुझे पसंद नहीं आया तो।
ममता; ऐसा हो ही नहीं सकता।
वैसे क्या देने वाले हो।
देवा;वो मै तुझे उसी दिन दूंगा। जब तू बांधेंगी।
ममता; क्या।
देवा; राखी।
ममता; हाँ बांधूंगी ना।
दोनों अपने अपने जज़्बात एक दूसरे से खुल के नहीं मगर लिपे पुते शब्दो में कह चुके थे।


ममता जान चुकी थी की देवा उसे बहुत ही खास तोहफ़ा देने वाला है राखी के दिन और देवा ने क्या सोचा था ये तो सिर्फ देवा ही बेहतर जानता था।
देवा; अच्छा अब तू जा मै थोड़ा काम निपटा के घर आ जाऊँगा।
ममता;बर्तन और बाकि के चीज़ें उठाके घर की तरफ चल देती है उसकी कमर इस अदा में मटक रही थी की देवा अपने लंड को सहलाये बिना नहीं रह पाता।
 
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देवा और पप्पू दोनों देवा के घर की तरफ चल पडते है।
देवा;क्या बात है बेटा बहुत कलियाँ खिल रही है तेरी। बात क्या है।
पप्पू; बात ही कुछ ऐसी है भाई।
देवा;अब बोल भी दे तेरे पेट में तो कोई बात ज़्यादा देर तक रुकती नहीं चल बता । क्या बात है।
पप्पू;भाई आज न कमाल हो गया।
देवा;क्या।
पप्पू;पहले यहाँ बैठो।
पप्पू देवा का हाथ पकड़ के एक नीम के पेड़ के निचे बैठा देता है।
वो न आज मै माँ के गोद में सोया हुआ था।
पप्पू धीरे धीरे करके देवा को सारी बात बता देता है
देवा;बड़े गौर से पप्पू की बात सुन रहा था और पप्पू के हर शब्द पर देवा के लंड की नसे मोटी होते जा रही थी।
आखीर शालु को तो देवा भी कितने दिनों से पेलना चाहता था मगर जब से शालु ने उसे धमकाई थी उस दिन से देवा की गाण्ड फटी पड़ी थी मगर आज जब पप्पू उसे बड़े चाव से अपने और शालु की बात सुना रहा था तो देवा को भी महसूस होने लगता है की शायद कुछ बात बन जाए।

पप्पू;भाई डर भी बहुत लग रहा है और दिल भी और कुछ करने को उछल रहा है।
बालो न भाई मै क्या करूँ।
देवा;अब्बे डर मत बस धीरे धीरे तेरी माँ के और क़रीब होता जा । तू देख कुछ ही दिनों में वो खुद अपना लंहगा उतार के तेरे पास चलि आएगी।
पप्पू;सच भाई मगर मुझे माँ से डर बहुत लगता है कही उसने मेरी पिटाई कर दी तो.....
देवा;नहीं करेगी बस तू थोड़ा धीरज रख के काम लेना।
जल्दबाज़ी में काम बिगड सकता है उसके बाद तो हर रात अपनी माँ को पेल सकता है अपने इस छोटे से लूल्ली से।
ये कहते हुए देवा अपने हाथ में पप्पू की लूल्ली पकड़ लेता है।
पप्पू;आहह आहह क्या करते हो कही भी शुरू हो जाते हो भाई तुम तो...
देवा;एक बार और पप्पू के लूल्ली मरोड़ के देवा खड़ा हो जाता है।
चल अब चलते है माँ रास्ता देख रही होगी।
पप्पू;तुम जाओ मै घर जा रहा हूँ।
देवा;ठीक है।
और दोनों अपने अपने घर चले जाते है।

देवा;दिल ही दिल में सोच रहा था की साली शालु कितनी छिनाल है मैंने हाथ लगाया तो मुझे धमकी दे रही थी और खुद के बेटे को लाइन दे रही है।

कोई बात नहीं आखिर पप्पू की असलियत तो सिर्फ मै जानता हूँ और जिस दिन शालु को पता चलेगी उस दिन क्या होगा।
वह मुस्कुरा देता है और घर में दाखिल हो जाता है।
रत्ना;आँगन में बैठी भैंस का दूध दुह रही थी।
उसकी साडी जांघो तक चढ़ चुकी थी और भैंस से ज़्यादा बडी बडी उसकी चूचियां सामने की तरफ लटकी हुई थी।
अपनी माँ को इस रूप में देवा ने कई बार देखा था मगर आज पप्पू की बाते सुनने के बाद उसका दिल अपनी माँ को गौर से देखने को कर रहा था।
रत्ना निचे से ऊपर तक कसी हुए औरत थी।
बडे बड़े मोटी मोटी कमर पेट एकदम चिकना मोटे भरे हुए ब्रैस्ट और उस पर सबसे ज़्यादा दिल छू लेने वाले उसके होंठ जो हर दम रस से भरे हुए रहते थे। देवा के बापु की मौत के बाद से किसी ने भी उन्हें पिया नहीं था।
रत्ना को महसूस होता है की कोई उसके पीछे खड़ा है।

वो गरदन घुमा के पीछे की तरफ देखती है।
अरे बेटा आ गया तु।
देवा;हाँ माँ अभी आया हूँ क्या हुआ भैंस दूध नहीं दे रही क्या।
बडी देर से तुम इसकी थन सहला रही हो।
रत्ना;हाँ रे देख न आज कल तो बस सहलाना ही ज़्यादा पडता है।
देवा;रुक जाओ मै सहला देता हूँ।
भैंस का दूध निकालने से पहले उसके थन को तेल से मालिश करना पडता है।
देवा;अपनी माँ के पीछे बैठ जाता है और रत्ना थोड़े आगे की तरफ खिसक जाती है।
रत्ना के हाथ भैंस के थन पर थे। दोनों हाथ तेल से भिगे हुए थे। देवा अपने हाथ पर भी तेल लगा के थनो की मालिश करने लगता है।
पीछे से देवा का लंड शायद रत्ना की गाण्ड के दरार में चूभ रहा था इसलिए वो बार बार आगे की तरफ सरकने लगती है।
देवा;अपने हाथों को रत्ना के हाथों पर रख देता है और उसे थन पे दबाने लगता है।
देखो माँ ऐसे कस के मालिश करने से जल्दी दूध निकलता है।
रत्ना को ऐसे महसूस हो रहा था जैसे देवा तेल लगा के उसकी चूचियों की मालिश कर रहा है।
हाँ रे तू तो बड़ा अच्छा मालिश करता है मुझे तो आती भी नही।
देवा: मैं हूँ न माँ मेरे होते हुए तुम्हें चिंता करने की कोई ज़रूरत नही।
रत्ना;तेरा ही तो सहारा है बेटा। बस तेरे लिए तो जिए जा रही हूँ मैं।
देवा का लंड पूरे तरह खड़ा हो चुका था और धोती में से उसका नोक सीधा रत्ना के गाण्ड की दरार में चुभने लगता है।
रत्ना;आहह ।
देवा;क्या हुआ माँ
रत्ना;कुछ नहीं शह्ह्ह्ह्ह।
उसकी सिसकारियां बता रही थी की उसे कुछ हो रहा है इससे पहले की देवा और कोई हरकत करता देवकी मामी वहां आ जाती है।

देवकी;अरे देवा किसका दूध निकाल रहा है।

दोनो माँ बेटे चौंक के देवकी की तरफ देखते है।
रत्ना;खड़ी हो जाती है और अंदर चली जाती है।
देवकी और रत्ना का मज़ाक का रिश्ता था। दोनों एक दूसरे से मज़ाक भी बहुत करती थी मगर अकेले में। आज देवकी ने ऐसी बात कह दी थी की दोनों माँ बेटे शर्मा गए थे।
देवा;खड़ा हो जाता है और देवकी के पास आ जाता है
अभी तो भैंस का दूध निकाल रहा था रात में आपका निकालूँगा मामी।
देवकी;हलकी सी चपत देवा के गाल पे मारती है।
जितना दूध निकालना है आज रात निकाल ले क्यूंकि कल हम जा रहे हैं अपने गाँव।
देवा;इतनी जल्दी अभी अभी तो तुम सब आये हो।
देवकी;अरे तेरी मामा का न दिल घर में लगता है और वहां भी तो देखना पड़ेंगा न रामु खेत खलियान सब नौकरों के भरोसे छोड़ के आया है।
देवा का चेहरा उतर जाता है।
देवकी;अरे मेरा राजा बेटा तू चिंता क्यों करता है।
तेरा दिल बेहलाने के लिए कौशल्या को कुछ दिन यहां छोड के जा रही हूँ।
देवा के चेहरे पर कौशल्या का नाम सुन के चमक आ जाती है और वो देवकी के गले लग के दोनों हाथों से ज़ोर से देवकी की कमर को दबाके अलग हो जाता है।
देवकी;बेशर्म कही का चल हाथ मु धो ले।
रात का खाना खाने के बाद सभी ऑगन में बैठे बातें कर रहे थे। सिर्फ नूतन अपने कमरे में लेटी हुई थी देवा उठके अंदर चला जाता है।


नुतन बिस्तर पर बेसुध सोई हुई थी। उसका चेहरा चाँदनी की तरह चमक रहा था। देवा उसके पास जाके बैठ जाता है और झुक के उसके होठो पर अपने होंठ रख देता है।
नुतन उन्हह करके कसमसाके उठ जाती है।
क्या है सोने दो ना भइया।
देवा;इधर उधर देखता है अभी भी बाहर से सभी के हंसने बोलने की आवाज़ सुनाई दे रही थी। देवा जल्दी से अपनी धोती को निचे गिरा के अपना लंड हाथ में पकड़ लेता है । नूतन की चिकनी चूत की खुशबु सूँघते हुए तो वो यहाँ आया था।
नुतन अब भी ऑखें बंद किये सोई हुए थी । अचानक उसे अपने होठो पर कुछ गरम गरम महसूस होता है वो थोड़े से ऑखें खोल के देखती है और फिर दूबारा बंद कर देती है।
देवा;अपना लंड पकड़ के नूतन के होठो पर फेरने लगता है।
नुतन की चूत चीर ज़रूर गई थी । उसे देवा के लंड की मार से बुखार भी आ गया था मगर चुदाई के ललक उसके दिल में शोर मचा रही थी।
कुछ देर बाद नूतन अपना थोड़ा सा मुँह खोल देती है।

देवा लंड को एक झटका देता है और नूतन का पूरा मुँह खुल जाता है और देखते ही देखते लंड आधे से भी ज़्यादा अंदर चला जाता है।

नुतन अपनी ज़ुबान उस पर फेरती है और ऑखें बंद किये ही उसे चुसने लगती है गलप्प गलप्प।

देवा नूतन का सर पकड़ लेता है आहह चूस ले नूतन सब बाहर हैं कोई नहीं आने वाला आहह । आज रात तेरी गाण्ड भी मारनी है। आह्ह्ह।
नुतन का जिस्म थरथराने लगता है चूत की ठुकाई से तो उसे बुखार आ गया था और अब देवा गाण्ड मारने की बात कर रहा था । मगर डर से नहीं बल्कि जोश में नूतन और गहराई तक देवा के लंड को अपने मुँह में खीच खीच के चूसने लगती है गलप्प गलप्प।
देवा;अपनी गरदन को घुमाके दरवाज़े की तरफ देखता है और ममता को वहां खड़े देख चौंक जाता है।
ममता वहां से निकल के अपने रूम में चली जाती है।
देवा;अपना लंड नूतन के मुँह से निकाल के लुंगी पहन लेता है और ममता के पीछे उसके रूम में चला जाता है।
अंदर जाते ही वो दरवाज़ा बंद कर देता है।
ममता आईने के सामने देवा की तरफ पीठ करके खड़ी थी।
देवा; ममता।
ओ बड़े प्यार से उसका नाम पुकारता हे
ममता;जाओ यहाँ से भैया मुझे आपसे बात नहीं करनी।
देवा;अपने बहन के पास चला जाता है और पीछे से उसे अपनी बाहों में समेट लेता है।
ममता; छोड़ो मुझे आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी।
देवा;क्या हुआ नाराज़ है मुझसे। इधर देख मेरी तरफ वो ममता का हाथ पकड़ के उसे अपनी तरफ घुमा देता है और जो वो देखता है वो देख के उसका दिल धडकना बंद कर देता है।
ममता रो रही थी।
देवा; ये क्या तू रो क्यों रही है।
ममता;कुछ नहीं हुआ मुझे। आप जाओ यहाँ से मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी।
देवा के लिए ये एक बहुत बड़ा धक्का था ममता दिल ही दिल में उसे प्यार कर बैठी थी। इस बात से देवा अन्जान था।
वो सब देख सकता था मगर अपनी बहन की ऑखों में ऑसू नही।
देवा;ममता को अपने चौड़े छाती से लगा लेता है।
मुझे नहीं पता था मेरी बहन मुझसे इतना प्यार करती है।।

ममता सिसक पडती है।
बहुत बहुत बहुत प्यार करती हूँ भइया मै आपसे और जब भी किसी और औरत के साथ आपको देखती हूँ तो मेरे तन बदन में आग लग जाती है आप ऐसा कैसे कर सकते हो।
देवा;अपनी बहन की पेशानी चूम लेता है।
मै भी तुझसे बहुत प्यार करता हूँ क्या करुं वो हमारे मेहमान है और मेहमानो का तो ख्याल रखना पडता है ना।
ममता को देवा की बात सुनके हंसी आ जाती है और वो दो तीन मूक्के देवा की छाती में जड़ देती है जाओ तुम तुम न बड़े वो हो।

देवा के क़रीब ममता इससे पहले कभी नहीं आई थी

उसकी चूचियां देवा की छाती से चिपकी हुई थी और बातों बातों में देवा का एक हाथ ममता की कमर तक पहुँच गया था।
देवा;मुझे भूख लगी है ममता।
ममता; आपने खाना तो खाया ना।
देवा;हाँ मुझे दूध पीना है।
ममता;रुको अभी लाती हूँ।
वो वहां से जाने लगती है मगर देवा उसका हाथ पकड़ लेता है और अपनी एक ऊँगली उसके ब्रैस्ट(चूची) पर रख के उसकी ऑखों में देखते हुए कहता है मुझे इससे दूध पीना है।

ममता देवा की बात समझ के शरमा के अपना मुँह दूसरी की तरफ मोड लेती है।
देवा आगे बढ़ता है और दोनों हाथों से उसे पकड़ के अपनी तरफ करता है जैसे ही ममता उसकी तरफ अपना चेहरा घुमाती है। देवा अपने होंठ उसके गाल पर रख के चूम लेता है।
ममता; ऑखें बंद कर लेती है भैया उन्हह
काई आ जाएंगा ना।
उन्हह।
देवा इस बार अपने होठो से उसके गाल को चुमता हुआ ममता के होठो तक पहुँच जाता है और जैसे ही दोनों के होंठ आपस में टकराते है एक चिंगारी सी दोनों के बदन में पैदा हो जाती है।
दोनो की ऑखें बंद हो जाती है और होठ एक दूसरे से चिपक जाते है।
देवा और ममता खुद को हवा में उड़ता महसूस करते है। पहली बार भाई बहन का प्रेम परवान चढा था। ममता जो अपने भाई से बेहद प्रेम करती थी और देवा जो अपनी बहन की खूबसूरती का दिवाना था । आज एक दूसरे के इतना क़रीब होने पर उन्हें यक़ीन नहीं हो रहा था की ये सब सच में हो रहा है।
देवा;अपने हाथों से ममता की कमीज ऊपर सरका देता है और दोनों अनछुई खूबसूरत गुलाबी निप्पल वाली ममता की चुचियाँ देवा के मुँह के सामने आ जाती है।

ममता शरमा के अपने दोनों ब्रैस्ट पर हाथ रख देती है।
देवा दोनों हाथों को वहां से हटा देता है और ममता के कान में धीरे से कहता है।
तूझ पर सबसे ज़्यादा अधिकार मेरा है अगर मुझसे छुपाएँगी तो किसी बतायेगी।
ममता दोनों हाथों को हटा देती है और देवा के सर को कस के पकड़ लेती है सर के बालों को दोनों हाथों में जकडने से देवा के होंठ सीधा ममता के मख़मली ब्रैस्ट से चिपक जाते है और देवा मुँह खोल देता है गलप्प गलप्प।

ममता उन्हह भइया आहह भइया आहह सस्सस्सस्स माँ।
देवा;पागल हो गया था अपनी बहन के निप्पल को देख के । इससे पहले किसी मरद ने इन्हें छुआ तक भी नहीं था । आज ममता कुछ भी मना करने के मूड में नहीं थी। चूत से कतरा कतरा पानी निकल रहा था । चूत के दोनों परदे इतनी ज़ोर से रगड खा रहे थे। जैसे कोई आंधी में कच्चे घर की छत हिलने लगती है।

रात गहरी हो चुकी थी हवेली में सभी सो चुके थे। हिम्मत राव रुक्मणी के पास लेटा हुआ था।

उसे नींद नहीं आ रही थी।
जब रानी और रुक्मणी ने सुबह उसे बिंदिया के बारे में पूछी थी तब तो उसने बता दिया था की ये उसके एक दोस्त की बीवी है और कुछ दिन यह हमारे साथ रहेगी। मगर अब उसे इस बात की चिंता सताए जा रही थी की रुक्मणी और रानी के होते हुए वो बिंदिया को चोदेंगे कैसे और अगर दोनों में से किसी ने उसे बिंदिया के साथ देख लिया तो तब क्या होगा उधर रानी भी अपनी चूत की आग में जल रही थी।
हिम्मत राव एक नज़र अपने बीवी की तरफ ड़ालता है। रुक्मणी सोई हुए थी हिम्मत राव का दिल तो कर रहा था की अभी रुक्मणी का गला घोंट के उसकी जान ले ले । मगर वो मजबूर था अगर रुक्मणी की मौत अचानक हो जाती तो उसकी सारी जायदाद उसके हाथ से निकल जाता। वो तो रुक्मणी को ग़ायब करना चाहता था हमेशा हमेशा के लिए और वो भी बदनाम करके देवा के साथ।
हिम्मत राव उठ के बिंदिया के रूम की तरफ चल पडता है।
बिंदिया को मेहमानखाने में ठहराया गया था।
हिम्मत के जाने के कुछ देर बाद रुक्मणी की आँख खुल जाती है। अपने पति को अपने पास न पा के रुक्मणी परेशान हो जाती है। उनके रूम का दरवाज़ा खुला हुआ था । वो उठके बाहर निकल जाते है बिंदिया के रूम के बती जली हुई थी । रुक्मणी को थोड़ा शक होता है और वो दबे पांव उस रूम के खिडकी के पास जाके रुक जाती है।
खिड़की बंद थी और दरवाज़ा भी मगर खिडकी में एक चीड था उस चीड में आँख लगा के रुक्मणी अंदर झाँकती है और जो उसे दिखाई देता है वो देख उसकी पांव के नीचे की ज़मीन ही खिसक जाती है।

बिंदिया ; आहह मालिक धीरे से चोदो न आह्ह्ह्ह।
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नुतन अब भी ऑखें बंद किये सोई हुए थी । अचानक उसे अपने होठो पर कुछ गरम गरम महसूस होता है वो थोड़े से ऑखें खोल के देखती है और फिर दूबारा बंद कर देती है।
देवा;अपना लंड पकड़ के नूतन के होठो पर फेरने लगता है।
नुतन की चूत चीर ज़रूर गई थी । उसे देवा के लंड की मार से बुखार भी आ गया था मगर चुदाई के ललक उसके दिल में शोर मचा रही थी।
कुछ देर बाद नूतन अपना थोड़ा सा मुँह खोल देती है।

देवा लंड को एक झटका देता है और नूतन का पूरा मुँह खुल जाता है और देखते ही देखते लंड आधे से भी ज़्यादा अंदर चला जाता है।

नुतन अपनी ज़ुबान उस पर फेरती है और ऑखें बंद किये ही उसे चुसने लगती है गलप्प गलप्प।

देवा नूतन का सर पकड़ लेता है आहह चूस ले नूतन सब बाहर हैं कोई नहीं आने वाला आहह । आज रात तेरी गाण्ड भी मारनी है। आह्ह्ह।
नुतन का जिस्म थरथराने लगता है चूत की ठुकाई से तो उसे बुखार आ गया था और अब देवा गाण्ड मारने की बात कर रहा था । मगर डर से नहीं बल्कि जोश में नूतन और गहराई तक देवा के लंड को अपने मुँह में खीच खीच के चूसने लगती है गलप्प गलप्प।
देवा;अपनी गरदन को घुमाके दरवाज़े की तरफ देखता है और ममता को वहां खड़े देख चौंक जाता है।
 
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बिंदिया ; आहह धीरे से चोदो न मालिक। उन्हह..............आअह्हह्हह्हह।
रुक्मणी को यक़ीन नहीं होता की वो जिस इंसान को भगवन की तरह पुजती थी वो कितना बड़ा शैतान है। अपने पति के लिए जान दे देने वाली रुक्मणी का भरोसा आज पूरी तरह टूट चुका था। वो वहां खड़े रहके उन दोनों को देख नहीं सकती थी। वो अपने रूम में आके लेट जाती है और सुबह होने का इंतज़ार करने लगती है।

ईधर देवा के घर में रात अपने पूरे शबाब पर चढ़ने वाली थी । रत्न और ममता तो कब की सो चुकी थी मगर मेहमान जग रहे थे। साथ में देवा भी अपने रूम में सोया नहीं था।
वो उठके देवकी के रूम की तरफ चल पडता है की तभी देवकी उसे सामने से आती दिखाई देती है।
देवकी;देवा के पास आके रुक जाती है।
क्या बात है कहाँ जा रहा है।
देवा; मैं तो आपके ही पास आ रहा था।
देवकी;नहीं तू अपने रूम में जा।
देवा;क्यों कल तो तुम जाने वाली हो ना मामी।
आज की रात ही तो है हमारे पास।
देवकी;तू अपने रूम में जा । मै अभी आती हूँ वहाँ।
देवा तो नूतन की चिकनी चूत चखने के लिए वहां जा रहा था भला उसे जवान के सामने कहाँ बूढी चूत पसंद आने वाली थी मगर वो देवकी को कुछ बोल भी नहीं पाता और चुप चाप अपने रूम में जा के देवकी का इंतज़ार करने लगता है।
कुछ देर बाद उसके रूम में कोई आता है और वो जो थी वो देवकी तो नहीं थी जब वो देवा के क़रीब आती है तो देवा ख़ुशी के मारे उछल पडता है वो और कोई नहीं बल्कि नूतन थी।
नुतन ;क्या बात है भैया आपने मुझे बुलाया था।
देवा;मैने।
नुतन ;हाँ माँ कह रही थी के तुमने मुझे बुलाया है कुछ काम है।
देवा को समझते देर नहीं लगती की मामी ने आज उसके रात का इन्तज़ाम कर दिया है इसका मतलब था आज की रात बस देवा और नूतन एक साथ एक रूम में बिना किसी परेशानी के खुल के कुछ भी कर सकते है।
देवा;उठके दरवाज़े के पास चला जाता है और जल्दी से दरवाज़ा बंद कर देता है।
नुतन भी तब तक जान चुकी थी की क्या होने वाला है मगर वो चुप चाप खडी रहती है। गाण्ड का सुराख़ अभी तक खुला नहीं था इसलिए थोडी झिझक अभी बाकी थी।
वो अपनी नज़रें झुकाये ज़मीन को देखते हुए अपने अँगूठे से ज़मीन कुरेदने लगती है दिल की धड़कने थी की थमने का नाम ही नहीं ले रही थी।

बस कुछ दिन बहना फिर तो तुझे यही आना है मेरे पास। पप्पू के साथ मिलके तुझे रोज़ चोदुंगा मैं।

नुतन ;चौंक जाती है आपके दोस्त के साथ।
देवा;हाँ बड़ा गांडु है तेरा होने वाला पति जबतक मुझसे गाण्ड नहीं मरवा लेता उसे नींद नहीं आती।
नुतन ;क्या आपने उनकी गाण्ड मारा है।
देवा;नूतन को लिटा देता है और पीछे से उसका एक पैर अपने ऊपर ले के लंड उसकी चूत पर टीका देता है।
हाँ कई बार उसकी गाण्ड मार चुका हूँ मै और एक दिन तुम दोनों पति पत्नी की गांड एक साथ मारूँगा।
ये कहते हुए देवा अपना लंड नूतन की चूत में घुसा देता है।

नूतन अपनी चूत में सरकते हुए इस ज़हरीले साँप की वजह से चीख पडती है मगर वक़्त पर देवा उसके मुँह पर अपना मुँह लगा देता है। जिससे नूतन की चीख देवा के मुँह में उत्तर जाती है। धक्कों की वजह से नूतन को सँभलने का मौका भी नहीं मिलता।
नुतन; उन्हह आपने मेरे होने वाली पति की गाण्ड मारी ये सोच के ही मेरी चुत पानी छोड़ने लगी है भैया। जब आप हम दोनों की एक साथ मारेंगे तो उस दिन क्या होंगा उन्हह..आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह....
माँ मेरी चूत को आहह भइया चीर देंगे उन्हह
देवा;तेरी माँ ने तो तुझे यहाँ भेजी है तेरी चूत खुलवाने के लिए चिल्लाती क्यों है। आहह बस थोडी देर दर्द होता है कल भी तू ऐसे ही चीखते चीखते कैसे गाण्ड उछाल उछाल के चुदवा रही थी मेरी प्यारी बहना आह्ह्ह्ह्ह्।
नुतन; भैया आप्प मुझे शादी के बाद रोज़ चोदेंगे ना उन्हह।
देवा;हाँ नूतन हर रात तुझे भी और तेरे पति को भी आह्ह्ह्ह।
नुतन; हाय माँ । मेरे भैया मुझे अपने पति के सामने चोदेंगे उन्हह मै कैसे ले पाऊंगी अपने पति के सामने। उन्हह आहह नूतन का जिस्म झटके खाने लगता है । वो अपने पति के सामने चुदवाने का सोच के झरने लगती है मगर देवा उसे रात भर जगाने वाला था वो सटा सट अपने धक्कों की रफ्तार बरक़रार रखता है।
करीब 30-40 धक्को के बाद नूतन की चूत मे कुछ चिकनाहट आती है और उसकी गान्ड भी देवा की गान्ड के साथ हिलने लगती है, फिर देवा जब कस कर धक्का लगाता तो नूतन भी अपनी चूत को उसके लंड पर मारने लगती है, अब दोनो ओर से पूरी ताक़त से शॉट पर शॉट पड़ने लगते है और नूतन देवा को चूमना शुरू कर देती है और देवा भी नूतन को चूमते हुए उसकी चूत मारने लगता है।
देवा: नूतन की चूत को चोदता हुआ, नूतन कैसा लग रहा है।
नूतन: आह आह भाई बहुत अच्छा और तेज करो ना।
देवा :क्या मेरा लंड बहुत बड़ा है
नूतन: नही बहुत अच्छा है लेकिन रामु भइया से बड़ा है।
देवा नूतन की बात सुन कर मुस्कुराता हुआ उसके होंठो को अपने मुँह मे भर कर उसकी चूत मे सटासट अपने लंड को पेलने लगता है और नूतन अपनी मोटी गान्ड उठा-उठा कर देवा के हर धक्के का जवाब देने लगती है।
लगभग आधे घंटे तक दोनो एक दूसरे की चूत और लंड को एक दूसरे पर मारते रहते है उसके बाद नूतन देवा को पागलो की तरह चूमते हुए ज़ोर-ज़ोर से सीसीयाने लगती है और उसकी चूत बहुत ज़्यादा चिकनी होकर देवा के मोटे लंड को सटासट अपनी चूत मे लेने लगती है और फिर अचानक नूतन देवा को अपनी बाँहो मे कस कर जकड़ लेती है और उसकी चूत देवा के लंड को कस कर जकड़ लेती है और वह पानी छोड़ने लगती है।

देवा भी नूतन की चूत मे सटसट 8-10 धक्के मारता है फिर उसकी चूत मे एक आख़िरी जबरदस्त धक्का मार कर अपने लंड को पूरा नूतन की चूत की गहराई मे फसा कर रुक-रुक कर अपना पानी नूतन की चूत के अंदर छोड़ने लगता है और फिर दोनो एक दूसरे को कस कर चिपक जाते है और गहरी-गहरी साँसे लेने लगते है।

उधर दूसरे रूम में रामु देवकी और कौशल्या तीनो बिलकुल नंगे एक दूसरे से चिपके हुए थे।

रामु का लंड अपनी माँ की चूत में अंदर बाहर हो रहा था और कौशल्या अपने दोनों पैर खोल के देवकी के मुँह पर बैठी हुई थी।
नीचे से पडते हुए धक्कों से देवकी का मुँह खुला हुआ था और ऊपर से अपनी बहु की चूत की महक से उसका बुरा हाल था वो अपने बहु की चूत में ज़ुबान डाल देती है।
कौशल्या;आहह माँ जी मेरी चूत के दाने को काटो न उह आहह आपकी ज़बान मेरी चूत में अंदर तक घुसाओ न माँ जी।

देवकी दोनों हाथों से कौशल्या की चूत को खोल के अपनी ज़ुबान अंदर तक घुसा देती है और कौशल्या की चूत के दाने को मुँह में ले के दाँतों से हल्के हल्के काटने लगती है।

देवकी की चूत से पच प फच फचच की आवाज़ पूरे रूम में गूँजने लगती है । अपने बेटे रामु के लंड से अपनी चूत को नहलाती देवकी आज स्वर्ग में पहुँच चुकी थी। ये सब हो पाया था देवा की वजह से। कहाँ एक वक़्त ऐसा था की छुप छुप के उसे रामु का लंड लेना पडता था और अब कहाँ वो अपनी बहु की चूत चाटते हुए अपने बेटे का लंड अपनी चूत की गहराइयों में ले पा रही थी।
रामू के मुँह के सामने कौशल्या की गाण्ड थी वो देवकी को चोदते हुए अपनी एक ऊँगली अपनी पत्नी की गाण्ड में पेल देता है।
कौशल्या;आहह मादरचोद मेरी गाण्ड मारेगा क्या आह्ह्ह्हह।
रामु;हाँ साली छिनाल तेरी गाण्ड मारूँगा मै। माँ को चोदने के बाद।
कौशल्या;उन्हह मार ना साले बता मुझे तेरे लंड में कितना दम है।
एक पतिवरता पत्नी के मुँह से गालियां सुनके देवकी भी हैरत में थी मगर कौशल्या के मुँह से गालियां सुनके देवकी और ज़्यादा जोश में आ जाती है।
देवकी;आहह भडवे चोद न जम के तुझसे अच्छा तो गली का कुत्ता चोदता है आअह्हह्हह्हहह।
रामु; छिनाल देख अब तेरी चूत का क्या हाल करता हूँ।
रामु अपनी माँ और पत्नी के मुँह से गालियां सुनके पूरी तरह गुस्से में आ जाता है और अपने लंड को सटा सट सटा सट अपनी माँ की गीली चूत में डालते हुए कौशल्या की गाण्ड में भी दो उँगलियाँ पेलने लगता है।
जीस वक़्त देवा नूतन को और रामु देवकी और कौशल्या को चोद रहे थे। उसी वक़्त शालु के घर में ख़ामोशी थी।
शालु अपने रूम में सोई हुई थी।

आज उसका जिस्म पूरी तरह तप चुका था पप्पू की हरकतो ने उसके तन बदन में आग लगा दिया था। अपने बेटे को डांटने वाली उसकी ग़लतियों पर उसे मारने वाली शालु आज खुद अपने बेटे को याद कर रही थी । आज शालु को लंड के बहुत ज़रूरत थी। कहते है औरत को लंड न मिले तो वो पागल सी हो जाती है यही हाल इस वक़्त शालु का भी था। बेड पर पड़े पड़े वो सिर्फ पप्पू के बारे में उसके लंड के बारे में सोच रही थी। वो इतनी ज़्यादा चूदासी हो चुकी थी की उसे किसी भी कीमत में किसी का भी लंड उस वक़्त मिल जाता तो वो उससे चुदवा लेती।
शालु;अपने पति को कोसते हुए सो जाती है तकरीबन एक घंटे बाद शालु को महसूस होता है की कोई उसके कमर को सहला रहा है वो अपने ऑखें खोल के देखती है और पप्पू को अपने क़रीब देख खुश हो जाती है।
पप्पू;अपनी माँ को चोदने के लिए रात में उठके यहाँ आया था।
वो अपनी माँ के पास लेट के उसकी कमर को सहलाते हुए साडी ऊपर सरकाने लगता है।
शालु; पीठ के बल लेट जाती है वो अपनी ऑखें नहीं खोलती बल्कि शायद वो देखना चाहती थी की पप्पू क्या करता है।
पप्पू; धीरे धीरे अपनी माँ की साडी ऊपर तक चढा देता है।
शालु;अपने दिल के धड़कनो को किसी तरह संभाले हुए थी।

पप्पू;एक बच्चे की तरह अपनी माँ की पेंटी सूँघने लगता है। लाल पेंटी और उसके पीछे छुपी हुई हलके झांटो वाली छूट को अब तक सिर्फ पप्पू के बापु ने ही देखा था । आज पप्पू वो दुसरा मरद बनने वाला था जो उस जगह को देखने वाला था।

अपनी माँ की तरफ से किसी किस्म का विरोध न देख पप्पू जल्दबाज़ी में पैंटी निचे खीच देता है और हलके भूरे रंग की बालों वाली शालु की मदमस्त चूत पप्पू के सामने आ जाती है।
उसे देख पप्पू की लूल्ली भी पेंट में उछल कूद करने लगती है।
शालु;थोडी थोडी ऑखें खोल के पप्पू की हरकतो को देख रही थी।
पप्पू;खड़ा होजाता है और अपनी पेंट उतार देता है।
वो बहुत जल्द बाज़ी में था। शालु के दोनों पैरों के बीच में आके वो दोनों पैरों को थोड़ा सा खोल देता है।
शालू सिसक पडती है उसके मुँह से किसी भी वक़्त चीख निकल सकती थी मगर वो खुद को बडी मज़बूती से रोके हुई थी।
की अचानक शालु को अपनी चूत के मूहाने पर कोई गरम सी चीज़ महसूस होती है।


शालु इतनी चुदासी इससे पहले कभी नहीं हुई थी। भूल में वो अपना हाथ पप्पू के लंड के पास ले जाती है बस लंड चूत के अंदर जाने ही वाला था की पप्पू के छोटे से लूल्ली से ठण्डा पानी वही शालु की चूत के ऊपर गिरने लगता है।

पानी निकलते ही पप्पू निढाल से वही लेट जाता है।
शालु उठके बैठ जाती है और जब उसकी नज़र अपनी चूत पर और पप्पू के मुरझाये हुए छोटे से लंड पर पडती है तो उसके दिमाग का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुँच जाता है वो एक लात पप्पू के गाण्ड पर मारती है और पप्पू बिस्तर से निचे जाके गिर पडता है।
शालु;हरामी क्या करने आया था तू यहाँ कमिने तुझे मना की थी न मैंने ऐसे वैसी कोई हरकत करने को।
पप्पू;माँ मै तो मुझे माफ़ कर दो माँ मै ऐसा नहीं करूंगा कभी भी।
शालु का दिमाग इसलिए भी ख़राब हो चुका था की पप्पू उसे बीच मझधार में छोड के आ गया था।

शालु;रुक हरामी की औलाद तू और तेरा बाप दोनों किसी काम के नहीं हो शालु ग़ुस्से में जाके पास में पड़ी हुए चाबुक उठा लेती है और सना सन सना सन फ़ड़ फड़ पप्पू की कमर और पीठ पर पिटाई शुरू कर देती है।
पप्पू;शालु से माफ़ी माँगता रोता तिलमिलाता वहां से भागने के कोशिश करता है। मगर शालु उसके बाल पकड़ के दो तीन चप्पल उसके मुँह पर भी जड़ देती है। बोल हरामी आएगा मेरे पास ऐसे वैसी कोई हरकत करने बोल कुत्ता।
पप्पू;नहीं माँ कभी नहीं आऊँगा मुझे माफ़ कर दे।
ये कहते हुए पप्पु अपनी पिटी हुई गाण्ड ले के वहां से भाग के अपने रूम में चला जाता है और शालु बिस्तर पर बैठ जाती है।

सुबह जब पदमा हवेली में बर्तन साफ़ करने कपडे धोने पहुँचती है तो रुक्मणी उसे अपने रूम में बुला लेती है।

पदमा;जी मालकिन क्या हुआ।
रुक्मणी;पदमा देख ज़रा देवा कहाँ है उसे यहाँ बुला ला। मुझे उससे कुछ काम है।
पदमा;क्या काम है मालकिन।
रुक्मणी;तुझसे मतलब।
उससे कहना बड़ी मालकिन ने बुलाया है और हाँ उसे कहना जागिरदार भी आ गये है।
पदमा;जी मालकिन बोल दूंगी मगर वो मूआ तो मुझे भी दिखाई नहीं दे रहा है। पता नहीं कहाँ रहने लगा है आज कल।
पदमा अपने दिल के चलते रूकमणी के सामने से फौरन जाने लगती है।
रुक्मणी;अब तू पहले जा और मेरा ये संदेशा देवा तक पहुँच आ।
पदमा;हवेली से निकल के देवा की तरफ चली जाती है।
जब वो देवा के घर के सामने पहुँचता है तो देवा उसे घर से बाहर निकलता हुआ दिखाई देता है।
पदमा ग़ुस्से में उसके पास आ जाती है।
क्यूं रे मुझे पेट से करके भूल गया न । तुझे एक पल की भी फुर्सत नहीं तुझे मुझसे मिलने का।
देवा; पदमा की बात सुनके मुस्कुरा देता है अरे नहीं काकी वो मामी और मामा आये हुए है ना । आज चले जाएंगे।
इसलिए घर से बहुत काम निकलता था मै वैसे तू दिख बहुत सुन्दर रही है।
पदमा;देवा की बात पर मुस्कुरा देती है।
चल तू जान भी ले ले मेरी तो कोई गम नहीं बाप जो है मेंरे बच्चे का। तू कमिने अपने मामा मामी के जाने के बाद आईयों मेरे घर । बताती हूँ तुझे मै भी ज़रा।
देवा; अच्छा ये बता इतनी सुबह सुबह यहाँ कैसे।
पदमा;अरे हाँ मै तो भूल ही गई। वो बड़ी मालकिन ने तुझे याद किया है।
बोल रही थी की देवा से कहना की जागिरदार साहब आ गये है।
हिम्मत राव का नाम सुनके देवा को अपना बापु की याद आ जाती है और ऑखों में अंगारे उतर आते है।।
देवा;मालकिन से बोलना मै दोपहर में आ जाऊँगा।
पदमा;ठीक है ये कहके पदमा अपनी कमर मटकाते हुए वहां से चली जाती है और देवा अपने खेत की तरफ निकल जाता है।
WOW NICE HOT UPDATE
कौशल्या;आहह माँ जी मेरी चूत के दाने को काटो न उह आहह आपकी ज़बान मेरी चूत में अंदर तक घुसाओ न माँ जी।
देवकी दोनों हाथों से कौशल्या की चूत को खोल के अपनी ज़ुबान अंदर तक घुसा देती है और कौशल्या की चूत के दाने को मुँह में ले के दाँतों से हल्के हल्के काटने लगती है।

देवकी की चूत से पच प फच फचच की आवाज़ पूरे रूम में गूँजने लगती है । अपने बेटे रामु के लंड से अपनी चूत को नहलाती देवकी आज स्वर्ग में पहुँच चुकी थी। ये सब हो पाया था देवा की वजह से। कहाँ एक वक़्त ऐसा था की छुप छुप के उसे रामु का लंड लेना पडता था और अब कहाँ वो अपनी बहु की चूत चाटते हुए अपने बेटे का लंड अपनी चूत की गहराइयों में ले पा रही थी।
रामू के मुँह के सामने कौशल्या की गाण्ड थी वो देवकी को चोदते हुए अपनी एक ऊँगली अपनी पत्नी की गाण्ड में पेल देता है।
कौशल्या;आहह मादरचोद मेरी गाण्ड मारेगा क्या आह्ह्ह्हह।
रामु;हाँ साली छिनाल तेरी गाण्ड मारूँगा मै। माँ को चोदने के बाद।
कौशल्या;उन्हह मार ना साले बता मुझे तेरे लंड में कितना दम है।
एक पतिवरता पत्नी के मुँह से गालियां सुनके देवकी भी हैरत में थी मगर कौशल्या के मुँह से गालियां सुनके देवकी और ज़्यादा जोश में आ जाती है।
देवकी;आहह भडवे चोद न जम के तुझसे अच्छा तो गली का कुत्ता चोदता है आअह्हह्हह्हहह।
रामु; छिनाल देख अब तेरी चूत का क्या हाल करता हूँ।
रामु अपनी माँ और पत्नी के मुँह से गालियां सुनके पूरी तरह गुस्से में आ जाता है और अपने लंड को सटा सट सटा सट अपनी माँ की गीली चूत में डालते हुए कौशल्या की गाण्ड में भी दो उँगलियाँ पेलने लगता है।
 
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देवा अपने खेत में काम कर रहा था मगर उसका मन वहां बिलकुल नहीं लग रहा था बार बार वो एक ही बात सोच रहा था की आखिर रुक्मणी ने उसे क्यों बुलाया है क्या उसे पता चल गया है की उसके बापु कहाँ है। क्या वो ज़िंदा है ऐसे कई सारे सवाल देवा के मन में पैदा हो रहे थे।
वो खेत के मज़दूरों को अपना अपना काम बता के हवेली की तरफ चला जाता है।
हवेली में जब वो पहुँचता है तो उसे वहां से हिम्मत राव अपनी गाड़ी में कही जाता हुआ दिखाई देता है। हिम्मत राव की नज़र देवा पर नहीं पडती मगर देवा उसे देख लेता है और उसे देखते ही उसके तन बदन में आग सी लग जाती है।
वो हवेली में दाखिल होता है और उसे वही दरवाज़े पर रानी मिल जाती है। रानी देवा को देख खुश हो जाती है और उसका हाथ पकड़ के अपने रूम में ले आती है।
रानी;हम्म क्यों रे ज़ालिम कहाँ रहता है न कोई अता न पत्ता अपना काम निकल गया बस । उसके बाद पुछने भी नहीं आया की मै ज़िंदा भी हूँ या नही।
रानी के शब्द ऐसे लग रहे थे जैसे कोई प्रेमिका अपने प्रेमी से नाराज़ है उसके ना मिलने से।
देवा;मुस्कुरा देता है।
नही मालकिन ऐसी कोई बात नहीं है मेरे मामी और मामा आये हुए है इसलिए कही जा नहीं पाया अब आ गया हूँ न बोलिये क्या बात है।
रानी;देवा को बड़े गौर से देख रही थी। वो देवा को बिस्तर पर लिटा देती है और खुद उसके ऊपर चढ़ जाती है। उसके दोनों पैर देवा के इर्द गिर्द आ जाते है थोड़ा सा झुक के वो देवा की छाती पर अपनी दोनों ब्रैस्ट घीसने लगती है।
सच बता मेरी याद नहीं आती है क्या तुझे।
देवा;आती है।
रानी; अच्छा कब आती है।
देवा;हर वक़्त आती है जब भी मै साँस लेता हूँ।
जाहीर सी बात थी की देवा झूठ बोल रहा था उसे रानी से रत्ती भर भी प्रेम नहीं था। वो तो रानी के ज़रिये अपने बापू तक पहुँचना चाहता था।
रानी; पीछे हाथ डालके अपनी कमीज का चैन खोल देती है और दोनों ब्रैस्ट बाहर निकाल देती है उन दोनों को देवा के मुँह के सामने ला के बड़े प्यार से कहती है।

ले चूस इन्हें बड़े कड़क हो गये है तेरे बिना ये।
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देवा;रानी को अपने ऊपर से हटा देता है और खुद खड़ा हो जाता है।

अभी नहीं मुझे कुछ काम है।
बडी मालकिन से।
रानी; अच्छा तो तू यहाँ माँ से मिलने आया था मै समझी मुझसे मिलने आया है।
निकल जा यहाँ से अभी के अभी।
अपने चूत पे धक्का लगता देख रानी बिदक गई थी।
देवा :उसके पास आता है और उसके बाल को कस के पकड़ के खीचता है।

मैने तुझसे पहले भी कहा था मुझसे ऊँची आवाज़ में बात करेंगी न तो बहुत बुरा हाल करुँगा।
रानी की ऑंखों में ऑंसू आ जाते है।
आह छोड मुझे दर्द होता है। नहीं चिल्लाऊंगी अब से उन्हह छोड ना देवा।
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देवा उसके बालों को छोड के रुक्मणी की तरफ चला जाता है और रानी सोच में पड जाती है की आखिर क्या बात करनी है देवा को माँ से।

देवा रुक्मणी के रूम में चला जाता है वहां रुक्मणी और बिंदिया बैठी हुई थी न चाहते हुए भी रुक्मणी को बिंदिया से बातें करनी पड रही थी। उसका दिमाग तो रात से ख़राब था मगर मेहमान होने के कारण वो बिंदिया से बात करने पर मजबूर थी।
जब देवा वहां पहुँचता है तो दोनों एक साथ देवा की तरफ देखते है।
बिंदिया पहली बार देवा को देख रही थी।
देवा एक उडती सी नज़र बिंदिया पर डालके रुक्मणी के पास जाके ज़मीन पर बैठ जाता है।
रुक्मणी;अरे वहां नीचे नहीं यहाँ ऊपर कुरसी पर बैठो देवा।
देवा;नहीं मै यहीं ठीक हूँ।
रुक्मणी; बिंदिया ये देवा है यह गांव में रहता है।
और देवा ये रुक्मणी है तुम्हारे जागिरदार साहिब के दोस्त की पत्नी कुछ दिन के लिए यहाँ आई हुई है।
देवा;बिंदिया को नमस्ते करता है।
मगर बिंदिया पर देवा का वो असर हुआ था की बिंदिया पहली नज़र में ही घायल हो गई थी।
अब तक कई मरदों को अपने चूत के दम पर नचाने वाली बिंदिया की चूत खुद देवा के सामने गुलाम बनने को एक पल में तैयार हो गई थी।
बिंदिया बड़े गौर से देवा को देखने लगती है।
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उपर से निचे तक एक हट्टा कटा गबरू जवान था देवा। बिंदिया उसे देख के बता सकती थी की खड़ा होने के बाद देवा का लंड कितना बड़ा लगता होगा और यही वजह थी की उसका दिल देवा पर बुरी तरह आ गया था।

रुक्मणी के सामने बिंदिया देवा को इस तरह देख रही थी की रात की बात तो उसने किसी तरह बर्दाश्त कर ली मगर रुक्मणी जिस मरद से प्यार कर बैठी थी उस पर भी बिंदिया की बुरी नज़र देख रुक्मणी बुरी तरह सकपका जाती है।
रुक्मणी;देवा चलो मुझे तुमसे कुछ काम था । वो हम डॉ के पास गए थे न वहां से कुछ दवायें लानी है। चलो मै तुम्हें बता देती हूँ।
देवा को अपने साथ ले के रुक्मणी दूसरे रूम में चली जाती है।
देवा पीछे पीछे चल देता है एक खाली रूम में पहुँच के देवा रुक्मणी से पुछने लगता है । क्या बात है मालकिन कौन सी दवायें।
रुक्मणी;अरे कुछ नहीं रे। उस कमीनी की बुरी नज़र से बचाने के लिए तुझे यहाँ लाई हूँ।
मेरा एक काम करोगे देवा।

देवा;आप हूकुम करो मालकिन।

रुक्मणी;वो जो बिंदिया है न वो तेरे मालिक के दोस्त की पत्नी नहीं बल्कि कोई और है। मुझे ये पता करके बता दे की वो कौन है और यहाँ किसलिए आये है।
देवा;क्यों मालकिन।
रुक्मणी;अब तुझसे क्या छुपाना।
कल रात तेरे मालिक उस कमिनी के साथ वो सब कर रहे थे। जो उन्हें नहीं करना चाहिए था। मैंने अपनी ऑखों से देखा। अगर तू मुझे ये पता करके बता दे की तेरे मालिक और उस बिंदिया के बीच क्या चल रहा है तो मुझ पर बहुत एहसान होंगा।

देवा;आप जानके क्या करोगी।
जब आपने सब देख ही लिया है। तो साफ़ पता चलता है की उनका रिश्ता क्या है।
रुक्मणी;हाँ मगर मुझे पक्का करना है की वो यहाँ क्यों आई है । ये जो सारी ज़मीन जायदाद देख रहा है ना तू ये सब मेरी बाप्पू की दी हुई है। कुछ भी नहीं बचा था तेरे मालिक के पास। तू मुझे पक्का पक्का सबूत दे दे। मै तेरे मालिक से हमेशा हमेशा के लिए दूर हो जाऊँगी और ये सारी जायदाद गरीबों में बाँट के कही दूर चली जाऊँगी।
मुझे ये पता करना है की ये बिंदिया कौन है और कहाँ से आई है और उसका मकसद क्या है।
देवा;हो जायेंगा मालकिन मै तो समझा था की....
खैर जाने दो।
रुक्मणी;क्या समझा था तु।
देवा;उदास मन से रुक्मणी की तरफ देखते हुए कहता है।
मुझे लगा था की आपको पता चल गया है की मेरे बापू के साथ क्या हुआ है।
रुक्मणी;तू मेरा ये काम तो कर दे उसके बाद मै भी पता लगवा लुंगी की तेरे बापू कहाँ है।
देवा;खड़ा हो जाता है।
ठीक है मालकिन मै आपका ये काम किये देता हूँ और आपको अपना वादा भी निभाना होगा । मुझे बस बता दो की मेरे बापू कहाँ है। हैं भी या नहीं और किसने उनके साथ बुरा किया है । माँ कसम ज़मीन में ज़िंदा नहीं गाड दिया न उसे तो मेरा नाम भी देवा नही।
रुक्मणी;देवा की छाती से चिपक जाती है।
हम दोनों एक कश्ती के मुसाफिर है । देवा दोनों को साथ मिलकर कुछ सोचना और करना पडेगा।
देवा की मोटी अकल में रुकमणी की ऐसी बाते नहीं घुसती थी। वो रुक्मणी को बिना कुछ बोले वहां से चला जाता है।

देवा अपने घर के तरफ चला जाता है वो जाना तो चाहता था खेत में मगर अपने धुन में वो घर आ जाता है। घर में जब वो पहुँचता है तो उसे देवकी और रामु नूतन के साथ घर के ऑंगन में खड़े दिखाई देते है।

रामु;अरे ये आ गया देवा भी । चलो भाई हम तुम्हारे ही लिए रुके हुए थे।
देवा;क्यों क्या हुआ।
रामु;अरे भाई हम वापस जा रहे है।
देवकी;हाँ देवा वहां भी तो देखना होंगा ना। अब तो नूतन की शादी की भी तैयारी करनी है।
नुतन ;वहाँ खड़ी शर्मा रही थी।
देवा; अच्छा भाभी कहाँ है।
देवकी;वो ममता के साथ है वो कुछ दिन यहीं रुकेगी तुम्हारा ख्याल रखने के लिये।
देवा देवकी की बात समझ के हँस देता है।
रत्ना भी अपना समान ले के वहां आ जाती है।
देवा;अरे माँ तुम कहाँ चली।
रत्ना;मुझे भी ये लोग अपने साथ कुछ दिन के लिए ले जाने की ज़िद कर रहे है अब कल रक्षाबन्धन भी है। सोचती हूँ भाई को राखी बांध के वापस आ जाऊँगी तुम मुझे लेने आ जाना।
देवा;अचानक से मुझे बताया भी नहीं तुमने माँ।

देवकी;अब तू क्या बच्चा है जो दिन भर माँ के पीछे पीछे रहेगा । छोड भी दे माँ का आंचल कुछ और पकड़।
आखरी जुमले देवकी ने थोड़े धीमी आवाज़ में कहे थे मगर सबके कानो तक वो पहुँच ज़रूर गए थे।
देवा कर भी क्या सकता था।
वो अपनी माँ और मेहमानो को अपने ट्रेक्टर में बैठा के चौराहे तक छोड आता है।
जब वो वापस घर में आता है तो उससे कौशल्या टकरा जाती है।
कौशल्या;आहह आराम से देवर जी दुःखता है ना।

देवा; कौशल्या की कमर में हाथ डालके उसे अपने से चिपका लेता है।
क्या दुखता है मेरी जान।
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कौशल्या; देवा की धोती पर से उसका लंड पकड़ लेती है । ये चुभने से दुःखता है।
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देवा;ममता कहाँ है।

कौशल्या;अपने रूम में है।
देवा;आज तुझे मै सोने नहीं दूंगा भाभी।
घर में कोई ना होने की वजह से दोनों खुल के बातें कर रहे थे मगर ये सारी बातें ममता को सुनाये दे रही थी वो दिवार के पीछे से कान लगाके सब सुन रही थी।
कौशल्या;मगर ममता का क्या।
देवा;उसे भी अपने साथ लेना पडेगा वरना काम नहीं जमेगा।
कौशल्या मुस्कुरा देती है।
बहनचोद।
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देवा भी कौशल्या की कमर दबाते हुए उसके होठो को चुमने लगता है।

भाभी चोद मामी चोद बन गया ही गया हूँ ।अब बहन चोद भी बन जाऊं।
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कौशल्या;हमम।

दोनो एक दूसरे के होठो को चुमने लगते है।

देखते ही देखते रात घिर आती है रात के १२ बज रहे थे

आज रक्षाबन्धन का दिन लग गया था।
देवा;अपने रूम में लेटा हुआ था की तभी कौशल्या और ममता हाथ में एक थाली लिए वहां आते है। उनको देख देवा उठके बैठ जाता है।
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देवा;अरे इतनी रात में राखी बांधेंगी क्या ममता।

ममता ;हाँ भाई मै सबसे पहले आपको राखी बाँधना चाहता हूँ।
देवा;ठीक है बांध ले। वो अपना हाथ आगे बढाता है।
ममता उसके सामने बैठी हुई थी।
कौशल्या;वहाँ तो तुम हमेशा बँधवाते हो देवर जी आज कही और बँधवाओ अपनी बहन से।
दोनो भाई बहन कौशल्या को देखने लगते है और ये कहते हुए कौशल्या देवा की धोती खीच देती है।
ममता शर्मा जाती है।
हलांकी पहले ही कौशल्या ने ममता को समझा दी थी की क्या होने वाला है और उसे क्या करना है मगर अपने भाई के लंड को देख ममता बुरी तरह शर्मा जाती है।
कौशल्या;देवा का लंड हाथ में पकड़ लेती है और एक हाथ में ममता का हाथ पकड़ के उसका हाथ देवा के लंड पर रख देती है।
कांपते हुए हाथों में बड़ा सा लंड आ जाता है।
कौशल्या धीमी आवाज़ में ममता से कहती है अपने भाई का तिलक कर दे ममता।

ममता ;कैसे भाभी।
कौशल्या;अपने मुँह में ले के।
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ममता;नहीं ना भाभी....

कौशल्या;अरे शरमाती क्यों है तू ही तो कह रही थी मुझसे की तू अपने भाई से प्रेम करती है।
और अब शर्मा रही है।
कौशल्या;चल ले मुँह मे।
ममता;देवा की ऑखों में देखने लगती है।
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देवा;ममता का सर अपने लंड पर झुका देता है और पहली बार ममता के मुँह में कोई लंड वो भी अपने भाई का वो भी रक्षाबन्धन के दिन चला जाता है।

ममता;गलप्प गलप्प गलप्प गलप्पप्पप्पप्पलल्ल।
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अपनी बहन के मुँह में लंड का सोच सोच के ही देवा के लंड में बहुत जान आ जाती है और वो देखते ही देखते रॉड की तरह कड़ा हो जाता है।

इतना मोटा की आज से पहली कभी नहीं हुआ था। लंड की नसे इतने मोटी हो जाती है की ऐसा लगने लगता है जैसे फट जाएगी।
कौशल्या अपने कपडे उतार देती है और देवा भी अपनी शर्ट उतार देता है।
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कौशल्या; ममता के पीछे से जाके उसकी क़मीज़ और सलवार का नाडा खोल देती है । ममता तो अपने भाई के लंड में मगन हो चुकी थी।

देवा उसके मुँह में से लंड बाहर निकाल लेता है। ममता के थूक से लंड पूरी तरह गीला हो चुका था।
कौशल्या; इस पर राखी नहीं बांधेंगी ममता।
ममता; हाँ बांधूंगी ना।
ममता थाली में से राखी उठाके देवा के खड़े लंड पर बांध देती है।
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राखी से बँधा लंड चमक रहा था । पास में बैठी ममता जैसे ही खड़ी होती है उसकी सलवार खुली होने की वजह से निचे उतर जाती है और वो सिर्फ अपने पेंटी में रह जाती है।

अपनी चूत पर दोनों हाथ रखे उसे बहुत शर्म आ रही थी।
कौशल्या पीछे से ममता को पकड़ के उसके ब्रैस्ट मसलने लगती है और देवा अपने हाथ से ममता की पेंटी उतार देता है।
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ममता;उन्हह भाई क्या कर रहे हो।

देवा: मैने तुझसे कहा था न मैंने तुझे इस दिन एक बहुत बड़ा तोहफ़ा दूंगा यही है वो तेरी चूत को आज खोल दूंगा मेरी बहना।
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ममता ;उन्हह नहीं ना भाई।

देवा;ममता को लिटा देता है । वो जानता था की ये इंकार कुछ देर का है । अपनी बहन को लिटाने के बाद दोनों कौशल्या और देवा ममता के जिस्म पर टूट पडते है।
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कौशल्या ममता की ब्रैस्ट को मुँह में ले लेती है और देवा अपनी बहन की चिकनी फूली हुई कुँवारी चूत पर अपना मुँह लगा देता है । हलके भूरे बालों वाली ममता की चिकनी चूत से भीनी भीनी खुसबू आ रही थी । उस महक में खो के देवा अपनी ज़ुबान उस की चूत में पेल देता है। मगर वो ज़्यादा अंदर नहीं जा पाती क्यूंकि अंदर चूत का पर्दा देवा की ज़ुबान को रोक देता है।

ममता;चीख पडती है।
उन्ह्ह्ह माँ जी आहह भाभी आहह ऐसा मत करो न भइया आहह्ह्ह्ह।
अपनी चूत पर अपने भाई के होठो के स्पर्श से ही ममता सिसक उठी थी। वो कई दिन से देवा से चुदवाना चाहती थी और आज जब वो दिन आया था तो वो बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी।

कौशल्या; देवा देर मत कर लगा दे भोग अपनी बहन को।चोद डाल इस कच्ची कलि को और बना ले इसे अपनी रांड।
देवा;ममता के दोनों पैर खोल देता है और अपना मोटा लंड अपनी बहन की चूत पर घीसने लगता है जैसे कोई कसाई बकरा काटने से पहले छुरी तेज़ करता हो।
देवा;डाल दूँ ममता तेरी चूत मे।
ममता;हाँ भैया डाल दो । बना दो मुझे लड़की से औरत। लगा दो मुझपर अपनी मोहर खोल दो मेरी चूत को।

तभी देवा अपने लंड को अपनी बहन ममता की फूली हुई कुँवारी चूत के छेद पर अपने लंड को रखकर एक जोर का झटका मारता है।देवा का लंड उसकी बहन की कुँवारी फूली हुई चूत को चिड़ता फाड़ता हुआ देवा का लंड ममता की चूत में फँस जाता है।
माँ ओह्ह्ह आह्ह्ह्ह आहह मर गई मर गई उह ओह माँ भइया बाहर निकाल लो ना उन्हह......
देवा पुरी ताक़त से अपना लंड अपनी बहन की चूत में घुसा देता है और उस दर्द से ममता बुरी तरह चीख़ पडती है।
चुत का पर्दा फट जाता है । ममता की चूत से ढेर सारा खून बहने लगता है।

कौशल्या;बस हो गया न ममता बस चुप हो जा।

ममता ;नहीं नहीं बाहर निकालो आहह मै मर रही हूँ मुझे नहीं करवाना । उन्हह भैया निकाल लो न आअह्हह्हह्हह।
देवा ममता के ऊपर झुक के अपने राखी बँधे लंड से सटा सट अंदर बाहर अपना लंड करने लगता है।

थोडी देर बाद
देवा: आहह मेरी बहना तेरी चूत बहुत छोटी है। इसलिए दर्द ज़्यादा हो रहा है तुझे आह्ह्ह्ह।
ममता: भैया बहुत दर्द हो रहा है ना । सच में ओह्ह्ह मुझे नहीं करना ये आह हां ओह आह माँ वो....
मगर ममता की बातो का देवा पर कोई असर नहीं होता और वो अपनी चुदाई की रफ़्तार कम किये बिना अपनी बहन की चूत को अंदर तक खोलता चला जाता है।
धीरे धीरे ममता की सिसकारियां बंद होने लगती है और उसे भी इस में मजा आने लगता है । इस चुदाई में जिस दर्द से वो चीख़ रही थी। जिस लंड को वो बाहर निकालने के लिए कह रही थी । अब उसी लंड को अपनी कमर उठा उठा के अंदर लेने लगती है।
कौशल्या;अब कैसा लग रहा है ममता।
ममता; उन्हह दर्द तो हो रहा है उहँन भाभी आहह मगर मुझे चाहिए आह्ह्ह्ह।
कौशल्या; ममता के ब्रैस्ट मुँह में ले के चुसने लगती है ।हाँ अब घर में रह के रोज़ देवा से चुदवाना तू। भाई ऐसा है तेरा की तुझे बाहर मुँह मारने की ज़रूरत नहीं पडेगी।
देवा कौशल्या के होठो को चुमते हुए सटा सट ममता को चोदने लगता है। खून से सना हुआ उसका लंड अब बडी आसानी से ममता की चूत में अंदर बाहर होने लगता है।
ममता;भैया आज रक्षाबंधन के दिन आपने मुझे चोद के मुझे सच में बहुत प्यारा तोहफ़ा दिया है। मै आपकी दिल से आभारी हूँ।
देवा;ये तो हर मेरा फ़र्ज़ है मेरी बहना तुझे हर तरह से खुश रखना।
ममता; उन्हह भैया धीरे से करो न आह्ह्ह्ह।
मगर वो भूखे शेर को धीरे से खाने का बोल रही थी। उसे शायद पता नहीं था की जो भी देवा को धीरे से करने के लिए कहता है। देवा उसे और ज़ोर से करता है।
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कौशल्या धीमी आवाज़ में ममता से कहती है अपने भाई का तिलक कर दे ममता।
ममता ;कैसे भाभी।
कौशल्या;अपने मुँह में ले के। ममता;नहीं ना भाभी....
कौशल्या;अरे शरमाती क्यों है तू ही तो कह रही थी मुझसे की तू अपने भाई से प्रेम करती है।
और अब शर्मा रही है।
कौशल्या;चल ले मुँह मे।
कौशल्या; इस पर राखी नहीं बांधेंगी ममता।

ममता; हाँ बांधूंगी ना।
ममता थाली में से राखी उठाके देवा के खड़े लंड पर बांध देती है।
राखी से बँधा लंड चमक रहा था । पास में बैठी ममता जैसे ही खड़ी होती है उसकी सलवार खुली होने की वजह से निचे उतर जाती है और वो सिर्फ अपने पेंटी में रह जाती है।

अपनी चूत पर दोनों हाथ रखे उसे बहुत शर्म आ रही थी।
कौशल्या पीछे से ममता को पकड़ के उसके ब्रैस्ट मसलने लगती है और देवा अपने हाथ से ममता की पेंटी उतार देता है।
कौशल्या; देवा देर मत कर लगा दे भोग अपनी बहन को।चोद डाल इस कच्ची कलि को और बना ले इसे अपनी रांड।

देवा;ममता के दोनों पैर खोल देता है और अपना मोटा लंड अपनी बहन की चूत पर घीसने लगता है जैसे कोई कसाई बकरा काटने से पहले छुरी तेज़ करता हो।
देवा;डाल दूँ ममता तेरी चूत मे।
ममता;हाँ भैया डाल दो । बना दो मुझे लड़की से औरत। लगा दो मुझपर अपनी मोहर खोल दो मेरी चूत को।

तभी देवा अपने लंड को अपनी बहन ममता की फूली हुई कुँवारी चूत के छेद पर अपने लंड को रखकर एक जोर का झटका मारता है।देवा का लंड उसकी बहन की कुँवारी फूली हुई चूत को चिड़ता फाड़ता हुआ देवा का लंड ममता की चूत में फँस जाता है।
माँ ओह्ह्ह आह्ह्ह्ह आहह मर गई मर गई उह ओह माँ भइया बाहर निकाल लो ना उन्हह......
देवा पुरी ताक़त से अपना लंड अपनी बहन की चूत में घुसा देता है और उस दर्द से ममता बुरी तरह चीख़ पडती है।
चुत का पर्दा फट जाता है । ममता की चूत से ढेर सारा खून बहने लगता है।
 
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ममता ;अपने भाई देवा के लंड की रफ़्तार बर्दाश्त नहीं कर पाती है और चीखते हुए अपनी चूत का पहला पानी अपने भाई के नाम करते हुए झरने लगती है।
उन्हह भाई या आहह मेरा पेशाब निकाल दिए आपने उन्हह आह्ह्ह्ह्ह्।
कौशल्या;पेशाब नहीं पगली तेरा पानी निकल रहा है अपने भाई के लंड की रगड से।
ममता सर उठाके अपने चूत की तरफ देखने लगती है। उसकी चूत के लिप्स सीकूड़ते फिर फैल जाते। मगर अभी भी देवा का लंड सटा सट उसकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था।
ममता ढिली पड़ चुकी थी । उसके ढीली पडने से देवा को कोई फर्क नहीं पडने वाला था बल्कि चूत से पानी निकल जाने से ममता की चूत में और ज़्यादा चीकनाहट आ गई थी।
देवा;ममता तेरे चूत अंदर से बहुत गरम और छोटी है मेरी बहना आहह बहुत मजा आ रहा है । आज पहली बार ऐसा लग रहा है जैसे मेरा लंड तेरे चिकनी चूत में कही खो जायेगा आह्ह्ह्ह्ह्ह।
ममता ;उन्हह आपकी अमानत है भैया उन्हह आपको ख्याल रखना है अब से इसका रोज़ । उईईईईई माँ मेरे भैया बहुत बड़ा है आपका लंडड..........
इधर कौशल्या की चूत से चिंगारियाँ निकल रही थी। भाई बहन की चुदाई देख के उसका तन बदन जल बिन मछली की तरह तड़प रहा था। मगर देवा था की उसकी चूत की तरफ ध्यान ही नहीं दे रहा था।


ममता के होंठ सूखने लगते है।
बार बार वो अपने होठो पर ज़ुबान फेरने लगती है।
कौशल्या उसके होठो के पास आ जाती है।
ममता; उन्हह भाभी पानी आहह माँ
इससे कहो न मुझे पानी पी लेने दे।
कौशल्या देवा की तरफ देखती है और बिना कुछ बोले अपनी चूत को ममता के होठो के पास ले जाती है।
ले चाट इसे।
ममता;अपने होठो के क़रीब इतनी चिकनी चूत देख के और ज़्यादा चुदासी होने लगती है। नूतन की चूत कई बार चाट चुकी थी ममता । आज भाभी की चूत कैसे छोड सकती थी।
ममता; एक हलकी से थपकी कौशल्या के चूत पर मारके झट से अपने होंठ उसकी चूत पर लगा देती है और काशी का जिस्म अकड़ता चला जाता है । नीचे से देवा के लंड के जबरदस्त धक्के और ऊपर से कौशल्या की चूत दोनों सुराख़ ममता के जैसे बंद हो गये थे।
देवा;एक थप्पड कौशल्या की कमर पर मारता है।
कौशल्या;आहह अपने जिस्म को ढीली छोड़ते हुए देवा को खा जाने वाली नज़रों से देखने लगती है।
कौशल्या दोनों हाथों से ममता के सर को पकड़ लेती है और फिर सुर्र की आवाज़ से उसकी चूत से पेशाब सीधा ममता के मुँह में गिरने लगता है। अचानक से अपने मुँह में खारा खारा पानी आने से पहले तो ममता कुछ समझ नहीं पाती और जब उसे समझ में आता है तो वो और अंदर तक अपनी ज़ुबान डाल के कौशल्या का पेशाब पीने लगती है।
इस तरह कौशल्या की चूत से पेशाब पीता देख देवा के लंड में खतरनाक तौर पर जोश आ जाता है और वो अपनी बहन की दोनों टांगों को हवा में उठाके ममता को चोदने लगता है।

ममता कुछ नहीं कर सकती थी। उसके मुँह में कौशल्या का पेशाब गिर रहा था और चूत में देवा का लंड उधम मचा रहा था।

जैसे ही कौशल्या अपनी चूत ममता के मुँह से हटाती है। देवा ममता के सर को पकड़ के उसे बैठा देता है और अपने लंड को उसकी चूत से निकाल के उसके मुँह के सामने ले आता है।
देवा;आहह पेशाब तो पी ली अब भाई के लंड का शहद भी पी जा मेरी प्यारी बहना।
ये कहते हुए वो अपने लंड का गाढा गाढा सफेद पानी ममता के मुँह में निकालने लगता है।

देवा जानता था की चूत में पानी निकालना खतरनाक हो सकता है उसकी पानी से औरत बहुत जल्द माँ बन सकती है इतनी ज़्यादा पानी में ढेर सारे बच्चा पैदा करने वाले जीव होते है।
ममता;आहह पूरा मुँह खोल लेती है थोडी देर पहले खारे पानी से अपना मुँह मीठा करने वाली ममता के मुँह में अब मलाई आने से चूत की लिप्स पूरी ताकत से फड़फड़ाने लगती है और वो भी अपने भाई के साथ दूसरी मर्तबा झडने लगती है।
देवा;बिस्तर पर लेट जाता है उसके पास में ममता भी ढेर हो जाती है।
चुत से खून के साथ साथ पानी भी बहने लगता है।
कौशल्या;देवा के नंगे जिस्म पर लेट जाती है।
और देवा की छाती पर अपना सर रख के देवा के निप्पल को मुँह में लेके चुसने काटने लगती है।
देवा;आहह भाभी थोडी साँस तो लेने दे।
ममता भी अपना चेहरा देवा की छाती पर रख के उसके ऑंखों में देखने लगते है
दो खूबसूरत औरतें देवा के पास बिलकुल सटी हुई थी कौशल्या की चूत जहाँ देवा के मुरझाये हुए लंड को जगाने की कोशिश कर रही थी। वही ममता अपने होठो को देवा के होठो के पास ला के धीरे से कहती है।
ममता;भैया माँ को पता चल गया तो क्या होगा।
देवा;ममता को भी अपने ऊपर खीच लेता है।
मेरे होते हुए घबराती क्यों है तुझे तो मै कई दिनों से चोदना चाहता था और उससे पहले माँ को। मगर माँ एक कठोर दिल की औरत है मैंने कितनी बार माँ के पास जाने के कोशिश किया मगर हर बार माँ मुझसे दूर चलि जाती है।
ममता ;क्या तुम माँ के साथ भी ये सब करना चाहते हो
तुम्हेँ शर्म नहीं आती।
देवा; अच्छा तुझे शर्म नहीं आती मेरे लंड पर राखी बांध कर चूत कुटवाते हुए।
ममता शर्मा जाती है।

भाई पर तो बहन का अधिकार होता है ना।

देवा;माँ पर भी बेटे का अधिकार होता है न।
कौशल्या ;और भाभी पर किसका अधिकार होता है
वो दोनों से पुछने लगती है।
ये सुनके तीनो हँस पडते है धीरे धीरे गरम फिर से गरम होने लगते है।
देवा;दोनों के सर को एक साथ पकड़ लेता है और पहले ममता के होठो को उसके बाद कौशल्या के होठो को चुसने लगता है।
कौशल्या अपना एक हाथ देवा के पेट पर और दुसरा हाथ ममता के कमर पर रख के सहलाने लगता है।
कौशल्या का हाथ धीरे धीरे ममता की कमर के बीच की दरार में रेगता हुआ उसके गाण्ड के सुराख़ पर चला जाता है।
ममता;उन्हह सिहर उठती है।
देवा;दोनों हाथों से कौशल्या की कमर को पकड़ के मसलने लगता है।
तीनो कुछ नहीं बोल रहे थे। बस एक दूसरे के बदन की गर्माहट में पिघलते चले जा रहे थे।
देवा के मज़बूत हाथों में कौशल्या की कमर आते ही कौशल्या की चूत में पानी तैर आता है और वो अपनी चूत को देवा के लंड पर घीसने लगती है।
और इधर अपने हाथ की बडी वाली ऊँगली को धीरे धीरे ममता की गाण्ड के सुराख़ में ड़ालने लगती है।


ममता लालची निगाहों से कौशल्या की तरफ देखने लगती है।
देवा ममता का हाथ पकड़ के अपने लंड पर रख देता है और अपने जुबान को ममता के मुँह में डालके उसे चुसने लगता है।
ममता के हाथ में पता नहीं क्या जादू था या ये एक बहन की मोहब्बत थी देवा का लंड फिर से खड़ा होने लगता है।
देवा ममता को अपने ऊपर खीच लेता है।
और कौशल्या पीछे से ममता की गाण्ड और देवा के लंड को चाटने लगती है।
कौशल्या ;गलप्प गलप्प आह्ह्ह गलप्प्पप्प गलप्प्पप्प।
गलप्प्पप्प।
ममता की गाण्ड इससे पहले किसी नहीं चाटा था न ही नूतन ने कभी उसकी गाण्ड को छुइ थी । आज इस नए अनुभव में एक और नया अनुभव पा के ममता का रोम रोम मचल उठा था। वो अपनी कमर को निचे ऊपर करने लगती है।
और कौशल्या अपनी ऊँगली को ममता की गाण्ड में अंदर तक डाल के देवा के लंड को मुँह में ले लेती है।

कौशल्या की चूत देवा के सर के तरफ थी। देवा दो तीन ज़ोरदार थप्पड कौशल्या की कमर पर जड़ देता है।

कौशल्या ;उईई माँ आहह इतने मोटे हाथ से पड़े थप्पड से तिलमिला जाती है।
देवा का लंड पूरी तरह खडा होने के बाद सिर्फ चूत या गाण्ड माँगता था।
उसकी नज़र काफी देर से कौशल्या की गाण्ड पर थी एक मर्तबा अपनी चूत मरवाते हुए कौशल्या ने देवा से कही भी थी की उसे चूत और सबसे ज़्यादा गाण्ड में लंड लेना पसंद है।
अपने ऊपर से ममता को उतार के देवा कौशल्या को अपने ऊपर खीच लेता है।
कौशल्या ;आहह धीरे बाबा उह्ह्ह्ह्ह।
देवा; कौशल्या को अपने ऊपर पीठ के बल लिटा देता है और दोनों टांगो को खोल देता है इससे पहले भी देवा इसी तरह कौशल्या की ले चुका था । देवा की भाषा समझते हुए कौशल्या भी अपनी कमर को और खोल देती है।
ममता;फटी फटी नज़रों से देवा और कौशल्या को देखने लगती है।
देवा;अपने हाथ में लंड लेके उस पर अपना थूक लगाता है और धीरे धीरे उसे कौशल्या की चूत के साथ साथ गाण्ड पर भी घीसने लगता है।
कौशल्या ;देवा मेरी चूत आहह और मत तड़पा मुझे ज़ालिम आह्ह्ह्ह्ह्।
देवा तभी गाण्ड के उस छोटे से सुराख़ पर अपना मुसल लंड रख के अंदर झटका देता है लेकिन लंड नहीं घुस पाता।
ये देख ममता अपनी ज़ुबान कौशल्या की गाण्ड पर लगा देती है और उसकी गाण्ड को अपनी थूक से चिकना करने लगती है।
कौशल्या ;आहह ममता हाँ ऐसे ही आहह हाँ आह्ह्ह्ह्ह्ह।
देवा बिना देर किये अपने लंड को फिर से कौशल्या की गाण्ड के सुराख़ पर रख के थोड़ा दबाते हुए झटका देता है और इस बार लंड का सुपाडा गाण्ड में धँस जाता है।
एक दर्द भरी चीख कौशल्या के मुँह से निकलती है। जिसे सुनने वाला उस वक़्त वहां कोई नहीं था।
अपनी चूत पर लगातार ममता की जुबान फेरने से काशी के गाण्ड का सुराख़ थोड़ा रिलैक्स हो जाता है और इसी का फायदा उठाते हुए देवा एक जोरदार झटका कौशल्या की गाण्ड में मारता है और लंड गाण्ड के सुराख़ को चीरता हुआ अंदर तक चला जाता है।
कौशल्या ;आहह हरामी आहह इतनी ज़ोर से कोई गाँड मारता है क्या आहह मेरी गाण्ड माँ।इतना ही ज्यादा जोश चढ़ा है तो अपनी बहन की गाँड मार ले देवा।
देवा: इसकी भी मारूँगा साली।अभी तो शुरुवात हुई है इसकी तो चूत और गाँड दोनों रोज रात को लूँगा।क्यों ममता देगी न मुझे अपनी गाँड.....
ममता: हाँ भाई आपको नहीं दूँगी तो किसे दूँगी।आज से मेरा पूरा जिस्म मेरे भइया का है वो जो चाहे मैं दूँगी।

कौशल्या: अरे देवा मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा है धीरे धीरे कर ज़ालिम आह्ह्ह्ह्ह।
देवा:शाबाश मेरी बहना।क्या गरम चीज है तू ।देवा और जोर से कौशल्या की गांड मारने लगता है।
कौशल्या की गाण्ड का दर्द कम करने के लिए ममता अपनी ज़ुबान को कौशल्या की चूत पर घुसा देती है और कौशल्या की चूत के दाने को मुँह में भर के चाटने लगती है।

कौशल्या ;आहह स्वर्ग में हूँ आह्ह्ह माई देवा काश तेरे भैया यहाँ होते उन्हह तो मेरे दोनों सुराख़ भरे हुए होते आह्ह्ह्ह्ह्ह।

देवा झटके मारना जारी रखता है।
तूझे दोनों सुराखों में लंड चाहिए भाभी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्।
कौशल्या ;हाँ दोनों में देवर जी।
आह्ह्ह्ह।
देवा;पप्पू का लंड चलेगा आह्ह्ह।
कौशल्या ;उन्हह देवर जी वो नूतन का होने वाला पति है ना । आहह उसका लुंगी कैसे मैं आहह मेरी गाण्ड है ज़रा धीरे मारो न उसे।

देवा;ले के तो देख मेरी रानी आह्ह्ह।
कौशल्या कुछ नहीं कहती क्यूंकि वहां ममता भी थी और कौशल्या उसके सामने ऐसे कोई इच्छा नहीं बताना चाहती थी आखिर थी तो वो भी एक औरत।
उस वक़्त उसे ये सोच सोच के और ज़्यादा मजा आ रहा था की अगर सच में ऐसा हो जाये की पप्पू भी उसकी चूत मारे और उसी वक़्त देवा का लंड भी उसके गाण्ड में हो। मगर वो जानती थी इस तरह से वो पप्पू की नज़र में गिर जाएगी।
बदन कुछ और कह रहा था और दिमाग कुछ और।
और इन सब के बीच चूत अपना रोना रो रही थी। गाण्ड की सुराख़ में बढ़ते दबाव से चूत से पानी का फव्वारा फुटने लगता है और सीधा ममता के मुँह पर गिरने लगता है।
कौशल्या ;माँ वो आह्ह्ह्ह्ह्।
देवा उस रात इतने जोश में था की वो कौशल्या को एक और बार चोदता है जिससे झड़कर कौशल्या सो जाती है और ममता को अपनी बाँहो में भर लेता है।
दोनों एक दूसरे को चूसने लगते है।कौशल्या की चुदाई देखकर ममता फिर से गरम हो चुकी थी। वह देवा के लंड को अपने मुँह में भरकर चूसने लगती है।जल्दी ही देवा का लंड फिर से फ़ुफ़कारने लगता है और देवा ममता को अपनी गोद में उठा लेता है और अपना मोटा लंड ममता की चूत में पेल देता है।देवा खड़े खड़े ममता को चोदने लगता है।

गोद में उठाके खड़े खड़े कितनी देर चोदता रहता है।काफी देर तक चोदने के बाद देवा ममता को कुतिया बना देता है और पीछे से उसकी चूत में लंड पेलकर चोदने लगता है।जब लंड ममता की बच्चेदानी तक पहुचंने है तो ममता फिर से झड़ने लगती है।देवा भी अब झड़ने वाला था।वह अपना लंड ममता की चूत से निकाल कर उसके मुँह में पेल देता है और झड़ने लगता है।देवा का सारा माल चाट चाट के ममता पी जाती है।
इस चुदाई से ममता की झिझक ख़तम हो गई थी और उसकी उत्सुकता और बढ़ गई थी।

सुबह सुबह तीनो को नींद आती है वो तीनो ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में नंगे सो जाते है।

सुबह जब देवा की आँख खुलती है तो सूरज सर पर चढ़ चुका था वो जल्दी से उठ जाता है और दोनों को भी जगा देता है।
ममता;अँगड़ाये लेते हुए ऑखें खोलती है। देवा को उसका रूप इतना भाता है की वो ममता को पूरी नंगी ही गोद में उठाके बाथरूम में ले जाता है। अपने भाई की बाहों में अपने आप को नंगी महसूस करने से ही उसकी चूत में चींटिया रेंगने लगती है।
देवा उसे उसी तरह गोद में उठा के बाथरूम में ले जाता है और उसे निचे बैठा के उसके मुँह के पास अपना लंड ले आता है।

अपने भाई के लंड को अपने मुँह के सामने देखते ही ममता अपना मुँह खोल देती है।
और देवा अपने लंड को उसके नरम और गरम मुँह में पेल देता है।
ममता;गलप्प गलप्प गलप्प.....
देवा कुछ देर अपने लंड को आगे पीछे करने के बाद अचानक से ममता के मुँह में मुतने लगता है । रात में कौशल्या का पेशाब भी ममता पी गई थी और अब अपने भाई का पेशाब भी उसे मीठा लगने लगता है और वो और अंदर तक लंड को खीच के पेशाब का एक एक कतरा पीते चली जाती है।

देवा;मूतने के बाद ममता को खड़ा करता है और उसे बाथरूम की दिवार से घुमा के खड़ा कर देता है।
ममता की गाण्ड देवा की तरफ आ जाती है।
दोनो कमर को हाथों में मसलते हुए वो अपने लंड को ममता की गाँड कु दरार में रगडने लगता है।
ममता; भइया आहह मेरी गाण्ड मत मारो अभी चूत में डालो न भइया आह्ह्ह्ह।
उन्ह मेरी चूत में पेलो न आह्ह्ह्ह्ह्हहह।
देवा अपनी बहन की बात मानते हुए अपने लंड को ममता के चूत के मुहाने पर रख के ज़ोरदार धक्का अंदर की तरफ देता है और लंड सुबह सा प्रणाम करते हुए अपनी बहन की चूत में घुस जाता है।
कौशल्या उन दोनों को देख रही थी जैसे ही देवा का लंड ममता के चूत में जाता है कौशल्या देवा के पीछे से आके अपनी चूत देवा के कमर पर रगडने लगती है।

देवा का लंड ममता की चूत में आगे पीछे होने लगता है और पीछे से कौशल्या की चूत देवा की कमर पर घीसने से देवा के लंड में और ज़्यादा अकडन आने लगती है।

ओ सटा सट सटा सट ममता की चूत मारने लगता है।
ममता;आहह भइया। मैं मर जाऊँगी मै आपकी बहन हूँ। ऐसे कैसे लंड ले पाऊँगी उहँन थोड़ा तरस खाओ आह्ह्ह्ह्ह।
देवा: आह कितनी गरम है तू ममता।तेरी चूत में बहुत मज़ा आ रहा है।मन कर रहा है आज ही तेरी गाँड भी मार लूँ।

ममता: नहीं भइया आज नहीं।आज आप भाभी की गांड मार लो।
कौशल्या: क्यों अपनी गांड मरवाने में गांड फट रही है जो मैं मरवा लूँ।देवा मेरी भी चूत चोद दे।
देवा गर्दन मोड़ के कौशल्या के होठो से होंठ लगा देता है और पीछे से ममता को चोदने लगता है।फिर देवा दोनों को दिवार के सहारे झुका देता है और बारी बारी से दोनों को पेलने लगता है कभी ममता को तो कभी कौशल्या को।आधे घंटे तक नॉन स्टॉप दोनों को चोद चोदकर इतना उतेजित कर देता है की
तीनो एक साथ चीखते हुए झरने लगते है।
ठीक समय पर देवा अपना लंड बाहर निकाल के कौशल्या को निचे बैठ देता है और उसके मुँह में अपना गाढा पानी छोड़ने लगता है।
वो तीनो एक साथ नहाते है और देवा नाश्ता करके अपने खेत में चले जाता है।
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कौशल्या देवा की तरफ देखती है और बिना कुछ बोले अपनी चूत को ममता के होठो के पास ले जाती है।
ले चाट इसे।
ममता;अपने होठो के क़रीब इतनी चिकनी चूत देख के और ज़्यादा चुदासी होने लगती है। नूतन की चूत कई बार चाट चुकी थी ममता । आज भाभी की चूत कैसे छोड सकती थी।
ममता; एक हलकी से थपकी कौशल्या के चूत पर मारके झट से अपने होंठ उसकी चूत पर लगा देती है और काशी का जिस्म अकड़ता चला जाता है । नीचे से देवा के लंड के जबरदस्त धक्के और ऊपर से कौशल्या की चूत दोनों सुराख़ ममता के जैसे बंद हो गये थे।
देवा;एक थप्पड कौशल्या की कमर पर मारता है।
कौशल्या;आहह अपने जिस्म को ढीली छोड़ते हुए देवा को खा जाने वाली नज़रों से देखने लगती है।
कौशल्या दोनों हाथों से ममता के सर को पकड़ लेती है और फिर सुर्र की आवाज़ से उसकी चूत से पेशाब सीधा ममता के मुँह में गिरने लगता है। अचानक से अपने मुँह में खारा खारा पानी आने से पहले तो ममता कुछ समझ नहीं पाती और जब उसे समझ में आता है तो वो और अंदर तक अपनी ज़ुबान डाल के कौशल्या का पेशाब पीने लगती है।
इस तरह कौशल्या की चूत से पेशाब पीता देख देवा के लंड में खतरनाक तौर पर जोश आ जाता है और वो अपनी बहन की दोनों टांगों को हवा में उठाके ममता को चोदने लगता है।
ममता कुछ नहीं कर सकती थी। उसके मुँह में कौशल्या का पेशाब गिर रहा था और चूत में देवा का लंड उधम मचा रहा था।

जैसे ही कौशल्या अपनी चूत ममता के मुँह से हटाती है। देवा ममता के सर को पकड़ के उसे बैठा देता है और अपने लंड को उसकी चूत से निकाल के उसके मुँह के सामने ले आता है।
देवा;आहह पेशाब तो पी ली अब भाई के लंड का शहद भी पी जा मेरी प्यारी बहना।
ये कहते हुए वो अपने लंड का गाढा गाढा सफेद पानी ममता के मुँह में निकालने लगता है।
देवा जानता था की चूत में पानी निकालना खतरनाक हो सकता है उसकी पानी से औरत बहुत जल्द माँ बन सकती है इतनी ज़्यादा पानी में ढेर सारे बच्चा पैदा करने वाले जीव होते है।
देवा उस रात इतने जोश में था की वो कौशल्या को एक और बार चोदता है जिससे झड़कर कौशल्या सो जाती है और ममता को अपनी बाँहो में भर लेता है।

दोनों एक दूसरे को चूसने लगते है।कौशल्या की चुदाई देखकर ममता फिर से गरम हो चुकी थी। वह देवा के लंड को अपने मुँह में भरकर चूसने लगती है।जल्दी ही देवा का लंड फिर से फ़ुफ़कारने लगता है और देवा ममता को अपनी गोद में उठा लेता है और अपना मोटा लंड ममता की चूत में पेल देता है।देवा खड़े खड़े ममता को चोदने लगता है।
गोद में उठाके खड़े खड़े कितनी देर चोदता रहता है।काफी देर तक चोदने के बाद देवा ममता को कुतिया बना देता है और पीछे से उसकी चूत में लंड पेलकर चोदने लगता है।जब लंड ममता की बच्चेदानी तक पहुचंने है तो ममता फिर से झड़ने लगती है।देवा भी अब झड़ने वाला था।वह अपना लंड ममता की चूत से निकाल कर उसके मुँह में पेल देता है और झड़ने लगता है।देवा का सारा माल चाट चाट के ममता पी जाती है।
इस चुदाई से ममता की झिझक ख़तम हो गई थी और उसकी उत्सुकता और बढ़ गई थी।
 

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